Desi Porn Stories बीबी की चाहत
10-02-2020, 12:49 PM,
#11
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा तब तक काफी गरम हो चुकी थी। मेरी उंगली की हरकत से वह पलंग पर मचलने लगी थी। उसने बिना कुछ और सोचे कहा, "ठीक है बाबा, आप जो कहोगे, मैं करुँगी। इस वक्त इधर उधर की बात मत करो। आप अब ऊपर आ जाओ और अपने इस कड़क लण्ड से मुझे चोदो प्लीज! मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा।"

मेरी बीबी को नहीं पता था की मैं अपनी चाल में उसे फँसा ने की भरसक कोशिश कर रहा था। मैं तुरंत अपना पजामा उतार कर नंगा हो गया और फुर्ती से दीपा के नाईट गाउन को भी उतार दिया। हमारे दो नंगे बदन एक दूसरे के साथ रगड़कर जैसे काम वासना की आग पैदा कर रहे थे। मेरा लण्ड एकदम फौलाद की तरह कड़क हो गया था। मैंने दीपा की चूत पर हाथ रखा तो पाया की वह तो अपना रस ऐसे बहा रही थी जैसे झरना बह रहा हो।

मैंने अपनी पत्नी को कहा, "जानेमन तुम बड़ी गरम हो गयी हो। क्या बात है?"

दीपा ने भी उसी लहजे में कहा, "तुम ऐसी बातें कर कर के मुझे गरम जो कर रहे हो।"

उस रात को मैं भूल नहीं पाउँगा। उस ने खूब चुदवाया। वह तिन बार झड़ गयी और मैं दो बार। मुझे लगा जैसे मेरे दोस्त तरुण का तीर निशाने पर लग रहा था। रात को दीपा के सो जाने के बाद अचानक मेरे मन में एक विचार आया। सुबह उठकर जब दीपा रसोई में काम कर रही थी तब मैंने चोरी छुपी मेरे घर के मुख्य दरवाजे की चिटकनी का ऊपर का हिस्सा स्क्रू ड्राइवर की मदद से चुपचाप दीपा को बिना बताये निकाल दिया, जिससे दरवाजे को चिटकनी लगाने पर भी दरवाजा बंद ना हो।

मैं ऑफिस के लिए निकल ने में थोड़ा लेट हो गया था। आखिर मैं जब ऑफिस जा रहा था तब मैंने जाते जाते दीपा को एक लम्बी सी किस होठों पर की। फिर बाई बाई करते हुए कहा, "तुम्हे याद तो है ना? आज तुम्हें एक बार तरुण को थोड़ा उकसा कर उसका टेस्ट करना है। बोलो करोगी ना?"

मुझे जल्दी घर से ऑफिस को रवाना करने के लिए मेरी पत्नी दीपा मुझे खींचती हुई बाहर आँगन तक ले आयी और बोली, "ठीक है बाबा, याद है। मैं सोचूंगी। अब ऑफिस भी जाओगे या तुम्हारे दोस्त को उकसाने के बारे में ही बातें करते रहोगे?

बाहर आँगन पहुँचते ही मैं फिर पलटा और उसको बाँहों में जकड कर मेरी बीबी के होँठों पर अपने होँठ रखते हुए बोला, "सोचना नहीं, करना है। बोलो करोगी ना? वादा करो।"

मुझे बाहर आँगन में सारे रास्ते पर आते जाते हुए राहदारियों और पड़ोसियों के देखते हुए मस्ती करते हुए देख कर दीपा हड़बड़ा गयी और बोली, "तुम कैसे पागल हो। क्या कर रहे हो? आसपास सब लोग देख रहे हैं। ठीक है बाबा मैं करुँगी। वादा करती हूँ। अब तुम जाओ भी।"

मैं हँसते हुए चल पड़ा। मुझे पता था की दीपा मेरे जाने के करीब डेढ़ घंटे के बाद ठीक १० बज कर ३० मिनट पर नहाने जाती थी।

उस दिन १० बजे मैंने तरुण से फ़ोन पर पूछा, "दीपा ने मुझे मैगी के दो पैकेट लाने के लिए कहा था, पर मुझे अभी काम है। मैं जा नहीं पाउँगा। क्या तुम अभी मैगी के दो पैकेट दीपा को घर दे आओगे? मैं तुम्हारा एहसानमंद रहूँगा।"

मैं जानता था की तरुण को तो मेरे घर जाने का बहाना चाहिए था। उसे इससे बढ़िया बहाना और क्या मिल सकता था? उसने तुरंत कहा की वह मेरे घर के पास से ही गुजर रहा था। वह जरूर मैगी के पैकेट पहुंचा देगा। मैंने तुरंत दीपा को फ़ोन किया और बोला, "दीपा डार्लिंग, तरुण थोड़ी देर में मैगी के पैकेट ले कर हमारे घर आएगा। क्या उसका स्वागत करने के लिए तैयार रहोगी?"
Reply
10-02-2020, 12:49 PM,
#12
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा ने झुंझलाते हुए कहा, " तुम्हें ऑफिस में कुछ काम धंधा है की नहीं? की तुम हमेशा ऐसी ही चीज़ों के बारेमें सोचते रहते हो? तुम क्या अभी तक उस बात को भूले नहीं हो? तुम तरुण की परीक्षा कर रहे हो या मेरी? आखिर तुम चाहते क्या हो?"

मैंने कहा,"तुम मुझे यह बताओ, तुम करोगी या नहीं?"

तब दीपा ने असहायता दिखाते हुए कहा, "मैं क्या करूँ? ठीक है बाबा, अभी तो मैं नहाने जा रही हूँ। फिर मैं कुछ सोचती हूँ।"

मैंने कहा, "देखो, तुमने मुझसे वादा किया था की तुम उसे उकसाओगी।"

दीपा ने कहा, "नहीं बाबा नहीं, मैं तुम्हारे दोस्त को बिलकुल उकसाऊँगी नहीं। मरना है मुझे किसी गैर मर्द को उकसा कर? और वह भी जब तुम नहीं हो। ना यह मुझसे नहीं होगा।"

मैं जानता था की मेरी बीबी ऐसा ही कुछ कहेगी। मैं तैयार था। मैंने कहा, "अच्छा, एक काम तो तुम कर सकती हो ना? तुम नहाने तो जा ही रही हो ना? तो जब तरुण आये तो तुम तौलिये में घर के अंदर रह कर एक बार उसे दरवाजे के बाहर खड़ा रख कर दरवाजा थोडा सा खोल करअपने दर्शन दे देना। बस? फिर फ़ौरन बाद में चाहे दरवाजा बंद कर देना। उसके बाद देखना क्या वह तुम्हें दरवाजा खोलने के लिए जिद करता है की नहीं? अगर वह तुम्हें दरवाजा खोलने के लिए बार बार मिन्नतें करे तो समझो की वह लम्पट है। अगर वह चुचाप दरवाजे के बाहर खड़ा रहता है ताकि तुम कपडे पहन लो या चला जाता है तो समझो की वह सज्जन है। बस इतना तो तुम कर सकती हो ना? प्लीज मेरी इतनी सी बात तो तुम मान लो?"

दीपा मेरी बात सुनकर कुछ देर चुप सोचती रही, फिर झल्ला कर बोली, "कैसे पति हो तुम? अपनी बीबी के बदन का ही प्रदर्शन करवाने पर तुले हो? देखो तुम यह ठीक नहीं कर रहे हो। मैंने भूल की की तुम्हें इस बात में हाँ कर दी।"

मैंने फ़ोन में ही मेरी बीबी को हाथ जोड़ते हुए कहा, "देखो मैं फ़ोन पर हाथ जोड़ कर कहता हूँ की एक बार तो हम देखें की तरुण कितने पानी में है? अगर तुम्हारे दरवाजे ना खोलने पर वह तुमसे दरवाजा खोलने के लिए जबरदस्ती करे तो तुम दरवाजा मत खोलना। तुम चीखना चिल्लाना या जो चाहे करना। ठीक है?"

आखिर में दीपा ने हथियार डालते हुए झल्ला कर कहा, "ठीक है। तुम मुझे बहुत परेशान कर रहे हो। बस इस बार पहली और आखिरी बार मैं मान रही हूँ। आगे से ऐसे बेतुका काम करने के लिए मुझे मत कहना वरना हमारी लड़ाई हो जायेगी। मैं दरवाजा बंद करके नहाने जा रही हूँ। अगर तुम्हारा दोस्त आ गया तो मैं तौलिये में लिपट कर थोड़ा सा दरवाजा खोलूंगी और उसे थोड़ी देर के लिए अंदर झाँकने दूंगी, पर दरवाजा पूरा नहीं खोलूंगी। उसके बाद फ़ौरन मैगी के पैकेट ले कर तुरंत ही दरवाजा बंद कर दूंगी। बस? मैं उसका इंतजार नहीं करुँगी, और अगर वह उस समय नहीं आया तो मैं चेंज कर लुंगी। फिर तो मैं उसे पुरे कपड़ों में ही मिलूंगी। ओके? लगता है तुम मुझसे कुछ न कुछ उल्टापुल्टा करवाके ही रहोगे पर अगर कुछ गड़बड़ हो गई, तो मुझे दोष मत देना।"

मैं मन ही मन हंस पड़ा। मुझे पता था की मेरी श्रीमती ऐसा ही कुछ कहेगी। इसी लिए मैंने सुबह ही दरवाजे की चिटकनी का ऊपर का हिस्सा पहले से ही निकाल दिया था ताकि चिटकनी लगाने पर भी दरवाजा बंद ना हो।

मैंने कहा, "तुम मेरी डार्लिंग हो मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ और करता रहूंगा। यह करने के लिए मैं तुम्हे जान बुझ कर कह रहा हूँ। यह तो सिर्फ एक मस्ती है। जब वह अपनी शराफत की डिंग मारेगा तब बाद में मैं उसे बहुत चिढ़ाऊंगा। कुछ नहीं होगा। तरुण में उतना दम ही नहीं है की तुम्हें कुछ कर पाए। कुछ होगा तो वह मेरी गलती है, ना की तुम्हारी। मैं तुम्हें कभी भी दोष नहीं दूंगा।"

हमारी बात चित के आधे घंटे में ही तरुण घर पहुंचा और उसने बेल बजाई पर किसीने दरवाजा नहीं खोला। एक दो बार घंटी बजाने के बाद अंदर से दीपा की जोर से आवाज आयी, "कौन है? थोड़ी देर रुको। मैं नहा रही हूँ। आती हूँ।" तरुण दरवाजे के बाहर खड़ा रहा।

