08-02-2019, 12:44 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
दादाजान जो अपना मस्त अकड़ा हुवा लण्ड सहलाते हुये मुझे नहाते हुये देख रहे थे एकदम से घबरा गये।
मैंने डर के मारे चीख मारी और बोली- “दादाजान आप यहां क्या कर रहे हैं?”
मेरी बात सुनकर दादाजान और घबरा गये और उनसे कोई जवाब नहीं बन पड़ा।
मैं फिर बोली- “दादाजान मुझे आपसे ये उम्मीद नहीं थी..."
इतनी देर में दादाजान संभाल चुके थे और फिर वो अपनी कमीज उतारकर बाथरूम में आ गये और उन्होंने मुझे पकड़कर दीवार से लगा दिया और मुझे किस करते हुये बोले- “साली रंडी की बच्ची... नाटक करती है, तू पूरा दिन मुझे गरम करती रही, खुला गला पहनकर मुझे अपने मम्मे दिखाती रही और अखबार के नीचे सेक्सी मैगजीन और सीडी प्लेयर में तूने सेक्सी फिल्म क्यों लगाई थी हरामजादी?” ये कहकर दादाजान ने मेरे बड़े-बड़े खूबसूरत मम्मों को पकड़कर दबा दिया।
तो मेरी सिसकारी निकल गई और मैं बोली- “मुझे नहीं पता दादाजान... हो सकता है वो सब अब्बू का हो...”
दादाजान मेरी बात पर गुस्से से बोले- “अपने शरीफ बाप को बदनाम कर रही है साली छिनाल ये सब तू ही कर सकती है तेरा बाप नहीं...” फिर उन्होंने मेरे मम्मोम को कसकर दबाया तो मेरी सिसकारी निकल गई। तो वो बोले- “और ये तेरे बड़े-बड़े मम्मे क्या किसी मर्द का हाथ लगे बगैर ही इतने बड़े हो गये हैं?”
मैंने फिर नाटक किया- “दादाजान आप मुझे गलत समझ रहे हैं, मैं कोई ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ...”
दादाजान फिर गुस्से से बोले- “साली हरामजादी मुझे पता है रंडी की बेटी भी रंडी होती है...”
दादाजान की बात पर मैं चौंकी और बोली- “क्या मतलब दादाजान?”
अब दादाजान ने मुझे छोड़ दिया और बोले- “क्योंकी तेरी माँ भी बहुत बड़ी रंडी थी, इसलिए ये कैसे हो सकता है। की तु रंडी ना हो। अपनी माँ की फितरत तेरे अंदर भी होगी..."
दादाजान मजीद बोले- "तेरी माँ चदाई की बहत भूखी थी और उसने अपनी शादी के दूसरे दिन से ही मुझपर डोरे डालने शुरू कर दिए थे। कुछ मैं भी तेरी माँ पर फिदा था क्योंकी वो बहुत खूबसूरत थी। इसलिए शादी के तीसरे दिन ही वो मेरे बिस्तर पर आ गई थी। तेरी माँ को तेरे बाप से ज्यादा मैंने चोदा है क्योंकी उसे तेरा बाप पूरा नहीं पड़ता था। इसलिए उसके मेरे अलावा भी बहुत से यार थे और फिर मैं तेरी माँ का राजदार बन गया था। और फिर मेरी नजरों में ही तेरी माँ के यार तेरी माँ को चोदकर जाते थे। उसके अलावा तेरी माँ ने तेरे ताया से भी खूब चुदवाया था उसपर तेरी माँ ने घर के नौकरों को भी खूब ऐश करवाये थे। तेरा बाप शरीफ आदमी है इसलिए उसने अपनी बीवी पर कभी शक नहीं किया और उसे प्यार करता रहा और फिर तू पैदा हुई और पता नहीं की तू किसकी औलाद है, तेरे बाप की, मेरी, तेरे ताया की, घर के नौकरों में से किसी की या फिर उसके यारों में से किसी की...”
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08-02-2019, 12:47 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
दादाजान ने मेरे मम्मों को इतना चूसा की वो उनके थूक से खराब हो गये। मेरे मम्मों को चूसने के बाद दादाजान ने मेरी चिकनी चिकनी सेक्सी चूत पर हमला कर दिया और बड़ी बेदर्दी से मेरी चूत को चूमने और काटने लगे। दादाजान ने मेरी चूत में आग लगा दी थी।
और मैं बुरी तरह से मचलने और सिसकने लगी- “आह्ह्ह... उफफ्फ़... दादाजान बस करें उफफ्फ़... मैं मार जाऊँगी प्लीज मेरे हाल पर रहम करें आह्ह्ह... अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज़ अब मुझे और ना तड़पायें अह्ह... अब अपना मस्त मोटा लण्ड मेरी चूत में डाल दें आहहह... उफफ्फ़... फाड़ डालें मेरी चूत को... उफफ्फ़... प्लीज जल्दी डालें वरना मैं मर जाऊँगी आह्ह्ह..."
