Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
11-17-2020, 12:06 PM,
#31
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
सूकन्या नीचे बैठ गयी और अपना बड़ा सा मूह खोल कर, लिंग पर जीभ फिराई फिर उसे गीला कर के अपने मूह मे डाल कर चूसने लगी....

"उम्म्म्मम.... उम्म्म्मममम" कर के सूकन्या उसे चूसने लगी और अर्जुन उसका सिर पकड़ कर अंदर बाहर करने लगा.

थोड़ी ही देर मे मनु पूरा जोश मे आ गया.... बड़ी तेज़ी से सूकन्या को उठा कर उसे स्मूच करने लगा, और पैंट के बटन खोल कर उसकी पैंट को पैंटी सहित नीचे खिसका दिया.

सूकन्या की पैंट उसके जांघों के नीचे आ गयी, अर्जुन उसे पीछे घुमा दिया.... सूकन्या वॉश बेसिन के रॅक पर अपने दोनो हाथ टिका कर कमर को बाहर निकाल ली.

बिल्कुल सफेद बम को देख कर अर्जुन दोनो हाथ से उसे थप-थपाते उसकी दरारों मे अपना मूह डाल कर दाँतों से हल्का बाइट करने लगा.... सूकन्या उपर की तरफ उचक कर एक मादक सिसकारी भरी..... "ओह ! अर्जुन डार्लिंग"......

सूकन्या की कमर खुद-व-खुद हिलने लगी, और अर्जुन भी अपने दाँत से उसके योनि को कुरेद'ते हुए उस पर ज़ोर से जीभ फिराने लगा....

"इसस्शह .... अर्जुन... अब जल्दी भी करो, कयि दिनो की प्यासी मैं भी हूँ"

अर्जुन तुरंत खड़ा हुआ, और अपने लिंग को योनि पर थोड़ा रगड़ते उसे झटके दे कर अंदर डाल दिया..... "उफफफफफफफफ्फ़.... माइ डॉग्गी.... उम्म्म्मम..... फक्क्क हार्डर बेबी"

अर्जुन अपने हाथ आगे बढ़ा कर दोनो बूब्स को कपड़ों के उपर से ज़ोर-ज़ोर दबाते हुए तेज-तेज धक्के देने लगा....

"ओह्ह्ह्ह सुकन्या... माइ फ़किंग बिच.... मज़्ज़ाअ आ रहा है ना".....

"उम्म्म्मम... अर्जुन, बहुत प्यासी हुन्न..... हर्द्द्द... माइ डोगी.... हार्ड... फक्क हरद्द्द... ओह्ह्ह बेबी..... पर तुम्हे मेरी ज़रा भी चिंता नही.... आअहह... कब मुझे टोटल पॉवर मिलेगा".....

"ऊऊऊऊ.... सुकन्या... जल्द ही माइ बिच... एक भाई तो गया, दूसरे का भी कुछ सोचना होगा"......

"आहह ! स्वीटहार्ट.... फक्क्क हार्डर... ज़रा ज़ोर से मस्लो बूब्स को.... आहह... अब तो लगता है मानस नही मनु को ही आउट करना था"

"अहह.... तू चिंता क्यों करती है.... आहह... आहह.... ऊऊऊऊओ..............

"ऑश अर्जुन ... कम ऑन माइ फेस बेबी..... मेरे फेस पर गिराऊओ.... उफफफफफफ्फ़"

जल्दी से सूकन्या मूरी और अपनी आखें मूंद कर चेहरा उपर कर ली.... "आहह... आअहह... आअहह" ... और पाचक से जैसे बंदूक से गोली निकल रही हो.... लिंग ने टीन चार झटके खाए और पूरा गरम लावा सूकन्या के चेहरे पर गिरा.

अर्जुन दीवाल से टिक कर तेज-तेज सांस लेने लगा. सूकन्या अपने हॅंड बॅग से रुमाल निकाल कर अपने चेहरे और योनि को सॉफ कर के खड़ी हो गयी और अपने कपड़े को जल्दी से ठीक करने लगी....

सूकन्या..... अर्जुन तुम ना जगह देखते हो ना वक़्त, बस कहीं भी शुरू हो जाता है.... निकलो अब यहाँ से जल्दी...
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11-17-2020, 12:06 PM,
#32
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
दोनो वापस आ कर सूकन्या के कॅबिन मे बैठे...... "सुकन्या, दिन-व-दिन तुम और जवान, और हॉट होती जा रही हो, तुम्हे देख कर तो कंट्रोल नही होता"

सूकन्या.... बस-बस अर्जुन, केवल बातें भर कर लो, लेकिन मुझे कभी टोटल कंट्रोल मत देना. मुझे तो लगता है, तुम से बस सेक्स की उम्मीद ही रखूं, बाकी सब उम्मीदें बैमानी है.

अर्जुन.... अर्रे तुम भी ना डार्लिंग, नाराज़ हो जाती हो.... अर्रे मनु ने जो गेम प्लान किया था वो सोचा समझा था. ज़रा तुम भी समझने की कोसिस करो, कोई भी बोर्ड मेंबर एक साथ नही सब टूटे हैं. अब तो बस देखती जाओ... मनु ने जो पाया है, उसे डुबाने के लिए लोग ज़रूर तुम से कॉंटॅक्ट करेंगे... बस मौके की तलाश मे रहो... और भूलो मत, तुम्हारा 15% मेरी ही देन है, वरना तुम्हारे पति ने तो सब दान ही कर दिया था.

सूकन्या.... भगा दूँगी अर्जुन तुम्हे... पहले वो कामिनी काव्या अब उस नकारा की याद दिला रहे हो.... हां बाबा भूली नही मैं अब तक और ना कभी भूलूंगी... पर डार्लिंग सिर्फ़ 15% से क्या होता है.....

अर्जुन.... सब्र रखो सुकन्या, वरना जल्दी पाने की चाहत मे कहीं सब कुछ ना खो दो....

अर्जुन और सूकन्या दोनो बात कर ही रहे थे... तभी सूकन्या के मोबाइल पर तनु का कॉल आया.... उसके कॉल को देख कर सूकन्या बड़ी हैरानी से अर्जुन की ओर देखने लगी....

"किसका कॉल है".....

"तनु है".....

