Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:00 PM,
#41
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
. अगले दिन मुझे प्रीतम मिली और उसने बताया कि दो दिन बाद उसका भाई ट्रैनिंग पे चला जाएगा फिर उसकी मा पशुओ के पास सोया करेगी और वो घर मे अकेली ये सुनके मैं खुश तो हो गया पर अब मेरा मन तो बस चाची की चूत मे ही बस गया था पर प्रीतम का ख्याल रखना भी ज़रूरी था आख़िर वो भी मुझे बहुत कुछ देती थी दो दिन ऐसे ही कट गये बिना कुछ ख़ास हुए अब स्कूल भी शुरू होने वाला था अब ये दोहरी जिंदगी मुझे पीसने को तैयार थी प्रीतम को लेटर लिखा कि कब आऊ उसके घर तो उसका जवाब बहुत ही निराशा जनक था उसने लिखा कि उसे मासिक आया हुवा हैं तो अभी कुछ नही कर सकते अब ऑर प्राब्लम खड़ी हो गयी

इधर चाची भी चूमा चाटी से आयेज नही बढ़ रही थी शायद उन्हे भी मुझे तड़पाने मे मज़ा आ रहा था इसी तरह कुछ दिन ऑर निकल गये नया स्कूल बहुत ही अच्छा था पर प्रतियोगिता बहुत ज़्यादा थी तभी किस्मत ने एक खेल ऑर दिखाया जब मैं लाइब्ररी जाने के लिए सीढ़िया चढ़ रहा था तो मेरी नज़र एक चेहरे पे पड़ी वक़्त जैसे एक पल के लिए ठहर ही गया था अरे यह तो वो ही लड़की थी जो उस दिन मेले मे मुझसे टकरा गयी थी उसकी साँवली सी रंगत दिल मे उतर गयी चलो ये तो पता चल ही गया था कि वो मेरे ही स्कूल मे पढ़ती थी

अब पता करना था किस क्लास में पढ़ती है अब पढ़ाई मे किसका ध्यान था अगले ही दिन उसका पीछा किया और पता कर लिया कि 10+2 सेक्षन सी मे थी और मैं ए मे. अब किताबो मे वो ही दिखती थी अब ना घर मे मन लगे ना कही ऑर प्रीतम भी कई बार मिलने का बोल चुकी थी पर मैने बहाना करते हुए मना कर दिया हम चाची से थोड़ी बहुत शरारत हो ही जाती थी मैने सेक्षन चेंज की अप्लिकेशन भी लगा दी थी पर उसमे कंडीशन थी तो हिस्टरी छोड़के पब्लिक आडमिन. सब्जेक्ट ले लिया और ए से सी मे पहुच गया

इत्तेफ़ाक़ से वो मेरे साइड वाले बेंच की शोभा बढ़ाती थी मेरा तो ध्यान पढ़ाई से ज़्यादा उसी पे रहता था उसका नाम भी पता चल गया था मिता साला दिल मे उतर गया वो बहुत ही ब्राइट स्टूडेंट थी और बहुत प्यारी भी थी समय पंख लगाए दौड़ रहा था एक महीना ऐसे ही गुजर गया था प्रीतम भी नाराज़ चल रही थी क्यों कि कई दिन से मैं उस से मिला नही था


पर वो कहते हैं ना कि भगवान के घर देर हैं पर अंधेर नही मामा का फोन आया तो उन्होने बताया कि वो सवामनि कर रहे हैं अब वहाँ सारे परिवार को जाना था प्रोग्राम से एक दिन पहले हम सब मामा के गाँव पहुच गये शाम को भजन का प्रोग्राम था और अगले दिन जीमना था चूँकि हम सब लंबा सफ़र करके आए थे तो थके भी थे तो चाची ने कहा कि वो भजन मे थोड़ी ही देर जाएँगी फिर थोड़ा सोएंगी और मेरी ओर निगाह डाली मैने सोच लिया कि ये उनका मुझे निमंत्रण है और खुश हो गया

हालाँकि उन्होने वो बात जनरली ही कही थी पर मैने उसका ग़लत अर्थ लगा लिया था मुझे पता तो था ही उनके सोने का इंतज़ाम सबसे अंदर वाले कमरे मे किया हुआ था मैं भजन मंडली मे बैठा था परंतु ध्यान चाची पे ही था मेरी आँखे उन्हे तलाश रही थी पर वो दिख नही रही थी तो मैने सोचा कि वो सोने गयी होंगी और बचते बचाते अंदर वाले कमरे मे पहुच गया वहाँ देखा कि वहाँ पे कुल 3 बिस्तर लगे थे दो पे तो कोई लड़किया सोई थी और एक पे एक बूढ़ी थी और एक पे कोई चादर ओढ़े हुए थे मैने सोचा ये ही चाची होंगी

पर दिमाग़ से काम लेते हुए सबसे पहले बल्ब को उतार दिया अब कमरे मे घुप अंधेरा हो गया मैं फॉरन ही उस चादर मे घुस गया और उनसे सट गया मेरा हाथ उनकी टाँगो पे फेरते हुए मैने साड़ी को उपर कर्दिया ऑर सीधा चूत पे हाथ रख दिया था वो घबराते हुए बोली कॉन हैं मैनी झप से उनके मूह पे हाथ रख दिया और बोला घबराओ मत मैं हू और फॉरन उनके उपर लेट गया वो अब मेरा हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी क्यों कि उन्हे भी पता था कि अब आगे क्या होगा वो मेरा विरोध करने लगी थी

पर मैने तो ठान ही लिया था कि अब नही तो कभी नही और थोड़ा ज़ोर मैं भी लगाने लगा किसी तरह अपनी ज़िप खोली और तने हुए लंड को निकाला उन्होने कच्छि पहनी नही थी तो सीधा लंड एक झटके से घुसा दिया वो उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ उूुुुउउ कर रही थी बहुत ही धीमे धीमे क्यों कि आस पास ऑर लोग भी सोए हुए थे मैने धक्के मारने शुरू कर दिए कोई 7-8 मिनिट बाद वो भी नॉर्मल हो गयी क्यों कि चूत गीली होने लगी थी उनके चुतड थोड़े से उपर की ओर उठ गये थे अब मुझे भी थोड़ी तसल्ली हुई ऑर मैने उनकी मूह से अपना हाथ हटा लिया ओर फुसफुसाते हुए बोला कैसा लगा मेरी जान तो वो काँपति हुई बोली तुम कॉन हो हालाँकि कोई विरोध नही था

क्यों कि उन्हे भी मज़ा मिल रहा था अब मैं घबरा गया ये तो कोई और थी और चाची कहाँ थी पर मैने सोचा कोई भी हो चूत तो मिल ही रही है अभी तो इसे ही बजा देता हू और उसके होंटो पे अपने होंठ लगा दिए तो उसने फॉरन अपना मूह फेर लिया तो मैने उसके कान मे फुसफुसाते हुए बोला कि अब जो होना था वो तो हो ही गया हैं तुम भी थोड़ा मज़ा ले लो वो कुछ नही बोली और ऐसे ही पड़ी रही पर चूत और लंड तो कोई रिश्ता नही समझ ते हैं मैं लगातार उन्हे चोदे जा रहा था
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10-05-2019, 01:00 PM,
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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आख़िर वो थी तो एक औरत ही अब उसके मूह से भी मादक सिसकिया फूटने लगी थी अब मैने अपने होन्ट दुबारा उसके होंटो पे रख दिए और हौले हौले उनका रस पीने लगा वो भी मचलने लगी और मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फेरने लगी उसके होंठ बहुत ही पतले से थे तो मज़ा और भी बढ़ गया था उसकी पतली कमर भी अब थिरकने लगी थी आख़िर वो पल भी आया जब हम दोनो ने लग भग एक साथ ही अपने पानी छोड़ दिया

