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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल ऐसे अद्भुत सौंदर्य की प्रतिमूर्ति अपनी मा रूबी को देखकर उसके जिस्म की बनावट में खो सा गया।
उपर से गिरती हुई पानी की ठंडी फुवारे उसके जिस्म को राहत प्रदान कर रही थी। वो खुद ही पानी के नीचे खड़ी हुई अपने जिस्म पर बहुत की कामुक तरीके से हाथ फिरा रही थी। जब जब उसके हाथ उसकी चूचियों पर से गुजरते तो अपने आप उसके मुंह से आह निकल रही थी। अपने दोनो पैरों के तलवों को वो नीचे जमीन पर रगड़ रही थी जिससे साहिल को उसकी हल्की हल्की मटकती हुई गांड़ साफ नजर आ रही थी।
साहिल जवानी की दहलीज पर कदम रख चुका था और अक्सर उस उम्र में लडको के अंदर औरत के जिस्म को देखने, उसके राज जानने की इच्छा होती हैं। साहिल सेक्सी मूवी देखकर काफी कुछ सीख गया था लेकिन आज उसने पहली बार औरत का जिस्म देखा तो वो भी अपनी सगी मा का, ये सोच सोच कर जहां उसे आत्म ग्लानि हो रही थी वहीं दूसरी ओर उसके अंदर उत्तेजना भी बढ़ती जा रही थी। रूबी ने केवल सौंदर्य की प्रतिमूर्ति थी बल्कि उससे कहीं ज्यादा उसके जिस्म के कटाव पूरी तरह से जानलेवा थे।
साहिल का लंड आज तक इतनी बुरी तरह से कभी नहीं अकड़ा था और साहिल ये सोचकर हैरान था कि उसका लंड उसकी मा को अर्धनग्न हालत में देखकर झटके पर झटके लगा रहा था।
रूबी के पैर दर्द करने लगे तो वो वहीं पत्थर पर बैठ गई। आज पानी की ठंडी धाराएं भी उसके जिस्म की प्यास को ठंडा नहीं कर पा रही थी। रूबी ने अपने दोनो हाथो से एक पत्थर को पकड़ लिया और नीचे अपनी दोनो टांगे खोलते हुए अपनी गांड़ को पत्थर पर टिका दिया तो उसके मुंह से फिर से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। रूबी ने इस एहसास को महसूस करने के लिए फिर से अपनी गांड़ को हल्का सा उठाया और फिर से पत्थर पर टिका दिया तो रूबी को बहुत मजा। अब उसकी गांड़ अपने आप ऊपर उठने लगी और पत्थर पर टिकने लगी। रूबी पूरी तरह से मदहोश हो गई और और उसे पता ही नहीं चल कब उसने अपनी गांड़ को पत्थर पर रगड़ना शुरू कर दिया।
रूबी के मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थीं। साहिल वहीं उस पत्थर के दूसरी तरफ बिलकुल उसके पास छुपा हुआ ये सब देख रहा था और उसके हाथो ने कब उसका अंडर वियर साहिल लोअर नीचे सरका दिया उसे पता ही नहीं चला। साहिल ने अपने लंड को देखा और बोला
" कमीने वो मेरी मा हैं सगी मा।
लंड ने अपने आप एक तेज झटका खाया मानो बोल रहा हूं कि मा होगी तेरी मेरे लिए तो वो एक प्यासी चूत हैं।
ये ख्याल जैसे ही साहिल के मन में आए तो उसका हाथ अपने लंड पर कस गया। साहिल को अपने एक हाथ से अपने भारी भरकम लंड को संभालना मुश्किल प्रतीत हुआ तो उसे मजबूरी में दूसरा हाथ लगाना पड़ा।
दूसरी तरफ रूबी अब फिर से खड़ी हो गई थी और एक पत्थर के बाहर की तरफ निकल हिस्से को अपनी टांगो से कस लिया और उस पर अपनी जांघें रगड़ने लगी। अपना मा का ऐसा कामुक रूप देखकर साहिल के हाथ उसके लंड को सहलाने लगे।
रूबी अब अपनी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही उस पत्थर पर रगड़ रही थी और अपने दोनो हाथों से पत्थर को कस कर पकड़ा हुआ था। रूबी को बहुत मजा आ रहा था और उपर से गिरती हुई ठंडी जल धाराएं उसके मजे को दोगुना कर रही थी।
रूबी की चूत में तूफान सा उठने लगा और बहुत तेजी से अपनी चूत रगड़ रही थी और उसका मुंह मस्ती से खुल गया।
" उफ्फ हाय मा, काश मेरी शादी उस चूतिया अनूप से नहीं बल्कि इस पत्थर से हुई होती। कितना मजा दे रहा हैं मुझे ये।
इतना कहकर रूबी ने पत्थर को जोर से कस लिया मानो अपने प्रेमी को बांहों में भर रही हो। साहिल को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ कि उसकी मा उसके बाप को गाली निकाल रही है। इसका मतलब पापा ने मम्मी को पसंद नहीं करती।
अपनी चूत पत्थर पर रगड़ती हुई रूबी के जिस्म में तरंगे उठने लगी और उसकी गति बहुत तेज हो गई तो उसकी आंखे मस्ती से अपने आप बंद हो गई और उसकी सिसकियां ऊंची और ऊंची होती चली गई।
तभी रूबी की चूत में सैलाब सा आ गया और उसने जोर से अपनी चूत को पत्थर पर रगड़ा और वो एक तेज आह भरते हुए झड़ती हुई चली गई।
" आह मेरी चूत मार ली मेरे इस पत्थर ने, काश अनूप का लंड भी इतना टाइट होता।
रूबी अपनी आंखे बंद किए इस मस्ती को महसूस कर रही थी और साहिल जोर जोर से अपने लंड को हिला रहा था जिससे उसका पूरा जिस्म हिल रहा था। साहिल की कमर एक छोटे से पत्थर के टुकड़े से जा टकराई और वो एक जोरदार आवाज करते हुए नीचे गिर गया।
साहिल की आवाज सुनकर डर के मारे हालत खराब हो गई और रूबी की भी आंखे खुल गई। उसे एक पल के लिए तो डर लगा लेकिन फिर सोचा कि जरूर अनूप होगा क्योंकि उसके सिवा तो किसी और को इस जगह के बारे में पता ही नहीं हैं लेकिन वो तो दारू पीकर सो गया था।
रूबी जोर से बोली:" कौन हैं वहां बाहर निकलो!!
