Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
07-25-2020, 01:48 PM,
#51
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
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#46

थर्स्डे’ 30थ डिसेंबर
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सुबह जल्दी उठ कर हमने होटेल छोड़ दिया और देहरादून आ गये , फिर वहाँ से हमने फ्लाइट पकड़ी और अपने नेक्स्ट डेस्टिनेशन , शिमला पहुँच गये ……….

शिमला में भी हमारे लिए एक सूयीट बुक था…… बिल्कुल वैसा ही जैसा मसूरी में था……..रूम्स थोड़े बड़े थे और बाल्कनी भी थोड़ी बड़ी थी ……..
शिमला पहुँच कर हम लोगो ने थोड़ा आराम किया और फिर शाम को 4.00 बजे हम लोग अपनी मीटिंग के लिए चले गये ……

मीटिंग और उसके बाद हमारे कस्टमर्स के लिए डिन्नर का अरेंज्मेंट था…….पता ही नही चला कि कब रात हो गयी ……..देर रात हम दोनो अपने होटेल वापस लौटे और अपने अपने रूम में जाकर सो गये ……..दिन भर हम दोनो को टाइम ही नही मिला कि हम अपने बारे में कोई बात कर सकें …

फ्राइडे’ 31स्ट डिसेंबर
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सुबह मैं जल्दी सो कर उठ गया था……..मैं कमरे से बाहर निकल कर बाल्कनी में आ गया…..हमारा होटेल माल रोड से थोड़ा अलग था और कुछ हद तक यह जगह कम भीड़-भाड़ वाली थी ………. मैं काफ़ी देर तक यूँ ही खड़ा हुआ सामने नज़र आ रहे पहाड़ो की सुंदरता का मज़ा लेता रहा ……

मुझे अपने पीछे कुछ आहट हुई ……. मैने मूड कर देखा , यह नेहा थी …..शायद अभी सो कर उठी थी ……

“ गुड मॉर्निंग राजीव ……”
“ हाई नेहा ……..गुड मॉर्निंग “

“ आप हमेशा मुझ से पहले उठ जाते हैं …?” उसने मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा…

“ ह्म्‍म्म्म……शायद मुझे आप से कम नींद आती है “ मैने हंसते हुए जवाब दिया…..

कुछ देर के लिए हम दोनो चुप हो गये ……. और फिर उसने पूछा “आज कहाँ घुमाने ले जा रहे हैं आप ? “

“जहाँ आप कहें ……शिमला मेरे लिए भी नयी जगह है , और शायद आपके लिए भी ……चलिए, तयार होकर निकलते हैं ……आज का पूरा दिन मैने आपके नाम ही लिखा हुआ है “ मैं उसकी आँखों में देखते हुए बोला …और उसने शर्मा कर नज़रें झुका ली ………

11 बजे के लगभग हम दोनो माल रोड पर आ गये थे …….यह जगह वैसे भी काफ़ी भीड़ भाड़ वाली होती है ……और आज तो मानो पूरा
शहर जाते हुए साल का विदा करने के लिए और नये साल का स्वागत करने के लिए यहाँ इकट्ठा हो गया था ……

चलते चलते हम दोनो मार्केट में आ गये ….नेहा बड़े ध्यान से एक एक दुकान को देख रही थी ……और मेरे लिए तो उसका साथ रहना ही काफ़ी था …साथ चलते हुए कब मैने उसका हाथ पकड़ लिया , मुझे मालूम भी नही पड़ा…..और ना ही उसने कोई रिक्षन किया………..और फिर थोड़ी ही देर में उसकी टिपिकल औरतो वाली बातें शुरू हो गयी …….वो हर एक दुकान में घुस कर अपने लिए और मेरे लिए शॉपिंग
करने लगी ………मुझे कुछ भी नही चाहिए था , पर मैं उसको मना कैसे कर सकता था …………..वो मेरे लिए कपड़े सेलेक्ट करती रही ,और मैं सिर्फ़ उसको देखता रहा…….

2 घंटे बाद हमको होश आया कि हम लोग अभी तक मार्केट में ही घूम रहे हैं …….मैने ड्राइवर को बुलाया और फिर गाड़ी में बैठ कर हम लोग पास में ही मौजूद पिक्निक स्पॉट कुफरी के लिए चल दिए ………

मौसम खराब होने लगा था……..बारिश शुरू हो गयी थी और बर्फ़बारी के भी पूरे चान्स थे …….कुफरी पहुँच कर हमलोग साथ साथ वहाँ मौजूद मंदिर में गये और थोड़ी देर यूँ ही मौसम का मज़ा लेते रहे ………..हमारे देखते ही देखते हल्की हल्की बर्फ बारी शुरू हो गयी थी
………एक बात जो मुझे अच्छि लग रही थी , वो था नेहा के चहरे की मुस्कुराहट …..जो पिच्छले दो दिन बिल्कुल गायब सी हो गयी थी ……पर अब फिर से वापस आ गयी थी ……

हम लोग गाड़ी में बैठे और वापस शिमला आ गये ……………वापस आते आते शाम होने को आ गयी थी ………..यहाँ माल रोड पर भी अब हल्की हल्की बर्फ बारी होने लगी थी ………….. हम दोनो एक रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गये और कॉफी पीने लगे ………….

तभी अचानक उसका मोबाइल बोलने लगा …….उसने मोबाइल अपनी जॅकेट की जेब से निकाला और स्क्रीन पर नंबर चेक किया ……….फिर एक्सक्यूस मी बोलकर वहाँ से उठ कर बाहर चली गयी ………मैं उसको जाते देखते रहा और फिर कॉफी पीने में बिज़ी हो गया ……..2 मिनिट से पहले ही वो वापस आ गयी और मेरे सामने आकर बैठ गयी ……

“ किसका फोन था ? “ मैने पूछा ………

“ मेरे पापा का …….क्यों ? “ उसने कॉफी पीते हुए कहा

“ नही……. कोई ख़ास बात नही , ऐसे ही पूच्छ रहा था…” मैने कहा और कॉफी ख़तम कर के कप टेबल पर रख दिया…..फिर उसकी तरफ देखा….वो भी अपना कप खाली कर चुकी थी और मेरी तरफ देख रही थी …….मैने इशारा किया और हम दोनो उठ कर कॉफी शॉप से बाहर आ गये …….

बाहर अब बर्फ बारी तेज़ हो गयी थी ……एक सफेद चादर सी पूरे माल रोड और आस पास बिच्छने लगी थी ……..पर शायद वहाँ घूम रहे
लोगो को इस से कोई फ़र्क नही पड़ता था …….जैसे जैसे समय बीत रहा था , वहाँ भीड़ भी बढ़ती जा रही थी …….

हम दोनो साथ साथ चलते हुए एक शेड के नीचे आ गये ………..हम दोनो पीछे की तरफ खड़े हुए थे , और नीचे घाटी में उड़ते हुए बादलो को देख रहे थे …….मेरी नज़र नेहा पर पड़ी …..वो नीचे कहीं देख रही थी , उसके बाल खुल गये थे और उसके चेहरे पर आ रहे थे …….उसकी दिलकश मुस्कुराहट उसके होंठो पर थी ………
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07-25-2020, 01:48 PM,
#52
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#47

अचानक उसने मेरी तरफ देखा …….मैं एक तक उसको ही देखे जा रहा था ….कुछ सेकेंड्स मेरी तरफ देखने के बाद उसने पूछा “ क्या हुआ ? क्या देख रहे हैं ? “

“ तुम्हे ………तुम बहुत सुंदर हो नेहा “ मैं जैसे बेहोशी में बोल रहा था…….

वो हँसने लगी और फिर बोली “ अच्छा जी ………फिर से फ्लर्ट करना शुरू कर दिया …….”

“ नही …मैं सच कह रहा हूँ नेहा …….तुम्हारा चेहरा, तुम्हारी आँखें और सबसे ज़्यादा तुम्हारी मुस्कुराहट ………..वाकई यह सबसे अलग हैं “

उसने कोई जवाब नही दिया …….बस शरमा कर रह गयी ……..फिर वो भागती हुई शेड से बाहर निकली और बर्फ का एक गोला बना कर मेरी तरफ फेंका ……….

मैं भी भागता हुआ शेड से बाहर आ गया…… और बर्फ का एक गोला उसकी तरफ फेंका……............वो मुझ से बचने के लिए भागने लगी और मैं उसके पीछे पीछे दौड़ने लगा…….कुछ ही दूर जाकर मैने उसको पकड़ लिया और अपने साथ लिए हुए बर्फ पर गिर गया
………बहुत देर तक हम दोनो ऐसे ही लिपटे हुए पड़े रहे …..और हंसते रहे …….चारो तरफ यही माहौल था …….लोग एक दूसरे पर बर्फ
फेंक रहे थे ……….कपल्स हाथों में हाथ डाले या तो घूम रहे थे या फिर बर्फ में लेटे हुए थे …………….

यूँ ही मस्ती करते करते रात होने लगी थी ……….हमने वहीं पर एक रेस्टोरेंट में जाकर डिन्नर किया और फिर से वहीं माल रोड पर आ गये ……..वहाँ एक न्यू एअर पार्टी का भी इंतेज़ाम किया गया था …….डॅन्स के लिए डीजे लगा हुआ था ……….बच्चे - बड़े , लॅडीस –जेंट्स सब मस्ती में थे और हम दोनो भी उनके साथ शामिल हो गये …………..

