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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
राजस्थान एक ऐसा स्टेट जो अपने रंगो के लिए मशहूर है यहाँ एक ओर तो रेत का समंदर एक तरफ़ अरावली की विशाल पहाड़िया ऑर एक ओर मेरा शाहर है उदयपुर.
यहाँ की फ़िज़ा अपने अंदर वो सारे रंग समेटे हुए है जो किसी भी मौसम को ख़ुशगवार बना देता है.
यहा मेरा एक प्यारा सा घर है जिसके पेड़ो जिसके आँगन में खेलते हुए मेरा बचपन बीत रहा है..
में अपने बारे में बता डूब मेरा नाम जय गुप्ता है थोड़ा सावला हूँ लेकिन दिखने में बुरा नही हूँ.,मैने अभी अपना स्कूल ख़तम किया है ओर उदयपूर के एक प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लिया है.
मेरे पापा किशोर गुप्ता एक बिज़नेस मॅन है हमारा डाइमंड्स का बहोत बड़ा बिज़्नेस है जो कि अलग अलग सिटीज में फैला हुआ है.
मेरी मम्मी संध्या गुप्ता वो एक हाउसवाइफ है लेकिन वो एक हाउसवाइफ के साथ साथ एक एनजीओ भी चलाती है.
मेरे बड़े भैया. राज गुप्ता जो कि पापा के साथ उनके बिज़्नेस में हाथ बटाते है, काफ़ी खुश मिज़ाज है.. मुझे आज भी वो एक बच्चे की तरह ट्रीट करते है.
मेरी भाभी नेहा गुप्ता जितनी वो सुंदर है उस से ज़्यादा उनका दिल सुंदर है वो हमेशा मेरा ख्याल रखती है वो पहले एक डॉक्टर थी लेकिन शादी के बाद उन्होने वो बंद कर दिया.
मेरी बड़ी बहन रूही गुप्ता बिल्कुल एक बार्बी डॉल की तरह वो मेरे ही कॉलेज में है मुझ से एक साल सीनियर , वो मेरे बिना एक पल नही रह सकती चाहे जब वो घर के बाहर हो या घर के अंदर वो हमेशा मेरे साथ रहती है.
मेरी छोटी बहन नीरा गुप्ता मासूम इतनी कि गुस्से से आप उसकी तरफ़ देख नही सकते उसको देखते ही गुस्सा हवा हो जाता है , ऑर जितनी वो मासूम है उस से कही ज़्यादा वो शैतान है,एक बार उसने एक छिपकली पकड़ के मेरी टी शर्ट में डाल दी जब में सो रहा था...खूब उत्पात मचाती है लेकिन सब से ज़्यादा वो मुझे प्यारी है, में अपनी जान से भी ज़्यादा अपनी छोटी बहन को प्यार करता हूँ उसकी आँखो में आँसू का एक क़तरा मेरे पूरे वजूद को हिला देता है.
सवेरा...... एक ऐसा शब्द जो अहसास दिलाता है,रात के ख्तम होने का.
ऐसा ही एक दिन सवेरे सवेरे.
ज़य....जय...उठ भी जा कितना सोएगा , जल्दी से उठ आज बहोत काम है.
में..रूही दीदी सोने दो ना आज तो सनडे है क्यो मुझे उठा रही हो.
रूही..उठ जा गधे.. आज नीरा का बर्त डे है उसको लेकर मंदिर जाना है.
में नीरा का नाम सुनते ही तुरंत खड़ा हो जाता हूँ.
में ..क्या दीदी पहले नही उठा सकती थी क्या? नीरा कहाँ है क्या वो उठ गयी?
रूही..गधे इसीलिए तुझे उठाया है वो महारानी अभी तक सो रही है..जाक्र उसे बर्तडे विश कर ऑर उठा उसको.
में तुरंत भाग के नीरा के कमरे में पहुँचता हूँ.
