RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
बुझाए ना बुझे ये प्यास--2
जैसे कोई बच्चा किसी कॅंडी आइस्क्रीम को देख कर मचलता है वैसे
ही महक ने उस कॅंडी को अपने मुँह मे लिया 'सपर सपर' कर चूसने
लगी. वो उसके लंड को अपने गले तक लेती और जोरों से मुँह को उपर
नीचे कर चूस रही थी... किसी कुशल खिलाड़ी की तरह वो उसके
लंड को हाथों से मसालते हुए चूसने लगी.. राज के लंड मे तनाव
बढ़ने लगा...
उसका इरादा महक के मुँह मे छूटने का बिल्कुल भी नही था.. जब
वीर्या छूटने ही वाला था उसने उसके बालों को पकड़ा और अपने लंड को
बाहर निकाल लिया... पहली पिचकारी ठीक किसी रॉकेट की तरह उसके
चेहरे से टकराई... खुशी मे महक ने अपना मुँह खोल दिया.. और
राज अपने लंड की पिचकारी पर पिचकारी उसके मुँह मे छोड़ने लगा....
महक का पूरा चेहरा और बॉल राज के वीर्या से भर गया.
"वा क्या शकल हुई है तुम्हारी... किसी रंडी की तरह तुम्हारा
चेहरा मेरे पानी से भीगा हुआ है.. मज़ा आ गया." राज ने कहा.
राज ने घड़ी की तरफ देखा.. 1.00 बजने आ रहे थे.. "अब में
चलूँगा.. मुझे देर हो रही थी.. अछा किया जो तुमने मुझे कल
फोन कर दिया था... तुमसे जल्दी ही बात करूँगा." कहकर उसने अपने
कपड़े पहने और चला गया.
महक अपने पलंग पर लेट उसकी कल्पना करने लगी... तभी उसे
ख़याल आया की उसे घर का बहोट सारा काम करना है... उसे याद
आया की उसका पति किसी दोस्त को खाने पर लेकर आ रहा है.. वो उठी
और बाथरूम की और बढ़ गयी.
शाम तक महक ने खाना तय्यार कर लिया और जब पति के आने का
समय हुआ तो अपने कमरे मे तय्यार होने चली गयी. एक अछी पत्नी की
तरह वो तय्यार हुई और अपने चेहरे पर हल्का मेकप लगा लिया.
उसने अलमारी से एक अछी सी स्कर्ट और बटन वाला ब्लाउस निकाल कर
पहन लिया. लेकिन महक अपनी शैतानी से बाज नही आई.. स्कर्ट काफ़ी
लंबी थी इसलिए उसने उसके नीचे पनटी नही पहनी.. और ब्रा भी
ऐसी पहनी जो उसकी आधी चुचियों को ही ढक पा रही थी.
तय्यार होकर उसने अपने आपको दर्पण मे देखा तो पाया की उसका ब्लाउस
काफ़ी टाइट था और उसकी चुचियों का उभर सॉफ दीखाई दे रहा
था... खैर वो हॉल मे आकर अपने पति का इंतेज़ार करने लगी.
थोड़ी देर बाद मैं दरवाज़ा खुला और उसका पति अपने से करीब 20
साल छोटे एक नौजवान के साथ अंदर दाखिल हुआ.
"यश ये मेरी पत्नी महक है." उसके पति ने उसका परिचय
दिया. "महक ये मेरा नया असिस्टेंट यश है."
महक को उमीद थी आने वाला उसके ही पति की उम्र का होगा लेकिन एक
नौजवान लड़के को देख वो चौंक पड़ी... वैसे भी वो फोन पर उसकी
बातें कहाँ ध्यान से सुन रही थी. वो तो अपनी मस्ती मे लगी. थी.
"नमस्ते मिसेज़ सहगल.. आपसे मिलकर बहोत खुशी हुई" यश ने कहा.
"मुझे भी" महक ने जवाब दिया.
जब सब हॉल मे आकर बैठ गये तो महक ने सबके लिए ड्रिंक
बनाकर पकडा दी. महक सोफे पर यश के बगल मे बैठी थी और
उसका पति उनके सामने कुर्सी पर बैठा था... ड्रिंक का सीप लेते हुए
तीनो आपस मे बात कर रहे थे.
महक ने देखा की यश रह रह कर तिरछी नज़रों से उसकी चुचियों
के उभार को घूर रहा था. शायद उसके पति ये नही देख पाया की
उसका ब्लाउस कितना टाइट है लेकिन यश ने देख लिया.. उसकी नज़रें
उसकी चुचियों पर ही गड़ जाती.
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