RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
शोभा ने माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर माँ ने भी एक ही पल मे अपने हाथ शोभा की पीठ पर रख दिए ऑर मस्ती मे शोभा की पीठ को प्यार से सहलाने लगी,,,दोनो माँ बेटी एक दूसरे को पागलो की तरह किस करने लगी थी
,,,शोभा माँ के बूब्स को मसल रही थी ओर माँ शोभा की पीठ पर प्यार से अपने हाथ फिरा रही थी,,,शोभा माँ के बूब से अपना हाथ हटाया ओर मुझे पकड़ कर अपने पीछे जाने को बोल दिया,,मैं बेड के उपर आ गया ऑर जल्दी से शोभा के पीछे चला गया,,माँ की टाँगे आपस मे जुड़ी हुई थी मैने उनकी टाँगो को खोला ऑर उनके बीच घुटनो के बल बैठ गया
शोभा ने जल्दी से अपने हाथ को पीछे की तरफ किया ऑर अपनी गान्ड मे उंगली घुसा कर मुझे गान्ड मे अपना लंड घुसाने को बोला मैने भी लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर थोड़ा थूक लगा कर लंड को शोभा की गान्ड मे घुसा दिया ,,,लंड एक बार मे
थोड़ा सा अंदर गया तो मैने वापिस बाहर निकाल कर खूब सारा थूक लंड पर लगा लिया ऑर 2-3 बार मुँह मे थूक जमा करके शोभा की गान्ड पर थूक दिया ओर शोभा ने खुद अपनी उंगली से थूक को गान्ड के होल मे भर लिया जिस से उसकी गान्ड अंदर से भी चिकनी हो गई थी,,,,फिर मैने लंड को हाथ मे लेके उसकी गान्ड पर रखा ऑर हल्के धक्के से ही आधा लंड फिसल कर उसकी गान्ड मे घुस गया ऑर मैने हल्के झटके मारते हुए थोड़ा थोड़ा करने सारा लंड उसकी गान्ड मे घुसा दिया,,,
जब पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुस गया तो मैने स्पीड थोड़ी तेज करते हुए अपने हाथ शोभा की पीठ पर रख दिए जहाँ
माँ के हाथ भी शोभा की पीठ को सहला रहे थे ,,,माँ के हाथ मेरे हाथ पर लगे तो माँ ने मेरे हाथ को पकड़ लिया
ऑर तभी अपनी टाँगो को उठा कर मेरे पीठ पर लगाने लगी ,,माँ ने अपनी टाँगो से तोड़ा कासके मुझे अपनी टाँगों
मे जाकड़ लिया ऑर टाँगो को तेज़ी से आगे पीछे करके मुझे स्पीड तेज करने को बोलने लगी,,,,मुझे पता चल गया कि माँ भी अब फुल मस्ती मे आ चुकी है मैने भी माँ के हाथ पकड़े ऑर तेज़ी से शोभा की गान्ड को मारने लगा अब मेरा लंड शोभा की गान्ड की जड़ तक घुसने लगा वो भी पूरी तेज़ी के साथ शोभा मस्ती मे तो पहले से थी लेकिन गान्ड मे मेरा मूसल जाने की वजह से उसकी मस्ती ऑर भी ज़्यादा हो गई ऑर माँ की किस करते हुए ही उसकी सिसकियाँ निकलने लगी,,,उसने एक पल के लिए माँ के लिप्स से अपनी लिप्स दूर किए ऑर आँहे भरते हुए मुझे तेज़ी से उसकी गान्ड मारने को बोलने लगी,,,,आहह भ्हाई आईसीए हहिि ऊरर त्तीज्ज छ्छूड्डू मुउज़्झहक्कू आहह उसकी आवाज़ ज़्यादा तेज नही थी लेकिन मस्ती पूरी थी उसकी आवाज़ मे वो शायद माँ की वजह से थोड़ा जीझक कर बोल रही थी वर्ना जब भी मेरा लंड उसकी गान्ड मे जाता वो तो चिल्ला चिल्ला कर लंड पेलने को बोलती थी,,,,,तभी उसकी आवाज़ के साथ की एक ऑर आवाज़ गूंजने लगी रूम मे,,,,,,
आहह बायेट्टया ऐसी हहीी छूद्दू आपपननीी ब्बीहानन्न क्कूव ऊरर त्तीज्ज्जी ससी छूद्दू
आपपननीी ब्बीहहानं क्कू प्पूउरा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउस्स्सा द्दूव उउन्नड़दीर्रर ऊओरर टटेजज काररूव
