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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
अपडेट 113
दरवजे पर हुई दस्तक से देवा और रत्न चौंक से जाते है, आखिर कौन आया होगा इस समय...
रत्ना भागते हुए अपने नंगे जिस्म पर अपनी नाइटी ढ़क लेती है और देवा को दरवाजा खोलने को कहती है।
देवा भी जल्दी में अपने कपडे पहनता है और दरवाजे की तरफ भागता है, दरवाजे पर काफी देर से कोई खटखटा रहा था।
देवा ने अपने कपडे पहने और दरवाजा खोला
सामने पदमा खड़ी थी।
पदमा: अरे देवा बेटा इतनी देर क्यों लगा दी दरवाजे को खोलने में। मैं कितनी देर से खटखटा रही हूँ।
देवा: काकी वो मै अंदर था तो पता नहीं चला तुरंत।
पदमा: अच्छा और तेरी माँ कहाँ है।
देवा: वह माँ अभी नहा रही है।
ये सुनते ही पदमा देवा की तरफ बढी और अपने हाथो से उसके लंड को पकड़ लिया।
पदमा: क्या बात है क्या मुझे ही याद कर रहा था जो लौडा खड़ा हुआ है तेरा?
देवा: अरे हाँ काकी तुम्हारी चूत की ही याद आ रही थी बहुत। कितना टाइम हो गया है चोदे हुए…
पदमा: हाँ मुझे भी तेरे तगडे लंड की बड़ी याद आती है और मेरी चूत भी तब गीली हो जाती है जब मै उन पलो को याद करती हु जब तू मेरी चूत में जड़ तक लंड ड़ालके चोदता था…
क्या दिन थे वो…अब बहनचोद इस अवस्था में साल भर तक चुदाई ख़तम हो जाती है…
ये कहते हुए पदमा की पकड़ देवा के लंड पर और सख्त हो गयी पर जल्द ही उसने अपने हाथ उस पर से हटा लिए और उसके होठो की तरफ अपने होंठ बढाने लगी।
देवा समझ गया था की पदमा क्या चाहती है, पर यह जगह और समय उसके लिये बिलकुल ठीक नहीं थे तो उसने कहा।
“काकी वैसे आना क्यों हुआ, कुछ काम है क्या?”
पदमा देवा की बात सुनकर समझ जाती है की देवा को अपने घर पर यह सब करने से डर लग रहा है, इसलिए वो भी कुछ नहीं करती आगे और कहती है।
“क्यों क्या अपने देवा से तभी मिलने आती हूँ। जब कोई काम होता है?”
“नहीं ऐसा नहीं वो ....” देवा ने कहा।
पदमा ने अपने हाथ में पकडे हुए थैले से कुछ सामान निकाला और कहा।
“यह ले तेरे लिए लाई हूँ बेटा…गाजर का हलवा, देसी घी का…तुझे बहुत पसंद हैं न और रत्ना को भी खिलाना,”
पदमा ने कटोरदान देवा को देते हुए कहा।
“अरे वाह गाजर का हलवा…धन्यवाद काकी…” देवा ने कहा।
“और चाहिए हो तो कह देना ठीक है, चल अब मै चलती हूँ घर पर खाना भी परोसना है अपने पति को…”
पदमा यह कहते हुए घर से निकल जाती है और उसके जाते ही देवा पीछे से दरवाजा बंद कर लेता है और अंदर से ताला भी लगा देता है…
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
वह नहीं चाहता था की उसके और उसकी माँ की आज की रात की चुदाई के बीच कोई भी आए
उसने घर की खिड़किया भी अंदर से बंद कर दी और परदे भी डाल दिए…
देवा का घर ऐसा था की अगर कांच की खिड़किया बंद हो तो घर के अंदर की आवाजें बाहर बिलकुल नहीं जाती थी।
चाहे अंदर कोई कितना भी चिल्लाता रहे…पर बाहर कोई आवाज नहीं महसूस होती…
अब देवा ने फैसला कर लिया था की अब चाहे घर के दरवाजे पे कोई भी आये चाहे नीलम या शालु ही क्यों न हो, वो दरवाजा नहीं खोलेगा और नहीं अपनी माँ को खोलने देगा।
उसने आज ठान के रख लिया था की आज वो अपनी माँ को जम कर बिना किसी रोक टोक के पूरी रात चोदता ही रहेग।।उसकी चूत गांड चुचियाँ और मुँह हर जगह अपने लंड की छाप छोड़ेगा…
