Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
07-16-2019, 12:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अरे अरे कहाँ चले,,,,तुम बिल्कुल वैसे ही निकले जैसा ख़ान ने बोला था,,,मैं तो बस
मज़ाक कर रही थी देख रही थी ख़ान ने जो बताया था तुम्हारे बारे मे तुम वैसे हो भी
या बस फालतू मे ख़ान तुम्हारी तारीफ कर रहा था,,,,




अच्छा ,,तो क्या सोचा अपने,,,ख़ान भाई ठीक थे मेरे बारे मे या ग़लत,,,,




100% सही था ख़ान तुम्हारे बारे मे,,,,मैं तुम्हारे साथ मज़ाक कर रही थी सन्नी,,लेकिन
तुमको हमारा यकीन करना होगा,,,,अगर हम लोगो की हेल्प चाहिए तो यकीन करना पड़ेगा
हम लोगो पर,,,जानती हूँ आजकल की दुनिया मे राजनीति करने वालो का यकीन करना मुश्किल
है लेकिन सब लोग एक जैसे नही होते सन्नी,,,,,,,जैसे तुम अमित को सज़ा दिलवा कर अपने
कॉलेज और कॉलेज की लड़कियों को अमित से छुटकारा दिलवाना चाहते हो वैसे ही हम लोग
सेठी को इस पॉलिटिक्स की दुनिया से दूर करना चाहते है क्यूकी वो अपनी पवर का ग़लत यूज़
करता है,,,,हम दोनो का मक़सद एक ही है सन्नी,,,,,तुम वो वीडियो मुझे नही दे सकते लेकिन
मुझे दिखा तो सकते हो ना,,,,,




जी ज़रूर दिखा सकता हूँ,,,जब भी आप बोलो,,,,,,




क्या अभी दिखा सकते हो,,,,,,





वो वीडियो मेरे लॅपटॉप मे थी और लॅपटॉप अभी मेरे पास था लेकिन मैं इतनी जल्दी नही करना
चाहता था इसको वीडियो दिखाने मे ,,,



जी अभी तो नही दिखा सकता क्यूकी वो वीडियोस मेरे पास नही है अभी ,,,किसी महफूज जगह
पर है,,,लेकिन जब भी आप बोलो मैं वीडियोस आपको दिखा दूँगा,,,,




तो ठीक है,,,,,अभी तुम जाओ मैं मंत्री जी से बात करके तुमको बता दूँगी,,,उसने इतना
बोला और अपनी कुर्सी से खड़ी हो गयी,,,,फिर मेरी तरफ हाथ बढ़ाया और मैं भी उस से हाथ
मिलाकर दरवाजे की तरफ बढ़ने लगा,,,




एक मिंट रूको सन्नी,,,,तुम ये सब बात करने यहाँ आए हो इस ऑफीस मे ये सब बात तो ख़ान
मेरे साथ फोन पर भी कर सकता था,,,,मुझे तो लगा था तुम सबूत लेके आओगे,,,



मैं सबूत साथ मे लेके नही घूमता मधु मेडम,,,,और ख़ान भाई आपको पूरी बात नही
बता सकते थे,,,,,,,,,,,,क्यूकी मरने वाली लड़कियों मे से एक लड़की ख़ान भाई की बेहन
थी,,,,,



मेरी बात सुनके मधु का मुँह खुला का खुला रह गया,,,,,,वो कुछ नही बोल सकी,,,,और मैं
दरवाजा खोलके ऑफीस से बाहर आ गया,,,,,,,,



वहाँ से कार लेके चला ही था कि मुझे कविता का फोन आ गया,,,,मैने फोन पर बात
करनी शुरू की तो पीछे से मुझे सोनिया की आवाज़ आ रही थी जो किसी से बहस कर रही थी
किसी बात पर,,,

हेलो सन्नी कहाँ हो तुम ,,,जल्दी से अपने घर आ जाओ,,,वो थोड़ी परेशान लग रही थी



क्या हुआ कविता इतनी परेशान क्यूँ हो,,,,और ये पीछे से सोनिया की आवाज़ आ रही है किस से
झगड़ा कर रही है वो,,,,



किसी से नही तुम बस जल्दी से अपने घर आ जाओ,,,,इतना बोलकर कविता ने फोन काट दिया



मैं भी थोड़ा परेशान हो गया क्यूकी कविता भी परेशान थी,,,मैं तेज़ी से कार चलाता हुआ
घर की तरफ चल पड़ा,,,,,



घर पहुँचा तो देखा कि सोनिया पोलीस वालो से बहस कर रही थी ,,,,जो पोलीस वाले घर
की निगरानी कर रहे थे,,,,



मैं कार से उतर कर सोनिया के पास गया तो सोनिया घर के अंदर जाने की कोशिश कर रही
थी जबकि वो लोग उसको अंदर नही जाने दे रहे थे,,,,


अरे हमारा घर है और हम लोग अंदर क्यूँ नही जा सकते,,,,सोनिया गुस्से से बोल रही थी उन
लोगो को,,,,



देखिए मेडम अभी जाँच-पड़ताल बाकी है जब तक हम लोगो का काम पूरा नही हो जाता हम
आपको अंदर नही जाने दे सकते,,हम लोगो को उपर से ओरडर है,,हम कुछ नही कर सकते,,



लेकिन सोनिया उनकी बात नही सुन रही थी,,,,क्या करती वो है ही इतनी ज़िद्दी,,,,



तभी मैने ख़ान भाई को फोन किया ,,पहले तो दूर हटके वो सारी बात बताई जो मधु के
ऑफीस मे हुई फिर सोनिया और पोलीस वालो की बहस के बारे मे बताया,,,ख़ान भाई ने मुझे
फोन उन पोलीस वालो को देने को बोला,,,,



उन लोगो ने ख़ान भाई से बात की और हम लोगो को अंदर जाने दिया,,,,



ख़ान भाई ने मुझे बता दिया था कि पोलीस अपना काम कर चुकी है और फ़ौरेंसिक टीम ने भी
अपना काम ख़तम कर लिया है,,,,,अब हम लोग घर के अंदर जा सकते है,,,क्यूकी जो भी
जाँच पड़ताल थी वो उसी जगह पर ज़्यादा थी जहाँ खून गिरा हुआ था जबकि घर के
अंदर से कुछ ज़्यादा सबूत नही मिले थे,,,,क्यूकी अंदर बस चोरी हुई थी और कुछ नही,,



हम लोग घर के अंदर चले गये ,,,,



तभी अंदर जाके कविता मुझसे बोली,,,थॅंक्स सन्नी तू आ गया ये सोनिया की बच्ची ने तो नाक
मे दम किया हुआ थे मेरे,,,मैं कब्से बोल रही थी कि पोलीस वालो से बहस मत कर लेकिन
ये थी कि मेरी बात ही नही सुन रही थी


तो क्यूँ ना करती बहस मैं,,,,हम लोगो का घर है और वो हम लोगो को ही अंदर नही जाने
दे रहे थे,,,,सोनिया थोड़ी गुस्से मे बोली और आगे चलके घर मे घुस गयी,,



मैने कविता को चुप रहने का इशारा किया क्यूकी अगर हम लोग ज़्यादा बोलते तो सोनिया ने हम
लोगो पर सारा गुस्सा उतार देना था,,,



सोनिया अंदर गयी और घर की हालत देख कर और ज़्यादा गुस्से मे आ गयी ,,,,एक बार मुझे
मिल जाए वो लोग जिन्होने मेरे घर की ऐसी हालत की तो कसम से जान ले लूँगी उनकी,देखो
तो ज़रा क्या हालत करदी हमारे घर की,,,,कीड़े पड़े उन लोगो को,,कुत्ते की मौत मरे वो
लोग,,,,



सोनिया गुस्से मे बोल रही थी और मैं और कविता उसको देख कर हंस रहे थे,,,,तभी सोनिया
का ध्यान हम लोगो की तरफ आया तो हम लोग चुप हो गये,,,,



ऐसे हंसस क्या रहे हो तुम दोनो,,,,चलो मेरी हेल्प करो,,,,,



कविता==========हेल्प ?? कैसी हेल्प???


सोनिया,,,,अरे घर को ठीक करने मे और भला क्या हेल्प चाहिए मुझे तुम लोगो से,,


तभी कविता मेरे से बोली,,,,,सन्नी क्या हम ऐसा कर सकते है,,,समान को हाथ लगा सकते
है,,,क्या पोलीस वाले,,,,,



वो अभी बोल ही रही थी कि मैं बीच मे बोल पड़ा,,,,,,हां कविता मेरी ख़ान भाई से बात
हो गयी है हम लोग समान को हाथ भी लगा सकते है और यहाँ रह भी सकते है अब,,


मैं यहाँ रहना तो नही चाहता था लेकिन कॉलेज मे अमित और सुरेश ने काफ़ी हद तक ठीक
ढंग से बात की थी मेरे साथ इसलिए मुझे नही लगता था हम लोगो को यहाँ रहने मे कोई
ख़तरा हो सकता है,,,,वैसे भी घर वाले तो दूर है महफूज है ,,,अगर कोई ख़तरा हुआ
भी तो मुझे सिर्फ़ सोनिया को बचाने का काम करना होगा जो काम मैं अपनी जान देके भी कर
सकता हूँ,,,,,




जब मैने कहा कि हम लोग यहाँ रह सकते है तो सोनिया खुश हो गयी और लग गयी घर की
हालत को ठीक करने ,,कविता भी उसकी हेल्प करने लगी,,,,



ओये तू क्यूँ बुत बनके खड़ा हुआ है ब्लॅकी चल तू भी हाथ लगा और हेल्प कर घर की सफाई
करने मे,,,,,,


नही अभी नही मुझे बहुत भूख लगी है पहले कुछ खिलाओ मुझे तभी कुछ काम कर सकता
हूँ मैं,,,,वैसे भी लंच टाइम हो गया है,,,,



तभी कविता बोली,,,,,,,,,ठीक है सन्नी मैं किचन का समान ठीक करती हूँ और फिर
खाना भी पका देती हूँ तुम तब तक सोनिया के साथ मिलकर नीचे वाले फ्लोर की हालत ठीक
करदो,.,,,,,




मैं और सोनिया मान गये और चले गये मोम और डॅड के रूम मे,,,,कविता चली गयी किचन मे
वैसे भी किचन मे ज़्यादा नुकसान नही हुआ था,,,कुछ बर्तन ही इधर उधर ज़मीन पर
पड़े हुए थे,,,,,,
Reply
07-16-2019, 12:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कविता किचन मे समान को अपनी जगह पर रखकर खाना पकने की तैयारी करने लगी जबकि
मैं और सोनिया मों दाद के रूम मे जाके वहाँ के सामान को ठीक करके रखने लगे,,पहले तो
हम लोगो ने सभी कपड़े उठाकर अच्छी तरह से तह लगा कर एक तरफ रख दिए और फिर रूम
मे जो समान टूट गया था उसको उठाकर बाहर गेट के पास रख दिया,,,हम लोग बाहर गये तो
देखा कि बाहर जो पोलीस वाले ड्यूटी कर रहे थे अब वो लोग वहाँ नही थे,,,,


हम लोग काफ़ी टाइम से रूम की सफाई कर रहे थे इसलिए पसीने से भीग गये थे जब मोम
और डॅड का रूम ठीक तरह से सेट हो गया जिसमे हमे 1 अवर से भी ज़्यादा का टाइम लग गया
था ,,फिर हम लोग नीचे के दूसरे रूम मे चले गये जो रूम मामा का था,,,

( मतलब विशाल का था )

वो रूम स्टोर रूम भी था इसलिए वहाँ कुछ ज़्यादा समान पड़ा हुआ था,,,हम लोगो को इतना
काम करने की आदत नही थी खांसकार सोनिया को तो बिल्कुल भी नही ,,,,वो तो किचन मे भी
कोई काम नही करना जानती थी ,,,बस माँ के साथ मिलकर कभी सब्जी काट देती थी,,जबकि
कविता को किचन का सारा काम आता था,,,


हम लोगो का पूरा बदन पसीने से भीग गया था,,,हालाकी सर्दी का मौसम शुरू हो गया था
और हम लोगो को जब गर्मी का एहसास हुआ तो हम लोगो ने एसी भी ऑन कर लिया था लेकिन फिर
भी इतनी मेहनत करते हुए हम लोगो को पसीना आ ही रहा था,,,यहाँ पर समान जो इतना
ज़्यादा था कि ज़्यादा मेहनत करनी पड़ रही थी,,,,मेरा तो ठीक था लेकिन सोनिया थक गयी
थी वो बड़ी आराम से काम कर रही थी ,,मुझे ज़्यादा गर्मी लग रही थी इसलिए मैने अपनी
टी-शर्ट निकाल दी,,,मेरे ऐसे करने से सोनिया ने एक बार मुझे घूर कर देखा और जब मैने
इशारा किया अपने जिस्म पर आए हुए पसीने की तरफ तो वो समझ गयी कि गर्मी की वजह से
मैने टी-शर्ट उतारी है,,,मेरी टी-शर्ट उतर गयी थी और मैं खूब मेहनत कर रहा था अब
तो ज़्यादा ही मेहनत करनी पड़ रही थी मुझे क्यूकी सोनिया जो थक गयी थी,,,,


