Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 01:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आज ज़िंदगी मे पहली बार उनकी आँखो मे मैने नमी देखी थी , ये ना समझना की पापा नशे मे है तो कुछ भी बोल रहे है मेरे बेटे हाँ पर इतना ज़रूर है कि अगर आज मे नशे मे ना होता तो शायद तुझसे कभी अपने मन की बात बोल भी नही पता वो कहने लगे बेटे – मेरी इन बातों का शायद तेरे लिए कोई मोल ना हो पर जिस दिन तेरी खुद की औलाद होगी ना उस दिन तू समझेगा कि बाप क्या बोलता था ले एक पेग ले ले मुझसे कैसी शरम , दारू अंदर जाएगी तो शायद तेरे अंदर भी हिम्मत हो जाए कि बाप से दो बात कर ले जब से आए है तुझे देखा कि बस दूर दूर बाहर है, अब शायद हमारी परवरिश मे ही कोई कमी कमी रह गयी होगी कि अपनी औलाद अपना खून ही देखो कैसे दूर दूर हो रहा है मेरी आँखो से जो इतने दिनो से गुबार जमा हुआ था मन मे वो सारी फीलिंग्स आँसू बन कर बहने लगी मैं पापा के गले लग गया और फुट फुट कर रोने लगा काफ़ी देर तक बस मैं रोता ही रहा रोता ही रहा अपने पापा की गले लग कर



वो बोले रोता क्यो है , अगर माँ बेटे के बीच कुछ शिकवा था भी तो क्या तू मेरे आने की वेट नही कर सकता था घर ही छोड़ कर चला आया ये तूने अच्छा नही किया मनीष , मेरे बेटे क्या तुझे अपने बाप पर ज़रा सा भी भरोसा नही था आख़िर ऐसा क्या हो गया था जो आपस मे बैठ कर सुलझाया नही जा सकता था तुझे तेरी पसंद की लड़की से शादी करनी थी ना तो कर ले किसने रोका तुझे ना मैने उस दिन मना किया ना आज करता हूँ पर बेटे माँ-बाप को यू रुसवा कर दिया तूने




उनकी कही हर एक बात मेरे कलेजे को चीरे जा रही थी , और सच ही तो था मैं कभी एक अच्छा बेटा बन ही नही पाया था , बस भागता ही तो रहा था मैं अपनी जिंदगी भर , कभी सोचा ही नही था उनके बारे मे बस निकला भी तो क्या मैं एक नालयक , वो बिल्कुल सही थे पर मैं एक कमीना इंसान था हालत ने ये कैसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था मुझे , महॉल बड़ा ही टेन्स हो गया था तो मामा जी ने मुझे कहा कि बेटे तुम अंदर जाओ और फिर वो पापा को संभालने लगे मैं बैठक से तो बाहर निकल आया पर उस एक पल मे ही सब कुछ बेगाना सा लगने लगा था मैं साला जाउ तो कहाँ जाउ इतनी बड़ी दुनिया मे कही ऐसी जगह नही जहाँ दो पल का सुकून मिल सके




जहा दो पल बैठ कर मैं हँस सकूँ , अपने आप को कह सकूँ कि मैं खुश हूँ इतनी बड़ी दुनिया मे मेरा कही कुछ नही बस मुसाफिर बनकर रह गये थे हालातों के मारे हम करे भी तो क्या अरे आँसू भी अपनी आँख का ही नमक



फिर बस खराब तबीयत का बहाना कर के बिस्तर पर लेट गया और अपने एमोशन्स को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगा ध्यान तब टूटा जब नीचे बनवारे के लिए बाजा बजने लगा मैं उठा और दो गिलास पानी पिया मैने सोचा कि अब मेरा यहाँ से चले जाना ही ठीक रहेगा वारना मैं तो दुखी रहूँगा ही मम्मी-पापा भी परेशान होंगे तो जब सारे लोग बनवारे मे नाचते गाते घरे से बाहर गली मे चले गये तो मैने चुपके से अपना बॅग पॅक किया और पिछली गली से बाहर निकल गया

रात के साए मे धुन्ध की चादर ओढ़े मैं गाँव से बाहर निकल आया और हताश कदमो से हाइवे की ओर चले जा रहा था जो की करीब 5 किमी दूर था ,,निकल तो आया था पर पता नही था कि जाना किधर है एक रास्ता जाता था देल्ही की तरफ जहाँ पर थी निशा मेरी प्यारी दोस्त और दूसरा जाता था जयपुर की तरफ जहाँ से मैं अजमेर जा सकता था यही सोचते सोचते मैं हाइवे तक पहुच ही गया



काफ़ी सर्द रात थी वो जॅकेट मे भी जबरदस्त सर्दी लग रही थी , हाइवे पर ही एक ठेका था तो मैने एक विश्की का हाफ ले लिया खीचने लगा मैने ठेके वाल से पूछा कि भाई इधर बस कहाँ मिलेगी तो वो बोला कि इधर तो नही मिलेगी थोड़ी आगे एक होटेल है उधर बस रुका करती हैं तो उधेर देख लो मैं जाके उस होटेल पर ही बैठ गया और इंतज़ार करने लगा




तभी फोन बज उठा,ये साला फोन भी अजीब चीज़ होता है कही भी बज जाता है तो मैने देखा कि अशोक भाई का फोन था वो बोले कहाँ है तू मैने कहा बस इधर ही हूँ वो बोले जल्दी से मेरे पास आ तो मैने कहा नही यार अब नही आ सकता मैं वापिस जा रहा हूँ तो वो बोले कहाँ जा रहा है तू , तू कही नही जाएगा अभी के अभी वापिस आ मैने कहा अब ना रोक भाई , जाने दे मुझे हम जैसों का कहाँ कोई घर हुआ करता है भाई




तू इस मुसाफिर को अब जाने दे , तो वो बोला यार ऐसा क्यो बोलता है क्या मेरा घर तेरा नही है और फिर जब भाई ही यूँ चला जाएगा तो फिर कैसी शादी होगी कब्से तो इतना चाव कर रहा था तू शादी का और अब तू ऐसे मूह छिपा कर जा रहा है मैने कहा भाई यार तू एमोशनल ना कर अभी तो वो बोला देख तुझे कसम है मेरी अगर तू गया तो चुपचाप घर आजा और सो जाना किसी को पता ही नही चलेगा
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10-07-2019, 01:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा यार तू ज़िद ना कर तो वो बोला तू पहले बता है कहाँ पर तो मैने कहा शिवानी होटेल पर हूँ भाई बोला तू उधर ही रुक मैं बस दस मिनिट मे आता हूँ तो फिर मैने कहा यार तू कहाँ आ रहा है पर वो बोला , बोल दिया ना उधर ही रुक मैं आ रहा हूँ करीब पंद्रह मिनिट बाद वो आ गया आते ही उसने एक खीच कर चान्टा जचा दिया तो मैं कुर्सी से गिर गया



वो बोला साले , भाई को छोड़ कर जा रहा है शरम नाम की कोई चीज़ है या नही है मैं बोला मारा क्यो तो उसने एक और रख दिया और बोला तेरी सारी उतार दूँगा बना फिर रहा है देवदास की औलाद , मैने कहा भाई मेरे भाई फिर उसने मुझे अपने गले लगा लिया और बोला यार छोटे तेरे सिवा मेरा है ही कॉन और तू इस तरह छुप कर जा रहा है तो गुस्सा आयगा ही ना



मैं रोते हुए बोला यार भूक लगी है बहुत तेज तो बोला चल आजा , बोल क्या खाएगा तो फिर उसने खाने का ऑर्डर दिया और बोला चल मूह धोले कैसी रोनी सी शकल बना रखी है कल को तेरी भाभी आएगी तो क्या सोचेगी कि रोट्लु देवर है तो मैं मूह धोने चला गया फिर वो मुझे अपने हाथो से खाना खिलाते हुए बोला यार तू भी कमाल करता है एक फोजी होकर एमोशनल हो जाता है मैने कहा यार फोजी भी तो इंसान ही होते है क्या दिल नही धड़कता उनके सीने मे




तो वो बोला देख तुझे एक राज़ की बात बता ता हूँ जो फोजी होता है ना वो देखा जाए तो एक सरकारी कुली से ज़्यादा कुछ नही होता , और फिर कदर करता ही कॉन है फोजी की आधी उमर तो पोस्टिंग्स मे बोरिया-बिस्तर लेकर घूमते हुए कट जाती है जो बची वो दारू के नशे मे कट जाती है , तूने कभी गौर किया कि हम फोजी जो होते है कभी ड्यूटी पे पीते है क्या पर जब घर आते है तो खूब पीते है