रात 12 बजे तक वहाँ नाच –गाना चलता रहा………हम दोनो भी उन सभी के रंग में रंगे हुए थे………एक दूसरे के साथ लिपट लिपट कर ना जाने कब तक हम दोनो नाचते रहे ……… एक झिझक सी जो हमारे बीच में थी , गायब हो चुकी थी ……………

फिर ठीक 12 बजे सब ने एक दूसरे को हॅपी न्यू एअर विश किया……और पार्टी ख़तम होने लगी ……हम दोनो भी वहाँ से अपने होटेल की तरफ चल दिए ………एक दूसरे का हाथ थामे हुए हम अपने होटेल पहुँच गये और फिर ऐसे ही अपने सूयीट में ……

उसने मुझ से हाथ छुड़ाने की अभी तक कोई कोशिश नही की थी ….ऐसे ही वो अपने रूम में पहुँच गयी और साथ में मैं भी ……

उसने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और बोली “ क्या हुआ ? आज अपने कमरे में नही जाना है क्या ? “

मैने ना में सर हिला दिया…….बिना कुछ बोले हुए

उसने एक बार मेरी आँखों में देखा और फिर हंसते हुए मेरे सीने पर हाथ रख कर मुझे पीछे को धक्का दिया …..मैं पीछे को होते हुए , बेड पर बैठ गया …उसका हाथ अभी भी मेरे हाथ में ही था ……मैने उसके हाथ को एक झटका दिया ……और वो मेरे बिल्कुल पास आ गयी ……मैने यूँ ही बैठे बैठे उसको कमर से पकड़ लिया और अपने और नज़दीक खींच लिया ……..इस पोज़िशन में उसका चेहरा मेरे चेहरे से थोड़ा ऊपर था ……..उसने कुछ सेकेंड्स मेरी आँखों में देखा और फिर अपना चेहरा नीचे को लाकर , अपने होंठ मेरे होंठों पर टिका दिए

………… एक करेंट सा मेरे पूरे शरीर में दौड़ने लगा , और उसके जिस्म को भी मैने कांपता हुआ सा महसूस किया…….कुछ देर यूँ ही होंठों को चिपका रहने देने के बाद मैने अपना मुँह थोड़ा सा खोला और उसने भी मानो मेरा साथ देते हुए अपने होंठों को अलग अलग कर दिया……मैं उसके होंठ को चूसने लगा…..पहले धीरे धीरे ,और फिर बहुत ज़ोर ज़ोर से ……..वो पूरी तरह मेरा साथ दे रही थी ………उसके हाथ मेरे बालो में घूम रहे थे और मेरे हाथ उसकी कमर से कुछ नीचे ….

अगले 5 मिनिट्स तक हम दोनो ऐसे ही एक दूसरे का रस चूस्ते रहे …….फिर वो एक झटके के साथ मुझ से अलग हुई और 2-3 कदम पीछे को हट गयी ……उसकी लाल आँखें और तेज़ साँसे उसकी हालत बयान कर रही थी …और मेरी भी हालत उस से अलग नही थी
………हर साँस के साथ उसका सीना ऊपर नीचे हो रहा था , और जॅकेट & शर्ट के अंदर होने के बावजूद , बहुत मादक लग रहा था ……

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07-25-2020, 01:49 PM,
#53
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#48

थोड़ी देर हम दोनो एक दूसरे को यूँ ही देखते रहे फिर वो मुस्कुराते हुए बोली “ हे ……..क्या देख रहे हो ? ……..तुमसे कहा था ना कि
अपनी आँखों को कंट्रोल में रखो …….किसी दिन मुसीबत में पड़ जाओगे “ और फिर वो हँसने लगी …..

“ मैं तय्यार हूँ …….मुसीबत में पड़ने के लिए “ मैने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया …….

उसने एक बार फिर मेरी तरफ देखा ……और फिर अपना एक हाथ अपने सीने पर ले गयी …और बड़ी अदा के साथ , अपनी जॅकेट की ज़िप को पकड़ कर …धीरे धीरे नीचे को कर दिया …….जॅकेट सामने से खुलती चली गयी …….उसने जॅकेट को अपने शरीर से अलग किया और वहीं फर्श पर डाल दिया ……..फिर उसने मेरी आँखों में देखा …….मुझे इशारा किया , जैसे पूच्छ रही हो कि और क्या क्या देखने की इच्च्छा है ……..मैने बिना कुछ कहे, आँखों से ही उसके सीने की तरफ इशारा कर दिया …….

वो फिर से एक बार धीरे से हँसी …..अपने दोनो हाथ सीने पर लेकर आई और अपनी शर्ट के बटन्स खोलने शुरू कर दिए ………जैसे जैसे बटन्स खुलते जा रहे थे , मेरी धड़कने तेज़ होती जा रही थी …….सारे बटन्स खुलने के बाद उसने शर्ट के दोनो पल्लो को दोनो हाथो से पकड़ा और एक झटके से अलग कर दिया………

काली ब्रा में क़ैद उसके सीने की गोलाइयाँ , मेरे ऊपर कहर ढाती लग रही थी …..मैने उसके चेहरे की तरफ देखा और वो धीरे से मुस्कुरा दी ….फिर उसने शर्ट को भी अपने जिस्म से अलग कर के फर्श पर फेंक दिया ………और बहुत धीरे धीरे मेरे पास आ गयी ……..मैं उस के ऊपर ऐसे झपटा , मानो अगर देर हो गयी तो वो गायब ना हो जाए ………

एक हाथ मैं उसकी पीठ पर ले गया और दूसरे हाथ को उसकी गर्दन पर रख दिया …और फिर धीरे धीरे नीचे की तरफ चलाने लगा ………उसकी गर्दन , उसकी दोनो गलाइयाँ और उनके बीच की गहरी खाई से होता हुआ मेरा हाथ उसके पेट पर पहुँच गया ……….वहाँ थोड़ी देर
हाथ फेरने के बाद मैने अपना सर नीचे को झुकाया और उसकी गहरी नाभि पर एक किस कर दिया ………..

” इसस्स्स्सस्स….” एक सिसकारी उसके होंठों से निकली और उसने मेरे सर को पकड़ लिया ………….थोड़ी देर मैं यूँ ही उसके पेट को चूमता रहा और फिर धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ने लगा …….. उसके क्लीवेज को चूमने के बाद मैने उसके दोनो बूब्स के खुले हुए हिस्सो
को चूमना शुरू कर दिया………….बाहर सर्दी पड़ रही थी , पर कमरे के अंदर के तापमान इतना ज़्यादा हो गया था कि मुझे हम दोनो के
शरीर पर अब एक भी कपड़ा बर्दास्त नही हो रहा था……….

उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए मैं उसकी ब्रा के हुक तक पहुँच गया…..और फिर एक ही झटके में उसको खोल दिया …….वो जैसे नींद से
जागी हो ……. मेरी गिरफ़्त से छूट कर वो पीछे को हट गयी और अपने एक हाथ से अपनी ब्रा को अपने सीने पर पकड़ लिया………..
मेरी हालत ऐसी थी , जैसे किसी छोटे बच्चे से उसका सबसे प्यारा खिलोना छीन लिया हो ……….मैने उसकी तरफ देखा और इशारे से
पूछा ……वो धीरे से मुस्कुराइ और बोली ..

“ इस से आगे अभी नही ……..”

“ क्यों “ मैने पूछा .

“ कहा ना …..अभी नही “ वो आँखें तरेर्ति हुई बोली …

“ पर क्यों …” मैं ज़िद्द सी करता हुया बोला ……..

“ अब ज़्यादा सवाल नही ………..अब तुम बाहर जाओ “ कह कर उसने मुझे हाथ पकड़ कर उठाया …….दरवाज़े तक लेकर आई और फिर कमरे से बाहर निकाल कर दरवाज़ा बंद कर लिया ………..मैं कुछ सेकेंड्स यूँ ही बंद दरवाज़े को घूरता रहा ……और फिर अपने कमरे में आ गया और अपने बेड पर गिर गया …………

2 मिनिट ही हुए होंगे की दरवाज़े पर नॉक की आवाज़ हुई …..पर यह आवाज़ बाल्कनी से आ रही थी ………मैं झट से उठा और अपने कमरे का बाल्कनी वाला दरवाज़ा खोल कर बाहर आ गया …………

वहाँ कोई नही था …….फिर मेरी निगाह नेहा के कमरे पर गयी ……उसके कमरे का बाल्कनी में खुलने वाला दरवाज़ा थोडा सा खुला हुआ था ……..धड़कते दिल के साथ मैं उस दरवाज़े के पास गया और एक हल्का सा धक्का लगा कर उसको खोल दिया …….अंदर का सीन देख कर मेरे शरीर का सारा खून बहुत तेज़ी के साथ दौड़ने लगा …….

मैने कमरे के अंदर आ गया और धीरे धीरे चलते हुए बेड के नज़दीक पहुँच गया……………

कमरे की लगभग सारी लाइट्स ऑफ थी ………सिर्फ़ एक हल्की सी रोशिनी का बल्ब जल रहा था …….. पर उसकी रोशिनी इतनी तो थी जो मुझे कमरे का सारा सीन दिख रहा था…..नेहा की जॅकेट के साथ ही उसकी शर्ट , ब्रा , जीन्स और पैंटी भी फर्श पर पड़े हुए थे ……नेहा खुद बिस्तर पर उल्टी लेटी हुई थी ……..उसकी पीठ ऊपर की तरफ थी और चेहरे को उसने बेड में च्छुपाया हुया था ……..अपने शरीर पर
उसने सिर्फ़ एक पतली से चादर डाली हुई थी ………जो उसकी कमर से घुटनो तक का हिस्सा ढके हुए थी ………या यूँ कहिए की जो
कुछ भी ढका हुआ था , वो सब भी चादर के अंदर से नज़र आ रहा था ……….
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07-25-2020, 01:49 PM,
#54
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#49

मैं बेड के और नज़दीक पहुँच गया , और चादर के एक सिरे को पकड़ा और एक ही झटके में उसको उतार कर फेंक दिया …..मेरे सामने बिस्तर पर नेहा बिल्कुल नंगी हालत में , उल्टी होकर लेटी हुई थी …….उसका सर तकिये में था , आँखें बंद थी ……एक हाथ सर के नीचे और दूसरा सामने को फैला हुआ था …….उसका एक पाँव सीधा था और दूसरे को उसने मोड़ कर सामने की तरफ फैलाया हुआ था ……

कुल मिलाकर एक दिलकश नज़ारा था , मेरे सारे शरीर का खून अब एक ही तरफ दौड़ रहा था ……मेरे लिए यह पहला मौका था , जब मैं किसी लड़की को , हक़ीकत में , इतनी नज़दीक से , ऐसी हालत में देख रहा था ………

मेरे लिए यह सब कुछ बर्दाश्त से बाहर था ……मैने जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और फिर 1 मिनिट से भी पहले मैं भी
उसकी ही तरह , बिकुल बे-लिबास हालत में आ चुका था ……..

