Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
10-23-2020, 12:54 PM,
#21
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
किताब के कवर पर मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा था—‘रोमियो-जूलियट!’
पढ़कर विजय विचित्र ढंग से मुस्करा उठा!
शीघ्र ही उसे किताब के अन्दर से वह फोटो भी मिल गया जिससे उसने रात अलफांसे को बात करते देखा था, फोटो इर्विन का ही था— इसके बाद उसने पूरी सावधानी के साथ सारे कमरे की तलाशी ली—शेरो-शायरी की कई किताबें उसने देखीं।
कहने का मतलब यह कि वह कमरा किसी दीवाने प्रेमी का-सा ही था।
तलाशी उसने बहुत सावधानी से ली थी, क्योंकि जानता था कि हल्की-सी गड़बड़ से ही अलफांसे ताड़ जाएगा कि उसके बाद इस कमरे में कोई आया था— प्रत्येक वस्तु को वह वापस ठीक उसी ढंग से रखता था जिस ढंग में पहले रखी होती थी।
तीस मिनट की लगातार मेहनत के बावजूद उसे कहीं भी कोई ऐसी वस्तु नहीं मिल सकी, जिससे यह प्रतीत होता कि अलफांसे इश्क का नाटक करके किसी तरह की स्कीम पर काम कर रहा है।
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“वह आ गया!” विजय को दूर से देखते ही पनवाड़ी की दुकान के बाहर पड़ी पर बैंच पर बैठा हैम्ब्रीग कहता हुआ खड़ा हो गया, उसके साथ ही वे चार-पांच गुण्डे भी खड़े हो गए थे, जो बैंच पर बैठे थे। ये वे गुण्डे नहीं थे जो कि विजय के हाथ से पिटे थे, बल्कि दूसरे ही थे।
अपनी लम्बी-लम्बी बांहों को झुलाता हुआ विजय, लापरवाही से भरी चाल से पैदल ही चला आ रहा था, उसके चेहरे पर किसी परले दर्जे के खतरनाक गुण्डे जैसे भाव थे—जिस्म पर वही जीन, चमड़े की जैकेट और लाल स्कार्फ।
हैम्ब्रीग के चेहरे पर जहां उसे देखकर हल्की-सी सफेदी उभर आई थी, वहीं उसके साथी अजीब दृष्टि से इसी तरफ आते हुए विजय को देख रहे थे।
विजय उनके समीप पहुंचा, परन्तु रुका नहीं बल्कि बीच में से गुजरता हुआ पनवाड़ी की दुकान पर पहुंच गया। आज पनवाड़ी ने उसके पहुंचने से पहले ही सिगरेट व माचिस काउण्टर पर रख दी।
विजय ने कल की तरह टसन में सिगरेट जलाई, परन्तु आज वह सिगरेट का पेमेंट किए बिना ही घूम गया तथा अपनी तरफ देख रहे हैम्ब्रीग और उसके साथियों की तरफ बढ़ा। पनवाड़ी ने पेमेंट के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।
विजय ने हैम्ब्रीग के नजदीक जाकर पूछा—“कहां है बोगान?”
“बोगान दादा से तुम्हें ये मिला सकते हैं!” हैम्ब्रीग ने उनमें से सबसे लम्बे गुण्डे की तरफ इशारा किया।
विजय उसकी तरफ घूमा, उससे आंखें मिलाकर बोला—“तुम ही मिला दो!”
“क्या नाम है तुम्हारा?” लम्बे गुण्डे ने पूछा।
विजय की आंखों में सख्त भाव उभर आए, बोला—“मुझे हैमेस्टेड कहते हैं!”
“दादा से क्यों मिलना चाहते हो?”
“यह मैं सिर्फ उसी को बताऊंगा।”
“मैं उनका दायां हाथ हूं!”
“मैं किसी दाएं-बाएं हाथ से बात नहीं किया करता!”
“उनसे मिलने से पहले इच्छुक व्यक्ति को मुझे कारण बताना ही होता है!”
“अगर न बताए तो?”
“नहीं मिल सकता!”
“उसकी मर्जी!” कहने के साथ ही विजय ने लापरवाही के साथ कन्धे उचकाए और आगे बढ़ गया, दो या तीन कदम चलने के बाद स्वयं ही ठिठका और बोला—“उससे कहना कि मुझसे मिलकर उसे कम-से-कम पांच हजार पाउण्ड का फायदा होने वाला था!”
“अच्छा रुको!” लम्बे गुण्डे ने उसके आगे बढ़ने से पहले ही कहा—
“मेरे पीछे आओ!”
विजय के होंठों पर मुस्कान दौड़ गई, वह काफी पहले जानता था कि यही होने वाला है—लम्बे गुण्डे के नेतृत्व में वह दल एक तरफ को बढ़ गया, हैम्ब्रीग भी उनके साथ ही था।
सिगरेट में कश लगाता हुआ विजय उनके पीछे हो लिया।
कई संकरी गलियों में से गुजारने के बाद वे उसे एक मकान में ले गए—मकान तिमंजिला और काफी पुराने जमाने का मालूम पड़ता था, मुख्य द्वार काफी भारी किवाड़ों का बना हुआ था।
सीढ़ियां चढ़कर वे दुमंजिले पर पहुंचे।
एक कमरे में दाखिल होते ही विजय की नजर उस गोरे-चिट्टे, लम्बे, बलिष्ठ और कद्दावर व्यक्ति पर पड़ी जो कमरे के बोचोबीच एक मेज के पीछे कुर्सी पर बैठा था। मेज पर एक बोतल रखी थी जिसमें अब केवल एक पाव शराब बाकी बची थी।
विजय ने अनुमान लगाया कि वही बोगान है—उसका चेहरा बहुत चौड़ा था, आंखें भिंची हुई-सी किन्तु लाल-सुर्ख, घनी काली—कटारीदार मूंछें थीं उसकी!
विजय को देखते ही उसने बोतल मुंह से लगाई और फिर जब हटाई तो बिल्कुल खाली हो चुकी थी, खाली बोतल को मेज पर पटकने के साथ ही उसने लम्बे गुण्डे को कुछ इशारा किया।
बाहरी रूप से इस वक्त विजय भले ही लापरवाह नजर आ रहा हो, किन्तु असल में वह पूरी तरह सतर्क था, दोनों कलाइयों को उसने कुछ ऐसे अन्दाज में झटका जैसे स्वयं को बोगान और उसके साथियों से निपटने के लिए तैयार कर रहा हो! बोगान का इशारा होते ही लम्बे गुण्डे ने कमरे का दरवाजा बन्द कर लिया।
हैम्ब्रीग सहित सारे गुण्डे विजय के चारों तरफ बिखर गए।
कुर्सी से उठते बोगान ने पूछा—“तो तुम्हारा नाम हैमेस्टेड है?”
“तुम्हें कोई शक है?”
विजय का यह अक्खड़ जवाब सुनकर बोगान का चेहरा एकदम कठोर हो गया, बहुत ही खूंखार दृष्टि से उसने विजय को घूरा और बोला—“क्यों मिलना चाहते थे?”
“यह मैं केवल बोगान को ही बताऊंगा!”
“मैं ही बोगान हूं बोला!”
“त...तुम?” विजय उसकी खिल्ली उड़ाने वाले भाव से हंसकर बोला—“क्या तुम मुझे इतना मूर्ख समझते हो कि तुम्हारे कहने पर मैं यकीन कर लूंगा?”
“क्या मतलब?”
“मैं तुम जैसे चमचों से बात नहीं करता, अगर मिला सकते हो तो मुझे बोगान से मिलाओ!”
“बको मत!” बोगान दहाड़ उठा—“मेरा ही नाम बोगान है!”
“मैं जानता हूं कि तुम बोगान नहीं हो!”
बोगान कसमसा उठा, दांत पीसे उसने—मुट्ठियां कुछ इस कदर कस गईं जैसे अपने गुस्से को दबाने की भरपूर कोशिश कर रहा हो, बोला—“तुम कैसे कह सकते हो कि मैं बोगान नहीं हूँ!”
“बोगान को मैं अच्छी तरह जानता हूं!”
“कहां मिले थे बोगान से?”
“फ्रांस में, आज से चार साल पहले—मिले नहीं थे, बल्कि साथ-साथ रहे थे, अपनी और बोगान की दांत काटी रोटी रही है, खाना मैं खाता था तो पानी बोगान पीता था और अगर खाना बोगान खाता था तो पानी मैं पीता था!”
“म...मैं कभी फ्रांस नहीं गया—और न ही तुम्हें जानता हूं!”
“तभी तो कहता हूं कि तुम बोगान नहीं हो।”
“बोगान मैं ही हूं बेवकूफ!” इस बार गुस्से की अधिकता के कारण बोगान दहाड़ उठा।
विजय ने बड़े आराम से कहा—“तुम्हारे चीखने से मैं तुम्हें बोगान नहीं मान लूंगा!”
“त...तुम—हरामजादे—हमसे जुबान लड़ाते हो।” बोगान अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाया और दहाड़ उठा—“मुझे यह कोई पुलिस का कुत्ता लगता है, यहीं खत्म कर दे इसे!”
आदेश होते ही गुण्डे चारों तरफ से उस पर झपट पड़े—मगर विजय जानता था कि जो वह कर रहा है, उसका अन्त यही होगा और इसीलिए वह स्वयं को इस बन्द कमरे में उनसे टकराने के लिए तैयार कर चुका था।
इधर वे सब विजय पर झपटे और विजय उनसे क्षण-भर पहले ही बोगान पर!
बोगान ने शायद ऐसी कल्पना ख्वाब मैं भी नहीं की थी, इसीलिए वह एक डकार जैसी लम्बी चीख के साथ लड़खड़ाकर मेज से उलझा और धड़ाम् से कमरे के फर्श पर जा गिरा—बोगान की नाक से खून का फव्वारा–सा फूट पड़ा था, क्योंकि पहले वार के रूप में विजय ने अपने सिर की टक्कर उसकी नाक पर ही मारी थी।
क्लिक-क्लिक की आवाज के साथ कई गुण्डों ने चाकू खोल लिए। बिजली की-सी फुर्ती से विजय उनकी तरफ घूमा और इस घूमने के बीच ही वह जीन की पेटी के स्थान पर बंधी मोटर साइकिल की चेन खोलकर हाथ में ले चुका था।
लम्बी चेन का एक सिरा उसके हाथ में था और दूसरा हवा में झूल रहा था, उसके हाथ में चेन देखकर एक पल के लिए सभी ठिठके, जबकि विजय अपने चारों तरफ देख सकता था।
जैसे उसके जिस्म का हर हिस्सा एक आंख हो।
पीछे से बोगान ने जैसे ही उस पर झपटना चाहा, विजय ने घूमकर उसके जिस्म पर चेन का वार किया, चेन ने एक लम्बी रक्तरेखा उसके जिस्म पर बना दी और वह चीखकर पुनः उलट गया। उसके बाद वह कमरा जैसे जबरदस्त रणस्थल बन गया।
गुण्डे रह-रहकर हाथ में चाकू लिए उस पर झपट रहे थे, जबकि बिजली की-सी गति से खुद को बचाता हुआ विजय चेन से उन पर वार कर रहा था, रह-रहकर बोगान भी उसकी चेन के दायरे में आ जाता।
यह युद्ध पन्द्रह मिनट चला और इन पन्द्रह मिनटों में चेन की मार से विजय उन सभी को बुरी तरह जख्मी कर चुका था, ये बात दुसरी है कि इस बीच एक गुण्डे के वार पर, उछटता हुआ हल्का-सा चाकू उसकी बांह पर भी लगा था और वहां से खून बह रहा था।
विजय तभी रुका जब उसने देख लिया कि बोगान सहित अब उनमें से किसी में भी लड़ने की ताकत नहीं रही है, चेन उसने वापस अपने पेट पर बांधी—बोगान की कमीज फाड़कर एक पट्टी बनाई तथा दांतों की सहायता से अपने जख्म पर पट्टी बांधने लगा!