मैने कहा क्यो भाई वो बोला वो इसलिए छोटे क्योंकि इस दुनिया मे फोजी की कोई इज़्ज़त होती ही नही है फोज मे अफसरो की गालियाँ खाओ, घर आओ तो कोई ये नही पूछता कि बेटा ठीक है, भाई कैसा है कैसे रहते हो उधर , तबीयत कैसी है किस हाल मे हो पूछता है क्या कोई मैने कहा नही भाई, बोला आते ही सब पूछते है क्या लाया क्या लाया माँ बाप पूछेंगे कि कितना पैसा लाया कितना जोड़ लिया



मैने कहा वो तो है बोला यार अपने दोस्त भी पीठ पीछे फोजी मेंटल मेंटल करते है एक पुलिसी की इज़्ज़त है पर अपनी नही फोजी के बच्चे, उसकी वाइफ वो फोजी को थोड़ी चाहते है वो तो बस देखते है कि कितना पैसा लाया है 6 महीने मे जो आया है बच्चों को पता चलता है कि बाप आ गया तो ये नही पूछेंगे कि पापा कितने दिन रहोगे हमारे साथ बल्कि ये पूछेंगे कि पापा कब जाओगे



और फिर अपन लोगो की ज़िंदगी होती ही कितनी है ना जाने कॉन सी गोली बुलावा लेकर आ जाए तो भाई मेरे जितने भी दिन है राज़ी खुशी रह ले ये रो कर नाराज़ होकर क्या करेगा भाई की बात एक दम सही थी भाई तो बड़ी घुटि हुई चीज़ थी मैने कहा पर भाई प्यार ,मोहब्बत भी कोई चीज़ होती है तो भाई बोला रे बावले सच मे तरस आता है तेरे पे तुझे ऑफीसर बना किस ने दिया




प्यार व्यार कुछ ना होवे, मुझे देख कितनी छोरी चोद ली सब गयी ब्याह करवा के रह रही है के ना अपने आदमियो के साथ अब गली मे भी मिल जावे तो देखे ना और उन दिनो लेटर लिखा करती थी कि तेरे बिना जी ना सकूँ तो भाई ये औरत की जात ही ऐसी होती है इनकी क्या टेन्षन और वैसे भी कपड़े उतारने के बाद सारी औरते एक जैसी होती है सोडा तो एक ही होवे सै



बाते करते करते काफ़ी देर हो गयी थी भाई बोला चल इब घर चाल घनी देर हो गी सै काल फिर लगन भी आवेगा तो दूल्हे ने फ्रेश दिखना चाहिए तो मैने कहा तू पीछे बैठ मोटरसाइकल मैं चलूँगा तो फिर बात करते करते हम लोग घर पर आ गये

अगली सुबह बुग्गी ने मुझे उठाया और चाइ का कप पकड़ाते हुए बोली कितना सोते हो तुम अब जल्दी से उठ जाओ आज लगन है तो काफ़ी कम पड़े है और तुम यहाँ पर पड़े हो मैने कहा तुम तो ऐसे कह रही हो कि जैसे मेरा लगन आ रहा है धनी को चिंता करनी चाहिए मुझे नही मैने कहा यार मुझे सुबह सुबह चाइ पीना पसंद नही है तो वो बोली फिर क्या पसंद है



तो मैने उसे अपनी ओर खीचा और उसके होंठो को चूम लिया तो वो शरमाते हुए वहाँ से भाग गयी और मैं भी अपने कपड़े पहन कर नीचे आ गया तो देखा कि टॅंट वाले आ चुके थे और प्लाट मे टॅंट लगा रहे थे कल से कढ़ावा तो चल ही रहा था पता चला कि पापा मामा के साथ कुछ खरीददारी करने बाजार गये हुए थे मैं दातुन करते हुए इधर उधर घूम रहा था




तो अशोक भाई ने कहा छोटू आजा , चल ज़रा नाई की दुकान तक चलते है थोड़ा शेविंग करवा आते है शाम को तो टाइम मिलेगा ही नही मैने कहा भाई तू जा तू दूल्हा है अपने को क्या अपन तो इधर ही दाढ़ी को रगड़ लेंगे कोण सा तेरी साली अपने को पसंद कर लेगी तो वो बोला चल ठीक है तू इधर ही काम देखलियो मैं आता हू भाई के जाने के बाद मै इधर उधर घूमने लगा फिर से




जिसे देखो सुबह से ही बना सँवरा घूम रहा था आख़िर भाई आज पार्टी तो थी तो अपने लिए करने को कुछ खास था नही बस मैं खाट पर बैठा देख रहा था कभी मिठाई चख ली तो कभी सब्ज़ी वग़ैरा बस मैं भी थोड़ा सा बोर सा होने लगा था ऐसे ही दोपहर हो गयी थी मेहमान और यार-दोस्तो का आना शुरू हो गया था मैने सोचा भाई फोजी अब तू भी ज़रा चमक जा



तो मैं शेविंग कर ही रहा था कि तभी रुक्मणी आई और बोली कि मनीष मुझे थोडा सा काम है हेल्प करोगे क्या मैने कहा बोलो डियर तुम्हारे लिए ही तो है वो बोली कि मैं अपनी मेकप किट भूल आई हूँ तो ब्यूटी पार्लर जाना है तो सहर तक चलो मैने कहा यार कमाल करती हो अब कोई टाइम है क्या तो वो बोली चलो ना प्लीज़ तो मैने कहा ठीक है अब तुम कह रही हो तो



मैने कहा मैं बाइक लाता हूँ तुम गली के कोने पर आओ फिर मैं बुग्गी को लेकर सहर की तरफ उड़ चला गाँव की हद से बाहर होते ही उसने मेरी कमर मे हाथ डाला और कस कर मुझसे चिपक कर बैठ गयी उसकी मस्त चूचिया मेरी पीठ मे दबाव डालने लगी थी ऐसे ही मज़े लेते हुए हम सहर आ गये वहाँ पर काफ़ी देर लग गयी भाई के फोन पर फोन आ रहे थे
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10-07-2019, 01:15 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
कहाँ है तू वो सोच रहा था कि भाई कही फिर से भाग तो नही गया मैने कहा यार ये बुग्गी ब्यूटी पार्लर आई है तो उसके साथ ही हूँ वो बोला 4 बज गये है भाई जल्दी से आजा सासरे वाले आने ही वाले होंगे मैने कहा भाई बस आही रहा हू , जब बुग्गी बाहर आई तो मैं उसे देखते ही रह गया एक दम पटाखा लग रही थी टाइट जीन्स मे भी लंड तन गया मैने कहा चॅप्रेट लग रही हो आज तो ये बिजलिया किस्पर गिराने का इरादा है




तो वो हँसते हुए बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो अब चलो घर देर हो रही है तो हम वापिस घर आ गये घर आज बड़ी ही अच्छी तरह से सज़ा हुआ था क्या कमाल की डेकोरेशन थी तो करीब सात बजे लगन की रस्मे शुरू हो गयी जो करीब 9 बजे तक चलती रही इस बीच मैं रिश्तेदारो जैसे, मोसा जी , जीजा जी और भी जो जान पहचान वाले थे सब से मिलता रहा



बड़ा ही मज़ा आ रहा था सुनहरी लहनगा-चुन्नि मे बुग्गी तो सबके बीच चमक रही थी तो अपना मन भी नॉटी नॉटी होने लगा था पर करे भी तो क्या पर फिर सोच लिया कि आज की रात तो बुग्गी को चोदना ही है वरना मन नही लगेगा तो मैने टेंट के आए हुए बिस्तरो मे से दो जोड़ी बिस्तर उठाए और आँख बचा कर जो छप्पर था नीम के पास उसमे सेट कर दिए




यारो की महफ़िल चल रही थी बॉटल पे बॉटल खुल रही थी दारू पानी की तरह बह रही थी तो यारी दोस्ती मे एक एक करके अपना डॉटा भी ओवर होने ही जा रहा था पर अब किसी को मना भी नही कर सकते थे भाई की मेल थी आज तो जशन तो होना ही था तो फिर मैं पहुच गया सीधा ड्ज फ्लोर पर और फिर उधर ही डॅन्स बाजी होने लगी जब दारू लगा रखी हो तो फिर खाने का कहाँ ध्यान रहता है ऐसे ही रात का 1 बज गया था