मैने धीरे से बेड के ऊपर चढ़ गया और फिर नेहा के और नज़दीक आ गया…….उसके पास जाकर मैं घुटनो के बल बैठ गया और फिर बहुत धीरे से अपना एक हाथ उसकी पिंडली के ऊपर रख दिया……..उसके शाईर में एक कंपन सा मैने महसूस किया…… बहुत ही कोमल था उसका जिस्म….बिल्कुल किसी रूई के टुकड़े की तरह ….उसकी पिंडली को सहलाते हुए मैं अपना हाथ उसकी जाँघ तक ले गया ….मेरे हाथ की हर हरकत से उसके जिस्म की थर-थराहट बढ़ती ही जा रही थी …….

फिर मैने अपना सर नीचे झुकाया ….और अपने प्यासे होंठ , उसके घुटने के पिच्छले हिस्से पर रख दिए ……उसका शरीर फिर से एक बार ज़ोर से काँपा और ......इसस्स्सस्स… की एक आवाज़ मुझे उसके होंठो से निकलती हुई सुनाई पड़ी …….

मेरे होंठ धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ने लगे और उसकी जाँघ के जोड़ पर जाकर मैं रुक गया ……फिर वही काम मैने उसकी दूसरी जाँघ पर भी किया और इस बार मैं कहीं नही रुका ………उसकी जाँघो से आगे चलते हुए मेरे होंठ, उसके जिस्म के सबसे नाज़ुक हिस्से पर
पहुँच गये …..उसकी पोज़िशन भी कुछ ऐसी थी कि वो सारा हिस्सा, पूरी तरह मेरे होंठो की पहुँच में था ……..मैने एक चुंबन उस गुलाबी अंग पर किया ……और उसके साथ ही एक लंबी अहह…उसके मुँह से निकल गयी …….

फिर कुछ चुंबन उस जगह पर करने के बाद , मैने अपनी उंगलियों से उस की दोनो नाज़ुक पंखुड़ियों को अलग किया और अपनी जीभ उस में घुसा दी ………एक लंबी सी सिसकारी उसके होंठो से फुट पड़ी ..उसने एक हाथ पीछे को ले जा कर मेरे बाल पकड़ लिए और उसका
शरीर फिर से काँपने लगा …………

मेरे लिए अभी तक अंजान रहा यह खेल , अब बड़ा ही रोचक होता जा रहा था …और मैं भी जल्द से जल्द इसके सारे पहलू समझने के लिए बे-ताब था ……..मैने आनी जीभ को काम पर लगा दिया …….और साथ ही साथ मेरे दोनो हाथ भी उसके शरीर के अलग अलग हिस्सो पर
घूमने लगे …….मुझे नही मालूम पड़ा कि कितनी देर तक में उसके हनी –पॉट को अपनी जीभ से चाट-ता रहा ….उसका रस बह कर
उसकी जाँघो के पिच्छले हिस्सो को भिगोने लगा था ……और कुछ तो बेड शीट तक आ गया था ……..

फिर मैं उठ कर बैठ गया ……उसके थोड़ा सा ऊपर आते हुए मैने अपने दोनो घुटनो को , उसके दोनो तरफ इस तरह अड्जस्ट किया कि उसकी चूत अब बिल्कुल मेरे सख़्त हो चुके लंड के सामने थी …….अपना एक हाथ मैने उसके पिच्छले हिस्से पर फिराया और शायद वो मेरा
इशारा समझ गयी ……..अपनी गान्ड को उसने थोड़ा सा पीछे की तरफ उठा दिया और इस पोज़िशन में उसकी चूत थोड़ा सा और खुल गयी ......……

मैने अपने सख़्त पड़ चुके लंड को उसके गुलाबी अंग पर टीकाया और एक हल्का सा झटका अपनी कमर को दिया…….उसके काम-रस में डूबी होने के कारण मुझे कुछ भी परेशानी नही हुई ……लंड का आगे का हिस्सा अंदर चला गया और एक अजीब सा रोमांच मुझे महसूस होने लगा …..मैने उसकी कमर और पिच्छले हिस्से हो अपने दोनो हाथो से थामा और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए …

हर धक्के से साथ उसके मुँह से अह्ह्ह्ह.. , ओह्ह्ह , आउच… की आवाज़ें निकल रही थी और मेरे अंदर गर्मी बढ़ती जा रही थी ……मैं पूरी तरह से उसके अंदर समा चुका था , और मेरे धक्के भी अब तेज़ और लंबे होते जा रहे थे ……

फिर मैने अपने आप को रोका और अपना लंड बाहर निकाल कर पीछे को हट गया…कुछ सेकेंड्स वो ऐसे ही लेटी रही …शायद मेरे अगले आक्षन की वेट कर रही थी …फिर वो पलटी और सीधी होकर लेट गयी ……उसने मेरी तरफ देखा और फिर अपनी बाहें मेरी तरफ फैला दी
……….मैने भी उसको निराश नही किया ……..मैं आगे बढ़ा और उसके दोनो पैरो के बीच में जगह बनाता हुआ, उसके ऊपर लद गया…….

अब हमारे जिस्म के सारे हिस्से , एक दूसरे से मिले हुए थे ……मैने अपने होंठ उसके होंठो पर टिका दिए और चूसने लगा……उसकी चूचियाँ , मेरे सीने के नीचे पीसने लगी और मेरा लंड उसकी चूत के छेद पर टक्कर मारने लगा……कुछ देर तक उसके होंठों का रस चूसने
के बाद मैं अपना सर और नीचे ले गया और उसके एक निपल को अपने मुँह में भर लिया……..उसके जिस्म के इस सबसे आकर्षक हिस्से
से यह मेरी पहली मुलाकात थी , और मैं पूरे मज़े ले ले कर उस से अपनी जान-पहचान बढ़ा रहा था ........…..

थोड़ी देर तक मेरे गाल और गर्दन को चूमने के बाद , वो अपना एक हाथ , हम दोनो के पेट के नीचे ले गयी और मेरे लंड को पकड़ कर फिर से उसको सही रास्ता दिखाने लगी …..मुझे सिर्फ़ अपनी कमर को एक झटका देना पड़ा और फिर से मैं उस तंग , गीले और गरम रास्ते पर
आगे बढ़ गया……..

फिर एक तूफान सा उस बिस्तर पर आ गया…….हम दोनो के जिस्म एक दूसरे में मानो समा जाने की कोशिश कर रहे थे…….मेरे होंठ कभी उसके होंठो को और कभी उसकी मस्त चूचियों को चूसने में लगे हुए थे …….उसके मुँह से अजीब अजीब सी आवाज़े निकल रही थी
…………उसने अपने हाथो को मेरी पीठ पर कसा हुआ था……मेरे हर धक्के का वो अपनी गान्ड को ऊपर उछाल कर पूरी तरह से जवाब दे रही थी ……….

बाहर सर्दी थी और अंदर हमारे जिस्म अब पसीने से नहा गये थे ……….फिर मुझे लगा कि अब मेरे अंदर बहुत देर से ठहरा हुआ बाँध टूटने ही वाला है ……मैने एक हाथ को उसकी कमर के नीचे लगाया और उसके जिस्म के निचले हिस्से को थोड़ा सा ऊपर उठा लिया ……और फिर मेरी कमर मानो मशीन बन गयी ……मैं ताबड-तोड़ धक्के लगाए जा रहा था …..कमरे में हमारी सांसो की , उसके मुँह से निकलने वाली अजीब सी सिसकारियों की और हमारे जिस्मो के टकराने से होने वाली छप छप की आवाज़ें सुनाई पड़ रही थी …….फिर मेरा शरीर झटका खाने लगा ……..एक लंबी सी अहह…मेरे मुँह से निकली और मैं अपना सर उसकी छातियों के बीच रख कर , उसके ऊपर ढेर होता चला गया ………..उसने भी अपनी बाँहो को मेरी गर्दन के इर्द-गिर्द कस लिया …………….हमारे शरीर अब शांत होने लगे थे …………….

काफ़ी देर तक हम दोनो एक दूसरे को बाहों मे लिए हुए चूमते रहे ………उस रात जो जिस्मो का यह खेल शुरू हुआ तो फिर पूरी रात ही चलता रहा………मेरे लिए तो वैसे भी यह पहली बार ही था….और मैं जैसे अपनी जीवन भर की प्यास आज ही बुझा लेना चाहता था…..और
नेहा भी काफ़ी समय के बाद इस दौर से गुजर रही थी ………पूरी रात हम दोनो , अलग अलग तरीक़ो से एक दूसरे के जिस्मो को समझते
रहे ……….बार बार हम दोनो थक जाते थे …….और फिर से एक नये जोश के साथ एक दूसरे में उलझ जाते थे …….

नये साल की शुरुआत हो चुकी थी और साथ ही मेरे इस नये रिश्ते की भी ……….मुझे नही मालूम था कि इसका अंजाम क्या होने वाला है
…….पर मैने तय कर लिया था कि मैं इस को सही अंजाम तक ज़रूर पहुचाऊँगा …

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07-25-2020, 01:49 PM,
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RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
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सॅटर्डे ‘ 1स्ट जन्वरी
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रात की खुमारी का असर था शायद ….हम दोनो सुबह देर तक सोते रहे ….फिर उठने पर याद आया कि हम को जल्द ही यहाँ से
निकलना है ……हम दोनो जल्दी जल्दी तय्यार हुए और फिर थोड़ी ही देर में हम अपनी गाड़ी में , चंडीगढ़ की तरफ जा रहे थे……..

हमारी अगली मंज़िल चंडीगढ़ थी ……….वहाँ भी हमारे लिए रूम्स बुक थे ………दोपहर में हम लोग यहाँ पहुँचे और फिर शाम को 4.00 बजे से हमारी क्लाइंट्स के साथ मीटिंग्स शुरू हो गयी थी …….जो देर रात , करीब 10.30 बजे तक चलती रहीं ……….. मीटिंग्स के बाद
ऐज-यूषुयल डिन्नर का अरेंज्मेंट था ….और फिर हम दोनो अपने रूम्स में आ गये ……..

