Hindi Adult Kahani कामाग्नि
09-08-2019, 01:54 PM,
#13
RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
मेरी सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे जय ने सफलतापूर्वक अपनी देसी बीवी को पेरिस के एक बीच पर पूरी नंगी कर लिया और समुद्र के पानी में छिप पर खुलेआम चुदाई भी कर डाली.
अब आगे:

उसे समझ आ गया कि अगर वो इस बीच पर नंगी भी घूमे तो किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
दोनों ने तौलिये से अपने अपने बदन को सुखाया और वहीं थोड़ा घूमने का सोचा।

जय- अब ये ऊपर की ब्रा भी निकाल ही दो। बड़ा अजीब लग रहा है, चूत दिखा रही हो और बोबे छुपा रही हो।
शीतल- हे हे… बात तो आपकी सही है, और वैसे भी यहाँ किसी को फर्क नहीं पद रहा कि मैं यहाँ नंगी खड़ी हूँ।


इतना कहकर शीतल ने बिकिनी टॉप भी निकाल दिया और खुले आसमान के नीचे पूरी नंगी हो गई। काफी देर तक दोनों वहीं बीच पर घूमते रहे। शीतल को आज़ादी का एक नया ही अहसास हो रहा था। वो नंगी ही बीच पर दौड़ लगा रही थी समंदर की आती जाती लहरों में छई-छप्पा-छई कर रही थी। जय बहुत खुश था शीतल का ये रूप देख कर।

अब तो शीतल रिसोर्ट में भी नंगी घूमने से नहीं शर्मा रही थी। उस रात ठण्ड ज़रूर थी लेकिन फिर भी चाँद की हल्की रोशनी में दोनों फिर नंगे अकेले बीच पर गए। वहां एक जगह काफी सारे जुगनू दिखाई दिए। उन जुगनुओं की झिलमिल रोशनी में शीतल का नंगा बदन जब अंगड़ाई लेते हुए जय ने देखा तो उसका लंड तुरंत पत्थर का हो गया। फिर उन जुगनुओं के बीच खुले आसमान के नीचे जो चुदाई हुई वो शायद जीवन में एक ही बार होती है।

मानो चुदाई का दंगल हो जहाँ ना किसी को चित करना है ना खुद को बचाने कोशिश लेकिन फिर भी कुश्ती जारी है। ये तो बस अन्दर की उत्तेजना है जो इस रूप में बाहर आ रही है। इसमें प्यार भी है; रोमांच भी और वासना भी है। चुदाई कम हो रही थी और गुत्थम-गुत्थी ज्यादा। जब थोड़े थक जाते तो चुदाई कर लेते और फिर जोश आ जाता तो एक बार फिर दंगल शुरू हो जाता। आखिर दोनों झड़े तो दोनों ने ये माना कि इतनी अच्छी चुदाई उन्होंने कभी नहीं की थी। मज़ा आ गया!

फिर दोनों ने वहीं समंदर में अपनी रेत साफ़ की और रिसोर्ट में वापस आ कर सो गए।

अगली सुबह शीतल ने नहीं पूछा कि क्या पहनना है। आज वो फ्रेश होने के बाद नंगी ही बाथरूम से बाहर आई।
शीतल- चलो मैं तो तैयार हूँ।
जय- मैं भी तैयार हूँ। देखा नंगे रहने के कितने फायदे हैं।

उस पूरे दिन उन्होंने बीच पर मस्ती की। शीतल भी अब पूरी बेशरम हो गई थी। बीच के एक किनारे पर बड़ी सी चट्टान की ओट में चुदाई भी कर ली। बहरहाल अगले दिन यहाँ से विदा लेना था और फिर से कपड़े वालों की दुनिया में जाना था। शीतल ने वेल-बॉटम वाला पेंट और डिज़ाइनर शर्ट पहना था। शाम तक दोनों एम्स्टर्डम पहुँच गए थे। सफ़र ज्यादा लम्बा नहीं था तो थकान उतनी नहीं थी। जय ने उसे कुछ ख़ास दिखने के लिए साथ चलने को कहा। शीतल ने एक मैक्सी पहन ली जिसके अन्दर वो अभी भी नंगी थी। उसे अब नंगेपन का अहसास भाने लगा था।

