05-26-2019, 01:48 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
मैने ही पहल की और अपना नडा खोल के लूँद को बाहर निकाला और अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी भी मुस्कुरा दी और मेरी टाँगों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और दरमियाँ मैं लेट गई और मेरे लूँद को अपने मुह मैं ले लिया
थोड़ी देर तक अम्मी ऐसे ही मेरे लूँद को चुस्ती रही और मेरे लूँद की गोलियों को अपने हाथ से सहलाती रही जिस मैं मुझे बौहत मज़ा आ रहा था तो
मैने अचानक अम्मी का सर अपने लूँ,द से हटा दिया जिस से मेरा लूँद अम्मी के मुह से निकल आया तो अम्मी ने सर उठा के मेरी तरफ देखा तो मैने कहा अम्मी ऐसे नहीं आप भी अपने कपड़े उतरो फिर ठीक से मज़ा आए गा
मेरी बात सुन के अम्मी मुस्कुरा दी और बोली अच्छा जी जो हुकुम मेरी सरकार और खड़ी हो गई और अपनी क़मीज़ निकल दी तो
अम्मी मेरे सामने सिर्फ़ पिंक ब्रा और पिंक सलवार मैं खड़ी रह गई और फिर अम्मी मेरी तरफ देखते हो अपनी सलवार भी निकालने लगी
मैने देखा के अम्मी की पनटी भी पिंक ही थी
अम्मी ने अपनी सलवार भी निकल के साइड मैं फैंक दी और मेरी तरफ देखते हो अपनी ब्रा खोल के फैंक दी लेकिन साथ ही अपना हाथ अपने बूबस पे रख के उन्हें छुपाने की कोसिस की
अब मैने अपना लूँद हाथ मैं पकड़ लिया और सहलाने लगा और साथ ही अम्मी की तरफ भी देखने लगा और अम्मी भी मुझे ही देख रही थी और मुस्कुरा भी रही थी और फिर अम्मी थोडा झुकी और अपना एक हाथ बूबस को धंपे हो ही अपनी पनटी निकल क जल्दी से अपनी चुत पे भी हाथ रख के खड़ी हो गई
अम्मी को इस तरह खड़ा देख के मैं जल्दी से बोला अम्मी क्यों तंग कर रही हो पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
अब आ भी जाओ ना तो अम्मी मेरे पास बिस्तेर पे बैठ गई
अम्मी को इस तरह बेता देख के मेरा सबर का दामन हाथ से निकल गया और मैने अम्मी को बिस्तेर पे गिरा के उन की टाँगों को उठा लिया और अपना मुह उसकी गुलाबी चुत पे रख के चूसने लगा .. ओह अम्मी कितनी प्यारी चुत है आपकी ...कितना बढिया पानी है ..बहुत मजेदार अम्मी... कह के अम्मी की चुत चाटने लगा..
अम्मी अब पूरी तरह से गर्म हो रही थी.... उनकी चुत... मेरे अलावा किसी ने चाटी नहीं थी....
ओह बेटा ...काक्क्क हाँ ..ऐसा ही.. चाटो....जोर से ....खा जा बेटा अपनी अम्मी की चुत को.....
कितने दिनों की प्यासी है तेरे अम्मी.... ओह.. किसी ने इतना प्यार नहीं किया... मेरे बेटा..
अम्मी अपनी गांड उठा उठा के अपनी चुत मेरे मुह पे रगद रही थी ....
मुझे भी अम्मी की चुत सेनिकला नमकीन पानी पीने मै मज आ रहा था... अम्मी ने मुझे अपनी चुत का मलाई दार रस पिलाया ..और फारिग हो गई...
मुझे किस किया ..बोली बेटा सच मै तू बहुत मज़े देता है....
अब मेने अपनी अम्मी की बूबस पे अपना मुह रख दिया .. र उसकी चूची चूसने लगा ...
अम्मी ..पिलाओ ना मुझे अपना दूध ..जैसे की बचपन पे पिलाती थी...
ओह..हाँ बेटा हाँ..पी ले पी...अपनी अम्मी का दूध... अम्मी फिर से गरम होने लगी मेरा लंड अब पूरा कड़क हो चूका था.
और अपना लूँद अम्मी की चुत पे रख के हल्का सा अंदर को दबा दिया
लूँद की कॅप अम्मी की चुत मैं जाते ही अम्मी के मुह से मज़े और लज़ात की हल्की सी सिसकी निकल गई सस्स्सीईईई पूरी जान से घुसा दे बेटा आज अपनी अम्मी की चुत मैं अपना लूँद
मैने अम्मी की बात सुन के अम्मी की टाँगों को पूरा खोल दिया और अपने लूँद को हाथ से पकड़ के सेट किया और फिर झतका मार के पूरा लूँद घुसा दिया अपनी अम्मी की चिकनी चुत मैं
अब मैने अपने दोनो हाथ अम्मी की दोनो रनो पे रख के अम्मी के कंधों की तरफ दबा लिया और अपना लूँद पूरा कॅप तक अम्मी की चुत से बाहर निकल के मैं अपनी पूरी जान और वज़न से अम्मी की चुत पे गिरा तो ताआप्प्प्प्प्प्प्प की आवाज़ के साथ मेरा लूँद अम्मी की चुत मैं जा घुसा तो अम्मी के मुह से
आअहह विक्की बेटा ऐसे नहीं करो पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ऊऊहह की आवाज़ करते हो मुझे मना करने लगी
तो मैं नहीं रुका और ना ही अम्मी की कोई बात सुनी और उसी तरह अपना लूँद अपनी अम्मी की चुत मैं घुसा के चोदता रहा
मेरे इन वहशियाना झतकों से अम्मी के मुह से आअहह विक्की नैईईईईईईई बेटा पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ आराम से करूऊऊऊऊओ ऊऊहह मैं मार गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईई
कामीने आराम से कार्रर्र्र्र्र्ररर मेरी चुत फाडनी है क्य्ाआआआअ उनम्म्मह साले बहुत मोटा और लंबा लंड है तेरा ...कुत्ते आराम से कर ..चोद अपनी अम्मी को ...हान्ंनननननननणणन् की आवाज़ कर रही थी
लेकिन मैं देख रहा था क अम्मी के फेस पे दर्द का निशान तक नहीं था तो मैं भी वेसे ही झटके मरता हुआ बोला साली गश्ती तुझे ही आग लगी होई थी ना जो अपने ख़सम को छोड के बेटे से छुड़वाने आईईईईईईईईई हाईईईईई . तुजे ही चुदना था ना मोटे लंड से .... तो ले बेटे का मोटा लंड.....
तो अब रो क्यों रही हाईईईईईईईईईईईईईई
मेरी बातों के जवाब मैं अम्मी भी आअहह विक्की अब अच्छा लग रहा है बेटा उनम्म्मह और झटके से घुसा अपना लूँद मेरी चुत मैं फाड़ डॉल अपनी अम्मी की चुत को मेरे राजा बेटा तेरा बाप तो आज फरी की चुत मार रहा हाईईईईईईईई .. बेचारी फरी ....कसे अपनी आग बुझायेगी..तेरे अब्बू के उस छोटे पतले लंड से...
पर क्या करे ..तेरे लंड से चुदने के लिये उसने ..अपने अब्बू की पतले लंड से चुदना पड़ा
अम्मी की बातों से ..मुझे फरी बाजी की याद आपने लगी उसकी कुर्बानी... उसका प्यार....
