Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
08-02-2019, 12:42 PM,
#51
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
रशीदा ने मेरी सेक्सी कैफियत को देखते हुये मेरा हाथ खींचकर मेरी फुद्दी से बाहर निकाला और मेरी पैंटी को उतार दिया। अब मैं आधी नंगी लेटी हुई थी। मुझे अपनी कमीज से उलझन होने लगी, मैंने उसे भी रशीदा की मदद से उतार दिया। मेरे जिश्म पर अब सिर्फ ब्रा थी। जिसमें मेरी 36” के मम्मे बाहर आने क लिये बेचैन होकर फड़फड़ा रहे थे। रशीदा ने उन पर भी अहसान किया और उन्हें ब्रा जैसे पिंजरे से आजाद किया। मेरे मम्मे आजाद हो गये। फिर रशीदा ने मजीद तेल अपने हाथों पर लगाया और मेरी टांगों से शुरू हो गई। पहले एक टांग पर हाथ चलाती और फिर दूसरि टांग पर यही अमल दोहराती।।

मेरी फुद्दी में आग लग चुकी थी जिससे मैं जलने लगी। मेरे जज़्बात बेलगाम होने लगे थे। मैं किसी चिड़िया की तरह फड़फड़ा रही थी। रशीदा बहुत धीरे-धीरे मालिश कर रही थी। वो अपनी उंगलियों की पोरों को इस तरीके से दबाती की बे-इख्तियार मेरी आह निकल जाती। वो अब मेरी फुददी को भी अपनी उंगलियों की पोरों से छू रही थी जिससे मैं लज़्ज़त की अंतहीन गहराईयों मैं डूब चुकी थी। उसने फिर अपनी एक उंगली मेरी फुद्दी में डाल दी और आगे पीछे करने लगी।

मैं हवा में थी और कमरा मेरी सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था। रशीदा मेरी राइट साइड से थोड़ी टेढ़ी हुई इस तरह की उसका मुँह मेरे मम्मों पर और उसका हाथ मेरी फुद्दी पर था। उसने मेरा राइट चूची का निपल अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी, मजे की शिद्दत मैं खतरनाक हद तक इजाफा हो गया। मैं बुरी तरह मचल रा थी। रशीदा जनवरों की तरह मेरी चूची को कुचल रही थी।

मेरा चूची के ज्यादा से ज्यादा भाग को अपने मुँह में समा रही थी, और मेरी फुददी पर उसका हाथ बड़ी शिद्दत से चल रहा था। मेरे हाथ चूंकी खाली थे इसलिये मैंने घुमाकर रशीदा की चूचियों पर रख दाए और जोर-जोर से दबाने लगी। रशीदा की आँखों में सुर्वी आ गई उसने एकदम अपना हाथ मेरी फुद्दी से निकाला और अपना मुँह मेरी चूची से हटा लिया। फिर उसने अपनी कमीज उतारी और ब्रा की हुक खोलके अपने मम्मे भी आजाद किये। जवानी से भरपूर ब्राउन निपल वाले रशीदा की भारी मम्मे बाहर निकल आए। फिर उसने शलवार उतारी और बिल्कुल नंगी हो गई। इधर मैं बुरी तरह तड़प रही
थी।

उसने मुझे मंजिल के बिल्कुल करीब पहुँचाकर छोड़ दिया था। खुद को कपड़ों की कैद से आजाद करवाने के बाद मेरे ऊपर आई। मेरे पेट के ऊपर आकर उसने अपनी टाँगें खोलकर इर्द गिर्द रखी। उसकी बालों से पाक चूत मुझे कतरे बिखेरती नजर आ रही थी। लेज़्बीयन सेक्स में वो इतनी ठीक होगी मुझे पता न था। (उसने बाद में । बताया था की वो ब्लू फिल्म्स देखती रहती है और लेज़्बीयन सेक्स पसन्द करती है)।

मेरे ऊपर आकर उसने अपने होंट मेरे होंटों से मिलाए और चूसने लगी। मैं भी उसका भरपूर साथ दे रही थी। वो अपनी जुबान को मेरी जुबान पर छूआती तो मजा एक करेंट बनकर मेरे पूरे जिम में फैल जाता। होंठों की चूसा चूसी काफी देर तक जारी रही। फिर उसने अपना एक मम्मा मेरे मुँह में डाल दिया। मैं उसके मम्मों को जी जान से चूसने लगी और कभी हल्का सा दांतों का दबाओ भी डालती। उसने अपना हाथ अपनी चूत पर अड्जस्ट किया और रगड़ने लगे। उसके मुँह से सिसकारियां निकली उसका जिश्म अकड़ा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। चूंकी वो घोड़ी बनी मुझसे मम्मे चुसवा रही थी और उसकी फुद्दी मेरे पेट से ऊपर थी। तो उसका पानी रिस-रिसके मेरी नाभि पर गिरने लगा और उसे भरने लगा। वो लम्बे-लम्बे सांस लेने लगी। फिर वो साइड पर हो
गई और मेरे साथ गिर गई।

मेरा बुरा हाल था। मेरी आग तो वैसे ही जल रही थी। मैंने बेचानी के आलम में अपना हाथ अपनी चूत पर सेट किया और रगड़ने लगी। फिर अचानक रशीदा उठी, मेरे चलते हुये हाथ को रोका और अपना मुँह मेरी फुद्दी पर सेट कर दिया और... और अपनी जुबान मेरी चूत में दाखिल कर दी और अंदर बाहर करने लगी। मैं बिन पानी के मछली की तरह तड़पने लगी।