मैं उसकी बगल मे लेट गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा तो उसने मेरा हाथ छिटक दिया और अपना मूह दूसरी ओर कर लिया तो मैं उस से सट ता हुआ चिपक गया और धीरे से बोला कि देखो किसी ओर के भरोसे मे तुम चुद गयी हो मेरी तुम्हारे प्रति कोई ग़लत भावना नही थी पर अब जो हो गया वो बदला भी नही जा सकता हैं और धीरे से उसके नितंबो को सहला दिया पर वो कुछ ना बोली

मैं लगातार उसके नितंबो को मसल ता जा रहा था पर वो कोई रियेक्शन नही दे रही थी तभी वहाँ सोई बूढ़ी उठी ऑर बोली रे कोशल्या बड़ी प्यास लगी हैं थोड़ा पानी पिलइओ ओह ये क्या हो गया ये तो मेरी मामी थी जिसे मैने अभी अभी चोद डाला था
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चूत मारने की खुशी पल भर मे ही काफूर हो गयी थी मामी उठी ऑर उनके लिए पानी लेने बाहर चली गयी अंधेरे का फ़ायदा उठाके मैं भी उनके पीछे चल पड़ा उहोने मूड के मुझे देखा तो उनकी आँख आश्चर्य से भर गयी ओर वो गुस्से से मुझे डाँटती हुई बोली कि मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी तुमने अपनी सग़ी मामी को खराब करके पाप किया हैं तो मैने उन्हे शांत करते हुए कहा कि प्लीज़ एक बार मेरी बात तो समझ लो और उन्हे मनाने लगा उन्होने पानी भरा और अंदर चली गयी

कोई 15 मिनिट मैं वही खड़ा रहा पर वो वापिस ना आई तो मैने कुछ सोचते हुए कमरे मे घुस गया और मामी की बगल मे जाके लेट गया और उनका हाथ अपने हाथ मे पकड़ लिया और धीरे से बोला मामी इसमे आपकी कोई ग़लती नही है ये सब अंजाने मे हुआ है प्लीज़ माफ़ करदो तो वो रुआंसी सी आवाज़ मे बोली पर मेरी इज़्ज़त तो चली गयी ना तो मैं उन्हे दिलासा देते हुए बोला कि मामी ये राज बस हमारे ही बीच रहेगा आप निसचिंत रहो

और उन्हे मना ने लगा काफ़ी मिन्नते करने के बाद वो मानी और मुझे जाने को कहा पर मैं वही लेटा रहा और अपना हाथ उनकी चूचियों पे रख दिया और हल्का सा दबा दिया मामी घबराते हुए बोली ये क्य्ाआआ कर रहे हो तो मैने अपनी उंगली उनके होंटो पे रखते हुए उन्हे चुप रहने का इशारा किया ऑर उनकी गोलाईयों को दबाने लगा वो खुल के विरोध भी नही कर सकती थी क्यों कि उनकी ही बदनामी थी वो हल्के हल्के मुझे रोक रही थी पर मैं तो चुदाई के खेल मे बहुत गहराई में उतर चुका था औरतो की नस नस से वाकिफ़ हो गया था


मैने सोच लिया था कि अगर उन्हे एक बार चोद लिया तो दुबारा भी चोद सकता हू और फिर मोका भी बिल्कुल चोका मारने का था मैने एक हाथ उनकी साड़ी मे डाल और सीधा चूत पे रख दिया और एक उंगली चूत मे घुसा दी ना चाहते हुए भी कोशल्या मामी की आह निकल गयी उनकी चूत का दाना थोड़ा मोटा सा था मैं उसे मसल्ने लगा मामी भी अपनी टाँगो को पटकने लगी थी अब हालात पूरी तरह मेरे कंट्रोल मे थे मैं उठा और उनकी साड़ी मे घुस गया और सीधा उनकी पतली सी छोटी सी चूत को अपने मूह मे किसी गोलगप्पे की तरह भर लिया मामी की तो सांस उपर की उपर ओर नीचे की नीचे अटक गयी

शायद ये पहली बार था कि किसी ने उनकी चूत चाटी हो मैं बड़े मज़े से उनकी चूत का पानी चाटने लगा बड़ा ही नमकीन सा स्वाद था उसका मामी ने अपने दाँतों को कस के भींच लिया कि कही उनकी आह ना निकल जाए तभी उन्होने मुझे उठाया और बोली मेरे पीछे आओ और बाहर की ओर चल पड़ी मैं सधे कदमो से पीछे पीछे चल पड़ा घड़ी मे टाइम देखा तो पोने एक हो रहा था मामी चलते चलते काफ़ी बाहर की ओर बने एक स्टोर के गेट पे आके रुक गयी और मेरी तरफ देख के झाप से अंदर घुस गयी
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10-05-2019, 01:00 PM,
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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
ये उनका भूसी रखने का कमरा था कमरा लगभग भरा ही था बस एक कोने मे ही थोड़ी सी जगह थी मैने जल्दी से कुण्डी अटकाई और मामी को पकड़ लिया मेरे आगोश मे आते ही काँपने लगी ऑर घबराते हुए बोली कि मैं उन्हे क्यों खराब करने मे लगा हू तो मैने कहा कि अगर उन्हे अपनी इज़्ज़त की इतनी ही चिंता हैं तो वो यहाँ पे मेरे साथ क्या कर रही है मैने बिना डरे कहा कि मामी सच तो ये हैं कि आपकी टाँगो के बीच आग लगी है जिसे भुजाने आप यहाँ आई हो तो वो बोली तुम बड़े बदतमीज़ हो ऐसे कोई बोलता है क्या

तो मुझे प्रीतम की कही बात याद आई और मैने उन्हे बोला कि मामी चूत और लंड कोई रिश्ता नही जानते हैं ये तो बस एक दूसरे की प्यास बुझाना चाहते हैं मैने आखरी दाँव खेलते हुए कहा कि अगर आपकी मर्ज़ी है तो ही मैं आपके साथ सेक्स करूँगा और मैं माफी माँगता हू कि उस कमरे मे जो कुछ हुआ वो मेरी ग़लत फहमी से हुआ . तो वो मेरे पास आई और बोली अगर किसी को पता चल गया तो मैने कहा कि किसी को कौन बताएगा आप ………………………………. नही ना तो फिर क्यों चिंता करती हो तो वो बोली कि ठीक है

पर ये जो भी होगा बस आज रात ही होगा तो मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और उन्हे अपने से सटा लिया कोशल्या मामी कोई 38-39 साल की औरत थी उनकी शादी को 20 साल हो चुके थे और 3 बच्चे भी थे जो बाहर पढ़ते थे मामी थी तो पतली सी पर चुचि भी कुछ खास नही थी शायद 32 होंगी और गान्ड भी ठीक ही थी पर उनके होन्ट बहुत ही पतले और मादक थे मामी के लाल लाल होंठ काँपते होंटो पे मैने अपनी जीभ जैसे ही फेरी उनका समुचा बदन कांप गया मैं बस अपनी जीभ उनके मुलायम होंटो पे फेरता ही जा रहा था मेरा एक हाथ उनकी पतली कमर को थामे हुए था

