Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 12:54 PM,
#11
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
बहुत ही कामुक वातावरण हो गया था मैं दे दना दन गान्ड मारे जा रहा था और भाभी मस्ती से बिलबिला रही थी अब मैने उनको घोड़ी बना दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुवे अपने लंड को दुबारा से गान्ड मे डाल दिया और चुदाई करने लगा बीच बीच मे उनकी मोटी मोटी चूचियों भी भींच रहा था भाभी भी अपने चूतड़ मटका मटका के मेरे लंड का जोश बढ़ा रही थी

आधे घंटे तक करने के बाद मैने अपना पानी गान्ड मे ही छोड़ दिया और उनको लिए लिए ही बिस्तर पे लुढ़क गया..


आधे घंटे तक हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे फिर अनिता उठी और पानी गरम करने के लिए रोड लगाने लगी तो मैने पूछा इस वक़्त पानी क्यों गरम कर रही हो तो उन्होने कहा कि वो अपने शरीर को सॉफ करना चाहती है मैने उन्हे कहा कि सर्दी का मोसम है इस और रात भी काफ़ी हो गयी है तो सुबह ही नहा लेना तो वो मान गयी और मैने उसे दुबारा बिस्तर पे लिटा दिया

अब हम दोनो रज़ाई के अंदर थे क्योंकि काफ़ी देर से हम नंगे ही बाहर थे भाभी मुझसे नागिन की तरह लिपटी हुवी थी अचानक से मैने पूछा कि क्या रवि उनको पूरी तरह से खुश करता है तो उन्हने कहा कि हाँ वो बिल्कुल उन्हे पूरी तरह संतुष्ट करता है और वो अपने पति से बहुत ही खुश है भाभी बोली कि तुम यह सोच रहे हो ना कि अगर मैं पूर्ण संतुष्ट हू तो तुमसे क्यों चुदवा रही हू.

तो उन्होने बताया कि मैं तुम्हे देख कर ना चाहते हुवे भी पिघल गयी हू तो मैने कहा कि पर भाभी मैं तो कुछ सुंदर, स्मार्ट भी नही हू तो वो हँसते हुवे बोली रे पगले रंग-रूप ही कुछ नही होता आदमी की सीरत भी कोई चीज़ होती है यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि अक्सर ज़िंदगी मे लोग तो ठग ते ही रहे थे ना कभी कोई सच्चा दोस्त मिला था जो भी मिला बस ऐसे ही मिले.

मेरी आँखो से आँसू छलच्छला गये आवाज़ रुआंसी सी हो गयी थी भाभी मुझसे और भी लिपट गयी और मेरे आँसू पोछते हुवे बोली तेरा मेरा रिश्ता इस जिस्म के रिश्ते से बहुत परे है मैं तेरी दोस्त हू और वादा करती हू कि मैं हर हाल मे तेरा साथ दूँगी चाहे कोई भी परिस्तिथि आए मैं हमेश तेरे लिए खड़ी रहूंगी पर हमारे इस जिस्मानी रिश्ते के बारे मे किसी भी हाल मे किसी को भी पता नही चलना चाहिए वरना मेरी गृहस्थि बर्बाद हो सकती है

मैने उनको विश्वास दिलाया कि मैं अपनी दोस्ती पे किसी भी तरह का संकट नही आने दूँगा और दुनिया के आगे उन्हे भाभी का पूरा सम्मान दूँगा ये सुनके भाभी खुश हो गयी और मेरे गालो पे पप्पी दे दी. मैने भाभी को अपने उपर लिटा लिया उनकी गोल मटोल बूब्स मेरे सीने मे धँस रहे थे और चूत मेरे लंड रगड़ खा रही थी

वो बोली सोना नही है क्या तुम्हारे चक्कर मे मेरी नींद भी पूरी नही होती है मैने कहा भाभी जान आज की ही तो रात है कल तो तुम्हार सास-ससुर वापिस आ जाएँगे फिर कहा मिल पाएँगे हम तो वो बोली असली मज़ा तो छुप-छुप के मिलने मे ही आता है तुम घबराओ मत कोई रास्ता मिल ही जाएगा. मैने अपने हाथ उनकी पीठ पे कस दिए जिस से उनकी चूचिया और अंदर तक मेरे सीने मे धँस गयी


तो वो बोली कि अरे मुझे छोड़ो साँस लेने मे तकलीफ़ हो रही है तो मैने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली करदी अब वो बगल मे आ गयी थी मैने उनकी गर्दन पे हाथ डाला और अपनी ओर खींच के उनकी सुरहिदार गर्दन पे किस करने लगा भाबी और मेरी तरफ सरक गयी मेरे होंठ उनको चूमते चूमते उनके गुलाबी गुलाबी होंटो की ओर बढ़ने लगे मैने अपना मूह खोला और उनके निचले होंठ को अपने मूह मे भर लिया और दबा के चूसने लगा

भाभी ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरे अंडकोषो पे पहुचा दिया और गोलियो को अपनी मुट्ठी मे भर कर सहलाने लगी मैं पूरे मज़े से उनके अधरो का रस पी रहा था और वो मेरी मुट्ठी मारने लगी थी उनका हाथ मेरे लंड पे बहुत ही तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था जिस से मेरा मज़ा दुगना हो गया था भाभी ने अपने होंठ छुड़ाए और ढेर सारा थूक मेरे लंड पे लगा के उसे पूरा गीला कर दिया

और फिर से उसे अपनी मुट्ठी मे भर कर हिलने लगी अब मैने उनकी लेफ्ट साइड की चुचि को अपनी जीभ फेरते हुवे मूह मे भर लिया भाभी को चुचि चुसवाने मे बहुत मज़ा आता थॉ वो बोली देवेर जी जी भर कर मेरा दूध पियो अब मैं उनके उपर लेट के उनकी छातियों को चूस ने लगा भाभी के शरीर मे कामवासना जागने लगी थी 20 मिनिट तक चुचियो का मर्दन करने के बाद मैंने उनकी जाँघो को थोड़ा फैलाया और अपनी बीच वाली उंगली एक झटके से उनकी चूत मे घुसा दी

तो वो एकदम से चिहुन्क पड़ी मैं तेज़ी से उंगली अंदर बाहर करने लगा उनकी लाल लाल चूत से बहुत सा रस बह रहा था जिस से वो एकदम गीली हो गयी थी भाभी मोन करने लगी थी तभी उन्होने बताया कि जब मैं उनकी चूत चाट ता हूँ तो उन्हे बहुत ही मस्त अनुभूति होती है ये सुनते ही मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मैने उनकी टाँगो को पूरी तरह फैलाया और उनकी जाँघो के बीच आ गया मैने भाभी के भूरे रंग के चूत के दाने को अपने मुँह मे भर लिया और उसपे जीभ फेरने लगा

