RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
राणे: आओ आओ कैसे हो .
प्राइवेट डिटेक्टिव: जै हिंद सर, बिल्कुल ठीक हू सर.
राणे: बैठो यार , तुमने हमारे नीचे ट्रनिंग ली पर पोलीस फोर्स जाय्न नही की
,पता है एक ईमानदार पोलीस वाला कम हो गया .
डीटेक्टिव: सर जो कुछ मेरे साथ हुआ है वो आप जानते ही है ,इसलिए मेने
प्राइवेट जासूसी करना ही सही समझा .
राणे: ह्म्*म्म्म ... यार एई लो ( एक फाइल आगे बढ़ते हुए दी) दो लोगो के
जनम कुंडली चाहिए पूरी की पूरी और हां ज़रा होशियार बहुत तेज़ है ई लोग .
डिटेक्टिव: सर आपका का काम जल्दी हो जाएगा( ये कहते हुए खड़ा हुआ और चल
दिया)
राणे कुर्सी पर आराम से बैठे हुए कुछ सोच रहा था ,फोन की घंटी बाजी ,..हेलो
इनस्पेक्टर राणे , फोन पे जो भी था राणे एक बार हिल सा गया जल्दी से खड़ा
हुआ पोलीस स्टेशन से बाहर निकला और गाड़ी मे बैठ के ड्राइवर को बोला चलो
दीपक के घर पे .
राणे की जीप दीपक के घर के बाहर रुकी ,राणे जैसे ही घर मे घुसा आस पास के
पड़ोसी वही घर मे थे राणे को पोलीस की वर्दी मे देख के सब लोग थोड़ा पीछे
को हुए राणे सीडिया चढ़ ते हुए उपर पहुचा दरवाज़ा खोला.
सामने दीपक की मा इंदु अपने बेड पर बैठी थी , कमरे का सारा समान बिखरा हुआ
था .
अलमारी का लॉक भी टूटा पड़ा था राणे अलमारी के पास पहुचा लॉकर खोला पर सारी
ज्यूयलरी वही थी कुछ कॅश भी था राणे के दिमाग़ की घंटी बजी अगर चोर चोरी
करने आया था तो इतना बड़ा पागल था क्या जो सारा माल यहा छ्चोड़ गया .
राणे इंदु के पास गया .
राणे: इंदु जी क्या चोरी हुआ आप के घर से .
इंदु: डाइमंड्स.
राणे की दोनो आँखें फैली पर वो अभी भी कुछ समझा नही .
राणे: डाइमंड्स कहा से .
इंदु: सामने जो अलमारी का लॉक टूटा पड़ा है उसी मे से निकाले गये है.
राणे का दिमाग़ फिर भागा कैसा चोर था जिसको ये भी पता था के डाइमंड्स कहा
पड़े है पर साले ने बाकी सामान को हाथ भी नही लगाया .
राणे: कितने के हीरे थे इंदु जी.
इंदु: मुझे पूरा तो नही पता क्यूकी ये राज ने ही खरीदे थे लगभग 5 करोड़ के
होंगे.
राणे: राणे की आँखों की भुए उपर हुई .हवलदार को इशारा किया फोरेन्सिक वालो
को बुलाओ .
राणे ने नीचे आकर लोगो से कुछ पूछताछ की और गाड़ी मे बैठ के पोलीस स्टेशन
चल दिया
दीपक होटेल के बेड पर लेटा था उसके मूह मे बहुत दर्द हो रहा था कुछ देर
पहले ही उसे दो लोगो ने बड़ी बहरहमी से मारा था . दीपक को एहसास था के वो
लोग शायद जागया के दोस्त थे क्यूकी उन्होने उसे मारते वक्त ये बोला था के
उसकी वजह से उसके दोस्त की जान गयी है .
दीपक ने होटेल के एक आदमी को भेज कर केमिस्ट से पेन किल्लर मॅंगा ली थी
.उसको अब लग रहा था के कातिल उसकी पहुच से दूर नही हे .मेडिसिन का असर होने
लगा और दीपक नींद के आगोश मे सो चुका था .
शाम के 6:00पीयेम बज चुके थे दीपक की आँख खुली उसको याद आया के उसने चंपा
को मिलने जाना था .दीपक जल्दी से खड़ा हुआ मूह हाथ धोया और होटेल से बाहर
हुआ .
चंपा की खोली मे पहचते ही दीपक जल्दी से अंदर को हुआ वो चंपा को किसी
मुश्किल मे नही डालना चाहता था .चंपा अंदर चाइ बना रही थी.
चंपा: आई साहेब जी चाइ पेएँगे .
दीपक: हां.
चंपा: मदन की खबर मिली है वो आज रात को वो पीछे वाले खंदर मे अपने दोस्तो
के साथ आएगा.
दीपक: चलो अभी कहा हे जगह बताओ मुझे .
चंपा: साहेब अभी नही वो रात को आएगा 10: बजे के बाद पक्की खबर है साहेब जी.
दीपक: किसने बताया तुम्हे.
चंपा: पड़ोसी का बेटा उसका दोस्त हे और वो आज रात वाहा इकट्ठे हो कर दारू
पीने वाले है .
दीपक: ह्म्*म्म्म... आज कुछ भी हो मुझ से भाग नही पाएगा .