तभी मैं और सोनिया ज़मीन पर गिरी हुई एक लोहे की अलमारी को ज़मीन से उठाकर वापिस उसकी
जगह पर खड़ी कर रहे थे,,,,सोनिया थक कर चूर हो गयी थी थोड़ी ही देर मे इसलिए
उस से अब ज़्यादा ज़ोर नही लगाया जा रहा था,,,सारा ज़ोर मुझे ही लगाना पड़ रहा था लेकिन
मेरे अकेले के लिए इस अलमारी को उठाना मुमकिन नही था फिर भी मैने अपनी तरफ से अलमारी को
उठा लिया लेकिन सोनिया को मुश्किल हो रही थी वो ज़्यादा ज़ोर नही लगा पा रही थी,,तभी
मैने हल्के गुस्से से उसको देखा और इशारा किया कि वो भी ज़ोर लगाए क्यूकी अलमारी का सारा
वजन मेरे हाथों पर ही था वो तो बस अलमारी को पकड़ कर खड़ी हुई थी,,,मेरे से अलमारी
को संभालना मुश्किल हो रहा था इसलिए मैं उसको इशारा कर रहा था कि वो भी थोड़ा ज़ोर
लगाए लेकिन उस से ज़ोर नही लग रहा था,,हार कर मैने अलमारी को वापिस ज़मीन पर रख
दिया और सोनिया ने भी अलमारी के वापिस ज़मीन पर आने से चैन की साँस ली,,,तभी एक दम से
वो मेरी तरफ देखकर हँसने लगी,,,,,और हंसते हुए ज़मीन पर बैठ गयी,,,,





क्या हुआ तुझे,,, हँसने क्यूँ लगी एक दम से ,, पागल हो गयी है क्या,,,,,




नही भाई मैं तो तेरी हालत पे हंस रही हूँ ,,,कितनी मुश्किल हो रही थी तुझे अलमारी
को थामने मे ,,,और मुझसे तो थोड़ा सा भी ज़ोर नही लग रहा था इतनी ज़्यादा थक गयी हूँ
मैं,,,इतना बोलकर वो फिर से हँसने लगी,,,,


तो इसमे हँसने की क्या बात है,,,मैने थोड़ा अकड़ते हुए बोला,,,चल उठा बहुत काम बाकी
है अभी,,,




लेकिन वो मेरी बात नही सुन रही थी बस हँसती जा रही थी,,,,


क्या हो गया तुझे पागल तो नही हो गयी,,,बिन वजह क्यूँ हंस रही है,,,



पता नही भाई,,,,बहुत हँसी आ रही है मुझे एक दम से,,,वो हँसती जा रही थी ,,,,



अच्छा अच्छा हंसले ,,,,वैसे भी तू पागल है और बिन वजह हँसने वाले को पागल ही समझते है
लोग,,,,,हंसले जितना हँसना है,,,,काम तो बाद मे भी हो जाएगा,,,,,




मेरे इतना बोलने से वो कुछ देर चुप हुई और वापिस फिर से हँसने लगी,,,,,


अब क्या हो गया ,,एक पल के लिए चुप हो गयी थी और फिर से हँसने लगी,,,सच मे पागल हो
गयी है तू,,,,


हाँ हां जानती हूँ पागल हो गयी हूँ ,,तभी तो हंस रही हूँ,,,तू भी हंस लिया कर
सन्नी कभी कभी,,,,इतना बोलकर वो हँसती जा रही थी,,,,



ना मुझे कोई शॉंक नही बिन वजह हँसने का मैं तेरी तरह पागल नही हूँ,,,




मैने उसको वापिस पागल बोला तो वो ज़मीन से उठकर खड़ी हो गयी,,,,अच्छा मैं पागल हूँ जो
हंस रही हूँ अभी रुक तुझे भी पागल करती हूँ मैं,,,इतना बोलकर वो मेरे पास आ गयी
और इस से पहले मैं उसको रोकता उसने मेरी कमर पर गुद-गुदि करनी शुरू करदी,,मेरे जिस्म
पर टी-शर्ट नही थी इसलिए मुझे ज़्यादा ही गुद-गुदि हो रही थी,,उपर से सोनिया खुद भी
खिल-खिला कर हंस रही थी तो मुझे भी बहुत हँसी आने लगी,,,,वो खुद भी हँसती जा रही
थी और मुझे भी गुद-गुदि करके हंसा रही थी,,,,हम दोनो ही पागल हो गये थे,,,




तभी मुझे कुछ ज़्यादा ही गुद-गुदि होने लगी तो मैं थोड़ा पीछे हटने लगा ,,मेरे पीछे
एक मॅट्रेस ज़मीन पर पड़ा हुआ था,,,मैं पीछे हटने लगा सोनिया की गुद-गुदि से बचने
के लिए और साथ मे सोनिया भी आगे होने लगी ताकि मुझे गुद-गुदि कर सके,,जैसे ही मैं थोड़ा
पीछे हटा मेरा पैर मॅट्रेस से टकरा गया और मैं बेक़ाबू होके पीछे की तरफ गिर गया
मैने खुद को गिरने से बचाने के लिए सोनिया का हाथ पकड़ लिया वैसे भी मैं उसके हाथों
को अपने जिस्म से दूर करने की और गुद-गुदि से बचने की कोशिश कर रहा था,,,




मैने गिरते हुए सोनिया का हाथ पकड़ लिए और एसा करने से सोनिया भी मेरे साथ गिर गयी,मैं
मॅट्रेस के उपर पीठ के बल गिरा जबकि सोनिया मेरी छाती पर पेट के बल गिर गयी,,गिरने
के बाद भी वो हँसती जा रही थी,,उसका सर मेरी नंगी और पसीने से भीगी हुई छाती पर
टिका हुआ था और वो हँसती जा रही थी,,,उसके हाथ भी मेरी नंगी छाती पर थे,, कुछ
देर हँसने के बाद जब उसको एहसास हुआ कि वो मेरे जिस्म पर गिरी हुई है तो उसने अपने सर
को मेरी छाती से उपर उठा लिया और मेरी तरफ देखने लगी,,,,अभी भी उसके चहरे पर
हल्की हल्की मुस्कान थी,,,वो मुस्कुराती हुई मेरी तरफ देखने लगी और फिर मेरी छाती से
अपना सर उठकर मेरी छाती की तरफ,जब उसको एहसास हुआ कि वो मेरी नंगी छाती से चिपकी
हुई है तो उसकी हँसी रुक गयी,,,मुस्कान भी उसके चहरे से उड़ गयी एक दम से,,उसने कुछ पल
के लिए मेरी नंगी छाती को देखा और फिर मेरे चहरे की तरफ देखने लगी,,,वो थोड़ी डर
गयी परेशान वो गयी खुद को ऐसी हालत मे पाके,,,




उसने अपने हाथ को ठीक से मेरी छाती पर रखा और मेरे उपर से उठाने की कोशिश करने
लगी लेकिन मेरी छाती पर हल्का हल्का पसीना था जिस से उसके हाथ फिसल गये और वो वापिस
मेरे उपर गिर गयी,,,वो वापिस मेरी छाती से चिपक गयी,,,उसके गिरने से मेरी हँसी निकल
गयी,,,,उसने सर उठाकर मेरी तरफ देखा तो मुझे हंसते देख हल्के गुस्से से घूर्ने लगी
लेकिन मैं चुप नही हुआ और हल्के हल्के मुस्कुराता रहा,,,उसने फिर से गुस्से से देखा और
उपर उठने की कोशिश की लेकिन वो एक बार फिर फिसल गयी और वापिस मेरी छाती पर गिर
गयी,,,,,इस बार वो मेरी छाती पर गिरी तो उपर नही उठी,,तभी मैने महसूस किया उसके
हाथ मेरी छाती पर हल्के से फिसलने लगे,,,तभी मैने एक दम से उसके शोल्डर से उसको
पकड़ा और अपने जिस्म से थोड़ा उपर उठा दिया,,,,उसने चेहरा उपर उठाकर मेरी तरफ देखा
और आगे की तरफ बढ़ने लगी,,,,,मुझे उसकी हालत ठीक नही लगी,,वो कुछ बेचैन लग रही
थी और हल्के से उपर की तरफ बढ़ रही थी,,,अभी तक उसका सर मेरी छाती पर था लेकिन
अब वो मेरे शोल्डर तक गर्दन के पास तक पहुँच गयी थी,,,मेरे हाथ उसके शोल्डर पर
टिके हुए थे और वो हल्की सी मेरे जिस्म से उपर उठी हुई थी,,,जबकि उसके हाथ मेरी छाती
पर हल्के हल्के इधर उधर फिसल रहे थे,,,,मेरे हाथों पर भी पसीना था और सोनिया
की स्किन भी एक दम रेशम जैसी थी,,,,मेरे पसीने से भरे हुए हाथ उसके शोल्डर पर से
फिसल गये और वो वापिस मेरे जिस्म पर गिर गयी,,,अब उसका चहरा मेरी छाती पर नही बल्कि
मेरे राइट साइड के शोल्डर पर गर्दन एक पास था,,,




वो थोड़ी गर्म हो गयी थी शायद और बेचैन भी,,,,बेचैनी मे उसके हाथ मेरी छाती और
कमर की दोनो तरफ फिसल रहे थे उसकी साँसे उखड़ने लगी थी और गर्म हो गयी थी जिसका
एहसास मुझे अपनी गर्दन पर होने लगा था,,उसके दिल की धड़कन बहुत तेज हो गयी थी जो कि
मुझे अपनी छाती पर महसूस हो रही थी,,,
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07-16-2019, 12:28 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैने उसके चहरे की तरफ देखा तो उसके चहरे पर उसकी जुल्फे थी मैने अपने एक हाथ
से उसकी ज़ुल्फो को उसके चहरे से हटाया तो देखा उसकी आँखें आधी बंद थी ,,,वो कुछ ठीक
नही लग रही थी मुझे,,,मदहोश हो चुकी थी वो,,,ऐसा लग रहा था जैसे उसने कोई नशा
किया हुआ हो,,,,उसकी हालत देख मैं भी थोड़ा गर्म हो गया लेकिन मैं कुछ कर नही सकता
था और अगर कुछ करता तो एक बार फिर सोनिया को रुसवा कर देता,,,,इसलिए मैने उसको हल्के
से आवाज़ लगाई,,,,,




सोनिया ,,,,,सोनिया,,,,,





उसने मेरी आवाज़ नही सुनी,,,,उसको कोई होश नही था,,,तभी मेरे भी होश उड़ गये ,,,उसने
मुझे एक बस देखा और अपनी हालत ब्यान करदी,,,मैं समझ गया कि ये अपने होश मे नही है
अब ,,इसके पहले मैं कुछ कहता या करता उसने मुझे एक बार देख कर अपनी आँखें बंद
करली और मेरे चहरे की तरफ बढ़ने लगी,,,,इस से पहले कुछ समझ पाता या कुछ कर पाता
उसके होंठ मेरे होंठों से सॅट गये और उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया,,,मेरा एक हाथ
उसके सर पर और एक हाथ उसके शोल्डर पर था जबकि उसके हाथ मेरी कमर की दोनो तफर से
मेरी कमर को सहला रहे थे उपर से नीचे तक,,,,वो मुझे किस करती जा रही थी लेकिन
मैं उसको किस का रेस्पॉन्स नही दे रहा था लेकिन मेरे से भी बर्दाश्त नही हुआ तो मैने
भी उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया,,,वो भी मेरे होंठों को चुस्ती जा रही थी,,



अब मेरे हाथ भी उसकी पीठ पर चले गये और मैने उसकी टी-शर्ट मे अपने हाथ घुसा दिए
और उसकी नंगी पीठ को सहलाने लगा,,,,,जैसे ही उसको मेरे हाथों का एहसास उसकी पीठ
पर हुआ वो एक दम से कुछ ज़्यादा ही गर्म हो गयी और कुछ ज़्यादा ही गर्मी मे मुझे किस करने
लगी मैं भी उसका पूरा साथ देने लगा था,,,,क्यूकी मेरी हालत भी बहुत खराब हो गयी थी
तभी हम दोनो को किसी की आवाज़ सुनाई दी,,,,कोई दरवाजे पर खड़ा होके कुछ बोल रहा था
,,,,,



अगर लैला मजनू का प्यार ख़तम हो गया हो तो चलके खाना खा लो,,,ये सब बोल रही थी
कविता जिसके हाथ मे बेलन पकड़ा हुआ था और वो हँसती हुई हम लोगो की तरफ देख रही थी



कविता को देख कर मैं और सोनिया उसी तरह डर गये जैसे मैं और कविता डर गये थे जब
गाँव मे सोनिया ने हम दोनो को ऐसी हालत मे देख लिया था,,,तब कविता शरम के मारे
पानी-पानी हो गयी थी और अब सोनिया की हालत भी वैसी ही हो गयी थी,,,,,



जैसे ही सोनिया का ध्यान कविता की तरफ गया और फिर उसने खुद को मेरे उपर पाया तो जल्दी
से मेरे से हटके एक साइड पर गिर गयी और वहाँ से उठकर खड़ी हो गयी,,,अब तक कविता
हँसती हुई वहाँ से जा चुकी थी,,,,




सोनिया खुद की हालत पर क़ाबू करती हुई दरवाजे की तरफ देखने लगी,,,जब कविता वहाँ
से चली गयी तो सोनिया वापिस मॅट्रेस पर मेरे पास बैठ गयी और मुझे हल्के से थप्पड़
मारा मेरी छाती पर,,,,,



तू कभी नही सुधरेगा ना सन्नी,,,जब देखो गंदी हरकते करता रहता है,,,,




लेकिन अब मैने क्या किया,,,,अब तो जो किया तुमने किया,,,इसमे मेरी क्या ग़लती,,,


सब तेरी ग़लती है,,,टी-शर्ट क्यूँ निकाली तूने,,,मुझे खुद पर क्यूँ गिरने दिया और जब मैं
वो सब करने लगी तो तूने मुझे रोका क्यूँ नही,,,मैं बहक गयी थी होश मे नही थी लेकिन
तू तो होश मे था फिर तूने मुझे रोका क्यूँ नही,,,,क्यूँ इस मोके का फ़ायदा उठाने लगा था
तू,,,,बोल क्यूँ नही रोका मुझे तूने,,,क्यूँ बहकने दिया मुझे ,,,,वो हल्का हल्के रोने लगी
और मुझे छाती पर हल्के से मारने लगी,,,,,,,,,,बोल क्यूँ नही रोका मुझे क्यूँ करने दिया
वो सब जो करने मे मैं डरती रहती हूँ,,,,,बोल क्यूँ नही रोका सन्नी,,,क्यूँ ,,क्यूँ