जैसे ही मेरी जीभ चूत के दाने से टकराई भाभी के बदन मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया और उनकी जांघे कस गयी उनके दाने का स्वाद बहुत ही नमकीन था मैं पूरे जोश से उसे चूसे जा रहा था भाभी की आँहे बढ़ती हीजा रही थी उनका खुद पे कंट्रोल ख़तम हो रहा था उनके दोनो हाथ मेरे सर पे पहुच गये थे और वो मेरे चेहरो को खुद की चूत पे दबा रही थी अब मैने अपनी जीभ थोड़ी नीचे की और चूत की फांको को चूसने लगा दोनो फांके काम रस मे पूरी तरह भीगी हुवी थी

मैं पूरी तसल्ली से उनकी चूत का रस चाट रहा था अब मैने अपनी जीभ को तिकोना किया और चूत मे जहाँ तक मैं घुसा सकता था घुसा दी भाभी की चूत भी जी भर के रस बहा रही थी जिस से मेरे होंटो और ठोडी पे बहुत सा रस लग भी गया था ना जाने मुझे क्या सूझा मैने अपनी जीभ को निकाला और थोड़ा नीचे उनकी गान्ड के छेद पे फेरने लगा

भाभी के चुतडो मे सिरहन दौड़ गयी और उन्होने अपनी गान्ड उपर की और उठा दी अब मेरी जीब उनकी चूत और गान्ड को बारी बारी से चूस रही थी भाभी अपनी गान्ड उठा उठा के मुझे अपना रस पिला रही थी 15 मिनिट तक मैं उनका रस चूस्ता रहा और वो मस्ती से आहे भरती रही अचानक उन्होने मेरे चेहरे को अपनी चूत पे बुरी तरह से कस लिया और लंबी लंबी आहे भरते हुवे अपना पानी मेरे मूह मे छोड़ दिया कंटिन्यूड......
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10-05-2019, 12:54 PM,
#12
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
भाभी किसी कुतिया की तरह हाँफ रही थी मैने चूत के अंदर उंगली रगड़ ते हुए पूछा कि जानेमन
मज़ा आया क्या तो वो कुछ नही बोली बस चेहरे को झुका लिया मैं उन्हे छेड़ ते हुए बोला कि शर्मा क्यों रही हो

बताओ ना तो वो बोली हां मज़ा आया बहुत मज़ा आया जी करता है पूरी रात तुमसे अपनी चूत को चुस्वाती रही
और इस आनंद को बार बार प्राप्त करती रहू मैं हँसते हुए बोला तो किसने रोका है मैं अभी आपकी इस इच्छा को
पूरी कर देता हू

और एक बार और उनकी चूत के दाने को अपने होंटो मे दबा लिया एक बार फिर मेरी जीब का
जादू भाभी पे चलने लगा था भाबी ने अपनी आँखो को बंद कर लिया और अपनी मांसल जंघे मेरे चेहरे पे
लॉक की तरह कस दी मैने कभी नही सोचा था कि मेरी ज़िंदगी मे ऐसा कोई मोड़ अचानक आएगा कहाँ तो कुछ दिन
पहले तक बस अपना हाथ जगन्नाथ था और कहाँ अब भाभी जैसा टंच माल मेरे साथ बिस्तर पे था

मैं अपने
दान्तो से उनके दाने को धीरे धीरे काट भी रहा था तो भाभी अपनी कमर को उचका रही थी जैस ही मैं उनके दाने
को काट ता उनकी सिसकारी निकलती थी थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा फिर मैने उनको 69 मे होने को कहा ताकि
मैं भी थोड़ा आनंद ले सकु मैने दुबारा चूत की फांको को अपने मुँह मे ले लिया

और उसी पल भाभी के होंठ
भी मेरे सुपाडे पे कस गये पूरा सुपाडा उनके मुँह मे था उनकी गीली जीब से मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हो रही
थी पर वो बहुत ही मजेदार पल थे भाभी लंड चूसने मे एक एक्सपर्ट से भी ज़्यादा थी वो बहुत ही प्यार से मेरा
लंड चूस रही थी

साथ साथ लंड को अपने मुँह मे अंदर तक ले जाती थी बहुत ही मुश्किल है उन पलो का
वर्णन करना यहाँ पे बस कोशिश ही कर सकता हू अब अनिता ने पूरे जोश से लंड को चूसना शुरू कर दिया था
उनका थूक बाहर आकर गिर रहा था इधर मैं भी पूरे जोश से चूत का रस पी रहा था काफ़ी देर तक ऐसे ही
चलता रह अब मैं बस उनको चोदना चाहता था मैने उन्हे हटाया और नीचे लेट गया वो समझ गयी कि मैं क्या
चाहता हू और झट से आके मेरे लंड पे बैठ गई

गप्प्प की आवाज़ क साथ एक झटके से पूरा लंड उनकी छोटी सी
चूत मे समा गया उनके और मेरे मुँह से एक साथ ही मस्ती की आह निकल गयी मैने हाथ बढ़ा के उनकी बालो की
चोटी को खोल दिया अब उनके बाल पूरे चेहरे पे फिसलने लगे जिस से उनकी खूबसरती और भी बढ़ गयी थी
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10-05-2019, 12:55 PM,
#13
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
भाभी अपने मासल कुल्हो को उछालते हुए मेरे लंड पे कूद रही थी पच
पcउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह पुचह की आवाज़ उस घर्षण से आ रही थी मैं अपना
हाथ पीछे करते हुए उनकी गान्ड पे फेरने लगा और एक उंगली उनकी गान्ड मे डाल दी अब अनिता ने अपने चुतडो को
भींच लिया जिस से उनका मज़ा और भी दुगना हो गया अब वो थोड़ा धीरे धीरे उपर नीचे हो रही थी उन्होने
मुझे गान्ड मे ज़ोर ज़ोर से उंगली करने को कहा और मैं वैसा ही करने लगा

हम दोनो संभोग की नयी इबारत
लिखने मे जी जान से लगे हुए थे 15 मिनिट तक मैने उन्हे अपने लंड पे बिठाए रखा अब भाभी की स्पीड और
भी स्लो होने लगी थी क्यों कि वो शायद थोड़ी थकान महसूस कर रही थी मैं ये बात समझते हुए उनको उठाया
और फरश पे खड़ी कर दिया और थोड़ा झुकते हुए एक पैर को पलंग पे रख दिया इस तरह वो आधी घोड़ी
बन गई थी मैने थोड़ा थूक लंड पे लगाया और चूत मे घुसा दिया

अनिता ने खुद को पीछे की ओर झुका लिया
मैं बहुत ही तेज़ी से उनको चोद रहा था मेरे हाथ उनकी छातियो को मसल रहे थे उन्होने अपने मुँह को थोड़ा सा
टेढ़ा किया और अपनी जीब मेरे मुँह मे डाल दी सच बताऊ उस चुदाई को आज तक नही भूला हू अनिता अपनी गान्ड
को हिला हिला के चुद रही थी

