RE: Free Sex Kahani लंसंस्कारी परिवार की बेशर्म रंडियां
Update 11 .
Hi दोस्तों जैसा कि आपको पता है पहली अपडेट में उपासना ने पूरी तैयारियां की हुई हैं ।उपासना पूरा सजने के मूड में है। चलो बढ़ाते हैं इस स्टोरी को आगे ,
और दोस्तों मुझे आपसे एक चीज चाहिए और वह है आपका सपोर्ट , धन्यवाद ।।
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राकेश और शालिनी जापान पहुंचकर सोचने लगे कि कहां पर रुका जाए ।
ऐसा सोचते हुए राकेश अपने मोबाइल से कोई होटल सर्च करने लगा । थोड़ी देर सर्च करने के बाद उसे एक फाइव स्टार होटल मिला जिसके रिव्यू अच्छे थे ।
उसने उसे बुक किया 3:00 दिन के लिए , क्योंकि 3 , 4 दिन ही उनको जापान में लगने वाले थे ।
बुक करके दोनों होटल पहुंचे । होटल पहुंचने के बाद राकेश चैक इन फॉर्म परेशान करके जैसे ही राकेश मुड़ा तभी उसे होटल का मैनेजर उसकी तरफ आता हुआ दिखाई दिया,
मैनेजर दूर से ही बोलता हूं वह आने लगा - अरे राकेश जी आइए आपका वेलकम है हमारे होटल में जो आपने हम जैसे नाथ जी को को जी को नाथ जी को को हम जैसी नाचीज के होटल में अपने कदमों में अपने कदमों से इस होटल की रौनक को और भी बढ़ा दिया ।
आपके बारे में बहुत सुना है आज देख भी लिया।
राकेश ने मैनेजर से हाथ मिलाया और मैनेजर उनके रूम तक खुद उन्हें छोड़ने गया ।
रूम पर पहुंचने के बाद में राकेश ने सोचा कि नहा लेता हूं।
राकेश नहाने चला गया उधर बैग में से कपड़े निकालने लगी शालीनी ।
राकेश नहाकर सोचने लगा कि पहले काम कर लिया जाए उसके बाद शालीनी को घुमाएंगे , तो पहले 2 दिन में काम पूरा कर लेता हूं, और उसके बाद एक या 2 दिन में शालिनी को घुमाऊंगा जापान में ।
राकेश ऐसा सोच ही रहा था कि शालिनी नहा कर निकली।
शालिनी ने ब्लैक कलर की टाइट जीन्स पहनी हुई थी और उसके ऊपर उसने एक लूज टॉप पहन रखा था ।
शालिनी इन कपड़ों में में बहुत ही ज्यादा क्यूट और मस्त लग रही थी ।
इन कपड़ों में वह इतनी में वह इतनी ज्यादा सुंदर लग रही थी जैसे उसे कोई भी देख ले तो उसका दिल उस पर इस कदर फिदा हो जाए कि बस उसे सामने बिठा कर वह देखता ही रहे तो । राकेश कैसे नजर हटा पाता ।
राकेश के मुंह से अपनी बहन को देखकर शायरी निकली -
Brown brown हेयर तेरे white white स्किन
चुस्त तेरी यह जीन्स और तेरी चेहरे पर प्यारी सी चिन ।
कमाल है फिगर तेरा जाती है जिम ।
मां कसम जानलेवा है तेरा ये सीन ।
कितने जलवे हवाओं में बिखरे मगर मैंने अब तक किसी को पुकारा नहीं ,
तुमको देखा तो यह नजरें कहने लगी चेहरे से हटना हमको गवारा नहीं ।।
अपने भाई के मुंह से ऐसी शायरी सुनकर शरमा गई शालिनी । क्योंकि वह अपने भाई की बहुत इज्जत करती थी और अपने भाई से डरती भी थी और डरे भी क्यों ना उसका बड़ा भाई था, शालीनी के अंदर उसकी आंखों की शर्म इतनी ज्यादा थी कि वह अपने भाई के सामने ज्यादा बोलती तक नहीं थी ।
शायरी सुनकर शालिनी हिम्मत जुटाते हुए बोली - क्या भैया आप भी आजकल शायरी करने लगे ।
राकेश - मेरी गुड़िया बहुत प्यारी लग रही है इस ड्रेस में ।
मैंने तो तुम्हें देखा ही आज है ।
शालीनी - क्यों घर पर नहीं देखते थे क्या ।
राकेश हंसते हुए - घर पर नहाने के तुरंत बाद तो मेरे सामने तुम कभी नहीं आती हो ना इसलिए आज थोड़ा अलग लग रही हो क्योंकि नहाने के तुरंत बाद मेरे सामने आई हो।
