Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
12-09-2020, 12:22 PM,
#11
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
"किसको नहीं होता, आप अपने साथी वकीलों की माली हालत पर भी तो नजर डाल लिया कीजिए, उनके पास क्या नहीं है और एक आप हैं कि आपकी मोटरसाइकिल तक रिटायर नहीं हो पाती ।"

"तल्खी खत्म हो तो बता देना ।" रोमेश उठकर फ्लैट की बालकनी में चला गया ।

तल्खी खत्म नहीं हुई थी कि फोन की घंटी बज उठी । रोमेश फोन की तरफ बढ़ गया ।

"रोमेश हेयर ।"

"मैं विजय ।" दूसरी तरफ से कहा गया ।

"इंस्पेक्टर, यह सुबह-सुबह कहाँ से बोल रहे हो ?"

''गोरेगांव ईस्ट, संगीता अपार्टमेंट ।"

"किसी का मर्डर हो गया क्या ?"

"तुम्हें कैसे मालूम ।"

"फोन पर गंध आ रही है । संगीता अपार्टमेन्ट में न तो तुम्हारा कोई रिश्तेदार रहता है, न कोई गर्लफ्रेंड, न ही वहाँ कोई शराब का अड्डा चलता है । घड़ी जो समय बता रही है, उसके अनुसार तुम्हें इस वक्त थाने में होना चाहिये था । तुम अपने ही इलाके की किसी और लोकेशन से बोल रहे हो, जिसका साफ मतलब है कि तुम मौका-ए-वारदात पर हो । मुझे फोन किया, इसलिये साफ जाहिर है कत्ल का मामला होगा, चोर डकैतों की लिस्ट तो पुलिस के पास होती ही है । हाँ, हत्यारों की नहीं होती ।"

"गुरु फौरन आ जाओ, मेरी फंसी पड़ी है ।"

"गुरु मानते हो, इसलिये आना ही होगा, लेकिन यार आज सण्डे है ।"

दूसरी तरफ से फोन कट चुका था ।

"इन पुलिस वालों की छुट्टी तो वैसे कभी होती ही नहीं ।"

"खासकर विजय की तो हो ही नहीं सकती ।" सीमा बोल पड़ी, "जैसे आप, वैसा विजय । आप किसी क्रिमिनल का केस नहीं लड़ते और वह किसी क्रिमिनल को रिश्वत लेकर नहीं छोड़ता ।"

"कोई फतवा हो तो बताओ, वरना मैं देख आऊं क्या मामला है ?"

"जाइये ।" इतना कहकर सीमा बाथरूम में चली गई ।

जल्दी ही तैयार होकर रोमेश अपनी मोटरसाइकिल लेकर चल पड़ा । बांद्रा से अंधेरी, अंधेरी से गोरेगांव । रॉयल एनफील्ड की बुलेट गाड़ी को पुलिसिया अंदाज में दौड़ाता हुआ वह पंद्रह मिनट में मौका-ए-वारदात पर पहुंच गया ।

और फिर जगाधरी के फ्लैट में पहुँचा, जहाँ विजय उसका बेताबी से इन्तजार कर रहा था । कुछ दूसरे सीनियर पुलिस ऑफिसर भी घटनास्थल पर आ चुके थे । उनमें से कुछेक ऐसे भी थे, जो रोमेश को पसन्द नहीं करते थे।

"मकतूल की लाश कहाँ है ?" रोमेश ने विजय से पूछा ।

विजय, रोमेश को लाश वाले कमरे में ले गया ।

"जब तुम उस कमरे में दाखिल हुए, क्या सब इसी तरह था, कोई चेजिंग तो नहीं हुई है ?" रोमेश ने कमरे में सरसरी नजर दौड़ाते हुए कहा ।

"सिर्फ एक चेंजिग है, रिवॉल्वर हमने अपने कब्जे में ले ली है ।"

"यानि कि जिस रिवॉल्वर से कत्ल हुआ ।"

"अभी यह कहना मुनासिब न होगा कि कत्ल उसी से हुआ, लेकिन वह यहाँ उसे नीचे पड़ी मिली ।"

"वह जहाँ से उठाई, वहीं रख दो ।"

विजय ने बलदेव को संकेत किया, बलदेव ने रिवॉल्वर रख दी ।

"क्या रिवॉल्वर रखने से सिचुऐशन पर फर्क पड़ जायेगा ।" यह बात डी.एस.पी. केसरीनाथ ने कटाक्ष के तौर पर कही ।

"हंड्रेड परसेन्ट ।" रोमेश बोला,"धारा भी बदल सकती है ।"