मेरे दिल मे लड्डू फूट रहे थे कि चलो चाची की चूत ना मिली तो क्या हुआ मामी ही सही अब मेरी जीभ उनके मूह मे जाने की कोशिस कर रही थी उनका मूह हल्का सा खुला और मैने अपनी जीभ उनके मूह मे डाल दी मामी मेरे अंदाज की कायल हो गयी उनकी जीभ भी अब मेरी जीभ से छेड़खानी करने लगी थी आख़िर उत्तेजना चीज़ ही ऐसी होती है बस एक ही पल मे उनकी सारी शरम पता नही कहाँ खो गयी थी हमारी सांस एक दूसरे मे घुलने लगी ओर मदहोशी का आलम ये था कि अब वो मुझसे ऐसे चिपकी हुई थी जैसे किसी चंदन के पेड़ से कोई नाग चिपकता हैं

अब मैं अलग हुआ और उनका आँचल हटाया और ब्लाउज के उपर से उनकी छोटी छोटी गेंदो को पकड़ लिया और बड़े ही प्यार से उनको दबाने लगा और ब्लाउज के बटन को खोलने लगा तो वो बोली कपड़े मत उतारो तो मैने कहा कि आप थोड़ी देर चुप रहो और बस देखती जाओ और उनके ब्लाउज को उतार दिया अंदर ब्रा नही पहनी थी मैने अब उनकी संतरे जैसे चुचि के निप्पल को अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगा मामी की आह्ं निकल गई और वो बोली तू तो बड़ा अच्छा चूस्ता हैं अब वो भी खुल गयी थी और खुद ही बारी बारी से अपना दूध मुझे पिलाने लगी दूसरी ओर मैने उनकी साड़ी भी उतार दी थी अब बस एक पतला सा पेटिकोट ही बचा था मैने झटके से उसका नाडा खोला और वो भी उनके जिस्म की क़ैद से आज़ाद हो गया

मामी पूरी नंगी मेरे सामने थी पर अंधेरे की वजह से उनके हुस्न का दीदार नही कर पा रहा था बस महसूस ही कर सकता था अब मैने भी अपने कपड़े उतार दिए और उनको पीछे से पकड़ते हुए अपना लंड उनकी गान्ड से छुआ दिया तो वो बोली अरे ये क्या हैं जो मुझे पीछे चुभ रहा हैं तो मैने कहा आप ही देख लो ना और उनका हाथ पीछे ले जाते हुए अपने लंड पे रख दिया मामी ने लंड को अपने हाथ से सहलाना शुरूकर दिया मैं उनकी पीठ को चूमने लगा मैं मामी पे अपनी छाप छोड़ना चाहता था ताकि वो मुझे याद रखे मेरे हाथ उनके पेट को सहलाते हुए उनकी चूत की तरफ बढ़ रहे थे गहरे बालो से धकि उनकी चूत , झप से मेरी उंगली उनकी चूत की दीवारो से रगड़ खाती हुई अंदर घुस चुकी थी उन्होने अपनी जाँघो को भीच लिया

जिस से उंगली पे चूत कस गयी थी तो मैने अब अंगूठे से उनकी चूत के दाने को रगड़ना चालू किया मामी अब हल्के हल्के गर्म हो रही थी वो शो नही करना चाहती थी पर उनके जिस्म पे उनका कोई ज़ोर भी नही चल रहा था मैं अब नीचे बैठ गया और मामी की पतली पतली जाँघो को चूमने लगा चूमते चूमते उनकी चूत को हल्का सा काट लिया तो वो चीख उठी अब मैने उनकी चूत की फांको को चूसना शुरू किया तो मामी के शरीर मे भूकंप आ गया वो बोली ये तुमने क्या किया

अहहह अहह मात्त्तटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटटतत्त करूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ मुझे करेंट साआआआआआआआआआ लगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगगग र्हाहह माहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तो मैने कहा मामा नही चूस्ते क्या तो वो बोली कि आज तुमने ही पहली बार चुसूइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अहह
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10-05-2019, 01:01 PM,
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RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
चूत से खारे पानी की नहर बह चली थी मैं रिस्ति एक एक बूँद को अपने गले मे उतार रहा था मामी के पैर थरथराने लगे थे अब मैं उठा और अपना लंड उन्हे चूसने को कहा तो वो बोली कि उसे ये पसंद नही मैने कई बार कहा पर उन्होने नही चूसा वो बोली मुझे उल्टी आती है तो मैने भी ज़्यादा फोर्स नही किया अब वो पल आने ही वाला था जब हमारे जिस्म एक दूसरे मे समाने वाले थे मैने उधर टटोला तो एक पल्ली मिल गयी मैने उसे बिछाया और उसपे हमारे कपड़े बिछा के एक कामचलाऊ बिस्तर सा बना दिया और मामी को लिटा दिया और उनकी टाँगो के बीच आ गया अब रुकना नामुमकिन था लंड पे थोड़ा थूक लगाया और उसे चूत मे घुसा दिया

मामी की सिसकी निकल गयी मैने उनके होन्ट अपने होंटो से चिपका दिए और उन्हे चोदने लगा मामी भी खुल के चुदाई का आनंद लेते हुए मेरी पीठ पे अपने हाथ फेर रही थी लंड ओर चूत का संग्राम एक बार फिर से शुरू हो गया था कुछ ही देर मे मामी भी अपनी गान्ड उछाल उछाल के चुद रही थी मेरे धक्को की रफ़्तार अब गति पकड़ रही थी मैं उनकी होंठ एक पल की लिए भी नही छोड़ रहा था घनघोर चुदाई के आलम मे बस मामी की मंद मंद ससिसकारिया ही गूँज रही थी मामी जिस तरह चुद रही थी कोई नही कह सकता था कि वो ऐसे भी चुद सकती हैं उनका जोश तो अच्छे अच्छे को पानी पिला दे तभी मामी उठी ओर खुद ही घोड़ी बन गयी

मैने मामी के चुतडो को चूमना शुरू कर दिया मामी उफ्फ उफ्फ करने लगी और बोली अभी मत तडपाओ ऑर मुझे शांत करदो बस तो मैं एक बार फिर लंड को उनकी चूत की सैर करवानी शुरू कर दी मामी के चुतड बुरी तरह से थिरक रहे थे उनका शरीर टाइट होने लगा था मैं उनकी पतली कमर को थामे उनकी चुदाई कर रहा था पसीना बहने लगा था पर रुक भी नही सकता था मामी की चूत की होन्ट बुरी तरह खुल ओर बंद हो रहे थे और मेरे लंड को कस रहे थे मेरे शरीर मे हलचल होने लगी थी

जो संकेत था कि अब किसी भी पल वो लम्हा आ सकता हैं जब इस चुदाई का अंत होगा मैने अपने धक्को की स्पीड और बढ़ा दी और उस पल की ओर बढ़ने लगा और एक तेज धक्के से अपना गर्म गर्म लावा मामी की चूत मे छोड़ दिया और दुनिया के सबसे बड़े सुख को प्राप्त हो गया

मैं उनकी बगल मे लेट गया मामी ने पेटिकोट उठाया और अपनी चूत को सॉफ करने लगी उनकी आर्म पिट से बहते पसीने की खुसबू मुझे मदहोश कर रही थी तो मैने अपना मूह उनकी आर्म्पाइट पे लगाया और वहाँ अपनी जीभ फेरने लगा मामी के बदन मे एक तरंग सी दौड़ गयी वो बोली अरे यह क्या कर रहे हो मुझे गुदगुदी होती हैं पता ही नही चला कब मैं उनके उपर आ गया था मैं लगातार उनकी कांखों के पसीने को चाट रहा था मेरे लंड मे दुबारा खून का दबाव बढ़ने लगा था और वो उनकी टाँगो के जोड़ पे रगड़ खा रहा था