उसे देखते ही में वही रुक जाता हूँ कितनी मासूमियत झलक रही थी नीरा के चेहरे से आज वो 19 साल की हो गयी है,ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो, में उसे अपनी गोद में उठाए उठाए पूरे घर में भागा करता था.उसकी एक मुस्कुराहट पर में नाचने लगता था आज पूरे 19 साल हो गये नीरा को मेरे जीवन में आए हुए.
में धीरे से उसके बेड की तरफ़ जाता हूँ उसके सिरहाने बैठ के उसके चेहरे पर आए उसके बाल हटा कर प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरने लगता हूँ.
रूही ये सब दरवाजे पर खड़ी होकर देख रही थी . फिर रूही ने धीरे से मुझे आवाज़ लगाई जय....
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
मेरा शरीर पूरी तरह से फिट था 5 11 की हाइट के साथ मेरी शरीर की बनावट बिल्कु शानदार लग रही थी मेने अपने लिंग की तरफ़ देखा वो अभी सोया हुआ था लेकिन अभी भी वो काफ़ी बड़ा लग रहा था.तभी अचानक मेरे रूम का दरवाजा खुल गया वहाँ नेहा भाभी खड़ी थी ऑर में उनके सामने पूरा नंगा खड़ा था .
मैने तुरंत टवल उठाया ओर अपनी कमर पर बाँध लिया.
में--क्या करती हो भाभी कम से कम दरवाजा तो बजा देती.
भाभी--तुमने बजाया था क्या सुबह , ऑर मुझे क्या पता था क तुम बिल्कुल नंग धड़ंग रूम में घूम रहे होगे , अब जल्दी से अपने कपड़े पहनो मम्मी बुला रही है नीचे.
भाभी चली गयी ऑर मैने जेसे ही अपने लिंग की तरफ़ देखा उसने टवल में टेंट बना रखा था मेने टवल हटाया ऑर वो बिल्कुल सीधा खड़ा था जो कि लगभग 7 इंच से ज़्यादा का लग रहा था .
मैने अपने लिंग पर धीरे से चाँटा मारते हुए कहा ...साले जगह देख कर खड़ा हुआ कर.
ओर फिर में कपड़े पहन कर रूम से बाहर निकल आया ,नीचे उतरते ही भाभी ने मम्मी को बोला मम्मी जय भैया आगये.
मम्मी --तू बस सोता रहा कर सारे दिन... अभी जा मार्केट ऑर में कुछ सामान मंगवा रही हूँ वो लेकर आ ऑर नेहा को भी साथ लेजा इसको भी थोड़ी शॉपिंग करनी है....
नेहा भाभी ऑर में बाइक पर मार्केट के लिए निकल गये.
भाभी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा हुआ था.
भाभी..जय सॉरी आज जो कुछ भी हुआ वो नही होना चाहिए था..
में...भाभी आप उस बारे में ज़्यादा सोचो मत,बस मुझ से कभी नाराज़ मत होना...आप लोगो का प्यार ही मेरे लिए सब कुछ है.
भाभी...पागल में तुझ से कभी नाराज़ नही हो सकती , ऑर ना ही घर का कोई ऑर आदमी तुझ से नाराज़ हो सकता है.
फिर हम यही सब बाते करते करते मार्केट में पहुँच गये, वहाँ से शाम की पार्टी के लिए खाने पीने का सामान लिया...ऑर घर की तरफ़ चल दिए.
भाभी...जय कहीं गाड़ी रोक ना आज पानी पूरी खाने का मन कर रहा है.
में...हाँ भाभी अभी थोड़ा सा आगे एक पानी पूरी वाला है हम वहाँ रुकते है.
थोड़ी दूर चलने पर वो स्टाल आ गई ऑर में ऑर भाभी वहाँ जा कर खड़े हो गये.
भाभी....पानी पूरी वाले से....भैया थोड़ा तीखा ज़्यादा रखना
फिर उसने हम दोनो को एक एक प्लेट दी लेकिन मैने उसे सिर्फ़ भाभी को खिलाने के लिए कहा.