टॅंट ऑलमोस्ट खाली सा ही पड़ा था मैं सोफे पर बैठा था कि बुग्गी मेरे पास आई और बोली खाना खाया मैने कहा नही रे अभी जा रहा हूँ खाने को तो उसने रॉकी को कहा कि दो प्लेट खाना लाओ तो रॉकी बोला आप रूको मैं अभी टेबल अरेंज करता हूँ तो फिर करीब दस मिनिट बाद हम दो चार लोग ही बचे थे उधर मैं और बुग्गी साथ साथ ही डिन्नर करने लगे थे



रॉकी बोला भाई मेरे कुछ फ्रेंड्स है तो मैं उन्हे छोड़ कर आता हूँ आप एंजाय करो मैने कहा ठीक है भाई , बुग्गी बोली काफ़ी ज़्यादा ड्रिंक कर ली है तुमने मैने कहा यार वो हो गयी अब सब दोस्त थे तो बस हो ही गयी वो बोली हॅंगओवर को उतारने के लिए नींबू लाउ मैने कहा नही रे इतनी तो हम हॅंडल कर ही लेते है बाकी जो नशा आज तुम्हारे रूप ने किया है वो तो उतरने से रहा



कुछ बाते चल रही थी इधर उधर की डिन्नर के बाद उस सर्द रात मे ठंडी हवा मे बस हम दोनो ही बचे थे कॉफी की चुस्कियाँ लेते हुए मैने कहा सोना नही है क्या तो वो बोली तुमसे बात करनी है मैने कहा बता क्या मदद करूँ तुम्हारी वो बोली कुछ नही ,तो बैठे बैठे दो बज गये थे लाइट ऑफ हो गयी थी मैं उठा और कहा आजा हम भी चलते है वो बोली कहाँ मैने कहा तू चल तो सही सवाल बहुत करती हो तुम तो फिर मैं उसे अपने साथ छप्पर पर ले आया

मैने अपनी उंगली उसके होंठो पर रखी और कहा तुम बस चुप रहो थोड़ा टाइम मेरे साथ बीताओ इस लिए ही हम इधर आए है वो बोली पर ये भी कोई जगह हुई मैने कहा यार आज इसे ही बेडरूम समझ ले मेरे लिए मैने उसके गालो पर उंगलिया फिराते हुए कहा रुक्मणी आख़िर क्यो मेरे इतने करीब आ गई हो तुम तो वो बोली करीब क्यो ना आउ आख़िर हम दोस्त है ना



फिर हम दोनो लेट गये मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और अपने सीने पर रख दिया रुक्मणी बोली क्या बात है बड़े सेनटी हो रहे हो मैने कहा सेनटी नही यार देख झूठ नही बोलूँगा आज तुम्हारा रूप देख कर दिल कर रहा है कि बस तुम्हे प्यार करू तो क्या तुम इजाज़त दोगि मैने उसकी हथेली को अपनी मे लेकर दबा दिया कुछ पल हमारे बीच कोई बात नही हुई पर हमारी धड़कनो को सॉफ सॉफ सुना जा सकता था

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10-07-2019, 01:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने बुग्गी को थोड़ा सा टेढ़ा करते हुए अपने उपर सा कर लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा दारू का नशा अब मेरी नसों मे दौड़ते हुए वासना के नशे मे मिलने लगा था उसकी साँसे मेरी गर्दन पर पड़ कर मुझे मदहोश करने लगी थी मैने उसके ब्लाउज की चैन खोल दी तो ब्लाउज बाहों मे आ गया और मैं पीठ पर उसकी ब्रा की स्ट्रेप्स से खेलने लगा



मैने कहा तुझे किस करूँ क्या तो उसने हौले से हूँ कहा तोमैने अपने होठ उसके लबों से लगा दिए और उसके लिपीसटिक से सने होंठो को चूमने लगा तो उसने अपने आप को मेरी बाहों मे सुपुर्द कर दिया और मेरे उपर चढ़ गयी किस करते टाइम मुझ से ज़्यादा जोश उसके होटो मे था मैने उसके घाघरे का नाडा भी सरका दिया था जो उसकी टाँगो से होते हुए नीचे को गिर गया था



मेरे हाथ उसकी चिकनी पीठ , सुतवा टाँगो और मांसल जाँघो पर रेंग रहे थे बड़ा ही सॉफ्ट सॉफ्ट सा जिस्म था उसका तो करीब 5-7 मिनिट तक एक दूजे के होटो को खाने के बाद मैने उसे हटाया और फटा फट से अपने कपड़े उतार फेके और अपने लंड पर उसका हाथ रख दिया तो वो उस से खेलने लगी मैने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार फेकि और एक दूसरे के जिस्म का मुआयना करने लगे




जैसे ही मैने उसकी गोलाईयों को दबाया तो बुग्गी के मूह से सिसकी निकल गयी और वो बोली दर्द होता है तोमैने फिर से चूची को दबा दिया थोड़ी देर तक ऐसे ही शरीर को आपस मे रगड़ ने के बाद मैने उसे 69 मे कर दिया और अपना मूह उसकी टाँगो के बीच दे दिया उसकी बिना बालो की चूत जो कि मुझे पक्का यकीन था कि उसने आज ही शेविंग की होगी तो मैने बिना कुछ सोचे समझे अपना मूह उसकी चूत पर लगा दिया तो उसके बदन मे कंपकंपी आ गयी और उसने अपनी चिकनी टाँगो को मेरे चेहरे पर कस दिया और खुद आगे को झुक कर अपने मूह मे लंड को भर लिया तो अब हम दोनो एक दोनो के गुप्तांगो को बारी बारी से चाटने लगे थे जब मैं अपने दाँतों को उसकी चूत पर गढ़ा ता तो वो भी मेरे लंड पर काट लेती थी तो बड़ा ही मज़ा आरहा था मैं गोल गोल अपनी जीभ को घूमाते हुए उसकी चूत को चाट रहा था और वो बारी बारी से मेरे लंड और अंडकोष दोनो को चूस कर मुझे जन्नत का मज़ा दे रही थी करारी चूत का पानी पीकर मैं मस्त हो चुका था तो मैने अब पलटी खाकर उसे अपने नीचे ले लिया और उसकी जाँघो को फैलाते हुए गीली चूत पर लंड को सटा दिया और बिना देर किए लंड को चूत के छेद से सटा दिया




बुग्गी की मादक सिसकी मेरे कान मे पड़ते ही मुझे बड़ा जोश चढ़ा और मैने एक तेज का शॉट मारते हुए अपने लंड को चूत मे घुसाने लगा तो बुग्गी का शरीर अकड़ने लगा तो मैने फिर से एक और शॉट मारा तो काफ़ी लंड अंदर चला गया वो बोली दर्द हो रहा है आराम से करो तो फिर धीरे से मैने लंड को चूत मे डाल दिया बुग्गी ने अपनी उंगलिया मेरी उंगलियो मे उलझा ली और फिर मैने हल्के हल्के से उसकी चूत पर धक्के लगाने शुरू कर दिए थे बुग्गी काँपति हुई आवाज़ मे बोली बहुत मोटा है तुम्हारा मेरी तो फट गयी लगती है , मैने कहा घुस तो गया है तो अब बस मज़ा ही मज़ा है मेरी जान और उसके गालो को अपने दाँतों मे दबा लिया और एक खीच कर शॉट मारा तो वो बिलबिला उठी पर जल्दी ही चूत लंड के हिसाब से सेट हो गयी थी तो बुग्गी भी अब मज़ा लेने लगी थी उसके होटो पे लगी हुई लार मैं चूसे जेया रहा था तो बुग्गी भी अब रंग मे आने लगी थी



बड़ी ही खामोशी से उस टॅंट के गद्दे पर हम दोनो अपनी प्रेम लीला शुरू किए जा रहे थे बुग्गी की रस से भीगी हुई चूत मे मेरा लंड अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा था तो मस्ती के मारे उसकी टाँगे अब हवा मे उठने लगी थी उसके लंबे नाख़ून मेरी पीठ पर रगडे जा रहे थे उसने अपनी टाँगो की कैंची बना कर मेरी कमर मे डाल दी और अपनी जीभ को मेरी गर्दन पर फिराने लगी थी




बुग्गी का जिस्म मेरे हर झटके को सहता हुआ उसे और मुझे दोनो को मस्ती के सागर मे लहरो को सवारी करवाए जा रहा था अब मैं उस के उपर से उतर गया और उसको घोड़ी बना दिया और उसके चुतड़ों पर किस करने लगा तो बुग्गी और भी मस्त होने लगी दो चार मिनिट तक उसके कुल्हो को क़िस्स्करने के बाद मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और अपने लंड को फिर से चूत की गहराइयो मे उतार दिया




