Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
10-30-2019, 12:16 PM,
#31
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
स्पोंज से अपने बदन को रगड़ने के बाद. वापस स्पोंज को रैक पर रख दिया और मग से पानी लेकर कंधो पर डालते हुए नहाने लगी. मात्र स्पोंज से सफाई करने के बाद ही मॉम का पूरा बदन चम-चमाने लगा था. पानी से अपने पुरे बदन को धोने के बाद मॉम ने अपने शैंपू लगे बालों का गोला खोला और एक बार फिर से कमर के पास से निचे झुक गई और उनके चुत्तर फिर से लकड़ी के पट्टो के बीच बने गैप के सामने आ गए.

इस बार उनके गोरे चम-चमाते चुत्तरों के बीच की चमचमाती खाई के आलावा मुझे एक और चीज़ के दिखने को मिल रही थी. वो क्या थी इसका अहसास मुझे थोड़ी देर से हुआ. गांड की सिकुरी हुई छेद से करीब चार अंगुल भर की दूरी पर निचे की तरफ एक लम्बी लकीर सी नज़र आ रही थी. मैं ये देख कर ताज्जुब में पर गया, पर तभी ख्याल आया की ये तो शायद चूत है. पहले ये लकीर इसलिए नहीं नज़र आ रही थी क्योंकि यहाँ पर झान्ट के बाल थे,जब झांटो की सफाई कर दी तो चूत की लकीर स्पष्ट दिखने लगी. इस बात का अहसास होते ही की मैं अपनी मॉमकी चूत देख रहा हूँ,

मुझे लगा जैसे मेरा कलेजा मुंह को आ जायेगा और फिर से मेरा गला सुख गया और पैर कांपने लगे. इस बार शायद मेरे लण्ड से दो बूँद टपक कर निचे गिर भी गया पर मैंने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. लण्ड भी मारे उत्तेजना के काँप रहा था. बाथरूम में वैसे तो लाइट आँन थी मगर मॉम की पीठ की तरफ रोशनी कम थी. फिर भी दोनों मोटी जांघो के बीच ऊपर की तरफ चुत्तरों की खाई के ठीक निचे एक गुलाबी लकीर सी दिख रही थी. पट्टो के बीच से देखने से ऐसा लग रहा था जैसे सेब या पके हुए पपीते के आधे भाग को काट कर फिर से आपस में चिपका कर दोनों जांघो के बीच फिट कर दिया गया है.

मतलब रेनू की चूत ऐसी दिख रही थी जैसे सेब को चार भागो में काट कर फिर दो भागो को आपस में चिपका कर गांड के निचे लगा दिया गया हो. कमर या चुत्तरों के इधर-उधर होने पर दोनों फांकों में भी हरकत होती थी और ऐसा लगता जैसे कभी लकीर टेढी हो गई है कभी लकीर सीधी हो गई है. जैसे चूत के दोनों होंठ कभी मुस्कुरा रहै है कभी नाराज़ हो रहै है. दोनों होंठ आपस में एक दुसरे से एक दम सटे हुए दिख रहै थे. होंठो के आपस में सटे होने के मतलब बाद में समझ में आया की ऐसा चूत के बहुत ज्यादा टाइट होने के कारण था. दोनों फांक एक दम गुलाबी और पावरोटी के जैसे फूले हुए थे.

मेरे मन में आया की काश मैं चूत की लकीर पर ऊपर से निचे तक अपनी ऊँगली चला और हलके से दोनों फांकों को अलग कर के देख पाता की कैसी दिखती है, दोनों गुलाबी होंठो के बीच का अंदरूनी भाग कैसा है मगर ये सपना ही रह गया.मॉम के बाल धुल चुके थे और वो सीधी खड़ी हो गई.
Reply
10-30-2019, 12:17 PM,
#32
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
बालो को अच्छी तरह से धोने के बाद फिर से उनका गोला बना कर सर के ऊपर बाँध लिया और फिर अपने कंधो पर पानी डाल कर अपने आप को फिर से गीला कर पुरे बदन पर साबुन लगाने लगी. पहले अपने हाथो पर अच्छी तरह से साबुन लगाया फिर अपने हाथो को ऊपर उठा कर वो दाहिनी तरफ घूम गई और अपने कान्खो को आईने में देख कर उसमे साबुन लगाने लगी.

गोरी, गुलाबी और चिकनी हो गई थी. जीभ लगा कर चाटो तो जीभ फिसल जाये ऐसी चिकनी लग रही थी.मॉम ने खूब सारा साबुन अपनी कान्खो में लगाया और फिर वैसे ही अपनी छाती पर रगर-रगर कर साबुन लगाने लगी. छाती पर साबुन का खूब सारा झाग उत्पन्न हो रहा था.

मॉम का हाथ उसमे फिसल रहा था और वो अपनी ही चुचियों के साथ खिलवार करते हुए साबुन लगा रही थी. कभी निप्पल को चुटकियों में पकर कर उन पर साबुन लगाती कभी पूरी चूची को दोनों हाथो की मुट्ठी में कस कर साबुन लगाती. साबुन लगाने के कारण मॉम की चूची हिल रही थी और थलथला रही थी. चुचियों के हिलने का नज़ारा लण्ड को बेकाबू करने के लिए काफी था. तभी मॉम वापस नल की तरफ घूम गई और फिर निचे झुक कर पैरों पर साबुन लगाने के बाद सीधा हो कर अपनी जांघो पर साबुन लगाने लगी.

दोनों जांघो पर साबुन लगाने के बाद अपने हाथो में ढेर सारा साबुन का झाग बना कर अपनी जांघो को फैला कर उनके बीच अपने हाथों को घुसा दिया. हाथ चलाते हुए अपनी चूत पर साबुन लगाने लगी. अच्छी तरह से चूत पर साबुन लगा लेने के बाद जैसा की मैंने सोचा था गांड की बारी आई और फिर पहले अपने चुतरों पर साबुन लगा लेने के बाद अपने हाथो में साबुन का ढेर सारा झाग बना कर अपने हाथो को चुत्तरों की दरार में घुसा दिया और ऊपर से निचे चलाती हुई अपनी गांड की खाई को रगरते हुए उसमे साबुन लगाने लगी. गांड में साबुन लगाने से भी खूब सारा झाग उत्पन्न हो रहा था. खूब अच्छी तरह से साबुन लगा लेने के बाद. नल खोल कर मग से पानी उठा-उठा कर मॉम ने अपना बदन धोना शुरू कर दिया.