में भाभी को पानी पूरी खाते हुए देख रहा था उन्होने होंठो पर डार्क रेड कलर की लिपस्टिक लगा रखी थी ऑर उनके होंठ बिल्कुल रस से भरे हुए लग रहे थे जैसे कोई स्ट्रॉबेरी हो..
में उनको लगातार देखे ही जेया रहा था. भाभी ने इशारा किया ऑर इस तरह से देखने का कारण पूछा.
मैने धीरे से कहा..
में--भाभी आप आज बहुत ब्यूटिफुल लग रही हो , मन करता है बस ऐसे ही देखे जाउ.
भाभी मुस्कुरा देती है ऑर मेरी पीठ पर एक चपत लगा कर बोलती है.
भाभी...अच्छा में तुझे बस आज ही ब्यूटिफुल लग रही हूँ क्या , बाकी दिन में अच्छी नही लगती??
में...ऐसी बात नही है भाभी लेकिन तीखा खाने के बाद आपका चेहरा बिल्कुल लाल हो गया है ऑर ये बिल्कुल इस तरह से लग रहा है जैसे सुबह सूरज निकलते वक़्त की लालिमा हो.
भाभी...हट पागल हर कुछ भी बोलता है....ले ये एक पतासी मेरे हाथ से खा.
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
फिर वहाँ आए लोग नीरा को एक एक करके अपने साथ में लाए गिफ्ट्स देने लगते है. लेकिन नीरा को जिस चीज़ का सब से ज़्यादा इंतजार था वो था मेरा गिफ्ट,पापा ने उसको एक बेशक़ीमती डाइमंड्स का नेकलेस दिया जिसे नीरा ने वही पहन लिया फिर सभी परिवार वालो ने कुछ ना कुछ गिफ्ट्स नीरा को दिए.
लेकिन उसके चेहरे पर उदासी सॉफ दिखाई दे रही थी क्योकि अभी तक मैने जो उसे गिफ्ट नही दिया था.
नीरा रूही से...
नीरा--दीदी भैया कहाँ चले गये उन्होने तो अभी तक केक भी नही खाया.
रूही--मुस्कुराते हुए...होगा यहीं कहीं पार्टी में ही मेहमानो के साथ लेकिन तू उसकी चिंता क्यो कर रही है.थोड़ी देर में आज़ाएगा तो उसे भी केक खिला देना .
नीरा--ओहूओ दीदी आप तो कुछ समझती नही हो , भैया ने अभी तक मेरा बर्त डे गिफ्ट नही दिया है.
रूही--अच्छाअ...तभी में सोचु तू इतनी परेशान क्यो हो रही है, जब तक तुझे उसका गिफ्ट नही मिलेगा तब तक तुझे तेरा बर्त डे कंप्लीट नही लगता.
नीरा--हाँ दीदी आप सही कह रही हो , लेकिन भाई गया कहाँ.
में--क्या हुआ मेरी गुड़िया इतनी उदास क्यो लग रही है.
नीरा--आप कहाँ चले गये थे , पहले आप ये केक खाओ.
लेकिन में उसके हाथ से केक लेकर उसके मूह में डाल देता हूँ. ऑर फिर बचा हुआ टुकड़ा खुद खा जाता हूँ.
नीरा--चलो अब मेरा गिफ्ट निकालो कहाँ है.
में--अरे यार तेरा गिफ्ट तो में भूल गया, मुझे माफ़ कर दे मेरी बहन.
नीरा--गुस्से से... सुबह से में आप से कह रही हूँ गिफ्ट के लिए ऑर आप मेरा गिफ्ट भूल गये .
ऑर उसके बाद नीरा वहाँ से अपने रूम की तरफ़ भागने लगती है.
में--अरे नीरा रुक कहाँ भाग रही है.
नीरा--मुझे आप से बात नही करनी भैया, मुझे समझ जाना चाहिए था कि आप मुझ से बिल्कुल भी प्यार नही करते.