रशीदा अपना मुँह मेरी फुद्दी में घुसेड़े हुये थी और अपनी जुबान चला रही थी। मैं अपने हाथों से उसका सर पकड़के अपनी फुद्दी पर दबा रही थी मानो मेरा बस चले तो पूरा का पूरा सर अपनी फुद्दी में डालके उसे फाड़ हूं। मेरी मजे से भरपूर सिसकारियां निकल रही थी। जब रशीदा कभी अपनी जुबान को दाने पर छूती तो एक लहर सी जिम में उठती और पूरे जिम में फैल जाती। मेरा अंग अंग मस्ती में डूबा हुवा था। फिर मैंने अपने हाथ रशीदा के सर से हटा लिए और अपने मम्मों पर रखके उन्हें जोर-जोर से दबाने लगी जिससे मजे की। कैफियत दोगुना हो गई। रशीदा अपना काम पूरे जोश से कर रही थी। मुझे लगा की मैं मंजिल पर पहुँचने लगी हूँ तो मैंने अपने मम्मों को और जोर-जोर से रगड़ना शुरू कर दिया।
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08-02-2019, 12:42 PM,
#52
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
फिर वो मंजिल करीब आ गई और अचानक मेरा जिश्म अकड़ा और मेरी फुद्दी ने फौवारा उगल दिया और पे डर पे उगलने लगी। रशीदा का मुँह और चेहरा मेरे माल से भर गया था। मैं लंबी-लंबी सांसें लेने लगी और थोड़ी देर बाद खुद को ढीला छोड़ दिया।

रशीदा ने मेरे माल से भरा हुवा मुँह थूका और फिर तौलिया उठाकर उससे अपना मुँह साफ किया और फिर मेरी नीनजान फुद्दी साफ की जो लज़्ज़त और मजे की कैफियत से गुजर कर आ गई थी। फिर रशीदा ने खुद के । कपड़े पहने और मुझे भी पहनाए और खुद नहाने का कहके चली गई। पट्टी की वजह से मैं सही तरह से नहा भी नहीं सकती थी।

फिर रशीदा नहा धोकर वापिस आई, मुझे भी नहलाया। घुटने पर चोट की वजह से नहाने में दिक्कत बहुत आई लेकिन उसने इसको बचाकर नहलाया, कपड़े पहनाए और बेड पर लिटाके खाना बनाने चली गई। फिर एक हफ्ते गुजर गया। इस एक हफ्ते के दौरान रशीदा आती रही और मेरी खिदमत बराबर करती रही। और इस दौरान मैंने अपनी टांग पर वजन डालना शुरू कर दिया था और धीरे-धीरे चल लेती थी, लेकिन मैं कोई रिस्क भी लेना नहीं चाहती थी।

पहलवान ने मुझे इतना डरा दिया था और सारी उमर की लंगड़ाहत का सोचके मेरी जान निकल जाती थी। अब चूंकी हफ्ता गुजर चुका था और आज पट्टी खुलने की बारी थी। छोटा तैयार था की आज वो मुझे ले जाएगा लेकिन मैंने उसे मना कर दिया और कहा की मैं रशीदा को लेकर जाती हूँ। मैं आज बहुत अच्छे से तैयार हुई थी। आज मैंने अपना फवरिट पर्पल कलर का सूट पहना जो बहुत बारीक था।

होंठों को लिपस्टिक से आशना करवाया और हल्का-हल्का मेकप किया। मेरी रंगत चूंकी बहुत सफेद थी तो इसलिए मैं हल्का सा मेकप ही करती थी। आज मैंने ब्रा नहीं पहना था और पहलवान को अपने मम्मों का नजारा करवाना मेरा मकसद था। जब मैं तैयार हो गई तो खुद को आईने में देखकर अपना जायजा लिया। मैं उन तमाम असलहा से लैस थी जो मर्द को पल भर में ढेर कर देता है।

फिर मैं एक बड़ी सी चादर उठाकर बाहर निकल आई। बाहर रशीदा मेरा वेट कर रही थी। मुझे देखकर वो मेरी तारीफ किए बगैर ना रह सकी। फिर हम दोनों घर से बाहर निकले और आटोरिक्शा में बैठ गई। आटोरिक्सा । वाले ने पहलवान की दुकान के सामने उतार दिया। हम दुकान के अंदर दाखिल हो गये। अंदर सिर्फ एक बूढ़ा और एक नौजवान लड़का बैठे थे। काउंटर पर बैठे हुये नौजवान लड़के ने हमें बेंच पर बैठने का इशारा किया और कहा की उस्ताद अभी मसरूफ हैं। हम एक साइड पर बैठ गये। थोड़ी देर बाद एक नौजवान लड़की जिसके बाजू पर पट्टी बँधी हुई थी बाहर निकली और धीमे कदम उठाते बाहर निकल गई और वो बूढ़ा भी उसके पीछे निकल गया, वो उसका बाप था।

थोड़ी देर बाद पहलवान बाहर निकला, पहलवान का चेहरा पशीने से भीगा हुवा था और वो थोड़ा थोड़ा हाँफ रहा था। मुझे समझने में बिल्कुल देर न लगी की पहलवान ने उस लड़की को चोद डाला है।
मैं चादर ओढ़े हुये थी लेकिन पहलवान की तेज़ निगाहों ने मुझे पहचान लिया। वो काउंटर के पीछे चेयर पर बैठकर बोला- “बीबीजी अब आपके घुटने की क्या सूरतेहाल है...”
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08-02-2019, 12:42 PM,
#53
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
फिर मैं बताने लगी की अब तकरीबन ठीक है और आज पट्टी खुलवाने आई हैं। पहलवान ने मुझे अंदर जाने का इशारा किया और कहा की आप अंदर जायें मैं पट्टी उतारता हूँ। मैं उठी और अंदर चली गई और रशीदा बाहर रह गई, मैं जाकर उसी बेड-नुमा चारपाई पर बैठ गई जहाँ पहले दफा पहलवान ने मेरी मालिश की थी और यहाँ पर ही मैंने उसका जहाजी साइज लण्ड देखा था। थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और वो नव-उमर लड़का हाथ मैं । कोल्ड ड्रिंक और स्नैक्स वगैरा लेकर आया। उसने ट्रे मेरी साइड पर रखी और चला गया। मैं उनके साथ इंसाफ करने लगी और आने वाले लम्हों का सोचने लगी।

