Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
09-14-2019, 02:57 PM,
#61
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
मनोज निढाल पड़ा हुआ देख रहा था कि मित्तल कितनी बेहरहमी से उसकी बहन की गाँड़ मार रहा था ।

आएशा-आह...आह... फाड़...दी मेरी....मा.....आह मुझे कककुच्छ....हो रहा है.....

मित्तल समझ गया कि आएशा एक बार फिर झड़ने वाली है उसने आएशा को थोड़ा ऊपर किया और अपना लन्ड उसकी गाँड़ से निकालकर उसकी चूत में एक ही झटके में घुसेड़ दिया और धक्कों की रेल चला दी 5 मिनट की बेहरहम चुदाई के बाद आएशा और मित्तल दोनों ही चीखते-गुर्राते हुए एक साथ झड़ गए ।

इसके बाद आएशा को मित्तल के गुंडों ने उठाकर एक कमरे में बंद कर दिया और मित्तल ने आएशा के बदले मनोज से 2 लाख रुपए माँगे ।और अभी रमा से पैसे लेकर मनोज मित्तल को दो लाख देने जा रहा था । अब जब मनोज मित्तल के आफिस पहुँचा तो मित्तल ने उसे बैठने के लिए कहा ।

मित्तल-आओ मनोज आओ ...

मनोज-यह लो दो लाख और मेरी बहन को छोड़ दो ।

मित्तल-मनोज तुमने गलती तो की है पर तुम मेरी ही तरह एक नंबर के बहन चोद हो इसलिए मुझे लगता है हमारी खूब जमेगी बोलो काम करोगे मेरे साथ ?

मनोज-मेरी बहन ?

मित्तल-उसे मैंने होस्टल भिजवा दिया है उसकी चिंता मत करो ,हाथ मिला लो मुझसे दो लाख तो बचेंगे ही ऊपर से एक लाख हर महीने मैं तुम्हें दूँगा ।

मनोज-तुमने मुझे मेरी बहन की नज़रों में ही गिरा दिया है ,तुम सोच भी कैसे सकते हो कि मैं तुम्हारे लिए काम करूँगा ।

मित्तल-अभी तक नहीं गिरे हो तुम अपनी बहन की नज़रों में ।

मनोज-मतलब?

मित्तल-मतलब यह कि आएशा को मैंने एक ड्रग्स का हेवी डोज़ दे रखा था उसे आज की कोई बात याद नहीं रहेगी । यार अब जब हमने एक साथ चुदाई कर ली है तो शर्म छोड़ो और मेरे लिए काम करो ।

मनोज-क्या करना होगा मुझे ?

मित्तल-मुझे पता है तुम लड़कियाँ पटाने में माहिर हो इसलिए अब जो भी लड़की पटाओ उसे मेरे पास भी लाना होगा । यह लो इस महीने के एक लाख ऐश करो और शाम में मुझे फार्महाउस पे मिलो कुछ बातें करनी है ।

मनोज की मानो अचानक सारी उंगलियां घी में थीं हालांकि उसे बहन के बारे में सोचकर कर बुरा लग रहा था पर उसने अपने दिल को यह कहकर समझा लिया कि वो सब भूल जाएगी वो आएशा के सामने अभी भी बड़े भाई की हैसियत से जा पायेगा । उसने पैसे उठा लिए और किसी बार की तरफ चल पड़ा दारू पीने ।
Reply
09-14-2019, 02:57 PM,
#62
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
दूसरी तरफ राहुल जिसका सिर अब पिंकि की गोद में था पिंकि को अपनी दास्तान सुना रहा था । वो उसे उस अदृश्य आवाज़ ,अपनी ताक़तों , रमा-बबिता-वैदेही-सनी लियोनी और यँहा तक कि तनु की देखकर उसके मन में जो विचार उठते थे उन सब के बारे में बता चुका था । पिंकि उसके बालों को सहलाते हुए उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी ।

सरी तरफ राहुल जिसका सिर अब पिंकि की गोद में था पिंकि को अपनी दास्तान सुना रहा था । वो उसे उस अदृश्य आवाज़ ,अपनी ताक़तों , रमा-बबिता-वैदेही-सनी लियोनी और यँहा तक कि तनु की देखकर उसके मन में जो विचार उठते थे उन सब के बारे में बता चुका था । पिंकि उसके बालों को सहलाते हुए उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रही थी ।

पिंकि-राहुल तू अपनी शक्तियों का गलत यूज़ मत करना कभी और अपने दिमाग पर सेक्स को हावी मत होने दिया कर ।
राहुल-कोशिश करता हूँ मैं पर जब किसी सेक्सी लड़की को देखता हूँ तो कंट्रोल ही नहीं रहता ।
पिंकि-लेकिन मेरे और वैदेही के और यँहा तक कि तनु के साथ भी तो तुम कंट्रोल करते हो न क्या हम तीनों सेक्सी नहीं हैं ? और वैदेही से तुम भागे क्यों ?
राहुल-तुम तीनों के बारे में भी वो आवाज़ मुझे उकसाती रहती है ऐसा लगता है मानो वो चाहती हो कि मैं दिन रात सेक्स ही करता रहूँ ।कई बार तो ऐसा लगता है कि उस आवाज़ ने मुझपर कंट्रोल कर लिया है ।जैसे इस समय मुझे तुम्हारे कपड़ो के अंदर पहने हुए कपड़े नज़र आ रहे है ।
पिंकि(अपनी छाती को अपने हाथों से ढक लेती है)-क्या उन अंदर के कपड़ों में मैं सुंदर दिखती हूँ ?
राहुल-हम्म बहुत सुंदर लगती हो । तुम्हें मेरा देखना अच्छा नहीं लग रहा ?
पिंकि-नहीं बस शर्म आती है ।अच्छा बताओ क्या नज़र आ रहा तुम्हें ?
राहुल-वाइट और गोल्डेन रंग कि स्ट्रिप्स वाली ब्रा और तुम्हारे बूब्स जो उसमें अच्छे से फिट भी नहीं हो रहे ।

