Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
04-14-2021, 12:42 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल की समझ में नहीं अा रहा था कि ये हुआ क्या है ? उसके प्लान तो लीमा को आज घर के अंदर कैद करने का था लेकिन शांता के प्रेगनेंट होने की खबर ने उसे पूरी तरह से हिला दिया।

शांता की उम्र करीब 74 साल है और इस उम्र में कोई भी औरत प्रेगनेंट नहीं हो सकती। मतलब साफ है कि शांता की उम्र इससे कम होनी चाहिए यही करीब अधिक से अधिक 50 साल।

लेकिन फिर अगर उसकी उम्र भी कम है तो सबसे बड़ा सवाल हैं कि वो किससे प्रेगनेंट हुई ? घर में तो मेरे अलावा और कोई मर्द आता नहीं है। कहीं अनूप ने तो ये कांड नहीं कर दिया वैसे भी भी इस मामले में ठरकी है। कहीं किसी दिन दिन दारू पीकर ना चढ़ गया हो शांता के ऊपर।

तभी उसके मन में दूसरा सवाल उठा कि अनूप का लंड तो अब खड़ा ही नहीं होता तो उसके बारे में तो सोचना बेकार हैं। साहिल के सिर में होने लगा लेकिन उसकी समझ ने कुछ नहीं आया तो उसने सब छोड़कर अपने काम पर फोकस करने का फैसला किया।

साहिल अपने काम में लग गया और करीब आधे घंटे के बाद उसका फोन बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था।

साहिल:" हा मम्मी बताओ क्या चल रहा हैं ?

रूबी:" बेटा तुम आज थोड़ा जल्दी अा जाना, मुझे पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर लग रहा हैं। ये शांता नहीं हो सकती जरूर कुछ ना कुछ दिक्कत हैं क्योंकि शांता इस उम्र में प्रेगनेंट नहीं हो सकती। पता नहीं कौन सी साजिश रच रही है बेटा ये ?

साहिल :" मम्मी आप फिक्र ना करो मैं जल्दी ही अा जाऊंगा। अभी शांता कहां हैं ?

रूबी:" अपने कमरे में ही होगी। मेरी हिम्मत नहीं पड़ी उसे देखने की। तुम आओ बेटा।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं अा रहा हूं।

साहिल ने फोन काट दिया और घड़ी देखी तो करीब शाम के पांच बज चुके थे। साहिल दुबे जी को सारा काम समझाकर अपने घर की तरफ निकल गया।

साहिल ने घर जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शांता सफाई में लगी हुई थी और रूबी किचेन में काम कर रही थी। रूबी के माथे पर पसीना छलक रहा था और वो बार बार शांता की तरफ खौफ भरी नजरो से देख रही थी।

साहिल को देखते ही उसकी जान में जान आई और बोली:"

" अरे अनूप टीम इतनी जल्दी अा कैसे अा गए ?

शांता ने अपनी नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा और उपर से नीचे तक ध्यान से देखती हुई बोली:"

" कैसे हो बेटा तुम ? आज कल दिखते नहीं हो ?

साहिल:" वो बस आज कल काम में लगा हुआ हूं बस। आप ठीक हो ?

रूबी:" कहां ठीक है ये ? आज बेहोश हो गई थी। दवा दिलाकर लाई हूं। कमजोर हो गई हैं बहुत।

अनूप गुस्से से :" दवा दिलाकर लाई हूं, क्या मतलब तुम्हारे बाप के पैसे हैं क्या ? जैसे मन करे उड़ाओ।

रूबी समझ गई कि साहिल ये सब जान बूझकर कर रहा है इसलिए गुस्से से बोली:"

" तुम्हे मेरे मुंह लगने की जरूरत नहीं है। मैं कितना पैसा कमाती हूं ये तुम अच्छे से जानते हो।

साहिल:" तुम्हारे मुंह तो मैं भी नहीं लगना चाहता।

इतना कहकर साहिल अपने कमरे में घुस गया और रूबी ने उदास नजरो से शांता की तरफ देखा तो शांता बोली:"

" दुखी मत हो बेटी। एक ना एक दिन तो भगवान इसे बुद्धि देगा। मेरा भी अपमान किया हैं लेकिन अब तो जैसे मुझे इसकी आदत सी हो गई हैं।

रूबी समझ गई कि अगर इसके अंदर जरा सा भी आत्म सम्मान होता तो शायद अब तक अपने कमरे में चली गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

रूबी:" मा जी आपकी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आप आराम कीजिए और मैं खाना बनाकर आपको भेज दूंगी।

शांता: नहीं बेटी मैं ठीक हूं। मैं तुम्हारी मदद कर देती हूं।

रूबी:" आप जिद मत किया करो, जाइए आप और आराम कीजिए।

शांता ने ज्यादा बहस करना जरूरी नहीं समझा और चुपचाप बाहर निकल गई। रूबी ने चैन की सांस ली और देखा कि साहिल अपने कमरे से सटे हुए बाथरूम में घुसा हुआ था और नहा रहा था। वो खाना बनाने में जुट गई।

खाना बन गया और साहिल भी अपना सब मेकअप धोकर बाहर अा गया था। उसको देखते ही रूबी उसके गले लग गई और बोली:"

" बेटा साहिल देखो ना ये सब हमारे साथ क्या हो रहा है ? आखिर कौन हैं जो हमे बरबाद करना चाहता हैं ?

साहिल उसकी पीठ थपथपाने लगा और तस्सली देते हुए बोला:_

" मम्मी आप परेशान मत होइए। जब तक आपका बेटा हैं आपको कुछ नहीं होने देगा।

रूबी:" लेकिन बेटा मैं तुम्हे भी खोना नहीं चाहती, पता नहीं ये कौन खतरनाक लोग हैं जो हमारे घर और ऑफिस सब जगह हमरे पीछे पड़े हुए हैं। हमने क्या बिगाड़ा हैं उनका ?

साहिल:" मम्मी ये ही सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या हुआ जो ये सब हो रहा हैं। ये सब अपने आप नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता हैं। इन सबके पीछे कौन हैं ये हमे पता करना ही होगा।

रूबी:" हान बेटा, मुझे लगता हैं कि शांता जरूर किसी मकसद के लिए हमारे घर में रुकी हुई हैं।

साहिल:" बिलकुल ठीक मम्मी, मुझे भी ऐसा ही लगता हैं। अब हमे शांता पर ध्यान रखना होगा। और हान उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए कि हमें उसकी असलियत का पता चल गया हैं।

रूबी:" लेकिन बेटा एक बात ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा अगले 10से 15 दिन के अंदर वो खुद ही समझ जाएगी कि वो प्रेगनेंट हैं।

साहिल:" मम्मी आप फिकर ना करे, इतना टाइम बहुत हैं मेरे लिए तब तक तो मैं दो बार शांता की असलियत पता कर लूंगा। और शांता से आपको ज्यादा डरने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि जहां वो हमे मर नहीं सकती क्योंकि अगर मारना ही होता तो अब तक कभी का खाने में जहर दे चुकी होती।

साहिल की बात सुनकर रूबी को थोड़ा सुकून मिला और बोली:'

" बिल्कुल बेटा , लेकिन मुझे अपनी नहीं तुम्हारी फिक्र होती हैं अब साहिल।

साहिल:" मुझे कुछ नहीं होगा जब तक आपका प्यार मेरे साथ हैं।

दोनो बाते कर ही रहे थे कि अचानक जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी। बाहर मौसम खराब हो गया था और किसी भी समय बारिश शुरू ही सकती थी।
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04-14-2021, 12:42 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
रूबी:" अरे बेटा मैंने बाहर कपडे सूखने के लिए डाले हुए हैं और मौसम खराब हो गया है। मैं कपडे लेकर आती हूं

साहिल:' रुको मम्मी मैं भी आपके साथ चलता हूं।

साहिल और रूबी दोनो घर के बाहर बने हुए मैदान में जैसे ही आए तो एक ठंडे हवा के झोंके ने उनका स्वागत किया। ये हवा का झोंका रूबी का रोम रोम महका गया और रूबी किसी छोटे बच्चे की तरह खुश होने लगी। साहिल अपनी मा की खुशी देखकर अच्छा महसूस कर रहा था। तभी हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई और साहिल और रूबी ने तेजी से कपडे उतार कर वहीं बने एक कमरे में रख दिए।

रूबी:" देखो ना बेटा कितनी अच्छी बारिश हो रही हैं। इस धीमी धीमी बारिश में नहाना मुझे बहुत पसंद हैं। और ये तो है भी सीजन कि पहली बारिश।

इतना कहकर रूबी खुशी से उछलती हुई मैदान में घुस गई। हल्की हल्की बारिश फिर से उसका तन मन भिगोने लगी और रूबी नाच कर कूद कर अपनी खुशी जाहिर कर रही थी।

रूबी:" आओ बेटा तुम भी अा जाओ। देखो ना कितना अच्छा मौसम हैं।

रूबी के बोलते ही साहिल अपनी मा के पीछे पीछे अा गया और बारिश में भींगने लगा। रूबी ने सिर्फ एक सफेद रंग की शर्ट पहन रखी और अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। धीरे धीरे उसकी शर्ट पूरी भीग गई और उसकी चूंची का उभार नजर आने लगा।

साहिल ये देखकर खुश हो गया और रूबी को जैसे ही साहिल की नजरो का एहसास अपनी चूंचियों पर हुआ तो उसके जिस्म में मस्ती की एक लहर दौड़ गई। रूबी ने अब अपने बेटे को खुलकर रिझाना शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके ठीक सामने कूदने लगी जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से उछलने लगी।

साहिल अपनी मम्मी की चूचियां देखते हुए बोला:"

" ओह मम्मी, बस कीजिए आप गिर गई तो चोट लग जाएगी।

रूबी ने अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए साहिल को देखा और बोली:' तेरे जैसे जवान बेटे के होते हुए भी अगर मैं गिर गई तो तेरी जवानी पर लानत होगी।

साहिल:" ओह मम्मी ये बात हैं तो आप जी भरकर कूदिए। आपका बेटा आपको गिरने नहीं देगा।

रूबी अब पूरी मस्ती से कूदती हुई अपनी चूचियां अपने बेटे को दिखा रही थी जिससे साहिल का लंड भी अकड़ गया और उसकी पैंट में अब एक बहुत बड़ा तम्बू बन गया था।

रूबी ये देखकर खुश हो गई और उसने जान बूझकर अपने दोनो हाथ उपर की तरफ उठाते हुए अपने सीने को बाहर की तरफ उभार दिया जिससे उसकी शर्ट के दो बटन चट की आवाज के साथ टूट गए।

बटन टूटते ही रूबी की चूचियां आधे से ज्यादा क्या लगभग पूरी ही नंगी हो गई। बस सिर्फ निप्पल ही अब कपडे के अंदर छुपा हुआ था लेकिन कपडे के भीग जाने के कारण वो भी लगभग साफ ही दिख रहा था।

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साहिल की नजरे अपनी मा की चूचियों पर जम गई और रूबी ने अपने आपको छुपाने की कोई कोशिश नहीं करी।

रूबी ने एक नजर अपनी चूचियों पर डाली और बोली:" उफ्फ बेटे ये शर्ट भी ना बहुत छोटी हो गई हैं।

साहिल ने अपनी मा को स्माइल देते हुए कहा:" मम्मी शर्ट छोटी नहीं हुई हैं बल्कि आपकी ज्यादा बड़ी हो गई है।

रूबी समझ गई लेकिन अनजान बनते हुए बोली:"

" क्या बड़ी हो गई हैं बेटा ? मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगता।

रूबी ने इतना कहते हुए अपनी चूचियां पूरी तरह बाहर की तरफ तान दी तो साहिल की थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वो रूबी के बिल्कुल करीब हो गया जिससे रूबी की सांसे फिर से तेज हो गई।

साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और उसकी चुचियों की तरफ उंगली करते हुए बोला:"

" मम्मी आपकी ये ज्यादा बड़ी हो गई हैं। आप समझ रही हैं मैं किसकी बात कर रहा हूं।

इतना कहकर साहिल ने अपना एक हाथ रूबी की चूचियों के ऊपर से फेर दिया तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

रूबी:" उफ्फ बेटा, घुमा फिरा कर क्यों बात कर रहे हो ? मर्द होकर भी डरते हो, सीधी तरह बोलो ना

साहिल रूबी के अब बिल्कुल करीब हो गया और अपने सीने का दबाव उसकी चूचियों पर डालते हुए धीरे से उसके कान में बोला:"

"आह मम्मी, मम्मी वो आपकी, वो आपकी चू चू चूचियां ज्यादा बड़ी और मस्त हो गई हैं।

तभी आसमान में जोर से बिजली कड़की और रूबी कसकर अपने बेटे से लिपट गई और बोली:"

" आह मेरा गन्दा बेटा, उफ्फ अपनी मा की चूचियां देखता हैं, तुझे शर्म नहीं आती क्या ?

साहिल:" गंदा नहीं जवान बेटा मा, मम्मी जब आपकी चूचियां हैं ही इतनी अच्छी। उफ्फ देखो ना कितनी ठोस हैं मेरे सीने में घुसी जा रही है।

रूबी ने अपनी चूचियों का दबाव पूरी तरह से बढ़ा दिया और उसके निप्पल सुई की तरह साहिल को चुभ गए तो साहिल ने अपने हाथो का दबाव उसकी कमर पर बढ़ा दिया तो रूबी कसमसा उठी और बोली:"

" कमीने मार ही देगा क्या ? अब तुझे ये भी मुझे ही सिखाना क्या कि कहां पर जोर से दबाना चाहिए और कहां पर प्यार से ?

इतना कहते हुए रूबी ने अपने पैर थोड़े से उपर उठाए जिससे साहिल के हाथ उसकी कमर से फिसल कर उसकी गांड़ पर जम गए। साहिल ने रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और जैसे जैसे ही हल्का सा मसला तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

तभी बारिश जोर पकड़ने लगी और हल्की हल्की बर्फ के टुकड़े औले भी पड़ने लगे तो रूबी बोली:"

" भाग बेटे अंदर बारिश तेज हो गई है, साथ में अौले भी हैं।

साहिल और रूबी दोनो एक के बाद एक अंदर घुसते चले गए। दोनो के कपडे पूरी तरह से भीग गए थे। रूबी ने अपने कपड़े बदल लिए और एक काले रंग की स्लीवलेस शॉर्ट ड्रेस पहन ली। रूबी जब बाहर निकली तो साहिल अपने मम्मी पर आज पूरी तरह से फिदा हो गया।

इस ड्रेस में रूबी बेहद खूबसूरत लग रही थी और ये ड्रेस उसकी जांघो तक ही अा पा रही थी और हल्की हल्की सुंदर गोरी चित्ती जांघें साफ दिख रही थी।

रूबी ने साहिल को स्माइल दी और खाना गरम करने के लिए किचेन में घुस गई। बाहर तेज बारिश हो रही थी जिस कारण अब शांता घर के अंदर नहीं अा सकती थी इसलिए रूबी ने खाना तैयार किया और साहिल से बोली:".