पानी धीरे-धीरे साबुन को धो कर निचे गिराता जा रहा था और उसी के साथ मॉम के गोरे बदन की सुन्दरता को भी उजागर करता जा रहा था. साबुन से धुल जाने के बाद मॉमका गोरा बदन एक दम ढूध का धुला लग रहा था. जैसे बाथरूम के उस अंधियारे में चांदनी रौशन हो गई थी. ऊपर से निचे तक मॉम का पूरा बदन चम-चमा रहा था. मेरी आंखे चुंधिया रही थी और मैं अपनी आँखों को फार कर ज्यादा से ज्यादा उसके मद भरे यौवन का रस अपनी आँखों से पी जाना चाहता था. मेरे पैर थक चुके थे और कमर अकड़ चूँकि थी मगर फिर भी मैं वह से हिल नहीं पा रहा था.
Reply
10-30-2019, 12:17 PM,
#33
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
अपने पुरे बदन को धो लेने के बाद मॉम ने खूंटी पर टंगा तौलिया उतारा और अपने बदन को पोछने लगी. पुरे बदन को तौलिये से हौले-हौले दबा कर पोछने के बाद अपने सर को बालों को तौलिये से हल्के से पोछा और तौलिये को बालों में लपेट कर एक गोला बना दिया. फिर दाहिनी तरफ घूम कर आईने के सामने आ गई. दाहिनी चूची जो की मुझे इस समय दिख रही थी थोड़ी लाल या फिर कहै तो गुलाबी लग रही थी. ऐसा शायद रगर का सफाई करने के कारण हुआ होगा, निप्पल भी थोड़ी काली लग रही थी ऐसा शायद उनमे खून भर जाने के कारण हुआ होगा.

मॉम ने अपने आप को आईने अच्छी तरह से देखा फिर अपने दोनों हाथो को उठा कर बारी-बारी से अपनी कान्खो को देखा और सुंघा भी, फिर अपने दोनों जांघो के बीच अच्छी तरह से देखा, अपने चेहरे का हर कोण से अच्छी तरह से आईने में देखा और फिर अपनी नजरो को निचे ले जा कर अपने पैरों आदि को देखने लगी. मैं समझ गया की अब मॉम बाहर निकलेंगी. इस से पहले की वो बाहर निकले मुझे चुप चाप निकल जाना चाहिए,में उठा और बिस्टर पर जाकर लेट गया मॉम बाथरूम से निकली और सीधे सामने अपने कमरे में चल गयी

मॉम को नहाते देखने के बाद तो मेरा हाल और भी बुरा हो गया था,मुझे तो अब एक ही धुन सवार हो गयी थी की किसी भी तरह मॉम को चोदना है,पर कैसे ये मेरी समझ नही आ रहा था। अब मेने एक काम शुरू किया की में जब भी मॉम के पास जाता तो अपने लोडे को खड़ा कर के मेरे लंड का उभर साफ दिख जाये। ये ही नही में ये भी कोशिश करने लगा की कमरे का दरवाजा तो बंद न करू और नंगा होकर मूठ मरू ताकि मॉम जब भी रूम में घुसे तो उन्हें मेरा लौड़ा दिख जाये।
एक दिन में अपनी कोशिश में कामयाब हो गया ,में अपने रूम में मूठ मर ही रहा था की मॉम रूम में आ गयी ,में उन्हें देख कर सक पकाया नही बल्कि मेने अपना टॉवल बड़े आराम से लोडे पर डाला और खड़ा हो गया पर में अपना लौड़ा मॉम को दिखने में कामयाब हो गया था,मॉम ने जोर से मुझे चिल्ला कर कहा,ये तुम क्या कर रहै थे ,तुम्हे शर्म नही आ रही थी की तुम्हारी मॉम या बहन तुम्हारे रूम में आ सकती है ,और ये करने से तुम्हारी ज़िंदगी ख़राब हो जाएगी।

मुझे सब पता है लेकिन कर सकता हु? मेने मेने कहा। मॉम फिर जोर से बोली ,क्या मतलब ?मेने कहा मेने आपको और डैड को रात को कई बार सेक्स करते देखा है और आप जिस तरह से आप दोनों सेक्स करते हो उसने मेरी ज़िंदगी ख़राब कर दी है में अब दिन रात आपके बारे में ही सोचता रहता हु। मॉम अब ठंडी पड़ी ,क्या सोचते रहते हो मेने कहा ,मॉम में आपको नंगा देखना चाहता हु ,क्या ,मॉम जोर चिल्लाई तेरा दिमाग तो ख़राब नही हो गया , तू अपनी मॉम से ऐसे कैसे कह सकता है ?

मेने कहा आप सोच लीजिये अगर आप नही मानती तो में ऐसे ही मूठ मारूंगा,मॉम अब और ठंडी पड़ी,

मगर तभी मॉम बोली "ठीक है मतलब तुझे चुत देखनी है....अभी बाथरूम से आती हूँ तो तुझे अपनी बुर दिखाती हूँ" कहती हुई बेड से निचे उतर ब्लाउज के बटन बंद करने लगी. मेरी कुछ समझ में नहीं आया की मॉम अपना ब्लाउज क्यों बंद कर रही है मैं मॉम के चेहरे की तरफ देखने लगा तो मॉम आँख नचाते हुए बोली "चुत ही तो देखनी है...वो तो मैं पेटिकोट उठा कर दिखा दूंगी..." फिर तेजी से बाहर निकल बाथरूम चली गई. मैं सोच में पड़ गया मैं मॉम को पूरा नंगा देखना चाहता था. मैं उनकी चूची और चुत दोनों देखना चाहता था और साथ में उनको चोदना भी चाहता था, पर वो तो बाद की बात थी पहले यहाँ मॉम के नंगे बदन को देखने का जुगार लगाना बहुत जरुरी था.

मैंने सोचा की मुझे कुछ हिम्मत से काम लेना होगा. मॉम जब वापस रूम में आकर अपने पेटिकोट को घुटनों के ऊपर तक चढा कर बिस्तर पर बैठने लगी तो मैं बोला " मॉम...मैं….चू…चू…चूची भी देखना...चाहता हूँ".
Reply
10-30-2019, 12:17 PM,
#34
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मॉम इस पर चौंकने का नाटक करती बोली "क्या मतलब...चूची भी देखनी है….चुत भी देखनी है....मतलब तू तो मुझे पूरा नंगा देखना चाहता है....हाय....बड़ा बेशर्म है....अपनी मॉम को नंगा देखना चाहता है....क्यों मैं ठीक समझी ना...तू अपनी मॉम को नंगा देखना चाहता है...बोल, ...ठीक है ना...."