साहिल की तो जैसे हालात खराब हो गई। अगर मैं आज यहां पकड़ा गया तो ज़िन्दगी भर मुंह दिखाने के लायक नहीं रहूंगा।
उसने धीरे धीरे पत्थरो और हल्के अंधेरे का फायदा उठाकर बाहर निकलना शुरू किया। उसका खड़ा हुआ लंड अभी भी उसकी टांगो के बीच खड़ा हुआ था लेकिन अभी उसे उसकी तरफ कोई ध्यान नहीं था।
रूबी खड़ी हो गई और उसकी तरफ आते हुए बोली:"
" मैं कहती हू सामने आओ नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।
साहिल बस अब दरवाजे से कुछ ही कदम की दूरी पर था लेकिन वहां प्रकाश थोड़ा ज्यादा था इसलिए रूबी उसे आराम से देख लेती। साहिल को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। कैसे दरवाजे तक पहुंच जाएं
दूसरी तरफ रूबी धीरे धीरे उसके पास आती जा रही थी, बीच में बस दो ही पत्थर का फासला बचा हुआ था, वो कभी भी पकड़ा जा सकता था। वो डर के मारे थर थर कांप रहा था लेकिन मुश्किल हालत में भी वो सोच रहा था, उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था। उसके दिमाग में एक आइडिया आया और उसने एक छोटा पत्थर उठाकर एक दूसरे पत्थर के पीछे फेंक दिया और रूबी आवाज सुनकर उस दिशा में मुड गई और जैसे ही वो पत्थर के पीछे पहुंची तो साहिल में पूरा दम लगाते हुए दरवाजे की तरफ दौड़ लगा दी।
लेकिन जल्दबाजी में साहिल से एक गलती हो गई कि तेज दौड़ने से उसके पैरो की आवाज हुई और रूबी पलटी तो उसे एक साया दरवाजे में घुसता नजर आया। पत्थरों की परछाई और हल्के अंधेरे के कारण वो उसे ठीक से पहचान नहीं पाई लेकिन इतना जरूर समझ गई कि ये अनूप तो बिल्कुल नहीं हो सकता।
हैं भगवान तो फिर ये कौन था, क्या मेरा बेटा साहिल, नहीं वो नहीं हो सकता, उसे तो चुदाई लोक के बारे में कुछ भी नहीं पता। लेकिन फिर कौन हो सकता है उसके सिवा तो घर में और कोई मर्द नहीं हैं
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04-14-2021, 12:25 PM,
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
अगर ये साहिल हैं तो वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा, उफ्फ वो अपनी का को चुदाई लोक में देख रहा था इसका मतलब। मुझे पता करना होगा कि क्या वहीं था। रूबी अपने आपको संभालते हुए बाहर निकल गई।
दूसरी तरफ साहिल तेजी से अपने कमरे में घुस गया और डर के साथ साथ उत्तेजना उसके उपर इस कदर हावी थी कि वो अपना गेट बंद करना भी भूल गया। उसे रह रह अपनी मा का वो शोला बदन याद आ रहा था और उसके हाथ अपने आप उसके लंड पर चले गए तो देखा कि लंड अभी तक कपड़ों से बाहर था। उफ्फ वो सोचने लगा इसका मतलब मैं वहां से नंगा लंड लिए ही भागा और इसके होंठो पर स्माइल आ गई।
साहिल ने अपने लंड को हाथ में भर लिया और हिलाने लगा। दूसरी तरफ रूबी घर के अंदर आ गई थी और एक बार उसके मन में ये आया कि उसे एक बार साहिल के रूम में जाकर चैक करना चाहिए कि वो सो रहा हैं या नहीं, अगर जागा हुआ मिला तो पक्का वहीं होगा।
साहिल के लंड में तनाव पुरा आया हुआ था और वो पूरी स्पीड से लंड हिला रहा था और उसकी आंखे मजे से बंद थी और उसके आगे रूबी का मादक जिस्म घूम रहा था।
रूबी जैसे ही दरवाजे के सामने पहुंची तो उसने खुले हुए दरवाजे से अंदर झांका तो उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल उसका बेटा, उसका अपना खुद का सगा बेटा अपने हाथ से अपने लंड को सहला रहा था।
रूबी आज अपनी ज़िन्दगी का दूसरा लंड देख रही थी और आज अपने बेटे के लंड को देखकर उसे एहसास हुआ कि लंड इतना भयानक भी हो सकता है। साहिल ने अपने लंड को दोनो हाथो में थाम रखा था फिर भी करीब तीन इंच बाहर था और मोटा भी रूबी को अपनी कलाई से ज्यादा ही लगा। रूबी की हालात खराब हो गई उफ्फ मेरा मुझे थोड़ी देर पहले मुझे चुदाई लोक में नहाते हुए देखकर गर्म हो गया और अब अपने लंड को हिला रहा हैं।
" उफ्फ बदतमीज कहीं का!!
