RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
अभी जान बुझ कर थोड़ा उँचा बोल रहा था…ताकि अभी की हर नेहा सुन सकें…मे बेड पर पालती मार कर अभी की बगल मे बैठ कर उसकी चेस्ट की मालिश कर रही थी…जब मे मालिश करते हुए अपने हाथों को अभी के पेट से आगे की ओर ले जाती…तो मेरी चुचिया बिना ब्रा के ब्लाउस मे उसकी छाती पर रगड़ खा जाती…पीछे बैठी नेहा ज़रूर ये सब देख रही थी…अभी ने अपना एक हाथ मेरी कमर पर रख दिया…और धीरे-2 उसे आगे करके मेरी चुचियो पर ले आया…और मेरे ब्लाउस के ऊपेर से उसने मेरी चुचि को ज़ोर से मसल दिया…मे अपने आप को रोक ना पे…और मेरे मुँह से आह निकल गयी…मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ…और मेने पीछे अपना फेस घुमा कर नेहा को देखा..वो हमारी तरफ ही देख रही थी…अभी के होंटो पर मुस्कान आ गयी…
और अभी ने मेरी चुचियो को दबाना चालू कर दिया…जैसे ही वो मेरे चुचियो को दबाता…मे अपनी चुचियो को पीठ को पीछे की तरफ निकाल कर पीछे खिचने की कोशिश करती…जिससे नेहा को लग रहा था…शायद अभी मेरी चुचियो को दबा रहा है…
फिर अभी ने आख़िरी चाल चली…और मुझे इशारे से मेरा कान पास लाने को कहा…मे अपने कान को अभी के होंटो के पास ले आई…
अभी (पूसफुसाते हुए) नीचे चड्धि तो नही पहनी है ना…
मेरा दिल अभी की बात सुन कर जोरों से धड़कने लगा…मेरे हाथ पैर कंम्पने लगे…मेने ना मे सर हिला दिया….कि मेने नीचे पॅंटी नही पहनी है…अभी के होंटो पर एक शैतानी से मुस्कान आ गयी…
अभी: (थोड़ा उँचा बोलते हुए) नही सही से नही कर पा रही हो…एक काम कर तू मेरे दोनो तरफ पैर रख कर मेरे ऊपेर आ जा….
मे अभी की ये बात सुन कर एक दम से सकपका गयी…मेने उसे ना मे सर हिला दिया…वो मुझे होंटो को खाली हिलाते हुए गली देने लगा…जैसे कह रहा हो साली बेहन के लोदी क्यों सारा किया धारा मिट्टी मे मिला रही हो…
अभी: सोच क्या रही है…इसके बाद मुझे नहाना भी है…चल जल्दी कर…
मेरी नज़र अचानक से बेड के रेस्ट सीट पर लगी डिज़ाइन पर पड़ी…जिसमे छोटे-2 मिरर्स लगे हुए थे…और उन मिरर्स मे जो कि अभी के सर के ठीक पीछे थोड़ा सा ऊपेर की तरफ लगी हुए थी…उनमे मेरे पीछे का सारा नज़ारा दिख रहा था…
मे अभी की जाँघो पर दोनो तरफ पैर करके…उसकी जाँघो पर बैठ गयी…मेने जो पेटिकॉट पहना हुआ था…वो अभी की जाँघो और उसके पेट के ऊपेर घेरे के तराहा फेल गया…जिससे मेरे चुतड़ों के नीचे अभी की जांघे मेरे पेटिकॉट से धक गयी…पीछे नेहा तेज़ी से साँसें लेती हुई…तिरछी नज़रों से हमे देख रही थी…उसकी आँखों मे वासना के लाल डोरे तेर रहे थे..अभी अपना एक हाथ मेरे पेटीकोटे के नीचे से अपने अंडरवेर मे ले गया…और अपने लंड को बाहर निकाल कर मेरी चूत की फांकों पर रगड़ने लगा…मेरा पूरा बदन इस नये रोमांच और वासना से काँप रहा था…मे अपनी बेटी के सामने अभी के लंड के ऊपेर बैठी हुई…अपनी चूत पर अभी के लंड की रगड़ को महसूस करके और ज़्यादा गरम होने लगी…मुझे ये सोच कर कि नेहा मेरी हालत को देख कर गरम हो रही थी…मेरी चूत मे और खुजली होने लगी…
फिर अभी ने अपने दूसरे हाथ को भी पेटिकॉट के नीचे से डाल कर मेरे चुतड़ों पर रख दिया…और मेरे चुतड़ों को अपने एक हाथ से दोबच कर मसल दिया…मेरे मुँह से फिर से आह निकल गयी…इसबार वासना मुझ पर इस्कदर हावी हो चुकी थी कि…मुझे इस बात के परवाह भी नही रही…कि नेहा सुन लेगी…
अभी ने मेरे गांद को एक हाथ से दोबच कर मेरी गांद को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…और अपने दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…मेरी चूत के छेद पर लंड लगते ही मे सीईईईई कर उठी…इसबार नेहा और झेंप गयी…अभी ने मेरी गांद से अपना हाथ हटा लिया…हाथ हटाते ही मेरे वजन के कारण मेरी चूत का छेद अभी के लंड के सुपाडे पर दबने लगा….