मैंने चादर उतारी और अपने पर्स से आईना निकालकर खुद को देखने लगी। सबकुछ ओके था और मैं पहलवान पर बिजली गिराने को तैयार थी। मैं शिद्दत से पहलवान का इंतजार करने लगी। थोड़ी देर बाद पहलवान कमरे में दाखिल हुवा। उसने मेरी तरफ देखा तो रिजल्ट मेरी उम्मीद मुताबिक था। वो आँखें फाड़े मुझे देखता रह । गया। उसकी निगाहें मेरे जिश्म की खदाखल का बहुत गहराई से जायजा ले रही थीं। फिर उसने सर झटका और मेरे करीब आ गया। मैं चूंकी ब्रा के बेगैर थी तो मेरे मम्मे साफ दिख रहे थे और पहलवान का लण्ड अब उठक बैठक करने लगा जिसे मैं साफ देख सकती थी।


पहलवान ने मुझे मेरे कंधों से पकड़ लिया। पहलवान बहुत गरम हो चुका था। उसने कंधों से पकड़के मुझे लिटाया। हालांकी वो खुद भी मुझे कह सकता था की लेट जाओ लेकिन उसने ऐसा न किया था। और शायद उसने मेरी नियत भाँप ली थी की मैं खुद को उसके हवाले करना चाहती हूँ। पहलवान बिना पूछे मेरी शलवार की तरफ बढ़ा और उतारने लगा। मैंने अपनी गाण्ड उठाई और पहलवान के लिये आसानी कर दी। पहलवान ने धीरे से शलवार उतारी और एक तरफ रख दी।

अब मैं आधी नंगी थी। पहलवान का लण्ड अकड़ चुका था, ये वो मंजर था जिसे मैं देखने के लिये पिछले एक हफ्ते से बेचैन थी। उसने मेरी चोट वाली टांग को थोड़ा ऊपर उठाया और पट्टी खोलने लगा। पट्टी खोलने के बाद मैंने अपना घुटना देखा तो मेरी जान में जान आई, घुटना बिल्कुल ठीक था और सिर्फ एक जख़्म का निशान था। मेरे दिल में लंगड़ी होने के जो हाल आ रहे थे वो खतम हो गये।

पहलवान बोला- “बीबीजी मुबारक हो आपका घुटना बिल्कुल तंदरुस्त है..” फिर वो हाथ बढ़ा के फेरने लगा और ऐसा जाहिर करने लगा जैसे चेक कर रहा हो। फिर वो मक्कारी से बोला- “बीबीजी घुटना तो आपका ठीक हो । चुका है लेकिन मुझे लगता है थोड़ी बहुत कसक रह गई है...”

मैं- “वो कैसे पहलवान जी...”

पहलवान- “बीबीजी बात ये है की घुटना तो आपका ठीक हो गया है लेकिन ये खासा कमजोर है...”

मैं- “वो कैसे पहलवान जी... अभी तो आप मुझे मुबारकबाद दे रहे थे...” मैंने एक दिलफरेब मुश्कान लबों पर सजाते हुये कहा।

पहलवान- “ओ बीबीजी मेरा मतलब है की इसकी कमजोरी दूर करने के लिये इसपर दवाई लगानी पड़ेगी और मालिश करनी पड़ेगी...” पहलवान की सारी चालाकी मुझे समझ में आ रही थी, लेकिन मैं अपनी फुद्दी को । पहलवान के लण्ड से सैर भी करवाना चाहती थी। पहलवान के लण्ड का इतना नशा मुझपर चढ़ चुका था की मैं पिछले एक हफ्ते से अपने खयालों में पहलवान से कई बार चुदवा चुकी थी। तो मैंने अपने नाजुक लबों को हिलाया और बड़े प्यार से बोली- “जैसा आप बेहतर समझें पहलवान जी...”

पहलवान उष उष कर उठा। उसके चेहरे की खुशी दोगुनी थी। उसने कमरे में पड़ा हुवा एक बाक्स खोला और उसमें से तेल की एक बोतल निकल लाया। पहलवान फार्ट-ए-जज़्बात में बहुत जोश से काम कर रहा था। मैं उसकी तेजी को बहुत गौर से देख रही थी और खुश थी की आज मेरा सपना पहलवान से अपनी फुद्दी चुदवाने का पूरा हो रहा है। मैं बहुत पुरजोश थी और शिद्दत से उन लम्हात का इंतजार कर रही थी। पहलवान ने अपने हाथों पर तेल मला और मेरी टांग पर हाथ चलाना शुरू कर दिया। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और मजे से अपने होंठ कुचलने लगी।

पहलवान उसी अंदाज से अपने हाथ चला रहा था जिसकी मैं कल्पना कर रही थी। पहलवान का हाथ बहुत धीमा चल रहा था। फिर पहलवान ने अचानक अपना हाथ घुटने से ऊपर मेरी रान पर लाया और अपनी उंगलियों की खुरदरे पोरों से दबाने लगा। मैं मजे से आँखें बंद करके खुद को हवा में उड़ता महसूस कर रही थी। पहलवान धीरे-धीरे जीरो प्वाइंट की तरफ बढ़ रहा था। अब खुद को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल था।