"पिक करो सुकन्या, टोटल पावर की ओर ये पहला कदम है"

सूकन्या ने कॉल पिक-अप किया.... थोड़ी देर इधर उधर की बातें हुई... फाइनली, नेक्स्ट वीक सनडे को सुकन्या के साथ मीटिंग फिक्स हो गयी.....

सूकन्या ... और ... अर्जुन....

सूकन्या..... ह्म ! अब समझी तुम्हारे इशारे अर्जुन... तब से तुम इसी ओर इशारा कर रहे थे....

अर्जुन..... हां इसी की तरफ मेरा इशारा था.... मुझे पता था ये लोग कॉन्टेक्ट करेंगे ही करेंगे... पर उस से पहले तुम्हे हर्ष से एक डील सेट करनी होगी....

सूकन्या.... हर्ष से डील, इसका मतलब हर्ष भी इनके साथ मिल गया है क्या....

अर्जुन..... मुझे नही लगता हर्ष इनके साथ होगा.... लेकिन हर्ष इनके साथ हो कि ना हो... एक डील तो तुम्हे हर्ष से करनी ही होगी....

सूकन्या..... कैसी डील अर्जुन....

अर्जुन..... पहले इन से मिलो, और देखो कि ये चाहते क्या हैं....

तनु.... राजीव... और वंश....

तनु.... गुड न्यूज़, सूकन्या मान गयी है हम से मिलने के लिए, लेकिन सनडे से पहले तक रौनक को भी अपने साथ होना पड़ेगा.....

वंश.. और .. राजीव... दोनो एक साथ.... "वो मेंटल है, तुम ही उसे हॅंडल करो"

वंश.... लेकिन सब एक मत होंगे कैसे, सारे शेयर किसके नाम पर करे और किसे एमडी पावर दे.

तनु.... इस पर लडो मत तुम दोनो... उसके लिए तो बेहतरीन आइडिया है मेरे पास... तुम दोनो गिव अप कर दो और उन्ही दोनो को फ़ैसला करने दो, दोनो मे से म्ड कौन होगा. मेरे कइट्ती पार्टी का टाइम हो गया मैं चली... एंजाय करो दोनो, जल्द ही एस.एस ग्रूप का काया पलट होने वाला है.
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11-17-2020, 12:06 PM,
#33
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )

सब के सुहाने दिन के सपने, और सब का घुमा फिरा कर एक ही टारगेट टोटल कंट्रोल. मनु अपना काम ख़तम कर के वापस घर आया... अभी थोड़ा रिलॅक्स ही हुआ था कि उसके फोन की घंटी बजने लगी.....

मनु.... हेलो..

मानस.... कैसा है मनु...

मनु.... भाई.... अच्छा हूँ भाई.... लेकिन अब बहुत हुआ, वापस आ जाओ प्लीज़. मैं अकेला हो गया हूँ....

मानस.... एंजाय कर, और कभी खुद को अकेला मत समझना. और याद है ना जाते-जाते मैने क्या कहा था....

मनु.... वही तो कर रहा हूँ भाई.... नेवेर ट्रस्ट ईवन शॅडो....

मानस.... कूल मनु... लगता है बड़ा हो गया... चल मैं कॉल रखता हूँ, अपना ख्याल रखना और ज़्यादा सोचना मत.

मानस, एकलौता जो इन कॉपोरेट अफेर्स से दूर था... गहरी सांस लेते खुद से कहा.... "बस एक बार मिल जाओ.... किधर छिपे हो"

मानस थोड़ी देर खुद के अतीत मे झाँका. छोटे-छोटे उसके भाई बहन, उनकी प्यारी खिली सी मुस्कान, और साथ मे उन सब के सिर पर हाथ फेरती उसकी माँ. इस पल को याद कर के मानस मंद-मंद मुस्कुरा रहा था....

एक गहरी सांस के साथ अपनी आखें खोला... एक लड़का उसके पास खड़ा, उसे जगाने की कोसिस कर रहा था....

मानस..... क्या हुआ छोटू, पता चला कुछ वो सब कहाँ गये.

लड़का.... हां साब जी सब पता चल गया. वो दीवान साहब और उनकी बेटी कहाँ है वो तो पता नही, लेकिन हां उसके एक करीबी दोस्त कानपुर मे रहते हैं, वो आप को दीवान साब के बारे मे ज़रूर बता सकते हैं.

मानस.... उस आदमी का कोई पता भी है, या बस कानपुर का ही नाम ले कर आया है....

लड़का.... हा हा हा.... नही नही साहब जी पूरा पता भी लाया हूँ.

मानस.... ठीक है फिर, जल्द से जल्द कानपुर जाने की व्यवस्था करवाओ.

"थॅंक्स गॉड, आख़िर कर कुछ तो हाथ लगा.... काश कोई जादू होता और मैं सीधा दीवान के पास ही पहुँच जाता. अब तो हद है इस बेचैनी की.... कोई मुझे जल्द से जल्द कानपुर पहुँचाओ"... मानस, से अब एक पल की भी देरी बर्दस्त नही हो रही थी... वो जल्द से जल्द किसी तरह से कानपुर पहुचना चाह रहा था.

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11-17-2020, 12:06 PM,
#34
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
कॉर्पोरेट अफेर्स मे खुद को सब से स्ट्रॉंग समझने वाला खिलाड़ी, इस वक़्त खुद को काफ़ी तन्हा समझ रहा था. हर्षवर्धन ने कल रात रौनक से बात किया, और मनु के विषय पर चर्चा करना चाहा. लेकिन रौनक ने उससे "तबीयत खराब सी लग रही है" .. ऐसा कह कर फोन रख दिया.

अमृता.... हर्ष, तुम इतना टेन्षन क्यों ले रहे हो, ग़लती तुम्हारी ही है जो तुम ने मनु को कम आँका.

हर्ष.... ह्म्म्म्म ! तुम सही कर रही हो, पर ये रौनक को क्या हुआ, वो मुझे अवाय्ड क्यों कर रहा है.... उसके दिमाग़ मे चल क्या रहा है....

अमृता..... मुझे तो शक़ हो रहा है, क्योंकि कल राजीव, वंश और रौनक तीनो ही एक वक़्त पर निकले थे....

हर्ष..... मुझे क्या पता अमृता, तीनो शायद मनु के पोस्ट को भूना नही पाए, और अनाउन्स के बाद ही निकल गये हो. अब तीनो के बीच कल कुछ हुआ या नही ये तो उन्ही तीनो मे से कोई एक बता सकता है.... लेकिन पापा का यूँ अपना पोस्ट छोड़ देना और मनु को उसकी जगह बिठा देना, ये तो मेरे समझ से परे है....