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10-23-2020, 12:54 PM,
#22
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“मुझे मिस्टर जेम्स बाण्ड से मिलना है!”
बाण्ड की कोठी के बाहर खड़े चौकीदार ने नम्र स्वर में पूछा—
“आप कौन हैं?”
“यह कार्ड उन्हें पहुंचा दो!” विजय ने कोट की जेब से एक कार्ड निकालकर उसे पकड़ा दिया, कार्ड को पढ़ने के बाद चौकीदार बोला—
“मेरे साथ आइए!”
विजय उसके पीछे ही कोठी की सीमा में दाखिल हो गया, सुबह का वक्त था—यानी उस दिन से अगले दिन की सुबह जिस दिन वह उस मकान के बन्द कमरे में बोगान और उसके साथियों से टकराया था—इस वक्त वह जेम्स ऐलिन के नहीं, बल्कि एक नितान्त नए और इण्डियन व्यक्ति के मेकअप में था, इस मेकअप में वह ‘इण्डिया टुडे’ का रिपोर्टर बसन्त स्वामी था।
यह रूप उसने विशेष रूप से जेम्स बाण्ड से मिलने के लिए ही चुना था।
चौकीदार उसे खूबसूरती से सजे एक भव्य ड्राइंगरूम में बैठाकर चला गया। करीब पांच मिनट बाद कमरे में जिसने प्रवेश किया वह विश्वप्रसिद्ध जासूस जेम्स बाण्ड था!
ब्रिटिश सीक्रेट सर्विस का कोहेनूर!
वह कामदेव-सा सुन्दर, बहुत ही गोरा-चिट्टा, हृष्ट-पुष्ट और आकर्षक युवक था—उसकी नीली आंखों में ब्लेड की धार जैसा पैनापन था, कमरे में प्रविष्ट होते ही उसके पतले-पतले गुलाबी होंठों पर बड़ी ही आकर्षक मुस्कराहट उभरी!
विजय सोफे से खड़ा हो गया।
“हैलो!” समीप पहुंचकर बाण्ड ने हाथ बढ़ा दिया।
विजय ने हाथ मिलाते हुए कहा—“हैलो!”
“बैठिए!” कहने के साथ ही बाण्ड स्वयं उसके सामने वाले सोफे पर बैठ गया, बैठता हुआ बोला—“मैं इण्डिया टुडे से आया हूं, बसन्त स्वामी!”
“कार्ड मैं देख चुका हूं, क्या आप अपने कष्ट का उद्देश्य बात सकते हैं?”
“मैं किसी विशेष विषय पर आपका इण्टरव्यू लेना चाहता हूं?”
“किस विषय पर?”
“मिस्टर अलफांसे और इर्विन की शादी पर!”
यह वाक्य सुनकर जेम्स बाण्ड का चेहरा एकाएक ही गम्भीर हो गया, अपनी धारदार पैनी आंखों से उसने बहुत ही ध्यान से विजय को देखा और फिर उन आंखों में अजीब-सी सख्ती उभरती चली गई—उसे लगा था कि बाण्ड उसके चेहरे पर मौजूद बसन्त स्वामी के मेकअप के पीछे छुपे चेहरे को देख रहा है!
फिर भी उसने संभलकर कहा—“आप मुझे इस तरह क्यों देखने लगे हैं मिस्टर बाण्ड?”
“इस शादी के बारे में आप मुझसे क्या जानना चाहते हैं?”
“यही कि अलफांसे एक अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम था, दुनिया के हर राष्ट्र के साथ ब्रिटेन भी हर क्षण उसे गिरफ्तार करके जेल में डालने की फिराक में रहता था, फिर भी ब्रिटेन ने उसे अपनी नागरिकता...।”
“ये सवाल तो आपको ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री अथवा किसी अन्य पॉलिटिकल लीडर से पूछने चाहिए!” विजय की बात बीच में ही काटकर बाण्ड ने सख्त स्वर में कहा था।
उसके इस व्यवहार पर हालांकि यह सोचकर विजय अन्दर-ही-अन्दर कांप गया कि शायद बाण्ड की पैनी निगाहों ने उसे पहचान लिया है, परन्तु प्रत्यक्ष में अपने होंठों पर मोहक मुस्कान बिखेरता हुआ बोला—“आप ठीक रह रहे हैं, लेकिन...!”
“लेकिन?”
“विशेष रूप से मैं आप ही का इण्टरव्यू लेने इसीलिए आया हूं, क्योंकि आप मिस्टर अलफांसे के काफी नजदीक रहे हैं, बहुत से केसों मैं उससे टकराए हैं—कई में साथ मिलकर काम भी किया है, और अलफांसे के इतने नजदीक रहने का अवसर शायद किसी दूसरे ब्रिटेनी को नहीं मिला है।”
“आपकी बात ठीक है, लेकिन इस घटना से भला अलफांसे का कैरेक्टर कहां जुड़ता है?”
“अगर आप गौर से देखें तो सारा झगड़ा ही उसके कैरेक्टर का है, क्या यह सच है कि अलफांसे कभी किसी लड़की में रत्ती बराबर भी दिलचस्पी नहीं लेता था?”
“हां, यह सच है।”
“तो फिर आपके ख्याल से अचानक ही अलफांसे में इतना बड़ा चेंज कैसे आ गया, वह इर्विन का इतना दीवाना कैसे हो गया?”
बाण्ड ने हल्की-सी मुस्कान के साथ कहा—“मैं केवल इतना ही कहूंगा कि लड़की चीज ही ऐसी है, बड़े-बड़े तपस्वी बुढ़ापे में जाकर अपनी तपस्या भंग कर बैठते हैं!”
“क्या आप यह सुनकर चौंके नहीं थे कि अलफांसे इर्विन से शादी कर रहा है—और इसके लिए वह न केवल ब्रिटेन की नागरिकता स्वीकार कर रहा है, बल्कि अपनी पिछली जिन्दगी भी छोड़ रहा है?”
“नहीं!”
“क्यों, मेरा मतलब अलफांसे का कैरेक्टर जानते हुए भी?”
“जवाब फिर वही है—जो कोई नहीं कर सकता वह खूबसूरत लड़की कर सकती है!”
“जब अलफांसे ने ब्रिटेन की नागरिकता के लिए आवेदन दिया तब सरकार ने ब्रिटिश गुप्तचर संगठनों से अलफांसे के बारे में राय और उसे नागरिकता देने के प्रश्न पर भी राय जरूर मांगी होगी, सबसे महत्वपूर्ण सीक्रेट सर्विस की राय रही होगी और मिस्टर एम ने सरकार को जो राय दी होगी, उसमें आपकी राय भी होगी, क्या पाठक जान सकते हैं कि इस बारे में आपने क्या राय दी थी?”
एक पल कुछ सोचने के बाद बाण्ड बोला—“मैंने राय दी कि अलफांसे को नागरिकता दे देनी चाहिए!”
“यह राय आपने किस आधार पर दी थी?”
“क्योंकि मैंने ऐसा करने मैं कोई बुराई नहीं समझी!”
“आपने एक अपराधी को अपने देश का नागरिक बना लेने की राय देने में कोई बुराई ही नहीं समझी?”
“जी नहीं!” जेम्स बाण्ड ने मुस्कराकर दृढ़ता के साथ कहा—“बल्कि मैं तो ये कहूंगा कि ऐसी राय देकर मैंने न केवल अपने देश का, बल्कि सारे संसार का कुछ भला ही किया है!”
“वह कैसे?” बाण्ड के जवाब विजय को सचमुच चौंका रहे थे।
“सारी दुनिया के साथ-साथ मैं भी मानता हूं कि इर्विन से प्यार होने से पहले अलफांसे मुजरिम था, ऐसा मुजरिम जिसकी तलाश सारी दुनिया की पुलिस को रहती थी, मगर वह फिर भी किसी के हाथों अपनी इच्छा के विरुद्ध गिरफ्तार नहीं हुआ, सारी दुनिया की पुलिस को उंगलियों पर नचाया करता था वह, इसके बावजूद भी कभी कोई उसके खिलाफ किसी संगीन जुर्म का ठोस सबूत प्राप्त नहीं कर सका और जब कभी उसे दुनिया की किसी जेल में डाल भी दिया गया तो वह अपनी मर्जी से वहां से भाग निकला—यह सिलसिला तभी से चला आ रहा है जब वह केवल सत्रह साल का था—कहने का मतलब ये कि अलफांसे भविष्य में भी दुनिया के हाथ आने वाला नहीं था और इस सच्चाई के परिप्रेक्ष्य में मैंने अपनी राय देकर संसार का भला ही किया है—इर्विन ने आजाद शेर को कब्जे में कर लिया और ब्रिटेन ने एक अन्तर्राष्ट्रीय मुजरिम से दुनिया को हमेशा के लिए निजात दिला दी।”
“क्या उसे नागरिकता देने से संसार में ब्रिटेन की बदनामी नहीं हुई है?”
“जो ऐसा सोचेंगे, वे खिसियानी बिल्ली की तरह खम्बा ही नोंचेंगे, इसलिए क्योंकि अलफांसे ने उनके देश की नागरिकता स्वीकार नहीं की है। अलफांसे के पिछले जीवन में दुनिया के लगभग हर देश ने अपनी नागरिकता स्वीकर कर लेने की पेशकश की, परन्तु उसने कभी स्वीकार नहीं की, अलफांसे के पास इसके सबूत भी हैं और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यदि अलफांसे ने यह आवेदन भारतीय सरकार के सामने भी रखा होता तो उसे भारतीय नागरिकता मिल जाती!”
“अलफांसे को अपना नागरिक बनाने के लिए सभी राष्ट्र इतने बेचैन क्यों थे?”
“उसकी प्रतिभाओं के कारण, हमें गर्व है कि अब वह ब्रिटेनी है।”
“यानी आप यह मानते हैं कि अलफांसे इर्विन से शादी के प्रति पूरी तरह गम्भीर है, ब्रिटेन की नागरिकता उसने बिल्कुल सच्चे दिल से स्वीकार की है और अब वह वाकई कोई अपराध नहीं करेगा।”
“बेशक, किसी तरह का शक करने की गुंजाइश ही कहां है?”
“अगर मैं ये कहूं कि यह सब अलफांसे का नाटक है, कोई बहुत बड़ी साजिश रच रहा है वह—सब उसने किसी बड़े आपराधिक मकसद से किया है तो?”
