Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
04-08-2019, 12:28 PM,
#51
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
वो यही सोच रहा था कि, चाची तो उसका लंड उछल-2 कर अपनी चूत में ले लेती है…पर फिर काजल को क्यों दर्द हुआ. ऐसा क्या ग़लत कर दिया उसने. अनेको सवाल उसके मन में घर किए हुए थे….

उस रात तीनो खाना खा कर सो गई……अगले दिन नेहा भी वापिस आ गई. कुछ दिन यूँ ही गुजर गए. पर साहिल और पायल के बीच में कुछ नही हो पा रहा था….पायल भी इससे परेशान थी….और चूत में लगी आग को लेकर परेशान थी….

क्रमशः................................
Reply
04-08-2019, 12:28 PM,
#52
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--16

इस दौरान काजल कुछ दिन गीता के घर रहने के बाद वापिस चली गई… साहिल को भी चूत का चस्का लग गया था….इसीलिए वो भी चूत ना मिलने के कारण परेशान था….पर दोस्तो और स्कूल में टाइम पास होता था… इसीलिए अब वो सेक्स की तरफ कम ध्यान देने लगा था….

एक दिन स्कूल में गीता और सिमरन ग्राउंड में बैठी हुई थी…. सिमरन का चेहरा उतरा हुआ था…..गीता पिछले कुछ दिनो से सब नोटीस कर रही थी. पर सिमरन ने उसे अपनी परेशानी के बारे में कुछ नही बताया था….

गीता: सिमरन तू इतनी परेशान क्यों है ?

सिमरन: कुछ नही यार बस तबीयत ठीक नही है….

गीता: देख सिमरन तू मुझसे कुछ नही छुपाती. फिर ऐसी क्या बात है, जो तू मुझे नही बता सकती…..देख हम दोनो के बीच कभी कोई बात छुपी रही है क्या आज तक…..बता ना क्या बात है ?

सिमरन: यार अब तुझे कैसे बताऊ..मुझे लगता है कि वो साहिल ने मुझे सोनू के साथ सेक्स करते हुए देख लिया है…

गीता: क्या क्या कह रही है तू…उसने कैसे देख लिया…….

फिर सिमरन ने उस दिन वाली सार बात गीता को बता डी. गीता थोड़ी देर चुप रही.फिर सिमरन की तरफ देखते हुए बोली….

गीता: बस इतनी सी बात को लेकर परेशान हो रही है…..तू घबरा मत में साहिल को समझा दूँगी….वो किसी को नही बताएगा….

सिमरन: तू पागल है क्या….तुम कैसे उसके साथ ये बात करोगी….

गीता: तू वो छोड़ ना…….बस फिकर मत कर…..और बाकी सब मुझ पर छोड़ दे…

सिमरन: अच्छा जी मुझे तो दाल में कुछ क़ाला लग रहा है….कहीं उसका लंड तो नही ले लिया अपनी फुद्दि में….जो वो तेरे बात मान लेगा….

गीता: चुप कर गस्ति….क्या बकवास कर रही है…..

सिमरन: अच्छा चल यार अब सब तेरे हाथ में है..कही वो साहिल किसी को बता ना दे…..

गीता: चल अब उदास मत हो…इतने दिन से इतनी सी बात के लिए परेशान घूम रही है….एक बार तो मुझे बता देती….

सिमरन: चल अब तो बता दिया ना….

गीता: अच्छा किया जो बता दिया…..में आज ही साहिल से तेरे बारे में बात कर लूँगी, और समझा भी दूँगी…..

उसकी बाद गीता साहिल के क्लास में गई…..जहाँ पर साहिल बैठा लंच कर रहा था…..वो साहिल के पास जाकर बैठ गई….

गीता: कैसे हो साहिल….

साहिल: ठीक हूँ…

गीता: तुम तो हमे भूल ही गई हो……घर क्यों नही आते आज कल…

साहिल: वो मा कही जाने नही देती….

गीता: तू मुझे सच में भूल गया है….(गीता ने नाराज़ होने का नाटक करते हुए कहा)

साहिल: नही तो वो मा आने ही नही देती….

गीता: अच्छा दो दिन और सबर कर ले, फिर तेरी खबर लेती हूँ….

साहिल: दो दिन ? क्यों क्या हुआ ?

गीता: अर्रे तुम्हे पायल दीदी ने बताया नही क्या….दो दिन बाद मेरे घर वाले और पायल दीदी और जीजा जी सब मेरे मामा के बेटे की शादी के लिए जा रहे है….थोड़े दिन पहले जो मेरे घर वाले गए था ना उनके बेटे के लिए लड़की देखने…

साहिल: हां….

गीता: उसी की शादी है 5 दिन बाद. सब जा रहे है….

साहिल: फिर तुम भी तो जाओगी ना ?

गीता: नही में नही जा रही…

साहिल: क्यों…

गीता: नही मेरा दिल नही है…और वैसे भी फिर में तुम्हारे घर आकर रहूंगी….फिर देखना कैसे जन्नत की सैर करवाती हूँ तुझे….

साहिल अब गीता की बातों का मतलब समझने लगा था….इसीलिए वो गीता की तरफ देख कर मुस्कराने लगा…उसके बाद गीता ने सिमरन वाली बात साहिल से की, और उसे ये बात किसी को भी बताने से मना कर दिया….स्कूल के बाद साहिल अपने घर वापिस आ गया….जब वो घर वापिस फुँचा तो उसने देखा, कि चाची पायल सच में शादी में जाने के तैयारी कर रही थी. वो कुछ नये ड्रेसस लेकर आई थी…..