" रूबी जाओ ये खाना शांता को दे आओ। और ध्यान रखना कि उसे शक ना हो। आओ जल्दी फिर साथ में खाना खायेंगे। भूख लगी हैं मुझे बहुत तेज।

साहिल:" ठीक हैं मम्मी, मैं बस अभी आया

साहिल ने टिफिन लिया और छाता लेकर बाहर की तरफ चल दिया। बाहर अब बहुत तेज हवाएं चल रही थी और बारिश की तेज आवाज के कारण किसी के कदमों की आहट नहीं सुनाई पड़ रही थी। साहिल धीरे धीरे चलता हुआ शांता के कमरे के सामने पहुंच गया और उसे अंदर से कुछ आवाजे आती सुनाई पड़ी।

शांता शायद किसी से बात कर रही थी लेकिन सिर्फ शांता की ही आवाज अा रही थी। ये भगवान इसका मतलब शांता के पास मोबाइल भी हैं। साहिल ने धीरे से अपने कान गेट पर लगा दिए और आवाज सुनने लगा।

वहीं शांता जानती थी कि इस भयंकर बारिश और तूफान में कोई बाहर नहीं अा सकता इसलिए वो काफी हद तक निश्चित थी।

शांता:" तुम समझने की कोशिश करो, मैं ऐसे नहीं अा सकती,

थोड़ी देर फोन पर चुप्पी रही और फिर से शांता की आवाज उभरी और बोली:"

" तुम मेरी फिक्र मत करो, कुछ नहीं होगा मुझे, लेकिन जब तक मैं अनूप को बर्बाद नहीं कर दूंगी मैं पीछे नहीं हट सकती।

साहिल के कानों में जैसे धमाका सा हुआ और उसने अंदर झांकने की कोशिश करी लेकिन अंदर कुछ नहीं दिख पा रहा था। साहिल ने बड़ी से एक छोटा सा छेद ढूंढ निकाला और उसमें से एक नजर अंदर डाली तो उसकी आंखे आश्चर्य से खुली की खुली रह गई।

सामने बेड पर करीब एक 36 साल की बेहद खूबसूरत औरत लेटी हुई थी। उसकी ड्रेस बिल्कुल शांता की थी लेकिन वो शांता नहीं थी। साहिल को अपनी आंखो पर यकीन नहीं हो पा रहा था कि आखिर ये शांता जवान कैसे हो गई ? साहिल को अब समझ में आया कि शांता प्रेगनेंट कैसे हो गई थी। उफ्फ मेरे तो घर में ही दुश्मन हैं और मैं बाहर ढूंढ रहा था।

शांता की फिर से आवाज उभरी:"

" तुम समझो मुझे, मेरे बाप और भाई की आत्मा आज भी धिक्कारती हैं।

साहिल समझ गया कि जरूर ऐसा कुछ हुआ कि अनूप ने शांता और उसके परिवार का कुछ बुरा किया हैं। अब अंदर से आवाजे आनी बंद हो गई थी और बारिश भी हल्की ही गई थी। शांता किसी भी समय बाहर अा सकती थी इसलिए साहिल ने टिफिन उठाया और फिर से अपने घर की तरफ अा गया और उधर से ही तेज आवाज में गीत गुनगुनाते हुए शांता के कमरे की तरफ चल पड़ा। शांता ने जैसे ही उसकी आवाज सुनी तो उसने तेजी से अपना फेसमास्क पहन लिया और फिर से शांता बन गई। वो नहीं चाहती थी कि साहिल उसके कमरे में आए इसलिए खुद ही बाहर अा गई और बोली:"

" अरे साहिल बाबा, आप कब आए ? और इतनी बारिश में आपको आने की क्या जरूरत थी ?
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल:" अभी थोड़ी देर पहले ही आया था। मम्मी से पता चला कि दिन में आपकी तबियत खराब थी इसलिए खाना लेकर अा गया। अभी कैसी हैं आप ?

शांता:" बस बेटा ऐसे ही ठीक हूं। अब उम्र भी तो हो गई हैं। एक बार बस अपनी बेटी को देख लेती तो मरने का दुख नहीं होता।

साहिल का मन किया कि खुद ही उसका गला दबा दे। लेकिन उसने खुद पर काबू रखा और बोला:"

" आप फिक्र ना करे, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं। अच्छा आप ये खाना लीजिए और खाकर आराम कर लेना।

साहिल ने शांता को टिफिन दिया और अंदर की तरफ चल पड़ा। साहिल आज शांता का असली रूप देख चुका था और एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि जरूर उसके बाप ने कुछ ना कुछ ऐसा किया हैं जिसकी वजह से शांता का परिवार तबाह हो गया है। लेकिन इसका जवाब उसे सिर्फ उसे और सिर्फ अनूप ही दे सकता था।

साहिल घर के अंदर घुस गया और दरवाजे को अच्छे से बंद किया। साहिल ने देखा कि रूबी टेबल पर खाना लगा चुकी थी और बस उसका ही इंतजार कर रही थी।

रूबी:" इतनी देर कहां लगा दी तुमने बेटा ? आओ चलो खाना खाते हैं मुझे बहुत जोर की भूख लगी हैं।

साहिल ने रूबी को सारी बात बताई और रूबी के पसीने छूट गई और कांपते हुए बोली

" है भगवान ये शांता तो बहुत शातिर निकली। अब क्या होगा बेटा ?

साहिल:" मम्मी कुछ नहीं होगा। मैं सब ठीक कर दूंगा लेकिन पहले ये बताओ कि क्या अनूप की किसी से कोई खानदानी दुश्मनी तो नहीं हैं ?

रूबी:" नहीं बेटा, जब से मैं इस घर में अाई हूं ऐसा कुछ नहीं देखा। बेशक तेरा बाप रंडीबाज था और दारू पीता था लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि किसी से झगड़ा करे।

साहिल:" ओह इसका मतलब कुछ और बात है। हमे अनूप से ही पूछना होगा। मैं जाकर दरवाजा खोलता हूं तब तक आप खाना लेकर अा जाओ।

साहिल चला गया और उसने तहखाने का दरवाजा खोल दिया। साहिल को देखते ही अनूप उसके पैरो में गिर गया और बोला:"

" मुझे माफ़ कर दो बेटा, मेरा दम घुटता हैं यहां, मुझे बाहर निकालो साहिल

साहिल:" अब तो तुम्हारी ज़िन्दगी में यही सड़ सड़ कर मरना लिखा हैं भुगतो अपने कर्म तुम।

रूबी ने साहिल को रिझाने के लिए सिर्फ एक छोटी सी ड्रेस पहनी थी। उसने अपने जिस्म पर एक चादर डाली और टिफिन हाथ में लिया और अंदर अा गई।

रूबी को देखते ही अनूप की रुलाई फूट पड़ी। वो रोता रहा।
साहिल को कहीं ना कहीं अपने आप से हमदर्दी थी लेकिन वो अपनी मा के साथ था क्योंकि उसके बाप ने जितने नीचता भरे काम किए थे उसकी चुभन साहिल के दिल में बाकी थी।

रूबी ने उसकी तरफ नफरत से देखते हुए टिफिन रख दिया और बोली:"

" ले अनूप भर ले खाना।

साहिल:" अगर तुम सच में आजाद होना चाहते हो तो मेरे कुछ सवालों का जवाब देना होगा। वो भी बिल्कुल सही।
लेकिन पहले तुम खाना खाओ।

अनूप को अपनी आजादी की उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और वो भूखे कुत्ते की तरह खाने पर टूट पड़ा। कुछ ही मिनटों में वो सब खाना खा गया और बोला:"

" हान साहिल बेटा बताओ क्या पूछना हैं मुझसे ?

साहिल:" ये बताओ कि तुम्हारी सबसे बड़ी दुश्मनी किसके साथ हैं ? कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?

अनूप ने थोड़ी देर सोचा और बोला:" बेटा मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है बस हान नीरज ने मेरे साथ गलत किया हैं। उसके चक्कर में आकर ही मैं बर्बाद हो गया हूं।

साहिल जानता था कि नीरज का नाम तो पक्का आना ही है। साहिल आगे बोला:"

" क्या तुम्हारी वजह से किसी का परिवार तबाह हुआ हैं या तुमने किसी को मारा हो ?

अनूप:" नहीं बेटा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। तुम मेरा विश्वास करों।

साहिल ने अनूप की आंखो में देखा और बोला:"

" अच्छा एक बात ये शांता कौन हैं और घर में कब से हैं ?

अनूप:" ये तो बेटा जब मैं पैदा हुआ तब से घर में ही हैं। इसनें ही मुझे पाल कर बड़ा किया है।

साहिल:" शांता का बाकी परिवार कहां हैं ? इसका पति और बच्चे ? क्या सच में इसकी कोई बेटी हजन है?

अनूप:" हान इसका अपना पूरा परिवार था। सपना बेटी थी और पति बहुत अच्छा था। हमारा सबसे वफादार नौकर था वो। लेकिन इसका पति कहीं गायब हो गया था और बेटी नदी में डूब गई थी तब से हमारे साथ ही रहती हैं।

साहिल:" ओह, ठीक हैं मतलब अगर शांता ने तुम्हे पाला हैं तो उसकी उम्र कम से कम 65 साल होनी चाहिए।

अनूप:' 70 से कम नहीं होगी। लेकिन क्या हुआ तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो ?

साहिल:" हुआ कुछ नहीं हैं। तुम मुझे क्को भी बात ठीक से नहीं बता सके। तुम्हे अंदर ही रहना होगा।

इतना कहकर साहिल और रूबी बाहर की तरफ चल पड़े तो अनूप फिर से हाथ जोड़कर उसे माफ करने और बाहर निकालने की दुहाई मांगता रहा लेकिन दोनो ने वापिस पीछे नहीं देखा और साहिल ने तहखाने का गेट बंद कर दिया।

रूबी:" बेटा इसका मतलब ये शांता नहीं हो सकती।

साहिल:" मम्मी प्लीज़ खाना खाते हुए बात करते हैं। आपकी भी भुख लगी हैं और मुझे भी।

साहिल और रूबी दोनो खाना खाने के लिए बैठ गए। रूबी ने अपनी चादर उतार दी और फिर से साहिल की आंखे सुलग उठी। साहिल ने अपनी मा को अपने हाथ से निवाला बनाकर दिया तो रूबी ने उसकी उंगली में काट लिया तो साहिल दर्द से तड़प उठा और बोला:"

" उफ्फ क्या करती हैं मम्मी ? इतनी जोर से काट लिया छोटे बच्चे की तरह।

रूबी:" अच्छा बाबा गलती से हो गया। आगे से ध्यान रखेगी।

अब रूबी ने खाने का निवाला बनाया अपनी सैंडल निकाल साहिल के मुंह में देने के लिए आगे की तरफ झुकी और अपने पैर टेबल के नीचे से उसके पैरो पर टिका दिए। साहिल अपनी मा के पैरो का एहसास होते ही मस्ती से भर गया और उसने मुंह खोलते हुए निवाला खाया और रूबी की उंगली को जीभ से चाट लिया और बोला:"

" मम्मी खाने से ज्यादा टेस्टी तो आपकी उंगलियां ही हैं।

रूबी ने उसे हल्का सा गुस्से से देखा और अपने नाखून का दबाव उसके पैर पर बढ़ा दिया तो साहिल ने रूबी की आंखो में झांका और बोला:"

" हान तो मम्मी की बात बिल्कुल सही हैं। ये शांता नहीं हो सकती क्योंकि शांता की उम्र ज्यादा थी जबकि ये तो अभी जवान हैं। मम्मी मुझे लगता हैं कि मैं इसे जानता हूं। लेकिन कैसे मुझे नहीं पता। याद नहीं अा रहा।

रूबी ने फिर से साहिल के मुंह में निवाला दिया तो साहिल ने फिर से उसकी उंगली को अपना मुंह बंद करते हुए चूस लिया और रूबी ने तेजी से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर से अपना नाखून उसके पैर में पहले से ज्यादा जोर से गडा दिया।

साहिल के चेहरे पर हल्के दर्द भरे भाव उभर गए तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"

" बेटा मैं तेरी मा हूं, मुझे होशियारी नहीं चलेगी। समझा कुछ। वैसे ये बात तो पक्की है कि ये शांता नहीं हैं। कहां देखा हैं तूने इसे याद कर !

साहिल ने अगली बार कुछ निवाला बनाया और रूबी को देने के लिए आगे को हुआ और जैसे ही उसने निवाला दिया रूबी का ध्यान अपने मुंह की तरफ गया और साहिल ने एक झटके के साथ अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया।

रूबी को इसका एहसास हुआ और शायद वो खुद भी यही चाह रही थी। साहिल ने अपने पैर से रूबी के पैर को सहलाना शुरू किया और रूबी को बेहद अच्छा लगा और उसका जिस्म फिर से मस्ती में अा गया।

साहिल ने अपने पैर को हल्का सा उपर की तरफ बढ़ा दिया और बोला:"

" हान मम्मी, आपकी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा समझदार हैं। ये शांता नहीं है लेकिन फिर शांता कहां गई तो ?

इतना कहकर साहिल ने अपना मुंह खोल दिया क्योंकि रूबी खाने का निवाला बना चुकी थी। साहिल ने रूबी की उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने वहीं साहिल ने अपने पैर से रूबी के घुटने को मसलना चालू कर दिया तो रूबी ने अपने दूसरे पैर को साहिल के पैर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगी।

साहिल रूबी की उंगली चूसता रहा। ना रूबी ने बाहर निकाली और ना ही उसने छोड़ा। साहिल ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए रूबी की आंखो में देख और अपने दूसरे पैर को सीधा करते हुए रूबी की जांघो बीच में रख दिया।

रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलते निकलते बची लेकिन उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसका गला पूरी तरह से सूख गया था। उसकी चूचियां तेजी से उछल रही थी जिसे देखकर साहिल का लंड खड़ा हो गया था।

रूबी की चूत भीग गई और हल्का हल्का रस जांघो पर अा गया था जिस पर अब साहिल के पैर की उंगलियां घूम रही थी।

साहिल:" मम्मी क्या हुआ आप ठीक तो है ?

रूबी समझ गई कि साहिल समझ गया है कि मैं पूरी तरह से बहक गई हूं इसलिए बोली:"

" हान बेटा क्यों क्या हुआ ?

साहिल ने धीरे से उंगली से चूत के पास जांघ पर दबाव दिया और बोला:"

" देखो ना मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा हैं कहीं आपने सु सु तो नहीं कर दिया ?

रूबी का मुंह लाल सुर्ख हो गया और बोली:" उफ्फ कैसी बाते करता हैं तू, इस उम्र में कोई सूसू करती हैं क्या ?

साहिल ने इस बार कपडे के उपर से उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया और बोला:"

" उफ्फ मम्मी लगता तो बिल्कुल सूसू जैसा ही हैं। देखो ना मेरा पैर कितना भीग गया हैं।

रूबी ने कसकर अपनी जांघो को बंद कर दिया और बोली:"

" कमीने वो बच्चो वाली सूसू नहीं बल्कि जवानी वाली सूसू हैं। अब तुझे कैसे समझाऊं !

साहिल:" बताओ ना मम्मी, मुझे बताओ ये क्या होता हैं ?

रूबी:" लगता हैं तेरी शादी करनी पड़ेगी अब।

साहिल:" क्या मम्मी अब क्यों शादी करनी, अब तो में आपका आधा पति बन ही गया हूं। बताओ ना मम्मी अब मुझे ?

रूबी:" चुप कर बेशर्म, ऐसे बाते अपनी मा से नहीं करनी चाहिए।

साहिल:" कल आपने मुझे अपना आधा पति बोल ही दिया था। आधी पत्नी बनकर ही बता दो।

इतना कहते हुए साहिल ने अपनी मा को आंख मार दी तो रूबी बोली:"

" उफ्फ क्या करू तेरा ?

साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, वैसे आज आपने खाने में चॉकलेट नहीं रखी ?

