RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हम लोग अभी बैठे ही थे कि मेरा फोन बजने लगा,,,,मैने देखा तो ये फोन अमित के बाप का
था,,,मुझे पता था ये फोन ज़रूर करेगा और बहुत जल्दी ही करेगा,,,और ऐसा ही हुआ,,क्यूकी करण और
रितिका की शादी से ज़्यादा जल्दी थी उसको उन सीडीज़ को अपने हाथ मे लेने की,,,
मैं कविता और सोनिया के सामने बात नही कर सकता था इसलिए मैं शोबा के रूम मे चला गया,,,सोनिया
और कविता ने मुझे बड़े शक की नज़र से देखा जब मैं फोन आते ही रूम से बाहर चला गया था,,
हेलो ,,सन्नी बेटा,,,कैसे हो
हेलो अंकल जी,,मैं ठीक हूँ आप बताओ इतनी रात को फोन कैसे किया,,,कोई काम था क्या,,
अरे बेटा काम था तभी फोन किया,,,,तूने बोला था ना कि तू सुमित से वो सीडीज़ लाके हमे दे सकता है ,,
हाँ अंकल जी बोला था,,,,और बदले मे कुछ माँगा भी था आपसे,,,
हां हां याद है बेटा ,,,,करण और रितिका की शादी ना,,,,,हो जाएगी उन दोनो की शादी मैने रितिका के बाप
से बात करली है वो तैयार है उन दोनो की शादी के लिए,,,
ये तो अच्छा बात है अंकल जी,,,तो बोलो कब करनी है शादी,,,
जब तुम सीडीज़ हमे लाके दोगे सन्नी बेटा,,,,
वो तो मैं ले आउन्गा अंकल जी ,,,लेकिन आप बोलो कि कब चाहिए सीडीज़ ,,,,
मुझे तो अभी लाके देदे बेटा वो सीडीज़ अगर ला सकता है ,,,,तुझे नही पता वो सीडीज़ कितनी ज़रूरी है हम लोगो
के लिए,,,,
जानता हूँ अंकल जी तभी तो आप लोग रितिका की शादी करन से करने के लिए राज़ी हुए हो,,,
हाँ बेटा,,,तभी तो तैयार हुआ है रितिका का बाप उसकी शादी के लिए,,,,तू जितनी जल्दी हो सके हम लोगो को वो सीडीज़
'लाके देदे और हम रितिका की शादी करण से करवा देंगे,,,,हो सके तो कल ही लाके देदे वो सीडीज़,,,
इस से पहले मैं कुछ बोलता मैने फोन के पीछे से सुना कि कोई और भी था वहाँ अमित के बाप के पास और
शायद वो कोई और नही पायल भाभी थी,,,और साथ मे रितिका का बाप भी था,,,मुझे उनकी आवाज़ तो सुन गई थी
लेकिन ये नही सुन सका मैं कि वो लोग बात क्या कर रहे थे,,,,
ठीक है अंकल जी मैं कोशिश करूँगा क्यूकी जितनी जल्दी आप लोगो को है उस से कहीं ज़्यादा जल्दी मुझे है
रितिका और करण की शादी की,,,
तो ठीक है बेटा हमे वो सीडीज़ कल लाके देदे हम कल ही शादी करवा देते है इन लोगो की,,,,अंकल ने इतना
बोला और फोन कट कर दिया,,,,
मैं थोड़ा टेन्षन मे आ गया,,,,साला रितिका का बाप इतनी जल्दी कैसे मान गया,,,,और पायल क्या कर रही है
उन लोगो के पास,.,,,,,क्या वो कोई गेम खेल रही है हम लोगो के साथ,,,क्या वो उन लोगो से मिली हुई है,,नही
ये नही हो सकता क्यूकी रितिका को पूरा यकीन था पायल भाभी पर,,,,लेकिन जो आवाज़ मैने सुनी थी वो भी
पायल भाभी की थी ये मुझे यकीन था,,,
खैर मैं बात करके वापिस सोनिया और कविता के पास चला गया,,,,मैं वहाँ पहुँचा तो सोनिया और कविता