दादाजान मुश्कुराते हुये मुझ पर से उतरे और बोले- “तुम पहले मेरा लण्ड चूसकर तैयार तो करो..”
मैं सिसकी और कहने लगी- “नहीं दादा जान.. अहह... अभी आप मुझे ऐसे ही चोदें, मैं आपका लण्ड बाद में चूसूंगी, अभी आप जल्दी से मुझे चोदें, मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ, मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज आप मेरे हाल पर रहम करें और चोद डालिए मुझे...”
दादाजान मुश्कुराये और बोले- “अगर ऐसी बात है तो ये लो...” दादाजान ने घुटनों के बल बैठकर मेरी टांगें उठाकर अपने कंधों पर रखी और अपने लण्ड की टोपी को मेरी चूत के सुराख पर रखकर बोले- “निदा मेरा लण्ड बहुत सख़्त और मोटा है तुम्हें बहुत दर्द होगा...”
मैं सिसकारी लेकर बोली- “आह्ह्ह... दादाजान आप मेरी फिकर ना करें, मैं हर दर्द बर्दाश्त करने को तैयार हूँ, अब आप मेरी परवाह ना करें और अपनी पूरी ताकत लगाकर एक ही झटके में अपना मस्त लंबा मोटा लण्ड मेरी छोटी सी चूत में डाल दें... फाड़ दें मेरी चूत को, जल्दी करें..”
मेरी बात सुनकर दादाजान हँसे और बोले- “तो फिर संभालो मेरी जान...” ये कहकर दादाजान ने एक शदीद झटका मारा।
और उनका मस्त मोटा लण्ड मेरी छोटी सी चूत को बुरी से फाड़ता हुवा जड़ तक अंदर घुस गया। दादाजान का ये झटका इतना जोरदार था की मैं बुरी तरह से तड़प गई और मेरे हलाक से एक तेज भयानक चीख निकली“आह्ह... मैं मर गईई...”
दादाजान हँसे और बोले- “क्यों एक ही झटके में सारे कस बल निकल गये..” ये कहकर उन्होंने एक और झटका पहले से ज्यादा जोरदार मारा।
मेरे हलक से फिर चीख निकली और मेरी नन्ही सी चूत दादाजान का इतना जोरदार झटका बर्दाश्त नहीं कर सकी और मैं झड़ गई।
मेरे झरने पर दादाजान हँसने लगे और बोले- “अरे निदा तुम्हारे अंदर बस इतना ही दम था की तुम मेरा दूसरा ही झटका बर्दाश्त नहीं कर पाई...”
दादाजान की बात सुनकर मैं शर्म से पानी-पानी हो गई। मैं अपनी शर्मिंदगी मिटाने के लिए बोली- “वो दादाजान आपका लण्ड बहुत मोटा लंबा और बहुत ज्यादा सख़्त है, मेरी चूत बिल्कुल नाजुक सी है, ये आपका इतना शानदार लण्ड बर्दाश्त नहीं कर पाई है और वैसे भी आपने झटका ही इतना जोरदार मारा है की यहां मेरी जगह कोई भी प्रोफेशनल रंडी होती तो वो भी झड़ जाती...”
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08-02-2019, 12:47 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
दादाजान हँसे और बोले- “साली छिनाल तू किसी रंडी से कम थोड़ी है, जितना तू ने इतनी सी उमर में चुदवा लिया है इतना तो कोई प्रोफेशनल रंडी भी नहीं चुदवा पाती..” ये कहकर दादाजान ने फिर एक बहुत जोरदार झटका मारा तो मेरी एकदम से तेज चीख निकल गई।
मैं सिसक कर बोली- “तो दादाजान, आपको तो मुझ पर फरव्र करना चाहिए की मैंने अभी से इतना चुदवा लिया
दादाजान ने फिर से एक झटका मारा और बोले- “अरे रांड़.. मैं फरव्र किस बात पर करूं, तू तो मेरे झटकों पर किसी कुतिया की तरह चीख रही है। रंडियां तो इस तरह नहीं चीखती, साली मादरचोद सिर्फ़ किसी का लण्ड चूत में लेना ही चुदवाना नहीं होता, मर्द के झटके बर्दाश्त करना ही असली चुदवाना होता है। तू मेरे झटके बर्दाश्त करे तो मैं तुझपर फख्र करूं...” ये कहकर दादाजान ने एक और जोरदार झटका मारा तो मैं ना चाहते हुये भी दादाजान का झटका बर्दाश्त ना कर पाकर बुरी तरह चीख पड़ी।
मैं दर्द के मारे बमुश्किल बोली- “उफफ्फ़... दादाजान किसी रंडी को आप जैसा मर्द नहीं मिला होगा, वरना वो भी मुझसे ज्यादा चीखती आपसे चुदवाते समय। अब आप दुबारा से झटके मारें अब मैं नहीं चीखूँगी
मेरी बात पर दादाजान ने अपना लण्ड मेरी चूत से टोपी तक बाहर निकाला और एक शदीद झटका मारा।। दादाजान का लण्ड मेरी चूत की दीवारों को बुरी तरह से चीरता हुवा मेरी चूत के आखिरी सिरे से टकराया। मेरी चूत बुरी तरह से झनझना गई और मेरी चूत में शदीद दर्द उठा जो मैंने बड़ी मुश्किल से बर्दाश्त किया। मेरे मुँह से चीख ना निकलने पर दादाजान मुश्कुराये और उन्होंने एक और झटका पहले से ज्यादा जोरदार मारा,
मैंने वो झटका भी बड़ी मुश्किल से बर्दाश्त किया। फिर दादाजान झटके मारने की मशीन बन गये। दादाजान तूफानी झटके मार रहे थे। दादाजान पहले जो झटका मारते, दूसरा झटका उससे ज्यादा जोरदार मारते। मेरी नन्ही सी चूत में शदीद दर्द हो रहा था और दर्द को बर्दाश्त करते हुये मेरा चेहरा बुरी तरह से लाल हो गया था।
दादाजान ने मेरा चेहरा देखा तो बोले- “निदा क्या बहुत दर्द हो रहा है...”