अम्मी चिल्ला रही थी .....
तेरे जैसे लंड ली लिएबहुत तरस रही थी बेटा, तेरे अब्बू का लंड तो तेरे लंड से बहुत छोटा है... ओह राजा छोड अपनी अम्मी को अपनी मोटे लंड से... अह्ह्ह आआःह्ह्ह्ह
अब मैने अम्मी की चुत से अपना लूँद निकल लिया और अम्मी को कुटिया बना के खुद अम्मी के पीछे आ गया और खुद अपने दोनो हाथ अम्मी की गांड पे रख के लूँद को अम्मी की चुत पे सेट किया और अंदर घुसने लगा
जैसे ही अम्मी की चुत मैं लूँद घुसने लगा तो अम्मी ने कहा विक्की क्यों तरसा रहा है मेरी जान पूरा घुसा के चोद अपनी अम्मी की चुत को ऊओह तेज़ तेज़ झटके मार बेटा बौहत मज़ा आ रहा हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवाज़ करने लगी तो
मैने भी अब अपना लूँद पूरी ताक़त से अम्मी की चुत मैं इन आउट करना शरू कर दिया तो
अम्मी और भी ज़्यादा चिल्लाने लगी और आआहह विक्कीईईईईईईईईईईईईईई हान्ंननणणन् मेरी जान अब मज़ा आ रहा है
ऊऊहह की तेज़ आवाज़ करने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी मेरे लूँद की तरफ दबाने लगी
अम्मी की इस मस्ती को देख के मैं भी मज़े से पागल होने लगा और मैने अपने एक हाथ का अंगूठा अम्मी की गांड के होल पे घूमने लगा और
फिर अचानक ही मैने अपना अंगूठा अम्मी की गांद मैं घुसा दिया और नीचे से अम्मी की चुत मैं अपना लूँद भी इन आउट करता रहा
मेरी इस हरकत से अम्मी चिल्ला उठी और आऐईयईईईईईईईईईईईईईईईईईई विक्की नहीं बेटा निकालो
बाहर ऊऊहह विक्की उनम्म्मह बेटा दर्द भी हो रहा हाईईईईईईई
लेकिन मैं अब अम्मी की कोई बात नहीं सुन रहा था और लगातार अम्मी की किसी कुटिया की तरह
छोड़े जा रहा था के
अम्मी के मुह से आअहह विकी उनम्म्मह बेटा मैं गैिईईईईईईईईईईईईईई ऊओह की तेज़ आवाज़ के साथ अम्मी की चुत ने पानी छोड दिया जिस से मेरा लूँ,द अम्मी की चुत मैं और भी चिकना हो गया जिस से
मैं भी मज़े से बहाल होने लगा और २ -३ मिनट बाद ही अम्मी की चुत मैं पानी छोड दिया और अम्मी की चुत से अपना लूँद निकल के साइड मैं लेट गया तो अम्मी भी सीधी हो के मेरे बराबर मैं लेट गई
थोड़ी देर तक ऐसे ही हम दोनो मा बेटा साथ साथ लेते रहे और थोड़ी देर गुज़र जाने के बाद अम्मी ने मेरी तरफ करवट ली और अपनी एक टांग उठा के मेरे ऊपर रख दी और
मेरे सर के अपने हाथ से अपनी तरफ घुमा लिया और मेरी आँखों मैं झँकते हो बोली हन तो विक्की बेटा मज़ा आया की नहीं
मैं अम्मी की तरफ देखते हो मुस्कुरा दिया और बोला अम्मी आप सच मैं बहुत अच्छी हो और अभी जितना मज़ा आया है मुझे पहले कभी नहीं आया और इतना बोलते ही अम्मी को एक किस भी कर दी
किस करने के बाद मैने अभी अम्मी की तरफ देख ही रहा था क अम्मी ने मुझे बलों से पकड़ लिया और बोली कामीने ये तो बता ज़रा की तो मेरी गांड मैं अपनी फिंगर क्यों घुसा रहा था
मैं हंसते हो बोला अम्मी मुझे आप की गांड अच्छी लगी तो मुझ से बर्दाश्त नहीं हुआ और मैने फिंगर घुसा दी अगर आप को बुरा लगा हो तो अम्मी आप पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझे मॅफ कर देना
मेरी बात सुन के अम्मी ने मेरे बॉल छोड दिए और मुझे देखते हो बोली नहीं बेटा इस मैं मफ्फी की क्या बात है अगर तुम्हें ये करना अच्छा लगता है तो मैं तुम्हें मना नहीं करू गी लेकिन एक बात ये तो बताओ क तुम ने ये शोक़् कब और कहाँ से पाल लिया है
नहीं अम्मी अभी तक तो कोई ख़ास्स शोक़् नहीं है और ना ही कभी किया है लेकिन अब सोच रहा हूँ क आप की गांड मैं अपनी फिंगर की जगा अपना लूँद घुसा ही दूँगा सच्ची बड़ा दिल कर रहा है
अम्मी हंसते हो बोली अच्छा बेटा ठीक है जुब दिल चाहे कर लेना लेकिन अभी नहीं क्यों की हो सकता है तुम्हारे अबू फरी से फारिघ् हो के रूम मैं आ चुके हूँ इस लिए मुझे भी अब जाना चाहिए क्यों की फरीदा हो सकता है की अभी ही ना आ जाए रूम मैं मुझे ढूंडती होई
मैने अम्मी की बात सुन के हाँ मैं सर हिला दिया तो अम्मी उठी और अपने कपड़े पहन के रूम से निकल गई और मैं अपने बिस्तेर पे लेटा अम्मी को जाता हुआ देखता रहा
अम्मी के जाने के कुछ ही देर के बाद बाजी मेरे रूम मैं आ गई और मुझे यौन नंगा लेटा देख के बोली भाई क्या बात है खैर तो है ना इस तरह क्यों लेते हो हो तो
मैने कहा यार अभी अम्मी गई ही हैं यहाँ से तो इसी लिए इस तरह लेटा हुआ हूँ अभी उठोंगा तो कपड़े भी पहन लूनगा
बाजी मेरे पास ही बैठ गई और बोली लो भाई आज मैने अबू के साथ भी फरीदा के सामने ही चुदवा लिया लिया है .
बस अब तुम जल्दी से एक बार चोद के मेरी चुत की आग बुझा दो... जो अब्बू ने लगायी है...
मैं हंस के बोला ..अब्बू ने नहीं बुझाई क्या ....
बाजी मुह बनाते हहुए बोली...... कमीने तेरे लिये सब कर रही हूँ और तू.....मेने बाजी को किस किया और बोला.. लव यु ...... ,बाजी... और अपना लंड बाजी की चुत पे घुसा दिया...
बाजी अम्मी कह रही थी की अब्बू ..... ज्यादा चोद नहीं पाते ..तो फिर आपने अब्बू से क्यूं ...
बाजी हंसी ,,... , भोले भाई..बिना अब्बू की रजामंदी से ..ये सब कुछ नहीं होता ...तुम चिंता छोड़ा और छोड़ा जल्दी से ... चोदो मुझे.. और हाँ यहे बात कभी अब्बू को मत बताना की वो ...किसी को अच्छी तरह से चोद नहीं पाते है... यह राज ही रहना चाहिए...