जय उसे एम्स्टर्डम के रेड-लाइट डिस्ट्रिक्ट ले गया जहाँ जो उनकी होटल से पैदल जाने लायक दूरी पर ही था। पूरी सड़क पर जितने भी घर थे सबके सामने लड़कियां बहुत ही छोटे कपड़े पहन कर खड़ी हुई थीं। जय ने शीतल को बताया के ये सब पैसे ले कर सेक्स करने के लिए खड़ी हुई हैं।

शीतल- आप भी ना! अब मैं बिंदास हो गई हूँ तो इसका मतलब ये नहीं कि आप मुझे ऐसी जगह ले आओ। मुझसे आपका मन नहीं भर रहा क्या?
जय- अरे नहीं यार! यहाँ इस सब को गलत नहीं मानते ये सब इसको एक बिज़नस की तरह करती हैं और सरकार को टैक्स भी देती हैं।
शीतल- चलो ठीक है लेकिन फिर भी आपको क्या ज़रूरत पड़ गई यहाँ आने की? मुझे बिल्कुल पसंद नहीं कि आप मेरे अलावा किसी और की तरफ नज़र उठा कर भी देखो।
जय- अरे नहीं यार, तू फिकर ना कर। मैं तो तुझे दिखाने के लिए लाया था क्योंकि अपने उधर तो तुझे ले कर गया तो लोग तेरे पीछे ही पड़ जाएंगे इसलिए सोचा ये जगह सही है जहाँ तू बिना किसी फिकर के देख सकती है कि ये सब देह व्यापार कैसा होता है।
शीतल- चलो ठीक है देख लिया अब वापस चलो।
जय- हाँ अभी तो चलो लेकिन कल वापस आएँगे। यहाँ एक क्लब है वहां कल के शो की बुकिंग करवाई है।
उस रात जय ने शीतल को नहीं चोदा। थकान का बहाना करके सो गया लेकिन सच तो ये था कि उसे पता था कि शीतल को अब रोज़ चुदाई की आदत हो गई है और आज चुदाई नहीं मिली तो कल वो बहुत चुदासी रहेगी। अगली रात के सपने देखते देखते वो सो गया।

अगले दिन दोनों दिन भर ट्यूलिप गार्डन और एम्स्टर्डम की नहरों में घूमते रहे, और भी कई जगह गए लेकिन शाम से पहले होटल वापस आ गए। शाम को फ्रेश होकर तैयार होने के लिए जय ने शीतल को एक मिनी स्कर्ट और नूडल स्ट्रिंग वाला टॉप पहनने को कहा। अब तक शीतल की शर्म तो ख़त्म हो ही चुकी थी इसलिए उसने कोई नखरा तो किया ही नहीं बल्कि बिना कहे अन्दर भी कुछ नहीं पहना।

तैयार होकर डिनर के समय से पहले ही दोनों एक क्लब के सामने जा पहुंचे जिसके ऊपर लिखा था ‘बार नाईटक्लब – कासा रोज़ा’
अन्दर पहले से रिज़र्व जगह तक पहुँचाने के लिए एक लड़की साथ आई जिसने एक बड़ी चमकीली बिकिनी पहनी हुई थी। उसने उन्हें एक कमरे में ले जा कर एक सोफे पर बैठने को कहा और चली गई। ये बहुत ही आरामदायक सोफे था जिस पर दो लोग आराम से बैठ सकते थे। सोफे के सामने एक टेबल था जिस पर कुछ ग्लास और सजावटी सामान था।
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि - by sexstories - 09-08-2019, 01:54 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,707,311 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 569,639 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,321,194 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,004,651 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,772,620 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,180,534 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,123,396 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,637,019 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,216,723 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 304,938 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)