तो फिर बारी बारी से उसकी गान्ड आगे पीछे होने लगी थी बुग्गी की हवा मे झूलती हुई चूचिया अपनी खनक्क फैला रही थी पता नही कितनी देर से हम दोनो चुदाई का आनंद ले रहे थे पर फिर बुग्गी की पकड़ कुछ ढीली होती चली गयी और वो हान्फते हुए झड़ने लगी तो उसकी चूत ने लंड को बुरी तरह से कस लिया तो चूत के दबाव से लंड की नसें भी अकड़ने लगी थी




और फिर कुछ देर बाद मैं भी झड़ने के कगार पर पहुच गया तो मैने फॉरन लंड को चूत से बाहर खीचा और उसके चुतड़ों पर अपने वीर्य की धार छोड़ दी और झड़ने के बाद मैं उसे अपनी बाहों मे लेकर बिस्तर पर पड़ गया
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10-07-2019, 01:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अगला दिन शादी का दिन था सुबह से ही घर मे चहल-पहल हो रही थी घर मे, सब अपनी तैयारियो मे लगे हुए थे और मैं बस एक कुर्सी पर बैठ कर माहौल को देख रहा था आज भाई भी शादीशुदा हो जाएगा , मैं सोचने लगा कि जल्दी ही मेरा भी घर बस जाएगा पर क्या ये खुशिया मुझे मिल पाएँगी क्योंकि मम्मी तो अपनी ज़िद पर अडी हुई थी और मैं भी अपनी मोहब्बत के आगे मजबूर था




ये साला दिल भी बड़ा हराम खोर होता है इसका कोई भरोसा नही था अब देखो ने सारे घर मे सभी लोग हसी खुशी बारात की तैयारियो मे लगे हुए थे गीत गाये जा रहे थे कुछ रस्मे चल रही थी और एक हम थे और हमारा रोट्डू दिल था जिस पर ना जाने कैसा बोझ था कुछ समझ ही नही आता था मैं वहाँ से उठ कर प्लॉट की ओर चल पड़ा




पर वहाँ भी चैन नही मिल रहा था मैने निशा को फोन लगाया तो वो बोली कि मैं अभी थोड़ी सी बिज़ी हूँ फ्री होते ही बात करती हूँ तो फिर जी और भी खट्टा हो गया तो मैं वहाँ से ठेके की तरफ निकल गया कुछ तो खलिश थी मेरे अंदर जो मैं समझ नही पा रहा था एक बियर ले तो ली पर गले से नीचे ना उतरी तो अब हम करे क्या तभी भाई को फोन आया और बोला कि यार कुछ समान लाना है सहर से तो हो आ तो मैने गाड़ी को सहर की तरफ मोड़ दिया




फिर दोपहर तक ही घर आना हुआ, निकासी की तैयारी हो रही थी बुग्गी बोली कहाँ गायब हो गये थे तुम तो मैने कहा कुछ काम से सहर गया था तो वो बोली मुझे नही साथ ले जा सकते थे मुझे भी चलना था मैने कहा यार अभी तू मेरा पीछा छोड़ मैं थोड़ा सा डिस्टर्ब हूँ तो वो बोली यार तेरे मूड का भी कोई भरोसा नही पता ही नही चलता कि कब अच्छा है और कब सॅड है




मैने कहा या ऐसी बात नही है बस कुछ अजीब सा लग रहा है तो वो बोली अपने आप को सम्भालो मनीष ऐसा कब तक चलेगा मेच्यूर हो जाओ ये बच्चों वाली हरकते ना किया करो थोड़े से ज़िम्मेदार बनो मैने कहा यार प्लीज़ अभी रहने दे तो वो मूह फूला कर चली गयी भाई रस्मे निभा रहा था तो मैने भी सोचा कि यार मूह क्यो सुजाए खंखा आल्बम मे फोटो खराब आएगी



बस अब थोड़ी बहुत देर मे भाई घोड़ी चढ़ने वाला था तो मैने भी अपने बारात वाले कपड़े पहन ने का सोचा मैं कपड़े चेंज कर ही रहा था कि पापा आ गये वो मुझे 100-100 के नोटो की गॅडी देते हुए बोले ले निकासी के लिए मैने कहा पापा है ना मेरे पास तो वो बोले रख ले और जल्दी तैयार होकर आजा मैने कहा पापा आज तो काफ़ी यंग लग रहे हो आप तो वो बस मुस्कुरा दिए



सच मे पापा से बढ़ कर वो मेरे दोस्त ही थे और वैसे भी जब बेटे के पाँव मे बाप की जूतिया आने लगे तो रिश्ता भी कुछ दोस्ताना सा हो ही जाता है तो फिर जैसे ही बंद वाले ने पुँगी बजाई तो फिर मैं भी जल्दी से नीचे उतर आया , भाई क्या खूब सज रहा था तो फिर नाच-गाना शुरू हो गया ये भी कैसा महॉल था चारो तरफ खुशिया फैली हुवी थी




तो अपन कहा पीछे रहने वाले थे अपन ने भी डॅन्स शुरू कर दिया आख़िर भाई की शादी थी तो फिर जो भी दिखा उसे ही खीच लिया ठुमके लगाने को जीजाजी,दीदी, पापा , भाई बहन और बुग्गी भी तो फिर करीब दो है घंटे जम कर उत्पात मचाया और जो ममाजी ने रुमाल की बीन बना कर नागिन डॅन्स किया तो उसके कहने ही क्या तो आख़िर भाई जी चल ही पड़े भाभी को ब्याहने के लिए



मैने भी कही ना कही सोचा कि यार ब्याह तो करवाना सर्दी मे ही चाहिए क्या मस्त मोसम होता है करीब डेढ़ घंटे के सफ़र के बाद हम भाभी के गाँव पहुच ही गये तो बारात का काफ़ी अच्छा स्वागत किया गया कुछ रस्मो के बाद फिर से नाचते गाते हुए हम लोग उनके घर की तरफ बढ़ने लगे अब बारात है तो लेट शेट तो चलता ही रहता है




फिर स्टेज का प्रोग्राम अतटनेंड करने के बाद भाई फेरो पर बैठ गया और मैं खाने के लिए टॅंट मे पहुच गया तो कोशल्या मामी से टकरा गया मैने कहा अकेले अकेले खाना खा रहे हो तो वो बोली तुम भी आ जाओ तो मैं मामी के साथ ही खाना खाने लगा खाते खाते मैने कहा मामी आज तो बड़ी चॅप्रेट लग रही हो दिल तो कर रहा है कि यही पर गिरा कर चोद दूं तो वो बोली क्या कुछ भी बोलते हो




मैने कहा मामी देखो आपको देख कर लंड कितना तन गया है पॅंट मे इसका कुछ जुगाड़ करना ही पड़ेगा आपको तो वो बोली कुछ तो देख लिया करो हम बारात मे आए हुए है मैने कहा मामी जब वापिस चलेंगे तो आप मेरी वाली गाड़ी मे आ जाना वैसे भी खाली ही है तो कुछ मेरा भला भी हो जाएगा तो वो मुस्कुराती हुई बोली पहले से ही प्लान बना रखा है क्या




मैने कहा अब क्या करे आप तो चान्स दे नही रही हो तो फिर कुछ ना कुछ जुगाड़ करना ही है वो बोली पर तुम्हारे मामा का क्या तो मैने कहा वो तो विदाई तक इधर ही रुकेंगे तो अपने को भी मोका मिल जाएगा तो फिर वो बोली ठीक है वैसे मैं भी तुम्हारे साथ थोड़ा टाइम बिताने का सोच रही थी तो मैने कहा तो फिर पक्का रहा बारात तो खाना खाकर निकल चुकी थी बस हम फॅमिली वाले ही रह गये थे




दो टुक एक के साथ दो किसी और के साथ खा कर अपन ने पेट भर लिया जीजाजी तो भाई के पास ही फेरो पर बैठे थे मामा और पापा और कुछ बुजुर्ग लोग भी अपनी पार्टी मे मगन थे करीब आधे घंटे बाद कोशल्या मामी ने तबीयत खराब होने का बहाना कर लिया तो मैने मामा से कहा कि मामी की तबीयत थोड़ी खराब हो गयी है तो हम लोग घर के लिए निकल रहे है वैसे भी इधर कोई काम नही है तो वो बोले ठीक है रात का टाइम है तो थोड़ा सा आराम से जाना