मामी बोली चलो अब वापिस चलते हैं कही कोई मुझे ढूँढ ना रहा हो तो मैने कहा बस थोड़ी देर और फिर जाना तो हैं ही और क्या पता फिर कभी ज़िंदगी मे आपकी चूत मारने को मिले या ना मिले तो वो शरमा गयी और मेरे चेहरे को अपनी छातियों पे दबा लिया अब मेरा मूह उनकी चुचियो की घाटी मे दबा हुवा था और वो बहुत दबाव डाल रही थी उनकी गर्मी से अब मेरे कान भी सुर्ख होने लगे थे चुदाई की कहानी की एक ओर इबारत लिखने की शुरुआत हो रही थी तभी मामी बोली कि उन्हे पेशाब करना है चूँकि वो नंगी थी तो मैने कहा आप इधर ही एक कोने मे कर लो तो वो तपाक से बोली कि मैं तुम्हारे सामने कैसे करू तो मैने चुटकी लेते हुए कहा कि मुझसे चुद सकती हो परंतु मूत नही सकती वैसे भी अंधेरा है आप कॉन सा दिख रही हो कर्लो जल्दी से

तो मामी भी मज़े लेते हुए बोली मेरी मर्ज़ी मेरा मूत है मैं चाहे जल्दिकरु या देर मे तुझे क्या हैं और वही कोने मे बैठ गयी सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की सी आवाज़ मेरे कानो मे आई तो मुझे भी शरारत सूझी मैने मूत ती हुई मामी को अचानक से उठा दिया और उनकी चूत को अपने मूह मे भर लिया उनका मुतना एकदम से रुक गया और वो बोली प्लीज़ मुझे फारिग होने दो कंट्रोल नही हो रहा है पर मैने ध्यान नही दिया और चूत को अपने होंटो से दबाने लगा अब मामी बुरी तरह से फस गयी थी कुछ देर उन्होने कंट्रोल किया और फिर अपनी धार मेरे मूह मे छोड़ दी

उनका पेशाब बहुत ही गरम और एकदम समुन्द्रि नमक सा खारा था उनका मूत मेरे होंटो से होता हुआ नीचे बह रहा था अब उनका मुतना रुक गया था पर मैं अभी भी उनकी चूत को चाट रहा था मामी भी बिना किसी झिझक के खड़ी खड़ी मस्ती से अपनी चूत को चटवा रही थी और अपने हाथो से मेरे सर को सहला रही थी ना जाने क्यों मुझे चूत का रस पीना बहुत ही अच्छा लगता था मैने अपने हाथो का दबाव उनके चुतडो पे कसते हुए उन्हे थोड़ा और आगे की ओर धकेला मामी ने अब अपनी टाँगो को थोड़ा चौड़ा कर लिया ताकि मैं अच्छे से चूत की चुसाइ कर सकूँ मेरी जीभ घूमते हुए उनकी चूत के हर कोने को बराबर चूस रही थी

उनका गीलापन बढ़ने लगा था मामी की कमर अब हिलने लगी थी वो बहुत ही मस्त हो रही थी उनके पैरो का कंपन बढ़ता जा रहा था काश उधर उस टाइम लाइट का जुगाड़ होता तो मज़ा और भी बढ़ जाता मामी के बदन से गर्मी फूट रही थी चूत से उठ ती काम रस की खुसबु मुझे और भी प्रेरित कर रही थी और तभी ठीक उसी पल मामी ने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह कस लिया और अपना गाढ़ा पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया उनका रस पीके मेरी आत्मा तृप्त हो गयी अब हम थोड़ी देर लेट गये मैने अपना लंड उनके हाथ मे दे दिया वो मेरे लंड को आहिस्ता आहिस्ता हिलाने लगी
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10-05-2019, 01:01 PM,
#45
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं उनकी गान्ड को पे हाथ फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड के दरवाजे पे रगड़ने लगा उनका छेद काफ़ी बड़ा सा लग रहा था मैने अपनी उंगली को थूक से गीला किया और मामी की गान्ड मे घुसा दी उन्होने अपने चुतडो को थोड़ा सा भींच लिया पर उंगली आराम से अंदर चली गयी तो मैने कहा मामी आप तो गान्ड भी खूब मरवाती हो तो उन्होने जवाब नही दिया बल्कि मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे ज़ोर से दबा दिया मेरे मूह से आह निकल गयी ऐसे ही हमारी छेड़खानी चल रही थी तो वो बोली अब बस करना और चलने को कहा तो मैने कहा एक राउंड और तो वो बोली अब मेरी हिम्मत नही हैं और नींद भी आ रही हैं

तो मैने कहा बस कुछ देर तो रुक जाओ और जल्दी सी अपने लंड को उनकी चूत पे सेट किया और सुपाडे को अंदर डाल दिया और ऐसे ही खिलवाड़ करने लगा मामी कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही फिर बोली अब डाल भी दे क्यों तडपा रहा हैं बेदर्दी उनका कहना था और मैने झट से लंड को एकक ही धक्के मे अंदर डाल दिया इस बार मामी के साथसाथ मेरी भी आह निकल गयी मामी ने अपनी टाँगे उठा ली और मेरे कंधो पे रखते हुए बोली भानजे जी अब अपनी मामी की सेवा करो ये सुनके मैं खुश हो गया और उनकी टाँगो को मजबूती से थामते हुए लंड को अंदर बाहर करने लगा

मेरे हर धक्के पे मामी का पूरा वजूद हिल रहा था आज अगर खाट होती तो वो शर्तिया टूट ही जाती अब मैने कुछ नया ट्राइ करते हुए मामी की दोनों टाँगो को उपर उठाया पर दोनो को एक दूसरी से बिल्कुल चिपका दिया इस तरह उनकी चूत की दोनो फांके आपस मे चिपक गयी जैसे उनके कोई सील लगी हो इस पोज़िशन मे चुदाई का मज़ा दुगना हो गया था मैं मामी के चुतडो को थामे हुए उन्हे चोद रहा था मामी अब बस अपनी आँखे मुन्दे उन पलो का आनंद ले रही थी अब उन्होने अपनी टाँगे चौड़ी की और मुझे अपने उपर आने को कहा मामी के होंटो का रस स्वादन करते हुए चुदाई चालू थी मामी मेरे जोश की कायल हो गयी थी और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी चुदाई करते हो

किसने सिखाया है तुमको तो मैने कहा बस आप जैसे की मेहरबानी है और कुछ नही और अपने धक्को की गति बढ़ा दी मेरी टाँगे अब जवाब देने लगी थी पर मैं हार नही मान ना चाहता था और मामी भी उचक उचक कर नीचे से ज़ोर लगा रही थी हमें आधे घंटे से भी ज़्यादा हो गया था पर मेरा पानी निकल ही नही रहा था मैने अब पूरी ताक़त से उनको चोदना शुरू किया मेरा शरीर बहुत ही तेज़ी से उनके शरीर मे समाए जा रहा था और कोई दस मिनट बाद मेरे शरीर मे हलचल होने लगी जो संकेत था मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और अपने वीर्य की धार मामी के मूह मे डालने लगा …


मामी समझ नही पाई कि ये क्या हुआ और थोड़ा गुस्सा करने लगी तो मैने रुमाल से उनका चेहरा पोंछ दिया उन्होने फटा फॅट अपने कपड़े पहने और अपने को दुरुस्त किया और बाहर निकल गयी पर मैं कुछ देर वहाँ पे ही खड़ा रहा और कोई 15 मिनिट बाद वापिस गया सब लोग भजनों मे मस्त थे तो तो मैने अपने लिए सोने का जुगाड़ किया और सपनो की दुनिया मे खो गया सुबह मैं जल्दी ही उठ गया था आँखे थोड़ी लाल लाल सी हो रही थी और उनमे जलन भी थी मैने ठंडे पानी से मूह धोया