रूबी धीरे धीरे अब अपनी जांघों को उसके पैर पर मसल रही थी और अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"

" अच्छा मेरा बेटा आज फिर से चॉकलेट खाएगा क्या?

साहिल:" खिला दो ना मम्मी, सच में कितनी टेस्टी थी उफ़ आज तक नहीं खाई ऐसी।

रूबी खड़ी हुई और फ्रिज की तरफ चल पड़ी। चॉकलेट निकाली और जान बूझकर नीचे गिरा दी। रूबी जैसे ही चॉकलेट लेने के लिए झुकी तो दूसरे हाथ से उसने जान बूझकर अपनी ड्रेस को उपर की तरफ खींच दिया और उसकी चूत पूरी तरह से साहिल के सामने नंगी हो गई

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साहिल की तो आंखे फटी की फटी रह गईं। उफ्फ चूत बिल्कुल पूरी तरह से साफ, रूबी की दोनो जांघो के बीच में कसी हुई लेकिन पूरी तरह से रस से भीगी हुई थी। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा।

रूबी ने जानती थी कि उसका बेटा उसकी चूत देख रहा होगा इसलिए उसने चॉकलेट को उठा कर अपने हाथ में लिया और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"

" साहिल बेटा उफ्फ ये चॉकलेट पता नहीं कहां गिर गई ?

साहिल का हिलता हुआ हाथ देखकर उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो पूरी तरह से नीचे झुक गई जिससे उसकी चूत हल्की सी खुल गई। रूबी अपने एक पैर को दूसरे पर चढ़ा कर मसलने लगी और साहिल अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और सीधे रूबी के पीछे खड़ा हो गया।

रूबी समझ गई कि उसकी चाल काम कर गई है इसलिए बोली:'

" खड़ा खड़ा क्या देख रहा है ? चल चॉकलेट ढूंढने में मेरी मदद कर अब।

रूबी की चूत से निकलती हुई मादक खुशबू साहिल को पूरी तरह मदहोश किए जा रही थी और वो बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किए हुए था। साहिल रूबी के पास ही झुक गया लेकिन इस तरह से बीच बीच में उसकी नजर चूत पर पड़ रही थी।

रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई थी और आज वो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए इसलिए धीरे से चॉकलेट को खोला और दूसरे हाथ से उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। चूत की गर्मी मिलते ही चॉकलेट पिघल गई और पूरी चूत पर फैल गई। रूबी के होंठो पर कामुक स्माइल नाच उठी वहीं जैसे ही साहिल ने चूत की तरफ नजर उठाई तो उसके होश उड़ गए। उफ्फ मम्मी ने जान बूझकर अपनी चूत पर चॉकलेट रगड़ दी है ये एहसास होते ही साहिल बोला:"

" ओह मम्मी, इधर नहीं हैं रुको मैं दूसरी तरफ देखता हूं।

इतना कहकर साहिल बिल्कुल रूबी की जांघो के बीच में अा गया और रूबी की चूत से उठती हुई मादक खुशबू उसे अपनी तरफ खीच रही थी। रूबी जानती है कि साहिल उसकी चूत को देख रहा है इसलिए उत्तेजना के कारण उसकी जांघें कांप रही थी।

साहिल ने धीरे से अपना मुंह रूबी की जांघो के बीच किया और उसकी चूत से उठती हुई भीनी भीनी खुशबू को महसूस करने लगा। साहिल की सांसे अपनी चूत के आस पास पड़ते ही रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और उसने अपने घुटने जमीन पर टिकाते हुए अपनी गांड़ को पूरी तरह से उभार दिया।

साहिल ने धीरे से अपने एक हाथ से उसकी जांघ से चूत रस को लिया और बोला:"

" मम्मी फिर से आपकी जांघ भीग गई है। उफ्फ कितना चिपचिपा हैं, मम्मी क्या हैं ये ?

रूबी अपनी जांघ पर साहिल के हांथ लगते ही कांप उठी और मदहोशी से बोली:"

" आह बेटा, पता नहीं देख ना कितना निकल रहा हैं ये, शायद जवानी की सूसू।

साहिल ने धीरे से आगे होकर अपने हाथ को रूबी की चूत पर हलका सा फेर दिया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने अपनी उंगली को पूरी तरह से भिगो लिया और बोला:'

" उफ्फ मम्मी आपके तो नीचे भी दो होंठ हैं। उफ्फ ये तो उपर वाले से ज्यादा नाजुक और रसभरे है। देखो ना ये इनसे ही निकल रहा है लेकिन सूसू नहीं हैं मम्मी

रूबी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से टप टप कर रही थी इसलिए बोली:"

" हाय भगवान, मुझे भी नीचे भी होंठ हैं और आज तक पता नहीं था, बेटे ध्यान से देख कहीं कुछ और तो नहीं हैं ?

साहिल ने अब अपनी उंगली को चूत के मुंह पर रगड़ दिय तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल चूत के भगनासे को सहलाते हुए बोला;'

" उफ्फ मम्मी, होंठ ही है, बिल्कुल होंठ ही है, हाय इनसे कितनी अच्छी खुशबू आ रही है। हाय बिल्कुल चॉकलेट जैसी

इतना कहते हुए साहिल ने अपने मुंह को उसकी चूत के बिलकुल करीब कर दिया और रूबी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद करते अपनी जांघो को पूरी तरह से खोल दिया तो साहिल ने अपने होंठ सीधे रूबी की चूत पर टिका दिए और रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी

" आह साहिल, उफ्फ आह नहीं। हाय मम्मी , मेरा बेटा।
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल ने रूबी की चूत को चाटना शुरू किया तो रूबी की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपनी टांगो को पूरी तरह से खोल दिया।

साहिल ने धीरे से अपनी जीभ को अपनी मम्मी की चूत में घुसा दिया तो रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां कमरे में गूंजने लगी

" आह साहिल, ये क्या कर दिया उफ्फ , आज से तू आधा नहीं पूरा पति हैं मेरी जान। उफ्फ हाय हाय भगवान।

साहिल ने अपनी जीभ को रूबी की चूत की क्लिट पर रगड़ते हुए अन्दर बाहर करना शुरू किया तो रूबी टांगो को पटकने लगी। वो नीचे जमीन पर झुकी झुकी ही उछलने लगी। साहिल तेजी से अपनी मा की चूत चूस रहा था और दूसरे हाथ से अपने लंड को हिला रहा था।

तभी रूबी की सिसकियां तेज होने लगी और उसके जिस्म में हलचल तेज हो गई और वोह जोर जोर से उछल रही है जिससे उसकी टांगे फिसल गई और वो जमीन पर पेट के बल गिर पड़ी और साहिल उसके उपर गिर गया जिससे लंड सीधे रूबी की चूत पर लगा और सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया। रूबी की आंखे दर्द से फैलती चली गई और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह नही, सआईआई मम्मी।

इसके साथ ही उसकी चूत ने अपना रस छोड़ दिया और रूबी ने कसकर अपनी जांघं भींच ली। साहिल के लंड को पहली बार अपनी मा की चूत के होंठो की गर्मी और नरमी का एहसास हुआ और उसके लंड ने भी एक के एक पिचकारी अपनी मा की चूत में मार दी।

साहिल ऐसे ही रूबी के उपर लेता रहा और फिर रूबी ने उसे एक पलटा दिया और उठकर बाथरूम में घुस गई।

............................

रूबी भागकर बाथरूम में घुस गई और अपनी सांसे ठीक करने लगी। उसकी आंखे बंद थी और मुंह पर शर्म और हया के साथ उत्तेजना फैली हुई थी। वो यकीन नहीं कर पा रही थी कि अभी जी हुआ वो क्या एक सपना था या हकीकत। वो एक हाथ अपने जांघो पर के गई तो उसे हल्का दर्द का एहसास हुआ तो उसकी आंखो के आगे अपने बेटे का लंड घूम गया। उसके होंठ फिर से एक बार कांप उठे और उसने अपनी पर उंगली फिराकर देखा तो उसे दर्द के साथ मजे का भी एहसास हुआ। रूबी ने हिम्मत करके अपनी आंखे खोली और बाथरूम में अपनी टांगे चौड़ी करके बैठ गई। उसकी नजर जैसे ही अपनी चूत पर पड़ी तो उसे अपने बेटे का वीर्य निकलता हुआ महसूस हुआ तो रूबी का चेहरा लाल हो गया और उसने अपनी एक उंगली को वीर्य से भिगो लिया और ध्यान से देखने लगी।

उफ्फ कितना गाढ़ा वीर्य था। वीर्य से निकलती हुई खुशबू ने उसे फिर से बेकाबू कर दिया और रूबी ने अपनी आंखे बंद करते हुए अपने होंठ खोले और उंगली को मुंह में भरकर चूस लिया। वीर्य इतना स्वादिष्ट भी होता हैं उसे आज पता चला और उसने एक एक बाद दो तीन उंगली वीर्य चाट लिया और फिर अपनी चूत को पानी से पूरी तरह से साफ किया। लंड के सुपाड़े की मार से ही चूत के होंठ लाल पड़ गए थे, ये देखकर रूबी अंदर ही अंदर मुस्कुरा दी। उसने प्यार से अपनी चूत के होंठो को दो से तीन बार सहलाया और बुदबुदाई

" अब तेरा क्या होगा मेरी रानी, लगता हैं तेरी शामत आने वाली हैं जल्दी ही।

रूबी ने अच्छे से नहाया और कपडे पहनकर बाहर अा गई। साहिल भी नहा चुका था और बाहर ही सोफे पर बैठा हुआ था। रूबी उस पर नजर पड़ते हूं फिर से कांप उठी और अपनी नजरे झुकाए जाने लगीं। रूबी का चेहरा जरूर नीचे था लेकिन चेहरे पर फैली हुई स्माइल अपने आप उसकी हालत बयान कर रही थी। साहिल अपनी मा की हालत देखकर मुस्करा उठा और रूबी जैसे ही पास से गुजरी तो साहिल ने उसका हाथ पकड़ लिया और एक झटके के साथ अपनी जोड़ में खींच लिया। रूबी को ये उम्मीद नहीं थी इसलिए उसकी गोद में गिरती चली गई।

दोनो की आंखे एक पल के लिए टकरा गई और अगले ही पल रूबी ने अपना मुंह नीचे कर लिया तो साहिल बोला:"

" मम्मी क्या हुआ, मेरी तरफ देखो ना आप ?

रूबी ने बड़ी मुश्किल से अपना चेहरा उपर उठाया और बोली:".

" कुछ नहीं हुआ। बस तुझसे शर्म अा रही है मुझसे।

साहिल ने अपनी मम्मी का गाल चूम लिया और बोला:"

" मम्मी मुझसे कैसी शर्म ? मैं तो आपका बेटा हूं और अब तो आपका पूरी पति भी।

रूबी शायद ये सुनने के लिए तरस रही थी और उसका हाथ पकड़ कर उसकी आंखो में देखते हुए बोली :"

" मुझे धोखा तो नहीं दोगे तुम ?

साहिल:" मम्मी आपकी कसम आपका बेटा अपनी जान दे देगा लेकिन आपको कभी धोखा नहीं देगा।

रूबी हल्का सा साहिल की तरफ झुक गई और बोली:" हान बेटे वो तो देख ही रही हूं, एक तू ही तो हैं जो मेरी इज्जत की रक्षा कर रहा हैं।

साहिल ने अपनी मम्मी के कान के कहा:" मम्मी आपकी इज्ज़त अब मेरी इज्जत हैं। उसकी हिफाज़त करना मेरा धर्म हैं।

रूबी भावुक हो गई और अपनी बांहों को हार साहिल के गले में डाल दिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोली:"

" ठीक हैं साहिल फिर आज के बाद मेरी इज्जत, मेरा जिस्म, मेरी हर सांस मै तुझे सौंपती हूं। तू ही अब इसका रक्षक होगा।

साहिल ने आगे होकर अपनी मम्मी का माथा चूम लिया और उससे कसकर लिपट गया।

साहिल:" मम्मी आई लव यू, आज के बाद आप सिर्फ मेरी हो। बस सिर्फ और सिर्फ मेरी।

रूबी:" लव यू टू साहिल, मैं पूरी तरह से अब सिर्फ और सिर्फ तेरी हूं। बस सिर्फ तेरी रूबी।

दोनो मा बेटे ऐसे ही एक दूसरे से लिपटे रहे और रूबी धीरे से उसके कान में बोली:"

" अच्छा अब रात बहुत हो गई हैं। चल सो जाते हैं।

इतना कहकर रूबी खड़ी हो गई तो साहिल ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और बोला:"

" मम्मी आपके जवान बेटे के होते हुए आप पैदल जाए ये मेरे लिए शर्म जी की बात होगी।

रूबी उससे छेड़ते हुए बोली:"

" देख ले कहीं रास्ते में ही मत छोड़ देना मुझे, कहीं वजन ना लग जाए।

साहिल ने मुंह से कुछ नहीं कहा और सीधे रूबी को लेकर बेड पर पहुंच गया और उसे लिटाते हुए उसके बराबर में खुद लेट गया और बोला:"

" मम्मी देखा मुझे बिल्कुल भी वजन नहीं लगा। अब आप मेरी बांहों में, मेरी पनाहो में ही रहोगी।

रूबी:" अच्छा बाबा ठीक हैं। चल अब सो जाते हैं।

रूबी ने साइड से करवट लेते हुए उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो मा बेटे एक दूसरे से लिपट कर सोने लगे।

अभी रात के करीब दो बजे थे और साहिल का फोन बज उठा। साहिल उठा तो देखा कि प्रिया का फोन था। उसने एक बार अपनी मा की तरफ देखा जो आराम से गहरी नींद में सोई हुई थी इसलिए धीरे से बेड से उठा और बाहर अा गया और फोन उठाया।

साहिल:" हान प्रिया बोलो ?

प्रिया:" सॉरी रात को फोन किया लेकिन मुझे दिन में टाइम नहीं लगता।

साहिल अपनी आंख मलता हुआ बोला:"

" क्या हुआ ? सब ठीक तो हैं ?

प्रिया:" कुछ भी अच्छा नहीं हुआ, तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी। तुम यहां अनूप बनकर आए और नीरज को है बात पता चल गई। इसलिए वो जान बूझकर बेहोश होने का ड्रामा किया और तुमने दूसरी सबसे बड़ी गलती उसे अंदर लाकर कर दी। तुम्हारे बाप के अंदर इतनी ताकत नहीं है कि वो नीरज जैसे भारी आदमी को उठा सके।

साहिल को समझ आया कि उससे सच ने बड़ी गलती हो गई है और वो खुद अपने ही बनाए हुए जाल में फंस गया है। साहिल el लंबी से जम्भाई लेते हुए बोला:"

" तुम्हे कैसे पता चला ये सब ?

