Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
12-13-2020, 02:36 PM,
#11
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
मेरे लंड का भी बुरा हाल था वो उसको आज ऐसे चूस रही थी जैसे कुल्फी हो..अन्दर तक ले जाती जीभ से चारों तरफ सर्किल बनाती और फिर बाहर निकालते हुए हलके से दांतों का भी इस्तेमाल करती..वो लंड चूसने में परफेक्ट हो चुकी थी.
मैंने अब उसकी चूत के मुंह पर अपने दोनों होंठ लगा दिए, और बिना जीभ का इस्तेमाल किये बिना चुसना शुरू कर दिया, किसी वैक्यूम क्लीनर की तरह सक करने लगा, वो तो बिफर ही गयी मेरे इस हमले से और उसकी चूत में से ढेर सारा रस निकलने लगा और वो झड़ने लगी...
मैं भी अब कगार पर था, मेरे लंड ने भी विराट रूप ले लिया और पूजा ने जैसे ही मेरी बाल्स को अपने हाथ में लेकर मसलना शुरू किया, मैं झड गया और वो मेरा पूरा माल हड़प कर गयी..
फिर हम दोनों उठे और एक दुसरे की तरफ देखा, दो के चेहरे गीले थे हम ये देखकर हंसने लगे.
ऋतू :"तुमने तो मुझे अपने ज्यूस की लत्त लगा दी है..कितना मजा आता है तुम्हारा लंड चूसने में और तुम्हारा वीर्य पीने में."
मैं : "मैं भी तुम्हारे मीठे रस का आदि हो चूका हूँ, जी करता है सारा दिन तुम्हारी चूत चूसता रहूँ."
मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था, वो मेरे साथ लेट गयी, उसके मोटे-२ चुचे मेरे सीने से लगकर दब गए, उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उसे ऊपर नीचे करने लगी, मैंने अपनी आँखे बंद करली और मजे लेने लगा. उसकी गरम साँसे मेरे कानो पर पड़ रही थी.
उसकी एक टांग मेरे ऊपर थी और वो उसको रगड़ रही थी जिससे ऋतू की गीली चूत मेरी जांघ से रगड़ खा रही थी.
ऋतू : "वाउ , तुम्हारा तो अभी भी खड़ा हुआ है...मेरी चूत के अन्दर भी कुछ कुछ हो रहा है..." और फिर उसने जो किया मैं स्तब्ध रह गया..
ऋतू उठी और अपनी दोनों टाँगे फैला कर मेरे ऊपर आ गयी, उसकी दोनों बाहें मेरे सर के दोनों तरफ थी और ऋतू के दोनों मोटे मोटे मुम्मे मेरी आँखों के सामने झूल रहे थे, और उसकी रसीली चूत मेरे खड़े हुए लंड को छु रही थी, वो थोडा झुकी और मेरे होंठो को चूसने लगी, उसके मुंह में से मेरे वीर्य की गंध आ रही थी, मैंने भी उसके नर्म होंठो को चुसना और चाटना शुरू कर दिया, फिर जब उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाली तो मैं उसकी मचलती जीभ को पकड़ने की नाकाम कोशिश करते हुए जोर जोर से उसे चूसने लगा, मेरे हाथ अपने आप उसकी छाती पर जा चिपके और मेरी उंगलियाँ उसके निप्पल्स को सहलाने लगे, लटकने की वजह से उसके मुम्मे काफी बड़े लग रहे थे, मेरी हथेली में भी नहीं आ रहे थे.
वो धीरे धीरे अपनी चूत की बाहरी दीवारों पर मेरे खड़े हुए लंड को रगड़ रही थी, और उसकी चूत की गरम हवाओं से मेरा लंड झुलस रहा था. मैंने भी अपनी जीभ अब उसके मुंह में डाल दी, वो उसे ऐसे चूस रही थी जैसे मेरा लंड हो, पूरी तरह से वो मुझे पीना चाहती थी..दूसरी तरफ मेरा लंड अब उसकी चूत की दरार में फंस गया था, उसने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ नशीली आँखों से देखा, और मुझसे कहा "आई लव यू " मैं कुछ समझ पाता इससे पहले उसने अपनी गांड का दबाव मेरे ऊपर डाल दिया. और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समाता चला गया .
ऋतू के मुंह से एक कराह निकल गयी आआआआआआआईईई ....म्म्मम्म्म्मम्म .... माआआअर ग्यीईईईईईईईईई आआआआआआअह
मैं तो भोचक्का रह गया, मुझे इसकी बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी, पर जब मैंने ऋतू का तृप्ति भरा चेहरा देखा, उसकी बंद आँखें और हलकी मुस्कराहट से भरा चेहरा देखा तब मुझे एक सुखद एहसास हुआ, और मैं भी पुरे जोश के साथ अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करने लगा,
उसने अपनी बाहों से मेरी गर्दन के चारो तरफ फंदा बना डाला जिसकी वजह से उसके मुम्मे मेरे चेहरे पर रगड़ खा रहे थे, मैंने अपने हाथ उसकी चोडी गांड पर रखे और उन्हें दबाते हुए नीचे से धक्के मारने लगा, उसके होंठ मेरे कानो के बिलकुल पास थे, और वो मीठे दर्द से हलके हलके चिल्ला रही थी..
आआआआआआआआअह ..आशु.....i love you .......fuck me .....आई लव यौर बिग cock ....तुम्हारा मोटा लंड.....आआआआआ...मेरी चूत में अन्दर तक दाआआआअलो .................और जोर से.....और जोर से.....आआआआअह्ह्ह मेरी चूत तुम्हारी है.......मारो मेरी चूत.....चोदो मुझे......
वो अब गन्दी गन्दी गालियाँ भी देने लगी थी..
बहिन चोद....चोद न......आआआआआआआअह... चोद अपनी बहन को.......अपने लम्बे लंड से.........पूरा ले लुंगी...............आआआआआआअयीईईईइ हरामखोर........चोद मुझे.....फाड़ दे अपनी बहन की चूऊऊऊऊत ....आआआआह.....
बेहेण के लोडे......माआआआआआआऐन तो गयीईईईईईईई ......आआआआआअह.... और वो झड़ने लगी ..
मैंने अपने लंड पर उसका लावा महसूस किया.
वो गहरी गहरी साँसे लेकर ढीली पड़ गयी...
फिर मैंने उसे बेड पर धक्का दिया और उसे घोड़ी बना कर उसकी चूत में पीछे से अपना लंड डाल दिया. उसकी फैली हुई गांड काफी दिलकश लग रही थी...
मैंने उसको स्टीयरिंग की तरह पकड़ा और अपनी गाडी की स्पीड बड़ा दी. उसके मुंह से ओह्ह्हह्ह...ओफ्फ्फफ्फ्फ्फ़.aaaahhhhh की आवाजें दुबारा आने लगी. मैं भी अब झड़ने के करीब पहुँच गया...मैंने कहा...........ऋतू मैं आया..............वो जल्दी से पलटी और मेरे लंड पर अपना मुंह लगा दिया....मेरे लिए ये काफी था, मैंने उसका मुंह उसकी मनपसंद मिठाई से भर दिया... वो सारी रसमलाई खा गयी.
फिर वो उठी और आई लव यू कहकर मेरे सीने से लग गयी मैं भी उसके कोमल से शरीर को सहलाते हुए आई लव यू टू ..आई लव यू टू ...कहने लगा.
हाँफते हुए ऋतू ने अपनी नजर मुझसे मिलायी और मुस्कुराकर बोली.."मुझे तुम्हारा लंड पसंद आया, ये अन्दर जाकर तो बहुत ही मजे देता है, डिल्डो को अन्दर ले लेकर मैं थक गयी थी, ये कितना मुलायम, गर्म, और मजेदार है."
मैंने कहा "तुम्हारी चूत भी बहुत मजेदार है, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है, कितना आनंद आ रहा था, तुम्हारी रेशम जैसी चूत में अपना लंड डालने में, इस आनंद की तो मैंने कल्पना भी नहीं की थी."
ऋतू : "अब तुम कल मुझे सुबह उठाने के लिए आ जाना मेरे रूम में" उसने उठते हुए कहा.
मैं :"उठाने के लिए ? पर किसलिए ??"
ऋतू : "क्योंकि मुझे और मजे चाहिए इसलिए..कल से रोज सुबह तुम मेरी चूत चाटोगे और फिर अपने इस खुबसूरत लंड से मेरी चूत मारोगे..और अब तो हम बिज़नस पार्टनर हैं..हैं ना"
मैं : "हाँ हाँ बिलकुल हैं." मैंने खुश होते हुए कहा.
ऋतू : "ठीक है फिर..गुड नाईट " और उसने झुक कर मेरे लंड को चूम लिया और बाहर निकल गयी.
मैं : " गुड नाईट " मैंने कहा.
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12-13-2020, 02:36 PM,
#12
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
अगले दिन सुबह मेरी नींद जल्दी ही खुल गयी और मैंने जब छेद से ऋतू के रूम में देखा तो वहां अँधेरा था, मैं दबे पांव उसके रूम में गया और उसके बेड के किनारे जाकर खड़ा हो गया, थोड़ी देर बाद अँधेरे में अपनी आँखें एडजस्ट करने के बाद मैंने देखा की ऋतू अपनी चादर से बाहर निकल कर सो रही है, वो एकदम नंगी थी, उसकी दोनों टांगें फैली हुई थी जिसकी वजह से उसकी चूत अलग ही चमक रही थी. मेरा लंड ये नजारा देखकर फुफकारने लगा, मैंने रिकॉर्ड टाइम में अपने कपडे उतारे और उसकी खुली हुई टांगो के बीच कूद गया, मैंने अपना मुंह जैसे ही उसकी चूत पर टिकाया उसके शरीर में एक सिहरन सी हुई और उसकी नींद खुल गयी, जब उसने मुझे अपनी चूत चाटते हुए देखा तो वो सब समझ गयी और उसके मुंह से सिस्कारियां निकलने लगी..