आज का दिन काफ़ी बिज़ी होने वाला था पूरा दिन बस गहमा गहमी मे निकल गया एक-दो बार मामी कोशल्या से सामना भी हुआ पर मैने उनसे नज़र नही मिलाई और ना ही उन्होने कोई तवज्जो दी रात को हम काफ़ी देर गप्पे लड़ाते रहे महॉल बहुत ही ख़ुसनूमा था अब मैं थोड़ा अपनी मम्मी की फॅमिली के बारे मे बता दूं मेरे दो मामा है एक आर्मी मे हैं और एक टीचर हैं जो कोशल्या मामी हैं वो मेरे छोटे मामा की पत्नी हैं मामा की पोस्टिंग बाड़मेर के र्राइव. सेकेंडरी स्कूल मे थी वो बस महीने में 3-4 दिन के लिए ही आ पाते थे

बड़े वाले मामा के हिस्से गाँव वाला मकान था और छोटे वाले मामा ने खेतो मे अपना मकान बनाया हुआ था अगले दिन सब अपनी अपनी पॅकिंग मे लगे हुए थे क्योंकि अब घर भी जाना था नाश्ता पानी हो चुका था बस अब चलने की देर थी तभी कौशल्या मामी ने मम्मी को कहा कि दीदी आप *********** को कुछ दिन इधर ही छोड़ जाइए वैसे भी ये काफ़ी दिनो बाद ननिहाल आया हैं मेरे बच्चे तो बाहर ही पढ़ते हैं और ये भी कई कई दिनो मे आते हैं तो कुछ दिन मेरा भी मन लग जाएगा

तो मम्मी ने पापा से पूछा तो उन्होने अपनी रज़ामंदी दे दी कि मैं 2-3 दिन और वही पे रह लूँ फिर वो लोग चले गये और मैं मामा के साथ कुछ बचे हुए कामो को निपटाने लगा और भी रिश्तेदार जो फंक्षन मे आए थे धीरे धीरे अपने घरो की ओर जाने लगे इसी तरह सांझ ढलने लगी तो कौशल्या ने बड़ी मामी से इजाज़त माँगी और अपने घर जाने को कहा बड़ी मामी मुझे अपने घर ही रखना चाहती थी पर मैने कहा कि मैं छोटी मामी के घर जाउन्गा और सुबह उनके पास आ जाउन्गा और अपना बॅग उठा के मामी के पीछे पीछे चल पड़ा
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10-05-2019, 01:01 PM,
#46
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

कोई पंद्रह मिनिट पश्चात हम उनके घर पहुच गये मामी ने ताला खोला और मुझे आराम करने को कहा मैं सोफे पे लेट सा गया थोड़ी थकान भी हो रही थी मामी रसोई मे जाके खाने की तैयारी करने लगी मैने टीवी ऑन करलिया और गाने चलाने लगा लगभग एक घंटे बाद मामी खाना लेके आई और हम साथ बैठ कर खाने लगे फिर उन्होने मुझे दूध का गिलास दिया खाना ख़ाके मैं थोड़ा बाहर की साइड पे आ गया क्योंकि मुझे थोड़ी गर्मी सी लग रही थी बाहर आके थोड़ा अच्छा फील हुआ

मैने कुएँ पे लगी मोटर ऑन की और नहाने के लिए पास ही बनी होदि में पानी छोड़ लिया और मस्ती से नहाने लगा ठंडे ठंडे पानी की बोछारे बहुत ही सुकून दे रही थी मामी भी बाहर आ गयी और मुझे देखने लगी मैने कहा आप भी आ जाओ तो वो बोली नही मैं तुम्हारे साथ नही नहा सकती हू तो मैने कहा हम आप तो बस चुद सकती हो ऑर कुछ नही कर सकती मैं जानता हू आपने मुझे अपनी झान्टो मे लगी आग ओ बुझाने के लिए ही तो रोका है फिर अब नखरे क्यों दिखाती हो जब मज़ा करना हैं तो खुल के करो

ताकि उसका पूरा मज़ा मिले वरना क्या फ़ायदा तो वो कुछ सोच के बोली कि पर अगर कोई आ गया तो मैने कहा इस टाइम कॉन आएगा आगे अपपकी मर्ज़ी हैं ……………………… ////////////////////////////???????????????????????????????????????????????????????????????
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???????????????????????????? वो कुछ नही बोली और वैसे ही खड़ी रही तो मैं उनके पास गया और उन्हे उठा के पानी की होदि मे डाल दिया

तो वो बोली बाहर का बल्ब तो बंद कर दो मुझे उनकी ये बात सही लगी और फॉरन ही मैने उसे बंद कर दिया मामी की घाघरा चोली पूरा भीग गये थी हम बड़े ही मज़े से एक दूसरे से अठखेलिया कर रहे थे मैने मामी को अपनी बाहों मे भर लिया और उनके कपड़े उतारने लगा कुछ ही पलो मे हम दोनो बिल्कुल नंगे थे वो मेरी गोदी मे आके बैठ गयी ठंडे ठंडे पानी मे हमारे जिस्मो की गर्माहट घुलने लगी पता नही कितनी ही देर हम पानी मे पड़े रहे बाहर निकलने का मन ही नही कर रहा था

बस ऐसे ही उनको गोदी मे बिठाए रखा तो मामी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि चलो अब अंदर चलते है पानी से भीगी हुई मामी का योवन अपने पूरे शबाब पे था अंदर आके मैने एक तोलिया लिया और उनके बदन को पोंछने लगा आज उन्हे मैं रोशनीमे देख रहा था मैने उन्हे चूमना शुरू किया मेरे तपते होंठ उनके बदन का हर हिस्सा चूम रहे थे आज मामी बहुत ही फ़ुर्सत से चुदने वाली थी मैं बहुत देर तक उन्हे चूमता रहा फिर मैने उन्हे लंड चूसने को कहा

तो उन्होने मना करते हुए बोला कि उन्होने आज तक कभी लंड नही चूसा तो मैने कहा प्लीज़ एक बार तो चूस लो काफ़ी देर पटाने के बाद उन्होने कहा ट्राइ करती हू और नीचे बैठ के मेरे लंड को सूंघने लगी कुछ देर सूंघने के बाद उन्होने घप से मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया और उसपे अपनी जीभ फेरने लगी वैसे तो मैं दो दो को लंड चूसा चुका था पर ऐसा मज़ा पहली बार आया था मामी का थूक उनके मुँह से बाहर गिर रहा था

तभी लाइट चली गयी मामी ने फॉरन लालटेन जला दी लालटेन की मध्यम रोशनी मे उनका बदन और भी सेक्सी लगने लगा था मामी ने दुबारा मेरा लंड अपने मुहमे भर लिया और उसपे अपना जादू चलाने लगी मेरी उंगलियाँ उनके सर के बालो मे फँसाने लगी थी मामी अब बहुत ही चाव से लंड की चुसाइ कर रही थी मामी सुपाडे के छेद मे अपनी जीभ को घुसाने की कोशिश कर रही थी उनकी खुरदरी जीभ का स्पर्श मुझे उत्तेजना के आसमान मे लगा तार उड़े जा रहा था

मैं बोला ओह ममीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई भूत ही अह्चॅयेयीययाया लग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग र्हहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईन्न्ननननननननणणन्