प्रिया:" उस दिन मै छत पर खड़ी हुई सब देख रही थी और जिसका डर था वहीं हुआ। और सबसे बड़ी जिस रवि मिश्रा को तुमने एक हफ्ते के लिए गोवा भेजा हैं वो यहीं अा गया है नीरज के फार्म हाउस पर। नीरज ने फिर से तुम्हारी कंपनी के कुछ लोगो को खरीद लिया हैं और सारा माल फिर से बदल दिया गया हैं। अब तुम चाह कर भी सैंपल पास नहीं करा सकते।

साहिल की आंखो के आगे अंधेरा सा छा गया। उसे अपनी सब मेहनत मिट्टी में मिलती हुई नजर आईं और उसने अपना सिर पकड़ लिया और सोफे पर बैठ गया।

प्रिया:" तुमने बहुत अच्छी चाल चली थी लेकिन तुम्हे सबसे बड़ा धोखा दिया हैं दुबे जी ने। वहीं तुम्हारी कंपनी में नीरज का सबसे खास आदमी हैं। एक बात ध्य आह नहीं , अहझ मम्मी

दूसरी तरफ से प्रिया की दर्द भरी आवाजे आने लगी तो साहिल एक दम से बौखला गया। वो जोर जोर से फोन पर हेल्लो हेल्लो करने लगा। लेकिन दूसरी तरफ से सिर्फ प्रिया के चिल्लाने की आवाजें अा रही थी।

दूसरी तरफ से फोन कट गया। साहिल की तेज आवाज सुनकर रूबी भी उठ गई और बाहर की तरफ दौड़ पड़ी। साहिल अब सोफे पर पड़ा हुआ था , पूरी तरह से हताश, निराश, हैरान परेशान।

रूबी उसकी हालत देखकर कांप उठी और समझ गई कि कुछ अनहोनी घट गई हैं।

रूबी:" क्या हुआ साहिल? इतनी रात को तुम किस्से बात कर रहे थे ? सब ठीक तो हैं

साहिल:" मम्मी कुछ भी ठीक नहीं हैं, नीरज को पता चल गया हैं कि मैं अनूप बनकर घूम रहा हूं। और सबसे बड़ी बात कंपनी में हमारा सारा माल फिर से बदल दिया गया हैं। दुबे भी नीरज का ही आदमी निकला बुड्ढा हरामजादा।

रूबी ने जैसे ही ये सब सुना तो वो एक झटके के साथ गिरी लेकिन साहिल ने उसे थाम लिया। रूबी बेहोश हो गई थी इसलिए साहिल तेजी से पानी लेकर आया और उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो कुछ देर के बाद रूबी ने अपनी आंखे खोल दी और साहिल से लिपट गई।

रूबी:" बेटा हम बुरी तरह फंस गए हैं। हमारे घर और कंपनी सब जगह दुश्मन भरे हुए हैं। हम ये देश ही छोड़ देते हैं और दूसरी दुनिया बसा लेंगे। मैं तुझे अब खोना नहीं चाहती।

साहिल:" मम्मी मैं आपको खोना नहीं चाहता, लेकिन हम कहां तक भाग सकते है, पहले ये देश, फिर दूसरा और उसके बाद दुनिया। नहीं मम्मी नहीं भागने वालो के पैरो के नीचे जमीन भी कम पड़ जाती हैं। मैं लड़ूंगा और यहीं जीत कर रहूंगा।

रूबी:" नहीं साहिल, अगर तुम्हे कुछ हो गया तो मैं बर्बाद हो जाउंगी।

साहिल ने रूबी का चेहरा उपर उठाया और उसके आंसू साफ किए और बोला:"

" आपका प्यार जब तक मेरे साथ है मुझे कुछ नहीं होगा। आप मुझ पर और भगवान पर भरोसा रखिए। सब ठीक हो जाएगा।

रूबी ने अपनी आंखो को साफ किया और बोली:" मैं हमेशा तेरे साथ हूं और आखिरी सांस तक रहूंगी।

साहिल:" तो ठीक हैं मम्मी, वादा करो या तो हम इस जंग में विजय होंगे या मौत हमारा मुकद्दर होगी। लाओ अपना हाथ आगे करो।

रूबी:" एक मिनट बेटा। मै अभी अाई।

इतना कहकर रूबी अपने कमरे में दौड़ गई और जल्दी ही वापिस अाई तो उसकी आंख शर्म से झुक गई थी। उसने अपना हाथ आगे बढाया तो साहिल ने उसकी मुट्ठी खोली तो देखा कि उसमें सिंदूर था। साहिल ने रूबी का चेहरा उपर उठाया और उसकी आंखो ने देखा तो रूबी के गुलाबी होंठ खुले और बोली:"

" मैं इस जंग में मा बनकर नहीं बल्कि पति बनकर तुम्हारा साथ दूंगी। एक औरत अगर अपनी पर आ जाए तो यमराज से भी अपने पति को वापिस ले आती हैं। क्या तुम्हे स्वीकार हैं ?

साहिल:" आप मेरे पत्नी बनो ये मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात होगी लेकिन दुनिया क्या कहेगी ?

रूबी;" दुनिया के सामने हम मा बेटे रहेंगे और मैं तो किसी को नहीं बताने जाऊंगी और तुम क्या कहते हो ?

साहिल ने एक बार अपनी मम्मी कि आंखो में देखते हुए स्माइल दी और साहिल ने रूबी को अपनी बांहों में समेट लिया और सोफे एक पड़े हुए चाकू को उठा कर अपने हाथ में एक कट लगाया और अगले ही पल रूबी को अपनी मांग में कुछ गर्म गर्म महसूस हुआ तो उसकी आंखे खुल गई और उसने हाथ लगाकर देखा कि उसकी मांग खून से भरी हुई हैं।

रूबी पगली दीवानी सी होकर साहिल से कसकर लिपट गई।

रूबी:" अाई लव यू साहिल

साहिल:" लव यू टू मम्मी।

रूबी:" आह, अब मम्मी नहीं सिर्फ और सिर्फ रूबी कहो मुझे।

साहिल:" आई लव यू मेरी रूबी।

रूबी:" लव यू टू मेरे साहिल। एक बार और रूबी कहो मुझे।

साहिल:" रूबी रूबी रूबी।

उसके बाद फिर से एक बार दोनो मा बेटे सारी दुनिया को भूलकर एक दूसरे की बांहों में समा गए और सब परेशानी और दुख भूलकर नींद के आगोश में चले गए।

.......................

अगले दिन सुबह रूबी जल्दी ही उठ गई और साहिल के गाल पर किस किया तो वो भी उठ गया।

रूबी:" उठ जाओ साहिल चलो जल्दी से, आज बहुत कुछ काम होगा तेरे लिए।

साहिल:" हान मम्मी, प्रिया को बचाना होगा सबसे पहले तो, अच्छा मेरे पास एक प्लान हैं, मैं आपको बताता हूं लेकिन ध्यान रखना कि ये बात सिर्फ आपके और मेरे बीच रहनी चाहिए।

रूबी ने सहमति में अपनी गर्दन हिला दी और साहिल ने उसे अपना प्लान समझाना शुरू किया। रूबी हैरान होती चली गई और बोली:"

" ठीक हैं साहिल, मैं इस पर हूं काम करूंगी।

रूबी इसके बाद में बाथरूम में घुस गई और नहा धोकर घर के काम में लग गई। शांता भी अा गई थी और घर में सफाई कर रही थी।

रूबी को लग रहा था जैसे उसके घर में कोई औरत नहीं बल्कि ज़हरीली नहीं घूम रही थी। रात साहिल ने उसे एक प्लान बताया था इसलिए वो शांत थी।

जल्दी ही नाश्ता बन गया और साहिल खाना खाकर कंपनी की तरफ चल दिया।

रूबी ने शांता को देखा और कहा:"

" मम्मी देखो ना कितने दिन हो गए आपने नए कपड़े नहीं लिए, चलिए आज मैं आज आपको नए कपड़े दिलवा देती हूं।

शांता:" अरे नहीं बेटी, रूबी उसकी कोई जरूरत नहीं हैं, अब इस उम्र में कपडे का क्या काम। जो हैं फटे पुराने उनसे ही काम चल रहा है।

रूबी:" मैंने आपको मा कहा हैं और मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता कि मेरी मा ऐसे कपडे पहने। आप जल्दी से खाना खाओ फिर चलते हैं।

शांता ने काफी ना नुकुर करी लेकिन आखिर में आकर वो रूबी की जिद के आगे झुक गई और चलने को तैयार हो गई।
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
शांता:" अच्छा ठीक हैं बेटी , मैं तब तक अपने कमरे से होकर आती हूं, तुम तैयार हो जाओ।

इतना कहकर शांता निकल गई। शांता समझ गई थी कि आज इतने सालो के बाद नए कपड़े कहीं उसके खिलाफ कोई प्लान तो नहीं हो रहा हैं। इसलिए वो अपने कमरे में अाई और उसने गेट के साथ पूरे फर्श पर एक महीन चूर्ण बिछा दिया ताकि उसे ये पता चल जाए कि उसके कमरे में कोई घुसा तो नहीं हैं उसके पीछे। उसके बाद शांता ने कमरे को बंद किया और अच्छे से ताला लगाया और बाहर की तरफ निकल गई।

रूबी गाड़ी निकाल चुकी थी और शांता उसके साथ थी। जल्दी ही दोनो एक बहुत अच्छे शोरूम के सामने थे। रूबी ने मौका देखकर साहिल को मेसेज कर दिया और शांता के साथ कपडे देखने लगी।

वहीं दूसरी तरफ साहिल रूबी के योगा सेंटर के सामने खड़ा था और बेहोश हुई लीमा उसकी गाड़ी में पड़ी हुई थी। रूबी की तरफ से सिग्नल मिलते ही वो घर की तरफ दौड़ पड़ा।

जल्दी ही उसकी गाड़ी घर के अंदर घुस गई। उसने लीमा को कंधे पर उठाया और एक कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद वो सीधे शांता के कमरे की तरफ आया ताकि उसे कुछ सबूत मिल सके।

साहिल ने देखा कि उसका दरवाजा बंद हैं जो आमतौर पर नहीं होता था। साहिल की अजीब सा लगा लेकिन उसे अंदर घुसना रहा था वो भी बिना दरवाजा खोले। अब सिर्फ खिड़की ही एक मात्र रास्ता थी इसलिए साहिल धीरे से खिड़की के सहारे अंदर दाखिल होने की कोशिश करने लगा लेकिन पूरी कोशिश के बाद भी खिड़की नहीं खुल पाई।

साहिल पसीने पसीने हो गया। उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि क्या किया जाए। तभी उसने एक प्लान किया और वो जानता था कि ये बहुत मुश्किल होगा लेकिन उसके पास कोई और रास्ता नहीं था।

साहिल अंदर से सामान लेकर आया और उसने अपना पुर दम लगाते हुए कमरे के गेट को उखाड़ना शुरू कर दिया। जल्दी ही गेट दूसरी तरफ रखा हुआ था। साहिल जैसे ही अंदर घुस रहा था तो उसे एक तेज गंध का एहसास हुआ और वो जानता था कि ये एक केमिकल पाउडर हैं जो फर्श पर बिछाया दिया जाता है ताकि कमरे में चींटी ना घुसे। लेकिन हमारे घर में तो चींटी हैं ही नहीं तो फिर शांता ने क्यों ये पाउडर बिछाया हैं।

साहिल ने अपना मोबाइल निकाला और यू ट्यूब में उस पाउडर के बारे में देखा कि आज कल उसका इस्तेमाल कहां कहां और क्यों हो रहा हैं तो साहिल समझ गया कि ये शांता ने जाल बिछा दिया है ताकि अगर उसके पीछे कोई आए तो पता चल जाए।

साहिल समझ गया कि ये शांता जरूर कोई बहुत ज्यादा चालू चीज है। अब समस्या ये थी कि अंदर कैसे घुसा जाए। साहिल ने थोड़ी देर के लिए सोचा और अगले ही उसके दिमाग में एक विचार अाया और वो एक लकड़ी का मोटा टुकड़ा लेकर आया और उसे कमरे के बाहर रखते हुए अंदर की तरफ झुक गया।

साहिल की किस्मत आज उसके साथ थी इसलिए वो सीधे बेड पर गिरा और डंडे को उसने वापिस अंदर खींच लिया।

अब साहिल ने अपना काम शुरू किया और उसे शांता के तकिए के नीचे कुछ कंडोम के पैकेट और सेक्स पॉवर की टैबलेट मिली। साहिल ने वो सब वहीं दिया और एक बैग की तरफ देखा जिसमें कुछ सामान था। कपडे और दूसरा कुछ सामान।

साहिल ने देखा कि बैग दूर था इसलिए वो खिड़की पर अंदर की तरफ खड़ा हुआ और पूरा नीचे झुकते हुए बैग को उठा लिया और फिर से बेड पर अा गया।

साहिल ने नग्यको खोल दिया और देखा उसमे कपडे थे। साहिल ने सबसे पहले कपड़ों की कुछ फोटो ली ताकि उन्हें फिर से उसी तरह सजा सके।

उसके बाद साहिल ने एक के बाद एक सभी कपड़े देखने शुरु किए और उसे कुछ खास नहीं मिला।जैसे ही उसने आखिरी कपड़ा हटाया तो उसकी नजर एक पिस्टल पर पड़ी।

साहिल को पसीना अा गया क्योकी शांता के पास पिस्टल होगी उसे ये उम्मीद नहीं थी। साहिल ने धीरे से उसे हाथ में उठा लिया और देखा कि उसकी मैगज़ीन में बहुत छोटी छोटी गोलियां भरी हुई थी। साथ ही साथ साहिल को कुछ तेज धार कटर, हाथ में पहने जाने वाले नुकीले ब्लेड, इसके साथ ही कुछ ज़हर की गोलियां मिली।

है भगवान ये तो जब चाहे हमे सबको मार सकती हैं, इसका जरूर कुछ ना कुछ सोचना पड़ेगा।

साहिल ने पिस्टल की कुछ फोटो खींच ली और फिर से बैग को बंद करके कपडे लगा दिए। साहिल ने बैग की साइड की चैन को खोल दिया और देखा कि उसमे एक डायरी पड़ी हुई थी।

साहिल ने डायरी को खोला तो उसे सबसे पहले शांता का असली रूप देखने को मिला। बेहद ही खूबसूरत, बिल्ली सी आंखो वाली, जितनी खूबसूरत उससे कहीं ज्यादा खतरनाक। हान बिल्कुल यहीं रूप उसने शांता का कल देखा था।

साहिल ने डायरी को खोला तो उसमें उसे कुछ और फोटो मिली जो शायद शांता के बाप भाई और मा की थी। भाई बहुत छोटा सा शायद 8 साल का बस। देखने से बेचारे बहुत ही सीधे और सज्जन लोग लग रहे थे और कपडे इस बात की साफ गवाही दे रहे थे कि वो एक बहुत ही अच्छे और संपन्न परिवार से ताल्लुक रखते थे।

शांता की मा के गले में पड़ा हुआ हीरो का हार, फोटो में देखने पर भी चमक कर अपनी शोभा बिखेर रहा था। साहिल ने डायरी को आगे खोला लेकिन उसमे सिर्फ एक ही लाइन लिखी हुई थी"

" पापा मैं आपके दुश्मन के घर में हूं, मैं जानती हूं कि आपने ज़िन्दगी भर अपनी मेहनत से जो इज्जत और मुकाम हासिल किया था वो सब आपसे छीन लिया गया। एक मामूली सा नौकर जिसे आपने मान सम्मान और इज्जत दिया उसने ही आपको सड़क पर लाकर छोड़ दिया गया, महल जैसे घरों ने रहने वाली मेरी मा को दर दर की ठोकरें खाने पड़ी। जब इतने से भी कहर सिंह का मन नहीं भरा तो आपके उपर गाड़ी चढ़वा कर आपको मार दिया। पापा मैं विदेश में थी और आपने मुझे बताया तक नहीं कि आपके साथ ये सब हुआ। आपके एक वफादार साथी ने हर साल मेरी पढ़ाई का खर्च उठाया और अंत में जब में इंडिया वापिस अाई तो कहीं जाकर मुझे सच्चाई का पता चला और उसने मुझे आपके द्वारा लिखी गई उस चिट्ठी को दिया जिसमे आपने अपनी बर्बादी की कहानी लिखी थी। पापा मैं उसी दिन से केहर के को बर्बाद करने पर लगी हुई हूं। केहर सिंह और उसकी पत्नी को तो मैंने उनके अंजाम तक पहुंचा दिया और अभी कुछ और लोग बाकी हैं पापा। मैं हर एक आदमी को बर्बाद कर दूंगी, तबाह कर दूंगी। ज्योति नाम हैं मेरा मतलब आग , मैं उनकी सारी दुनिया में आग लगा दुगी बाबा।