म्म्म्मम्म्म्मम्म आआआआआआआआआशु .......गुड मोर्निंग.
मैंने उसकी रसीली चूत से अपना मुंह ऊपर उठाया और बोला "गुड मोर्निंग"
हमेशा की तरह उसकी चूत में से ढेर सारा रस बहने लगा और मैं सड़प-२ करके उसे पीने लगा..ऋतू ने मेरे बाल पकड़ लिए और मुझे ऊपर की तरफ खीचने लगी..मैं ऊपर खिसकते हुए उसकी नाभि, पेट और फिर मोटे-मोटे मुम्मो पर किस्स करता चला गया और अंत में उसके अधीर होठों ने मुझे ऐसे जकड़ा की मेरे मुंह से भी आह निकल गयी, मैंने अपने दोनों हाथों से उसका चेहरा पकड़ लिया और चूम चूमकर उसे गीला कर दिया, उसने अपना हाथ हम दोनों के बीच डाला और मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत के मुंहाने पर रख दिया, बाकी काम मैं जानता था, और एक तेज धक्के से मैंने अपना सात इंच लम्बा लंड उसकी गरम चूत में डाल दिया, उसकी आँखें उबल कर बाहर आने को होने लगी पर फिर ३-४ झटको के बाद वोही आँखें मदहोश होने लगी और उसके मुंह से तरह-२ की आवाजें आने लगी...
चोदो मुझीईईईईईईए ..................मुझे तुम्हारा लंड रूऊऊऊऊज चहियीईईईईई आआआआआआआअह ...............जोर से sssssssssssssssssss और जूऊऊऊऊऊऊऊर से sssssssssssss
मैंने अपना मुंह ऋतू के मुंह से जोड़ दिया, और उसकी जीभ चूसने लगा, मैं झड़ने के करीब था, मेरे मुंह से एक भारी हुंकार निकली, ऋतू समझ गयी और उसने हमारी किस तोड़ते हुए मेरा लंड बाहर निकाला और बेड के किनारे पर लेट कर मेरा गीला लंड अपने मुंह में ले लिया, मैं अब तेजी से अपना लंड उसके मुंह में आगे पीछे करने लगा, अब मैं उसका मुंह चोद रहा था.
वो भी मेरे लंड को अन्दर तक ले जा रही थी, जो उसके गले के अंत तक जाकर उसकी दीवारों से टकरा रहा था. मैंने जल्दी ही झड़ना शुरू कर दिया. और अपने गर्म वीर्य की धारें ऋतू के गले में छोड़ने लगा.
वो मेरे वीर्य की हर बूँद चटखारे लेकर पी गयी.
फिर उसने मुझे धक्का दिया और मेरे मुंह के ऊपर आकर बैठ गयी उसकी चूत ने मेरे होंठो को ढक लिया, मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाली और उसे चुसना शुरू कर दिया, और जल्दी ही उसका रस बहकर मेरे मुंह में आने लगा और वो हलके से चिल्लाकर झड़ने लगी.
वो उठी और फिर हम दोनों ने काफी देर तक एक दुसरे की किस्स ली.
फिर उसने किस्स तोड़ी और बोली "अब तुम जल्दी से अपने रूम में जाओ इससे पहले की मम्मी पापा उठ जाएँ...और कॉलेज भी तो जाना है ना तुम्हे, मुझे भी स्कूल के लिए तैयार होना है "
मैं : "ओह्ह मैं तो भूल ही गया था...मुझे तो बस आज रात का इन्तजार है."
ऋतू : "मुझे भी"
और फिर मैंने अपने कपडे पहने और रूम में जाकर तैयार हुआ.
नाश्ता करते हुए ऋतू ने सबको बता दिया की आज रात उसकी फ्रेंड पूजा रात को यहीं रुकेगी.
कॉलेज जाकर मेरा मन सारा दिन कहीं नहीं लगा मुझे तो बस शाम का इन्तजार था.
मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गया, घड़ी देखी तो ३ बजने वाले थे, ऋतू साड़े तीन बजे तक स्कूल से आती थी, मैं अपने रूम में जाकर उसका इन्तजार करने लगा.
ठीक ३:३० पर ऋतू और पूजा घर आ गए, मैंने छेद से देखा तो दोनों अपने रूम में बैठकर बातें कर रहे थे. वो उसे बता रही थी की कैसे वो रोज मुझे छेद के जरिये मुठ मारते हुए देखती है और अगर वो भी देखना चाहती है तो उसे एक हजार रूपए देने होंगे. पैसो का नाम सुनकर पूजा ऋतू को हैरानी से देखने लगी पर जब ऋतू बोली की अगर तुम्हे लगे की ये "शो" मैं कोई वर्थ नहीं हैं तो तुम पैसे मत देना..कुछ सोचने के बाद वो मान गयी, क्योंकि उसने भी आज तक कोई असली लंड नहीं देखा था.
मैंने घडी की तरफ देखा तो ४ बजने वाले थे. मैं अपने बेड पर आकर बैठ गया और सकुचाते हुए अपनी जींस और अंडर्वीयर उतार दिया और मुठ मारना शुरू किया. मुझे इस बात का आभास हो गया था की छेद से अब वो दोनों बारी-२ से मुझे देख रहे हैं.
दुसरे रूम में से जब ऋतू ने देखा की मैंने अपनी जींस उतार दी है और मुठ मारना चालू कर दिया है तो उसने पूजा को बुलाया और उसे छेद में से देखने को कहा.
"वाव sssssssssssssssssssss....तुम्हारे भाई का लंड तो काफी बड़ा है..और सुन्दर भी." पूजा ने धीरे से कहा.
"हाँ शायद, क्योंकि मैंने कभी और किसी का लंड तो देखा नहीं है...ले देके सिर्फ अपना डिल्डो ही है जिससे हम भाई के लंड को कंम्पेयर कर सकते हैं" ऋतू बोली. और दोनों हंसने लगी.
"ये सच में डिल्डो के मुकाबले कुछ ज्यादा ही है, और इसे देखने में भी कितना मजा आ रहा है, लंड के ऊपर नसें कैसे चमक रही है..सच में its really beautifull ." पूजा ने गहरी सांस लेते हुए कहा.
मैं भी अपने रूम में बैठा उत्तेजित होता जा रहा था, ये सोचकर की पूजा और ऋतू मुझे दुसरे रूम से देख रही हैं. मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और जब मैं झड़ने वाला था तो थोडा सा घूम कर अलमारी की तरफ हो गया और खड़े होकर अपनी धारें मारनी शुरू करदी.
ये देखकर, दुसरे रूम में पूजा आश्चर्यचकित रह गयी, वो बोली "हाई ...वो तो खड़ा हो गया है और अब उसका लंड मेरे बिलकुल सामने है....वाव ...अब उसके लंड में से रस निकल रहा है....कितना सुन्दर दृश्य है..मजा आ गया."
मैंने गहरी साँसे लेते हुए झाड़ना बंद किया और बेड पर लेट गया और सोचने लगा की काश पूजा मेरे सामने होती तो मैं उसके चेहरे के भाव देख सकता.
दुसरे रूम में पूजा ने उछलते हुए ऋतू को गले से लगा लिया और उसके होंठो को चूम लिया और बोली "मैंने इससे ज्यादा सुन्दर चीज आज तक नहीं देखी, मेरी तो चूत से पानी निकलने लगा है,निप्पल्स खड़े हो गए हैं...ये देख ..और उसने ऋतू का एक हाथ अपनी चूची पर और दूसरा सीधे अपनी चूत पर टिका दिया..ऋतू दोनों चीजें अपने हाथ में लेकर दबाने लगी और पूजा से पुछा "मतलब तुम मानती हो न की ये शो एक हजार रूपए की वर्थ का था"
पूजा ने कुछ नहीं बोला और सीधे अपने पर्स में से एक हजार रूपए निकाल कर ऋतू को दे दिए और बोली "बिलकुल था...ये लो" और आगे बोली "काश ये सब मुझे बिलकुल मेरे सामने देखने को मिल जाएँ, तो मजा ही आ जाए"
ऋतू : "तो चलो चलकर उससे पूछ लेते हैं" और हंसने लगी "देखते हैं वो क्या कहता है"
पूजा : "पागल हो गयी है क्या, मैं तो सिर्फ बात कर रही हूँ, इसका मतलब ये नहीं की मैं उससे जाकर बोलू की वो मेरे सामने मुठ मार सकता है या नहीं"
ऋतू : "तुम मत जाओ, मैं जाकर उसको बोलती हूँ तुम्हारी तरफ से, अगर तुम चाहो तो"
पूजा : "वो कभी भी नहीं तैयार होगा इस पागलपन के लिए, ये सिर्फ मेरे मन के विचार हैं और कुछ नहीं इन्हें ज्यादा गंभीरता से मत लो "
ऋतू : "अरे ट्राई तो करते हैं ना...वो या तो हाँ करेगा या ना, और वो ये बात मोम डैड को भी नहीं बता पायेगा, क्योंकि उसे ये बातें उन्हें बताने में बड़ी शर्म आएगी...मैं तो ये सोच रही हूँ की उसको क्या देना पड़ेगा ये सब करवाने के लिए "
पूजा : "क्या मतलब ??"
ऋतू : "मतलब की वो शायद कर सकता है अगर बदले में हम उसे कुछ ऐसा दे जिसकी उसे जरुरत है"
पूजा :"जैसे की.....?"