पहलवान के हाथों की गर्मी की शिद्दत से मैं पिघल रही थी। मजे की शिद्दत से मुझपर क्ण्ट्रोल ना रहा और मैं आह्ह्ह ऊओह करने लगी। पहलवान को गोया ग्रीन सिग्नल मिल गया। उसने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी फुद्दी। पर हाथ रख दिया और धीरे-धीरे सहलाने लगा। पहलवान थोड़ी देर ऊपर ही ऊपर हाथ रगड़ता रहा फिर मेरी पैंटी उतारने लगा। मैंने अपनी दोनो सेक्सी टांगें हवा में उठा दीं और पहलवान के लिये पैंटी उतारने में आसानी पैदा कर दी। पहलवान ने मेरी पैंटी उतार दी और मुझे कमीज से भी आजाद किया। मेरे 36” के मम्मे और मेरी चिकनी फुद्दी देखकर उसकी बाछे खुल गई।
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08-02-2019, 12:43 PM,
#54
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
उसने झट से अपनी कमीज और शलवार उतारी दी। रिजल्ट फिर से मेरी उम्मीद मुताबिक था। पहलवान का लण्ड करीबन 8” इंच लंबा और काफी मोटा था और सांप की तरह फड़फड़ा रहा था। मेरे मुँह में पानी भर आया, और मेरे जज़्बात को मजीद आग लग गई। पहलवान मेरे ऊपर आ गया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनकी आनंद लगा। पहलवान बहुत आराम से मेरे होंठ चूस रहा था। थोड़ी देर होंठ चूसने के बाद पहलवान नीचे आया और मेरे मम्मों पर हाथ साफ करना शुरू कर दिया। वो निपल मुँह में डाले अपने होंठों के दबाओ से इसको दबा रहा था।

मैं लज़्ज़त का एक दरिया महसूस कर रही थी। मेरे मुँह से निकलने वाला आआहहूओ का म्यूजिक कमरे के माहौल को बहुत गरमा रहा था। खूब मम्मे चूसने के बाद पहलवान ने मेरी फुद्दी पर अपने होंठ रख दिए और चाटना शुरू कर दिया। पहलवान मेरे फुद्दी को बड़ी शुद्ध मूड से चाट रहा था और अपनी जुबान घुमा घुमाके मेरी फुद्दी को सायरा बना रहा था।

पहलवान ने चाटा चाटी मजीद थोड़ी देर की और फिर एक तकिया उठाकर मेरी गाण्ड के नीचे रखा और अपना लण्ड मेरी चूत पर सेट कर दिया। पहलवान के लण्ड का सुपाड़ा अपनी रसीली चूत पर महसूस करके मैं बहुत तरावट महसूस कर रही थी। फिर एकबारगी पहलवान ने अपने लण्ड को झटका मारा और अपना लण्ड जड़ तक मेरे अंदर उतार दिया। पहलवान के इस झटके से मैं खुद को ना संभाल पाई और शदीद दर्द मुझे अपनी फुद्दी में महसूस हुई जो फिर हर झटके के बाद खतम होती गई।

पहलवान ने तेज तेज झटके मारने शुरू कर दिए। फिर पहलवान ने एक और महतोड़ चोस्डे किया। पहलवान पूरा लण्ड एक दफा बाहर निकलता फिर सेट करके जोर से झटका मारता। हर झटका एक अलग ही मजा देता जिससे मैं मदहोश हो जाती। पहलवान ने अब एकबारगी सेट किया और झुकके मेरे मुँह पर आया और अंदर । बाहर करने लगा। पहलवान जैसे ही मेरी दस्तरस में आया मैंने अपने होंठ पहलवान के होंठों से मिला दिए और चूसने लगी।

पहलवान एक खूबसूरत और कसरती जिश्म का मलिक था। पहलवान की सख़्ती औरत को बहुत मुटासीर करती थी इसलिये औरतें पहलवान से चुदवाने के लिये आइडीयल समझती थीं। मैंने भी पहलवान से पहली दफा मालिश करवाई थी तो जब उसे देखा था तो उसपर आशिक हो गई थी। और तब से मेरा ख्वाब और मकसड पहलवान से चुदवाना बन गया था।

और आज वो ख्वाब हेकीकट का रूप धर गया था। पहलवान धड़ाधड़ मेरी फुदी के बखिए उधेड़ रहा था। मैंने पहलवान के होंठों को बड़ी शिद्दत से चूस रही थी और अपनी जुबान पहलवान के मुँह में डाल रखी थी और पहलवान मुझे चूस रहा था और अपने लण्ड को तेज तेज मेरी फुद्दी के अंदर बाहर कर रहा था। फिर मेरा जिश्म जोर से अकड़ा और मैंने पानी छोड़ दिया और ढह गई। पहलवान ने अपनी स्पीड धीरे की और अपना लण्ड बाहर निकाल लिया।

पहलवान का लण्ड अभी पूरे यौवन पर था और अकडू-खान बना हुवा था। उसने रूमाल से मेरी फुद्दी से पानी साफ किया और फिर से खुद नीचे हो गया। मैं पहलवान के लण्ड के ऊपर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। फूछक-फूछक की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं और हम दोनों आ... आ... कर रहे। थे। फिर अचानक पहलवान के लण्ड ने अपनी मनी मेरी चूत में उगल दी।
पहलवान मजे से आ... आ... कर रहा था। उसने अपना सारा माल मेरी चूत में निकाल दिया और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगा। मैं भी बहुत थक गई थी इसलिये उसके ऊपर ही गिर गई। पहलवान ने मुझे खुद में समेट लिया
और अपनी बाहों का घेरा मेरे नजदीक तंग कर लिया।
थोड़ी देर हम इस तरह एक दूसरे को चूमटे और चाटते रहे। फिर हम अलग हो गये, कपड़े पहने और कमरे से बाहर निकल आए, और हिसाब करके घर वापिस आ गए।

समाप्त
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08-02-2019, 12:43 PM,
#55
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
08 वो पागल था मैं भी हो गई