रूबी के जिस्म में फिर से आग सुलगने लगी और वो अपने बेटे को लंड सहलाते हुए देखकर अपने सूखे होंठो पर जीभ फिराने लगी। उसकी गला सुख गया था और सांसे किसी बुलेट ट्रेन की तरह चल रही थी जिसकी वजह से लग रहा था मानो उसकी उसकी चूचियों ज्वार भाटे में फस कर उछल रही है।
साहिल के हाथो की स्पीड बढ़ती जा रही थी और रूबी का एक हाथ अपने आप गीली अपनी रस से भीग चुकी चूत पर पहुंच गया। उफ्फ एक मा अपने बेटे को लंड हिलाते हुए देखकर उसके दरवाजे पर खड़ी हुई अपनी चूत मसल रही थी। हालाकि कमरे में हल्की रोशनी फैली हुई थी लेकिन फिर भी उसे साहिल का लंड काफी हद तक साफ नजर आ रहा था। बिल्कुल किसी सेक्सी फिल्मों के स्टार की तरह लंबा मोटा तगड़ा।
साहिल का पुर जिस्म हिलने लगा और लंड को वो इतनी जोर से हिला रहा था मानो उखाड़ देना चाहता हो।
रूबी देखना चाहती थी कि उसके बेटे के लंड से कितना वीर्य निकलता हैं तभी उसे अपने कमरे से कुछ आवाजे आती हुई महसूस हुई तो वो डर के मारे भागकर बाथरूम में घुस गई।
वो जानती थी कि अनूप उठ गया हैं और उसे ही ढूंढने के लिए अब बाहर आया होगा। ये भगवान अगर कहीं उसने गलती से साहिल को देख लिया तो क्या होगा, क्या करू कैसे अपने बेटे को बचाया जाए तेजी से ये विचार रूबी के मन में आया और वो बाथरूम से बाहर निकली तो देखा कि अनूप बाहर गेलरी में था और साहिल के रूम की तरफ ही उसे ढूंढने जा रहा था। रूबी तेजी से दौड़ती हुई आई और उसके कमर से चिपक गई।
अनूप ने पलटकर देखा तो उसे जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि रूबी ने खुद उसे अपने बांहों में भर लिया है। तभी उसे याद आया कि इस समय तो इस पर दवाई का असर होगा इसलिए मुझे इतना प्यार दिखा रही हैं ताकि मैं इसे चोद दू,।
रूबी उसकी छाती पर हाथ फेरते हुए बोली:"
" ओह अनूप चलो कमरे में मुझे अपनी बांहों में ले लो। उठा लो अपनी गोद में अपनी रूबी को।
अनूप समझ गया कि रूबी एकदम बहक गई है और वो आज उसकी प्यास को और ज्यादा भड़काना चाहता था इसलिए बोला:"
" कमरे में नहीं छत पर चलते हैं ना मेरी जान, उपर खुली हवा में ज्यादा मजा आएगा।
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी समझ गई कि अनूप इतनी आसानी से मानने वाला नहीं हैं और छत पर जाने के लिए उसे साहिल के रूम के सामने से जाना होगा। रूबी बोली:"
"जहां तुम्हारा मन करे वहां ले पर एक तगड़े मर्द हो मुझे अपनी बांहों उठा कर ले चलो।
अनूप को लगा कि जैसे रूबी ने उसकी इज्जत पर हमला कर दिया हैं इसलिए हल्का सा ताव खाते हुए बोला:"
"उठा लूंगा, तुम्हे तो मैं अपने लंड पर ही उठा सकता हूं, लेकिन आज नहीं क्योंकि डॉक्टर ने मुझे वहां वजन उठाने से मना किया है
रूबी के होंठो पर स्माइल आ गई और बोली:अच्छा जी लगता हैं काफी कमजोर हो गए हो।
रूबी ने ये बात अनूप के लंड पर हाथ फेरते हुए कही तो अनूप का मूड खराब हो गया। उसे साफ साफ़ महसूस हुआ कि रूबी उसके लंड कि बेइज्जती कर रही हैं। अनूप पलटा और बोला'"
" रूबी अपनी औकात में रहकर बात किया करो मुझसे, जाओ मुझे तुझसे कोई बात नही करनी
इतना कहकर अनूप गुस्से से अपने पैर पटकते हुए पलटा और कमरे में घुस गया। रूबी को उस पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन बर्दाश्त कर गई क्योंकि उसका प्लान कामयाब हो गया था क्योंकि उसने उसे बातो में उलझा कर साहिल से रूम से सामने से गुजरने से रोक दिया था।
रूबी भी उसके पीछे पीछे घुस गई। उधर साहिल के लंड में उबाल आ गया और उसने वीर्य की पिचकारी मारनी शुरू कर दी और प्रेशर के कारण पहली पिचकारी गेट में लगे हुए पर्दे पर पड़ी। एक के बाद एक पिचकारी निकलती रही और साहिल के मुंह से मस्ती भरी आंहे निकलती रही।
साहिल अपनी दोनो आंखे बंद करके अपने स्खलन को महसूस करता रहा और नींद की आगोश में चला गया।
दूसरी तरफ रूबी भी अपने कमरे में लेती हुई सोच रही थी आज उसने अपने बेटे को अनूप की नजरो में गिरने से बचा लिया जबकि अनूप खुश था कि रूबी जिस्म की आग में जल रही है और जल्दी ही उसका मकसद कामयाब होगा।
रूबी लेट सोने के कारण देर तक सोती रही और यही हाल साहिल का भी हुआ। सबकी मुलाकात नाश्ते की टेबल पर हुई और रूबी और साहिल दोनो ही एक दूसरे से नजरे मिलाने से कतरा रहे थे। रूबी जानती थी कि साहिल ने उसे रात चुदाई लोक में नहाते हुए देख लिया हैं इसलिए उसका शर्म के मारे बुरा हाल था जबकि साहिल बीच बीच में अपनी नजरे उठा उठा कर रूबी की तरफ देख रहा था और सोच रहा था कि क्या ये मासूम सी दिखने वाली मेरी मा वहीं औरत जो रात पूरी तरह से मदहोश होकर अपना जलवा बिखेर रही थी। शांता बेचारी आज बार बार अंदर से पराठे ला रही थी और बुरी तरह से पसीने में भीग चुकी थी लेकिन आज ना तो साहिल और ना ही रूबी का ध्यान उसकी हालत पर गया। वो बेचारे तो अपनी अपनी खुद की हालत से परेशान थे फिर उन्हें शांता का होश कहां रहता।
इस बात की सबसे ज्यादा खुशी अनूप को हो रही थी कि आज शांता उसके साथ बैठकर खाना नहीं खा रही हैं। आखिरकार एक नौकरानी आज अपने औकात में आ गई हैं और ना ही उसका बेटा साहिल आज इससे कल की तरह बहस कर रहा है साथ ही साथ रूबी की बक बक भी आज बंद हो गई हैं।
वो इन सबके लिए नीरज के द्वारा दी गई गोलियों को मन ही मन धन्यवाद दे रहा था। आज उसके मन में नीरज के लिए इज्जत बहुत ज्यादा बढ़ गई थी।
नाश्ता करने के बाद रूबी ने हिम्मत करके साहिल से नीची नजरो के साथ पूछा:
" बेटा आज भी मेरे साथ चलोगे क्या योगा सेंटर?