पिंकि(शर्म से उसके गाल लाल हो जाते हैं )-तुम्हें अच्छे नहीं लगे ?
राहुल-कितने गोल और बड़े है बिल्कुल खरबूजे जैसे ।
पिंकि-तुमको अच्छे नहीं लगे न ।
राहुल-लगे बहुत अच्छे और सुंदर ।
पिंकि-तो कैसा लग रहा है ।
राहुल-तुम्हारे दुधु देखकर तो भूख लगने लगी है ।
पिंकि-अच्छा जी ,मगर मैं तो खाना लाई ही नहीं। वो राहुल को ज़मीन पे पलट देती है और खुद उसपर चढ़ जाती है ।वो उसके लन्ड के थोड़ा सा ऊपर बैठ जाती है और अपने होंठ राहुल के होंठो पे लगा देती है । उसके नरम होंठ के सख्त और गर्म होंठो में पिघलने से लगते हैं। राहुल पिंकि की शर्ट के अंदर हाथ डाल देता है और उसकि कमर को सहलाते हुए उसके बड़े और नरम स्तंनो को हल्के हाथों से ब्रा समेत ही पकड़ लेता है ।
Reply
09-14-2019, 02:57 PM,
#63
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
पिंकि अचानक किसी हिरनी सी चपलता दिखाते हुए उसकी पकड़ से आज़ाद हो जाती है और उस खुली वादी में हिरनी सी भागने लगती है ।
पिंकि-पकड़ो मुझे हाहाहा ...
राहुल(अचानक से अपनी रफ्तार बढ़ा कर पिंकि के सामने आ जाता है)-अब कँहा भगोगी ।
पिंकि(राहुल के बिल्कुल करीब आकर, उसकी आँखों में देखते हुए )-तो क्या करोगे ?
राहुल(पिंकि को उसकि कमर से पकड़कर अपनी छाती से लगा लेता है)-बता दूँ ?
पिंकि(वो अपने हाथों राहुल के गले में डाल देती है)-हम्म बताओ क्या करोगे ।"सबसे पहले इस प्यारे से माथे की चुम्मी लूँगा" राहुल पिंकि के माथे को चूमते हुए उसकी शर्ट को उसकी पैंट से बाहर निकाल देता है ।"फिर इस गाल की पप्पी लूँगा" वो पिंकि के एक गाल को किस करते हुए उसकी कमीज़ का सबसे निचला बटन खोल देता है ।
पिंकि(उम्म..उसे यह पता नहीं चला था कि राहुल ने उसकी शर्ट का बटन खोल दिया है )-इसके बाद ।
राहुल(पिंकि के दूसरे गाल को चूमते हुए उसकी शर्ट का एक और बटन खोल देता है)-फिर यह ।
पिंकि-अच्छा ...फिर ।
राहुल ( वो पिंकि के होंठों ,गालों और गर्दन को बार-2 चूमते हुए उसकी कमीज़ के सारे बटन खोल देता है ) -फ़िर धीरे से तुम्हारी कमीज़ को उतार दूँगा ।
पिंकि (राहुल एक झटके में उसकी खुली हुई शर्ट उतार देता है, पिंकि शर्म के मारे अपने स्तंनो पर अपने हाथ रख देती है)-गन्दे बच्चे कोई देख लेगा तो? चलो मेरी शर्ट वापिस करो ।
राहुल(पिंकि की शर्ट को हवा में घुमाते हुए)-पहले एक किस्सी करने दो ।
पिंकि-तंग मत करो न , दो न शर्ट इतनी किस्सीयाँ तो कर ली हैं ।
राहुल(राहुल का एक हाथ इस समय पिंकि की पीठ को सहलाते हुए चुपके से पिंकि की ब्रा की डोरी खोल रहा था)-नहीं वँहा करने दो न ।
पिंकि-कँहा ?
राहुल-जो बड़े-2 हैं और बहुत सुंदर हैं ।
पिंकि-तो करलो बालों पे किस ने रोका है ।
राहुल-बाल नहीं ,जो दूध से भरे हुए हैं ।
पिंकि (वो अभी भी अपने स्तंनो पर हाथ रखे हुए थी और उसे यह पता नहीं था कि उसकी ब्रा केवल उसके हाथों ने थाम रखी है क्योंकि राहुल उसकी डोरी तो खोल चुका था )-धत्त, तंग मत करो प्लीज़ मेरी शर्ट दो न ,कोई आ जायेगा ।
राहुल-एक किस की जी तो बात है , प्लीज़ करने दो न ।
पिंकि सोचती है कि कोई उसे इस हालात में देख ले इससे तो अच्छा वो राहुल को किस करने दे । यह सोचकर वो अपने हाथ अपने स्तंनो से हटा लेती है और उसी के साथ उसकी ब्रा भी नीचे गिरती है और राहुल झट से अपना मुँह उसके निप्पल पे लगा देता है और दूसरे मम्में को हल्के-2 दबाते हुए चूसने लगता है ।