"यानि कि मर्डर की धारा 302 की जगह कुछ और बनती है ।"

"सर प्लीज ।" विजय ने केसरीनाथ को टिप्पणियां करने से रोका ।

"एनीवे ।" केसरीनाथ ड्राइंगरूम में चला गया, "जो भी रिजल्ट निकले, मेरे को इन्फॉर्म करो ।"
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12-09-2020, 12:22 PM,
#12
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
"यह दरवाजा बन्द कर दो बलदेव ।" रोमेश ने कहा ।

बलदेव, रोमेश की जांबाजी से वाकिफ था और यह भी जानता था कि विजय तभी रोमेश की मदद लेता है, जब मामला सचमुच पेचीदा हो । कत्ल के मामले सुलझाने में उसे मुम्बई पुलिस का मददगार शरलक होम्स कहा जाता था । रोमेश इस काम की कोई फीस नहीं लेता था । बतौर शौक, यही नहीं बल्कि गुत्थी सुलझाने में उसे इस बात का सुकून मिलता था कि कोई निर्दोष नहीं पकड़ा गया ।

दरवाजा बन्द होने के बाद एक बार फिर रोमेश ने कमरे का निरीक्षण शुरू कर दिया था ।

विजय सारी घटना पर प्रकाश डालता जा रहा था । जब वह सब बता चुका, तो बोला, "अब बताओ कातिल कोई हवा तो है नहीं कि निकल गया होगा । या तो हीरालाल गलत बयानी कर रहा है या वह खुद ।"

"किसी ठोस निर्णय के बिना हीरालाल को लपेटना उचित नहीं होगा ।" रोमेश ने बीच में ही टोक दिया,"ऐसा आमतौर पर होता नहीं है कि कातिल कत्ल के बाद खुद गले में फंदा डालने वाली परिस्थितियां बना दे ।"

"मगर दरवाजा एक ही है और धमाके के समय हीरालाल द्वार पर था, फिर वह यहाँ आया । ओह एक बात हो सकती है ।"

"क्या ?"

"कत्ल करने के बाद कातिल इस कमरे से बाहर ड्राइंगरूम में या बाथरूम में छिपा, हीरालाल जैसे ही इसके अन्दर आया, वह बाहर निकल गया होगा । लेकिन उसने रिवॉल्वर यहाँ फेंक क्यों दी ? किसी मुसीबत से निपटने के लिए उसे रिवॉल्वर तो अपने पास रखनी चाहिये थी । ऐसे में जबकि हीरालाल दरवाजे पर था ।"

रोमेश ने रिवॉल्वर रूमाल से लपेटकर उठा ली । उसकी नाल सूंघी, गर्दन हिलाई । उसका चेम्बर चेक किया । चेम्बर में अभी भी पांच गोलियां थीं, एक ही चली थी । बारूद की गंध से पता चलता था कि गोली उसी से चली थी ।

फिर रोमेश का ध्यान दरवाजे पर लगी चंद कीलों पर पड़ा ।

उसने दरवाजे से सीधा लाश को देखा और फिर लाश के पास पहुंच गया । उसके बाद वह घुटने के बल बैठ गया और फर्श पर कुछ कुरेदता रहा । फिर रबड़ की एक डोरी उठाते ही उसके होंठ गोल हो गये । वह सीधा खड़ा हो गया ।

"माई डियर पुलिस ऑफिसर । अब आप चाहें, तो शव को सील करके पोस्टमार्टम के लिए भेज सकते हैं ।"

इंस्पेक्टर विजय समझ गया कि जो गुत्थी वह नहीं सुलझा पा रहा था, वह सुलझ चुकी है ।

"हुआ क्या, लाश तो सील होगी ही । पंचनामा भी होगा, पोस्टमार्टम भी होगा । मगर बतौर कातिल मैं किसे गिरफ्तार करूं ? मैं जानने के लिए बेचैन हूँ, रोमेश का आखिर कत्ल किसने किया और कातिल कैसे निकल भागा ?"

"कातिल कहीं नहीं गया ।"

''क्या मतलब ?"

"माई डियर फ्रेन्ड, मकतूल भी यहीं है और कातिल भी, लेकिन अफसोस एक ही बात का है कि सारे सबूत उसके खिलाफ होते हुए भी तुम उसे गिरफ्तार न कर पाओगे ?"