ऋतू : "मुझे नहीं पता...कुछ भी हो सकता है, ये तो सिर्फ मेरा आईडिया है, चलो एक काम करते हैं, मैं जाकर उससे पूछती हूँ की क्या वो हमारे सामने मुठ मारने को तैयार है और उसके बदले में क्या चाहिए"
पूजा : "तुम्हारे में इतनी हिम्मत ही नहीं है, की अपने सगे भाई से इस तरह की बात पूछ सको, और अगर पूछती भी हो तो वो तैयार नहीं होगा"
ऋतू : "अगर ऐसी बात है तो मैं अभी जाकर पूछती हूँ " और वो दरवाजे की तरफ चल पड़ी " अगर तुम भी आना चाहो तो आ सकती हो या फिर छेद में से देख सकती हो"
पूजा : "ना बाबा ना..मुझे तो बड़ी शर्म आएगी इस सबमे...तुम ही जाओ"
ऋतू ने आकर मेरे रूम का दरवाजा खडकाया और अन्दर आ गयी, मैंने बड़ी हैरानी से उसे देखा...वो जल्दी से मेरे पास आई और मेरे मुंह पर ऊँगली रख कर मुझे चुप रहने के लिए कहा और फुसफुसाकर बात करने लगी.
दूसरे रूम से पूजा बड़ी बेसब्री से ये सब देख रही थी, उसने देखा की ऋतू ने मुझसे कुछ कहा और १-२ मिनट बात करने के बाद ऋतू का भाई झटके से अलग हुआ और अपने हाथ हवा में उठाकर मना करने के स्टाइल में कुछ बोलने लगा...पूजा सांस रोके ये सब देख रही थी, फिर ऋतू दुबारा अपने भाई के पास गयी और उसे कुछ और बोला, फिर भाई ने भी आगे से कुछ कहा और ऋतू सोचने के अंदाज में सर खुजाने लगी, और फिर कुछ और बातें करने के बाद दोनों एक दुसरे के गले लग गए और ऋतू बाहर निकल गयी.
अन्दर आते ही पूजा ने ऋतू से बड़ी अधीरता से पूछा "तुमने उससे क्या कहा..कैसे पूछा ??"
ऋतू : "वोही जो हमने तय किया था..मैंने पूछा की क्या वो हमारे सामने हस्तमैथुन कर सकता है क्योंकि हमने कभी भी असली में ऐसा नहीं देखा.."
पूजा : "और उसने क्या कहा?"
ऋतू : "वो तो यह सुनकर काफी भड़क गया था"
पूजा : "देखा...मैंने कहा था न"
ऋतू : "पर जब मैंने उससे कहा की हम इसके लिए उसे कुछ पैसे देंगे या फिर कुछ और भी जो वो चाहे तो बात आगे बड़ी"
पूजा : "तो उसने क्या कहा " उसने एक्साईटमेंट में आगे पूछा
ऋतू : "बोटम लाइन इस , वो तैयार है और वो इसके लिए २००० रूपए मांग रहा है."
पूजा ने आश्चर्य के भाव दिए और बोली "क्या सच में...वो सब हमारे सामने करने को तैयार है और उसे सिर्फ २००० रूपए चाहियें"
ऋतू : "हाँ...और साथ ही साथ वो चाहता है की हमें भी उसके सामने नंगा होना पड़ेगा" उसने धीरे से कहा.
पूजा : "वाह बहुत बढ़िया...वो हमें नंगा देखना चाहता है तभी वो हस्तमैथुन करेगा " उसने कट्टाक्ष भरे स्वर में कहा.
ऋतू : "पर जरा सोचो...उसका लम्बा और खुबसूरत लंड तुम्हारी नाक से सिर्फ कुछ ही दुरी पर होगा" ऋतू ने उसे उकसाया.
पूजा कुछ सोचते हुए "चलो वो तो ठीक है पर क्या तुम अपने भाई के सामने नंगी हो सकती हो ?"
ऋतू : "उसे अपने सामने मुठ मारता हुए देखने के लिए तो मैं ये सब कर ही सकती हूँ, ये कोई बड़ी बात नहीं है, और जब हम दोनों करेंगे तो मुझे इसमें ज्यादा शर्म भी नहीं आएगी"
पूजा : "हम दोनों से तुम्हारा क्या मतलब है...मैं तो अभी तक इसके लिए तैयार ही नहीं हुई"
ऋतू ने अपनी आवाज में थोड़ी कठोरता लाते हुए कहा "तुम मुझे ये बताओ तुम तैयार हो या नहीं...ये तुम्हारा लास्ट चांस है"
पूजा : " ठीक है, जब तुम्हे अपने भाई के सामने नंगा होने में कोई परेशानी नहीं है तो मुझे क्या...वो ये सब कर करेगा"
ऋतू : "शायद आज रात को सबके सोने के बाद"
पूजा : "मुझे तो बड़ी घबराहट हो रही है...क्या सच में तुम ये सब करना चाहती हो"
ऋतू : "अरे हाँ ...ये एक नया adventure होगा...मजा आएगा...और फिर हम बाद में......समझ गयी न"
पूजा : "ठीक है...पर सच में तुम बड़ी पागल हो"
ऋतू : "पागलपन करने में भी कभी -२ बड़ा मजा आता है...चलो अब अपना होमेवोर्क कर लेते है...फिर रात को तो कुछ और नहीं कर पायेंगे"
जब रात को सभी डिन्नर कर रहे थे तो ऋतू ने सारी बातें मेरे कान में बता दी, बीच - २ में जब मैं पूजा की तरफ देखता था तो वो शरमा कर अपना चेहरा नीचे कर लेती थी.जब खाना ख़त्म हुआ तो ऋतू और पूजा अपने रूम में चले गए बाकी का बचा हुआ homework करने के लिए.
और आखिरकार सारे घर में शांति छा गयी, ऋतू और पूजा अपने रूम में नाईटगाउन पहनकर मेरा वेट कर रहे थे. पूजा ने सोचा की शायद आशु नहीं आएगा और कुछ बोलने के लिए अपना मुंह खोला ही था के उसे दरवाजे पर हलकी सी knओके सुनाई दी,आवाज सुनते ही ऋतू उछल कर दरवाजे के पास गयी और मुझे अन्दर खींच लिया. मुझे खींचकर वो बेड के पास तक ले गयी और वहां बैठी पूजा के पास बैठ गयी, मैं उन दोनों के सामने नर्वस सा खड़ा हुआ था.
"अरे किस बात का वेट कर रहे हो...तुम ये करना भी चाहते हो या नहीं..." ऋतू ने पूछा.
मैं : "मुझे लगा तुम मुझे पहले पैसे दोगी.."
ऋतू : "बिलकुल देंगें, (पूजा की तरफ देखकर), हमने बोला है तो जरुर देंगे"
मैं : "तुमने बोला था की तुम मुझे २००० रूपए दोगे और नंगे भी होगे "
ऋतू : "क्या तब तुम हस्तमैथुन करना शुरू करोगे ??"
मैं : (सकुचाते हुए...) " ह्म्म्म हाँ sss "

ऋतू : "ओके देन ...और पूजा की तरफ देखकर उसे कुछ इशारा करती है, पूजा झट से अपने purse में से २००० रूपए निकाल कर मुझे दे देती है"
पर मुझे कुछ न करते देखकर वो समझ जाती है की आगे क्या करना है.
ऋतू : "come on पूजा..चलो एक साथ करते हैं"
फिर धीरे-२ पूजा उठती है और दूसरी तरफ मुंह करके अपना गाउन खोल कर नीचे गिरा देती है..ऋतू भी उसके साथ - २ वही करती है, दोनों की गांड मेरी तरफ थी, मैं तो वो दृश्य देखकर पागल ही हो गया, एक गोरी और दूसरी सांवली,एकदम ताजा माल, भरी हुई जांघें और सुडौल पिंडलियाँ, फिर दोनों घूम कर वापिस मेरी तरफ मुंह करके बेड के किनारे पर बैठ गयी, पूजा के चुचे देखकर मेरे मुंह से आह निकल गयी और मैं अपने लंड को अपने पायजामे के ऊपर से ही मसलने लगा..ये देखकर ऋतू ने मुझे घूरकर गुस्से के लहजे में देखा और अगले ही पल हंसकर मुझे आँख मार दी, पूजा ये सब नहीं देख पायी, वो तो अपनी नजरें भी नहीं उठा रही थी.
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12-13-2020, 02:36 PM,
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RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
मैंने देखा की उसके चुचे ऋतू से काफी बड़े हैं, थोड़े लटके हुए , शायद ज्यादा भार की वजह से, और उसके काले-२ निप्पलस इतने बड़े थे की शायद मेरे पैर की ऊँगली के बराबर...पेट बिलकुल गोल मटोल और सुडौल, मैं खड़ा हुआ उसकी चूत भी देख पा रहा था, वो बिलकुल काली थी, बालों से ढकी हुई, और बीच में जो चीरा था, उसमें से गुलाबी पंखुडियां अपनी बाहें फैला कर जैसे मुझे ही बुला रही थी. मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया. ऋतू की तरफ देखा, उसके चूचो का तो मैं वैसे ही दीवाना था, मुझे अपनी तरफ देखते पाकर उसकी ऑंखें बंद सी होने लगी और अपनी एक ऊँगली अपने मुंह में डालकर वो बोली.
"चलो अब तुम्हारी बारी है" ऋतू ने मुझसे कहा.
मैंने एक गहरी सांस लेकर अपना पायजामा और जॉकी नीचे गिरा दिया, और अपनी टी-शर्ट भी उतार दी, फिर मैंने अपना तना हुआ लंड हाथ में लिया और उसे आगे पीछे करने लगा.