पिंकि-प्लीज़ राहुल छोड़ो न ....आह....उम्मह.... हो राहुल प्लीज़ कोई आ जाएगा न ।
पर राहुल उसकी बात को ऐसे अनसुना कर देता है मानों वो बेहरा हो ....और उसके निप्पल को पूरी तल्लीनता से चूसता रहता है ।
पिंकि-पुलिस...पुलिस ...
पुलिस का नाम सुनते ही राहुल चोंककर पिंकि को का निप्पल छोड़ पीछे देखता है और इसी मौक़े का फायदा उठा कर पिंकि जल्दी से राहुल के हाथ से अपनी कमीज और ब्रा लेकर पहनने लगती है । जिंतनी देर राहुल को कुछ समझ में आता पिंकि कपड़े पहन चुकी थी और हँस रही थी ।
राहुल(थोड़ा नाराज़ होते हुए)-अच्छा बुद्धु बनाया तुमने मुझे ।
पिंकि (राहुल को जीभ निकालकर चिढाते हुए)- जैसे को तैसा , कोई देख लेता तो ।
राहुल-हुंह...यँहा कौन आएगा ?
पिंकि-अगर कोई आ जाता तो ?
राहुल-कुछ भी हो तुमने यह ठीक नहीं किया ।
पिंकि-और जो तुमने किया ?
राहुल-मैंने क्या किया ?
पिंकि- तो मेरा बूब कोई भूत चूस रहा था ,पागल कोई आ जाता तो क्या सोचता ।
राहुल-कितना अच्छा लग रहा था , थोडा सा और चूसने दो न ।
पिंकि (राहुल के होंठो पे किस करते हुए)- यह सब घर में और वो भी रात के समय ।
राहुल-तो चलो घर चलते हैं ।
पिंकि-हाहाहा...अभी तो स्कूल टाइम है ...इतना भी उतावला पन ठीक नहीं है ...चलो न किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने चलते हैं ।
राहुल बेचारा कर भी क्या सकता था पिंकि सही थी इसलिए उसे पिंकि की बात माननी ही पड़ी और दोनों पहाड़ से नीचे उतरने लगे ताकि कोई रेस्टोरेंट ढूंढ सकें ।
Reply
09-14-2019, 02:58 PM,
#64
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
पिंकि एक अच्छे औऱ मेंहगे दिखने वाले एक रेस्टोरेंट के सामने रुक जाती है और राहुल को अंदर चलने के लिए कहती है । बेचारे राहुल की जेब में मुश्किल से 100 रुपए थे । वो सोच रहा था कि रेस्टोरेंट में वो बिल कैसे भरेगा ।
पिंकि(राहुल की दुविधा जान गई थी क्योंकि उसे पहले से पता था कि राहुल के पास पैसे नहीं होंगे )-राहुल तुम मुझे प्यार करते हो न ?
राहुल-हम्म बहुत प्यार करता हूँ ।
पिंकि-फिर मेरी एक बात मानोगे ?
राहुल-हम्म तुम जो कहोगी वो करूँगा ।
पिंकि-पहले वादा करो कि तुम न नहीं करोगे ।
राहुल-वादा ,पक्का वादा ,तुम बात तो बताओ ।
पिंकि(पर्स से 2000 का नोट निकालते हुए)- मैं चाहती हूँ के तुम यह पैसे लेलो ।
राहुल-नहीं यह पैसे मैं नहीं ले सकता ।
पिंकि -तो इसका मतलब तुम मुझे अपना नहीं मानते और न प्यार करते हो ,क्या तुम्हारे पैसों पर मेरा हक नहीं होगा ?
राहुल-मेरे तुम्हारे में मेरा तेरा कैसे पर यह तो तुम्हारे मम्मी-पापा ने तुम्हें दिए हैं और उन्होंने यह मेरे लिए तो नहीं दिए न ?
पिंकि-अच्छा तो फिर उधार समझ के लेलो जब तुम्हारे पास होंगे मुझे दे देना ।
राहुल ने पिंकि से पैसे तो ले लिए पर उसने सोच लिया था कि अब कुछ भी करके वो अपने पैसे कमाएगा और अपने पैसों से पिंकि को इससे भी अच्छे होटल में ले जाएगा यह सोचते हुए राहुल पिंकि के साथ होटल में दाखिल होता है ।
Reply
09-14-2019, 02:58 PM,
#65
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
रमा मनोज को पैसे देने के बाद एक भीड़भाड़ वाली मार्केट के पब्लिक बाथरूम में कपडे और अपना रूप बदलकर रवि को फ़ोन करती है ।
रमा-हेल्लो ।
रवि-हेल्लो दिया ,कैसी हो ?
रमा(उसे हैरानी होती है कि रवि ने उसे उसके असली नाम से नहीं बुलाया)-कोई है क्या ?
रवि-हाँ मीटिंग में हूँ तुमसे बाद में काल करता हूँ ।
रवि (फोन काट देता है और रमा को मैसेज करता है)- सॉरी जानू ,मनोज मेरे साथ है इसीलिए कॉल पे बात नहीं कर सकता ।
रमा-वो ही मनोज जो गरिमा और तनु को पढ़ाने आता है ?
रवि -हाँ ,मेरा दोस्त है पर एक नंबर का शातिर खिलाड़ी है इससे बचके ही रहना चाहिए ।
रमा- ठीक है , उसकी मम्मी ठीक हैं अब ?
रवि-रमा क्या लिखती हो तुम भी उसकी माँ को मरे हुए दो साल हो गए ।
रमा-पर आज अभी 2 घंटे पहले तो मुझसे पैसे ले गया यह कहकर की माँ को हार्ट अटैक आया है ।
रवि-चूना लगा गया तुम्हें ,यँहा मुझे पार्टी दे रहा कि नई जॉब लगी है ।
रमा-विश्वास नहीं होता मेरे सामने तो ऐसे रो रहा था मानो सच में इसकी मां बीमार हो । तुम घर(रवि का) कब आओगे मैं आधे घंटे में पहुँच रही हूँ ।
रवि- 1 घंटा तो लग जाएगा । तुमने सब चेंज कर लिया है ना ?
रमा-हाँ हां बाबा हाँ ...तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा डर रहे हो ।
रवि-डर नहीं रहा हूँ , गरिमा का फोन आया था मुझे अभी कह रही थी उसका हॉफ डे था स्कूल में और वो तुमसे मिलने मेरे घर जा रही है ।
रमा-रवि कोई बहाना बना देते न जानु , मुझे उससे बात करते हुए बड़ा डर लगता है ।
रवि-कुछ नहीं कल रात इतनी अच्छी बात तो कि तुमने गरिमा वो तो तुम्हें हमउम्र मान बैठी है और फिर मैं भी तो आ रहा हूँ कुछ देर में ।
रमा-अच्छा ठीक है मैं मैनेज कर लूँगी ,यह बताओ खाने में क्या बनाऊ ?
रवि-कुछ देर के लिए आ रही हो इतने झंझट की ज़रूरत नहीं ,खाना बाहर से मँगवा लेना ।
रमा- मैं राजमाह चावल बना दूँगी , तुम कुछ अंट-शंट लेकर मत आना ।
रवि -कँहा तक पंहुची ?
रमा-5 मिनट में सोसाइटी पहुंच जाऊँगी । घर पहुंचकर बात करती हूँ ।रमा ऑटो रिक्शा के ड्राइवर को शीशे से खुद को घूरते हुए देखकर कुछ असहज हो गयी थी " उफ्फ मैं तो अंदर ब्रा पहनना ही भूल गयी " उसने शीशे में खुद के उभरते निप्पलों को देखकर सोचा सफेद रंग की टॉप में से उसके निप्पल ऐसे उघड़ रहे थे मानों टॉप को फाड़ कर बाहर आ जाएंगे । उसने अपने बैग से अपनी छाती को छुपा लिया । " आगे देखकर चलाओ न ...पीछे क्या देख रहे हो" रमा ने रिक्शे वाले से सख्त लहजे में कहा ।