तभी उन्होने लंड को बाहर निकाला और मेरी गोलियों को छूने लगी कामुकता अपने चरम पे थी उनकी गरम जीभ मेरी गोलियो पे सितम ढा रही थी तो मैने उन्हे रोका और उठा के बेड पे पटक दिया और उन्हे देखने लगा मामी अपनी चुचियो को मादक तरीके से मसल्ति हुई मेरी ओर देख रही थी तभी मामी ने अपनी चूत को रगड़ना चालू कर दिया वो बिल्कुल किसी रंडी की तरह हरकते करने लगी थी मामी अपनी चूत मे उंगली करती हुई मुझे वो दिलकश नज़ारा दिखा रही थी चूत का गीलापन उनकी उंगलियो पे सॉफ नज़र आ रहा था

शरीर के प्रत्येक कोने मे काम का संचार हो उठा था तो मैने उनकी टाँगे पकड़ी और उन्हे सरकते हुए बेड के किनारे पे ले आया और अपने लंड को चूत पे रख दिया मामी की चूत बहुत ही गरम हो गयी थी बस अब तपते लोहे पे हथौड़ा मारने की देर थी मैं भी लंड को चूत के दाने पे हल्के हल्के रगड़ ने लगा मामी तड़पने लगी उन पलो को सोच के आज भी शरीर का रोम रोम कांप उठता हैं उनकी चूत की पंखुड़िया फडक रही थी और लंड को अपनी ओर बुला रही थी मैने अब एक धक्का मारा और लंड उन कम से भरी पंखुड़ियों को चूमते हुए चूत मे पहुच गया
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10-05-2019, 01:01 PM,
#47
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
आज मामी अपने पूरे शबाब पे थी मुझे भी आज पता चल रहा था कि वास्तव मे एक गरम औरत कैसी होती थी मामी ने अपनी कामुक आवाजो से पूरे घर को सर पे उठाया हुवा था तभी वो थोड़ा उठी और बैठी सी पोज़िशन मे हो गयी अब मेरा लंड सटा सट मामी की चूत मे अंदर बाहर हो रहा था मामी का चेहरा सुर्ख लाल हो गया था और वो अपने दाँतों को भिचे अपनी चूत मरवा रही थी मामी की संतरे सी चूचिया मेरे हर धक्के पे बुरी तरह हिल रही थी और तभी मामी बेड पे गिर पड़ी और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी मैं समझ गया कि उनका स्खलन हो गया है

तो मैं उनके पास लेट गया और उनके होन्ट पीने लगा वो किसी गुड़िया की तरह मेरी बाहों मे सिमट सी गयी थी पर मेरा लंड अभी तक हिलोरे मार रहा तो मैने उनको उल्टी लिटाया और उनके चुतडो पे लंड को रगड़ने लगा मामी ने भी मेरा इरादा समझते हुए एक तकिये को अपने पेट के नीचे लगाया और अपनी गान्ड को उँचा उठा लिया मैने ढेर सारा थूक उनकी गान्ड पे लगाया उनका छेद बहुत ही खुला खुला सा था छेद को एकदम चिकना करने के बाद मैने लंड को गान्ड मे डाल दिया मामी ने भी लंड का स्वागत करते हुए अपनी गान्ड के छेद भींच लिया शायद मामी को चूत से ज़्यादा गान्ड मरवाने का शोक था मेरा पूरा वजन उनपे पड़ रहा था वो भी गान्ड को मटकाते हुए मेरा लंड ले रही थी मैं उनके गालो को काट ते हुई मस्ती से गान्ड मार रहा था और कोई दस मिनिट बाद अपने पानी से उनके छेद को भर दिया और उनकी बगल मे लेट गया …………………..


हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे बिस्तर की चादर सी सलवटें हमारी कहानी को बयान कर रही थी मैं बोला मामी आपकी गान्ड तो बहुत ही मस्त है तो उन्होने बताया कि पिछले कई सालो से उसके मामा चूत तो बहुत ही कम मारते हैं और बस गान्ड ही मारते रहते थे शुरू मे उन्हे बिल्कुल अच्छा नही लगता था पर आहिस्ता आहिस्ता उन्हे आदत हो गयी और अब वो भी जम के मज़ा लेती हैं बोली तुम्हारे मामा कई कई दिन मे आ पाते हैं तो बस चूत मे मूली या बैगन डाल लेती हू कभी कभी गान्ड मे भी मूली चढ़ा लेती हू पर असली मज़ा तो लंड मे ही आता हैं इसीलिए तुम्हे कुछ दिनो के लिए रोक लिया

तभी मामी ने पूछा कि उस रात जब तुमने मेरी ले ली तब तुम किसको चोदना चाहते थे अब उन्हे थोड़े ही बता सकता था कि मैं चाची के चक्कर मे था तो मैने झूठ बोलते हुए कहा कि एक लड़की थी जो मुझे इशारे कर रही थी पर ग़लती से आप चुद गई तो मामी आह भरते हुए बोली चलो अच्छा ही हुआ अब मुझे तेरा लंड मिल गया अपनी प्यास बुझाने के लिए और हँसने लगी मैने भी हां मे हाँ मिला दी मामी बोली अब तो थोड़ी बूढ़ी होने लगी हू तो इतना दम नही बचा है मैने जवाब देते हुए कहा कि आप तो अभी भी बहुत दमदार माल हो तो वो थोड़ा शर्मा गयी
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10-05-2019, 01:01 PM,
#48
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मामी लंड को अपने हाथ मे दबाती हुई बोली कि तेरा शेर भी कुछ कम नही है मैने पूछा आपको पसंद आया तो वो बोली पसंद आया तभी तो तेरे साथ इधर हू मैने भी निर्णय कर लिया था कि जब तक मैं कौशल्या के साथ रहूँगा उसे जी भर के भोगुंगा क्योंकि मैं बहुत ही कम ननिहाल मे जाता था पर अब एक जायज़ वजह मिल गयी थी मामी नारियल तेल की शीशी ले आई और ढेर सा तेल मेरे लंड पे उडेल दिया और मालिश करने लगी उनके चिकनी उंगलिया सुपाडे से जब टकराती तो बदन मे एक ल़हेर सी दौड़ जाती धीरे धीरे लंड अपनी औकात दिखाते हुए उनके हाथो मे फूलने लगा

मामी ये देख के बोली अरे ये कभी शांत भी होता है जब देखो तना ही रहता है तो मैने बोला जब पास मे इतना टंच माल हो तो ये तो अपनी खुराक माँगे गा ही तो मामी ने भी अपने हाथो का दबाव बढ़ा दिया और उसे मसल्ने लगी उनके हाथो का जादू अपना रंग दिखाने लगा था उपर से जो चिकनाई तेल की वजह से हुई थी मैने अपनी आँखो को बंद कर लिया और लेट गया मामी मेरे पास बैठी मूठ मारने लगी उफफफफफफफफफफ्फ़ ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू एक अजीब से नशे से मेरी आँखे बोझिल हो रही थी उनका वो आहिस्ता आहिस्ता मुट्ठी मारना बहुत ही गजब ढा रहा था

तो मैने पूछ ही लिया कि क्या इरादा है तो वो बोली बस तुम देखते जाओ मैं उत्तेजना की आग मे जलने लगा था पर मामी अब एक धीमा और लंबा सेक्स चाहती थी अब वो उठी और मेरे लंड को अपनी निप्पल्स पे रगड़ने लगी उफ्फ क्या जादुई एहसास था कुछ देर रगड़ने के पश्चात उन्होने मेरे लंड को अपने दोनो बोबो मे भींच लिया और दबाते हुए रगड़ने लगी मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था फिर वो उठी और मेरे उपर आके खड़ी हो गयी और अपनी कोमल चूत को मेरे मूह पे रख दिया मैने भी उनके कुल्हो को दबाते हुए चूत को मूह मे भर लिया और एक ज़ोर की चुम्मि ले ली