और एक बात ब्ताओं बाजी
मैने फरी की तरफ देखते हो हन मैं सर हिला दिया तो वो बोली भाई आज फरीदा हुमारी चुदाई देख के काफ़ी गरम हो गई थी और अपना हाथ अपनी सलवार मैं घुसा के चुत को भी सहलाती रही
फरी बाजी की बात सुन के मेरी उमीद बाँधने लगी के अब वो वक़्त दौर नहीं है जुब फरीदा भी अपनी चुत का मुह मेरे और अबू के लूँद के लिए खोल देगी इस बात को सोचते ही मेरा लूँद जोर जोर से बाजी की चुत के अन्दर बाहर होगे जकते कहने लगा ... एक आह के साथ बाजी और मैं दोनों फ़ारिग होगये
मेने बाजी की चुत से लंड बाहर निकल लिया जो की फरीदा की चुत का सोच के फिर से फिर से खड़ा होने लगा जिसे बाजी ने भी देख लिया और बोली क्यों भाई फरीदा की कुँवारी चुत का सोच के ही तुम्हारे इस का ये हॉल है तो जुब उस की चुत मिले गी तो क्या हो गा
मैने कहा नहीं बाजी ये तो पक्का है की फरीदा की सील अबू के लूँद से खुलेगी
लेकिन इस वक़्त मैं फरजाना का सोच रहा था की क्यों ना अभी मैं उस के रूम मैं जाओं और हल्की फुल्की मस्ती ही कर लून उस के सोते हुए मैं
बाजी ने कहा हन भाई अब टाइम आ गया है की फरजाना के साथ भी हल्की फुल्की मस्ती शरू हो जाए क्यों के इस से फ्रज़ना को सेट करने मैं आसानी हो जाएगी तुम्हारे लिए
बाजी की इजाज़त मिलते ही मैं उठा और कपड़े पहन के बाजी के साथ फरजाना के रूम की तरफ चल दिया जिस का दरवाजे गर्मी की वजाह से खुला हुआ था क रूम मैं हवा हो जाए
हम दोनो रूम के दरवाजे पे पहुच और जुब अंदर झाँका तो फरजाना उस वक़्त करवट ले के सो रही थी और हेरनी की बात ये थी के उस ने एक पुरानी फ्रोक जो की उसे अब छोटी हो चुकी थी पहनी होई थी
बाजी ने मेरी तरफ देखा और इशारा किया क जाओ अंदर मैं यहाँ ही रुकती हूँ तो मैने डरते और धड़कते हो दिल के साथ रूम मैं इन हो गया और
फरजाना के पास जाके के खड़ा हो गया और उसे आवाज देने लगा आहिस्ता आवाज़ मैं लेकिन उस की जानिब से कोई रिप्लाइ नहीं आया तो मैं अब आगे बढ़ा और हाथ से हल्का सा हिला दिया और साथ आवाज़ भी दी लेकिन फ्रज़ना गहरी नींद मैं सो रही थी
अब मैने सर घुमा के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने हन मैं सर हिला दिया तो
मैने धड़कते हो दिल के साथ फरजाना की फ्रोक को आहिस्ता से ऊपर को खिसकना शरू कर दिया और आहिस्ता आहिस्ता फ्रज़ना की फ्रोक को उस की गांड से भी थोडा ऊपर तक उठा दिया
जिस से उस की पनटी नज़र आने लगी फरजाना की गांड पनटी मैं देखते ही मेरी और मेरे लूँद की हालत खराब होने लगी
तो मैने एक बार फिर मोड़ के बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने मुझे सख्ती से इशारा किया की आगे बढ़ो
मैने थोड़ी हिम्मत की और अपना लूँद नंगा कर के फरजाना के करीब हो गया और उस के मुह पे अपना लूँद घूमने लगा
थोड़ी देर तक मैं ऐसे ही अपना लूँद फरजाना के लीपस पे घूमता रहा और फिर पीछे हट गया और फिर हिम्मत करते हुए फरजाना के पीछे आ के लेट गया और फरजाना की पनटी को भी आहिस्ता से नीचे खिसका दिया और उस की गांड को पूरा नंगा कर दिया और खुद उस के पीछे अपना लूँद फरजाना की गांड के साथ लगा के लेट गया
अब मैं अपने लूँद को आहिस्ता आहिस्ता फरजाना की गांड पे रगड़ने लगा और थोड़ी देर के बाद मैने अपने लूँद पे हल्का सा थूक लगा के फरजाना की गांड के क्रॅक मैं घिसने लगा तो
मुझे इतना मज़ा आया की मेरा पानी इतनी जल्दी और स्पीड से निकला की मैं खुद को रोक ही नहीं पाया और सारा पानी फरजाना की गांड के ऊपर ही फैला दिया और उठ के बिस्तेर से नीचे उतार गया और बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने हाथ के इशारे से मुझे बाहर बुला लिया
मैं बाहर गया तो बाजी ने कहा अब तुम जाओ अपने रूम मैं और इसे इसी तरह ही रहने दो सुबह उठ के खुद को ऐसे देखे गी तो कुछ ना कुछ तो दिमाग की घंटी बजे गी ही ना
मैं बाजी की बात मान के अपने रूम मैं चला गया और क्यों की ३ बार पानी निकल चुका था इस लिए थकवट भी हो गई थी इस लिए जल्दी ही सो गया क पता ही नहीं चला क कब आँख लगी
अगली सुबह मैं उठा तो 8 बाज चुके थे और बाहर बारिश हो रही थी जिस से मौसम सुहाना हो रहा था मैं उठा और सीधा बात रूम मैं जा घुसा और नहा के जुब बाहर निकला और रूम मैं जाने लगा तो मेरी नज़र फरजाना पे पड़ी जो क बड़ी अजीब नज़रों से मेरी तरफ देख रही थी
मैने एक नज़र फरजाना की तरफ देखा लेकिन नज़र चुरा के अपने रूम मैं चला गया
तो कुछ ही देर के बाद फरीदा मेरे लिए नाश्ता ले आरी और मेरे सामने झुक के नाश्ता रख के वेसे ही खड़ी हो गई झुकी होई और मेरी आँखों मैं झँकते हो बोली भाई कुछ और भी चाहिए है क्या
मैने सर उठा के फरीदा की तरफ देखना चाहा तो मेरी नज़र उस के खुले गले की क़मीज़ मैं चली गई तो मैने देखा के उस के कोमल और सॉफ्ट दूध की तरह सफ़ेद बूबस वो भी बिना ब्रा के मेरी आँखों के सामने लहराते हो नज़र आए तो मेरी नज़र वहीं टिकी रह गई
मेरी तरफ से कोई जवाब ना मिलने पे बाजी ने एक बार फिर से पूछा भाई कुछ और चाहिए है क्या तो मैं हडबडा सा गया और फरीदा बाजी के फेस की तरफ देख के बोला
नहीं कुछ नहीं बस बहुत है
फरीदा बाजी अब भी ऐसे ही मेरे सामने झुकी रही और उन की आखेँ उस वक़्त हल्की हल्की लाल भी नज़र आ रही थी मुझे और ऐसे ही झुके हो बोली भाई दूध ला दूँ आप को