“अगर आप बिना किसी ठोस सबूत के ऐसा एक भी लफ्ज कहेंगे तो न केवल मैं बल्कि कोई भी ब्रिटेनी आपसे बात करना पसन्द नहीं करेगा, क्योंकि अलफांसे अब ब्रिटिश नागरिक है—नागरिक भी ऐसा जिस पर हम सबको गर्व है!”
“यदि मेरी धारणा आने वाले कल में सही निकली तो?”
“हम ऐसा नहीं समझते, अगर ऐसा हुआ तो वह हम खुद देखेंगे कि हमें क्या करना है—वैसे आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है!”
“सारांश ये कि आपको अलफांसे पर पूरा भरोसा है?”
“क्योकि शक की कोई गुंजाइश नहीं है।” बाण्ड मुस्कराया।
“थैंक्यू मिस्टर बाण्ड।” विजय ने वह नोट-बुक बन्द करते हुए कहा जिस पर अब तक वो शॉर्टहैण्ड में अपने सवाल और बाण्ड के जवाब लिख रहा था।
बाण्ड कुछ बोला नहीं, केवल मुस्कराकर रह गया।
हाथ मिलाने के बाद विजय जेम्स बाण्ड की कोठी से बाहर निकल आया—कुछ ही देर बाद टैक्सी की पिछली सीट पर बैठा वह बाण्ड के जवाबों पर गौर कर रहा था—उसे लगने लगा कि बाण्ड से मिलने से पहले वह ब्रिटेन में अलफांसे की स्थिति से भलीभांति परिचित नहीं था।
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10-23-2020, 12:54 PM,
#23
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
आज इर्विन को नहीं आना था इसलिए अलफांसे अलसाया-सा बेड पर ही पड़ा था, बेड ही पर उसने ब्रेकफास्ट भी ले लिया था—उसने इर्विन से कहा था कि कम-से-कम एक बार वह फोन पर उससे बात जरूर कर ले, उसे इर्विन के फोन का इंतजार था और इसलिए उसने वेटर से फोन बेड की साइड ड्राअर पर ही रखवा लिया था।
अचानक ही फोन की घण्टी बजी और मुस्कराते हुए अलफांसे ने रिसीवर उठा लिया, बोला—“हैलो!”
“आपसे फोन पर कोई बात करना चाहता है मिस्टर अलफांसे!”
यह आवाज रिसेप्शनिस्ट की थी।
अलफांसे ने व्यग्रतापूर्वक कहा—“जल्दी से बात कराइए!”
दूसरी तरफ खामोशी छा गई और लाइन मिलते ही अलफांसे बोल—“यस, अलफांसे हीयर!”
“मैं बोगान बोल रहा हूं मास्टर।”
अलफांसे उछल पड़ा, मुंह से निकला—“बोगान!”
“हां मास्टर, मैं विशेष परिस्थितियों में मजबूर होकर यह फोन कर रहा हूं—ऐसा लगता है कि ब्रिटेन की पुलिस को हम पर शक हो गया है, शायद उन्हें हमारी स्कीम की भनक लग गई है!”
“क्या बक रहे हो?” अलफांसे दहाड़ उठा।
“मैं ठीक कह रहा हूं मास्टर, दरअसल कल हैमस्टेड के नाम से कोई सरकारी कुत्ता मुझसे मिला था, उसने मुझे और मेरे साथियों को बहुत बुरी तरह मारा—कह रहा था कि तुम ब्रिटेन की सरकार को बेवकूफ मत समझो, अलफांसे शादी की आड़ में क्या खिचड़ी पका रहा है....ब्रिटेन सब जानता है!”
“तुम अपनी ये बकवास बन्द करते हो या नहीं?” अलफांसे दहाड़ा।
“कुछ कीजिए मास्टर, मैं तो कहता हूं कि ब्रिटेन से भाग निकलिए—अब यहां आप अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकेंगे, पुलिस किसी भी क्षण आप तक पहुंच सकती है!”
“तुम शायद जिन्दा रहना नहीं चाहते?” अलफांसे गुर्राया!
“ऐसा मत कहिए मास्टर, मैं तो आपका सेवक हूं!”
“मैं वहीं आ रहा हूं बोगान, तुम्हारे अड्डे पर—तुम्हें जिन्दा छोड़कर शायद मैंने भूल की थी—जो चाल तुम चल रहे हो, उसमें बच्चे फंस सकते हैं, अलफांसे नहीं!” धधकते-से स्वर में यह सब कुछ कहकर अलफांसे ने रिसीवर क्रेडिल पर पटक दिया, फिर अत्यधिक गुस्से में दांत भींचकर गुर्राया—“हरामजादा-कुत्ता—इस सांप का फन मैंने उसी समय न कुचलकर शायद भूल की थी!”
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“जमाने धत् तेरी की!” कहता हुआ विजय पब्लिक टेलीफोन बूथ से बाहर निकला और वहीं, फुटपाथ पर खड़ी अपनी किराए की टैक्सी में समा गया टैक्सी को तेजी से ड्राइव करता हुआ वह बीस मिनट में एलिजाबेथ पहुंच गया।
टैक्सी पार्किंग में खड़ी की।
इस वक्त वह जेम्स ऐलिन के भेष में था।
अपने कमरे की तरफ जाते हुए उसने कनखियों से अलफांसे के कमरे की तरफ देखा, दरवाजा बन्द था, किन्तु लॉक नहीं लगा था, मतलब यह कि अलफांसे कमरे के अन्दर ही है!
वह अपने कमरे के सामने पहुंचा, जेब से चाबी निकालकर लॉक खोला और ये हकीकत है कि दरवाजा खोलते ही उसके दिमाग की सारी नसें बुरी तरह झनझना उठीं। वह एकदम इस, तरह उछल पड़ा जैसे बिच्छू ने डंक मार दिया हो!
कमरे के अन्दर सामने ही बैठा अलफांसे आरामकुर्सी पर झूल रहा था, होंठों पर वही चिर-परिचित मुस्कान लिए, जिसे अलफांसे की मुस्कान कहा जाता है!
एक शब्द तक विजय के मुंह से नहीं फूटा, दरवाजे के बीचोबीच अभी वह हक्का-बक्का-सा ही खड़ा था कि पीठ पर किसी ने पूरी ताकत से ठोकर मारी!
मुंह से एक चीख निकल गई और इस चीख के साथ ही वह मुंह के बल कमरे के अन्दर फर्श पर आ गिरा, संयोग से उसका सिर अलफांसे के जूतों से टकराया था।
कमरे का दरवाजा बन्द होने की आवाज के साथ ही विजय उछलकर खड़ा हो गया, घूमा और दरवाजा बन्द करने वाले की शक्ल देखते ही क्षणमात्र में सारी कहानी समझ गया।
वह हैम्ब्रीग था। तेजी से अलफांसे की तरफ पलटकर उसने कहा—“ये सब क्या गुण्डागर्दी है, आप लोग कौन हैं?”
“ओह!” अलफांसे की मुस्कराहट गहरी हो गई—“तो अभी भी तुम यही सोच रहे हो कि मैंने तुम्हें पहचाना नहीं है, पिछली मुलाकात तक तुम इतने मूर्ख तो नहीं थे विजय!”
“इतने मूर्ख तो तुम भी नहीं थे लूमड़!” अब विजय अपने सदाबहार अन्दाज में बोला—“लगता है कि इर्विन नाम की हसीना ने तुम्हें काठ का उल्लू बना दिया है!”
“मैं तुम्हारी बात का बुरा नहीं मानूंगा!”
“बुरा मानने वाले को हमें ठेंगे पे रखते हैं प्यारे!” अपने मुंह से बह रहे खुन को हथेली से पोंछता हुआ विजय आगे बढ़ा, सोफे की एक कुर्सी अलफांसे के समीप खींची और धम्म से उस पर बैठता हुआ बोला—“मिड स्ट्रीट पर हमने तुम्हें जितना मारा था हैम्ब्रीग प्यारे, उस सबका हिसाब तुमने इस एक ही ठोकर में पूरा कर दिया है!”
हैम्ब्रीग ने कुछ कहा नहीं, सिर्फ अलफांसे की तरफ देखा!
“कुछ ही देर पहले फोन पर चली गई तुम्हारी चाल वाकई लाजवाब थी विजय!” अलफांसे ने कहा—“इसमें शक नहीं कि कुछ देर तक मैं सचमुच ये समझता रहा कि वह फोन बोगान ने ही किया है।”
“मगर तुम फंसे तो नहीं लूमड़?”
“अगर सही वक्त पर हैम्ब्रीग नहीं आ जाता तो फंस ही गया था।”
“मतलब?”
“यह तो तुम समझ ही गए होगे कि हैम्ब्रीग डिम स्ट्रीट के इलाके में मेरा शागिर्द है!”
“वह तो इसकी यहां मौजूदगी से ही जाहिर है!”
“मैंने इसे बोगान में गुर्गों से सम्बन्ध बनाए रखने के लिए कहा था, ताकि यदि बोगान मेरे बारे में कुछ सोचे तो वह मुझे समय रहते पता लग जाए, इसने मुझे परसों ही बता दिया था कि हेमेस्टेड नाम का एक आदमी बोगान से मिलना चाहता है!”
“ओह!”
“उस वक्त मेरी कल्पना में भी यह बात नहीं उभरी थी कि वह तुम हो सकते हो, परन्तु हैम्ब्रीग को मैंने निर्देश दिया था कि बोगान के चमचों से सम्बन्ध स्थापित करके यह हैमेस्टेड को बोगान से मिला दे, मकसद हैमेस्टेड के बारे में जानने के अलावा यह जानना भी था कि वह बोगान को पांच हजार पाउण्ड का फायदा किस प्रकार करा सकता है?”
विजय बोला कुछ नहीं, केवल सुनता रहा!
अलफांसे ने आगे बताया—“इसके बाद जो कुछ तुमने कल शाम वहां किया, उसकी रिपोर्ट भी हैम्ब्रीग ने तत्काल मेरे पास पहुंचा दी थी। रिपोर्ट सुनकर मैं चकित रहा गया—बड़ी अजीब बात थी कि हैमेस्टेड ने बोगान से कोई बात नहीं की, बल्कि अच्छे-भले बोगान को बोगान न मानकर उससे भिड़ गया और मारपीट के बाद भी कोई विशेष कार्यवाही किए बिना गुम हो गया—इस रिपोर्ट के बाद मुझे हैमेस्टेड बहुत ही रहस्यमय व्यक्ति महसूस होने लगा, क्योंकि उसका बोगान से मिलने और मारपीट करने का कोई उद्देश्य नजर नहीं आता था, उस वक्त भी मेरा ख्याल तुम्हारी तरफ बिल्कुल नहीं गया, शायद इसलिए कि तुम्हारे लंदन में होने की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता था, मैंने हैमेस्टेड को खोज निकालने का काम भी हैम्ब्रीग को ही सौंपा।”
विजय लापरवाही से दांत कुरेदने लगा!