अमृता..... आप अभी ऑफीस जाओ, मैं आज घर पर रह कर पता करती हूँ, पापा जी ने ऐसा क्यों किया...

हर्षवर्धन ऑफीस के लिए निकल जाता है, और अमृता शम्षेर से बात करने उसके कमरे पहुँच जाती है..... "क्या मैं अंदर आ जाऊ डॅडी जी"

शम्षेर..... आओ, आओ अमृता... तुम्हे आने के लिए इज़ाज़त की क्या ज़रूरत...

अमृता..... डॅडी जी मुझे आप से ये उम्मीद नही थी, आप ने मेरा दिल तोड़ा है...

शम्षेर..... दिल और मैने, वो कैसे अमृता...

अमृता..... अपना पोस्ट उस कुतिया के बच्चे को दे कर...

शम्षेर..... अमृता, अब जाने भी दो इस बात को. नया खून है हमारे बिज़्नेस को बहुत आगे ले जाएगा.... कुछ अच्छा होता है तो खुश होना चाहिए....

अमृता.... इसमे अच्छा क्या था पिताजी. खुद की कंपनी को तो वो डूबा रहा है... और आप ने पूरे ग्रूप की ज़िम्मेदारी उस पर सौंप दिया. अच्छा है डॅडी जी, मेरी सेवाओं का क्या खूब सिला दिया है...

शम्षेर, गुस्से मे..... एहसान ना दिखाओ अमृता, तुम ने जो भी किया था वो बस अपने स्वार्थ मे किया था, उसे सेवा का नाम नही दो...

अमृता..... डॅडी जी, उसमे केवल मेरा हे स्वार्थ नही था, आप का भी अपना स्वार्थ भी जुड़ा हुआ था.... और हां यदि मैं डूबी तो आप को भी नही छोड़नी वाली, याद रखना ये बात.... आप के इस एसएस ग्रूप की बुनियाद मेरे दिमाग़ की उपज से रखी गयी थी....

शम्षेर..... मेरी उम्र तो बीत चुकी अमृता, अब इन धमकियों का मुझ पर कोई असर नही होगा. तुम ने मूह खोला तो मेरा कुछ नही जाएगा, उल्टा तुम्हारे हिस्से के 15% जो हैं वो भी मनु का हो जाएगा.... और तब शायद तुम्हे पछतावा हो कि क्यों तुमने अपना मूह खोला.... नाउ गेट लॉस्ट... जो करना है करो. और कहीं यदि मेरा दिमाग़ खिसका तो मैं पूरा ग्रूप उसके नाम पर कर दूँगा...

अमृता..... सॉरी डॅडी जी, मैं थोड़ा गुस्से मे आ गयी थी. पर मेरी हालत भी तो समझिए. हर्ष के रहते आप ने मनु को एमडी बना दिया....

शम्षेर..... तुम दोनो नकारे हो, और मुझे बस मनु मे फ्यूचर नज़र आता है. मैने ग़लती किया... मुझे उन दोनो भाइयो को भी तुम सब के बराबर शेर्स देने थे...

अमृता.... डॅडी जी, ज़रा ये भी तो सोचिए कि पूरे ग्रूप को खड़ा करने मे मेरा क्या योगदान था....

शम्षेर.... मैं भुला नही कुछ भी अमृता, लेकिन शायद तुम लोग भूल चुके हो.... दिमाग़ के घोड़े दौड़ाओ और सोच को बदलो पहले, और इस बात पर गौर करो कि आख़िर मनु ही क्यों एमडी के लायक है.... जब तुम्हे बात समझ मे आ जाएगी, समझ लेना तुम्हे जो चाहिए वो तुम्हे मिल गया....

अमृता, शम्षेर को गयी थी तो समझाने, लेकिन खुद ही समझ कर आ गयी.... इधर पूरा ऑफीस और फॅक्टरी वर्कर फूल-माला लिए, ऑफीस गेट पर मनु का इंतज़ार कर रहे थे.... जैसे ही मनु की कार गेट पे पहुचि सारे वर्कर ने उसका रास्ता रोक लिया....

किसी की आखों मे आँसू थे, तो किसी के होंठो पर खुशी.... सब ने मनु के कल के फ़ैसले का स्वागत किया.... कयि सारे वर्कर्स और सब की कुछ ना कुछ परेशानिया, सब ने अपनी परेशानी भी रखनी चाही, लेकिन भीड़ मे सब की बात हवा हो गयी....

मनु सब लोगों की बधाइयाँ स्वीकार कर सीधा एमडी चेंबेर मे आया.... आज उसके पास दो पीए थे... एक तो उसकी अपनी स्नेहा... और दूसरा अर्जुन.....

मनु.... अर्जुन बॉस अब क्या आप मेरे पिछे रहेंगे....

अर्जुन.... मौका मिला है सर, प्लीज़ मना मत करना ......

मनु.... पर एक समस्या है अर्जुन बॉस.... मैं स्नेहा को हटा भी तो नही सकता.... अच्छा एक काम करो आप, मेरी पिच्छली चेयर खाली है, उसे जा कर आप देखो.. मुझे वहाँ के सीईओ के लिए किसी ना किसी को तो अपायंट करना ही है, तो आप क्यों नही....

अर्जुन..... क्या बात कर रहे हैं सर, सच मे मैं ये सही सुन रहा हूँ....

मनु.... हां बिल्कुल सही सुन रहे है, जा कर एचआर से अपना नया अपायंटमेंट लेटर कलेक्ट कर के आज ही वहाँ का काम संभालिए....

अर्जुन के जाते ही..... मनु क्या वो सीईओ के काबिल था....

मनु..... चिल स्नेहा और आज का काम बताओ....

स्नेहा.... आज का सब से ज़रूरी काम, मिस स्नेहा की सॅलरी केवल 20% ही क्यों बढ़ी.... उसे तो 200% बढ़ना चाहिए था....

मनु..... हा हा हा .... चलो मज़ाक छोड़ो, और मुझे एक सीरीयस पॉइंट पर डिसकस करना है...

स्नेहा..... एस बॉस, बताइए....

