RE: Hindi Chudai Kahaniya पड़ोसी किरायेदार की ख्...
हम दोनों एक दूसरे को नॉन वेज चुटकले सुनाने लगे, बातें करते करते मेरे हाथ भाभी के ब्लाउज में घुस गए और मैं उनकी चूचियाँ दबाते हुए मूवी का मज़ा लेने लगा।
नीरा बोली- क्या हुआ। ये क्या कर रहे हो।
उसकी आवाज में कोई भी विरोधाभास नज़र नही आ रहा था।
मेनें कहा- अभी आप का चुचे चुसाना भी तो बाकी है।
अब वो चुपचाप मज़ा लेने लगी।भाभी भी मेरा लोड़ा सहला रही थीं। थोड़ी देर बाद भाभी उठीं और उन्होंने अपनी साड़ी उतार दी, अब वो ब्लाउज और पेटीकोट में थीं।
मेरे को आँख मारते हुए बोलीं- दूध पीना है क्या?
मैं बोला- पिला दो !
उन्होंने अपना ब्लाउज उतार दिया, नंगी चूचियाँ बाहर आ गईं।
भाभी की बड़ी बड़ी चूचियाँ मुझे चोदने के लिए उकसाने लगीं। भाभी ने एक अंगड़ाई लेते हुए अपनी दोनों चूचियाँ हिलाईं और आँख मारते हुए मुझसे बोलीं- कैसी लगीं?
मैंने कहा- भाभी, अब जल्दी से दूध पिलाओ, अब नहीं रहा जा रहा है।
भाभी आकर पलंग पर बैठ गईं, मैंने अपना मुँह उनकी निप्पल पर लगा दिया और चूसने लगा, मैंने दोनों निप्पल चूस चूस कर नुकीली कर दीं।
चूची चूसने से अब वो भी गरम हो गयी थी। उन्होंने मेरा पजामा खोल दिया और उसे उतरवा दिया, मेरा लोड़ा अब उनके हाथों में आ गया था।
मेरे लोड़े को सहलाते हुए बोली- आह, कितना साफ़ सुथरा लंड है।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना कुरता भी उतार दिया और उन्हें लेटा कर उनके स्तन दबाते हुए होंट चूसने लगा। भाभी भी मुझसे चिपक कर मेरे होंट चूसने लगीं। हम दोनों की जीभें एक दूसरे के मुँह में घुसी हुईं थीं।
भाभी बोली- अब तो नहीं रहा जा रहा है।
भाभी ने मुझे हटाया और अपना पेटीकोट उतार दिया, दूधिया रोशनी में उनकी गोरी गोरी मासल जाँघों के बीच में उनकी साफ़ सुथरी चूत चमक रही थी।
मेरे लोड़े को सहलाते हुए बोली- आह, उइ ! चूसने का मन कर रहा है।
मैं उनकी चूचियों को दोनों हाथों से दबाते हुए बोला- भाभी चूसो न !
नीरा भाभी ने मेरे सुपाड़े पर जीभ फिराई, लोड़ा मुँह में ले लिया और चूसने लगीं,
नीरा मुझसे बोलीं- मेरी चूत भी चूसो न !
मैं अब 69 में लेट गया। सच, साफ़ सुथरा बदन हो तो सेक्स का मज़ा दुगना हो जाता है, भाभी की चूत चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था।
5 मिनट बाद भाभी हट गईं और दीवार से टिककर उन्होंने अपनी जांघें चौड़ी कर लीं और बोली- चोदो राहुल चोदो ! अब नहीं रहा जा रहा, आह तुमसे चुदने में मज़ा आ जाएगा।
मैने भाभी की चिकनी चूत पर मैंने अपना लोड़ा लगा दिया। भाभी ने मुझे अपने में भींच लिया। धीरे धीरे मेरा लोड़ा उनकी चूत में अंदर तक घुस चुका था।
मुँह एक दूसरे के मुँह में घुसा हुआ था। चूचियाँ मेरे सीने से दब रही थी और चूत मेरे लंड के झटके खा रही थी।
10 मिनट तक हमने जन्नत का मज़ा लिया। मैं जमकर भाभी की चूत की चुदाई कर रहा था।
इसके बाद मेरा वीर्य भाभी की चूत में छूट गया। हम लोग 10 मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे। भाभी ने उठकर तौलिये से मेरा लोड़ा साफ़ किया और हम बातें करने लगे।
रात में 12 बजे करीब मैं ऊपर अपने कमरे में आ गया। नीरा देखने में काली थी लेकिन चुदने में उसने चारु से ज्यादा मज़ा दिया था।
मैं सिर्फ यही सोच रहा था कि अभी मुझे किरायेदार बने हुए एक महीना ही हुआ है। और दो दो चूत मुझे चोदने के लिए मिल गयीं। मुझे किरायेदार बनकर बड़ा मज़ा आ रहा था।
चारु घर पर नहीं थी, रविवार को मैं नीचे नीरा भाभी के साथ भाभी के बाथरूम में नहाने चला गया।
भाभी का बाथरूम अच्छा बड़ा था, भाभी ने पहले मुझे नंगा कराया और मेरे हाथ पीछे करके नल से बाँध दिए।
इसके बाद उन्होंने अपने कपड़े एक एक करके उतार दिए और मेरे सारे बदन पर अच्छी तरह से साबुन लगाने लगी। साबुन लगाते लगाते वो मेरे लंड तक पहुंच गए।
उसने झट से साबुन को छोड़ कर मेरे लोड़े को मुँह में ले लिया और शावर चला दिया।
मेरा बड़ा मन कर रहा था कि भाभी की जवानी से खेलूं, लेकिन मैं मजबूर था। उह आह की आवाजें मेरे मुँह से निकल रहीं थीं।
मेरा लोड़ा गरम हो रहा था। भाभी ने अपने हाथों से पकड़ कर उसे चूचियों के ऊपर फिराया। उसके चुचो के स्पर्श को मेरा लंड बर्दास्त नहीं कर पाया।
मेरा रस जब निकलने को हो रहा था। भाभी हट गईं एक तेज धार मेरे वीर्य की निकली जो उनकी चूचियों पर जाकर गिरी।
इसके बाद भाभी ने मुझे खोल दिया अब मेरी बारी थी।
|