ये उन दिनों की बात है जब घर वालों को शादी के सिलसिले में इस्लामाबाद जाना पड़ गया था। उनके जाने के दूसरे दिन रात के 8:00 बजे के आसपास वो पागल हमारे घर के दरवाजे के पास आकर बैठ गया। मैंने सोचा आज उससे कुछ बात करके देखती हूँ। मैंने इरते हुए दरवाजा खोला और उसके पास जाकर बैठ गई, बाहर से गुजरने वाला कोई भी हमें यहां बैठा हुवा नहीं देख सकता था क्योंकी हमारा घर पूरी तरह से पेड़-पोधों ढका हुवा था।

मैंने उससे पूछा खाना खाओगे। उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया। मैं खाना ले आई और जब वो खाना खा चुका तो उसने इशारे से पानी माँगा। मैंने उसे पानी लाकर दिया। पानी पीने के बाद वो चुपचाप बैठा रहा। मोका अच्छा था। मैं उसके बराबर में बैठ गई। मैं तो उसके लण्ड को अपने हाथ में लेकर देखना चाहती थी। मैं ये भी देखना चाहती थी की उसका लण्ड खड़ा होने के बाद कितना लंबा और मोटा हो जाता है। मैंने अपना हाथ उसकी रानों पर रख दिया।

वो कुछ नहीं बोला तो मैं अपना हाथ उसकी रान पर फेरने लगी। वो फिर भी कुछ नहीं बोला तो मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसके लण्ड की तरफ बढ़ा दिया। वो फिर भी कुछ नहीं बोला। अब मेरी उंगलियां उसके लण्ड को छू कर रही थी।

मेरे बदन में सुरसुरी सी होने लगी तो मैंने अपनी उंगली उसके लण्ड पर फेरनी शुरू कर दी। जब वो फिर भी कुछ नहीं बोला तो मैंने अपने हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया। मैं धीरे धीरे उसका लण्ड सहलाने लगी तो वो मुझे घूर-घूर कर देखने लगा। उसके घूरने से पहले तो मैं डरी मगर मैंने हिम्मत नहीं हारी और उसका लण्ड सहलाती रही। फिर मेरी मेहनत रंग लाई और उसके चेहरे से गुस्सा खतम हो गया और उसकी आँखों में सेक्स की भूख मैं शायद देख सकती थी। मैं ये देखकर खुश हुई की मेरी मेहनत रंग ले आई थी। थोड़ी ही देर में उसका लण्ड खड़ा होने लगा।

उसका लण्ड टाइट होने के बाद लगभग 10 इंच लंबा और बहुत ही ज्यादा मोटा हो गया। मैं उसके लण्ड के साइज को देखकर जोश के मारे पागल सी होने लगी और थोड़ी ही देर में मेरी चूत एकदम गीली हो गई। मुझे अब गलत या सही का कोई होश नहीं रह गया था। मैंने सोचा की अगर मैं इस पागल से चुदवा लूं तो मुझे कोई कुछ भी नहीं कह सकेगा। अगर मुझसे कोई कुछ कहेगा तो मैं कह दूंगी की इस पागल ने मेरे साथ जबरदस्ती किया है। मैंने सोच लिया की आज मैं इस पागल से चुदवाकर रहूंगी, भले ही मेरी चूत का हाल कुछ भी हो। मैं उस पागल का हाथ पकड़कर घर के अंदर ले गई। उसे देखकर लग रहा था जैसे उसने कभी नहाया ही ना हो। मैं उसे बाथरूम में ले गई और उसे एक साबुन देते हुए नहाने को कहा। वो साबुन अपने हाथ में पकड़कर मुझे देखने लगा।
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08-02-2019, 12:43 PM,
#56
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
थोड़ी देर में खड़ी रही फिर मैंने उसके हाथ से साबुन ले लिया और खुद उसको नहलाने लगी। उसके बदन को । मलने से मुझे जोश चढ़ने लगा और जोश के मारे मेरी चूत फिर से गीली होने लगी। नहाने के बाद उसका गोरा बदन एकदम निखर आया। उसका लण्ड भी बहुत गोरा था। जब वो नहा चुका तो मैं उसे बेडरूम में ले गई। मैंने उसे बेड पर बिठा दिया। वो कुछ भी नहीं बोल रहा था।


मैंने पूछा- “तुम गंगे हो क्या?”

उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया। उसके हाँ में सिर हालाने से मैं समझ गई की ये पूरा पागल नहीं है और सब समझता है, दूसरा मुझे खुशी इस बात की थी की ये कुछ बोल नहीं सकता इसलिए इस बात का कोई चान्स नहीं था की वो मेरे बारे में किसी को बता सके। मैं मुतमीन होकर उसकी बगल में बैठ गई और दोबारा से उसके लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया। मैंने सोचा ये तो पागल है। अगर मैंने इससे चोदने के लिए कहा तो कहीं ये जबरदस्ती अपना पूरा का पूरा लण्ड एक झटके से ही मेरी चूत में ना घुसा दे नहीं तो मेरी चूत फट जाएगी।

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और खुद उठकर अपने सारे कपड़े उतार दिए। वो मेरे गोरे बदन को घूर-चूर कर देखने लगा। मैं दोबारा उसके पास बैठी, फिर मैं झुकी और अपनी जुबान निकालकर उसके लण्ड की टोपी पर फेरने लगी। वो जोश में आकर आहें भरने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा- “मेरी चूत को चाटोगे?”