काफ़ी देर चुदाई चलती रही तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हू मैने अपने
लंड को चूत से निकाला और भाभी के मुँह मे दे दिया भाभी फुर्ती से चुसाइ करने लगी फिर वो पल भी आया जब
मैने अपना गरमा गरम पानी उनके हलक मे उतार दिया भाभी बहुत ही मज़े से मेरा वीर्य पी रही थी मेरे हाथ
उनके चेहरे पे कसे हुए थे वो बहुत ही मज़े से आखरी बूँद तक निचोड़ने मे लगी हुवी थी

मेरा पूरा बदन कांप रहा था लग रहा था जैसे टाँगो की सारी शक्ति ख़तम हो गयी थी मैं बुरी तरह से थक के चूर हो
गया था भाबी तब तक लंड को चुस्ती रही जब तक वो पूरा सिकुड ना गया उनके और मेरे चेहरे पे एक अजीब सा
भाव था जिसे केवल हम दोनो ही समझ सकते थे


दो बार की चुदाई के बाद मुझे थकान होने लगी थी पिछली रात भी पूरी नींद नही ली थी कुछ ऐसा ही हाल
भाभी का भी ता. आँखो मे खुमारी चढ़ ती ही जा रही थी मैने उन्हे अपने आगोश मे लिया और उनकी बाँहो मे सो
गया .बहुत ही प्यारी नींद आई उस रात को सुबह मैं जल्दी ही उठ गया क्यों कि गाव मे लोग थोड़ा जल्दी जाग
जाते है
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10-05-2019, 12:55 PM,
#14
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं आँगन मे आया तो देखा कि अभी उजाला नही हुवा था हल्का सा अंधेरा सा था मैने पानी भरा और
मुँह धोने लगा तभी मुझे भाभी का ध्यान आया मैने सोचा कि शायद वो रसोई मे होंगी चाइ वग़ैरा बना रही
होंगी पर वहाँ नही थी मैने उन्हे घर मे ढूँढा पर वो घर मे थी ही नही मैने मैन गेट की ओर चेक
किया तो वो बाहर से बंद था टाइम देखा तो 5 :15 ही हुए थे मैं हैरान परेशान हो गया कि हमारी भाभी
जान कहाँ गायब हो गयी

खैर मैं बाथरूम मे घुस गया और फ्रेश होने लगा जब मैं वापिस आया तो भी भाभी
का कोई आता-पता नही था फिर पोने 6 बजे दरवाजा खुला और वो अंदर आई उनके हाथ मे दूध की बाल्टी थी
उन्होने बताया कि वो बाडे चली गयी थी पशुओ को चारा खिलाने और दूध भी निकालना था और वो मुझे सुबह
सुबह उठाना नही चाहता थी इसलिए वो अकेले ही चली गयी थी वो बोली तुम बैठो मैं चाइ बनती हू पर
मैने कहा मेरा मूड तो दूध पीने का है और उनकी चूची को मसल दिया तो भाभी बोली कि सुबह सुबह चालू
हो गये

मुझे पता था कि ये अब लास्ट चुदाई होगी क्यों कि आज भाभी के सास-ससुर वापिस आने वाले थे तो फिर मोका मिलना बहुत ही मुश्किल था लगभग नामुमकिन सा ही मुझे और फिर दिन भी होने वाला था मैने देर ना करते हुए उनके ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू किया और ब्रा को थोड़ा उपर करके उनके बोबो को अपनी मुठ्ठी मे भरने लगा भाभी बोली तो फिर जल्दी से कर्लो अभी टाइम नही है

मैं लगातार उनके बोबो को भींच रहा था दो दिन मे ही उनकी चूचिया काफ़ी हद तक फूल गयी थी और बहुत ही कामुक लग रही थी मैने उनका ब्लाउज ऑर ब्रा को उतार दिया और उनका एक निप्पल को चूसने लगा भाभी ने मेरे चेहरे को अपनी छातियों मे धसा लिया और उन्हे मेरे मुँह मे देने लगी क्या बताऊ भाभी बिल्कुल मेरे जैसे ही थी बहुत ही कामुक प्रवर्ती की पर उन्हे देखके कोई नही कह सकता था की दिन मे इतनी संस्कारी रहने वाली औरत बिस्तर पे इतनी हॉट भी हो सकती थी मैं बारी बारी दोनो चूचियों का नंबर लगाते हुए उनमे से दूध निकालने की कोशिश कर रहा था भाभी भी उत्तेजना से भरती जा रही थी उन्होने मेरे पयज़ामे को थोड़ा नीचे सरकाया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और हिलाने लगी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से लंड को हिला रही थी ताकि मैं ऐसे ही झाड़ जाउ पर मैने उन्हे रोका और उनकी साड़ी को उतारने के लिए पकड़ा तो उन्होने कहा अभी कपड़े मत उतारो ऐसे ही कर्लो मैं उनकी बात मान गया और बस साड़ी को उपर उठाया और कछि को खींच लिया अब मैं उनकी साड़ी मे घुस गया और उनकी जाँघ को चूमने लगा भाभी की जांघे बहुत ही ठोस थी मैने अपने हाथ उनके चुतडो पे रखे और उनको अपने मुँह की ओर खीचा और चूत को मुँह मे भर लिया उनकी चूत बहुत ही छोटी साइज़ की थी जैसे किसी बच्ची की चूत हो मैं उन्हे बोला कि जान आपकी चूत का रस बहुत ही अच्छा है तो वो ये सुनके खुश हो गयी औरत हर हालत मे अपनी तारीफ ही सुन ना चाहती है भाबी ने मुझे जल्दी जल्दी चाटने को कहा थोड़ी देर चाट ता रहा चूत अब पूरी तरह से गीली हो गयी थी और उसकी काँपति फांके मुझे लंड घुसाने का निमंत्रण दे रही थी मैने भाबी को उठा के खाट पे पटक दिया और उनपे छाता चला गया लंड चूत के दरवाजे पे टिक चुका था मैने हल्का सा झटका दिया और मेरा घोड़ा चिकनी सुरंग की सैर करने लगा भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर पे लपेट दी और चुदाई का मज़ा लेने लगी मैं उन्हे भोग रहा था वो मेरे प्रति पूरी तरह से समर्पित हो गयी थी हम दो एक दूसरे के जोश को तोल्ते हुए अपने जिस्मो की भूख मिटा रहे थे भाभी नीचे से गान्ड उठा उठा के अपनी चुदाई करवा रही थी अब मैने उनकी चूची को पीना शुरू कर दिया जिस से वो और भी रोमांचित हो गयी और पूरे जोश से चुदने लगी कमरे मे हमारी साँसे और धप धप की आवाज़ ही गूँज रही थी अब मैने भाभी को खाट से उठाया और कमरे मे रखी मेज पे बिठा दिया और उनकी टाँगो को उठा कर अपने कंधो पे रख लिया और ताबड तोड़ चुदाई करने लगा

