Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
05-17-2019, 01:34 PM,
#11
RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
मैने अपना टवल ठीक किया और डोर ओपन किया. अनुराधा सामने खड़ी थी.. मैं अब भी उस पर नाराज़ था. मैने उसे अंदर ना बुलाते हुए ही पूछा
मे: क्या हुआ?? क्या काम हैं..मम्मी नहीं हैं...
अनुराधा: हम पता हैं..मैं तो ऐसे ही आई हूँ.. बहोत दिनो से तुम नही मिले तो सोचा मैं ही मिल लूँ..
मे: मिलके क्या करना हैं..तू क्या मेरी गर्लफ्रेंड हैं जो तुझसे मिलने आउ मैं???
अनुराधा: अंदर आ जाउ मैं?
मैने दरवाज़ा पूरा ओपन किया और साइड मे हट गया.. वो घर मे चली गयी. मैने किचन मे से उसे पानी ला दिया और सीधा बेडरूम मे चला गया.. वो हॉल मे बैठी थी मुझे जाता देख कर उसने अपनी आखे नीचे झुका ली. मैं अपने रूम मे आ गया और अपने कपड़े कलेक्ट करने लगा नहाने जाने के लिए. वो मेरे रूम मे आई और देखने लगी..
अनुराधा: क्या कर रहे हो भैया??
मे: अंडे दे रहा हूँ...दिखता नही क्या कि नहाने जा रहा हूँ तो कपड़े ले रहा हूँ.. और तुझे क्या लेना देना कि मैं क्या कर रहा हूँ,क्या चाहता हूँ?? तू तेरा काम कर..नही तो घर जा.
अनुराधा: ऐसा क्यू बोल रहे हो भैया??
मे: मेरी जो मर्ज़ी मैं कहूँ या करू...!!

और वो अचानक रोने लगी.. पहले मुझे लगा कि नाटक कर रही हैं. मैने उसकी ओर ध्यान नही दिया और बाथरूम की ओर जाने लगा. वो अचानक मेरे सामने आ गयी और मुझे हग करके रोने लगी.. मैने देखा तो सीरियस्ली रो रही थी..
अनुराधा: भैया..मुझे पता हैं कि तुम मुझ पर गुस्सा हो उस रात के लिए...
मे: किस रात के लिए?
अनुराधा: उस दिन जब तुम किस करना चाहते थे और मैने तुम्हे मारा...आइ आम सॉरी भैया,,,माफ़ करदो..मैं डर गयी थी उस वक़्त और मुझे लगा कि हमारा वो सब करना ग़लत हैं. मैं बहोत डर गयी थी उस वक़्त तो मेरा हाथ उठ गया. मुझे ऐसा नही करना चाहिए था..तुम मेरे बड़े भाई हो..तुम जो कहोगे मैं करूगी बॅस मुझसे नाराज़ मत रहो भैया..प्ल्ज़.. आइ आम सो सॉरी...
वो बहोत रो रही थी..मेरा दिल पिघलने लगा.. मैने उसे अपने से अलग किया तो उसे लगा कि मैं वहाँ से जाना चाहता हू.. वो मुझे रोकने के लिए मेरे कदमो मे बैठ गयी और मुझे रोकने लगी रोते हुआ..
अनुराधा: आइ आम सॉरी भैया..मत जाओ..गुस्सा मत करो भैया...प्ल्ज़...मैं कभी ऐसा नही करूँगी... अब तुम जो चाहो वो मैं करूगी. प्ल्ज़ भैया...
मेरा दिल पिघलने लगा था और वो मेरे घुटनो को पकड़ कर रो रही थी. उस वजह से मेरा टवल काफ़ी लूज हो गया जो मेरे ख़याल मे नही आया. मैने उसको देखा और उसे उसके कंधो से उठा कर उपर उठाया और कस्के गले लगा लिया. वो बहोत रो रही थी..बार बार सॉरी कह रही थी.