“मुश्किल से तीस मिनट पहले मुझे बोगान का फोन मिला—सचमुच मैं उसे बोगान का ही फोन समझा था, सोचा था कि वह रिसेप्शनिस्ट के दिमाग में यह बात डालना चाहता है कि मैं इर्वि से सच्चे दिल से शादी नहीं कर रहा हूं, बल्कि बोगान के साथ मिलकर कोई साजिश कर रहा हूं, बोगान की इस हरकत का मजा चखाने के लिए मैं तैयार होकर कमरे से निकलने ही वाला था कि हैम्ब्रीग आ पहुंचा, इसने बताया कि हैमेस्टेड इसकी भरपूर कोशिश के बाद भी नहीं मिला है—मैंने इससे हैमेस्टेड का हुलिया पूछा और हुलिया सुनते ही मुझे चौंक जाना पड़ा, यह हुलिया तुम्हारा यानी जेम्स ऐलिन का था और तब मुझे याद आया कि इस हुलिए के व्यक्ति को मैंने कल दिन में कई बार अपने और इर्वि के इर्द-गिर्द मंडराते देखा था—बिजली की तरह मेरे दिमाग में यह विचार कौंध गया कि हैमेस्टेड जो भी कोई है, मेरे ही बारे में टोह ले रहा है—यह पहला क्षण था जब मुझे यह ख्याल आया कि हैमेस्टेड तुम हो सकते हो, भारत से मुझे मिलने वाली रिपोर्ट गलत भी हो सकती है और फिर मेरे दिमाग में हैमेस्टेड का निरुद्देश्य ही बोगान तथा उसके साथियों के साथ मारपीट करना भी कौंध गया, ऐसी अटपटी हरकत केवल तुम्हीं कर सकते हो—मैं ये भी जानता हूं कि एक नजर देखने पर तुम्हारी हरकत अटपटी भले ही लगे, परन्तु निरुद्देश्य हरगिज नहीं होती और ऐसा सोचते ही मुझे बोगान के फोन का स्मरण हो आया तथा एक ही पल में मैं समझ गया कि बोगान से तुम उसके हाव-भाव और आवाज देखने-सुनने में फोन के लिए मिले थे, उसी का लाभ तुमने मुझे बोगान की आवाज में फोन करके उठाना चाहा!”
“पहली बार देख रहा हूं लूमड़ प्यारे कि साला इश्क भी बुद्धि को ब्लेड की धार बना देता है!”
मुस्कान के साथ अलफांसे ने कहा—“तब मेरी समझ में आया कि बोगान की आवाज में बातें करके तुम्हारा उद्देश्य यह जानना था कि कहीं मैं बोगान के साथ मिलकर कोई षड्यंत्र तो नहीं रचा रहा हूं, यदि ऐसा होता तो मैं फोन पर बोगान से सारी बात उसी ढंग से पूछता जैसे किसी भी घटना के बारे में अपने आदमी से रिपोर्ट ली जाती है। बोलो, तुम्हारा यही मकसद था न?”
“बिल्कुल यही था लूमड़ भाई!”
“इतना सब कुछ पता लगाने के बाद सारा मामला खुली किताब की तरह मेरे सामने था।” अलफांसे ने अपनी बात जारी रखी—“मैं समझ गया कि तुमने शादी की सूचना को संदिग्ध निगाहों से देखा है, विश्वास नहीं किया है कि मैं सचमुच शादी कर रहा हूं, बात सही भी है—मेरे पिछले कैरेक्टर को देखते हुए तुम्हें इतनी आसानी से विश्वास करना भी नहीं चाहिए था—मगर, शायद तुम्हें इस सूचना में से किसी षड्यंत्र की बू भी आई—लगा कि अलफांसे हमेशा की तरह इस बार भी किसी लम्बे दांव के चक्कर में किसी सोची-समझी स्कीम पर काम कर रहा है और मैं किस चक्कर में लगा हूं, यही पता लगाने के लिए तुम किसी को नकली विजय बनाकर राजनगर में बैठा आए और खुद जेम्स ऐलिन के नाम से यहां आ गये—उसके बाद फोन करने तक की तुम्हारी हर हरकत का अन्तिम उद्देश्य यही जानना था कि मैं किस चक्कर में हूं!”
“अब तो सारे पत्ते खुल ही गए हैं प्यारे!”
“सारी बात समझ में आते ही मैं ‘मास्टर की’ से लॉक खोलकर तुम्हारे कमरे में आ बैठा, मेरे निर्देश पर बाहर से लॉक हैम्ब्रीग ने बन्द कर दिया था—खैर, अब तुम ये बताओ विजय कि जो कुछ तुमने किया उससे तुम किस नतीजे पर पहुंचे?”
“क्या पूछना चाहते हो प्यारे?”
“जो सन्देह या धारणा लेकर तुम भारत से यहां आए थे, वह साफ हुई या बरकरार है?”
“साफ होने जैसी कोई बात नहीं हुई है!”
“क्या तुम्हें लगा कि मैं बोगान से मिलकर कोई साजिश कर रहा हूं?”
“फोन पर तुमने जिस ढंग से बातें कीं लूंमड़ प्यारे, उनसे मुझे यह तो पता लग गया कि तुम बोगान से मिलकर कोई साजिश नहीं कर रहे हो, लेकिन तुम्हारे बोगान से न मिले होने का मतलब यह नहीं है कि तुम मेरी नजर में बगुलाभगत बन गए हो!”
“मतलब?”
“सम्भव है कि तुम अकेले ही अपने दिमाग से कोई खिचड़ी पका रहे हो?”
विजय की इस बात पर कुछ देर तक अलफांसे उसे एकटक देखता रहा, फिर बोला—“हालांकि जानता हूं, इस मामले में तुम मेरी बात को कोई विशष महत्व नहीं दोगे, परन्तु फिर भी कह रहा हूं कि इस बार तुम्हारी हर शंका निर्मूल है, मैं किसी स्कीम पर काम नहीं कर रहा हूं—सचमुच मुझे इर्वि से मुहब्ब्त हो गई है—अब मैं अपनी बाकी जिन्दगी की एक सांस भी बिना इर्वि के गुजारने की कल्पना तक नहीं कर सकता—मैं बिल्कुल सच्चे दिल से उससे शादी कर रहा हूं और उसे पाने के लिए ही अब कोई जुर्म न करने की कसम लेकर ब्रिटिश नागरिकता स्वीकार कर ली है—तुम्हारी कसम विजय, अब मैं बाकी जिन्दगी घर बसाकर सुकून से गुजारना चाहता हूं!”
विजय ने बहुत ध्यान से देखा—यह सब कुछ कहते वक्त अलफांसे के चेहरे पर बहुत ही मासूम भाव थे, एक पल के लिए तो विजय को भी लगा कि अलफांसे सच बोल रहा है, जो कुछ उसने कहा है वह उसके अन्तर्मन से उठने वाली आवाज है, परन्तु खुद को शीघ्र ही संभालकर विजय ने कहा—“अमिताभ बच्चन से कई गुना ज्यादा अच्छी एक्टिंग कर लेते हो लूमड़ भाई!”
“अब तो शायद वक्त ही साबित करेगा कि तुम गलत हो!”
“अगर तुम सही हो तो बताओ प्यारे, तुमने सबके कार्ड भेजे—हमारा क्यों नहीं भेजा?”
अलफांसे ठहाका लगाकर बोल—“ओह, वह तो मैंने मजाक किया था!”
“मजाक?”
“हां, सोचा था कि अच्छा चुटकुला रहेगा—तुम्हारे अलावा सभी के कार्ड पहुंचेंगे और उस स्थिति में वे सभी तुम्हें चिढ़ाएंगे, तुम्हें छेड़ेंगे?”
उसे घूरते हुए विजय ने कहा—“आजकल काफी सीरियस मजाक करने लगे हो प्यारे?”
“मैंने नहीं सोचा था कि कार्ड न भेजने से ऐसी गलतफहमी का जन्म होगा।”
“अगर तुम्हारी शादी में वहां से हम या उनमें से भी कोई न आता तो?”
“जानता था कि ऐसा हो ही नहीं सकता, मेरी शादी की खबर सुनकर तुम रुक ही नहीं सकते थे कार्ड मिले या न मिले—और तुम्हारे आने का मतलब था उन सभी का आना!”
“काफी रहस्यमय होते जा रहे हो लूमड़ प्यारे!”
“मैं तुम्हें केवल इसलिए रहस्यमय लग रहा हूं, क्योंकि तुम मेरी लाइफ में आए चेंज को पचा नहीं पा रहे हो, वैसे क्या मैं जान सकता हूं कि वजह क्या है— तुम इस बात पर विश्वास क्यों नहीं कर रहे हो कि मैं सचमुच बदल सकता हूं!”
“कुत्ते की पूंछ को बारह बरस बाद भी जब नलकी से निकाला जाता है तो वह...।”
“शायद आदमी और कुत्ते की पूंछ में यही फर्क होता है विजय!”
“मेरी नजर में तो तुम आदमी ही नहीं हो लूमड़ भाई। खैर, भले ही तुम केवल ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया की आंखों में धूल झोंक दो, परन्तु विजय दी ग्रेट फेर में नहीं आएंगे। वादा करता हूं प्यारे कि आज नहीं तो कल मैं ये पता लगाकर ही रहूंगा कि तुम दरअसल हो किस चक्कर में और ये भी वादा करता हूं कि जिस दिन मुझे पता लग गया उस दिन तुम्हारे चेहरे से इस नकाब को उतारकर फेंक दूंगा, जिसे बड़ी खूबसूरती के साथ तुम अपने चेहरे पर पहन रहे हो!”
कुछ देर तक अलफांसे विचित्र-सी निगाहों से विजय को देखता रहा—फिर एकाएक वही चिरपरिचित मुस्कान उसके होठों पर बिखर गई, बोला, फिलहाल तो स्थिति ये है कि मैं तुम्हें नकली नाम से अपने देश में दाखिल होने और ब्रिटेन के विरुद्ध जासूसी करने के जुर्म में गिरफ्तार करा सकता हूं।”
“ओह, तो अब तुम्हारे देश भी होने लगे लूमड़ मियां?”
“व्यक्ति जिस देश का नागरिक हो, वह उसका अपना देश तो होता ही है—और दुर्भाग्य से तुम तो अभी यह भी नहीं जानते हो कि मैं ब्रिटेन का कितना सम्मानित नागरिक हूं!”
“अच्छी तरह जानता हूं लूमड़, बसन्त स्वामी बनकर मैं जेम्स बाण्ड से बात करके पता लगा चुका हूं कि इस देश के जासूस, सरकार और नागरिकों के तुम्हारे बारे में कितने ऊंचे विचार हो गए हैं?”
इस बार अलफांसे की मुस्कराहट पहले से भी गहरी हो गई, बोला—“तुम्हारे उच्च श्रेणी का जासूस होने में तो किसी को कोई शक हो ही नहीं सकता, अतः निश्चय ही तुमने मेरी स्थिति का पता लगा लिया होगा-यहां आने के बाद तुमने और भी ऐसे ढेर सारे काम किए होंगे जिनकी मुझे इस वक्त जानकारी नहीं है, अपनी ‘इनवेस्टिगेशन’ से यह तो तुम समझ ही गए होगे कि अगर मैं चाहूं तो तुम्हें इसी वक्त गिरफ्तार करके ब्रिटेन की किसी जेल की हवा खिला सकता हूं!”