मैं भी शरमाते हुए हिम्मत दिखाते बोला "हां मॉम....मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो....मैं....मैं आप को पूरा...नंगा देखना....चाहता..."

"बड़ा अच्छा हिसाब है तेरा....अच्छी लगती हो.....अच्छी लगने का मतलब तुझे नंगी हो कर दिखाऊ...कपड़ो में अच्छी नहीं लगती हूँ क्या...."

"हाय मॉम मेरा वो मतलब नहीं था....वो तो आपने कहा था....फिर मैंने सोचा....सोचा...."

"...तुने जो भी सोचा सही सोचा....मैं अपने बेटे को दुखी नहीं देख सकती....मुझे ख़ुशी है की मेरा इक्कीस साल का बेटा अपनी मॉम को इतना पसंद करता है की वो नंगा देखना चाहता है.... मैं तुझे पूरा नंगा हो कर दिखाउंगी.....फिर तुम मुझे बताना की तुम अपनी मॉम के साथ क्या-क्या करना चाहते हो....".

मेरी तो जैसे लाँटरी लग गई. चेहरे पर मुस्कान और आँखों में चमक वापस आ गई. मॉम बिस्तर से उतर कर नीचे खड़ी हो गई और हंसते हुए बोली "पहले पेटिको़ट ऊपर उठाऊ या ब्लाउज खोलू..." मैंने मुस्कुराते हुए कहा "हाय मॉम दोनों....खोलो....पेटिको़ट भी और ब्लाउज भी...."

"इस.....स......स....बेशर्म पूरा नंगा करेगा....चल तेरे लिए मैं कुछ भी कर दूंगी....अपने बेटे के लिए कुछ भी...पहले ब्लाउज खोल लेती हूँ फिर पेटिको़ट खोलूंगी....चलेगा ना..." गर्दन हिला कर मॉम ने पूछा तो मैंने भी सहमती में गर्दन हिलाते हुए अपने गालो को शर्म से लाल कर मॉम को देखा. मॉम ने चटाक-चटाक ब्लाउज के बटन खोले और फिर अपने ब्लाउज को खोल कर पीछे की तरफ घूम गई और मुझे अपनी ब्रा का हूक खोलने के लिए बोला मैंने कांपते हाथो से उनके ब्रा का हूक खोल दिया. मॉम फिर सामने की तरफ घूम गई. मॉम के घूमते ही मेरी आँखों के सामने मॉम की मदमस्त, गदराई हुई मस्तानी कठोर चूचियां आ गई.

मैं पहली बार अपनी मॉम के इन गोरे गुब्बारों को पूरा नंगा देख रहा था. इतने पास से देखने पर गोरी चूचियां और उनकी ऊपर की नीली नसे, भूरापन लिए हुए गाढे गुलाबी रंग की उसकी निप्पले और उनके चारो तरफ का गुलाबी घेरा जिन पर छोटे-छोटे दाने जैसा उगा हुआ था सब नज़र आ रहा था. मैं एक दम कूद कर हाय करते हुए उछला तो मॉम मुस्कुराती हुई बोली "अरे, रे इतना उतावला मत बन अब तो नंगा कर दिया है आराम से देखना....ले...देख..." कहती हुई मेरे पास आई. मैं बिस्तर पर बैठा हुआ था और वो निचे खड़ी थी इसलिए मेरा चेहरा उनके चुचियों के पास आराम से पहुँच रहा था. मैं चुचियों को ध्यान से से देखते हुए बोला "हाय...मॉम पकड़े..."
Reply
10-30-2019, 12:17 PM,
#35
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
"हाँ...हाँ....पकड़ ले जकड़...ले अब जब नंगा कर के दिखा रही हूँ तो...छूने क्यों नहीं दूंगी....ले आराम से पकड़ कर मजा कर......अपनी मॉम की नंगी चुचियों से खेल...." मैंने अपने दोनों हाथ बढा कर दोनों चुचियों को आराम से दोनों हाथो में थाम लिया. नंगी चुचियों के पहले स्पर्श ने ही मेरे होश उड़ा. उफ्फ्फ मॉम की चूचियां कितनी गठीली और गुदाज थी, इसका अंदाजा मुझे इन मस्तानी चुचियों को हाथ में पकड़ कर ही हुआ. मेरा लण्ड फरफराने लगा. दोनों चुचियों को दोनों हथेली में कस हलके दबाब के साथ मसलते हुए चुटकी में निप्पल को पकड़ हलके से दबाया जैसे किशमिश के दाने को दबाते है. मॉम के मुंह से एक हलकी सी आह निकल गई. मैंने घबरा कर चूची छोड़ी तो मॉम ने मेरा हाथ पकड़ फिर से अपनी चुचियों पर रखते हुए दबाया तो मैं समझ गया की मॉम को मेरा दबाना अच्छा लग रहा है और मैं जैसे चाहू इनकी चुचियों के साथ खेल सकता हूँ.

गर्दन उचका कर चुचियों के पास मुंह लगा कर एक हाथ से चूची को पकड़ दबाते हुए दूसरी चूची को जैसे ही अपने होंठो से छुआ मुझे लगा जैसे मॉम गनगना गई उनका बदन सिहर गया. मेरे सर के पीछे हाथ लगा बालों में हाथ फेरते हुए मेरे सर को अपनी चुचियों पर जोर से दबाया. मैंने भी अपने होंठो को खोलते हुए उनकी चुचियों के निप्पल सहित जितना हो सकता था उतना उनकी चुचियों को अपने मुंह में भर लिया और चूसते हुए अपनी जीभ को निप्पल के चारो तरफ घुमाते हुए चुमलाया तो मॉम सिसयाते हुए बोली "आह....आ...हा....सी...सी....ये क्या कर रहा है...उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़.....मार डाला....साले मैं तो तुझे अनारी समझती थी....मगर....तू....तो खिलाड़ी निकला रे.....हाय...चूची चूसना जानता है.....मैं सोच रही थी सब तेरे को सिखाना पड़ेगा....हाय...चूस ...सीईई....ऐसे ही निप्पल को मुंह में लेकर चूस और चूची दबा....हाय रस निकाल बहुत दिन हो गए....." अब तो मैं जैसे भूखा शेर बन गया और मॉम की चुचियों को मुंह में भर ऐसे चूसने लगा जैसे सही में उसमे से रस निकल कर खा जाऊंगा. कभी बाई चूची को कभी दाहिनी चूची को मुंह में भर भर कर लेते हुए निप्पलों को अपने होंठो के बीच दबा दबा कर चूसते हुए रबर की तरह खींच रहा था.

