RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैने देखा कि करण ने अपनी माँ को फोन कर दिया,,,,
करण,,,,,,,,,,हेलो,,,
अलका,,,,,,हेलो बेटा
करण,,,माँ कहाँ हो आप,,,,
अलका ,,,,,,,,,बेटा मैं बाहर आई हूँ शॉपिंग के लिए ,,घर का कुछ समान लेना था ऑर सब्जी भी लेनी थी,,,
करण,,,,,माँ जल्दी आ जाओ आपसे मिलने के लिए कोई आया है घर पे,,,,
अलका ,,,,,,,बेटा मुझे तो 3-4 घंटे लग जाने है,,,,वैसे कॉन आया है ये तो बता,,,,
करण,,,,,सन्नी ऑर उसकी मोम आए है आपसे मिलने,,,,,
अलका,,,,,क्या सरिता दीदी आई है,,,,हाइ राम मैं तो अभी बहुत दूर हूँ बेटा,,,,मुझे तो काफ़ी टाइम लग जाना है,,,इतने
दिनो बाद सरिता दीदी आई है ऑर मैं घर पर नही हूँ,,,,,तू ऐसा कर बेटा उन लोगो को चाइ कॉफी पिला मैं जल्दी से
जल्दी घर आने की कोशिश करती हूँ,,
करण,,,,,,,ठीक है माँ लेकिन फिर भी कितनी देर तक आओगी आप,,,,,,सरिता आंटी पूछ रही है,,,,
अलका,,,,,बेटा वैसे तो मुझे 3 अवर्स लग जाने है लेकिन तुम सरिता दीदी को मत बोलना,,उनको बोलो कि मैं बस 15-20
मिनट मे आ रही हूँ,,,,,वर्ना उन लोगो ने चले जाना है ओर फिर पता नही कब आएँगी दोबारा ,,,,
करण,,,,,,,,,,ठीक है माँ लेकिन आप जल्दी आने की कोशिश करना,,,,
अलका,,,ठीक है बेटा,,,,बयी
करण फोन बंद करता है इतनी देर मे मैं माँ की कमीज़ उतार चुका था ओर अपनी टी-शर्ट भी क्यूकी मैने करण
ऑर उसकी माँ की बात सुन ली थी जब उसकी माँ उसको 3-4 अवर्स मे वापिस आने का बोल रही थी,,,
मैं ऑर माँ तो पहले ही मोका ढूँढ रहे थे ,,क्यूकी माँ आज सोनिया के जल्दी वापिस घर आने की वजह से पूरी मस्ती
नही कर सकी थी इसलिए पूरी भरी बैठी थी ,,,ऑर रास्ते मे माँ ने मेरे लंड को इतना मसला था कि मैं भी बस मोके की
तलाश मे था कि कब मोका मिले ऑर मैं अपना मूसल घुसा दूं माँ की गान्ड मे,,,,मेरे लंड को सहलाने की वजह
से माँ की आग भी कुछ ज़्यादा भड़क गई थी,,,वो भी बस जल्दी से मोका देख कर मेरे लंड को गान्ड मे लेना चाहती
थी,,,,,
सोफे पर बैठे हुए मैं अपनी टी-शर्ट उतार चुका था ऑर माँ की कमीज़ भी उतर गई थी,,,,मैं ऑर माँ किस करते हुए
एक दूसरे के जिस्म पर हाथ फेरने लगे थे,,,,मेरे हाथ माँ की ब्रा के उपर से माँ के बूब्स को सहलाना शुरू कर
चुके थे ऑर माँ के हाथ भी मेरी चेस्ट पर घूमने लगे थे ,,,मैं माँ को किस करते हुए करण की तरफ देखने
लगा वो उठा ऑर जल्दी से भाग कर बाहर की तरफ चला गया शायद गेट को अच्छी तरह बंद करने गया था फिर वापिस
आके उसने घर के अंदर वाला मेन डोर भी लॉक किया ऑर सोफे पर हम लोगो की तरफ बढ़ने लगा ,,आगे की तरफ चलते
हुए उसने अपने कपड़े खोलना शुरू कर दिए,,,पहले टी-शर्ट ऑर बनियान निकाल दी फिर बूट उतार कर जल्दी से पैंट भी
निकाल कर एक दम नंगा हो गया ,,,उसने भी नीचे अंडरवेार नही पहना था ,,,,या तो शुरू से नही पहनता होगा या
फिर मेरी तरह जबसे घर मे चुदाई का सुख लेना शुरू किया होगा तबसे पॅंट के नीचे अंडरवेार डालने की आदत
छोड़ चुका होगा,,,,जहाँ मैं ओर माँ 2 मिनट मे आधे नंगे हुए थे वहीं करण 2 मिनट मे पूरा नंगा
हो गया था,,
माँ ने मुझे किस करना बंद किया ऑर करण की तरफ देखने लगी,,,,करण नंगा सोफे के करीब खड़ा हुआ था ऑर
हम दोनो उसके ऐसे नंगा खड़ा देख कर हँसने लगे,,,,जहाँ मेरा ऑर माँ का बुरा हाल था वहीं करण का तो
हमसे भी ज़्यादा बुरा हाल था,,,,,
माँ ने हाथ उठाकर करण का हाथ पकड़ा ऑर उसको अपने साथ सोफे पर बिता लिया करण भी जल्दी से बैठ गया ,,माँ
बीच मे थी जबकि मैं ऑर करण माँ की दोनो तरफ बैठ गये थे,,माँ पहले तो मेरी तरफ फेस करके बैठी हुई
थी ऑर मुझे किस कर रही थी लेकिन करण के बैठने के बाद माँ एक दम सीधी बैठ गई उसने ना तो मेरी तरफ फेस
