RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क से आगे..............
रितिका अंकित की आँखों में देखने लगी..जिसमे उसे वही चीज़ दिखी जो उसे आखरी टाइम अंकित के साथ
बेड पे दिखी थी...
रितिका का हाथ अपने आप उपर उठता चला गया और अंकित के हाथों पे रख दिया....
अंकित चौंक गया उसने नज़रे नीचे करते हुए रितिका के हाथ को अपने हाथों पर देखा लेकिन रितिका
तो बस सामने अंकित को देख रही थी.....
फिर अंकित ने रितिका के चेहरे की तरफ देखा....
अंकित :- क्या ये सही है?
रितिका :- सही और ग़लत की क्या डेफ़िनेशन है...
अंकित :- नही पता...क्या सही है और क्या ग़लत....मुझे तो बस इतना पता है कि में इस वक़्त अपनी
ज़िंदगी के सबसे बेहतरीन लम्हे में हूँ....
रितिका :- तो फिर इस लम्हे को अच्छी तरह जियो....
अंकित :- नही....इसे आगे बढ़ाने का मतलब है कि ..
रितिका :- (अंकित के होंठो पे अपनी उंगली रखते हुए) सस्शह....इस लम्हे को ऐसी बातों में मत
गँवाओ....
अंकित अपने मन में सोचने लगा...ये क्या हो रहा है....वैसी तो आज रितिका जी इतनी प्यारी लग रही है कि
कोई भी आज इन्हे जितना प्यार दे वो कम है.....
रितिका :- अंकित जो सोच रहे हो उसे करने में इतनी देर क्यूँ..
अंकित रितिका को घूर्ने लगा मानो रितिका ने उसके मन की बात सुन ली हो....
रितिका आगे बढ़ के अंकित के गले लग जाती है....अंकित के शरीर में उपर से लेके नीचे तक एक
करंट सा फैल जाता है...और रितिका के हाथ अंकित की पीठ पे कस जाते हैं...इधर अंकित सोच रहा था
कि वो क्या करे...वो तो अपने हाथ की मुट्ठी बार बार बना रहा था और खोल रहा था....
(चाहे अंकित हर लड़की को अपनी नज़रों से ताड़ता हो जो कि आज के यंग्स्टर की आदत सी बन गयी है..
चाहे गुस्सा बहुत आता हो और गुस्से में कुछ भी बोल दे लेकिन दिल का घटिया इंसान था नही कि बस
वो सब कुछ कर दे)
रितिका :- अंकित आइ आम सॉरी...मुझे उस दिन ऐसा कुछ नही करना चाहिए था...शायद मेरा तरीका बिल्कुल
ग़लत था..मेने तुम्हे एक घटिया और गिरा हुआ इंसान समझ लिया था..लेकिन तुम बिल्कुल भी ऐसे नही
हो...ग़लती कर के उसे कबूलना और उसका पछतावा करना सबसे बड़ी बात होती है और ये काम कोई
गिरा हुआ इंसान नही कर सकता....तुम दिल के बहुत अच्छे हो....सच में....
रितिका की इन बातों से अंकित के हाथ भी उठने लगे...और धीरे धीरे रितिका की पीठ को सहलाते हुए
आख़िर उस पे रख दिए...
इस बार करंट लगने की बारी रितिका के शरीर की थी..उसने अपनी आँखें बंद कर ली..
(आख़िर इतने टाइम के बाद ये सुख मिला था)
अंकित कुछ नही बोला और उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने हाथों से रितिका की पीठ को सहलाए
जा रहा था...उधर रितिका की आँखें बंद हो गयी थी.....
अब आपको लग रहा होगा कि लास्ट टाइम ही तो रितिका के उपर अंकित चढ़ गया था लेकिन ये भी तो सोचिए
कि उस वक़्त रितिका किस हालत में थी और अंकित किस जगह पर....
शरीर का असली मिलन तो आज ही शुरू हुआ है....
अंकित कुछ नही बोला और उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने हाथो से रितिका की पीठ को सहलाए
जा रहा था...उधर रितिका की आँखें बंद हो गयी थी.....
दोनो ऐसे ही एक दूसरे के गले लग रहे थे...दिलो में एक अजीब सी धड़कन धड़क रही थी शायद
आने वाले पल में जो होने वाला है उसको सोच के.....
फिर अंकित के हाथ रितिका की पीठ को सहलते हुए थोड़ा उपर आने लगे...अब सूट पहनने की वजह से उपर
का हिस्सा खुला था पीछे से और उसकी उपरी पीठ पे कोई कपड़ा नही था...अंकित का हाथ नीचे से सहलाता
हुआ उसकी नंगी पीठ पर जा पहुचा और जैसे ही अंकित के हाथ उस कोमल पीठ पर पड़े....तो
बस अंकित का तो बुरा हाल हो गया उसका तंबू पेंट के अंदर बनने लगा....और रितिका के भी
मूह से हल्की सी ससिईइ ह..सिसकी निकल गयी..ठंडे हाथों का स्पर्श उसके जलते हुए जिस्म पे जब पड़ा तो
उससे भी कंट्रोल नही हुआ....
अब अंकित वहाँ बराबर अपने हाथों से सहलाए जा रहा था..दोनो की गर्दन हिल रही थी जिससे दोनो के
गॉल आपस में घिस रहे थे...या फिर यूँ कहिए कि जान बुझ के हिला रहे थे...जिसे दोनो के गाल
एक दूसरे से रगड़ खा रहे थे....
रितिका का चेहरा लाल हो गया था वहाँ अंकित भी अब अपने आप पर काबू नही कर पा रहा था...
फिर अंकित ने अपना शरीर रितिका से थोड़ा हटाया और अपने हाथ ले जाके रितिका के कंधे पे रख दिए
और रितिका के फेस को अपनी आँखों से देखने लगा..उसने तो अपनी आँखें ही बंद कर रखी थी...
अंकित ने उस प्यारे से खुबुसूरत चेहरा को देखा और फिर अपने होंठ आगे बढ़ाता हुआ...
रख दिए रितिका के कान पे..और रितिका के कान को अपने होंटो के बीच में दबा के उन्हे
प्यार चूमने लगा...
रितिका के शरीर में झुनझुनी फैल गयी और उसके हाथ की पकड़ अंकित के शरीर पे कस गयी....
अंकित ने अपने होंठो से उसके कान को अच्छी तरह से चूमा अपनी जीभ बाहर निकाल के थोड़ी सी गुलगुली
भी की....रितिका तो जैसे इतने में ही मदहोशी के सागर में डूब गयी उसकी साँसें उपर नीचे
ज़ोरों से होने लगी....
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