"क्या बात कर रहे हो भाई, अपने मामले में मैं कितना सख्त हूँ, यह तो तुम भी जानते हो ।"

"यही तो मुश्किल है कि इस बार तुम हर जगह से हारोगे, कातिल सामने होगा और तुम उसे गिरफ्तार नहीं कर सकोगे ।"

"साफ-साफ बताओ यार, पहेली मत बुझाओ ।"

"तो सुनो, जो मकतूल है, वही कातिल भी है ।"

"क… क्या मतलब ? माई गॉड ! मगर कैसे ? वह यहाँ और रिवॉल्वर वहाँ ? हाउ इज इट पॉसिबल ? आत्महत्या करने के बाद वह रिवॉल्वर इतनी दूर कैसे फेंक सकता है ? या तो उसके हाथ में होती या मेज पर ? नहीं तो ज्यादा-से-ज्यादा उसके पैरों के पास । कहीं तुम यह तो नहीं कहना चाहते कि आत्महत्या के बाद किसी ने रिवॉल्वर उस तरफ फेंक दी होगी ।"

"यार तुम तो हजारों सवाल किये जा रहे हो । कभी-कभी दिमाग के घोड़े भी दौड़ा लिया करो, तुमने वह दरवाजा देखा ।"

दरवाजा बन्द था ।

"हाँ, देखा ।"

"इस किस्म के फ्लैटों में रहने वाले लोग क्या दरवाजों पर इस तरह कीलें ठोककर रखते हैं । कीलें तो झोंपड़पट्टी वाले भी अपने दरवाजों पर नहीं ठोकते ।"

विजय ने उन कीलों को देखा ।

"मगर इससे क्या हल निकला ?"

"रिवॉल्वर दरवाजे के पास गिरी हुई थी, लो पहले इसका चेम्बर खाली करके गोलियां अपने कब्जे में करो, फिर बताता हूँ ।"

विजय ने चेम्बर खाली कर दिया ।

खाली रिवॉल्वर की मूठ को रोमेश ने उन कीलों पर फिक्स किया, रिवॉल्वर कीलों पर अटक गया ।

''अब अगर इसकी नाल से गोली निकलती है, तो कहाँ पड़नी चाहिये ?" रोमेश ने पूछा ।

"ओ गॉड ! गोली सीधा उसी कुर्सी पर पड़ेगी, जहाँ मृतक मौजूद है ।"
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12-09-2020, 12:22 PM,
#13
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
"बिल्कुल ठीक ! यह भी कि गोली उसी जगह लगेगी, जहाँ इस शख्स के लगी हुई है । वह अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिला । कुर्सी के पुश्ते से उसका सिर उसी पोजीशन में है । वह उसी स्थिति में मरा है । उसने रिवॉल्वर का ट्रिगर दबाया, गोली चली और सीधा उसके मस्तक को फोड़ती चली गई ।"

"लेकिन उसने रिवॉल्वर का ट्रिगर दबाया कैसे ?"

"रबड़ की इस डोरी से ।" रोमेश में एक पतली डोरी दिखाई, "यह डोरी इस मेज के नीचे पड़ी थी । उसने डोरी का एक सिरा ट्रिगर पर मिलाया, दूसरा सिरा खुद पकड़कर धीरे-धीरे डोरी खींची । जैसे ही तनाव बढ़ा, डोरी ने ट्रिगर दबा दिया । गोली चलने पर रिवॉल्वर को झटका लगा । साथ ही डोरी का बंधन भी ट्रिगर से छूट गया, रिवॉल्वर नीचे गिर गई और मृतक के मरते ही डोरी का दूसरा सिरा उसके हाथ से भी निकल गया । धमाके की आवाज सुनकर तुरन्त ही हीरालाल अन्दर आया और बाकी वही हुआ, जो वह कहता है ।"

"ओ रियली ! यू आर जीनियस मैन रोमेश ! इस सारे मामले ने मेरे तो छक्के ही छुड़ा दिये । मगर इस शख्स ने आत्महत्या की यह तरकीब क्यों सोची और यह बिसात पर बिछे मोहरे, दो गिलास, व्हिस्की की बोतल यह सब क्या है ?"

"मरने से पहले उसने यह कौशिश की कि यह मामला कत्ल का बन जाये और शायद यह भी सोच लिया था कि हीरालाल पकड़ा जायेगा, हीरालाल ने डोर नॉक किया तो वह मरने के लिए तैयार बैठा था ।"

"मगर वजह क्या हो सकती है ?"