मैं वो ,,मैं ,,मुझी,,,,मैं वू,,,




बोल ना बोलता क्यूँ नही तू,,,,,क्यू नही रोका मुझे,,,,,,वो रोती जा रही थी और बोलती जा
रही थी,,,,,,





क्यूकी मैं भी बहक गया था सोनिया,,,मुझपे खुद पर क़ाबू नही रहा तुझे अपने इतने
करीब पाके,,,,,मुझे माफ़ करदो लेकिन इसमे मेरी क्या ग़लती,,,


नही सन्नी तुझे क़ाबू मे रहना चाहिए था,,,,जब तू मेरे पास आता है मैं होश मे रहती
हूँ और तुझे रोक लेती हूँ इसलिए जब मैं तेरे पास आई तो तुझे भी मुझे रोकना चाहिए
था क्यूकी अगर हम दोनो क़ाबू से बाहर हो गये तो सब ग़लत हो जाएगा,,,,,सब कुछ ग़लत हो
जाएगा,,,,,




लेकिन मैं क्या कर सकता था,,,मेरी हालत खराब हो गयी थी,,और भला इसमे ग़लत क्या है
तू मुझे प्यार करती है और मैं तुझे प्यार करता हूँ तो इसमे ग़लत क्या है,,


ग़लत है सन्नी सब कुछ ग़लत है,,,,हम दोनो ऐसा नही कर सकते ,,,,क्यूकी मैं तुझसे
प्यार करती हूँ तेरे जिस्म से नही,, जबकि तू बस मेरे जिस्म से प्यार करता है,,जब देखो तू
मेरे जिस्म को हाँसिल करने की कोशिश करता है लेकिन मैं तुझे रोक लेती हूँ और आज जब
मैं खुद बहक गयी तो तुझे अछा मौका मिल गया अपनी हवस मिटाने का,,,मेरे जिस्म को हाँसिल
करने का,,,,,





नही नही सोनिया ये ग़लत है,,,,,तेरा जिस्म मुझे तेरे करीब आने पर मजबूर ज़रूर करता
है लेकिन मेरा प्यार तेरे जिस्म तक सीमित नही



अच्छा अगर ये बात है तो तूने मुझे रोका क्यूँ नही,,क्यूँ मुझे वो सब करने दिया,,और अगर
तेरा प्यार मेरे जिस्म तक सीमित नही तो साबित कर सन्नी,,,,साबित कर तू मुझे प्यार करता है
ना कि मेरे जिस्म को,,,,,इतना बोलकर वो रोती हुई रूम से बाहर चली गयी,,,




जबकि मैं सोचने लगा कि आख़िर मेरी क्या ग़लती उसमे जो कुछ अभी हुआ,,,इसमे तो सोनिया की
ग़लती है तो भला कसूरवार मैं कैसे हुआ,,,,,तभी मेरी नज़र गयी अपने जिस्म पर ,,मेरी
छाती नंगी थी उसपे हल्का हल्का पसीना था,,,मैं समझ गया ये मेरी ग़लती थी,,,जैसे
उसके जिस्म को देख मैं बहक जाता हूँ आज वो मुझे एसी हालत मे देख कर बहक गयी थी
,,लेकिन अब बहुत हो गया अब मुझे उस से दूर रहना होगा,,,,बल्कि अब तो उसको भी खुद से
दूर रखना होगा क्यूकी वो भी बहकने लगी है ,,,,ग़लती किसी की भी हो लेकिन नुकसान मेरा
ही होगा,,,,,मैं कोई ग़लती करके उसको खोना नही चाहता,,,,,




मैं वहाँ से उठा टी-शर्ट पहनी और फ्रेश होके रूम से बाहर निकल आया,,,,वहाँ कविता और
सोनिया बैठी हुई थी,,मैं भी एक तरफ जाके चेयर पर बैठ गया,,,,कविता ने प्लेट मे
खाना लगा दिया और मैं चुप करके खाना खाने लगा,,,,हम सब लोग चुप थे वहाँ एक
सन्नाटा सा पसरा हुआ था सारे घर मे,,,,मैं चुप करके प्लेट की तरफ देखता हुआ खाना
खा रहा था क्यूकी मेरी हिम्मत नही थी उन दोनो से नज़रे मिलने की,,,




तभी सोनिया का फोन बजने लगा और सन्नाटा टूट गया,,,,,सोनिया फोन लेके दूर चली गयी
और बात करने लगी,,,मैने देखा फोन पर बात करते हुए सोनिया के उदास चहरे पर एक
मुस्कान आ गयी थी,,,,सोनिया ने कुछ देर बात की और वापिस आके खाना खाने लगी,,,



किसका फोन था सोनिया,,,,,कविता ने सोनिया से पूछा,,,,




माँ का फोन था,,,,हम लोगो को मिलने बुलाया है और साथ मे कुछ कपड़े मँगवाए है और
बोला है शोभा दीदी के लिए कुछ नये कपड़े लेके आने को,,,,,


वाउ चल जल्दी खाना ख़ाके शॉपिंग पर चलते है वैसे भी बड़े दिन हो गये माल घूमने
नही गये हम लोग,,,,




कविता मेरे से बोली,,,,,,,,,,,सन्नी तू भी खाना ख़ाके जल्दी तैयार हो जा हम लोग माल चलते
है,,,,,




तभी सोनिया बोली,,,,नही हम दोनो चलते है,,,,इसकी ज़रूरत नही,,,,,



अरे इसको भी ले चलते है ना,,,वैसे भी इसने बोला है इसके बिना बाहर नही जाना,,इसको
तो साथ लेके जाना पड़ेगा ना,,,,,,



कोई ज़रूरत न्ही इसको साथ लेके जाने की,,,,कोई मुसीबत होगी तो हम दोनो मिलकर संभाल
लेंगे उसको,,,,इसके साथ लेके जाने की क्या ज़रूरत,,,,
Reply
07-16-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,,,,,दोस्त या भाई समझ के नही लेके जाना तो मत लेके जा लेकिन
एक ड्राइवर बना कर तो लेके जा सकती है ना,,,,,मैने इतना बोला और गुस्से मे उठकर वहाँ
से चला गया,,,,,क्यूकी मुझे कैसे भी करके इन लोगो के साथ जाना ही था,,,मैं इन लोगो
को अकेले भेजने की ग़लती नही कर सकता था,,,,



मैं रूम मे गया और टी-शर्ट चेंज करके बाहर आ गया,,,,वो दोनो भी खाना ख़ाके मोम के
रूम मे चली गयी थी,,



फिर वो दोनो तैयार होके आ गयी और हम लोग माल की तरफ चल पड़े,,,,मैं कार ड्राइव कर
रहा था वो दोनो पीछे बैठी हुई थी,,,सच मे ड्राइवर ही बना दिया था दोनो ने मुझे,,



फिर मुझे वो पल याद आया जब सोनिया हँसती हुई मुझे गुद-गुदि कर रही थी,,हम दोनो
बचपन से एक साथ रहते आए है,,,हँसी मज़ाक करते आए है,,,जब भी मैं रूठ जाता
तो वो बड़े प्यार से मुझे मना लेती और जब वो रूठ जाती तो मैं उसको मना लेता,,,वो
मासूम चहरे से मुझे खुश कर देती और मैं अपनी बंदरों जैसी हरकतों से उसका दिल
बहलाता,,कभी कभी दोनो एक दूसरे को गुद-गुदि करते और खूब हंसते,,,,लेकिन जबसे मेरे
दिल और दिमाग़ पर सेक्स और वसना हावी हुवे थे तबसे मेरा और सोनिया का हँसना खेलना बंद ही
हो गया था,,क्या सच मे सेक्स और वसना ने इतना बदल दिया था मुझे कि मैं अपनी ही बेहन
के साथ हँसना खेलना तक भूल गया था,,,अब तो रूठने और मनाने का खेल भी नही होता था
,,,बस एक अजीब सा रिश्ता जो बन गया था हम दोनो मे,,,

हम लोग माल मे पहुँच गये ,,,,,कार पार्किंग मे लगा कर हम लोग माल घूमने लगे,,लेकिन
आज कविता और सोनिया आगे चल रही थी जबकि मैं उन लोगो के 10-12 कदम पीछे चल रहा
था,,,,,,


तभी वो लोग एक शोरुम मे घुस गयी और मैं बाहर खड़ा रहा,,,,करीब 2-3 अवर्स तक
वो ऐसे ही शॉपिंग करती रही ,,कभी किसी शॉप मे घुस जाती तो कभी किसी शॉप मे और
मैं बस इनके बॅग्स पकड़ता रहता और पीछे पीछे चलता रहता,,,,आज तो सन्नी सच मे तू
इन लड़कियों का ड्राइवर ही बन गया है,,,,


तभी सोनिया और कविता एक शॉप मे घुसी हुई थी जबकि मैं बाहर खड़ा हुआ था तो
कविता कुछ और बॅग्स मुझे देने के लिए बाहर मेरे पास आई,,,,,,



आज घर पर वो सब क्या हुआ था सन्नी,,,,,कविता ने मेरे पास आके पूछा,,,,



पता नही कविता क्या हुआ मुझे कुछ समझ नही आया,,,,लेकिन मेरी कोई ग़लती नही थी तेरी
कसम,,,,जानता हूँ मैने कयि ग़लतियाँ की है और अब भी करता हूँ लेकिन सच मे तेरी
कसम आज मेरी कोई ग़लती नही थी,,,,,




हां हां जानती हूँ तेरी कोई ग़लती नही थी,,,सोनिया ने मुझे सब बता दिया लेकिन जाने या
अंजाने ही सही सन्नी तेरी भी ग़लती थी आज,,,,तेरी वजह से सोनिया बहक गयी थी और तूने
उसको रोका क्यूँ नही ,,,,,तुझे तो उसको रोकना चाहिए था,,,,,देख एक तो वो पहले से परेशान
है जो तुझे प्यार करने लगी है उपर से तुम दोनो का रिश्ता ऐसा है कि वो चाह कर भी
तुम्हारे साथ वो सब नही कर सकती जो हम दोनो करते है,,,उसको डर है इस दुनिया का उसको
डर है खुद का,,उसको डर है कि अगर वो कुछ ग़लत करेगी और लोगो को पता चल गया तो वो
बर्दाश्त नही कर पाएगी,,तुम दोनो एक दूसरे को प्यार करते हो ये ठीक है लेकिन ये समाज
ये लोग इस बात को नही समझ सकते ,,,,तू प्लज़्ज़्ज़ दूर रहा कर उस से अगर वो तेरे करीब
आए तो उसको दूर कर दिया कर,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी बोल करेगा ना ऐसा,,,बोल सन्नी,,,प्ल्ज़्ज़ मेरी
खातिर ,,,देख मैं उसकी बेस्ट फ्रेंड हूँ और मैं उसको ऐसे परेशान नही देख सकती,जब
तक तो तू उसके करीब जाने की कोशिश करता था तब तक तो ठीक था लेकिन अब वो भी तेरे
जिस्म से आकर्षित होने लगी है अब उसको ज़्यादा ही डर लगने लगा है,,,,,बोल तू उसको दूर
कर देगा जब भी वो तेरे करीब आएगी,,,,बोल सन्नी,,,,,,,,



मैं कविता की बात समझ गया,,,,ठीक है कविता,,,,मैं उसके करीब नही जाउन्गा और अगर
वो करीब आई तो उसको भी खुद से दूर कर दूँगा,,,,मैं उसको प्यार करता हूँ उसके लिए
कुछ भी कर सकता हूँ ,,,,कभी उसको हर्ट नही कर सकता फिर चाहे ग़लती मेरी हो या
उसकी,,,,,,



कविता ने हँसके मेरे गालों पर एक किस की और वापिस उसी शॉप मे चली गयी,,,



फिर कुछ देर बाद उनकी शॉपिंग ख़तम हुई और हम लोग माल से चलके पार्किंग की तरफ आने
लगे,,,,,मैं उन लोगो के बॅग्स पकड़ कर उनके पीछे पीछे ड्राइवर बनके चल रहा था,,अब
मैं उन लोगो से कोई 4-5 कदम की दूरी पर था,,,,वो दोनो कुछ बात कर रही थी,,,



सोनिया------तूने बात की सन्नी से,,,



कविता------ हां बाबा करली बात,,,,वो सब समझ गया है,,अब वो तेरे पास नही आएगा और
अगर तू उसके पास गयी तो तुझे भी खुद से दूर कर देगा,,,लेकिन मैं परेशान हो गयी हूँ
तुम दोनो से,,,,जब प्यार करते हो तो वो सब करने मे ग़लत क्या,,,,,




सोनिया-----तू तो सब जानती है कविता फिर क्यूँ पूछ रही है,,,,,तुझे पता है हम लोग
ऐसा नही कर सकते,,,,अगर लोगो को पता चल गया तो क्या होगा,,,,,कितनी बदनामी होगी तू
सोच ज़रा ..हम लोगो का रिश्ता हम लोगो को ऐसे करने की इजाज़त नही देता तो भला मैं
कैसे,,,,,,



तभी मैं तेज़ी से आगे बढ़ गया और सोनिया का हाथ पकड़ लिया,,,,वो एक दम से पीछे पलट
गयी मेरी तरफ और हैरानी से देखने लगी,,,,



तुझे इन लोगो की परवाह है ,,क्या इनकी वजह से तू मेरे से प्यार नही कर सकती,,,मैने
इतना बोला तो कविता बीच मे बोली,,सन्नी छोड़ सब देख रहे है,,,