मैंने हाँ में सर हिलाया।
दादाजान बोले- “तुम कहो तो मैं अपने झटके धीरे कर देता हूँ..”
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08-02-2019, 12:47 PM,
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RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मैं कहने लगी- “नहीं दादाजान आप अपने झटकों को धीरे या कम ना करें। आपका जिस तरह दिल चाहें मुझे चोदें, औरत का तो काम ही चुदवाना है और जो औरत किसी मर्द को खुश ना कर सके तो उस औरत के लिए ये डूब मरने का मकाम है। मैं भी अपना काम पूरा करना चाहती हूँ, मैं आपको पूरा मजा देना चाहती हूँ, मैं नहीं चाहती की मेरी वजह से आप चुदाई का पूरा मजा ना ले सकें। आप मेरे दर्द की परवाह ना करें और जिस तरह आपका दिल चाह रहा है मुझे चोदें। अगर मैं आज आपको खुश ना कर पाई तो मैं सारी ज़िंदगी अपने आपसे शर्मिंदा राहूंगी की मैं अपने दादाजान को चुदाई का पूरा मजा ना दे सकी...”
मेरी बात सुनकर दादाजान बहुत मुतासीर हुये और कहने लगे- “जीती रहो बेटी, जीती रहो तुम्हारे खयालात बहुत अच्छे हैं और अब मुझे तुम पर बहुत फख्र है की मेरी पोती इतने अच्छे खयालात रखती है...”
दादाजान की शाबाशी पाकर मैं खुश हो गई और बोली- “दादाजान, ये ही वजह है की मैंने आज तक किसी को चोदने से मना नहीं किया, बलकी मैं तो खुद मर्दो को मोका देती हूँ की वो मुझे चोदकर थोड़ी तासकीन हासिल कर सके। और आजकल के जमाने में लोगों के साथ इतनी परेशानियां हैं, मैं लोगों की परेशानियां खतम तो नहीं कर सकती मगर उनसे खुद को चुदवाकर उनको परेशानियों से कुछ समय के लिए दूर ले जाती हूँ..” दादाजान मेरी बातें सुनकर मुझे से बहुत मुटासीर हो गये थे।
वो बोले- “निदा आज मुझे तुम पर बहुत फख्र है की तुम मेरी पोती हो। मैं कभी समझ ही नहीं सकता था की इस तरह भी कोई किसी के काम आ सकता है। तुम लोगों से चुदवाकर बहुत अच्छा काम रही हो। मैं तो ये ही चाहूंगा की तुम इसी तरह लोगों के काम आओ और लोगों से खूब-खूब चुदवाओ...”
मैं हँसी और बोली- “दादाजान आपने बातों में मुझे चोदना बंद कर दिया है। प्लीज मुझे खूब कस-कसकर चोदें ताकी मैं अपना फर्ज़ अच्छी तरह से पूरा करूं...”
दादाजान मेरी बात पर हँसे और बोले- “और वो जो तुम्हें दर्द होगा.”
मैं हँसी और बोली- “दादाजान अब आपसे चुदवाने में मेरी जान भी चली गई तो मुझे कोई दुख ना होगा। प्लीज आप मुझे और जोर से चोदें...”
दादाजान मुश्कुराये और खूब जोर-ओ-शोर से मेरी चुदाई करने लगे। दादाजान खूब कस कसकर झटके मार रहे। थे। पहले तो मैं खूब चीखने लगी।
दादाजान हँसे और बोले- “रंडी की बच्ची... जितना तू चीखेगी उतनी ही जोर से झटके मारकर तुझे चोदूंगा...”
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