“कोशिश करके देख लो लूमड़, कागज के बने हुए हम भी नहीं हैं!”
“मगर मैं ऐसा करूंगा नहीं, क्योंकि तुम इसी पल से मेरे मेहमान हो—बड़ा प्यारा इत्तेफाक है बेटे, जिसे कार्ड नहीं दिया, वह आने वाले मेहमानों में सबसे पहला मेहमान है!”
“तो फिर अब इस मेकअप की जरूरत खत्म हो गई है!” कहने के साथ ही विजय ने चेहरे से जेम्स ऐलिन वाले चेहरे की झिल्ली अलग कर ली।
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10-23-2020, 12:54 PM,
#24
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
अगले दिन विजय ने ट्रासंमीटर पर सारी रिपोर्ट ब्लैक ब्वॉय को दे दी और कहा कि सबके साथ वह स्वयं भी कल सुबह ही यहां पहुंच जाए!
सारा होटल खाली हो गया था। फिलहाल केवल दो ही कमरे आबाद थे, एक अलफांसे का और दूसरा विजय का—आज से मेहमान आने शुरू हो जाने थे—अब सारे लंदन में अलफांसे की शादी की ही चर्चा थी।
अखबारों ने विशेष कॉलम्स में यह खबर छापी थी, सम्पादकीय लेख लिखे थे, दोपहर तक ऐसा लगने लगा जैसे हर ब्रिटिश को एक ही बुखार हो—अलफांसे की शादी का जिक्र करने का बुखार।
होटल का स्टाफ सारे होटल को किसी दुल्हन की तरह सजाने में जुट चुका था।
अलफांसे की शादी का लोगों में विशेष क्रेज इसलिए था, क्योंकि अखबारों के अलावा बी.बी.सी. ने भी यह समाचार दिया था कि इस अवसर पर संसार के खूंखारतम अपराधी और दुनिया के महानतम जासूस लंदन में इकट्ठे हो रहे हैं।
लोग उन्हें देखना चाहते थे!
ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की थी कि अगर कोई विशेष ही परिस्थिति न हुई तो सरकार इस शादी में शरीक होने वाले अलफांसे के किसी मेहमान को गिरफ्तार नहीं करेगी!
सारे लंदन की पुलिस व्यवस्था बनाए रखने के लिए सक्रिय हो उठी—फ्लाइंग स्क्वायड के दस्ते सारे शहर में बिखर गए, जिन सड़कों से दूल्हा-दुल्हन को गुजरना था, उनके दोनों तरफ रेलिंग तैयार किए जाने लगे, दर्शकों के लिए स्थान बनाए जा रहे थे।
ब्रिटिश सरकार स्वयं इस भव्य आयोजन का कार्यभार संभाले थी। लोगों को भनक लग चुकी थी कि अलफांसे के मेहमान आज ही से आने शुरू हो जाएंगे, अतः देखते-देखते एलिजाबेथ के बाहर भीड़ लग गई—पुलिस को नियंत्रण रखने के लिए विशेष प्रबन्ध करना पड़ा और बिना इजाजत ऐलिजाबेथ में किसी की भी ऐण्ट्री अवैध घोषित कर दी गई।
आज सबसे पहले आने वाले मेहमान थे—अमेरिकन जैकी, जूलिया, हैरी और माइक!
एयरपोर्ट पर उतरते ही पुलिस ने सुरक्षा हेतु उन्हें अपने घेरे में ले लिया और फिर उन्हें एक विशेष कार में बैठाया गया, कार के आगे-पीछे पुलिस जीपें थीं।
एलिजाबेथ होटल तक पहुंचने से पहले ही होटल के बाहर खड़ी भीड़ को जाने कैसे पता लग गया कि वे आ रहे हैं और लोगों में उन्हें देखने के लिए आगे बढ़ आने की होड़-सी लग गई। फोन पर अलफांसे और विजय को भी उनकी सूचना दे दी गई थी!
स्वागत हेतु अलफांसे के साथ विजय भी ग्राउण्ड फ्लोर पर हॉल में पहुंच गया था और तब जबकि पुलिस जीपों से घिरी कार होटल के सामने पहुंची, भीड़ में जबरदस्त शोर उठा।
कार के रुकने पर सबसे पहले जैकी बाहर निकला। भीड़ में से कोई चिल्लाया—“व...वह जैकी है, जासूसों का देवता।”
“व...वह जूलिया है, जैकी की पत्नी!”
हैरी निकला तो चारों तरफ जोर-जोर से सीटियां बजने लगीं। कोई चिल्लाया—“वह हैरी है, जैकी और जूलिया का बेटा—अमेरिकन विकास कहलाता है वह!”
“व...वो...वो देखो, वह माइक है— अमेरिकन सीक्रेट सर्विस का नम्बर वन एजेण्ट!”
वे चारों ही एलिजाबेथ की चौड़ी सीढ़ियों पर ठिठके, घूमे और हाथ हिलाकर उन्होंने जनता का अभिवादन किया, भीड़ की तरफ से हजारों हाथ हिले—दो मिनट तक वे जनता का अभिवादन कबूल करते रहे, उसके बाद शीशेदार दरवाजा पार करके हॉल में पहुंचे।
भीड़ के शोर-शराबे से इधर आते ही अलफांसे ने उनका स्वागत किया, आगे बढ़कर सबसे पहले अलफांसे ने जैकी के चरण स्पर्श किए!
जैकी ने उठाकर उसे गले से लगा लिया, पीठ थपथपाकर बोला—
“मुबारक हो अलफांसे, बहुत-बहुत मुबारक हो। तुम्हारी जोड़ी हमेशा सलामत रहे!”
इसके बाद अलफांसे जूलिया के पैरों में झुका, ठहाका लगाती हुई जूलिया ने उसका कान पकड़ा और ऊपर उठाया तो अलफांसे कह उठा—“ऊई-अई—क्या करती हो भाभी, कान उखड़ जाएगा!”
“भाभी की छाती पर मूंग दलने देवरानी ला रहा है—और कहता है कि कान भी न उखाङू!”
माइक से गले मिला अलफांसे, माइक ने गर्मजोशी से मुबारकबाद दी—हैरी ने आगे बढ़कर अलफांसे के चरणस्पर्श किए तो अलफांसे ने उस लम्बे लड़के को उठाकर अपनी बाहों में भींच लिया, शरारती हैरी ने कहा—“मैं बताऊं अंकल, आण्टी क्या किया करेगी—ऐसे—ऐस—ऐसे।”
बार-बार यही शब्द कहने के साथ उसने अलफांसे के चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी।
बरबस ही सब खिलखिलाकर हंस पड़े।
तभी वहां विजय की आवाज गूंजी—“अगर आप लोगों को इस लूमड़ के बच्चे से फुर्सत मिले तो जरा एक नजर-सी नाचीज, आड़ू के बीज की तरफ भी डाल लें।”
अलफांसे सहित एक साथ सबने विजय की तरफ देखा।
“अरे, विजय भइया!” जूलिया के मुंह से निकाल। जैकी कह उठा—“तो तुम यहां हमसे भी पहले पहुंच गए विजय?”
“जिन्न हूं गुरुदेव और जिन्न हर जगह सबसे पहले पहुंच जाता है—पांय लागू!” कहने के साथ ही आगे बढ़कर उसने जैकी के चरणस्पर्श कर लिए –जूलिया के पैर छूने के बाद उसने माइक से कहा—“कहो प्यारे साइकल चेन, तुम ये ऊंट की तरह गरदन अकड़ाए क्यों खड़े हो?”
माइक ने मुस्कराकर बांहें फैला दीं!
दोनों दोस्त बांहों में समा गए, उसी समय पूरी श्रद्धा के साथ विजय के चरणस्पर्श करके, सीधे खड़े होते हुए हैरी ने पूछा—“विकास नहीं आया अंकल?”
“कल सुबह तक आएगा प्यारे!”
जूलिया ने चुटकी ली—“अब तो तुम भी शादी कर लो विजय भइया, कुंआरे अच्छे नहीं लगते!”
संयुक्त ठहाके से मानो हॉल की छत उड़ गई।
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10-23-2020, 12:55 PM,
#25
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
शादी की पूर्व संध्या!
मिस्टर गार्डनर अपनी महल जैसी कोठी में इधर-उधर बौखलाए से फिर रहे थे—शादी की जबरदस्त तैयारियां चल रही थीं-सारी कोठी को बल्बों, झालरों, कनातों और शामियानों से दुल्हन के समान सजाया जा रहा था।
कोठी के चारों तरफ सशस्त्र पुलिस का पहरा था।
मिस्टर गार्डनर ने जेम्स बाण्ड को विशेष रूप से काम में हाथ बंटाने के लिए बुला लिया था और इस वक्त बाण्ड यह समझाने कि भरपूर कोशिश कर रहा था कि सब काम बिल्कुल ठीक चल रहा है, इतनी भाग-दौड़ करने की कोई जरूरत नहीं है, मगर मिस्टर गार्डनर सुनें तब न!
अपनी सहेलियों के साथ बैठी इर्विन रह-रहकर खिलखिला उठती थी, वे बालकनी में बैठी थीं!
अचानक ही उस वक्त हल्की-सी गड़बड़ फैल गई, जब सशस्त्र पुलिस का घेरा तोड़कर तीर की तरह सांय से एक सफेद कार कोठी की सीमा में दाखिल होकर लॉन के समीप रुकी।
जवानों ने एकदम अपने हथियार हाथों में ले लिए। सफेद कार का दरवाजा एक झटके से खुला और उसमें से युवाओं से भी कहीं अधिक फुर्तीला एक अधेड़ रूसी निकला, गोरा चिट्टा—आकर्षक और बिल्कुल गंजा—दर्पण के समान चमकने वाले सिर का मालिक।
जेम्स बाण्ड उसे दूर से देखते ही चिल्ला उठा—“बागारोफ चचा!”
“अबे हट उल्लू की दुम फाख्ता!” बागारोफ चीख पड़ा—“खबरदार, जो मुझे चचा कहा!”
उसका इतना कहना था कि सशस्त्र जवानों की उंगलियां ट्रेगर्स पर पहुंच गईं, स्थिति की गम्भीरता को एक ही पल में भांपकर बाण्ड जोर से चीख पड़ा—“ये रूसी जासूस बागारोफ हैं, कोई गोली न चलाए और याद रखें कि ये जिसको जितनी ज्यादा गालियां देते हैं, उससे उतना ही ज्यादा प्यार करते हैं!”
“अच्छा, गोलियां चलाने की धमकी देता है रायते की औलाद, चलवा साले, गोली चलवा—देखूं तो सही कि अंग्रेजी कारखाने में बनी गोली बागारोफ के जिस्म में कैसे धंसती है?” हाथ उछाल-उछालकर कहता हुआ वह बाण्ड के नजदीक पहुंच गया।
मुस्कराकर बाण्ड ने कहा—“मैंने तो गोलियां न चलाने का हुक्म दिया है चचा!”
