Hindi Porn Stories हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
08-20-2017, 10:47 AM,
#41
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स्वामी जी का "लन्ड"
शहर से करीब २५/३० किलोमीटर दूर एक छोटा सा आश्रम उसमे रहते थे स्वामी लंडेस्वर महाराज । लंडेश्वर का प्रवचन बहुत मशहूर था । उनको सुनंने के लिए दूर दूर से लोग आते थे । स्वामी लंडेश्वर सफ़ेद धोती पहनते थे और ऊपर से सफ़ेद गमछा ओढ़ लेते थे । उनका बदन सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं पड़ता था । बाल एकदम सफ़ेद हो चुके थे । लेकिन वे दाढ़ी और मूछ नहीं रखते थे । गोरा गठीला बदन, कसरती बदन था उनका जो की बड़ा ही मन मोहक और आकर्षक था । उनकी उम्र केवल ४५ साल की थी । उनकी ओजश्वयी वाणी सबका मन मोह लेती थी । भाषा सार गर्भित एवं तर्क पूर्ण होती थी । वे किसी भी सवाल का जबाब देने में समर्थ थे । धीरे धीरे उनकी ख्याति बढती गयी । लोग उन्हें सुनने के लिए और उनके दर्शन करने के लिए आने लगे । भीड़ बढती ही जा रही थी । मैंने देखा की भीड़ में महिलाएं ज्यादा थी । लड़कियां ज्यादा होती थी या फिर शादी शुदा औरतें । उनकी संख्या दिन पर दिन बढती जा रही थी । तब मैंने इसके रहस्य का पता लगाना शुरू किया ।
मुझे विशिष्ट सूत्रों से पता चला की लड़कियों की या शादी शुदा महिलायों की भीड़ का कारण क्या है ?
पहला कारण :- लड़कियों के बीच में यह धारणा बन चुकी है की जो लड़की स्वामी जी का "महा प्रसाद"एक बार चख लेती है उसकी शादी एक साल के अन्दर हो जाती है ।
दूसरा कारण :- जो शादी शुदा औरत स्वामी जी का "महा प्रसाद" एक बार चख लेती है उसकी संतान एक साल के अन्दर हो जाती है ।
बस, स्वामी जी का महा प्रसाद पाने के लिए लड़कियों की और शादीशुदा औरतों की भीड़ बढती जा रही है । अब सवाल इस बात का था की स्वामी जी के महा प्रसाद को कैसे प्राप्त की जाये ? मुझे पता चला की उनके नजदीक दो खास लड़कियां है । एक तो पूजा और दूसरी माला । इन दो लड़कियों के द्वारा ही महा प्रसाद मिल सकता है । मुझे यह भी मालूम हुआ की स्वामी जी के कुछ खास चेले भी है । कुछ चेले उनके साथ स्वामी के भेष में रहते है और कुछ छुपे हुए रहते है । मगर दोनों जगह के चेले बहुत ही स्मार्ट है । खूबसूरत है । लड़कियों के शौक़ीन है । और लड़कियां भी उनकी और आकर्षित होती है । वे किसी के साथ कोई जोर जबर दस्ती नहीं करते है । बहुत मीठा बोलते है । मीठा व्यवहार करते है । जहाँ तक हो सकता है सबकी सहायता करते है । किसी का किसी भी तरह नुकसान नहीं करते । उन दो लड़कियों के अलावा कुछ चेलियाँ भी है । बड़ी बिंदास चेलियाँ, निहायत खूबसूरत चेलियाँ, मीठा बोलने वाली चेलियाँ और सब कुछ करने को तैयार चेलियाँ ।
मैं किसी तरह माला से मिला और फिर माला की सहायता से पूजा से भी मिला । मैंने धीरे धीरे उनके नजदीक जाने का प्रयास किया और सफल भी हुआ । मैं धीरे धीरे सब कुछ जान लेना चाहता था । एक दिन मैं माला के साथ बैठा था । शाम का समय था । उस दिन माला को आश्रम में नहीं जाना था । मैं जब उसके नजदीक गया तो मालूम नहा की माला नशे में थी ।
मैंने माला से पूंछा :- आप मुझे एक बात बताईये की स्वामी जी के " महा प्रसाद" में क्या है ? कौन सा ऐसा प्रसाद है जो केवल लड़कियों को या फिर औरतों को ही मिल सकता है ? मर्दों को नहीं ?
माला बोली :- देखो ये बात गोपनीय है मैं नहीं बता सकती ?
तब तक पूजा भी वहां आ गयी । मैंने उसे भी नशे में पाया । खैर मैंने वही सवाल पूजा से किया तो
पूजा बोली :- जबाब है लेकिन मैं दे नहीं सकती ? आपको बता नहीं सकती ?
मैंने कहा :- अच्छा ये बताओ की क्या कोई उपाय है की मैं इसे जान सकूं ?
पूजा बोली :- हां है । एक उपाय है । आप हमारे सदस्य बन जाईये ।
मैंने कहा :- ठीक है मैं बन जाता हूँ। आप बताईये मुझे क्या करना होगा ?
पूजा बोली :- तो तुम पहले अपना "लन्ड" दिखाओ ? फिर बताऊंगी ।
फिर माला बोली :- हां मैं पहले तुम्हारा "लन्ड" पकड़ कर देखूँगी । उसकी जांच करूंगी । उसकी परीक्षा लूंगी और अगर पास हो गया तुम्हारा "लन्ड" तो मैं तुमको अपना सदस्य बना लूंगी । जब तुम सदस्य बन जाओगे तब मैं तुमको रहस्य बताऊंगी ।
मैंने पूंछा :- कौन सा इम्तहान पास करना होगा मेरे लन्ड को ?
माला बोली :- मैं पहले देखूँगी की तुम्हारा लौडा कितना लम्बा है ? कितना मोटा है ? सुपाडा कितना बड़ा है ? खड़ा कैसे होता है ? खड़ा होने पर लन्ड किस तरह का दिखता है ? लन्ड की झांटे है की नहीं ? है तो कैसी लगती है झांटे ? वैसे घनी घनी झांट वाले लन्ड चल जाते है ।
पूजा बोली :- फिर यह भी देखूँगी की लन्ड चाटने में कैसा लगता है ? चूसने में इसका स्वाद कैसा है ? चोदने में कितना मजबूत है ? कितना सख्त है ? क्या क्या चोद लेता है ? आगे से चोदने में कैसा है और पीछे से चोदने में कैसा है ? गाँड मार लेता है की नहीं । कितनी देर तक चोदता है ? झड़ने पर लन्ड की मलाई कैसे निकलती है ? कितनी मात्र में निकलती है ? उसका स्वाद कैसा होता है ?
माला बोली :- फिर यह भी देखूँगी की तुम चूंचियां कैसे पकड़ते हो ? चूंचियों को कैसे मस्त करते हो ? कैसे चूमते हो ? चूसते हो ? चूत कैसे चाटते हो ? चूत कैसे सहलाते हो ? चूतडों पर हाथ कैसे फेरते हो ?
मैंने कहा :- अरे बाप रे बाप ? इतना बड़ा इम्तहान ? मेरा बिचारा एक लन्ड कैसे ये सब कर पायेगा ?
माला बोली :- ये तो मैं लन्ड पकड़ कर बता दूँगी की तेरा लन्ड कर पायेगा की नहीं ?
मैंने कहा :- ठीक है । मैं तैयार हूँ । लेकिन पहले मुझे ये बताओ की मेम्बर होने के लिए लन्ड की क्या जरुरत है ? माला बोली :- अरे य़ार, इस आश्रम में लन्ड का ही तो सब काम है । जिसका लन्ड अच्छा होता है वही चेला बन सकता है । वही लड़कियों / औरतों को खुश कर सकता है । यहाँ पर जितनी चेलियाँ है वे सब लन्ड की शौक़ीन है । लन्ड के लिए यहाँ भी रहती है और बाहर भी जाती है । चेले आश्रम में लड़कियां चोदते है । औरतें चोदते है । वे जब संतुष्ट हो जाती है तो बार बार आती है और अपनी सहेलियों को भी लाती है । अब स्वामी जी को लीजिये ? अपने लन्ड की बदौलत ही वे हम सब के स्वामी बने है । उनके लन्ड के बराबर किसी का लन्ड नहीं है ।
मैंने पूंछा :- अच्छा ये बड़ा प्रसाद क्या है ?
पूजा :- स्वामी जी के लन्ड का वीर्य है महा प्रसाद । वास्तव में स्वामी जी को चूत चोदने से ज्यादा मज़ा सड़का लगवाने में आता है । लड़कियों से / औरतों से मुठ्ठ मरवाने आता है । उन्हें नंगी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है । इसीलिए वो नंगी लड़कियों से ही सड़का लगवाते है ।अधिक से अधिक लड़कियां स्वामी जी का लन्ड पकडे और मुठ्ठ मारे इसलिए यह कहा गया की जो लड़की स्वामी का महा प्रसाद लेगी उसकी एक साल के अन्दर शादी हो जाएगी या फिर संतान हो जाएगी । अब आप देखिये की लड़कियों की कितनी लम्बी लाईन है ? हां जब कभी किसी को चोदने मन होता है तो चोद लेते है स्वामी जी ।
अब मेरे मन की सारी शंकाएं दूर हो गयी ।
मैंने कहा :- अच्छा पूजा और माला आप दोनों नंगी हो जाईये पहले फिर मुझे नंगा कर दीजिये । मेरा लन्ड पकड़ लीजिये और फिर जी भर लन्ड का इम्तहान लीजिये । दोनों शराब के नशे चूर थी । दोनों बड़ी बेशर्मी से नंगी हो गयी । उनकी बड़ी बड़ी चूंचियां और चूतड देख कर मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने जसे ही मुझे नंगा किया, मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने लन्ड एकसाथ पकड़ा और बड़ी देर तक देखती रही ।
पूजा बोली :- हाय रे माला, लगता है की इसका लन्ड स्वामी जी के लन्ड के बराबर है ?
माला ने जबाब दिया :- हां, स्वामी के लन्ड की लम्बाई ९" है और चौड़ाई ५" है । और इसके लन्ड की लम्बाई चौड़ाई इससे कम नहीं होगी ।
पूजा :- तो आज मिला है स्वामी के लन्ड को टक्कर देने वाला लन्ड ? मैं ज़रा इसे चूस लूं चाट लूं फिर बताती हूँ। मुझे तो उस लन्ड से यह लन्ड ज्यादा पसंद आ रहा है ।
माला :- चलो आज हम दोनों खूब चुदवायेंगी पहले फिर स्वामी जी को इस लन्ड के बारे में बताऊंगी । उस दिन मैंने जम कर दोनों को मजे से चोदा ।
चोदने के बाद मैं रात में वहीँ रुक गया । सवेरे जब मेरी नींद खुली तो मेरा लन्ड खड़ा था । सवेरे का लन्ड बड़ा मस्त होता है । मेरे खड़े लन्ड को पूजा ने देख लिया । उसने लपक कर लन्ड पकड़ लिया । अब मेरा लौडा और मस्ता गया । हिनहिनाने लगा जोश में । इतने में नंगी नंगी माला भी आ गयी । उसने भी लौडा सहलाया । अब तो लन्ड टन्ना कर कुतुबमीनार हो गया । माला ने मेरा लन्ड पकड़ा और सीधे स्वामी लंडेश्वर के पास ले गयी । उधर स्वामी का भी लौडा खड़ा था । पूजा ने स्वामी का लन्ड पकड़ लिया और बोली अरे दोनों लन्ड बहन चोद एक जैसे ही दिख रहे है । दोनों की लम्बाई और चौड़ाई एक जैसी लग रही है
माला :- स्वामी जी तेरे लन्ड के बराबर एक लन्ड मिल गया है । देखो तो कितना मस्त है इसका लौडा ?
स्वामी :- हां मैं इसका लन्ड देख रहा हूँ । मैं आज से ही इसको अपने ग्रुप में सामिल करता हूँ। इसका लन्ड भी स्वामी का लन्ड कहलायेगा । इसके लन्ड का वीर्य भी महा प्रसाद के नाम से जाना जायेगा । अभी यहाँ से लड़कियों को दो बार प्रसाद मिलता था लेकिन आज से चार बार मिलेगा । अब जब हमारे लड़कियां नंगी होकर हम दोनों के लन्ड पकडेगीं और सडका मारेंगी तो बड़ा मज़ा आएगा । उसके बाद माला ने स्वामी से चुदवाया और पूजा ने मुझसे । फिर थोड़ी देर में माला ने मेरा लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ा और पूजा ने स्वामी का लन्ड ।
मेरे सामिल होने के बाद तो तहलका मच गया ।
उसके बाद मैंने देखा की ह़र रात को एक से एक खूबसूरत लड़कियां/ औरतें हम दोनों का लन्ड पकड़ने आने लगी । मुठ्ठ मारने लगी । रात में होती थी सामूहिक चुदाई । जो लड़कियां दिन में मुठ्ठ मार कर प्रसाद निकालती थी उनमे से अधिक तर रात में आकर हम लोगों से जम कर चुदवाती थी । जितने साले चेले थे सब लौडिया चोदते थे । जितनी चेलियाँ थी सब लन्ड बदल बदल कर चुदवाती थी । इस तरह की ऐय्यास्सी मैं पहली बार देख रहा था । फिर मुझे यह भी मालूम हुआ की यहाँ से लड़कियां चुदवाने के लिए बाहर भेजी जाती है । और चेले बाहर जाकर लड़कियों को औरतों को चोदते थे । दो तीन बार मुझे भी बाहर जाकर ग्रुप में ऐय्यास औरतों को चोदने का मौका मिला । लोग समझ नहीं पाते थे की स्वामी लंडेश्वर वो है की मैं हूँ ? 
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वो मुझे फिर जवान कर गया