एक संकोच की दीवार जो कल तक हमारे बीच में थी , अब गिर चुकी थी ……..हम दोनो एक साथ , एक ही कमरे में , एक ही बिस्तर पर सोए ……..कल रात जो जिस्म का रिश्ता हमारे बीच बन गया था , आज भी कायम रहा …….पूरी रात हम दोनो प्यार और सेक्स के इस अनूठे खेल का मज़ा लेते रहे ………..बिल्कुल किसी न्यूली मॅरीड कपल की तरह ……….
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सनडे ‘2न्ड जन्वरी
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आज हमारे टूर का लास्ट दिन था……सुबह उठ कर हम दोनो तय्यार होने लगे ……….पूरी रात बिस्तर पर चलने वाला खेल , बाथरूम में भी चालू रहा……….हम एक साथ ही नहाए और बाथरूम में ही एक बार प्यार की नदी में गोते भी लगा लिए …..

फिर हम दोनो ने अपनी आज की मीटिंग्स शुरू कर दी ……… दो-पहर 2 बजे तक हमारी मीटिंग्स चलती रही और फिर हम लोग वापस अपने होटेल में आ गये …..शाम 4 बजे हमारी फ्लाइट थी , वापस राज नगर जाने के लिए ……हम दोनो ने एक साथ लंच किया और फिर जो टाइम हमें मिला ……उसको हमने एक दूसरे की बाहों में बिता दिया ………….

कुल-मिलाकर हम दोनो ही बहुत खुश थे ……..मैं इसलिए , की जिसको मैने चाहा था , वो अब सिर्फ़ मेरी थी ……..सिर्फ़ एक काँटा मेरे रास्ते में था , उसका पति …..मुझे उम्मीद थी की मैं जल्दी ही उसका भी कोई ना कोई इंतेज़ाम कर लूँगा ……..

शाम को 6 बजे हम लोग वापस राज नगर पहुँच चुके थे ……..अपनी गाड़ी में बैठे हुए हम अपने अपने घर की तरफ जा रहे थे ………गाड़ी
के अंदर हम दोनो थोड़ा दूर दूर बैठे हुए थे ……पर एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए ……….

नेहा को उसके घर ड्रॉप करने के बाद मैं अपने घर आ गया …….मुझे मालूम था कि कल से मुझे बहुत ज़्यादा बिज़ी हो जाना है ……..पर
साथ ही साथ मैने नेहा से प्रॉमिस भी किया था की हम दोनो डेली थोड़ा टाइम सिर्फ़ अपने लिए भी निकालेंगे ……

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मंडे
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जैसी कि मुझे उम्मीद थी ……आज का दिन बहुत बिज़ी साबित हुआ………….सुबह ऑफीस पहुँचते ही हम लोगो ने एक मीटिंग ऑर्गनाइज़ की …….जिस में सारी टीम्स अपनी अपनी रिपोर्ट्स के साथ पहुँची ……….

मिस्टर.चौधरी खुद इस मीटिंग में शामिल थे ……उन्होने हम सब की रिपोर्ट्स सुनी और हमारे अच्छे काम के लिए सब को कॉनग्रॅजुलेट किया………हम सब की रिपोर्ट का कंक्लूषन यह था कि हम लोग पूरे देश में कहीं भी अपनी बॅंक की ब्रांच खोल सकते थे ….. हमारे
क्लाइंट्स तय्यार थे , कि जैसे ही हमारे बॅंक की ब्रॅंचस उनके शहर में खुलेगी ……..वो हमारी सर्विस ले लेंगे …

फिर मिस्टर.चौधरी ने एक और खुश-खबरी सबको सुनाई ……….सेंट्रल गवरमेंट. ने हमारा प्रपोज़ल आक्सेप्ट कर लिया था , अफीशियली …….अब हमें जल्द से जल्द 2 वॉल्ट तय्यार करने थे …….एक स्टेट गवर्नमेंट के लिए और एक सेंट्रल गवर्नमेंट के लिए ……हमेशा की तरह
मिस्टर.चौधरी ने यह रेस्पॉन्सिबिलिटी भी मुझे ही सौंपी ………जिस में मेरी हेल्प करण और निधि को करनी थी ……………

फिर मीटिंग ख़तम हो गयी ……सब लोग एक एक करके रूम से बाहर चले गये …….सिर्फ़ मैं , करण और निधि वहाँ रह गये ………

करण ने मुझे बताया कि वॉल्ट का काम वो चालू कर चुका है ………सिविल कन्स्ट्रक्षन वर्क काफ़ी हद तक निपट चुका है …….अब फॅब्रिकेशन का काम होना है और उसके बाद एलेक्ट्रॉनिक्स एक्विपमेंट्स की सेट्टिंग करनी है ………..

हम लोगो ने सारे काम की प्लांनिंग्स तय्यार कर ली और डे बाइ डे उसको रिव्यू करने का फ़ैसला किया …….फिर करण वहाँ से उठ कर चला गया ……और मैं भी अपनी फाइल्स समेटने लगा ………निधि जो अभी तक लगभग चुप ही बैठी हुई थी ……..बोली

“ तुम्हारा टूर कैसा रहा राजीव ? “

मैने उसकी तरफ देखा ……एक अर्थ-पूर्ण मुस्कुराहट उसके चेहरे पर थी ……..

“ बहुत अच्च्छा रहा …….मैने बताया था ना कि हमारी सारी मीटिंग्स सक्सेस्फुल रही है ……” मैं उस से निगाह मिलाए बगैर बोला …….

“ मैं अफीशियल मीटिंग्स की बात नही कर रही हूँ राजीव…………पर्सनल मीटिंग्स के बारे में पूछ रही हूँ …? “

उसने कहा और मैं उसके चेहरे की तरफ देखता रह गया ……..मैं समझ नही पा रहा था कि उसकी बात का क्या जवाब दूँ …….क्यों कि
मुझे भी नही मालूम था कि हमेशा की तरह वो सिर्फ़ मज़ाक कर रही है ……या सच में उसको कुछ पता चल गया है …………
“ मैं तुम्हारी बात समझा नही निधि ? “ मैने अंजान बनते हुए कहा…

“ इसमें समझने वाली कौन सी बात है ……..एक जवान लड़का, एक जवान लड़की …..दोनो एक साथ 14 दिन तक रहे ….उसके बाद भी अगर कोई पर्सनल मीटिंग नही हुई …तो बेकार है “ उसने बुरा सा मुँह बनाते हुए कहा और फिर मेरी आँखों में देखते हुए बोली “ क्यों ? सच कह रहे हो ना ? “

मैं कुछ नही बोल पाया ……सिर्फ़ उसकी आँखों में देखता रहा ……. फिर अपनी निगाहें नीचे को झुका ली ……….. कुछ सेकेंड्स बाद में उसकी तरफ फिर से देखा ..

उसने एक बार अपनी आखों से इशारा किया और फिर ज़ोर ज़ोर से हँसना शुरू कर दिया …मैं हैरानी से उसका मुँह देखता रह गया ………फिर जब उसकी हँसी थमी तो उसने कहा

“ तुम तो वाकयि ऐसे डर गये थे जैसे मैने तुम्हारी कोई चोरी पकड़ ली हो …….. मुझे मालूम है यार , तुम्हे सिर्फ़ अपने काम से प्यार है …….और मैं भी तो यही चाहती हूँ “ आख़िरी बात उसने कुछ गंभीर होकर कही ……..फिर उसने अपनी फाइल्स उठाई और रूम से बाहर
निकल गयी ……..और उसके पीछे पीछे मैं भी वहाँ से निकल आया ……….

मैं अपने रूम में आ गया….और अपने काम में लग गया…..बीच में जब मैने थोड़ी देर के लिए आराम कर रहा था….तब मुझे नेहा का ध्यान आया……मैने उसका नंबर लगाया …….2 बेल्स के बाद ही उसने फोन उठा लिया ….

“ हाई …..”

“ जी कहिए …?”

“ क्या कर रही हो……” मैने अपने लहज़े को रोमॅंटिक सा बनाते हुए कहा …….
“ काम कर रही हूँ बाबा ………बोलिए “

“ आज सुबह से तुम्हे देखा नही ना , इसलिए फोन किया था ….. “ मैने कहा …

“ अच्च्छा जी ………अभी थोड़ी देर पहले ही तो मीटिंग रूम में तुम्हारे पास बैठी हुई थी ……तब नही देखा था ….” उसने भी अपनी आवाज़ में एक अदा सी लाते हुए कहा ………

“ तुम जानती हो नेहा …..जब मैं काम करता हूँ तो , सिर्फ़ काम में ही ध्यान लगाता हूँ ……..अब मेरा दिल किया तुमसे , मिलने का तो मैने तुम्हे फोन कर दिया “

“ इसका मतलब ……तुम्हारे लिए काम सब से पहले है ,मैं बाद में…… “ उसने अपना लहज़ा शिकायती सा करते हुए कहा………..

“ सच तो यही है जान…………..मेरे लिए मेरा कमिटमेंट सबसे पहले है …….अच्च्छा छोड़ो यह बाते , और बताओ कब मिल रही हो ……”

थोड़ी देर वो खामोश रही फिर बोली “ कोशिश करूँगी ………कल शाम को तुम्हारे घर पर आने की ……..अगर तुम्हे कोई प्राब्लम ना हो तो “

“ मुझे क्या प्राब्लम होगी ? तुम्हारा ही घर है …….जब चाहे आ जाओ “ मैने कहा और फिर कुछ और बातें कर के मैने फोन रख दिया ………….

अब मुझे अपने आप को वॉल्ट के काम में झोंक देना था………पर साथ ही साथ मुझे इंतेज़ार था , कल शाम को नेहा से मुलाकात का …………
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07-25-2020, 01:49 PM,
#56
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#51

देर रात तक काम में बिज़ी रहने के बाद मैं काफ़ी थक गया था……..अपने फ्लॅट पर वापस आकर मैने खाना खाया और फिर बिस्तर के हवाले हो गया…….