अनिता बोली जल्दी करो जल्दी करो दिन निकल आया है तुम्हारी मम्मी आ सकती है मैने दे दना दन धक्के मारने शुरू कर दिए मेरी साँस बुरी तरह से फूल रही थी फिर वो पल भी आया और मैने अपना पानी छोड़ दिया और उनके उपर ही लुढ़क गया कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद मैं उठा और अपना लंड भाभी के होंटो पे रगड़ते हुए उन्हे सॉफ करने को बोला भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और फटा फट चाटने लगी कोई 5 मिनिट तक मैने लंड को उनके मुँह मे ही रखा फिर उन्होने उसे निकाला हमने अपने अपने कपड़े सही किए और एक दूसरे की तरफ देखने लगे मैने उन्हे कहा कि घर जा रहा हू और वो भी मेरे पिछे पिछे गेट तक आई मैने फिर एक जोरदार चुंबन लिया और बाइ कहतेः हुए घर की ओर चल दिया ना जाने क्यों आज सुबह बहुत ही प्यारी लग रही थी
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10-05-2019, 12:55 PM,
#15
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
घर पहुच कर मैं नाहया धोया नाश्ता किया और स्कूल की ओर चल दिया आज मैं बिना साइकल के ही जा रहा था मुझे बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था गाना गाने को मन कर रहा था स्कूल मे कुछ खास पढ़ाई होती नही थी बस एग्ज़ॅम का वेट था और 11थ क्लास को कोई सीरीयस लेता भी नही था

दोपहर को मैं घर आया कपड़े वग़ैरा चेंज किए फिर सोचने लगा कि भाभी के घर का राउंड मार आउ क्या पता अगर वो अकेली हो तो एक ट्रिप का जुगाड़ हो जाए मैं जाने का सोच ही रहा था कि मेरी चाची ने कटोरी मे परसाद लेके मुझे दिया और बताया कि रवि के ममी-पापा थोड़ी देर पहले ही आए है

ये सुनके मेरा मूड बहुत ऑफ हो गया पर मैने बाहर से कुछ शो नही किया और परसाद खाने लगा फिर चाची बोली कि प्लॉट मे लकड़ी कम हो गयी है तुम कुछ दोस्तो को साथ ले जाओ और जंगल से थोड़ा ईंधन काट लाओ मेरा दिमाग़ और भी खराब हो गया एक तो साला भाभी से मिलने की टेन्षन थी और ये घरवाले भी जब देखो मुझे ही पेलते रहते थे

घर का बड़ा बेटा होना भी एक गुनाह से कम नही होता है खैर जाना तो था ही एक-दो दोस्तो को पूछा पर कोई भी तैयार ना हुआ सब एग्ज़ॅम की तैयारी का बहाना कर के टरक लिए. अपनी साइकल उठाकर मैं जंगल की ओर चल पड़ा जंगल गाँव से कोई 2-3 किमी दूर था पर ग्रामीण वातावरण के कारण पास ही लगता था और कोई डर वाली बात भी नही थी

क्यों कि कोई ना कोई ईंधन लेने के लिए वहाँ जाता ही रहता था रास्ते मे मुझे हमारे ही मोहल्ले की एक लड़की जिसका नाम प्रीतम था वो मिल गयी उसने मुझसे पूछा कि ईंधन लेने जा रहे हो तो मैने हाँ कहा ,मैने पूछा तुम अकेली क्यो जा रही हो तो वो बोली उसकी मा वहाँ पहले से ही लकड़िया काट रही है और वो उसकी मदद के लिए जा रही है तो मैने उनसे अपनी साइकल पे बिठा लिया और हम जंगल की ओर चल पड़े

अब मैं आपको पहले प्रीतम के बारे मे थोड़ा बता दूं उसकी उमर कोई 20-21 होगी, पर वो बहुत ही मोटी थी मोटी से मतलब थुलथुल नही थी बल्कि उसकी चूची और गान्ड तो कई आन्टियो से भी बड़ी थी पढ़ाई उसने कई साल पहले ही छोड़ दी थी घर मे उसकी बूढ़ी मा और एक भाई ही था मैं ज़्यादा उसके बारे मे नही जानता था क्यों कि उनका घर हमारे घर से काफ़ी दूर था

हाँ उनका पशुओ का बाडा हमारे प्लॉट के पास था पर उस से इतना कुछ लेना देना कभी हुवा नही था पर सुना था कि वो थोड़ा चालू टाइप थी और घर से भी दो बार भाग चुकी थी खैर हम जंगल पहुच ने ही वाले थे वो मुझसे बाते करने की कोशिश कर रही थी पर उस टाइम मेरा ध्यान तो भाभी के बारे मे लगा हुआ था ऐसे ही हम जंगल मे पहुच गये मैने सावधानी से अपनी साइकल एक ओर खड़ी कर दी ताकि पंक्चर ना हो जाय

फिर हम पैदल ही अंदर की ओर चल पड़े थोड़ी देर के बाद मुझे उसकी मा मिल गयी मैने उन्हे नमस्ते किया और अपने लिए लकड़ी काटने लगा शाम तेज़ी से घिरती जा रही थी और मैं बहुत ही सुस्ती से लकड़ी काट रहा था तो प्रीतम की मा जिसने अपने लिए बहुत सी लकड़िया जमा करली थी उसने मुझे अपने ढेर मे से कुछ लकड़िया लेने के लिए कहा पर मैने मना कर दिया तो वो बोली बेटा अंधेरा होने वाला है तुम एक काम करो मेरी वाली लकड़ियों को मेरे सर पे रखवा दो और प्रीतम तुम्हारी मदद कर देगी और यह भी थोड़ी और लकड़ी काट लेगी