मे: अर्रे बॅस बॅस अनु...इतना ड्रामा कहाँ से सीखा तूने?? बस हुआ..मैं नाराज़ नही हू तुझसे..
अनुराधा: मुझसे नाराज़ मत होना नही तो मैं मर जाउन्गी भैया..तुम जो कहोगे मैं करूगी.. तुम मुझे किस करो,नंगा करो..जो करना हैं करो मगर कभी नाराज़ मत होना... मैं तुमसे बहोत प्यार करती हूँ भैया...
उसके आसू मेरे चेस्ट को भिगो रहे थे..मैने उसका चेहरा उपर किया..उसकी सुंदर आखे लाल हो गयी थी.मैने उसकी ओर देखा और कहा
मे: ग़लती मेरी हैं अनुराधा..आइ आम सॉरी..मैने तुझसे ज़बरदस्ती नही करनी चाहिए थी.. अगर तू नही चाहती तो मैं कभी तुझे टच भी नही करूँगा..
अनुराधा: नही भैया...मैं चाहती हूँ...बॅस उस दिन डर गयी थी मैं.. आइ लव यू भैया... मैं तुम्हे हर तरीके से प्यार करना चाहती हू...बट प्रॉमिस कभी मुझसे नाराज़ मत होना..
मे: आइ प्रॉमिस.. आइ लव यू अनु. और तुझे डरने की क्या ज़रूरत हैं पगली? मैं तुझे कभी तक़लीफ़ नही पहुन्चाउन्गा. आइ प्रॉमिस.
अनुराधा: मैं जानती हू कि तुम कभी मुझे हर्ट नही करोगे. तुम भाई हो मेरे आंड आइ लव यू..
मैने उसे अपनी बाहों मे जाकड़ लिया.. 2-3 मिनट बाद उसका रोना बंद हुआ. वो मुझसे बिल्कुल चिपक के खड़ी थी..मैं उसके बाल सहला रहा था और उसके माथे को किस कर रहा था और जैसे ही वो मुझसे अलग हुई उसकी जीन्स की बेल्ट का लूज पार्ट मेरे टवल मे फस गया और मेरा लूज टवल नीचे आ गया. अब मैं वेस्ट डाउन बिल्कुल नंगा था और उपर वेस्ट थी. वो अपने आसू पोछने लगी थी. उसे चोदने का ख़याल मेरे दिमाग़ से निकल गया था और जैसे ही टवल निकला मैं डर के मारे उससे फिर से लिपट गया ताकि उसे पता ना चले.. अब उसकी थाइस मेरे लंड से ब्रश कर रही थी और पहली बार मुझे मेरे लंड पे गुस्सा आया कि आख़िर क्यू ये खड़ा हो रहा हैं धीरे धीरे... अनुराधा ने अपनी आखे बंद रखी थी और मेरी बाहो मे थी.. मगर उसे कुछ चुभने लगा उसकी थाइस मे.. उसने नीचे देखने के लिए अपनी गर्दन नीचे की तो मैने उसे रोक दिया..
मे: नही..अनु..नीचे मत देख प्लीज़..
अनुराधा: क्यू भैया क्या हुआ??
मे: आइ आम सॉरी अन्नू बट मेरा टवल निकल गया तो तेरी थाइस के टच से मेरा लंड खड़ा हो गया..
अनुराधा: हीही....तो देखने दो ना...
मे: नही..रहने दे अन्नू..मैं नही चाहता कि ऐसा कुछ करें जो तू नही चाहती...
अनुराधा: भैया,,आइ लव यू और मैं ये चाहती हू...और वैसे भी शायद तुम्हे याद नही बट तुमने कहा था कि ये लंड मेरा हैं और मैं जब चाहूं इसे प्यार कर सकती हू..मैं अब प्यार करना चाहती हू भैया...मैं तुमसे बहोत प्यार करना चाहती हूँ..
मे: ओह्ह..आइ लव यू अनुराधा..