मैने इनकार मैं सर हिला दिया और नाश्ता करने लगा तो बाजी खड़ी हो गई और बोली क्या बात है भाई आप बाजी का लाया हुआ दूध तो बड़े शोक़् से पीते हो लेकिन मुझे मना कर रहे हो
अब मैं समझ गया के फरीदा असल मैं क्या बोल रही है और किस तूने मैं बोल रही है
तो मैं भी ज़रा रिलॅक्स हो के बोला अरे नहीं बाजी ऐसी कोई बात नहीं है मैं तो आप का दूध भी पीने को तैयार हूँ...ऊओ... मेरा मतलब है के आप का लाया हुआ दूध लेकिन अभी नहीं
क्यों भाई अभी क्यों नहीं क्या मेरे हाथ खराब हैं जो आप मेरा लाया हुआ दूध अभी नहीं पीना चाहते तो मैं हंस दिया और बोला नहीं बाजी ऐसा कुछ नहीं है बस अभी दिल नहीं चाह रहा
फरीदा बाजी मायूस सी हो गई और वापसी के लिए मूड गई और फिर गर्दन घुमा के मेरी तरफ देख के बोली भाई रात को तो ले आऊँ ना आप के लिए दूध तो मैने कहा नहीं बाजी लाती हैं मेरे लिए तुम नहीं लाना
फरीदा बाजी खामोशी से चली गई तो मैने नाश्ता ख़तम किया और बर्तन साइड पे रख दिए और एक नॉवेल निकल के बैठ गया क्यों की आज बारिश हो रही थी इस लिए मैं खेतों की तरफ नहीं गया
बर्तन उठाने के लिए अम्मी आई और बर्टन उठाते हो बोली विक्की क्या बात है तुम ने फरीदा को कुछ बोला है जो उस का फेस उतरा हुआ है तो
मैने अम्मी को सब कुछ बता दिया तो अम्मी मेरी बात सुन क बोली हूउऊन्न्ं तो लगता है के फरीदा ने अब खुद से ही फ़ैसला कर लिया है इस खेल मैं शामिल होने का तो फिर क्या इरादा है तुम्हारा क्या करना है
मैने अम्मी की बात सुन के कहा नहीं अम्मी मैं ये इरादा कर चुका हूँ की मैं फरीदा बाजी की सील अबू से ही तुद्वाऊंगा और अगर बाजी शामिल होना ही चाहती है तो उसे अबू से करवाना हो गा
अम्मी कुछ सोच के बोली नहीं बेटा ऐसा मुश्किल है तुम उस के भाई, तुम्हारे साथ वो फिर भी आपने आप को तैयार कर चुकी है लेकिन अबू के साथ वो शैयद हिम्मत ही ना कर सके
चलो अम्मी देखते हैं कुछ सोचते हैं लेकिन पहले वो आप के या बाजी के साथ ज़रा खुल के बात तो करे उस के बाद इस मसाला का हाल भी निकल ही आएगा आप परेशान नहीं लो किसी किस्म की
अम्मी मेरी बात सुन के खामोशी से वापिस चली गई तो मैं फिर से नॉवेल पढ़ने मैं लग गया और टाइम कब गुज़रा पता ही नहीं चला और 11 बजे के करीब बिल्लो के आने पे सीधा हो के बैठ गया
बिल्लो मेरे पास आ के बैठ गई और मेरी आँखों मैं झँकते हो आहिस्ता आवाज़ मैं बोली विक्की तुम ने रात क्या किया है फरजाना के साथ
मैं... हेरनी से बिल्लो की तरफ देखते हो बोला क्या मतलब मैं समझा नहीं क्या कर दिया मैने
बिल्लो.... विक्की ज़्यादा हरामी पन नहीं करो और सीधी बात बताओ क्यों की अभी कुछ देर पहले फरजाना ने मुझे सब बता दिया है
मैं.. बिल्लो की बात सुन के मैं खामोश हो गया और थोड़ी देर तक बिल्लो की तरफ देखता रहा और बोला जुब मैने तुम से मदद के लिए बोला था तब तुम ही मेरी मदद कर देती तो मुझे ये नहीं करना पड़ता
बिल्लो...... मेरी गालों पे किस करते हो बोली विक्की किया तो तुम ने हरामी पन ही था
|
|
05-26-2019, 01:57 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
फरजाना अब निढाल सी पड़ी हांप रही जैसे कहीं बहुत दूर से भागती हुयो आयी हो और
अब मैं उठा और फरजाना के बूबस के पास जा बैठा और उस की साइड दिलवा के मैने ब्राका हुक भी खोल दिया और उस के बूबस को आज़ाद कर दिया और फरजाना को फिर से सीधा कर के फरजाना के बूबस पे झुक गया और उन्हें चूसने और दबाने लगा
थोड़ी ही देर मैं फरजाना फिर से गरम होने लगी और मुझे अपने बूबस की तरफ सर को पकड़ के दबाने लगी तो मैने अपना सर हटा लिया और उठ के उस के मुह के पास जा बैठा
अपना लंड अपनी प्यारी सी छोटी बेहन के मुह के पास कर दिया चुसवाने के लिए
फरजाना ने अपनी आखेँ उठा के मेरी तरफ देखा और फिर मेरे लंड की तरफ देखा और समझ गई की मैं क्या चाहता हूँ तो उस ने अपना सर साइड पे घुमा लिया और बोली नहीं
भाई पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मुझ से ये नहीं हो पाए गा
मैने भी ज़्यादा ज़ोर नहीं दिया और उठ के फ़रज़ाना के रूम मैं अलमारी से उसी का हेर आयिल निकल लाया और
उस की रनो मैं जा बैठा और अपनी छोटी बेहन की टाँगों को फैला के आयिल उस की कुँवारी चुत पे लगा दिया और फिर अपने लंड पे भी अच्छा ख़ासा आयिल लगा के माल दिया और अपना लंड जैसे ही फरजाना की चुत पे रखा तो फरजाना ने मुझे रोक दिया
और बोली भाई बिल्लो और बाजी बता रही थी की पहली बार काफ़ी दर्द होता ,मैने हाँ मैं सर हिला दिया तो फरजाना बोली भाई आप ऐसा करो की मेरे मुह मैं कोई कपड़ा रक्द दो और आप एक ही बार मैं पूरा घुसा देना जितनी भी दर्द होनी है एक बार ही हो जाए
मैने फरजाना की बात मानते हो उसी का दुपटा उठा के उस की तरफ बडा दिया जिसे उस ने मुह मैं घुसा लिया और मेरी तरफ देखने लगी तो
मैने फरजाना की टाँगों को पूरी तरह उस के कंधों की तरफ फोल्ड कर दिया और खुद पूरा उस की टाँगों पे वज़न डालते हो अपना लंड फरजाना की चुत पे सेट कर के हल्का सा दबा दिया तो मेरा लूँद हल्का सा फरजाना की चुत मैं चला गया (मीन हाफ कॅप लंड की)