“अबे तू क्या चलवाएगा गोली—खैर, तुझे मैं बाद में देखूंगा—यहां मैं उस हरामी से मिलने आया हूं, जिसका नाम गार्डनर है और साथ ही मुझे इर्विन नाम की उस कुतिया से भी मिलना है, जिसने मेरे अन्तर्राष्ट्रीय पूत पर ऐसे डोरे डाले कि यह चारों खाने चित्त जा गिरा है।”
बाण्ड के अलावा उसके इन शब्दों पर सभी चकित रह गए—एक अजीब-सी सनसनी फैल गई वहां।
मिस्टर गार्डनर जहां गुस्से से कांप उठे, वहीं बागरोफ के शब्द सुनकर इर्विन और उसकी सहेलियों के चेहरे फक्क पड़ गए, हक्की-बक्की-सी सहेलियां इर्विन की तरफ देखने लगीं, जबकि पीला जर्द चेहरा लिए इर्विन लॉन में मौजूद उस अधेड़ आयु के बूढ़े को देख रही थी, जो बहुत गुस्से में नजर आ रहा था!
आगे बढ़कर मिस्टर गार्डनर बोले—“जी, मुझे गार्डनर कहते हैं।”
“ओह, तो तुम हो वो बागड़ बिल्ले!” बागरोफ ने गार्डनर को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा—“जिसने उस हरामखोर पिलिया को पैदा किया है, जिसने हमारे पूत को उठाकर ऐसा पटका कि वह इश्क के अखाड़े में चारों खाने चित्त गिरा है—खैर, तुझे बाद में भुगतूंगा-पहले मुझे अपनी उस पिलिया से मिला!”
“वह रही इर्विन!” गार्डनर ने बालकनी की तरफ संकेत किया। बागारोफ ने एक झटके से उधर देखा, उसका चेहरा देखते ही इर्विन के सारे जिस्म में झुरझुरी-सी दौड़ गई, जबकि उसे खा जाने वाली नजरों से कई पल तक लगातार घूरने के बाद बागारोफ चीखा—
“बस, तुझे देख लिया है बैंगन की चटनी—तुझे देखने ही मैं एयरपोर्ट से एलिजाबेथ जाने की जगह यहां आया था—खूबसूरत है, चलेगी- लेकिन सुन, अगर सादी के बाद तूने मेरे उस हरामी पूत को कोई दुख दिया तो तेरी चोटी हैलीकॉप्टर में बांधकर सारे लंदन के सात चक्कर लगाऊंगा, समझी कि नहीं?”
“लेकिन चचा, अगर अलफांसे ने इसे दुख दिया तो?”
“अबे चुप हो अंग्रेज की दुम, वरना एक ही थप्पड़ में तेरे गाल पर ‘ए’ से ‘जैड’ तक के तुम्हारे सारे अक्षर बना दूंगा और सुन, अगर उस ऊंटनी वाले ने मेरी इस बेटी को दुख दिया तो साले की नाक में नकेल डालकर, ऊंट की पूछ से बांधकर रेगिस्तान में छोड़ दूंगा—सारी जिन्दगी चोट्टी का रेगिस्तान में घिसटता रहेगा—क्यों मुर्गी की, यह सजा सही रहेगी न?”
इर्विन उलझकर रह गई, उसकी समझ में नहीं आया कि ये आदमी कैसा है?
तभी बागारोफ चीख पड़ा— “अरे बोल चटनी की, चुप क्यों है?”
“ठ...ठीक रहेगी!” इर्विन के मुंह से बौखलाहट में निकल पड़ा।
“अरे बोली—अरे बोली—अरे बोली!” यही कहता हुआ बागारोफ लॉन में ठुमके लगा-लगाकर नाचने लगा, कुछ ऐसे अन्दाज में कि सभी हंसने लगे—ठहाका लगाने वालों में मिस्टर गार्डनर भी थे और अब तो इर्विन भी खिलखिलाकर हंस रही थी।
अचानक ही बागारोफ रुक गया और इर्विन को घूरता हुआ बोला—
“ओए मुर्गी की, हंसना छोड़कर मेरी बात ध्यान से सुन, बड़े काम की बात है—मुझे चचा बोला कर, सारी दुनिया चचा कहती है मुझे!”
इर्विन की खिलखिलाहट और तेज हो गई।
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10-23-2020, 12:55 PM,
#26
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
“लो, नुसरत भाई!”
नुसरत ने हाथ फैलाकर कहा—“लाओ, तुगलक बहन!”
“लो!” तुगलक ने बैल्ट का एक सिरा उसे देते हुए कहा—“बांध लो, लन्दन आ गया है!”
“रहोगे बेटा जामुन की औलाद ही! अबे लन्दन नहीं आया है, बल्कि हमारा विमान लन्दन में आ गया है, अब लैंड करने वाला है!”
“हां, विमान तो बाप का है तेरे!”
“नहीं तो क्या तेरे बाप का है!”
ये थे पाकिस्तान के अजीमोश्शान जासूस!
नुसरत अली और तुगलक खान!
जासूस कम, नमूने ज्यादा—वे हमेशा एक ही लिबास में रहते थे, यह उनका परम्परागत लिबास था, इस वक्त भी वही पहने थे—चूड़ीदार सफेद पायजामा, बन्द गले का घुटनों तक आने वाला काला कोट, सिर पर कलफ से कड़कड़ा रही, चुन्नटदार तिरछी सफेद टोपी—मुंह में पान, आँखों में काजल!
इस लिबास में वे जासूस नहीं, शायर लगते थे।
बातें ऐसी करते थे कि जिनका जवाब नहीं, हरकतें ऐसी कि अपने इन नमूनों से खुदा भी पनाह मांग जाए। बातों से ये जितने बड़े बेवकूफ और हरकत से नमूने नजर आते हैं असल में उससे कई गुना ज्यादा खतरनाक हैं!
बैल्ट बांधते हुए नुसरत ने कहा— “वैसे एक बात तो मानोगे तुगलक भाई?”
“जरूर मानेंगे नुसरत बहन, मगर कौन-सी बात?”
“यही कि हम पाकिस्तान के सबसे बड़े जासूस हैं!”
“बिल्कुल नहीं, एकदम गलत!” तुगलक ने बुरा-सा मुंह बनाकर कहा—“अगर फिर तूने ये बकवास की तो तेरी आंतें फाड़ दूंगा, अबे पाकिस्तान आखिर साला है क्या चीज—पिद्दी न पिद्दी का शोरबा। हम सबसे बड़े जासूस जरूर हैं लेकिन दुनिया के सबसे खतरनाक, बेहद खूंखार और जालिम!”
“तभी तो उस धीवट की शादी में जा रहे हैं!”
“हां, वो साला—खुद को आजाद शेर कहता था। खूबसूरत लौंडिया की एक ही अड़ंगी में हो गया न चित्त—उल्लू का पट्ठा, कहता था कि मैं ये कर दूंगा—वो कर दूंगा—हो गया टांय-टाय फिस्स!”
“अच्छा ही हुआ!”
“अजी क्या खाक अच्छा हुआ?”
“मानो तुगलक भाई, मेरी बात मानो—उसके लिए अच्छा ही हुआ, जरा सोचो, कान में घासलेट डालकर सोचो कि अगर यह न होता तो वह हो जाता!”
“क्या हो जाता!”
“अगर उसे वह लौंडिया चित्त न करती तो हम पट्ट कर देते यानी अपने हाथ लगते ही हम उसकी हड्डियों का सुरमा बनाकर अपनी आंखों में डाला करते—उसकी खाल खिंचवाकर पैरों में जूतियां पहना करते—उसकी आंखें निकालकर कंचे खेला करते—हमसे टकराता तो उसका यही होता न, जरा सोचो!”
और तुगलक ने ऐसी मुद्रा बना ली जैसे सचमुच नुसरत के कहे पर बहुत गम्भीरतापूर्वक सोच रहा हो, जब काफी देर हो गई और तुगलक सोचता ही रहा तो नूसरत ने पूछा— “क्या सूंघ रहे हो तुगलक भाई?”
“सूंघने दे।”
“मेरी बात में से कैसी खुशबू आई?”
“खुशबू नहीं, बदबू आ रही है।”
“झूठ मत बोलो, खुशबू आ रही होगा!”
“बको मत!” तुगलक गुर्राया—“बदबू आ रही है!”
“खुशबू आ रही होगी!”
“अच्छा छोड़, इस तरह फैसला नहीं होगा—हम इन भाई साहब से पूछ लेते हैं।” तुगलक ने पास ही बैठे एक यात्री के लिए कहा, जो काफी देर से कान लगाए उनकी ऊल-जलूल बातें सुन रहा था, यात्री अचानक ही उनके बीच अपना जिक्र सुनकर सकपका गया और अभी संभल भी नहीं पाया था कि तुगलक ने उससे पूछा—“क्यों भाई साहब, आपने इस चीमटे की औलाद की बात सुनी?”
“जी...जी हां!”
“उसमें से आपको खुशबू आ रही है या बदबू?”
“ज...जी!”
“हां-हां!” नुसरत ने उसे उत्साहित किया—“सूंघकर बताइए!”
यात्री की खोपड़ी घूम गई, दिमाग ‘इनसेट’ की तरह अन्तरिक्ष में पहुंचकर पृथ्वी के चक्कर लगाने लगा, यह बात उसकी समझ में बिल्कुल नहीं आ रही थी कि किसी बात में से खुशबू या बदबू कैसे आ सकती है?
“बोलो न भाई साहब!” तुगलक ने नजाकत के साथ कहा।
नुसरत ने किसी कुंआरी कन्या की तरह शरमाकर कहा, “बोलिए न बहनजी!”
यात्री की अजीब हालत हो गई, फिर भी यह बात दावे के साथ कही जा सकती है कि वह कोई मुकद्दर का सिकन्दर ही था, जो उसी समय विमान लैंड कर गया, वरना इन दोनों नमूनों की बातों के चक्रव्यूह में तो वह फंस ही गया था। निश्चय ही पांच-दस मिनट में वह अपने कपड़े फाड़ने लगता!
सीढ़ी लगते ही वह यात्री सबसे पहले लपका और विमान से गायब। कस्टम पर पहुंचते ही पुलिस ने उन्हें अपने घेरे में ले लिया, और एक अफसर आगे बढ़कर बोला— “लंदन में हम आपका स्वागत करते हैं!”
“स...स्वागत—हां, क्यों नहीं—करो स्वागत!”
“आइए!” अफसर ने उनकी अगवानी की।
दोनों उसके पीछे चल दिए, सशस्त्र पुलिस का घेरा उनके चारों तरफ था—एयरपोर्ट की इमारत से बाहर निकलने वाले दरवाजे पर ही वे ठिठक गए—बाहर अथाह जनसमूह का जबरदस्त शोर गूंज रहा था।
तुगलक ने नुसरत से पूछा— “ये भीड़ कैसी है नुसरत भाई?”
“यहां कहीं कठपुतली का खेल हो रहा होगा!” नुसरत ने अपना आइडिया पेश किया।
तुगलक के कुछ कहने से पहले ही अफसर ने उन्हें बताया— “ये सब लंदनवासी हैं सर, जानते हैं कि आज मिस्टर अलफांसे की शादी में शरीक होने दुनिया भर के श्रेष्ठ जासूस आ रहे हैं—ये भीड़ उनके दर्शन करने और उनका स्वागत करने के लिए यहां इकट्ठी हुई है!”
“यानी हमारे दर्शन करने!”