नही कविता तुम बीच मे नही बोलोगि ,,,,ये मेरी और इसकी बात है,,,,,



तभी सोनिया गुस्से से बोली,,,,मेरा हाथ छोड़ सन्नी सब देख रहे है,,,,,,




मुझे परवाह नही इनकी सोनिया,,,,,और तू कब्से परवाह करने लगी लोगो की,भूल गयी मेरी
बाइक के पीछे बैठकर कैसे पागलो की तरह हँसती थी तू,,,कैसे बारिश मे बीच सड़क
पर बच्चों की तरह खेलती थी,,,कैसे हर जगह मेरे साथ खुल कर मस्ती और मज़ाक करती
थी,,,तब तो तुझे परवाह नही होती थी लोगो की,,,,तो भला मुझे प्यार करने की बात पर
तुझे लोगो से डर क्यूँ लगने लगा,,क्यूँ इतनी परवाह होने लगी लोगो की,,,लोग आज देखेंगे
कल बात करेंगे और परसो सब भूल जाएँगे,,,,मुझे इनकी परवाह नही कि ये क्या बोलते है
या क्या सोचते है,,,और तेरे को प्यार करने के लिए मुझे इन लोगो की इजाज़त लेने की ज़रूरत
नही ,,,,इनको पूछने की ज़रूरत नही कि मैं किस से प्यार कर सकता हूँ और किस से नही



मुझे भी लोगो की परवाह नही है सन्नी,,,लेकिन हम दोनो का रिश्ता ऐसा है कि मुझे डर
लगता है ,,,किसी को पता चल गया तो,,,,बहुत बदनामी होगी,,,मैं तो शरम से मर ही
जाउन्गी,,,,


तेरे मेरे रिश्ते का मैं कुछ नही कर सकता सोनिया,,,,,लेकिन इन लोगो का कर सकता हूँ


अच्छा क्या कर सकता है तू इन लोगो का,,,,,,मुझे भी तो पता चले,,इतनी क्या हिम्मत तेरी
जो तुझे लोगो की परवाह नही होगी,,,,,


तभी मैं कुछ नही बोला और अपने हाथ मे पकड़े बॅग्स को ज़मीन पर रखकर आगे बढ़ कर सोनिया
के कस कर अपने जिस्म से चिपका लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा,,,,सब लोगो का
ध्यान मेरी और सोनिया की तरफ था,,,,मैं उसको खुद से चिपका कर किस करता जा रहा था
सोनिया के हाथ मे जो बॅग्स पकड़े हुए थे वो ज़मीन पर गिर गये थे,,,,,


कुछ देर बाद हम दोनो अलग हुए,,,,वो हैरान होके मुझे देखने लगी और ऐसी ही हालत थी
कविता की,,,,,मैने जो किया उसका मुझे भी होश नही था मैं खुद भी अपनी हरकत पर
हैरान हो गया


तभी मैं बोल पड़ा,,,,,देख है किसी को परवाह कि हम क्या कर रहे है,,,,कुछ पल उन
लोगो ने देखा और अब देख सब लोग अपने-अपने रास्ते चल दिए ,,,,


सोनिया कुछ नही बोली और बस जल्दी से वहाँ से भाग गयी,,,,,



तभी कविता ज़मीन पर पड़े हुए बॅग्स को उठाने लगी ,मैने भी उसकी हेल्प की और हम दोनो
बॅग्स उठकर पार्किंग की तरफ चल पड़े,,,,,,,ये क्या किया तूने सन्नी,,,,पागल हो गया था
क्या,,,,,वो बेचारी पहले से परेशान थी और अब तूने ये सब कर दिया वो भी माल मे सबके
सामने,,,,पता नही क्या हालत होगी बेचारी की,,,,,क्या हो गया था तुझे,,,,


पता नही कविता,,,,तुम दोनो की बातें सुनी तो रहा नही गया,,,आख़िर मुझे प्यार करने मे
वो लोगो से क्यूँ डर रही है,,,,जबकि मैने कभी नही देखा उसको लोगो की परवाह करते हुए
,,हालाकी मैं कभी कभी डर जाता था लोगो के सामने खुल कर हँसने मे तो सोनिया मुझे
हिम्मत देती थी और बोलती थी कि लोगो की परवाह मत करो खुल कर हँसो भाई,,,लोगो की
परवाह करने लगे तो लोग साँस लेना भी मुश्किल कर देंगे,,,,बस यही सोचते हुए मेरा
दिमाग़ खराब हो गया था,,,




मैं समझ सकती हूँ सन्नी लेकिन तुझे उसकी हालत पर तरस खाना चाहिए थे,,,पता नही
क्या बीत रही होगी उसपे,,,,,वैसे तेरी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी,,,,सोनिया को किस वो
भी माल मे इतने लोगो के सामने,,,मान गयी तेरी हिम्मत को,,,तेरी जगह कोई और होता तो अब
तक अल्लाह हो प्यारा हो गया होता,,,,कविता ने इतना बोला और हँसने लगी,,,



हिम्मत तो मेरी उस दिन कॉलेज मे भी थी तुझे किस करने की,,,लेकिन तू ही डर कर भाग
गयी थी वरना तुझे भी कॉलेज के सामने किस करने से मैं डरता नही,,,,



जानती हूँ तू है ही पक्का पागल,,,देख आज तेरे पागलपन ने क्या कर दिया,,,,मुझे तो बड़ा
तरस आ राह है सोनिया पर,,,,,इतनी बात करके कविता हँसने लगी और मैं भी हल्के से
मुस्कुरा दिया,,,,




हम लोग पार्किंग मे गये तो देखा सोनिया कार से कुछ कदम दूर खड़ी हुई थी ,,,उसने मुझे
देखा और मेरी तरफ पीठ करली,,,मैं उसके करीब से चलके कार के पास पहुँच गया और
बॅग्स को कार की पिछली सीट पर रखने लगा,,,कविता सोनिया के पास खड़ी होके उस से बात
कर रही थी,,,,,तभी मैने देखा कोई हम लोगो की तरफ़ देख रहा था,,,मुझे उसका फेस
नज़र नही आया लेकिन उसके सर पे कॅप लगी हुई थी और आँखों पर भी चंश्मा था,,,मैने उसकी
तरफ देखा तो वो वहाँ से चला गया,,,,,,




तभी कविता मेरे पास आई,,,,,,,जा सन्नी तू ही मना उसको,,,मेरी तो बात ही नही सुन रही
,,,,,बोल रही है तुम दोनो जाओ वो खुद चली जाएगी माँ के पास,,,,




मैं सोनिया की तरफ चलने लगा तभी मैने देखा एक कार बड़ी तेज़ी से चलती हुई सोनिया की
तरफ आ रही थी,,,,,,मैं तेज़ी से चलके उसकी तरफ जाने लगा,,,,कविता ने भी सोनिया को
ज़ोर से आवाज़ लगाई और कार मे बारे मे बताया ,,,,वो कार तेज़ी से सोनिया की तरफ आ रही थी


कविता की आवाज़ से सोनिया पीछे की तरफ पलट गयी और खुद की तरफ आती हुई तेज कार को देख
कर डर गयी और ज़ोर से चीखने लगी,,लेकिन वो कार नही रुकी और सोनिया की तरफ बढ़ती आ
रही थी,,,,,,कार उस से कुछ ही दूर थी कि मैने भाग कर सोनिया को अपनी बाहों मे
भर लिया और पकड़ कर रास्ते से दूर ले गया ,,,,मेरे ऐसा करते ही सोनिया मेरी बाहों मे
आ गयी और कार तेज़ी से चलते हुए पार्किंग से बाहर चली गयी,,,,,मैने देखा तो ड्राइवर ने
कॅप पहनी हुई थी,,,,मुझे कुछ शक हुआ लेकिन अब क्या कर सकता था कार वहाँ से जा
चुकी थी,,,,



तभी मैने सोनिया की तरफ देखा तो वो रो रही थी,,,,बहुत ज़्यादा डर गयी थी वो,,,मैने
उसके आँसू सॉफ किए तो उसने मेरे चहरे को देखा और ज़ोर ज़ोर से रोती हुई मेरे गले लग
गयी,,,,,,



अरे पगली रो क्यूँ रही है,,,,,,देख मैं हूँ ना तेरे पास,,,कुछ नही हुआ चल चुप कर
,,,,,




तभी कविता भी भाग कर हम दोनो के पास आ गयी,,,,,कों था वो सन्नी,,,,कार मे कॉन
था,,तूने देखा उसको,,,,,



मुझे शक तो था कि ये अमित और सुरेश मे से कोई हो सकता था लेकिन मैं उसको पहचान
नही पाया,,,,,,और मैं कविता और सोनिया को डराना भी नही चाहता था,,,,,,




अरे कोई नही होगा कोई मनचला,,,अमीर बाप का शराबी बेटा,,,,मैने ये बात बोल कर उनके
दिल से तो डर ख़तम कर दिया लेकिन मुझे डर था कहीं वो लोग मेरी बेहन या मेरी फॅमिली
को हर्ट नही करे दोबारा,,,,




सोनिया अभी भी रो रही थी और मेरे गले से चिपकी हुई थी,,,,,,,,



अरे अब रोना बंद का छुटकी गुड़िया ,,देख तेरा भाई तेरे पास है,,,,कुछ नही होने देगा
तेरा भाई तुझे,,,,,,,,,




मैं जानती हूँ भाई,,,,तू मुझे कुछ नही होने देगा,,,,बहुत प्यार करता है ना मेरे से तू
एक मैं ही पगली हूँ जो तेरे प्यार को समझती नही,,,,लेकिन मैं मजबूर हूँ सन्नी,,बहुत
मजबूर हूँ,,,,,इतना बोलकर वो कविता के पास चली गयी और कविता उसको चुप करवाते हुए
कार की तरफ ले गयी,,,,,



मेरा दिल तो किया कार जल्दी से भगा कर बाहर ले जाउ लेकिन अब कोई फ़ायदा नही होगा अब तक
तो वो कार पता नही कहाँ पहुँच गयी होगी,,,,
Reply
07-16-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं भी जाके कार मे बैठ गया,,,,कविता और सोनिया पिछली सीट पर बैठ गयी थी,,,उन लोगो
ने बॅग्स को मेरे साथ वाली सीट पर रख दिया था,,,,,सोनिया अभी भी रो रही थी,मैं अपनी
सीट से पलट कर उसकी तरफ देखने लगा,,,,,,


क्यूँ रो रही है अब तू,,,,अब तो सब ठीक हा ना,,,,वो कोई पागल था शायद नशा किया
होगा उसने ,,,कार भी संभाली नही जा रही थी उस से,,,,चल अब रोना बंद कर,,,सब
ठीक है कुछ नही हुआ ,,,,और मैं तुझे कुछ होने भी नही दूँगा,,,,



मेरी बात सुनके सोनिया चुप हो गयी,,,,,मैं कार वाली बात पर नही रो रही सन्नी उस बात
पर मैं खुश हूँ ,,रोना तो मुझे उस बात पर आ रहा है जो तूने माल मे किया ,,



मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया और कार स्टार्ट करके ड्राइव करने लगा तभी कविता
बोली,,,,,वो कार चलाने वाला जो भी था लेकिन मुझे अजीब लगा वो,,,तूने देखा सन्नी कार
की नंबर प्लेट्स भी नही थी,,,,




कविता की बात सुनके मैं मिरर मे उसको देखने लगा वो मुझे कुछ शकी नज़र से देख
रही थी,,,,,



मैं कुछ नही बोला बस ड्राइव करने लगा,,,,,फिर मैने ख़ान भाई को फोन किया और उनसे
वो गंगा नगर वाले घर का पता पूछा,,,,उन्होने पता मुझे बता दिया और मैं चल पड़ा
मोम डॅड को मिलने गंगा नगर की तरफ,,,,,



ख़ान भाई ने बोला था हमारे घर से 2 अवर्स का रास्ता है लेकिन मुझे तो 3 अवर्स से भी
ज़्यादा लग गये,,,,सर्दियाँ थी अंधेरा भी जल्दी हो जाता था और हम तो वैसे भी काफ़ी लेट
चले थे माल से,,लगभग शाम ढाल ही चुकी थी,,,,और उपर से ये पहाड़ी इलाक़ा था,,,
मुझे हाइवे पर ड्राइव मे प्राब्लम नही थी लेकिन पहाड़ियों मे ज़रा बचके ड्राइव करता
था मैं ,,,,अब तो रात भी ढल चुकी थी,,,,उपर से यहाँ रोड पर कोई लाइट भी नही
थी,,,,,,रास्ता भी सुनसान था,,,बहुत कम गाडिया नज़र आ रही थी रोड पर,,,कोई 1-2
किलोमेटेर बाद एक आध कार देखने को मिल रही थी,,,,




खैर हम लोग ख़ान भाई के बताए हुए पते पर पहुँच गये,,,,ये एक छोटा सा फार्म हाउस
टाइप घर थे,,,,या कह सकते हो बहुत खुला घर था,,,बहुत बड़ा गार्डन था इसमे,,,और
पीछे की तरफ रहने के लिए 4-5 रूम थे और एक छोटा सा आँगन था,,,,जैसे अक्सर पहाड़ी
घर होते है या गाँव के घर,,,,



हम लोग काफ़ी लेट हो गये थे,,,,शायद घर वाले सो चुके थे,,,लेकिन मैं ग़लत था
मैने अभी एक बार ही बेल बजाई थी कि गेट के उपर से देखा डोर से चलती हुई भुआ
गेट खोलने आ रही थी,,,



भुआ ने गेट खोला और सोनिया भुआ के गले लग्के मिली और साथ ही कविता भी,,इस से पहले
भुआ मुझे मिलती सोनिया और कविता ने भुआ का हाथ पकड़ा और भुआ को अंदर की तरफ ले जाने
लगी,,,,,