मनु..... स्नेहा मुझे लगता है ऑफीस स्टाफ और फॅक्टरी वर्कर की कयि तरह की समस्या है, जो सुनी नही जाती.... मैं सोच रहा हूँ एक ग्रीवेन्स कमिटी बनाऊ, जो वर्कर्स की परेशानी सुन'ने और उसे सॉल्व करने के लिए बने.....

स्नेहा..... ह्म ! मनु इसमे ग्रीवेन्स कमिटी की कोई ज़रूरत नही समझ मे आती है. ऑलरेडी एचआर है ना उनकी सुन'ने के लिए.... बस नियमों मे थोड़े बदलाव लाने होंगे.... और उसके लिए अपने लॉ अड्वाइसर की राई ले लो.....

मनु..... हां ठीक है... कल की एक मीटिंग उनके साथ रख दो.... और ये एमडी चेंबर तुम्हारा.... बैठ कर फाइल्स चेक करते रहना .... कोई ज़रूरी फाइल लगे तो मुझे मसेज करना, कॉल कर के डिस्ट्रब मत करना...

स्नेहा.... लेकिन मनु, आज पहले दिन ही कहाँ जा रहे हो.....

मनु..... मुझ से कोई जला है... उसकी जली को बुझाने या भड़काने जा रहा हूँ ... अभी कुछ कह नही सकता ......

स्नेहा.... बेस्ट ऑफ लक मनु.... मुझे पूरी डीटेल बता देना ......

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11-17-2020, 12:06 PM,
#35
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )

इधर अमृता काफ़ी गहन मंथन करने के बाद हर्षवर्धन को ऑफीस फोन लगाई... और उसे सॉफ शब्दों मे कह दिया.....

"आज रात हमारा पूरा परिवार इस छत के नीचे होना चाहिए. एक फॅमिली मीटिंग बुलाओ.... सुकन्या को तुम बुला लेना, और मैं काया को बोलती हूँ जल्दी देल्ही की फ्लाइट ले और मनु को भी रात को हमारे साथ शामिल करे".

हर्ष..... अमृता यूँ अचानक से फॅमिली मीटिंग क्यों.....

"क्योंकि आज मुझे ज्ञान आ गया है हर्ष.... मुझे आज अपने घर मे पूरा परिवार एक साथ चाहिए, मतलब चाहिए.... हर एक मेंबर को बुलाओ"

हर्ष ने सुकन्या को कॉल कर के बता दिया. सूकन्या को तो अपने कान पर यकीन नही हो रहा था, इतने सालों मे पहली बार उसे भाभी की ओर से कोई संदेश आया था.... मनु भी अभी ऑफीस से निकला था, जब काया का कॉल मनु के पास आया....

मनु भी हैरान रह गया, आख़िर अमृता ने फॅमिली कॉल किया और सब को बुलाया है. उसके लिए भावनात्मक पल थे..... "उफफफ्फ़ ये स्वार्थ, कम से कम जोड़े हैं हमे. यही प्यार दिखाया होता, दिल बिच्छा देता. बस मेरा भाई वापस आ जाए, फिर हम तुम्हारी दुनिया से दूर होंगे... तुम सब को ही मुबारक ये धन-दौलत"

मनु अपने होंठो पर एक मुस्कान लाया और गाड़ी भगाता हुआ निकल गया. गाड़ी एक अलिसन बंग्लॉ के सामने रुकी. मनु ने गेट कीपर को अपना नाम बताया और वो सलाम करता गेट खोल दिया....

मनु हॉल मे आकर ... "हेलो, कोई है, देखो मैं आ गया"

तभी हॉल मे आवाज़ गूँजी.... "आए हो तो बैठ जाओ, मैं अभी आई"

मनु.... हा हा हा.. ये फिल्मों के शौकीन लोग, पता नही और क्या करेंगे.....

मनु हॉल मे लगे सोफे पर बैठ कर, और सामने लगे फ़्लास्क को उलट-पलट कर देख रहा था, तभी उपर से कदमों की आहट हुई, और सामने से राम्या चली आ रही थी. बिल्कुल नही बदली थी वो, आज भी वही चाल-ढाल, और वही कातिल अदाएँ....

उसे देख कर तो मनु के दिल से .... "उफफफफ्फ़... हाय्यी ये अदा" निकल गयी... और बस जैसे अपनी नज़रों से उसे उपर से नीचे तक उतार रहा हो...... "यू आर लुकिंग हॉट राम्या... आग लग गयी दिल मे"

राम्या..... बट यू आर टॉट्ली डंप मिस्टर.

मनु..... हे, इतनी हॉट लड़की के चेहरे पर इतना गुस्सा, तीखी लाल मिर्ची हो राम्या...

राम्या.... मनु, तुम क्या सोच कर यहाँ आए हो, कि मैं तुम्हारी इन थर्ड क्लास बातों पर फिदा हो जाउन्गी... तुम ने आख़िर मेरे बारे मे इतनी वाहयात कॉमेंट करने की कोसिस भी कैसे की....

मनु.... राम्या, सिंपल सी बात है, जैसे तुम लड़कियों की आपस की अपनी प्राइवेट बातें होती हैं, वैसे हम लड़कों की भी होती है, अब हम लड़के ऐसी बातें ना करेंगे तो क्या राम भजन की बातें करेंगे....

राम्या.... तो क्या हर लड़की के लिए तुम्हारे ऐसे ही विचार होते हैं....

मनु..... नही जी, बस कुछ खास लड़कियों पर, जिनकी अदाएँ दिल धड़का जाती है....

राम्या.... अच्छा जो दिल धड़का जाए, उसे स्लट और बिच बुलाते हो....

मनु.... अब जाने भी दो उन बातों को, यदि तुम्हे बुरा लगा भी हो, तो भी मैं सॉरी नही कहने वाला, क्योंकि ये हम लड़कों की आपस की बात थी....

राम्या.... बट मैं हर्ट हुई हूँ.... तुम्हे जब तक सज़ा ना दे दूं तब तक मेरा ईगो स्टिस्फाइ नही होगा...

मनु.... अच्छा ऐसी बात है क्या... लो जी बंदा हाजिर है... कर लो ईगो सॅटिस्फाइ, लेकिन हां कुछ भी पब्लिकली नही होना चाहिए, नही तो मेरा ईगो हर्ट होगा....

राम्या..... हहे, अभी से डर गये, डॉन'ट वरी इस बात का खास ख्याल रखूँगी कि कुछ भी पब्लिकली ना हो... बट तुम्हे जो भी पनिशमेंट मिलेगा आक्सेप्ट करोगे...