"वजह तुम तलाश करो, क्या सब कुछ मैं ही करता फिरूंगा । कुछ तुम भी तो करके दिखाओ माई डियर पुलिसमैन ।"

इतना कहकर रोमेश ने दरवाजा खोला और बाहर निकला चला गया ।

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12-09-2020, 12:23 PM,
#14
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
अगले दिन विजय का फोन रोमेश को मिला ।

"वही स्टोरी है, असल में उसे जबरदस्त घाटा हो चुका था उसकी लाइफ इंश्योरेंस की कुछ पॉलिसी थी, जगाधरी और उसकी पत्नी में कुछ सालों से अनबन थी, जगाधरी घर नहीं जाता था । उसकी फैमिली पूना में रहती है और उसकी पत्नी वहाँ टीचर है । इसके दो बच्चे भी हैं, दोनों माँ के साथ रहते हैं, जगाधरी की कमाई का वह एक पैसा भी नहीं लेते थे, जगाधरी काफी मालदार व्यक्ति था, फिर वह शेयर के धंधों में सब कुछ गंवा बैठा और पूरी तरह कर्जदार भी हो गया, इसका सब कुछ बिक चुका था । बस उसकी इंश्योरेंस की पॉलिसियां थीं, इसलिये वह चाहता था कि उसकी मौत का नाटक कत्ल की वारदात में बदल जाये, तो पॉलिसी कैश हो जायेगी और उसकी मौत के बाद एक मोटी रकम बीवी-बच्चों को मिल जायेगी ।"

"बड़ी ट्रेजिकल स्टोरी है, वह अपने बीवी-बच्चों को चाहता था ।" रोमेश बोला ।

"हाँ, ऐसा ही है ।"

"बहरहाल तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया, तुमने गुत्थी सुलझा दी, अगर मेरी जगह कोई और होता, तो शायद जो स्टोरी जगाधरी बनाना चाहता था, वह अखबारों में छपी होती ।"

"मैं कचहरी जा रहा हूँ, एक दिलचस्प मुकदमे की पैरवी करने । जरा आ जाना ।" इतना कहकर रोमेश ने फोन काट दिया, "सेम स्टोरी ।" रोमश के होंठ गोल हो गये ।

वह कोर्ट जाने के लिए बिल्कुल तैयार खड़ा था और कानून की एक मोटी किताब में कुछ मार्क कर रखा था । उसके बाद उसने दो-तीन लॉ बुक उठाई और फ्लैट से बाहर आ गया ।

श्यामू मोटर साइकिल साफ कर रहा था ।

"श्यामू तूने कभी अपना बीमा करवाया ?"

"नहीं तो साब, क्या करना बीमा करके, जो रुपया अपने काम न आये, वह किस काम का और फिर साब, मेरी अभी शादी ही कहाँ हुई ।"

"ओहो यह तो मैं भूल ही गया था, तेरी उम्र क्या है ?"

"उम्र मत पूछो साब, रोना आता है ।"

श्यामू, रोमेश का घरेलू नौकर था । जो उसे तनख्वाह मिलती थी, सब खर्च कर देता था । अच्छे कपड़े पहनना उसका शौक था और एक फिल्म को कम-से-कम तीन बार तो देखता ही था । जो फिल्म केवल बालिगों के लिए होतीं, उन्हें तो वह दस-दस बार देखता था ।

रोमेश कोर्ट के लिए रवाना हो गया ।

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12-09-2020, 12:23 PM,
#15
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
रोमेश का संक्षिप्त नाम रोमी था और रोमी के नाम से उसे सारा कोर्ट बुलाता था । कोर्ट के परिसर में उस समय जबरदस्त हलचल होती थी, जब रोमी का मुकद्दमा होता । उसकी बहस सुनने के लिए अन्य वकील भी आते थे और खासी भीड़ रहती थी ।

रोमी जब अपने चैम्बर में पहुँचा, तो वैशाली वहाँ उसकी प्रतीक्षा कर रही थी । वैशाली को नमस्ते का जवाब देने के बाद वह अपनी सीट पर बैठा और फाइलें तलब करने लगा । असिस्टेंट उसे घेरे हुए थे ।

ग्यारह बजकर चालीस मिनट पर वह कोर्ट में पहुँचा । उस कोर्ट में आज एक अद्भुत मुकदमे की कार्यवाही होनी थी । कोर्ट में पेश हो रहा था इकबालिया मुलजिम सोमू उर्फ़ सोमदत्त । वैशाली वहाँ पहले ही पहुंच गयी थी और इंस्पेक्टर विजय भी आ गया था, वो वैशाली के बराबर बैठा था ।

दोनों को बातें करता देख रोमी मुस्कराया ।

एक सीट पर राजदान बैठा था । रोमी को कोर्ट में आता देखकर वह चौंका । उसने बुरा-सा मुँह बनाया, दूसरे लोगों में भी कानाफूसी होने लगी, क्या रोमी सोमदत्त की पैरवी पर आया है ?