ऐसा मन में ठाने हुए देवा सीधे रत्ना के कमरे में चला जाता है और अंदर घुसते ही उसे अपनी माँ सामने ही बिस्तर पर बैठी हुई मिल जाती है, उसने अब नाइटी दोबारा पहनी थी पर अंदर और नीचे कुछ नहीं पहने थी।
“कौन था देवा”, रत्ना ने पुछा।
“पदमा काकी, गजर का हलवा देकर गयी है” देवा ने कह
“यह पदमा को कोई और समय नहीं मिला था, मजा किरकिरा कर गयी,…” रत्ना बोली।
“हाँ कोई बात नहीं अब चलि गयी, मैंने सारे दरवाजे खिड़किया बंद कर दी है, अब हम घर में जितना भी शोर करे बाहर कोई आवाज नहीं पहुचेगी, इसलिए अब अगर कोई भी आयेगा तो हम दरवाजा नहीं खोलेंगे”
देवा ने आदेश देते हुए कहा।
“हाँ सही कह रहे हो बेटा।
काई न कोई वरना आता रहेगा और हमारा समय बर्बाद करता रहेगा…
अब वो दरवाजा कल ही खुलेगा…
आज रात को सिर्फ 3 ही दरवाजे खुलेंगे और वो है मेरी चूत और गांड और मुँह के दरवाजे सिर्फ और सिर्फ मेरे देवा के लंड के लिए”,
ये कहते हुए रत्ना मुस्कराते हुए खड़ी हो जाती है और बाथरूम के दरवाजे के सामने आ जाती है।
देवा “माँ क्या पेशाब करने जा रही हो?”
रत्ना “नहीं बेटा नहाने की सोच रही हूँ…”
देवा: “अब रात में क्या करोगी नहा कर, मै भी तो नहीं नहाया हूँ आज”
ये बात बोलते ही रत्ना के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कराहट आ जाती है…
जीसे देवा बहुत आराम से समझ जाता है…
देवा:“वैसे यह इतना भी बुरा ख्याल नहीं है, नहाना तो जरुरी होता ही है…” और देवा आँख मारता है…
रत्ना “और क्या नहाओगे नहीं तो गंदे रहोगे क्या?
चलो अभी नहाओ तुम भी…” यह कहते हुए रत्ना हँसती है।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
अपडेट 114
रत्ना अपनी नाइटी को अपने शरीर से निकालने लगती है, वो यह अच्छी तरह जानती थी की जब वो अंदर जाये अपने देवा के पास तब उसके शरीर पर कपडे का नामो-निशान न हो।
उसे बिलकुल नंगी अपने बेटे के सामने जाना था…
अब रत्ना अपनी नाइटी को अपने चुचियों पर से हटा कर नीचे कर देती है।
उसकी चुचियाँ अब खुली हवा में नंगी लटक रही थी।
उसने सबसे पहले अपने सुडौल चुचियों को निहारा और पाया की उसकी चुचियाँ वाक़ई में किसी को भी लुभा सकती है।
और आज देवा यानि उसका बेटा और सुहाग उसके इन्हे चुचियों पर अपना काम करेगा और इनको और सुन्दर बनाएगा…
ऐसा सोचते हुए रत्ना के हाथ अपनी चुचियों पर चले जाते है और वो उन्हें साथ मिला लेती है।
उसका मंगलसुत्र उसके चुचियों के बीच फंस जाता है,और ऐसा करते हुए रत्ना अपनी बड़ी बड़ी चुचियों को बड़े गौर से देखती है।
कुछ पलो तक रत्ना अपने भारी सुडौल वक्षो को हलके हलके बडबडाते हुए सिसकारी लेती है जिन्हे सुन कर देवा का लंड और सख्त होने लगता है।
वह उस समय इतना गरम हो चुका था की अपनी माँ को पूरी रात बिना रुके चोदने की सोच रहा था।
बाहर रत्ना अपनी चुचियों को अच्छे से हिला डुला कर अपनी खुबसुरती पर चार चाँद लगा रही थी।
वाकई रत्ना एक बेहद खूबसूरत औरत थी, शायद यही बात है जिस वजह से देवा का दिल उस पर आ गया है,
मेरा मानना तो यही है की रत्ना ही इस कहानी की अहम औरत है, नीलम से भी ज्यादा।
मै शायद ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्युकी रत्ना वो औरत है जो अब अपने बेटे को पूरी तरह अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी है।