मनु.... अब क्या कहती ही रहोगी, या पनिशमेंट भी सूनाओगी....

राम्या.... तो पहला पनिशमेंट है....

मनु..... वेट, वेट, वेट.... एक ग़लती की कितनी पनिशमेंट सोची है....

राम्या.... मुझे भी पता नही कितनी सोची हूँ, पर मेरा ईगो सॅटिस्फाइ होने तक पनिश करूँगी...

मनु.... ह्म ! ठीक है बाबा ... अब कहो भी...

राम्या.... तो पहला पनिशमेंट है क्वेस्चन-आन्सर राउंड... और तुम मेरे सवालों का सब सही-सही जबाव दोगे.....

मनु.... बट तुम जड्ज कैसे करोगी, मैं सच बोल रहा हूँ या झूट....

राम्या.... बस इंटर्नल फीलिंग से, अब शुरू करें...

मनु.... एसस्स बेबी आइ आम रेडी....

राम्या..... तो तुम ने जब मुझे पहली बार देखा तो तुम्हारे दिल मे ये ख्याल आया, इसको मैं बजाउन्गा... वो भी किसी स्लट बिच की तरह... व्हाई...

मनु..... अब ये क्या बात हुई, सवाल-जबाव का मतलब ये थोड़े ना था कि फसाने वाले सवाल पूछो, इसके आन्सर पर कहीं फिर तुम्हारा ईगो हर्ट हुआ तो एक और पनिशमेंट.... ना बाबा ये इन्वलिड सवाल, कुछ और पुछो.

राम्या..... डॉन'ट वरी डार्लिंग, अकेले मे ईगो हर्ट नही होगा... तुम बस आन्सर दो...

मनु.... सच कहूँ तो तुम्हारे सेक्सी फिगर अब भी दिल धड़का रहा है.... उम्म्म्मम युवर फेशियल एक्सप्रेशन और उस पर ये तुम्हारा नाक का नथ्नि, ऐसा लगता है जब तुम्हारे साथ सेक्स करूँगा तो इस नथ्नि के साथ तुम्हारे खुले मूह का जो एक्सप्रेशन होना... वो किसी स्लट से कम नही.... उफ़फ्फ़ आग लगाती हैं तुम्हारी अदाएँ......

राम्या.... हहे, मनु इतना डीप... लगता है ख्यालों मे डूब कर हे सेक्स किए हो क्या सभी से... वैसे मुझे एक बात समझाओ मुझ से दुश्मनी क्यों, जो मेरे लिए अब्यूसिव टर्म यूज़ किए ... बिच & स्लट....

मनु..... फिर से फसाने वाले सवाल.... यार हम लड़के वाइल्ड सेक्स की सोचते हैं इसलिए तो स्लट कहा... और बिच भी.... इस टर्म के साथ किसी लड़की के बारे मे सोचने मे मज़ा आता है.... अच्छा मुझे तुम बताओ, क्या तुम्हारे दिमाग़ मे नही आते ऐसे वाइल्ड सेक्स के ख्यालात....

राम्या.... मेरे दिमाग़ मे तो कच्चा चबा जाने के ख्यालात आते है.... आंड एस आइ आम डर्टी स्लवेन्ली गर्ल, और मेरे लिए सेक्स एक अम्यूज़्मेंट है....

मनु.... तो फिर इतना ओवर रिक्ट क्यों कर रही थी.....

राम्या..... बस कुछ ऐसे ही तुम्हारे मूह से सुन'ने के लिए...

मनु.... सुन'ना क्या है, कर के ही दिखा देता हूँ...

राम्या..... ओह्ह्ह ! हूओ .. मचलते अरमान, उसका भी मौका शायद आ जाए.... लेकिन इस वक़्त मुझे सुन'ने का मन है... बस जो पूछती हूँ वो बताते जाओ....

मनु..... हां पुछो ना फिर, किस बात का इंतज़ार कर रही हो....
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11-17-2020, 12:06 PM,
#36
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
राम्या..... ओह्ह्ह ! हूओ .. मचलते अरमान, उसका भी मौका शायद आ जाए.... लेकिन इस वक़्त मुझे सुन'ने का मन है... बस जो पूछती हूँ वो बताते जाओ....

मनु..... हां पुछो ना फिर, किस बात का इंतज़ार कर रही हो....

राम्या.... तुम जब यहाँ आए और मैने तुम से जब बात शुरू की तो तुम पूरे श्योर दिख रहे थे...

मनु.... श्योर इन दा सेन्स....

राम्या..... जानेमन इतना बनो भी मत.... श्योर मतलब तुम ये श्योर थे कि तुम ओपन्ली कुछ भी कहो, मैं बुरा नही मान'ने वाली.... आमूमन फर्स्ट चिट-चॅट मे इतने ओपन तो फॉरिनर भी नही होते....

मनु..... देखो जानेमन तुम ने जो उस दिन सुना था, वो एक आह भरे अरमान थे. तुम पहली ऐसी लड़की थी, जिसे देख कर मेरा अरमान डोल गया... फिर मैने कहा ज़रा इसके बारे मे पता किया जाए... तो बस पता करता रहा... इसलिए श्योर था....

शॉक्ड फेस, राम्या..... व्हाट दा फक !!! तुम मेरे बारे मे पता कर रहे थे....

मनु.... एस, ऑफ-कोर्स डार्लिंग. कभी-कभी पता कर लेता था....

नाउ स्माइलिंग फेस, राम्या.... अच्छा तो ज़रा मुझे भी सूनाओ.... क्या पता किया....

मनु.... कहाँ से शुरू करूँ, वो पहली बार जब तुम यूएस के लिए उड़ी और फ्लाइट मे हुए गोरे के साथ वाली घटना बताऊ, या कॉलेज के टीचर के साथ वाली... या स्टूडेंट टूर पर हुई तुम्हारे ग्रूप सेक्स के बारे मे.... किस बारे मे चर्चा करूँ....

राम्या..... वॉववव ! मनु... तुमने तो इंप्रेस किया.... इतनी दीवानगी, वो भी मेरे लिए....

मनु.... हहे, ये दीवानगी नही, बस मेरी एग्ज़ोटिक डिज़ाइर थी, जिसने मुझे मजबूर किया...