मेरी उमर लगभग चवालीस साल की है. मेरे पति ने मुझे आज से पंद्रह साल पहले तलाक दे दिया था. उनका मेरे साथ आरम्भ से ही नहीं जमा था. हकीकत यह थी कि मैं अत्यधिक सुन्दर थी जब कि वे बहुत साधारण चेहरे वाले. यही बात आगे तलाक में बढ़ गई. मैंने पी एच डी की हुई थी इसलिए तलाक के बाद मैंने एक छोटे से शहर में कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया.
मैं एम् ए फाइनल में एक दिन पढ़ा रही थी कि मैंने एक नया लड़का देखा. पूछने पर उसने बताया कि उसका नया एडमिशन हुआ है. वो दिखने में बेहद सुन्दर और गठीला लग रहा था. ना जाने क्यूँ पहली नजर में ही मुझे वो भा गया. लेकिन अपनी उमर का ख़याल कर मैंने अपना विचार बदल दिया.
एक दिन वो स्टाफ रूम में मुझ से कुछ पूछने आया. मैंने उसे समझा दिया. उसने मुझे कह कि मैं बहुत अच्छी तरह से पढ़ाती हूँ. उसी तरह एक बार वो एक छुट्टी के दिन कोई सवाल पूछने मेरे घर चला आया. मैंने उसे फिर समझा दिया. उसने टेबल पर मेरी मेरे पति के साथ तस्वीर देखी और उसके बारे में पूछा. मैंने उसे विस्तार सारी बात कह दी. वो एकदम उदास हो गया. उसकी आँखें भर आई.
इसके बाद वो अक्सर मुझसे मिलता और मेरे साथ पढ़ाई के साथ साथ दूसरी बातें करता. मुझे यह लगने लगा कि वो मुझे खुश रकने का प्रयास कर रहा है. इस तरह से वो मेरे काफी करीब हो गया. रविवार का दिन था. सवेरे से ही तेज बारिश हो रही थी. मैं बालकनी में खड़ी थी. तभी मैंने देखा कि वो अणि साइकिल को तेज चलता मेरे घर के तरफ ही आ रहा है. मैंने दरवाजा खोल दिया वो अन्दर आया. पूरी तरह से भीगा हुआ था. उसने एक थैली निकाली और बोला " मैडम मैं गरमा गरम पकौड़े ले आया हूँ आपके लिए." मैंने उसकी तरफ देखा. उसका चेहरा ख़ुशी से दमक रहा था. मैंने वो पकौड़े ले ले लिए. मैंने उसे कहा " तुम भीग चुके हो. कपडे बदल लो. ऐसी बारिश में भीगने से बीमार भी पड़ सकते हो." उसने मेरे कहते ही अपना शर्ट उतार दिया. मैंने उसे तौलिया दे दिया. उसने अपना बनियान भी खोल दिया. उसका चौड़ा सीना मुझे ललचाने लगा. मुझे लगा जैसे बरसों बाद उझ्मे कोई चाहत जागी है. लेकिन उमर का अंतर देखा मैं कुछ ना कर सकती थी. पटा नहीं क्या हुआ ; मुझे लगा जैसे उसने मेरी मन:स्थिति को भांप लिया हो. वो अपने नंगे बदन पर टिया लपेटे मेरे साथ पकौड़े खा रहा था. उसने अचानक मुझ से कहा " मैडम; आप अपने आप को कभी अकेला मत समझो. मैं आपके साथ हर मुसीबत में खडा रहूंगा. आप बेहिचक कोई भी काम हो कह देना. मैं ना नहीं कहूंगा." मुझे लगा जैसे मुझे फिर से कोई साथी मिल गया है. उसकी और मेरी उम्र में करीब बीस साल का अंतर था. लेकिन वो मुझ से मेरे हिसाब से बातें कर रहा था. उस दिन तो वो चला गया इन में मन में एक खलबली मच गई.
अब वो मुझ से कॉलेज में हर दिन अलग से मिलने लगा. हम दोनों एक दूसरे का हाल चाल पूछते. मैं कभी उसे स्टाफ रूम में चाय पर बुला लेती. धीरे धीरे वो एक दोस्त बनता चला गया. मैं उसे एक हमदर्द समझने लगी थी. वो मुझे देखता तो ऐसा लगता जैसे वो कुछ और भी कहना चाहता है, वक्त युहीं गुजरता गया औए हमारी दोस्ती चार महीने पुरानी हो गई.
सर्दीयाँ आ गई थी..कॉलेज के छात्र-छात्राएं कम आने लगे. सभी सर्दी का बहाना कर देते. इसी सर्दी के मौसम ने मुझे अपना शिकार बना लिया. मुझे बुखार आ गया. जब मैं दो दिन कॉलेज नहीं जा पाई तो वो एक दिन दोपहर को कॉलेज से सीधे मेरे घर आ गया. मैं उस वक्त सोई हुई थी. थोड़े से झटके से दरवाजे की कुण्डी खुल गई और वो अन्दर आ गया. मैं घर में अक्सर एक गाउन पहना करती हूँ सर्दीयों में. उस वक्त भी मैंने गाउन पहना हुआ था. गहरी नींद की वजह से चद्दर नीचे गिर गई थी. मेरे गाउन का लेस खुला हुआ था और मेरा सीना गाउन में से बाहर दिख रहा था. वो उसकी आहट से मेरी नींद खुल गई लेकिन अधखुली आँखों से मैंने उसे आते और मेरे सामने बैठते हुए देख लिया.वो मेरे सामने आकर बैठ गया. उसने मुझे काफी देर तक ऐसे ही निहारा.
मेरा दिल अब थोडा घबराने लगा. वो अब पलंग पर बैठ गया. मैंने देखा कि उसकी नजरें मेरे सीने पर है. उसने अचानक अपना सर झुकाया और धीरे से सीने के खुले हुए भाग को यानि कि मेरे दोनों स्तनों के बीच की रेखा को अपने होंठों से चूम लिया. मेरा बदन तड़प उठा. करीब बीस साल से भी ज्यादा समय के बाद किसी मर्द ने मुझे ऐसे चूमा था. मैं कोई विरोध ना कर सकी. उसने अब मेरी खुली आँखें देख ली. वो मुस्कुराया और मेरे बाएं गाल को चूम लिया. मैं अचानक मुस्कारा पड़ी. उसने अब मेरे दायें गाल को चूम लिया. मैंने अपने बदन में दौड़ रहे करंट के चलते उसे अपनी ऑर खींचा और बाँहों में भर लिया. अब वो मेरे सीने पर अपना सर रखे मेरी आँखों में देख रहा था. मैंने उसके बाल बिखेर दिए.
वो मुस्कुराया और मेरे दायें गाल को चूम लिया. मुझे अच्छा लगता देख अब उसने मेरे बाएं गाल को भी चूम लिया. मैंने उसे अब फिर बाहों में भर लिया.उसने अब मेरे गाउन के लेस को पूरा खोल दिया. मैंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी. वो मेरे सीने को देखने लगा. मेरी बढ़ती धड़कने मेरे स्तन को ऊपर नीचे कर रही थी. वो मेरे स्तनों को चूमने लगा. अब वो स्तनों को चूमते चूमते मेरे करीब आकर मुझसे चिपक कर लेट गया. मैं भी उसे चूमने लगी. धीरे धीरे हम दोनों जोश में आने लगे. उसने पास के स्टूल से तेल कि शीशी उठा ली और मेरे स्तनों की मालिश करने लगा. उसने उस शीशी का सारा तेल मेरे जिस्म के ऊपर उंडेल दिया और दोनों हाथों से मालिश कर कर के मेरे जिस्म के हर हिस्से को फिसलन वाला बना दिया.अब उसने मेरी पैंटी और खुद की अंडर वेअर खोल दी. अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे. मैंने अब उसे कसकर पकड़ा और उसकी पीठ के नीचे के हिस्से को अपनी जाँघों के बीच में जकड लिया..उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया. उसने फिर अपने लिंग को धीरे धीरे मेरे गुप्तांग और जननांग के सा पास ले जाकर मालिश सी करने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगा. जब उसका लिंग एकदम कड़क ; सीधा और लंबा हो गया तो उसने मेरे जननांग में एक जोर के झटके से घुसा दिया. मेरे मुंह से जोर की एक चीख निकल गई. उसने अपने होंठों से मेरे होंठ सीकर मेरी आवाज को दबा दिया. अब उसका लिंग मेरे जननांग में यहाँ वहां घूमने लगा. मुझे बहुत ही मजा आने लगा था.
उसने करीब आधे घंटे तक अपने लिंग को मेरे जननांग में फंसाए रखा. फिर अचानक उसके लिंग ने मलाईदार पिचकारी मेरे जननांग में मार दी. मेरा जननंग उस मलाई से पूरी तरह से भर गया. मैं अखंड आनंद में पहुँच गई थी. मैं उसके होंठों को जोर से चूम लिया. हम दोनों थक गए थे. उसका मेरे अन्दर ही रह गया और हम दोनों सो गए.
करीब एक घन्टे के बाद हमारी आँख खुली. उसने एक बड़ी मिल्क चोकलेट निकाली और अपने मुंह में दबा ली. उसका दूसरा हिस्सा मेरे मुंह में दे दिया. हम दोनों ही ने वो चोकलेट खाई. हमारा पूरा मुंह उस चोकलेट से भर गया. मिल्क चोकलेट हमारे मुंह में लार के मिल कर घुल गई. अब उसने मेरे होंठों पर चोकलेट का रस छोड़ा और उसे अपनी जीभ से वापस चाट लिया. मैंने भी ऐसा ही किया. धीरे धीरे चोकलेट हम दोनों के मुंह से निकलकर हमारे मुंह के ऊपर फ़ैल गया.अब हम अपनी जीभ और होंठों से उस चोकलेट को वापस अपने मुंह में लेने लगे. इससे उत्तेजना और बढ़ गई. उसका लिंग एक बार फिर कड़क लंबा और सीधा हो गया उसने फिर से लिंग को मेरे गीले हुए जननांग में चारों तरफ घुमाना शुरू किया. चोकलेट का असर हमें और भी जोश दिला रहा था. उसका मीठापन हमें मदहोश किये जा रहा था. मैंने उसे अपने लिंग को मेरे जननांग में से थोड़ी थोड़ी देर से बाहर निकालकर फिर अन्दर डालने के लिए कहा. उसने ऐसा ही किया. इससे इस बार उसका लिंग करीब पौन घंटे तक मेरे अन्दर बाहर होता रहा. मैंने अपने मुंह से चोकलेट की मलाई उसके होंठों पर छोड़ छोड़कर चूसती रही और उसे नशे में रखती रही. आखिर में उसका लिंग दूसरी बार जवाब दे गया और उसके लिंग से एक बार फिर गाढ़ी मलाई निकली और र्मेरे जननांग के अन्दर हर जगह फ़ैल गई. एक बार फिर मैंने उसके होंठों पर अपने मुंह का चोकलेट निकाला और वापस अपनी जीभ से अपने मुंह में ले लिया. उसने भी वापस अपनी जीभ मेरे मुंह में डाली और चोकलेट अपने मुंह में ले गया. हम दोनों आपस में ऐसे ही लिपटकर सोते रहे. उसका लिंग अभी तक मेरे जननांग के अन्दर था. हम दोनों को फिर एक बार नींद आ गई.
काफी देर बाद मेरी आँख खुल गई. नींद में होने के कारण उसका लिंग अब छोटा हो गया था. मैंने उसे फिर से चूमना शुरू किया. अब तक बची हुई चोकलेट को फिर से उसके मुंह में दे दी. उसे फिर से उत्तेजना हुई और वो इस बार और भी ज्यादा जोर से मेरे जननांग में अपने लिंग को अन्दर बाहर करने लगा. लेकिन इस बार वो ज्यादा देर तक नहीं कर सका और उसके लिंग ने तीसरी बार मेरे जननांग में पिचकारी छोड़ दी. हम दोनों ने एक दूसरे को कसकर पकड़ लिया. हम दोनों के मुंह आपस में सिल गए.कुछ ही देर में एक बार फिर हमें नींद आ गई. उसका लिंग भी मेरे जननांग के अन्दर हम दोनों के साथ सो गया.
इस बार जब मेरी आँख खुली तो वो अब तक सो रहा था. मैंने घडी देखी. शाम के सात बजे थे. मैंने उसे फिर चोकलेट के घोल के साथ चूमा. वो उठ तो गया लेकिन मेरे उपर लेटने की ताकत उसमे नहीं थी. मैंने धीरे से खुद को उस के ऊपर लिटा लिया.हम दोनों ने एक दूजे को फिर बहुत चूमा. अब मैं उस पर बैठ गई. मैंने खुद को अपनी टांगों के बल पर थोडा ऊपर किया.उसका लिंग मेरे जननांग से थोड़ा सा बाहर निकला. मैं वापस बैठ गई. लिंग फिर से जननांग में चला गया. उसे बहुत मजा आने लगा. मैंने अब लगातार धीरे धीरे ऐसा ही उठना बैठना जारी रखा. उत्तेजना इतनी जल्दी आ गई कि केवल पांच मिनट में ही उसके लिंग ने चौथी बार मेरे जननांग को पिचकारी मार हर तरह से फिर भर दिया. मेरे ऊपर होने के कारण थोड़ी सी मलाई मेरे जननांग से बाहर आ गई. इससे थोड़ी चिकनाई और बढ़ गई इस बार हम दोनों ने बची चोकलेट से एक दूजे के गाल; होंठ और जीभ को चूम कर ख़त्म कर दिया. अब हम दोनों ही पस्त हो गए थे. मैंने धीरे से खुद को तिरछा किया लेकिन उसने लिंग को बाहर नहीं आने दिया. हम करवट बदलकर आमने सामने थे. एक दूजे के होंठों को सी दिया. रात के आठ बज गए थे. हम उसी अवस्था में फिर सो गए.
इस बार सोये तो सवेरे सात बजे ही उसकी आँख खुली. उसके हिलते ही मैं भी उठ गई. उसका लिंग अभी तक मेरे जननांग में ही सोया था. इसका मतलब यह हुआ कि लगातार दोपहर के दो बज से सवेरे सात बजे तक उसने लिंग को मेरे जननांग में ही डाल कर रखा. अब उठना ही पडा. उसने लिंग को बाहर निकाला. मैंने उसके लिंग को चूमा और हम बाथरूम में आ गए. दांतों को पेस्ट करने के बाद जब हमारे मुंह ताजे हो गए तो हमने बाथरूम में एक बार फिर चूमना शुरू कर दिया. मैंने फवारे को पूरे तेजी से चला दिया. उसने मुझे पानी की बौछार में लिटा दिया और खुद मेरे ऊपर लेट गया. उसने एक बार फिर मेरे जननांग में अपना लिंग भेज दिया. मैं तो जैसे धन्य हो गई थी कल दोपहर से ही. पानी की तेज बोछार में सेक्स का अपना ही आनंद आया. दस मिनट के बाद बरसते पानी में हम दोनों के होंठ आपस में मिले. जिस्म तडपे और उसने पांचवी बार पिचकारी मेरे जननांग में मारी.
स्नान के बाद हम ने कपडे नहीं पहने. हम नंगे ही नाश्ता तैयार करने लगे. मैंने उसे घर जाने से रोक लिया. उसे खूब नाश्ता कराया. ताकत हम दोनों में ही नहीं थी. हम फिर से आपस में लिपटे और सो गए. दोपहर में बारह बजे मेरी आँख खुली. उसका लिंग मेरे जननांग को धीरे धीरे भेद रहा था. वो मुझे चूम रहा था. हम ने धीरे धीरे फिर से सेक्स किया. एक घंटे तक धीरे धीरे रुकते रुकते सेक्स के बाद मेरा जननांग उसके लिंग की पिचकारी से छठवीं बार भर गया.
हम फिर से सो गए. दोपहर को हमने नग्नावस्था में ही खाना बनाया और खाया.
दोपहर को करीब तीन बजे मैंने उसे फिर अपनी बाहों में लिया. बहुत जल्दी उसका लिंग मेरे जननांग में घुस गया. अब तो मेरे जननांग का सारा रास्ता उसके लिंग को पहचानने लगा था. पूरे आधे घंटे के अन्दर बाहर के बाद उसने सातवीं बार मेरे जननांग की प्यास एक जोर की पिचकारी मारकर बुझा दी. मैं फिर से जवान हो गई थी.
अब वो मेरे साथ मेरे घर में ही रहता है. उस दिन को तीन माह बीत चुके हैं. हर दूसरे दिन मेरा जननांग उसके लिंग को अपने अन्दर फंसा लेता है. उसका लिंग जोर की पिचकारी छोड़ता है और मैं उसके लिंग को अपने अन्दर ही दबाये रात भर सोती रहती हूँ.
आप भी एक बार ऐसे ही लिंग को अन्दर रख सोकर देखिये जबरदस्त आनंद आएगा. आप बार बार करना चाहोगे. चोकलेट को इसी तरह से खाकर देखिये सेक्स करने की ताकत पांच गुना बढ़ जाती है.
रात हो चली है. मेरा जननांग तड़प रहा है. वो अपने लिंग को कड़क किये सामने ही लेटा हुआ है. मैं उसके पास जा रही हूँ. आज लिंग और जननांग को आपस में फिर से मिलना है. आप भी चोकलेट मुंह में लीजिये; फ्रेंच किस से उसे खाइए; उसे भी खाने दीजिये और लिंग की पिचकारी को अपने जननांग में छुडवाकर मजे से सारी रात लिंग को अपने जननांग में दबाकर दोनों के होंठों को आपस में मिलाकर सो जाइए. आप असीम आनंद में पहुंचेंगे. उस वक्त मुझे याद जरुर करना.
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08-20-2017, 10:47 AM,
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मूसल लंड से लडकी को चोदा|