“जी हां, लेकिन आप फिक्र न करें—इस भीड़ की वजह से आपको कोई असुविधा नहीं होगी, गाड़ी में बैठिए—हम आपको भीड़ से बचाते हुए एलिजाबेथ ले जांएगे!”
“तूने सुना चिमटे के?” तुगलक ने कहा।
“सुना!”
“क्या सुना?”
“यही कि यह भीड़ हमारी दर्शनाभिलाषी है!”
“तो क्या इस तरह कार में बैठकर उड़न-छू हो जाना ठीक है?”
“हरगिज नहीं, ये तो इस भीड़ पर जुल्म होगा!”
“फिर?”
“उस धीवट के होटल तक अपनी शाही चाल से जाएंगे!”
बस, हो गया फैसला और इसमें रत्ती बराबर भी शक नहीं है कि जो फैसला ये एक बार कर लेते हैं उस पर अडिग रहते हैं, अफसर ने उन्हें गाड़ी में बैठाने के लिए एड़ी-चोटी तक का जोर लगा लिया परन्तु नाकाम रहा, अन्त में वे सडक पर पैदल ही चले और वह भी अपनी सदाबहार चाल के साथ!
आप तो जानते ही हैं कि उनकी सदाबहार चाल क्या है, नहीं जानते तो सुनिए—सड़क पर, पुलिस के घेरे के ठीक बीच में वे कैबरे करते चले जा रहे थे—एक हैलेन की तरह नाच रहा था तो दूसरा जयश्री टी की नकल हू-ब-हू कर रहा था—सड़क के दोनों तरफ खड़ी भीड़ पेट पकड़े हंस रही थी, लोग सीटियां बजा रहे थे।
उनका अंग-अंग मटक रहा था।
जहां चाहे रुक जाते, काजल से भरी आंखें और भवें मटकाकर लोगों को हंसाते-हंसाते लोटपोट कर देते और फिर खुली सड़क पर कैबरे करते हुए एलिजाबेथ की तरफ बढ़ जाते।
लोग एक-दूसरे से कह रहे थे—“ये हैं पाकिस्तान के सर्वोत्तम जासूस—नुसरत-तुगलक!”
दर्शकों में बागरोफ का गार्डनर के घर जाकर गालियां बकना चर्चा का विषय बन चुका था, इधर उन्हें देखकर लोग कह रहे थे— “वाकई, यह शादी इस युग की सबसे अजीब शादी हैं—बड़े ही अजीब-अजीब बाराती हैं अलफांसे के। एक से बढ़कर एक—कोई नहीं कह सकता कि इनमें सबसे ज्यादा शैतान कौन है।”
एलिजाबेथ पहुंचने में उन्हें दो घण्टे लगे।
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10-23-2020, 12:55 PM,
#27
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
सुबह के सात बजे थे—ब्रिटेन के प्रधानमंत्री उस समय अपने नियमानुसार आम लोगों से मिल रहे थे, जब उनके विशेष सचिव ने नजदीक आकर धीमे और सम्मानित स्वर में सूचना दी—“ट्रांसमीटर पर सूचना मिली है कि पन्द्रह मिनट बाद ‘चमन’ के राष्ट्रपति अपनी विशेष कार से एयरपोर्ट के बाहर लैंड कर रहे हैं!”
प्रधानमंत्री ने उन लोगों से क्षमा मांगी जिन लोगों से मिल नहीं पाए थे और अपने सभी पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों को रद्द करके एयरपोर्ट की तरफ रवाना हो गए।
जब वे वहां पहुंचे तब वतन की सफेद कार विमान बनी एयरपोर्ट की इमारत के ऊपर परवाज कर रही थी—लाखों की संख्या में लोग गर्दन उठाए उस कार को देख रहे थे।
हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे।
बड़ा ही अजीब समां था!
केवल तीन मिनट बाद वह विशेष कार सड़क पर लैण्ड हुई—चारों तरफ एक विचित्र-सी खामोशी छा गई—कार का दरवाजा खुला और सारे वातावरण में घण्टियों की आवाज गूंज उठी।
कार से अपोलो कूदा था— भुर्राट सफेट बकरा!
अगवानी हेतु ब्रिटिश प्रधानमंत्री आगे बढ़े और तब, जो लड़का कार से बाहर निकला उसकी आयु केवल पच्चीस वर्ष थी—जिस्म पर बेदाग सफेद कपड़े, आंखों पर काला चश्मा, हाथ में छड़ी!
वह लम्बा था, खूब लम्बा-गोरा-चिट्टा, हृष्ट-पुष्ट और आकर्षक!
गुलाबी होंठों पर मुस्कान बिखेरे वह लम्बे कदमों के साथ प्रधानमंत्री की तरफ बढ़ा, उधर से प्रधानमंत्री तो पहले ही तेजी से उसकी तरफ बढ़ रहे थे, हाथ मिले—बड़ी गर्मजोशी से।
“मैं ब्रिटेन में आपका स्वागत करता हूं!” प्रधानमंत्री ने कहा! लड़का बोला— “मैं अलफांसे चचा के ब्रिटिश नागरिक बनने की आपको बधाई देता हूं!”
“धन्यवाद!” प्रधानमंत्री ने कहा—“आप हमारे शाही मेहमान हैं, राजमहल में चलिए!”
“क्षमा कीजिए, मैं केवल अलफांसे चचा का मेहमान हूं। उन्हीं की शादी में शरीक होने आया हूं, अतः यहां से सीधा एलिजाबेथ होटल जाना ही पसन्द करूंगा!”
इसके बाद, वतन के इशारे पर अपोलो कार के अन्दर गया, उसने कोई बटन दबाया, जिसके परिणामस्वरूप कार की छत किसी शटर के समान पिछले भाग में समा गई। वह कार अब खुली छत की नजर आ रही थी और वतन के साथ प्रधानमंत्री भी उसकी कार में खड़े हो गए!
जबरदस्त सिक्योरिटी से घिरी कार आगे बढ़ गई-वतन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री हाथ हिला-हिलाकर जनता का अभिवादन कर रहे थे—कार धीमी गति से एलिजाबेथ होटल की तरफ जा रही था।
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10-23-2020, 12:55 PM,
#28
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
अलफांसे के भारतीय मेहमानों के विमान ने साढ़े आठ बजे लंदन की धरती को स्पर्श किया—इन मेहमानों की संख्या इतनी थी कि उन्हें तीन कारों में भरकर होटल ले जाया गया— मेहमानों में विकास के अवाला ठाकुर साहब, उनकी पत्नी, रैना, रघुनाथ, घनुषटंकार, ब्लैक ब्वॉय, अशरफ, विक्रम, नाहर, परवेज, और आशा थे—पब्लिक उन्हें देखने के लिए पागल-सी हुई जा रही था!
नियंत्रण रखने में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ रही था।
उपस्थित जनसमूह का अभिवादन करते वे होटल पहुंचे और जब उन्होंने दरवाजा खोलकर हॉल में कदम रखा तो अलफांसे ने खुशी से उछलते हुए उनका स्वागत किया।
इस दल में से सबसे पहले धनुषटंकार ने जम्प लगाई, हवा में लहराया और सीधा अलफांसे के सीने पर जा टिका, अलफांसे के गले में अपनी नन्हीं बाहें डाल दी थीं उसने और अभी कोई कुछ समझ भी नहीं पाया था कि धनुषटंकार ने अलफांसे के चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी-सी लगा दी!
सारा हॉल मेहमानों के ठहाकों से गूंज उठा।
वह विकास था, जो धनुषटंकार के बाद आगे बढ़ा, लम्बे-लम्बे दो ही कदमों में नजदीक पहुंचा और पूर्ण श्रद्धा के साथ कदमों में झुक गया, अलफांसे ने उठाकर उसे गले लगा लिया!
शरारती विकास उसके कान में फुसफुसाया—“कोई ऊंचा खेल खेल रहे हो गुरु!”
“तुम भी उस झकझकिए की टोन में ही बात कर रहे हो।”
जवाब में विकास ने अभी मुंह खोला ही था कि—
“आओ रैना बहन, आओ!” कहता हुआ अलफांसे रैना की तरफ बढ़ गया—रैना ने गले से लगा लिया उसे, किसी मासूम बच्चे की तरह उससे लिपट गया अलफांसे—प्यार और कोमल विचारों की अधिकता के कारण दोनों की आंखें छलक उठीं, अलफांसे बोला—“मुझे सब कुछ मिल गया रैना बहन—सब कुछ, तुम जो आ गईं!”
“पगले, ऐसा कभी हो सकता है क्या कि अलफांसे भइया शादी करे और रैना बहन न आए?”
“ब...बहन!”
“आंसू पोंछ पगले—वरना कान उखाड़ लूंगी!”
अलफांसे ने खुद को बड़ी मुश्किल से संभाला, ठाकुर साहब और विजय की मां के चरण स्पर्श किए—भारतीय सीक्रेट सर्विस के सभी सदस्यों से गले मिला, उन्होंने अलफांसे को बधाई दी!
उस वक्त विकास हैरी से गले मिल रहा ता जब हॉल मैं बागारोफ की आवाज गूंजी- “अबे ओ हरामी के पिल्लो, अगर तुम्हारा ये भरत मिलाप खत्म हो गया हो तो इधर भी ध्यान दो—तुम्हारा ये गंजा चचा यहां बैठा है!”
ठहाकों से मानो हॉल की छत उड़ गई।
सभी ने बागारोफ की तरफ देखा, हाथ में वोदका की बोतल लिए वह एक सीट पर बैठा था—धनुषटंकार ने जम्प लगाई, हवा में उछला और सीधा बागारोफ के सामने रखी मेज पर जा गिरा, अभी बागारोफ कुछ समझ भी नहीं पाया था कि धनुषटंकार ने उसके हाथों से बोतल छीनकर अपने मुंह से लगा ली।
“अबे—अबे—छोड़ दे चोट्टी के!” बागारोफ चीखा।
ठहाके—ठहाके और सिर्फ ठहाके!
हैरी के बाद विकास वतन से मिला—अपोलो रैना के चरणों में लोट रहा था—कहने का मतलब ये कि वे सभी एक-दूसरे से मिल रहे थे, जबकि कोने में बैठे नुसरत ने तुगलक से कहा—“तुगलक भाई!”
“बोलो नुसरत बहन!”
“ये साले कैसे खुश हो रहे हैं, जैसे घर में भइया हुआ हो!”
“अभी तो शादी हो रही है, भइया भी हो जाएगा, वैसे एक बात माननी पड़ेगी और वह ये कि जासूसी के मैदान में इनमें से कोई भी हमारे सामने न पिद्दी है न पिद्दी का शोरबा!”
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10-23-2020, 12:57 PM,
#29
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
दस बजे तक सारी दुनिया से आने वाले अलफांसे के अधिकांश मेहमान आ चुके थे।
उपरोक्त नामों के अलावा बंगला देश से रहमान, आस्ट्रेलिया से क्विजलिंग, फ्रांस से डेनमार्क और चीन से हुचांग आया था— सभी देशों के श्रेष्ठ जासूस इस वक्त एलिजाबेथ होटल के हॉल में मौजूद थे-यहां अलफांसे के सभी मेहमानों के नाम लिखन सम्भाव नहीं है।
जासूसों के अलावा दुनिया के छंटे हुए मुजरिम भी वहां थे—इनमें मांगे खां और गोंजालो जैसे अलफांसे के शागिर्द भी थे—हां, सिंगही, जैक्सन और टुम्बकटू में से अभी तक कोई नहीं आया था।
अचानक विकास ने ऊंची आवाज में पुछा—“शादी किस रीति से होगी गुरु?”