मैने कहा जी ठीक है तो फिर मैने मामी को लिया और कार स्टार्ट कर के वहाँ से निकल लिया , मामी मेरे साथ फ्रंट सीट पर थी वो बोली तो मोका निकाल ही लिया तुमने मैने कहा डार्लिंग अब तुम तो दूर दूर भाग रही थी तो क्या करता तो वो बोली मैं भी तो तरस रही थी तुमसे चुदने को पर क्या करू सारा घर मेहमानो से भरा हुआ है तो कही भी कोई देख ले तो प्राब्लम हो सकती थी तो क्या करती
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10-07-2019, 01:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने कहा तो अब तो तुम मेरे पास हो और हम अकेले भी है तो फिर हो जाए वो बोली पहले घर तो चलो मैने कहा घर की क्या ज़रूरत है गाड़ी मे ही कर लेते है एक बात तो तो वो मना करने लगी पर मैने अपनी पॅंट की ज़िप खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मामी से कहा कि देखो कितना तड़प रहा है आपके लिए अब जल्दी से इसे किस करके इसे भी थोड़ी राहत पहुचा दो



तो मामी ने एक बड़ी ही सेक्सी अदा से अपनी ज़ुल्फो को सहलाते हुए मेरी ओर देखा और फिर अपने चेहरे को मेरे लंड पर झुका लिया मामी के नाज़ुक होठ लंड पर पड़ते ही मेरा पूरा बदन मस्ती से भीग उठा मैने कहा उफफफफफफफ्फ़ डार्लिंग क्या जुलम कर दिया तुमने जान ही निकाल ली है तुमने तो मेरी मामी ने अपने रसीले होठ लंड के चारो ओर कस दिए और धीरे धीरे से बड़े ही प्यार से उसे किस करने लगी मैं तो जैसे गाड़ी चलाना ही भूल गया था




मैने स्टीरिंग छोड़ा और मामी के सर को सहलाते हुए बोला मामी क्या जादू है आपके होटो मे कसम से आपके इसी स्पर्श के लिए ही तो मैं तड़प रहा था तो मामी ने अपने थूक से लंड को गीला करना शुरू कर दिया मैं धीरे धीरे से गाड़ी को चलाने लगा मामी अपने होटो का जादू मेरे लंड पर दिखाने लगी थी किसी आइस्क्रीम की तरह अब वो मेरे लंड को चूसने लगी थी



मैं अपना हाल इधर क्या लिखू बस बता ही नही सकता कि कितना अच्छा लग रहा था मुझे मैने गाड़ी को हाइवे से उतार कर कच्चे रास्ते पर डाल दिया और कुछ आगे चलने के बाद सुनसान खेतो की साइड पर गाड़ी को खड़ा कर दिया और लाइट बंद कर दी मामी बोली गाड़ी इधर क्यो रोक दी मैने उन्हे अपनी बाहों मे भरते हुए कहा डार्लिंग अब रुका नही जाता इधर ही कर लेते है



तो वो बोली नही कहा खुले मे गाड़ी लगा दी है अगर कोई आ गया तो मैने कहा टाइम तो देखो और फिर धुन्ध कितनी है और खेतों का इलाक़ा है पूरी तरह से सुनसान एक बार तो इधर ही दे दो अब रहा नही जा रहा है फिर घर चल कर दुबारा चुदाई कर लेंगे तो मामी बोली ठीक है पर जल्दी ही सॅल्टा देना मैने उनके गालो को चूमते हुए कहा डार्लिंग बस अब रहा नही जाता है



गालो को चूमने के बाद मैने कोशल्या मामी के रसीले होटो को अपने होंठो से जोड़ लिया कितने ही मुलायम क्रीमी होठ थे मेरे मूह से निकल ही गया कि मामी काश आप मेरी पत्नी होती तो सारी उमर आपको लंड पर ही बिठाए रहता कसम से आप जितनी मस्त औरत आज तक नही देखी है क्या खूब हो आप आप इतनी सेक्सी कैसे हो तो वो बोली अब मैं बुद्धी हो गयी हूँ 40 पार कर लिए है अब कहाँ पहले जैसी बात है मैने कहा डार्लिंग




आप तो बस आप ही हो ना कोई आप से पहले और ना कोई आपके बाद मैने उनकी साड़ी के पल्ले को हटाया और मामी के ब्लाउज के हुको को खोलने लगा तो वो बोली इधर कपड़े ना उतारो कही कोई मुसीबत ना हो जाए मैने कहा आप घबराओ मत मैं हूँ ना कब से तरस रहा हूँ अब आप अपने इस बदन का दीदार करवा दो जल्दी से तो फिर उन्होने कोई विरोध नही किया और 5 मिनिट बाद मामी कार मे पूरी नंगी बैठी थी



मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और कार की बॅक सीट को फोल्ड कर मिनी बेड के जैसे अड्जस्ट कर लिया और हम पीछे आ गये मामी की 34 इंची सुडोल छातियो को मसल्ते हुए मैं बोला डार्लिंग कितनी हॉट हो तुम तो वो मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली कितनी झूठी तारीफ करते हो तुम मैने कहा आप बेशक झूट मानो पर मैं तो सच ही कह रहा हूँ उनकी मोरनी सी गर्दन को को अपनी जीभ से चाटने लगा तो मामी की पकड़ मेरे लंड पर कस्ति चली गयी बड़े ही प्यार से मैं अपनी जीभ को उनके शरीर पर फेर रहा था फिर मैं उनके सीने पर आया और मामी की एक चूची को पीने लगा और दूसरी को दबाने लगा तो मामी के बदन मे भी बिजलिया रेंगने लगी थी मामी अपना आपा खोने लगी थी दस मिनिट तक दोनो चूचियो को पी पी कर मैने लाल कर दिया था
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10-07-2019, 01:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
दोनो निप्पल्स तन कर एक दम को बाहर को निकल आए थे मामी अपने हाथ से मेरे अंडकोषो को दबाती हुई बोली इस आग को इतना क्यो भड़का रहे हो कितना तडपाओगे मुझे जल्दी से ले लो मेरी मैने कहा मामी पहले आपके बदन को जी भर के प्यार करूँगा आज की रात अपनी ही है तो फिर जल्दी किस बात की तो मामी ने अपने होठ मेरे होंठो पर सज़ा दिए तो मैं भी उनका साथ देने लगा

काफ़ी देर की चूमा चॅटी के बाद मैने मामी को सीट पर लिटा दिया और उनकी पतली पतली टाँगो को चौड़ा कर दिया और चूत पर अपना हाथ रख दिया तो पता चला कि एक भी बाल नही है मैने कहा सफाई कर रखी है तो वो बोली आज सुबह ही की है तो मैं चूत को दबाने लगा मामी सिसकियाँ लेने लगी फिर मैने एक उंगली चूत के अंदर डाल दी और घुमाने लगा तो



मामी बोली बस उंगली से काम नही चलेगा ज़रा इधर भी चुम्मि तो तो मैने कहा कि ये हुई ना बात और मामी की जाँघो के बीच अपने होंठो को झुका लिया और उस गरमा गरम चूत जो काम रस से भरी पड़ी थी वहाँ पर अपने होंठो को लगा दिया मेरे होठ उन मस्त पंखुड़ियो से टकराए तो उनका खारा पानी मेरे मूह मे समाने लगा तो मज़ा ही आ गया



मामी ने अपनी जांघे खूब अच्छे से फैला ली और मेरे चेहरे को अपनी छोटी सी चूत पर दबाते हुए मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फिराने लगी मैं मामी की चूत को चाटने लगा ऐसी करारी चूत थी वो कि मेरा दिल बहुत करता था कोशल्या मामी को चोदने को उन्हे देखते ही मेरा लंड तन जाया करता था मामी दबी आवाज़ मे आहे भर रही थी तो मैने कहा गाड़ी के शीशे बंद है तो खुल के आहें भरो बाहर किसी को सुनाई नही देगा तो मामी को और भी जोश चढ़ गया बड़े ही प्यार से वो मुझे अपनी चूत का रस पिलाए जा रही थी और उनके गले से मस्तानी आहें अब खुल कर उबल रही थी मामी की चूत से टपकते रस से मेरे मूह का टेस्ट ही बदल गया था मामी की सिसकारिया अब बेहद बढ़ गयी थी फिर उन्होने कहा कि अब हट जाओ उधर से मैं ऐसे ही नही झड़ना चाहती