"अगर उसने वकालतनामा भरा तो इस बार मुँह की खायेगा ।" राजदान किसी से कह रहा था, "मुलजिम अपने जुर्म का इकबाल कर चुका है ।"

उसी समय सोमू को अदालत में पेश किया गया ।

राजदान उठ खड़ा हुआ ।

न्यायाधीश ने मेज पर हथौड़ी की चोट की और अदालत की कार्यवाही शुरू करने का हुक्म दिया ।

"इकबालिया मुलजिम सोमू के बारे में किसी प्रकार की बहस मुनासिब नहीं होगी, इकबाले जुर्म करने के बाद केवल खानापूर्ति शेष रह जाती है । मेरे ख्याल से इस केस में कोई मुद्दा शेष नहीं रह गया है, अतः महामहिम के फैसले का इन्तजार है ।"

"आई ऑब्जेक्ट योर ऑनर !" रोमी उठ खड़ा हुआ और फिर उसने अपना वकालतनामा सोमू के पक्ष में पेश किया,"मुझे सोमू की पैरवी की इजाजत दी जाये ।"

"इजाजत का प्रश्न ही नहीं उठता, वह अपने जुर्म का इकबाल कर चुका है । अब उसमें पैरवी या बहस के मुद्दे कहाँ से आ पड़े ?"

"शायद मेरे अजीज दोस्त राजदान को नहीं मालूम, किसी व्यक्ति के जुर्म स्वीकार कर लेने से ही जुर्म साबित नहीं हो जाता । इकबाले जुर्म के बाद भी पुलिस को उसे साबित करना होता है और पुलिस ने ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की है । यदि मुलजिम जुर्म का इकबाल करता है, तो उसे दोषी नहीं माना जा सकता, ठीक उसी तरह जैसे इकबाले जुर्म न करने पर उसे निर्दोष नहीं माना जाता ।" रोमी ने अपनी लॉ बुक से न्यायाधीश को एक धारा दिखाते हुए कहा, "अगर आवश्यकता हो, तो आप इसका अध्ययन कर लें ।"

अदालत में सनसनी फैल गई । यह पहला अवसर था, जब रोमी ने ऐसा केस हाथ में लिया था, जिसका मुलजिम अपने जुर्म का इक़बाल कर चुका था ।

"इजाजत दी जाती है ।" न्यायाधीश ने कहा ।

न्यायाधीश ने रोमी का वकालतनामा स्वीकार कर लिया ।

"सबूत पक्ष को आदेश दिया जाता है कि वह मुलजिम सोमू पर जुर्म साबित करने की कार्यवाही मुकम्मल करे और एडवोकेट रोमेश सक्सेना को डिफेन्स का पूरा अधिकार दिया जाता है ।"

न्यायाधीश ने यह आदेश पारित करके एक सप्ताह बाद की तारीख कर दी ।
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12-09-2020, 12:23 PM,
#16
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
"इस बार मात होनी तय है रोमी साहब ।" राजदान ने बाहर निकलते हुए कहा ।

"हम साबित भी कर देंगे ।"

"मात किसकी होनी है, यह आप अच्छी तरह जानते हैं राजदान साहब । आपकी जिन्दगी में अदालत में जब-जब मेरा सामना होगा, तब शिकस्त ही आपका मुकद्दर होगी । मैं इस मुकदमे को लम्बा नहीं जाने दूँगा, तुम एक दो तारीख से ज्यादा नहीं खींच पाओगे और वह बरी हो जायेगा ।"

रोमेश ने विजय और वैशाली को अपने चैम्बर में आने के लिए कहा ।

दोनों चैम्बर में आ गये ।

"क्या तुम लोग एक-दूसरे से परिचित हो ?" रोमी ने पूछा ।

"हाँ, हम बड़ौदा में एक साथ पढ़े हैं ।" विजय बोला ।

"और आपसे मदद लेने की सलाह इन्होंने ही दी थी ।" वैशाली बोली ।

"भई वाह, यह तुमने पहले क्यों नहीं बताया ।"

"क्योंकि इन्होंने यह भी कहा था कि आपके मामले में कोई सिफारिश जोर नहीं मारती ।"

"वैशाली लॉ कर रही है और तुम्हारी सरपरस्ती में कुछ बनना चाहती है ।"

"ओह बात यहाँ तक है ।" रोमी मुस्कुराया ।

"बात तो इससे भी आगे तक है ।" विजय हँसकर बोला ।

"अच्छा, यह बातें तो होती रहेंगी । मैंने तुम्हें आज इसलिये बुलाया था कि इस मामले में तुम्हारी मदद ले सकूं ।"

