RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................
अंकिता ने लाइट ब्लर कलर की साड़ी पहन रखी थी....सारे एक तरफ से थोड़ी साइड थी जिसकी वजह से अंदर
ब्लाउज में वो बैठे मोटे मॉट शैतान दिख रहे थे...और अंकित की नज़र वहीं ही ज़म गयी.
और वहाँ से होते हुए..अंकिता के उस गोरे गोरे सुंदर पेट पे पड़ी....
अंकिता इधर उधर बच्चों को देख रही थी...और जैसे ही उसकी नज़र अंकित पर पड़ी..और जब उसने ये
नोटीस किया कि वो उसकी तरफ ही देख रहा है...
तो अंकिता ने गुस्से भरी मुस्कान भरी..और पहले तो थप्पड़ का इशारा किया..और फिर कहा की
पेपर पे ध्यान दो....
अंकित ने भी हल्की सी स्माइल पास की और पेपर में लग गया..
आख़िर कर टाइम ओवर हो गया..पेपर कलेक्ट किए गये...और जब सब जाने लगे तो अंकिता ने अंकित
को रोका..
अंकिता :- कैसा हुआ?
अंकित :- ठीक ठाक था..(ड्रामा करते हुए)
अंकिता :- ठीक ठाक..अगर एक नंबर. से ज़्यादा कटा तो तुम्हे तो में बताऊगी...
अंकित :- अरे..ऐसा थोड़ी होता है..
अंकिता :- ऐसा ही होता है...पेपर के टाइम भी तुम्हारा ध्यान तो पेपर पे नही था..और इधर उधर
देखा जा रहा था..
अंकित :- में कहाँ इधर उधर देख रहा था.. (ड्रामा करते हुए)
अंकिता :- अच्छा.....तुम फिर कहाँ देखा जा रहा था..
अंकित :- आपकी तरफ देख रहा था में तो बस.. (स्माइल देते हुए लाइन मारने लगा )
अंकिता ने थप्पड़ का इशारा किया....
अंकिता :- मार खाएगा...
अंकित वहाँ से हंसता हुआ भाग जाता है..
अंकिता :- बदमाश कहीं का...(और मुस्कुरा देती है..)
अंकित बाहर जाके विकी से मिलता है
अंकित :- और भाई कैसा हुआ?
विकी :- बस यार...तूने जो बताया था वो ही कर के आया था यार...उनमे से 4 क्वेस्चन फँस गये
नही कर पाया..
अंकित :- चल बढ़िया है..चल यार बहुत भूक लग रही है चलते हैं..
विकी :- हाँ हाँ..आज मेरी तरफ से पार्टी..तेरी वजह से पास हो जाउन्गा..
अंकित :- काहे का मेरी वजह से....सब तेरी ही मेहनत है..चल अब छोड़ और पार्टी दे फटा फट..
विकी :- चल....
फिर दोनो निकल जाते हैं..ठूँसने....
ऐसे करते करते 4 दिन तक इंट्नल्स चलते हैं...और आख़िरकार ख़तम हो जाते हैं....
अंकित चैन की साँस लेता है..(एग्ज़ॅम तो एग्ज़ॅम हैं इंट्नल्स या फिर मैं यूनिवर्सिटी एग्ज़ॅम)
शाम को 6 बजे अंकित रितिका को मसेज करता है..कि उसके एग्ज़ॅम ख़तम हो गये वो कल आ जाए?
रितिका का 5 मिनट बाद ही रिप्लाइ आता है..कि तुम अगर अभी आ सकते हो तो आओ जाओ...कुछ बाते
कर लेंगे और टाइम डिसाइड कर लेंगे..
अब अंकित को तो लड्डू बिन माँगे मिल रहा था वो क्यूँ भला मना करेगा..उसने हाँ कर दिया
और फटाफट रेडी हो के...मस्त पर्फ्यूम लगा के..(जो रितिका ने ही गिफ्ट की थी) निकल गया...
5 मिनट बाद...रितिका के घर की डोर बेल बजती है...
रितिका :- आ रही हूँ...(बोलते हुए गेट खोलती है)
सामने अंकित खड़ा होता है...और वो फिर रितिका को आज दूसरे ही ड्रेस अप में देखता है..
बाल तो नॉर्मली उपर की तरफ बँधे हुए थे जैसे अक्सर लड़कियाँ बाँधती है..फ़ौन्टेन सा बना
देती है..नीचे लूस पाजामा..और उपर एक पिंक कलर का टॉप..जिसकी लेंग्थ भी ज़्यादा नही थी...
रितिका :- अंकित आओ अंदर आओ..बाहर ही खड़े रहोगे..
फिर अंकित स्माइल देते हुए अंदर आ जाता है.....
रितिका :- तो कैसे हुए एग्ज़ॅम
अंकित :- जी बढ़िया ही हुए..
रितिका :- हे भगवान इस लड़के का क्या करूँ..फिर से जी..
अंकित :- ओह्ह सॉरी...एक दम मस्त हुए यार..(इस बार पूरे अपने अंदाज़ में)
रितिका :- हहेहेहेः..हाँ अब ठीक है..तो बताओ क्या लोगे..कॉफी कोल्ड ड्रिंक
अंकित :- नही कुछ..नही..आप . ये बता दीजिए..कब से आउ आर्नव को ट्यूशन देने..और कब से आउ..
रितिका :- ह्म्म..कल से आ जाओ...नॉर्मली आर्नव आफ्टरनून में 2 बजे तक आ जाता है स्कूल से..
अंकित :- तो क्या आर्नव घर में अकेले रहता है और उसके पास चाबी कहाँ से आती है..
रितिका :- अरे अरे बता रही हूँ...दरअसल अकेले रहने की वजह से मेरी एक चाबी पड़ोस में दे रखी है..
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