तो मैं वहाँ से हट गया और झट से उन्होने फिर से मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया फटा फट से उसे चूसने लगी लंड तो पहले से ही फन्फनाया पड़ा था और भी गरम होने लगा 5 मिनिट तक चूसने के बाद उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से बाहर निकाल दिया और फिर सीट पर घोड़ी बन कर खड़ी हो गयी मामी का बेहद सुंदर पिछवाड़ा मुझे अपनी ऑर आकर्षित कर रहा था मैने अपने हाथो से उनकी मुलायम कुल्हो को खूब भीचा और फिर अपनी मस्ती से चूर लंड को मामी की गीली चूत से सटा दिया जैसेही सुपाडा मामी की चूत से भिड़ा मामी बोली चोलो अब घुसा दो अंदर तो मैने उनकी कमर पर एक हाथ रखा और लंड को आगे को सरका दिया तो लंड चूत की फांको को फैलाता हुआ अंदर को जाने लगा मामी आआआआआआआआआआ हह करते हुए ज़ोर से आहह भरने लगी



मैने कहा क्या हुआ तो वो बोली काफ़ी दिनो बाद तुम्हारा लंड ले रही हूँ तो बस मस्ती सी आ गयी है मैने उनकी पीठ चूमि और कहा डार्लिंग ये लंड तो तुम्हारा ही है कभी भी ले लिया करो पर तुम ही दूर दूर भागती हो तो मामी बोली अब नही भागुंगी मेरे राजा ज़रा अपनी लंड को अंदर तक तो घुसा दो ना क्यो बीच मे रोक रखा है तो मैने फिर से धक्का लगाया और अपने पूरे लंड को मामी की चूत मे पहुचा दिया



मामी बोली अब जाकर मुझे मज़ा आया है तेरे मामा तो मेरी चूत को बहुत ही कम मारते है गान्ड के छेद को तो इतना चौड़ा कर दिया है पर मेरी चूत तो बस प्यासी ही पड़ी रहती है आज इसकी प्यास को ऐसा भुझा दो कि फिर कभी ये निगोडी भड़के ही ना और मामी ने अपनी गान्ड को पीछे करके हिलाना शुरू कर दिया मैने मामी के उभारों को अपनी मुट्ठी मे क़ैद कर लिया और जी भर कर दबाने लगा



तो मामी हाई हाई करने लगी मामी ने अपने बदन को थोड़ा सा उपर को उठा लिया ताकि मैं अच्छे से उनके बोबो को दबा सकूँ मामी की ये अदाए ही तो मुझे मार जाती थी कभी उनके बोबो को दबाता कभी मामी की नाभि को सहलाते हुए मैं पीछे से उनकी चूत पर धक्के पे धक्के लगाए जा रहा था और वो हसीना मेरी बाहों मे अपनी जवानी को मुझे समर्पित कर रही थी मामी पूरी मस्ती मे डूब चुकी थी



और मैं भी , मैने अब उनको सीट पर लिटा दिया और उनके उपर चढ़ गया तो मामी ने खुद ही मेरे लंड को अपनी चूत पर सेट कर लिया तो उनकी जीभ से अपनी जीभ लड़ाते हुए मैं फिर से उनको चोदने लगा मामी बड़ी ही बेताकल्लूफ़ी से मेरे होंठो को अपने होंठो से जोड़े जा रही थी कार हमारी चुदाई से हिल रही थी पर बाहर इतना अंधेरा और घहरी धून्ध थी कि कुछ दिखाई दे ही नही रहा था
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10-07-2019, 01:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मामी अब अपनी टाँगो को बुरी तरह से पटक रही थी चिकनी चूत मे दना दन लंड अंदर बाहर हो रहा था उस घर्षण से मामी को बड़ा ही मज़ा मिल रहा था मामी बोली सच मे आज चूत मरवाने का सुख मिला है काफ़ी दिनो बाद तुम भी कुछ दिन इधर ही रुक जाना महमानो के जाने के बाद मोका ही मोका होगा तो मैने कहा हाँ एक दो दिन तो रुक ही जाउन्गा



हम अपनी मंज़िल की तरफ तेज़ी से बढ़ रहे थे तो फिर से मैने तेज़ी से उनको चोदना शुरू कर दिया मामी ने मस्ती के मारे अपनी आँखे बंद कर ली थी करीब 5 मिनिट के बाद उनका शरीर ऐंठा और फिर ढीला पड़ गया मामी झड गयी थी मैं भी बस किनारे पर ही था तो तेज़ी से चूत पर धक्के लगाते हुए मैं भी झड़ने लगा लंड से निकलती हुवी गरम वीर्य की पिचकारिया मामी की चूत की दीवारो पर गिरने लगी

झड़ने के बाद भी करीब 10-15 मिनिट तक हम दोनो एक दूजे की बाहों मे लिपटे चूमा चाटी करते रहे फिर मामी बोली उठो ज़रा मुझे पेशाब करना है तो वो फिर नंगी ही गेट खोल कर बाहर आ गई और मूतने के लिए बैठ गयी शांत वातावरण मे उनकी चूत से बहते हुए पेशाब की सुर्र्रर सुरर्र करती हुई आवाज़ गूंजने लगी तो मैं भी बाहर आ गया और उनके साइड मे खड़े होकर ही पेशाब करने लगा



मूतने के बाद मामी गाड़ी मे घुसने लगी तो मैने उन्हे पीछे से पकड़ लिया और चूम ने लगा वो बोली बाहर बोहोत सर्दी है अंदर चलो कहीं मेरी कुलफी ना जम जाए मैने कहा थोड़ी देर ठंड मे ही मज़ा लो और उन्हे अपनी बाहों मे चिपका लिया उनकी नंगी चूचिया मेरी छाती से रगड़ खाने लगी तो फिर से मस्ती चढ़ने लगी मैं उनकी गान्ड को दबाते हुए बोला मामी अभी आपको इधर ही चोदता हूँ



वो बोली कितना जाड़ा पड़ रहा है मान ते क्यो नही तो मैने कहा मामी अब मेरी छोटी सी इच्छा भी पूरा नही करोगी क्या तो वो बोली तुम्हारे लिए तो कुछ भी कर जाउन्गी तो मैने कहा फिर जल्दी से लंड को खड़ा कर दो ताकि मैं अपनी प्यारी मामी की चूत ले सकूँ तो वो वही मेरी टाँगो के बीच घुटनो के बल बैठ गयी और मेरे सोए हुए लंड को अपने मूह मे भर के उसे फिर से चुदाई के लिए तैयार करने लगी



मैं बोला मामी कितना अच्छा लंड चुस्ती हो आप तो वो और भी मस्ती से लंड को चाट ने लगी तो लंड भी जल्दी से फॉर्म मे आने लगा करीब 15 मिनिट तक मामी ने लंड को चूसा फिर मामी उठ खड़ी हुवी तो मैने उन्हे कार की डिग्जी पर झुका दिया उनके नरम चूतड़ मेरी तरफ हो गये मामी ने अपनी टाँगों को चौड़ा कर लिया और मैने आगे बढ़ कर अपने लंड को चूत से लगा दिया




अगले ही पल मेरा लंड मामी की चुदासी चूत मे घुसा हुआ था और मामी डिग्जी पर झुके हुए अपनी चूत मरवा रही थी मामी की कसी हुई चूत मे लंड मस्ती से अंदर बाहर हो रहा था मामी की खनकती चूड़ियो को आवाज़ मुझे तो जैसे पागल ही कर रही थी मैं बोला आपकी चूत मे इतना नशा है कि जी करता है कि मेरा लंड कभी चूत से बाहर आए ही ना



तो मामी अपनी तारीफ़ सुनकर खुश हो गयी मैने उनकी कमर मे हाथ डाल दिया और दूसरे हाथ को उनकी चूत पर रख कर आगे से मसल्ने लगा तो कोशल्या मामी बड़ी ही मस्त हो गयी मामी बोली जाड़े मे चुदने का तो मज़ा ही बड़ा अलग होता है अब बिल्कुल भी ठंड नही लग रही है बस तुम्हारे लंड को गर्मी मेरे जिस्म मे फैल रही है मैं बोला मामी अब तो मज़ा आया आपको तो वो बोली हाँ आ रहा है




तेरा ये लंड ही मेरी चूत का असली साथी है काश तू फोज की नोकरी मे ना होता तो किसी भी बहाने से तुझे अपने पास ही रख लेती और खूब चुदवाती पर अब क्या करूँ मेरे भाग ही खराब है और तुझे भी करने को बस फोज की ही नोकरी मिली मैने कहा अब क्या करूँ मामी जो है वो है, फिर मामी बोली मेरे पैर थकने लगे है तो मैं उन्हे गाड़ी के अंदर ले आया और