मुझे आशीर्वाद दीजिए पापा।

आपकी अभागी बेटी

ज्योति

एक के बाद हर एक पेज पर तारीख के साथ यही लिखा हुआ था। मतलब शांता का असली नाम ज्योति हैं और वो हर रोज ये बात डायरी में लिखती है ताकि भूल ना जाए।

साहिल ने डायरी के कुछ फोटो लिए और तभी उसके रूबी का मेसेज मिला कि बेटा हम निकल रहे हैं। करीब एक घण्टे में वापिस अा जाएंगे।

साहिल के पास अब समय बहुत कम बचा हुआ था। उसने सारी चीज़ें को फिर से पहले की तरह लगाया और अंत में अपने लकड़ी के डंडे के सहारे बाहर आ गया।

साहिल ने दरवाजा खोल तो दिया था लेकिन दरवाजा वापिस लागाना इतना आसान काम नहीं था। लेकिन फिर भी वो अपने काम में जुट गया। कभी इधर पेंच लगाता तो कभी उधर। उससे दरवाजा नहीं लग पा रहा था, उसकी सांस फूल गई और सारा जिस्म पसीने से भीग गया लेकिन दरवाजा नहीं लग पा रहा था।

लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और कहते हैं कि कोशिश करने वाली की कभी हार नहीं होती। अंत में उसकी मेहनत रंग लाई और दरवाजा लग गया था बस अभी कुछ पेंच लगने बाकी थे।

सिर्फ दो मिनट बच गए थे और रूबी किसी भी समय घर के अंदर अा सकती थी। साहिल ने पेंच को लगाया लेकिन उसकी चूड़ी खराब हो गई थी और जब कुछ समझ नहीं आया तो उसने जोर से एक घुसा मारा जिससे पेंच अंदर चला गया लेकिन साथ ही साथ वो साहिल के हाथ में भी घुसता चला गया।

साहिल के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और खून निकलना शुरू हो गया। साहिल ने फुर्ती से अपने दूसरे हाथ से खून निकलने वाली जगह को दबा दिया और एक नजर दरवाजे पर मारते हुए अंदर की तरफ घुस गया।

जैसे ही घर के अंदर घुसा तभी रूबी की गाड़ी मैन गेट से अंदर घुस गई। साहिल ने सुकून की सांस ली लेकिन अब खून बहना शुरु हो गया था और साहिल ने उस पर एक कपड़ा बांध लिया। धीरे धीरे खून का बहना कम हुआ लेकिन दर्द की लकीरें उसके चेहरे पर उभरकर उसके दर्द को बयान कर रही थी।

रूबी ने गाड़ी पार्क करी और शांता बाहर ही उतर गई और अपने कमरे में जाने लगी। रूबी को फिकर थी कि पता नहीं क्या हुआ होगा। लेकिन आज जिस रफ्तार से शांता अपने कमरे में जा रही थी रूबी समझ गई कि साहिल अपनी जगह गलत नहीं था, एक 70 साल की बुढ़िया इतनी तेज रफ्तार से नहीं चल सकती।

शांता ने अपना कमरा खोला और देखा कि अंदर घर में फर्श पर कोई निशान नहीं था इसका मतलब उसके पीछे घर में कोई नहीं घुसा। शांता ने कपडे एक साइड में रख दिए और अपने कमरे को ध्यान से देखने लगी लेकिन उसे कहीं कोई निशान या ऐसा सबूत नहीं मिला जिससे वो परेशान होती।

दूसरी तरफ रूबी अपनी गाड़ी से निकली और घर के अंदर घुस गई। उसकी हालत खराब थी और वो तेजी से साहिल को देखते ही उससे लिपट गई। साहिल ने उसे अपनी बांहों में भर लिया और दोनो एक दूसरे की धड़कन सुनने लगे।

रूबी:" क्या हुआ साहिल ? कुछ मिला क्या ?

साहिल:" मम्मी वो लीमा अंदर कमरे में पड़ी हुई है, और शांता के कमरे की तलाशी ले ली हैं मैने। मम्मी शांता को हम जितना खतरनाक सोच रहे थे ये तो उससे कहीं ज्यादा निकली।

रूबी साहिल के पास ही सोफे पर बैठ गई और बोली :"

" क्या हुआ ? क्या मिला मुझे सब बताओ ?

साहिल के हाथ में बंधा हुआ कपड़ा खून के कारण पूरी तरह से लाल हो गया था लेकिन उसने अपने हाथ को साइड में करके छुपा लिया था। साहिल बिल्कुल नॉर्मल होने की कोशिश कर रहा था लेकिन ना चाहते हुए भी उसके चेहरे पर दर्द की लकीरें उभर रही थी।

साहिल:" मम्मी केहर सिंह तो मेरे दादा जी का नाम हैं ना ?

रूबी चौंकते हुए:" हान बेटा, लेकिन क्या हुआ ? उन्हें मरे हुए तो बहुत साल हो गए।

साहिल:" मम्मी कहानी ये है कि दादा केहर सिंह की वजह से हुआ। कभी शांता यानी ज्योति के परिवार को केहर सिंह ने बर्बाद कर दिया था और उनकी सब दौलत पैसा लूट लिया। केहर सिंह ज्योति के पापा के यहां नौकर थे और मौका देखकर उसने उन्हें बर्बाद कर दिया और अंत में मरवा भी दिया।

ये ज्योति उस समय छोटी थी और विदेश में भी, लेकिन जब वापिस अाई इसे सब बातो का पता चला। अब उसने हमारे घर से लेकर ऑफिस हर जगह अपने आदमी भरे हुए हैं।

रूबी को जैसे लकवा सा मार गया, उसकी पलके तक नहीं झपक रही थी। मानो उसे साहिल की बताई हुई किसी बात पर विश्वास नहीं हो रहा था।

साहिल:" मम्मी ये ही सच्चाई हैं। अब वो हमे बर्बाद करने अाई हैं। मुझे लगता हैं कि लीमा, प्रिया, दुबे और नीरज सब उसके ही मोहरे हैं। जिन्हे वो अपनी मर्जी से नचा रही है।

रूबी ने बड़ी मुश्किल से अपना मुंह खोला और बोली:"

लेकिन बेटा नीरज और शांता का क्या संबंध, वो तो मेरे पीछे पड़ा हुआ है, फिर शांता कहां गई ? और ये रवि मिश्रा कौन हैं ?

साहिल:" मम्मी ये ही सब तो अब पता करना होगा।

साहिल के हाथ में फिर से तेज दर्द हुआ और इस बार जैसे ही उसके चेहरे के भाव बदले तो रूबी ने उसके चेहरे को ध्यान से देखा और बोली:"

" क्या हुआ साहिल ? तुम ठीक तो हो ?

साहिल:" हान मम्मी मैं बिल्कुल ठीक हूं।

रूबी उसके पास अा गई और उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए बोली:"

" नहीं तुम झूठ बोल रहे हो, तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो ? सच बताओ

साहिल:" नहीं मम्मी, कुछ नहीं हुआ, सब ठीक तो है।

रूबी ने ध्यान दिया तो देखा कि बड़ी देर से साहिल का एक हाथ अपनी जगह से नहीं हिला हैं तो उसे शक हुआ और वो खड़ी हो गई। साहिल शायद समझ गया और वो बोला:"

" मम्मी मैं बाथरूम होकर आता हूं।

इतना कहकर उसने हाथ को फिर से पीछे किया और चलने लगा तो रूबी किसी शेरनी की तरह उसकी तरफ झपटी और उसे पकड़ लिया और उसका हाथ देखते ही रूबी तड़प उठी

" है भगवान, साहिल ये क्या हो गया तुम्हे, दिखाओ मुझे क्या हुआ हैं ?

साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, मैं ठीक हूं, आप परेशान मत हो, मामूली सी चोट हैं।

रूबी की आंखो से आंसू निकल आए और वो लगभग रोते हुए बोली:" पागल तो नहीं हो तुम, लाओ मुझे दिखाओ।

इतना कहकर उसने साहिल के हाथ में बंधा हुआ कपड़ा खोल दिया और उसका जख्म देखते ही उसका दिल रो पड़ा।

रूबी:" उफ्फ, कितना बड़ा जख्म हैं, कैसे हुआ ये सब ? रुक मैं पट्टी कर देती हूं तुझे।

इतना कहकर रूबी अपने कमरे की तरफ दौड़ी और पट्टी लेकर बाहर अाई लेकिन तभी बैल बज गई। रूबी समझ गई कि शांता अा गई है इसलिए वो वापिस आने को मजबूर थी।

रूबी:" लगता हैं कुतिया अा गई फिर से, बेटा लीमा कहां है ?

साहिल:" मम्मी वो सामने वाले कमरे में बंद हैं।

रूबी:" तुम ये पट्टी लो और लीमा को उठाकर अपने बाप के पास तहखाने में ही बंद कर दो। ये कमीनी इस समय पूरे घर की सफाई करती हैं। बंद कमरा देखकर शक ना कर ले और तुम्हे भी इस समय घर नहीं होना चाहिए।

साहिल को अपनी मा की बात ठीक लगी और उसने जल्दी से कमरा खोला और लीमा को उठाकर तहखाने में घुस गया।

अंदर लीमा को देखते ही अनूप गुस्से से पागल हो गया और उसने एक जोरदार थप्पड़ उसे जड़ दिया तो दर्द के मारे लीमा की आंख खुल गई और वो अपने सामने अनूप को देखकर कांप उठी।

अनूप:" साली रण्डी, मुझे बर्बाद कर दिया तूने, मार डालूंगा तुझे। मुझे नामर्द बना दिया।

अनूप गुस्से से चिल्लाते हुए लीमा को पीटने लगा तो साहिल ने उसे अलग किया और बोला:"

" बस कर अनूप, नहीं तो तेरा मुंह तोड़ दूंगा।

अनूप की सिट्टी पित्ती गुम हो गई वहीं लीमा ये देखकर हैरान हो गई कि साहिल अपने बाप से किस तरह बात करता है। उसकी बिल्कुल इज्जत नहीं करता इसका मतलब साफ है कि अनूप अपने परिवार की नजरो में गिर चुका है।

अनूप :" लेकिन बेटा तू ही पूछ इससे मैने क्या बिगाड़ा था इसका ?क्यों इसने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी।

साहिल:' बकवास बंद करो तुम, तुम खुद ही अपनी बर्बादी के लिए जिम्मेदार हो।

अनूप चुप हो गया और साहिल दे हाथ में लगे हुए जख्म को देख कर बोला:"

" ये तुम्हे क्या हो गया बेटा ? कैसे चोट लग गई ?

साहिल:" तुम्हारे ही कर्मो कि सज़ा भुगत रहा हूं मैं। चुपचाप आराम से रहो तुम। नहीं तो तुम्हारा वो हाल करूंगा कि आवाज नहीं निकल पाएगी।

साहिल ने अपनी जेब से पट्टी निकाली और अपने हाथ पर लपेटने लगा लेकिन उससे ठीक से नहीं हो पा रही थी तो लीमा आगे आते हुए बोली:"

" मुझे दो, मैं बांध देती हूं। तुमसे खुद नहीं बंध पाएगी।

साहिल ने कुछ नहीं बोला और लीमा ने उसके हाथ से पट्टी ली और उसके जख्म पर करनी शुरू कर दी। साहिल ध्यान से लीमा के चेहरे को देख रहा था और सोच रहा था कि इस औरत को मैंने पिछले तीन दिनों से बंद करके रखा हुआ था और आज उसके बाद भी ये मुझे पट्टी कर रही हैं जरूर कहीं ना कहीं उसके अंदर इंसानियत बाकी हैं।

जल्दी ही लीमा ने उसके हाथ में पट्टी बंद दी और साहिल थोड़ी देर के लिए वही पड़ी हुई कुर्सी पर बैठ गया।

साहिल:" अच्छा लीमा एक बताओ, मुझे लगता हैं कि तुम एक बुरी लड़की नहीं हो, फिर तुमने ये सब क्यों किया ?

लीमा का चेहरा बिल्कुल भावहीन हो गया और छत की तरफ देखने लगी। साहिल ने फिर से कहा:"

" लीमा बताओ तुमने ये सब क्यों किया? अपनी मर्जी से तुम ये सब नहीं कर सकती, पैसा का तुम्हे लालच है क्या या फिर कोई और बात हैं ?

लीमा फिर से उसी तरह खामोश रही मानो उसने कुछ सुना ही नहीं था। साहिल ने एक बार उसकी आंखो के आगे अपना हाथ घुमाया और बोला:"

" मैं तुमसे ही बात कर रहा हूं। कुछ तो बोलो तुम लीमा

लीमा के अपनी नजरे उपर उठाई तो देखा कि उसकी आंखे भीगी हुई थी। और देखते ही देखते उसकी रुलाई फूट पड़ी और उसके चेहरे पर दर्द साफ उभर आया।
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल:: रोना बंद करो तुम प्लीज़, मुझे बताओ क्या बात हैं? क्यों तुम ये सब कर रही हो ? किसके कहने पर तुमने ये सब किया ?

साहिल ने रोते रोते अपने दोनो हाथों को साहिल के आगे जोड़ दिया और बोली:"

" मैं बहुत मजबूर हूं, आपको कुछ नहीं बता सकती। लेकिन अपने ये सब अपनी खुशी या पैसे के लिए नहीं बल्कि मजबूरी में किया हैं।

साहिल ने उसे ज्यादा जोर देना सही नहीं समझा और चुप बैठ गया। उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि इसकी आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जिसके चलते ये इतना सब कुछ कर गई।

चुप बैठा हुआ अनूप अचानक से फट पड़ा और बोला:"

" कमीनी तेरी कोई मज़बूरी नहीं हो सकती, तूने ये सब सिर्फ पैसे और मस्ती के लिए किया हैं।

साहिल ने एक जोरदार थप्पड़ अनूप को जड़ दिया और बोला:"

" तुझसे किसने बोलने को कहा ? साले तेरे वजह से इतना बड़ा ड्रामा हुआ हैं। कुछ पता हैं तुझे चल क्या हैं तेरे परिवार के साथ ?

अनूप पूरी तरह से बे इज्जत हो गया था इसलिए कुछ नहीं बोला और आराम से बैठा हुआ अपना गाल सहलाता रहा। लीमा एक बात साफ समझ गई थी साहिल अपने बाप को पसंद नहीं करता और उसे भी यहां बंद किया गया हैं।

साहिल सोच में डूब गया और रूबी के फोन का इंतजार करने लगा।

साहिल के जाते ही रूबी ने दरवाजा खोल दिया और शांता अंदर अा गई। रूबी उसे देखकर एक पल के लिए तो डर गई लेकिन अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि साहिल घर के अंदर ही हैं और जरुरत पड़ने पर कभी भी अा सकता हैं।

शांता ने झाड़ू उठाई और काम शुरू कर दिया। सफाई करते हुए बोली:"

" बेटी रूबी तुम मेरे लिए अब इतना खर्च मत किया करो। मुझे अच्छा नहीं लगता ये सब।

रूबी:" कैसी बात करती है आप ? बेटी भी कहती हैं और ध्यान रखने से मना भी करती हो।

शांता:" ये बात नहीं हैं। मैं कैसे तुम लोगो का ये कर्ज उतार पाऊंगी। मैं गरीब इस लायक नही हूं बेटी। ।

रूबी का मन तो कर रहा था कि वो पत्थर उठा कर उसके सिर में मार दे लेकिन वो स्माइल करते हुए बोली:"

" मा और बेटी में कोई कर्ज नहीं होता। आपने अपनी सारी उम्र हमारे लिए ही कुर्बान कर दी तो हमारा भी तो कुछ फर्ज़ बनता हैं ना आपके लिए।

शांता ने इस बार ध्यान से रूबी के चेहरे को देखा तो उसे मासूमियत और भोलापन नजर आया और उसके दिमाग में कहीं ना धमाका सा हुआ कि ये सच में एक अच्छी और भली औरत हैं। क्या मै उसके साथ सही कर रही हूं ?