दोनो बड़ी खुश थी,,,दोनो बुक्स को मुँह पर रखकर ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी,,,जैसे ही मैं रूम मे एंटर
हुआ उन दोनो ने मुझे शक की नज़र से देखा और चुप कर गई,,,
अरे ये क्या बात हुई अभी तुम दोनो इतना खुश थी और अभी एक दम से चुप हो गई,,,भला मुझे भी तो पता
चले कि इतनी खुशी का राज़ क्या है,,,,
कुछ नही भाई कविता ने एक बड़ा अच्छा जोक सुनाया था उसी पर हंस रही थी हम दोनो,,,
अच्छा मुझे भी सूनाओ ,,पता तो चले ऐसा कॉन्सा जोक था जो तुम दोनो इतनी ज़ोर से हंस रही थी,,
फिर कविता ने जोक सुनाया तो मैं भी हँसने लगा साथ मे कविता और सोनिया भी,,,,कुछ देर बाद सब चुप
हुए तो मैने एक जोक सुना दिया और फिर से सब पागलो की तरह हँसने लगे,,,,हम लोग इतना खुश थे कि मुझे
अपने पुराने दिन याद आ गये जब हम लोग अक्सर ऐसे ही हँसते खेलते थे,,,,पता नही किसकी नज़र लग गई थी
हम लोगो को,,,
उसके बाद काफ़ी टाइम तक हम लोग जोक्स ही सुनाते रहे एक दूसरे को और हँसते खेलते रहे,,,,,हम लोगो को काफ़ी
रात हो गई थी मस्ती करते जोक सुनाते हुए,,,,फिर सोनिया ने बोला कि उसको नींद आ गई है वो सोने लगी है तो
इस बात पर भी कविता ने उसका मज़ाक बना दिया,,,,,
हां हां सो जाओ महारानी जी,,,,,अभी स्टडी कर रही होती तो नींद नही आती तुझे और जोक्स पर हंस कर इतना थक
गई कि इतनी जल्दी नींद भी आने लगी,,,,,,सोनिया उसकी बात पर हँसने लगी लेकिन वो उठी नही बल्कि कॅंबल लेके
लेट गई,,,,,फिर मैं और कविता बातें करने लगे ,,कविता ने भी बुक साइड पर रख दी ,,,,,हम दोनो बात
भी करने लगे और साथ साथ जोक्स भी चलते रहे लेकिन हम लोगो को सोनिया के उठने का डर था,,,हम लोग
जोक्स पर इतना ज़ोर से हंस रहे थे कि डर था कहीं सोनिया जाग नही जाए क्यूकी वो सो चुकी थी,,,तभी कविता
ने मुझे इशारा किया धीरे हँसने का लेकिन मैने मुँह पर हाथ रखके हँसी को दबा लिया और ऐसे ही कविता
को इशारा कर दिया कि हम लोग साथ वाले रूम चलते है,,,,,उसने भी हाँ मे सर हिला दिया,,,
हम लोग उठे और रूम की लाइट ऑफ करके हल्के कदमो से चलके शोबा के रूम मे चले गये,,,और शोबा
के रूम मे जाके कविता थोड़ा टेन्षन मे आ गई क्यूकी वहाँ एक ही बेड था,,,,कविता ने जब बेड की तरफ
देखा तो वो थोड़ा सहम गई इस बात का मुझे पता चल गया,,,,तभी मैने आगे बढ़ कर आधे बेड से एक
मॅट्रेस खींच लिया और उसको नीचे ज़मीन पर लगा लिया और कविता को बेड पर जाने को बोला और खुद ज़मीन
पर लगे मॅट्रेस पर बैठ गया,,,,कविता ने मेरी तरफ हंस कर देखा और बेड पर उपर चली गई,,,जबकि मैं
बेड के नीचे लगे मॅट्रेस पर बैठ गया,,,
कविता बेड की बॅक से पीठ लगा कर बैठ गई जबकि मैं ज़मीन पर लगे मॅट्रेस पर बैठ गया ,,मेरे दोनो
हाथ बेड पर थे और मेरा सर उन दोनो हाथों के उपर था,,,मैं दोनो हाथों को बेड पर रखके अपने