इतना कहके मैने उसे फिर से हग किया और उसे किस करने लगा...हम पॅशनेट्ली किस कर रहे थे..फ्रेंच किस..मेरे हाथ उसके जिस्म पे घूम रहे थे..महसूस कर रहा था मैं उसके जिस्म को.और वो अपनी उंगली धीरे धीरे मेरी चेस्ट,बेल्ली आंड देन मेरे लंड पे घुमाने लगी...उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी..
अनुराधा: उहम्म...बड़ा हो गया ये तो और...
मे: तेरे भी तो बड़े हो गये हैं ना..
अनुराधा: तुम्हारे लिए ही बड़े हुए हैं ये भैया...ताकि तुम इनसे खेल सको..मेरा जिस्म तुम्हारा हैं भैया..मैं रांड़ हूँ तुम्हारी..
उसकी बातो से मेरा लंड पत्थर सा हो गया.. मैं कंट्रोल खो चुका था अब और उसे हर जगह किस कर रहा था..उसके पिंक लिप्स,गोरे गोरे हाथ,नेक,कान...मैने उसे उठाया और उसने मेरी कमर के अराउंड अपने लेग्स क्रॉस कर लिए..उसने जो कुर्ता पहना था मैने वो एक झटके मे ही निकाल दिया..और हम धीरे धीरे बाथरूम की ओर जाने लगे थे.. उसके गोरे जिस्म पे उसकी ऑफ वाइट कलर की ब्रा सूट कर रही थी मगर मुझे उस वक़्त पसंद नही आई तो मैं उसके ब्रा का एक एक हुक खोलने लगा,,उसके ब्रेस्ट्स को उपर से ही किस करने लगा मैं..उसके ब्रेस्ट अब बिल्कुल सख़्त थे,बिल्कुल वाइट...फाइनली उसकी ब्रा मैने निकाल दी और आज तक याद हैं मुझे वो दुनिया के सबसे पर्फेक्ट ब्रेस्ट्स थे..वाइट विद लाइट ब्राउन निपल्स जो बिल्कुल सख़्त हो गये थे...मैं उसके बूब्स को चूसने लगा..उसके निपल्स को टीथ से निब्ब्ल करने लगा.. ..
अनुराधा: अया...अया....आअहह.उम्म..

अचानक मेरी नज़र उसके अंडरआर्म्स पे गयी...मिल्की वाइट उसके आर्म्पाइट्स और उसमे ब्राउनिश हेअर्...मैं उसके आर्म्पाइट्स को किस करने लगा और स्निफ किया..बहोत ही एरॉटिक और मस्की स्मेल आ रही थी उसमे से..मैं उसे हर जगह चूस रहा था...उसने भी मेरी वेस्ट निकाल दी थी..अब मैं पूरी तरह नंगा था...मेरा लंड झूल रहा था उसकी गांद के नीचे और वो मेरे निपल्स को चूस रही थी...मैं हेवेन मे था..हम फाइनली बाथरूम मे पहुँचे....उसकी जीन्स अब भी ऑन थी..मैने उसका बेल्ट लूज किया और वो ज़मीन पे खड़ी हो गयी और अपनी जीन्स उतारने लगी.. उसके मिल्की वाइट,टोंड थाइस..एक भी बाल नही था उसके लेग्स पे..बिलकूल स्मूद न सॉफ्ट स्किन.. मैं उसके टो नेल से उपर उसके जिस्म को चूमता जा रहा था..उसकी थाइस को बाइट भी किया मैने...वो आह उहह..कर रही थी.. मैं खड़ा हो गया तो वो समझ गयी और तुरंत नीचे घुटनो के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी...
मे: आअहह..अन्न्न्नुऊऊ.....अओउऊँ...हह
इतने सालों बाद उसके सुंदर हॉट लिप्स ने मेरा लंड चूसा,,,वो मेरा लंड चूस्ति रही.. मैने उसे रोका,,मैं झड़ना नही चाहता था.. अपने आप को ठंडा करने के लिए मैने शवर स्टार्ट किया,,, अब ठंडा पानी हमारे जिस्मो पे गिरने लगा.. उसकी क्रीम कलर की पैंटी पूरी तरह ट्रांसपेरेंट हो गयी थी और उसके झान्ट क्लियर्ली दिख रहे थे मुझे.