कुछ देर हुई तब तरुण ने दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। दीपा ने तो अपनी तरफ से चिटकनी लगाई थी, पर मैंने उसका ऊपर का हिस्सा हटा दिया था जिससे चिटकनी लगाने पर भी वह अंदर से बंद ना हो। जब तरुण अंदर आया तो घर में कोई नहीं था। उसने बाथरूम में नहाने की आवाज सुनी। तरुण समझ गया की दीपा बाथरूम में नहा रही थी। तरुण ड्राइंग रूम में बैठ कर इंतेजार करने लगा।

थोड़ी ही देर में दीपा बाथरूम से बाहर आयी। वह तौलिये में लिपटी हुई थी। दरवाजा खोलने के लिए जब वह ड्राइंग रूम में आयी तब उसने तरुण को देखा। तरुण को ड्राइंग रूम में बैठे हुए देख कर मेरी बीबी के तो होश उड़ गए। उसकी समझ में नहीं आया की तरुण अंदर कैसे आ गया। उसने तो दरवाजा अंदर से बंद किया हुआ था। उधर तरुण ने दीपा को तौलिये में लिपटे हुए देखा तो उसकी तो सिटी पट्टी गुम हो गयी। मेरी बीबी का तौलिया कोई ख़ास बड़ी साइज का तो था नहीं। दीपा को देख कर वह सोफे से उठ खड़ा हो गया। दीपा का आधे से ज्यादा बदन खुला हुआ था। उसके उन्नत स्तनोँ का मस्त उभार दिख रहा था। तौलिया दीपा की जांघों तक दीपा की चूत को ही ढके हुए था। दीपा की सुडौल जांघे तरुण को पागल बना रही थी। दीपा के भीगे हुए बाल उसके मुंह और पुरे बदन पर बिखरे हुए थे। भीगी हुयी दीपा उसे सेक्स की मूर्ति लग रही थी।

जब दीपा ने तरुण को देखा तो वह एकदम चिल्लाने लगी। फिर यह सोच कर एकदम चुप हो गयी की कहीं पड़ौसी उसकी चीख सुनकर भागते हुए आ न जाएँ। वह थोडी सहम कर बोली, "अरे तरुण, तुम? यहाँ, इस वक्त? तुम अंदर कैसे आ गये?"
Reply
10-02-2020, 12:49 PM,
#13
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
तरुण की जबान पर तो जैसे ताला लग गया था। बड़ी मुश्किल से बोला, "दीपा मुझे माफ़ कर दो। मुझे पता नहीं था की तुम नहा रही हो। मैंने घंटी तो बजायी पर दरवाजे पर कोई न आया। मैंने धक्का मारा तो दरवाजा खुला पाया। दीपक ने फ़ोन किया था की तुम्हे मैगी के दो पैकेट चाहिए। वह देर से आयेगा इस लिए उसने यह पैकेट मुझे लाकर तुम्हे देने के लिए बोला।"

जब दीपा मैगी लेने करीब आयी तो तरुण ने दीपा को मैगी के दो पैकेट हाथ में थमाये। पर उसकी नजर तो दीपा के मम्मो पर अटकी हुयी थी। तरुण अपनी नजरें तौलिया और मेरी बीबी के आधे नंगे बदन के बिच में से हटा ही नहीं पा रहा था। हालाँकि दीपा ने तौलिया एकदम ताकत से पकड़ रखा था, दीपा के स्तन तौलिये में समा नहीं रहे थे और बाहर से ही उनके काफी बड़े हिस्से दिखायी दे रहे थे। दीपा की जांघे घुटने से काफी ऊपर तक नंगी थीं। अगर तरुण निचे झुकता और देखता तो उसे मेरी बीबी की रसीली चूत उसकी नज़रों के सामने साफ़ साफ़ दिख जाती। उस समय तरुण का मन किया की वह दीपा को अपने आहोश में कस कर जकड़ ले, उसके तौलिये को एक हाथ से खिंच कर खोल कर फेंक दे, दीपा को नंगी कर दे और वहीँ दीपा को सोफे पर सुला कर उस पर चढ़ जाय और चोद डाले। तरुण का तगड़ा लण्ड उसकी पतलून में खड़ा हो गया।

जब दीपा की नजर तरुण की टांगों के बिच गयी तो उसके होश उड़ गए। तरुण का लण्ड उसकी पतलून में बहोत बड़ा तम्बू बनाये हुए लोहे के हथोड़े की तरह खड़ा साफ़ साफ़ दिख रहा था। मैंने मेरी बीबी को तरुण के लम्बे लण्ड का जो विवरण दिया था वह याद कर मेरी बीबी के तो होश उड़ गए। दीपा को यह एक खतरे की घंटी से कम नहीं लग रहा था। अगर तरुण का दिमाग छटक गया तो यह तय था की तरुण एक झटके में दीपा के तौलिये को खिंच कर फेंक देगा और दीपा को नंगी कर अपना पतलून खोल कर अपना लण्ड बाहर निकालेगा। वह लण्ड एक तगड़ा हथियार बन दीपा की चूत में घुस कर दीपा की चूत को फाड़ के रख देगा। दीपा की जान यह सोच कर उसकी हथेली में आ गयी की अगर ऐसा हुआ तो दीपा की तो ऐसी की तैसी हो जायेगी।

तरुण दीपा के अधनंगे बदन को देख कर अपना नियंत्रण रख नहीं पाया। उसने आगे बढ़ कर दीपा को अपनी बाँहों में ले लिया। दीपा ने तो पहले से ही तरुण के मन के भाव भाँप लिए थे। उसने आपना तौलिया और ताकत से पकड़ा। दीपा की अपनी समस्या थी। वह एक हाथ में तौलिया पकडे थी और दूसरे हाथ में मैगी। वह तरुण का विरोध करने में असमर्थ थी। उसने अपने बदन को हिला हिला कर तरुण के बाहुपाश से छूटने की बड़ी कोशिश की, पर तरुण की ताकत के सामने उसकी एक न चली। दीपा ने देखा की तरुण का लण्ड फूल कर उसकी पतलून में बड़ा टेंट बना रहा था।

तरुण ने उसे अपनी बाहोँ में लपेट कर अपने होठ दीपा के होठ पर रखना चाहा। जब वह दूसरे हाथ से दीपा के तौलिये का एक छोर पकड़कर दीपा का तौलिया खोलने की कोशिश करने लगा तब दीपा ने एक हाथ में पकड़ा मैगी का पैकेट फेंक दिया और उस हाथ से तरुण को धक्का देकर दूर हटाया और भागती हुयी बैडरूम में चली गयी। अचानक उसे ध्यान आया की उसने अपने पीछे बैडरूम का दरवाजा तो बंद नहीं किया था। वह डर के मारे कांप रही थी की कहीं तरुण पीछे पीछे बैडरूम में न आ जाए। पर जब दीपा ने पीछे मुड़कर देखा तो तरुण भौंचक्का सा ड्राइंग रूम में बुत की तरह खड़ा उसे देख रहा था।

तब मेरी बीबी कुछ शांत हुई और उसने बैडरूम का दरवाजा बंद किया और थोड़ी देर में जल्दी से नाईट गाउन पहन कर बाहर आयी। तरुण ड्राइंग रूम में ही था। बरबस ही दीपा की नजर तरुण की टाँगों के बिच गयी। तरुण का तगड़ा लण्ड उस वक्त भी वैसे ही खड़ा का खड़ा था। दीपा ने अपने केश बाँधे नहीं थे। खुले बालों में वो फिर भी उतनी ही सेक्सी लग रही थी। तरुण ने देखा की गाउन के नीचे शायद दीपा ने कुछ और पहना नहीं था। क्योंकि उसके बदन के सारे उभार उसके गाउन में से साफ़ नजर आ रहे थे। उस वक्त तरुण की शक्ल रोनी सी हो गयी।

तरुण ने नीचे झुक कर दीपा से कहा, "भाभी मुझे माफ़ कर दीजिये। आप को उस हालत में देख कर मैं अपने आप को कण्ट्रोल नहीं कर पाया। मैंने बड़ी भारी गलती कर दी। जब तक आप मुझे माफ़ नहीं करेंगे तब तक मैं यहां से नहीं जाऊँगा। और दीपक को इस बारेमें मत बताइयेगा। कहीं वह मुझसे बोलना बंद न कर दे।"

दीपा तो जानती थी की उस ने ही तरुण को उकसाया था। उसे तो पता था की अगर तरुण ने उसे ऐसी हालत में देखा तो क्या होगा। वह शुक्र मना रही थी की तरुण उसके पीछे बैडरूम में नहीं आया। अगर वह आया होता तो दीपा उसे रोक नहीं पाती। दीपा की समझ में यह नहीं आया की दरवाजा तो उसने बंद किया था फिर वह खुल कैसे गया? दीपा ने देखा तो चिटकनी तो ऊपर तक चढ़ी हुई थी।

खैर भगवान का लाख लाख शुक्र की कुछ हुआ नहीं। दीपा ने राहत की साँस ली और थोड़ा सा मुस्करा कर बोली, "तरुण तुम कोई चिंता मत करो। जो हुआ इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है। मुझे भी उस हालात में ड्राइंग रूम में नहीं आना चाहिए था। तुम्हारी जगह कोई और भी तो हो सकता था। तब तो और भी मुसीबत हो जाती। मैं दीपक को कुछ नहीं बताऊंगी। मैं चिल्लाने के लिए शर्मिंदा हूँ। तुम बैठो, मैं तुम्हारे लिए चाय लेकर आती हूँ।" यह कह कर दीपा रसोई में से चाय बना कर ले आयी।

तरुण को चाय देते हुए दीपा ने तरुण से कहा, "माफ़ी तो मुझे भी तुमसे मांगनी है। मैंने तुम्हारी गिफ्ट को नकार दिया था उसके लिए प्लीज मुझे माफ़ कर देना। मैं तुम्हें गलत समझ रही थी। दीपक ने मुझे बताया की तुम वह गिफ्ट उसे पूछ कर ही मुझे दे रहे थे।"

फिर दीपा ने उसे शरारत भरे लहजे में कहा, "तरुण मुझे गिफ्ट देकर तुम ने घाटे का सौदा कर लिया है। अब मुझे वह गिफ्ट चाहिए। और वह ही नहीं और भी गिफ्ट लाते रहना।" ऐसा बोल कर दीपा हँस पड़ी।

तरुण ने भी उसी लहजे में कहा, "भाभी, आपके लिए गिफ्ट तो क्या, मेरी जान भी हाजिर है।"

दीपा ने भी उसी अंदाज में हँसते हुए कहा, "जान तो आप टीना के लिए ही रखना। मुझे तो सिर्फ गिफ्ट ही चाहिए।"

उस दिन जब मैं शाम को घर लौटा तो मैंने देखा की दीपा मुझसे कोई बात नहीं कर रही थी। खाना लगा दिया था तो उसने इशारे से ही बता दिया। काफी गुस्से में लग रही थी। मेरी आँखों से आँखें मिलाने से कतरा रही थी। मैं फ़ौरन समझ गया उस दिन कुछ ना कुछ तो हुआ था। मैं तरुण को तो जानता ही था। अगर मौक़ा मिला तो तरुण दीपा को छोड़ेगा नहीं। खैर जब दीपा का ध्यान नहीं था तब मैंने चिटकनी का ऊपर का हिस्सा फिर लगा दिया।

मैंने सोचा, हो भी सकता है की तरुण ने मेरी बीबी को तौलिये में देखकर कहीं उसे पकड़ कर चोद ही ना दिया हो। मैं चुप रहा। मैंने रात को सोते समय भी पूछने की बड़ी कोशिश की पर वह कुछ ना बोली, उलटा बेटे को हमारे बिच में सुलाकर खुद सो गयी। मैंने एक बार बच्चे के बदन के ऊपर से जब दीपा का हाथ पकड़ा तो दीपा ने मेरा हाथ जोर से झटका मार कर उसे हटा दिया।
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#14
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
मैं चुप रहा। मुझे नींद नहीं आ रही थी। जैसे तैसे मैं कुछ देर सोया पर मुझसे रहा नहीं गया। आखिर में रात को करीब दो बजे मैं उठा और दीपा के पास जा कर सो गया। दीपा को अपनी बाँहों में लेकर मैंने उसे पूछ ही डाला, "डार्लिंग बताओ ना क्या तरुण आया था? क्या हुआ?"