मैने अपने दोनों हाथों को फरजाना के ऊपर झुकते हो उस की गर्दन के पीछे जमा लिए जिस से फरजाना बुरी तरह जकड़ी गई तो मैने पूरी जान और ताक़त लगा के लंड को ज़ोर दर झतका मारा
जिस से मेरा लंड फरजाना की चुत को पूरी तरह खोलता हुआ जड़ तक जा घुसा और फरजाना के मुह से घहूउऊउन्न्ञननननणणन् घहूओउउन्न्ञनननननननणणन् की आवाज़ निकालने लगी और आँखों मैं पानी भर आया और वो ज़ोर लगाने लगी मुझे अपने ऊपर से हटाने के लिए
लंड के पूरा घुसते ही मैं वहीं रुक गया और कोई हरकत नहीं कर रहा था बस फरजाना को जकड़े हो उस के ऊपर पड़ा रहा लेकिन फरजाना मेरे नीचे बुरी तरह मचल रहा थी
तो मैने फरजाना की तरफ देखते हो कहा देखो फरजाना जितना ज़्यादा मचलो गी और ज़ोर लिगाओ गी दर्द उतना ही ज़्यादा हो गा आराम से पड़ी रहो गी तो दर्द अभी ख़तम हो जाए गा
मेरी बात सुन के फरजाना ने मचलना तो बंद कर दिए लेकिन उस ने अपना सर को पटखना शरू कर दिया
आँसू उस की आँखों से ऐसे निकल रहे थे क जैसे पानी गिर रहा हो किसी बर्तन से और दूसरी तरफ मुझे ऐसा लग रहा था की जैसे फरजाना की चुत मेरे लंड को जकड रही हो
कोई 2 मिनट तक हम ऐसे ही पड़े रहे तो फरजाना का रोना और मचलना बंद हो गया तो मैने उसे थोडा ढीला छोड दिया और एक हाथ से उस के मुह से कपड़ा भी निकल दिया
कपड़ा निकलते ही फरजाना सिसक उठी और रोते हो प्प्प्ल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाईईईईईईईईईई बाहर निकल लूऊऊऊऊओ बौहत दर्द हो रहा हाईईईईईईईईईई अभी निकल लो ईईईईईईईईईईईई बाद मैं कर लेना
मैने फरजाना की तरफ देखते हो कहा मेरी जान अब तो हो गया जो दर्द होना था
अब तो बस मज़े ही मज़े होंगे और इतना बोलते ही अपने लंड को थोडा, बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया तो फरजाना के मुह से आऐईयईईईईईईईईई मत करो भाई दर्द होता हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
अभी नहीं हिलूऊऊऊ पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
मैं अब बिना कुछ बोले फरजाना के बूबस को दबाने और मसालने लगा और फिर एक बूब, को अपने मुह मैं भर के चूसने लगा तो फरजाना के मुह से आअहह की हल्की सी आवाज़ निकल गई जिसे सुनते ही मैने अपने लंड को आहिस्ता आहिस्ता इन आउट करना भी शरू कर दिया
मेरा लंड फरजाना की चुत मैं काफ़ी टाइट था जिस की वजाह से मैं ज़्यादा तेज़ी से नहीं कर रहा था लेकिन फरजाना की टाइट चुत मैं लंड को आगे पीछे हिलने से जो मज़ा आ रहा था बता नहीं सकता
कोई 2 मिनट तक फरजाना के बूबस को मसालने और चूसने के साथ हल्के हल्के फरजाना की चुत मैं अपना लंड भी चलता रहा तो उस के मुह से आअहह भाई अब अच्छा लग रहा हाईईईईईईईईईई उन्म्मह बस ऐसे ही करो भाई अब ज़ोर से नहीं करना ऊऊहह भाईईईईईईईईईईईईईईईई उन्म्मह की आवाज़ करने लगी और साथ ही अपनी गांड को भी हल्का सा मेरे लंड की तरफ दबाने लगी जिस की वजाह से मुझे ऐसा लगने लगा के मेरा अभी के अभी ही पानी छोड जाएगा तो मैने अपना लंड बाहर निकल लिया
और जुब फरजाना की चुत पे मेरी नज़र पड़ी तो देखा की फ्रज़ना की चुत पे और मेरे लंड पे भी हल्का हल्का खून लगा हुआ था जो क मेरी अपनी छोटी बेहन की सील टूटने से निकला था
लंड के बाहर निकलते ही फरजाना बोल पड़ी नहीं भाईईईईईहर नहीं निकालूऊऊऊओ पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़
अब ही तो मज़ा आ रहा था अंदर डल्ल्लूऊऊ भाईईईईईईईईईईईई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ फरजाना की बैचेनी
देख के
मैने फिर से अपना लंड वापिस फरजाना की चुत मैं घुसा दिया जो के अब बड़े आराम से घुसा गया तो मैं इन आउट करने लगा तो फरजाना अपनी गांड को मेरे लंड पे दबाने लगी और आअहहभाईईईईई अब ठीक से मज़ा आ रहा हाईईईईईई ऊऊहह उंन्नमममह मुझे कुछ हो रहा हाईईईईईई भाईईईईई की आवाज़ करने लगी
तभी फरजाना की चुत ने पानी छोड दिया जो क मेरे लंड पे गिरा तो मुझ से कंट्रोल नहीं हुआ और मैं भी फ्रज़ना की चुत मैं ही फारिघ् हो गया और उस के ऊपर ही गिर गया
थोड़ी देर तक मैं फरजाना के ऊपर ही लेटा रहा और अपनी साँस बहाल करता रहा फिर मैं उठा और फरजाना के ऊपर से हट गया और उस का दुपटा उठा के फरजाना के चुत पे रख दिया की जिस से वो अपनी चुत को सॉफ कर सके जिस पे मेरे लंड के पानी के साथ फरजाना की चुत से निकला हुआ खून और लोवे जूसीए भी लगा हुआ था
फरजाना ने मेरी तरफ देखे बिना अपने दुपते से अपनी चुत को अच्छी तरह सॉफ किया
लेकिन अपना फेस मेरी तरफ नहीं किया तो मैने फरजाना की तरफ करवट ली और उस के ऊपर अपना हाथ रख के फरजाना को अपनी तरफ खींच लिया और बोला फरजाना क्या बात है
कुछ बात तो करो यार
फरजाना अब भी कुछ नहीं बोली लेकिन अब उस के फेस पे हल्की सी और दिलकश प्यारी सी मुसकन आ गई थी
मैने उस की गालों पे हल्की किस की और बोला अच्छा ये तो बताओ कुछ मज़ा भी आया की नहीं या फिर दर्द ही होती रही मेरी जान को
फरजाना का फेस अब लाल हो गया और उस ने साइड से एक चादर खींची और अपने ऊपर कर ली और बोली पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई आप जाओ अभी मुझे कोई बात नहीं करनी है आप से आप भुत गंदे हो, और मेरे सीने से चिपक गयी
फरजाना का जुमला सुन के मैं भी मुस्कुरा दिया.