अनुराधा: भैया..!!
मे: हाँ अन्नू
अनुराधा: अब मुझे भी झान्ट आ गये हैं...आज चोदोगे ना मुझे?
मे: हाँ अन्नू..आज और हमेशा चोदुन्गा तुझे..
हम फिर किस करने लगे और मैने फिर उसे उठा लिया और उसकी पैंटी निकालने लगा..जैसे ही उसकी पैंटी उसके जिस्म से अलग हुई उसकी खूबसूरत चूत मेरे सामने आ गयी..पिंक कलर की उसके लिप्स और उनपे गोल्डन ब्राउन कलर के झान्ट...वो खड़ी थी...मैं घुटनो के बल बैठ गया और उसकी चूत को देखने लगा..प्योर् ब्यूटी!!
मे: हाई जान...!! काफ़ी टाइम बाद मिले हैं आज हम..
अनुराधा हँसने लगी..वो मेरी तरफ देख रही थी..उसके होंठो पे मुस्कान थी और आखो मे एक चमक थी जो सिर्फ़ प्यार मे होने वाले इंसान मे ही होती हैं..मैं समझ गया कि ये मुझसे कितना प्यार करती हैं और मैं भी अपनी सिस्टर को प्यार करता था. मैं उसकी चूत को निहार रहा था...फाइनली मैने अपनी उंगली से उसकी चूत के लिप्स स्प्रेड किए और अपनी जीभ उसकी चूत से टिका दिए...मैं अब उसकी क्लिट को चूसने लगा. वो अपनी गान्ड धीमे धीमे हिला रही थी..मेरे बालों मे से उंगली घुमा रही थी..मैं एक हाथ से उसके बूब्स मसल्ने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत चूसने लगा..
अनुराधा: आआहाआहा आ आ आ.............उउम्म्म्मममममम........भा....ईईइ.....याअ.आआआआआआ..एयेए ह आहहह....
अनुराधा को इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ..वो चीखने लगी..अपनी गान्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी..उसके लेग्स अब शेक करने लगे थे और उसे खड़े रहने मे मुश्किल हो रही थी और वो नीचे बैठ गयी,,मैने उसे सहारा दिया और किस करने लगा..
मे: कैसा लगा अन्नू???
अनुराधा: लव यू भैया!!
उसकी इस बात से मुझे उस पे प्यार आ गया और हम ने किस किया. वो मेरे लंड को सहलाने लगी थी...हम दोनो बाथ टब से सट के बैठे थे..
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05-17-2019, 01:34 PM,
#12
RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
अनुराधा: भैया..बाथ टब मे लेट जाओ...
मे: क्यू?
अनुराधा: प्लीज़...
मैं लेट गया.. वो किसी तरह खड़ी हुई मेरा हाथ पकड़ कर और वो भी बाथ टब मे आ गयी..अब मैं लेटा था मेरा लंड राक हार्ड और वो मेरे उपर खड़ी थी... मैं समझ गया कि वो क्या करने जा रही हैं...
मे: अन्नू..ऐसे मत कर..इस तरह से तुझे बहोत दर्द होगा..
अनुराधा: नही होगा..मैं जानती हूँ तुम होने नही दोगे भैया...
मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और वो मेरे लंड के बिल्कुल आगे बैठ गयी... मैने उसे कमर से पकड़ कर उठाया और अपने लंड को उसकी चूत के लिप्स पे ले गया..
मे: देख अन्नू..थोड़ा दर्द तो होगा ही और ब्लीडिंग भी हो सकता है..
अनुराधा:होने दो...आज ही सही..मैं सिर्फ़ तुम्हारे साथ ही ये करना चाहती हूँ...
मे: लव यू अनु..एक बार मेरा लंड चूस ताकि वो बिल्कुल स्लीपारी हो जाए और आसानी से घुसे...