दीपा थकी हुई थी। वह बात करने के मूड में नहीं थी। मैं अपने आपको रोक नहीं पाया। मैंने उसके गाउन में हाथ डाल कर उसकी चूँचियों को मसलते हुए उसे फिरसे पूछा, "डार्लिंग बताओ ना क्या हुआ?"

दीपा अपनी आँखें मसलते हुए बोली, "क्या होना था? जो तुम सोच रहे हो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अब सो जाओ।"

मैंने जिद करते हुए पूछा, "नहीं डार्लिंग बताओ ना, क्या हुआ?"

जब दीपा को लगा की मैं उसे छोडूंगा नहीं, तब वह मेरी बात सुनकर थोडी सी गंभीर हो गयी और बोली, "तुम उस दिन तरुण के बारे में मुझे खरी खोटी सूना रहे थे न? तो सुनो, तरुण निहायत ही शरीफ इंसान है। तुम्हारे कहने पर मैं जब तरुण के सामने तौलिया पहन के आयी तो पता है क्या हुआ? पहले तो मैं हैरान रह गयी जब मैंने पाया की तरुण घर के अंदर है। मेरी समझ में यह नहीं आया की मैंने तो दरवाजा बंद किया था, पर पता नहीं वह खुल कैसे गया?

मैंने तो चिटकनी लगाई थी। शायद मेरी गलती हुई की आननफानन में मैंने दरवाजा ठीक से बंद नहीं किया होगा। जब मैं तौलिया पहन के बाहर निकली तो तरुण तो ड्राइंग रूम में ही बैठा था। उसे वहाँ बैठे हुए देख कर मेरी तो हालत ही खराब हो गयी। मुझे समझ में नहीं आया की मैं क्या करूँ? तरुण भी मुझे तौलिये में आधी नंगी देख कर बौखला सा गया। उसका चेहरा तो देखते ही बनता था। मुझे उस हालत में देखकर उसका क्या हाल हुआ, यह मैं बयान नहीं कर सकती। पर तरुण ने मुझे उस हालत में देख कर भी अपने आप पर बड़ा ही संयम रखा। वह चाहता तो सब कुछ कर सकता था। मैं भी उसे शायद रोक नहीं पाती। हम एक दूसरे के इतने करीब खड़े थे। तब भी उसने कुछ नहीं किया।"

इतना कह कर मेरी प्यारी दीपा कुछ सहम सी गयी। आगे कुछ कहना चाहती थी पर समझ नहीं पा रही थी की कैसे कहे। फिर कुछ देर थम कर उसने धीरे से कहा, "अब मैं क्या कहूं? तुमने तो मुझे मरवा ही देना था। तौलिये में से मेरे बूब्स आधे तो बाहर निकले थे। तौलिया मेरी जाँघों को भी कवर नहीं कर पा रहा था। आज तरुण की जगह कोई और होता तो मुझे चोद ही देता। जब मैं तरुण के सामने आधी नंगी गयी तो क्या होना था? इतना संयम रखते हुए भी, आखिर तो वह भी एक जवाँमर्द तो है ही ना? तुम ही कहते हो की वह वैसे ही मुझे पर कुछ ज्यादा ही फ़िदा है। मुझे सिर्फ तौलिये में आधी से ज्यादा नंगी देखकर कुछ तो होना ही था। वह थोड़ा सा डगमगा जरूर गया। मुझे तौलिये में लिपटी देखकर वह थोड़ा उत्तेजित हो गया और उसने मुझे खिंच कर बाहों में भी ले लिया। पर अपना तौलिया कस के पकड़ कर मैंने उसे जोर से धक्का दिया और मैं फिर बैडरूम की और भाग निकली। तरुण लड़खड़ा गया और घबरा कर मुझे चुपचाप खड़ा देखता ही रहा। हफडाताफड़ी में मैं पीछे बैडरूम का दरवाजा बंद करना भी भूल गयी।

पर देखो, वह मेरे पीछे भाग कर आ सकता था। पर नहीं आया। मानलो की अगर उसने मुझे अपनी बाहों में से छोड़ा नहीं होता, मुझे अगर पकड़ कर के ही रखा होता, और एक झटके में मेरा तौलिया उतार देता तो मैं क्या करती? मैं तो अंदर से बिलकुल नंगी थी। अगर वह चाहता तो उस दिन मेरे साथ सब कुछ कर सकता था। भला उसकी ताकत के सामने मैं कहाँ टिक पाती? पर उसने कुछ नहीं किया।"

यह कहते हुए दीपा की आँखों में आँसूं आ गए। दीपा प्यार भरे गुस्सेसे मेरी छाती पर अपने हाथों से मुझे हलके से पीटते रोते हुए बोलने लगी, "मैंने आज तय किया था की मैं तुमसे बिलकुल बात नहीं करुँगी। अगर तरुण मेरे साथ जबर्दस्ती करता और जबरदस्ती मेरा तौलिया खोल कर फेंक कर एक ही झटके में मुझे नंगी कर देता तो फिर तो हो जाता ना मेरा कल्याण? अगर मैं थोड़ी सी भी असावध रहती तो वह मुझे छोड़ता नहीं। हम अकेले ही थे। शायद मुझे वहीँ पकड़ कर नंगी ही उठाकर बैडरूम में ले जाता और मुझे पलंग पर पटक कर वहाँ मेरे साथ सब कुछ कर डालता।"

मैंने पूछा, "तुम इतनी बहादुर हो कर इतनी डर क्यों रही हो? आखिर क्या कर डालता तरुण?"

दीपा ने मेरी और गुस्से से देखा और बोली, "तुम पूछ रहे हो तरुण मेरे साथ क्या करता? क्या तुम तुम्हारे दोस्त को जानते नहीं? आखिर वह भी तो एक मर्द है। और तुम तो उसे बहोत अच्छी तरह जानते हो। बड़ा वीर्य वाला मर्द है। उस समय उसका लण्ड उसकी पतलून में फुंफकार रहा था। मैंने देखा की उसकी टांगों के बिच उसका लण्ड तो बड़ा तम्बू बना कर खड़ा हो गया था। अरे मौक़ा मिलते ही वह सब कुछ कर डालता। कुछ भी बाकी नहीं छोड़ता। वह तो मुझे किस करने के लिए बेताब था। वह किस करता, मेरे बूब्स मसलता, मेरी गाँड़ सहलाता, पता नहीं और क्या क्या करता? उस नंगी हालत में मुझको देख कर क्या वह मुझे चोदे बगैर छोड़ता क्या? यार उस हालत में तुम भी किसी औरत के साथ होते तो तुम क्या करते? सच बताओ. और तब मैं क्या करती?"

मेरी बीबी ने एकदम गुस्से में मुझे झकझोरते हुए पूछा, "बोलो? मैं क्या करती? मैं चिल्ला भी तो नहीं सकती थी, वरना आसपास वाले सब इकट्ठे हो जाते और बदनामी तो मेरी ही होती न? मैं नंगी, अकेली उसकी ताकत के सामने क्या कर पाती? अगर आज वह मुझे पलंग पर लिटा कर ऊपर चढ़कर अपना लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ देता तो फिर क्या मैं उसे रोक पाती? आज मुझे तरुण चोद ही देता, क्यूंकि तुम तो जानते हो की वह हाथ धो कर मेरे पीछे पड़ा हुआ है। आज उसे मौक़ा मिला था। वह मुझे चोदे बगैर छोड़ता ही नहीं, तब मैं क्या करती? और कोई भी मर्द उसकी जगह होता तो वह मुझे चोदे बगैर छोड़ता क्या?"

दीपा ने मेरी और ताकते हुए पूछा, "बताओ, मैं ठीक कह रही हूँ की नहीं?"

जिस तरह से मेरी बीबी ने मुझे तरुण क्या क्या कर सकता था यह इतने विस्तार से बताया तब मुझे शक हुआ की कहीं उसको अफ़सोस तो नहीं हुआ की तरुण ने ऐसा कुछ नहीं किया? या फिर कहीं ऐसा तो नहीं की मेरी गैर हाजरी में सब कुछ हो चुका था, और मेरी बीबी उसे छुपा रही थी?

जब मैं चुप रहा तो दीपा बोली, "पर देखो यह सच है की तरुण ने ऐसा कुछ नहीं किया। वह मेरे पीछे पीछे बैडरूम में नहीं आया। मैं जब चेंज कर फिर वापस बाहर आयी तो तुरंत उसने मुझसे माफ़ी भी मांगी। तब उसने मुझे छुआ तक नहीं। यह सब जो हुआ इसके लिए मैं तुम्हें जिम्मेवार मानती हूँ। तुम मुझसे ऐसे गलत सलत काम क्यों करवा रहे हो? देखो इसका अंजाम ठीक नहीं होगा। अगर आज मैं थोड़ी सी भी कमजोरी या असहायता दिखा देती तो बापरे तरुण ने मुझसे सब कुछ कर लिया होता और मैं तुम्हें मुंह दिखाने के लायक भी नहीं रहती। पर उसने ऐसा कुछ नहीं किया और मुझे एक बड़ी शर्मिंदगी से बचा लिया।"

एक तरफ मेरी बीबी यह कह रही थी की तरुण ने उसे छुआ भी नहीं पर साथ ही साथ मैं उसने यह भी कह दिया की तरुण ने उसे अपनी बाहों में ले लिया था और मौक़ा मिलता तो तरुण उसे चोद भी डालता। मैं समझ गया की दीपा की समझ में नहीं आ रहा था की वह क्या कहे? मुझे समझ में नहीं आया की मेरी बीबी तरुण की तारीफ़ कर रही थी या शिकायत? जब तरुण ने मेरी बीबी को खिंच कर अपनी बाँहों में ले लिया तो क्या उसे डर था की तरुण उसे कहीं चोद ना डाले? या क्या उसे उम्मीद थी की तरुण उस पर जबरदस्ती कर उसे चोद ही डाले?