"ओह श्योर, क्या करना है हुक्म करो ।"

"मुझे करुण पटेल चाहिये हर सूरत में ।"

"वह शख्स जिसने एक लाख रुपया दिया था ।"

"हाँ वही, वैशाली ने उसका जो पता मुझे बताया था, वह फर्जी पता है और मेरी अपनी इन्वेस्टीगेशन के अनुसार यह कोई जरायमपेशा व्यक्ति भी नहीं है, न ही वह सोमू का परिचित है । जेल में मेरा एक आदमी सोमू को काफी टटोल चुका है, हमने इस मामले में एक कैदी से मदद ली थी और कैदी द्वारा जिन बातों का पता चला, उसी को ध्यान में रखकर मैंने मुकदमा हाथ में लिया है । फिलहाल मुझे करुण पटेल की जरूरत है । सेठ कमलनाथ के विश्वासपात्र लोगों में यह शख्स तुम्हें मिल जायेगा, उसे दबोचने के मामले में तुम पुलिसिया डंडा भी फेर सकते हो । बस यह बात ध्यान रखने की है कि वह सेठ कमलनाथ का कोई विश्वास पात्र होगा, हुलिया तुम्हें वैशाली से पता चल जायेगा ।"

"चिन्ता न करो, मैं उसे हर हालत में खोज निकालूंगा और जैसे ही वह मेरे हत्थे चढ़ेगा, तुम्हें फोन कर दूँगा ।"

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12-09-2020, 12:23 PM,
#17
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
विजय ने बड़ी जल्दी सफलता प्राप्त कर ली, तीसरे दिन ही करुण पटेल हाथ आ गया । विजय ने रोमेश को थाने बुला लिया । रोमी जब थाने पहुँचा, तो करुण पटेल हवालात में बंद था ।

"मुझे पकड़ा क्यों गया, क्या किया है मैंने ?" करुण पटेल गिड़गिड़ा रहा था, "मेरा कसूर तो बता दो इंस्पेक्टर साहब ।"

"इसका नाम करुण पटेल नहीं बेंकट करुण है ।" विजय बोला ।

"क्या वैशाली ने इसकी पुष्टि कर ली ।"

"हाँ, उसने दूर से देखकर इसे पहचाना और मैंने धर दबोचा । यह सेठ कमलनाथ का बहनोई लगता है ।"

"बस काम बन गया ।"

"लेकिन तुम्हें यह अन्देशा कैसे था कि यह शख्स कमलनाथ का कोई विश्वास पात्र होना चाहिये, आखिर लूटी गई रकम उसके विश्वासपात्र के पास कैसे सोमू रखेगा ?"

"तस्वीर का दूसरा रुख सामने आते ही सब तुम्हारी समझ में आ जायेगा, अब तुम्हें एक काम और करना है ।"
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12-09-2020, 12:23 PM,
#18
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
अगली तारीख पर अदालत खचाखच भरी हुई थी । पुलिस ने जो गवाह पेश किये, वह सब रटे रटाये तोते की तरह बयान दे रहे थे । रोमी ने इनमें से किसी से भी खास क्वेश्चन नहीं किया, न ही चश्मदीद गवाह से यह पूछा कि वह सुनसान हाईवे पर आधी रात को क्या कर रहा था ?

"मेरे अजीज दोस्त रोमेश सक्सेना ने बिना वजह अदालत का समय जाया किया है मीलार्ड । इनका तो मनोबल इतना टूटा हुआ है कि किसी गवाह से सवाल जवाब करने से ही कतरा रहे हैं ।"

"फर्जी गवाहों से सवाल जवाब करना मैं अपनी तौहीन समझता हूँ और न ही इस किस्म के क्रियाकलापों में समय नष्ट करता हूँ । मैं अपने काबिल दोस्त से जानना चाहूँगा कि सारे गवाह पेश करने के बावजूद भी पुलिस वह रकम क्यों बरामद नहीं कर पायी, जो सोमू ने लूट ली थी । यह प्वाइन्ट नोट किया जाये योर ऑनर कि जिस रकम के पीछे कत्ल हो गया, वह रकम सोमू के पास से बरामद नहीं हुई ।"