रिक्शा वाला-मैडम काफी बड़े है आपके ?
रमा-क्या ?
रिक्शा वाला-मैं तो कह रहा था मैडम काफी बड़ा बैग है आपका ।
रमा- अच्छा । तुम अपना काम करो । रमा के लिए यह पहला मौका था जब उससे किसी ने ऐसी बात की थी ।
रिक्शा वाला- लगता है आपका बॉयफ्रेंड काफी दबाता होगा तभी इतने बड़े बड़े हैं ।
रमा(रिक्शे वाले कि बेशर्मी देखकर हैरान थी, सोसायटी का गेट देखकर उसने चैन की सांस ली)- पुलिस को फ़ोन कर देती पर मेरी सोसायटी आ गयी है इसलिए छोड़ रही हूँ तुम्हें । रोको गेट के पास रिक्शा ।
रिक्शा वाला-मैडम हम तो बस मज़ाक कर रहे थे ।
रमा(उसे पैसे देते हुए)-यह लो पैसे और निकलो नहीं तो अभी सिक्युरिटी से पिटवाती हूं । रिक्शा वाला पैसे लेते ही भाग गया । रमा अपनी छाती से बैग चिपकाए भागती हुई रवि के फ्लैट पे पहुँची तो उसकी साँसे इतनी फूल रही थी कि जब गरिमा ने आकर दरवाजा खोला तब भी वो हाँफ रही थी ।
गरिमा-अरे दिया क्या हुआ जो इतना साँस चढ़ा हुआ है तुम्हारा ?
रमा ने अंदर आते हुए गरिमा को सारी बात बताई ।
Reply
09-14-2019, 02:59 PM,
#66
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
गरिमा-अरे इसमें इतना शर्माने वाली क्या बात है वैसे भी आजकल तो महिलाओं ने फ्री द टिट्स मूवमेंट चला रखी है ।
रमा (सोफ़े पर धम से बैठते हुए)- कोई ऐसी बातें करेगा तो डर लगेगा न ।
गरिमा-यह इंडिया यँहा यह आम है ,तुम बुर्के में भी होती तो भी ऐसा ही होता ।लो कॉफी पियो अभी अभी बनाई है , रवि चाचू ने फोन करके बताया कि तुम भी आ रही हो ।
कॉफी लेते हुए रमा का ध्यान अपनी बेटी के कपड़ो की और गया । गरिमा को स्लीवलेस टॉप और निक्कर में देखकर वो सोचने लगी कि यह पक्का आज स्कूल नहीं गई इसीलिए इस ड्रेस में है ।
रमा- आज तुम स्कूल नहीं गई क्या ? यूनिफॉर्म ?