इस तरह बात को बदलते हुए राकेश हंसने लगा।
शालिनी कहने लगी भैया थोड़ा कुछ खा लिया जाए भूख लग रही है।
राकेश ने इतना सुनते ही फोन उठाया और होटल में ऑर्डर बुक कराने लगा।
राकेश ने अपने लिए एक ग्रिल्ड सैंडविच और शालिनी के लिए पिज़्ज़ा ऑर्डर किया , और साथ मे एक आधे लीटर में कोक भी ।
कुछ ही मिनट बाद दोनों बहन भाई खाने में लगे हुए थे अब चलते हैं हैं आरती की ओर ।
आरती अपनी फ्रेंड के साथ घूम कर वापस घर की तरफ आने लगी ।
दोनों फ्रेंड आपस में बैठकर बातें ही करती हुई आ रही थी।
आरती की फ्रेंड गाड़ी चला रही थी और आरती बैठी हुई थी उसके बराबर वाली सीट पर ।
तभी आरती के मोबाइल पर नोटिफिकेशन रिंग होती है। तो आरती देखने लगती है किसका नोटिफिकेशन है।
जैसे ही आरती ओपन करती है उसमें धर्मवीर का मैसेज मिलता है यानी कि सलमान के नाम से उसे अपने मोबाइल में मैसेज मिलता है ।
जिसमें पूछ रहा था धर्मवीर यानी कि सलमान के नाम से मैसेज रिसीव होता है सलमान पूछ रहा था कि कब तक तुम लौटोगी , क्योंकि जानू मुझे तुमसे बात करनी है।
आरती रिप्लाई करती है मुस्कुराते हुए- क्या बात है आज बड़ी याद आ रही है तुमको हमारी ।
धर्मवीर कहने लगा कहने लगा कहने लगा कि हां शायद मुझे ऐसा लगने लगा है कि हम दोनों को और थोड़ा करीब आना चाहिए । एक दूसरे को अच्छे से समझ लेना चाहिए, जान लेना चाहिए धर्मवीर ने खुलकर ना बोलते हुए बात को इस तरह घुमा कर बोला ।
इसे पढ़कर आरती फिर से मुस्कुरा कर अपनी फ्रेंड से कहने लगी कि - देख ले कुत्ते को इस पर बोला नहीं जा रहा है मुझे।
लेकिन मैं भी नहीं बोलूंगी देखती हूं कब तक नहीं बोलता है।
आरती की फ्रेंड पूछने लगी क्या नहीं बोला जा रहा है ?
आरती कहने लगी कि हम दोनों एक दूसरे को दिल ही दिल में प्यार करने लगे हैं लेकिन सलमान है कि मुझसे आई लव यू प्रपोज कर ही नहीं रहा है । और अभी भी इनडायरेक्टली way में उसने मुझे बोला है ।
आरती की फ्रेंड कहने लगी कि - कोई नहीं मेरी जान उसको इतना तड़पा कि वह बोल दे।
आरती ने सोचते हुए रिप्लाई किया - आप शायद ठीक कह रहे हैं मुझे भी ऐसा ही लगने लगा था। अच्छा वह आपने मुझसे कहा , मुझे कोई एतराज नहीं है।
इस मैसेज को पढ़कर धर्मवीर खुशी का ठिकाना ना रहा धर्मवीर ने रिप्लाई किया - आप बहुत प्यारी हो आरती जी । आपको दुनिया की हर खुशी में देना चाहता हूं ।
यह मैसेज पढ़कर आरती रिप्लाई करने लगी - ऐसा ना हो 2 दिन बाद ही मुझे भूल जाओ तुम। 2 दिन तक ही मुझे खुशी दे पाओ।
उसके बाद धर्मवीर ने एक शायरी के जरिए अपनी बात उसे कही जो कुछ इस तरह थी -
जन्म जन्म तक प्यार निभाउंगा ।
छोड़कर तुझको कभी ना जाऊंगा ।
खुद रो लूंगा आरती जी लेकिन ,
आपके आंसू आरती कभी देख नही पाऊंगा ।
तोड़ू न मैं वादे सारे आप ही लगोगे उम्र भर प्यारे ।
यह मैसेज पढ़कर आरती मुस्कुराती हुई अपनी फ्रेंड से बोली- क्या बंदा है यार 2 मिनट बात कर ले तो दिल में बस जाता है।
फिर दोनों आपस में बातें करने लगी धर्मवीर ने भी सोचा कि आरती शाम तक तो आ ही जाएगी एक-दो घंटे बाद ।
तब तक मैं भी आराम कर लेता हूं ऐसा सोचकर धर्मवीर अपने कमरे में लेट गया ।
अब चलते हैं दोस्तों उपासना की तरफ ।
उपासना अपने कमरे में बैठी हुई थी अचानक उसने इवेंट डेकोरेशन वाले को कॉल किया और उनसे कहा कि मुझे एक कमरे की सजावट करवानी है तो आप अपने वर्कर्स को भेज दीजिए ।