तो उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया।

मैं उसके ऊपर 69 की पोजिशन में लेट गई और मैंने उसका लण्ड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वो अपनी उंगलियों से मेरे चूतड़ों को मसलते हुए बड़े प्यार से मेरी चूत को चाटने लगा। मैं समझ गई की वो किसी औरत को चोदने का पूराना खिलाड़ी है। थोड़ी देर तक मेरी चूत को चाटने के बाद उसने अपनी बीच की उंगली मेरी चूत में घुसा दी और मेरी चूत के जी-स्पाट को रगड़ने लगा। मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी और मैंने उसके लण्ड को तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया। वो मेरे जी-स्पाट को रगड़ता रहा और मैं जोश से पागल सी होने लगी।

फिर दो मिनट में ही मैं झड़ गई। उसके बाद मैं उसके ऊपर से हट गई और ढेर सारी क्रीम लाकर उसके लण्ड पर लगा दी और थोड़ी क्रीम अपनी चूत में भी लगा ली। क्रीम लगाने के बाद मैं फिर से उसके ऊपर आ गई। जैसे ही मैंने उसके लण्ड की टोपी को अपनी चूत के छेद पर रखा तो उसने मेरा सिर पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और बड़े प्यार से मुझे चूमने लगा। उसके हूथ एकदम गरम थे। मेरे सारे बदन में करेंट सा दौड़ गया। थोड़ी देर तक मैंने अपनी चूत को उसके लण्ड की टोपी पर रगड़ा फिर उसके बाद मैंने अपनी चूत को उसके लण्ड पर थोड़ा सा दबा दिया तो मेरे मुँह से हल्की सी चीख निकल गई और उसके लण्ड की टोपी मेरी चूत में घुस गई।

मुझे दर्द होने लगा तो मैंने उसके लण्ड की टोपी को अपनी चूत से बाहर निकल दिया और अपनी चूत को फिर से उसके लण्ड पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरे शोहार कामरान का लण्ड 7 इंच लंबा और 1% मोटा था जबकी इस पागल का लण्ड पूरे 10” इंच लंबा और तकरीबन तीन इंच मोटा था, मेरी शादी को एक साल हो गया था पर कामरान ने आज तक मुझे भरपूर तरीके से या पूरी रात नहीं चोदा था, बलकी वो अपने काम की वजह से पूरे साल में 6 या 7 बार ही मुझे चोद सके थे और मेरी गाण्ड अभी तक कुँवारी थी इसलिए इस पागल की टोपी ही मुझे बहुत दर्द दे रही थी।
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08-02-2019, 12:43 PM,
#57
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
वो पागल बड़े प्यार से मेरी पीठ को सहलाता हुआ मुझे चूम रहा था। थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ। तो मैंने अपनी चूत को उसके लण्ड की टोपी पर फिर से थोड़ा सा दबा दिया। उसके लण्ड की टोपी फिर से मेरी चूत में घुस गई लेकिन इस बार मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ। मैंने अपनी चूत को जैसे ही थोड़ा सा और दबाया तो मेरे मुँह से चीख निकल पड़ी। अब उसका लण्ड मेरी चूत में लगभग दो इंच तक घुस चुका था। मेरी टांगें थर-थर काँपने लगी। मेरी धड़कन बहुत तेज चलने लगी। लग रहा था की कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो। मैं रुक गई। थोड़ी देर बाद मैंने धीरे-धीरे अपनी चूत को उसके लण्ड पर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।

जब मेरा दर्द फिर से कुछ कम हुआ तो मैंने थोड़ा सा जोर और लगा दिया। मैं फिर से चीख उठी और उसका लण्ड मेरी चूत में तीन इंच तक घुस गया। मैंने फिर से अपनी चूत में उसके लण्ड को धीरे धीरे अंदर बाहर । करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो उसने मुझसे लेट जाने का इशारा किया। मैं जोश से पागल हुई जा रही थी और उसके इशारे के बाद मैं उसके ऊपर से हट गई और बेड पर लेट गई। मैंने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा। उसने मेरे चूतड़ के नीचे दो तकिये रख दिए। फिर वो मेरी टाँगों के बीच आ गया और उसने मेरी चूत के बीच अपने लण्ड की टोपी रखी और मेरी टाँगों को पकड़कर दूर-दूर फैला दिया।

मैं डर रही थी की वो कहीं जबरदस्ती ही अपना पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में ना घुसा दे। उसने धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू किया। उसका लण्ड धीरे धीरे मेरी चूत में घुसने लगा। जैसे ही उसका लण्ड लगभग 4 इंच तक मेरी चूत में घुसा तो मैं चीखने लगी और वो रुक गया। उसने अपने होठ मेरे होठों पर रख दिए और मेरी चूचियां को मसलते हुए धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा। अब मैं समझ गई की वो जबरदस्ती अपना लण्ड मेरी चूत में नहीं घुसाएगा। थोड़ी देर बाद जब मैं झड़ गई तो उसने अपनी स्पीड थोड़ा तेज कर दी।

थोड़ी देर बाद उसने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो मेरे मुँह से आ निकल पड़ी और उसका लण्ड और ज्यादा गहराई तक मेरी चूत में घुस गया। वो फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने लगा। उसका लण्ड अब तक मेरी चूत के अंदर लगभग 5 इंच तक घुस चुका था। वो मुझे धीरे धीरे चोदता रहा तो थोड़ी देर बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे मजा आने लगा। 5 मिनट तक चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गई। मेरे झड़ने के बाद उसने फिर से अपनी स्पीड बढ़ा दी। मुझे अब बहुत ही मजा आ रहा था। मैंने अपना चूतड़ उठाना शुरू कर दिया था। मुझे चूतड़ उठा-उठाकर चुदवाता हुआ देखकर वो रुक गया और उसने धीरे धीरे अपना लण्ड मेरी चूत के अंदर और ज्यादा गहराई तक घुसाना शुरू कर दिया। उसका लण्ड बहुत ही धीरे धीरे मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुसताजा रहा था।