ब्बीत्टता ,,,ये आवाज़ माँ की थी ओर माँ भी मस्ती मे मुझे शोभा की चुदाई करने को बोल रही थी माँ की मस्ती
भारी आवाज़ सुनते ही शोभा मे जोश बादने लगा,,,,,,,,,,,,,,आहह भाई ओररर त्तीज्ज म्माम्ररू म्मीरीइ
गाणनदडड़ प्प्प्ुउउर्रा म्मूस्साल्ल ग्घुउस्स्सा दडिईई म्मीरीईइ गगाणन्ंदड़ म्मीई आहह इतने बोलते
हुए शोभा ने अपने हाथ को अपनी पीठ पर रखा जहाँ मेरा हाथ था उसने अपने हाथ से मेरे हाथ को
पकड़ा ऑर जल्दी से माँ की चूत की तरफ ले गई मैने भी जल्दी से अपने हाथ को माँ की चूत पर रखा ऑर 2 उंगलियाँ
माँ की चूत मे घुसा दी माँ की एक दम से अहह निकल गई लेकिन एक दम से माँ की आवाज़ बंद भी हो गई मैने आगे की तरफ देखा तो शोभा ऑर माँ फिर किस करने लगे थे,,,मैने शोभा की गान्ड मारते हुए एक हाथ शोभा की पीठ पर
रखा हुआ था जिसको माँ ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ था ऑर मेरा एक हाथ माँ की चूत मे उंगली करने लगा था ,,,
मैने जितनी तेज़ी से शोभा की गान्ड मांर रहा था उतनी तेज़ी से ही माँ की चूत मे उंगली कर रहा था,,,तभी मुझे मेरे
लंड के नीचे बॉल्स पर कुछ महसूस हुआ मैने देखा कि एक हाथ मेरे लंड के नीचे से मेरी बॉल्स को सहला
रहा था ये हाथ कुछ भारी था देखने से पता चलता था कि ये हाथ माँ का था ,,माँ ने अपने ऑर शोभा के
पेट ऑर टाँगो के बीच से अपना हाथ मेरे लंड के नीचे बॉल्स पे रख दिया ऑर हल्के से सहलाने लगी ऑर मेरी
बॉल्स को मुट्ठी मे भरके हल्के हल्के दबाने लगी,,कुछ ही देर मे माँ का हाथ मेरे लंड से हट कर शोभा की
चूत पर चला गया ऑर माँ ने अपनी उंगलियाँ शोभा की चूत मे घुसा दी शोभा एक दम से मस्ती मे उछल गई में ने
शोभा की चूत मे उंगली पेलना शुरू कर दिया,,,,अब हम तीनो लोग पूरी मस्ती मे थे ,,,
कुछ देर बाद मुझे एहसास होने लगा कि शोभा झड़ने वाली है ऑर झड़ती भी क्यूँ नही मैं कम से कम 20 मिनट
से उसकी गान्ड मांर रहा था ऑर एक हाथ से माँ की चूत को सहला रहा था माँ का भी एक हाथ शोभा की पीठ पर था
जबकि दूसरे हाथ से माँ शोभा की चूत को सहला रही थी शोभा अब डबल मस्ती मे थी इसीलिए उसका पानी निकलने वाला
हो गया था,,,माँ ने जब देखा कि शोभा झड़ने वाली है तो माँ ने मेरे हाथ को पकड़ा ऑर अपनी चूत
से निकल कर शोभा की चूत पर रख दिया ऑर अपने हाथ को वापिस शोभा की पीठ पर ले गई फिर मेरे हाथ को अपने
हाथ से अलग करने अपने दोनो हाथों से शोभा को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ऑर तेज़ी से किस करने लगी,,मैने
शोभा की गान्ड को तेज़ी से चोदते हुए अपने हाथ से शोभा की चूत को सहलाने लगा मेरे हाथ ऑर लंड की स्पीड एक जैसी
थी शोभा ने माँ को किस करना बंद करके अपने सर को उपर उठा लिया ऑर ज़ोर से चिल्लाने लगी,,,,आहह
ब्बाहहिि ऐसी हहिईिइ ज़ूर्र्रर ससी कच्छूओद्दूऊ ऊऊररर त्तीह्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जीइ ससी चछूड़दूव आपपंनी ब्बीहानन्न
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कचहूवतत कककूऊव शोबा के मुँह से ऐसी बातें सुनके माँ भी बोलने लगी,,,,,,ओरर ज्जूओर्र ससी क्काररूव ससुउउन्नयी ब्बीतता
स्शूब्बा ज्झाड्ढनने व्वाल्ली हहाइईइ ऊरर त्टीजज गगाणन्दड़ म्माम्ररू उउस्स्ककिी उूउउन्नगगल्लीी बभिि त्तीजीइ ससी द्दाल्लू ईसस्ककिी