अरे रूको रूको बेटी सन्नी को तो आने दो,,,,,भुआ सोनिया और कविता से बोली



तभी कविता बोली,,,रहने दो भुआ वैसे भी आज वो सन्नी नही हम लोगो का ड्राइवर है,,
कविता ने इतना बोला और हँसने लगी साथ ही भुआ और सोनिया भी,,



ड्राइवर जल्दी से समान लेके अंदर आ जाओ,,,,इतना बोलके कविता ज़ोर से हँसने लगी और फिर
तीनो हँसती हुई अंदर चली गयी,,,,



मैने भी कार घर के अंदर की और कार से बाग निकालके घर के अंदर चला गया,,देखा तो
आँगन मे सभी लोग आग जला कर बैठे हुए थे,,,,



जैसे ही मैं अंदर गया डॅड बोलने लगे,,,,अरे कविता बेटी नया ड्राइवर रख लिया तुम लोगो
ने और मुझे बताया भी नही,,,,,,डॅड ने इतना बोला तो सब लोग मेरे पर हँसने लगे,,,,



मैं कुछ नही बोला बस एक रूम मे गया और समान रखके वापिस आ गया,,,,मैं आके डॅड को
मिला फिर माँ को फिर भुआ और शोभा को भी मिला,,,,



शोभा बहुत खुश थी आज,,,,वो सोनिया और कविता से हंस हंस कर बातें कर रही थी



तभी वो तीनो उठी और उस रूम मे चली गयी जहाँ मैं वो शॉपिंग वाले बॅग्स रखकर आया
था,,,,,सब लोग भी उसी रूम की तरफ चल पड़े ये देखने कि आख़िर शॉपिंग करके क्या लेके
आई है सोनिया,,,,



हम सब अंदर गये तो शोभा भी शॉपिंग का समान देख कर बहुत खुश थी,,,मुझे कुछ समझ
नही आ रहा था,,,




तभी माँ बोली,,,,अब बस करो बाकी समान कल सुबह देख लेना ,,दोनो थकि हुई आई है
कुछ चाइ कॉफी दो इनको और आराम करने दो,,,




तभी सोनिया और कविता ने उदास होके समान साइड रख दिया और शोभा माँ के साथ किचन मे
चली गयी,,,,भुआ डॅड के पास ही बैठ गयी थी,,,,



इतनी लेट क्यूँ हो गये सन्नी बेटा,,मुझे तो लगा था आज नही आओगे ,,,हम लोग बस सोने ही
लगे थे



क्या बोलू डॅड आपकी बेटी ने तंग कर दिया आज,,,इतना टाइम लगा दिया शॉपिंग मे कि पूछो
मत,,,,,मैं तो कब्से बोल रहा था जल्दी करो जल्दी करो लेकिन मेरी कॉन सुनता है



मैने इतना बोला तो कविता हँसने लगी जबकि सोनिया गुस्सा हो गयी,,



हम लोगो मे से किसी ने भी वो कार वाली बात नही बताई किसी को,,,,वरना घर वाले भी
टेन्षन मे आ जाते,,,,



अच्छा तो आज क्या किया सारा दिन शॉपिंग के अलावा,,,,,भुआ ने सोनिया से पूछा,,,,,



कुछ नही भुआ बस घर की सफाई करी हम सबने मिलकर लेकिन अभी सिर्फ़ नीचे वाला फ्लोर
ही सॉफ हुआ है उपर वाला रहता है अभी,,,,,



हां हां बेटा ख़ान का फोन आया था उसने बता दिया था कि तुम लोग घर वापिस आ गये हो
और घर मे रहने लगे हो,,,,,



जी डॅड,,,,आज ही घर आए हम लोग,,,ख़ान भाई ने बोला कि पोलीस का काम ख़तम हो गया है
,,तो डॅड आप लोग भी चलो अब घर,,,,अब कोई प्राब्लम नही है,,,,मैने जान भूज कर
ऐसी बात बोली ताकि उनको ऐसा लगे कि मैं किसी टेन्षन मे नही हूँ,,,,



अरे नही बेटा अब कैसे जा सकते है अब तो कुछ दिन यहीं रहना होगा,,,,अब तो बहुत ज़रूरी
काम भी है यहाँ कुछ दिन तक,,,,




क्या काम डॅड ,,,मैने डॅड से पूछा,,,



अरे ये कविता और सोनिया ने तुझे कुछ बताया नही क्या,,,,तभी मैने कविता और सोनिया की
तरफ देखा तो वो आपस मे बात करके ये जताने लगी कि उन लोगो का ध्यान नही हम लोगो की
तरफ,,,,



क्या नही बताया डॅड इन लोगो ने मुझे,,,,



अरे बेटा तेरी शोभा दीदी की शादी पक्की हो गयी है,,,जब हम यहाँ आए तो सुबह मैं वॉक
के लिए निकला तो मुझे मेरे ऑफीस का एक दोस्त मिल गया जो अपने बड़े भाई के पास आया था अपनी
फॅमिली को लेके,,,,फिर मैने उसको चाइ पर बुला लिया तो उसके बड़े भाई को अपने बेटे के लिए
हमारी शोभा पसंद आ गयी,,,और अब उन लोगो को शादी की भी जल्दी है क्यूकी लड़के ने
वापिस सिंगापुर जाना है वो वहीं जॉब करता है,,,उन लोगो को बहुत जल्दी है शादी की इसलिए
वो लोग कोर्ट मॅरिज करवाना चाहते है और उसके बाद रिसेप्षन की पार्टी हो जाएगी,,क्यूकी
उनकी फॅमिली ज़्यादा बड़ी नही है और ना ही ज़्यादा रिस्तेदार है उनके,,,,हम लोगो को भी लड़का
अच्छा लगा और हम लोगो ने भी हां करदी,,,,,ख़ान ने बोला था वो किसी को बुला लेगा कोर्ट
से जो शादी करवा देगा,,,,,


अरे डॅड इतना सब कुछ हो गया आप ने मुझे बताया क्यूँ नही,,,और ख़ान भाई ने भी कुछ नही
बताया,,,,,,और ना ही इन 2 पागलो ने ज़िक्र किया किसी बात का,,,,मैने सोनिया और कविता को
पागल बोला तो वो हँसने लगी साथ मे भुआ और डॅड भी
Reply
07-16-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी माँ और शोभा कॉफी लेके आ गयी अंदर,,,,,हम लोगो को हंसता देख माँ बोली,,,किस बात
पर इतनी हँसी आ रही है सब लोगो को,,,,



तो भुआ बोली,,,कुछ नही दीदी सन्नी को शोभा की शादी की बात किसी ने नही बताई ना ही
ख़ान भाई ने बताई और ना ही सोनिया और कविता ने,,,,,



इस बात से माँ भी हँसने लगी और शोभा अपनी शादी की बात से शरमा गयी,,,



अरे इन लोगो ने नही बताया तो आप तो बता सकती थी ना माँ मुझे,,अच्छा चलो नही बताया तो
कोई बात नही लेकिन अब अगर कोई काम हुआ तो अपने बेटे को ज़रूर बताना डॅड,,,,क्यूँ बताओगे
ना डॅड,,,,



हां हां बेटा तुझे नही तो किसको बताउन्गा,,,,वैसे मुझे तेरे से माफी भी माँगनी थी
सन्नी बेटा,,,,मुझे माफ़ कर्दे मैने तेरे से सारी बात छुपाई और तुझे कुछ नही बताया
सीमा के बारे मे,,,,



तभी मैं बीच मे बोल पड़ा,,ये कैसी बात कर रहे हो आप डॅड ,,मुझसे माफी माँग कर
आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हो,,,,और क्या नही बताया अपने मुझे,,,,कॉन सीमा कैसी सीमा
,,मैं किसी सीमा को नही जानता,,,,मेरे लिए आप मेरे डॅड और ये मेरी माँ है,,,मुझे और
किसी की ज़रूरत नही,,,,आप दोनो ही मेरे माँ-बाप हो बस,,,,,तभी डॅड और माँ ने मुझे
गले लगा लिया,,,,




ठीक है बेटा आज के बाद कोई नाम नही लेगा सीमा का,,,,अब खुश,,,,




मैं खुश नही था,,,,आख़िर सीमा मेरी माँ थी ,,ये बात और है कि उसकी मजबूरी थी जो
वो मुझे और सोनिया को अपने साथ नही रख सकती थी,,,लेकिन उसके बारे मे बात करके मैं
अपने माँ पापा को उदास नही कर सकता था,,,,,



तभी मेरी नज़र गयी सोनिया की तरफ़ उसकी आँखें थोड़ी नम हो गयी थी सीमा का नाम सुनके




लेकिन फिर शोभा की शादी की बातें शुरू हो गयी और शोभा शरमाने लगी तो कविता के साथ
मिलकर सोनिया उसको तंग करने लगी,,,,,,ऐसे ही हँसी मज़ाक करते हुए थोड़ा टाइम बीत गया
फिर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे,,,,,



मैने देखा कि वहाँ 4 रूम थे,,,एक रूम मे अशोक और सरिता चले गये,,,एक मे भुआ,,और
एक मे शोभा कविता और सोनिया,,,,बाकी बचा एक रूम जिसमे मैं चला गया,,,,मैने आज नोट
किया कि आज माँ भुआ और शोभा मे से कोई मेरी तरफ ज़्यादा देख नही रहा था,,शायद सोनिया
साथ आई थी और कविता भी इसलिए सब नौरमल था,,,,,मैं भी कुछ करने के मूड मे नही
था क्यूकी सोनिया और कविता की वजह से मेरा दिल ही नही कर रहा था कुछ ग़लत सोचने को
या कुछ ग़लत करने को माँ भुआ और शोभा के साथ,,,,,



रात आराम से सोया मैं और सुबह नाश्ता करके हम लोग वहाँ से चल पड़े,,,जब घर वापिस
पहुँचे तो कॉलेज का टाइम निकल चुका था,,,इसलिए कविता और सोनिया भी कॉलेज नही गयी
और मैं भी टीवी देखने लगा,,,,,



कुछ टाइम बाद कविता और सोनिया उपर के फ्लोर की सफाई करने लगी और मुझे भी साथ हेल्प
करने को बोला और मैं भी चलने लगा उनकी हेल्प करने तभी मेरे फोन की रिंग बजी मैने
देखा कि मधु का मेसेज ,,उसने कोई अड्रेस लिखकर भेजा था और लिखा था 2 बजे मिलने
को,,,,मैने टाइम देखा तो 11 बज रहे थे और पता था काफ़ी दूर का,,,,ये पता उसी जगह
के आस पास का था जहाँ पायल भाभी का फार्म हाउस था,,,,जहाँ मैं सोनिया और कविता को
पार्टी पर लेके गया था,,,,




क्या हुआ सन्नी किसका फोन है,,,,कविता ने पूछा,,,,




कुछ नही कविता,,कोई ज़रूरी काम आन पड़ा है तुम लोग सफाई करो मैं चला,,,शाम को
वापिस आउन्गा मैं,,,इतना बोलकर मैने रूम मे जाके कपड़े चेंज किए और पेन ड्राइव मे वो
वीडियोस भी डाल ली और चल पड़ा मधु के घर की तरफ,,,,,





1 बजे के करीब मैं उसके घर पहुँच गया,,,ये घर नही फार्म हाउस था और पायल के
फार्महाउस से कोई 4-5 किलोमीटर आगे थे ये फार्म हाउस,,,,मैने गेट पर जाके हॉरेन बजाया और
गेट खुल गया मैं कार को फार्म हाउस के अंदर ले गया,,,,फिर कार से निकल कर दरवाजे के
पास चला गया,

दरवाजे पर नॉक करने ही वाला था कि दरवाजा खुला और सामने जो खड़ा था उसको देखकर
मैं दंग रह गया,,,,,,

सामने खड़ी हुई थी मधु,,,,,जिसने एक ब्लॅक कलर की शॉर्ट स्कर्ट जो उसके घुटनो से काफ़ी
उपर थी और साथ मे था वाइट कलर का टॉप जो उसकी नाभि से 3-4 इंच उपर था या आप कह
सकते हो वो टॉप उसके बूब्स से बस थोड़ा सा नीचे था,,,उसने अभी लिप्स पर गहरे लाल रंग
की लिपस्टिक लगाई हुई थी,,,,उसके बूब्स ज़्यादा बड़े नही थे लेकिन छोटे भी नही थे,
रंग एक दम गोरा था,,,मैने उसको देखा तो देखता ही रह गया ,,,,मेरी नज़र उसके जिस्म को
उपर से नीचे तक देखती जा रही थी,,मैं उसके एक एक अंग का मुआयना कर रहा था ये बात
उसको भी पता थी,,,,लेकिन फिर भी मैं उसको उपर से नीचे तक देखता जा रहा था बार
बार,,,,,,


तभी वो बोली,,,,बाहर ही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे सन्नी,,,,



मैं उसकी बात से नींद से जाग गया और उसके कहने पर अंदर चला गया,,,,मैं दरवाजे से
निकल कर अंदर चला गया जबकि वो दरवाजा बंद कर रही थी ,,,,मैं अंदर जाके भी उसकी
तरफ पलट गया और दरवाजा बंद करते हुए उसकी नंगी पीठ और नंगी टाँगों को देखने लगा
लेकिन खास कर मेरा ध्यान था उसकी गान्ड पर जो टाइट स्कर्ट मे काफ़ी मस्त लग रही थी,,,



उसने पलट कर मुझे उसकी गान्ड देखते हुए पकड़ लिया और मुस्कुराने लगी,,,,



ऐसे क्या देख रहे हो सन्नी,,,,पहले किसी को स्कर्ट और टॉप मे नही देखा क्या,,,




देखा है मधु मेडम,,,,लेकिन आपके जितनी खूबसूरत कोई नही देखी स्कर्ट टॉप मे,,लेकिन
सबसे बड़ी हैरानी तो इस बात की है कि मैं तो आप को पहचान ही नही सका,,,ऑफीस मे
आपको साड़ी मे देखा था तब आप बिल्कुल सिंपल लग रही थी और यहाँ आके आपको इन कपड़ो मे
देखा तो यकीन नही हुआ,,,,,,




