RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शिखा-;वो तो अच्छा हुआ सन्नी कि करण आज अपना सेल घर पर ही भूल गया,,मैं वहीं बैठी हुई थी तभी मेरी नज़र करण के सेल पर पड़ी ऑर सेल से तेरा नंबर देख कर मैने तेरे को मेसेज कर दिया मेसेज तो मैं तेरे को अपने फोन से भी कर देती लेकिन मेरे पास तेरा नंबर नही था ऑर करण से तेरा नंबर लेना नही चाहती थी मैं पता नही वो क्या सोचता,,,,,,,तभी दीदी ने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर पागलो की तरह किस करने लगी दीदी ने एक दम से ऐसा किया तो मैं थोड़ा घबरा सा गया था लेकिन एक ही पल मे दीदी के सॉफ्ट लिप्स का एहसास अपने लिप्स पर पाके मुझे भी खुमारी चढ़ने लगी ऑर मैने भी दीदी की किस को उन्ही के अंदाज़ मे रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,ऊऊहह ससुउन्नयी तेरे को नही पता मैं तुझे कितना मिस कर रही थी पता नही तूने उस दिन क्या कर दिया मुझे,,एक तो अमित से मेरे को बचा लिया ऑर उपर से अपने इस मूसल से मुझे खुश कर दिया इतना बोलते ही दीदी ने मेरे लंड को पॅंट के उपर
से पकड़ा ऑर हल्के से दबा दिया,,,,,,,कितना तड़प रही थी मैं तेरे को मिलने को तू नही जानता सन्नी,,,उस दिन
तूने मुझे खुश किया था आज मेरी बारी है,,,,,,,,,,तभी एक दम से दीदी ज़मीन पर नीचे की तरफ चली गई ऑर
मेरी पॅंट नीचे करके मेरे लंड को हाथ मे ले लिया जो अभी आधा खड़ा हो चुका था दीदी ने उसको हाथ से हल्के
से हिलाते हुए उसकी टोपी पर किस कर दिया ऑर मैं दीदी के सॉफ्ट लिप्स से अपने लंड की टोपी पर टच करने के एहसास से थोड़ा उछल सा गया ऑर दीदी मुझे देख कर हँसने लगी,,,,,,,,,,,,उस दिन तूने अपनी मनमानी की थी आज मेरी बारी है सन्नी,,,,,,,,,,,,, ,इतना बोलते ही दीदी ने लंड को मुँह
मे भर लिया ओर चूसने लगी,,,,,,आज दीदी कुछ ज़्यादा ही मूड मे थी ऑर उस दिन से कहीं बेहतर अंदाज़ से लंड
चूस रही थी,,,,,,मेरा लंड जिसको अभी कुछ ही सेकेंड हुए थे दीदी के लिप्स से थोड़ा अंदर उसके मुँह मे गये हुए
वो अब पूरी तरह ओकात मे आ गया था दीदी ने बैठे हुए मेरी पॅंट को बिल्कुल नीचे कर दिया ओर फिर मेरे जूते
खोल दिए ऑर पॅंट को निकाल कर साइड मे रख दिया,,,,मैं डर रहा था कहीं करण को माँ या फिर करण घर
पर ना आ जाए क्यूकी करण कॉलेज से कुछ देर पहले ही निकला था,,,,,,,तभी दीदी उठी ऑर मेरा हाथ पकड़ कर
मुझे अपने रूम मे ले गई,,ऑर अंदर जाते ही मेरी टी-शर्ट निकाल दी ऑर मुझे नंगा कर दिया ऑर अपने कपड़े भी
उतारने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;दीदी कपड़े मत उतारो प्ल्ज़्ज़ अगर कोई आ गया तो,,मैं सच मे थोड़ा डरा हुआ था,,,,,,,,
शिखा-;कोई नही आता सन्नी माँ 4 बजे से पहले नही आने वाली ऑर करण तो कॉलेज से 3 बजे आता है ऑर अभी जस्ट 11 ही बजे है तुम टेन्षन मत लो ,,ऑर वैसे भी जब तक 2 जिस्म पूरे नंगे नही होते उनके मिलने का पूरा मज़ा नही आता अब
तक दीदी भी नंगी हो गई,,,,साली कुछ दिन पहले जो इतना शरमा रही थी घबरा रही थी अब कैसे बेशरम होके'
जल्दी से नंगी हो गई थी,,ऐसे कपड़े उतार रही थी जैसे कोई पत्नी अपने पति के सामने उतारती है,,,,,,ओह सॉरी कोई
पत्नी भी इतनी जल्दी नही करती ये तो किसी रंडी की तरह जल्दबाजी कर रही थी,,,,या उस पत्नी की तरह जो अपने पति
के ऑफीस चले जाने के बाद किसी पड़ोसी से या कॉलेज फ्रेंड से जल्दबाजी मे चुदाई करती थी,,,,,,,,,,लेकिन मुझे तो
अब तक फुल मस्ती चढ़ चुकी थी क्यूकी एक नंगा ऑर संगमरमर जैसा चिकना ऑर गोरा बदन वो भी एक जवान
ऑर खूबसूरत लड़की का जो मस्ती मे बिल्कुल पागल हो चुकी थी,,,,दीदी ने मुझे बेड पर लेटा दिया ऑर खुद भी बेड
पर आके बैठ गई ऑर मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस करने लगी साथ ही मेरे लंड को हाथ मे लेके हल्के
से सहलाने लगी ,,,,,