चाहे कोई औरत सुन्दर हो या नहीं पर अगर वो अपने पति को या अपने मरद को दिलो जान से अपना मान चुकी है(चाहे वो उसका सगा बेटा ही क्यों न हो) तो वो रिश्ता किसी भी रिश्ते से बड़ा बन जाता है।
इसलिये रत्ना इस कहानी की सबसे अहम औरत है, और अगर देवा की पत्नियो की सूचि(लिस्ट) बनी, तो पहला स्थान रत्ना को ही मिलेगा !
तो अब रत्ना अपनी चुचियों पर से हाथ हटाते हुए अपने नाइटी पर ले जाती है और उसे नीचे करने लगती है।
और धीरे धीरे अपनी गांड की दरार में फँसी हुई नाइटी के हिस्से को भी साथ साथ नीचे करने लगती है।।
धीरे धीरे हौले हौले रत्ना अपने खूबसूरत शरीर को बेपरदा करते हुए नाइटी को अपने पैरो पर से निकालने लगती है।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
नाइटी निकालते ही एक माँ अपने बेटे के लिए पूरी नंगी हो जाती है और अपने शरीर को महसूस करते हुए अपनी अदाओ के जलवे बिखेरने लगती है।
रत्ना के पूरे नंगे ब्रेस्ट उसकी गरदन में टंगे मंगलसुत्र की सुंदरता को बढा देते है…
ये भूरे रंग के निप्पल उसकी चुचियों पर सुंदरता की मोहर का काम कर रहे है।
और उसकी जवानी को लूटने का फरमान भी जारी कर रहे है…
रत्ना बाहर खड़ी अपने मदमस्त बदन पर अपने हाथ चला रही थी और हलकी हलकी सिसकिया भी ले रही थी।
देवा: “माँ और कितना इन्तजार कराओगी । मेरे लंड पर तो तरस खाओ …”
अपने नए नए साजन के मुँह से निकले यह शब्द रत्ना के कानो में गुदगुदी कर देते है।
जीसके परिणाम स्वरुप प्रेम दिवानी रत्ना अपने बेटे
अपने पति,
अपने सुहाग,
अपने देवा के लिए अपने बदन पर हाथ चलाना हल्का करती हुई,
अपने दिल में अपने बेटे के सामने दोबारा नंगी जाने की ठानते हुए मटकती गांड के साथ पलट जाती है।
“आज जिंदगी की असल रात होगी और मै इस रात को अपने लिए और अपने देवा के लिए यादगार बना दूंगी
और हमारे बीच के माँ बेटे के रिश्ते को एक अलग ही मुकाम पर,
एक शीर्ष पर,
एक उचाई पर पंहुचा दूंगी।
आज की रात मै अपने बेटे के सामने नंगी रहकर अपने हुश्न का दीदार देते हुए,
उसके उस दमदार हथियार को अपनी चूत, गांड़, मुँह और चुचियों के बीच ले जाकर अपने जिस्म की उस ज्वाला को बुझाने और साथ ही साथ उस बूझी हुई जवानी की आग को फिर से ज्वाला दूंगी…
और अपने नए पति यानि अपने सगे बेटे देवा को बहुत प्यार करुँगी”
ये एक माँ के विचार थे आज की रात और आने वाली रातो के बारे में अपने बेटे के लिये, उस माँ के लिए जो अब अपने ही बेटे को अपना जिस्म, रूह सौंप चुकी थी।
उस माँ के जो अब अपनी बुझी हुई चुदाई की आग को दोबारा जला चुकी थी…
ऐसा विचार एक आम माँ के मन में अपने बेटे के लिए आना वाकई में बहुत मुश्किल है।
पर अगर बेटा सही दिशा में मेंहनत करे,
कोशिश करे तो मै इस बात का भरोसा दिलाता हूँ की उसकी माँ एक दिन उसके सामने अपनी चूत और गांड जरूर खोल देगी…
और जमकर चुदाई भी करवाएगी…
खैर यह मुकाम तो इस वक़्त देवा हासील कर ही चुका है और खुश भी क्यों ना होगा।
आखीर जिस चूत पर फ़तह हासील किया है वो कोई आम चूत नहीं…
लाखो में एक ही ख़ुशक़िस्मत होता है ऐसा।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
“लंड पर तरस खाऊँ? जान अगर तुम कहो तो मै तुम्हारा यह ताक़तवर लंड तक पूरा खा जाऊँ…तरस खाना तो बहुत मामूली सी बात है।
अब आगे.......