फिर तुम दोनो साइकल पे अपना गठ्ठर रख के साथ साथ ही आ जाना और ज़्यादा देर मत लगाना अंधेरा घना होने से पहले ही वापिस आ जाना कहीं कोई जानवर ना मिल जाए और वो हमे छोड़ कर घर की ओर चल पड़ी अब मैं तेज़ी से कुल्हाड़ी चलाने लगा और वो लकड़ियों को जमा करने लगी आधे घंटे मे हम ने ठीकठाक ईंधन का जुगाड़ कर लिया अब बस घर चलने की तैयारी थी तभी प्रीतम मुझे बोली तू आगे चल मैं आती हू तो मैने मना करते हुए कहा नही मेरे साथ ही चल तो वो बोली अच्छा तू यही रुक मैं अभी आती हू मैं रोकता रहा और वो पास की झाड़ियों की ओर चल पड़ी झाड़ियाँ थोड़ी कम घनी थी कुछ सॉफ सॉफ तो नही दिख रहा था पर पास होने के कारण मैने देखा कि उसने अपनी सलवार का नाडा खोला और नीचे बैठ गयी
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10-05-2019, 12:55 PM,
#16
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
सुउुुुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर सुउुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की आवाज़ सी आ रही थी तो मैं समझ गया कि वो मूतने के लिए गयी थी थोड़ी देर बाद वो वापिस आ गई और बोली क्या देख रहा था मैने सकपकाते हुए कहा कुछ नही तो वो बोली पहले किसी को मुतते नही देखा क्या तो मेरे मुँह से कुछ आवाज़ ना निकली फिर हम पैदल पैदल ही घर की ओर चल पड़े क्यों कि साइकल पे लकड़ी का गठ्ठऱ रखा हुवा था वो लगा तार मुझसे बात करती जा रही तो मैं भी उस से खुलने लगा


ऐसे ही हम प्लॉट पे पहुच गये मैने अपनी लकड़िया वहाँ रखी और उसको कहा कि मैं तुम्हारी वाली तुम्हारे बाडे मे रख देता हू और उसका गठ्ठर उठा लिया वो अपनी मस्त गान्ड को मटकाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी उनका बाडा ज़्यादा बड़ा नही था 2 कमरे थे चारे के लिए और कुछ टीनशेड्स थी जहाँ वो अपने पशु बाँधते थे लकड़िया एक कोने मे रखने के बाद वो बोली खेली पे हाथ-मुँह धो लो और वो भी अपना मुँह धोने लगी

हम पास पास ही खड़े थे अचानक से मेरा पैर फिसला और मैने उसकी चूची पे हाथ रख दिया गिरने से बचने के लिए आक्च्युयली मैं उसका कंधा पकड़ना चाहता था पर हाथ मे चूची आ गयी ये सब इतनी जल्दी हुआ कि उसका भी बॅलेन्स बिगड़ गया और हम दोनो गिर गये मैं उसके उपर वो मेरे नीचे थी उसकी चूचिया मेरे सीने मे चुभ रही थी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसके होटो का चुंबन ले लिया

अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि ये क्या कर दिया मैं उठा और सीधा घर की ओर भागने लगा वो पिछे से चिल्लाने लगी रुक रुक पर मैं तो सीधा घर आके ही रुका अब मेरी गान्ड फॅट रही थी कि अगर उसने अपने घरवालो को बता दिया तो गान्ड तुड़ाई पक्की है मेरी तो हालत टाइट हो गयी थी टेन्षन इतनी हो गयी थी किक्या बताऊ भूक प्यास सब खो गयी ना जाने कब आँख लग गयी सुबह उठा आज सनडे था तो पापा भी घर पे ही थे जिस से मेरा डर और बढ़ गया था

अब करू तो क्यँ करू पापा बोले उठ गया तो जा प्लॉट मे भैंसो को नहला आ और टॅंक मे पानी भी भर आइयो अब उनका घर रास्ते मे पड़ता था और साली प्राब्लम , पापा को मना करूँ तो वैसे दिक्कत सो चल दिया मैं नॉर्मल रहने की कोशिश कर रहा था पर गान्ड तो फॅट ही रही थी खैर जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ नही हुआ था उसने किसी को नही बताया था

प्लॉट मे मुझे लगभग 2 घंटे हो गये थे तभी दरवाजा पर दस्तक हुई तो मैने खोला गेट पे प्रीतम ही खड़ी थी मैं उसे देखके घबरा गया तो वो बोली कि पानी की मोटर लेने के लिए आई है मैने कहा अंदर कमरे से ले लो उस वक़्त हम दोनो ही थे तो मैने सॉरी बोलने का सोचा और उसके पीछे कमरे मे आ गया मैने उसे कल शाम की घटना के लिया माफी माँगी तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि कोई बात नही तुमने जान बूझ के थोड़ी किया था ग़लती से हो गया होगे और मेरी ओर गोर से देखते हुए वापिस जाने लगी

पता नही मेरे मुँह से अचानक से निकल गया कि प्रीतम अगर जान बूझ के होता तो वो एकदम से पलटी और बोली कि तो भी वो मुझसे कुछ नही कहती और अपनी गान्ड मट काति हुई चली गयी मेरे दिमाग़ मे खुराफात होने लगी कि क्या पता ये पटने के लिए तैयार है कोशिश करके देखता हू और मैं उसकी चुदाई की सपने देखने लगा

प्लॉट का काम करके मैं सीधा भाभी के घर की ओर चल दिया मैं उन्हे देखने के लिए मरा जा रहा थॉ वहाँ गया तो पता चला कि रवि भी वापिस आ गया है मैं रवि के साथ खाना खाने लगा भाभी हमें खाना परोस रही थी बातों बातों मे रवि ने बताया कि उसे नीमराना मे किसी कंपनी मे जॉब मिल गयी है सॅलरी भी बहुत अच्छी है और वो वहाँ शिफ्ट हो रहा है उसने रेंट पे घर ले लिया है और अनिता भी उसके साथ ही जाएगी मेरी तो साँस ही अटक गई

ये साली एक और नयी मुसीबत आ गयी थी पर मैं क्या कर सकता था 4-5 दिन मे रवि और भाभी चले गये रवि मुझे कुछ दिनो के लिए वहाँ ले जाना चाहता था पर एग्ज़ॅम डेट आ गयी थी तो मेरा जाना कॅन्सल हो गया एक तो पेपर और उपर से भाभी भी नही थी ज़िंदगी जैसे झंड हो गयी थी मैं भाभी की याद मे झुलस रहा था उन्होनी मुझे चूत का ऐसा पानी पिलाया कि हर औरत मे मुझे बस चूत ही चूत दिखने लगी थी मेरा ध्यान प्रीतम की ओर था

पर एक तो उसका घर दूर और कोई सीधा कॉंटॅक्ट भी नही था हाँ कभी कभार रास्ते मे देख लिया करता था और वो भी मुझे देख कर एक दिलकश स्माइल देते रहती थी दिन इसी तरह गुजर रहे थे आधे पेपर भी हो चुके थे अचानक एक मस्त घटना हुई मोहल्ले मे एक लड़की की शादी थी तो हम सब वहाँ पे काम वग़ैरा करवा रहे थे प्रीतम उस लड़की की खास सहेली थी तो वो भी वहाँ पे थी मुझे पता था कि वो पूरी रात वही पे रहेगी क्या पता आज उसको चोदने का जुगाड़ हो जाए
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10-05-2019, 12:56 PM,
#17
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
गुलाबी कलर के सूट मे वो बहुत ही हॉट लग रही थी मैने पूरा निश्चय किया कि जो करना है आज ही करना है मैने देखा कि वो कुछ प्लेट उठा के टेंट के पीछे की तरफ जा रही है लोगो से बचते बचाते मैं भी वहाँ पहुच गया और उसका हाथ पकड़ लिया