दीपा मेरे पास आयी और मुझे अपने हाथों से मेरी छाती पर पिटनेका नाटक करती हुई बोली, "यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है । न तुम मुझे तरुण को उकसाने के लिए कहते और न यह सब होता। मुझे आज इतनी शर्मिंदगी महसूस हो रही है। तरुण ने कुछ नहीं किया पर आज उसने मुझे आधी नंगी तो देख ही लिया। और कहीं न कहीं उसके मन में तुमने मुझे चोदने का आईडिया तो आज डाल ही दिया। यह तुमने अच्छा नहीं किया डार्लिंग।" यह बोलते हुए भी मेरी बीबी का मुंह शर्म से जैसे लाल हो गया।

तब मैंने अपनी बीबी के गाल चूमकर कहा, "जानू, देखो, तुम इतनी परेशान न हो। तरुण ने आज तुम्हें सिर्फ आधा नंगा ही देखा ना? उसने तुम्हें पूरा नंगा तो नहीं देखा ना? स्विमिंग पूल बगैरह में आजकल महिलायें आधी नंगीं क्या, लगभग नंगी ही सबके सामने नहाती भी हैं और घूमती भी हैं। वह ऐसा पहनावा पहनतीं हैं की उनकी चूत की झाँट साफ़ ना हो तो उनके बाल भी दीखते है। और इंटरनेट पर तो पूरी नंगी लडकियां दिखती हैं। कोई रोकटोक नहीं। उनको तो कोई कुछ नहीं कहता? तुमने तो फिर भी तौलिया पहन रखा था।
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#15
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
और जहां तक तुम्हें चोदने के आईडिया की बात है तो क्या तुम यह समझती हो की इसके पहले तरुण के मन में ऐसा आईडिया नहीं आया होगा? तुम्हारे जैसी खूबसूरत बदन वाली सेक्सी औरत को देख कर जिस आदमी का लण्ड इस तरह खड़ा हो जाता हो, क्या उसके मन में तुम्हें चोदने का आईडिया नहीं आया होगा? क्या बच्चों वाली बातें करती हो? अरे! वह तो तुम्हें मन ही मन में कई बार पहले ही चोद चुका होगा और तुम्हें याद करके कई बार मुठ मार कर अपना माल निकाल चुका होगा। यह भी समझलो की तुम्हें याद करते हुए वह अपनी बीबी को भी दीपा समझ कर ही चोदता होगा।"

मेरी बात सुन कर मेरी बीबी हैरानगी से बिना कुछ बोले मुझे काफी देर तक देखती रही। उसके दिमाग में उस समय क्या चल रहा होगा वह समझना मेरे लिए नामुमकिन था। पर मेरी दलील सटीक थी और मेरी बीबी भी समझ रही थी की मैं सही कह रहा था। दीपा समझ चुकी थी की वाकई में ही अगर तरुण को सही मौक़ा मिला और दीपा ने उसका विरोध नहीं किया तो तरुण दीपा को चोदे बगैर छोड़ेगा नहीं। मैंने यह महसूस किया की मेरी बात सुनकर वह गरम जरूर हो गयी। उसने अपनी पोजीशन बदली और मेरे पास आ कर मेरे मुंह से अपना मुंह मिला कर मेरे होंठों को बड़े प्यार से चाटने लगी। फिर धीरे से वह मेरे होँठों को मुंह में चूस कर उसकी जीभ अंदर बाहर करने लगी। जैसे अपनी जीभ से मुझे चोद रही हो। मैं बहुत उत्तेजित हो गया था। मेरे लण्ड में गरम खून दौड़ रहा था। उत्तेजना के मारे मैं अपने आप को सम्हाल नहीं पा रहा था।

दीपा ने मेरी जीभ चूसते हुए अपनी आँखें नचाते हुए मेरी और देख कर पूछा, "मियाँ, अगर आपको लगता है ऐसा है, तो फिर ऐसे जोखिम नहीं लिया करते। अगर आज तुम्हारे दोस्त ने मुझे पकड़ कर मेरा तौलिया निकाल कर मुझे चोद दिया होता, तो तुम क्या करते?"

मैंने उसका जवाब देते हुए कहा, "डार्लिंग, तुम कमाल हो! अगर तरुण ने आज तुम्हें चोद दिया होता तो तुम जरूर कुछ देर तक उसका विरोध करती पर जब और कोई चारा नहीं होता तो आखिर में तुमने उससे प्यार से चुदवा ही लिया होता। अगर तरुण ने तुम्हें चोद दिया होता तो क्या हो जाता? कुछ भी नहीं होता। मैंने तुम्हें पहले ही फ़ोन पर क्या कहा था? मैंने कहा था ना की अगर कुछ ऊपर निचे हो गया तो मैं तुम्हें दोषी नहीं मानूंगा। डार्लिंग, मैंने तो मान लिया था और अभी भी मानता हूँ की तरुण ने तुन्हें चोद ही दिया था। क्या तुमको मेरे चेहरे पर कोई शिकन नजर आयी? अगर तरुण ने तुम्हें चोद दिया है अथवा चोद दिया होता तो भी मैं तुम्हें उतना ही प्यार कर रहा हूँ और उतना ही प्यार करता रहूंगा जितना पहले कर रहा था। जब मैं शाम को घर आया तो मैंने तुम्हें जान बुझ कर कुछ भी नहीं पूछा। और ना ही तुमने मुझे कुछ बताया। जब ऐसा हुआ तो मैं यह समझ ने लगा था की तरुण ने तुम्हें चोद ही दिया होगा। सच बताओ डार्लिंग की यह शक मेरे मन में होते हुए भी की तुम तरुण से चुदवा चुकी हो, क्या तुम्हें मेरे वर्ताव में कोई फर्क नजर आया?"

दीपा ने प्यार से मेरी और देखा और शरारत भरी मुस्कान देते हुए सर हिलाकर "ना" का इशारा किया। फिर मेरी बाँहों में सिमट कर बोली, "डार्लिंग मैं सच कहती हूँ, ऐसा कुछ नहीं हुआ। तुम दुनिया के सबसे अच्छे पति हो। पर मुझे परेशान भी बहुत करते हो।"

मैंने मेरी बीबी की चूँचियों को मसलते हुए कहा, "बीबीजी, मैं जानता हूँ की ऐसा कुछ नहीं हुआ। मैं तुम्हें बहोत अच्छी तरह से जानता हूँ। अगर ऐसा हुआ होता तो मुझे तुम्हारी आँखों से ही पता चल जाता। तुम अपनी नजरें ऊपर ही नहीं उठा पाती। यह मेरा तरिका है अपने आपको और तुम्हें गरम करने का, और जिंदगी को उत्तेजित और रोमांचक बनाने का, जिससे जिंदगी में मजा बना रहे। अगर तुम्हें तरुण ने चोद भी दिया है या चोद दिया होता तो क्या फर्क पड़ना था? मैं भी तो तुम्हें चोदता रहता हूँ? इससे क्या फर्क पड़ता है?"

मेरी बीबी मुझे हैरानगी से देखती रही। उसकी समझ में नहीं आ रहा था की उसका पति किस मिटटी का बना हुआ है। मुझे एक गहरी किस कर मेरे कान में फुसफुसाई, "डार्लिंग, तुम वाकई दुनिया के बेस्ट हस्बैंड हो। आई लव यू।" और यह कह कर दुबारा मेरे होंठों को चूमकर, "अब सोने दो। कल सुबह मुन्नू को स्कूल जाना है। गुड नाईट" कह कर पलट कर सो गयी।

मैंने देखा की उस दिन के बाद तो जैसे तरुण की चांदी हो गयी। पहले दीपा जैसे तरुण से डर रही थी और शङ्का कुशङ्का की नजर से उसे देख रही थी वह डर ख़त्म हो गया। शायद अब मेरी बीबी यह समझ गयी की मौक़ा आने पर वह तरुण को कण्ट्रोल कर सकती थी। इसके बाद दीपा तरुण से कोई औपचारिकता नहीं रखती थी। जब भी तरुण आता तो दीपा ख़ास उसे बात करने ड्राइंग रूम में उसके पास आती और उसके साथ भी बैठ जाती थी। कई बार दीपा तरुण को रसोई में भी बुला लेती और दोनों इधर उधर की बातें करते। मेरे सामने भी दीपा अब तरुण से शर्माती नहीं थी। कई बार मैंने देखा तो वह तरुण के कोई जोक पर तरुण का हाथ पकड़ कर हंसती थी।

परंतु कई बार चोरी छुपी से देखने के बाद भी मुझे यह देख कर निराशा हुई की उन के बिच ऐसी कोई ख़ास जातीयता वाली सेक्स वाली बात नहीं दिख रही थी। हाँ एक बार जरूर मैंने छुप कर देखा की जब तरुण ने दीपा को अपनी बाँहों में जकड़ लिया था तो दीपा हंसती हुई उसे धक्का मार कर वहाँ से भाग निकली थी। अब जब तरुण घर आता तो उसकी आवभगत होने लगी। वह मुन्नू के साथ खेलता और उसको कभी चॉकलेट तो कभी आइसक्रीम ला कर उसने मुन्नू का मन जीत लीया। दीपा के साथ भी उसने काफी दोस्ती बनाली थी।
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#16
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
मैं जब नहीं रहता था तब भी तरुण आता जाता रहता था। जब भी तरुण मेरी अनुपस्थिति में आता तब मुझे तरुण और दीपा दोनों बता देते थे। दीपा तरुण को छोटे मोटे काम भी बताने लग गयी थी। तरुण कभी मेरी अनुपस्थिति में सब्जी लाता तो कभी ग्रोसरी। मैंने महसूस किया की धीरे धीरे तरुण और मेरी पत्नी दीपा के बिच कुछ कुछ बात बन रही थी। दीपा के मनमें तरुण के प्रति अब पहले जितना शक और डर नहीं रहा था।

इसका फायदा मुझे भी तो होना ही था। अब तरुण मुझ पर और भी मेहरबान होने लगा। एकदिन अचानक ही वह घर आया। दीपा रसोई में व्यस्त थी। मैंने उसे हालचाल पूछा। हम दोनों खड़े थे की अचानक उसके हाथमे से एक लिफाफा निचे गिरकर मेरे पांव पर पड़ा। मुझे ऐसा लगा जैसे तरुणने लिफाफा जान बुझ कर गिराया था। मैंने झुक कर जैसे उसे उठाया तो उसमे से एक तस्वीर फिसल कर बहार निकल पड़ी। वह तस्वीर उसकी पत्नी टीना की थी।