अपडेट 115
ऐसा कहते हुए देवा की दीवानी रत्ना अपनी उछलती चुचियों के साथ मुस्कराते हुए अपने देवा की तरफ बढ़ने लगती है।
देवा अपनी माँ को नंगी अपनी तरफ बढ़ता देखकर अपनी बांहे खोल देता है।
रत्ना मुस्कराते हुए उसकी तरफ आती है और फुव्वारा (शावर) खोल देती है, जिससे पानी निकलने लगता है और रत्ना और देवा के नंगे जिस्म को भिगोने लगता है।
कुछ ही पल में रत्ना देवा की बाहों में आ कर अपने छाती का भार उसपर डाल कर अपने हाथ उसके गरदन पर ले जाकर उसे प्यार से पकड़ लेती है, और उसके होठो को अपने रसिलें होठो में ले लेती है, देवा भी उसका जवाब देते हुए, अपने हाथ उसकी चुचियों के नीचे ले जाते हुए अपने हाथ आगे बढाने लगता है।
उसी पल देवा का खड़ा हुआ लंड अपनी माँ की सुंदरता की वजह से और खड़ा हो गया था और सीधा उसकी चूत पर छुने लगा, जिसको रत्ना ने भाँपा पर चुम्मे को बरक़रार रखती हुई अपनी गरम चुत पर देवा के गरम लंड के एहसास का मजा भी लेती रहती है।
देवा उसके होठो को पूरे जोश और ताकत से चूसता है, और अपनी जीभ उसके मुँह में ड़ालने लगता है, रत्ना भी अपने बेटे की जीभ का अपना मुँह खोलकर स्वागत करती है, और अपनी जीभ भी उसके मुँह में डाल देती है।
देवा और रत्ना फव्वारे के नीचे खड़े होकर एक दूसरे के भीगे जिस्मो को अपनी बांहो में भरे हुए पूरे जोश में चूम रहे थे, इस वक़्त रात के सिर्फ ८ ही बजे है।
उन दोनों का चुम्बन देखके कोई भी यह नहीं सोच सकता की एक माँ अपने बेटे को इतना कुछ मान सकती है, पर यह सच था की रत्ना अब देवा की दीवानी हो चुकी है और अब उससे कुछ छुपाने का मन नहीं था, वो अपने बेटे, अपने सुहाग का पूरा आनंद लेते हुए उससे चुदाई का पूरा सुख लेना चाहती थी।
उनका चुम्बन काफी समय से चल रहा था और हर पल के साथ वो और गहरा और तेज होने लगा था देवा के हाथ रत्ना को चुमते हुए उसकी चुचियों के नीचे ही थे, जिन्हे रत्ना ने अपने हाथो में लेकर सीधे अपनी सुडौल चुचियों पर ला रखी, और अपना चुम्बन जारी रखा,
अब देवा रत्ना को चूमते हुए बहुत ही प्यार से उसकी चूचियों को भी सहला रहा था…
कुछ और पल चूसाई का यह सिलसिला जारी रहा और फिर रत्ना देवा से अलग हुई और अपनी पीठ देवा की तरफ करते हुए अपनी बड़ी बडी चुचियों को फव्वारे के पानी से भिगोने लगी, देवा के हाथ अब उसकी चुचियों पर से हट गए थे, जिन्हे रत्ना दुबारा अपने हाथो से पकड़ कर वापस अपनी चुचियों पर ले आती है,