सुबह उठ कर फिर वही डेली रुटीन वर्क और उसके बाद ऑफीस ……..आज से मुझे बॅंक वॉल्ट का काम भी देखना था ………..थोड़ी देर ऑफीस में बैठने के बाद मैं बॅंक पहुँच गया………….. वहाँ करण सारा काम देख रहा था……..मैने सारे काम को रिव्यू किया , कन्स्ट्रक्षन
इंजिनीयर्स के साथ डिस्कशन किया और फिर वही बने हुए साइट ऑफीस में बैठ कर कुछ इंपॉर्टेंट वर्क्स निपटाने लगा …………
मेरे मोबाइल की बेल बजने लगी …….मैने देखा , यह नेहा का फोन था …मैने कॉल रिसीव की “ हाई नेहा…………”

“ हेलो राजीव ………….. कहाँ हो ? “

“ मैं……..अभी बॅंक की साइट पर हूँ ……और तुम ? ऑफीस ? “

“ हाँ…………..मुझे तो ऑफीस में ही रहना है ना ….” वो कुछ मायूस सी आवाज़ में बोली……..

“ क्या हुआ यार ……तुम्हे ऑफीस का काम पसंद नही है क्या ? “ मैने पूछा ……

“ पसंद तो है ………पर उस से भी ज़्यादा कुछ और पसंद है “ वो अपनी आवाज़ को रोमॅंटिक सी बनाती हुई बोली ………..

“ और वो क्या चीज़ है ?” मैं अंजान बनता हुआ सा बोला …………

“ वो जो इश्स समय मुझ से फोन पर बात कर रहा है ……..” उसने हंसते हुए कहा …….. “ मैं तुम से मिलना चाहती हूँ राजीव ………..”

“ ठीक है …………शाम को मेरे घर आ जाओ …….. “ मैने कहा और फिर फोन डिसकनेक्ट कर दिया………….

मैं फिर से अपने काम में बिज़ी हो गया ……….. बॅंक की साइट पर मुझे शाम हो गयी …….फिर अचानक कुछ काम ऑफीस का निकल आया ……….मैं ऑफीस गया ,अपना ज़रूरी काम निपटाया और फिर रात को 8.30 बजे मैं घर पहुँच पाया …………..
मैं बिल्डिंग के अंदर पहुँचा तो रिसेप्षन पर मौजूद आदमी ने मुझे सलाम किया और बोला …..” साब …..आपका फ्लॅट खुला हुआ है …..कोई मेडम आई हुई हैं….वही आपके फ्लॅट की चाबी ले गयी हैं……

मैं जल्दी से लिफ्ट में पहुँचा और फिर 2 मिनिट के अंदर ही मैं अपने फ्लॅट में था …..मैं सीधा अपने बेड रूम में गया ……….नेहा, मेरे बेड रूम में मौजूद थी ……..वो इस समय बेड पर अध-लेटी सी थी और टीवी देख रही थी ……मुझे देखकर भी अनदेखा कर रही थी ……मैं सीधा उसके पास गया और उसके बराबर में बैठ गया …………..और फिर उसकी बाँह को थाम कर बोला

“ नाराज़ हो ………..? “

वो कुछ नहीं बोली ………अपना मुँह और फूला लिया ………….

“ हे ………सॉरी यार …….मुझे अचानक ऑफीस जाना पड़ गया था , वहीं देर हो गयी ……….. “ मैं सीधा बैठ गया और उसको अपनी बाहों में भर लिया ………….

“ एक फोन तो कर सकते थे ना …..? मैं 2 घंटे से तुम्हारा वेट कर रही हूँ …” उसने कहा ……..और फिर मेरे कंधे पर अपना सर टिका दिया ………….गुलाबी साड़ी में वो गजब की सुंदर लग रही थी …….या यूँ कहिए कि साड़ी उसके जिस्म का साथ पाकर और भी ज़्यादा सुंदर लगने लगी थी …………..

हम दोनो कुछ सेकेंड्स ऐसे ही बैठे रहे …….फिर मैने पूछा “ डिन्नर का क्या प्रोग्राम है …….”

“ जैसा तुम कहो ……? “ उसने मेरे हाथ को सहलाते हुए कहा ……

“ ठीक है ……मैं सिर्फ़ 5 मिनिट में नहा कर आता हूँ …….फिर डिन्नर करने चलेंगे ……..” मैने कहा और बिस्तर से उठ गया ……….

2 मिनिट बाद ही मैं बातरूम में शवर का मज़ा ले रहा था……..शवर के गर्म पानी से सारे दिन की थकान गायब होने लगी थी ……..मैने
नहाने के बाद टवल उतारा और बदन को पोन्छ्ना शुरू ही किया था कि अचानक बाथरूम के दरवाज़े पर नॉक हुई ………..
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07-25-2020, 01:50 PM,
#57
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#52

मैने बाथरूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोला और बाहर देखा ……..जो कुछ मेरे सामने था वो मेरे लिए आश्चर्य और खुशी ….. दोनो का सबब था……….

नेहा, मेरे सामने खड़ी हुई थी ……..उसने अपने बदन पर एक टवल लपेटा हुया था जो उसकी छातियो से लेकर उसकी जांघों तक के हिस्से को ढके हुए था ……..और बहुत ही मादक निगाहों से मुझे देख रही थी …….मैं उसको देख कर मुस्कुराया और फिर दरवाज़ा खुला छोड़ कर वापस शवर के नीचे आ गया ……..

कुछ ही सेकेंड्स बाद में उसको अपने पीछे महसूस किया ……….वो मेरी पीठ से लगी हुई , मुझ से लिपटी हुई थी ……..उसके हाथ मेरे सीने और पेट पर घूम रहे थे ……और उसके बदन का जो भी हिस्सा मुझे छू रहा था , उस से मुझे यह एहसास तो हो ही रहा था कि वो भी मेरी तरह बिल्कुल नंगी है ………………

कुछ सेकेंड्स यूँ ही खड़े रहने के बाद मैं अपनी जगह पर घूम गया और उसको अपनी बाहों में भर लिया ……… सर्दी के बावजूद उसका सारा बदन गर्म हो रहा था………उसने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दी और मैं उसके होंठों को चूम कर बोला “ क्या हुआ ? ………इतनी
देर भी सब्र नही हुआ ……?

उसने ना में सर हिलाया और मेरी गर्दन को चूमते हुए बोली “ नही ………मुझसे से अब यह दूरी बर्दाश्त नही होती राजीव ……….”

फिर थोड़ी देर के लिए हमारे होंठ एक-दूसरे में उलझ से गये ………….कुछ ऊपर से गिरते पानी का असर था और कुछ एक दूसरे की जिस्म की गर्मी का ……… उसके निपल सख़्त होते जा रहे थे और मेरे शरीर का सारा खून भी सिर्फ़ एक ही दिशा में दौड़ रहा था ……………….

"उउन्न्ञणन्.....आनन्न....!" की आवाज़ नेहा के होंठों से फूटने लगी …….मैने अपना सर नीचे झुका कर उसके एक निपल को अपने मुँह में भर लिया था और किसी बे-सबरे बच्चे की तरह चूसे जा रहा था …………

उसका हाथ भी अब मेरी गर्दन से नीचे आ गया …….मेरे सीने से होते हुए उसका हाथ मेरे पेट पर आया और फिर थोड़ा और नीचे जाकर उसने मेरे सख़्त हो चुके लंड को पकड़ लिया ……………

उसने अपनी पूरी हथेली को उस पर ऊपर से नीचे को फिराया और फिर मेरे एक कान की लौ को धीरे से अपने दाँतों में पकड़ लिया ……….उत्तेजना की एक लहर सी मेरे पूरे शरीर में दौड़ गयी ………….मैने उसके निपल को और ज़्यादा तेज़ी से चूसने शुरू कर दिया और अपने एक हाथ को उसकी दूसरी चुचि पर रख कर सहलाना शुरू कर दिया ……………………

"आअहह....क्या करते हो!..जंगली कहीं के..!.ऊओवव्व….!" नेहा के मुँह से निकला , मैने उसके एक निपल को धीरे से दाँतों में दबा लिया था और दूसरे को अपनी एक उंगली और अंगूठे में दबा दिया था ………..

मैने कुछ नही कहा .सिर्फ़ मुस्कुरा दिया …….फिर मैने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया और अपना एक हाथ उसके पेट पर ले गया …और फिर धीरे धीरे सरकता हुआ उसके सबसे नाज़ुक अंग पर दस्तक से दी ………..उसने अपनी जांघों को थोड़ा सा चौड़ा किया और मेरे हाथ को अंदर जाने की जगह दे दी ……..मैने अपना हाथ ऊपर से नीचे तक फिराया …….और फिर एक उंगली को धीरे से अंदर धकेल दिया ……..

"ऊहह.....हााईयईईईईई......नहियीईईईईईई.....उूउउम्म्म्ममम......उउफफफफफफ्फ़....!" जैसी ही मेरी उंगली अंदर –बाहर होना शुरू हुई , कुछ टूटी फूटी से आवाज़ें नेहा के होंठों से फूटने लगी …………..उसका हाथ , जो अभी तक मेरे लंड को थामे हुआ था , तेज़ी के साथ ऊपर नीचे होने लगा ……………….

मैने हाथ बढ़ा कर शवर को बंद कर दिया ……..फिर नेहा को अपनी बाहों में उठा लिया और ऐसे ही भीगे बदन हम दोनो बेडरूम में पहुँच गये ……..

मैने बेडरूम में जाकर उसको ……थोड़ा ऊपर से बेड के ऊपर फेंक सा दिया………तेज़ रोशिनी और ऊपर से उसके बदन पर पानी की बूंदे …….जैसे सितारे से चमक रहे हो …………

वो बेड पर सीधी लेट गयी ….अपनी पीठ के बल ……..फिर मेरी तरफ देखती हुई , अपनी कोहलियों के बल थोड़ा सा पीछे को हो गयी …और फिर बेड के बॅक रेस्ट पर अपना सर टिका दिया ………इश्स पोज़िशन में वो बहुत ज़्यादा दिलकश लग रही थी ……उसका सर पीछे
टिका होने की वजह से उसका सीना थोड़ा सा ऊपर को आ गया था ……….उसने अपना एक पैर सीधा किया हुआ था और एक को घुटने से मोड़ा हुआ था ……..