मेरा नाम अजय है और मेरी उम्र 28 साल| मेरे पड़ोसी आंटी की 19 साल की बेटी निशा को शायद लंड खाने का चस्का लग गया था| वो इतनी कम उम्र में मोटे – मोटे भारी
चुचीयोँ की मालकिन बन गयी थी| वो मुझे उम्र में कुछ छोटी ज़रूर थी पर मेरे मूसल लंड को काम अग्नि से मुक्त कराने के लिये यकिनन उसकी चूत जरुर सही होगी यही सोच
कर मैँ उसे पटाने की सोचा| हम लोगोँ का घर आजू बाजू मेँ था और आसानी से बिना किसी को पता लगे हम आ जा सक्ते थे एक दूसरे के घर मेँ | अब जब भी निशा मेरे
कमरे में आया करती तो मैं काफी देर उससे बात करता और वो भी मुझसे खूब हंस – हंस कर बातेँ करती थी| मैंने उसे अपने चुदाई के जाल में फ़साने के लिए कोई भी तरीका
अपनाने की ठान लिया था| एक दिन जैसे ही निशा कमरे में आई तो मैंने हलके से दरवाज़े को बन्द कर दिया और उसके करीब बैठ कर उससे बात करने लगा| उस दिन घर मेँ कोई नहीँ था| मैं धीरे अपनी उँगलियों उसकी जांघ पर रख फिराने लगा, पर उसने कोई विरोध ना किया | मैं अब निशा से बातें करता हुआ उसकी जाँघों को सहलाता हुए उसे देखे जा रहा था और वो भी शांत हो कर सब कुछ देख सुन रही थी| मैँने फिर उसकी चूची को मसलना शुरु किया और वो भी खुद ही मजे से मेरे लंड को पकड कर हिलाने लगी|

