RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
खाना खाने के बाद शोबा दीदी बोली,,,,,,,,डॅड अब मैं जाउ क्या अब तो सन्नी भी आ गया है,,,,,,,,
डॅड--हाँ बेटी अब तुम जाओ अब मुझे कोई टेन्षन नही है सन्नी जो तेरे साथ होगा,,,,,,,,
मैं कुछ समझ नही रहा था लेकिन शोबा बहुत खुश थी,,,,,,पता नही क्यूँ,,,,,,
कहाँ जाना है दीदी,मैने शोबा दीदी से पूछ ही लिया,,,,,,,,,लेकिन जवाब मिला मुझे डॅड से,,,,,
डॅड--अरे बेटा इसको अपनी शेली के बर्थडे पर जाना है मेरे से ज़िद्द कर रही थी साथ जाने को लेकिन मैं नही जा सकता
अब तुम आ गये हो तो तुम ही ले जाओ इसको बर्तडे पार्टी मे ,,,,,,,,,,
सन्नी--लेकिन डॅड मैं तो बहुत थक गया हूँ ड्राइव करके,,,,,,,,,,
शोभा--मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे को साथ लेके जाने का वो तो डॅड ने बोला इसलिए,,,,,,,,
सन्नी--हाँ हाँ मुझे भी कोई शॉंक नही तेरे साथ तेरी किसी स्टुपिड शेली के घर जाने का,,,,,,अकेली चली जा तू,,,,
तभी डॅड,,,,तुम दोनो बच्चों की तरह लड़ना बंद करो ..........
इधर डॅड ने मुझे हल्का गुस्से से देखा ऑर उधर सोनिया उठकर अपने रूम मे चली गई तभी मैने शोबा की
तरफ देखा तो वो मेरे को आँख मार रही थी मैं कुछ समझा तो नही लेकिन इतना ज़रूर पता लग गया कि दाल मे
कुछ तो काला है,,,,,,,,,,
सन्नी--ठीक है डॅड मैं चला जाता हूँ दीदी के साथ,,,,,
तभी दीदी अपने रूम मे गई ऑर एक छोटा सा पालस्टिक का बॅग लेके आ गई,,,,,,,,,,,चलो सन्नी चलते है,,,,
अरे बेटी तू ऐसे ही टी-शर्ट ऑर पयज़ामे मे जाएगी क्या,,,,,,,,,डॅड ने दीदी के कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए बोला,,
शोभा--हाँ डॅड यहाँ से ऐसे ही जाउन्गी ऑर पार्टी उसके घर पर नही है उन लोगो ने कोई रिज़ॉर्ट बुक किया है पार्टी वहीं
है ,,,,मेरी बाकी सहेलियाँ भी वहीं होंगी उन्ही के साथ मिलके तैयार हो जाउन्गी उसी के घर मे,,,,,इस से पहले डॅड
या कोई ऑर कुछ बोलता दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे मेरे रूम मे जाके कोई अच्छे कपड़े लेके आने को बोला ऑर
मैं भी बिना कुछ बोले अपने रूम मे चला ,,,,,,रूम मे सोनिया फोन पर किसी से बात कर रही थी बातों से
लग रहा था कि वो कविता से बात कर रही है,,,,,,,,मैने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर कपड़े लेके बाथरूम
मे गया ऑर चेंज करके बाहर शोभा के पास चला गया,,,,,,,,
अरे इतना टाइम क्यू लगा दिया ,,,,,ऑर कपड़े चेंज करने को किसने बोला था उन्ही कपड़ो मे चलता मेरे साथ ऑर
वहीं जाके चेंज कर लेता,,,,,दीदी हल्के गुस्से मे बोली,,,,,,,,,,,
डॅड--तो ठीक है ना इसने यहीं चेंज कर लिया ये बेचारा तेरी शेली के घर कैसे चेंज करता,,,,तुम तो अपनी दोस्तो के