ऑर अपने रूम का दरवाजा खोल कर अंदर जा कर दरवाजा लॉक कर लेती है.
में--नीरा दरवाजा खोल ,दरवाजा क्यो बंद कर लिया.
नीरा--मुझे आप से कोई बात नही करनी भैया... मेरे बर्त डे वाले दिन ही आपने मेरा दिल तोड़ दिया.
में-- लेकिन तेरा गिफ्ट तो लेले.
नीरा--नही चाहिए आपका कोई भी गिफ्ट.
में--अच्छा एक काम कर सामने वाली दीवार को देख.
नीरा--मुझे कुछ नही देखना आप जाओ यहाँ से.
में--अच्छा बस एक बार सामने दीवार पर देख तेरा गिफ्ट वहीं पर है.
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुलने की आवाज़ आती है ऑर में रूम के अंदर चला जाता हूँ मेरे रूम के अंदर घुसते ही नीरा मुझे बाहो में भर लेती है ऑर मेरे चेहरे को बेतहाशा चूमने लग जाती है.
नीरा--भैया आपका ये गिफ्ट अब तक का सब से बेस्ट गिफ्ट है.
ओर फिर उसकी आँखो में आँसू आजाते है .
में उसके आँसू पोंछते हुए कहता हूँ.
में--नीरा तू मेरी जान है, ऑर मेरी जान की आँखो में आँसू अच्छे नही लगते है.
नीरा--भैया में आपको अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ ....मुझे कभी छोड़ के मत जाना हमेशा मेरे पास रहना बोलो रहोगे ना पास ....खाओ मेरी कसम.
में---तेरी कसम नीरा में हमेशा तुझे अपने दिल के पास रखूँगा , जब कभी तेरी आँखो से आँसू निकलेंगे तो ये मान लेना तेरा भाई भी उस वक़्त खून के आँसू रो रहा होगा.
तेरी कसम ....में पूरी दुनिया से अकेला तेरे लिए लड़ जाउन्गा . तुझ पर उठी हर बुरी नज़र तुझ पर पड़ने से पहले उसका सामना मुझ से होगा..तेरी कसम मेरी बहना तेरी कसम....,
वहाँ रूही कब से खड़ी हम लोग की बाते सुन रही थी फिर अचानक वो बोलती है.
रूही--नीरा तू कितनी ख़ुसनसीब है जो तुझे इतना प्यार करने वाला भाई मिला.
में--दीदी क्या में आपका भाई नही हूँ क्या??
ऑर में अपनी बाहे फैला लेता हूँ मेरी दोनो बहने मेरी बाहों में समा चुकी थी,हम तीनो की आँखो में आँसू थे लेकिन वो बस खुशी के आँसू थे उन में दुख ओर दर्द की ज़रा सी भी मिलावट नही थी.....
तभी रूही ने नीरा से पूछा..
रूही--नीरा तेरा गिफ्ट तो दिखा ऐसा क्या दिया है भाई ने तुझे.
नीरा दीवार की तरफ़ देखने का इशारा करती है रूही को.
वहाँ एक बड़ा सा वॉलपेपर लगा हुआ था जिसमें बीचो बीच जय ऑर नीरा की एक बड़ी सी फोटो थी मस्ती करते हुए बाकी कुछ फोटो उन दोनो के बचपन की थी..
रूही--वास्तव में ऐसा प्यार भरा गिफ्ट तुझे आज तक किसी ने नही दिया होगा ...ऑर सब से बड़ी बात में भी इन तस्वीरों में शामिल हूँ.
में--हम लोगो का बचपन साथ में बीता है दीदी जितना में नीरा को प्यार करता हूँ उस से कही ज़्यादा आप मुझ से प्यार करती है.
नीरा--ऑर में तुम दोनो को ...
नीरा की ये बात सुनकर हम दोनो हँसने लगे.
रूही अब चलो तुम दोनो खाना खा लो फिर तुम्हे कल कॉलेज भी जाना है ऑर नीरा को स्कूल.