दीदी बेड पर बैठ कर मेरे सर के उपर झुकी हुई थी ऑर मेरे लिप्स को किस कर रही थी तभी
मैने दीदी को अपने उपर खींच लिया दीदी ने भी अपनी टाँगे सीधी करली ऑर मेरे उपर आ गई जिस से दीदी का हाथ
मेरे लंड से हाथ गया,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;लगता है तुझे भी मस्ती चढ़ने लगी है सन्नी,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;हाँ दीदी आप जैसा मस्त माल वो भी पूरा नंगा ,,किसी को भी मस्ती चढ़ सकती है दीदी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;सच मे सन्नी मैं तेरे को मस्त लगती हूँ क्या,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;हाँ दीदी आप बहुत मस्त हो ,,,,आपके ये बड़े बड़े बूब्स ऑर बड़ी मटकती मस्त
गान्ड का दीवाना तो सारा कॉलेज है,,अभी तक लोग आपकी बातें करते है,,हर कोई आपको अपने बिस्तेर पर नंगा
करके अच्छी तरह चोदना चाहता है,,तभी तो अमित भी पीछे पड़ा था आपके,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;अमित की बात मत किया करो अब तुम सन्नी मुझे उसका नाम भी नही सुन-ना आज के बाद ,,मुझे तो अब बस तेरा नाम ही अच्छा लगता है ऑर तेरा ये लंड भी,,,,,,,,,,,,
मैं-;मुझे भी आप बहुत अच्छी लगती हो दीदी दिल करता है ऐसे ही नंगा करके आपके साथ
बेड पर लेटा रहूं,,,,,,,,,,,,
शिखा-;सच मे सन्नी मैं तेरे को इतनी अच्छी लगती हूँ या,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;हाँ दीदी मैं तो पता नही कब्से आपकी चूत का दीवाना हूँ जब भी करण को मिलने आता था नज़रे बस आप पर टिकी होती थी मेरी सपने भी आपके देखा करता था ऑर पता नही कितनी बार सपने मे आपको चोदा था मैने ऑर पता नही कितनी बार मूठ मारी थी आपके नाम की,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;तो पहले कभी बोला क्यूँ नही,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;डरता था दीदी ऑर वैसे भी ये बात इतनी जल्दी नही बोली जाती अगर आप गुस्सा हो जाती तो,,,,ये तो अच्छा हुआ आप अमित की चुंगल मे फसि ऑर करण ने मुझे सब बता दिया ऑर मैने आपको अमित से बचा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;हाँ अमित से बचा लिया ऑर खुद अपने जाल मे फसा लिया,,,,दीदी हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;दीदी आप हो ही इतनी मस्त कि कोई भी जाल मे फसाने को तैयार हो जाता आपको,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;अगर मैं इतनी मस्त हूँ सन्नी तो मेरा पति मेरे को क्यूँ नही चोदता था ,,,,,,,,,,,,,,
मैं-;क्या दीदी?? आपका पति आपको चोदता नही था,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;नही सन्नी मैं अपने पति के साथ 6 महीने रही थी ऑर वो 5-7 दिन मे एक या दो बार ही मुझे चोदता था ऑर वो भी इतनी छोटे लंड से जो 2 मिनिट मे ही पानी छोड़ देता था,,,मुझे गर्म करके खुद पानी निकाल कर सो जाता था ऑर मैं बस उंगली से काम चलाती रहती थी,,,इसलिए तो मैने उसको तलाक़ दे दिया,,साला नामर्द था पूरा,,हर बार प्यासी छोड़ देता था मेरे को,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैने दीदी के फॉरहेड पे किस किया ओर बोला,,दीदी छोड़ो बीती बातों को,,,,,अब मैं हूँ ना आपके पास जितनी भी प्यास
है आपकी मैं सब भुजा दूँगा बस टाइम मिलता रहे ऑर मोका मिलता रहे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;टाइम ऑर मोका मैं खुद निकाल लूँगी तेरे लिए सन्नी बस तू तैयार रहना जब भी मैं तेरे को फोन करूँ,,,,,,,,,,,,
मैं-;दीदी अबकी बार करण के सेल से मेसेज या कॉल मत करना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शिखा-;नही करती बाबा अब तेरा नंबर मेरे सेल पर भी है तू भी मेरा नंबर सेव कर लेना,,,,,,चल अब बाकी बातें छोड़ ऑर जल्दी कुछ कर मैं बहुत तड़प रही हूँ,,,,,,,
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