चुचियों के निप्पल के चारो तरफ के घेरे में जीभ चलाते हुए जब दुसरे हाथ से मॉम की चूची को पकड़ कर दबाते हुए निप्पल को चुटकी में पकड़ कर खींचा तो मस्ती में लहराते हुए मॉम लड़खड़ाती आवाज़ में बोली "हाय ....सीईई...ई...उफ्फ्फ्फ्फ्फ....चूस ले.....पूरा रस चूस.....मजा आ रहा है....तेरी मॉम को बहुत मजा आ रहा है .....हाय तू तो चूची को क्रिकेट की गेंद समझ कर दबा रहा है....मेरे निप्पल क्या मुंह में ले चूस....तू बहुत अच्छा चूसता है....हाय मजा आ गया ....पर क्या तू चूची ही चूसता रहैगा.....बूर नहीं देखेगा अपनी मॉम की चुत नहीं देखनी है तुझे.....हाय उस समय से मरा जा रहा था और अभी....जब चूची मिल गई तो उसी में खो गया है....हाय चल बहुत दूध पी लिया.....अब बाद में पीना" मेरा मन अभी भरा नहीं था इसलिए मैं अभी भी चूची पर मुंह मारे जा रहा था. इस पर मॉम ने मेरे सर के बालों को पकड़ कर पीछे की तरफ खींचते हुए अपनी चूची से मेरा मुंह अलग किया और बोली "साले....हरामी....चूची...छोड़....कितना दूध पिएगा....हाय अब तुझे अपनी चूत का रस पिलाती हु....चल हट माधरचोद....." गाली देने से मुझे अब कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि मैं समझ गया था की ये तो मॉम का शगल है और शायद मार भी सकती है अगर मैं इसके मन मुताबिक ना करू तो. पर दुधारू गाये की लथार तो सहनी ही परती है. इसकी चिंता मुझे अब नहीं थी.

मॉम लगता था अब गरम हो चूँकि थी और चुदवाना चाहती थी. मैं पीछे हट गया और मॉम के पेट पर चुम्मा ले कर बोला "हाय मॉम बूर का रस पिलाओगी...हाय जल्दी से खोलो ना..." मॉम पेटिको़ट के नाड़े को झटके के साथ खोलती हुई बोली "....अब तो तुझे पिलाना ही पड़ेगा...ठहर जा अभी तुझे पिलाती अपनी चुत पूरा खोल कर उसकी चटनी चटाऊंगी फिर...देखना तुझे कैसा मजा आता है...." पेटिको़ट सरसराते हुए निचे गिरता चला गया पैंटी तो पहनी नहीं थी इसलिए पेटिको़ट के निचे गिरते ही मॉम पूरी नंगी हो गई. मेरी नजर उनके दोनों जन्घो के बीच के तिकोने पर गई. दोनों चिकनी मोटी मोटी रानो के बीच में मॉम की बूर का तिकोना नज़र आ रहा था. चुत पर हलकी झांटे उग आई थी. मगर इसे झांटो का जंगल नहीं कह सकते थे. ये तो चुत की खूबसूरती को और बढा रहा था. उसके बीच मॉम की गोरी गुलाबी चुत की मोटी फांके झांक रही थी.
Reply
10-30-2019, 12:17 PM,
#36
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
दोनों जांघ थोड़ा अलग थे फिर भी चुत की फांके आपस में सटी हुई थी और जैसा की मैंने बाथरूम में पीछे से देखा था एक वैसा तो नहीं मगर फिर भी एक लकीर सी बना रही थी दोनों फांके. मॉम की कमर को पकड़ सर को झुकाते हुए चुत के पास ले जाकर देखने की कोशिश की तो मॉम अपने आप को छुड़ाते हुए बोली " ऐसे नहीं....ऐसे ठीक से नहीं देख पाओगे....दोनों जांघ फैला कर अभी दिखाती हूँ...फिर आराम से बैठ कर मेरी बूर को देखना और फिर तुझे उसके अन्दर का माल खिलाउगीं...घबरा मत बेटे ...मैं तुझे अपनी चुत पूरा खोल कर दिखाउंगी और....उसकी चटनी भी चटाउगीं...चल छोड़ कहते हुए पीछे मुड़ी. पीछे मुड़ते ही मॉम गुदाज चुत्तर और गांड मेरी आँखों के सामने नज़र आ गए. मॉम चल रही थी और उसके दोनों चुत्तर थिरकते हुए हिल रहै थे और आपस में चिपके हुए हिलते हुए ऐसे लग रहै थे जैसे बात कर रहै हो और मेरे लण्ड को पुकार रहै हो. लौड़ा दुबारा अपनी पूरी औकात पर आ चूका था और फनफना रहा था.

मॉम ड्रेसिंग टेबल के पास रखे गद्देदार सोफे वाली कुर्सी पर बैठ गई और हाथो के इशारे से मुझे अपने पास बुलाया और बोली "हाय...बेटे ...आ जा तुझे मजे करवाती हूँ....अपने मालपुए का स्वाद चखाती हूँ....देख बेटे मैं इस कुर्सी के दोनों हत्थों पर अपनी दोनों टांगो को रख कर जांघ टिका कर फैलाऊंगी ना तो मेरी चुत पूरी उभर कर सामने आ जायेगी और फिर तुम उसके दोनों फांको को अपने हाथ से फैला कर अन्दर का माल चाटना....इस तरह से तुम्हारी जीभ पूरा बूर के अन्दर घुस जायेगी....ठीक है बेटा ...आ जा....जल्दी कर....अभी एक पानी तेरे मुंह में गिरा देती हूँ फिर तुझे पूरा मजा दूंगी...." मैं जल्दी से बिस्तर छोर मॉम की कुर्सी के पास गया और जमीं पर बैठ गया. मॉम ने अपने दोनों पैरो को सोफे के हत्थों के ऊपर चढा कर अपनी दोनों जांघो को फैला दिया. रानो के फैलते ही मॉम की चुत उभर कर मेरी आँखों के सामने आ गई. उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़....क्या खूबसूरत चुत थी. गोरी गुलाबी....काले काले झांटो के जंगल के बीच में से झांकती ऐसी लग रही थी जैसे बादलो के पीछे से चाँद मुस्कुरा रहा है. एक दम पावरोटी के जैसी फूली हुई चुत थी. दोनों पैर कुर्सी के हत्थों के ऊपर चढा कर फैला देने के बाद भी चुत के दोनों होंठ अलग नहीं हुए थे. चुत पर ऊपर के हिस्से में झांटे थी मगर निचे गुलाबी कचौरी जैसे होंठो के आस पास एक दम बाल नहीं थे.