चूत्त म्मी फिर माँ चुप हो गई लेकिन शोभा की आवाज़ फिर शुरू हो गई,,,ऐसी हहिि म्मामाआ ऊरर जजूर्र ससी कच्छुउऊस्स्ूओ
म्मीरररी ब्बूबबस क्कूव प्प्प्ुउउर्रा म्मूउहह म्मी बभ्ाररल्ल्लूओ ऊरर जजूर्र ससी ककाटटूऊ मीररी ब्बूबबसस
प्पीररर क्क्हा ज्जाऊओ म्मीर्रे ब्बूबबसस कक्कूव अहह म्मामाआ उूुउऊहह हहययययययययययययययययययययययी
शोभा ने ऐसे ही तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी निकालना शुरू कर दिया ,,,,मैं तब तक उसकी गान्ड मारता रहा ऑर चूत मे उंगली करता रहा जब तक उसकी चूत से सारा पानी नही निकल गया जब वो निढाल होके माँ के जिस्म पर गिर गई तो मैने ऑर माँ ने मिलकर उसको माँ के जिस्म से नीचे किया ऑर बेड पर लेटा दिया ऑर मैं खुद जल्दी से माँ के उपर लेट गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया,,,,माँ ने भी एक ही पल मे मुझे अपनी बाहों मे भर लिया,,
मैं माँ के उपर लेट गया ऑर अपने लंड को जल्दी से माँ की चूत मे घुसा दिया माँ ने भी जल्दी
ही मुझे अपनी बाहों मे भर लिया ऑर मेरी पीठ को कस्के अपने हाथ मेरी पीठ पर घुमाने
लगी,,तभी माँ का ऑर मेरा ध्यान शोभा की तरफ गया तो शोभा मुझे ऑर माँ को देख कर बहुत खुश थी ,,
माँ ने एक पल शोभा की तरफ़ देखा ऑर फिर हसके मुझे किस करने लगी मैने भी माँ को उसी अंदाज़
मे किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया,,,,,तभी मैने देखा की शोभा बेड से उठी ऑर नंगी ही
बाहर चली गई,,पहले मुझे लगा शायद वो बाथरूम चली है लेकिन वो तो रूम से बाहर चली गई थी,,,,
खैर हमे क्या लेना देना मैं ऑर माँ तो मस्ती के सातवे आसमांं पर थे ,आज तो माँ बहुत खुश
थी क्यूकी शोभा हमारे साथ शामिल हो गई थी वैसे तो माँ को एक लंड चाहिए था लेकिन मैने माँ
के लिए एक चूत का बंदोबस्त कर दिया था ,,,,,इस से माँ को कोई फ़र्क नही पड़ने वाला था माँ चूत
को चुस्के भी उतनी ही खुश होती थी जितना लंड से चुदके खुश होती थी ,क्यूकी ये सब मैने गाओं
मे देख लिया था माँ कैसे रेखा की चूत चाटने मेमस्त हो जाती थी,,,,,माँ ने अपनी टाँगो को
घुटनो से मूड लिया ऑर थोड़ा खोला कर घुटनो को हवा मे उठा लिया,,,जिस से माँ की टाँगे बहुत ज़्यादा
खुल गई ऑर मुझे माँ की चूत पर कस्के झटके मारने मे आसानी होने लगी,,,मेरा लंड माँ की खुली
चूत मे पकच पकच की आवाज़ करता हुआ तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था उसी आवाज़ मे मेरी ऑर माँ की
हल्की हल्की दबी सिसकियाँ घूंज रही थी जो रूम मे मस्ती का महॉल पूरी तरह गर्म कर चुकी थी
तभी मुझे महसूस हुआ कि बेड पर कोई आया है इस से पहले कि मैं पीछे मूड के देखता माँ की एक
हल्की सी लेकिन लंबी आहह निकल गई ऑर माँ ने मुझे ऑर भी ज़्यादा कस लिया अपनी
बाहों मे ऑर हल्की हल्की सिसकियाँ अब थोड़ी तेज हो गई मैने पीछे मूड कर देखा तो शोभा मेरे
ऑर माँ के पीछे बैठी हुई थी ऑर मुझे देख कर हँस रही थी ,,,,,मैने गौर से देखा तो शोभा का
हाथ मुझे माँ की टाँगों की तरफ जाता हुआ नज़र आया जिसको वो हल्के से आगे पीछे करके हिला रही थी ,,,,
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