वो बोली छोड़ो मुझे तो मैने उसके करीब आते हुए कहा कि छोड़ने के लिए नही पकड़ा है और उसको अपनी बाहों मे भर लिया और उसके होंठो को चूम लिया वो फॉरन वहाँ से भाग गयी वो भी वहाँ पर काम करवा रही थी और मैं भी हमारी आँखे बार बार टकरा रही थी

एक तो शादी का महॉल और उपर से नैन मटक्का कुल मिला कर काम एक दम मस्त साथ था तभी ताइजी ने प्रीतम को बुलाया और मेरी ओर इशारा करते हुए कहा कि उंसके साथ जाओ ऑर उपर चॉबारे से कुछ बिस्तर नीचे लाके बिछा दो ताकि बाद मे अफ़रा तफ़री ना मचे और हम चल पड़े

चॉबारे मे देखा तो पूरा बिस्तरॉ का ढेर लगा पड़ा था अगर कोई छुप भी जाय तोकिसी को पता ना चले मैने गेट को हल्का सा बंद किया और प्रीतम को दीवार के सहारे चिपकाते हुए उसके गुलगी होंटो को अपने होंटो मे दबा लिया और चूसने लगा 2 मिनिट तक चूसने के बाद वो मुझसे दूर होते हुए बोली कि क्या है क्यों मेरे पीछे पड़े हो

तो मैने उसको अपनी बहो मे भरते हुए कहा कि क्या तुम्हे नही पता और दुबारा से किस करने लगा अबकी बार उसने कोई विरोध नही किया वो भी मेरी ओर आकर्षित थी मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गयी थी तो मैने उसकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया

तो वो बोली प्लीज़ अभी नही किसी ने देख लिया तो मेरे लिए प्राब्लम हो जाएगी तो मैने उस से वादा लिया रात को मिलने का तो वो बोली कि देखे गी और हम बिस्तर लेके नीचे आ गये इस बीच और कुछ ना हुआ बस ऐसे ही आँख-मिचोली चलती रही शादी की गहमा गहमी थी इसलिए कोई किसी को ज़्यादा सीरीयस भी नही ले रहा था इसी तरह रात का 1 बज गया था फेरे चल ही रहे थे प्रीतम के भाई ने कुछ ज़्यादा ही ड्रिंक कर ली थी और वो थोड़ा बेसूध सा हो गया था हमे डर था कि कही वो किसी से पंगा ना कर्दे शादी का महॉल थोड़ा खराब हो चुका था प्रीतम भी उसको देख के थोड़ा टेन्स हो गयी थी उसने मुझसे कहा कि मैं उसके भाई को घर छोड़ आउ पर वो साला मान ही नही रहा था तो मैने उसको थोड़ी और पिलाई अब उसकी हालत और खराब हो गयी थी पर अच्छी बात थी कि वो लगभग बेहोशी की ओर बढ़ रहा था मैने उसको लिया और उसके घर छोड़ने के लिए ले जाने लगा

वहाँ पे जाके देखा तो दरवाजे पे ताला लगा हैं तो मैने उसको वही पे बिठाया और चाभी के लिए वापिस जाने लगा तो देखा प्रीतम दौड़ते हुए आ रही थी उसने जल्दी से ताला खोला और उसको बिस्तर पे लिटा दिया और वही पे बैठ गया थोड़ी ही देर मे वो गहरी नींद मे पहुच गया मैं उठा और दरवाजे को बाहर से कुण्डी लगा दी

अब बस वहाँ पे मैं और प्रीतम ही थे उसकी मा तो शादी मे थी और हमारे गाँव मे रिवाज़ है कि जबतक दुल्हन विदा ना हो जाए बुजुर्ग औरते वही पे रहती हैं अचानक ही मुझे मोका मिल गया था मैने उनका मेन गेट भी बंद कर दिया और उसको अपनी बाहों मे भर लिया वो मना कर रही थी पर मैने उसको चुप रहने का इशारा किया और उसको पकड़ के साइड वाले कमरे मे ले आया हम दोनो एक दूसरे की तरफ देख रहे थे मुझे तो उसे हर हाल मे चोदना था और आज तो दस्तूर भी था


मैने उसको बेड पे लिटा दिया और उसके चेहरे को चूमने लगा उसक्के लाल लाल होन्ट मेरे होंटो मे समाए हुए थे और मैं उसकी चूचिया भी मसलने लग गया था अब मैने उसके सूट को उपर किया और निकाल दिया वो बोली कपड़े मत निकालो तो मैं बोला कि डरो मत कुछ नही होगा उसने अंदर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जिसपे 36 का टॅग लगा था जिस से मैने आइडिया लगा कि उसकी बूब्स का साइज़ ये है मैने ब्रा के उपर से ही उनको चूमना शुरू कर दिया था

प्रीतम थोड़ी मोटी थी पर काफ़ी थी हॉट माल अब उसकी ब्रा फर्श पे पड़ी थी उसके उभार मेरे हाथो मे थे वो लेटे लेटे सिस कारियाँ भर रही थी और मैं उसका स्तन पान करता जा रहा था मुझे बहोत मज़ा आ रहा था मैं बारी बारी से उसके निप्पल चूस रहा था अब मेरा हाथ उसकी सलवार के नाडे पे पहुच चुका था बहुत ही प्यार से उसका नाडा खोलते हुए उसकी सलवार को भी उतार दिया

प्रीतम बिल्कुल भी नही शर्मा रही थी काले कलर की छोटी इस पेंटी मे वो बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लग रही थी उसके आधे से ज़्यादा चूतड़ कछि से बाहर आ रहे थे मैने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया वो मेरे लंड को देखते हुए बोली ये क्या है ये तो मेरी चीर-फाड़ कर देगा मैने अपना लंड उसके हाथ मे दे दिया वो उसे सहलाने लगी और मैने उसकी पेंटी को उसके जिस्म से अलग कर दिया
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10-05-2019, 12:56 PM,
#18
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
हम दोनो पूर्ण रूप से निर्वस्त्र अवस्था मे बेड पे लेटे हुए थे हालाँकि थोड़ी सर्दी थी पर उस टाइम तो हम काफ़ी गरम थे मैं उसके पूरे शरीर को चूम रहा था उपर से लेके नीचे तक प्रीतम बोली जो करना है जल्दी करो कही उसका भाई उठ गया तो प्राब्लम हो जाए गी मैने उसकी बात को मानते हुए उसकी टाँगो तो फैला दिया अब उसकी चूत मेरे आँखो के सामने थी ब्रेड की तरह फूली हुवी चूत जिसपे एक भी बाल नही था

