RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
तब मैंने दीपा के ऊपर से तरुण के कंधे पर हाथ रखा और बोला, "देखो तरुण, हम सब वयस्क हैं. दीपा कोई छोटी बच्ची नहीं। वह एक बच्चे की माँ है। आज होली का दिन है, थोड़ी बहुत सेक्सुअल बातें तो वह भी सुन सकती है। जब दीपा ने पूछ ही लिया है तो बता दो। ठीक है ना दीपा?" मैंने दीपा के सर पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा।
दीपा ने तरुण की तरफ देखा और सर हिलाते हुए हाँ का इशारा किया।
तरुण ने कहा, "रमेश मेरा पुराना दोस्त है। उसकी पोस्टिंग जब जोधपुर में हुई थी तब उसका एक पुराना कॉलेज समय का मित्र भी वहाँ ही रहता था। वह मित्रकी पत्नी भी कॉलेज के समय में रमेश की दोस्त थी। उस समय रमेश और उसकी होनी वाली पत्नी के बिच में प्रेम संदेशों का आदान प्रदान भी रमेश करता था। यूँ कहिये की उनकी शादी ही रमेश के कारण हो पायी थी। रमेश के दोस्त की पत्नी को रमेश के प्रति थोड़ा आकर्षण तो था पर आखिर में उसने रमेश के मित्र के साथ ही शादी करनेका फैसला लिया।"
मैंने देखा की तरुण अपनी कार को मुख्य मार्ग से हटाकर शहर के बाहरी वाले रास्ते से ले जा रहा था। रास्ते में पूरा अँधेरा था। वह कार को एकदम धीरे धीरे और घुमा फिरा कर चला रह था। मैंने तरुण से पूछा क्या बात है। तरुण ने कहा उसने रात का खाना नहीं खाया था, और वह कहीं न कहीं खाने के लिए कोई ढ़ाबे पर रुकना चाहता था।
यह तो मैं बता ही चूका हूँ की मेरी सुन्दर पत्नी दीपा तरुण और मेरे बिच में सटके बैठी हुयी थी। तरुण की कहानी सुनने के लिए मैं काफी उत्सुक हो गया था। एक तो पुरानी गाडी की धड़ धड़ आवाज और ऊपर से तरुण की धीमी और नरम आवाज को सुननेमें मुझे थोड़ी कठिनाई हो रही थी। मैंने इस कारण दीपा को तरुण की तरफ थोड़ा धक्का दे कर खिसकाया। मेरी बीबी बेचारी मेरे और तरुण के बिच में पिचकी हुयी थी। तरुण ने अपना गला साफ़ किया और आगे कहने लगा।
"शादी के करीब पांच साल के बाद रमेश का मित्र बिज़नस बगैरह के झंझट में व्यस्त था और पत्नी घरबार और बच्चों में। उनके दो बच्चे थे। रमेश का मित्र और उसकी पत्नी में कुछ मनमुटाव सा आ गया था। रमेश का मित्र अपनी पत्नी को समय नहीं दे पाता था। उसकी पत्नी सेक्स के लिए व्याकुल होती थी तो रमेश का मित्र थका हुआ लेट जाता था। जब रमेश का मित्र गरम होता था तब उसकी पत्नी थकी होने बहाना करके लेट जाती थी। सेक्स में अब उनको वह आनंद नहीं मिल रहा था जो शादी के पहले चार पांच सालों तक था।" तरुण ने बड़ी ही संतुलित भाषा में रमेश के दोस्त और दोस्त की बीबी के बिच में सेक्स को लेकर जो तनाव था उसका बखूबी वर्णन किया।