साहिल ने पहली बार अपनी नजरे उपर उठाई और रूबी को देखा जिसकी शर्म के मारे पलके झुकी हुई थी और चेहरे पर आई हुई हया उसके दिल की हालत बयान कर रही थी। साहिल बोला:"
" जी मम्मी जरूर चलूंगा।
रूबी:' तो ठीक हैं जल्दी से तैयार हो जाओ तुम
अनूप भी अपना बैग उठाकर ऑफिस की तरफ जाने और साहिल से बोला:"
" बेटा जब तुम्हारी मा का योग वोग खत्म हो जाए तो मेरे ऑफिस भी आ जाना आज। तुम्हे कुछ जिम्मेदरी देना चाहता हूं।
साहिल अभी काम के लफड़े में नहीं पड़ना चाहता था इसलिए बोला:"
" पापा अभी तो मैं छोटा सा बच्चा हूं, अभी मैं पहले थोड़ा घूमने मस्ती करना चाहता हूं, उसके बाद काम के लिए तो सारी उम्र पड़ी हुई है।
अनूप रूबी की तरफ देख कर तंज कसते हुए बोला:"
" बेटा अगर मौज मस्ती ही करनी है तो फिर योग सेंटर जाकर क्या करोगे? आओ मेरे साथ चलो तुम्हे मेरी सेक्रेट्री पूरा शहर घुमा देगी साहिल।
अनूप ने अपनी बात पूरी करके रूबी की तरफ चिढाने वाले अंदाज में देखा तो रूबी बोली:"
" जाओ बेटा, सीख लो अपने बाप से कैसे पैसा बर्बाद किया जाता हैं और मौज मस्ती में तो इन्होंने पीएचडी करी हुई हैं।
अनूप थोड़ा सा गुस्सा होते हुए बोला:" जब मैं इतना पैसा कमाता हूं तो अगर थोड़ा सा अपने उपर खर्च कर लू तो क्या बिगड़ जाएगा
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04-14-2021, 12:25 PM,
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साहिल:" ओह माई पापा आप दोनो लड़ना बंद कीजिए, मैं पहले मम्मी के साथ योगा सेंटर जाऊंगा और फिर आपके ऑफिस।
अनूप ने एक बार साहिल को घूरा और चुपचाप अपना बैग उठाकर बाहर निकल गया।
साहिल और रूबी दोनो जिम सेंटर के लिए निकल गए। कार में आज पूरी तरह से खामोशी थी और कल की तरह आज भी रूबी ही कार ड्राइव कर रही थी। आखिरकार साहिल ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा:"
"मम्मी पापा का मूड हमेशा उखड़ा हुआ क्यों रहता हैं, जब देखो मरने मारने के लिए तैयार रहते हैं।
रूबी को लगा जैसे किसी ने उसके दिल को झंझोड दिया हैं और वो बोली:"
" बेटा हर किसी की अपनी फितरत अपनी आदत होती हैं शायद उनकी आदत ऐसी ही हैं।
साहिल:" लेकिन मम्मी हमे सोचना तो चाहिए कि हमारी बातो से किसी को दुख तो नहीं हो रहा हैं।
रूबी:" बेटा उन्हें किसी के दुख सुख की कोई परवाह नहीं है, बस सही हो या गलत उनकी बात मानी जानी चाहिए।
साहिल:" लेकिन मम्मी ऐसा थोड़े ही कहीं होता हैं जो गलत हैं उसे तो गलत ही बोलना चाहिए।
रूबी के होंठो पर एक फीकी सी स्माइल आई और बोली:"
" तुम तो बोलकर देख चुके हो ना बेटा, नतीजा तुम्हारे सामने हैं।
इतना कहकर रूबी खामोश हो गई और साहिल भी सोचने लगा कि सचमुच उसके बाप ने पूरी तरह से उसकी बातो को इग्नोर कर दिया था। गाड़ी अपनी रफ़्तार से चलती रही और जल्दी ही वो जिम और योगा सेंटर पहुंच गए। रोज की तरह से रूबी ने लोगो को योगा के टिप्स दिए और आज भी कल वाले आदमी ने सवाल कर दिया।
" मैडम आज शायद आपके पति आने वाले थे, क्या वो नहीं आए आज ?
रूबी से पहले ही साहिल बोल पड़ा:" दर असल पापा एक बिजनेस के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं और उन्हें थोड़ा टाइम लग जाएगा।
आदमी:" जी मैडम, लेकिन अगर आप बुरा ना माने तो क्या आप बता सकती हैं कि को कब तक आ जाएंगे?
रूबी:" मुझे उम्मीद हैं वो अगले हफ्ते तक आ जाएंगे।
आदमी खुश होते हुए बोला:"
" ये तो बहुत खुशी की बात हैं मैडम, चलो मेरी इच्छा भी उनसे मिलकर पूरी हो जायेगी।
उसके बाद एक के बाद एक सभी लोग चले गए और साहिल बोला:"
" मम्मी लेकिन आप पापा को क्या सचमुच यहां लाएगी ?
रूबी हल्का सा मुस्कुरा कर बोली:' अपना वादा याद कर साहिल, अब तुम्हे ही भेष बदलकर आना होगा मेरे साथ।
इतना कहकर रूबी शर्मा गई तो साहिल बोला:" लेकिन मम्मी क्या ये सही होगा ?
रूबी:" सही गलत का मुझे नहीं पता बस मुझे यहां लोगो का मुंह बंद करना हैं इसके लिए तुझे अनूप बनना होगा कुछ घंटे के लिए मेरे बेटा।
साहिल:' मतलब आप अपने बेटे को अपना पति बनाना चाहती हैं, उफ्फ ये भगवान आपने मुझे किस धर्म संकट में डाल दिया?
रूबी उसके गाल पकड़ कर खींचती हुई बोली:"
" सचमुच का नहीं बनना बल्कि कुछ घंटो के लिए ही बनना हैं। अगर तुझे कोई दिक्कत हैं तो मना कर दे ।
साहिल ने अपनी मम्मी का हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" मम्मी आपका बेटा आपकी खुशी के लिए कुछ भी करेगा, चाहे मुझे आपका पति ही ना बनना पड़े।
इतना कहकर उसने रूबी को स्माइल दी तो रूबी उसका हाथ पकड़ कर दबाते हुए बोली:"
" चल अब ज्यादा खुश मत हो आ घर चलते हैं।
उसके बाद दोनो घर की तरफ बढ़ गए। रास्ते में अनूप का ऑफिस पड़ा तो साहिल बोला:"
" मम्मी वो आप मुझे यहीं उतार दीजिए, पापा से भी मिल लेता हूं।
रूबी ने हल्के गुस्से से उसकी तरफ देखा और गाड़ी रोक दी तो साहिल उतर गया और बोला:"
" मम्मी आप नहीं आएगी क्या अंदर ?
रूबी:" नहीं बेटा, तुम जाओ, मैं यहीं तुम्हारा इंतजार करूंगी।
साहिल मजाक करते हुए बोला:"
" लेकिन मम्मी अगर मुझे लेट हुआ तो ?