मैं जमीन पर बैठ कर मॉम के दोनों रानो पर दोनों हाथ रख कर गर्दन झुका कर एक दम ध्यान से मॉम की चुत को देखने लगा. चुत के सबसे ऊपर में किसी तोते के लाल चोंच की तरह बाहर की तरफ निकली हुई मॉम के चुत का भागनाशा था. कचौरी के जैसी चुत के दोनों फांको पर अपना हाथ लगा कर दोनों फांको को हल्का सा फैलाती हुई मॉम बोली रोहित ....ध्यान से देख ले....अच्छी तरह से अपनी मॉम की बूर को देख बेटा....चुत फैला के देखेगा तो तुझे....पानी जैसा नज़र आएगा....उसको चाट का अच्छी तरह से खाना....चुत की असली चटनी वही है...." मॉम के चुत के दोनों होंठ फ़ैल और सिकुर रहै थे. मैंने अपनी गर्दन को झुका दिया और जीभ निकल कर सबसे पहले चुत के आस पास वाले भागो को चाटने लगा. रानो के जोर और जांघो को भी चाटा.

जांघो को हल्का हल्का काटा भी फिर जल्दी से मॉम की चुत पर अपने होंठो को रख कर एक चुम्मा लिया और जीभ निकाल कर पूरी दरार पर एक बार चलाया. जीभ छुलाते ही मॉम सिसया उठी और बोली "सीईई....बहुत अच्छा बेटा ...तुम्हे आता है...मुझे लग रहा था की सिखाना पड़ेगा मगर तू तो बहुत होशियार है....हाय….बूर चाटना आता है.... ऐसे ही.... तुने शुरुआत बहुत अच्छी की है....अब पूरी चुत पर अपनी जीभ फिराते हुए.....मेरी बूर की टीट को पहले अपने होंठो के बीच दबा कर चूस...देख मैं बताना भूल गई थी....

चुत के सबसे ऊपर में जो लाल-लाल निकला हुआ है ना....उसी को होंठो के बीच दबा के चूसेगा....तब मेरी चुत में रस निकलने लगेगा....फिर तू आराम से चाट कर चूसना....सीईईई..... मैं जैसा बताती हूँ वैसा ही कर...." मैं तो पहले से ही जानता था की टीट या भागनाशा क्या होती है. मुझे बताने की जरुरत तो नहीं थी पर मॉम ने ये अच्छा किया था की मुझे बता दिया था की कहाँ से शुरुआत करनी है. मैंने अपने होंठो को खोलते हुए टीट को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दिया. टीट को होंठो के बीच दबा कर अपनी दांतों से हलके हलके काटते हुए मैं उस पर अपने होंठ रगर रहा था. टीट और उसके आस पास ढेर सारा थूक लग गया था और एक पल के लिए जब मैंने वह से अपना मुंह हटाया तो देखा की मेरी चुसाई के कारण टीट चमकने लगी है. एक बार और जोर से टीट को पूरा मुंह में भर कर चुम्मा लेने के बाद मैंने अपनी जीभ को करा करके पूरी चुत की दरार में ऊपर से निचे तक चलाया और फिर चुत के एक फांक को अपने दाहिने हाथ की उँगलियों से पकर कर हल्का सा फैलाया.
Reply
10-30-2019, 12:17 PM,
#37
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
चुत की गुलाबी छेद मेरी आँखों के सामने थी. जीभ को टेढा कर चुत के मोटे फांक को अपने होंठो के बीच दबा कर चूसने लगा. फिर दूसरी फांक को अपने मुंह में भर कर चूसा उसके बाद दोनों फांक को आपस में सटा कर पूरी चुत को अपने मुंह में भर कर चूसने लगा. चुत से रिस रिस कर पानी निकल रहा था और मेरे मुंह में आ रहा था. चुत का नमकीन पानी शुरू में तो उतना अच्छा नहीं लगा पर कुछ देर के बाद मुझे कोई फर्क नहीं पर रहा था और मैं दुगुने जोश के साथ पूरी चुत को मुंह में भर कर चाट रहा था. मॉम को भी मजा आ रहा था और वही कुर्सी पर बैठे-बैठे अपने चुत्तारो को ऊपर
उछालते हुए वो जोश में आ कर मेरे सर को अपने दोनों हाथो से अपनी चुत पर दबाते हुए बोली "हाय ....बहुत अच्छा कर रहा है....राजा.....हाय......सीईई....बड़ा मजा आ रहा है....हाय मेरी चुत के कीड़े....मेरे सैयां.....ऊऊऊउ...सीईईइ.....खाली ऊपर-ऊपर से चूस रहा है.... बहनचोद....जीभ अन्दर घुसा कर चाट ना.....बूर में जीभ पेल दे और अन्दर बाहर कर के जीभ से मेरी चुत चोदते हुए अच्छी तरह से चाट....अपनी बड़ी बहन की चुत अच्छी तरह से चाट मेरे राजा....माधरचोद....ले ले.....ऊऊऊऊ......इस्स्स्स्स्स...घुसा चुत में जीभ....मथ....दे......." मॉम बहुत जोश में आ चुकी थी और लग रहा था की उनको काफी मजा आ रहा है.

उनके इतना बोलने पर मैंने दोनों हाथो की उँगलियों से दोनों फान्को को अलग कर के अपनी जीभ को कड़ा करके चुत में पेल दिया. जीभ को चुत के अन्दर बाहर करते हुए लिबलिबाने लगा और बीच बीच में बूर से चूते रस को जीभ टेढा करके चूसने लगा. मॉम की दोनों जांघे हिल रही थी और मैं दोनों जांघो को कस कर हाथ से पकर कर चुत में जीभ पेल रहा था. जांघो को मसलते हुए बीच बीच में जीभ को आराम देने के लिए मैं जीभ निकल कर जांघो और उसके आस-पास चुम्मा लेने लगता था.