"इतना दूर नहीं, यहाँ हमारे पास आकर खड़े हो जाओ और फिर हिलाओ" ऋतू ने आर्डर सा दिया.
मैं खिसककर आगे आ गया और अब मेरे पैर बेड से टकरा रहे थे, दोनों के नंगे जिस्म आपस में रगड़ खा रहे थे और उन दोनों का चहरा मेरे लंड से सिर्फ 4 -5 इंच की दुरी पर ही था, मैं उसे हिलाने लगा, पूजा ने ऋतू की तरफ देखा, वो मुस्कुरा दी, जवाब में पूजा भी मुस्कुरा दी और उसकी थोड़ी टेंशन कम हुई, और वो अब अपने सामने के नज़ारे के मजे लेने लगी.
मेरा पूरा ध्यान अब पूजा की तरफ था, वो अपनी आँखें फाड़े मेरे लंड को देख रही थी, उसका मुंह खुला हुआ था, चुचे तन कर खड़े हो गए थे, लगता था वो अपनी सुध बुध खो चुकी है, मैंने ऋतू की तरफ देखा तो वो बड़े ही कामुक स्टाइल से मेरी ही तरफ देख रही थी, उसका एक हाथ अपनी चूत की मालिश कर रहा था, और वो अपने होंठो पर अपनी लाल जीभ फिर रही थी, जैसे वो मेरा लंड चुसना चाहती हो...पर क्या वो पूजा के सामने मेरा लंड चूस लेगी..शायद हाँ.
ये सोच-सोचकर मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और मैं छुटने के बिलकुल करीब पहुँच गया.
ऋतू को शायद इस बात का अंदाजा हो गया था, वो थोड़ी और आगे खिसक आई...साली मेरे रस की भूखी..और मेरे लंड ने अपना रस उबालकर बाहर उडेलना शुरू कर दिया..मेरी पहली धार सीधे ऋतू के चेहरे से टकराई वो थोडा पीछे हटी तो दूसरी धार सीधे पूजा के खुले हुए मुंह के अन्दर और तीसरी और चोथी उसके गालों और माथे पर जा लगी, फिर मैंने थोडा लेफ्ट टर्न किया और बाकी की बची हुई पिचकारी अपनी बहन के चेहरे पर खाली कर दी.
पूजा तो अवाक रह गयी जब मैंने अपना वीर्य उसके मुंह में डाला पर जब उसने अपना मुंह बंद करके स्वाद चखा तो उसे साल्टी सा लगा और वो उसे निगल गयी, उसने सोचा,इसका स्वाद ऋतू के रस से थोडा अलग है पर टेस्टी है, फिर उसने अपने चेहरे से बहते हुए रस को अपनी उँगलियों से समेटा और निगल गयी, उसने देखा की ऋतू बड़े मजे से अपना मुंह खोलकर मेरी धारें अपने चेहरे और मुंह पर मरवा रही है और बड़े मजे से पी भी रही है.
मेरा लंड धीरे से मुरझाने लगा और ऋतू ने पूजा की तरफ देखा और उसे गले से लगा लिया, और बोली "देखा..कितना मजा आया...कितना एक्साईटिंग था "और उसके चेहरे पर बचा हुआ रस चाटने लगी.
पूजा : "हाँ बड़ा ही एक्साईटिंग था, मुझे भी देखने में काफी अच्छा लगा"
ऋतू : "क्या तुम्हे इसके रस का स्वाद पसंद आया"
पूजा : (शर्माते हुए) "हाँ....ठीक था."
ऋतू : "चलो फिर मेरे चेहरे से सारा रस चाट कर इसे साफ़ करदो...जल्दी"
'ठीक है" और पूजा ने सकुचाते हुए अपनी लम्बी जीभ निकालकर ऋतू का चेहरा चाटना शुरू कर दिया, थोड़ी ही देर में वो बिलकुल साफ़ हो गया और पूजा चटखारे लेते हुए पीछे हो गयी.
"और इसका क्या होगा", मैंने अपने मुरझाये हुए लंड को निचोड़ कर आगे किया और उसके सिरे पर बड़ी सी वीर्य की बूंद चमकने लगी.
ऋतू : "पूजा तुम चाट लो इसे.."
पूजा : "मैं.....नहीं मैं कैसे.." वो घबरा रही थी.
मैं : "जल्दी करो..नहीं तो मैं जा रहा हूँ"
ऋतू : "अरे चलो भी पूजा, अब क्यों शरमा रही हो...चूस लो"
पूजा : "नहीं मैं नहीं कर सकती"
ऋतू : "बिलकुल कर सकती हो.." और पूजा का चेहरा पकड़ कर आगे किया और दुसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर उसके मुंह में डाल दिया.
मैंने महसूस किया की उसके होंठ मेरा लंड मुंह में लेते ही बंद हो गए और उसकी जीभ मेरे लंड के सिरे को कुरेदने लगी, एक दो चूपे लेने के बाद उसने मेरे लंड को बाहर निकाल दिया.
"कैसा लगा " ऋतू ने पूछा
"मजेदार...काफी नरम और गरम है ये तो..मुझे नहीं लगता ये जल्दी पहले जैसा कड़ा हो सकेगा." पूजा बोली.
"थोडा और चुसो तब बोलना.." मैंने कहा.
"हाँ हाँ चलो थोडा और चुसो पूजा, देखते हैं क्या होता है " ऋतू ने उसे उकसाया .
उसने अपना मुंह जल्दी से खोला और मैंने आगे बढकर उसका मुंह अपने लंड से भर दिया, वो उसे अब पहले से ज्यादा तेजी से चूसने लगी, अपनी जीभ का इस्तेमाल भी कर रही थी अपने दुसरे हाथ से मेरे लंड को पकड़कर हलके से दबा भी रही थी, मेरे लंड ने विशाल रूप लेना शुरू कर दिया. मैंने पूजा को धक्का देकर बेड पर लिटा दिया, मेरा लंड अभी भी उसके मुंह में था, और मैं उसके सख्त और गद्देदार चूचो पर हलके भार से बैठ गया, पीछे से ऋतू ने बिना कोई वक़्त गवाएं झुक कर अपना चेहरा उसकी काली चूत पर टिका दिया और चूसने लगी. मैं अपने लंड से पूजा का मुंह चोद रहा था और ऋतू अपनी जीभ से उसकी चूत.
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12-13-2020, 02:36 PM,
#14
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
पूजा के लिए ये बहुत था, वो बेड पर लेटी हुई मचलने लगी, और अपने एक हाथ से मुझे और दुसरे से ऋतू को धक्का देने लगी. पर ऋतू ने उसकी दोनों टांगो को इस तरह से जकड रखा था की वो छुड़ा ही नहीं पायी और मैं तो उसके चेहरे पर बैठा था और मेरे वजन को हटा पाना उसके बस का नहीं था, वो सिस्कार उठी,उसके शरीर में तरंगें उठने लगी और फिर उसे ऐसा लगा की पुरे शरीर में करंट लग गया है वो अकड़ गयी और उसकी चूत हवा में उठ गयी, और वो झड़ने लगी, उसकी चूत में से रस दनादन बहकर बाहर आने लगा , ऋतू ने उसे फिर भी नहीं छोड़ा और उसके उठते हुए चूतडों के साथ वो भी उठ गयी और रसपान जारी रखा, ऋतू ने पीछे से एक हाथ आगे करके मेरी गांड में ऊँगली डाल दी, मेरे लिए ये काफी था, मेरा भी लंड अपना रस छोड़ने लगा, और पूजा ने भी कोई गलती नहीं की और मेरा सारा रस पी गयी, जब सब कुछ शांत हो गया तो मैं उसके ऊपर से हट गया, ऋतू ने भी उसकी चूत से अपना मुंह हटा लिया और खड़ी हो गयी, उसका पूरा चेहरा पूजा के रस से भीगा हुआ था, पूजा का चेहरा भी लाल सुर्ख हुआ पड़ा था, पर उसकी आँखों में एक अलग ही चमक थी.
"वाउ ...ये तो बहुत ही मजेदार था, मुझे तो काफी अच्छा लगा" मैंने कहा.
"मुझे तो ये विश्वास ही नहीं हो रहा है की हमने ये सब किया"...पूजा ने खुश होते हुए कहा.
"it was wonderfull " मैंने कहा और आगे बढकर पूजा के होंठों को चूम लिया.
मेरे चूमते ही पूजा ने अपने हाथ मेरी गर्दन के चारों तरफ लपेट दिए और मुझे फ्रेंच किस करने लगी, उसके अधीर होठों ने मेरे होंठ पकड़ लिए और चूसने लगी, वो काफी गरम थे, उसकी जीभ मेरे मुंह के अन्दर जाकर डांस करने लगी. उसके कठोर चुचे मेरे नंगे सीने से टकरा कर चूर-२ हो गए, मेरा एक हाथ अपने आप उनपर चला गया, वो थोडा पीछे हुई और हम दोनों बेड पर गिर पड़े और उसका नाजुक सा शरीर मेरे अन्दर मचलने लगा.
ये सब देखकर ऋतू आगे आई और हमें अलग करते हुए कहा..."चलो चलो..बहुत हो गया, आज के लिए इतना ही काफी है, भैया तुम अपने रूम में जाओ अब"
मैंने अनमने मन से अपने कपडे पहने और अपने रूम में आ गया और छेद से देखने लगा, ऋतू ने एक छलांग लगाकर अपना चेहरा पूजा की चूत पर टिका दिया था और अपनी चूत उसके चेहरे पर, और फिर दोनों 69 की पोज़ीशन में एक दुसरे को चूसने लगी, मैंने भी अपना लंड निकालकर हिलाना शुरू कर दिया और सोचने लगा, काश मैं भी वहीँ पर होता. जल्दी ही सभी झड गए और सोने चले गए.
