RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
आहह म्म्म्मaमममममाआआआ आअपपककक्कीईईईई
गगगगगगाअंन्न्न्ँaदडड़ ब्ब्ब्बबभहूुूथत् म्माअस्स्टटत् हहाऐईयईई ईट्त्न्नाअ ंमाज़्ज़जा कच्छूवततत्तत्त
म्म्मवईए न्न्नाहहीी आट्टाअ ज्जििट्त्न्नाअ आपपक्कीईईई गगाणन्ँदडड़ म्म्मजईए आअत्त्ताअ हहाइईइ दडील्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
कककाररर्त्त्ताआ हहाइईइ एआईसीए हहिि ल्ल्ल्लुउउन्न्ड़डड़ ग्घहुउस्स्साअ क्काररर आप्प्पक्कीी गग्ग्गाणन्ँद्दद्ड
ककक्कूव कचछूड्ड़तता र्रहहुउ ककब्भिि ब्बाहरारररर न्नाहहीी क्काररुउउ आपपन्ंनईए ल्ल्लुउउन्न्ड़डड़
कक्कूव आहह कक्क्क्यय्याअ म्म्म्मा स्स्थथतत्त गग्ग्गाणन्न्ँदडड़ हहाइईईई इट्टन्ननी ब्बाआद्ददडिईईई ऊओर
म्माम्मूओततीईइ म्म्माउस्स्थटत्त ग्गगाणन्ँद्दद्ड म्म्मीड ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ दददााल्लक्क्कीए कचहूऊओद्दद्ड़नणनी
ककक्काा म्म्माडअज़्जजजाअ हहिि ककुउउक्च ऊओररर हहाऐी आहमम्म्माआआआआआ ब्भ्हुउत
म्म्म्मतमाआज़्जजज्जाआ आआ र्र्र्ररराहहााअ हहाइईईई उउउहह,,,,,,मेरी
स्पीड काफ़ी तेज थी ऑर उस से भी ज़्यादा तेज थी मेरी सिसकियाँ,,,,,,,,,
माँ भी मस्ती मे अपने हाथ को अपने बूब्स पर रख कर सहला रही थी ऑर ज़ोर से दबा रही थी फिर गार्डेन
को हल्के से नीचे करती ऑर बूब को हाथ मे पकड़ कर उपर करके मूह मे भर लेती ऑर हल्के हल्के काट-ती
हुए चूसने लगती,,,,,,फिर माँ ने अपने हाथ को आपकी गान्ड पर रखा ऑर गान्ड से हल्का सा आयिल अपने हाथ
पर लगा लिया फिर आयिल लगे हाथ से अपने बूब्स की कस कस के मसल्ने लगी,,,,हाथ की पकड़ तो पूरी तेज थी माँ
की ऑर मजबूती से माँ अपने हाथ से बूब्स को दबा रही थी लेकिन आयिल की वजह से बूब हाथ से फिसल जाता
जिसका एक अलग ही मज़ा आने लगा था माँ को जो उसकी सिसकियों से पता लग रहा था,,तभी माँ ने मेरा हाथ
पकड़ा जो माँ की टांग पर था उसको पकड़ कर अपने बूब पर रख दिया मेरे उस हाथ पर खूब सारा आयिल
लगा हुआ था जिसमे से काफ़ी आयिल माँ की टाँग पर लग गया था जहाँ से मैने माँ की टाँग को पकड़ा हुआ था,,
लेकिन अभी भी हाथ पर काफ़ी आयिल बाकी था जिस से मैं माँ के बूब्स को दबाने लगा लेकिन माँ का बूब हाथ
से फिसल जाता ऑर तभी माँ की सिसकी तेज़ी से निकल जाती,,तभी मैने माँ की उस टाँग को जो माँ ने खुद ही अपनी
हिम्मत से हवा मे उठाई हुई थी उसके अपने शोल्डर पर रखा ऑर माँ को करीब खीच लिया ऑर अपने
दोनो हाथों को माँ के बूब्स पर रख दिया ऑर तेज़ी से थोड़ा ज़ोर लगा कर दबाने लगा दोनो हाथ आयिल से पूरी
तरह चिकने हो गये थे जो मजबूती से फिसल फिसल कर माँ को मज़ा देने लगे थे ,,,,आआहह
ब्ब्बबबीएतत्टाआआ ऊऊररररर ज्ज्ज्जूऊर्ररर सस्स्सीए म्मास्सल्लूऊ म्म्मीसररीए ब्ब्बूओबब्बसस्स कककूऊऊ