चंपा चाइ का कप दीपक के पास ले कर आई जैसे ही दीपक ने कप लिया उसका हाथ ने
चंपा के हाथ को छुआ दोनो ने एक दूसरे को देखा चंपा हल्का सा मुस्कुराइ और
पीछे हो गयी.
ऐसे ही थोड़ी देर वाहा वक्त बिताने पर दीपक ने घड़ी पर नज़र डाली 9:00 बज
चुके थे .
दीपक: चलो चंपा मुझे वो जगह बताओ जहा वो आने वाला है.
चंपा की खोली से निकलने से पहले दीपक ने चंपा की रसोई से एक चाकू अपने पास
रख लिया था.
दोनो गलियो से निकलते हुए खंदार के पास पहुचे .
चंपा: यही पे आने वाला है (चंपा ने इशारा करते हुए बताया )
दीपक: तुम यही रूको मे अंदर देख के आता हू कुछ भी हो अंदर मत आना .
चंपा: पर आप पहचानोगे कैसे मदन को.
दीपक: वो तुम मुझ पर छ्चोड़ो वो खुद बता देगा .
दीपक खंदार के अंदर गया चारो तरफ का मुआयना किया कोई भी नही था ,बाहर आया
और चंपा को घर भेज दिया ,वो सोच रहा था के कही चंपा को कुछ ना हो
जाए,क्यूकी यहा ख़तरा था.
जैसे चंपा गयी दीपक खंदार के अंदर पहुचा एक कोने मे दीवार थी जहा वो छुप के
खड़ा हो गया और इंतेज़ार करने लगा ,थोड़ी देर बाद घड़ी पर नज़र डाली 10:30
बज चुके थे पर अभी तक कोई आया क्यू नही .
5मिनट बाद कुछ आवाज़ आई दीपक चौकन्ना हुआ .
अरे यार आज तो मज़ा आगेया लंबा चौड़ा हाथ मारा है सब मिल के मज़े करेंगे
(दीपक ने आती हुई आवाज़ सुनी) .
दीपक ने दीवार से थोड़ा झाँक के देखा उसे कोई नज़र नही आया , आराम से दब्बे
पाँव दीपक बाहर आया थोड़ा आगे गया कुछ लोग उसे थोड़ी दूर बैठे नज़र आए ,
झट से दीपक ने फिर दीवार की ओट ली .
उसको पता था के अगर किसी ने उसे देखा तो वो लोग भाग खड़े होंगे ,या फिर
उसको मारने की कोशिश करेंगे .
अरे यार ये मदन क्यू नही आया अभी तक ,तूने उसको बोला था ना यहा मिलने को ,
हां यार मेने उसे बता दिया था के खंदार मे मिलेंगे .
दीपक समझ चुका था के मदन अभी तक आया नही है और ये लोग उसका इंतेज़ार कर रहे
है और वो खुद भी.
दीपक थोड़ा आगे हुआ छ्होटा सा पत्थर उठाया और दूसरी तरफ की झाड़ियो के तरफ
फैका थोड़ी से आवाज़ हुई.
आबे कौन है ,अरे तू देख तो सही कौन रात को यहा अपनी शादी करने आया है ,.
उसमे से एक आदमी खड़ा हुआ और झाड़ियो की तरफ गया ,,ज़ोर से बोला कौन है बे
साले मज़ा खराब कर रहा है ये बोल के वो जैसे ही पीछे मुड़ा दीपक ने उसका
सिर पकड़ कर दीवार पे ज़ोर से मारा वो आदमी नीचे गिरा .
दीपक ने उसे आराम से घसीट के दीवार के पीछे ला के डाल दिया .
अबे तू कहा मर गया साले मैं दारू खोल रहा हू जल्दी आ वरना सारी पी
जाउन्गा.ज़ोर से हस्ने की आवाज़ आई ,,अबे आता है या मे आओ , दूसरा आदमी भी
खड़ा हुआ और वही झाड़ियो की तरफ चला,,, अब कहा गया अपनी जीजा को छ्चोड़ कर
साला भोसड़ी का.
दीपक ने फिर एक छ्होटा पत्थर उठाया और जहा वो खड़ा था उसी दीवार पर मारा .
उस आदमी ने वो आवाज़ सुनी , साले रात को क्या आँख मिचोली खेल रहा है बाहर
निकल दारू पीने का टाइम है.
वो आदमी उस दीवार के पास आया जहा दीपक छुप के खड़ा था ,, साले बाहर निकल ना
मुझसे अब बर्दाश्त नही हो रहा पूरे दिन से दारू नही पी और अब तू कहा छुप
गया
ये बोलते ही वो आदमी थोड़ा आगे आया सामने उसे उसका दोस्त नीचे ज़मीन पे
गिरा दिखा ,भागते हुए वो उसके पास आया .. अबे उठ ,क्या हुआ तुझे उस आदमी को
पीछे से कुछ आवाज़ सुनाई दी जैसे ही उसने पीछे देखा दीपक ने ज़ोर से उसके
मूह और कंधे के बीच अपनी लात ज़ोर से मारी वो जैसे ही गिरा ,नीचे पड़ा
पत्थर उसके सिर पर लगा और वो भी बेहोश हो गया
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