रूबी:" मैं यहां शाम तक तुम्हारा इंतजार करूंगी, ध्यान रखना मैं खाना तुम्हारे साथ ही खाऊंगी।
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04-14-2021, 12:26 PM,
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल अपनी मम्मी की तरफ स्माइल करते हुए अंदर घुस गया। रूबी नहीं चाहती थी कि साहिल अंदर अनूप के पास ज्यादा देर तक रुके इसलिए उसने उसे ऐसा बोला था ताकि वो जल्दी आ जाए।
साहिल जैसे ही ऑफिस पहुंचा तो उसने रिसेप्शन पर जाकर बताया कि वो अनूप का बेटा हैं और उनसे मिलने आया हैं तो लड़की एकदम अपनी सीट से खड़ी हो गई और बोली:"
" मोस्ट वेलकम सर, आप आइए मेरे साथ।
साहिल उसके साथ ऑफिस की तरफ चल पड़ा। अंदर लीमा जबरदस्ती अनूप का लंड चूसकर उसे खड़ा करने की कोशिश कर रही थी। जैसे ही बाहर नॉक हुआ तो वो फौरन साइड में कुर्सी पर बैठ गई और अपने लैपटॉप पर काम करने लगी। अनूप ने भी अपने मारियल लंड को पैंट के अंदर डाल दिया और लीमा को इशारा किया तो उसने गेट खोल दिया तो सामने साहिल को पाकर अनूप बहुत खुश हुआ और बोला:"
" आओ बेटा अपने बाप के ऑफिस में तुम्हारा स्वागत है। लीमा तुम जाओ और मेरे बेटे के लिए कुछ खाने का इंतजाम करो।
लीमा तुरंत सिर झुकाते हुए बाहर चली गई और अनूप ने ऑफिस से सटे हुए एक कमरे को खोल दिया और साहिल को सोफे पर बैठने का इशारा किया। साहिल कमरे को गौर से देखते हुए सोफे पर बैठ गया। कमरे में एक से बढ़कर एक सुंदर पर्दे लगे थे और अनूप काफी शौकीन किस्म का आदमी था इसलिए उसने काफी सारी महंगी विदेशी वस्तुएं भी रखी हुई थी जो कमरे की शोभा बढ़ा रही थी। कमरे में बीच में एक शानदार बेड पड़ा हुआ जिस पर अक्सर वो पहले चुदाई का खेल खेला करता था लेकिन पिछले कुछ साल से तो आलम ये था कि उसका लंड ठीक से खड़ा ही नहीं हो पाता था।
साहिल:" बहुत बढ़िया बेडरूम बनाया हुआ हैं आपने पापा।
अनूप खुश होता हुआ:" बेटा तेरे बाप के पास पैसे की कोई कमी नहीं है साहिल, बस काम के बाद आराम कर लेता हूं कभी कभी इसलिए बनाया हुआ हैं।
अनूप:" बेटा ये फोटो देखो ये हैं हमारे परदादा सूरज भान इन्होंने ही हमारे खान को चार चांद लगाए थे, जिधर से ये निकल जाते थे लोग अपने घरों में छुप जाते हैं।
साहिल फोटो को देखता हुआ बोला:"
" क्यों छुपा जाते थे पापा ?
अनूप अपनी आधी सफेद मूछो पर ताव देते हुए बोला:"
" क्योंकि इनसे बड़ा योद्धा और दबंग पूरे जिले में नहीं था बेटा।
उसके बाद अपनी ने एक एक करके अनूप में उसे काफी फोटो दिखाए और बोला:"
" बेटा हमारा नाम समाज में इज्जत के साथ लिया जाता है, सबसे ऊंचा घराना हैं हमारा और तुम्हे अपनी रगो में बहते हुए खून पर गर्व होना चाहिए कि तुम मेरे बेटे हो।
अपने बाप के मुंह से अपने खनादान का गौरवशाली इतिहास जानकर साहिल को खुशी हुई और बोला:"
" पापा आज मुझे खुशी हुई कि हमारा नाम लोगो के लिए एक मिशाल हैं।
अनूप:" हान बेटा और तुम्हे आगे से अपने मान सम्मान और नाम का ध्यान रखना होगा और छोटे लोगो के मुंह ज्यादा नहीं लगना चाहिए तुम्हे।
साहिल:" जी पापा मैं ध्यान रखूंगा।
तब तक लीमा खाने का सामान लेकर आ गई और टेबल पर लगा दिया तो दोनो बाप बेटे खाने लगे। साहिल को रूबी का ध्यान आया तो बोला:"
" पापा मेरा पेट भर गया है बस अब मैं चलता हूं, बाद में आऊंगा।
अनूप:" अरे पहले ठीक से खाओ बेटा, तुम्हे और भी बड़ी बाते बतानी थी ।
साहिल:" पापा अब तो मैंने आपका ऑफिस देखा लिया हैं। आता रहूंगा आपके पास।
इतना कहकर साहिल बाहर आ गया और कार में बैठ गया तो रूबी ने कार आगे बढ़ा दी।
साहिल:" मम्मी आज पापा ने मुझे बहुत कुछ बताया अच्छा लगा सुनकर।
रूबी के होंठो पर स्माइल आ गई और बोली:"
" बताया होगा कि हम बहुत बड़े खानदान से हैं लेकिन ये नहीं बताया कि वो अपने उसी महान खानदान के नाम पर कलंक बने हुए हैं। बेटा हमारे किसी पूर्वज ने आज तक दारू को हाथ तक नहीं लगाया और इन्हे दारू के बिना खाना हजम नहीं होता। तेरे बडो ने अपनी जान देकर लोगो की सेवा करी हैं और लोगो से उनका स्टैंडर्ड देखकर बात करते हैं।
साहिल अपने बाप से ज्यादा अपनी मा की बातो से प्रभावित हुआ और बोला:"
" अम्मी आप सच बोल रही है महान इंसान को इसका खून नहीं बल्कि उसके काम बनाते हैं। मैं लोगो की मदद करूंगा और उनकी सहानुभूति और प्यार हासिल करूंगा।
रूबी ने खुश होकर साहिल का माथा चूम लिया और दोनो मा बेटे घर आ गए। घर आकर रूबी ने साहिल को अपने हाथ से खाना खिलाया और उसके बाद दोनो मा बेटे सो गए।
शाम को रूबी की जैसे ही आंख खुली तो उसने देखा कि वो अपनी टांगे साहिल के उपर रखकर सोई हुई हैं और साहिल आराम से सो रहा था।
रूबी उठी और घर के काम में लग गई। शांता ताई आ गई और रूबी की हेल्प करने लगी।जल्दी ही खाना तैयार हो गया तो सभी लोग अनूप का वेट कर रहे थे। तभी अनूप का फोन आया:"
अनूप:" मैं आज एक पार्टी में जा रहा हैं इसलिए आज रात घर नहीं आ पाऊंगा। बेटा अगली बार जब तुम आओगे तो मैं तुम्हे तुम्हारी पसंद से कार दिला दूंगा।
साहिल ये सुनकर खुश हो गया और बोला:"
" क्या सचमुच पापा आप मुझे कार दिलाएंगे।
अनूप:" अरे बेटा मेरा सब तेरा ही तो है, देख अगर मेरे हिसाब से चलेगा तो तेरी कार पक्की।
साहिल खुशी के मारे जोर से बोला:" पापा आप जैसे कहेंगे आपका बेटा वैसे ही करेगा।
इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और खुशी के मारे घर में उछल कूद करने लगा। रूबी उसे बड़ी हैरानी से देख रही थी और बोली:'
" क्या हुआ बेटा? इतना खुश क्यों हो रहा है ?