तो मामी बोली मेरी शादी को इतने साल हो गये हैं पर तुम्हारे मामा ने कभी इसे इस तरह प्यार नही किया वो तो बस सीधा अंदर डालते और बस लग जाते थे तो मैने मूह हटाया और कहा चिंता मत करो मैं हू ना और दुबारा चूत का रस पीने लगा मामी ने अपने हाथ बेड की पुस्त से टिका दिए और मस्ती मे डूबने लगी खारे पानी से मेरा मूह भर ने लगा था तभी मैने कुछ रस अपने मूह मे इकठ्ठा किया और उठते हुए उनको चूमने लगा जैसे ही कौशल्या ने अपने को मूह खोला मैने वो उनके मूह मे डाल दिया जो सीधे उनके गले से नीचे उतर गया तो मामी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि

ये क्या किया तुमने ऐसा भी कोई करता हैं क्या तो मैने कहा कि मामी आप भी तो अपनी चूत के रस को टेस्ट करके देखो कितना अच्छा हैं अब वो गोदी मे आई और मेरी छाती पे अपनी जीभ चलाने लगी आज से पहली किसी ने ऐसा नही किया था मैं रोमांचित होगया काफ़ी देर वो ऐसे ही करती रही फिर जब उनसे बर्दास्त ना हुआ तो एक झटके से मेरे लंड पे बैठ गयी मैं बोला क्या करती हो इसको तोडो गी क्या तो उन्होने जवाब नही दिया और अपनी गान्ड को उछालने लगी चूत की गर्मी पाकर लंड और भी फूलने लगा था वो लगातार उपर नीचे हो रही थी उनकी पतली जांघे मेरे शरीर पे धम धम पड़ रही थी

इस चूत के छोटे से छेद का भी क्या नशा होता है इसके बल पे औरत कुछ भी करवा लेती हैं मैने कहा कि आप नीचे आ जाओ तो वो बोली कि वो अपनी मर्ज़ी से चुदेगि जैसा उसके मन मे आएगा वो वैसा ही करेगी और भी ज़ोर से अपनी गान्ड को हिलाने लगी काफ़ी देर बाद वो उठी और कोढ़ी होगयि मैने देर ना करते हुए फॉरन पीछे से लंड को अंदर किया और घनघोर चुदाई स्टार्ट कर दी मैं पूरी ताक़त से उनकी चूची को भींच रहा था पर उनके मूह से उफ्फ भी ना निकली वो बस चुदे जा रही थी 15 -20 मिनिट तक हमारे शरीर एक दूसरे से लगे रहे पर हर शुरुआत की तरह अंत भी होना था तो मैने उन्हे लिटाया और अपना लंड को उनके मूह मे डाल दिया और सारा पानी उन्हे पिला दिया जब तक लंड सिकुड ना गया मैने उनके मूह को अपने लंड पे दबाए ही रखा फिर एक गहरी साँस लेके बेड के किनारे पे पड़ गया


जितना मैं उन्हे चोद्ता उतनी ही मेरी प्यास बढ़ती जाती थी इतनी आग तो मुझे अनिता भाभी और प्रीतम के साथ भी नही लगी थी जबकि वो दोनो तो सेक्स बॉम्ब थे पर मामी के पास एक्सपीरियेन्स था जितनी मेरी उमर थी उस उसे ज़्यादा साल तो उन्होने चुद्ते हुए बिता दिए थे बदन थक गया था पर आँखो मे नींद का नामो निशान नही था
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10-05-2019, 01:02 PM,
#49
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
घड़ी की सुई टिक टिक करते हुवे अपना सफ़र कर रही थी पर शायद हम दोनो चाहते थे कि उस रात की कभी भी सुबह ना हो आख़िर कॉन नही चाहेगा कि हुस्न के दरिया मे डुबकी लगाने को मामी मेरी ओर शरारती नज़रो से देखती हुवी बोली कि सोना नही हैं क्या

तो मैने कहा कि आप सो जाओ मुझे नींद नही आ रही है तो वो बोली ठीक हैं मैं भी तुम्हारे साथ ही जागूंगी मैं उठ के बाहर आ गया रात का आखरी पहर चल रहा था ठंडी ठंडी हवा मेरे जिस्म से टकरा रही थी जो एक अलग सा ही एहसास था पता नही कितनी देर ऐसे ही खड़ा रहा फिर मामी आके पीछे से मुझसे लिपट गयी और मेरे लंड पे अपना हाथ फेरने लगी कुछ तो ठंडी हवा का असर और फिर मामी के हाथो का स्पर्श मेरे सोए लंड मे सुरसूराहट होने लगी मैने चुटकी लेते हुवे कहा मामी मन नही भरा क्या आपका तो वो बोली इस चीज़ से कभी किसी का मन भरता हैं क्या

जितनी मिले उतना थोड़ी और मेरी गोलियों को अपनी मुट्ठी मे कस लिया मेरे मूह सी एक दर्दभरी आह निकल गयी पर मुझे पता नही क्यों थोड़ी भूक लग आई तो मैने कहा मामी मैं कुछ खाना चाहता हू वो बोली दूध चलेगा तो मैने हाँ करदी वो एक लोटा दूध ले आई मैं उसे पी रहा था तो थोड़ा दूध छलक के मेरी ठोड्डि और सीने पे गिर गया मैं सॉफ करने ही वाला था तो मामी ने इशारे से मुझे रोका और अपनी जीभ से उसे चाटने लगी आज तो वो मेरी जान निकालने पे तुली हुवी थी मैने भी एंजाय करते हुवे उपर से थोड़ी थोड़ी बूंदे छलकानी शुरू कर दी

और वो उसे चटकारे लेते हुवे चाटने लगी ऐसे ही चलता रहा जब तक पूरा लोटा खाली ना हो गया तो मैने कहा मैं क्या पीउंगा सारा दूध तो आप पी गयी तो उन्होने कहा तू मेरे से निकाल ले दूध को और फिर पी लियो मैने भी कहा कि अब तुम मे कहाँ दूध आता हैं तो वो बोली कि गाय तो तैयार हैं गवाले मे दम हैं तो निकाल ही लेगा और हँसने लगी मैने कहा तो चलो देख लेते हैं मैने एक चारपाई उठाई और बाहर बिस्तर लगा दिया और मामी को अपनी बाहों मे उठा के उसपे पटक दिया मामी बोली आह थोड़ा धीरे मारो गे क्या तो मैने कहा हाँ आज तो आपकी इतनी मारूँगा कि आपने सोचा भी नही होगा

और उनपे झुक गया मेरे होंठ जैसे ही उनके लरजते हुवे होंटो से टकराए उन्होने अपना मूह खोलते हुवे मेरे होंटो को रास्ता दिया और हम चूसने लगे एक होड़ सी मच गयी थी हमारे अंदर . दोनो के मूह मे ढेर सारा थूक इकट्ठा हो गया था पर कोई भी किस तोड़ने को तैयार नही था दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहे थे कि उनकी धड़कन सॉफ सुनाई दे रही थी उनकी गोरी गोरी चूचिया मेरे सीने मे घुसने को बेताब हो रही थी अब ना कोई होश था ना कोई खबर थी मामी तो पूरी खिलाड़ी थी उन्हे हराना इतना आसान ना था और वोभी तब जब उन्होने खुद इस खेल की शुरुआत की थी