उधर से इवेंट डेकोरेशन वाले ने कहा कि मैम आपको किस तरह का इवेंट डेकोरेशन आपको कराना है यानी कि किस पर्पज से कराना है।
कोई बर्थडे पार्टी या कोई फंक्शन आप मुझे बता दीजिए, ताकि मैं उसी के अकॉर्डिंग उनके साथ सजावट का सामान भेज सकूं ।
उपासना ने कहा कि मेरे भाई की शादी हुई है तो वह हनीमून पर आज की जगह कल जाएंगे । तो वह आज घर पर ही रहेंगे तो उनके लिए डेकोरेशन करवाना था भैया ।
बाकी तो आप समझते ही हो भैया , आपका तो यही काम है ।
डबल मीनिंग में उपासना ने ऐसा कहा जिससे कि डेकोरेशन वाला समझ गया कि चोदने के लिए किसी रंडी का बिस्तर सजाना है ।
उसने कहा जी मैम आप चिंता मत कीजिए 10 मिनट में आपके एड्रेस पर मेरे पहुंच जाएंगे ।
इतना सुनने के बाद उपासना ने कॉल रख दिया और अपने ही ख्यालों में गुम हो गई ।
10 मिनट के बाद लगभग वर्कर्स आगये।
तो दोस्तों जैसा कि आपको पता है धर्मवीर सिंह जी का बंगला 3 फ्लोर का है तीन मंजिल का बंगला है।
जिसमें बेसमेंट में गाड़ियां पार्क होती हैं,
ग्राउंड फ्लोर पर कोई नहीं रहता है खाली पड़ा रहता है ।
और फर्स्ट फ्लोर पर आरती ,उपासना राकेश और शालिनी रहते हैं ।
और सबसे ऊपर तीसरे मंजिल पर अकेले धर्मवीर सिंह जी। क्योंकि उनके पास कोई ना कोई अक्सर आता रहता है मीटिंग वगैरह के लिए तो वह गेस्ट रूम में ना मिलकर डायरेक्ट अपने ही फ्लोर पर मिल लेते हैं ।
तो यह तो था धर्मवीर जी के बंगले का हुलिया ।
अब आगे कहानी की तरफ चलते हैं उपासना ने वर्कर से कहा नीचे वाला फ्लोर है , उसकी दीवारों पर कलर भी करा दिया है ।
बस आपको यह सजाना है । जो फोर्थ नंबर का रूम है वह आप को सजाना है ।
इतना सुनकर वर्कर्स रूम सजाने लगे और उपासना वहीं खड़ी होकर देखने लगी कि किस तरह सजाया जा रहा है उसकी चुदाई का आशियाना ।
दीवारों पर चारों तरफ फूलों की लड़ियां टांग दी गई।
बैड पर नई बेडशीट बिछाई गई ।
बैड के सिरहाने पर दोनों तरफ गुलाब के गुलदस्ते लगाए गए । बेड की बैडशीट शीट इतनी बड़ी थी दोस्तों जैसा कि आपने देखा होगा जो क्वीन साइज बैड आते हैं । इस तरह का बैड था, जिससे कि उसकी बेडशीट उसके ऊपर डालने के बाद में बेड दिखाई नहीं देता था , यानी कि वह बेडशीट नीचे फर्श तक मिल जाती थी। इस तरह से बेड को सजाया गया ।
चारों तरफ डेकोरेशन लाइट उपासना ने लगवाई जो रंग बिरंगी लाइट जलती थी । साथ में कमरे की ऊपर छत में सीलिंग लाइट भी चारों तरफ लगवा दी , कहने का मतलब यह था दोस्तों कि अगर उस रूम की सारी लाइट्स ऑन कर दी जाए तो दिन की रोशनी से भी 100 गुना ज्यादा उसमें रोशनी हो जाएगी।
उसके बाद बेड पर गुलाब और चमेली के फूलों से डिजाइन बनाया गया और बीच में एक दिल का डिजाइन बनाया गया ।
उपासना ने कहा - इस दिल के डिजाइन के बीच में फूलों से ही (आपकी रंडी) लिख दो ।
वर्कर्स यह सुनकर उपासना की तरफ खुला हुआ मुंह से देखने लगा। उपासना भी उस बंगले की मालकिन थी ।
उपासना ने कहा - जो कहा है वह काम करिए इस तरह पागलों की तरह मुझे मत घुरिये ।
वर्कर को अपनी गलती का एहसास हुआ उसने तुरंत बिजली की फुर्ती से अपना काम करना स्टार्ट किया।
कमरा सज चुका था दोस्तों उसमे एक तरफ दो अगरबत्ती भी लगाई गई जो कि रोज फ्रेगरेंस की थी । जिनसे भीनी भीनी खुशबू उस रूम आ रही थी , रूम फ्रेशनर छिड़का गया बेड पर और पूरे रूम में ।