थोड़ी देर की बाद एक किस करके और बिना कुछ बोले बिस्तेर से उठ खड़ा हुआ और अपने कपड़े उठा के पहनने लगा तो देखा के फरजाना एक टिक मेरे लंड की तरफ देखे जा रही थी तो मैं फरजाना की तरफ बढ़ते हो बोला
लगता है मेरी जान का दिल नहीं चाह रहा की मैं यहाँ से जाओं, तो फिर चलो एक बारऔर हो जाए
फरजाना मेरी बात सुन के पुतले सी हो गई और झट से अपनी आखेँ इधर उधर घूमते हो कहा पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई अप जाओ ना यहाँ से मुझे अभी कपड़े भी पहन,ने हैं
फरजाना की बात सुन के मैं हंस दिया और अपने कपड़े पहन के बिना कोई बात किए फ्रज़ना के रूम से निकला और अपने रूम मैं जा के लेट गया जहाँ मुझे काफ़ी देर तक नींद ही नहीं आ सकी
खैर सुबह फरी बाजी के उठाने से मेरी आँख खुली तो मैने बाजी की तरफ देखते हो कहा क्या यार बाजी सोने दो ना क्यों सुबह सुबह ही मेरे सर पे सवार हो रही हो सोने दो ना
बाजी... मुझे कान से पकड़ के मरोदते हो बोली कामीने तुम्हें ये सुबह नज़र आ रही है देखो तो सही 9 बज चुके हैं और तुम ही क अभी तक गधों की तरह सो रहे हो अभी तक
मैं... अरे बाजी गधे बेचारे को इतनी देर तक सोना कहाँ नसीब होता है आप चलो मैं अभी आता हूँ
बाजी... नहीं मुझे पता है तुम नहीं उठोगे अगर मैं चली गई तो इस लिए अभी उठो और नहा के आऊ
मैं तुम्हारा नाश्ता लाती हूँ बाकी बताईं नाश्ते के बाद कराईंगे हम लोग
मैं उठा और कपड़े उठा के बात रूम की तरफ चल दिया और नहा के वापिस अपने रूम मैं आ गया और नाश्ते का इंतजार करने लगा. बाजी मुझे रूम मैं आती हुयी देखते ही ले आयी
मैं नाश्ता करने लगा तो बाजी मेरे सामने ही बैठ गई और मुझ नाश्ता करता हो देखती रही जैसे ही मैने नाश्ता ख़तम किया बाजी ने बर्तन उठा के साइड पे किए और मुस्कुराती होई बोली हाँ तो भाई अब बताओ रात कैसी गुज़री
मैने बाजी की तरफ देखा और बोला यार बाजी आप को तो सब पता ही है और वेसे भी अब मैं आप को जितना समझ चुका हूँ आपने कौन सा अभी तक मेरे उठने का ही इंतज़ार कर रही होगी और फरजाना से कुछ पूछा ही नहीं होगा
आप तो शैयद सारी रात सोई भी नहीं हो गी और जहाँ तक मेरा ख्याल है जैसे ही मैं फरजाना के रूम से निकल के अपने रूम मैं आया हूँ गा आप उसी वक़्त फरजाना के रूम मैं जा घुसी होगी और उस के कान खाने लगी होगी
बाजी मेरी बात सुन के खड़ी हो गई और मेरे पास आ के खड़ी होई और अचानक मेरे बॉल पकड़ के मेरे सर को आगे पीछे हिलाते हो बोली विक्की कामीने इंसान बन जा समझा
अब तो मुझे कुछ बताएगा भी या युही अपने मेरे बारे मैं खियालट ही सुनता रहेगा
मैने बाजी से अपने आप को छुडवा लिया और फिर रात की हर बात बाजी को बता दी रात की
सारी बात सुन के बाजी बोली अच्छा तुम्हें पता है की रात फरीदा तुम्हारे रूम मैं आयी थी और तुम्हें ना देख के अबू के रूम मैं भी झँकति रही और वहाँ भी कुछ ना दिखने पे वापिस आ के लेट गई और काफ़ी देर तक जागती रही
|
|
05-26-2019, 01:57 PM,
|
|
sexstories
Click Images to View in HD
|
Posts: 52,887
Threads: 4,447
Joined: May 2017
|
|
RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
बाजी की बात सुन के मैने बाजी की तरफ अपना फेस घुमाया और बाजी से बोला
लेकिन वो रात को मुझे क्यों ढूंडती फिर रही थी तो बाजी ने हंसते हो कहा मैं ये बर्तन रख के आती हूँ फिर उस के बाद बात कराईंगे और उठ के बर्तन समेटे और रूम से बाहर निकल गई
बाजी के जाने के बाद मैं रूम मैं बैठा बाजी का ही इंतजार कर रहा था की बाजी थोड़ी ही देर मैं वापिस आ गई और आते ही बोली यार फरजाना तो अभी तक अपने रूम से ही नहीं निकली क्या किया है उस के साथ
मैं...कुछ नहीं बाजी मैने क्या करना था उस के साथ वेसे ही तक गई होगी और आराम कर रही होगी अभी निकल आए गी
बाजी... अच्छा तो अब बताओ खुश तो है ना मेरा भाई
मैं... हाँ बाजी मैं तो खुश हूँ लेकिन आप ने बतया नहीं की रात फरीदा क्यों आयी थी मेरे रूम मैं
बाजी... यार मुझे भी नहीं पता था लेकिन जुब वो रूम मैं वापिस आयी तो उस ने मुझ से पूछा था की तुम अपने रूम मैं नहीं हो तो फिर कहाँ गये होगे क्यों की अम्मी के रूम मैं भी नहीं है
मैं... फिर क्या बताया आप ने उसे बाजी...,,,,,,,, हंसते हो भाई परेशान क्यों हो रहे हो सब ठीक है लेकिन रात वो अपने आप पे कंट्रोल नहीं कर पाई और तुम्हारे रूम मैं चली गई थी और अगर तुम रूम मैं होते तो रात जो तुम ने फरजाना के साथ किया है फरजाना की जगाह रात फरीदा की ठुकाई करते
मैं... बाजी आप का मतलब् है की फरीदा रात यहाँ मेरे साथ मतलब् हुमारे साथ शामिल होने आयी थी
बाजी... हाँ भाई क्यों क मैं देख रही हूँ की पिछले कुछ दिनों मैं उस ने जो कुछ देखा और सुना है उस पे यक़ीन ना होते हो भी अब वो भी अपनी जवानी का मज़ा पूरी तरह लेना चाहती है जिस की वजा से वो खुद ही तुम्हारी तरफ चल दी लेकिन बात फिर भी नहीं बन सकी
मैं... नहीं बाजी ये नहीं हो सकता क्यों की अगर फरीदा को हुमारे साथ मिलना ही है तो उसे सब से पहले अबू के साथ करना हो गा
बाजी... लेकिन भाई आप ये भी तो सोचो क वो किस तरह अबू के साथ.......
