RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाई ऐसा मत कर मेरे साथ प्लज़्ज़्ज़ क्यू बार बार मुझे तंग करता है तू,,,क्यू ऐसी हरकत करता है कि मैं तेरे से गुस्सा
होने पर मजबूर हो जाती हूँ,,,,पहले तो तू ऐसा नही था अब कुछ महीनो मे तुझे क्या हो गया है ,,क्यू हम दोनो भाई
बेहन जो बहुत अच्छे दोस्त थे एक दूसरे के बिना नही रहते थे क्यू अब हम दोनो दूर दूर रहने लगे है ,,क्यू भाई
ऐसा क्या हो गया तुझे कुछ महीनो मे जो तू इतना बदल गया है,,,,इतना बोलते टाइम उसकी आँखों मे नमी आ गई,,,
बोल दिया जो बोलना था,,,,,अब मैं जा सकता हूँ क्या,,,,,,मैने उसके उदास चेहरे ऑर नम आँखों की भी कोई परवाह नही
की,,,ऐसा नही कि मैने परवाह नही की लेकिन मैं उसको ये जताना नही चाहता था क्यूकी अगर उसको पात चला जाता या ज़रा सा भी शो हो जाता कि मुझे उसके उदास चहरे की या नम आँखों की थोड़ी सी भी परवाह है तो वो मुझपे हावी हो जाती जो मेरे लिए अच्छी बात नही थी,,,क्यूकी अगर वो हावी हो जाती तो ऑर भी ज़्यादा ख़तरनाक हो जाती,,,,
नही जा सकते तुम भाई,,,पहले मेरी बात का जवाब दो,,,,ऐसा क्या हो गया तुझे कुछ महीनो मे जो तू इतना बदल गया,,,
मुझे नही पता मुझे क्या हुआ है बस इतना पता है मैं वो सन्नी नही रहा अब जो पहले था,,,अब मैं बुरा इंसान
बन गया हूँ बुरा भी नही बहुत ज़्यादा बुरा,,,तू दूर रहा कर मेरे से,,,,
मैं दूर नही रहूंगी तेरे से,,ऑर तू बुरा नही है भाई तू तो बहुत अच्छा है,,,लोगो की हेल्प करता है,,,,वो तो तेरा दोस्त
करण है जिसकी वजह से तू ऐसी हरकते करने लगा है ऑर उसकी वो कमीनी बेहन शिखा ,,उन दोनो ने ही तेरा दिमाग़ खराब किया है भाई,,,,वो अच्छे लोग नही है तू उनसे दूर रहा कर भाई,,,वही लोग तेरे को बुरा बना रहे है,,,,उनकी संगत मे
रहना बंद कर देगा तो खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगा तू भाई,,,,,
मैं सोचा कि अब इसको क्या बोलू कि मैं उनकी संगत मे रहके बुरा नही बना बल्कि वो दोनो मेरी वजह से इस रास्ते पर
चलने लगे है,,,मेरी वजह से आज करण अपनी बेहन शिखा के साथ मस्ती करता है,,,
मुझे किन लोगो के करीब रहना है ऑर किन लोगो से दूर रहना है मैं अच्छी तरह जानता हूँ,,,,ऑर मैं अच्छा इंसान नही
हूँ बहुत बुरा हूँ,,,,तू मेरे से दूर रहा कर बस,,,,तेरे लिए यही ठीक रहेगा,,,,,,
मैने बोला ना मैं तेरे से दूर नही रहूंगी ,,,बचपन से हम दोनो साथ साथ है तो भला अब मैं तेरे से दूर क्यू
रहूं ,,,वो थोड़ा गुस्से से ऑर चिल्ला कर बोल रही थी,,,,,,,,,
मैं थोड़ा सहम गया था उसके गुस्से से,,,,,लेकिन मैने शो नही किया,,,,,
ऑर तुझे किसने बोला भाई तू बुरा है,,तू तो बहुत अच्छा है,,,,उस दिन मैने अपनी आँखों से देखा था,,,,
मैं साला सोच मे पड़ गया कि अब इसने क्या देखा लिया,,कहीं कुछ ऐसा वैसा तो नही देख लिया,,,,अब तो बेटा सन्नी तू
गया काम से अब ये नही छोड़ने वाली तेरे को,,,,कच्चा चबा जाएगी ओर सारा खून भी निचोड़ कर पी जाएगी,,,,
क्या देखा तूने,,,,? मैने हैरान होके पूछा,,,,,
मैने देखा था भाई उस दिन कॉलेज मे वो लड़का जिसका हाथ टूटा हुआ था ऑर कुछ लड़के उसको मार रहे थे ,,पूरा
कॉलेज खड़ा तमाशा देख रहा था किसी ने हिम्म्त नही की उस लड़के को बचाने की लेकिन तू आगे गया था भाई उस लड़के
की हेल्प करने के लिए,,,,तूने उस लड़के को बचाया था उन लड़को से जो उसको मार रहे थे,,,,ऑर आज मुझे पता चला कि तूने कविता के घर की सारी प्रोबलंस दूर करदी है,,,मैने देखा था सूरज भाई ऑर कामिनी भाभी को,,,उनकी आँखों से निकलने