गरिमा(बीच में ही बोल पड़ती है)- गयी थी बाबा पर आज प्रैक्टिकल था इसलिए जल्दी आ गयी ।
रमा-यह पहनकर स्कूल जाती हो ?
गरिमा(रमा के गाल खींचते हुए)- मेरी शक्की चाची अम्मा यह तो मैंने यूनिफॉर्म के नीचे पहन लिया था ताकि जब यँहा आऊं तो चेंज कर लूँ ।
रमा(वो सोचती है कि अगर वो रमा के रूप में होती तो न गरिमा ही इतनी खुलकर बात करती और न ही वो उसपर विश्वास)-वैसे इस ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही हो तुम ।
गरिमा(अपने बूब्स को दबाते हुए एक नॉटी स्माइल देते हुए)- तुम कँही लेस्बो तो नहीं ....हहहह।
रमा-नो वे ।
गरिमा- आई नो इट वेल ,मिस दिया वरना आप रवि की जगह किसी रविना के साथ होती ।
रमा-आओ किचेन में चलकर बातें करते हैं रवि आने वाला है और तुम्हें भी भूख लग रही होगी।
गरिमा-किचेन में कुछ नहीं है कुछ आर्डर कर देती हूँ मैं ।
रमा(गरिमा के हाथ से फोन लेते हुए)-उसकी जरूरत नहीं है राजमाह चावल बना देती हूँ फटाफट (वो जानती थी कि रवि तरह गरिमा को भी राजमाह चावल बहुत पसंद है इसलिए गरिमा को शक न हो जाये वो बात बढ़ाती है) रवि को बहुत पसंद है तुम खा तो लेती हो न ?
गरिमा-खा लेती हूँ ? इट्स माई फेवरेट ।
रमा-चाचा भतीजी की चोइसस काफी मिलती हैं ह्म्म्म क्या बात है ?
गरिमा(शर्माते हुए)- अरे मेरी होने वाली चाची यह तो हर नॉर्थ इंडियन की फेवरेट है ...(कुछ सूंघते हुए )...दिया तुम्हारे बदन की महक बिल्कुल
रमा(जल्दी से)-तुम्हारी माँ जैसी है ।
गरिमा-तुम्हें कैसे पता ?
रमा(राजमाह का डिब्बा निकालते हुए)-रवि ने बताया मुझे .....वो तुम्हारी माँ को .....रमा जानबूझकर बात अधूरी छोड़ देती है ।
गरिमा-पता है वो माँ को पसंद करते थे ।
रमा-तुम्हें बुरा नहीं लगता ?
गरिमा-नहीं मुझे तो अच्छा लगता अगर माँ भी ....
रमा(उफ्फ क्या इसे कुछ पता है जो ऐसी बातें कर रही है वो सोचती है)-और तुम्हारे पापा का क्या होता ?
गरिमा-दिया लम्बी कहानी है ,फिर कभी ।
रमा(वो गरिमा की आँखों में आंसू देखकर समझ जाती है कि हो न हो गरिमा सब जानती है .....पर कैसे ...)-बताओ न दुख तो बांटने से कम होता है और दाल उबलने में तो टाइम लगेगा । बात क्या है बताओ तो ?
गरिमा(रसोई की सेल्फ पे बैठ जाती है)-दिया आजतक यह बात सिर्फ कर्ण को पता है तनु भी नहीं जानती उससे भी नहीं कह पाई पर ऐसा लग रहा है कि तुमसे मुझे यह कह देना चाहिए ।
रमा-हम्म बताओ न ?
गरिमा कहना शुरू करती है-
Reply
09-14-2019, 02:59 PM,
#67
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
गरिमा कहना शुरू करती है-
एक पहले तक दिया न मैं कर्ण से मिली थी और न अपने वजूद के बारे में जानती थी ।लगभग एक साल पहले मुझे नेशनल साइंस प्रोजेक्ट के प्रोग्राम को जीतने पर 15 दिन iit मुम्बई में जाकर साइंस के एक प्रोजेक्ट पर काम करने के चुन लिया गया ।
वहाँ इंडिया के हर कोने से चुने हुए स्टूडेंट आए हुए थे । वहीं पहले दिन मेरी नज़र एक लड़का -लडक़ी पर गयी तो मैंने नोटिस किया कि वो मुझे ही देखकर बातें कर रहे थे । यह दोनों कर्ण और वैदेही उसकी छोटी बहन थे पर मुझे लगा कि दोनों कपल हैं । कर्ण को देखते ही मैं उससे प्यार कर बैठी । कर्ण कि नज़र जैसे ही मुझपर पड़ी और उसे पता चला कि मैं उसे देख रही हूँ वो ऐसे उठकर चला गया मानो की उसने कोई भूत देख लिया हो ।
लड़कियों से पता चला कि कर्ण और वैदेही दोनों भाई बहन हैं और किसी से ज्यादा बात नहीं करते । प्रॉजेक्ट के उन पंद्रह दिनों में मैंने कई बार कर्ण से बात करने की कोशिश की पर हर बार वो मुझे अनदेखा सा कर देता पर कुछ अजीब था माहौल में एक अजीब सा रहस्य था ,टीचर्स कुछ पूछते और मुझे न आता होता तो पता नहीं वो मेरे पास कँहा से आ जाता और कान में जवाब फुसफुसा देता ,मैं कभी फिसलती तो वो मुझे थामने के लिए वँहा होता ।एक बार मैं एक अलमारी से एक केमिकल की शीशी उतार रही थी तो अलमारी न जाने कैसे गिर पड़ी पर इससे पहले की वो मुझपर गिरती उसने पीछे खींच लिया और "बेफकूफ अपना ध्यान नहीं रख सकती" कह वो ऐसे दूर चला गया मानों कुछ हुआ ही न हो। कई बार मुझे लगता वैदेही मुझसे कुछ कहना चाहती है पर कर्ण उसे रोक लेता वो मुझे देखता रहता और मैं उसे और इसी में पंद्रह दिन कब निकल गए मुझे पता भी नहीं चला ।हमें सुबह सात बजे चंडीगढ़ के लिए निकलना था और मैं सुबह-2 उठकर अपना सामान पैक कर रही थी कि किसी ने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया ....दरवाजा खोलते ही वैदेही मुझसे लिपट गई और आते ही बिना रुके ऐसे बोलना चालू कर दिया मानो वो कई सालों से जानती हो ।
"भाई सो रहा है इसीलिए आई हूं .....भाई तुम्हें बहुत प्यार करता है ..लेकिन एक वजह है ....कोई लड़की वडकी का मामला नहीं है ....पर कुछ ऐसा जो मैं तुम्हें नहीं बता सकती ....भाई सो रहा है इसीलिए आ पाई हूँ.....पर तुम टेंशन मत लेना हम जल्दी ही मिलेंगे ....कोई भी मुसीबत आएगी डरना मत ....हम होंगे साथ" तभी उसके फ़ोन की घंटी बजी और वो मेरे गाल पर किस करते हुए जैसे आई थी वैसे ही बाहर भाग गई ।
मेरी दुविधा और बढ़ गई कई सवाल मेरे जेहन में तूफान की तरह उठ रहे थे ....लेकिन अब इस बात की तसल्ली थी कि वो मुझे प्यार करता है और अब मुझे उसकी चिंता हो रही थी यह सोचकर कि क्यों वो मुझसे इतना दूर भागता है । उसी रात मैं घर पहुंची तो पता चला कि पापा, तनु और राहुल मेरा भाई एक शादी में गाँव गए हुए है और मां घर पर अकेली है । घर पर एक बाबा जी और उनके चेले ठहरे हुए हैं यह बात मुझे कुछ अजीब लगी क्योंकि बाबा जी इससे पहले कभी घर नहीं आए थे ।बाबा जी को देखकर न जाने क्यों मुझे वैदेही ही बात याद आई ...'मुसीबत आएगी...हम होंगे"
रमा को एक साल पहले लिंगा बाबा का आना याद हो आया उफ्फ क्या इसे तभी सब पता चला ? क्या इसने हमारी बातें सुन ली थीं या वो सब भी देख लिया था ....हाय मेरी बच्ची ।
गरिमा ने अपनी बात जारी रखी-
एक दिन तो सही गुज़र गया पर अगली रात प्यास लगने के कारण मेरी नींद खुल गयी ।मां बाबा जी के पास बैठी हुई थी और बाबा जी माँ कि टाँगे सहलाते हुए कह रहे थे-
"रमा और मत तड़पाओ हम तुम्हारे लिए ही तो आए हैं हमें प्यार कर लेने दो एक बार"
माँ-बाबा जी यह गलत है , कृपया मुझे माफ़ कर दें मैं यह सब नहीं कर पाऊँगी ।