और अभी के लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद मे समा गया…जैसे-2 मेरी चूत मेरे वजन से अभी के लंड पर दबति गयी..अभी के लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…और मेरी बच्चेदानी से जाकर सॅट कर सेट हो गया..अभी ने अपना हाथ बाहर खींच लिया…और पेटिकॉट के नीचे से ही मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर मसल दिया…मे एक दम कसमसा उठी…और मेरे मुँह से उंह आह निकल गया…मेरा पेटिकॉट मेरी जाँघो से ऊपेर हो चुका था…मेरे गोरी-2 जांघे अब दिखने लगी थी..अभी मेरी गांद को पकड़ कर आगे की तरफ झटके देने लगा…और मे भी मस्ती मे आ कर अपनी कमर को झटके देने लगी…हर बार अभी का सिर्फ़ 1 इंच लंड मेरी चूत से बाहर आता और अंदर घुस्स जाता…और मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा जाता…
अभी के हाथ मेरे चुतड़ों को मसल रहे थे…पीछे बैठी नेहा मेरे पेटीकोटे के नीचे मेरे चुतड़ों पर चल रहे अभी के हाथों को ज़रूर देख पा रही होगी…क्योंकि अभी के हाथों से मेरे चुतड़ों वाले हिस्से पर मेरा पेटिकॉट उभरा हुआ था…और अंदर चल रही हलचल को वो ज़रूर समझ गयी होगी…पर मुझे तो इसमे और मज़ा आ रहा था..कि मे नेहा के सामने अभी के लंड के ऊपेर बैठी हुई…अभी के लंड से अपनी चूत को चुदवा रही हूँ…
अब मेने धीरे-2 अपनी कमर की रफतार को बढ़ा दिया…लंड पुचुक-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…पुचक-2 की आवाज़ बहुत धीमी पर और मदहोश कर देने वाली थी…मेने बेड के रेस्ट सीट मे लगे मिरर मे देखा…नेहा का एक बाजू बहुत तेज़ी से हिल रहा था…शायद वो अपनी सलवार के ऊपेर से अपनी कमसिन चूत को मसल रही थी…मे ये देख और भी गरम हो गयी…और तेज़ी से अपनी कमर को आगे की तरफ धकेल रही थी…जैसे मे अभी के चेस्ट की मालिश कर रही हूँ…
मेरी चूत ने अपना लावा उगलना चालू कर दिया…और मेरा पूरा बदन एन्थ गया…मे झाड़ चुकी थी…मेरी आँखें बड़ी मुस्किल से खुल रही थी…अभी ने अपने हाथ को आगे लाकर अपने लंड को मेरी चूत से निकाल दिया…और फिर लंड को अंडरवेर मे कर लिया…और धीरे से कान मे फुसफुसाते हुए बोला…
अभी: अब तुम बहाने से बाहर जाओ…और 10-15 मिनट बाद अंदर आना…
मे संभलते हुए खड़ी हुई…और बाहर चली गयी…मेरे खड़े होने के साथ ही मेरा पेटिकॉट अपनी सही जगह सेट हो गया…मे बेड से नीचे उतर आई…इस बार मेने भी अपनी तरफ से आग मे घी डाल दिया…
मे: बाबू जी मुझे बहुत तेज पेशाब लगी है…मे अभी मूत कर आई…
मेने ये कहने के बाद नेहा की तरफ देखा…उसने अपने सर को झुका लिया था…वो मूवी भी नही देख रही थी…उसके गाल एक दम लाल सुर्ख हो कर दहक रहे थे…
अभी: पर मालिश कॉन करेगा…
मे: बाबू जी नेहा कर देती है…
मेरे मुँह से ये बात सुन कर नेहा एक दम चोंक पड़ी…और मेरी तरफ देखने लगी…पर जैसे ही मेने उसकी तरफ देखा..उसने अपनी नज़रें झुका ली…
मे: नेहा ज़रा बाबू जी की मालिश कर देना…मे अभी आती हूँ….
और बाहर आ गयी…नेहा डोर के सामने थी…मे बार -2 उसकी तरफ देख रही थी…अभी ने उसको आवाज़ दी जो मुझे पीछे से सुनाई दी…
अभी:नेहा जी अब बाकी की मालिश आप कर दो…
मेने पीछे मूड कर देख….नेहा घबराते हुए खड़ी हुई..और अभी के बेड के तरफ चली गयी…जैसे ही वो बेड की तरफ गयी….मे तेज़ी से वापिस मूड गयी…और डोर के पास दीवार से सॅट कर अंदर देखने लगी…
क्रमशः.................
|