घर के सभी लोग दोपहर के वक्त सो रहे थे और यहाँ हम दोनोँ भी एक दूसरे मेँ खो रहे थे| जल्दी ही मैंने उसके पूरे कपड़े उतार कर उसे एकदम नंगा कर दिया और वो भी कपडे
को निकलवाने मेँ मेरा साथ देने लगी| उसकी मस्तानी रसीली चिकनी चूत तो ऐसे थी जैसे पहाडियोँ से बहता हुआ कोई झरना| मैंने कुछ देर बाद उसकी चूत पर हाथ से दबाव डाला और उसकी टांगों को फैलाया और फिर अपने लंड से उसकी रसीली चूत पर घिसने लगा और फिर लंड को घुसा दियाउसके अन्दर| मेरे चुदाई के झटकोँ से अब निशा तडपने लगी| मैं बस लंड से ज़ोर दार धमाकेदार चुदाई के धक्के देता चला गया | मैंने आज उसकी चूत पर कोई रहम ना करने की कसम खाई थी|

इसलिये मैंने अब कुछ और ना सोच कर जी जान से उसे बस ऐसे ही चोदना ज़ारी रखा| निशा भी आहेँ भर कर सिसिया रही थी और मुझे और भी गर्म कर रही थी| निशा को गर्म
होते देख मेरे लंड मेँ और कडापन आ गया जिसे निशा ने भी फील किया फिर तो निशा भी अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी और वो भी मेरे लंड को चूत मेँ निगलने की कोशिश
कर रही थी| मैं काफी देर उसकी चूत को चोदा और आखिर में मेरा पानी भी निकल गया| उस दिन के बाद से जब भी मुझे कोई मौका मिलता मैँ निशा को पटक कर अपने मूसल
लंड से बिना किसी डर के चोद देता और निशा भी बडे शौक से मेरे लंड से चुदवाने मेँ आगे रहने लगी|
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08-20-2017, 10:47 AM,
#44
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औरत के साथ सम्भोग का मज़ा 