बाबा- रमा हम तुम्हारी दो बेटियों के बाप हैं ...तुम्हारे नपुंसक पति के साथ तुम कैसे रातें काटती होगी हमें पता है ।तुम्हारी सास ने जब तुम्हें आश्रम भेजा था तो मुझे सब बता दिया था । हमने तुम्हें दो-2 बेटियां दी हैं और तुम हमें एक रात नहीं दे सकती ।
Reply
09-14-2019, 02:59 PM,
#68
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
बाबा की बात सुनकर तो मुझे लगा कि जैसे कोई मेरा लगा दबा कर मार डालता वो बेहतर होता यह सब सुनने से पहले जिस इंसान को मैं अपना पिता मानती आई थी वो मेरा पिता था ही नहीं वो नपुंसक था पर फिर भी माँ उसके साथ इतने सालों से रह रही थी सब निभा रही थी जैसे सब ठीक हो ।
मां-बाबा जी वो तो एक यज्ञ का हिस्सा था न ? अब मुझसे यह सब नहीं होगा ।
पर बाबा ने मां की बात को अनसुना करते हुए उसकी साड़ी उतारना शुरू कर दिया था।माँ रोते हुए बोल रही थी "बाबा जी भगवान के लिए ऐसा मत करिए मेरी घर पर ही है कम से कम उसके सामने तो छोड़ दीजिए "
पर उस बाबा ने मां की एक मिन्नत न सुनी और मां की अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया मैं रोती जा रही थी और सब देख रही थी । बाबा माँ का रेप करते रहे वो मिन्नते करती रही पर उस बाबा पर तो जैसे कोई भूत सवार था वो माँ को तब तक रेप करता रहा जबतक की वो बेहोश न हो गयी ।
मां के बेहोश हो जाने के बाद बाबा ने अपने चेलों को बुलाया और नींद का इंजेक्शन लगाने को कहा और फिर वो नंगा मेरे कमरे की और बढ़ने लगा ....मेरा सगा बाप....बाप नहीं राक्षस था ....मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था मैं बस उसे अपना बदन छूने नहीं देना चाहती थी....पहले मैंने सोचा पंखे से लटक कर खुदकुशी कर लूँ ...पर उसका समय नहीं था वो दरवाजे के बिल्कुल पास था ...अचानक मेरी नज़र खुली हुई खिड़की पर गई और मैं उससे बाहर कूद गई और पागलों सी भागने लगी बाबा के कई चेले मेरे पीछे थे और एक सुनसान जगह में उन्होंने मुझे घेर लिया ,एक ने पास आकर मेरी बाजू से मुझे पकड़ लिया मैंने छूटने की कोशिश की पर उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी ।
"आह मेरी बच्ची अपने बाप से कँहा भागकर जाएगी" मुझे बाबा की आवाज़ सुनाई दी वो अपने दो चेलों के साथ आराम से आ रहा था ।
लेकिन रात के उस अँधरे में न जाने कँहा से एक तेज़ रोशनी मुझपर पड़ी और उसके साथ एक बड़ी सी ट्रक नुमा कार हमारी और बढ़ती आ रही थी ....उसके इंजन की आवाज़ किसी जेट जहाज सी उस शांत रात के सन्नाटे को भेद रही थी । वो इतनी तेजी से आ रही थी कि ऐसा लगा मानो हमें कुचल ही देगी इससे पहले मैं कुछ सोच पाती वो कार मेरे बिल्कुल पास थी ....उसके ड्राइवर ने इतने ज़ोर की ब्रेक्स लगाई थीं कि गाड़ी के पिछले पहिये हवा में उछल गए और धड़ाम की आवाज़ से फिर ज़मीन पर आ गिरे ....एक सेकंड से भी कम समय में ड्राइवर बाहर निकला ...इतनी देर में मैं "कर्ण तुम" बोल पाती वो मेरे पास था और उसने उस आदमी के दूसरे हाथ को पकड़ लिया जिसने मुझे पकड़ा हुआ था .....कडक... कडक....हड्डियों के टूटने की आवाज़ हुई और उस आदमी ने मुझे छोड़ दिया ....कडक...कडक....हड्डियों के टूटने की आवाज़ सुनकर मैं डर के मारे जम ही गयी थीं ।
"गरिमा गाड़ी में बैठो" मुझे कर्ण की आवाज़ सुनाई दी पर डर के मारे मैं हिल भी नहीं पा रही थी । बाबा के गुंडे हमें घेरते जा रहे थे ।
" गरिमा गाड़ी में बैठो.." कर्ण की आवाज़ फिर आई ..मैंने हिलने की कोशिश की पर अपना पैर भी उठा नहीं पाई चलना तो दूर की बात थी ।
"वैदेही... वैदेही.." कर्ण ने कहा और वो गाड़ी से लगभग कूदते हुए बाहर आ गई ।
"इसे लेकर जाओ" कर्ण ने वैदेही से कहा ।
"तुम लेकर जाओ... और इन सबसे मैं खेल लूँगी ...काफी दिनों से मौका नहीं मिला है"
"वैदेही इस समय नाटक नहीं मुझे वापिस आने में टाइम लगेगा"
वैदेही(हाथों की उंगलियों को कड़काते हुए)-यह बेचारे तो वैसे ही डर गए हैं ।
कर्ण-इनकी ही चिंता है ...पता है ना पिछली बार क्या किया था तुमने?
वैदेही-डोंट वरी भाई , अभय आ रहा है 5 मिनट में क्या होता है ।
कर्ण(मुझे उठाते हुए, कार की तरफ चल पड़ता है, एक ही पल में हम कार के पास थे ,उसने कार में मुझे बिठा दिया)-कोई पंगा नहीं चाहिए मुझे ।
मैं-वैदेही को अकेले यँहा ,कुछ हो गया तो ।
कर्ण-उसकी चिंता मत करो । उसने कहते कहते गाड़ी को तेजी से घुमा दिया । मुझे पीछे से मर्दों की चीखें और लात घूसों की आवाज़ सुनाई दी ।
मैं-कर्ण वैदेही ठीक होगी न ,उसे कुछ होगा तो नहीं ?
कर्ण-देवी जी आप अपनी चिंता करो ,उसने तो अभी तक उनकी एक एक ह...। वो कहते कहते रुक गया ।
मैं-उनकी एक एक हड्डी तोड़ दी होगी । मैंने उसकी बात पूरी की । तुम्हें कैसे पता चलता है कि मैं मुसीबत में हूँ ?
कर्ण(एक रेस्टोरेंट के सामने गाड़ी रोकते हुए)- वैदेही आगे होने वाली घटनाओं को देख सकती है ।
मैं(ना जाने क्यों उसकी यह बात न मुझे अजीब लगी न ही मुझे डर ही लगा)- मतलब फ्यूचर ,भविष्य ?
कर्ण-हम्म फिर मैं इतनी दूरी बना के रखता था कि तुम मुझे देख न पाओ ,लेकिन अब मैं तुमसे और दूर नहीं रह सकता ।
मैं-तो मत रहो न ,क्यों सताया मुझे इतना ।
कर्ण -यहीं खड़े-2 बातें करोगी या अंदर भी चलोगी ?
मैं(हम एक रेस्टोरेंट में एक कोने के टेबल पे बैठ गए)- तुमने बताया नहीं कि क्यों तुम मुझसे दूर भागती हो ,मैं बुरी हूँ क्या ?
कर्ण(उसने अपना चेहरा मेरे चेहरे के साथ सटा दिया...उसकी काली आँखे अचानक गोल्डन कलर की हो गयी)- इसलिए दूर भागता हूँ क्योंकि मैं इंसान नहीं ....।
मैं(मैंने उसकी आँखों एक अजीब डर देखा जैसे उसे मेरे मना कर देने का डर हो)-मुझे फर्क नहीं पड़ता मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ ।
कर्ण-मैं भी ,ई लव यु गरिमा मुझसे अब कभी दूर मत जाना ।
Reply
09-14-2019, 02:59 PM,
#69
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
मैं(मैंने उसकी आँखों एक अजीब डर देखा जैसे उसे मेरे मना कर देने का डर हो)-मुझे फर्क नहीं पड़ता मैं तुमसे बेहद प्यार करती हूँ ।
कर्ण-मैं भी ,ई लव यु गरिमा मुझसे अब कभी दूर मत जाना ।
मैं कुछ कह पाती इससे मेरी नज़र उसके फोन पर पड़ी । "अभय की कॉल आ रही है" मैंने कर्ण को बताया ।
कर्ण-आने दो कोई बात नहीं ,मेरे भाई की है वो वैदेही के पास पहुंच गया होगा ।