यानी कि कमरा पूरी तरह से तैयार हो चुका था एक चुदाई का मैदान नजर आने लगा था जिस पर दो योद्धा अपनी ताकत लगाकर युद्ध करने वाले थे । जिस कमरे में आज चुदाई का महा संग्राम होने वाला था ।
उपासना नेम वर्कर्स को पचास हजार का एक नोट देते हुए उन्हें विदा किया ।
वर्कर्स के जाने के बाद उपासना अपने फर्स्ट पर गई और वहां से उसने एक कटोरी में सरसों का तेल और वैसलीन लेकर नीचे ग्राउंड फ्लोर पर आई और बेड की रैक में उस कटोरी को उसने रख दिया।
फिर उपासना को याद आया कि वह फिर से भूल गई है कुछ जल्दी से दोबारा वह फिर ग्राउंड फ्लोर पर गई ग्राउंड फ्लोर वहां से जो उसका आज ऑनलाइन ऑर्डर आया था वह डब्बा उसने उठाया ।
और नीचे आई उस डब्बे में एक Liquid चोकलेट का डब्बा था । जिसे खाया नहीं चाटा जाता है ।
उसने उस डब्बे को भी रैक में रख दिया और एक लंबी सांस लेते हुए अपने ही आपसे कहने लगी - your room is ready my bitch .
अपने ही ख्यालों में गुम उपासना लिफ्ट से अपने फर्स्ट फ्लोर पर आई और अपने रूम में शीशे के सामने खड़ी हो गई ।
शीशे के सामने खड़ी होकर उसने अपने आप को निहारा जिसमें बिल्कुल ढकी हुई लग रही थी। ऐसी ढकी हुई स्त्री को देखकर उसे यकीन नहीं हुआ कि वह उपासना ही है ।
उसने शीशे से कहा - मेरी जान आज तो बड़ी ही संस्कारी बहु लग रही हो ।
फिर अपने आप से ही जवाब देकर बात करने लगी ।
उपासना शीशे से बोली - संस्कारी तो मैं हूं ही मेरे जैसी संस्कारी बहु किसको मिलेगी ।
शीशे से आवाज आई - मेरी जान अभी ढकी हुई है तू इन कपड़ों में तो इतनी लाजवाब लग रही है ।इतनी संस्कारी लग रही है , इतनी आदरणीय लग रही है अगर तेरे ऊपर ये पूरी साड़ी ना हो ये जो शॉल तूने उड़ा हुआ है अगर यह उतार दिया जाए तो तेरे जिस्म का रंडीपना छलकना अभी स्टार्ट हो जाएगा , तेरे चूतड़ों का उठान बाहर को ऐसे निकल आएगा फिर तुझे कोई देखकर संस्कारी बहु नहीं एक गर्म कुतीया कहेगा
उपासना शीशे से ही कहने लगी अच्छा ऐसा है तो लीजिए उतार देते हैं अपना ये शॉल भी । देखते हैं क्या आप सही हो।
ऐसा कह कर उसने अपने शॉल को उतार दिया और अपने आप को देखने लगी ।
उपासना शीशे से कहने लगी - हां बात तो तुम्हारी ठीक है मेरी जान , छातियां थोड़ा ज्यादा भार को निकल आई है ऐज के हिसाब से।
मैं भी क्या करूं इन को मसलने के लिए हर वक्त कोई ना कोई तैयार रहता है। लेकिन कमर तो मेरी पतली है ना देखो कितनी पतली है । मुंह बनाकर अपने आप से कहने लगी।
तभी शीशे में से आवाज आई - मेरी जान अपनी कमर से नीचे भी अपनी नजर को डालें।
उपासना ने कहा लो कमर से नीचे भी डालली नजर ऐसा तो कुछ भी नहीं है। बस मेरे कूल्हे पर थोड़ा सा मांस चढ़ रहा है जिस वजह से कमर ज्यादा पतली लगती है ।
शीशे में से आवाज आई - इन्हें कूल्हों पर मांस नहीं बोलते मेरी जान इसे लंड मांगती हुई गांड बोलते हैं । कि तू अब लंड मांग रही है ।
यह सुनकर और अपने आप से ही कहकर उपासना शर्मा गई और मुँह बनाते हुए शीशे से कहने लगी - हां मांग रही हूं लंड, दिला दो तो लंड । मैं भी देख लूं किस लंड में कितना पानी है ।
यह कहकर उपासना शर्माती हुई शीशे की तरफ देखने लगी ।
शीशे में से आवाज आई - तू तो अभी बड़ी संस्कारी बहू बन रही थी । और अभी 1 मिनट में ही इतनी आग तेरे अंदर भर गई ।
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