मैं आगे बढ़ता हुआ बेड के ऊपर आ गया ….और फिर अपना सर नीचे की झुका कर अपने होंठ उसकी एक पिंडली पर टिका दिए ………..

"आहह....राजीव....!" उसके होंठो से निकला और उसने अपनी कमर थोड़ी सी हवा में उठा दी ……….मुझे मालूम था कि वो अब जल्द से जल्द मेरे नीचे आना चाहती थी …..ओए मैं खुद भी इस खेल को लंबा नही खींचना चाहता था ………..उसकी पिंडलियों से शुरू हुआ मेरे
होंठो का सफ़र उसकी जांघों तक आया ….और फिर कुछ देर मैं उसकी जांघों के बीच में मुँह घुसाए चाट-ता रहा ……..उसके होंठ सिसकारियाँ निकाल रहे थे और हाथ मेरे सर में घूम रहे थे ………

फिर उसने अपने पैर दोनो तरफ फैला दिए ………मैं उसने बीच में आ गया , अपने घुटनो के बल और फिर अपना सर नीचे को झुका कर उसके पेट पर चूमना शुरू कर दिया …………….मेरे होंठ धीरे धीरे ऊपर की तरफ बढ़ते हुए उसकी चूचियों पर आ गये ………मैने उसके एक निपल को फिर से मुँह में भर लिया और चूसना शुरू कर दिया ……साथ ही साथ में अपने शरीर के निचले भाग को भी उसके शरीर से मिलाता चला गया ………….

फिर उसने अपना हाथ बढ़ाया ………मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसको अपनी गीली हो चुकी चूत पर टिका दिया ……….मैने अपना सर ऊपर उठाया और उसकी आँखों में देखा …………….उसकी आँखें बता रही थी कि वो किस कदर उतावली है ……..वो अपना
एक हाथ मेरे सीने पर फिराने लगी और फिर मैने उसका इशारा समझ कर अपनी कमर को एक जोरदार झटका दिया ………..

"ऊव्व..!" एक हल्की सी चीख उसके होंठो से निकली जो मैने अपने होंठों में दफ़न कर दी ………थोड़ी देर तक हम यूँ ही एक दूसरे के
होंठो का रस चूस्ते रहे और साथ ही साथ हमारी कमर भी हिल रही थी ……………

फिर मैं उसके ऊपर से उठ गया ………..अपने घुटनो के बल बैठ कर , मैने उसके एक पैर को पकड़ा और अपने कंधे पर टिका दिया ……..और फिर धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए ………..हर बार , मैं अपने आप को पूरा बाहर निकालता था , और फिर वापस अंदर घुसा देता था ……………

हर गुज़रते पल के साथ मेरे धक्को की स्पीड बढ़ती जा रही थी …..और साथ में नेहा के मुँह से फूटने वाली सिसकारियों की आवाज़ भी…………

"ऊहह...हान्णन्न्..और .ऊव्ववव..हाआंन्‍णणन्..ऐसे ही..हाईईईई....!" की आवाज़ें लगातार उसके होंठों से निकल रही थी ……..पर मुझे उसकी परवाह नही थी कि कोई सुन ना ले ………मैं अपनी स्पीड बढ़ाता चला गया ………….और फिर अपने पाँव पीछे को सीधे करते हुए फिर से उसके शरीर पर बिचछता चला गया …………

अपने होंठ मैने उसकी गर्दन पर जमा दिए और उसको बे-तहाशा चूमना शुरू कर दिया ……………..उसके हाथ मेरी पूरी पीठ पर फिर
रहे थे ………मेरे हर धक्के के साथ उसकी कमर भी ऊपर को उछाल रही थी …….

और फिर हर खेल की तरह , यह भी अपने अंजाम तक पहुँच गया …………..मेरे मुँह से एक लंबी सी आह निकली और अपने शरीर में
बहता हुआ लावा , मेने उसके जिस्म में छोड़ दिया …………..उसने भी अपनी टाँगो को मेरी कमर पर लिपटा लिया …………

मैने उसके ऊपर से हट कर उसकी बगल में आ गया …..और उसने मेरी तरफ करवट ले कर , मुझे अपने बाहों में भर लिया ………………
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07-25-2020, 01:50 PM,
#58
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#53

हम दोनो एक दूसरे का हाथ थामे हुए धीरे धीरे चले जा रहे थे ……थोड़ी देर पहले जो वासना का तूफान मेरे घर में आया था, उसके ½ घंटे
बाद हम दोनो तय्यार हुए और बिल्डिंग से नीचे आ गये थे ……वहीं पास में ही एक रेस्टोरेंट था , जहाँ हम दोनो जा रहे थे …….

रेस्तरेंट में पहुँच कर हम दोनो एक फॅमिली कॅबिन मे जा कर बैठ गये और डिन्नर का ऑर्डर दे दिया ……..

वो मेरे सामने बैठी हुई …मेरी तरफ देखे जा रही थी ….मैने उसकी तरफ इशारा किया और बोला ..” क्या हुआ ?…….क्या देख रही हो ? “

“ कुछ नही ……”

“ फिर भी ……..कुछ तो बात होगी जो ऐसे देख रही हो ? “

“ बस , सोच रही थी कि कुछ ही दिनो में हम दोनो कितने पास आ गये हैं ……..सब कुछ एक सपने जैसा लगता है राजीव “ उसने एक लंबी
साँस लेकर कहा .............जैसे वाकयि सपने में डूबी हुई हो ………
उसकी बातें प्यार मे डूबी हुई किसी भी लड़की के जैसी ही थी .........और फिर इस से पहले कि मैं कुछ बोलता , उसका मोबाइल बजने लगा ……उसने मोबाइल स्क्रीन पर नंबर देखा और फिर आँखें चढ़ा कर अजीब सा मुँह बनाया ………..और फिर कॉल रिसीव कर ली ……

” हेलो ……………..हेलो …………हेलो…..कोई तो बोलो भाई ……..” ऐसा लग रहा था जैसे उधर से कोई आवाज़ ही ना आ रही हो ……….
फिर उसने फोन डिसकनेक्ट कर दिया …..और मेरी तरफ देखने लगी …….

“ किसका फोन था ??” मैने पूछा …

“ मालूम नही ……….कोई बार बार ब्लंक्क कॉल करता है , एक ही नंबर से ………” उसने चहरे पर कुछ परेशानी के भाव लाते हुए कहा ..

“ लाओ..मुझे दिखाओ …” मैने कहा और उसके हाथ से मोबाइल ले कर , लास्ट रिसीव्ड कॉल चेक की ………और नंबर देख कर मैं चौंक पड़ा ……….फिर उसकी तरफ देखता हुआ बोला …….

“ आर यू स्योर ……….बार बार इस नंबर से ही कॉल आती है ……….? “

“ हां ………आइ आम स्योर , शुरू के नंबर सेम ही होते हैं …..बस लास्ट के नंबर चेंज होते हैं ………..क्यों ? कोई ख़ास बात है क्या ?” वो
बोली ……और बड़ी परेशान सी दिखने लगी ….

मैने जल्दी जल्दी उसके मोबाइल की पिच्छली कॉल चेक की ………3 दिनो से उसके फोन पर इस सीरीस के नंबर से फोन आ रहे थे …….मैने उसकी तरफ देखा और बोला …..

“ तुम नही जानती यह कहाँ का नंबर है ..? “

उसने सिर्फ़ ना में सर हिला दिया ………बिना कुछ कहे …….और बड़े गौर से मेरी तरफ देखने लगी …….

मैने एक लंबी साँस ली और चेयर के पीछे को सर टीका दिया और बोला “ तुम्हे इतना भी नही पता नेहा...!!!.............यह नंबर्स हमारे अपने ऑफीस के हैं …….अड्मिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के……….जहाँ मैं और सारे डाइरेक्टर्स बैठ-ते हैं ………..." कुछ देर चुप रहकर मैं उसके चेहरे
पर हाल पर बदल रहे भाव देखता रहा , और फिर बोला " इस सीरीस के कुल 10 नंबर्स काम करते हैं ……......सब के लास्ट डिजिट्स
डिफरेंट हैं ………..पर मेरी समझ में नही आ रहा कि वहाँ से कौन तुम्हे ब्लॅंक कॉल कर रहा होगा ………..?”

कुछ देर हम दोनो चुप रहे फिर वो धीरे से बोली …” शायद ………करण !!! ….तुम्हारा असिस्टेंट.”

मैं सुन कर चौंक गया ……..2 सेकेंड्स उसके चेहरे को देखता रहा और फिर बोला “ क्या बात कर रही हो नेहा ?.............. करण क्यों तुम्हे फोन करेगा ? “

“ उस ऑफीस में से अगर कोई मुझे ब्लॅंक कॉल कर रहा है राजीव……..तो वो करण ही हो सकता है ……………” उसने कहा और फिर चुप हो गयी ….वेटर खाना ले आया था …..उसके सर्व करने तक हम दोनो चुप ही रहे ………..फिर वेटर के जाते ही मैं थोड़ा सा आगे को
आ गया और बोला … “ कोई ख़ास वजह है तुम्हारे इस शॅक की ?”

उसने मेरी आखों मियान झाँक कर देखा और फिर सर नीचे झुका लिया …..फिर कुछ सेकेंड्स बाद सर ऊपर उठाया और बोली “ राजीव…….. डाइरेक्टर्स के अलावा एक करण ही है जो वहाँ , उस ब्लॉक में रहता है ………..एक औरत किसी भी मर्द की नज़रों को सही सही पहचान सकती है................. मैं काफ़ी दिनो से फील कर रही हूँ कि करण मेरे नज़दीक आने को कोशिश करता रहता है …..ऑफीस में , जब भी हम दोनो आमने सामने होते हैं………..उसकी निगाहें मुझे कुछ अलग ही एहसास करवाती हैं……….तुम समझ रहे हो ना की मैं क्या कहना चाह रही हूँ ?”