मैं-नहीं उठाओ मुझे वैदेही कि चिंता हो रही है ,और स्पीकर पर लगाना प्लीज़ ।

कर्ण ने फोन उठाया । अभय की नाराजगी भरी आवाज़ सुनाई दी " तुमने इस भूतनी को क्यों अकेला छोड़ दिया "

कर्ण-इसलिए क्योंकि वो गरिमा के साथ जाने को तैयार ही नहीं थी और उससे उसे मनाने का समय नहीं था ,सब ठीक तो है ?

अभय-हाँ कुछ ज्यादा ही ठीक है बाबा के इलावा सबकी टाँगे और बाहें तोड़ दी हैं बस बाबा की नहीं तोड़ी क्योंकि उसकी तो गर्दन ही...'

कर्ण-बस बस ...फोन स्पीकर पे है गरिमा सुन रही है ।

अभय-नमस्ते भाभी जी , मैं सब मज़ाक कर रहा था ।
मैं- जानती हूँ , तुम और वैदेही ठीक तो हो ?

अभय-वो भूतनी तो मेरे आते ही भाग गई किसी भी पल आपके पास पहुँचती होगी ।
मैं-तुम कब मिलोगे ?

अभय-बस यह सब काम निपटाने के बाद , ठीक है भाई रखता हूँ फ़ोन ।

कर्ण इससे पहले की मुझसे कुछ कहता रेस्टोरेंट का दरवाजा धड़ाम से खुला और वैदेही चिल्लाते हुए अंदर दाखिल हुई " किधर हैं लैला मजनूं "
कर्ण(थोड़ा गुस्से से)- वैदेही तुमने फिर ...।

पर इससे पहले की वो कुछ और कहता वैदेही बड़बड़ाते हुए हमारे पास आकर बैठ गई " उस कुत्ते अभय ने शिकायत कर दी ...भाई सच कहती हूँ ...मैंने कोई गड़बड़ नहीं कि ....तुम बस मुझे डांट सकते हो ...इतनी देर से भाभी बैठी है और तुमने आर्डर तक नहीं किया ....अरे भाभी मैं तो कम बोलती हूँ इसिलए यह सब मुझे तंग करते हैं .."
वैदेही की बक बक चलती रही कर्ण ने मेरी तरफ देखा और मैंने उसकी तरफ और हम दोनों ज़ोर से हँस पड़े ।

ठीक इसी समय डोर बेल बजी रमा ने गरिमा को दरवाजा खोलने के लिए भेज दिया और राजमाह को तड़का लगाने के लिए कढ़ाई गैस पे चढ़ा दी । " तो उस दिन यह सब हुआ था ..मैं सुबह उठी तो गरिमा अपने कमरे थी ....और इस बुद्धु ने अपनी माँ को ही कुछ नहीं बताया " ।
गरिमा(किचेन में वापिस आती है)- चाचू हैं फ्रेश होने गए हैं ।

रमा- खाना भी बन गया है तुम बैठो डाइनिंग टेबल पे मैं खाना लगाती हूँ ।
रमा ,गरिमा और रवि ने लंच साथ में किया फिर लगभग ढाई बजे रवि गरिमा को लेकर उसके घर छोड़ने के लिए निकला और उनके जाने के बाद रमा फिर अपने नार्मल रूप में ऑटो से घर के लिए चल पड़ी ।

इधर तनु लगभग 1.30 बजे घर पहुंची और घर पे ताला देखकर उसे बेहद हैरानी हुई क्योंकि रमा कभी इस वक़्त बाहर नहीं जाती थी खैर उसने सोचा कि माँ शायद मार्किट गयी होगी इसलिए उसने इस बात पर ज्यादा दिमाग नहीं खपाया फूलदान में से चाबी निकालकर घर खोला और अपने कमरे में आकर अपनी स्कूल यूनिफॉर्म उतारने लगी । उसने अपनी स्कूल शर्ट खोली और स्पोर्ट्स ब्रा में घुट रहे अपने 36dd आकार के स्तनों को सहलाते हुए बोली" ओले ओले...चुनु-मुन्नू को बड़ी गर्मी लग रही होगी न ...देखो तो कितना पसीना आ रहा है तुमको ?...मम्मी अभी इन्हें इस गन्दी और तंग स्पोर्ट्स ब्रा से आज़ाद करेगी अपने बच्चों को " वो अपने स्तनों से ऐसे बात कर रही थी मानों वो मम्में न होकर उसके बच्चे ही हों ।उसने अपनी स्पोर्ट्स ब्रा उतार फेंकी और पँखा चलाकर उन्हें सहलाने लगी "आया आराम मेरे चुन्नू-मुन्नू को ....पर देखो तो तुम कितने बड़े-2 हो गए हो ...कितनी प्रॉब्लम होती है तुम्हारी मम्मी को तुम्हारे कारण पता है ? " उसने अपने स्तंनो को प्यार से सहलाया और पीठ के बल बिस्तर पर लेट गयी ताकि अच्छे से हवा ले सके कोई घर पर तो था नहीं इसलिए वो जो मर्ज़ी कर सकती थी ।इसी वक्त राहुल घर पहुंचा पिंकि के साथ भागदौड़ करके वो काफी थक चुका था इसलिए उसने एकसाथ चार-पाँच बार डोरबेल बजा दी जो हर माँ कि तरह रमा की आदत थी ।पिंकि को लगा कि माँ आई होगी इसलिए उसने ब्रा पहनने की जहमत न उठाते हुए बस पास पड़ी सफेद टॉप पहन ली और दरवाजा खोंलेने चली गयी जल्दी में उसे इस बात का भी ख्याल न रहा कि पसीने के कारण उसकी टॉप भीग गयी होगी और सब दिख रहा होगा वो इतनी थकी हुई थी उसने सोचा भी नहीं कि नीचे तो उसने बस पैंटी पहनी हुई है ।"क्या मम्मी इस समय कँहा चली गयी थीं" कहते हुए तनु ने दरवाजा खोला तो राहुल को देखकर हैरान रह गयी ,उससे ज्यादा हक्का-बक्का राहुल रह गया उसकी नज़रे तो जैसे तनु की टॉप से दिख रहे भीगे हुए गोल-गोल स्तंनो और बाहर को उभर रहे निप्पलों पे चिप्पक गयी ।

तनु ने राहुल की नज़रों को अपनी छाती पे टीके पाया तो झट से अपनी बाजुओं को ऊपर कर उन्हें छुपाते हुए बोली "बता नहीं सकते थे कि तुम हो ? डफर किन्हीं का "
राहुल जैसे सपनो की दुनिया से वापिस धरती पे आ गया " तुम नहाते हुए नंगी ही आ जाओगी ........" राहुल अभी अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाया था कि तनु को याद आया कि वो तो केवल पैंटी में है वो शर्म से पानी-2 हो गयी और मुड़कर अपने कमरे की और भागी ।
Reply
09-14-2019, 03:00 PM,
#70
RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
तनु के मोटे और मटको जैसे गोल नितम्ब भागते हुए गुबारों से हिल रहे थे ।राहुल अपने कमरे में भी पहुँच गया पर तब भी उसके दिमाग तनु के भीगे मोम्मों और उसके भागते समय हिल रहे नितंबों की तस्वीर किसी फिल्म की तरह बार-2 घूमती रही ।