अभी बाजी ने यहाँ तक ही बात की थी की अचानक फरीदा रूम मैं आयी और बाजी को खामोश होने का बोलते हो मेरी आँखों मैं आखेँ डॉल के बोली भाई अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़ आप जो चाहते हो मैं करने को तैयार हूँ लेकिन अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती अगर आप अबू के लिए बोलोगे तो भी मैं मना नहीं करूगी
लेकिन मैं अबू से कुछ नहीं ख सकोंगी बाकी आप जानो और आप का काम मुझे बस अपने जिस्म मैं लगी इस आग को ठंडा करना है जिस तरह भी हो सके मुझे कोई परवा नहीं इस बात की
फरीदा की बात सुन के और इस तरह अचानक रूम मैं आ के बिना झिझके बात करने से मैं सटपटा सा गया और इस से पहले क मैं कुछ बोल पता फरीदा झटके से मूडी और रूम से बाहर निकल गई
फरीदा के जाने के बाद मैं बाजी की तरफ देखा तो बाजी ने अपनी नज़र झुका लीं तो मैं उठा और बिस्तेर से उतार आया तो बाजी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली सॉरी भाई
मुझे फरीदा को इस तरह छुप के बताईं नहीं सुनने देना चाहिए था तो मैने बाजी की तरफ देखा और बोला नहीं बाजी मैं आप से नाराज़ हो के नहीं जा रहा इसी मसले पे अबू और अम्मी से बात करने क लिए खेतों पे जा रहा हूँ
बाजी ने मेरा हाथ छोड दिया और बोली हाँ भाई ये ज़रूरी है क्यों की फरीदा मेरे साथ ही रूम मैं रहती है और मैं अच्छी तरह समझ रही हूँ की उस को कितनी अग लगी हुयी है चुत मैं कुछ करना होगा अगर कुछ ना किया जल्द ही तो कहीं ये कुछ और ही कर बैठे
मैं बाजी को तसली दे के घर से निकल गया और खेतों पे जा पंहुचा जहाँ अबू किसी काम से साथ वाली ज़मीनो पे गये हो थे लेकिन अम्मी वहीं थी मुझे आता देख के
अम्मी खुश हो गई और बोली आओ बेटा क्या बात है आज तो तुम्हें खुश होना चाहिए था लेकिन तुम्हारे फेस पे 12 बजे हो हैं सब ठीक तो है ना क्यों परेशान हो
मैने अम्मी को भी फरीदा का सारा मसाला बता दिया तो अम्मी सोच मैं पड़ गई और
वो तेरे अब्बू के साथ ...नहीं नहीं.... ..फिर बोली तुम क्या चाहते हो तो मैने अम्मी को बता दिया की मैं चाहता हूँ की आज ही रात अबू फरीदा को ठंडा करंगे वरना ये कहीं और मुह मारेगी जिस से हम ही बदनाम होंगे
पर तेरे अब्बू उसे ठंडा नहीं कर पाएंगे ...............बेटा ..बल्कि एक आग लगा देंगे...............अम्मी के मुह से हूउंन्ं की आवाज़ निकली और फिर किसी सोच मैं पड़ गई और फिर मेरी तरफ देख के बोली ठीक है विक्की अभी तुम्हारे अबू आते हैं तो बात करते हैं उन से
फिर देखते हैं की तुम्हारे अबू क्या बोलते हैं
अबू के आने पे जुब हम ने अबू से बात की तो उन के फेस पे अचानक चमक बढ़ गई और वो ज़रा एक्टिव हो गये और बोले
लेकिन बेटा ये होगा कैसे तो मैने कहा अबू कुछ भी नहीं करना आप को बस रात को आप फरी बाजी वाले रूम मैं चले जाना वहाँ सिर्फ़ फरीदा ही होगी
बाजी को मैं अपने पास बुला लूनगा उस के बाद आप फरीदा के साथ जो मर्ज़ी करना
लेकिन बेटा फिर भी वो क्या सोचेगी आख़िर मैं बाप हूँ उस का तो अम्मी ने कहा आप उस का बाप हो उस की चुत के तो नहीं हो ना और वेसे भी फरी उसे अच्छी तरह समझा दे गी वो कुछ नहीं बोले गी
अबू ने हुमारी बात सुन के सर झुका लिया और बोले ठीक है लेकिन फरीदा से बात ज़रूर कर लेना मैं नहीं चाहता की कोई मसाला हो
अबू की बात सुन के मैं उठा और बोला ठीक है अबू मैं चलता हूँ आप फिर तैयार रहना रात को और घर की तरफ चल दिया घर आया तो बाजी को फ्रज़ना के पास बेते हो देखा जो मुझे देखते ही लाल हो गई और उठ के अपने रूम की तरफ भाग गई तो
मैने बाजी को अपने रूम मैं आने का इशारा किया
बाजी के आने के बाद मैने अम्मी और अबू से होने वाली हर बात बता दी और कहा क आप फरीदा से बात कर लो क वो क्या चाहती है अगर तैयार है तो आज तैयारी कर रखे रात को उसे भी जवानी का मज़ा दिला दिया जाए
बाजी हन मैं सर हिला के उठी और रूम से निकल गई
बाजी के जाने के बाद मैं लेट गया और कुछ देर तक नॉवेल पढ़ता और उस के बाद शाम तक पड़ा सोता रहा शाम को उठा और अभी हाथ मौंण ही धोया था क बाजी आ गई और बोली भाई फरीदा तुम्हारे साथ काफ़ी गुस्सा है
मैने हेरनी से बाजी की तरफ देखा और बोला क्यों बाजी वो भला मेरे साथ क्यों नाराज़ हो गई है तो बाजी मेरा कान मरोदते हो बोली विक्की वो अब भी तुम्हारे साथ ही करना चाहती है लेकिन तुम हो उसे नज़र अंदाज़ करते जा रहे अब बस करो इतना गुस्सा अच्छा नहीं होता
अरे बाजी आप से किस ने बोल दिया है की मैं फरीदा से नाराज़ हूँ जिस तरह आप और फरजाना मेरी बेहनैन हो उसी तरह फरीदा भी मेरी बेहन है और मैं बाजी फरीदा से भी उतना ही प्यार करता हूँ जितना आप दोनो से लेकिन बस ये मेरे दिल की कुवाहिश है की फरीदा बाजी अपनी ज़िंदगी का पहला मज़ा अबू के साथ एंजाय कराईं और कोई बात नहीं है जो आप यहाँ मुझ से नाराज़गी की वजाह पौचने आई हो
बाजी हंसते हो उठी अच्छा तो ये बात है तो फिर ठीक है मैं अभी जा के समझती हूँ उसे के कोई परेशानी की बात नहीं है बस मज़े करे अबू के बाद तुम से जितना चाहे मज़ा लूट सकती है
बाजी उठी और मेरे रूम से निकल गई तो बड़ी शिदत से मेरे दिल मैं कुवाहिश उठी , काश मैने अबू से फरीदा के लिए बात ना की होती तो मैं आज फरीदा की चुत को भी बड़े प्यार से खोलता लेकिन अब हो भी क्या सकता था क्यों क अगर मैं ऐसा कुछ करता
तो अबू कुछ बोलते तो नहीं लेकिन उन के दिल मैं दरार पड़ जाती मेरी तरफ से और मैं ये नहीं चाहता था
अम्मी अबू के आने के बाद हम सब ने मिल के खाना खाया तो
उस के बाद अम्मी ने बाजी को बोला की चलो फरी हम काम निबटा लेते हैं मिल के
फरीदा की तरफ देख के बोली तुम जाओ बेटी तुम आराम कर लो अब सारा दिन काम मैं लगी रही हो तक गई होगी तो फरीदा अम्मी की बात सुन के उठी और अपने रूम मैं चली गई तो मैने फरजाना की तरफ देखा और इशारा किया की मेरे रूम मैं आ जाओ और उठ क अपने रूम की तरफ चल दिया और
फरजाना का इंतजार करने लगा
फरजाना थोड़ी देर के बाद ही मेरे पास रूम मैं आ गई दूध का ग्लास ले के और साइड पे पड़ी टेबल पे रख दिया और मेरे सामने बैठ गई और बोली
जी भाई क्यों बुलाया रहे थे मुझे
मैने फरजाना का हाथ पकड़ के अपनी तरफ खींच लिया जिस से वो मेरे ऊपर आ गिरी जिस से हम दोनो क सीने आपिस मैं मिल गये तो फरजाना के बूबस मेरे ऊपर गिरने से मेरे सीने पे दबने लगे तो मैने फरजाना के फेस पे किस कर दी और बोला
जान-ए-मान रात की मुलाकात के बाद तुम मेरे पास ही नहीं आयी तो मैने सोचा के खुद ही बुला लूं तुम तो आओगी नहीं
फरजाना मेरे ऊपर से ज़ोर लगा के उठते हो बोली भाई क्या करते हो कोई आ जाएगा
दरवाजे भी खुला हुआ है तो मैने कहा यार क्यों परेशान हो रही हो कोई नहीं आए गा अगर आ भी गया तो कुछ नहीं कहे गा
भाई बाजी का तो मुझे पता है के उन का कोई मसाला नहीं है लेकिन अम्मी या फरीदा भी तो आ सकती है
इस लिए मुझे छोडो अभी बाद मैं आ जाओंगी जुब सारे सो जायंगे
मैने फरजाना को और भी अपने साथ दबाते हो बोला नहीं जान आज तुम कहीं नहीं जा रही हो
क्या समझी बाजी का तो तुम जानती हो कोई मसाला नहीं है
लेकिन फरीदा भी अब बाहर नहीं निकले गी अपने रूम से और अम्मी की भी टेन्सन नहीं लो तुम.