“निकाह पढ़ा जाएगा!” नुसरत कह उठा।
“चुप बे चटनी के!” बागारोफ गुर्राया—“अगर ज्यादा चोंच खोलेगा तो रायता बनाकर बारातियों में बंटवा दूंगा, इस हरामखोर हिन्दुस्तानी दुमछल्ले ने बात तुमसे नहीं दूल्हे राजा से पूछी है!”
“ओए खूसट!” तुगलक कह उठा—“अगर गाली दी तो तेरी ये चांद तबले की तरह फोड़ दूंगा!”
“क्या बका?” गुर्राकर बागारोफ खड़ा ही हो गया। नुसरत कह उठा—“मारो चचा, इस साले जामुन की औलाद की हड्डियों का ताजमहल बना दो!”
“त....तुम—मैं तुम दोनों को सिलबट्टे पर रखकर पीस डालूंगा—अबे ओए अन्तर्राष्ट्रीय मदारी, इन चूं-चूं के मुरब्बों को शादी में बुलाने के लिए किसने कहा था!”
“शांत चचा, शांत हो जाओ!” अलफांसे ने अपनी चिपरिचित मुस्कान के साथ कहा और फिर किसी को भी कुछ कहने का अवसर दिए बिना विकास की तरफ मुखातिब होकर बोला—“क्यों पूछ रहे हो?”
“है कोई वजह!”
“शादी ब्रिटिश रीति से चर्च में होगी!”
“इसीलिए तो पूछ रहा था!”
“क्या मतलब?”
विकास ने कहा—“शादी ब्रिटिश नहीं, इण्डियन ढंग से होगी गुरु—आप घोड़ी पर सवार होंगे, यहां से बाकायदा बैंड-बाजे के साथ चढ़त होकर बारात इर्विन के घर जाएगी, वहां वरमाला होगी—फेरे पड़ेंगे!”
“इस सब में इन लोगों का विश्वास नहीं है विकास!”
“हमारा विश्वास तो है भइया!” रैना कह उठी।
अलफांसे कह उठा—“क्या तुम्हारी इच्छा भी यही है रैना बहन?”
“बेशक!”
“ल...लेकिन....!”
“लेकिन-वेकिन कुछ नहीं अलफांसे बेटे!” विजय की मां ने कहा—“अगर वे चाहते हैं कि शादी चर्च में हो तो तुम बैसा ही करो, लेकिन भारतीय रीति से भी वह सब कुछ होगा जो विकास कह रहा है, इसमें भला उन्हें क्या आपत्ति हो सकती है कि शादी दोनों ही रीतियों से हो?”
“अगर आप भी यही चाहती हैं मांजी तो ऐसा ही होगा।” अलफांसे ने कहा।
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प्रस्ताब गार्डनर स्टेनले के सामने रखा गया, जिसे उन्होंने बिना किसी किस्म की हील-हुज्जत के स्वीकार कर लिया। जंगल की आग के समान यह सूचना सारे लंदन में फैल गई कि शाम चार बजे ब्रिटिश रीति से अलफांसे और इर्विन की शादी चर्च में होगी—जुलूस के बाद इर्विन अपने पिता के घर चली जाएगी और फिर रात के नौ बजे होटल से चढ़त शुरू होगी—अलफांसे घोड़ी पर बैठेगा और बारात इर्विन के घर जाएगी!
विवाह भारतीय रीति से भी होगा—वरमाला और फेरे आदि!
सरकार ने लंदन में आज सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी थी— सरकार का अनुसरण करते हुए ही प्राइवेट संस्थाओं ने भी छुट्टी कर दी—व्यापारियों ने अपनी मर्जी से बाजार बन्द रखे!
सारे लंदन शहर को छोटे-छोट बल्बों की झालरों, गेंदे के फूलों और शामियानों से दुलहन के समान सजाया गया था और उस रास्ते की सजावट का तो जवाब ही नहीं था, जिस पर से जुलूस या चढ़त को गुजरना था—सड़क के दोनों तरफ रेलिंग लगाए गए थे, उनके पार लोगों के खड़े होने और बैठने की व्यवस्था थी, ताकि लंदन का हर नागरिक बिना असुविधा के उस ऐतिहासिक शादी को देख सके!
चार बजे, चर्च में बड़ी ही शालीनता के साथ पादरी ने अलफांसे और इर्विन की शादी कराई—जुलूस निकाला और फिर इर्विन अपने पिता के घर चली गई!
लोगों ने चढ़त के रास्ते पर उचित स्थान घेरने शुरू कर दिए—आठ बजे तक सभी रास्तों के दोनों तरफ का भाग, इमारतों की बालकनियां और खिड़कियां खचाखच भर गईं।
अब लोगों को केवल नौ बजने का इंतजार था।
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10-23-2020, 12:57 PM,
#30
RE: Desi Porn Stories अलफांसे की शादी
बारातियों में नुसरत, तुगलक, धनुषटंकार और बागारोफ की चौकड़ी, चांडाल चौकड़ी के नाम से प्रसिद्ध हो गई थी। वे शाम पांच बजे से ही एक मेज के चारों तरफ बैठे पी रहे थे!
पी अन्य लोग भी रहे ते, परन्तु इस चौकड़ी की खुराक और अन्दाज निराला ही था—पीने के बीच ही नुसरत-तुगलक बागारोफ को खींच रहे थे—बागारोफ जी भरकर उन्हें गालियां दे रहा था—कई बार तो उनमें हाथापाई तक की नौबत आ गई और ऐसा होने से हर बार धनुषटंकार ने रोका—शराफत से नहीं बल्कि बदमाशी से!
झगड़ा रोकने के लिए कभी उसे बागारोफ के गंजे सिर पर चपत जमाना पड़ा था तो कभी नुसरत-तुगलक के गाल पर झन्नाटेदार थप्पड़—अब स्वयं उस पर भी नशा हावी होने लगा था।
विकास, वतन और हैरी की तिकड़ी सबसे अलग अपना मनोरंजन कर रही थी—जैकी, विजय और ब्लैक ब्वॉय का गुट अलग था—आशा, जूलिया और रैना अलफांसे को दूल्हा बना रही थीं।
ठीक नौ बजे, लंदन के लगभग सभी प्रसिद्ध बैंड बज उठे—वे सभी, चमचमाती वर्दियों में दूर तक कतारबद्ध खड़े थे-जानवरों तक को झुमा डालने वाली धुने गूंज उठी।
अलफांसे को सजी हुई घोड़ी पर बैठा दिया गया। चढ़त शुरू हो गई और साथ ही शुरू हो गया ऐसा हो-हुल्ला-हुड़दंग-शोर और हर्षोल्लास—जैसा कम-से-कम लंदनवासियों ने कभी नहीं देखा था, सारी दुनिया से इकट्ठे हुए बाराती बैंडों के बीच में कूद पड़े। उनमें या तो छंटे हुए अपराधी थे या महान जूसूस!
एक-से-एक ज्यादा शरारती-करामाती!
कुछ ऐसी ही बारात थी वह, जैसी बारात का जिक्र ‘शिवपुराण’ में मिलता है, शिव की शादी का जिक्र। कहते हैं कि उस शादी में भूत, प्रेत, शैतान-चुड़ैल और प्रेतनियां थीं—शनिश्चर थे—उनके अलावा सूर्य और चन्द्रमा जैसे देवता थे!
कुछ वैसे ही मेहमान अलफांसे के भी थे!
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“इर्विन....इर्विन!” एक सहेली दौड़ती हुई दुलहन के कक्ष में दाखिल हुई तो चौंककर इर्विन तथा उसकी सहैलियों ने उसकी तरफ देखा, जबकि आने वाली सहेली अपनी उखड़ी हुई सांस को नियंत्रित करने की चेष्टा कर रही थी, इर्विन ने पूछा— “क्या हुआ?”
“चढ़त शुरू हो गई है!”
“तो इसमें इतना हांफने की क्या बात है?”
“हांफने की आह, क्या शानदार शादी है—लंदन में रहने वाले किसी आदमी ने कभी ऐसी अद्भुत शादी नहीं देखी होगी। सबसे अलग दूल्हा है, सिर पर कलगी बांधे, चेहरे पर फूलों का सेहरा पड़ा है—चमकदार शेरवानी और सफेद चूड़ीदार पायजामा—पैरों में सितारों से जड़ी चमकदार जूतियां और बगल में तलवार लटकाए घोड़ी पर बैठा वह अलग ही नजर आता है!”
इर्विन का श्रृंगार करने वाली सहेली ने पूछा— “और बाराती?”
“ओह, बारातियों की बात नहीं पूछो तो अच्छा है। लगता है कि दुनिया में जितने भी भूतप्रेत हैं, वे सब आज उस चढ़त में शामिल हो गए हैं—एक से बढ़कर एक हैं, शैतान-हैवान—नहीं, उसमें से मैं किसी को भी आदमी नहीं मान सकती!”
“ऐसा क्या हुआ?”
“एक बन्दर है, जिसे शराब शायद जरूरत से ज्यादा चढ़ गई है— बहुत ही शानदार सूट-बूट पहने है वह, हुड़दंग उतार रखा है उसने—बैण्ड की धुन पर नाचता, उछलता-कूदता वह कभी घोड़ी के सिर पर जा बैठता है तो कभी किसी बैण्ड वाले के ड्रम पर—दर्शकों की भीड़ हंसते-हंसते पागल हुई जा रही है!”
“बारातियों में बन्दर भी है?”
“एक बकरा है, बिल्कुल बेदाग—؅कहते हैं कि वह पीता नहीं है, लेकिन आज धुत् है—दो टांगें ऊपर उठाकर वह किसी इंसान की तरह ही घोड़ी के आगे झूम-झूमकर नाच रहा है!”
“हे भगवान्—ये कैसे-कैसे दोस्त हैं इनके?”
“और वह, जो कल यहां आकर सबको गालियां बक रहा था— बुरी तरह नशे में है, पागलों की तरह नाच रहा है और सबको गालियां बक रहा है—सभी उसे चचा कह रहे हैं, दर्शकों की नजरों के केन्द्र दो पाकिस्तानी भी हैं—लोग कहते हैं कि वे जासूस हैं, परन्तु मुझे तो सायर लगते हैं, वे ऐसा कैबरे करते चले आ रहे हैं जैसा कभी किसी ने किसी पिक्चर में नहीं देखा होगा!”
“किसी आदमी की सोसायटी ही बताती है कि वह किस स्तर का है!” एक सहेली ने कहा।
दूसरी बोली— “ऐसे ही हुड़दंगी जीजाजी भी होंगे।”
“इर्विन, पति के रूप में तूने किसी आदमी को नहीं, बल्कि शैतान को चुन लिया है!”
इर्विन को अजीब-सा लगने लगा।
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