*****
अगली सुबह जब मैं उठा तो मैंने भाग कर अपनी आँख छेद पर लगा दी, मैंने देखा की वो दोनों उठ चुकी हैं और दोनों के मुंह एक दुसरे की चूत में चिपके हुए हैं . मैं अपने रूम से निकला और चुपके से उनके रूम में दाखिल हो गया, ऋतू का चेहरा दरवाजे की तरफ था और वो पूजा के ऊपर लेती हुई थी, पूजा का चेहरा ऋतू की मांसल जांघों के बीच पिस रहा था, ऋतू बड़ी बेरहमी से अपनी चूत पूजा के मुंह पर रगड़ रही थी,पूजा भी उसकी चूत चाटने में और अपनी चटवाने में बिज़ी थी.
मैं थोडा आगे आया और बेड के पास आकर खड़ा हो गया, ऋतू को मेरे आने का आभास हो गया और उसने चेहरा उठाकर मुझे देखा और मुस्कुरा दी, मैंने भी मुस्कुराते हुए अपना पायजामा नीचे गिरा दिया और अपना खड़ा हुआ लंड उसे दिखाया, मैं अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपना मुंह पूजा की चूत पर टिका दिया, ऋतू अपने एक हाथ से पूजा की क्लिट मसल रही थी और मैं पूजा की रसीली चूत को साफ़ करने में लग गया, अपनी चूत पर हुए अलग तरह के अटैक से पूजा सिहर उठी और उसने भी ऋतू की चूत पर दोगुने जोश से हमला बोल दिया, और फिर दोनों झड़ने लगी, मैंने अपने मुंह पर पूजा के रस का सैलाब महसूस किया और उसे पीने में जुट गया, पूजा भी ऋतू के रस से नहा चुकी थी और अपने मुंह से उसकी चूत को चाटने में लगी हुई थी. ऋतू झड कर साइड में हो गयी पर मैंने पूजा की चूत को नहीं छोड़ा, पूजा ने नोट किया की ऋतू तो उसके ऊपर से उतर चुकी है फिर भी उसकी चूत पर किसी का मुंह लगा हुआ है, वो झटके से उठी और मुझे देखकर उछल ही पड़ी,..."अरे...तुम....तुम्म कब आये., ये क्या कर रहे हो ?"
"नाश्ता !!" मैंने कहा.
"चलो इसका लंड चूसते हैं" ऋतू ने पूजा की तरफ देखकर कहा और मेरे सामने आकर बैठ गयी और अपना मुंह खोलकर मेरे फड़कते हुए लंड को अन्दर ले लिया और उसे चूसने और चाटने लगी .
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12-13-2020, 02:37 PM,
#15
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
पूजा बड़ी हैरानी से ये सब देख रही थी, उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था की ऋतू अपने सगे भाई का लंड इतने मजे से अन्दर ले रही है, वो अपना मुंह फाड़े ये सब अनहोनी होते देख रही थी.
"अरे देख क्या रही हो, इधर आओ और मेरी मदद करो" ऋतू ने मेरे लंड के सिरे पर अपनी जीभ फिराते हुए कहा.
पूजा थोड़ी हिचकिचाई पर मेरे लम्बे लंड को देखकर उसके मुंह में भी पानी आ गया और वो भी नंगी उठ कर ऋतू के साथ ज़मीन पर घुटनों के बल बैठ गयी और दोनों ने एक साथ मेरे लंड को सताना शुरू कर दिया, दोनो बारी-२ से मेरे पप्पू को अपने मुंह में लेकर लोलीपॉप की तरह चूस रही थी, फिर उन्होंने ने दोनों तरफ से मेरे लंड के चारो तरफ अपने रसीले होंठ फिराने शुरू कर दिए.
उनके गीले होंठो के बीच मेरा लंड पिस कर रह गया, वो दोनों उसे mouth organ की तरह बजा रहे थे, और मेरे लंड को अपने मुंह में रखकर दोनों ने फ्रेंच किस करना शुरू कर दिया, मेरी तो टांगे ही कांपने लगी, जिस तरह का ट्रीटमेंट वो दोनों मेरे पप्पू को दे रहे थे वो उसे सेहन नहीं हुआ और उसने अपना गर्म लावा उगलना शुरू कर दिया, दोनो में होड़ लग गयी की कौन ज्यादा से ज्यादा मेरा रस पीता है और इस तरह मेरी एक-२ बूंद निचोड़ ली कमीनियों ने..मेरा लंड मुरझाकर उनके होंठों से निकल कर बाहर आ गया, पर फिर भी दोनों ने अपनी किस नहीं तोड़ी, वो शायद एक दुसरे के मुंह में मेरा रस ढूंड रहे थे.
"मैं चलता हूँ.." मैंने धीरे से कहा और अपना पायजामा ऊपर करके बाहर निकल गया, वो दोनों अभी भी एक दुसरे में बिज़ी थी.
नीचे नाश्ते की मेज़ पर टेबल पर दोनों बच्चो की तरह बिहेव कर रही थी, बात-२ पर हंस रही थी पर कुछ भी ऐसा आभास नहीं दे रही थी की हम सबके बीच रात को और सुबह में क्या-२ हुआ. मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था, की जैसा हमने सोचा था सब वैसा ही हुआ बल्कि उससे भी अच्छा हुआ क्योंकि पैसो के साथ - साथ पूजा ने उसका लंड भी चूसा और अपनी चूत भी चुस्वायी..मुझे आज अपने आप पर गर्व हो रहा था.
शाम को मैं और ऋतू अपने कमरे में बैठ कर आगे के बारे में बातें कर रहे थे की कैसे ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए जाएँ, मैंने ऋतू से कहा की मैं अपने दोस्तों को तुम्हारा और पूजा का शो दिखाने के ज्यादा पैसे चार्ज कर सकता हूँ, या फिर दूसरा आप्शन ये है की ऋतू अपनी चूत मेरे दोस्तों से चटवा ले.
ऋतू ने कहा की क्यों न वो अपनी दूसरी सहेलियों को भी मेरा हस्तमैथुन करता हुआ शो दिखाए या फिर मैं उसकी सहेलियों की चूत चाटूं..
"मुझे इसमें कोई आपत्ति नहीं है" मैंने कहा.
"या फिर मुझे लगता है की हमें दोनों काम करने चाहियें, हमें तो पैसो से मतलब है न, फिर जहाँ से मर्जी आयें...है न." ऋतू बोली
"ह्म्म्म हाँ.." मैंने सोचते हुए कहा.
"पर क्या पूजा इन सबके लिए राजी होगी..?". मैंने ऋतू से पूछा.
"अगर तुम उसकी चूत फ्री में चाट कर झाड दो तो जरूर राजी हो जाएगी..हा हा " ऋतू ने हँसते हुए कहा.
रात को डिन्नर के टाइम पापा ने बताया की इस बार वो दोनों हमें भी अपने साथ जंगल कैंप पर ले जायेंगे..क्योंकि पिछले साल भी कुछ लोग अपने बच्चों को लेकर आये थे तो वो भी अपने बच्चों को अपने साथ लेकर जाना चाहते हैं.
साथ ही उन्होंने बताया की उनका छोटा भाई अजय और उनकी पत्नी आरती अपनी बेटी नेहा को भी साथ ला रहे हैं.चाची के बारे में सुनकर मैं खुश हो गया, हम काफी समय से उनसे नहीं मिले थे, वो काफी आकर्षक थी, खासकर उनकी चूचियां, बड़ी-२ और उठी हुई. नेहा लगभग 15 -16 साल की थी, उसे भी काफी समय से नहीं देखा था. मजा आएगा, मैंने मन ही मन सोचा.
"अरे वाह ...क्या सच में आप हम दोनों को अपने साथ लेकर चलोगे..." ऋतू ने ख़ुशी के मारे उछलते हुए कहा.
"हाँ हाँ बिलकुल..." ऋतू के पापा संदीप ने अपनी पत्नी पूर्णिमा की तरफ देखते हुए कहा.
"ओह्ह पापा यू अरे ग्रेट..."मैंने उठ कर पापा के गले लग गया, ऋतू भी उठी और हम दोनों से लिपट गयी मेरा हाथ सीधा ऋतू की गांड से टकराया और मैं उसे दबाने लगा, मम्मी भी आकर हमारे साथ बीच में घुस गयी अब मेरे दूसरी तरफ मम्मी थी और मेरा हाथ सीधा उनकी नंगी कमर पर था, उन्होंने साडी पहन रखी थी, मेरे पूरे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी अपनी माँ की नंगी कमर को पकड़ने मात्र से...
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12-13-2020, 02:37 PM,
#16
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
अगले दिन ऋतू को स्कूल छोड़ने जाते समय मैंने उससे आगे के लिए बात की, हम सोच रहे थे की जाने से पहले कैसे ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाए जाएँ, हम दोनों ने निष्कर्ष निकाला की हम अपने दोस्तों से बात करेंगे और देखेंगे की क्या हो सकता है.
शाम को मैंने ऋतू को बताया की मैंने सन्नी और विकास से बात कर ली है और वो ऋतू और पूजा को एक साथ नंगा देखने के लिए 2500 देने को तैयार हैं यानी एक शो के पांच हजार रूपए. और साथ ही साथ ये भी कहा है की अगर वो ऋतू की चूत भी चाटना चाहते हैं तो उसके पांच हजार रूपए लगेंगे..उन्होंने पहली बात तो झट से मान ली पर 5000 का नाम सुनकर बोले की ये तो बहुत ज्यादा है, वो फिर कभी कर लेंगे अभी तो सिर्फ दो नंगी लड़कियों को नंगा देखना चाहते हैं.