अनुराधा: जाएगा भैया...मेरी चूत ऑलरेडी बहोत गीली हैं...बस तुम डालो..
मैने अपने लंड को उसकी चूत मे डालना स्टार्ट किया और एक हाथ से उसकी कमर पकड़के उसे धीरे धीरे अपने लंड पे बैठाने लगा...और दूसरे हाथ से उसके हाथ थामे था.. उसकी चूत वाकई मे बहोत गीली थी और एक्सट्रीम्ली टाइट...बड़ी मुश्किल हो रही थी...जा नही रहा था और उसे दर्द भी हो रहा था काफ़ी...अचानक वो रुक गयी...उसने मेरी आखो मे देखा और झटके से मेरे लंड पे बैठ गयी... 4' तक लंड अंदर चला गया.
अनुराधा: आआआहह.....इसिसस्स्सीइसस्स्स्स्सस्स...आअहह..भैयाअ.आआ...आआ आअहह आ आहाआहहह
उसकी चूत से ब्लीडिंग होने लगी..उसने मेरे हाथो को जाकड़ लिया था और आखे बंद कर ली थी..उसकी आखो से आसू आने लगे और उसे दर्द होने लगा...
मे: सॉरी...अन्नू..
अनुराधा: नही भैया...थॅंक यू...
हम 5 मिनट उसी पोज़िशन मे थे ताकि उसकी चूत मेरे लंड को अड्जस्ट कर ले..उसका ब्लड मेरी थाइस पे था..मैने उसकी कमर पकड़ी और धीरे धीरे झटके मारने लगा..वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी और उपर नीचे हो रही थी.. हर मूव के साथ उसके बूब्स उछल रहे थे ... अब वो सम्भल गयी थी और आक्चुयल चुदाई कर रही थी..मैं कभी उसके निपल्स पिंच करता कभी किस करता...
मे: आआहाआह आह आ आ आ अया आह ..उूमुम्म....ज़ोर से..स्पीड स्पीीईद्द्ड..
अनुराधा: आअहह..आअहह....उम्म्म्ममममममममममममम..मेरा निकल रहा हैं..
और इतना कहके मैने उसकी चूत मे अपना वीर्य छोड़ा और म्यूचुयल ऑर्गॅज़म हुआ और उसका पिशाब भी छूट गया...हम दोनो हाफने लगे...हमारे जिस्म बिल्कुल स्वीटी हो गये थे. वो कुछ वक़्त ऐसे ही बैठी रही और जब मेरा लंड पूरा सॉफ्ट हो गया तो मेरे उपर गिर गयी..उसके बूब्स मेरी चेस्ट मे दब रहे थे...मैने उसके चेहरे पर से बॉल हटाए और उसे किस किया...
मे: मैं तुझे हमेशा प्यार करूगा अन्नू...आइ रियली लव यू...
अनुराधा: लव यू तो भैया...
और हम किस करने लगे...मैने हाथ बढ़ा कर उसकी गान्ड मसलना स्टार्ट किया मगर मैं जानता था कि वो थक गयी हैं तो सिर्फ़ शवर स्टार्ट करके हम दोनो वहाँ लेटे रहे.. मैने उसकी चूत को सॉफ किया.हम काफ़ी देर तक एक दूसरे के साथ टब मे लेटे रहे और पानी हमारे जिस्म से बह रहा था.. मैं नीचे था और वो मेरे उपर लेटी थी. उसकी गान्ड मेरे लंड पे थी सो बिल्कुल सख़्त हो गया था अब तक. मैं उसके बालों को किस कर रहा था. हमारे हाथ एक दूसरे के हाथो मे जकड़े थे और बाहें एक दूसरे से लिपटी थी. हम वैसे ही लेटे थे. अब तक अनुराधा की चूत काफ़ी ठीक हो गयी थी और उसमे उतनी ताक़त भी आ गयी थी. उसकी नज़र मेरे लंड पे गयी.
अनुराधा: क्या भैया?? ये कभी सॉफ्ट होता है भी या नही.