खुद लेट कर उन्हे अपने लंड पर बिठा लिया तो मामी लंड पर अपनी गान्ड को मटकाने लगी मैने अपनी उंगली मामी की गान्ड मे घुसा दी तो उन्होने अपने चुतड़ों को भीच लिया अब उनके दोनो छेद भरे हुए थे तो और भी मस्ती उनके अंदर भरने लगी मामी पूरे जोश से मेरे लंड पर कूद रही थी चूत के रस से सना हुआ मेरा लंड बड़ा ख़तरनाक हो चला था मैने अपनी गर्दन थोड़ी सी उपर को उठाई और मामी की चूची पर अपना मूह लगा दिया तो वो तिगुनी मस्ती मे डूबने लगी हालाँकि उनकी रफ़्तार थोड़ी कम हो गयी थी पर मस्ती पूरी पूरी थी और अपना हाल भी कुछ उन के जैसा ही था मामी बोली अच्छे से पियो मेरे बोबो को इनको भी बड़ी खुजली मची रहती है इनको आज निचोड़ ही डालो तो मैं अपने दाँत गढ़ाने लगा वहाँ पर पर उस दर्द मे भी उनको बस मज़ा ही मिल रहा था करीब 10-12 मिनिट तक मेरे उपर रहने के बाद मामी बोली अब तुम मेरे उपर आ जाओ




तो मैने उन्हे अपने नीचे ले लिया और उनकी एक टाँग को अपने कंधे पर रख कर चुदाई शुरू कर दी मामी की चूत से बहुत पानी बह रहा था तो पच पच करते हुए मेरा लंड तूफ़ानी गति से मामी को चोदे जा रहा था मैने मामी के कंधो पर अपने दाँत लगाने शुरू कर दिए तो मामी बोली खा जाओ मुझे पूरी की पूरी को आज की रात ऐसी बना दो कि जैसे अपनी सुहागरात ही है



मामी की रसीली बाते सुनते हुए उनको चोदने मे बड़ा ही मज़ा आ रहा था मामी मस्ती मे कुछ का कुछ बक रही थी तो मेरे कानो से धुआ निकल रहा था मामी मेरे नीचे पिस रही थी पर इसमे भी तो मज़ा ही मज़ा था और कोशल्या मामी तो खुद मलाई थी जिसे मैं आज खा रहा था मामी को ये रात पूरी तरह से मेरे नाम थी उनका उस रात बस एक्लोता हकदार मैं ही था और वो भी अपनी तरफ से कोई कसर नही रख रही थी
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10-07-2019, 01:16 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
अब मामी ने मुझे बुरी तरह से कस लिया था और अपनी टाँगो को वी शेप पर कर दिया तो मेरे लंड पर भी पूरा दबाव पड़ रहा था तो मैं भी सखलन की ओर बढ़ने लगा और शायद मामी भी अपना रास्ता पकड़ चुकी थी तो करीब 5-7 मिनिट बाद मेरे लंड से उसका पानी निकल कर मामी की चूत मे गिरने लगा और तभी उनकी चूत ने भी अपना सबर खो दिया और वो भी झड़ने लगी हम दोनो साथ साथ ही झड गये थे क्या मज़ा आया था मुझे तो उस टाइम

उस चुदाई के बाद मामी ने अपने कपड़े पहन लिए और बोली अब घर चलो बाकी रही सही कसर उधर पूरा कर दूँगी तो मैने भी अपने कपड़े पहने फिर मामी के होटो को चूमा और गाड़ी गाँव के रास्ते पर डाल दी धुन्ध की घहरी चादर छाई हुई थी तो धीरे धीरे ही ड्राइव करना था मैने कहा मामी लंड को तो पकड़ लो तो गाँव आने तक मामी कभी मुझे अपने होटो का रस पिलाती रही और कभी मेरे लंड से खेलती रही



गाँव आने पर मामी ने कहा कि गाड़ी अपने घर की तरफ ले लो तो मैने गाड़ी उनके घर की तरफ मोड़ दी मामी बोली बड़ी जीजी के घर अब सुबह ही चलेंगे रात के ये जो कुछ घंटे बचे है तुम्हारे साथ ही गुज़ार लेती हूँ मैने कहा जैसी आपकी इच्छा है मेरी डार्लिंग और उनकी जाँघो को सहला दिया तो फिर करीब 10 मिनिट बाद हम उनके घर पर थे गाड़ी से उतरे और अंदर गये तो देखा कि कुछ रिश्ते दार बैठक मे पड़े है और कुछ सामने वाले कमरे मे सभी लोग घोड़े बेचकर सोए हुए थे तो मामी ने पर्स से चाबी निकाल कर अपने बेडरूम का ताला खोला और हम अंदर आ गये पूरे घर मे एक सन्नाटा सा फैला हुआ था तो मामी ने दरवाजा बंद किया और कहा कि चलो अपन भी थोड़ा सा आराम कर लेते है




मैने उनकी साड़ी को खोलना शुरू दिया तो वो बोली क्या कर रहे हो मैं पेटिकोट का नाडा खोलते हुए बोला डार्लिंग आज किसे सोना आज तो आपकी चूत गान्ड सबका मज़ा लूँगा पूरी रात तो मामी अपनी कच्छि उतारते हुए बोली मेरे राजा दिन निकलने तक तुम्हारी बाहों मे ही हूँ कर लो कुछ भी तो मैने उनकी गुलाबी रंग की ब्रा को भी खोल दिया और मामी बोली लाइट बंद करके बेड पे चलो




तो मैं उनके चुतड़ों को दबाते हुए बेड पर आ गया मामी ने लाइट बंद कर दी और रज़ाई मे आ गयी रज़ाई मे दोनो नंगे तो फिर शरारत तो करनी ही थी मैं मामी की जाँघो को सहलाते हुए बोला अभी गान्ड मरूं क्या तो वो बोली ठीक है कर लो पीछे भी मैने कहा पहले साथ साथ लंड और चूत को चूस्ते है मज़ा आएगा तो वो बोली जैसे तुम कहो मेरे राजा और हम दोनो69 मे आ गये



मैने जैसे ही अपनी जीभ को लंबा करते हुए चूत और गान्ड दोनो पर घुमा दिया तो मामी ने शरारत करते हुए मेरे सुपाडे पर अपने दाँत गढ़ा दिए तो मैने भी चूत के दाने को काट लिया तो मामी के बदन मे हलचल मच गयी उन्होने पूरी तरह से अपने पिछवाड़े को मेरे हवाले कर दिया और हम दोनो एक दूसरे के अंगो का टेस्ट करने लगे



रज़ाई का तापमान अचानक ही बढ़ने लगा था मामी ने मेरी गोलियो को अपने मूह मे लिया हुआ था और मज़े से उन्हे चूस रही थी तो लंड मे भी करंट दौड़ने लगा था मामी की मस्त जीभ का टच मेरी गोलियो पर मुझे उत्तेजित करने लगा था दस पंद्रह मिनिट तक मैं और मामी लंड चूत की चुसाइ करते रहे फिर मामी बोली बस अब तुम गान्ड मारलो फिर मैं चूत भी मर्वाउन्गी




तो मामी उल्टी हो कर लेट गयी मैने तकिया उनके पेट पर लगाया तो उनके चूतड़ उपर की तरफ उठ गये मैने मामी की गान्ड के छेद पर काफ़ी सारा थूक लगाया और फिर अपने लंड को गान्ड पर रगड़ने लगा तो मामी के चुतड़ों मे थिरकन होने लगी हालाँकि मामा ने पहले से ही उनकी गान्ड को काफ़ी चौड़ी किया हुआ था तो लंड को ज़्यादा परेशानी नही हुई
गान्ड मे जाने मे और बाकी का काम थूक ने कर दिया मेरा लंड मामी की गान्ड मे घुस चुका था और मैं मामी के उपर लड़ गया था मैं मामी के कान मे बोला कम गान्ड दिया करो मामा को तो वो बोली क्या करूँ उन्हे पता नही कहाँ से लत लगी है कि बस गान्ड ही चाहिए उन्हे तो क्या करूँ मैने कहा वो बाद मे सोचना अभी तो बस हम दोनो ही है