वाले खुशी के आँसू भी देखे थे वो लोग तुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल बोल कर थक नही रहे थे,,,तूने उनकी फॅमिली मे दोबारा
से खुशियाँ भर दी है भाई,,,वो लोग कितना खुश थे,,,,,तुझे पता है ना कि कुछ टाइम से उनके घर के हालात ठीक नही
थे कोई दिन ऐसा नही था जब उनके घर मे फाइट नही होती थी,,कोई दिन ऐसा नही था जब उनके घर मे कामिनी ऑर कविता रोती नही थी लेकिन आज वो सब लोग खुश है ,,,ऑर उन लोगो के चहरे पर खुशी की वजह तुम हो भाई,,,,शोबा दीदी ने तो बस उनकी हेल्प करने की कोशिश की थी लेकिन असली हेल्प तो तूने की उनकी भाई,,,मुझे कविता ने सब बता दिया कैसे तुम अपने किसी दोस्त के फादर के पास जो एक बहुत अच्छे डॉक्टर है तुम उनके पास कामिनी भाभी को लेके गये ऑर उनका एलाज़ शुरू करवा दिया,,,कैसे तुम्हारी वजह से आज भाभी इतना खुश है,,,,,सूरज खुश है ,,,कविता खुश है,,,,,ऑर उन लोगो की वजह से मैं भी बहुत खुश हूँ भाई,,,,इतना बोलकर सोनिया मेरे करीब आ गई ऑर मेरे गले मे बाहें डालके मुझे हग करके रोने लगी,,,,
तुम बहुत अच्छे हो भाई,,,,सबका कितना ख्याल रखते हो सबकी हेल्प करते हो,,,फिर इतना बुरा काम क्यूँ करते हो,,,मैं जानती हूँ तुम बुरे नही तुम बस करण की वजह से ऐसी हरकते करते हो,,,,
वो पता नही क्या क्या बोलती जा रही थी मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कुछ सुनाई नही दे रहा था मैं तो बस उसके
इतने करीब होने से उसके जिस्म के एहसास से उसके बदन की खुश्बू से मदहोश होके किसी ऑर ही दुनिया मे पहुँच गया
था,,,,तभी ना जाने कब मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर गर्दन के थोड़ा नीचे चला गया ऑर एक हाथ जिसको मैं उसकी पीठ
पर कुर्ते के उपर रखने वाला था वो हाथ उसकी नंगी पीठ पर उसकी गान्ड से थोड़ा सा उपर टिक गया था,,,उसका कुर्ता
वैसे तो नीचे था लेकिन जब उसके हाथ उपर उठ गये जब उसने मेरे गले मे अपनी बाहें डाली थी तो हाथ उपर उठने की
वजह से उसका कुर्ता भी उपर उठ गया था ऑर मेरा हाथ उसकी नंगी पीठ पर रखा गया था,,,मैं ऐसा नही करना
चाहता था लेकिन मैं उसके बदन की खुश्बू से मदहोश हो गया था ऑर ग़लती से उसका कुर्ता उपर उठने की वजह से मेरा
हाथ उसकी नंगी पीठ पर आ गया था,,,,
मेरा हाथ नंगी पीठ पर लगते ही उसकी आवाज़ बंद हो गई,,वो चुप हो गई,,,,
तभी मैने अपने उस हाथ को जो उसकी नंगी पीठ पर था उसको उसकी पीठ पर हल्के से सहलाया ऑर पीठ से उपर की तरफ ले आया जहाँ उसकी ब्रा थी,,मेरे ऐसा करते ही उसके बदन को तेज झटका लगा,,,,तभी मैने अपने हाथ को उसकी पीठ पर नीचे की तरफ ले जाना शुरू किया ऑर उसकी पीठ से एक तरफ करके उसकी कमर पर ले गया ऑर मुझे पता नही क्या हुआ मैने उसकी कमर को अपने हाथ मे ज़ोर से पकड़ कर दबा दिया,,
मेरे ऐसा करते ही उसके मूह से हल्की आवाज़ निकली,,,वो आवाज़ कुछ अजीब थी जैसे किसी की साँसे अटक जाती है वैसे उसकी भी साँसे अटक गई थी,,उसके उपर के साँस उपर ऑर नीचे की साँस नीचे रह गई थी,,,,तभी मैने एक बार ऑर हल्के से उसकी कमर को दबा दिया ऑर दूसरे हाथ से जो उसकी गर्दन के नीचे उसकी पीठ पर था उस से उसको अपने ऑर करीब करके अपने से सटा लिया,,अब वो मेरे इतने करीब थी कि उसके बूब्स मेरी छाती पर दब रहे थे,,हम लोगो मे इतनी जगह भी नही थी कि हवा भी बीच से गुजर सके,,,,तभी मैं अपने लिप्स को उसके कान के करीब कर दिया ,,,,ऑर प्यार से हल्की मदहोशी मे बहुत स्लो आवाज़ मे उसको बोलने लगा,,,,,,
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