ऋतू बोली की उसने भी एक-दो लड़कियों से बात की है पर किसी ने अभी तक पक्का नहीं किया है.
इसलिए हमने तय किया की अगले दिन दोपहर को स्कूल से आने के बाद हम ये शो करेंगे, मम्मी पापा के आने से पहले.
ये सब बातें करते -२ हम दोनों काफी उत्तेजित हो चुके थे, मैंने उसकी स्कर्ट को उठाया और उसे डायनिंग टेबल के ऊपर झुकाकर उसकी कच्छी उतार दी और अपना मुंह उसकी रस टपकाती चूत पर टिका दिया, वो मचल पड़ी और उसके मुंह से सिसकारी फुट पड़ी.
आआआआआआआआआआआआआह .म्म्म्मम्म्म्मम्म chhhhhhhhhhhhhhhhhaaaaaaaaaaaaatooooooooo जूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊर सीईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआआआआआआआआआआआअह ..
मेरी लम्बी जीभ उसकी चूत कुरेदने में लग गयी, मैंने हाथ ऊपर करके उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और और झटके से उसके कंधो से शर्ट के साथ - २ उसकी ब्रा के स्ट्रेप भी उतार दिए, उसके गोरे मुम्मे बाहर उचल पड़े और वो आगे की तरफ झुक कर टेबल पर आधी लेट गयी, टेबल का ठंडा कांच उसके मुम्मो को मसल रहा था और उसके शरीर में सिहरन दौड़ा रहा था, उसकी चूत इतनी गीली हो चुकी थी की मैं सारा रस पी ही नहीं पा रहा था, वो बहकर जांघो से होता हुआ नीचे तक जा रहा था, मैंने उसका रस टांगो के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया उसकी टाँगे रस से भीगकर लसीली हो चुकी थी फिर मैंने अपनी जीभ से उसकी टाँगे चाटना शुरू कर दिया तो वो पागल ही हो गयी, उसे गुदगुदी भी हो रही थी, उसने पलटकर मेरी तरफ मुंह किया और मेरा सर पकड़कर जोर से चीख मरने लगी...
यीईईईईईईईईईईईईई क्याआआआआआआआआआआआ...........कर रहे हूऊऊऊऊऊऊऊओ ........
मैंने टाँगे चाटते हुए उसका पैर उठाकर अपने चेहरे के सामने किया और उसकी पैर की छोटी-२ उँगलियों को अपने मुंह में लेकर चुबलाने लगा, वो उत्तेजना के मारे दोहरी हो गयी और उसने उसी पैर को मेरे सीने पर दबाव देते हुए मुझे नीचे जमीन पर लिटा दिया और उछालकर मेरे मुंह पर बैठ गयी, और दूसरी तरफ झुककर मेरे लंड को आजाद किया और चूसने लगी, मेरे लिए अब सहन करना मुश्किल हो रहा था, मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया, वो समझ गयी और अपने होंठ मेरे मुंह में देते हुए अपनी चूत मेरे लंड पर टिका दी, हम दोनों के मुंह से gooonnnnnnnnnnn gooooonnnnnnnn की आवाज निकली और मैंने नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए, जल्दी ही मैं झड़ने के कगार पर आ गया और मैंने अपना चुम्बन तोडा,,वो फिर पहली जैसे अवस्था में आ गयी और अपनी गीली चूत मेरे मुंह में डालते हुए मेरा रसीला और अपने ही रस में डूबा लंड चूसने और चाटने लगी, मेरे लंड ने जल्दी ही फायरिंग करनी शुरू कर दी.
माआआआआऐन्न्न aaaaaaaaaaaaaaaaayyyyyyyyyyyyyyyyaaaaaaaaaaaa आआआआआआआह ...
और वो सब कुछ निगलती चली गयी, मेरा मुंह भी उसके काम रस से लबालब भर गया और हम गहरी साँसे लेते हुए वोंही आधे नंगे लेटे रहे..
तभी मैंने मम्मी की कार की आवाज सुनी और हमने जल्दी से अपने कपडे समेटे और ऊपर की तरफ भाग लिए, बेल की आवाज सुनकर मैं सिर्फ अपनी शोर्ट्स जल्दी से पहन कर नीचे आया और दरवाजा खोला, मैंने ऊपर कुछ नहीं पहन रखा था, मम्मी ने मेरा गठीला शरीर देखा और बोली ऐसे क्यों घूम रहे हो तो मैंने कहा अपने रूम में एक्सर्साईज़ कर रहा था उन्होंने ऋतू के बारे में पूछा तो मैंने कहा शायद वो अपने रूम में पढाई कर रही है, और फिर भाग कर ऊपर अपने कमरे में आ गया, छेद में से झांककर देखा तो ऋतू कपडे चेंज कर रही थी नीचे जाने के लिए.
*****

अगली दोपहर मैं, सन्नी और विकास ३ बजे घर आ गए, थोड़ी ही देर में हमने ऋतू और पूजा को भी घर में दाखिल होते देखा, हम पहले ही अपने कमरे में छुप गए थे, और छेद से देख रहे थे, उन दोनों ने आते ही अपने कपडे उतारना शुरू कर दिया और २ मिनट में ही नंगी खड़ी हो गयी. सन्नी और विकास बारी-२ से देख रहे थे की कैसे वो दोनों नंगी होने के बाद फ्रेंच किस कर रही हैं, एक दुसरे के चुचे दबा रहीं हैं, वो दोनों तो पूजा का नशीला शरीर देखकर बिफर ही गए..उन्होंने ऐसी "ब्लैक ब्यूटी" नहीं देखी थी, जिसके दूध इतने बड़े और गांड इतनी चोडी हो और साथ ही बला की खुबसूरत भी हो..ऋतू की चमकती त्वचा के सामने वैसे तो पूजा कुछ भी नहीं थी पर हर किसी का अपना टेस्ट है..
वो दोनों अब 69 की अवस्था में आ चुकी थी और एक दुसरे की रसमलाई चाटने में लगी हुई थी..
"अरे देख यार, कैसे साली ये दोनों एक दुसरे की चूत चाट रही है...भेंन चोद...मेरा मन कर रहा है की दोनों रंडियों को गली में लेजाकर चोदुं और पूरी दुनिया इनकी चुदाई देखे.." सन्नी ने ऋतू को देखते हुए कहा.
मैं अपनी बहन के बारे में ये सब सोचकर गुस्से होने के बजाये ये सब होने के बारे में सोचकर अपने ख्याल बुनने लगा.
मैंने धीरे से सन्नी के कान में कहा "तुम चाहो तो इसकी चूत तुम भी चाट सकते हो" मैंने मौके की नजाकत को समझते हुए गर्म लोहे पर चोट मारी.
"इस बात की क्या गारंटी है की वो तुम्हारी बात मान जाएगी..." सन्नी ने कुछ सोचते हुए कहा
"अगर मैं नहीं कर पाया तो तुम मुझे 5000 रूपए मत देना." मैंने कहा
"और दूसरी वाली के बारे में क्या ख्याल है...क्या वो भी चूसने देगी" अब विकास बोला, उसे काला माल ज्यादा पसंद आ रहा था.
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12-13-2020, 02:37 PM,
#17
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
"उसके बारे में मैं ये कह सकता हूँ की उससे मैं अपना लंड चुसवा सकता हूँ, अगत तुम उसे मेरा लंड चूसते हुए देखना चाहते हो तो तुम्हे 2000 रूपए देने होंगे, अगर मैंने ये कर दिया और फिर तुम्हारा मूड चेंज हो जाए तो तुम मेरी बहन की चूत चाट सकते हो और टोटल 5000 रूपए दे सकते हो," मैंने एक नया पैकेज उन्हें दिया.
"ठीक है, मुझे मंजूर है, और अगर तुम ये सब ना कर पाए तो तुम्हे इसके दुगने पैसे हमें देने होंगे." विकास ने कहा.
"मुझे मंजूर है" मैंने खुश होते हुए कहा.
"कल दोपहर को मैं तुम्हे ये सब होते हुए दिखा दूंगा." मैंने उन दोनों से कहा.
तब तक तुसरे रूम में रस का सैलाब आ चूका था और दोनों ने बिना कोई वक़्त गवाएं सारा पानी चाट कर सफा कर दिया और फिर दोनों कपडे पहन कर पड़ने के लिए बैठ गयीं.
उसी रात मैं होले से ऋतू के कमरे मैं घुस गया और उसकी रजाई में जाकर लेट गया, वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी....पूरी नंगी.
मैंने अपने शोर्ट्स उतारा और वो मेरा लंड चूसने में लग गयी, मैंने उसे बताना शुरू किया की हमारी क्या-२ बातें हुई और मैं ये सब कैसे करने वाला हूँ, और कैसे मेरे दोस्त उसकी चूत को चूसेंगे,...वो मेरी बात सुन रही थी और मेरा लंड चूसती जा रही थी, मेरे दोस्तों द्वारा अपनी चूत चाटने की बात सुनकर उसकी चूसने की स्पीड बढ गयी और वो दोनों हाथों से मेरा लंड पकड़कर अन्दर बाहर करने लगी मैंने अपना गाढ़ा वीर्य उसके दहकते हुए मुंह में झोंक दिया. और वो सारा रस पी गयी.
इसके बाद मैं वापिस अपने रूम में आकर लेट गया.
*****

अगले दिन, सभी कुछ वैसे ही हुआ, हम तीनो उन दोनों का इन्तजार कर रहे थे वो कल की तरह आयीं और आते ही शुरू हो गयी, मैंने अपने दोस्तों से कहा की वो छेद से देखते रहें और मैं धीरे से अपने कमरे से निकलकर दुसरे रूम में आ गया.