वह समंदर के किनारे बिकिनी पहने खड़ी थी। उसकी नशीली आँखें जैसे सामने से खुली चुनौती दे रही थी। उसके मद मस्त उरोज जैसे उस बिकिनी में समा नहीं रहे थे। छोटी सी लंगोटी की तरह की एक पट्टी उसकी भरी हुई चूत को मुश्किल से छुपा पा रही थी। उसके गठीले कूल्हे जैसे चुदवाने का आवाहन कर रहे थे। उसे देख कर मैं थोड़े समय तो बोल ही नहीं पाया। मैं एकदम हक्का बक्का सा रह गया।

अचानक मुझे ध्यान आया की तरुण मुझे घूर कर देख रहा है। मैं खिसिया गया और हड़बड़ा कर बोला, "यार, सॉरी। मुझे यह देखना नहीं चाइये था।"

तरुण एकदम हंस पड़ा और बोला, "तुम क्यों नहीं देख सकते? उस दिन उस बीच पर पता नहीं कितने लोगों ने टीना को इस बिकिनी में आधा नंगा देखा था। तुम तो फिर भी अपने हो। अगर तुम होते तो तुम भी जरूर देखते। अगर तुम्हारे पास दीपा की ऐसी तस्वीर होती तो क्या तुम मुझे नहीं दिखाते? बल्कि मैं तो कहता हूँ को चलो ना एक बार स्विमिंग पूल में अपनी बीबियों को लेकर स्विमिंग करने चलते हैं। फिर तो हम दोनों ही एक दूसरे की बीबियों को बिकिनी में आधी नंगी देख सकते हैं। उन्हें छेड़ भी सकते हैं। क्या कहते हो?"

उसके इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मैंने अपनी मुंडी हिलाते हुए कहा, " बात तो ठीक है। पर पता नहीं, दीपा तैयार होगी या नहीं। वह शायद मना कर देगी। और जहां तक दीपा की आधी नंगी तस्वीर का सवाल है, मैं भी तो तुम्हे जरूर दिखाता। पर मेरे पास दीपा की ऐसी तस्वीर है नहीं।" मेरे मन में आया की मैं तरुण को बताऊँ की उसने तो मेरी बीबी को आधी नंगी उस दिन देख ही लिया था। पर मैं चुप रहा।

तरुण ने हँसते हुए पूरा लिफाफा मेरे हाथ में थमा दिया और बोला, "इस लिफाफे में हमारे हनीमून की सारी तस्वीरें हैं। इसमें टीना के, मेरे और हमारे दोनों के साथ साथ बड़े सेक्सी पोज़ हैं। तुम इन्हें जी भर के देख सकते हो। मैं तुमसे कुछ भी छिपाना नहीं चाहता। तुम चाहो तो इसे दीपा के साथ भी शेयर कर सकते हो। भाई , मैं तुम दोनों में और हम दोनों में कोई फर्क नहीं समझता। मेरे लिए टीना और दीपा भाभी में कोई फर्क नहीं है, वैसे ही तुम भी दीपा भाभी और टीना में कोई फर्क मत समझना।"

उसकी बात पहले तो मेरी समझ में नहीं आई, पर उसके चले जाने के बाद जब में उसकी बात पर विचार कर रहा था तब मैं धीरे धीरे उसका इशारा समझने लगा। जैसे जैसे मैं सोचता गया तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। उसकी बात के मायने बड़े गहरे थे। मुझे ऐसा लगा जैसे वह यह संकेत दे रहा था की उसकी बीबी और मेरी बीबी में कोई अंतर नहीं है। उसका मतलब यह था की मेरी बीबी उसकी बीबी और उसकी बीबी मेरी बीबी भी हो सकती है। साफ़ शब्दों में कहें तो वह बीबियों की अदलाबदली मतलब एक दूसरे की बीबी की चुदाई की तरफ इशारा कर रहा था। तरुण ने जैसे बात बात में अपने मन की बात कह डाली।

जैसे जैसे मैं सोचता गया मुझे उसका सारा प्लान समझ में आने लगा। मैं भी तो वही चाहता था जो वह चाहता था। फिर ज्यादा सोचना कैसा?

फिर मेरे मनमे एक कुशंका आई। कहीं मैं अपनी प्रिय पत्नी को खो तो नहीं दूंगा? कहीं वह तरुण की आशिक तो नहीं बन जायेगी? पर यह तो हो ही नहीं सकता था क्यूंकि तरुण भी तो उसकी बीबी को बहुत चाहता था। उसकी एक बच्ची भी तो थी। हमारा भी तो मुन्नू था। शंका का तो तुरंत समाधान हो गया। हाँ एक बात जरूर थी। एक बार शर्म का पर्दा हट जानेसे, यह हो सकता है की तरुण दीपा को बार बार चोदना चाहे, या दीपा बार बार तरुण से चुदवाना चाहे। तब मैंने यह सोचकर मन को मनाया की आखिर तरुण और दीपा समझदार हैं। वह अगर चोदना चाहे भी तो मुझसे बिना पूछे कुछ नहीं करेंगे। यदि मेरी मर्जी से ही यह होता है तो भला, मुझे तरुण और दीपा की चुदाई में कोई आपत्ति नहीं लगी।
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#17
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दूसरे दीपा समझदार थी। वह मुझे पूछे बिना कुछ भी ऐसा नहीं करेगी जिससे हमारा घर संसार आहत हो। यदि मान लिया जाये की तरुण बहक जाता है, तो दीपा फिर तरुण को कंट्रोल कर सकती है। मैं जानता था की दीपा एक शेरनी की तरह है। वह यदि चाहे तो तरुण को घरमें घुसने भी न दे। उसने पहले कई बार तरुण को हड़का दिया था। तरुण अपनी बीबी से भी तो डरता था। किसी एक को बहकने से रोकने के लिए तीन लोग खड़े थे, बच्चों को इस गिनती में शामिल न किया जाय तो। मेरी इस शंका का भी भलीभांति समाधान हो गया। सबसे बड़ी बात यह थी की दीपा मुझे बहुत चाहती थी और मैं जानता था की सेक्स और प्रेम का अंतर वह जानती थी। शंका का तो तुरंत समाधान हो गया।

मैंने सोचा की शंका कुशंका करते रहेंगे तो आगे बढ़ नहीं सकते। आखिर कुछ पाने के किये कुछ समझौता तो करना पड़ता ही है। और फिर हम सब कहाँ एकसाथ सारी ज़िन्दगी रहने वाले थे। अब बात थी पत्नियों को पटाने की। यह एक बड़ी चुनौती थी।

फिर मेरे मनमें एक बात आई। दो औरतों को एकसाथ चुदवाने के लिए राज़ी करना मुझे कठिन लगा। वैसे ही औरतें बड़ी ईर्षालु होती है। वह अपने पति को दुसरी औरत को चोदते हुए देख सके यह मुझे मुश्किल सा लग रहा था। ऐसा करने की बात करने से पहले मैंने सोचा क्यों न पहले हम दो मर्द मिलकर कोई भी एक बीबी को तैयार करते हैं।

एक बीबी को अगर हमने फाँस लिया तो दूसरी आराम से फँस जायेगी। एक फँस गयी तो फिर वह दुसरी को जरूर चुदवाने के लिए तैयार करेगी। तब तक मैं टीना के करीब जा नहीं पाया था। तरुण ने तो कुछ हद तक मेरी बीबी पर अपना चक्कर चलाना शुरू कर ही दिया था। मैं भी तो पहले दीपा को चुदवाने का मजा लेना चाहता था। मेरे मनमे मेरी बीबी दीपा को तरुण से चुदवाने का एक तरह का पागलपन सवार हो गया था।

वैसे मेरे मन में बड़ी प्रखर इच्छा थी की मेरी बीबी भी एक बार गैर मर्द का टेस्ट करे। मैं देखना चाहता था की मेरे सामने दूसरा मर्द कैसे मेरी बीबी को चोदता है, मेरी बीबी कैसे उससे चुदवाती है और मैं भी दूसरे मर्द के साथ मिलकर कैसे मेरी बीबी को चोदता हूँ।

कई बार मैंने देखा था की मैं तो झड़ गया था पर मेरी बीबी नहीं झड़ पाई और अपना मन मसोस कर रह गयी। अगर दीपा को दो मर्द चोदते हैं तो साफ़ बात है की वह भी ओर्गाज़म का ज्यादा से ज्यादा मजा ले सकती है। उसको बार बार झड़ने से वह बहुत एन्जॉय करेगी। यही बात को सोच कर मैं जोश में आ गया। तरुण और दीपा की केमिस्ट्री देख कर में पागल सा हो रहा था। मैं दीपा को तरुण से चुदवाने के बारें में गम्भीरता से सोचने लगा।

तरुण का मेरी पत्नी की और आकर्षण (आकर्षण से ज्यादा उपयुक्त शब्द था पागलपन) को मैं भली भांति जानता था। तरुण को दीपा की और से थोड़ा सा भी सकारात्मक रवैया दिखाई दिया तब तो तरुण दीपा का पीछा नहीं छोड़ेगा। यह बात तो मेरी बीबी ने खुद मुझसे कही थी की अगर उस दिन मौक़ा मिला होता और अगर मेरी बीबी ने थोड़ी सी भी असहायता, असावधता या निष्क्रियता दिखाई होती तो तरुण उसे चोद ही देता।

उस दिन एक बार गलती से दीपा को दीपा की मर्जी के बगैर आधी नंगी देख लेने से ही तरुण दीपा को चोदने के लिए इतना उतावला हो गया था की अगर उस समय थोड़ा सा भी चांस मिलता तो दीपा ने भी कुबूल किया था की तरुण दीपा को नंगी कर देता और तब दीपा तरुण को उसे चोदने से रोक नहीं पाती। तो कहीं दुबारा ऐसा कुछ हुआ और तरुण ने दीपा को थोड़ा सा भी पिघलते देखा और उसे दीपा को फाँसने का मौक़ा मिला तो फिर तो मुझे पता था की वह किसी ना किसी तरह दीपा को चुदवाने के लिए मजबूर कर ही देगा और तब तरुण दीपा को चोदे बगैर छोड़ेगा नहीं। अगर उसे मेरी बीबी को चोदने का मौक़ा मिला तो फिर तो तरुण ख़ुशी ख़ुशी टीना को मुझसे चुदवाने के लिए तैयार करने की भरसक कोशिश करेगा इस बातका मुझे पूरा यकीन था।