साहिल:" मम्मी मम्मी पापा ने मुझे नई कार दिलाने के लिए कहा है वो भी मेरी पसंद से।
रूबी समझ गई कि आखिरकार अनूप ने अपनी चाल चल दी और अब साहिल कार के लालच में आकर उसकी बात मानेगा।
रूबी;" अच्छा चल आ खाना खा ले पहले !!
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04-14-2021, 12:26 PM,
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल ने झूमते हुए रूबी को बांहों में भर लिया और बोला:"
" मम्मी खुशी के मारे मेरी तो भूख ही भाग गई, पापा कितने अच्छे हैं और मुझसे कितना प्यार करते हैं।
रूबी को लगा जैसे साहिल उसकी बेइज्जती कर रहा है इसलिए उसका दिल दुखा और बोली:"
" चल अपने बाप के दीवाने अपनी मा के हाथ से बना खाना खा ले पहले।
साहिल टेबल पर बैठ गया और बोला:"
" अरे मम्मी गाड़ी की खुशी के चक्कर में मैं तो आपको बताना ही भूल गया कि आज पापा नहीं आएंगे, वो किसी पार्टी में गए हैं।
रूबी :" ये कौन सी नई बात हैं बेटा, ये तो वो अक्सर रोज करते रहते हैं। उन्हें मेरी कोई परवाह नहीं हैं।
इतना कहकर रूबी उदास हो गई तो साहिल बोला:"
" मम्मी आप उदास ना हो, पापा नहीं है तो क्या हुआ , मैं हुआ ना आपका ध्यान रखने के लिए।
रूबी मायूस होते हुए बोली'"
" तेरा क्या भरोसा बेटा, तू तो गाड़ी का दीवाना हैं इसलिए अब तुझे तेरी मा कहां अच्छी लगेगी ?
साहिल को एहसास हो गया कि उसकी मा को कार वाली बात से दुख हुआ हैं इसलिए बोला:"
" मम्मी मेरे लिए गाड़ी आपसे बढकर नहीं हैं, चलिए अब आप मुझे खाना खिलाओ।
रूबी को कुछ साहस मिला और उसने साहिल को खाना खिलाया तो साहिल भी अपनी मा को खाना खिलाने लगा।थोड़ी देर बाद ही दोनो मा बेटे खाना खा चुके तो रूबी बर्तन समेटने लगी जबकि साहिल उपर छत पर चला गया और घूमने लगा।
सुबह साहिल को दिल्ली वापिस चले जाना था और अपनी कोचिंग पर ध्यान देना था इसलिए उसने आरव को फोन किया और बोला:"
" भाई कैसे हो आरव ? क्या कल से क्लास शुरू हो जाएगी ?
आरव:' भाई कल से क्लास शुरू हो रही हैं लेकिन आज कल मैं तो बस रेखा भाभी से ही कोचिंग ले रहा हूं। उफ्फ क्या माल हैं भाई ?
साहिल थोड़ा सा उत्तेजित होते हुए बोला:" सच में यार माल तो अच्छी हैं अब तेरी किस्मत हैं भाई लाइन तो मैं भी मारता था।
आरव:" भाई या तो घर चला जा या भाई पटा ले एक ही काम होगा ना दोस्त। मेहनत करी हैं तो मजे भी आएंगे अब।
साहिल:" हमम भाई, चल कोई नहीं, मजे कर तू।
आरव:" अरे आज तो दिन में मजा ही आ गया भाई।
साहिल:" ऐसा क्या हुआ भाई ?
आरव:" अरे मैं बच्चे के बहाने गया था तो बच्चा दूसरे कमरे में पढ़ रहा था और उसे कहीं जाना था आज किसी पार्टी में, इसलिए तैयार हो रही थी। पता हैं फिर क्या हुआ?
साहिल थोड़ा उत्तेजित होते हुए बोला:" मैं कोई ज्योतिषी थोड़े ही हूं, बता जल्दी क्या हुआ ?
आरव:" होना क्या था उससे अपनी ब्रा का हुक बन्द नहीं हो रहा था तो बोली कि मेरी मदद करो बस फिर क्या था मैंने कर दिया बंद।
साहिल के जिस्म में आरव की उत्तेजक बाते आग भरने लगीं जिसका असर उसकी पेंट में हो रहा था। साहिल जल्दी से बोला:
" अच्छा कमीने तूने इतनी आसानी से तो बंद नहीं किया होगा मैं जानता हूं तुझे।
आरव खुश होते हुए:" क्या बताऊं भाई उसकी नंगी कमर पर हाथ लगते ही मैं तो अपने होश खो बैठा था, उफ्फ एक दम मोटी चिकनी कमर हैं उसकी, हुक कैसे लगता जब उंगलियां अपने आप फिसल रही थी।
साहिल की आंखो के आगे उसकी मा रूबी की हल्की सी मोटी कमर आ गई और बोला:"
" फिर क्या हुआ भाई ?
आरव:" होना क्या था, बोली कि जल्दी से लगा दो, फिर मैंने बोला कि भाभी आपकी कमर इतनी चिकनी हैं कि हुक नहीं मिल रहा हैं मुझे हाथ फिसल रहे हैं।
साहिल के हाथ अपने लंड पर चले गए और हल्का हल्का सहलाने लगे। साहिल की आंखे मजे से बंद हो गई और बोला:"
" उफ्फ भाई फिर क्या हुआ? क्या बोला उसने ?
आरव मस्ती में डूबा हुए बोला:"
" होना क्या था, मेरे हाथ कांप रहे थे और वो पीछे मुड़ मुड़ कर मुझे स्माइल से रही थी जिससे मुझे हुक ढूंढने में और ज्यादा दिक्कत हो रही थी। फिर वो बोली:"
" एकदम अनाड़ी हो तुम, एक हुक नहीं लगा पा रहे तो बीवी को खुश कैसे रखोगे ?