और इतना ही नही, रत्ना अपना हाथ देवा के हाथो पर से नहीं हटाती, बल्कि अपने हाथो से देवा के हाथो को जोर से दबाने लगती है अपनी चुचियों पर, जिसकी वजह से देवा के हाथ अपने आप रत्ना की चुचियों को मसलने लगते है…
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
रत्ना “आहह…बेटे…ऐसी…ही सहलाओ इन्हे……और जरा…ताकत से जोर से सहलाओ बहुत अच्छा लगता है तुम्हारे हाथ जब इनको दबाते है…आह……बस ऐसे ही हाँ……आहह…दबाते रहो बस…”
रत्ना सिसकी लेते हुए मजा लेने लगती है और देवा उसकी चुचियों को मसलने का काम जारी रखता है।
देवा: “माँ तुम्हारी यह मस्त चुचियाँ…मन करता है की बस दबाता ही रहुँ ऐसे ही…बहुत मोटे और सुन्दर है,,,,इन्हे जब भी तुम्हारे सीने पे लटके हुए देखता हूँ तो बस देखते रहने का ही मन करता है…मन करता है की बस इनका सेवन कर लुँ…”
रत्ना:“मेरे बेटे किसने रोका है तुझे तेरा जो मन करे कर इनके साथ…जब छोटा बच्चा था तब भी बहुत खेलता था इन के साथ…तब इनकी असली सुंदरता से वाकिफ़ नहीं था शायद…आहह…ऐसे ही……और जोर से……बेटा बस ऐसे ही दबाते रहो……और इनकी सुंदरता को बढ़ाओ…”
देवा रत्ना की चुचियों को लगातार फव्वारे के पानी के नीचे दबाने में मगन था, वो आज अपनी माँ की चुचियों पर बहुत फ़िदा लग रहा था और रत्ना को भी आज अपनी चूचियों को अपने बेटे से मसलवाने का बहुत मन भी कर रहा था…
रत्ना:“बेटा मेरे प्यारे देवा…तुम्हारे हाथो में…आह्हः…जादु है…मेरे पति परमेश्वर…”
देवा अपनी रत्न की चुचियों को अब काफी प्यार से और आराम से मसल रहा था।आज क्युकी देवा जानता था की उसके पास बहुत ज्यादा समय है रत्ना के रोम रोम को तराशने के लिये, आज एक बेटा अपनी माँ के हर उस हिस्से का जायजा लेगा जो कोई आम बेटा अपनी जिंदगी में शायद ही सोचता होगा।
आज देवा अपनी रत्ना से अपनी माँ से खूब मजे लेगा क्युकी अभी तो शाम सी ही हुई है…रात तो अभी आनी है…और रत्ना ने तो पहले ही अपने देवा को हूकुम दे दिया है उसे सुबह तक चोदने के लिए…लगता है कल तक रत्ना बिस्तर से उठ तक नहीं पायेगी…
देव,, “माँ आज तुम्हारा यह बेटा अपने लंड का असली 'ताकत दिखायेगा…पुरी रात…तूझे चोद चोद कर”
रत्ना देवा की बातो को सुन कर आज बहुत खुश हो रही थी, कुछ महीनो पहले तक जो रत्ना अपने बेटे को अपनी बहन ममता को चोदते देख उसे डण्डे से मारी थी, आज वही रत्ना खुद उसके लंड पर अपनी बेटी की तरह ही उछल उछल कर अपनी चूत और गांड उस तगडे मरद के लंड से मरवाना चाहती थी…और वह भी पूरी पूरी रात…अपने बेटे की बाँहों में नंगी रह कर…यह सच में देवा का ही 'कमाल है।
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