मेरे ऐसा करने पर मॉम जोर से गुर्राती और फिर से मेरे बालों को पकर कर अपनी चुत के ऊपर मेरा मुंह लगा देती थी. मॉम मेरी चुसी से बहुत खुश थी और चिल्लाती हुई बोल रही थी "हाय....राजा...जीभ बाहर मत निकालो....हाय बहुत मजा आ रहा है...ऐसे ही.... बूर के अन्दर जीभ डाल के मेरी चुत मथते रहो....हाय चोद....दे माधरचोद....अपनी जीभ से अपनी मॉम की बूर चोद दे....हाय सैयां....बहुत दिनों के बाद ऐसा मजा आया है....इतने दिनों से तड़पती घूम रही थी....हाय हाय....अपनी मॉम की बूर को चाटो….मेरे राजा….मेरे बालम.... तुझे बहुत अच्छा इनाम दूंगी.... भोसड़ीवाले.....तेरा लौड़ा अपनी चुत में लुंगी....आजतक तुने किसी की चोदी नहीं है ना....तुझे चोदने का मौका दूंगी....अपनी चुत तेरे से मरवाऊगीं....मेरे बेटे .....मेरे सोना मोना....मन लगा कर मॉम की चुत चाट....मेरा पानी निकलेगा....तेरे मुंह में....हाय जल्दी जल्दी चाट....पूरा जीभ अन्दर डाल कर सीईई.....".

मॉम पानी छोरने वाली है ये जान कर मैंने अपनी पूरी जीभ चुत के अन्दर पेल दी और अंगूठे को टीट के उ़पर रख कर रगरते हुए जोर जोर से जीभ अन्दर बाहर करने लगा. मॉम अब और तेजी के साथ गांड उछल रही थी और मैं लप लप करते हुए जीभ को अन्दर बाहर कर रहा था. कुत्ते की तरह से मॉम की बूर चाटते हुए टीट को रगरते हुए कभी कभी मॉम की चुत पर दांत भी गरा देता था, मगर इन सब चीजों का मॉम के ऊपर कोई असर नहीं पर रहा था और वो मस्ती में अब गांड को हवा में लहराते हुए सिसया रही थी "हाय मेरा निकल रहा है....हाय ...निकल रहा है मेरा पानी....पूरा जीभ घुसा दे....साले.....बहुत अच्छा....ऊऊऊऊऊ.....सीईईईईईइ....मजा आ गया राजा...मेरे चुत चाटू सैयां....मेरी चुत पानी छोर रही है...........इस्स्स्स्स्स्स्स्स......मजा आ गया....बहनचोद....पी ले अपनीमॉम के बूर का पानी....हाय चूस ले अपनी मॉम की जवानी का रस.....ऊऊऊऊ.......गांडू......" मॉम अपनी गांड को हवा में लहराते हुए झरने लगी और उनकी चुत से पानी बहता हुआ मेरी जीभ को गीला करने लगा. मैंने अपना मुंह मॉम की चुत पर से हटा दिया और अपनी जीभ और होंठो पर लगे चुत के पानी को चाटते हुए को देखा. वो अपनी आँखों को बंद किये शांत पड़ी हुई थी और अपनी गर्दन को कुर्सी के पुश्त पर टिका कर ऊपर की ओर किये हुए थी. उनकी दोनों जांघे वैसे ही फैली हुई थी. पूरी चुत मेरी चुसाई के कारण लाल हो गई थी और मेरे थूक और लार के कारण चमक रही थी.
Reply
10-30-2019, 12:18 PM,
#38
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
मैं मॉम के इस धमकी को सुन नासमझ बनने का नाटक करता हुआ बोला "तो फिर कैसे करू....मेरी तो शादी भी नहीं हुई है...." फिर गर्दन झुका कर शरमाने का नाटक किया. मॉम ने मेरी ठोडी पकड़ गर्दन को ऊपर उठाते हुए कहा "जानता तो तू सब कुछ है.....फिर कोई लड़की क्यों नहीं पटाता अभी तो तेरी शादी में टाइम है.....अपने लिए कोई छेद खोज ले...." मैं बुरा सा मुंह बनाता हुआ बोला "हुह…मुझे कोई अच्छी नहीं लगती...सब बस ऐसे ही है…..” मॉम इस पर थोड़ा सा खुंदक खाती हुई बोली "अजीब लड़का है...बहनचोद...तुझे अपनी मॉम के अलावा और कोई अच्छी नहीं लगती क्या.....". मैं इस पर शर्माता हुआ बोला "…मुझे सबसे ज्यादा आप अच्छी लगती हो......मैं....."


"आये....हाय...ऐसा तो लड़का ही नहीं देखा....मॉम को चोदने के चक्कर में....भोसड़ीवाले को सबसे ज्यादा मॉम अच्छी लगती है.... मैं नहीं मिली तो……मुठ मारता रह जायेगा.....” मॉम ने आँख नाचते हुए भौं उचका कर प्रश्न किया. मैंने मुस्कुराते हुए गाल लाल करते हुए गर्दन हिला कर हाँ किया. मेरी इस बात पर रीझती हुई मॉम ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और अपनी छाती से लगाती हुई बोली "हाय रे मेरा सोना....मेरे प्यारे बेटे .... तुझे मॉम सबसे अच्छी लगती है....तुझे मेरी चुत चाहिए....मिलेगी मेरे प्यारे बेटे मिलेगी....मेरे राजा....आज रात भर अपने हलब्बी लण्ड से अपनी मॉम की बूर का बाजा बजाना......अपने बेटे का लण्ड अपनी चुत में लेकर मैं सोऊगीं......हाय राजा.....अपने मुसल से अपनी मॉम की ओखली को रात भर खूब कूटना.....अब मैं तुझे तरसने नहीं दूंगी....तुझे कही बाहर जाने की जरुरत नहीं है.....चल आ जा.....आज की रात तुझे जन्नत की सैर करा दू....."