दूसरे, तब दीपा भी टीना को राजी कर लेगी। मैं जानता था की यदि दीपा चाहेगी तो टीना को जरूर तैयार कर सकती है। पर इसके लिए पहले दीपा के अवरोध का बाँध तोड़ना जरुरी था।

दीपा को गरम करने के लिए मैं अनायास ही तरुण की बात छेड़ देता था। बातों बातों में मैं कुछ न कुछ ऐसे विषय ला देता था की दीपा गरम हो जाए। मैंने एक रात जब दीपा थकी हुयी थी और सोने जा रही थी, तब उसको गर्म करने के इरादे से तरुण के बारेमें बात छेड़ी। मैंने वह लीफाफा निकाला जिसमें टीना और तरुण के सेक्सी पोसेस वाली तस्वीरें थी। दीपा एक के बाद एक तस्वीरें देखने लगी। मैंने टेढ़ी नजर से देखा की दीपा टीना में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रही थी, पर तरुण की छोटे से जांघिये में उस के उठे हुए लण्ड वाली तस्वीरों को वह थोड़े ज्यादा ही ध्यान से देख रही थी।

एक फोटो में तो तरुण के जांघिये में से तरुण के लण्ड की शायद उसकी बीबी टीना ने एक ऐसी फोटो ली थी जिसमें ऐसे दिख रहा था जैसे एक बड़ा अजगर बड़ी मुश्किल से तरुण की टाँगों के बिच में छुप कर उतनी छोटी सी जगह में समा नहीं पा रहने के कारण तरुण का जांघिया फाड़ कर जैसे बाहर निकलने वाला ही था।

उस फोटो से साफ़ जाहिर हो रहा था की तरुण का लण्ड कम से कम १० इंच से भी शायद ज्यादा लंबा और काफी मोटा होगा। क्यूंकि वह निकर में इतना बड़ा तम्बू बनाकर खड़ा हुआ दिख रहा था। तरुण के जांघिये में टांगों के बिच इतना बड़ा तम्बू जैसा दिख रहा था की यह देख कर दीपा के मुंह से अनजाने में सिटी निकल गयी और वह बोल पड़ी, "बाप रे बाप! कितना बड़ा है?"

मैं समझ तो गया था की वह तरुण के लण्ड के बारे में ही बात कर रही थी फिर भी मैंने अनजान बनते हुए पूछा "डार्लिंग, क्या बात है, क्या बड़ा है?" तब मेरी बीबी ने झूठ बोला की वह तो इतने बड़े समंदर के बीच के बारेमें कह रही थी।

उनमें कुछ ऐसी भी तस्वीरें थीं जिसमें उनके बैडरूम में टीना के ऊपर तरुण चढ़ा हुआ था। हालांकि दोनों ने कपडे पहने हुए थे फिर भी यह साफ़ था की वह चुदाई की अदाएं दिखा रहे थे। कुछ तस्वीरों में तरुण और टीना लगभग नंगे चुदाई करते हुए दिख रहे थे। तरुण ने जाँघिया तो पहन रखा था, पर यह साफ़ था की वह अपना लण्ड जांघिये में से बाहर निकाल कर अपनी बीबी को चोद रहा था। घने बालों से भरी हुईं तरुण की नंगी जाँघें टीना की साफ़ सुथरी गोरी नंगी जाँघों के बिच में दिखाई दे रहीं थीं। टीना ने कोई कपडे नहीं पहने थे बस चद्दर से अपना बदन ढकने की नाकाम कोशिश करती दिख रही थी। हालांकि तरुण का लण्ड और टीना की चूत और बॉल दोनों के बदन के बिच में ढके हुए थे।

ऐसी तस्वीरों को देख कर दीपा कुछ खिसिया गयी। मेरी बीबी ने मेरी और टेढ़ी नजर से देखा। पर पहले ही मैंने अपनी आँखें वहां से हटा ली थीं। थोड़ी सेहमी सी दीपा बोली, "यह लोग बड़े बेशर्म हैं। कैसी तस्वीरें खिंचवाते हैं? ऐसी तस्वीरें किस से खिंचवाईं होंगीं? क्या किसी के सामने कोई भला ऐसे करता है?"

मैंने मेरी बीबी के गुलाबी गालों को हलकी सी चूंटी भरते हुए कहा, "डार्लिंग यह तस्वीरें किसी ने नहीं खींची। यह ऑटो मोड में ही खींचीं जातीं हैं। आप कैमरा को टाइमर से सेट कर दो और फिर पोज़ दो। कैमरा अपने आप ही तस्वीर खींच लेगा।"

मैंने फिर मेरी बीबी को चिढ़ाने के लिए कहा, "और फिर इसमें बेशर्मी की क्या बात है? पति पत्नी हनीमून में अगर चुदाई नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? वैसे दीपा, एक बात तो तुम भी मानोगी, की टीना ना सिर्फ सुन्दर है बल्कि गजब की सेक्सी भी है।"

दीपा ने फ़ौरन मेरी तरफ टेढ़ी नजर करके कहा, "बेशक टीना बहुत सुन्दर है और इन तस्वीरों में तो बड़ी सेक्सी भी लग रही है। पर क्या तुम्हें टीना मुझसे भी ज्यादा सुन्दर और सेक्सी लग रही है?"

मैंने मेरी बीबी की बातों का क्या जवाब देता? मैंने कहा, "खैर यह तो उनके हनीमून की तस्वीरें हैं। पर मौक़ा मिला तो मैं भी किसी दिन तरुण को दिखा दूंगा की मेरी बीबी दीपा भी टीना से कम सुन्दर या कम सेक्सी नहीं है। यह तो मेरी बीबी का बड़प्पन है की सेक्सी ड्रेस पहनती नहीं है, वरना मेरी बीबी का मुकाबला कोई भी औरत नहीं कर सकती।"

मेरी बात सुनकर मेरी सीधीसादी बीबी गरम हो गयी और दीपा का चेहरा ख़ुशी और गौरव से खिल उठा। वह मेरी बाँहों में आकर मुझे चूमने लगी। मेरी बीबी ने कहा, "दीपक, क्या तुम सच कह रहे हो? डार्लिंग, शादी के इतने सालों के बाद भी तुम मुझे इतना चाहते हो, मुझे इतनी सेक्सी और सुन्दर मानते हो यह मुझे बहोत अच्छा लगता है।"

मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "जब तरुण ने मुझे टीना की ऐसी आधी नंगी सेक्सी तस्वीरें देखते हुए पकड़ लिया तो मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुयी। मैंने तरुण से माफ़ी मांगी। तब तरुण ने क्या कहा मालुम है?"

दीपा ने मेरी तरफ सवालिया नजर से देखते हुए अपनी उत्सुकता को दबाने का प्रयास करते हुए पूछा "क्या कहा तरुण ने?"

मैंने कहा, "तरुण ने कहा, टीना की ऐसी आधी नंगी तस्वीर यदि मैंने देख ली तो क्या हुआ? उसे तो उस समय बीच पर सैकड़ों लोगो ने आधी नंगी बिकिनी में देखा था। उसने कहा हम दोनों कपल में क्या अंतर है? टीना और दीपा या दीपक और तरुण सब एक ही तो हैं? हम को हमारे बिच ऐसा कोई अंतर नहीं रखना चाहिए।" मैंने फिर दीपा से पूछा, "कुछ समझी?"

दीपा बोली, "हाँ, सही तो है। हम दोनों कपल अब इतने करीब हैं की हम में एक तरहकी आत्मीयता है। तरुण हो या तुम हो दोनों अपने ही हैं। हमें कोई फर्क नहीं समझना चाहिए। उसने ठीक ही कहा। उसमें सोचने की क्या बात है?"

तब मैंने दीपा के गाल पर चूंटी भरते हुए कहा, "हाय मेरी बुद्धू बीबी। तू इसका मतलब नहीं समझी। तरुण का कहने का मतलब ये था की चाहे तरुण हो या मैं, तुम्हारे लिए दोनों बराबर होने चाहिए। और चाहे तरुण हो या मैं, टीना के लिए भी दोनों बराबर होने चाहिए। इसका मतलब समझी?"
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#18
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा फिर भी भोलेपन से मुझे ताकती रही तब मैंने कहा, "हे भगवान्, मेरी बीबी कितनी बुद्धू है। अरे तरुण यह इशारा कर रहा था की चाहे तुम हो चाहे टीना हो तरुण के लिए दोनों पत्नीयां जैसी ही हैं। वैसे ही तुम्हारे लिए और टीना के लिए भी मैं और तरुण दोनों उसके पति जैसे ही हैं। इसका मतलब है तरुण तुम्हारा पति जैसा है और टीना मेरी पत्नी जैसी है। इसका मतलब साफ़ है की हम एक दूसरे की पत्नियों की अदलाबदली कर सकते हैं। मतलब हम एक दूसरे की पत्नियों को चोद सकते हैं।"

यह सुनकर दीपा एकदम अकड़ गयी और बोली, "यह क्या बात हुई। भाई एक दूसरे की बीबियों के साथ थोड़ा मिलना जुलना, थोड़ी शरारत अथवा थोड़ी सी छेड़खानी ठीक है, पर अदलाबदली की बात कहाँ से आई? बड़ी गलत बात कही तरुण ने अगर उसका यह मतलब समझता है वह तो। पर मुझे लगता है शायद उसका कहनेका वह मतलब नहीं था। यह सब बातें तुमने ही बनायी लगती है। तुम्हारे दिमाग में तो हमेशा सेक्स छाया रहता है। शायद तुम्हारी समझने में भूल हुई है। तरुण ऐसा बोल नहीं सकता। मेरे ख़याल से तो वह बंदा सीधा सादा है।" मैं अपने ही मन में मेरी सरल पत्नी की यह बात सुन कर हंस रहा था। तरुण और सीधा सादा?"

मैंने तीर निशाने पर लगाने के लिए कहा, "तरुण ने और क्या कहा सुनोगी?" दीपा ने अपनी मुंडी हिला कर हाँ कहा।

मैंने कहा, 'तब तरुण ने मुझसे पूछा, अगर तुम्हारी ऐसी आधी नंगी तस्वीरें हों तो मैं उनको तरुण के साथ शेयर नहीं करूँगा क्या? मैं क्या बोलता? मैंने कहा हाँ जरूर करूँगा। तब तरुण ने मुझे एक और बात कही। उसने कहा क्यों ना हम चारों यहीं पर जो पांच सितारा होटल है उसके स्विमिंग पूल मेँ एक बार स्विमिंग करने जाएँ? तब तो तुम और टीना दोनों ही बिकिनी में आधे नंगे दिखोगे?"