उसके बाद हम बाहर आकर खाना खाने लग जाते है...
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RE: Desi Sex Story रिश्तो पर कालिख
राज अपने बेड से उठता है ऑर नेहा को अपनी गोद में उठा लेता है नेहा भी उसकी कमर को अपनी टाँगो से जकड के एक बेल की तरह उस से लिपट जाती है.
राज नेहा की खुश्बू सूंघने लगता है वो नेहा के बूब्स की घाटी में अपना मूह घुसा कर वहाँ की कोमलता का अहसास करने लगता है.
फिर राज नेहा को बेड पर बैठा देता है ऑर खुद ज़मीन पर बैठ कर नेहा को देखने लगता है.
राज--नेहा तुम कितनी खूबसूरत हो तुम्हे पा कर में दुनिया का सब से खुश नसीब आदमी बन गया हूँ.
नेहा--मैने आपका ऑर पूरे परिवार का प्यार पाने के लिए ही हॉस्पिटल से रेसिग्नेशन दिया था अगर आज में वहाँ होती तो आप लोगो का प्यार मुझे नसीब नही होता ,
अब मुझ से उतनी दूर मत बैठो प्यार करो मुझे समा जाओ मुझ में.
ऑर फिर राज खड़ा होता है ऑर अपने कपड़े उतारने के बाद सिर्फ़ एक वी शेप अंडरवेर में नेहा के सामने खड़ा हो जाता है नेहा फुर्ती से राज को अपनी तरफ़ खीच लेती है ऑर राज की अंडरवेर उतार कर उसके लिंग को सहलाने लगती है नेहा अपने कोमल हाथो से. राज के लिंग की चमड़ी उपर नीचे करने लग जाती है , फिर वो उसकी गोलियाँ अपनी मुट्ठी में भर कर धीरे धीरे दबाने लगती है.
राज का लिंग अब पूरी तरह से अपने आकर में आजाता है जो कि तकरीबन 6 इंच लंबा ऑर 2 इंच मोटा हो जाता है...
नेहा राज के लिंग को अपने मुँह में भर लेती है ऑर अंदर बाहर करने लग जाती है ..फिर अचानक नेहा राज के लिंग को पूरा का पूरा अपने मुँह में भर का राज की गोलियाँ दबाने लगती है.
राज अपनी आँखे बंद करके मस्ती के आलम में खहो जाता है फिर जब उसे लगता है वो इस तरह से ज़्यादा देर टिक नही पाएगा तो राज अपना लिंग नेहा के मुँह में से निकाल कर नेहा को बेड पर सीधा लेटा देता है,ओर खुद उसके उपर आ जाता है .
नेहा के होंठो को राज अपने होंठो से ऐसे चूसने लगता है जैसे नेहा के होंठो पर शक्कर की मिठास आ गयी हो.
उनकी जीभें एक दूसरे की जीभ का स्वाद लेने में जुटी हुई थी राज ऑर नेहा इस खेल को तब तक खेलते रहते है जब तक उन दोनो की साँसे उखड़ने नही लगती, जब दोनो अलग होते है तो एक दूसरे की तरफ़ प्यार भरी नज़रों से देख रहे होते है.
उसके बाद राज नेहा की नाइटी उतार देता है ऑर उसके निप्पल को अपने मुँह में भरकर चूसने लगता है ऑर अपने एक हाथ से नेहा के दूसरे बोबे को मसलने लगता है.
जब दोनो बूब्स का रस वो पी लेता है तो नेहा की नाभि में अपनी जीभ डाल देता है नेहा की नाभि नेहा का सब से सेन्सिटिव पॉइंट था वहाँ जीभ लगते ही नेहा पलंग पर तड़पने लग जाती है ऑर राज का सिर वहाँ से हटाने लगती है लेकिन राज नाभि के अंदर पूरी तरह से अपनी जीभ रगड़ कर ही वहाँ से बाहर निकालता है.