जैसे ही उसका लण्ड मेरी चूत के अंदर थोड़ा और घुसा तो मैं फिर से तड़पने लगी लेकिन इस बार मैं चीखी नहीं। दर्द के मारे मैंने अपने होंठ जकड़ लिए। वो अपना लण्ड धीरे धीरे मेरी चूत में घुसाता रहा। जब उसका लण्ड मेरी चूत में लगभग 7 इंच तक घुस गया तो मैं दर्द से तड़प उठी और मेरे मुँह से जोरदार चीख निकल ही गई। मेरी चीख निकलते ही वो रुक गया। थोड़ी देर तक रुकने के बाद उसने फिर से धीरे-धीरे मेरी चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द फिर से कुछ कम हो गया तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुझे तेजी के साथ चोदने लगा।
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08-02-2019, 12:43 PM,
#58
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मैं जोश के मारे पागल सी हुई जा रही थी और जल्दी से जल्दी उसका पूरा का पूरा लण्ड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी। लगभग 10 मिनट तक चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गई। मेरे झड़ जाने के बाद उसने फिर से अपना लण्ड मेरी चूत में धीरे धीरे घुसाना शुरू कर दिया। मेरी चूत अब तक एकदम गीली हो चुकी थी इसलिए इस बार उसका लण्ड आसानी से मेरी चूत के अंदर धीरे धीरे घुसता जा रहा था। मैंने अपने होंठ जोर से जकड़ रखे थे। उसका लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुसता ही जा रहा था। थोड़ी देर बाद जब उसका लण्ड मेरी चूत में लगभग 9 इंच तक घुस गया तो मैं तड़प उठी और मेरे मुँह से फिर एक चीख निकल पड़ी। इस बार वो रुका नहीं। उसने अपना लण्ड आधे से ज्यादा मेरी चूत से बाहर खींचा वापस बहुत ही जोरदार धक्के के साथ मेरी चूत में घुसेड़ दिया।

मेरे मुँह से बहुत ही जोरदार चीख निकली। उसने 4-5 बहुत ही जोरदार धक्के लगा दिए तो उसका पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुस गया। पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा देने के बाद उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी। मैं दर्द के मारे चीखती रही लेकिन मैंने उसे मना नहीं किया। थोड़ी देर बाद मेरा दर्द एकदम कम हो गया तो मैंने चूतड़ उठा-उठाकर उसका साथ देना शुरू कर दिया। उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी। लगभग 10 मिनट तक चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गई। उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी। वो मुझे तेजी के साथ चोदता रहा
और मैं एकदम मस्त होकर उससे चुदवा रही थी।

अब वो इतने जोर-जोर के धक्के लगा रहा था की उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था। उसके हर धक्के के साथ मेरे बदन के सारे जोड़ हिल रहे थे। मेरी चूत में अब ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था। मुझे चुदवाने में आज जो मजा पहली पहले बार मिल रहा था उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था। लगभग 15 मिनट और चुदवाने के बाद जब मैं झड़ गई तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत से बाहर निकल लिया।

मैंने उससे पूछा- “अब क्या हुआ?”

उसने इशारे से मुझे डागी स्टाइल में होने को कहा।

मैं डागी स्टाइल में हो गई। वो मेरे पीछे आ गया और उसने धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया। इस बार मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ। उसके बाद उसने मेरी कमर को पकड़कर मेरी चुदाई शुरू कर दी। इस बार वो बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रहा था। सारा बेड जोर-जोर से हिल रहा था। मेरी जोशभरी सिसकारियां रूम में गूज रही थी और वो जमकर मेरी चुदाई कर रहा था। थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर को छोड़ दिया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों निपल्स को मसलते हुए मुझे चोदने लगा। मैं एकदम मस्त हो चुकी थी। अब तक मुझे चुदवाते हुए लगभग 45 मिनट हो चुके थे और वो था की झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। वो मुझे एकदम आँधी की तरह चोदता रहा।
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08-02-2019, 12:44 PM,
#59
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
लगभग एक घंटे के बाद उसने रुक-रुक कर जोर-जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मैं समझ गई की अब वो भी झड़ने वाला है। मैं भी बस झड़ने ही वाली थी। दो मिनट में ही मैं झड़ गई और मेरे साथ ही साथ वो भी झड़ गया। उसके लण्ड से ढेर सारा जूस निकला जैसे की वो बहुत दिन बाद झड़ा हो। लण्ड का सारा का सारा पानी मेरी चूत में निकाल देने के बाद वो हट गया और लेट गया। मैंने उसके लण्ड को चाट-चाटकर साफ कर दिया। आज जिंदगी में पहले बार मुझे चुदवाने में बहुत ही मजा आया और मैंने भी एकदम मस्त होकर उससे
चुदवाया।

वो भी मुझे चोदने के बाद बहुत ही खुश दिख रहा था और लग रहा था की जैसे बरसों बाद उसके लण्ड की प्यास बुझी हो। लगभग एक घंटे तक हम दोनों लेटे रहे और एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए होठों को चूमते रहे। उसके बाद मैंने उसका लण्ड फिर से चूसना शुरू कर दिया तो दो मिनट में ही उसका लण्ड फिर से खड़ा हो गया। मुझे इससे डागी स्टाइल में चुदवाने में बहुत मजा आया था इसलिए इस बार मैं खुद ही डागी स्टाइल में । खड़ी हो गई। वो पागल उठा और मेरे पीछे आकर मेरी गाण्ड को चाटने लगा। उसके गाण्ड को चाटने से मैं बहुत मस्त हो गई और आआहह.. आआहह... करने लगी।

15 मिनट तक वो मेरी गाण्ड को चाटता रहा फिर उसने घुटनों के बल बैठकर मेरी कमर को पकड़ लिया। अब मैं उससे फिर चुदवाने के लिए तैयार थी। उसने अपना लण्ड मेरी गाण्ड के सुराख पर रख दिया तो मैं घबरा गई क्योंकी आज तक मैंने गाण्ड नहीं मरवाई थी। मैं उसको रोकना चाहती थी पर देर हो गई, उसने जोर का धक्का मारा और उसका लण्ड दो इंच तक मेरी गाण्ड में घुस गया। मैं चीख मारके उसके धक्के के जोर से गिर पड़ी। मैं उठना चाहती थी पर उसने मुझे जकड़ लिया और फिर झटका मारा, इस बार उसका लण्ड तीन इंच तक मेरी गाण्ड में घुस गया। मैं दर्द के मारे बुरी तरह से बिलबिला उठी, पर उसने मुझ पर रहम नहीं किया और फिर झटका मारा, उसका ये झटका सबसे ज्यादा जोरदार था और इस बार उसका लण्ड मेरी गाण्ड को बुरी तरह से चीरता हुवा 5 इंच तक मेरी गाण्ड में घुस गया।