दीपा यह सुनते ही एकदम सहम गई। वह मुझ से नजर भी मिला नहीं पा रही थी। शर्म से उसका मुंह लाल होगया था। दीपा सोचमें पड़ गयी और बोली, "यदि मेरी ऐसी तस्वीर तुम्हारे पास होती तो क्या तुम तरुण को दिखाते? यह बात तो ठीक नहीं। पर खैर मेरी ऐसी तस्वीरें कहाँ है, जो तुम तरुण को दिखाओगे? हम तो हनीमून पर कहीं गए ही नहीं। और जहां तक स्विमिंग पूल में बिकिनी पहन कर जाने का सवाल है तो मेरे पास तो कोई बिकिनी है ही नहीं। तो हम तो जा नहीं सकते। भले ही वह दोनों चले जाएँ।" दीपा के चेहरे पर निराशा सी छा गयी।

मैंने उसे सांत्वना देते हुए कहा, " अरे मैं बिकिनी भी ले आऊंगा और मैं भी तरुण को दिखा दूंगा की मेरी बीबी टीना से कम सेक्सी नहीं है। अब तो तुम्हें और मुझे ऐसे तस्वीरें खिंचवानी पड़ेंगी।"

दीपा से पट से बोली, "ताकि तुम मेरी आधी नंगी तस्वीरों को तरुण को दिखा सको?"

मैंने सीधे ही पूछा, "हाँ, वो तो मुझे दिखानी ही पड़ेंगी। मैंने वचन जो दे दिया है तरुण को। भाई तुम्हें तो ऐतराज़ नहीं होना चाहिए। क्यों की वैसे भी तरुण ने तो तुमको आधी नंगी उस दिन देख ही लिया था न, जिस दिन तुम तौलिया में लिपटी हुई तरुण के सामने आयी थी?"

दीपा ने मुझे नकली घूंसा मारते हुए कहा, "चलो हटो, वह तो तुम्हारी ही शरारत थी। तुम क्यूँ चाहते थे की मैं तरुण को उकसाऊँ? मुझे लगता है की तुमने ही वह चाल चली थी, मुझे फँसाने के लिए। तुम क्या चाहते थे? तुम्हारा आईडिया मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा। देखो दीपक, तुम मेहरबानी कर के मुझे गलत सलत चक्कर में मत फाँसो। मेरे जज्बात से प्लीज मत खेलो। आखिर मैं भी एक इंसान हूँ। मेरी भी कमजोरियाँ हैं।"

जब दीपा ने मुझे कहा की उसकी भी कमजोरियाँ हैं, तो मैं समझ गया की दीपा काफी पिघल चुकी है। तरुम की करतूतों का उस पर भी असर हुआ है। दीपा मुझ से एकदम सट रही थी और गरम हो गई थी। उस रात भी हमने खूब जोर शोर से सेक्स किया। अब तो मुझे दीपा को गरम करने की चाभी सी जैसे मिल गयी थी। जब भी दीपा थकान का बहाना करके सोने के लिए जाती और अगर मेरा मूड उसे चोदने का होता तो मैं तरुण की कोई न कोई रसीली बात छेड़ देता। कई बार तो मुझे बाते बनानी पड़ती थी। परन्तु मेरी बुद्धू बीबी यह समझ नहीं पाती थी की मैं उसे चोदने के लिए तैयार करने के लिए यह सब सुना रहा था। या फिर पता नहीं, शायद वह समझ गयी थी की मैं क्या चाहता था पर दिखावा कर रही थी जैसे वह समझ नहीं पा रही थी की मैं क्या चाहता था। खैर हर हालात में अब मुझे इसी बात को आगे बढ़ाने के लिए अग्रसर होना था।

पर मुझे कुछ ज्यादा करने की जरुरत नहीं पड़ी। बात अपने आप ही बनने लग रही थी। एक दिन तरुण घूमते घूमते मुझे मिलने आया। मैं उस दिन टीवी पर मेरा मन पसंद एक खास मैच देख रहा था। तब दीपा ने रसोई में से मुझे आवाज़ दी। वह मुझे ऊपर के शेल्फ से एक डिब्बा उतारने के लिए कह रही थी। मैंने तरुण से कहा की जाओ और दीपा की मदद करो, मैं टीवी देखने में व्यस्त था। यह सुनकर तरुण एकदम रसोई में पहुंचा तो देखा की दीपा को ऊपर के शेल्फ से एक आटे का भरा हुआ डिब्बा उतारना था।

तरुण ने दीपा से कहा, "भाभी आप हट जाओ। मैं दो मिनट में डिब्बा उतार दूंगा।"

दीपा ने जिद पर अड़े रहते हुए कहा, "क्यों? तुम क्यों उतारोगे? तुम्हारे भाई नहीं आ सकते क्या? यह उनका काम है।"

उसके बुलाने पर भी मैं रसोई में नहीं गया उस बात से दीपा चिढ़ी हुयी थी। उसके सर पर एक तरह का जूनून सवार था की या तो मैं जा कर उस डिब्बे को उतारूंगा या तो फिर वह स्वयं वह उतारेगी। किसी और (मतलब तरुण) की मदद नहीं लेगी। जब मैं नहीं पहुंचा तो तरुण ने देखा की दीपा खुद रसोई के प्लेटफार्म के ऊपर चढने की कोशिश करने लगी। प्लेटफार्म की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण वह ऊपर चढ़ नहीं पा रही थी। दीपा ने अपना एक पॉंव ऊपर उठाया और प्लेटफार्म पर रखा तो उसकी साड़ी सरक कर कमर पर आ गयी और उसकी जांघें तरुण के सामने ही नंगी हो गईं।

तरुण की शक्ल उस समय देखने वाली थी। वह दीपा की खूबसूरत जाँघें देख भौंचक्का सा रह गया। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। जब दीपा ने तरुण के चेहरे के भाव देखे तो वह कुछ सकपका कर खड़ी हो गयी। उसने अपनी साडी ठीक की। तरुण ने अपने आप को सम्हाला और दुबारा दीपा को कहा, "भाभी, मुझे उतारने दो। मैं लम्बा हूँ और यह डिब्बा आसानी से उतार लूंगा।"

दीपा ने उसके जवाब में कहा, "देखो यह काम तुम्हारे भैया का है। या तो वही आकर उतारेंगे, या तो मैं खुद ऊपर चढ़ कर उसे उतारूंगी।"

तरुण ने कहा, "तो ठीक है भाभी आप ही डिब्बे को उतारिये। चलिए आप चढ़ जाइये प्लेटफार्म के ऊपर। मैं आपकी मदद करता हूँ।"

यह कह कर अचानक तरुण ने मौक़ा देख कर दीपा के जवाब का इंतजार किये बगैर दीपा के कन्धों को पकड़ कर दीपा को घुमा कर रसोई के प्लेटफार्म के सामने खड़ा किया, और खुद दीपा के पीछे हो गया। दीपा को उठाने के लिए तरुण ने काफी निचे झुक दीपा की साड़ी और घाघरा काफी ऊपर उठा कर दीपा की टाँगों के बिच अपने दोनों हाथ डाल दिए। मुझे पक्का यकीन था की उस समय दीपा की चूत को तरुण की बांहों ने जरूर छुआ होगा और रगड़ा भी होगा। फिर तरुण ने दीपा के कूल्हे में पीछे से अपना सर लगाया और दीपा को पीछे से बड़ी ताकत लगाकर ऊपर उठाया।

बाप रे, मुझे जब बाद में पता लगा तो मेरे लण्ड से जैसे पानी झरने लगा। पीछे जाते समय थोड़ी देर के लिए ही सही, पर उसने अपना लण्ड दीपा के कूल्हे में घुसेड़ कर उसे एकाध धक्का जरूर मारा होगा। एक बार अपना हाथ आगे कर दीपा के बूब्स उसने जरूर दबाये होंगे! दीपा की जाँघों को जकड़ कर अपने हाथ की उंगलियां जरूर दीपा की पैंटी के ऊपर से उसकी चूत में डाली होंगी। यह सब तरुण के लिए कितना रोमांचक होगा! उस समय तरुण का क्या हाल हुआ होगा यह समझना मुश्किल नहीं था। जरूर उसने काफी कुछ शरारत की होगी।
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#19
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दूसरे दीपा समझदार थी। वह मुझे पूछे बिना कुछ भी ऐसा नहीं करेगी जिससे हमारा घर संसार आहत हो। यदि मान लिया जाये की तरुण बहक जाता है, तो दीपा फिर तरुण को कंट्रोल कर सकती है। मैं जानता था की दीपा एक शेरनी की तरह है। वह यदि चाहे तो तरुण को घरमें घुसने भी न दे। उसने पहले कई बार तरुण को हड़का दिया था। तरुण अपनी बीबी से भी तो डरता था। किसी एक को बहकने से रोकने के लिए तीन लोग खड़े थे, बच्चों को इस गिनती में शामिल न किया जाय तो। मेरी इस शंका का भी भलीभांति समाधान हो गया। सबसे बड़ी बात यह थी की दीपा मुझे बहुत चाहती थी और मैं जानता था की सेक्स और प्रेम का अंतर वह जानती थी। शंका का तो तुरंत समाधान हो गया।

मैंने सोचा की शंका कुशंका करते रहेंगे तो आगे बढ़ नहीं सकते। आखिर कुछ पाने के किये कुछ समझौता तो करना पड़ता ही है। और फिर हम सब कहाँ एकसाथ सारी ज़िन्दगी रहने वाले थे। अब बात थी पत्नियों को पटाने की। यह एक बड़ी चुनौती थी।

फिर मेरे मनमें एक बात आई। दो औरतों को एकसाथ चुदवाने के लिए राज़ी करना मुझे कठिन लगा। वैसे ही औरतें बड़ी ईर्षालु होती है। वह अपने पति को दुसरी औरत को चोदते हुए देख सके यह मुझे मुश्किल सा लग रहा था। ऐसा करने की बात करने से पहले मैंने सोचा क्यों न पहले हम दो मर्द मिलकर कोई भी एक बीबी को तैयार करते हैं।

एक बीबी को अगर हमने फाँस लिया तो दूसरी आराम से फँस जायेगी। एक फँस गयी तो फिर वह दुसरी को जरूर चुदवाने के लिए तैयार करेगी। तब तक मैं टीना के करीब जा नहीं पाया था। तरुण ने तो कुछ हद तक मेरी बीबी पर अपना चक्कर चलाना शुरू कर ही दिया था। मैं भी तो पहले दीपा को चुदवाने का मजा लेना चाहता था। मेरे मनमे मेरी बीबी दीपा को तरुण से चुदवाने का एक तरह का पागलपन सवार हो गया था।

वैसे मेरे मन में बड़ी प्रखर इच्छा थी की मेरी बीबी भी एक बार गैर मर्द का टेस्ट करे। मैं देखना चाहता था की मेरे सामने दूसरा मर्द कैसे मेरी बीबी को चोदता है, मेरी बीबी कैसे उससे चुदवाती है और मैं भी दूसरे मर्द के साथ मिलकर कैसे मेरी बीबी को चोदता हूँ।