उन्होंने देखा की मैं रूम में पहुंचकर नंगा हो गया हूँ और मेरा लंड खड़ा हुआ है, मैं धीरे से आगे आया और बेड पर 69 की अवस्था में लेती हुई ऋतू और पूजा के पास आकर खड़ा हो गया. ऋतू ऊपर थी और पूजा नीचे.
मैंने एक हाथ बढाकर ऋतू को पूजा की चूत से हटा दिया और अपना लंड लेटी हुई पूजा के खुले हुए मुंह में डाल दिया. वो पहले तो चोंक गयी पर फिर उसने मेरा लंड जोर शोर से चुसना शुरू कर दिया, ऋतू अभी भी पूजा की चूत चूसने में लगी हुई थी.
मैंने छेद की तरफ मुंह करके उन दोनों को भी इशारा किया की वो इस रूम में आ जाएँ.
जब वो दोनों रूम में आये तो ऋतू दरवाजे के पीछे खड़ी हुई नंगी ही उनका वेट कर रही थी, उसने दोनों को चुपके से दीवार के सहारे सटा दिया और बिना कोई आवाज करे अपने पीछे आने को कहा.
वो दोनों आगे आये और बेड पर नंगी लेटी हुई पूजा की तरफ देखने लगे, उसकी गुलाबी रंग की चूत काली टांगो के बीच चमक रही थी, और आँखें बंद करे वो मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी उसकी दोनों पहाड़ियां और उनपर चमकते दो मोती क़यामत ढा रहे थे.
विकास की नजरें तो पूजा के शरीर से हट ही नहीं रही थी, सन्नी ऋतू के नंगे शरीर का आँखों से बलात्कार करने में लगा हुआ था.
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12-13-2020, 02:37 PM,
#18
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
ऋतू की चूत भी अपने को चुस्वाने के लिए मचल रही थी, उसने पूजा और अपनी चूत की तरफ इशारा करके दोनों को अपनी चोइस लेने को कहा, विकास बिना वक़्त गवाएं पूजा की चूत को चाटने लगा, और अपनी लम्बी जीभ से उसे कुरेदने लगा.
जब ऋतू ने ये देखा तो वो धीरे से बेड पर पूजा की बगल में लेट गयी और हवा में अपनी टांगें उठा कर अपने हाथों से परों को पकड़ लिया और उसकी चूत खुल कर सामने आ गयी, सन्नी के लिए ये निमंत्रण बहुत था वो भी लपक कर अपने मुंह से ऋतू की चूत पर पिल पड़ा.
पुरे कमरे में तरह -२ की आवाजें गूंज रही थी...आआआआआआआह mmmmmmmssssssssssssss चाआआआआआआआआआआआआतो sssssssssssss चाआआअतो मेरी चूऊऊऊऊऊउत .........ऋतू बोली........

ऋतू की आवाज सुनकर पूजा ने नोट किया की ऋतू तो बेड पर लेटी अपनी चूत चुसवा रही है फिर भी उसकी चूत कोई चाट रहा है और उसके भाई का लंड तो उसके मुंह में है और वो खड़ा है...वो थोडा उठी और उसने परिस्थितियों का अवलोकन किया...फिर सब समझ कर उसने सब कुछ भगवान् भरोसे छोड़ दिया और मेरा लंड और जोर से चूसने में लग गयी..
मैं देख रहा था की कैसे विकास उसकी चूत को खाने में लगा हुआ है वो थोडा नीचे हुआ और अपने पेनी जीभ पूजा की गांड के छेद पर भी फिराने लगा, वो मेरा लंड मुंह में लिए मचल उठी..
दूसरी तरफ, ऋतू की चूत पर नया मुंह लगने की वजह से वो कुछ ज्यादा ही गरम हो चुकी थी और उसने अपने पैरों से सन्नी की गर्दन के चरों तरफ फंदा बना डाला था, और अपनी चूत उससे चुस्वाने में लगी हुई थी..उसने मेरी तरफ देखा और मेरी तरफ अपने होंठ गोल करके एक फ्लाईंग किस किया.
मैं अपने चारों तरफ उत्तेजना का नंगा नाच देखकर झड़ने के करीब पहुँच गया और मेरा लंड फूलकर और लम्बा हो गया , मैं अब पूजा के कोमल चेहरे को बड़ी बेरहमी से चोदने लगा.
जब मेरा वीर्य निकला तो वो सारा ऐसे पी गयी जैसे बच्चा कोल्ड्ड्रिंक पीता है. वो कुतिया आखरी बूंद भी निचोड़ कर ले गयी मेरे लंड से.
"तुम दोनों अब अपनी जगह बदल लो" मैंने सन्नी और विकास को कहा.
पूजा ने उठने की कोशिश की पर मैंने उसे वापिस लिटा दिया और कहा की घबराने की कोई बात नहीं है, ये सब किसी को पता नहीं चलेगा, तुम बस एन्जॉय करो...और मैंने उसके कान में कहा (तुम्हे इसके पैसे भी नहीं देने होंगे).
वो कुछ कहना चाहती थी पर तभी सन्नी, जो अब उठकर उसकी टांगो के बीच पहुँच चूका था, ने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और वो सब कुछ भूलकर फिर से चूत चुस्वाने में मस्त हो गयी.
विकास ने भी अपना मुंह मेरी बहन की चूत में दे मारा और उसे काफी तेजी से चाटने लगा....
दोनों की चीखें गूंज रही थी कमरे में.
aaaaaaaaaaaaaaaaaahhhhhh आआआआआआआआआअ........ cccccccchhhhhhhhaaaaaaatttoooooo aaaaaaaassssssssssssssss ....mmmmmmmmm जीभ सीईईईईईईईई........ चाआआआआआअतो .......और तेज........और तेज......... आआआआआअह आआआआआह आआआआआआआआआअह..... मैं तो गयीईईईईईईईईईईईईईई .......और ऋतू झड़ने लगी, विकास ने सारा रस पी लिया.
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12-13-2020, 02:37 PM,
#19
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
सन्नी की मेहनत भी रंग लायी और पूजा की चूत ने भी पानी छोड़ दिया. वो दोनों आँखें बंद किये हांफ रही थी. मैंने सन्नी और विकास को उठाया और उन्हें लेकर कमरे से बाहर आ गया .
"ऊह्ह पूजा....मजा आ गया...." ऋतू ने कहा "कैसे इन लड़कों ने हमारी चूत चाटी और हमें मजे दिए, और बिना हमसे मिले, कोई बात करे, कमरे से चले गए...अपनी सर्विस देकर.."
"मैं तो डर ही गयी थी...पर जब तुम्हारी चूत पर किसी की चूत का एहसास हो तो कुछ सोचने - समझने की शक्ति ही नहीं रहती.
मैं तो सब कुछ भूलकर बस चूत चटवाने में खो गयी थी." पूजा ने हँसते हुए कहा.
"क्या तुम्हे मेरे भाई ला लंड चूसने में मजा आया" ऋतू ने उससे पूछा.
"हाँ...बहुत मजा आया"
"क्या तुम्हे लगता है की तुम्हारी कोई फ्रेंड भी अपनी चूत चुस्वाना चाहती है" उसने आगे कहा.
"तुम्हारा मतलब क्या है ??"
"मेरा मतलब, की अगर तुम अपनी फ्रिएंड्स को भी यहाँ ले आओ जो ये सब मजे लेना चाहती है तो मेरा भाई और उसके दोस्त ये सब कर सकते हैं, और अगर तुम चाहो तो हम उनसे चार्ज भी कर सकते है, फिर और भी मजा आएगा." ऋतू ने सब डिटेल में बताया.
"हाँ...मेरी कई सहेलियां हैं जो अपनी चूत चुस्वाना चाहती हैं उन्हें ऐसे मौके मिलते नहीं और वो दुनिया के डर से खुद ही एक दुसरे की चूत चाटती रहती है, मैं भी कई बार उनके साथ ये सब कर चुकी हूँ." उसने आगे से कहा.
"तो ठीक है तुम उन सबसे बात करना और फिर हम देखेंगे की आगे क्या करना है" ऋतू ने पूजा को कहा और फिर दोनों मम्मी पापा के आने से पहले कपडे पहन कर तैयार हो गए और पढ़ने बैठ गए.
मैं खाना खाने के बाद सीधा उसके रूम में आ गया, पूजा शाम को ही जा चुकी थी, मैं अंदर घुसा तो वो दरवाजे के पीछे छुपी हुई थी और मुझे पीछे से पकड़ कर मेरी पड्डी चढ़ गयी और मुझे पीछे से चूमने लगी, मेरे हाथ पीछे गए तो पाया की वो बिलकुल नंगी है मैंने उसे बेड पर लेजाकर पटक दिया वो मुझे कामुक निगाहों से देखते हुए एक हाथ अपनी चूत में डालकर अपना रस चाटने लगी...मैंने अपने कपडे उतारने शुरू किये और कुछ ही देर में बिलकुल नंगा उसके सामने खड़ा हो गया…
मैंने कोई देर किये बिना उसकी रसीली चूत के स्विमिंग पूल में छलांग लगा दी और उसने मेरे कूदते ही अपनी टांगें मेरी कमर से लपेट ली.... माआआआआअर दाआआआआअलाआआअ ......mmmssssssssss
उसकी वेलवेट जैसी चूत मेरे लंड को लपेटे हुए थी....आज वो कुछ ज्यादा ही उत्तेजित थी.
साआआअल बड़े मजे ले रहाआआअ था .......म्म्म्मम्स्स्स वो हाँफते हुए मुझे गाली देती हुई बोली, वो शायद दोपहर वाली बात कर रही थी...