वो पार्टी ऑफीस है सन्नी,,,वहाँ बैठकर लोगो की मुश्किले सुनती हूँ इसलिए सिंपल बनके
रहती हूँ वहाँ ज़रा सोचो अगर टॉप स्कर्ट मे बैठ गयी तो उन लोगो की मुस्किल क्या सुन-नी
मैं तो खुद मुश्किल मे फँस जाउन्गी,,,,वहाँ साड़ी मे ही बैठना पड़ता है,.,,,और वैसे
भी वो मेरी जॉब लाइफ है और ये पार्सनल लाइफ है,,,,,ज़रूरी नही मैं ऑफीस मे जैसे रहती
हूँ वैसे ही घर पर रहूं,,,,



ये बात तो सही है मेडम,,,,लेकिन फिर भी आपको देख कर कुछ पल के लिए हैरान हो गया
था मैं,,,,,,



समझ सकती हूँ मैं सन्नी,,,,,तुम मुझे देखकर हैरत मे पड़ गये थे चलो अब जो तुम
लेके आए हो वो मुझे दिखाओ और मुझे हैरात मे डालो,,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी


मैं कुछ समझा नही मधु मेडम,,,,,,



अरे बाबा जो सबूत लेके आए हो दिखाओ मुझे,,,,लेके भी आए हो या नही,,,,,



जी जी लेके आया हूँ,,,,,तभी मैने पॉकेट से पेनड्राइव निकाली और उसको दिखने लगा,,,



वो जल्दी से अपने रूम मे गयी और लॅपटॉप लेके आई और सोफे पर बैठ गयी और मुझे भी अपने
साथ बैठने को बोला,,,,,



मैं उसके साथ सोफे पर बैठ गया ,,उसने लॅपटॉप सामने टेबल पर रख दिया और ऑन कर दिया
,,मैने भी पेनड्राइव लगा दी और वीडियो प्ले करदी,,,,
Reply
07-16-2019, 12:29 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
पहले मैने वो वीडियो प्ले की जिसमे अमित,,सुरेश और उसके दोस्त एक लड़की के साथ ज़बरदस्ती
कर रहे थे ,,उसने कुछ देर वीडियो देखी और हैरान हो गयी फिर बोली,,,,,,,बंद करो इसको
सन्नी मुझसे नही देखा जाता ये सब,,,,,वो थोड़ी उदास हो गयी थी,,,,,और गुस्से मे भी आ
गयी थी



तभी मैने दूसरी वीडियो प्ले की जो मुझे कविता ने दी थी जिसमे सुरेश और अमित अपने जुर्म
क़बूल कर रहे थे,,,,,,वो बड़ा ध्यान लगा कर वो वीडियो देखने लगी और उन लोगो की बातें
सुन-ने लगी,,,,,,,जब वीडियो ख़तम हुई तो वो गुस्से से बोली,,,,,




इन लोगो को मैं नही छोड़ने वाली,,,,,जैसा बाप वैसा बेटा,,,,,इन लोगो को फाँसी की सज़ा
दिलवाउंगी मैं सन्नी,.,,,,,और इनके बाप की तो ऐसी हालत करूँगी कि रास्ते पर भीख माँगने
पर मजबूर हो जाएँगे वो लोग,,,,,,



इतना बोलकर मधु ने अपना फोन लिया और किसी को कॉल करने लगी,,,,,,मैं ज़्यादा तो नही
सुन सका लेकिन इतना पता चल गया कि वो मंत्री जी से बात कर रही थी,,,,,,कुछ देर बात
करने के बाद वो मेरे पास आ गयी,,,,,,,




मेरी मंत्री जी से बात हो गयी है सन्नी,,,,,वो सारा इंतेज़ाम कर देंगे,,मैने उनको सब
बता दिया और ये भी बता दिया कि मैने वो वीडियोस देख ली है,,,,उन्होने भी किसी जज का
बंदोबस्त कर लिया है जो इस केस की सुनवाई करेगा,,,,,,



मैने जब जज का नाम सुना तो खुश हो गया क्यूकी ये जज बहुत अच्छा आदमी था कभी कोई
ग़लत फेंसला नही सुनाया था कभी,,,इसकी फेंसले को तो सुप्रीम कोर्ट और हाइ कोर्ट भी मना
नही कर सकती थी,,,,,



अब बस सन्नी तुमको और ख़ान को अपना काम करना है और सेठी के बेटे और उसके दोस्तो को कोर्ट
रूम तक लेके आना है,,,बाकी आगे का काम हम लोग संभाल लेंगे,,,,,अब उन लोगो को कोर्ट
रूम तक कैसे लेके आना है ये तुम जानते हो या ख़ान जानता है,,,



जी मैं समझ गया ,,,,हम लोग जल्दी ही अपना काम शुरू कर देते है उन लोगो को कोर्टरूम
तक लेके आने का,,



अच्छा मधु मेडम अब मैं चलता हूँ ,,,मैने लॅपटॉप से पेनड्राइव निकाली और पॉकेट मे डाल
ली क्यूकी मैं पेनड्राइव मधु को नही दे सकता था,,,,जो भी था ये मेरी हेल्प कर रही थी
लेकिन फिर भी मैं इसका यकीन नही कर सकता था,,,



मेरी इस हरकत से वो थोड़ी खुश हो गयी,,,,,,अरे अरे इतनी भी क्या जल्दी है बैठो कुछ
देर,,,,और वैसे भी तुमने मुझे मेरा इनाम नही दिया अभी तक तुम्हारी हेल्प करने का,,,


इनाम कैसा इनाम,,,,,मैं कुछ समझा नही मधु मेडम,,,,,



मैं तुम्हारी हेल्प करूँगी तो मुझे भी इनाम मिलना चाहिए ना बदले मे,,,,अब तुम अमित को
सज़ा दिलवा दोगे तो तुम्हारा फ़ायदा होगा लेकिन इस सब मे मेरा फ़ायदा कहाँ होगा,,,,


आपका भी तो फ़ायदा है ना इसमे मधु मेडम,,,,,सेठी की कुर्सी गयी तो नेक्स्ट एलेक्षन मे आपकी
पार्टी जीत जाएगी वैसे भी एलेक्षन नज़दीक है,,,,आपके मंत्री जी को कुर्सी मिल जाएगी तो
आपको भी फ़ायदा होगा ना,,,,,



वो तो पार्टी का फ़ायदा होगा सन्नी इसमे मेरा क्या फ़ायदा,,,,मुझे तो कुछ और ही फ़ायदा करना है
उसने इतना बोला और हँसने लगी,,,,,



मैं कुछ नही समझ आ रहा आप क्या बोल रही हो मधु मेडम,,,,



अरे बुद्धू मुझे वो फ़ायदा चाहिए जो फ़ायदा तूने पायल को बार के मेन'स टाय्लेट मे दिया था
और उसके बाद उसके फार्महाउस पर,,,,,



मधु के मुँह से पायल का नाम सुनके मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,,आप कैसे जानती हो पायल
भाभी को,,,,,




मैं पायल को अच्छी तरह जानती हूँ ,,,हम दोनो कॉलेज की फ्रेंड है,,,,जब मैने उसको
ख़ान के फोन के बारे मे बताया तो उसने भी मुझे ख़ान की हेल्प करने को बोला लेकिन जैसे
ही मैने तुम्हारा नाम लिया वो खुश हो गयी,,,,फिर उसने मुझे सब कुछ बता दिया,,कैसे
तुम उसके फूफा जी की बेटी रितिका की शादी करवाई अपने दोस्त करण के साथ और कैसे तुमने
उसको खुश किया मेन,स टाय्लेट मे और फिर उसके फार्म हाउस पर,,,,अब मुझे भी वही सब
चाहिए जो तुमने पायल को दिया है,,,,,तभी मेरा कुछ फ़ायदा होगा तुम्हारी हेल्प करने का




लेकिन मैं वो,,,,मैं,,,,,मैने अभी बोलना ही शुरू किया कि उसने अपने टॉप को एक ही झटके
मे अपने जिस्म से अलग कर दिया,,,,,मैं तो देखकर हैरान रह गया,,,उसने नीचे ब्रा नही
पहनी हुई थी लेकिन फिर भी उसके बूब्स एक दम टाइट थे और ज़रा भी धल्के नही थे



मुझे अपने बूब्स की तरफ घूरते देख वो बोली,,,,,,,,,,अब दूर से देखते ही रहोगे या
कुछ करोगे भी,,,,,,मैं कुछ नही बोला बस उसके बूब्स को देखता गया उसने जल्दी से मेरा
हाथ पकड़ा और मुझे सोफे पर खींच लिया और मेरे बैठते ही उसने जल्दी से मेरी पेंट की
ज़िप खोल दी और खुद को घुटनो के बल सोफे पर बिठा कर अपने सर को मेरे लंड के उपर कर
लिया,,,,मेरा लंड जो अभी आधा खड़ा हो गया था उसके बूब्स देख कर वो एक ही पल मे उसके
हाथ के टच से झटके मारने लगा,,,,,



ओह्ह्ह माइयैयीई गूवूऊवाय्ड्ड्ड,,,,,,,,पायल ठीक कहती थी,,,तेरा मूसल इंसान का नही किसी
घोड़े या गधे का लगता है,,,,,आज तो मेरी चाँदी हो गयी,,,आज तक कभी इतना बड़ा मूसल
नही देखा रियल मे,,,,,इतना बोलकर उसने एक ही बार मे मेरे 3 इंच लंड को मुँह मे भर लिया
मैं इस सब क लिए तैयार नही था,,,,उसने सब कुछ बड़ी जल्दी जल्दी किया था लेकिन अब जब
मेरा लंड उसके मुँह मे चला गया और उसने अपने सर को उपर नीचे करके मेरे लंड को चूसना
शुरू कर दिया तो मेरे से भी रहा नही गया,,,,मेरा हाथ भी उसकी पीठ पर चला गया और
मैने उसकी पीठ को सहलाना शुरू कर दिया,,,लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी
चूत के करीब कर दिया,,,,मैने भी अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया



उसकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और मेरा हाथ उसकी चूत के पानी से भीगने लगा
था ,,,मैने अपने हाथ की उंगलियों को उसके चूत के पानी से लपलप भीगो लिया और जल्दी
से 2 उंगलियाँ उसकी चूत मे घुसा दी और हल्के हल्के उसकी चूत को चोदने लगा,,,,



वो सोफे पर घुटनो के बल झुक कर अपने गान्ड को हवा मे उठा कर अपने सर को मेरे लंड
पर झुका कर मेरे लंड को चूस रही थी और मेरा हाथ उसकी चूत पर था और मैं उसकी
चूत को अपनी 2 उंगलियों से चोद रहा था,,,,,उसको लंड चूसने का बहुत तजुर्बा था क्यूकी
वो मेरे आधे से भी ज़्यादा लंड को मुँह मे लेके चूस रही थी,,,,उसके मुँह से थूक निकल
कर मेरे लंड से बहता हुआ मेरी पेंट पर गिरने लगा इस से पहले पेंट गीली होती मैने
अपने एक हाथ से पेंट का बटन खोल दिया और अपनी गान्ड को सोफे से उठाकर पेंट को नीचे
करके अपने घुटनो के करीब कर दिया,,,,उसने भी मेरा साथ दिया और मेरी पेंट को नीचे कर
दिया जिस से मेरी पेंट मेरे पैरो के पास ज़मीन पर इकट्ठा हो गयी,,,,मैने अपने पैर हिला
हिला कर अपने जूते निकाल दिए जिस से मेरी पेंट भी निकल गयी और मेरा नीचे का जिस्म नंगा
हो गया,,,,,,



काफ़ी टाइम वो मेरे लंड को चुस्ती रही और मैं उसकी चूत मे उंगली करता रहा,,,फिर वो उठी
और अपनी चूत को मेरे पास करके चेहरे दूसरी तरफ कर लिया,,,मैने भी कोई देर नही की
और जल्दी से सोफे से उठकर ज़मीन पर खड़ा हो गया और अपने लंड को पकड़ कर उसकी चूत
पर रखा और एक ही झटके मे अपना पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे,,,,अहह हयी
रीई कित्न्नाअ बाद्दा हाई तीराअ सिईध्हा बच्चेदानी फिर चोत्त कार्रत्ता हाईईईईई



मेरा लंड उसकी चूत मे एक ही बार मे पूरा घुस गया था,,,काफ़ी खुली चूत थी उसकी,लगता
है काफ़ी लंड लेती होगी,,,,,,
Reply
07-16-2019, 12:30 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं उदास होके किचन से बाहर आ गया और सोफे पर बैठकर पिज़्ज़ा खाने लगा,,मैने सोनिया
की तरफ ध्यान नही किया और टीवी देखने लगा लेकिन जब भी मेरा ध्यान उसकी तरफ जाता वो
हँसने लगती और हंस कर टीवी देखने लग जाती,,,



कुछ देर मे कविता कॉफी ले आई ,,,हम लोगो ने ज़्यादा बात नही की और पिज़्ज़ा खाने लगे,,



पिज़्ज़ा ख़ाके सोनिया और कविता अपने रूम मे चली गयी और मैं भुआ के रूम मे जाके सो गया
मेरा दिल तो कर रहा था कविता के साथ मस्ती करने को लेकिन वो बहुत ज़्यादा थक गयी थी
और मैं भी थक गया था आज मधु की चुदाई करके इसलिए सो गया,,,,,




सुबह उठा और फ्रेश होके नीचे आ गया ,,,वो दोनो नाश्ता कर रही थी,,,,



चल जल्दी नाश्ता कर सन्नी कॉलेज के लिए लेट हो गये है हम लोग,,,,तभी मैं बोल
पड़ा,,,,,



