RE: Desi Porn Kahani विधवा का पति
सैंकड़ों ट्यूबलाइटों से जगमगाता हुआ वह एक बहुत बड़ा हॉल था—सिच्युएशन से ही जाहिर था कि वह हॉल किसी बहुत ब़ड़ी इमारत के नीचे छुपा तहखाना है। वहीं दिन जैसा प्रकाश फैला था। दीवारों के सहारे वर्दीधारी सैनिक खड़े थे।
उन सभी के पैरों में कपड़े के जूते थे। हरी वर्दी पर लम्बी कपड़े की चौड़ी बैल्ट और सिर पर लाल रंग की ही कैप लगाए , हाथों में
गन लिए वे इस कदर मुस्तैद खड़े थे कि जैसे किसी भी पल किसी को भी शूट कर देने के लिए तैयार हों।
उनकी गनें उन लोगों की तरफ तनी हुई थीं , जो पंक्तिबद्ध हॉल के बीचो-बीच खड़े थे। उनमें एक चेहरा ऐसा था , जिससे पाठक पूर्ण परिचित हैं।
यह चेहरा था —रूपेश का।
जला हुआ , वीभत्स , भयानक और डरावना चेहरा।
अपने साथ पंक्ति में खड़े अन्य लोगों की तरह ही वह भी बिल्कुल खामोश खड़ा हॉल के एक तरफ बने मंच की तरफ़ देख रहा था।
उस मंच की तरफ , जिसके अग्रिम सिरे पर पंक्तिबद्ध कम-से-कम दस सर्चलाइटें लगी हुई थीं और प्रत्येक सर्चलाइट का प्रकाश इधर ही की तरफ था , अतः मंच अंधेरे में डूबा -सा नजर आता था।
एकाएक ही मंच की छत पर लगा एक लाल रंग का बल्ब जलने-बुझने लगा और उसके साथ ही सारे हॉल में पिंग—पिंग की आवाज गूंजने लगी।
हॉल में मौजूद सभी लोग पहले से कहीं ज्यादा मुस्तैद नजर आने लगे।
फिर मंच पर एक साया नजर आया—सिर्फ साया।
चेहरा स्पष्ट नहीं चमक रहा था उसका। हां—लिबास चांदी जैसे रंग का चमकदार होने की वजह से जरूर चमक रहा था—चुस्त लिबास था वह।
बल्ब ने जलना-बुझना बन्द कर दिया—पिंग-पिंग की आवाज भी बन्द हो गई।
एकाएक मंच से सर्द आवाज उभरी— “ रंगा-बिल्ला!"
पंक्ति से एक साथ दो क्रूर-से नजर जाने वाले युवक दो कदम आगे बढ़कर रुकते हुए सम्मानित स्वर में बोले— “य....यस बॉस।"
"क्या तुम्हें मालूम है कि अनाज तुम्हें यहां क्यों बुलाया गया है ?"
"हमें पता लगा है बांस कि सर्वेश को जीवित देखा गया है।" उनमें से एक ने कहा।
"क्यों ?”
"इ...इस बारे में सुनकर हम खुद चकित हैं, बॉस!"
"ऐसा पहली बार देखा गया है कि जिसकी लाश रंगा-बिल्ला ने ठिकाने लगाई हो—वह जीवित देखा जाए—क्या आज से चार महीने पहले ठिकाने लगाई गई वह लाश सर्वेश की नहीं थी ?"
"यकीनन यह सर्वेश की लाश थी बॉस—और फिर इस मामले में केवल हम ही नहीं , 'शाही कोबरा ' भी इन्वॉल्व थे , उन्होंने जिसे जहर देकर मारा , यह नहीं माना जा सकता कि वह सर्वेश नहीं था , क्योंकि ऐसा सोचा भी नहीं जा सकता कि 'शाही कोबरा ' की आंखें धोखा खा सकती हैं—हमने रेल की पटरी पर यकीनन उसी लाश को रखा था , जो हमें 'शाही कोबरा ' ने सौंपी—हमें हुक्म दिया गया था कि लाश को पटरी पर इस तरह रखें कि ट्रेन के गुजरने के बाद उसका चेहरा न पहचाना जा सके—हमने अक्षरश: उनके हुक्म का पालन किया था।"
"इस मामले से 'शाही कोबरा ' भी बहुत चकित और चिन्तित हैं—वे उसे दो दिन से ज्यादा जीवित देखना नहीं चाहते।"
"वह दूसरे दिन भी जीवित नहीं मिलेगा।"
"गुड।" मंच की तरफ से आवाज उभरी— “ तुम जा सकते हो।"
विशेष ढंग से अभिवादन करने के बाद वे दोनों कदम-से-कदम मिलाते हॉल से बाहर चले गए और तब बॉस ने पुकारा—रूपेश!"
“यस बॉंस।" रूपेश पंक्ति से दो कदम आगे निकल आया।
"तुम्हारी जमानत सेठ न्यादर अली ने ली थी न ?”
“यस बॉस।"
"कमाल की बात है—भला उसने तुम्हारी जमानत क्यों ली थी ?"
"कचहरी में अपने वकील और इंस्पेक्टर आंग्रे के सामने तो उसने खुद को एक महान और आदर्श व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया—उसने मेरी जमानत क्यों ली थी , इसका रहस्य तो मुझे तब पता लगा, जब वह मुझे अपने बंगले पर ले गया।"
"वहां क्या किया उसने ?"
"उस सारे सिलसिले से सम्बन्धित वह मुझसे कोई ऐसी बात जानना चाहता था , जो मैंने पुलिस को न बताई हो।"
“ओह , इसका मतलब यह कि न्यादर अली एक नम्बर का धूर्त है—फिर , तुमने उसे कुछ बताया तो नहीं ?"
"सवाल ही नहीं उठता, बॉस—मीठी-मीठी बातें बनाकर वह मुझे अपने बंगले ही में कैद रखना चाहता था , मगर मौका मिलते ही मैं वहां से भाग आया।"
"गुड।"
"मैं बहुत शर्मिन्दा हूं, बॉस , 'शाही कोबरा ' से मेरी तरफ से माफी मांग लीजिएगा—मैं पूरी तरह से उनके हुक्म पर अमल नहीं कर सका।"
" 'शाही कोबरा ' को सब मालूम है—वे जानते हैं कि इस स्कीम को कामयाब बनाने के लिए तुमने अपनी पत्नि खो दी , अपनी खूबसूरत शक्ल खो दी , मगर फिर भी पुलिस को यह नहीं बताया कि यह सब कुछ तुम 'शाही कोबरा ' के लिए कर रहे थे—सारा जुर्म तुमने अपने ही ऊपर ले लिया है—तुम्हारी इस कुर्बानी का इनाम 'शाही कोबरा ' जरूर देंगे।"
"थ......थैंक्यू, बॉस। ”
"अब तुम क्या चाहते हो ?"
एकाएक ही रूपेश का डरावना चेहरा विकृत हो गया। बड़ी ही हिंसक गुर्राहट निकली उसके मुंह से— "म......मैँ याददाश्त भूले उस हरामजादे युवक से अपनी माला के खून और मुझे इस हालत तक पहुंचाने का बदला लेना चाहता हूं।"
मंच से बॉस ने कहा— “मिलेगा रूपेश , तुम्हें पूरा मौका दिया जाएगा।"
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