"इस रकम की बरामदगी न होने से केस की मजबूती पर कोई असर नहीं पड़ता योर ऑनर ! पुलिस सोमू से रकम बरामद न कर सकी, इससे केस के हालात नहीं बदल जाते । सोमू पहले ही अपने जुर्म का इकबाल कर चुका है ।" राजदान ने पुरजोर असर डालते हुए कहा, "यह बात मुलजिम ही बेहतर जानता होगा, उसने रकम कहाँ छिपायी थी । पुलिस ने उस पर थर्ड डिग्री प्रयोग की होती, तो शायद रकम भी बरामद हो जाती । लेकिन उसने पुलिस को चकमा देकर अदालत में समर्पण किया और उसे रिमाण्ड पर नहीं लिया जा सका । पुलिस ने रिमाण्ड की जरूरत इसलिये भी नहीं समझी कि वह अपना जुर्म कबूल करने के लिए तैयार था । दैट्स आल योर ऑनर ।"

"योर ऑनर मेरे काबिल दोस्त की सारी दलीलें अभी फर्जी साबित हो जाएंगी, मैं वह रकम पेश करने की इजाजत चाहता हूँ ।"

"आप रकम पेश करेंगे ?" राजदान चिल्लाया ।

"क्या हर्ज है ? पुलिस का अधूरा काम कोई भी शरीफ शहरी पूरा कर दे, तो उसमें हर्ज क्या है । क्या मुझे कानून की मदद करने का अधिकार नहीं और फिर यह रकम कोई मैं अपने पल्ले से दे नहीं रहा । न ही उसमें मेरा कोई कमीशन है ।"

अदालत में बैठे लोग हँस पड़े ।

"आर्डर !आर्डर !!" जज ने मेज पर हथौड़ी पीटी ।

अदालत शांत हो गई ।

"एडवोकेट रोमेश सक्सेना, रकम पेश कीजिए ।"

इंस्पेक्टर विजय उठकर बाहर गया और कुछ क्षण में ही एक व्यक्ति को पेश किया गया वह हाथ में ब्रीफकेस लिए हुए था । यह शख्स और कोई नहीं बेंकट करुण था । कमलनाथ का बहनोई ।

अदालत की रस्मी कार्यवाही के अनुसार गीता पर कसम लेने के बाद उसके बयान शुरू हो गये ।

"आपका नाम ?" रोमेश ने पूछा ।

"बेंकट करुण ।"

"बाप का नाम ।"

"अंकेश करुण ।"

"क्या आप वह रकम लेकर आये हैं, जिसका मालिक सोमू है ?" रोमेश ने पूछा ।

"जी हाँ, ये रही ।"

"यह फर्जी ड्रामा कर रहे हैं योर ऑनर ।" राजदान चीखा, "पता नहीं क्या गुल खिलाना चाहते हैं ?"

"मैं कोई गुल नहीं खिलाना चाहता गुले गुलजार, मैं तो आपकी मदद कर रहा हूँ । केस को और मजबूत कर रहा हूँ ।"

"योर ऑनर, मेरे काबिल दोस्त से कहें कि गवाह का बयान पूरा होने के बाद ही गुल खिलायें ।"

पब्लिक एक बार फिर हँस पड़ी ।

न्यायाधीश को एक बार फिर मेज बजानी पड़ी ।
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12-09-2020, 12:23 PM,
#19
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
कार्यवाही आगे बढ़ी ।

"ब्रीफकेस खोलो ।" रोमेश ने कहा ।

ब्रीफकेस में सौ-सौ के नोटों की दस गड्डियां थीं । रोमेश ने रकम न्यायाधीश की मेज पर रखी ।

"गिन लीजिये योर ऑनर ! पूरे एक लाख ही हैं और यह रकम कोई मैं अपनी जेब से दान नहीं कर रहा हूँ, यह वही रकम है जिसकी खातिर यह सब घटनायें प्रकाश में आई ।"

"ठीक है, आगे कहिए ।" न्यायाधीश ने अत्यन्त क्षीण दिलचस्पी से कहा ।

अदालत में बैठी जनता में खुसुर-फुसुर हो रही थी ।

"यह उसकी पैरवी कर रहा है या फाँसी पर लटकवाना चाहता है, सब उसके खिलाफ जा रहा है ।"

राजदान ने पीछे बैठे व्यक्ति की टिप्पणी सुन ली थी, वह मुस्करा तो दिया, परन्तु अन्दर ही अन्दर उसका मन किसी आशंका से काँप रहा था ।

"बेंकट करुण, अदालत को बताओ कि यह रकम किसने तुम्हें दी और किस शर्त पर तुमने इसे सोमू के घर तक पहुंचाया ?"