आज तुम दोनो कॉलेज नही जाओगी,,,,,,



मेरी बात सुनके सोनिया बोल पड़ी,,,,क्यूँ नही जाएँगी हम कॉलेज,,कल भी नही गयी हम लोग
और आज भी तू मना कर रहा है,,,,,नही मुझे आज कॉलेज जाना है,,,तुम चाहो तो कविता
को रोक लो लेकिन मैं नही रुकने वाली,,,,,



तभी मैं थोड़ा गुस्से मे बोला,,,,,मैने कहा ना तुम दोनो आज कॉलेज नही जाओगी,,,,मैं
गुस्से मे बोला तो सोनिया और कविता डर गयी,,,,,



लेकिन सन्नी,,,कविता अभी बोलने ही लगी कि मैने उसको चुप करवा दिया,,,,,



सौरी कविता,,अभी कुछ मत बोलो,,,,,मैं जब घर आउन्गा तो बता दूँगा कि तुम लोगो को आज
कॉलेज जाने से क्यूँ रोका मैने,,,लेकिन अभी कुछ मत बोलना प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़



कविता चुप हो गयी और सोनिया नाश्ता बीच मे छोड़ कर उपर अपने रूम की तरफ भाग गयी



कविता भी उसके पीछे जाने लगी,,,,,,रूको कविता,,दरवाजा लॉक कर्लो मैं कॉलेज जा रहा
हूँ और जब तक मैं नही आता दरवाजा मत खोलना और बाहर भी मत जाना,,,,मैने इतना बोला
और वहाँ से चला गया,,,,



आज सुमित को बाहर लाने का प्लान था मेरा और ख़ान भाई का इसलिए मैने सोनिया और कविता को
कॉलेज जाने से रोका क्यूकी हमने सुमित को कॉलेज लेके आना था और वहाँ कोई भी पंगा हो
सकता था,,,,



मैं कॉलेज जाके कॅंटीन मे बैठ गया,,,और तभी सुमित का फोन आया,,,,,


हेलो सन्नी भाई मैं सुमित बोल रहा हूँ ,,,,,,कहाँ हो तुम,,,,


आबे तुझे बाहर निकाल दिया उन लोगो ने,,,,,


हां भाई आज ही निकाला अभी कुछ देर पहले,,,,आप कहाँ हो सन्नी भाई,,,,


मैं कॉलेज मे हूँ सुमित,,,,तू भी आजा यहाँ,,,,,


नही नही भाई वहाँ तो अमित होगा उसने मुझे देख लिया तो मार डालेगा मुझे,,,


अबे तू डरता क्यूँ है मैं हूँ ना,,,,और वैसे भी कॉलेज अभी अभी शुरू हुए है अभी
इतनी जल्दी नही आने वाले वो लोग कॉलेज ,,,,वो तो 10-15 दिन बाद आएँगे कॉलेज,,,चल
आजा मैं तेरा वेट कर रहा हूँ,,,,
Reply
07-16-2019, 12:30 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी मैने कॅंटीन वाले को अपने पास बुलाया ,,,,



मेरा एक काम करेगा,,,,



जी भाई एक क्या मैं 2 काम करूँगा,,,,,



अच्छा तो ऐसा कर सुरेश और अमित के पास जा और उनको बोल कि आज सुमित कॉलेज आने वाला है
अगर पूछे कि तुझे कैसे पता चला तो बोलना तूने किसी को फोन पर बात करते सुना है



लेकिन भाई आपको कैसे पता कि वो आज कॉलेज आने वाला है,,,,



तभी मैने उसको आँख मार दी और वो समझ गया और चला गया अमित के पास उसको बताने की आज
सुमित कॉलेज आने वाला है,,,,,,



कुछ देर बाद कॅंटीन वाला वापिस आ गया और आते ही 500000 रुपय टेबल पर मेरे सामने रख
दिए,,,,,



अबे ये क्या है,,,,,,मैने हैरान होके पूछा,,,,,



भाई सुमित की बात बताने पर अमित ने अपनी कॅंटीन का बिल पे कर दिया और बोला बाकी के
ज़मा करले अकाउंट मे,,,,ये पैसे आप रखलो वैसे भी मैने आपसे पैसे उधार लिए हुए
है,,,,,



वो तूने तब लिए थे जब तुझे ज़रूरत थी,,,अब जब मुझे ज़रूरत हुई मैं खुद माँग
लूँगा तेरे से,,,अभी ये पैसे अपने पास रख तू,,,,




लेकिन भाई,,,,,वो कुछ बोलने ही लगा तो मैं बोल पड़ा,,,,अब अगर ज़िद्द की तो तेरी कॅंटीन
मे आना बंद कर दूँगा समझा,,,,



उसने हँसके पैसे अपने पास रख लिए,,,,और वहाँ से चला गया


मैं वहाँ बैठकर सुमित का वेट करने लगा,,,


मेरा और ख़ान भाई का प्लान था सुमित को कॉलेज लेके आना ,,फिर अमित ने सुमित को देखना था
तो उनका पंगा शुरू हो जाना था ,,उन लोगो ने सुमित को मारना शुरू कर देना था और तभी
ख़ान भाई ने आके उन सबको गिरफ्तार कर लेना था,,,,,क्यूकी ख़ान भाई अपनी टीम के साथ अभी
इस कॉलेज के बाहर ही घूम रहे थे,,,,,ख़ान भाई के लोगो ने सुमित के बॅग मे वो सीडीज़
भी डाल दी थी जिसमे सारी वीडियोस थी ,,,उस सीडी पर हर जगह सुमित के ही फिंगरप्रिंट्स
थे,,,जब ख़ान भाई ने सबको गिरफ्तार करना था तो सुमित के बॅग से वो सीडीज़ मिल जानी थी
और अमित और उसके दोस्तो के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो जानी थी,,,,हम लोगो का प्लान अमित और उसके दोस्तो
को गिरफ्तार करना था,,,,और फिर कोर्टरूम मे पेश करना था,,,बाकी का काम मधु और उसके
मंत्री जी का था,,,,उन्होने सब तैयारी की हुई थी,,,,ख़ान भाई के वकील ने भी तैयारी की हुई
थी कि अमित का बाप उसकी जमानत नही करवा सके,,,,



अब बस सब लोगो को सुमित का इंतजार था,,,,और फिर वो घड़ी आ गयी जब सुमित चलता हुआ
कॉलेज गेट से अंदर दाखिल हो रहा था,,,इधर अमित और सुरेश अपने दोस्तो के साथ तैयार
थे सुमित को मारने के लिए,,,,जैसे ही अमित और सुरेश की नज़र पड़ी सुमित पर वो उसकी
तरफ भागे ,,,सुरेश और बाकी लड़को को अपनी तरफ आता देख सुमित गेट से बाहर रोड की
तरफ भागा ,,,,मैने भी उनके पीछे भागा ,,,तभी मैने देखा कि अमित सुमित के पीछे
नही बल्कि अपनी कार की तरफ भाग रहा था,,,,और कुछ ही देर मे अमित की कार मेरे करीब
से बड़ी तेज़ी से गुजरती हुई सुमित की तरफ जा रही थी,,,,,सुमित रोड पर भाग रहा था
पीछे से सुरेश और उसके दोस्त,और उनके पीछे था मैं और कुछ और भी लड़के थे जो कॉलेज
के बाहर आ गये थे ये देखने के लिए की क्या हो रहा है,,,,कॅंटीन वाला भी बाहर आ गया
था,,,,,तभी सब लोग हैरान हो गये,,,अमित अपनी कार को तेज़ी से भगाता हुआ मेरे करीब से
तो निकल गया और फिर सुरेश और अपने दोस्तो के करीब से भी निकल गया,,,,फिर उसने कार को
सुमित के पीछे दौड़ाना शुरू किया और कुछ ही देर मे उसने सुमित को कार से टक्कर मार दी और
सुमित को कुचलता हुआ आगे रोड पर भाग गया कार लेके,,,,



इतने मे लोग ज़मा हो गये सुमित के पास,,,,भीड़ के बीच मे से ख़ान भाई सुमित के पास आए
उन्होने सुमित का हाथ पकड़ कर नब्ज देखी तो पता चला सुमित मर गया था,,,तभी ख़ान
भाई के इशारे पर एक पोलीस की कार अमित की कार का पीछे करने लगी,,,,उन्होने आगे जाके
अमित को रोक लिया था और उसको गिरफ्तार कर लिया था,,



कुछ लोग सुरेश और दूसरे लड़को की तरफ गये तो उन्होने भी भागने की कोशिश की लेकिन वो
भी पकड़े गये लेकिन सुरेश बचके निकल गया और भाग गया वहाँ से,,,,,बहुत लोगो ने देखा
था अमित की कार को सुमित को टक्कर मारते हुए ,,,कुछ लोग गवाही को भी तैयार हो गये,,उन
लोगो मे वो लड़के भी थे जिनको अमित के बाप ने सुरेश को आंब्युलेन्स मे ना डालने के लिए
पोलीस के हवाले किया था और पोलीस को उनकी खातिरदारी करने को बोला था लेकिन मैने ख़ान
भाई को बोलके उनको बचा लिया था,,,,अब वो लोग मेरी और ख़ान भाई की वजह से गवाही देने
को तैयार थे बदले मे ख़ान भाई ने उनकी सेफ्टी का वादा किया था उनसे,,,,



कुछ देर मे आंब्युलेन्स आ गयी और सुमित की लाश को ले गयी,,,,अमित भी पकड़ा गया और उसके
कुछ दोस्त भी लेकिन सुरेश बचके भाग गया था,,,,,



माना की अमित की कार को बहुत लोगो ने देखा था,,,कुछ गवाही को भी तैयार हो गये थे लेकिन
हम लोगो को पक्का सबूत चाहिए था,,तभी मेरा ध्यान पड़ा कॉलेज के करीब एक बॅंक एटीएम
पर,,,,जिसके बाहर एक सीसीटीवी कॅमरा लगा हुआ था,,,,मैने ख़ान भाई को इशारा किया तो वो जल्दी
से एटीएम के अंदर गये और वहाँ की वीडियो चेक की तो हम लोगो को वो वीडियो मिल गयी जिसकी हम
लोगो को ज़रूरत थी,,,,,उस वीडियो मे अमित की कार और उसका चेहरा सॉफ नज़र आ रहे थे और
वो सब नजारा वीडियो मे क़ैद हो गया जब अमित ने सुमित को कार से टक्कर मारी थी,,,ये भी एक
पक्का सबूत बन गया था अमित के खिलाफ,,,,



मैं और ख़ान भाई बहुत खुश थे ,,अमित पकड़ा गया था,सुमित के पास से वो बॅग भी पकड़ा
गया जिसमे सीडीज़ थी,,,,अमित के दोस्त भी पकड़े गये सुरेश को छोड़ कर,,,,हालाकी हम लोगो
ने कभी सोचा नही था कि सुमित मारा जाएगा लेकिन उसके मरने का अफ़सोस भी नही था
क्यूकी वो भी कहीं ना कहीं अमित जितना ही क़सूरवार था,,,,,




हम सब लोग बहुत खुश थे और कॉलेज मे भी लोग काफ़ी खुश दिख रहे थे,,,,कॅंटीन
वाला भी बहुत खुश था,,,और हंसते हुए मुझे देख रहा था,,,वो समझ गया था कि ये सब
मेरी वजह से हुआ है लेकिन वो बोला कुछ नही बस मेरे गले लग्के मुझे शुक्रिया बोला और वापिस
कॅंटीन मे चला गया,,,,



ख़ान भाई भी पोलीस स्टेशन चले गये अब उनको बहुत काम था,,,,मैं भी खुशी खुशी
कॅंटीन मे बैठकर कॉफी पीने लगा,,,,तभी प्रिन्सिपल अपनी कार मे बैठकर कॉलेज से
निकल गया,,ये भी पक्का पोलीस स्टेशन गया होगा,,,,कॉलेज मे सब लोग बहुत खुश थे
जैसे कि आज कॉलेज मे कोई पार्टी हो,,,,,



अमित का बाप अमित की ज़मानत की कोशिश करेगा लेकिन ख़ान भाई और उनके वकील लोगो ने
सारा इंतेज़ाम पहले ही किया हुआ था,,,अब तो एफआइआर दर्ज करके उसको कोर्ट मे पेश करना था,


कुछ देर कॉलेज मे टाइम बिताकर मैं घर की तरफ चल पड़ा,,,,,घर पहुँचा तो सोनिया
और कविता अभी टीवी देख रही थी,,, मैं भी जाके उनके पास बैठ गया,,
कविता तो ठीक थी लेकिन सोनिया गुस्से मे थी,,,,



तभी कविता बोली,,,,,क्या बात थी तूने आज हमको कॉलेज क्यूँ नही जाने दिया,,,



अरे मैं कॉलेज से आया हूँ ना चाइ ना कॉफी सीधा सवाल करना शुरू ,,,,,



तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,चाइ कॉफी बाद मे जल्दी बता कॉलेज क्यूँ नही जाने दिया मुझे
वो थोड़ी गुस्से मे बोली,,,



तभी मैने उन लोगो को सारी बात बता दी,,,,जो भी आज कॉलेज मे हुआ,,,,



तभी कविता उठी और सोनिया के सामने मेरे गले लग गयी और मुझे गालों पर किस करने लगी



ओह्ह सन्नी तुझे नही पता तूने कितनी अच्छी खबर सुनाई है आज,,,अच्छा हुआ वो कमीना अमित
पकड़ा गया,,,,अब पूरे कलाज को चैन की सांस मिलेगी,,,पूरा कॉलेज बहुत खुश होगा आज



हां हां बहुत खुश थे सब लोग,,,ऐसा लग रहा था आज कॉलेज मे कोई पार्टी हो जैसे,



तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,ओह्ह्ह ये सब मिस हो गया,,,,काश हम भी कॉलेज गयी होती,,कितना
अच्छा लगता उस सूअर के बच्चे अमित को गिरफ्तार होते देख कर,,,,,सोनिया खुश होके बोली और
फिर उदास होके मेरी तरफ देखने लगी,,,