मे: जब तक हम साथ रहेगे यह सॉफ्ट नही होगा..तुझे खुद ही इसका कुछ करना होगा.
अनुराधा टर्न्ड अराउंड और वो मेरी आखो मे देखने लगी. वो मेरी आखो मे देखने लगी और धीरे धीरे नीचे सरकने लगी. आख़िर वो मेरे लंड तक पहुँच ही गयी और उसने अपनी जीभ निकाल के मेरे लंड का बेस लिक्क करना स्टार्ट किया और उपर तक लिक्क करती रही.. उसकी आखें अब भी मेरी आखो मे झाँक रही थी. हमारे नज़रें तब ही अलग होती जब मुझे इनटेन्स प्लेषर होता,,मतलब ऑल दा टाइम, आख़िर उसने मेरे लंड को अपने मूह मे लिया और उसे बेतहाशा चूसने लगी. कभी मेरे बाल्स को भी किस करती और अपनी उंगलिया मेरे निपल्स पे गोल गोल घुमाने लगी. मेरी गान्ड अपने आप ही हिलने लगी और वो समझ गयी कि मुझे ऑर्गॅज़म होने ही वाला हैं...
मे: आअहह.....अनन्नु....उ..उ......डोंट स्टॉप.आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आ आ....
मेरे बाल्स मे प्रेशर बिल्ड होने लगा था और जैसे ही मुझे लगा कि अब मेरा निकल जाएगा तभी उसने मेरा लंड मूह मे से निकाल लिया और मेरे लंड को छोड़ दिया..
अनुराधा: इतनी आसानी से नही भैया...अभी तो शुरुआत हैं...तुम्हे मेरे लिए भी कुछ करना होगा..तभी तुम्हे राहत मिलेगी...
मे: हाँ..कर दूँगा..मगर मेरे लंड का तो कुछ कर पहले...
अनुराधा: उम्म्म हहा....नही..लॅडीस फर्स्ट नही पता क्या??
इतना कह के ही उसने फिर मेरे लंड को मूह मे ले लिया और 2 बार चूस्के ही निकाल लिया..वो मुझे तडपा रही थी और मैं बेताब था.
अनुराधा: सोच लो.!!
उसकी आखों मे शरारत और शैतानियत दोनो थे. मैं समझ गया कि या तो मैं जैसा यह कहती हैं वैसा करूँ या फिर मस्टरबेट कर लूँ.. मैने अनुराधा की बात मानना ठीक समझा..
मे: ठीक हैं...क्या चाहती हैं तू मुझसे??
वो कुछ नही बोली...वो बाथ टब की रिम पे बैठ गयी और सिर्फ़ नज़रे नीचे झुकाकर अपनी झान्ट की ओर इशारा किया. मैं समझ गया कि ये अपनी चूत लिक्क करना चाहती हैं.. मैने उसे अपनी ओर खीचा और टब की रिम पर बैठे बैठे ही उसके लेग्स स्प्रेड किए. जैसे ही मैं उसकी चूत को मेरी जीब से लिक्क करने ही वाला था उसने मुझे फिर रोक दिया..
अनुराधा: क्या कर रहे हो..??
मे: दुनिया की सबसे सुंदर चूत को चूसने जा रहा हूँ..यही चाहती हैं ना तू?? तो लेग्स स्प्रेड कर और मज़ा ले...
अनुराधा: नही...ये नही...मैं इन बालो को हटाना चाहती हू..
मे: अन्नू,,तू चाहती हैं कि मैं तेरी झान्ट शेव करू?
अनुराधा: शीर्फ चूत के उपर ही नही..मैं चाहती हू कि तुम यहाँ से लेकर वहाँ तक के सारे बाल शेव करो...
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05-17-2019, 01:34 PM,
#13
RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
उसने अपनी उंगली से अपनी कमर से लेकर तो गान्ड के होल तक इशारा किया...मैं खूश हो गया... मैने उसे अपनी बाहो मे उठाया और किस किया..
