RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
उधर सोनिया समीर के उसकी शीतल के साथ रिश्ते को लेकर चिंतित थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या ये उसकी जलन थी अपनी शीतल से या सच में उसे शीतल बेटे के रिश्ते में वासना की बात गलत लग रही थी? यदि बेटे की अपनी शीतल के लिए वासना गलत थी तो फिर गलत तो भाई बहन के बीच का सेक्स भी होना चाहिए। लेकिन फिर क्यों उसे ये सही और वो गलत लग रहा था?
सोनिया- अच्छा, एक बात बताओ; अगर तुमको मौका मिले तो क्या तुम मम्मी को चोदना चाहोगे?
राजन- हाँ हाँ क्यों नहीं! आपकी शादी के बाद से तो मैं उनको ही देख कर मुठ मार रहा था ना, तो अगर मौका मिला तो ज़रूर चोदूँगा।
सोनिया- तुमको पता है, जब मुझे पहली बार शक हुआ था कि तुम मम्मी को नहाते हुए देख कर मुठ मारते हो तो मैंने नेहा और राजन को बताया था। फिर हमने रोल प्ले भी किया था कि तुम कैसे मम्मी को चोद सकते हो।
समीर- अरे, तो फिर बताओ ना?
सोनिया- लेकिन यार वो तो रोल प्ले था उसमें तो हम कुछ भी कर सकते हैं। सच में सब इतना आसान थोड़े ही होता है। लेकिन तुम्हारा मन है, तो मैं राजन से बात करती हूँ। अभी तो शाम होने को आ गई है चलो उठते हैं अब।
दोनों बाहर आये, सोनिया फ्रेश होने चली गई, उसे अभी खाना भी बनाना था। समीर ने देखा नेहा और राजन बाहर सोफे पर बैठ कर टीवी पर म्यूजिक वीडियो देख रहे थे। समीर भी नेहा के दूसरे साइड में जा कर बैठ गया।
थोड़ी देर यूँ ही बैठे रहने के बाद समीर के दिमाग में अचानक कुछ आया- जीजा जी, एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानोगे?
राजन- बोलो यार, अब तो हम इतने खुल गए हैं कि सब नंगे ही बैठे हैं अब क्या बुरा मानेंगे।
समीर- वो तो है, मेरा मतलब था कि दिल पर मत लेना लेकिन मैंने अपनी बहन आपको सील पैक दी थी लेकिन आपकी बहन की सील तो आपने पहले ही तोड़ दी।
राजन- अब यार बात तो तुम सही कह रहे हो। लेकिन अभी कौन सी तुम्हारी शादी हो गई है। चाहो तो कोई कुंवारी लड़की ढूँढ कर उस से शादी कर लेना।
नेहा- ऐसे कैसे? सोचना भी मत!
समीर- अरे नहीं यार! तुम्हारे अलावा मैं किसी से शादी नहीं करने वाला। और किसी के सामने अपनी बहन थोड़े ही चोद पाउँगा।
राजन- वैसे एक उपाय है; नेहा ने बताया कि एक बार तुमने इसके पिछवाड़े में एंट्री मार दी थी! तो तुम इसकी गांड का उदघटन कर लो; और बोनस में जिस दिन तुम नेहा से शादी करोगे उस दिन सुहागरात पर तुमको गिफ्ट में अपनी बहन की सील पैक गांड मिल जाएगी। क्या बोलते हो?
समीर- नेहा तो मुझे पता है कि तैयार है, लेकिन दीदी? उनका पता नहीं।
राजन- वो चिंता तुम ना करो, उसको तैयार करने की ज़िम्मेदारी मेरी।
नेहा- हो गया तुम लोगों का? अभी एक जोक सुनो…
एक भाई पहली बार अपनी बहन चोद रहा होता है तो बहन बोलती है- भैया, तुम्हारा लंड तो पापा से भी बड़ा है।
तो भाई बोलता है- हाँ! मम्मी भी यही बोल रहीं थीं।
समीर- क्या बात है, ऐसे जोक भी होते हैं? मैंने पहली बार सुना ऐसा जोक।
राजन- तुम जोक की बात कर रहे हो, मैं तो तुमको संस्कृत में ऐसा मन्त्र भी सुना सकता हूँ। ये सुनो…
मतृयोनि छिपेत् लिङ्गम् भगिन्यास्तनमर्दनम्।
गुरूर्मूर्धनीम् पदम्दत्वा पुनर्जन्म न विद्यते॥
नेहा, समीर दोनों एक साथ- ये क्या था!
राजन- ये एक तांत्रिक मन्त्र है, जिसमे मोक्ष पाने का उपाय बताया गया है।
समीर- लेकिन इसका उस जोक से क्या सम्बन्ध है?
राजन- वैसे तो सरे तांत्रिक मन्त्र गूढ़ होते हैं इनके शब्दों के अर्थ उलटे सीधे होते हैं लेकिन उनके भेद बहुत गहरे होते हैं और बिना इन शब्दों के पीछे छिपे अर्थ को जाने हुए इनका कोई मतलब नहीं होता; लेकिन फिर भी कई बेवकूफ़ लोग केवल शब्दों का ही अर्थ निकाल कर वही करने लग जाते हैं और तंत्र विद्या को बदनाम करते हैं।
नेहा- लेकिन इसका मतलब तो बता दो?
राजन- इसकी गहराई में जाने का न तो अभी मूड है न समय लेकिन शब्दों का अर्थ बता देता हूँ। लेकिन ध्यान रहे, शब्दों का अर्थ वास्तव में अनर्थक ही है। अभी केवल टाइम-पास चल रहा है इसलिए एक दम ठरकी भाषा में अर्थ बता रहा हूँ…
शीतल की चूत में लंड डाल कर बहन के मम्मे मसल कर
गुरु के सर पर पैर रखो तो फिर पुनर्जन्म नहीं होता!
समीर- हे हे हे… ये तो आसान है मैं कोशिश करूँ क्या?
राजन- अरे न बाबा! कहा न, शब्दार्थ पर जाओगे तो अनर्थ हो जाएगा।
ऐसे ही हँसते हँसाते मस्ती करते हुए समय कट गया और रात का खाना खा कर सब बेडरूम में इकट्ठे हुए।
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