साथ मिलकर चेंज कर लेती पर ये बेचारा,,,,,,,,,,
शोभा--ठीक है डॅड ,,अछा किया जो इसने चेंज कर लिए,,,,,,,,अब ज़्यादा टाइम नही है वर्ना देर हो जाएगी,क्या हम लोग
चले सन्नी,,,,,,,,इतना बोलते ही वो नीचे जाने लगी तभी सोनिया अपने रूम से निकल कर बाहर आ गई,,,,,,,,
रूको दीदी,,,,,,सोनिया की आवाज़ सुनकर मैं ओर शोभा रुक गये,,,,,,,,,,
आप लोग कहाँ जा रहे हो दीदी,,,,,,,सोनिया ने शोबा से पूछा,,,,,,,,
शोभा--मेरी एक फ्रेंड का बर्थ डे है वहीं जा रहे है,,,,,,,,
दीदी मुझे भी साथ ले चलो ,सोनिया ने दीदी को बोला,,,,,
सोनिया की बात सुनके दीदी थोड़ा गुम सूम हो गई,,,,,,,,,,अरे तू भी मेरे साथ जाना चाहती है क्या,,,,तो चल मेरी
फ्रेंड्स तुझे मिलकर खुश होंगी,,,,,,,,शोभा सोनिया को लेके जाने को तैयार नही थी बस सबके सामने उसको लेके जाने
का बहाना कर रही थी,,,,,,,,,वो उसके चहरे से सॉफ पता चल रहा था,,,,,,,,,,
सोनिया-नही दीदी मुझे आपके साथ नही जाना मुझे तो कविता के घर जाना है आप लोग मुझे वहाँ ड्रॉप कर देना,,,,
इतना सुनते ही शोबा ने चेहरे पर चैन की खुशी झलकने लगी,,,,,हाँ हाँ क्यूँ नही हम तुझे ड्रॉप कर देंगे
इतना बोलते शोबा जल्दी से नीचे की तरफ आ गई ऑर उसके पीछे मैं मेरे पीछे सोनिया थी,,,,,,,
मैने कार स्टार्ट की शोबा मेरे साथ बैठ गई और सोनिया पीछे वाली सीट पर,,,,,,,,,हम घर से चल पड़े ऑर भुआ ने
दरवाजा ऑर गेट लॉक कर लिया,,,,,,,,,,मैने सोचा कि आज तो डॅड ऑर भुआ अकेले है घर पे आज तो फुल नाइट मस्ती
होगी ,,लेकिन थोड़ी टेन्षन भी थी कि ये शोबा मुझे कहाँ लेके जा रही थी,,,उसने मुझे आँख मार कर किसी बात
का इशारा तो किया था लेकिन ये नही बताया था कि बात क्या है,,,,,
तू आज कविता के घर जा रही है कुछ गड़बड़ है क्या,शोबा ने सोनिया को पूछा,,,,
सोनिया--हाँ दीदी वहीं गड़बड़ है जो हमेशा होती है ,,उसका फोन आया था आज तो बात कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है,,
कविता रो रही थी फोन पर,,,,,,,,,,
आज क्या बात हुई वही पहले वाला पंगा हुआ क्या,,,,,,शोबा ने पूछा,,,
सोनिया ने कोई जवाब नही दिया ऑर शोबा को मेरी तरफ इशारा करते हुए चुप रहने को बोला,,,फिर किसी ने कोई
बात नही की ऑर हम लोग कविता के घर पहुँच गये,,,,,,सोनिया उतरी ऑर कविता के घर चली गई ऑर शोबा ने मुझे
वहाँ से कार वापिस घर की तरफ मोड़ने को बोला ऑर मैने कार वापिस मोड़ ली,,,,लेकिन दीदी ने तो अपनी शेली के घर
जाना था तो वापिस घर की तरफ जाने को क्यूँ बोला,,,,,खैर मैं वापिस घर की तरफ चलने लगा,,,,,
दीदी कविता के घर मे क्या पंगा चल रहा है,,,,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,,,,,