राम्या.... ओ ल्ली ल्ल्लीए... तो मनु का दिल भी जला होगा, मेरे बारे मे जान कर....

मनु.... सच कहूँ तो हां.... जब भी पता चलता कि तुम सेक्स एंजाय कर रही हो गोरों के साथ तो मेरा दिल जल जाता.... मैं इंडिया के बारे मे सोचता, साला यहाँ कितने लड़के मौका ना मिलने पर सेक्स का मज़ा नही ले पाते और तुम गोरों को अपना सब कुछ दे आई....

राम्या..... हहहे... मनु तुम लड़के कितना भी मॉडर्न हो जाओ ये टिपिकल थिंकिंग नही जाती.... कोई लड़की पसंद है तो सिर्फ़ मेरे साथ ही सेक्स करे.... जबकि एक बार के बाद दुबारा करने मे तुम सब की हालत खराब हो जाती है... और तीसरी बार कहीं किसी लड़की को मन हो तो तुम्हारे होश उड़ जाते है... फिर भी लड़की किसी और के पास नही जाए.... स्टिल यू पीपल ट्रीटेड आस ऐज आ स्लेव....

मनु.... इतना लंबा भाषण ना दो... और ये बताओ सेक्स स्लेव के बारे मे क्या इरादा है...

राम्या.... इरादे तो नेक है, और हौसले भी बुलंद मनु.... तुम बस स्लेव तो बनो.... फिर मेरे जलवे भी देख लेना .....

मनु.... हहे, उल्टा दो...

राम्या.... य्स्स, मनु.... क्योंकि अभी इस खेल की मैं खिलाड़ी हूँ, और तुम मेरे जूनियर....

मनु.... अच्छा, ऐसा है क्या.... ठीक है गुरु जी, पहले आप अपने जलवे दिखाइए, फिर मैं अपने दिखाता हूँ.....

राम्या..... स्वीटहार्ट, सब पहले से रेडी है... तुम्हे डर तो नही लग रहा.....
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11-17-2020, 12:07 PM,
#37
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )

मनु, राम्या को हाथ दिखाते अपना मोबाइल का मेसेज पढ़ने लगा..... "स्वीटहार्ट ट्राइ मी सम अदर डे... अभी मुझे जाना होगा"

राम्या..... डर गये क्या, जो भागने का मन बना लिया मनु....

मनु.... जी नही, मुझे काम है, कल मैं फ्री रखूँगा पूरी रात....

राम्या.... ओके जानेमन, मैं वेट करूँगी तुम्हारे कॉल का...

मनु के जाते ही, राम्या के चेहरे का भाव बदल गया.... "हुहह, ये तो हाथ आते-आते रह गया"

मनु बाहर निकलते ही, कॉल काया को लगाया.... और खुश होते कहा... "बस 10 मिनट रुक मैं एरपोर्ट पहुँचा"... और मनु अपने पूरे रफ़्तार से एरपोर्ट की ओर चल दिया.....

इधर मानस भी अपनी जिग्यासा भरी तलाश मे कानपुर पहुँच चुका था... और दीवान के दोस्त शेख के घर के बाहर दरवाजे परा खड़ा नॉक कर रहा था.........

दरवाजा खुला, एक लेडी बाहर आई.... "कौन है आप"

मानस.... शोकत आवाँ का घर यही है.

औरत..... हां यही है, पर आप कौन...

मानस.... उनसे कहिए मानस आया है, और शेखर दीवान के बारे मे पूछ रहा है.

औरत चिल्लाती हुई.... नवाब साहब, कोई लड़का आया है मानस, दीवान भाई साहब के बारे मे पूछ रहा है.

अंदर से ही चिल्लाते हुए आवाज़ आई.... उस से कह दो मैं, किसी दीवान को नही जानता, चला जाए वो...

औरत, फिर चिल्लाती हुई.... एक बार मिल तो लो, किसी को दरवाजे से ऐसे लौटाना अच्छी बात नही.

नवाब की फिर से आवाज़ गूँजी..... सबा बेगम मैने एक बार कह दिया ना, उससे जाने के लिए कह दो...

मानस दोबारा उसकी बात सुन कर ही चला गया, सबा अपने पति के करीब बैठी, और पुच्छने लगी.... "आप ने तो पहले ऐसा कभी नही किया, आज आप के तेवर क्यों बदले-बदले हैं"

नवाब.... माफ़ करना बेगम, पर क्या है ना कुछ लोगों की परच्छाई ही मनहूस होती है, पड़ते ही पूरा घर तबाह हो जाता है.

सबा.... लेकिन वो दीवान भाई साहब के बारे मे क्यों पूछ रहा था....

नवाब.... शायद पूर्वी के लिए आया हो...

सबा.... पूर्वी बेटा के लिए. आप ने पहले क्यों नही बताया, उससे वहीं झाड़ू से मारती.

नवाब.... इसलिए तो नही बताया, चलो अब एक कप चाय पिलाओ.

इधर मानस सोच मे डूबा हुआ, धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ा रहा था... "नवाब साहब, जब यहाँ तक पहुँच गया हूँ तो वहाँ तक भी पहुँच ही जाउन्गा. मैने भी कयि साल बर्बाद किए हैं, बस तुम लोगों की तलाश मे".

तभी जैसे पिछे से कोई आवाज़ दे रहा हो... मानस पिछे मूड कर देखा तो बुरखे मे एक लड़की खड़ी थी, जिसकी केवल खूबसूरत नीली आखें ही दिख रही थी.

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11-17-2020, 12:07 PM,
#38
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )

इधर मनु, तेज़ी से एरपोर्ट पर पहुँचा, काया पहले से उसका इंतज़ार कर रही थी.....

काया.... वॉववव, भाई बिल्कुल हॉट लुक मे निकले हो, कहीं किसी के साथ डेट पर तो नही थे...

मनु... बस कर पगली, जब देखो तुझे देखो मज़ाक ही सूझता है....

काया.... आप घर जाओ, मैं अब बच्ची नही रही, मैं खुद घर जा सकती हूँ....

मनु.... कितना गुस्सा करती है, ऐसे भी बात-बात पर कोई गुस्सा होता है क्या.... अब तू डेट की बात बोली तो मैं थोड़ा चिढ़ गया....

काया.... दांटा क्यों ? रुला दिया ना मुझे... मुझे कहीं नही जाना आप के साथ, और ना ही घर जाउन्गी, मैं अब वापस चली मुंबई....