फिर मॉम ने मुझे धकेल कर निचे लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठो को चूसती हुई अपनी गठीली चुचियों को मेरी छाती पर रगड़ते हुए मेरे बालों में अपना हाथ फेरते हुए चूमने लगी. मैं भी मॉम के होंठो को अपने मुंह में भरने का प्रयास करते हुए अपनी जीभ को उनके मुंह में घुसा कर घुमा रहा था. मेरा लण्ड मॉम की दोनों जांघो के बीच में फस कर उसकी चुत के साथ रगड़ खा रहा था. मॉम भी अपना गांड नाचते हुए मेरे लण्ड पर अपनी चुत को रगड़ रही थी और कभी मेरे होंठो को चूम रही थी कभी मेरे गालो को काट रही थी. कुछ देर तक ऐसे ही करने के बाद मेरे होंठो को छोर का उठ कर मेरी कमर पर बैठ गई. और फिर आगे की ओर सरकते हुए मेरी छाती पर आकर अपनी गांड को हवा में उठा लिया और अपनी हलके झांटो वाली गुलाबी खुश्बुदार चुत को मेरे होंठो से सटाती हुई बोली "जरा चाट के गीला कर... बड़ा तगड़ा लण्ड है तेरा...सुखा लुंगी तो…..साली फट जायेगी मेरी तो.....” एक बार मुझे मॉम की चुत का स्वाद मिल चूका था, इसके बाद मैं कभी भी उनकी गुदाज कचौरी जैसी चुत को चाटने से इंकार नहीं कर सकता था,

मेरे लिए तो मॉम की बूर रस का खजाना थी. तुंरत अपने जीभ को निकल दोनों चुत्तरो पर हाथ जमा कर लप लप करता हुआ चुत चाटने लगा. इस अवस्था में मॉम को चुत्तरों को मसलने का भी मौका मिल रहा था और मैं दोनों हाथो की मुठ्ठी में चुत्तर के मांस को पकड़ते हुए मसल रहा था और चुत की लकीर में जीभ चलाते हुए अपनी थूक से बूर के छेद को गीला कर रहा था. वैसे मॉम की बूर भी ढेर सारा रस छोड़ रही थी. जीभ डालते ही इस बात का अंदाज हो गया की पूरी चुत पसीज रही है, इसलिए मॉम की ये बात की वो चटवा का गीला करवा रही थी हजम तो नहीं हुई, मगर मेरा क्या
बिगर रहा था मुझे तो जितनी बार कहती उतनी बार चाट देता. कुछ ही देर मॉम की चुत और उसकी झांटे भी मेरी थूक से गीली हो गई. मॉम दुबारा से गरम भी हो गई और पीछे खिसकते हुए वो एक बार फिर से मेरी कमर पर आ कर बैठ गई और अपने हाथ से मेरे तनतनाये हुए लण्ड को अपनी मुठ्ठी में कस हिलाते हुए अपने चुत्तरों को हवा में उठा लिया और लण्ड को चुत के होंठो से सटा कर सुपाड़े को रगड़ने लगी.
Reply
10-30-2019, 12:18 PM,
#39
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
सुपाड़े को चुत के फांको पर रगड़ते चुत के रिसते पानी से लण्ड की मुंडी को गीला कर रगड़ती रही. मैं बेताबी से दम साधे इस बात का इन्तेज़ार कर रहा था की कब मॉम अपनी चुत में मेरा लौड़ा लेती है. मैं निचे से धीरे-धीरे गांड उछाल रहा था और कोशिश कर रहा था की मेरा सुपाड़ा उनके बूर में घुस जाये. मुझे गांड उछालते देख मॉम मेरे लण्ड के ऊपर मेरे पेट पर बैठ गई और चुत की पूरी लम्बाई को लौड़े की औकात पर चलाते हुए रगड़ने लगी तो मैं सिस्याते हुए बोला "मॉम प्लीज़....ओह....सीईई अब नहीं रहा जा रहा है....जल्दी से अन्दर कर दो ना.....उफ्फ्फ्फ्फ्फ......ओह मॉम ....बहुत अच्छा लग रहा है....और तुम्हारी चु...चु....चु....चुत मेरे लण्ड पर बहुत गर्म लग रही है....ओह मॉम...जल्दी करो ना....क्या तुम्हारा मन नहीं कर रहा है....."

अपनी गांड नचाते हुए लण्ड पर चुत रगड़ते हुए मॉम बोली "हाय... जब इतना इन्तेजार किया है तो थोड़ा और इन्तेजार कर लो....देखते रहो....मैं कैसे करती हूँ....मैं कैसे तुम्हे जन्नत की सैर कराती हूँ....मजा नहीं आये तो अपना लौड़ा मेरी गांड में घुसेड़ देना.....माधरचोद....अभी देखो मैं तुम्हारा लण्ड कैसे अपनी बूर में लेती हूँ.....लण्ड सारा पानी अपनी चुत से पी लुंगी...घबराओ मत..... अपनी मॉम पर भरोसा रखो....ये तुम्हारी पहली चुदाई है....इसलिए मैं खुद से चढ़ कर करवा रही हूँ....ताकि तुम्हे सिखने का मौका मिल जाये....देखो...मैं अभी लेती हूँ......" फिर अपनी गांड को लण्ड की लम्बाई के बराबर ऊपर उठा कर एक हाथ से लण्ड पकड़ सुपाड़े को बूर की दोनों फांको के बीच लगा दुसरे हाथ से अपनी चुत के एक फांक को पकड़ कर फैला कर लण्ड के सुपाड़े को उसके बीच फिट कर ऊपर से निचे की तरफ कमर का जोर लगाया.

चुत और लण्ड दोनों गीले थे. मेरे लण्ड का सुपाड़ा वो पहले ही चुत के पानी से गीला कर चुकी थी इसलिए सट से मेरा पहाड़ी आलू जैसा लाल सुपाड़ा अन्दर दाखिल हुआ. तो उसकी चमरी उलट गई. मैं आह करके सिस्याया तो मॉम बोली "बस हो गया ...हो गया....एक तो तेरा लण्ड इंतना मोटा है.....मेरी चुत एक दम टाइट है....घुसाने में....ये ले बस दो तीन और....उईईईइ माँ.....सीईईईई....बहनचोद का....इतना मोटा.....हाय...य य य.....उफ्फ्फ्फ्फ़...." करते हुए गप गप दो तीन धक्का अपनी गांड उचकाते चुत्तर उछालते हुए लगा दिए. पहले धक्के में केवल सुपाड़ा अन्दर गया था दुसरे में मेरा आधा लण्ड मॉम की चुत में घुस गया था, जिसके कारण वो उईईई माँ करके चिल्लाई थी मगर जब उन्होंने तीसरा धक्का मारा था तो सच में उनकी गांड भी फट गई होगी ऐसा मेरा सोचना है.