सर को दोनो हाथों पर टिका कर कविता से बातें करने लगा,,,वो बेड की बॅक से पीठ लगा कर अपनी टाँगे
फैला कर बैठी हुई थी,,,,उसके दोनो पैर मेरे करीब थे,,,,रूम मे बहुत हल्की रोशनी थी क्यूकी मैने
छोटी लाइट ऑन की हुई थी,,,,,हम लोग फिर से बातें करने लगे और जोक्स सुनाने लगे,,,,
वो मेरे से कहीं ज़्यादा तेज थी जोक्स सुनाने मे ,,,,मेरे 3-4 जोक्स पर हम लोगो को इतनी हँसी नही आती थी
जितनी हँसी मुझे उसके एक जोक पर आती थी,,,,मैं हँसते हुए अपने पेट को पकड़ लेता था कभी कभी,,,फिर
उसने इतना मस्त जोक सुनाया कि मैं हँसते हुए ज़मीन पर लॉट-पोट होने लगा और मेरी आँखों से पानी निकलने
लगा मारे खुशी के,,,,,वो मुझे हँसता देख कर बहुत खुश थी,,,मुझे भी उसकी मुस्कान से पता चल रहा
था कि वो अपने जोक पर नही बल्कि मुझे हँसता देख कर खुश हो रही थी,,,उस टाइम उसके भोले भाले फेस
पर वो मुस्कान सीधा मेरे दिल मे उतर रही थी,,,वो मुस्कुराती हुई इतनी प्यारी लग रही थी कि मैं बता नही
सकता,,,,,
इस से पहले कि मैं खुद पर क़ाबू करता उसने एक और जोक शुरू कर दिया और उस जोक पर तो मैं इतना ज़ोर से
हँसने लगा कि मेरे पेट मे दर्द होने लगा,,,,,,,,,,,,,मैं हँसते हुए बेड पर अपने सर को झुका कर बैठ
गया और अपने मुँह को बेड पर दबाने लगा ताकि मेरी हँसी की आवाज़ रूम से बाहर नही जाए,,,,,तभी हँसते हुए
मैने कविता से बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बस कर कविता इतना मत हंसा मुझे कहीं हँसते हुए मेरी जान ही
ना निकल जाए,,,,,,,,,
मैने इतना बोला था कि उसने जल्दी से आगे बढ़ कर मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,खबरदार अगर ऐसी बात
बोली तूने,,,,,मरे तेरे दुश्मन,,,,,इतना बोलते टाइम कविता की आँखें नम हो गई,,,,
मैने उसकी तरफ देखा तो वो कुछ अलग लगने लगी थी मुझे,,,कुछ अपनी लगने लगी थी,,,तभी मैने उसके
हाथ को जो मेरे मुँह पर था उसको अपने हाथ से अपने मुँह से हटा दिया,,,,,अरे पगली मैं तो मज़ाक कर
रहा था,,,,
नही सन्नी प्ल्ज़्ज़ ऐसी बात तू कभी मज़ाक मे भी नही बोलना दोबारा कभी,,,,,इतना बोलकर वो बेड से आगे की
तरफ झुकी और मेरे लिप्स पर हल्की किस करदी,,,,,तूने अगर ऐसी बात फिर कभी अपने मुँह पर लेके आई तो मैं
खुद तेरी जान ले लूँगी,,,,इतना बोलते ही उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,.,,मेरा कुछ ऐसा इरादा न्ही
था मैं तो जस्ट हँसी मज़ाक करने के लिए इस रूम मे आया था लेकिन उसकी एक किस ने ,,उसकी एक बात ने जिस से
सॉफ पता चल रहा था वो मेरी कितनी केर करती है,,,उस एक बात ने मुझे बहुत खुश कर दिया और उसके सॉफ्ट'
लिप्स के एहसास ने मुझे मस्त करने मे कोई ज़्यादा देर नही की,,,,
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