किया ऑर ना ही करण की तरफ,,,वो तो बस अपनी पीठ सोफे से सटा कर आराम से बैठ गई ,,वो जैसे मुझे ऑर करण को ये
बोल रही थी कि मुझे कुछ नही करना तुम दोनो ही मिलकर मुझे खुश करो,,,,करण तो नंगा था ऑर उसने जल्दी से
माँ के लिप्स पर अपने लिप्स रख दिया ऑर माँ को किस करने लगा माँ भी पल भर मे उसकी किस का रेस्पॉन्स देने लगी
तभी मैं उठा ऑर मैने भी अपने कपड़े निकाल दिए ऑर नंगा होके वापिस सोफे पर बैठ गया ,,,करण ऑर माँ दोनो
किस कर रहे थे करण का एक हाथ माँ के बूब्स को ब्रा के उपर से मसल रहा था ऑर माँ का हाथ भी उसके लंड पर
चला गया था ऑर माँ ने उसके लंड को हाथ मे लेके मसलना शुरू कर दिया था ,,,मैं भी माँ की दूसरी तरफ बैठ
गया था मैने माँ के एक बूब को हाथ मे लिया ऑर मसल्ने लगा करण ने दूसरे बूब को पकड़ लिया कुछ देर तो मैं
मसलता रहा लेकिन फिर मेरे से रहा नही गया तो मैने बूब को ब्रा के उपर से बाहर निकाल लिया ऑर मुँह मे भर लिया
माँ ने जल्दी से अपनी पीठ को सोफे से थोड़ा आगे किया ऑर अपने दोनो हाथ पीठ पर ले गई ऑर जल्दी से अपनी ब्रा खोल दी
ऑर फिर मेरे सर को अपना हाथ मे पकड़ा ओर मुझे जबरदस्त किस करने लगी ,,
माँ मेरे लिप्स को अपने मुँह मे भरके चूसने लगी ऑर अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह के अंदर हर कोने मे अच्छी तरह
टच करने लगी ,,इधर उधर घुमाने लगी ,,मैं भी माँ के मुँह मे अपनी ज़ुबान घुसा कर माँ के मुँह का
अंदर से मुआयना करने लगा ,,माँ का लोवर लिप्स मेरे लिप्स मे जकड़ा हुआ था जबकि मेरा उपर वाला लिप्स माँ के
लिप्स मे क़ैद हो गया था ,,माँ मेरे लिप्स को चूस चूस कर मेरे रस को पीने मे लगी हुई थी ऑर मैं भी माँ के लिप्स
को कस्के अपने लिप्स मे जाकड़ कर चूस्ता जा रहा था ,,माँ के सॉफ्ट सॉफ्ट लिप्स मेरे मुँह मे घुलते ही जा रहे थे ऑर
मैं उन घुलते हुए लिप्स के रस को पीता हुआ अपने गले से नीचे गटाकता जा रहा था,,,मेरा हाथ माँ के बूब पर था
ऑर मैं उस बूब को हाथ मे लेके मसल्ने लगा तभी मैने हाथ आगे करके दूसरे बूब को पकड़ने की कोशिश की
तो मेरा हाथ करण के सर पर लग गया मैं समझ गया कि वो माँ के दूसरे बूब को मुँह मे भरके चूस रहा होगा,,
मेरा हाथ माँ के बूब को मसल्ने लगा तो माँ का हाथ भी मेरे लंड पर चला गया माँ का एक हाथ मे मेरा लंड
था जबकि दूसरे हाथ मे करण का लंड ,,,माँ दोनो लंड को बड़े प्यार से उपर से नीचे तक मसल्ति हुई मूठ मार
रही थी,,बीच बीच मे माँ मेरे लंड की टोपी को अपनी हाथ की मुट्ठी मे भरके हल्के से दबा रही थी जिस से पूरे
लंड मे एक तेज मस्ती की लहर दौड़ जाती थी,,लंड की नसों मे खून पूरी तेज़ी से दौड़ने लगता था ऑर लंड मे रुक रुक
कर एक हल्का मीठा दर्द होने लगता था जिस से मेरी मस्ती कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई थी ऑर उसी मस्ती मे मैं माँ के
लिप्स को चूस्ता ही जा रहा था ऑर साथ ही बड़े प्यार से लेकिन थोड़ा ज़ोर लगा कर माँ के बूब को भी मसल रहा था,,,कुछ
देर बाद माँ ने मेरे लिप्स से अपने लिप्स दूर कर लिए ऑर वापिस करण के सर को अपने बूब से हटा कर उसके लिप्स पर
किस करने लगी ,,मेरे लिप्स फ्री होते ही मैने अपने लिप्स को माँ मे बूब की तरफ मोड़ दिया ऑर जल्दी से माँ के बूब को
मुँह मे भर लिया ,,मैं माँ के बूब को अपने दोनो हाथों मे पकड़ कर ज़ोर से दबा रहा था ऑर बूब की डुँड़ी को
अपने दाँतों मे हल्के से दबा कर काट रहा था ऑर बीच बीच मे हल्की ज़ुबान से बूब के उपर बनी डुँड़ी ऑर
उसके आस पास के हल्के ब्राउन कलर के राउंड को अपनी ज़ुबान से चाटने लग जाता फिर वापिस मुँह मे भर लेता,,
|