RE: Desi Chudai Kahani बुझाए ना बुझे ये प्यास
"अगर तुम्हे मेरा लंड चूसना है तो तुम्हे गिड़गिडना पड़ेगा भीक
माँगनी पड़ेगी.. क्या तुम तय्यार हो?" राज ने अपना लंड दीखा उसे
चिढ़ाते हुए कहा.
"मुझे नही तुम्हे गिड़गिडना पड़ेगा मेरे सामने." रजनी ने उसपर हावी
होने की कोशिश की.
"मुझे गिड़गिदाने की या भीक माँगने की कोई ज़रूरत नही है."
कहकर राज ने अपना लंड वापस महक की चूत मे डाल दिया और उसे
चोदने लगा.
रजनी को लगा की राज के लंड का मज़ा लेने का मौका हाथ से निकल
जाएगा.. वो घबराकर बोली.
"नही... वापस उसकी चूत मे मत डालो में तुम्हारे लंड को देखना
चाहती हूँ."
राज चेहरे पर मुस्कान लिए महक को चोद्ता रहा और बोला, "मुझसे
भीक माँगो"
राज का महक को चोदना साथ ही खुद का अपनी चुचियों को मसलना...
महक का उसकी चूत का चूसना... रजनी से अब सहन नही हो रहा
था.. वो तड़प रही थी. आख़िर उसने राज के आगे हार मान ली.
"प्लीज़ अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालो..ल. में तुम्हारे
लंड को जी भर देखना चाहती हूँ.. चूसना चाहती हूँ.. तुम्हारे
रस को पीना चाहता हूँ."
"तो तुम मेरे रस का स्वाद चखना चाहती हो?" राज ने उसपर फिर टॉंट
कसते हुए कहा.
"हां.. मुझे महक ने बताया था की तुम्हारे वीर्या का स्वाद बहोत
अछा है.. मुझे चाहिए.. मुझे ज़रूरत है"
राज ने अपने लंड को महक की चूत से बाहर निकाला और रजनी के पास
आ गया.. रजनी ने महक को अपनी टाँगों के बीच से हटाया और राज
के नज़दीक आ कर उसके लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगी तो राज
ने उसे रोक दिया.
"अभी नही.. किसी अची रंडी की तरह मेरे आगे गिद्गिदाओ.. मुझसे
भीक माँगो.. फिर.. ही ये तुम्हे मिलेगा." राज ने कहा.
"प्लीज़ दे दो ना...में हाथ जोड़ कर भीक मांगती हूँ.. मुझे अपना
लंड चूसने दो.. मेरे मुँह मे अपना पानी छोड़ो... में चखना
चाहती हूँ." रजनी गिड़गिदा कर बोल पड़ी.
"ठीक है पहले अपनी जीब निकालो और इसे उपर से नीचे तक
चतो..." राज ने उससे कहा.
राज ने अपने लंड को पकड़ रखा था और रजनी अपनी जीब को बाहर
निकाल उसके लंड को उपर से नीचे तक चाटने लगी.. जैसे की कोई
बच्चा आइस क्रीम कोने को नीचे से उपर तक चाटता है..फिर राज ने
उससे कहा की अब वो लंड को मुँह मे ले चूस सकती है....
राज को तो मज़ा आ रहा था.. वो रजनी से भी उसी तरह पेश आने
लगा जैसे महक के साथ आता था. "तुम भी ठीक म्र्स सहगल की
तरह छीनाल हो."
रजनी किसी कुशल खिलाड़ी की तरह उसके लंड को चूसने लगी.. राज
उसकी ये कला देख डांग रह गया... वो अपने हहतों का.. मुँह का..
जीब का इतनी कुशल तरीके से इस्टामाल कर रही थी की जल्दी ही राज
का लंड अकड़ने लगा... राज को अपनी उम्र की लड़कियों के साथ बिताए
पल याद आने लगे... कोई भी लड़की इतनी अची तरह लंड चूसना
नही जानती थी...
"हां मेरी बुद्धि छीनाल चूवस मेरे लंड को तुम्हे मेरी दूसरी
छीनाल का रस का स्वाद मेरे लंड पर अछा लग रहा है ना.. हां
चूस और चूस"
रजनी ने उसके लंड को चूस्ते हुए अपनी गर्दन हिला दी.. राज ने उसके
बालों को पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा... रजनी जोरों से सिसक
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