तुम्हारी सहेली है ही इतनी पटाखाआआआ ..
वो जल उठी और मुझे नीचे धक्का देकर मेरे ऊपर आ गयी और जोर जोर से मेरे लंड के ऊपर कूदने लगी, मेरा लंड उसकी चूत से बिलकुल बाहर आ रहा था और फिर वो हर बार अन्दर भी जा रहा था, बड़े लम्बे धक्के ले रही थी, इस तरह से मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर तक जा रहा था, मेरे लंड के ऊपर का ये प्रैशर मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरे मुंह से उह्ह्ह आआआह की आवाजें निकलने लगी, वो पहचान गयी और हर बार की तरह हटी और मेरा लंड मुंह में लेकर मेरा सारा माल हड़प कर गयी, फिर उसने अपनी गीली चूत मेरे मुंह पर रख दी और मैंने भी अपना पेट उसके रस से भर लिया.
उसके बाद हम नंगे एक दुसरे की बाँहों में पड़े रहे और आगे की योजना बनाने लगे.
*****
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12-13-2020, 02:37 PM,
#20
RE: Free Sex Kahani लंड के कारनामे - फॅमिली सागा
अगले दिन शाम को ऋतू ने बताया की पूजा की 4 सहेलियां तैयार हो गयी हैं अपनी चूत चटवाने के लिए और वो इसके लिए दो-दो हजार रूपए देने को भी तैयार हैं.
हमने अगले दिन ४ बजे का टाइम फिक्स किया...उस रात मुझे सोने में बहुत परेशानी हुई अगले दिन के बारे में सोच-सोचकर..
अगले दिन मैं उनका इन्तजार करने लगा, जब मैंने उनके आने की आवाजें सुनी तो छेद से देखा, ऋतू और पूजा के साथ उनकी चार और सहेलियां आई हुई थी, १ लड़की को तो मैं भी जानता था, वो ऋतू के बर्थडे पर पहले भी घर आई हुई थी, वो देखने में बिलकुल सीधी-साधी लगती थी पर उसके नैन नक्श बहुत तीखे थे, दूसरी लड़की काफी मोटी थी, उसकी कमर फैली हुई और छाती भरी हुई थी, तीसरी उससे बिलकुल विपरीत दुबली पतली और चुचे ना के बराबर,पर उसके कुल्हे काफी भरे हुए और गुदाज दिख रहे थे, और चोथी लड़की को तो मैं देखता ही रह गया, वो बिलकुल कटरीना कैफ जैसी दिख रही थी, वैसा ही हेयर स्टाइल वैसा ही हंसमुख और लम्बा चेहरा, भरे हुए दूध के ग्लास और पतली कमर के नीचे मोटे-मोटे गद्देदार चूतड..कुल मिलकर वो सेक्स बोम्ब लग रही थी, वो अन्दर आते ही धीरे-२ अपने कपडे निकाल कर नंगे हो गए और बेड पर लाइन से अपनी चूत को उभार कर लेट गए, ऋतू ने उनसे कुछ कहा और बाहर निकल गयी,
फिर मेरे रूम में आई और बोली..."चल मेरे शेर, तेरे जलवे दिखाने का टाइम आ गया है...."मैं नंगा खड़ा था, वो आगे आई और मेरा लंड पकड़कर मुझे अपने रूम में ले गयी और अपनी नंगी सहेलियों के सामने लेजाकर खड़ा कर दिया.
मैंने इतना सुन्दर दृश्य कभी नहीं देखा था, पूजा साइड में नंगी खड़ी थी, बाकी चारो लडकियां पूरी तरह से नंगी हुई आधी बेड पर लेटी हुई थी, उनकी नजरें मेरे लंड को घुर रही थी, मैंने पहली लड़की को देखा, वो मोटी वाली थी, मैं झुका और उसकी टांगों पर हाथ रखकर उन्हें ऊपर उठाया और उसे पीछे की तरफ धक्का दिया, वो लेट गयी और अपनी टंगे ऊपर हवा में उठा दी, मैंने अपनी जीभ निकाली और सीधे उसकी चूत पर लगा दी, उसके मुंह से एक सिसकारी निकल गयी उसकी चूत काफी गरम थी, बिलकुल टाईट और छोटे-२ बाल भी थे, मैंने उसे चुसना और चाटना शुरू कर दिया, वो बिस्तर पर मचलने लगी और अपने चूतड उठा -२ कर मेरे मुंह में अपनी चूत मारने लगी..जल्दी ही वो झड़ने लगी और मेरे मुंह में उसका गरमा गरम रस आ गया और मैंने सारा पी डाला...बुरा नहीं था.
दूसरी वो कटरीना कैफ थी, मैंने उसकी चूत को ध्यान से देखा ..बिलकुल चिकनी , बिना बाल की, लगता था आज ही उसने सफाई की हो..
वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी, उसके चुचे एकदम कड़क और उठे हुए थे, मैंने एक हाथ उसके कड़क चुचे पर रखा, दूसरा उसकी गांड पर रखकर उसे थोडा उठाया और उसकी आँखों में देखते हुए अपने होंठ उसकी चूत के होंठों से जोड़ दिए, और उन्हें फ्रेंच किस करने लगा, वो सिहर उठी और मेरे गालों पर हाथ फेरते हुए अपने चुचे को दबाने लगी .....
मैंने चाटना जारी रखा...मैंने नजर घुमाई दो पाया की बाकी सभी लडकियां, पूजा और ऋतू भी, अपना मुंह फाड़े मुझे चूत चाटते हुए देख रहे थे और उनका एक हाथ अपनी अपनी चूत पर था, मैंने अपना ध्यान वापिस कटरीना पर लगाया और उसे जोर से सक करने लगा, वो चीखती रही और एक लम्बी सिसकारी के साथ मेरे मुंह पर झड़ने लगी, फिर मैं उठा और अपने अगले शिकार के सामने बैठ गया.
वो दुबली -पतली लड़की थी, जैसा मैंने कहा था, उसके सीने पर कोई भी उभार नहीं था, पर उसके निप्पल्स इतने बड़े थे की मेरे हाथ खुद बा खुद उनके ऊपर जा टिके और मैंने उन्हें मसल दिया, वो चिहुंक उठी और मेरा मुंह पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया, मैं तो उसकी चूत का चेहरा भी नहीं देख पाया था, पर उसकी उत्तेजना के आगे मैं कुछ न कर पाया और मैं उसे चाटने में लग गया, उसका स्वाद बड़ा मीठा था, मुझे काफी मजा आ रहा था, वो भी जल्दी ही झड गयी और मुझे अपना अमृत पीला कर हांफने लगी.
लास्ट में बची लड़की की निगाहें जब मुझसे मिली तो वो होले से मुस्कुरा दी और पीछे सर करके लेट गयी, मैंने देखा उसकी चूत पर घने बाल थे, मैंने अपनी उँगलियों से उसकी काली-२ झाटें साइड करी और उसकी पिंक चूत को बाहर निकाला, मैंने इतने बाल चूत पर आज तक नहीं देखे थे. खैर..मुझे क्या, सबकी अपनी-२ पसंद होती है...मैंने अपनी जीभ निकाली और उसे भी चूस चूस कर झाड दिया.
मैं उठ खड़ा हुआ, मेरा पूरा मुंह गीला था और उसपर सभी लड़कियों का मिला जुला रस लगा हुआ था.
वो चारों अपनी चूत फैलाये अपने ओर्गास्म का आनंद लेते हुए ऑंखें बंद किये, गहरी सांसें लेती हुई, पड़ी हुई थी. "और अगर तुम चाहो तो इसका भी आनंद ले सकती हो...." ऋतू ने मेरे खड़े हुए लंड को अपने हाथों में लेकर कहा.
"पूजा, जरा दिखाओ तो इनको की ये कितना मजा देता है.." ऋतू ने पूजा की तरफ देखते हुए कहा.
पूजा अपनी मोटी गांड मटकती हुई , नंगी मेरे सामने आकर बैठ गयी और मेरी आँखों में देखते हुए मेरे लंड को पकड़कर अपने मुंह में लेकर लोलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मेरी ऑंखें बंद होने लगी और मैं खड़ा हुआ पूजा से चुस्वाने में लगा रहा, वो बड़े प्यार से मेरे लंड को अन्दर ले रही थी, जीभ से सहला रही थी और अपने होठों से चूस रही थी, बाकी सभी लडकियां उठी और गौर से हमें देखने लगी.
मैं जल्दी ही झड़ने के करीब पहुँच गया, पूजा ने मेरे लंड को पूरा बाहर निकाला और अपना मुंह खोलकर, लंड को जोर से हिलाने लगी.
मेरे लंड ने पिचकारी मारनी चुरू कर दी और अपने सामने बैठी पूजा के मुंह पर, आँखों पर, माथे पर, नाक पर निशाने लगा-२ कर , उसका सांवला चेहरा, अपने सफ़ेद वीर्य से भिगो दिया, वो अपने मुंह में आये रस को पी गयी और फिर अपने चेहरे पर लगे हुए वीर्य को भी अपने हाथों से इकठ्ठा करके चाट गयी.
"अगर तुममे से कोई भी मेरे भाई का लंड चुसना चाहता है तो मुझे बता देना...पर अभी तुम सब कपडे पहनो और जाओ यहाँ से, मेरे मम्मी पापा आने ही वाले है." ऋतू ने सभी लड़कियों से कहा.
मैं भी जल्दी से अपने रूम में आ गया और बेड पर नंगा लेट गया, बिलकुल संतुष्ट, आज मैंने चार लड़कियों की चूत चाटी थी और पूजा ने मेरा लंड भी चूसा था, और साथ ही साथ आठ हजार रूपए भी कमाए थे..
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