तभी उसका दिल नफरत से भर गया और सोचने लगी कि मेरे बाप , मा और भाई भी तो नेक इंसान थे, उनके साथ भी तो गलत हुआ। मुझे अपने बदला पूरा करना हैं और ये सब मेरे दुश्मन हैं और दुश्मन अच्छा या बुरा नहीं होता सिर्फ और सिर्फ दुश्मन होता हैं।

रूबी:" क्या हुआ मा? किस सोच में खो गई आप ?

शांता जैसे सपने से जागी और बोली:" कुछ नहीं मुझे अपनी बेटी की याद आ गई थी। वो होती तो बिल्कुल ऐसी तरह मेरा ध्यान रखती।

रूबी हिम्मत करके आगे बढ़ी और शांता का हाथ पकड़ते हुई बोली:"

" क्या मैं आपकी सगी बेटी नहीं हूं ? क्या मेरे प्यार में कोई कमी हैं क्या ?

शांता पूरी तरह से पिघल गई और उसकी आंखे भर आई तो रूबी ने उसके आंसू साफ किए और बोली:'

" बस मा बस। मैं जमीन आसमान एक कर दूंगी, आपकी बेटी को ढूंढने के लिए, दुनिया में किसी भी कोने में हो होगी मैं लेकर आऊंगी l।

दोनो ना चाहते हुए भी एक दूसरे के गले लग गई। दोनो जानती थी कि हम एक दूसरे की दुश्मन हैं और ऐसा उनके चेहरे पर आए गुस्से के भाव से साफ महसूस हो रहा था कि मानो दो ज़हरीली नागिन आपस में लिपटी हुई हो।

शांता जहां रूबी के अच्छे व्यवहार से प्रभावित थी वहीं दूसरी रूबी आज जान गई थी कि आज तक जिस दौलत और शोहरत की ज़िन्दगी वो जी रही है उसकी असली हकदार शांता यानी ज्योति थी। रूबी को कहीं ना कहीं अपने परिवार मतलब अपने ससुर के लिए पर पछतावा हो रहा था।

तभी शांता की आंखे लाल हो गई और चेहरा कठोर होता चला गया और वो एक झटके के साथ रूबी से अलग हो गई और झाड़ू लगाने लगी।

रूबी भी बिना कुछ बोले किचेन में घुस गई और खाना बनाने लगी। रूबी को साहिल की बहुत फिक्र हो रही थी। उसने खाना बनाया और शांता को अपने पास बिठाकर खिलाया।

शांता खाना खाकर फिर से अपने कमरे में चली गई। रूबी ने साहिल को फोन किया तो साहिल तहखाने से बाहर निकला और घर के अंदर अा गया।

साहिल के साथ अनूप भी बाहर अा गया था । ये देखकर रूबी गुस्से से भर उठी और बोली:"

" साहिल तुम इसे क्यों बाहर निकाल लाए ? इसे वहीं सड़ने दो अंदर ही।

अनूप आगे बढ़ा और रूबी के पैरो में गिर पड़ा और माफी मांगते हुए बोला:"

" बस मुझे माफ़ कर दे रूबी, मुझे अपने किए पर बहुत पछतावा है, अब देखना मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा।

रूबी: दूर हटो मुझसे, तुम कुछ नहीं कर सकते, तुम फिर से मुझे उस नीरज के हाथ सोने के लिए मजबूर करोगे।

अनूप:" नहीं , अब ऐसा कुछ नहीं होगा। मेरी आंख पर पड़ी हुई पट्टी अब हट चुकी हैं और मुझे सब कुछ साफ़ साफ़ नजर आ रहा है।

रूबी कुछ बोलती उससे पहले ही साहिल ने उसे इशारे के कुछ समझाया और रूबी बोली:"

" ठीक हैं लेकिन सोच लेना ये तुम्हारे लिए आखिरी मौका होगा।

अनूप:" मैं अपनी जान दे दूंगा लेकिन तुझे कुछ नहीं होने दूंगा।

साहिल:" मम्मी बहुत तेज भूख लगी है। खाना खाया जाए ?

रूबी:" खाना तैयार हैं। तुम दोनो बैठो। मैं खाना लगा देती हूं।

थोड़ी देर बाद ही खाना लग गया और तीनो साथ ने बैठकर खाना खाने लगे।

......................
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
अनूप ने आज काफी दिनों के बाद बाहर की हवा में सांस ली और काफी अच्छा महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर एक पश्चाताप साफ तौर से झलक रहा था और खाना खाते हुए भी उसकी आंखो भर भर कर अा रही थी और बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा था।

जैसे तैसे उसने खाना खाया और तब तक साहिल और रूबी भी खाना खा चुके थे। जैसे ही रूबी खाना खाकर उठी तो अनूप फिर से उसके पैरो में लेट गया और दोनो हाथ जोड़ते हुए रो पड़ा

" मैं तुम्हारा बहुत बड़ा गुनहगार हूं रूबी, पति का फर्ज होता हैं कि अपनी पति की रक्षा करे और बेटे को सही आचरण सिखाए। लेकिन मैं ना तो एक अच्छा पति बन पाया और ना ही एक अच्छा बाप।

अनूप की आंखो से निकल कर आंसू रूबी के पैरो को भिगोने लगे। आखिर कर रूबी भी एक औरत थी कोई पत्थर तो नहीं। उसका दिल पसीज गया और उसने अनूप को उठा कर सीधा खड़ा किया लेकिन फिर भी अनुप की नज़रे नीचे ही झुकी हुई थी। शायद उसके अंदर अपनी ही पत्नी से आंखे मिलाने की हिम्मत खत्म हो गई थी।

रूबी:" बस करो अनूप, मैंने तुम्हे माफ कर दिया। अब आगे से तुम ऐसी कोई गलती मत करना, मुझे उम्मीद हैं कि अब तुम मेरा और साहिल का साथ दोगे ताकि हम जीत सके।

अनूप ने पहली बार अपना चेहरा उपर उठाया और रूबी की आंखो में देखा और बोला:"

" रूबी मैं अब हर तरह से तुम्हारे और साहिल के साथ हूं, मैं अपना फ़र्ज़ पूरा करूंगा चाहे इसके लिए मेरी जान ही क्यों ना चली जाए।

साहिल के अंदर भी भावनाए थी और वो जानता था कि उसके बाप को एक पूरी सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया हैं इसलिए कहीं ना कहीं उसके दिल में अपने बाप के लिए हमदर्दी थी लेकिन जैसा उसने रूबी के साथ किया खासतौर से नीरज के साथ सेक्स करने के लिए दबाव डाला इसके लिए वो उसे कभी माफ नहीं करेगा।

साहिल आगे आया और उसने अपना हाथ अनूप की तरफ बढ़ा दिया रूबी भी पीछे नहीं थी। तीनो के हाथ मिल चुके थे और मकसद सिर्फ इस जंग को जीतना।

रूबी बर्तन लेकर किचेन चली गई और साहिल ने एक एक करके अब तक हुई सारी बाते अनूप को बताना शुरू कर दिया कि किस तरह से वो अनूप बनकर नीरज के पास गया और प्रिया की कहानी और अंत में उसने ज्योति के बारे में भी बताया।

अनूप एक एक बात ध्यान से सुन और समझ रहा था। साहिल ने जितने अच्छे से उसे समझाया वो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी।

अनूप:" जहां तक मैं दुबे को जानता हूं वो बुरा आदमी नहीं हो सकता। मुझे तो लगता हैं कि पूरी कंपनी में एक वहीं आदमी हैं जिस पर मैं आंख मीच कर भरोसा कर सकता हूं।

साहिल:" ठीक हैं और रवि मिश्रा के बारे में क्या ख्याल हैं ?

अनूप:" रवि मिश्रा के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं कह सकता लेकिन जैसे प्रिया ने बताया हैं उससे शक तो पैदा होता हैं।

साहिल:' ठीक हैं हमे अब सबसे पहले प्रिया को बचाना होगा, अगर वो सच बोल रही है तो उसकी जान को खतरा होगा।

अनूप:" ठीक हैं लेकिन उसके लिए करना क्या होगा ?

साहिल:" सबसे पहले तो हमे नीरज का शक दूर करना होगा कि मैं अनूप बनकर घूम रहा था। उसके लिए आपको वहां जाना होगा और आपके साथ मैं भी जाऊंगा। लेकिन थोड़ी सी ही देर बाद मैं वहां से निकल जाऊंगा और पीछे के रास्ते से उसके घर में घुस जाऊंगा।

अनूप:" लेकिन बेटा ये काम बहुत ज्यादा खतरनाक हैं, तुम अभी नीरज को ठीक से नहीं जानते हो।
तुम्हारी जान को खतरा हैं।

साहिल:" अगर हमने कुछ नहीं किया तो वैसे भी कौन सा हमारी जान बच जाएगी।

अनूप:" ठीक हैं बेटा, कब करना हैं फिर ये काम ?

साहिल:" अभी थोड़ी देर बाद हम दोनों घर से साथ में जाएंगे ताकि अगर ज्योति भी नीरज के साथ हैं तो उसे भी पता चल जाएगा कि हम दोनों अलग हैं एक नहीं।

अनूप:" ठीक हैं मैं गाड़ी निकालता हू, तुम आओ जल्दी से बाहर।

इतना कहकर अनूप बाहर चला गया और साहिल ने किचेन में काम कर रही अपनी मा को पीछे से अपनी बांहों में भर लिया तो रूबी ने पलट कर उसे देखा और बोली:"

" ओह तुम हो मैं तो डर ही गई थी कि कहीं अनूप तो नहीं हैं ?

साहिल:" अरे अनूप भी तो तुम्हारा पति ही है, उससे क्या डरना तुम्हे ?

रूबी एक झटके के साथ पलट गई और साहिल के होंठो पर उंगली रख कर बोली:"

" फालतू बात नहीं, अनूप कुछ नहीं लगता मेरा, अब तो मेरे सब कुछ तुम्हीं हो बस। बाहर क्यों निकाला उसे तुमने ?

साहिल रूबी जी की बात सुनकर खुश हुआ और उसके होंठ चूमकर बोला:"

" मम्मी उसका बाहर आना जरूरी था, एक तो हमे कोई साथी चाहिए था, दूसरा उसके और भी बहुत काम होंगे।

इतना कहकर साहिल ने रूबी को कुछ समझाया और बोला:"

" अच्छा मैं और अनूप नीरज के यहां जा रहे हैं, ताकि प्रिया का पता चल सके। अगर वो किसी मुसीबत में फंस गई तो दिक्कत हो जाएगी।

रूबी:" साहिल मत जाओ तुम, प्रिया कभी हमारा साथ नहीं से सकती।

साहिल:"मम्मी आप ये बात कैसे कह सकती हो ?

रूबी ने साहिल को कुछ समझाया और साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। साहिल को आज पहली बार एहसास हुआ कि उसकी मा किसी जासूस से कम नहीं। वो जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक।
साहिल खुश होते हुए बोला:"

"ओह मेरी रूबी तुम तो बहुत तेज निकली, तुमने एक ही पल ने हमारे सारे दुश्मनों की पोल खोल दी। सबके चेहरे बेनकाब हो गए।

रूबी अपने तारीफ सुनकर खुश हुई और बोली:'

" साहिल ये सब तो तेरी वजह से हो रहा हैं। तेरे साथ रह रह कर मैं भी थोड़ा बहुत कुछ सीख गई हूं।

इतना कहकर रूबी ने आगे बढ़कर साहिल के होंठ चूम लिए तो साहिल भी रूबी के होंठ चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"

" मम्मी एक बात बोली वैसे आपको ?

रूबी:" हान बेटा, बोलो ना

साहिल थोड़ा सा बाहर की तरफ आने लगा और किचेन के दरवाजे में आकर बोला:"

" आपके नीचे के होंठ उपर वालो से ज्यादा टेस्टी हैं।

रूबी साहिल की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"

" कितने बिगड़ गए हो तुम , आज रात को तुम्हे ठीक करती हूं, जल्दी वापिस आना तुम ।

इतना कहकर रूबी ने साहिल को एक बेहद कामुक स्माइल दी तो साहिल भी स्माइल करते हुए बोला

" क्या कल की तरह चॉकलेट खाने के लिए मिलेगी ?

रूबी:" हान चल अब जल्दी आना, मैं कोई चॉकलेट नहीं खिलाने वाली तुझे।

साहिल ने फिर से अपनी मा को बाय किया और बाहर की तरफ निकल गया।

अनूप और साहिल दोनो गाड़ी में बैठ गए और जल्दी ही गाड़ी नीरज के घर के बाहर खड़ी हुई थी। गेट खुला और गाड़ी घर के अंदर दाखिल हो गई। आने से पहले ही अनूप ने उसे कॉल करके बता दिया था कि उसके बेटे को उधर कुछ काम हैं इसलिए अा रहा हूं अपने बेटे के साथ।

नीरज बाहर ही खड़ा हुआ था। साहिल ने दिखावे के लिए उसके पैर छुए और बोला:"

" कैसे हैं अंकल आप ?

नीरज:" ठीक हूं बेटा, आज बहुत दिनों के बाद आए।

साहिल:" बस मैं अपनी पढ़ाई में लगा रहता हूं। इसलिए टाइम नहीं मिलता ।
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
नीरज के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" अच्छा चलो पढ़ना भी चाहिए। अरे अनूप मेरे भाई आओ तुम तो गले लग जाओ।

अनूप को आज नीरज पर बहुत गुस्सा अा रहा था लेकिन फिर भी मौके को समझते हुए वो नीरज के गले लग गया।

साहिल:" अच्छा आप लोग बाते कीजिए, मुझे जाना होगा , कुछ काम हैं मुझे।

नीरज:" अरे रुको साहिल, मैं ड्राइवर को बोल देता हूं, वो तुम्हे छोड़ देगा।

साहिल:" नहीं उसकी जरूरत नहीं, मुझे तो बस पास में ही जाना हैं।

इतना कहकर साहिल निकल गया और नीरज बोला:"

" और बताओ अनूप टेंडर का काम कैसा चल रहा हैं ?

अनूप:" बस सब ठीक हैं आपकी दुआ से, लगता हैं कि इस बार बात बन सकती हैं।

नीरज पैग बना चुका था इसलिए अनूप की तरफ बढ़ाते हुए बोला:"

" अरे यार जब हम हैं तो क्या दिक्कत हैं तुम्हे ? लो पहले मूड बनाओ फिर बात करने में मजा आएगा।

शराब अनूप की कमजोरी बन गई थी इसलिए वो चाहकर भी मना नहीं कर पाया और पैग पीने लगा। दो घूंट अन्दर जाते ही अनूप को मजा आने लगा और बोला:*

" हान तो तुम क्या बोल रहे थे नीरज मेरे भाई , तुम मेरे भगवान हो यार।

नीरज:" अरे भाई तुम्हारा काम तो बन ही जाएगा लेकिन मेरे काम का क्या होगा ?