शोभा--कुछ नही सन्नी उनकी फॅमिली मे थोड़ी प्राब्लम चल रही है बस ऑर ज़्यादा कुछ नही,,,,
सन्नी--कैसी प्राब्लम दीदी,,,,,,,मैने अक्सर देखा है कविता रोती रहती है,,,कोई सीरीयस प्राब्लम है क्या,,,,,,
तुझे बड़ी पड़ी है कविता के घर की ,,आख़िर बात क्या है,,,,दीदी ने हँसते हुए मस्ती मे पूछा ऑर मेरी टाँग पर
हाथ रख दिया,,,,,
सन्नी--अच्छा दीदी आपने कार घर की तरफ क्यू मोडने को बोला,,,,,,,,क्या बर्थडे पार्टी मे नही जाना,,,,
दीदी हँसने लगी,,,,,अरे बुद्धू पार्टी मे ही तो जा रहे है,,,,मेरी फ्रेंड का घर अपने घर से दूसरी तरफ है इसलिए
घर की तरफ जाने को बोला घर जाने को नही बोला,,,,,,,इतना बोलते ही दीदी ने अपने हाथ को टाँग से उठा कर मेरी
पैंट की ज़िप पर लंड के उपर रख दिया,,,,,दीदी का हाथ लगते ही लंड उछलने लगा एक दम से,,,,,
अभी घर मे तो बोल रहा था बहुत थक गया हूँ ऑर अभी मेरा हाथ लगते ही लंड को उछलने लगा है,,,दीदी ने
हँसते हुए लंड को हाथ मे लेके पॅंट के उपर से दबा दिया,,,,
सन्नी--क्या करूँ दीदी आप के हाथ लगते ही इसको मस्ती चढ़ने लगती है ऑर ये कितना भी थका हुआ क्यूँ ना ही आपकी सेवा करने क लिए हाजिर हो जाता है,,,,मैने भी हल्की मुस्कान के साथ दीदी की बात का जवाब दिया,,,, लेकिन दीदी आपने मेरा काम नही किया अभी तक,,,,
शोभा--कॉनसा काम सन्नी,,,,,,,,,,
सन्नी--वही दीदी,,,,,,,कि मैने आपके लिए एक मूसल लंड की तलाश करूँगा ऑर आप मेरे लिए किसी नई चूत की तलाश
करोगी,,,,,,,,,मैने तो करण का लंड तैयार किया है आपके लिए आप भी माँ की चूत को तैयार करो ना मेरे लिए,,,
शोभा--मैने भी तो तेरे लिए चूत की तलाश की है सन्नी,,,,,,,,,,हाँ ये फ़र्क ऑर है कि वो चूत माँ की नही किसी ऑर की थी,,
सन्नी--किसकी बात कर रही हो आप दीदी,,,,,,,,,,,,
दीदी--वही चूत की जिसकी तू गाओं मे अच्छी तरह से चुदाई करके आया है,,,,,,रेखा की चूत,,,,,,
सन्नी--मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,,क्या दीदी रेखा की चूत आपने तैयार की मेरे लिए,,,,,
शोभा-ऑर नही तो क्या,,,,,जब मेरी बात हुई थी उसके साथ कि तुम गाओं आ रहे हो सोनिया को लेके तो उसने मुझे बोला
कि सोनिया को मत भेजो ऑर तुम खुद वहाँ आ जाओ ,,,,वो मेरी चिकनी चूत को चाटना चाहती थी लेकिन मैने
उसको बोला कि मेरा अभी आना मुश्किल है ऑर वैसे भी मैं एक शर्त पर आउन्गी गाओं उसको अपनी चूत चटवाने
अगर वो तेरे मूसल का अच्छी तरह से ख्याल रखेगी,,,,,ऑर वो मान गई,लेकिन उसने तेरा क्या ख्याल रखा मैने
सुना है तूने उसकी चूत का बहुत अच्छे से ख्याल रखा ,,,,,,,,,,,ऑर दीदी हँसने लगी,,,,,,
सन्नी--सच मे दीदी वो सब आपकी प्लानिंग थी ,,,,,,,,,