और फिर हाफते हुवे हमारे होंठ एक दूसरे से जुदा हो गये हम दोनो गहरी साँस ले रहे थे मामी अपनी नशीली आँखो से मुझे देख रही थी और मैने उन्हे थोड़ा नीचे सरकाते हुवे उनके एक बोबे को अपने मूह मे भर लिया और उसे चूसने लगा जैसे कोई बच्चा अपनी मा का दूध पीने के लिए चूस ता हैं कोई आधे घंटे तक बस मैं उनकी छातियों से दूध निकालने की कोशिश करता रहा महॉल काफ़ी गरम होने लगा था मैने मामी को 69 मे आने को कहा और वो झट से तैयार हो गयी और बड़ी ही फुर्ती से मेरे लंड को अपने मूह मे भर लिया मैने भी बिना किसी देर के उनकी चूत मे अपनी जीभ घुसा दी

साथ साथ एक दूसरे के अंगो को चूमने का आनंद एक अलग ही एहसास देता हैं मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो को चाटने लगा मामी ने लंड को अपने दांतो से काटना शुरू कर दिया था जिस से मुझे थोड़ी तकलीफ़ होने लगी थी तो मैने भी चूत के होंटो को कस के अपने दांतो मे दबा लिया एक दूसरे को तडपाते हुवे बहुत ही मज़ा आ रहा था जब जब मैं उनकी चूत को काट ता वो उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई अयू ईईईईई

करते हुवे अब शोर मचाने लगी थी उनका चिपचिपा पानी और भी ज़ोर से बहने लगा था मेरे लंड से भी प्रिकूं निकलने लगा था मामी बुरी तरह से लंड चूसे जा रही थी तब मैने उन्हे अपने उपर से हटाया और उनके उपर छाता चला गया मामी की जंघे मेरी कमर पे लिपटी हुवी थी और उनकी मटकती गान्ड संभोग के सुख को और भी बढ़ा रही थी उनके लाल लाल होंटो को पीते हुवे मैं ताबड तोड़ चूत मारे जा रहा था हमारे धक्को से खाट चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर

करने लगी थी
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10-05-2019, 01:02 PM,
#50
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मेरे हर धक्के से लंड उनकी चूत मे और अंदर और अंदर पहुच रहा था उनके बोबे बहुत ही तेज़ी से लहरा रहे थे पूछ प्कूयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूवयाच्च्की आवाज़ आ रही थी मामी ने अपनी बाँहे मेरी पीठ पे कस दी थी और मज़े से चूत मरवा रही थी अब मैं थोड़ा उपर हुआ और उनकी टाँगो को उठाते हुवे एम शेप मे करदी और फिर से उन्हे चोदने लगा पूरे आधे घंटे तक दबा के उनकी चूत मारने के पश्चात हम दोनो लगभग साथसाथ ही झाड़ गये और मैं उनपे लेटे लेटे ही नींद के आगोश मे चला गया

नींद ने एक बार फिर मुहे अपने आगोश मे पनाह दे दी थी मिता ना जाने कब सपनो मे आने लगी थी उसका मुस्कुराता हुवा मासूम सा चेहरा बस देखते ही बनता था मैं अपने सपनो की दुनिया मे मिता के साथ था कि आँख खुल गयी काफ़ी देर लग गयी खुद को संभालने मे सर काफ़ी भारी हो रहा था घड़ी की तरफ निगाह पड़ी तो पता चला की 11 बज रहे थे मतलब काफ़ी देर तक मैं सोता रहा था कपड़ो को दुरुस्त किया और बाहर की तरफ आते हुवे मामी को आवाज़ लगाई पर कोई जवाब नही आया देखा तो पता चला कि वो घर पे नही थी तो मैं रसोई मे गया

और एक कड़क अदरक वाली चाइ बनाने लगा मेरा सर बहुत तेज दुख रहा था चाइ पी के थोड़ा बेहतर लगा फिर मैं नहाने चला गया इन्सब मे कोई आधा घंटा लग गया पर मामी अभी तक वापिस नही आई थी तो मैं बेड पे लेट गया और अपनी आँखे बंद करली पर चैन ना मिला मिता की सूरत बार बार मेरी आँखो मे छा रही थी दिल मे एक हूक सी उठने लगी पता नही ये कैसे डोर थी जो मुझे उसकी ओर खींच रही थी जबकि वो तो मुझे ठीक से जानती भी नही थी तक़दीर एक बार फिर मेरी ज़िंदगी मे कुछ नयी इबारत लिखने का ठान चुकी थी ये दिल मे उठती कसक भी खुदा की ओर से एक इशारा था जो उस वक़्त मैं समझ नही पा रहा था

तभी मामी आ गयी उन्होने बताया कि वो गाँव के पोस्ट ऑफीस चली गयी थी मामा ने मनी ऑर्डर भेजा था वो लेने फिर वो बोली मैं अभी तुम्हारे लिए फटा फट खाना बना देती हू तो मैने मना कर दिया मैने कहा मेरे सर मे बहुत दर्द हो रहा हैं तो वो बोली चलो मैं तुम्हारे सर मे मालिश कर देती हू और तेल की बॉटल उठा लाई मालिश से बहुत रिलॅक्स फील हुआ फिर वो रसोई मे चली गयी मैने टीवी ऑन कर लिया पर उसमे भी मन नही लगा तो मैं भी रसोई मे चला गया

और रसोई के दरवाजे पे खड़े होके मामी को देखने लगा नीले घाघरे और सफेद ब्लाउस मे एक दम कहेर ढा रही थी उनकी पीठ मेरी ओर थी मैं जाके उनसे चिपक गया और उनकी पतली कमर को अपने हाथो से सहलाने लगा उनका पेट धीरे धीरे काँपने लगा मामी बोली पूरी रात तो मुझे चोद्ते रहे फिर भी मन नही भरा क्या मैने अपने को ऑर उनसे सटाते हुवे कहा आप हो ही इतनी पटाखा कि बस रुका ही नही जाता और उनकी चूची को दबा दिया मामी ने अपनी गान्ड थोड़ी उभार ली और मेरे लंड पे उसका दबाव डालने लगी कुछ देर हम ऐसे ही मज़े लेते रहे

तो मैं उनके ब्लाउस के बटन खोलने लगा तो वो बोली अभी नही मुझे बहुत काम करना हैं खाना बनाना है और नहाई भी नही हू पहले मैं अपने काम निपटा लू फिर तुम्हारी मुराद भी पूरी करूँगी और मुझसी दूर हो गयी मैने भी अपने आप को संभाल लिया मैने उन्हे बताया कि मैं थोड़ा घूमने जा रहा हू थोड़ी देर मे आउन्गा और बाहर की ओर चल पड़ा मैं खेतो की पगडंडी पे चलता जा रहा था गरम हवा चल रही थी पर खेतो की वजह से अच्छी लग रही थी मैं थोड़ा और आगे बढ़ गया एक तरफ बहुत पेड़ थे मैं उसी ओर चला गया वो एक आम का बाग था बहुत ही ठंडक महसूस हुवी

इधर उधर देखा तो कोई दिखा नही मैने दो आम उठाए और खाने लग खा ही रहा था तो एक औरत भागती हुवी मेरी ओर आई ऑर गुस्से सी बोली कि कॉन है तू ऑर आम क्यों चुराए तो मैने कहा कि आपको थोड़ी ग़लत फहमी हो गयी हैं मैं तो इधर घूमते घूमते आ गया फिर मैने उन्हे मामा का नाम बताते हुवे कहा कि मैं मास्टरजी का भांजा हू तो वो बोली अरे तो पहले बताना था और माफी माँगी तो मैने कहा कोई नही तो वो मुझे अपने साथ ले गयी ऑर बहुत से आम एक पन्नि मे डालके मुझे दे दिए मैं मना करता रहा पर वो मानी ही नही तो वो मुझे लेने पड़े
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