क्या हुआ तुझे एक पल खुश हुई और अब उदास क्यूँ हो गयी,,,,,



तूने हम लोगो को कॉलेज क्यूँ नही जाने दिया,,,,तेरी वजह से सब मिस हो गया,,,,सोनिया
थोड़ा गुस्सा करते हुए बोली,,,,



कविता अभी तक मेरे गले लगी हुई थी,,,तभी मैने सोनिया के सामने कविता को गोद मे बिठा
लिया कविता थोड़ा शर्मा रही थी और दूर जाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने उसको
पकड़ा हुआ था,,,,,



क्यूकी मैं तुम लोगो को बहुत प्यार करता हूँ ,,,मैं नही चाहता था कॉलेज मे कोई पंगा
हो और तुम लोगो को कोई नुकसान हो इसलिए मैने तुम लोगो को घर पर रहने को बोला था,,




मैने इतना बोला तो कविता ने मुझे एक किस और की गालों पर,,,,हाइ कितना ख्याल है तुझे
हम लोगो का,,,,,फिर वो उठी और सामने वाले सोफे पर जाके सोनिया के पास बैठ गयी,,,,



तभी सोनिया फिर हल्के गुस्से मे,,,अब क्यूँ आ गयी यहाँ मेरे पास,,,,जा जाके बैठ उसकी
गोद मे,,,,,
Reply
07-16-2019, 12:30 PM,
RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सोनिया की बात से कविता थोड़ी शरमा गयी और जल्दी से किचन मे चली गयी,,,



शायद मेरे लिए चाइ कॉफी लेने गयी होगी,,,,,



तुझे क्यूँ इतनी जलन होती है कविता को ऐसे मेरे साथ देख कर,,,,मैने सोनिया से पूछा




मुझे क्यूँ जलने होने लगी,,,,बस मुझसे ये सब बेशर्मी देखी नही जाती,,,अगर इतना ही दिल
कर रहा है बेशरम होने का तो जाओ बेडरूम मे चले जाओ,,,यहाँ बाहर बेशर्मी मत
दिखाओ अपनी,,,,सोनिया ने भी इतना बोला और कविता के पीछे पीछे किचन मे चली गयी



मैं वहीं बैठ कर टीवी देखता रहा,,,,आज मैं बहुत खुश था,,,,मेरा और ख़ान भाई का प्लान
काम कर रहा था,,,,हालाकी हमने सुमित की मौत के बारे मे नही सोचा था लेकिन उसकी मौत
का गम भी नही था हम लोगो को,,,,वो बेचारा बलि का बकरा बन गया,,



कुछ देर बाद कविता और सोनिया किचन से कॉफी लेके आ गयी,,,,हम लोग बैठकर कॉफी
पीट हुए टीवी देखने लगे,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,,



सोनिया ने जाके दरवाजा खोला तो सामने भुआ और शोभा थी,,,,सोनिया उनके गले लग्के मिली फिर
वो अंदर आ गयी,,,,मैं भी भुआ और शोभा को मिला फिर कविता भी मिली उन दोनो को,,



तभी सोनिया खुशी खुशी भुआ और शोभा को कॉलेज वाली बात बताने लगी,,,भुआ और खांसकार
शोभा बहुत खुश हुई सारी बात सुनके ,,,उसको भी बड़ी खुशी थी अमित के गिरफ्तार होने
से,,,,क्यूकी शोभा जानती थी उसी ने शिखा दीदी की वीडियो बनाई थी,,,,,



सब लोग ऐसे बातें करने लगे फिर भुआ बोली ,,,चलो सब तैयार हो जाओ,,,,,शॉपिंग करने
जाना है,,,,,,5 दिन बाद शोभा की शादी है,,,,,




भुआ मैं क्या करूँगा साथ जाके तुम सोनिया और कविता को ले जाओ मैं वैसे भी बहुत थका
हुआ हूँ,,,,




भुआ कुछ नही बोली ,,,सोनिया और कविता को साथ ले गयी,,,मैने नोट किया कि आज कल भुआ
शोभा मे से कोई भी मेरी तरफ ध्यान नही दे रहा था,,,,वैसे मेरा भी ध्यान नही जाता
था उनकी तरफ सोनिया और कविता की वजह से लेकिन भुआ और शोभा को क्या हो गया था,,,शोभा
शायद शादी की वजह से ऐसा कर रही थी लेकिन भुआ को क्या हुआ ,,,,,




भुआ ने बताया कि ख़ान भाई ने किसी दोस्त को बुलाया है जो कोर्ट मे शादी करवाता है,
शादी ख़ान भाई के घर पर होगी क्यूकी लड़के वालो का घर करीब है लेकिन रिसेप्षन की
पार्टी यहाँ हमारे घर मे होगी शादी के कुछ दिन बाद,,,,,




खैर,,,वो लोग चली गयी और मैं टीवी देखता रहा,,,,,




शाम करीब 7 बजे सोनिया और कविता आ गयी,,,,अंदर आके फ्रेश होके वो दोनो किचन मे रात
के खाने की तैयारी करने लगी और मैं टीवी ही देखता रहा,,,,,,जब खाना तैयार हो गया हम लोगो
ने मिकलर खाना खाया ,,,,सोनिया और कविता शॉपिंग की बातें करती रही लेकिन मैं चुप
करके खाना ख़ाता रहा,,,,फिर हम लोग उपर अपने रूम मे चले गये,,,मैं भुआ के रूम मे
जाने लगा तो कविता बोली,,,,,,,सन्नी तुम भी यहीं सो जाओ हम लोगो के साथ,,,,




तभी मैने कविता को इशारा किया सोनिया की तरफ जो मुझे गुस्से से देख रही थी,,नही
मैं यहाँ नही सो सकता वैसे भी 2 ही बेड है यहा,,,,,



तो क्या हुआ,,,मैं और सोनिया एक साथ सो जाती है तुम अपने बेड पर सो जाओ,,,,,लेकिन तभी
सोनिया बोल पड़ी,,,,,,नही नही यहाँ नही,,,,तुम मेरे साथ नही सो सकती,,,,,और ये सन्नी भी
यहाँ नही सो सकता,,,,




सोनिया समझ कर इसको यहाँ सोने दे,,,,हम एक साथ सो जाती है एक बेड पर,,पहले भी तो हम
सब ऐसे ही सोते थे,,,,



नही पहले बात कुछ और थी अब नही,,,,अब ये हम लोगो के साथ नही सो सकता इसको दूसरे
रूम मे जाने दो,,,,,



मैं सोनिया की बात समझ गया,,,,,वो डर रही थी मेरे यहाँ सोने से,,,,,,रहने दो कविता
किसी को मेरे यहाँ सोने से डर लगता है,,,मैं दूसरे रूम मे ही सो जाता हूँ,,इतना
बोलकर मैने हँसके सोनिया की तरफ देखा तो कविता भी हँसने लगी,,,,सोनिया ने हल्के से एक
थप्पड़ मारा उसके सरपे तो वो चुप हो गयी,,,,मैं वहाँ से हंसता हुआ भुआ के रूम मे आके
लेट गया,,,,



मैं बेड पर लेटा हुआ था तभी करीब 30-35 मिनिट बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और
कविता अंदर आ गयी,,,,



तुम यहाँ क्या कर रही हो कविता,,



सोनिया सो गयी है,,,,मेरा दिल कर रहा था तुम्हारे साथ सोने को इसलिए तो तुमको उसी रूम
मे सोने को बोल रही थी,,,,बट तुम नही माने तो मैं यहाँ आ गयी,,,,इतना बोलते ही वो
मेरे साथ मेरे बेड पर लेट गयी,,,,,,मेरे और सोनिया के रूम मे 2 बेड थे वहीं भुआ के
रूम मे एक ही बेड था,,,,कविता मेरे साथ आके मेरे करीब लेट गयी और अपना सर मेरे
शोल्डर पर रख दिया,,,



क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है मेरे पर,,,,सोनिया का डर भी नही ,,,,दिन मे भी
उसके सामने मुझे गालों पर किस कर दिया और अब मेरे साथ सोने भी आ गयी,,,,



तो क्या करूँ,,,प्यार करती हूँ तेरे से,,,,जब तू कॉलेज के सामने मुझे अपनी बाहूं मे
भर सकता है तो क्या मैं सोनिया के सामने तुझे किस नही कर सकती तेरे पास आके सो न्ही
सकती,,,



अच्छा अगर सोनिया के सामने किस कर सकती हो तो अकेले मे क्या क्या कर सकती हो,,,मैने इतना
बोला ही था कि कविता मुझे होंठों पर किस करने लगी,,,,मैने भी ज़्यादा देर नही की और
उसको किस का रेस्पॉन्स देते हुए उसको होंठों को चूसना शुरू कर दिया,,,,



उसने अभी वाइट कलर का नाइट सूट पहना हुआ था,,,,वाइट पयज़ामी साथ मे वाइट कुर्ता
वो खुद भी एक दम गौरी चिट्टी थी ,,,,किस करते हुए वो अपनी टाँगों को मेरे दोनो तरफ
करके मेरे उपर बैठ गयी और अपने घुटनो को बेड से लगा कर अपनी गान्ड उपर उठाकर मेरे
उपर चढ़ के मुझे किस करने लगी,,,,मैं अभी टी-शर्ट और निक्कर मे था,,,उसने किस करते
हुए मेरी टी-शर्ट को पकड़ा और उपर उठाने लगी,,मैने भी उसका साथ देते हुए अपनी टी-शर्ट
निकालने मे उसकी हेल्प की,,,मेरी टी-शर्ट उतर गयी और तभी उसने भी अपना कुर्ता निकाल दिया




उसने ब्रा नही पहनी हुई थी इसलिए उसका उपर का जिस्म कुर्ता निकल जाने से नंगा हो गया और
मैने भी टी-शर्ट के नीचे बनियान नही पहनी थी इसलिए मेरा भी उपर का जिस्म नंगा हो
गया था,,उसके छोटे छोटे बूब्स जो अब मेरी मेहनत की वजह से थोड़ा आकार लेने लग गये
थे वो बूब्स मेरी छाती पर टच कर रहे थे,,और मुझे बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट एहसास मिल रहा
था उसके बूब्स का ,,,,उसके हाथ मेरे सर को प्यार से सहला रहे थे जबकि मेरे हाथ उसकी
नंगी पीठ पर थिरकने लगे थे,,उसकी मखमली पीठ पर मेरे हाथ खुद-ब-खुद फिसलते
जा रहे थे,,मैं बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों से उसकी पीठ को सहला रहा था और वो भी
मेरे सर को सहला रही थी,,,हम दोनो करीब 10-15 मिनिट ऐसे ही किस करते रहे,,,




फिर मैने उसको अपने उपर से उठाकर बेड पर लिटा दिया और खुद उसके उपर आ गया,,उसके
उपर आते ही उसने फिर से मुझे किस करने की कोशिश की लेकिन मैने उसके बूब्स की तरफ
बढ़ गया और उसके बूब्स को किस करते हुए चूसने और काटने लगा,,साथ ही दूसरे बूब को
हाथ मे पकड़ कर दबाने लगा,,,,,बूब्स को चूस्ता और दबाता हुआ मैं उसके पेट पर किस
करने लगा,,जैसे जैसे मैं उसके पेट पर किस करता हुआ नीचे की तरफ बढ़ रहा था
वैसे वैसे उसका बदन तेज तेज झटके मारने लगा था,,उसकी पेट भी तेज़ी से उपर नीचे हो
रहा था वो समझ गयी थी मैं उसकी चूत की तरफ़ बढ़ रहा हूँ,,,मैने नीचे बढ़ते हुए
उसके पाजामे को पकड़ा और नीचे खिसकाने लगा उसने भी कोई ज़ोर नही लगाया और एक ही पल मे
अपनी रज़ामंदी दिखा कर अपनी गान्ड को बेड से उपर उठा दिया जिस से मुझे आसानी हो गयी
उसकी पयज़ामी उतारने मे,,,,,उसकी पजामि उतरती गयी और उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने नंगी
होती गयी,,,आज वो शरमा नही रही थी,,घबरा नही रही थी बस मेरा साथ दे रही थी
इसलिए मुझे बहुत खुशी हो रही थी,,,




पयज़ामी उतरते ही वो पूरी नंगी हो गयी क्यूकी उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी,,वो गोरे
रंग की लड़की मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी,,,,उसके छोटे छोटे बूब्स जो अब इतने छोटे भी
नही रह गये थे,,,,उसकी गुलाबी चूत जिसपे कोई बाल नही था,,,,पयज़ामी उतरते ही मुझे
लगा था ये अपनी चूत को मेरे से छुपा लेगी लेकिन मैं ग़लत था,,उसने तो अपनी दोनो
टाँगे खोल कर मुझे चूत के पूरे दर्शन करवा दिए थे,,,,शायद आज वो भी पूरी
मस्ती मे थी,,,,मैने भी अच्छा मौका देखा और उसकी चूत की तरफ बढ़ गया,,उसकी चूत को
मैने अपने दोनो हाथों से दोनो तरफ खोल दिया और उसकी चूत के अंदर के गहरे गुलाबी
हिस्से को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा,,,मैं कभी उसकी चूत को ज़ुबान से चाट-ता कभी
उसकी चूत के छोटे छोटे होंठों को अपने होंठों मे भरके चूसने लग जाता कभी हल्के से
काट देता,,,,कभी उंगली से उसकी चूत को चोदता और साथ ही अपनी ज़ुबान से चूत के उपरी
हिस्से को चाटने लग जाता वो बस लेटी हुई सिसकियाँ ले रही थी,,आअहीईन्न्न्न भर रही थी
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