मैँ अनिल हूँ, एक 35 साल का शादीशुदा आदमी| मेरी बीवी को चोदते हुए मुझे 10 साल हो गये हैँ| मेरी बस एक ही कमजोरी है, शादीशुदा इंडियन औरत के साथ सम्भोग| मुझे रास्ते पर चलती हुई या गई मुहल्ले मेँ कोई भी शादीशुदा औरत दिख जाती है तो मेरा लंड फनफना कर खडा हो जाता है| ऐसा ही कुछ उस दिन हुआ जब मैँ अपने घर मेँ सोया हुआ था और बाहर से मैँने देखा कि एक औरत जिसकी उम्र करीब 30 साल की होगी, साडी मेँ सज धज कर कहीँ जा रही है|

मुझसे रहा नहीँ गया और मैँ उसके पीछे हो लिया| दोपहर का समय था, और सडक पर ज़्यादा लोग भी नहीँ थे| थोडी दूर जाने के बाद मैँने देखा कि वो औरत एक घर के बाहर रुक गयी और उसके आते ही दरवाजा खुल गया| वो यहाँ वहाँ देखकर अन्दर चली गयी| वो घर हमारे मोहल्ले के बनिये का था| मेरा दिल धडकने लगा क्योंकि बनिया एक बुड्ढा था जिसकी बीवी बच्चे उससे अलग रहते थे| मैँ घर के पास गया और खिडकी से अन्दर चुपके से झांक कर देखने लगा| अन्दर का सीन देखकर मेरा लंड फनफना कर खडा हो गया|

अन्दर वो औरत बुड्ढे के सामने ज़मीन पर बैठी थी, और बुड्ढा कुर्सी पर| औरत उसके लंड को पैंट से निकाल कर आईसक्रीम की तरह चूस रही थे| और वो आदमी सिसिया रहा था साथ मेँ औरत का मुँह अपने लंड पर ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था| मुझसे रह नहीँ गया और मैँने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगा| थोडी देर मेँ मैँने देखा कि वो आदमी उठा और उस औरत की साडी निकालने लगा| फिर दोनोँ ही पूरे नंगे हो गये| क्या माल थी वो औरत| एकदम पटाखा, गोरी गोरी, 36 28 36 का फिगर| वाह, मैँ तो जन्नत मेँ जैसे पहुंच गया था| फिर बनिये ने उस औरत को घुमाया और घोडी बनने को कहा| औरत झुकी और बनिये ने उसकी चूत को फैला कर उसमेँ अपना लंड डाल दिया और फिर धीरे धीरे धक्का मारने लगा| थोडी देर मेँ वो औरत सिसियाने लगी और बनिये ने भी अपने चोदने की स्पीड बढा दी|
यहाँ मैँने भी अपने लंड को कस कस के हिलाना शुरु कर दिया लेकिन मेरे लंड ने तो जैसे आज पिचकारी ना छोडने की कसम खाई थी| अचानक वो औरत मुडी और आदमी को नीचे लिटा कर खुद उसके ऊपर बैठ गयी| वाह उसकी गोरी गोरी मोटी गांड को वो उस बुड्ढे के लंड के ऊपर हिरन की तरह कुदा रही थी| बुड्ढा भी नीचे से उसे चोदे जा रहा था| वो औरत पागल रांड की तरह उस बुड्ढे पर कूदे जा रही थी और मुझे डर था कि कहीँ वो बुड्ढा इस चुदासी औरत की गांड और चूत के बीच मेँ पिस ना जाये| लेकिन वो बुड्धा भी बडा ताकतवर निकला| उसने फिर उस औरत को पटक दिया और अगा वहीँ उसे चोदने| दोनोँ इतनी ताकत से चुदाई करने लगे जैसे कुश्ती लड रहे होँ| थोडी देर मेँ ही बुड्ढा झडने लगा और मैँने देखा कि वो औरत उठी और बुड्ढे को लिटाकर उसके झडते हुए लंड को मुँह मेँ भर कर उसका ज्यूस पीने लगी|

सच मेँ ऐसी कामुक औरत मैँने आज तक नहीँ देखी थी| मैँने भी कसम खा लिया कि मैँ इस कामुक इंडियन औरत के साथ सम्भोग कैसे भी कर ही रहूंगा|

जैसे ही वो बनिया पूरी तरह से झड गया, वो औरत उठी और उसके मुरझाये लंड को फिर से खडा करने की कोशिश करने लगी| लेकिन वो बुड्ढा हांफते हुए उसे धकेल कर पलंग पर लेट गया| वो औरत गुस्से मेँ उसे देखकर कुर्सी पर बैठ गयी और फिर अपनी ऊंगली चूत मेँ डाल कर आगे पीछे करने लगी| यह देखकर तो मैँ मानो पागल हो गया| मुझे लगा अब मुझे हिम्मत जुटाना ही होगा| बस फिर क्या था मैँने अन्दर हाथ डाल कर दरवाजे की कुंडी खोल दिया और अन्दर आ गया चुपके से| अन्दर वो औरत आंख बन्द करके चूत घिस रही थे और बुड्ढा सो गया था| मैँने दरवाजा बन्द किया और अपने सारे पकडे निकाल कर लंड को उस औरत के मुँह के पास छुआ दिया| वो चौंक कर आंख खोली और मुझे मुस्कुराते हुए देखी तो उसके होश उड गये| उसने कुछ कहना चाहा लेकिन मैँने उसे इशारे से मना कर दिया| अचानक उसकी नज़र मेरे लंड पर गयी और वो बस मेरे 9’’ लम्बे और 3 इंच मोटे लन्ड को निहारने मेँ यह भी भूल गयी कि मैँ एक अजनबी हूँ और मेरे हाथ उसकी चूचियोँ से खेल रहे हैँ| उसने मेरे लंड को पकडा और अपने मुँह मेँ ले कर चूसने लगी| मेरे तो जैसे तोते उड गये| उसकी जीभ के स्पर्श से मेरे लंड मेँ रह रह कर करंट लगने लगे| मैँने उसके मुँह मेँ धीरे धीरे धक्के मारने शुरु कर दिये| वो मेरा मोटा ताजा लंड अपने मुँह मेँ अन्दर तक बडी आसानी से निगलने लगी| मैँ हैरान हो गया| अचानक मुझे लगा कि मैँ झडने वाला हूँ|

मैँने उसके मुँह से लंड बाहर निकाला और मेरा लंड झटके मारने लगा| फिर मैँने उसे उठने को कहा और खुद मैँ कुर्सी पर बैठ गया| अब उसने मेरे मुँह मेँ अपनी चूची दे दी और खुद मेरे लंड पर धीरे धीरे कर के अपनी चूत को उतारने लगी| मेरा लंड धीरे धीरे उसकी चूत की गहराई मापने लगा| मुझे लगा जैसे मैँ दूसरी दुनिया मेँ पहुंच गया हूँ| वो औरत अपने होठोँ को मेरे होठो पर रख कर चूसने लगी| बडी ही चुदासी औरत थी वो| तभी मुझे लगा कि वो अपनी स्पीड बढा रही है| मैँने भी धक्के लगाने शुरु कर दिये और उसकी कमर को ज़ोर से पकड लिया| लगा उसे चोदने| पूरे कमरे मेँ चुदाई का माहौल छा गया था| वो बुड्ढा खर्राटे ले कर सो गया था| उसे नहीँ पता चला कि कब मैँ आया और उसके घर मेँ ही चुदाई कर रहा हूँ|

अचानक थोडी देर मेँ वो औरत झडने लगी और उसने कस कर मुझे भींच लिया| लेकिन मेरा लंड अभी भी खडा था| वो उठी और कपडे पहनने लगी| मैँने उसे अपना लंड दिखाया जो कि अभी भी खडा था| उसने कुछ सोचा और मुझे कपडे पहनकर उसके पीछे आने का इशारा किया| मैँ समझ गया कि इस चुदासी इंडियन औरत के साथ सम्भोग अब दूसरी जगह इत्मिनान से करना होगा| मैँ उसके पीछे चल दिया और हम दोनोँ उस घर से निकल कर सडक पर आ गये|

घर के बाहर आने के बाद हम लोग एक रिक्शे मेँ बैठ कर जाने लगे| उस औरत ने बताया कि उसका नाम रीटा है और वो इस बनिये की रखैल है लेकिन यह बनिया उसे ठीक से चोद नहीँ पाता है| चुदाई के बदले वो इसे पैसे देता है| लेकिन उसे तो अब चुदाई का चस्का लग चुका है और इसे तगडा लंड चाहिये बिलकुल मेरे लंड की तरह जो इसकी चुत की चुदाई दिन रात कर सके बिना थके हुए|