पर उसकी फांके भाभी की चूत की तरह से गुलाबी ना होके काली थी मैने उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया और चाट ने लगा प्रीतम की चूत थोड़ी खुली खुली लग रही थी शायद वो कई लोगो से चुदवा चुकी थी पर उस टाइम यह सोचने का वक़्त नही था मेरी पूरी जीब उसकी चूत का मज़ा ले रही थी और वो हल्के हल्के सिसकारिया ले रही थी उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ओमम्म्मममममममममममममममममममममममममममाआआआआआआआआआआआआआआआअ माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ झ्झीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइ मैं तो मर गई मेरी माआआआआआआआआआआआआआ न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ
फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

प्रीतम अपनी छातियों को खुद ही भींच रही थी और अब उसकी गान्ड भी हिलनी शुरू हो गयी थी उसने इस से पहले कभी अपनी चूत नही चटवाई थी इसलिए उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था 5 मिनिट मे ही उसने अपना पानी छोड़ दिया और निढाल सी हो गयी मैने उसके होंटो को चूमा और अपना लंड चूसने को कहा पहले तो वो मना करती रही फिर मैने कहा एक बार ट्राइ तो कर ले तो उसने मेरे लंड को पकड़ा और धीरे से अपने मुँह मे ले लिया और उसे चूसने लगी वो बिना किसी जल्दी के आराम से चूसने लगी ये उसका पहला अनुभव था इस लिए वो थोड़ा अजीब सा फील कर रही थी अब उसकी पूरी जीब मेरे लंड पे घूम रही थी

मैने अपना लंड निकाला और मैं बेड पे लेट गया अब वो झुक कर लंड पे अपने मुँह का जादू चलाने लगी और मैं पीछे से उसकी चूत मे उंगली करना चालू कर दिया था उसने अपनी टाँगो को कस लिया जिस से उसे और भी मज़ा आने लगा था 15 मिनिट तक वो मेरा लंड चूस्ति रही फिर मैं उठा और उसको लिटाया और अपने लंड को चूत के छेद पे रख दिया उसकी चूत किसी गरम भट्टी की तरह तप रही थी और बहुत ही गीली हो रही थी मैं अपना लंड वहाँ रगड़ने लगा वो मोन करने लगी मैं जान बुझ कर उसे तड़फ़ड़ा जा रहा था आख़िर उसने खुद मेरे लंड को पकड़ा और चूत मे घुसने का आमंत्रण दिया

पहले ही धक्के मे सुपाडा उसकी फांको को चोडा करते हुए अंदर घुस गया था उसकी चीख निकलगई वो बोली अहह क्क्या कर रहे हो म्म्म्म मममममममममाअओरो गई क्या अब मेरा आधा लंड अंदर घुस गया था उसकी चूत का छेद चौड़ा हो गया मैने एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड चूत को चीरते हुए उसमे समा गया था वो थोड़ा असहज महसूस रही थी मैं लगातार उसके गालो को चूम रहा था अब मैने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया था उसने अपनी टाँगो को खूब चौड़ा कर दिया हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़े हुए थे मैं लंड को चूत के बाहर तक खींचता और झटके से अंदर घुसा देता तो वो चिहुन्क जाती थी मेरे अंडकोष उसकी जाँघो से टकरा रहे अब वो भी पूरी आज़ादी से अपनी चूत मरवा रही थी और नीचे से गान्ड को उचका रही थी काफ़ी देर तक मैं ऐसे ही प्रीतम को चोद्ता रहा फिर उसने अपने बदन को भींच लिया और झड़ने लगी चूत मे जैसे बाढ़ आ गयी थी
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10-05-2019, 12:56 PM,
#19
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मेरा भी होने वाला था मैने 15-20 झटके और मारे और जैसे ही पानी निकलने को आया मैने लंड को निकाला और उसके पेट पे सारा पानी गिरा दिया वो बोली ये क्याकिया मैने फॉरन उसके निचले होंठ को चूसना शुरू किया और ऐसे ही लेट गया काफ़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे मैं एक बार और करना चाहता था पर उसने मना किया अब मैने कपड़े पहने थोड़ा पानी पिया और शादी की तरफ चल पड़ा प्रीतम अपने घर पे ही रह गयी थी मैं वहाँ गया और प्रीतम की माँ को बता या कि उसके भाई ने ज़्यादा ड्रिंक करली थी और प्रीतम घर पे ही रुक गयी है उसे संभालने के लिए और वही कुर्सी पे बैठ गया ……

मैं बैठे बैठे सोचने लगा कि कैसे 15-20 दिन मे ही मेरी ज़िंदगी कितनी बदल गयी थी कहाँ तो मैं ऐसे ही टाइम पास करते भटकता रहता था और अब दो-दो मालो को रगड़ चुका था सुबह 6 बजे तक शादी का सारा काम समाप्त हो गया था और मैं अपने घर आ गया था पूरी रात जागने के कारण बहुत ही नींद भी आ रही थी तो मैं फटकार के सो गया चार बजे शाम को मैं उठा हाथ मुँह धोया थोड़ा कुछ खाया पिया तभी चाची ने कहा कि मम्मी प्लॉट मे गयी है मैं वहाँ जाके उनकी मदद कर दूं मैने कहा आप क्यों नही चली जाती तो वो बोली कि घर का काम भी तो करना ज़रूरी है थोड़ी देर मे मैं प्लॉट मे था मैने थोड़ी देर वहाँ काम किया और तफ़री मारने के लिए निकल पड़ा रास्ते मे मेरी नज़रे प्रीतम को ढूँढ रही थी पर वो ना मिली खैर शाम हुई और मैं घर की ओर चल पड़ा कुछ करने को था नही तो मैं टीवी देखने लगा और फिर सो गया