मे: वेट हियर....
मैं टब से निकला और मोम की शेविंग किट लेकर आया. तब तक वो टब मे लेट गयी थी और उसने अपने लेग्स टब के वॉल पे रखे थे.. उसके लेग्स पूरी तरह स्प्रेड थे और. मैने उसकी ओर देखा.. उसकी साँसे तेज़ थी. उसके ब्रेस्ट्स उपर नीचे हो रहे थे हर साँस के साथ.उसके ब्राउन निपल्स जो सख़्त हो चुके थे और उसकी चूत चमक रही थी. इनफॅक्ट ड्रिप कर रही थी.. उसकी चूत मे से जूस उसके थाइस पर आ गया था और उसकी चूत मे से एक मस्की स्मेल आ रही थी और मुझे मेरे लंड को उसकी चूत मे घुसाने से रोकने मे बहोत ज़्यादा मुश्किल हो रही थी क्योकि उसका दूध सा गोरा जिस्म, उसके एक बड़े ऑरेंज जितने बड़े उसके बूब्स,उसकी आर्म्पाइट्स मे बाल जो भीगे थे,उसका भीगा जिस्म चमक रहा था और उसने अपने पैर इस तरह स्प्रेड कर रखे थे कि उसका लेबिया भी दिख रहा था और क्लिट भी.
मैं टब मे उतरा और उसके लेग्स के बीच बैठ गया. उसने अपने लेग्स नीचे लिए और मेरे दोनो तरफ रख दिए. मैने उसकी चूत को उंगली से सहलाया तो उसकी सिसकिया निकलने लगी. वो हेवी ब्रीथ कर रही थी और मेरी उंगली को देख रही थी. मैं उसकी चूत को छेड़ रहा था.
अनुराधा: हरी अप प्लज़्ज़्ज़....
मैने हॅंडशवर से उसकी चूत पे गरम पानी डाला..
अनुराधा: इसस्सस्स..स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...आअहह...उँमू.हफफफ्फ़......
गरम पानी उसकी चूत मे से उसकी गान्ड से टपकने लगा. मैने शेविंग क्रीम ली और अपने हाथ से उसके पेल्विस पे लगाने लगा. मेरी उंगलिया उसकी चूत पे साँप जैसी घूम रही थी. बॅस छूकर निकल जाती. उसने अपनी आखे बंद कर रखी थी और वो धीरे धीरे अपने हिप्स को मूव कर रही थी. मैने उसके पेल्विस से लेकर तो उसके आस होल तक क्रीम लगाया और फिर धीरे धीरे उसकी चूत के हर झान्ट को मैं शेव करने लगा. बड़े ही ध्यान से मैं शेव कर रहा था और जहाँ से रेज़र पास होता वो जगह बिल्कुल सिल्की स्मूद हो जाती.. मैने उसके लेबिया को स्प्रेड किया और उसके साइड मे शेव करने लगा.. अचानक मुझे महसूस हुआ कि अन्नू की गान्ड बहोत ज़्यादा हिल रही हैं.. मैं समझ गया कि उसे ऑर्गॅज़म होने वाला हैं. मैं जानभुजकर उसकी चूत के आस पास हल्के से रेज़र घुमाने लगा.. अब उसकी गान्ड ज़ोर से हिल रही थी और अचनाक
अनुराधा -आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..भ....आआ.....ईई.......य्ाआआआआआआआआआ.....आहा हाः आ आ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह .............
1 मिनट बाद उसने अपनी आखे खोली और उसकी साँसे अब भी तेज़ चल रही थी और उसके लेग्स मेरी वेस्ट को जकड़े हुए थे..
मे: अभी और भी बाकी हैं..शेव करू याअ.../????
अनुराधा: करो....
मे: डॉगीस्टाइल मे आजा..
अनुराधा: पहले शेव तो कर लो...