थोडी देर मेँ हम उस औरत के घर पर पहुंच गये| वहाँ पर आकर हम दरवाजा बन्द करके अन्दर बेडरूम मेँ आ गये| मैँने उसे नंगा करना शुरु कर दिया और उसने भी मुझे नंगा कर दिया| फिर वो मुझे लिटा कर मुझ पर अपनी गांड रगडने लगी| उसके मोटे कुल्हे मेरे लंड को छू कर कुतुब मिनार बना रहे थे| मैने उसे चूमना चाहा लेकिन वो हटी और अपनी गांड को मेरे मुँह पर रख दी| मैँने उसकी चूत को मुँह मेँ घर लिया और लगा चूसने| ऐसा लगा जैसे मैँ चीज़ पिज़्ज़ा चख रहा हूँ| क्या मुलायम पिघली हुई चूत थी उसकी| वाह आज भी सोच कर लंड बेचैन हो जाता है| साली माल थी एक दम| मैँने आव ना देखा ताव उसे पटक कर उसके ऊपर चढ गया और उसके होठोँ को चूसने लगा| लेकिन जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत को छुआ वो मुझे काटने लगी| मैँने उसकी चूत पर लंड को रगड कर अन्दर पेलना शुरु कर दिया| वो टांग उठा कर मेरे पूरे लंड को अन्दर लेने लगी| मेरा लौडा उसकी बच्चेदानी को छूने लगा| एक बार तो लगा जैसे वो अन्दर ही अटक जायेगा| थोडी देर मेँ वो कमर उठाने लगी और मुझे लगा जैसे मैँ नहीँ वो मुझे चोद रही हो| मुझे लगा अब मुझे इसे अपने लंड की असली ताकत दिखाना ही होगा| मैँने उसकी गांड को नीचे से पकड कर ज़ोरदार धक्के लगाने शुरु कर दिये| वो आह आह आह करके चिल्लाने लगी और मैँने उसकी चीख को अपनी जीत समझते हुए उसे और तेजी से चोदने लगा| वो कभी मुझे काटती तो कभी मुझे चूमती, नोचती| लेकिन उसकी हर अदा मुझे और उत्तेजित करती जा रही थी|

अचानक से वो चिल्लाने लगी जैसे मैँ उसे ज़बरदस्ती चोद रहा हूँ| उसके मुँह से आवाज़ निकल रही थी “ आह राजा आह चोद डाल आज मुझे, मत छोड किसी लायक मेरे राजा…” मुझे लगा अब तो यह मेरी रांड बन ही गयी समझो और मैँने उसे बेहिसाब चोदना जारी रखा| थोडी ही देर मेँ वो झडने लगी और एक लम्बी चीख उसके गले से निकली और जैसे ही वो झडी मैँ भी उसकी चूत मेँ झडने लगा| ऐसा अनुभव हुआ जैसे उसकी चूत मेरे लंड को चूस कर सारा पानी पी जाएगी| उस इंडियन औरत के साथ सम्भोग करके जैसे मैँ स्वर्ग की यात्रा कर के लौटा हूँ ऐसा मुझे फील होने लगा| उस दिन के बाद से हम जब मौका मिलता चुदाई करते और अपनी प्यास बुझाते और एक दूसरे मेँ समा जाते|
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08-20-2017, 10:47 AM,
#45
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गर्म आंटी को अपने घर मेँ चोदा |

मेरा नाम अभय यादव है| आज मैँ आपको बरसात मेँ चूत मारने की कहानी सुनाने जा रहा हूँ| जिसे पढ कर आप लोगोँ का भी लंड टनटना जाएगा| एक दिन बारीश की वजह से मैँ घर कीओर औफीस से देर से निकला| फिर जब मैं औफीस से अपने घर की ओर तेज बारिश में लौट रहा था तो मैंने एक 40 साल की औरत को इंडियन गर्म आंटी को बारिश
मेँ अकले सडक पर खडा हुआ पाया| वो सडक पर अकेले थी और बस का इंतज़ार कर रही थी| मैँने उसे कहा कि रात अकली है और बस की हडताल है चलिये मैं घर तक छोड़ देता
हूँ| कुछ देर तक वो सोचती रही फिर मुस्कुरा कर दरवाजा खोली और अन्दर आ गई मेरे साथ चलने के लिये| उसके घर पर पहुंच कर उसे याद आया कि चाभी तो वो अपने पति
को दे आयी थी और उसका पति चाभी अपने साथ ले कर दुसरे शहर ले गया है| मैंने उसे एक रात के लिए अपने घर चलने को कहा| फिर जब मैं उसको अपने घर लेकर गया और
उनके गीले कपडे बदलने के लिये मैंने उसे अपना लुंगी और कुर्ता दे दिया| फिर वो मेरे सामने ही अपने कपड़ों को बदलने लगी| मेरी कामुक नज़र को वो ताड गई और मुझे और
भी ज़्यादा बदन दिखाने लगी और आहेँ भरते हुए बाल सुखाने लगी और मेरे लंड को खडा करने लगी|

मैं पगला गया और तुरंत आंटी के ऊपर चढ गया| उसके बाद तो मैंने उनकी गोल मटोल चुचीयोँ को दबाते हुए निप्पल्स को मुँह मेँ ले कर चूसने लगा| मैंने साथ ही आंटी के लिप्स को भी खूब ज़ोर ज़ोर से चूसा और कुछ देर बाद अपनी हथेली को उसकी चूत पर रगड़ते हुए अपनी उँगलियों को चूत में अन्दर बाहर करने लगा| आंटी ने भी कामवासना मेँ बहते हुए मुझे बिस्तर पर लिटाया और फिर मेरे लंड को मसलकर खूब अच्छे से अपने मुंह में भरकर चूसने लगी| मैंने तभी सोचा मुँह मेँ झडने से पहले उसकी चूत का दिल खोल कर मज़ा ले लिया और फिर मैँने अपने लंड को उसकी गीली चूत पर सटाते हुए ज़ोरदार झटकों के साथ उसकी चुत में घुसा दिया| आंटी भी अब अपनी गांड को उठाकर मेरे लंड को पूरी तरह अपनी चुत में भर लेना चाहती थी और मैंने उसकी चूत की इच्छा पूरी करने के लिये ज़ोरदार झटके देने लगा और फिर मैँ झड गया|

आखिर में मेरे लंड के झड़ने के बाद आंटी मेरे लंड को अपने मुंह में लौलीपोप के तरह भरकर चूसने लगी| उस दिन की सुबह तक मैं आंटी की चूत के साथ ऐसे ही खिलवाड़
करते हुए उसे जी जान लगा कर अपने मोटे लंड से पेलता रहा और फिर अगले दिन दोपहर को आंटी अपने सूखे हुए कपड़ों को पहन कर मेरे घर से चली गयी| मुझे ऐसा लग
रहा था जैसे ऊपर वाले ने मेरे लिए आसमान से एक चूत टपकाई हो| उसके बाद जब भी मौका मिला मैँने उस इंडियन गर्म आंटी को दिल लगा कर चोदा और उसकी चूत और मेरे
लंड की प्यास बुझाई|
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08-20-2017, 10:47 AM,
#46
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एक साथ २ चूत चोदी

मैं आप सभी को अपनी चूत चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जसमें मैंने एक लड़की की नहीं बल्कि दो लड़की की चूत को मारा और मैं अपने आप को सातवें आसमान पर पाया | दोस्तों मेरी दूसरे वर्षीय कॉलेज की कक्षा में लड़के बहुत की कम थे इसीलिए मेरी लड़कियों से ज्यादा ही बात होने लगी | उनमें से मेरी कुछ खास ही दोस्त बन गयी जिनका दीपाली और सिवानी था और वो दिखने में तो किसी भी लंड को पागल कर सकती थी | वो दोनों अक्सर आपस में सेक्स – सम्बन्धी बातें ही किया करती थी और अब तो उन्हें इन सभी विषय में बातें करने के लिए मैं जो मिल गया था इसीलिए वो अब कहाँ थमने वाली थी | दोस्तों मैंने उनसे अब लड़कियों की गुप्त अंगों की सभी कामसीन बातों के बारे में पता कर लिया था | उन्होंने ने बताया की उन्हें बहुत अच्छा लगता था जब उनके चूचकों पर उंगलियां फिराए जिसपर मैं खुली आँखों से सपने देखने लगा था |

मैं पगला गया था और उस दिन में शौचालय में अपने लंड पर थूक लगाकर ज़ोरदार हस्तमैथुन किया और तभी जाकर मेरे लंड को आराम मिला | मैं जब वापस आया तो दोनों को मुझे अपने सामने ही चोदने का मन कर रहा था और उनके तन को निहारे जा रहा था | उसके बार हमारे कॉलेज में खेलने का समय हो गया | सभी बच्चे नीचे मैदान में खेलने को चले गए पर मैंने उन दोनों अपने साथ कक्षा में ही रुक जाने को कह जिसपर वो राज़ी हो चली | मैं अब उनसे लड़कों के लंड के बार में बात करने लगा जिसपर उनकी दिलचस्पी को देखकर मैं उन दोनों के हाथों को संवारना भी शुरू कर दिया उन दोनों में बेताबी – सी छा गयी | तभी मैं दोनों को से लिपट गयी और मैं बारी – बारी दोनों के चुचों को भींचने लगा | दीपाली और शिवानी दोनों उनके पिलपिले चुचों को मेरे मुंह से चुसे जाने पर मस्त वाली सिस्कारियां भर रही थी और मुझे और ही तगड़ा कर रही थी |