नेहा की पैंटी पूरी तरह से उसके चूत रस से भीग जाती है राज नेहा की चूत को पैंटी के उपर से ही सूंघने लगता है , ऑर अपने हाथ से उसकी पूरी चूत को पकड़ लेता है..
इस तरह से अपनी चूत पर हुए हमले को नेहा सह नही पाती ऑर झड़ने लगती है.
उसका पूरा शरीर अकड़ जाता है ,उसकी चूत खूब सारा पानी छोड़ देती है जिस से उसकी पैंटी पूरी तरह से भीग जाती है .
राज नेहा की पैंटी उतार के नेहा की चूत पर अपना मुँह लगा लेता है ऑर उसकी चूत का सारा रस चाटने के बाद नेहा के उपर आ जाता है,
फिर राज अपने लिंग को नेहा की चूत पर सेट करता है ऑर एक जोरदार धक्का लगाकर अपना पूरा लिंग नेहा की चूत की गहराई में उतार देता है.
फिर राज नेहा को चोदना स्टार्ट कर देता है, पूरा रूम नेहा की सिसकियो से ऑर उन दोनो के मिलन से हो रही ठप ठप..से गूंजने लगता है काफ़ी देर चुदाई करवाने के बाद नेहा बोलती है मुझे उपर आने दो .
राज नेहा को अपने उपर ले लेता है ऑर नेहा राज के लिंग को अपनी चूत पर सेट करके उस पर बैठने लगती है , उस पर बैठने के बाद नेहा अपनी कमर राज के लिंग पर चलाने लगती है.
जैसे वो घुड़सवारी कर रही हो राज नेहा के बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने ऑर मसलने लगता है नेहा की स्पीड ऑर ज़्यादा तेज हो जाती है दोनो अपने चरम पर पहुँच चुके थे तभी दोनो के जिस्मो ने झटका खाना शुरू कर दिया दोनो बुरी तरह से झड चुके थे ये बिल्कुल ऐसा अहसास था जैसे बारिश की बूंदे तपती हुई ज़मीन पर पड़ती है ऑर उसकी फुहारो से सारी गर्मी ख़तम हो जाती है.
नेहा अभी भी राज के उपर लेटी लेटी गहरी घेरी साँसे ले रही थी ऑर राज नेहा की पीठ सहला रहा था नेहा की चूत में भरा रस राज की जाँघो से रिस्ता हुआ बेड की चादर पर गिरने लग जाता है.
नेहा--आइ लव यू राज
राज--आइ लव यू टू माइ सेक्सी वाइफ
फिर नेहा राज पर से उतर कर बाथरूम में चली जाती है ऑर वापस एक नॉर्मल नाइटी पहन कर वापस आजाती है, राज भी अपना नाइट सूट पहन चुका था फिर दोनो एक दूसरे की बाहो में बाते करने लगते है .
राज--जान कल मुझे ऑर पापा को दुबई जाना पड़ेगा हफ्ते भर के लिए. तुम अपना ख्याल रखना.
नेहा--मेरा ख्याल रखने के लिए यहाँ सब लोग है आप अपना ख्याल रखना ऑर मुझे फोन करते रहना.
नेहा--जान एक बात कहूँ.
राज--हाँ जान बोलो.
नेहा--राज में अब एक बच्चा करना चाहती हूँ रोज रोज में वो पिलस खा खा कर तंग आ गयी हूँ..
राज --जान बच्चा तो में भी चाहता हूँ लेकिन बस कुछ महीने ऑर रुक जाओ हम लोग हमारा सारा काम एक जगह पर ही शिफ्ट करने में लगे हुए है ..जो भी दूसरे सिटी में हमारे शोरूम्स है वो हम ब्रांच के रूप में किसी ऑर को संभला देंगे .
उसके बाद हम दोनो बच्चा कर सकते है..क्योकि में नही चाहता हमारे बच्चे का बचपन मेरी आँखो के सामने ना बीते .
पापा को हमेशा ये अफ़सोस रहता है कि वो उनके बच्चो का बचपन ढंग से देख ही नही पाए.....
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