मे: उसी के लिए कह रहा हू मैं. तेरी गान्ड के आस पास भी झान्ट शेव करने हैं
वो तुरंत डॉगीस्टाइल मे आ गयी. अब उसकी गान्ड बिल्कुल मेरे सामने थी. पर्फेक्ट हार्ट शेप की उसकी गान्ड और उसके बीचो बीच उसकी सुंदर चूत दबी थी. मैने उसकी गान्ड को किस किया और मसलना स्टार्ट किया. अपने हाथ से उसकी गान्ड को मैने स्प्रेड किया और फिर उसकी चूत के नीचे के झाट शेव करने लगा. उसी दौरान मैने उसकी गान्ड मे उंगली डाली तो
अनुराधा: ऊऊउककचह....भैया अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह...नही..
मे: देख..तेरी चूत अब बिल्कुल स्मूद न सॉफ्ट हो गयी हैं...
उसने अपने हाथ से चेक की..
अनुराधा: वाउ.!!
मे: अब मेरी बारी..
मैने उसकी गान्ड के सहारे घुटनो के बल खड़ा हुआ और उसकी चूत मे से उसका जूस अपने हाथो से निकाला और अपने लंड पे लगाया ताकि स्मूद हो जाए..
मे: आज ये लंड तेरी गान्ड मे जाएगा..
इतना कह कर ही मैने लंड को उसकी गान्ड पे टिका दिया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा...
अनुराधा: आअहह.अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउफ़फ्फ़ उफ़फ्फ़ अफ..धीरीए...ईयीई...आअहह आअहररगघ्गग..
मेरे हर धक्के मे लंड उसकी गान्ड मे घुसता जाता. हर झटके से उसकी आवाज़े बढ़ती जा रही थी.,उसके बूब्स नीचे झूल रहे थे और मैं उन्हे मसल रहा था. मैने स्पीड बढ़ा दी...
अनुराधा: आहहाआह आ आहाहाहाहाहाहाआह...अओर ....ज़्ज़ूर्रर...स्सी.....एयेए..हह..उउफफफ्फ़...डाअल...अया..रांडी हू मैं तेरी...अया..डाल्लो...आआहा आहा
मैने उसकी गान्ड चोदता रहा और आख़िर.....................
मे: आआआआआआहह........अया...तेरी गान्ड बहोत टाइट हाईईईईन्न्न....तेरी गान्ड मे हो छोड़ रहा हू....
मैने उसकी गान्ड मे अपना कम छोड़ दिया और उसे भी ऑर्गॅज़म हुआ..उससे नही सहा गया तो वो चीख पड़ी और टब मे गिर गयी. मैं उसकी गान्ड के उपर गिर गया...अब भी लंड उसकी गान्ड मे ही था.. हम दोनो बहोत ज़्यादा थक गये थे..अनुराधा की आखो मे आँसू आ गये थे मगर होंठो पर स्माइल भी थी..वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर लेटा था. उसमे ताक़त नही थी कि वो उठ पाए तो मैने उसे कमर से पकड़ कर उठाया और वॉल से सटा कर खड़ा हो गया और शवर स्टार्ट कर दिया.. हम अब भी हाफ़ रहे थे.. किसी तरह हमने शवर लिया और बेड पर गिर गये...
10-15 मिनट बाद जब जान मे जान आई तो वो बोली.
अनुराधा: भैया,एक बात कहूँ?
मे: हाँ बोल...
अनुराधा: तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाओगे..
मैने हँस कर उसे बाहो मे भर लिया और हम सो गये. फिर वो घर चली गयी और सुबह 8 बजे आ गयी. मेरे पेरेंट्स तब भी नही आए थे सो वी हॅड फ्यूरियस सेक्स ट्वाइस. उस दिन मैं अपने सिटी जाने के लिए निकल गया. मेरे साथ वो यादे थी जो मैने अपनी बेहन अन्नू के साथ बिताई थी. पहले मैं सिर्फ़ उसके जिस्म से प्यार करता था मगर अब मैं सच मूच उससे प्यार करने लगा हूँ!!

दोस्तो आपको मेरी कहानी कैसी लगी


समाप्त
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