अब मैंने उन दोनों को कुतिया बनाया और उसकी गांड को मस्त में खुद कुत्ता बनकर चाटने लगा साथ पीछे से दूसरी बहन मेरी गांड को मस्त में चाटने लगी | मैं उन दोनों टेबल पर लिटाकर वहीँ लिटाकर और उनकी स्कर्ट को उप्पर कर नंगी चूत में ऊँगली करते हुए चूत का स्वाद चखने लगा | दोनों की चूत जब ऊँगलीबाज़ी के दौरान चिकनी हो चली तो मैंने दीपाली की टांगों पूरा खोल डाला और लंड के सुपाडे को उसकी चूत धन्साते हुए बस चोदना शुरू कर दिया | मैं अब उसके होंठ को चूसता हुआ नीचे से ज़ोरदार तरीके से उसकी चूत में झटके दे रहा था | शिवानी भी वासना में डूबी हुई थी और बाजू में बैठकर अपने चुचों को मसल रही थी | शिवानी मेरे लंड कभी – कभी दीपाली की चलती चुदाई में चूसने लगती |

मैंने लगभग १५ मिनट तक दीपाली की चूत को चोदा जिसके बाद मैं झडकर थक हार गया तो मैंने अब कुछ देर शिवानी के दुदों को चूसते हुए उसे भी बिलकुल दीपाली की तरह लिटाया उसकी भी वैसे ही चुदाई करना चालु कर दिया | शिवानी तो कुछ ज्यादा ही मग्न मुध हो चुकी थी और जोर – जोर से अपनी गांड को हिलाते हुए मेरे लंड को ले रही थी और मैं साथ ही मेरे बाजू में कड़ी दीपाली की चूत में ऊँगली कर रहा था जिसके कुछ देर बाद हम तीनों का एक साथ कामरस निकल पड़ा | उस दिन के बाद हम तीनों इसी तरह छुप – छुप के चुदाई के आलम को चलाया करते थे
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08-20-2017, 10:47 AM,
#47
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प्रेमिका की चूत का नशा

मैं नकुल आपको अपनी पुरानी प्रेमिका की चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ | मंजू मेरी कॉलोनी में ही रहा करती थी और उस समय मैं भी उसे पसंद भी खूब करता था | बस बात यह थी की मेरे दोस्त मुझे उसके नाम से चिढाया करते थे जिसपर मुझे धीरे – धीरे मंजू का साथ चुबने लगा था | मुझे उसके साथ रहने में अपने दोस्तों के सामने शर्म आने लगती थी | एक दिन मैंने इसी बात से तंग आकार उसे कहा की वो मुझे बहुत खराब लगती है और मैं उससे बा नहीं प्यार करता और इसीलिए अपना रिश्ता उससे तोडना चाहता हूँ | उसने कुछ ना कहा और चुपचाप मेरी बात मान ली जिसके बाद मैंने उससे दो महीनो से बात ना की और वो तभी एक दिन दूसरे शहर रहने को चल गयी |

आज मैं २० वर्ष का हो चूका हूँ और पिछले ही महीने अपने किसी काम से नए शेहर गया हुआ था और वहीँ दोस्तों के साथ अपना जन्मदिन भी मनाया | मेरी मुलाक़ात मेरे एक पुराने दोस्त से हुई जिसने मुझे अपने आप मंजू के बारे में बताया और कहा की वो बहुत मस्त माल हो गयी है और उसे के कॉलेज में पढ़ती है | मैं बहुत सोचा और अगले दिन अपने दोस्त से मंजू का नंबर मांग उसे फोन घुमाया और पहली बार बात की | मेरी बात सुनकर वो हैरान थी और मुझे पहचान गयी थी | हमने अगले दिन ही मिलने का समय तय किया | मैं भी अब हीरो बनकर उससे मिलने गया | मैंने जब उसे देखा तो दोस्तों देखत ही रह गया अब उसके लंबे बाल और हिरनी जैसी चाल और चिकना बदन कुछ लाजवाब छवि ही दिखा रहा था मुझे |

हमने एक दूसरे को देख जैसे तैसे बात करनी चालू की फिर कुछ हल्का – फुल्का कुछ खाया | हम एक दूसरे के सामने अब धीरे खुलते जा रहे थे तभी मैं उसे एक गार्डन में ले गया | वहाँ अब मेरे अंदर मंजू के लिए रोमांस फुट – फुट कर निकल रहा था | मैंने उसका हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया बातें करने लगे | मेरी दिल ने किसी ना सुनी और मैंने उसे आई लव यु कह ही दिया जिसपर और एक मुस्कान देते हुए उसके गालों को चूम लिया | अब मेरी रोमांटिक बातों से और उभरते पुरालाने पर मंजू भी गरमा चूका था | मैंने मंजू को बाहों में लेते हुए उसकी जांघ को सहलाते हुए उसके होठों को चूसने लग | मुझे उसका बदन इतना पसंद था की मैं उसके नंगे बदन को अपने तले लेना चाहता था और अब उसे अपनी गौड़ में लिटाते हुए उसके टॉप को वहीँ कोने में उतार दिया |

मैं उसके चुचों को बारी – बारी चूसने लगा जिसपर मंजू मदहोश होती चली गयी और मैंने उसकी स्कर्ट को भी उतार नंगी कर दिया | उसकी नंगी चूत मेरी उँगलियों को वहाँ मचलने के लिए मजबूर करने लगी और मैं नीचे से उसकी चूत की फांकों में ऊँगली भी करने लगा | मंजू की चूत पर मैंने अपना थूक लगाया और अपनी उंगलियां तेज़ी से अंदर बहार करने जिसपर वो पगला गयी | मैं जोश में था और आज अपनी सभी अधुरी तम्म्नायों को पूरी करने के लिए भी तैयार था और मैंने वहीँ लंड को निकाल उसकी चूत में अंदर देने लगा | जिसपर पहले तो वो कंपकंपायी फिर उसे धीरे – धीरे मज़ा आने लगा | गार्डन में उसकी चुदाई करते हुई मेरा दिल भी गार्डन – गार्डन हो चूका था और कब मैं स्खलित हो गया वो पल पता ही नहीं चला आखिर मेरी पुरानी प्रेमिका का चूत का नशा ही कुछ ऐसा था |
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08-20-2017, 10:48 AM,
#48
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भाई की दोस्त बनी रखैल

आज मैं आपको अपने भाई की इंडियन अश्लील दोस्त के बारे में कुछ अश्लील कहानी सुनाने जा रहा हूँ | उसका नाम चांदनी था और वो कभी – कभार हल्की फुल्की बातें मुझसे भी कर लिया करती थी | एक दिन वो किसी काम से मेरे घर पर आई मेरे भाई से मिलने के लिए पर मेरे घर मेरे अलावा कोई ना था | ज्यादा ना सोचते हुए वो भी अंदर आकार मुझसे बतियाने लगी | हमने एक दूसरे से काफी देर तक बतियाए और विषय बदलता हुआ धीरे – धेरे कामुकता पर आ गया और उसने एक कामुक किस्सा सुनाया जोकि अकेले लड़का – लड़की पर आधारित था और एक दम से हमारी स्तिथि को याद वो शर्मा उठी | मैं भी मौके पर चौका मारते हुए उसका हाथ पकडे हुए कहा,

मैं – देखो . . कोई और कुछ – कुछ कर सकता है तो हम यूँ नहीं . .

वो शर्मा रही थी पर अब मैंने उसके हाथों को चूमने शुरू कर चूका था | वो गर्म लगी तो मैंने उसके होठों को चूमना फिर चूसना शुरू कर दिया | मैंने उसके होठों को अपने होठो में दबा कर चूसना जारी रखा और अपने हाथों से उसके चुचों को सहलाना शुरू कर दिया था | मैंने अब उसकी कुर्ती को उतार दिया और चुचे को पहले अपने जीभ से लहराते और भीचते हुए चूसने लगा | मैंने कुछ देर बाद उसकी सलवार को उतारते हुए उसकी पैंटी को बड़ी ज़ल्दी उतार डाला | मैं उसे अब अंदर बेड पर लिटाकर होठो को चूसता हुआ थूक लगाकर अपनी ऊँगली उसकी चुत में अंदर बाहर करने लगा |

मैंने चांदनी की चुत पर अपने लंड टिकाते हुए जोर का धक्का मारा मेरा लंड सुपाडे के साथ ही उसकी चुत में अंदर चला जाने लगा और बस उसे हलके – फुल्का दर्द हो रहा था जिससे मैं साझ गया की वो किसी और का भी पहले ले चुकी है | मैंने कई बार अलग – अलग मुद्रा लेटे हुए लंड को हलके – हलके से उसकी चुत को चोदना ज़ारी रखा | मैंने जानबुझ कर अपने लैपटॉप पर कामुक फिल्में में चला दी जिससे मैं और ज़ल्दी उत्तेजित होता हुआ चांदनी की चुत को चोदे जा रहा था | मैं अब उसके चुचों के बल बेड पर लिटाये हुए उसकी चुत के नीचे एक तकिया को लगा दिया और सकी उभार आई गांड में बस लंड को टिकाते हुए मस्त में पेल रहा था |