शोभा--हाँ सन्नी वो मेरी प्लानिंग थी,,,,,,
सन्नी--तो क्या वो सब बातें भी आपने बोला था उसको मुझे बातें को,,,,
दीदी थोड़ा हैरान होके,,,,,,,,,,,,कॉन्सी बातें सन्नी,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी--वहीं बातें दीदी जो वो जानती है,,,और शायद आप भी जानती हो,,,,,,
शोभा--मुझे कुछ समझ नही आ रहा सन्नी तू क्या बोल रहा है,,,,,शोबा सच मे ऐसे बोल रही थी जैसे कुछ जानती
ही नही ,,,,,,,,,,
सन्नी--दीदी मैं बच्चा नही हूँ सब जानता हूँ,,,,,,,,,,,उसने मुझे बहुत कुछ बताया है,,,,,,
दीदी चुप हो गई,,,,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा उसने क्या बताया है तुझे,,,,,दीदी ने अपना फेस दूसरी तरफ़
टर्न कर लिया ऑर हाथ भी मेरे लंड से हटा लिया,,,,,,
मैने दीदी के फेस को अपने हाथ से पकड़ा ऑर अपनी तरफ़ टर्न कर दिया,,,दीदी उसने मुझे बताया कि वो भी भुआ के
साथ वो सब करती है जो भुआ आपके साथ करती है,,,,मैने बात को घुमा दिया क्यूकी मैं दीदी के मुँह से सब
सुनना चाहता था,,,,,,लेकिन उसने इतना भी बताया कि आप वहाँ कभी नही गई हो उसके साथ चुदाई करने,,लेकिन
भुआ तो काफ़ी आती जाती रहती है उसके पास,,,,,,,,
हाँ सन्नी मुझे टाइम नही मिलता इसलिए नही जाती मैं,,,,,ऑर क्या बताया उसने ,,,,,,दीदी थोड़ी घबराई हुई थी,,
सन्नी--ऑर तो कुछ नही बताया उसने दीदी,,,,,,,,मैने बात को टाल दिया,,,
शोभा--शूकर है ,,भुआ कहती है कि उस औरत की ज़ुबान बहुत चलती है कुछ भी बकती रहती है वो,,,,अच्छा हुआ तेरे
सामने कुछ ज़्यादा नही बोली वो,,,,वर्ना ,,,,,,,,,दीदी फिर से चुप हो गई,,,,
सन्नी--वर्ना क्या दीदी,ऐसी क्या बात है जो आप जानते हो ऑर मैं नही जानता,,,,,,,,,
शोभा--बहुत बातें है सन्नी लेकिन अभी नही एक सही टाइम आने पर तुझे भी पता लग जाएगी,,,,,अभी तू बस कार ड्राइव
कर ,,,,,,,,,
फिर दीदी चुप हो गई ऑर मैं भी चुप हो गया,,,लेकिन इतना तो पता चल गया कि दीदी भी शायद काफ़ी कुछ जानती है
जैसे विशाल भाई जानता है,,,,,,,,,विशाल को माँ ऑर मामा ने बताया होगा जबकि दीदी को भुआ ऑर डॅड ने ,,,लेकिन एक
मैं ही था जिसको कुछ नही पता था,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर हाँ एक थी सोनिया जो इन सब से अंजान थी अभी तक,,,,,,,,,दीदी
रास्ता बताने लगी ऑर मैं कार ड्राइव करता रहा,,,,,,लेकिन ये रास्ता तो जाना पहचाना लग रहा था,,,,,,,ऑर जब मंज़िल
पर पहुँचे तो मंज़िल भी जानी पहचानी थी लेकिन मंज़िल पर जो खड़ा हमारा सावगत कर रहा था वो बहुत
ही ज़्यादा जाना पहचाना लगा ऑर बहुत ज़्यादा हसीन भी था,,,,,,,,,
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