ऊऊओरर्र्रर ट्टीएजज़्ज़ििीइ सस्स्स्सीए आहह ज्ज्ज्ूओद्दड़ ससीए द्डब्बा क्काअरररर म्मास्सल्लूऊ अहह
आहह उउउहह माँ की मस्ती पूरे ज़ोर पर थी तभी मेरा ध्यान पास ही पड़ी हुई एक
सब्ज़ी की बास्केट पर गया जिसमे मैने उसमे से एक बेंगन उठा लिया जो मेरे लंड जितना ही मोटा ऑर लंबा था
माँ मेरी तरफ गौर से देखने लगी शायद सोच रही थी कि इस बेंगन का मैं क्या करने वाला हूँ क्योंकि
जहाँ तक मेरा ख्याल था माँ के पास शुरू से ही कोई ना कोई लंड तैयार रहता था उसको चोदने के लिए,,कभी
डॅड का,,,,,,फिर मामा का,,,ऑर बाद मे विशाल का लंड भी तो तैयार हो गया था ऑर सबसे लास्ट मे मेरा भी
नंबर लग गया था इसलिए माँ को कभी बेन्गन की ज़रूरत ही नही पड़ी होगी,,माँ मेरे को अजीब नज़रो से
देखती जा रही थी,तभी मैने पास मे पड़ी हुई आयिल वाली बॉटल भी उठा ली लेकिन इस सब काम के बीच माँ की
टाँग अभी भी मेरे शोल्डर पर थी ऑर लंड माँ की गान्ड मे आगे पीछे हो रहा था लेकिन स्पीड थोड़ी
स्लो ज़रूर हो गई थी,,,,,
मैने पास ही पड़ी आयिल की बॉटल से कुछ आयिल लिया ऑर उसको बेंगन पर लगा दिया ऑर अच्छी तरफ से दोनो हाथो से उसको बेंगन पर हर तरफ लगा कर बेन्गन को चिकना कर दिया ऑर फिर बेंगन को माँ की चूत पर रखा
ऑर माँ की तरफ देखा तो माँ के चेहरे पर एक मस्ती भरी मुस्कान थी,,,मैने बेंगन को माँ की चूत
पर रखते ही जल्दी से अंदर घुसा दिया ऑर जैसे लंड की स्पीड कुछ देर पहले थी गान्ड को चोदने की उतनी ही
स्पीड से बेंगन को अंदर बाहर करते हुए माँ की चूत को बेंगन से चोदने लगा ऑर वापिस लंड की स्पीड
भी गान्ड मे तेज कर दी ऑर लंड को वापिस तेज़ी से माँ की गान्ड मे पूरा अंदर तक घुसाने लगा,,,,माँ को अब
2 लंड का मज़ा आने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,आआआआआआआआआहह उूुुुुुुुुुुउऊहह
म्म्म्मी ररर्राआ बबबीत्ताअ क्कीिट्त्न्नाआ क्क्हाअय्याल्ल रृाक्खहट्ता हहाीइ म्मेरर्राा क्कीिट्त्न्नाअ
ंमाज़्जाआ द्दीत्त्ताअ हहाीइ मम्मूउज़्झहहीए वउूओ बहिी ईककक ल्लुउन्न्ड़डड़ सीए 2 ल्लुउउन्न्ड़डड़ क्काअ
ंमज़्ज़जाआ,,,,,,,,,,,,,,,,ककक्क्क्ययययउउुउउ म्माआ म्ंओमाज़्ज़जाअ आआ र्राहहाअ हहाइईइ न्नाआआ ,,,,,,,,
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माँ सिसकियाँ लेती रही ऑर मैं माँ की गान्ड को लंड से ऑर चूत को बेंगन से तेज़ी से पूरा अंदर घुसा कर
चोदता रहा,,,करीब 15 से मिनिट तक ऐसे ही चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला हो गया ऑर मैने लंड
की स्पीड को गान्ड मे धीरे कर दिया ऑर बेंगन को माँ की चूत मे तेरी से अंदर बाहर करने लगा माँ को
शायद पता चल गया कि मैं ऐसे क्यू कर रहा हूँ मैं माँ के साथ ही झड़ना चाहता था
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