अनूप: हुक्म करो मेरे मालिक, क्या करना होगा मुझे ?

नीरज:" यार अनूप तुम तो जानते ही हो मुझे रूबी कितनी पसंद हैं, एक रात के लिए मना लो ना यार उसे तुम।

अनूप:" अरे यार अब तो उसकी मा भी मान जाएगी, पता हैं क्यों क्यों क्योंकि उसकी किस्मत खराब निकली, मैं नामर्द बन गया हूं और मेरा अब खड़ा नहीं होता।

इतना कहकर अनूप जोर जोर से हंसने लगा तभी उसकी आंखे गीली हो गई और बोला:*

" भाई मेरी जिंगड़ी बर्बाद हो गई, उधर रूबी वो विटामिन सिरप पीकर सेक्स के लिए पागल हो गई है। लगता तुम्हारा काम तो बन जाएगा लेकिन मैं अब कभी उसकी मखमली चूत का आनंद नहीं ले सकुंगा।

नीरज:" अरे यार तुम परेशान मत हो, मैं ना भाई, मेरे पास ऐसी गोली हैं कि नामर्द भी पूरा मर्द बन सकता हैं।

इतना सुनते ही अनूप नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई मुझे वो गोली दे दो, तुम्हे उसकी चूत तो क्या गांड़ भी दिलवा दूंगा मैं।

नीरज:" बहुत बढ़िया। ये हुई ना यारो वाली बात। आज तुम पहले गोली का कमाल देखो।

नीरज ने अपनी जेब से एक गोली निकाल कर अनूप की तरफ बढ़ा दी और अनूप उसे खा गया। देखते ही देखते अनूप के जिस्म में आग बढ़ने लगी। आंखे लाल होती चली गई और आज कई महीनों के बाद उसके लंड ने अंगड़ाई ली और देखते ही देखते तनकर खड़ा हो गया।

अनूप को लग रहा था मानो उसका पुनर्जन्म हो गया है। वो खुशी के मारे नीरज के पैरो में गिर पड़ा और बोला:"

" भाई तुमने मुझे फिर से मर्द बना दिया। तुम मेरे भगवान हो भाई।

नीरज:" नहीं अनूप ऐसा मत कहो, मैं सिर्फ तुम्हारा अच्छा दोस्त हूं, तुम्हे ये गोली लगातार एक महीने खानी होगी तभी जाकर तुम फिर से मर्द बन सकते हो। लेकिन इसके लिए तुम्हे मेरा एक काम करना होगा।

अनूप:" बोलो ना भाई मुझे क्या करना होगा ? जान भी दे दूंगा तुम्हारे लिए तो।

नीरज:" तुम्हे रूबी को बेहोश करके उसके नंगी की वीडियो बनानी होगी और मुझे देनी होगी।

अनूप पूरी तरह से नीरज का गुलाम हो गया था इसलिए बोला:"

" भाई कर दूंगा, ये तो बहुत आसान काम हैं मेरे लिए।

नीरज:" अच्छा ठीक हैं फिर तुम ये गोली लो जिससे वो बेहोश हो जाएगी। फिर आराम से तुम्हारा काम हो जाएगा।

अनूप ने हाथ आगे बढ़ाकर गोली को पकड़ लिया और बोला:"

" भाई अब देखना मैं तुम्हारे लिए क्या क्या करता हूं।

नीरज:" आओ तुम्हें एक और तोहफा देते है हम आज।

अनूप नीरज के पीछे पीछे चल पड़ा। घर के अंदर उसे एक कमरे में ले गया। अनूप ने देखा कि वहां एक कम उम्र करीब 19 साल की एक सुंदर सी लड़की बैठी हुई थी।

नीरज:" चंपा ये हमारे दोस्त हैं, आज इनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

इतना कहकर नीरज ने अनूप को इशारा किया और बाहर की तरफ निकल गया। चम्पा ने अपने जिस्म पर से चादर हटाई तो अनूप का लंड उछल पड़ा। चम्पा बिल्कुल नंगी थी।

अनूप ने अपने कपड़े उतार फेंके और चंपा के उपर टूट पड़ा। देखते ही देखते उसका लंड चंपा की चूत में घुस गया और अनूप पूरी ताकत से उसे चोद रहा था और चंपा की दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।

दूसरी तरफ साहिल बाहर निकला और पीछे की दीवार पर चढ़कर नीरज के घर में घुस गया। वो दबे पांव आगे बढ़ते हुए गैलरी में पहुंच गया और उसकी किस्मत अच्छी थी गैलरी में अच्छा खासा अंधेरा था। साहिल प्रिया को ढूंढना चाहता था कि कहीं वो सचमुच किसी मुसीबत में तो नहीं फंस गई। वैसे आज जो उसे रूबी ने बताया था उससे एक बात साफ थी प्रिया झूठ बोल रही थी लेकिन फिर भी साहिल अपनी तरफ से पूरी तसल्ली कर लेना चाहता था। साहिल को पता था कि उसके बाप अनूप ने बाहर नीरज को अपनी बातो में उलझा रखा होगा इसलिए वो जानता था अभी अंदर ज्यादा खतरा नहीं होगा।

वहीं दूसरी तरफ नीरज ने कमरे में एक ऑटोमैटिक कैमरा लगा दिया था और सेक्स करते हुए अनूप की वीडियो रिकार्डिंग हो रही थी। साहिल गैलरी में धीरे धीरे बढ़ रहा था तो उसके कानों में किसी लड़की के सिसकने की आवाज पड़ी। साहिल समझ गया कि अंदर चुदाई चल रही है। उसे लगा कहीं ये प्रिया तो नहीं हो सकती इसलिए उसने धीरे से दीवार के सहारे चढ़कर अंदर देखा तो उसकी आंखे हैरत से फट गई।

अनूप उसका बाप एक कमसिन लड़की को चोद रहा था।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अनूप चुदाई कैसे कर सकता है और उससे भी ज्यादा हैरानी इस बात की थी वो तो यहां मेरा साथ देने आया था।

तभी साहिल की नजर कमरे में लगे हुए कैमरे पर पड़ी तो उसकी समझ में थोड़ा कुछ अा गया कि ये जरूर अनूप फिर से नीरज के जाल में अा गया है। साहिल ने अपने मुंह पर कपड़ा लपेट लिया और अंदर घुस गया।

उसे देखते ही अनूप की गांड़ से धुवां निकलने लगा और साहिल ने सबसे पहले लड़की को बेहोश किया और फिर साहिल ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कैमरे के रोल को निकाल लिया।

साहिल को अनूप को लेकर बाहर अा गया और समझाया कि वो नीरज को फोन करके बताए कि उसे लड़की ने बहुत मजा दिया और अब मैं घर जाना चाहता हूं।
उसके बाद साहिल जिस रास्ते से आया था उसी से वापिस चला गया। बेचारा साहिल आया था प्रिया के बारे में पता करने लेकिन अपने बाप के फिर से लवडू बन जाने के चलते उसे वहां से निकल जाना ही बेहतर लगा।

साहिल बाहर सड़क पर खड़ा था और अंदर जाने का वेट कर रहा था। वहीं अनूप रंगे हाथों पकड़ा गया था और बुरी तरह से डर गया था लेकिन वो जानता था साहिल उसका अपना खून हैं इसलिए उसे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

अनूप ने नीरज को कॉल किया तो नीरज भी बाहर अा गया, उसने अभी अपने जिस्म पर सिर्फ एक टॉवेल बांधा हुआ था और उसकी लाल हो रही आंखे साफ बता रही थी कि वो अंदर चुदाई में लगा हुआ था।

नीरज:" अरे रुको यार, यहीं रात रंगीन करो, अपनी नई मर्दानगी का मजा लो।

अनूप:" नहीं यार फिर कभी पूरी रात के लिए आऊंगा। आज तो जाना पड़ेगा लेकिन आज तुमने मेरे ऊपर सबसे बड़ा एहसान किया हैं। मैं तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे सकता हूं फिर एक रात क्या हैं लेकिन आज नही।

नीरज:" चलो कोई बात नहीं, आज नहीं तो फिर कभी, लेकिन मेरा वो काम हो जायेगा ना?

अनूप:" आज ही रात को कर दुगा, कल सुबह तक तुम्हे रूबी की नंगी की वीडियो मिल जाएगी। अच्छा मैं चलता हूं साहिल बाहर मेरा इंतजार कर रहा है।

इतना कहकर अनूप बाहर अा गया और साहिल उसे बाहर ही मिल गया। दोनो घर की तरफ चल पड़े। आपस में कोई बात नहीं, जहां अनूप के मन में डर था वहीं साहिल के दिल में आज अपने बाप के लिए एक नफरत पूरी तरह से भर गई थी।

रात करीब 11 बजे के आस पास दोनो घर पहुंच गए तो दो जोड़ी आंखे उन पर जमी हुई थी। एक तो शांता और दूसरी रूबी।

रूबी साफ़ साफ़ देख रही थी कि किस तरह से शांता दोनो को नफरत और गुस्से से देख रही थी।गाड़ी पार्क करने के बाद दोनो घर के अंदर घुस गए। साहिल , रूबी और अनूप तीनो कमरे में बैठे हुए थे और रूबी ये जानने के लिए बेचैन थी कि वो करके क्या आए हैं ?

साहिल उठा और उसने अनूप की जेब से एक छोटा सा ऑडियो रिकॉर्डर निकाला तो अनूप को लगा कि उसने ऑडियो रिकॉर्डर नहीं बल्कि यमराज देख किया हैं। साहिल ने टेबल पर रिकॉर्डर को रखा और अनूप का सारा जिस्म डर के मारे पसीने से भीग गया।
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04-14-2021, 12:43 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
स्पीकर पर नीरज और अनूप की आवाज उभर रही थी और उनके बीच हुई बातचीत साहिल और रूबी दोनो सुन रहे थे।

जैसे ही सिरप के बारे में बात अाई कि उसका असर अब रूबी पर हो रहा होगा तो रूबी समझ हुई कि जरूर सिरप में कुछ ऐसी चीज थी जो उसके अंदर वासना को बढ़ा रही थी।

उसके बात धीरे धीरे बात आगे बढ़ी और जैसे ही नीरज ने कि आवाज की आवाज उभरी कि तुम ये गोली रूबी को खिला देना और उसकी नंगी की वीडियो मुझे बनाकर देना तो रूबी की आंखे गुस्से से लाल होकर दहकने लगी और उसने अपनी जूती निकाल कर बिना कुछ सोचे समझे अनूप को पीटना शुरू कर दिया।

अनूप:" आह रूबी मेरी पूरी बात तो सुनो, ये सब उसकी चाल थी मैं समझ गया था, तुम मुझे गलत समझ रही हों ।

रूबी बिना रुके एक के बाद एक मारती रही और गुस्से से लगभग फुफकारते हुए बोली:"

" कुत्ते, हरामजादे तू कुत्ते की वो पूंछ हैं जो कभी सीधी नहीं हो सकती। आज तुझे ज़िंदा नहीं छोड़ने वाली मै।

अनूप दर्द से तड़पता रहा और रूबी उसे बिना बिना किसी दया के मारती रही। अनूप अपनी सफाई देता रहा और रूबी बिना कुछ सुने उसे पीटते रही।

अनूप:" साहिल बेटे तू तो मेरी बात समझने की कोशिश कर, मैं गलत नहीं हूं।

साहिल ने एक बार अनूप की तरफ देखा और उल्टे हाथ से एक जोरदार घूंसा जड़ दिया तो अनूप तड़पते हुए दूर गिरा और साहिल गुस्से से बोला:"

" साले कुत्ते, मुझे शर्म आती है कि तू मेरा बाप हैं, मैं तुझे अपनी मदद के लिए लेकर गया था और तूने वहां भी मेरा साथ नही दिया।तुझे फिर से वापिस वहीं बंद कर दूंगा उसी तहखाने में।

अनूप उसके पैरो पर गिर पड़ा और हाथ जोड़ते हुए बोला:".

" आह बेटा, मुझे एक आखिरी मौका और दे दे, अब आगे कोई गलती नहीं होगी।

साहिल ने उसकी एक टांग पकड़ी और उसे घसीटते हुए तहखाने में ले गया। अनूप चीखता रहा लेकिन रूबी और साहिल पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

लीमा अनूप की ऐसी हालत देखकर हैरान हो गई लेकिन बोली कुछ नहीं।

अनूप:" बेटा मुझे माफ़ कर दे, देख मैं तेरा बाप हू।

साहिल ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और उसके मुंह पर थूक दिया और बोला:"

" थू हैं तेरे जैसे बाप पर, आज के बाद तेरे मेरे सारे रिश्ते खत्म।

रूबी खाना लेकर अंदर अा गई और दो प्लेट में खाना लगा था। रूबी ने एक प्लेट लीमा को दी और वो बिना कुछ कहे चुप चाप खाना खाने लगी। वहीं अनूप ने खाने को साइड में रख दिया और फिर से हाथ जोड़कर रूबी से माफी मांगने लगा लेकिन रूबी ने उसकी तरफ गुस्से से देखा और बाहर निकल गई।

रूबी के पीछे पीछे ही साहिल भी बाहर निकल गया और तहखाने के दरवाजे को बंद कर दिया। लीमा खाना खाकर वहीं फर्श पर लेट गई और अनूप ने भी मन मारकर खाना खाया और गुस्से से लीमा की तरफ देखते हुए बोला:"

" मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था लीमा, क्यों किया तुम्हे मेरे साथ ऐसा ? देखो ना आज मेरी क्या हालत हो गई हैं।

लीमा को सचमुच उसकी हालत पर दया अा रही थी। लेकिन चाह कर अभी अब वो कुछ नहीं कर सकती थी। अनूप उसके ठीक सामने बैठा हुआ था और बार बार उससे यही सवाल किए जा रहा रहा था कि अचानक से जमीन पर लुढ़क गया।

दारू की बदबू उसके मुंह से अा रही थी और दूसरा रूबी ने अनूप को मारते हुए उसकी जेब से नींद की गोली निकाल कर अनूप के ही खाने में ही मिला दिया था। अनूप फर्श पर गिर पड़ा और लीमा समझ गई थी नींद और नशे के कारण अनूप का ये हाल हो गया है। वहीं दूसरी तरफ लीमा को अपने बदन में गर्मी सी महसूस हुई और उसके जिस्म से चिंगारी सी निकलने लगी।

वहीं दूसरी तरफ साहिल और रूबी दोनो अपने कमरे में अा गए थे और खाना खा रहे थे।

साहिल:' मम्मी ये अनूप तो साला कुत्ते की पूंछ ही निकला, इतने लंबे लंबे वादे और कितना रों रहा था साला।

रूबी थोड़ा उदास होते हुए बोली:"

" इस आदमी ने मेरी ज़िंदगी खराब कर दी है साहिल। लेकिन अब मैं भी चैन से नहीं बैठने वाली। हर एक से बदला लिया जाएगा। मैंने वो नींद की टैबलेट अनूप के खाने में मिला दी और वो विटामिन सिरप आधी दे ज्यादा लीमा के खाने में। अब सेक्स लीमा के सिर चढ़कर बोल रहा होगा और उसकी हालत ऐसी हो गई होगी कि कुत्ते को भी अपने उपर चढ़ा लेगी लेकिन वहां होगा सिर्फ अनूप और उससे कुछ होगा नहीं। कैसी रही साहिल बेटा मेरी चाल ?