मैं बुरी तरह से रो रही थी और उसको रुक जाने को बोल रही थी, वो पागल गूंगा तो था ही पर वो बेहरा भी बन गया। उसपर मेरी चीखों का कोई असर नहीं हो रहा था और वो मुसलसल अपने लण्ड को मेरी गाण्ड में। घुसाता हुवा चला जा रहा था। 20 जबरदस्त झटकों के बाद उसका पूरा का पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसकर मेरी गाण्ड को बुरी तरह से फाड़ चुका था। अपना सारा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसाकर वो रुक गया जबकी मैं रोती रही और चीखती रही। 20 मिनट बाद मेरी गाण्ड का दर्द कम होते-होते पूरा खतम हो गया और मैं भी चुप हो गई। मेरी चुप को देखकर उसने फिर झटके मारने शुरू कर दिए, मुझे फिर से दर्द होने लगा। पर ये दर्द पहले दर्द से कम था और इस बार मुझे मजा भी मिल रहा था, इसलिए मैं चुपचाप अपनी गाण्ड मरवती रही। 20 मिनट तक उसने धीरे-धीरे धक्के मारे फिर वो तेज हो गया और तेज तेज धक्के मारने लगा। इस बार मुझे ज्यादा मजा आया और मैं अपने चूतड़ हिला हिलाकर उसका साथ देने लगी।
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08-02-2019, 12:44 PM,
#60
RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
मुझे मजे में देखकर वो और तेज हो गया और तूफानी धक्के मारकर मेरी गाण्ड मारता रहा। उसने मेरी चूत की तरह मेरी गाण्ड भी पूरे एक घंटे तक मारी और फिर उसने अपने लण्ड का सारा जूस मेरी गाण्ड में छोड़ दिया। वो अपना लण्ड मेरी गाण्ड से निकालकर लेट गया और मैं बेदम होकर वैसे ही लेट गई। आधे घंटे तक मैं ऐसे ही लेटी रही। फिर जब मैं उठी तो मैंने उसके लण्ड पर और नीचे कार्पेट पर काफी सारा खून देखा, ये खून मेरी गाण्ड से निकला था और काफी सारा खून मेरी गाण्ड से निकलकर मेरी टाँगों पर भी आ गया था। मैं उठी तो मुझसे चला नहीं गया और मैं चीखकर फिर से गिर पड़ी।

पागल मेरी हालत देख रहा था, फिर वो उठा और उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मुझे लेकर बाथरूम में आ गया और उसने मुझे बाथटब में लिटा दिया। फिर वो नलों को देखने और उनको खोलने लगा। थोड़ी देर बाद ही टब में गरम पानी भर गया था। फिर वो भी मेरे साथ टब में लेट गया और मेरे जिश्म पर साबुन लगाने लगा और मुझे नहलाने लगा। नहलाने के दौरान ही उसका लण्ड खड़ा हो गया और वो मेरे जिम में चुभने लगा। मैंने उसका लण्ड पकड़ा तो वो मुश्कुराने लगा।

मुझे उसकी मुश्कुराहट से लगा जैसे वो फिर मुझे चोदने का ख्वाहिशमंद है, मेरी हालत तो बहुत खराब थी पर मैं उसके लण्ड का मजा फिर से लेना चाहती थी इसलिए मैंने उसका लण्ड पकड़कर अपनी चूत से लगा दिया। मेरी इस हरकत से वो खुश हुवा और उसने झटका मारा तो मेरी तेज आह निकल गई और उसका लण्ड आधा मेरी । चूत में घुसा गया, पागल ने टब में लेटकर मुझे अपने लण्ड पर बैठाया और नीचे से झटके मारने लगा। इस तरह मुझे मजा आने लगा और मैं उसके लण्ड पर उछल-उछल कर चुदवाने लगी। उस पागल में बहुत ताकत थी और वो रुके बगैर नीचे से झटके मार रहा था।

उसके हर झटके पर मैं 8 से 9 इंच तक ऊपर उठती और वापिस एक झटके से उसके लण्ड पर गिर जाती, जिससे मेरी तेज आआहह... निकलती और मुझे बहुत मजा आता, इस तरह मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं अपनी चुदाई का खूब मजा ले रही थी।

वो दो बार झड़ गया था इसलिए इस बार उसका लण्ड और देर से झड़ा और वो इस पोजिशन में नीचे से झटके मारता रहा और मैं उछलती रही, इस बार उसने मुझे पूरे एक घंटा और 35 मिनट तक चोदा और मुझे खूब मजा दिया। फिर उसने मुझे दोबारा से नहलाया और अपनी गोद में उठाकर मुझे बेडरूम में ले आया और उसने लाकर मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद भी मेरे बराबर में लेट गया। आज मैं बहुत खुश थी इसलिए मैं उससे लिपट गई। कुछ देर तक मैं उसे चूमती रही और वो भी मुझे चूमता रहा और फिर हम दोनों इसी तरह एक दूसरे को चूमते हो लिपटकर सो गये।

सुबह मैंने उससे एक बार फिर चुदवाया और फिर मैंने उसको नाश्ता कराया। नाश्ते के बाद मैंने उसको रोकना चाहा पर वो चला गया। मैं दिन भर उस पागल के लण्ड के असर में रही और मुझे पूरा दिन उसका लंबा मोटा लण्ड अपनी चूत और गाण्ड में महसूस होता रहा।



******* समाप्त ********
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