कई बार मैंने देखा था की मैं तो झड़ गया था पर मेरी बीबी नहीं झड़ पाई और अपना मन मसोस कर रह गयी। अगर दीपा को दो मर्द चोदते हैं तो साफ़ बात है की वह भी ओर्गाज़म का ज्यादा से ज्यादा मजा ले सकती है। उसको बार बार झड़ने से वह बहुत एन्जॉय करेगी। यही बात को सोच कर मैं जोश में आ गया। तरुण और दीपा की केमिस्ट्री देख कर में पागल सा हो रहा था। मैं दीपा को तरुण से चुदवाने के बारें में गम्भीरता से सोचने लगा।

तरुण का मेरी पत्नी की और आकर्षण (आकर्षण से ज्यादा उपयुक्त शब्द था पागलपन) को मैं भली भांति जानता था। तरुण को दीपा की और से थोड़ा सा भी सकारात्मक रवैया दिखाई दिया तब तो तरुण दीपा का पीछा नहीं छोड़ेगा। यह बात तो मेरी बीबी ने खुद मुझसे कही थी की अगर उस दिन मौक़ा मिला होता और अगर मेरी बीबी ने थोड़ी सी भी असहायता, असावधता या निष्क्रियता दिखाई होती तो तरुण उसे चोद ही देता।

उस दिन एक बार गलती से दीपा को दीपा की मर्जी के बगैर आधी नंगी देख लेने से ही तरुण दीपा को चोदने के लिए इतना उतावला हो गया था की अगर उस समय थोड़ा सा भी चांस मिलता तो दीपा ने भी कुबूल किया था की तरुण दीपा को नंगी कर देता और तब दीपा तरुण को उसे चोदने से रोक नहीं पाती। तो कहीं दुबारा ऐसा कुछ हुआ और तरुण ने दीपा को थोड़ा सा भी पिघलते देखा और उसे दीपा को फाँसने का मौक़ा मिला तो फिर तो मुझे पता था की वह किसी ना किसी तरह दीपा को चुदवाने के लिए मजबूर कर ही देगा और तब तरुण दीपा को चोदे बगैर छोड़ेगा नहीं। अगर उसे मेरी बीबी को चोदने का मौक़ा मिला तो फिर तो तरुण ख़ुशी ख़ुशी टीना को मुझसे चुदवाने के लिए तैयार करने की भरसक कोशिश करेगा इस बातका मुझे पूरा यकीन था।

दूसरे, तब दीपा भी टीना को राजी कर लेगी। मैं जानता था की यदि दीपा चाहेगी तो टीना को जरूर तैयार कर सकती है। पर इसके लिए पहले दीपा के अवरोध का बाँध तोड़ना जरुरी था।

दीपा को गरम करने के लिए मैं अनायास ही तरुण की बात छेड़ देता था। बातों बातों में मैं कुछ न कुछ ऐसे विषय ला देता था की दीपा गरम हो जाए। मैंने एक रात जब दीपा थकी हुयी थी और सोने जा रही थी, तब उसको गर्म करने के इरादे से तरुण के बारेमें बात छेड़ी। मैंने वह लीफाफा निकाला जिसमें टीना और तरुण के सेक्सी पोसेस वाली तस्वीरें थी। दीपा एक के बाद एक तस्वीरें देखने लगी। मैंने टेढ़ी नजर से देखा की दीपा टीना में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रही थी, पर तरुण की छोटे से जांघिये में उस के उठे हुए लण्ड वाली तस्वीरों को वह थोड़े ज्यादा ही ध्यान से देख रही थी।

एक फोटो में तो तरुण के जांघिये में से तरुण के लण्ड की शायद उसकी बीबी टीना ने एक ऐसी फोटो ली थी जिसमें ऐसे दिख रहा था जैसे एक बड़ा अजगर बड़ी मुश्किल से तरुण की टाँगों के बिच में छुप कर उतनी छोटी सी जगह में समा नहीं पा रहने के कारण तरुण का जांघिया फाड़ कर जैसे बाहर निकलने वाला ही था।

उस फोटो से साफ़ जाहिर हो रहा था की तरुण का लण्ड कम से कम १० इंच से भी शायद ज्यादा लंबा और काफी मोटा होगा। क्यूंकि वह निकर में इतना बड़ा तम्बू बनाकर खड़ा हुआ दिख रहा था। तरुण के जांघिये में टांगों के बिच इतना बड़ा तम्बू जैसा दिख रहा था की यह देख कर दीपा के मुंह से अनजाने में सिटी निकल गयी और वह बोल पड़ी, "बाप रे बाप! कितना बड़ा है?"

मैं समझ तो गया था की वह तरुण के लण्ड के बारे में ही बात कर रही थी फिर भी मैंने अनजान बनते हुए पूछा "डार्लिंग, क्या बात है, क्या बड़ा है?" तब मेरी बीबी ने झूठ बोला की वह तो इतने बड़े समंदर के बीच के बारेमें कह रही थी।

उनमें कुछ ऐसी भी तस्वीरें थीं जिसमें उनके बैडरूम में टीना के ऊपर तरुण चढ़ा हुआ था। हालांकि दोनों ने कपडे पहने हुए थे फिर भी यह साफ़ था की वह चुदाई की अदाएं दिखा रहे थे। कुछ तस्वीरों में तरुण और टीना लगभग नंगे चुदाई करते हुए दिख रहे थे। तरुण ने जाँघिया तो पहन रखा था, पर यह साफ़ था की वह अपना लण्ड जांघिये में से बाहर निकाल कर अपनी बीबी को चोद रहा था। घने बालों से भरी हुईं तरुण की नंगी जाँघें टीना की साफ़ सुथरी गोरी नंगी जाँघों के बिच में दिखाई दे रहीं थीं। टीना ने कोई कपडे नहीं पहने थे बस चद्दर से अपना बदन ढकने की नाकाम कोशिश करती दिख रही थी। हालांकि तरुण का लण्ड और टीना की चूत और बॉल दोनों के बदन के बिच में ढके हुए थे।
Reply
10-02-2020, 12:50 PM,
#20
RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
ऐसी तस्वीरों को देख कर दीपा कुछ खिसिया गयी। मेरी बीबी ने मेरी और टेढ़ी नजर से देखा। पर पहले ही मैंने अपनी आँखें वहां से हटा ली थीं। थोड़ी सेहमी सी दीपा बोली, "यह लोग बड़े बेशर्म हैं। कैसी तस्वीरें खिंचवाते हैं? ऐसी तस्वीरें किस से खिंचवाईं होंगीं? क्या किसी के सामने कोई भला ऐसे करता है?"

मैंने मेरी बीबी के गुलाबी गालों को हलकी सी चूंटी भरते हुए कहा, "डार्लिंग यह तस्वीरें किसी ने नहीं खींची। यह ऑटो मोड में ही खींचीं जातीं हैं। आप कैमरा को टाइमर से सेट कर दो और फिर पोज़ दो। कैमरा अपने आप ही तस्वीर खींच लेगा।"

मैंने फिर मेरी बीबी को चिढ़ाने के लिए कहा, "और फिर इसमें बेशर्मी की क्या बात है? पति पत्नी हनीमून में अगर चुदाई नहीं करेंगे तो क्या करेंगे? वैसे दीपा, एक बात तो तुम भी मानोगी, की टीना ना सिर्फ सुन्दर है बल्कि गजब की सेक्सी भी है।"

दीपा ने फ़ौरन मेरी तरफ टेढ़ी नजर करके कहा, "बेशक टीना बहुत सुन्दर है और इन तस्वीरों में तो बड़ी सेक्सी भी लग रही है। पर क्या तुम्हें टीना मुझसे भी ज्यादा सुन्दर और सेक्सी लग रही है?"

मैंने मेरी बीबी की बातों का क्या जवाब देता? मैंने कहा, "खैर यह तो उनके हनीमून की तस्वीरें हैं। पर मौक़ा मिला तो मैं भी किसी दिन तरुण को दिखा दूंगा की मेरी बीबी दीपा भी टीना से कम सुन्दर या कम सेक्सी नहीं है। यह तो मेरी बीबी का बड़प्पन है की सेक्सी ड्रेस पहनती नहीं है, वरना मेरी बीबी का मुकाबला कोई भी औरत नहीं कर सकती।"

मेरी बात सुनकर मेरी सीधीसादी बीबी गरम हो गयी और दीपा का चेहरा ख़ुशी और गौरव से खिल उठा। वह मेरी बाँहों में आकर मुझे चूमने लगी। मेरी बीबी ने कहा, "दीपक, क्या तुम सच कह रहे हो? डार्लिंग, शादी के इतने सालों के बाद भी तुम मुझे इतना चाहते हो, मुझे इतनी सेक्सी और सुन्दर मानते हो यह मुझे बहोत अच्छा लगता है।"

मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "जब तरुण ने मुझे टीना की ऐसी आधी नंगी सेक्सी तस्वीरें देखते हुए पकड़ लिया तो मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुयी। मैंने तरुण से माफ़ी मांगी। तब तरुण ने क्या कहा मालुम है?"

दीपा ने मेरी तरफ सवालिया नजर से देखते हुए अपनी उत्सुकता को दबाने का प्रयास करते हुए पूछा "क्या कहा तरुण ने?"

मैंने कहा, "तरुण ने कहा, टीना की ऐसी आधी नंगी तस्वीर यदि मैंने देख ली तो क्या हुआ? उसे तो उस समय बीच पर सैकड़ों लोगो ने आधी नंगी बिकिनी में देखा था। उसने कहा हम दोनों कपल में क्या अंतर है? टीना और दीपा या दीपक और तरुण सब एक ही तो हैं? हम को हमारे बिच ऐसा कोई अंतर नहीं रखना चाहिए।" मैंने फिर दीपा से पूछा, "कुछ समझी?"

दीपा बोली, "हाँ, सही तो है। हम दोनों कपल अब इतने करीब हैं की हम में एक तरहकी आत्मीयता है। तरुण हो या तुम हो दोनों अपने ही हैं। हमें कोई फर्क नहीं समझना चाहिए। उसने ठीक ही कहा। उसमें सोचने की क्या बात है?"

तब मैंने दीपा के गाल पर चूंटी भरते हुए कहा, "हाय मेरी बुद्धू बीबी। तू इसका मतलब नहीं समझी। तरुण का कहने का मतलब ये था की चाहे तरुण हो या मैं, तुम्हारे लिए दोनों बराबर होने चाहिए। और चाहे तरुण हो या मैं, टीना के लिए भी दोनों बराबर होने चाहिए। इसका मतलब समझी?"
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,296,694 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 521,925 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,149,784 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 871,126 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,540,646 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 1,985,526 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,794,382 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,506,571 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,822,600 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 265,873 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)