साहिल:' वाह मम्मी, आपने तो कमाल कर दिया। सच में आपने एक तीर से दो शिकार कर दिए। लीमा की हालत देखने वाली हो रही होगी।

रूबी:" हान बेटा, आओ चलो देखते हैं नीचे क्या गुल खिले हुए हैं दोनो के।

इतना कहते रूबी स्माइल के साथ खड़ी हुई और साहिल उसके पीछे पीछे चल दिया। साहिल ने धीरे से तहखाने का दरवाजा हल्का सा खोल दिया और दोनो मा अपनी नजरे गड़ाए अंदर देखने लगे।

लीमा की आंखे लाल होने लगी और गला सूखता चला गया। उसे समझ नहीं अा रहा था कि उसके साथ ये सब क्या हो रहा हैं। उसके सारे जिस्म में एक अजीब सी हलचल मची हुई थी और बेचैनी में इधर उधर चक्कर काट रही थी। लीमा से जब गर्मी बर्दास्त नही हुई तो उसने कपडे उतार फेंके और सिर्फ ब्रा पेंटी में रह गई। लीमा का हाथ अपने आप उसकी चूचियों पर अा गए और उसने उन्हें सहलाना शुरू कर दिया तो उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी।

रूबी ये सब देख कर अंदर ही अंदर खुश हो रही थी लेकिन उसके जिस्म में हलचल सी शुरू हो गई थी। साहिल ठीक उसके पीछे खड़ा हुआ था और दोनो अंदर की तरफ देख रहे थे। साहिल के लंड में भी हल्का हल्का तनाव अा रहा था और वो अब रूबी को अपनी गांड़ पर महसूस हो रहा था।

लीमा की एक उंगली अपने आप ही उसकी टांगों के बीच में घुस गई और उसे अपनी जांघो के बीच में गीलेपन का एहसास हुआ। लीमा ने अपनी चूत को एक बार उपर से नीचे तक सहला दिया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

रूबी का जिस्म पूरी तरह से गरम हो चुका रहा था। साहिल का एक हाथ उसके पेट पर टिका हुआ था और साहिल ने धीरे धीरे रूबी के पर को सहलाना शुरू कर दिया तो रूबी अपने पैरो को साहिल के पैरो पर रगड़ने लगी।

लीमा ने मस्ती से आंखे बंद करते हुए अपनी उंगली को अपनी चूत में घुसा दी और अंदर बाहर करने लगी। उसका पूरा जिस्म उसकी उंगली पर हिल रहा था लेकिन उसे उंगली से इतना मजा नहीं आ रहा था। तभी उसकी नज़र अनूप पर पड़ी और वो कुछ उम्मीद के साथ अनूप के पास अा गई। अनूप सोया हुआ था, लीमा जानती थी उसका लंड थोड़ा छोटा हैं लेकिन काम चला सकता था इसलिए उसने अनूप के लंड को बाहर निकाल लिया।

लीमा आज फिर से अनूप के लंड के साथ खेल रही थी जिसे वो काफी बार मुंह में ले चुकी थी और उससे चुद चुकी थी। लीमा के पूरे कोशिश करने के बाद लंड खड़ा नहीं हो पा रहा था।लीमा समझ गई कि ये सब उसी का तो किया धरा हैं, उसने ही अनूप को उल्टी सीधी दवा खिलाकर इस हाल में पहुंचा दिया है।

लीमा थोड़ा उदास हुई क्योंकि उसे हर हाल में लंड चाहिए था, जिस्म की आग बढ़ती जा रही थी और लीमा ने उम्मीद के साथ अनूप के लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।

ये देखकर रूबी पूरी तरह से मदहोश हो गई और साहिल के हाथ के उपर अपना हाथ रख दिया और उसे उपर की तरफ बढ़ाने लगीं और देखते ही देखते साहिल का हाथ रूबी की चूचियों पर अा गया और साहिल ने अपनी मा की चूचियां हल्के से दबा दी तो रूबी ने एक मस्ती भरी आह लेते हुए अपनी टांगो को खोल दिया और लंड ka दबाव उसकी गांड़ के अंदर तक महसूस हुआ।

अनूप की आंखे हल्की सी खुली और लीमा को अपने लंड को चूसते हुए देखकर उसके होंठो पर मुस्कान अा गईं । लीमा के लाख कोशिश करने के बाद भी जब लंड खड़ा नहीं हुआ तो गुस्से से झुंझलाते हुए उसने अनूप को एक थप्पड़ जड़ दिया।

लीमा:" नामर्द कहीं का, ना तुम किसी काम के और ना ही तुम्हारा लन्ड।

अनूप ने गुस्से से लीमा की तरफ देखा और एक के बाद एक कई थप्पड़ उसे जड़ दिए और चिल्लाते हुए बोला:"

" कमीनी कुतिया, ये सब कुछ तेरा ही किया धरा हैं। मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी तुमने।
मैं तुझे ज़िंदा नहीं छोडूंगा।

अनूप ने लीमा को पकड़ने की कोशिश लेकिन नशे और नींद के कारण वो उठ नहीं पाया और गिर पड़ा।

ये सब देखकर रूबी अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रही थी और उसने पलट कर साहिल के होंठो पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगीं। साहिल ने अपनी एक उंगली की रूबी की पेंटी के अंदर घुसा दिया और रूबी उससे कसकर लिपट गई।

एक लंबे किस के बाद दोनो अलग हुए और साहिल बोला:"

" मम्मी आज तो आप बहुत खुश हूं ना ?

रूबी ने उसके होंठो पर उंगली रख दी और बोली:"

" मम्मी नहीं सिर्फ रूबी, साहिल की रूबी बोल मुझे, आह साहिल मैं सच में बहुत खुश हूं।

साहिल ने अपनी उंगली को रूबी की चूत पर फिराया तो रूबी तड़प उठी और बोली:"

" बस कर साहिल, अब बर्दाश्त नहीं होता, ले चल मुझे बेड पर साहिल मेरी जान। मैं लीमा की तरह नहीं तड़पना चाहती।

साहिल ने उसे अपनी बांहों में उठा लिया और बोला:"

"आह मम्मी, आपका बेटा आपको तड़पने नहीं देगा मेरी मा,

साहिल रूबी को लेकर चल पड़ा और दरवाजा फिर से बंद हो गया था।

अनूप के गिरने के बाद लीमा ने सुकून की सांस ली लेकिन उसकी चूत की आग पल पल बढ़ती ही जा रही थी और उसे समझ नहीं अा रहा था कि ये साथ आखिर हो क्या रहा है। वो अपनी चूत को दीवार पर रगड़ रही थी मानो चुदाई कर रही हो, लीमा पागलों की तरह हरकते कर रही थी।

साहिल के कमरे में घुसते ही रूबी उसकी गोद से मचल कर उतर गई और साहिल ने उसे पकड़कर अपने होंठो को रूबी के होंठो को चूसना शुरु कर दिया और रूबी भी उसके होंठो पर टूट पड़ी। साहिल की जीभ उसके मुंह के अंदर घुस गई और दोनो मा बेटे एक दूसरे की जीभ चूसने लगे। नीचे साहिल का लंड रूबी की चूत पर रगड़ रहा था और रूबी की चूत पूरी तरह से भीग गई थी।

किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और रूबी ने अपने बेटे की आंखो में देखा तो साहिल ने आगे बढ़ते हुए अपनी मा की मैक्सी को उतार दिया और रूबी नीचे एक सफेद रंग की पतली सी समीज में अा गई और साहिल उसकी तरफ बढ़ा तो रूबी उसे कामुक समाइल देते हुए हल्की सी पीछे होती हुई दीवार से सट गई और अपने बेटे की आंखो में देखने लगी।

साहिल ने उसकी आखों में देखते हुए उसकी समीज को बीच में से पकड़ा और फाड़ दिया।समीज के फटते ही रूबी की बड़ी बड़ी और गोल गोल ठोस चूचियां बाहर उछल पड़ी।

साहिल रूबी की चुचियों पर टूट पड़ा और देखते ही देखते एक को हाथ में भर लिया और दूसरी को मुंह में भर कर चूसने लगा। रूबी मस्ती से सिसक उठी और बोली'"

" आह साहिल मेरी जान, चूस जा मेरी चूचियां, हाय मा। उफ्फ।

साहिल ने रूबी की चूची को मुंह में लिए हुए ही उसे उठाया और बेड पर लेटा दिया तो रूबी ने उसे उपर खीच लिया और उसके होंठ चूसने लगी।

साहिल भी अपनी मा के होंठो पर टूट पड़ा और उसकी जीभ रूबी के मुंह के अंदर घुस गई। साहिल के हाथ रूबी की चूचियों को अब अच्छे से मसल रहे थे और दबा रहे थे और रूबी का जिस्म पूरी तरह से गरम हो गया था। रूबी की पेंटी पूरी तरह से भीग गई थी । साहिल ने जैसे ही रूबी ने निप्पल को हल्का सा दांतो से काटा तो रूबी मस्ती और दर्द के मारे सिसक उठी। साहिल अपने मा के मुंह से मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर एक हाथ नीचे ले गया और उसकी चूत को पेंटी के उपर से ही मुट्ठी में भर लिया। रूबी का जिस्म उत्तेजना से कांपने लगा और उसने अपनी जांघो को पूरी तरह से कस लिया। साहिल ने थोड़ा नीचे आते हुए उसके पेट को चूमा और नीचे से एक उंगली अपनी मा की पेंटी में घुसा दी तो रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आईआईआईआई सीई उई मा, हाय सहिलन बेटा आह क्या कर रहा हैं तू।

साहिल ने अपनी मा की जांघो को चूमना शुरू किया तो रूबी अपने जिस्म को इधर उधर पटकने लगी और उसकी चूचियां हवा में उछलने लगी। साहिल ने धीरे से उसकी पेंटी को साइड में सरका दिया और उसकी चूत पर उपर से नीचे तक एक उंगली फिरा दी तो रूबी मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने रूबी की आंखो में देखते हुए रूबी के चूत रस से भीगी हुई उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो रूबी की शर्मा गई और अपनी आंखे बंद कर ली।

साहिल जैसे ही रूबी ही जांघो को चूमने लगा तो रूबी ने अपने हाथ बढ़ा दिया और पेंट के उपर से ही उसके लंड को सहलाने लगीं। साहिल ने रूबी की जांघो को खोलते हुए उसकी पेंटी को उतार दिया और रूबी ने अपनी जांघो को कसकर बंद कर लिया। साहिल ने उसकी जांघो को बिना खोले ही चूमना शुरु किया और साथ ही साथ अपनी पैंट के साथ साथ अंडर वियर भी उतार दिया। अब दोनो मा बेटे पूरी तरह से नंगे हो गए थे और जैसे ही रूबी के जांघ से साहिल का खड़ा हुआ लंड टकराया तो उसकी सांसे तेज हो गई।

साहिल ने रूबी की जांघो को खोल दिया तो रूबी ने शर्म के मारे अपना हाथ अपनी चूत पर रख दिया और साहिल का मुंह पकड़कर सीधे अपनी चूत पर टिका दिया। साहिल रूबी की चूत को करीब से देखना चाहता था अंदर तक खोल कर लेकिन रूबी उसे आज अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी इसलिए उसने सीधी उसे अपनी चूत पर झुका दिया।

साहिल ने रूबी की चूत के उपर अपने होंठ टिका दिए और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

" आह साहिल मेरे पति, मेरे बेटे आह उफ्फ ये कर दिया आह मा, अपनी मा की चूत चूस रहा है तू

रूबी ने मस्ती में आते हुए साहिल के लंड को हाथ में पकड़ लिया। रूबी का पूरा हाथ भर गया लेकिन फिर भी आधे से ज्यादा लंड बाहर था। रूबी की हालत खराब होने लगीं। ये भगवान कितना बड़ा और मोटा लन्ड हैं ये साहिल का।

साहिल ने रूबी की चूत को मुंह में भर लिया और चूसने लगा तो रूबी का पूरा जिस्म मस्ती से हिल उठा।
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04-14-2021, 12:44 PM,
RE: Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ
साहिल की खुरदरी जीभ रूबी की चूत को अंदर तक सहला रही थी और रूबी पूरी तरह से अपनी चूत उसके मुंह में दबा रही थीं। रूबी ने साहिल के लंड को थोड़ा जोर से दबा दिया तो साहिल के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने रूबी की आंखो में देखते हुए फिर से उसकी चूत को चूसना शुरू किया तो रूबी ने इस बार धीरे धीरे उसके लंड को सहलाना शुरु कर दिया।

जैसे जैसे साहिल की जीभ अपना कमाल दिखा रही थी वैसे वैसे ही रूबी साहिल के लंड को मुठिया रही थी। साहिल ने अपनी एक उंगली रूबी की चूत में घुसा दी तो रूबी का जिस्म उछलने लगा और उसकी चूत में हलचल होने लगी

" आह साहिल, उफ्फ नहीं बेटे, अा मेरी चूत में क्या हो रहा हैं है भगवान, आह नहीं। कितनी चूस रहा हैं।

साहिल अपनी मा के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां सुनकर जोश में अा गया और तेजी से उसकी चूत की फांकों को उंगली से रगड़ते हुए जीभ से अंदर तक चूसने लगा। रूबी ने जोर से साहिल के लंड को कस लिया और पूरे लंड पर अपने हाथ को आगे पीछे करने लगी।

रूबी की चूत में कम्पन होना शुरू हो गया और उसने खुद ही अपनी चूचियों को चूसना शुरू किया और अपने जिस्म को बिस्तर पर पटकने लगी। साहिल ने सिर को उसने अपनी चूत पर कस कर दबा मानो उसके सिर को अपनी चूत में घुसा लेना चाहती हो।

साहिल समझ गया कि उसकी मा झड़ने वाली हैं इसलिए उसने अपनी उंगली और जीभ की गति बढ़ा दी और रूबी अब पागलों कि तरह उसके लंड को हिला रही थी जिससे साहिल के लंड में भी उबाल आने लगा।

तभी इतनी ने जोर से अपनी जांघो को भीचते हुए साहिल के मुंह को कस लिया और उसके मुंह से मस्ती भरी आज निकल पड़ी

" Aahhhhh siiiiii ueeeee meri chutttttt ye bhagwan, meri chut to gyiiii.

इसके साथ ही रूबी की चूत ने अपना गर्म गर्म रस छोड़ दिया और साहिल मस्ती से आंखे किए हुए अपनी मा के अमृत रस को पीता चला गया। रूबी के पूरी ताकत से साहिल के लंड को रगड़ दिया और इसके साथ ही साहिल के मुंह से भी मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

" Ahhhhj rubyyyy meriiiii mummmmi, aahhh ssiiiii aaah

साहिल के लंड से एक के बाद वीर्य की पिचकारी निकल पड़ी और रूबी के हाथ को वीर्य से पूरी तरह से भर दिया। रूबी ने साहिल को अपने उपर खींच लिया और दोनो मा बेटे ऐसे ही नंगे एक दूसरे से लिपट गए।

साहिल ने आज पहली महसूस किया कि अपने हाथ से लंड हिलाने और उसकी मम्मी के नाजुक हांथो से लंड हिलाने में कितना अंतर हैं। सच में उसे बेहद मजा अाया और रूबी भी आज बहुत खुश थी क्योंकि आज सालो के बाद उसकी चूत की इतने अच्छे से चुसाई हुई थीं।

दोनो मा बेटे की सांसे पूरी तरह से उखड़ी हुई थी और दोनो ऐसे ही एक दूसरे से लिपट कर सो गए।

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