दोस्तों सच में वहीँ इंडियन अश्लील मुद्रा मेरी मनपसंद रही क्यूंकि लगातार ४० मिनट के चल रहे युद्ध के बाद मैं झड़ने को करीब आ चूका था | मैं झड़ने को हो रहा था पर अब भी चांदनी अपनी कमर हो हिलाते हुए अपनी चुदाई की कामना को मुझसे बखूबी ज़ाहिर कर रही | मेरे बदन में सेक्स के अंतिम चरम सीमा पर होने की लहर दौड़ पड़ी थी | मुझे ऐसा लग रहा था जैसे अब मेरे लंड से मुठ की नदी ही बह निकलेगी | मैं अपने लंड को थामे हलके हलके सुपाडे पर मसल रहा था और अब वो आखिरी सुहाना पल आ ही गया | इससे पहले की मैं अपनी फुव्वार छोड़ता उससे फेले ही उसकी चुत का रस निकल गया और बाद मैं भी झड पड़ा | उस दिन बाद से मैंने अब चांदनी को अपनी और अपने भाई की रखैल बन 
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08-20-2017, 10:48 AM,
#49
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पड़ोसन की चूत का ताज़ा मज़ा

आज मैं आपको अपनी पड़ोसन की सुहानी चूत चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिससे मैंने बड़ी ही जल्द अपनी जाल में फाँस लिया | मैं अपनी बीवी के साथ कुछ महीने पहले ही उसके अपनी पड़ोसन के सामने वाले कमरे में आया हुआ था और तभी मेरी उससे मुलाक़ात भी हुई थी | वो कसा हुआ सूट पहना करती थी जिसमें में से उसके तने हुए पीने चुचे मेरा दिल लुभाया करते थे | मैंने उससे एक दो बार बता भी की थी और उसके तीरछी नज़रों से देखना का अंदाज़ ही बिलकुल अलग था | उसका पति अक्सर ही बीमार रहा करता था जिससे अब सेक्स की कमी तो उसे भी महसूस हो रही थी | एक दिन बात करते हुए मैंने उसका हाथ थामते हुए और मैं चूम लिया | मैं पल में उसके होठों पर भी पहुँच गया और उसे गरम करने लगा |

मैंने उसे अपने बिस्तर पर लिटाया और उसकी साडी को पल्लू को खींच के निकाल दिया | कुछ देर बाद उसने भी मेरे लंड पकड़ते हुए मुंह में भरकर चूसने लगा | हम दोनों उसी के घर में एक दूसरे से लिपटते हुए बिलकुल गरमा चुके थे | कुछ देर बाद मैंने भी उसकी पैंटी निकालते हुए नंगी कर डाला और उसकी चूत को रगड़ते हुए टांगों को उठाया | मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ को टिकाते हुए उसकी चूत को मस्त होकर चाटने लगा | मेरी पड़ोसन मस्त में सिसकियाँ लेती हुई खुद ही अपनी चूत में ऊँगली करने लगी और अपनी चुत के साने को जोर जोर से अपनी उँगलियों से मलसे जा रही थी |

मैं खूब उत्तेजित हो गया था और अब चूत को भरकर चोदने के लिए भी बिलकुल तैयार था | मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिकाते हुए जोर का धक्का मारा और उसकी एक बारी में आह सी ही निकल पड़ी | मेरा लंड अपने सुपाडे के साथ उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया | मेरी पड़ोसन ऐसा लग रहा था की बड़े बड़े लंडों की शौक़ीन है क्यूंकि उसे तो कतई भी दर्द ही नहीं हो रहा था | मेरा जोश अब लाजवाब तरीके से आसमान चढ चूका था | मैं भी उसकी चूत में लंड को ज़ोरदार तरीके से अंदर धेकेलते हुए मज़े ले रहा था जिसपर उसकी भी चुत इतनी चिकनी मस्ताने सी होक हाली की मेरे लंड को अपने अंदर किसी चमच की तरह घुमा रही थी |

वो भी इतनी उत्तेजने में आ चुकी थी की अपनी दो चूत के फांकों के उप्पर से अपनी उँगलियाँ रगड रही थी | मैंने खड़े होकर उसकी दोनों टांगों को पकड़ नीचे उसकी चूत में अपने लंड को धकेलने लगा उसकी मोटी गांड को चोदने का मज़ा ही कुछ और था उसकी मोटी चार पिलपिली चर्बी में मेरे लंड को जन्नत का मज़ा मिल रहा था | वो भी मेरे लंड की उतनी ही प्यासी थी जितना की मैं कभी अपनी बीवी से रखता था | उसकी कामुक सिसकियों ने मुझे सेक्स की वही पहली जवानी याद दिला दी थी और मैं मुठी भरकर उसकीकी चूत को चोदे जा रहा था और एक ही पारी में दो बार झड भी चूका था |
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08-20-2017, 10:48 AM,
#50
RE: Hindi Porn Stories हिन्दी सेक्सी कहानियाँ
रात भर फार्म हाउस में 

आज मैं आपके लंड को खड़ा का देने वाली और चुत गीली कर देने वाली रीता की कामुक कहानी सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों यह लगभग ५ साल पुरानी है जब मैं अपने माँ – बाप के साथ उनके रिश्ते दारों के घर गया हुआ था | वहीँ ही मेरी मुलाकात सबसे पहले रीता से हुई थी जिसे से मैं पहली नज़र में घायल हो गया | जब वो चलती तो मैं पीछे उसके चूतडों को हिलते देख पागल हो जाता | मुझसे सब पता तो चल गया की चुद चुकी है पर दोस्तों मुझे उसकी वो चर्बी वाली गांड मारने का चस्का चढ़ता चला गया | किस्मत ने भी दोस्तों ऐसा साथ दिया की मुझे उसके साथ एक अँधेरी भरी रात बिताने के लिए फार्म हौउस में पनाह मिल गयी |

इनका फार्म होउस काफी बड़ा था और मेरे रीता के अलावा हमारे साथ कुछ बच्चे ही थे जो जल्द ही अपने कमरों में जाकर सो गए थे | मैंने अब वहीँ मौका पाते ही रीता से बात करनी शुर कर दी और जब हमारी बातों का सिलसिला बढ़ा तो बस वो किसी भी हाल में रुकने को नहीं था | मैंने बातों में उससे अपने बहुत करीबी ले आया था और अब आधी रात भी हो चुकी थी साथ ही और अब तक तो बच्चे भी सो ही चुके थे | अब हम दोनों के दिमाक में एक ही बात चल रही थी मैंने उसके कुछ और करीब सरक कर उसके हाथों पर हाथ रखते हुए एक मुस्कान दी और उसकी पागलों की तरह तारीफें करने लगा जिसपर दोस्तों ज़ाहिर तौर पर उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया |

अब कुछ ही देर में मैं अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा वो भी बदले में मेरे होठों को चूसने लगा और मैं धीरे – धीरे उसके टॉप के उप्पर से उसके चुचों को मसलने लगा | वो चुदना ही चाहती थी इसीलिए उसने मुन्मुनाते हुए अपने सारे कपड़ों को उतरने लगी और मैंने झात से आखिर में उसकी पैंटी को भी नीह्क खींच दिया | मेरा सामने नंगी पड़ी रीता की चुचियों को भींचता हुआ मैं अब अपनी उँगलियों से उसकी चिकनी चुत पर रगड़ने लगा जिसपर वो वो तडपती हुई अपने पॉंव पटकने लगी | मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसकी चुत के मुहाने में दे मारा और एक बार में झटके देते हुए लंड को उसकी चुत में निवाला दे दिया | अब अपने झटकों की रफ़्तार को हद्द से आगे बढ़ाते हुए लंड को पूरा उसके पर चढ़कर चुत में ठूंस रहा था |

कुछ देर बाद रीता की चुत का पानी भी बह निकला और मैं इस बार अब कुतिया बनाकर उसकी गांड को चाटने लगा और अगले ही पल मैं उसकी चर्बी वाली में अपने ताने हुए लंड को आगे – पीछे करने लगा | इस बार रीता की चींखें निकल रही थी पर इतने बड़े फार्म हाउसस में उन्हें सुनने वाला कोई ना था | मैं करीब जैसे तैसे उसकी गांड थाप्प्प थाप्प्प करते हुए पूरी रात मारी जिससे वो बिलकुल लाल पड़ गयी थी और आखिर में अपने वीर्य की बरसात को भी उसी के उप्पर छोड़ दिया | हमारी पूरा रात चली क्रिया के बाद मैं अपने कपडे पहन दूसरे कमरे में सोने चला गया और अगले दिन वहाँ से वापस भी आ गया और आज तक उन मनमोहक पलों को याद करता हूँ |
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