फरजाना मेरी बात सुन के हेरनी से मेरी तरफ देखते हो बोली क्या मतलब भाई मैं कुछ समझी नहीं आप कैसे बोल सकते हो की फरीदा बाजी रूम से अब बाहर नहीं निकलेगी और अम्मी भी नहीं आएगी
मैं फरजाना की बात सुन के हंस दिया और उसे छोड़ते हो बोला जाओ दरवाजे बंद कर दो
फिर तुम्हें सब कुछ बतता हूँ ठीक है
तुम भी आज के बाद बिना किसी डर और झिझक के सेक्स एंजाय किया करो
फरजाना अजीब सी निगाहों से मेरी तरफ देखते हो उठी और दरवाजे को बंद कर दिया और दरवाजे को बंद कर के मेरी तरफ मूडी ही थी तो मैने कहा जान अपने कपड़े वहीं उतार के मेरे पास आऊ
फरजाना के फेस मेरी बात सुन के लाल हो गया ओए उस ने सर झुका लिया और बोली भाई पल्ल्लज़्ज़्ज़
ये मुझ से नहीं हो पाएगा तो मैने कहा यार फरजाना पल्ल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ यार ट्राइ तो करो कब तक शरमाती रहोगी ऐसे तो मज़ा नहीं आएगा ना
फरजाना ने मेरी बात सुन के भी सर तो नहीं उठाया लेकिन अपनी क़मीज़ को पकड़ के ऊपर उठाने लगी और आहिस्ता से क़मीज़ उतार दी और मेरी तरफ आने लगी तो मैने उसे वहीं रोक दिया और बोला नहीं ऐसे नहीं सलवार भी निकालो वहीं पे और फिर मेरी तरफ आना है तुम्हें
मेरी बात सुन के फरजाना ने शरमाते हो सर उठा के मेरी तरफ देखा और तनकते हो बोली पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई मुझे शरम आ रही है मुझ से नहीं हो गा भाई ये सब पल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ भाई
मैने इनकार मैं सर हिलाते हो कहा नहीं मेरी जान अगर तुम ने अभी मेरी बात नहीं मानी तो फिर ये बात याद रखना क मैं तुम्हें कुछ भी नहीं बताऊंगा तो
फरजाना ने अपना सर झुका के अपनी सलवार मैं हाथ डाला और अपनी सलवार उतार के साइड पे रखी और खड़ी हो के मेरी तरफ देखते हो बोली भाई अब ठीक है या और भी कुछ करना है मुझे
मैने फरजाना को अब सिर्फ़ ब्रा और पनटी मैं देख के अपना लंड मसलता हुआ बोला नहीं अब आ जाओ
फरजाना अपनी गांड मटकती (जो की मुझे नज़र तो नहीं आ रही थी लेकिन मुझे लग रहा था क अगर इस तरह ये किसी के सामने भी चली गई तो बच नहीं पाए गी) होई मेरे पास बिस्तेर पे आ गई तो मैने अपनी क़मीज़ उतरी और अपनी सलवार का नडा खोल के अपना लंड बाहर निकल के अपनी सब से छोटी बेहन के हाथ मैं पकड़ा दिया जिसे उस ने पकड़ के दबा दिया
मेरे लंड को हाथ मैं पकड़ के ज़ोर से दबाती होई फरजाना ने कहा हाँ भाई अब बताओ की आप कैसे बोल सकते हो की अम्मी या फरीदा बाजी मैं से यहाँ कोई भी नहीं आ सकता है
तो मैने कहा यार अम्मी जानती हैं की तुम यहाँ इस वक़्त मेरे साथ क्या कर रही हो और रह गई फरीदा तो वो इस वक़्त अबू के साथ होगी और चुदाई के लिए तड़प रही होगी
अब समझ गई हो तो अपने भाई के इस बेचारे लंड पे भी कुछ तरस खाओ और इस का भी कुछ सोचो
मेरी बात ने फरजाना को जहाँ झटका किया था वहीं कुछ देर बाद उस के फेस पे एक मुतमान सी मुस्कान दौड़ गई और वो बोली भाई ये तो
मैं आप से अब बाद मैं पुचुंगी ये सब कैसे हुआ लेकिन अभी आप के इस बहनचोद लंड का मसाला हाल कर लून
फरजाना के इतना बोलते ही मेरे लंड को छोड के थोडा पीछे हटी और मेरी सलवार को निकल के साइड मैं फैंक दिया और मेरे लंड को अपने हाथ मैं पकड़ के मसालने लगी
कुछ देर लंड सहलाने के बाद फरजाना ने मेरी तरफ देखा और बोली भाई मज़ा आ रहा है
अपनी बेहन के हाथों से लंड मसलवा के तो मैने उसे की तरफ देखते हो कहा नहीं यार इसे ज़रा अपने मुह मैं ले के प्यार करो तब भी कोई बात बने ऐसे तो मज़ा नहीं आएगा ना
नहीं भाई पल्ल्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ये काम मुझे कभी नहीं बोला मैं तो कभी इस गंदे को मुह मैं नहीं ले सकोंगी तो मैने हंसते हो कहा अच्छा जी इस गंदे को अपनी चुत मैं ले सकती हो लेकिन मुह मैं नहीं
फरजाना आखेँ मटकाते हो शरारत से बोली वो तो भाई बनी ही इस के लिए है तो फिर मैं भला क्यों ना लून तो
मैने अपना लंड, फरजाना के हाथ से निकल लिया और फरजाना को बिस्तेर पे गिरा के लिटा दिया और उस की रनो को दोनो तरफ फैला दिया और खुद अपनी छोटी बेहन की चुत पे झुक गया और अपनी ज़ुबान को बाहर निकल के फ्रज़ना की गीली और गरम चुत पे रख दिया
जैसे ही मेरी ज़ुबान फरजाना की चुत पे लगी फरजाना के पूरे जिस्म मैं लज़ात की लहर से दौड़ गई और उस के मुह से आअहह सस्स्सीईईईईई भाईईईईईईईईईईई ये क्या कर रहे हो की आवाज़ करने लगी और अपने लीपस को अपने ही दाँतों से काटने लगी और अपने बूबस भी मसालने लगी
|
|
|