" पर यह तुम्हारी ग़लत फहमी भी तो हो सकती है नेहा..........जहाँ तक मैं करण को जानता हूँ , वो एक बहुत ही सिन्सियर किस्म का आदमी है ...................मुझे नही लगता , वो ऐसी हरकत करेगा ......." मैं जैसे अपने आप को समझा रहा था ..........

"हो सकता है कि यह मेरी ग़लत फहमी हो ..............पर तुम ही बताओ कि फिर और कौन हो सकता है जो मुझे ब्लॅंक कॉल्स कर रहा
होगा.....? " उसने मेरी आँखों में झाँकते हुए पूछा

मैं उसकी बात समझ गया था……पर मैं कुछ बोलने की हालत में नही था……जहाँ तक मेरा अपना एक्सपीरियेन्स था, मुझे यकीन नही हो रहा था कि करण ऐसा भी कर सकता है ……पर अगर नेहा ऐसा कह रही थी , तो उस पर विश्वास ना करने की भी कोई वजह नही थी ………..

“अब तुम किस सोच में पड़ गये ……..चलो खाना खाओ ना यार ? “ उसने मेरे हाथ पकड़ कर बड़े प्यार से कहा……. फिर हम दोनो खाना खाने में लग गये …….पर मेरे दिमाग़ में जो बात बैठ चुकी थी , वो अब मुझे परेशान कर रही थी ……….

हम दोनो ने चुप-चाप अपना डिन्नर किया ……….फिर हम उठ कर बाहर आ गये और धीरे धीरे वॉक करते हुए अपने घर की तरफ चल दिए ……..मेरा मूड थोड़ा ऑफ हो चुका था और शायद नेहा ने भी यह समझ लिया था ……..उसने चलते चलते मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली ……..” अब क्या सोचने लग गये तुम ? …….इतनी सी बात के लिए अपना मूड क्यों ऑफ कर रहे हो यार …? “

“ तुम्हे यह इतनी सी बात लगती है नेहा …….? “ मैने उसकी तरफ देखते हुए कहा …

“ बिल्कुल ..!!......तुम्हारे लिए यह बड़ी बात होगी राजीव , क्यों कि तुम मुझ से प्यार करते हो ………पर एक लड़की के लिए यह कामन बात है ………….” फिर कुछ देर रुक कर वो बोली ….” और वैसे भी , करण को तो नही पता ना कि उसका बॉस भी उसी लड़की से प्यार करता है ……..जिस पर वो फिदा है “ ………कह कर वो हँसने लगी और फिर मैने भी उसकी हँसी में उसका साथ दिया………….माहौल कुछ देर के लिए फिर से हल्का हो गया………..

हम दोनो अपनी बिल्डिंग के पास आ गये…….उसने कहा कि अब वो अपने घर जाना चाहती है……….मैने उसको ऑफर दिया , उसके घर छोड़ कर आने का….पर उसने मना कर दिया …….फिर मैने उसको एक टॅक्सी में बैठा दिया ……..और फिर वापस अपने फ्लॅट में आ गया ……….
उसकी कही बात अभी भी मेरे दिमाग़ में घूम रही थी ……..मैं थोड़ी देर यूँ ही बैठा टीवी के चॅनेल्स चेंज करता रहा …..फिर मुझ से रहा नही गया , मैने अपना मोबाइल उठाया और अपने ऑफीस का वो नंबर लगाया , जिस से अभी नेहा के मोबाइल पर कॉल आई थी ……..

“ हेलो …… ……..” उधर से फोन रिसीव किया गया… एक कड़कदार आवाज़ आई …..

“ हेलो ……….मैं राजीव बोल रहा हूँ “ मैने कहा ..

“ गुड ईव्निंग सर…….” बोलने वाले का लहज़ा तुरंत चेंज हो गया ……..

“ ज़रा बताओगे , अभी ऑफीस में कितने लोग बैठे हुए हैं ….? “ मैने पूछा …….

“ अब तो कोई नही हैं सर ……………सभी लोग जा चुके हैं ……….” उसने बताया …..

“ ओके ………….सबसे लास्ट में कौन गया था ? …………”

कुछ देर उधर शांति रही ……फिर जवाब मिला ….” अकाउंट्स सेक्षन के कुछ लोग थे सर ………….4 लोग थे ……..नाम बताऊं क्या ?”

“ नही …………मैं अड्मिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक की बात कर रहा हूँ …….” मैने पूछा ….

“ ओह ………..सबसे लास्ट में प्रिया मेडम गयी थी सर …….अभी 5 मिनिट पहले ……..और उनसे थोड़ा पहले करण साब गये थे ……………” उसने बताया …….और फिर मैने फोन डिसकनेक्ट कर दिया ……..

इसका मतलब ……नेहा का शॅक सही था ………..करण अभी थोड़ी देर पहले तक वहीं ऑफीस में मौजूद था …….और जाहिर है कि उसने ही नेहा को ब्लॅंक कॉल की थी……

मेरे अंदर मौजूद आशिक के लिए यह परेशानी का सबब था कि कोई मेरी महबूबा पर ग़लत निगाह रखता था……..और वो भी मेरा सबसे
नज़दीकी आदमी …….मेरा सो कॉल्ड राइट हॅंड…………करण………..

पता नही कब तक मैं यूँ ही सोचता रहा ……….जब तक थकान और नींद ने मुझे सोने पर मजबूर नही कर दिया …………
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07-25-2020, 01:50 PM,
#59
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#54

अगले 3-4 दिन फिर से मैं अपने काम में बिज़ी हो गया……सुबह ऑफीस ,उसके बाद बॅंक की साइट पर जाना और दिन भर वहीं पर रहना…….और उसके बाद देर रात को घर वापस आना …….इन कुछ दिनो के लिए मानो मेरा बाकी दुनिया से नाता टूट सा गया था , और
मैं खुद भी सबसे पहले अपने इस प्रॉजेक्ट को पूरा करना चाहता था ……..

बॅंक साइट पर मेरी मुलाकात करण से रोज़ाना ही होती थी …….हम दोनो साथ साथ सारे काम करते थे , पर उस दिन के बाद से मैं उसे और ज़्यादा गौर से वॉच करने लगा था …….मैं कोशिश कर रहा था कि उस की हर हरकत पर नज़र रखूं …..पर यह मेरे लिए भी संभव नही था ……… साथ साथ काम करने के बावजूद , हमारी रेस्पॉन्सिबिलिटीस अलग अल्ग थी और उसको ज़्यादा भाग-दौड़ के काम निपटाने होते थे ……….पर जितना भी मैं उसको वॉच कर पाया , मुझे कहीं से भी ऐसा महसूस नही हुआ कि वो ऐसी ग़लत हरकत भी कर सकता है………..

नेहा से भी इस बीच मेरी कोई मुलाकात नही हुई …….कभी कभी फोन पर बात हो जाती थी ….उस को अभी भी ब्लॅंक कॉल्स आ रहे थे …..और पहले की ही तरह ऑफीस के नंबर्स से ………….उसने अपने लॉयर से भी बात की थी ….अपने डाइवोर्स केस के बारे में, पर उसमें
अभी कोई प्रोग्रेस नही हुई थी ……….मैने तय कर लिया था कि मैं उसके हज़्बेंड की 25 लॅक की डिमॅंड पूरी कर दूँगा……… मैं उसको जल्द से जल्द हमेशा के लिए अपनी बना लेना चाहता था………..

सॅटर्डे ............दिन के समय जब मैं अपने घर से साइट पर जा रहा था था, तभी मिस्टर.चौधरी का फोन आया…………वो कुछ देर बाद देल्ही जा रहे थे और मुझ से कुछ इंपॉर्टेंट बात करना चाहते थे ……….मैने अपनी गाड़ी बॅंक साइट की बजाए ऑफीस की तरफ मोड़ ली ………..और 15 मिनिट बाद ही मैं अपने ऑफीस पहुँच गया …………

मैं सीधा मिस्टर. चौधरी के ऑफीस में पहुँचा ……वो अकेले ही बैठे हुए थे……..
“ गुड मॉर्निंग सर…….” मैं उनके सामने सीट पर बैठ-ता हुआ बोला ………

“ गुड मॉर्निंग राजीव ………कैसे हो बेटा ? “ वो बोले …….हमेशा की तरह उनकी आवाज़ रौबदार , और अपने –पन से भरी हुई थी ……….

“ आइ आम फाइन सर ……….जी कहिए , कैसे याद किया मुझे ? “ मैं जल्द से मतलब की बात पर आता हुआ बोला ………मुझे मालूम था
कि वो भी ज़्यादा फालतू बात करने में यकीन नही रखते हैं …….

“ राजीव …….मैं आज देल्ही जा रहा हूँ ………वहाँ मेरी मीटिंग फाइनान्स मिनिस्ट्री में भी होनी है……..मुझे उनको एक डेट देनी है , वॉल्ट कंप्लीट होने की …….क्या तुम मुझे बता सकते हो कि कब तक हम यह काम पूरा कर लेंगे ? “ वो अपने सामने रखे कुछ पेपर्स पर साइन कर रहे थे और साथ की साथ , बीच बीच में मेरी तरफ देख कर बोल रहे थे …..

“ ह्म ….आइ बिलिव , नेक्स्ट वीकेंड तक हम काम पूरा कर लेंगे सर “ मैने कहा और उन्होने चौंक कर मेरी तरफ देखा …….

“ आर यू श्योर राजीव ..? “
“ एस सर……..आइ म श्योर “ मैने पूरे आत्म-विश्वास से कहा …

“ गुड….तो मैं उनको 10 दिन बाद की डेट्स दे दूँगा….फर्स्ट ट्राइयल के लिए …..” कहते हुए वो खड़े हो गये …….और फिर अपनी टेबल के साइड में लगी हुई एक बेल बजाई …….तुरंत ही बाहर से एक पीयान आ गया……….उन्होने साइड में रखे हुए एक ब्रीफकेस की तरफ इशारा किया …और पेवं वो ब्रीफकेस उठा कर बाहर निकल गया ……..