मनु.... हां पता है ना, अब नॉमिन के साथ वक़्त बिताने मे तुम्हे ज़्यादा मज़ा आता है ना, तो भाई की हर बात गुस्सा ही करेगी.....

काया, नाक सुकोड़ती कहने लगी.... "हुहह ! रुला दिया तो ये भी ना कि गले लगा कर चुप करा दे, उपर से ताने दे रहे हो.... गंदे भाई"....

मनु, अपने दोनो कान पकड़ कर वहीं एरपोर्ट पर उठक-बैठक लगाने लगा..... "अब तो हंस दे काया, ऐसे रोनी सूरत अच्छी नही लगती"

काया दौड़ कर मनु को रोकी और उसके सीने से लग कर कहने लगी..... "बस भी करो भाई, ये एरपोर्ट है. कैसे आप उठक-बैठक करने लगे यहाँ.... सॉरी, मैं कुछ ज़्यादा ही ओवर रिक्ट कर गयी थी"...

मनु.... तुम नही मैं सॉरी कहता हूँ. पता नही क्यों, पर मैं भी थोड़ा चिढ़ गया था. अब ख़तम करते हैं इस बात को.

काया..... हां यही सही है. अच्छा सुनो भाई, मुझे ना आप से एक सीरीयस बात करनी थी इसलिए यहाँ बुलाया. भाई मुझे वो बंदर पसंद नही, मैं उस चेपु से शादी नही करने वाली....

दोनो एरपोर्ट से घर वापसी करते हुए..... "पर काया तुम्हे उस से शादी क्यों नही करनी"

काया.... ईईईईईई, बस मुझे नही करनी.... वो मुझे पसंद नही... उससे मना कर दो बस.

मनु.... जब करनी नही थी तो हां क्यों की...

काया.... आप मेरे साइड हो या उसके साइड हो....

मनु.... चल ठीक है, देखता हूँ क्या करना है.... फिलहाल आज का प्रोग्राम क्या है...

काया..... आज आप से इंपॉर्टेंट काम है.... मेरी एक दोस्त की कज़िन देल्ही मे है उस से मिलने जाना है.....

मनु.... कब, कहाँ और क्यों ????

काया..... अभी, इस वक़्त, कनाट प्लेस मे. उससे नौकरी की ज़रूरत है, और उसकी सिफारिश मैं कर रही हूँ.

काया, मनु को ले कर पहुँची, अपने फ्रेंड के कज़िन से मिलने. वहाँ से फिर काया पूरे दिन मनु को घूमाते ही रही.... शाम के वक़्त फिर पूरी फॅमिली एक छत के नीचे इकट्ठा हुए.
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11-17-2020, 12:07 PM,
#39
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )

केवल फॅमिली मेंबर्ज़ ही थे उस छत के नीचे. अमृता, हर्षवर्धन, सुकन्या, अमृता का छोटा बेटा रजत... सुकन्या के दोनो बच्चे... मिनाज़ और श्रेया. जैसे ही मनु और काया पहुँचे, अभी दोनो गेट से अंदर ही आए थे.....

अमृता.... वेलकम टू दा न्यू एमडी ऑफ एस.एस ग्रूप. मनु वी लव यू, और हम चाहते हैं तुम इस कंपनी को और बुलंदियों पर ले जाओ....

मनु सोच मे पड़ गया..... "आख़िर ये नागिन, आज शहद क्यों टपका रही है". उसने शांत रह कर सब की बस सुन ने की ठानी. और मुस्कुराते हुए सब को थॅंक्स कहने लगा.

पूरी फॅमिली एक जगह इकट्ठा बैठ गयी. शॅंपेन की बोतल खुली.... और सभी ने टोस्ट किया.... और सारे बच्चे मनु से पार्टी की ज़िद करने लगे. तभी हर्षवर्धन सब को शांत करते हुए कहने लगा.....

"दा यंग लाइयन ऑफ दा हाउस. मनु हम सब ने डिसाइड किया है, अब से पूरी कंपनी की बागडोर तुम्हारे हाथ मे हो. हम सब को रिटाइर करो, और पूरी कंपनी तुम सम्भालो"

मनु.... थोड़ा क्लियर बताएँगे डॅड आप कहना क्या चाहते हैं....

सूकन्या..... हम सब ने अपनी-अपनी पवर ऑफ अटर्नी तुम्हारे नाम कर दिया है, अब तुम्हारे पास इस कंपनी के 55% शेर्स है. यानी तुम लगभग इस कंपनी के पूरे ओनर हुए. हम तो बस ये चाहते हैं, हमारी आने वाली पीढ़ी, इस कंपनी की पूरी ओनर बन जाए.

मनु के तो होश उड़ गये. उस ने तो सपने मे भी नही सोचा था कि ये सब ऐसा भी कुछ करने वाले हैं. अचानक से ये हृदय परिवर्तन बहुत ही अचंभे का विषय था.

वहीं काया ने जैसे ही ये बात सुनी उच्छल कर मनु के गले लग गयी और कहने लगी..... "भाई आप ओनर हो गये, फिर तो मेरे ऐश हैं. मेरी पॉकेट मनी आज से ही डबल होनी चाहिए, और मुझे एक स्पोर्ट कार चाहिए ही चाहिए"

लेकिन न्यू जेनरेशन मे केवल काया ही थी, जो दिल से खुश लग रही थी... बाकी रजत, मिनाज़ और श्रेया तीनो ही गुस्से मे जल गये. सभी बचपन से ही अपने-अपने गार्डियन से यही सुनते आ रहे थे ये पूरी कंपनी उन्ही की है, और आज ऐसे अचानक से पूरी कंपनी का ओनर मनु को बना दिया गया... उनके लिए इस बात को पचा पाना मुस्किल था....

इस बात से खफा हो कर फिर तीनो ने ही वहीं पर तांडव मचाना शुरू कर दिया... और महिफिल ने अलग ही मोड़ ले लिया......

मिनाज़.... ये कैसी फॅमिली मीटिंग है, और हमारा फ्यूचर इसके हाथ मे देने का फ़ैसला आप सब कैसे कर सकते हैं...

श्रेया..... ओनर माइ फुट. इस नाजायज़ से पैसे मॅगने से अच्छा है मैं सुसाइड कर लूँ. नाना जी ने एमडी बनाया है तो इसे एमडी ही रहने दो, हमारा मालिक ना बनाओ.