साहिल के होंठो पर हल्की फुल्की स्माइल आ गई और बोला:"
" उफ्फ तेरा तो पोपट बना गई भाई, फिर आगे क्या हुआ ?
आरव थोड़ा जोश में बोला:
" होना क्या था मैंने कसकर उसकी कमर को पकड़ लिया और उसे दीवार से लगाकर हुक लगा दिया तो रेखा मेरे हाथो की पकड़ से मदहोश हो गई और बोली:"
" बड़ा दम हैं तेरे अंदर तो, मैं तो तुझे बच्चा समझती थी।
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04-14-2021, 12:28 PM,
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
अनूप उसकी चूत के झड़ते ही उसका सारा रस चूस गया और अपनी पैंट नीचे सरका दी। अनूप का छोटा सा मारियल लंड बाहर आ गया और उसने लीमा का सिर पकड़ कर लंड पर झुका दिया तो लीमा ने उसके लन्ड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी। काफी देर के बाद उसके लंड में हल्का सा तनाव आया तो अनूप के होंठो पर स्माइल आ गई और उसने लीमा को टेबल पर ही घोड़ी बना दिया और लंड को उसकी चूत पर घिसने लगा तो लीमा तड़प उठी। अनूप ने लंड का दबाव दिया तो लंड फिसलने लगा तो लीमा ने उसके लंड को पकड़ लिया और अपनी चूत के मुंह पर लगा दिया और अनूप को इशारा किया तो अनूप ने एक जोर का धक्का लगाया लेकिन आधा ढीला लंड चूत में घुसने में नाकाम रहा तो अनूप और लीमा दोनो ही झुंझला उठे। लीमा तो पहले से ही जानती थी कि ऐसा ही होगा इसलिए बोली:"
" आह अनूप मार ले मेरी चूत, देख कितनी कसी हुई हैं, घुसा ना लंड।
अनूप ने अपने लंड के दोनो तरफ उंगलियां लगाई और धक्का लगाया तो लंड का सुपाड़ा उंगली की सपोर्ट से अंदर घुस गया और साथ ही अनूप कांपता हुआ लीमा से चिपक गया!
" आह तेरी चूत कितनी गर्म हैं, चूस गई मेरी लंड।
इसके साथ ही अनूप के लंड ने फिर से वीर्य की कुछ बूंदे लीमा की चूत पर टपका दी। लीमा जान बूझकर दर्द से कराह उठी और बोली:"
" आह कितना मोटा ये है लंड, मेरी चूत मार ली आज फिर से।
अनूप ऐसे ही थोड़ी देर उससे चिपका रहा और उसके बाद दोनो ने अपने कपड़े पहन लिए। उसके बाद अनूप काम में लग गया और लीमा उसकी मदद करने लगी। शाम होते होते ही लीमा अपना बैग उठाकर अपने घर की तरफ चली गई।
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योगा सेंटर से आने के बाद रूबी को सारा घर खाली खाली लग रहा था क्योंकि आज सुबह ही साहिल दिल्ली चला गया था जबकि शांता आज किसी जरूरी काम से अपने किसी रिश्तेदार के यहां गई थी।
रूबी ने खाना खाया और थकी होने के कारण सो गई। जब उसकी आंख खुली तो शाम के छह बज चुके थे इसलिए वो खाना बनाने में जुट गई। उसका मन तो नहीं करता था कि वो अनूप के लिए खाना बनाए लेकिन एक पत्नी का धर्म निभाना उसके लिए जरूरी था। उसने अनूप को पहचानने में जो गलती करी थी उसकी सजा भुगत रही थी। उसे ये उम्मीद थी कि अनूप को एक दिन ठोकर लगेगी और वो सही रास्ते पर आ जाएगा लेकिन उस बेचारी को मालूम नहीं था कि अनूप का चरित्र ही नहीं बल्कि जिस्म भी पूरी तरह से खराब हो गया हैं।
खाना बनाते बनाते आठ बज गए और अनूप भी घर आ चुका था।
फ्रेश होने के बाद अनूप हॉल में बैठ गया और रूबी को आवाज लगाई:"
" हेल्लो रूबी डार्लिंग कहां हो मेरी जान ? दिख नहीं रही हो।
रूबी को जैसे अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ, अनूप उसे इतने प्यार के क्यों बुला रहा हैं, आज ये चमत्कार कैसे हो गया। खुशी के मारे वो दौड़ती हुई आई और स्माइल देते हुए बोली:".
"जी आ गए आप, रुकिए मैं पानी लेकर आती हूं।
अनूप उसे जाते हुए देखता रहा कि सचमुच रूबी के जीती जागती क़यामत हैं। थोड़ी देर बाद वो अपनी लेकर आ गई और अनूप को दिया तो अनूप बोला:_
" अपने हाथ से ही पिला दो मेरी जान, ये गैरो जैसा बर्ताव क्यों कर रही हो ?
रूबी के रोम रोम में खुशी की लहर दौड़ गई। जिसका वो इतंजार कर रही थी शायद वो दिन आज आ गया था। अनूप को जरूर कोई झटका लगा है जो एकदम बदला हुआ नजर आ रहा हैं। रूबी ने अनूप की आंखो में देखते हुए ग्लास उसके मुंह से लगा दिया और अनूप ने जल्दी ही पूरा ग्लास खाली कर दिया।
रूबी ये जानने के लिए बेताब थी कि आज आखिर ऐसा क्या हो गया हैं जो अनूप सुधर गया हैं। रूबी बोली:'
" क्या हुआ जी आज आप बहुत खुश नजर आ रहे हैं ? मुझे भी बता दीजिए मैं भी हंस लूंगी।
अनूप:" पहले खाना लगाओ, फिर आराम से तुम्हे बेड पर सब कुछ बताऊंगा आज अच्छे से !!