क्योंकि उनकी चुत एकदम टाइट मेरे लण्ड के चारो तरफ कस गई थी और खुद मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था और लग रहा जैसे लण्ड को किसी गरम भट्टी में घुसा दिया हो. मगर मॉम अपने होंठो को अपने दांतों तले दबाये हुए कच-कच कर गांड तक जोर लगाते हुए धक्का मारती जा रही थी. तीन चार और धक्के मार कर उन्होंने मेरा पूरा नौ इंच का लण्ड अपनी चुत के अन्दर धांस लिया और मेरे छाती के दोनों तरफ हाथ रख कर धक्का लगाती हुई चिल्लाई "उफ्फ्फ्फ्फ़....बहन के लौड़े....कैसा मुस्टंडा लौड़ा पाल रखा है....ईई....हाय....गांड फट गई मेरी तो.....हाय पहले जानती की....ऐसा बूर फारु लण्ड है तो....सीईईईइ..... आज तुने....अपनी मॉम की फार दी....ओह सीईईई....लण्ड है की लोहै का राँड....उईईइ माँ.....गई मेरी चुत आज के बाद....साला किसी के काम की नहीं रहैगी....है....हाय बहुत दिन संभाल के रखा था....फट गई....रे मेरी तो हाय मरी...." इस तरह से बोलते हुए वो ऊपर से धक्का भी मारती जा रही थी और मेरा लण्ड अपनी चुत में लेती भी जा रही थी.
Reply
10-30-2019, 12:18 PM,
#40
RE: Hawas ki Kahani हवस की रंगीन दुनियाँ
तभी अपने होंठो को मेरे होंठो पर रखती हुई जोर जोर से चूमती हुई बोली "हाय....माधरचोद....आराम से निचे लेट कर बूर का मजा ले रहा है....भोसड़ी....के....मेरी चुत में गरम लोहै का राँड घुसा कर गांड उचका रहा है....उफ्फ्फ्फ्फ्फ... अपनी मॉम कुछ आराम दो....हाय मेरी दोनों लटकती हुई चूचियां तुम्हे नहीं दिख रही है क्या...उफ्फ्फ्फ्फ़...उनको अपने हाथो से दबाते हुए मसलो और....मुंह में ले कर चूसो ....इस तरह से मेरी चुत पसीजने लगेगी और उसमे और ज्यादा रस बनेगा...फिर तुम्हारा लौड़ा आसानी से अन्दर बाहर होगा....हाय ऐसा करो मेरे राजा....तभी तो मॉम को मजा आएगा और....वो तुम्हे जन्नत की सैर कराएगी....सीईई..."

मॉम के ऐसा बोलने पर मैंने दोनों हाथो से मॉम की दोनों लटकती हुई चुचियों को अपनी मुठ्ठी में कैद करने की कोशिश करते हुए दबाने लगा और अपने गर्दन को थोड़ा निचे की तरफ झुकाते हुए एक चूची को मुंह में भरने की कोशिश की. हो तो नहीं पाया मगर फिर भी निप्पल मुंह में आ गया उसी को दांत से पकड़ कर खींचते हुए चूसने लगा. मॉम अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी.

मैंने चूची का निप्पल को मॉम के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक पर जीभ फिरते हुए चाटा मॉम अपनी गांड अब नहीं चला रही थी वो पूरा लण्ड घुसा कर वैसे ही मेरे ऊपर लेटी हुई अपनी चूची दबवा और निप्पल चुसवा रही थी. उनके माथे पर पसीने की बुँदे छलछला आई थी. मैंने चूची का निप्पल को मॉम के चेहरे को अपने दोनों हाथो से पकड़ कर उनका माथा चूमने लगा और जीभ निकल का उनके माथे के पसीने को चाटते हुए उनकी आँखों को चुमते हुए नाक और उसके निचे होंठो के ऊपर जो पसीने की छोटी छोटी बुँदे जमा हो गई थी उसके नमकीन पानी को पर जीभ फिराते हुए चाटा और फिर होंठो को अपने होंठो से दबोच कर चूसने लगा. मॉम भी इस काम में मेरा पूरा सहयोग कर रही थी और अपने जीभ को मेरे मुंह में पेल कर घुमा रही थी. कुछ देर में मुझे लगा की मेरे लण्ड पर मॉम की चुत का कसाव थोड़ा ढीला पर गया है. लगा जैसे एक बार फिर से मॉम की चुत से पानी रिसने लगा है. मॉम भी अपनी गांड उचकाने लगी थी और चुत्तर उछालने लगी थी. ये इस बात का सिग्नल था का मॉम की चुत में अब मेरा लण्ड एडजस्ट कर चूका है. धीरे-धीरे उनके कमर हिलाने की गति में तेजी आने लगी. थप-थप आवाज़ करते हुए उनकी जान्घे मेरी जांघो से टकराने लगी और मेरा लण्ड सटासट अन्दर बाहर होने लगा.

मुझे लग रहा था जैसे चुत दीवारें मेरे लण्ड को जकड़े हुए मेरे लण्ड की चमरी को सुपाड़े से पूरा निचे उतार कर रागड़ती हुई अपने अन्दर ले रही है. मेरा लण्ड शायद उनकी चुत की अंतिम छोर तक पहुच जाता था. मॉम पूरा लण्ड सुपाड़े तक बाहर खींच कर निकाल लेती फिर अन्दर ले लेती थी. मॉम की चुत वाकई में बहुत टाइट लग रही थी. मुझे अनुभव तो नहीं था मगर फिर भी गजब का आनंद आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल में मेरा लौड़ा एक कॉर्क के जैसे फंसा हुआ अन्दर बाहर हो रहा है. मॉम को अब बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था ये बात उनके मुंह से फूटने वाली सिस्कारियां बता रही थी. वो सीसियते हुए बोल रही थी "आआआ.......सीईईईइ..... बहुत अच्छा लौड़ा है तेरा.....हाय एक दम टाइट जा रहा है.......सीईईइ हाय मेरी....चुत.....ओह हो....ऊउउऊ....बहुत अच्छा से जा रहा है...हाय....गरम लोहै के रोड जैसा है....हाय....कितना तगड़ा लौड़ा है..... हाय मेरे प्यारे...तुमको मजा आ रहा है....हाय अपनीमॉम की टाइट चुत को चोदने में...हाय बता ना....कैसा लग रहा है मेरे राजा....क्या तुम्हे अपनी मॉम की बूर की फांको के बीच लौड़ा दाल कर चोदने में मजा आ रहा है.....हाय मेरे चोदु....अपनी मॉम को चोदने में कैसा लग रहा है....बता ना….अपनी मॉम को....साले मजा आ रहा...सीईईई....ऊऊऊऊ...." मॉम गांड को हवा में लहराते हुए जोर जोर से मेरे लण्ड पर पटक रही थी.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,414,996 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,839 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,197,451 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 905,088 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,605,637 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,039,620 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,882,993 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,829,204 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,946,216 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 277,013 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)