रजत.... हां ये दोनो सही कह रहे हैं. ये आप सब ऐसा फ़ैसला कैसे ले सकते हो. सारी ग़लतियाँ तो इसके खून मे भरी है. गंदा खून. माँ बचलन थी सुसाइड कर ली. और इसके बड़े भाई का केस पैसों से नही दबाते तो रेप केस मे सज़ा काट रहा होता. साला अच्छा हुआ भाग गया. और इस अयाश को आप ओनर बना रहे हैं, जिसने अपनी कंपनी को डूबा दिया और जिसे लड़की के सिवा कुछ और दिखता ही नही....

काया..... यू फूल्स... मम्मा-पापा, बुआा... ज़हर पाल दिया आप सब ने इन लोगों के दिमाग़ मे भाई के खिलाफ. इसलिए यहाँ सब को बुलाया था क्या ????... आएन्दा ऐसी किसी भी मीटिंग का मैं हिस्सा नही... चलो भाई...

रजत.... ये तुम दोनो की ही ना बेटी है. पता नही इस नाजायज़ के लिए कितना प्यार भरा रहता है इसके दिल मे.

काया.... चुप कर, ज़्यादा बोल मत. तुम सब को अच्छे संस्कार मिले है ना, दिख रहा है. यदि एक शब्द भी किसी ने बोला, तो मैं अभी उसका ज़ुबान खींच लूँगी.... तुम बैठे-बैठे सुन क्यों रहे हो इनकी, कुछ कहते क्यों नही भाई....

तडाक से एक चाँटा.... महॉल पूरा शांत हो गया.... अमृता ने खींच कर एक थप्पड़ मारा रजत को... वो अपना हाथ गाल पर रखे घुरता हुआ वहाँ से अपने कमरे मे चला गया....

अमृता.... अब यदि किसी ने एक शब्द भी चू बोला, तो सब को बे-दखल कर दूँगी कंपनी से. मान'ना है तो मानो, ना मान'ना है तो भाड़ मे जाओ.....

मिनाज़..... चल श्रेया, हम भी देख लेते हैं, ये हमारा हक़ कैसे हथियाते हैं. कल ही मैं केस फाइल करूँगा इन सब के खिलाफ. सब को कोर्ट मे घसीट लूँगा....

मिनाज़, श्रेया के साथ वहाँ से गुस्से मे निकला, और उसके पिछे-पिछे सुकन्या भी वहाँ से निकल गयी...

अमृता.... सॉरी मनु, मैं इन सब के तरफ से माफी मगती हूँ.... प्लीज़ दिल से ना लेना इस बात को...

मनु.... इट'स ओके. अब मैं चलता हूँ...

सब की कड़वाहट को मनु अपने अंदर समेटे चला गया वहाँ से.
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11-17-2020, 12:07 PM,
#40
RE: Gandi Kahani (इंसान या भूखे भेड़िए )
मनु.... इट'स ओके. अब मैं चलता हूँ...

सब की कड़वाहट को मनु अपने अंदर समेटे चला गया वहाँ से. काया भी काफ़ी खफा थी इस बात से, मनु के जाते ही काया भी वहाँ से निकली... बाहर निकलते ही काया एक सिगेरेट जलाई, और अपने कार को सड़कों पर भगाने लगी.....

ट्रिनंगज्ज.... ट्रिनंगज्ज्ज......

"फोन रख दो केशव, मेरा मूड अभी खराब है".

केशव..... क्या हुआ मेरे बेबी को, मूड अभी ऑफ क्यों हैं ??

काया.... कुछ नही, थोड़ी फॅमिली प्रॉब्लम्स है, बाद मे बात करती हूँ.

केशव.... अर्रे फॅमिली की प्राब्लम पर ज़्यादा सोचती रहोगी, तो वो हमेशा ही टेन्षन देता रहेगा... एक काम करो बैठ कर आराम से मेरे साथ शेयर करो अपनी परेशानी...

काया.... उस से क्या होगा... परेशानी ख़तम हो जाएगी...

केशव.... नही, उस से तुम्हारे दिल का बोझ हल्का हो जाएगा... कम ऑन, अब चली भी आओ...

काया..... ह्म्म्म्म ! आती हूँ...

थोड़ी ही देर मे काया, केशव के दरवाजे पर थी, केशव दरवाजा खोल कर काया को अंदर बिठाया और फ्रिड्ज से वोड्का की एक बॉटल निकाल लिया... केशव पॅक बना कर सर्व करते हुए पुच्छने लगा.... "सो इस खुसूरत सी बला को किसने परेशान कर दिया....

काया.... परेशान नही केशव गुस्सा आ रहा है...

काया चेर पर बैठी, वोड्का का सीप लेती बोल रही थी, केशव उसके पिछे चला गया, और पिछे से उसके कंधे पर अपने दोनो हाथ रख कर, उसे हलका मसाज करते पुच्छने लगा...

केशव.... सो माइ बेउटीफुल & सेक्सी गर्ल, तुम्हे किस बात पर गुस्सा आ रहा है...

काया थोड़ी रिलॅक्स फील करती, कहने लगी.... "कुछ नही वही पुराना फॅमिली ड्रामा, मनु भाई को ले कर... छोड़ो ये सब ... ये सब तो चलता ही रहेगा....

केशव अपने दोनो हाथ के अंगूठे को उसपर उसकी गर्दन पर चलाते हुए..... "ह्म्म्म्म ! चलो तुम कहती हो तो छोड़ दिया.... वरना आज तो मैं इस फॅमिली ड्रामा को कस कर पकड़ता" ...

काया.... ओह्ह्ह हूओ ! बड़े ही उच्च ख्यालात मिस्टर. केशव, बात क्या है आज बहुत रोमॅंटिक मूड मे लग रहे हो....

केशव..... रात के 10.30 बजे. हलका सुरूर वोड्का का. अकेले बंद कमरे मे एक बहुत ही हॉट & सेक्सी गर्ल, वो भी बिल्कुल ताज़ा जवान हुई..... जिसके बदन की खुसबु दीवाना बना दे, और उफ्फ ये कतल करने वाला ज़िस्म.... कोई नालयक ही होगा जो इस मोहोल मे रोमॅंटिक फील करेगा. मैं तो एग्ज़ोटिक मूड मे हूँ.... थिंकिंग अबाउट सम्तिंग क्रेज़ी & नॅस्टी .....

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