मैं उनके सेब से गालो को चूमते हुए गान्ड मे लंड को अंदर बाहर करने लगा तो मामी के चूतड़ भी हिल हिल कर रेस्पॉन्स करने लगे बेशक थोड़े छोटे चूतड़ थे साइज़ मे पर थे एक दम मस्त तो मामी की गान्ड चुदाई शुरू हो गयी थी मामी धीमे धीमे आवाज़ करते हुए अपनी गान्ड मरवाने लगी मैं उन पर लड़ हुए पूरी मस्ती लेते हुए मामी से प्यार भरी बाते करते हुए मामी की गान्ड मारे जा रहा था मामी ने भी अपनी गान्ड का दरवाजा मेरे लिए खोल दिया था तो काफ़ी देर तक मैं गान्ड मारता ही रहा फिर वो बोली अब चूत मे भी डाल दो ना उधर भी गर्मी बढ़ रही है तो मैने मामी को पलट दिया और अपने लंड को चूत के दाने पर रगड़ने लगा तो मामी को करंट लगना शुरू हो गया



थोड़ी देर चूत पर लंड को रगड़ने के बाद मैने उसे फिर से मामी की चूत मे डाल दिया और मामी मे समा गया उस रज़ाई के अंदर हमारे दो जिस्म एक दूसरे मे समाए हुए उन आनंद दायक पलों को जी रहे थे मैं मामी के उपर छाया हुआ था तो वो मेरे नीचे होकर भी मज़ा ले रही थी मामी की करारी चूत बहुत फड़ फडा रही थी उस रात हमारे होठ फिर से आपस मे लॉक हो गये थे और बेड के गद्दे को हिलाते हुए हम दोनो लगे हुए थे एक दूसरे के साथ
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10-07-2019, 01:17 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मामी कोषल्या भर भर के अपनी जवानी के प्याले मुझ पर लूटा रही थी आख़िर उनकी चूत भी तो मेरे लंड की प्यासी थी मामी बोली बड़ा मॅजा आ रहा है बस ऐसे ही धीरे धीरे मुझे चोदो तो कभी मैं चूत मारने लग जाता फिर लंड निकाल कर गान्ड मे घुसा देता और मामी भी ऐसे ही मज़ा लेते हुए चुद रही थी आधे घंटे से भी ज़्यादा देर तक हम दोनो चुदाई कर ते रहे



फिर मैने अपने लंड को बाहर निकाला और इस बार उनके मूह मे अपना रस डाल दिया जिसे वो झट से पी गयी तो उस रात सुबह का उजाला होने तक हम दोनो बिना एक पल सोए काम क्रीड़ा करते ही रहे मामी ने वो रात सच मे बहुत यादगार बना दी थी

फिर जब मेहमान लोग जागने लगे तो मामी जो कि बुरी तरह से थकि हुवी थी फ़ि भी वो उनके लिए चाइ बना ने के लिए रसोई मे चली गयी और मैं थोड़ी देर बिस्तर पर ही पड़ा रहा फिर थोड़ा सा उजाला हुआ तो मैं खेतो मे चला गया आया हाथ मूह धोया ठंड तो बहुत ही पड़ रही थी मामी ने कहा चाइ पियोगे तो मैने मना कर दिया और कहा कि मैं बड़ी मामी के घर जा रहा हूँ तो वो बोली ठीक है मैं भी थोड़ी बहुत देर मे आती हूँ



मैं मामी के घर आ गया भाई भी दुल्हन लेकर आ गया था पता चला कि दस पन्दरह मिनिट पहले ही आए है तो मैने भाभी को पकड़ लिया तो वो बोला अबे कहाँ गायब हो गाया था कितनी ज़रूरत थी तेरी उधर मैने कहा यार वो मामी की तबीयत खराब हो गयी थी तो मामा ने उनके साथ भेज दिया था तो मजबूरी हो गयी थी तो वो बोला चल कोई ना
पर तू उधर ही रुकता तो अच्छा रहता मैने कहा कोई ना इधर मस्ती कर लेंगे तो वो बोला हाँ वो तो है वो बोला यार एक झपकी ले लेता हूँ मैने कहा ठीक है फिर मैं जीजा के साथ बाते करने लगा और उधर ही नाश्ता भी कर लिया शादी हो गयी थी कुछ रस्मे बची हुई थी तो उन्ही की तैयारी थी तो अपना क्या काम अपन ने एक खाट प्लाट मे डाली और लेट गये



बुग्गी आ गयी मेरे पास और बोली मैं तो शाम तक जा रही हूँ मैने कहा कहाँ जा रही है तो वो बोली कि शादी हो गयी अब चलते है मैने कहा आज आज रुक जा तो वो बोली नही यार आज आज तक की ही छुट्टी है कल होटेल जाना होगा तो दोपहर तक निकल जाउन्गी तो रात तक जयपुर मैने कहा यार रुकती तो अच्छा लगता तो वो बोली मेरा अड्रेस देकर जाउन्गी कभी भी आ जाना



मैने कहा तेरी मर्ज़ी है वैसे मैं भी कल ही निकलने वाला हूँ फिर दूल्हा दुल्हन मंदिर जा रहे थे तो उनके साथ जाना पड़ा फिर भाभी की मूह दिखाई की तो दोपहर इन सब मे ही हो गयी थी बुग्गी के जाने का समय हो गया था तो फिर उसको शहर जाने वाली जीप तक बिठाने चला गया और वादा किया कि जब भी फुरसत होगी पक्का आउन्गा उस से मिलने के लिए



उसको जाते हुए देखता रहा पर अच्छा नही लगा जाना उसका पर कर भी तो क्या सकता था जाना भी ज़रूरी था शाम होने लगी थी ये सर्दियो के दिन भी कितनी जल्दी ढल जाते है पता ही नही चलता है बुग्गी को बिठा कर आ रहा था तो रास्ते मे लिली के दर्शन हो गये पूछा कहाँ तो बोली ज़रा दुकान तक आई थी मैने कहा यार कल चला जाउन्गा तो आज दे दे



वो बोली जगह कहाँ है , मैने कहा खेत मे या छप्पर मे वो बोली ना रिस्क नही लेना वो कुछ सोचके बोली कि आज भाई शायद खेत मे पानी देने जाए अगर वो गया तो मैं उपर चॉबारे मे तुझे बुला लूँगी मैने कहा मैं इंतज़ार करूँगा कुछ रिश्तेदार चले गये थे कुछ रह गये थे पापा ने कहा घर चलेगा क्या तो मैने कहा नही आ सकता छुट्टिया बस शादी तक ही थी



तो वो बोले पर अगली बार पक्का आ जाना मैने कहा जी ठीक है फिर कुछ ऑर मुद्दो पे भी बाते हुई पर पता नही क्यो मैं थोड़ा सा कट सा रहा था उनसे आज रात भाई की सुहागरात थी तो ऐसे ही उसके मज़े लिए जा रहे थे चुस्कियो का दौर चल रहा था अब अपन भी शामिल थे तो तगड़ा वाला टाइम पास हो रहा था फिर डिन्नर के बाद सबने अपने अपने बिस्तर ले लिए थे चॉबारे में



तो भाई के लिए बुक हो गया था तो मैने अपना डेरा नीम के पास वाले कॉटडे पर डाल लिया आधी रात तो ऐसे ही सबसे बाते करने मे बीत गयी थी फिर एक एक करके सब लोग बिस्तर मे घुस गये पर मुझे नींद नही आ रही थी मैने लिली को कॉल की तो उसने दबी दबी आवाज़ मे कहा कि भाई घर पर ही है तो वो नही आ सकती पर मुझे तो चूत की आग लगी थी मैने कहा तू अभी कहाँ है



तो वो बोली मैं तो नीचे वाले कमरे मे हूँ मैने कहा तेरे पास कॉन है बोली अकेली हूँ मैने कहा तो गली वाला दरवाजा खोल दे मैं तेरे कमरे मे आ जाता हूँ और किसी को पता भी नही चलेगा तो वो बोली चल ठीक है तेरे लिए रिस्क ले रही हूँ पर करते ही चले जाना मैने कहा ठीक है तो फिर दस मिनिट बाद मैं गली मे चला गया दरवाजे को छूते ही वो अंदर को झूल गया तो मैं कमरे मे दाखिल हो गया



उसने झट से दरवाजा बंद किया और बोली जल्दी से कर्लो और फिर जाओ कहीं बापू या कोई घरवाला ना जाग जाए मैने उसका हाथ पकड़ा और बेड पर ले आया उसने सलवार का नाडा खोलकर नीचे सरका दी अंदर कच्छि नही थी तो मैं चूत को सहलाने लगा उसने मेरे पयज़ामे को नीचे सरका के मेरे लंड को थाम लिया और हिलाने लगी
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