दूसरी तरफ तनु शर्म से लाल हुई जा रही थी "उफ्फ गधे ने मुझे नंगा देख लिया ....अगर उसने माँ को बता दिया तो? ....और पिंकि को? .....उससे तो कितनी बनती है राहुल की....पिंकि अपनी सब सहेलियों को बता देगी ....और माँ तो सोचेगी की पक्का मैं अकेली कुछ गलत-शलत कर रही थी " तनु अपने बिस्तर पर लेटी हुई मन न जाने क्या क्या सोच रही थी । राहुल का हाल भी कुछ बेहतर नहीं था पहले तो पिंकि ने उसकि हसरतों को जगा कर पानी फेर दिया था अब तनु ने जैसे उसके तन बदन में आग सी लगा दी थी राहुल ने अपने कमरे घुसते ही अपना बस्ता फेंक कपड़े उतार दिए और अपने कच्छे को नीचे करके बिस्तर पर लेट गया और आँखे बंद करके मुठियाने लगा । इधर पिंकि अपने कमरे से यह सोचते हुए बाहर निकली की वो राहुल थोड़ा मखन लगाके उसे किसी और को न बताने के लिए मना लेगी ।

राहुल के कमरे का दरवाजा बंद था ,तनु ने दरवाजे को छुआ तो वो हल्का सा खुल गया पर अन्दर जो नज़ारा था उसकी कल्पना तनु ने सपने भी नहीं कि थी वो सोच भी नहीं सकती थी कि वो कभी राहुल को मुठ मारते हुए देखेगी ।राहुल अपने खम्बे जैसे मोटे और लम्बे लौड़े को आँखे बन्द किये मुठिया रहा था इतना बड़ा लौड़ा देखकर तो तनु की आँखे हैरानी से चौड़ी हो गयी "ओह माँ इतना बड़ा " तनु ने मन में सोचा । तनु अपने कमरे में वापिस आने के लिए मुड़ने ही वाली थी कि उसने सोचा " अच्छा मौका है हिसाब बराबर करने का अगर मैं अभी इसे रँगे हाथों पकड़ लूँ तो यह किसी को मेरी बात बता नहीं पाएगा" ।

तनु ने जानबूझकर ज़ोर से दरवाजा खटखटाया ताकि राहुल को पता चल जाए ।

राहुल(अपना कच्छा ऊपर करते हुए,पर उसका बड़ा लन्ड अभी भी कच्छे से बाहर झांक रहा था )-कौन है ?

तनु(कमरे में दाखिल होते हुए)- मैं हूँ और ......और तुम यह क्या कर रहे थे ।तनु को राहुल कच्छे की इलास्टिक में फसा हुआ लन्ड देखकर हँसी आ रही थी ,राहुल का लन्ड उसकी नाभि तक आ रहा था "कच्छा ऐसे लन्ड को संभालता भी कैसे" तनु ने अपनी हँसी रोकते हुए कहा ।

राहुल(उसे पता नहीं था कि अभी भी उसका लन्ड दिख रहा है)-ममम...मैं कुछ नहीं कर रहा था ।

तनु-तुम अपने नुन्नु से खेल रहे थे न ?

राहुल-ननन.. नहीं तो...

तनु(उसके लिंग की तरफ इशारा करते हुए)-फिर तुम्हारा नुन्नु इतना सूज क्यों गया है ?
राहुल(वो नीचे देखता है और अपने लिंग को हाथों से छुपाते हुए दूसरी तरफ घूम जाता है)-तत्त्त्त तुझे शर्म नहीं आती मुझे नँगा देखते ?

तनु(तनु को राहुल की हालत देखकर बड़ा मजा आ रहा था)- अच्छा जी एक तो तुम गंदी हरकतें करके अपने ल.(वो लन्ड कहने जा रही थी) नुन्नु को सुजा लो और अब मुझे डांट रहे हो ...आने दो माँ को सब बताऊंगी ...वो डॉक्टर से सुई लगवाने ले जाएगी तुम्हें तब पता चलेगा ।

राहुल(राहुल तनु कि बातों में आ चुका था उसे लग रहा था कि तनु गम्भीरता से बोल रही है .....वो सोच रहा कि वो कैसे तनु को बताए कि उसके लन्ड में कोई सूजन नहीं हुई है)- नहीं सूजन नहीं है कुछ देर में सूजन ठीक हो जाएगी ।

तनु(बॉडी कितनी मस्त है इस बुद्धू की ,साले की गाँड़ कितनी मस्कुलर और भारी है)- कैसे ठीक हो जाएगी ?मैंने देखा है बहुत सूज गया था ।

राहुल(अब उसे थोड़ी खीज होने लगी थी )-मैंने कहा न कि ठीक हो जाएगी कुछ देर में , अब जाएगी भी मुझे कपड़े पहनने हैं ।

तनु-गुस्सा क्यों होता है ठीक है नहीं बताऊंगी मम्मी को पर मैं थोड़ी देर में चेक करूँगी की सूजन गयी या नहीं , चल जल्दी से कपड़े पहनकर किचन में आ जाना मैं खाना गर्म कर रही हूँ ।
राहुल-जा भी न अब ।
तनु-जा तो रही हूँ चिल्ला क्यों रहा है । लेकिन चेक करूँगी मैं । वो कहते-2 राहुल के कमरे से निकली और हँसी का गुबार जो उसने रोक रखा था फूट पड़ा "ओह माई गॉड ही इज़ टू क्यूट.......हाहाहा.... क्यूट विद मॉन्स्टर डिक....हाहाहा....नहीं गधा घोड़े के लौड़े वाला ..." वो मन में सोचते हुए पागलों सी हँसती हुई रसोई में घुस गई ।

अपने कमरे में राहुल गुस्से औऱ शर्म से लाल-पीला हो रहा था ...ढीला होजा.... होजा... वो अपने लन्ड को मुठियाते हुए बड़बड़ा रहा था पर लन्ड था कि किसी डण्डे जैसे सख्त था ढीला होने का नाम ही नहीं ले रहा था। " राहुल क्या कर रहा है इतनी देर से जल्दी नीचे आ और घी का डिब्बा उतार के दे मुझे " उसे तनु की आवाज सुनाई दी ।

"कपड़े तो पहन लूँ " राहुल ने अपना लन्ड किसी तरह अपने कच्छे में खोंसते हुए कहा ।"तू फिर से नुन्नु से खेल रहा है ना ? आती हूँ मैं ऊपर" तनु ने जवाब दिया ।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,409,781 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,213 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,195,359 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 903,512 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,603,331 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,037,377 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,879,292 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,815,598 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,940,934 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,525 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)