अब तरुण की कहानी सेक्स के गलियारों में प्रवेश कर चुकी थी। मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया और दीपा का एक हाथ मेरे हाथ में लेकर उसे दबाने लगा। तब मैंने थोड़ा सा ध्यान से देखा की तरुण भी गाडी चलाते चलाते और गियर बदलते अपनी कोहनी दीपा के स्तनों पर टकरा रहा था। थोड़ी देर तक तो ऐसा चलता रहा। दीपा ने शायद इस बात पर ध्यान नहीं दिया, पर फिर एक बार उसने अपनी कोहनी को दीपा के स्तन के उपर दबा ही दिया। अंदर काफी अँधेरा था और मुझे साफ़ दिखने में भी कठिनाई होती थी। मैंने दीपा के मुंह से एक टीस सी सुनी। साथ में ही दीपा ने भी मेरी हथेली जोर से दबायी। उसने अपने स्तन पर तरुण की कोहनी के दबाव को जरूर महसूस किया था। पर वह कुछ बोली नहीं।
तरुण ने अपनी कहानी को चालु रखते हुए कहा, "जब रमेश उनसे मिला तो भांप गया की उन पति पत्नी के बिच में कुछ ठीक नहीं है। रमेश और उसका दोस्त काफी करीबी थे और सारे विषय पर खुली चर्चा करते थे, जिसमें सेक्स भी शामिल था। जब रमेश ने ज्यादा गहराई से पूछताछ की तो दोनों ही उससे शिकायत करने लगे। अपनी फीकी शादीशुदा जिंदगी के लिए एक दूसरे पर दोष का टोकरा डालना चाहा। रमेश ने तब दोनों को एकसाथ बिठाया और बताया की उनके वैवाहिक जीवन का वह दौर आया है जहां जातीय नवीनता ख़त्म हो गयी है और नीरसता आ गयी है। उसने उनको कहा की उनको चाहिए की सेक्सुअल लाइफ में कुछ नवीनीकरण लाये।"
तरुण ने तब कार को एक जगह रोका जहाँ थोडा सा प्रकाश था। उसने अपनी कहानी का क्या असर हो रहा है यह देखने के लिए हमारी और देखा। उसने देखा की मैंने दीपा का हाथ अपनी गोद में ले रखा था। तरुण की कहानी मुझे गरम कर रही थी। दीपा मेरे और तरुण के बीचमें दबी हुई बैठी थी। वह कुछ बोल नहीं रही थी। तरुण मुस्कराया और उसने कार को आगे बढ़ाते हुए कहानी चालु रखी।
"जब उन पति पत्नी ने रमेश से पूछा की वह सेक्सुअल लाइफ में नवीनीकरण कैसे लाएं, तब रमेश ने कहा की कई अलग अलग तरीके होते हैं। पहले तो पति पत्नी अलग अलग पोजीशन में सेक्स कर काफी कुछ विविधता (वेरिएशन) लाते हैं। उसके बाद कुछ समय के बाद वह भी सामान्य हो जाता है और वह बोर हो जाते हैं तो "रोल प्ले" करते हैं, मतलब सेक्स करते समय पति पत्नी को किसी खूबसूरत जानी पहचानी औरत के नाम से बुलाता है और पत्नी पति को उसके पसंदीदा हीरो या किसी गैर मर्द के नाम से बुलाती है और फिर दोनों यह सोच कर सेक्स करते हैं की वह दूसरे आदमी या औरत से सेक्स कर रहे हैं।
कुछ दिनों बाद जब यह अनुभव भी पुराना हो जाता है तब सबसे कारगर पर थोड़ा हिम्मत वाला या कुछ हद तक खतरनाक तरिका है पति पत्नी सामूहिक सेक्स, थ्रीसम, पत्नी की अदलाबदली बगैरह। पति और पत्नी अपने जान पहचान वालों में से ही कोई ना कोई एक कपल को एक साथ एक ही पलंग पर सेक्स करने के लिए पटाने की कोशिश करते हैं। पर यह थोड़ा मुश्किल है। क्यूंकि जब दुसरा पति राजी होता है तो पत्नी तैयार नहीं होती और अगर दूसरी पत्नी राजी होती है तो पति तैयार नहीं होता।
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