अगले दिन मैं प्लॉट मे नहा रहा था तो प्रीतम वहाँ पे आई वो फिर पानी की मोटर लेने के लिए आई थी मैं खाली एक छोटी सी फ्रेंची मे ही था वो भी सफेद कलर की और पूरी गीली होने के कारण मेरा लंड उसमे से सॉफ नज़र आ रहा था. वो बड़ी गोर से उसे देखने लगी फिर वो बोली मोटर चाहिए थी मैने उसे अंदर से लेने को कहा और भाग कर प्लॉट का दरवाजा बंद कर दिया और भाग के कमरे मे गया और उसको पकड़ लिया वो छूटने की कोशिश करने लगी और छिटक के दूर हो गयी और बोली अभी नही मेरी मा बाडे मे हैं मैं मोका देख के बताउन्गि पर फिर भी मैने चुम्मी तो ले ही ली और उसे जाते हुए देखता रहा.नीचे साला लंड फड़फडा रहा था एक बार तो आया कि मुट्ठी मार लू पर फिर खुद को कंट्रोल किया और कपड़े पहन ने लगा 2-3 दिन ऐसे ही गुजर गये मैं कामवासना मे जल रहा था प्रीतम से आँख-मिचोली तो हुई पर बात बन नही रही थी
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10-05-2019, 12:56 PM,
#20
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
कुछ सोच विचार करने के बाद मैने प्रीतम को एक लेटर लिखा कि मुझे वो बहुत ही अच्छी लगती है हर पल मैं उसके ही बारे मे सोचता रहता हू
और उस से मिलने के लिए तड़प रहा हू उस रात जो हमारा मिलन हुआ वो अभी तक मेरे शरीर मे महसूस होता हैं ऐसे ही मैने कई मीठी मीठी
बाते लिखी और लिखा कि मैं जल्दी से जल्दी उस से मिलना चाहता था मैने अपनी चिठ्ठी उस को दे दी थी अब बस इंतजार था उसके जवाब का……………………………………………………………………………………………………………………………………………
अगले दिन वो मिली और एक काग़ज़ का टुकड़ा पकड़ा के फॉरन ही चली गयी थी मैने जल्दी से पढ़ा तो लिखा था शनिवार शाम जंगल मे. मेरे चेहरे
पे एक गहरी मुस्कान छा गयी अब इंतज़ार था शनिवार का मेरे मन मे एक विचार आया कि क्यों ना प्रीतम को एक गिफ्ट दूं मैने मम्मी से 500 रुपये
माँगे पहले तो उन्होने मना कर दिया पर फिर दे ही दिए 200 रुपये का जुगाड़ मैने चाची से कर लिया और प्रीतम के लिए एक जोड़ी पायल खरीद ली
जैसे तैसे दिन निकले और शनिवार आया आज मैं बहुत ही उत्साहित हो रहा था शाम को 5 बजे के लगभग मैं जंगल की ओर चल पड़ा

मैं काफ़ी देर उसका इंतज़ार करता रहा तब जाके वो आई मैने उसका हाथ पकड़ा और जंगल मे गहराई की ओर चल पड़े मैं कोई ऐसी जगह ढूढ़ रहा था
जहाँ अगर कोई आ भी जाए तो हमें ना देख सके लगभग 10 मिनिट बाद हम काफ़ी घने पेड़ो के अंदर पहुच गये थे प्रीतम मेरे सीने से लग गयी थी
उसकी छातिया किसी ढोँकनी की तरह उपर नीचे हो रही थी

मैं उसकी पीठ को सहला रहा था इस टाइम हमारी फीलिंग्स सेक्स की ना होकर थोड़ी रूमानी हो गयी थी तभी प्रीतम बोली कि जो भी करना हैं तुम
जल्दी से कर लो मेरे पास ज़्यादा वक़्त नही है हालाँकि मैं इतने दिनो से उसकी चूत मारने को बेताब था पर ना जान मुझे क्या हो गया था मैं बस चाहता
था कि वो मेरे पास ही रहे मेरी बाहों मे मोके की नज़ाकत को समझते हुए मैने उसको अपनी बाहों मे भर लिया और उसके हल्के गुलाबी होंटो को चूमने लगा

प्रीतम भी थोड़ी उतावली हो रही थी वो भी मेरा सहयोग करने लगी उसको चूमते चूमते अब मैने अपनी जीब उसके मुँह मे डाल दी हम दोनो की जीब
एक दूसरे से टकरा रही थी और हम बहुत ही मज़े से किस कर रहे थे हमारे मुँह मे काफ़ी थूक इकठ्ठा हो गया था बस एक दूसरे को चूमे ही जा रहे थे हमारी
साँस उखड़ने लगी थी फिर भी हम ऐसे लगे थे जैसे ये हमारा लास्ट चुंबन हो

आख़िर प्रीतम ने किस तोड़ी और हाँफने लगी अब मैने उसकी सलवार के नाडे पर हाथ रखा और एक ही झटके से उसको ढीला कर दिया सलवार उसकी
टाँगो मे नीचे को गिर गयी मैं अब एक हाथ से उसके गान्ड को कछि के उपर से दबाने लगा प्रीतम भी कामुक हो रही थी और दूसर हाथ उसकी चूत पे
रख के उसको मसल्ने लगा कच्छि के उपर से ही पता चल रहा था कि चूत से पानी बह रहा है

कुछ ही देर मे उसकी कच्छि भी नीचे पड़ी थी मैने एक उंगली अंदर डाली और रगड़ने लगा प्रीतम ने भी मेरे लंड को पेंट के उपर से ही सहलाना शुरू कर
दिया था मैं लगातार उंगली करता जा रहा था वो अपने दांतो से होन्ट को काट रही थी उसकी आँखे पूरी तरह वासना मे डूब रही थी उसने मेरी ज़िप
खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से मसल्ने लगी मैने उसे लंड को गीला करने को कहा तो उसने नीचे झुकते हुए लंड को मुँह
मे भर लिया और चुप्पे मारने लगी

पूरा लंड उसके मुँह मे था थूक उसके मुँह से बहता हुवा नीचे गिर रहा था अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था मैने उसको खड़ा किया और उसके हाथो को
घुटनो पे रखते हुए थोड़ा सा झुकाया और अपने थूक से सने हुए लंड को उसके गोल चुतडो से रगड़ ते हुए चूत मे धकेल दिया प्रीतम की मुँह से आह
निकल गयी मैने उसकी कमर को थाम लिया और चुदाई करने लगा दो जवान जिस्म जंगल मे हुस्न के मज़े लूट रहे थे उस टाइम हमें दुनिया की कोई
खबर नही थी बस सब से बेख़बर हम एक दूसरे मे समाए हुए जन्नत की सैर कर रहे थे हर लम्हे के साथ मेरे धक्के तेज होते जा रहे थे

प्रीतम भी लगातार अपनी गान्ड को पीछे कर रही थी और लगातार आहे भर रही थी अब मैने अपने हाथ उसके सूट के अंदर डाले और ब्रा के उपर से ही
चूचियो को मसल्ने लगा जिस से प्रीतम का मज़ा और भी बढ़ गया हमे चुदाई करते हुए 20 मिनिट से भी ज़्यादा हो गये थे पर कोई भी हार मान ने को
तैयार नही था चूत से लगातार रस बह रहा था और कामरस से भीगा हुवा लंड फ़चा फ़च अंदर बाहर हो रहा था ना जाने मुझे क्या सूझा मैं अपने अंगूठे को
पीतम के दाने से रगड़ने लगा और पीछे से धक्के भी मार ता जा रहा था प्रीतम का शरीर काँपता जा रहा था थप थप चुदाई होये जा रही थी तभी प्रीतम की
चूत की फांके मेरे लंड पे कस गयी और प्रीतम झाड़ ने लगी उसी पल मेरे लंड ने भी अपन गरमा गरम पानी छोड़ दिया और हम दोनो एक साथ चर्म सुख
को प्राप्त हो गये…
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