''यह रकम सेठ कमलनाथ ने मुझे दी थी, मैं उनका बहनोई हूँ ।" उसके इतना कहते ही अदालत में एकदम खलबली मच गयी ।

"शर्त यह थी कि जब सोमू कत्ल के जुर्म का इकबाल कर लेगा, तो रकम उनके घर पहुँचा दी जायेगी और उसके ऐसा करते ही हमने रकम पहुँचा दी ।"

"यह झूठा प्रपंच है ।" राजदान चीखा,"भला कमलनाथ क्यों देगा, कमलनाथ तो मर चुका था योर ऑनर ! सफाई पक्ष का वकील तो इस तरह कह रहा है, जैसे वह अभी चुर्रर-मुर्रर करेगा और कमलनाथ को जिन्दा कर लेगा ।"

"यही होने जा रहा है मिस्टर राजदान ।"

ठीक उसी समय हथकड़ियों में जकड़ा कमलनाथ अदालत में आ गया ।

"देखो, वो रहा कमलनाथ ! गौर से देखो और चाहे जैसे शिनाख्त कर लो और खुद अदालत को बता दो कि जो शख्स मरा ही नहीं, उसके कत्ल के जुर्म में क्या किसी मुलजिम को सजा दी जा सकती है ? हाउ कैन इट पॉसिबिल, चाहे उसने जुर्म का इकबाल ही क्यों न किया हो ।"

राजदान के तो छक्के छूट गये । पसीना-पसीना हो गया वह ।

सेठ कमलनाथ सचमुच अदालत में प्रकट हो गया था ।

☐☐☐
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12-09-2020, 12:23 PM,
#20
RE: Gandi Sex kahani दस जनवरी की रात
अदालत में खलबली शांत हुई, तो कमलनाथ को कटघरे में लाया गया और कमलनाथ को भी गीता की कसम दिलाई गई ।

"सेठ कमलनाथ, उचित होगा कि आप स्वयं अदालत को सब कुछ बता दें, क्योंकि अब आपका खेल खत्म हो गया है ।"

"मैं दिवालिया हो गया था ।" कमलनाथ ने बोलना शुरू किया, "तीन महीने से मेरी फैक्ट्री में ताला पड़ा था । स्टाफ को वेतन नहीं दे पा रहा था और वह लोग मुझे कोर्ट में घसीटने की धमकियां दे रहे थे । ट्रेड यूनियन्स उनकी पीठ पर आ खड़ी हुई थी । उनको मेरी हालत का अन्दाजा भी न था कि मेरी सारी प्रॉपर्टी गिरवी पड़ी है । उस रात मैं बहुत परेशान था और अचानक वह हादसा हो गया, कोई शख्स आत्महत्या के इरादे से रात के अन्धेरे में सड़क के किनारे खड़ा शायद किसी वाहन की प्रतीक्षा कर रहा था और अचानक हमारी कार के आगे कूद गया, उसकी मौत हो गई ।"

इतना कहकर वह कुछ क्षण के लिए रुका ।

"संयोग से उसकी कदकाठी मेरे जैसी थी । मेरे दिमाग में तुरन्त एक ख्याल आया, अगर मेरी मौत इस तरह हो जाती, तो मुझे पचास लाख रुपया मिल सकता था । यह रकम मुझे इंश्योरेंस से मिल सकती थी । उधर सोमू को अपनी बहन की शादी के लिए एक लाख रुपये की जरूरत थी । मैंने पहले तो लाश को अपने कपड़े वगैरा पहनवाये, फिर सोमू से सौदा कर लिया कि उसे क्या करना है । अगर मैं खाली एक्सीडेन्ट दिखाता हूँ, तो तफ्तीश में शायद यह भेद खुल जाता । इसलिये मैंने उसे कत्ल का नाटक बनाकर पेश कर दिया और सोमू मुलजिम बनने को तैयार हो गया । उसके इकबाले जुर्म करने से पुलिस भी अधिक झंझट में नहीं पड़ी और इंश्योरेंस की रकम भी मुझे मिल गई । मैं कुछ दिन के लिए मुम्बई से बाहर अपने बहनोई के गाँव वाले मकान में रहने चला गया और काम होने पर रकम सोमू के घर पहुंचाने का निर्देश भी दे दिया था । लेकिन बेंकट करुण पकड़ा गया और फिर मेरा सारा भांडा फूट गया ।"

"दैट्स आल योर ऑनर ! यह है असली वाकया, आप चाहें तो सेठ कमलनाथ की शिनाख्त करवा सकते हैं । कहीं मेरे वकील दोस्त राजदान, कमलनाथ को भी फर्जी न कह बैठे ।"

अदालत में बैठे लोगों ने तालियां बजाकर उसका उत्साहवर्धन किया ।

अगले दिन अखबारों में रोमी सुर्खियों में था ।

☐☐☐
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