“ ओके राजीव ……….मैं अब निकल रहा हूँ ………शायद ट्यूसडे को वापस लौटूँगा…………टेक केर बेटा “ उन्होने कहा और मेरे कंधे पर
थप-थपा कर बाहर की तरफ़ चलने लगे ……मैने भी उनके साथ रूम से बाहर आ गया ……….

मिस्टर चौधरी जब वहाँ से निकल गये तो मैने भी नीचे की तरफ जाने लगा ……फिर अचानक मैने सोचा कि जब यहाँ आया ही हूँ तो क्यों ना
नेहा से भी मिल लूँ …… मुझे मालूम था की आज सॅटर्डे है , और बहुत ही कूम लोग ऑफीस आए होंगे ..........

मैं लिफ्ट में गया और 5त फ्लोर की तरफ चल दिया ………नेहा से मिलने के लिए ……मुझे मालूम था कि जब तक मैं अपना काम पूरा नही
कर लेता , मुझे उस से मिलने की फ़ुर्सत नही मिलेगी …क्यों ना इस तरह छोटी छोटी मुलाक़ाते ही कर ली जायें ………

सोचता हुआ मैं उसके रूम के सामने पहुँच गया ……..पहले मैने नॉक करने की सोची , पर फिर धीरे से दरवाज़ा खोल कर अंदर झाँका ……….कमरे में घूमते हुए मेरी निगाह नेहा पर पड़ी , वो इस समय अपनी कुर्सी के पीछे खड़ी हुई थी ………पीछे एक बड़ी सी ग्लास की विंडो थी , जिस से नीचे का नज़ारा दिखता था …..वो विंडो के पास खड़ी हुई थी और बाहर देखते हुए , मोबाइल कान से लगाए हुए किसी से बहुत धीमी आवाज़ में बात कर रही थी ….उसकी पीठ मेरी तरफ थी इसलिए उसको पता नही चला की मैं कब कमरे के अंदर आ गया……..

मैने दरवाज़े को अंदर से बोल्ट किया और मुस्कुराता हुआ और दबे पाँव चलता हुआ मैं उसके बिल्कुल पास पहुँच गया और धीरे से बिल्कुल उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया…….. मैने अपने हाथ उसकी कमर को पकड़ने के लिए आगे बढ़ाए …और तब उसकी बात मेरे कानो में पड़ी जो वो मोबाइल पर कर रही थी ……………

” ….बेचारा मेरे प्यार में बिल्कुल पागल हो चुका है ………कुछ भी कर सकता है वो मेरे लिए ……..”
और इसके आगे वो बोल नही पाई , क्यों की मेरे हाथों ने उसकी कमर को थाम लिया था …और वो चौंक कर पीछे को घूम गयी
…………….कुछ सेकेंड्स वो मेरी आँखों में देखती रही , और मैं भी मुस्कुराता हुआ उसके चेहरे को देखता रहा…………
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07-25-2020, 01:51 PM,
#60
RE: Desi Sex Kahani वेवफा थी वो
#55

मेरे लिए अब सबसे इंपॉर्टेंट काम था, बॅंक वॉल्ट को पूरा करने का……..मैने मिस्टर.चौधरी को 8 दिन का टाइम दिया था और मैं चाहता था
कि यह काम उस से पहले ही पूरा हो जाए ……..

अगला दिन सनडे का था , पर मैने अपने लिए और अपनी टीम के लिए कोई छुट्टी नही रखने का फ़ैसला किया ……..और साथ ही साथ सबको यह भी समझा दिया कि जब तक काम पूरा ना हो जाए , दिन रात काम करना है……..यही बात मैने करण को भी समझा दी थी और
उसको इस में कोई परेशानी नही थी ………..

हम दोनो अपनी पूरी ताक़त से इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने में जुट गये थे …….हमेशा की तरह करण पूरा को-ऑपरेशन कर रहा
था ……..मैने उस से कह दिया था कि हम दोनो में से कोई भी अब ऑफीस नही जाएगा ……..

अगले 3 दिन इस ही तरह काम में निकल गये ………..हम दोनो सुबह जल्दी साइट पर आ जाते और फिर देर रात तक काम करवाते रहते ………. ऐज आ वाइस चेर्मन , मुझे कोई ज़रूरत नही थी इस तरह साइट पर बैठ कर काम करवाने की , पर मैं इस इंपॉर्टेंट काम को किसी
के भरोसे नही छोड़ना चाहता था ……………..

ट्यूसडे तक कन्स्ट्रक्षन और फॅब्रिकेशन का सारा काम कंप्लीट हो जाना था …….अब सिर्फ़ टेक्निकल सेट्टिंग्स करनी थी ……और यह काम मुझे अकेले ही करना था ………साइट पर आज का काम बाकी था और इसके बाद का काम मैं ऑफीस में बैठ कर भी कर सकता था …………

ट्यूसडे को देर रात तक हमें काम पूरा करवाना था ……..मैं और करण सुबह से ही यहाँ काम में बिज़ी थे …….क्यों कि आज हमें काफ़ी कुछ फाइनलाइस करना था ……..इसलिए हम दोनो सुबह से ही कहीं नही गये ………और अपने काम निपटाने में लगे रहे ……….

फिर देर शाम को जब मैं अपने कॅबिन में बैठा हुआ आराम कर रहा था ……तब मुझे याद आया कि आज मैने लंच भी नही किया है ……..अब खाली होते ही मुझे भूख लगनी शुरू हो गयी थी ………तभी करण भी मेरे कॅबिन में आ गया ……मैने उसको ऑफर दिया की
कहीं चल कर डिन्नर कर की आते हैं ……..एक दो बार ना-नुकुर करने के बाद वो मान गया ………हम दोनो बाहर आए और मेरी गाड़ी में
बैठ कर हम दोनो पास में ही मौजूद एक रेस्टोरेंट में पहुँच गये ………….इस रेस्टोरेंट में बार की फेसिलिटीस भी थी …

हम दोनो ने डिन्नर किया और खाना खाते हुए हम काम के बारे में ही डिसकस करते रहे ………फिर डिन्नर के बाद में उसको ड्रिंक का
ऑफर दिया , जिसको उसने अपनी आदत के अनुसार एक-दो बार मना करने के बाद मान लिया ……….

वेटर ने ड्रिंक्स सर्व कर दिए और हम दोनो धीरे धीरे अपने अपने ड्रिंक्स सीप करने लगे …………वो पीने के मामले में मुझ से काफ़ी तेज़ था….मेरा पहला ड्रिंक ही चल रहा था , जबकि उसका दूसरा ख़तम होने वाला था ………
फिर कुछ सोचते हुए मैं बात का टॉपिक चेंज कर दिया ……..

“ एक बात पूछूने करण ? “

“ जी हां ………….पूछिये सर ……..” उसने कहा ……..

“ बात कुछ पर्सनल है ………..इफ़ यू डॉन’ट माइंड ? “ मैने कहा तो वो मुस्कुरा कर बोला

“ इट’स ओके सर …….आप पूछिये , जो पूच्छना है …”

“ तुमने अभी तक शादी क्यों नही की ………….? “ मैने कहा तो उसने पहले मेरी सूरत को बड़े गौर से देखा और फिर हँसने लगा…….फिर थोड़ी देर के बाद बोला

“ बस……इतनी सी बात थी सर ? ……मुझे लगा कोई बहुत सीरीयस बात होगी ….” कुछ देर रुक कर उसने एक सीप और लिए और फिर बोला “ कोई ख़ास वजह नही है सर ……….. पहले मैं यह चाहता था कि जब लाइफ में सेट्ल हो जाऊं , तब शादी करूँगा …..अब लगता है
कि बिना शादी के भी ठीक-ठाक हूँ ………” कहकर वो मुस्कुराया और फिर अपनी ड्रिंक ख़तम कर दी ………..

मैने भी अपना गिलास खाली किया और फिर दोनो के लिए एक-एक और ड्रिंक का ऑर्डर दिया ………फिर उस से बोला “ वैसे ……..कैसी
लड़की चाहते हो तुम ? ……..आइ मीन , कोई स्पेशल चाय्स ? “

“ नही ……कोई स्पेशल चाय्स नही है सर ………जो भी लड़की मुझ से निभा सके , और मेरे साथ ईमानदार रहे …….वही मेरी चाय्स है …….” उसने हंसते हुए कहा………..

“पर………. जैसा कि आम तौर पर लोगो की पसंद होती है…….लड़की सुंदर होनी चाहिए , जॉब करती हुई हो ……एट्सेटरा एट्सेटरा
………ऐसी कोई एक्सपेक्टेशन नही है तुम्हारी ? “ मैं उस के दिल को टटोलने की कोशिश कर रहा था ……..

उसने एक बार फिर से सीप किया और बोला “नही सर………….ऐसी कोई स्पेशल एक्सपेक्टेशन्स मुझे नही है ………वैसे भी मैं किसी इंसान की बाहरी सुंदरता से ज़्यादा ,उसकी अंदर की खूबसूरती पर यकीन करता हूँ …………………”

उसका जवाब मुझे निर-उत्तर कर देने वाला , और मेरी उम्मीद से बिल्कुल उलट था ……मैं चुप हो गया और अपने गिलास में से छोटे छोटे
सीप करने लगा ……फिर उसने मुझेसे पूछा ………
“ मैं भी आपसे एक बात करना चाहता हूँ सर ………..इफ़ यू डॉन’ट माइंड “

“ हाँ ………बोलो ………..क्या पूच्छना है …….? “ मैने कहा

“ नही , पूछना नही है ………..बस ऐसे ही …….कुछ बात मेरे दिल में है , सोचा आप से शेर कर लूँ ……..” उसने कहा ……..उसकी आवाज़ बता रही थी की अब शराब उसके ऊपर असर करने लगी थी ……….

“ हाँ ….कहो करण ……..क्या कहना चाहते हो ….? “ मैने अब पीना छोड़ दिया था और उसकी तरफ देख रहा था ………..
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