रूबी की चूत में खुशी की लहर दौड़ गई। उफ्फ चुदाई के लिए तो वो जैसे जन्मों जन्मों से तड़प रही थी। रूबी उठी और जल्दी ही उसने खाना टेबल पर लगा दिया और चेयर पर बैठ गई तो अनूप बोला:" आज तो मेरी गोद में बैठ जाओ ना।
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04-14-2021, 12:28 PM,
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RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी अदा के साथ अपनी गांड़ मटकाती हुई आई और अनूप की गोद में बैठ गई। लेकिन उसे आश्चर्य हुआ कि उसकी गांड़ पर अनूप का लंड नहीं छुभा। जबकि पहले तो उसका लंड कपड़ों के ऊपर से ही गांड़ में घुसने के लिए तैयार रहता था। रूबी ने खाने का निवाला बनाया और अनूप के मुंह में डालने के लिए हल्का सा जान बूझकर उपर उठी और अपनी गांड़ उसके लंड पर चलाने लगी ताकि लंड में जान डाल सके लेकिन काफी देर मेहनत करने के बाद भी लंड पर कोई असर नहीं हुआ। अनूप रूबी को ऐसे बेचैन देखकर अंदर ही अंदर खुश हो रहा था।
खाना खाने के बाद अनूप ने एल ई डी चालू कर दी और न्यूज सुनने लगा। रूबी बेडरूम में चली गई और अपने कपड़े बदल लिए और विटामिन सिरप की एक चम्मच पी ली। रूबी आराम से बेड पर लेट गई और सोचने लगी कि आज ऐसा क्या हुआ कि अनूप बदल गया है। सिरप का असर उसके शरीर पर दिखने लगा और रूबी बेचैन होने लगी, उसे अपने जिस्म में आग लगती हुई साफ महसूस हो रही थी। वो अपनी जांघो को एक दूसरे से रगड़ने लगी और तभी अनूप अंदर
आया तो रूबी को देखकर उसे एक झटका सा लगा।
रूबी एक लाल रंग की नाइटी में लेटी हुई थी और बेहद कामुक लग रही थी और एसी में उसके माथे पर छलक रही पसीने की बूंदे ये दर्शा रही थी कि आज उसने फिर से विटामिन सिरप पी लिया हैं और उसके अंदर आग भड़क चुकी है।
अनूप आगे बढ़ा और उसके पास बेड पर बैठते हुए बोला:"
" क्या बात हैं आज तो कयामत लग रही हो, किस पर बिजलियां गिराने का इरादा हैं?
रूबी ने अपना हाथ आगे बढाया और अनूप की जांघ पर रख दिया और सहलाते हुए बोली:"
" मुझे तो यहां तुम्हारे सिवा और कोई नजर नहीं आता, बाकी तुम जानो।
इतना कहकर रूबी ने अनूप के लंड को हल्का सा दबा दिया तो अनूप की सांसे तेज हो गई और उसने अपने दोनो हाथ रूबी की चूचियों पर रख दिए। चूचियों पर हाथ पड़ते ही रूबी पूरी तरह से बहक गई और अपने पुराने रूप में लौट आई जिसमे अनूप पर हमेशा भारी पड़ती थी। रूबी अपनी चूची उसके हाथ में उछालते हुए बोली:"
" दबा ना मेरी जान, देख कैसे तड़प रही है, कितनी अकड़ गई है तुम्हारे स्पर्श के लिए।
अनूप ने एक हाथ से उसकी चूचियां दबाना शुरू किय और दूसरे हाथ को उसकी जांघो में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। रूबी की चूत पूरी तरह से गीली होकर टप टप कर रही थी और रूबी ने मस्ती से आंखे बंद करते हुए अपनी जांघो को खोल दिया और चूत उठाने लगी।
अनूप समझ गया कि आज रूबी पूरी तरह से बहक गई है इसलिए वो अपने मतलब की बात पर आ गया और बोला:_
" रूबी देखो जो मैं कह रहा हूं ध्यान से समझने की कोशिश करना, नीरज के हम पर बहुत एहसान है, उसने मुझे दोबारा कामयाब किया, मान जाओ ना बस एक रात के लिए प्लीज़
रूबी को अब समझ आया कि आज अनूप इतना प्यार क्यों जता रहा था, उसने गुस्से से अपने जिस्म पर चलते हुए उसके हाथ को हटा दिया और आंखे लाल करती हुई बोली:"
" हद होती हैं अनूप नीचता की भी, तुम ये ख्वाब कभी पुरा नहीं होगा।
अनूप ने फिर से अपने हाथ को उसकी नाइटी में घुसा दिया और बोला:"
" रूबी प्लीज़ कुछ नहीं घिसेगा तुम्हारी चूत का, मैं तुम्हारा पति हूं मैं बोल रहा हूं ना तुम्हे। मैं उसके एहसान तले दबा हुआ हूं।
रूबी ने किसी जख्मी शेरनी की तरह अनूप के हाथ में अपने दांत गडा दिए तो अनूप दर्द से चिल्ला उठा और उसका हाथ अपने आप पीछे हट गया तो रूबी गुस्से से बोली:"
" एहसान ही अगर उतारने हैं तो अपनी गांड़ मरवा ले उससे। आज के बाद मुझसे ये कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।
अनूप से अपनी इतनी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं हुई और उसने एक जोरदार तमाचा रूबी के गाल पर जड़ दिया। रूबी की आंखो के आगे तारे नाच उठे और वो गुस्से में उठकर बाहर को जाने लगी लेकिन अलमारी से टकरा गई और बेहोश होकर गिर गई।
अनूप ने उसकी गालियां निकालता रहा और अंत में आकर आराम से बेड पर सो गया। रात को करीब तीन बजे रूबी की आंख खुली तो उसने देखा कि वो फर्श पर पड़ी हुई हैं जबकि अनूप आराम से बेड पर सो रहा था।
रूबी को रात हुआ हादसा याद आने लगा और उसके दिल में अनूप की रही सही इज्जत भी जाती रही। सबसे ज्यादा दुख तो उसे इस बात का हुआ कि अनूप ने उसे बेड पर लिटाना भी जरूरी नहीं समझा। आज उसके मन में अनूप के लिए नफरत भर गई । रूबी उठी और साहिल के कमरे में चली गई। उसे अपने बेटे की अब बहुत याद आ रही थी। रूबी ने सोच लिया कि चाहे जो भी करना पड़े लेकिन वो अपने बेटे को अनूप से दूर रखेगी, उसकी गंदी आदतों से बचाकर रखेगी।
सुबह अनूप उठा और रूबी को कमरे में ना पाकर परेशान हो गया इसलिए उसे ढूंढने लगा तो रूबी उसे साहिल के कमरे में मिल गई तो उसने सुकून की सांस ली और नहाने के लिए चला गया।
शांता ताई आ गई और घर की सफाई में लग गई थी। अनूप आज सुबह जल्दी ही ऑफिस के लिए निकल गया जबकि रूबी जब सात बजे तक भी सोकर नहीं उठी तो शांता ने उसे उठाया तो रूबी अपनी आंखे मलती हुई उठ गई। शांता ने उसके गाल पर पड़े निशान देखे तो बोली:"
" बेटी तेरे गाल पर ये निशान कैसे हैं, क्या हुआ तुझे ?
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