साहिल फ्रेश हुआ, और खाना खा कर छत पर पतंग उड़ाने आ गया…..इस तरहा दो दिन गुजर गए…..उस दिन सनडे था…..इसीलिए साहिल को किसी ने उठाया नही था….करीब 9 बजे घर में हो रहे शोर के कारण साहिल की नींद टूटी, तो साहिल उठ कर बाहर आया तो देखा. बाहर गीता और उसका परिवार आँगन में तैयार बैठे थे…..पायल भी शादी में जाने के लिए तैयार हो रही थी. और गीता की मा नेहा से बात कर रही थी….साहिल उन दोनो के पास जाकर बैठ गया…..नेहा ने साहिल की तरफ देखा, और प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए बोली, “उठ गया बेटा…रुक थोड़ी देर में चाइ बनाती हूँ….”
Reply
04-08-2019, 12:28 PM,
#53
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
फिर नीलम ने नेहा से कहा…”बेटा सुन गीता का ध्यान रखना….हम तीन चार दिन में आ जाएँगे”

नेहा: जी ये भी कोई कहने वाली बात है….आप बेफिकर होकर शादी में जाए.

उसके बाद सभी लोग शादी के लिए चले गए….पायल के साथ उसका पति रवि भी शादी में गया था….अब घर पर कुलवंत नेहा साहिल और गीता ही थे…..कुलवंत रात से बाहर था इसीलिए वो ये सोच कर स्टोर रूम में जाकर सो गया कि, रूम में गीता और साहिल टीवी देख रहे है…और शोर के बीच उसे नींद नही आएगी…और उसे दोपहर को वापिस भी जाना था….

गीता और रवि दोनो रूम में आकर टीवी देखने लगे….नेहा घर की सफाई में लगी हुई थी…गीता बार-2 साहिल की ओर देखती, और उसे आँखो-2 में इशारे से छेड़ देती….

नेहा ने सॉफ सफाई की, और फिर बाकी के काम निपटा कर रूम में आ गई..जहाँ पर गीता और साहिल टीवी देख रहे थे….नेहा अपने माथे पर आए हुए पसीने को अपने दुपट्टे से सॉफ ही कर रही थी, कि तभी डोर बेल बजी. नेहा खड़ी हुई, और बाहर जाकर गेट खोला, तो उसने देखा कि उसकी पड़ोसन यानी कि सिमरन की मा कमला खड़ी थी….दोनोकी में आपस में बहुत बनती थी….और दोनो एक दूसरे की चूत की आग को शांत किया करती थी…

कमला: नेहा मुझे पता लगा….आज तेरी देवरानी शादी में गई है…

नेहा: अर्रे अंदर तो आ ना….बाहर खड़ी होकर ही सवाल पूछना शुरू कर दिया….

कमला: अर्रे अंदर आने का टाइम नही है..जल्दी से घर आ जा…आज अच्छा मोका है….

नेहा: क्यों तेरे घर पर कोई नही है क्या ?

कमला: नही सिमरन और उसका भाई तो सुबह ही इनके साथ सहर चले गए. शाम को आएँगे….घर पर अकेली हूँ….जल्दी आजा…

नेहा: अच्छा तू चल में अत्ती हूँ…घर पर साहिल और गीता है…उनको बोल कर आती हूँ…..

उसके बाद कमला, अपने घर चली गई….नेहा वापिस रूम में आई, और साहिल और गीता को ये बोल कर चली गई कि, वो पड़ोस के घर कमला के पास जा रही है…थोड़ी देर में आ जाएगी….जाते-2 उसने गीता को अंदर से गेट बंद करने को कहा….गीता बाहर आई, और जैसे ही, नेहा बाहर गई, गीता ने गेट बंद कर दिया….

कुलवंत सिंग घर पर था….इसीलिए गीता कुछ भी करने से डर रही थी.. वो बस ऊपेर से ही साहिल के साथ मस्ती कर रही थी…..दूसरी तरफ नेहा कमला के पास पहुच गई थी…दोनो घर में अकेली थी….बाहर कर गेट लॉक कर कमला उसे अपने रूम में ले गई…..फिर दोनो बेड पर बैठ गई.

कमला: चल जल्दी कर खोल अपनी सलवार….दिखा तेरी फुद्दि दा क्या हाल है.

नेहा: चुप कर कंजरये….थोड़ी देर आराम करने दे. अभी काम ख़तम किया है घर का….

कमला: यार एक बात कहूँ…

नेहा: हां बोल ना क्या बात है..

कमला: यार हम दोनो कब तक इस तरह अपनी चूत की आग को उंगलियों से ठंडा करते रहेंगे…..

नेहा: यार अब क्या कहूँ…ये तो अपना नसीब ही खोटा है…

कमला: यार बस अब और सहन नही होता….में अब ऐसे घुट -2 कर नही जी सकती…में तो अब कुछ ना कुछ करके रहूंगी…

नेहा: आज तू ये कैसी बाते कर रही है…कही कुछ उल्टा सीधा मत कर बैठना…तेरा बस बसाया घर बर्बाद हो जाएगा….

कमला: (मुस्कुराते हुए) नही ऐसा कुछ नही होगा….में अपने लिए और तेरे लिए लंड का इंतज़ाम करने का जुगाड़ सोचा है….अगर तू मेरा साथ दे तो, हम दोनो की फुद्दि को लंड भी मिल जाएगा….और बाहर वाले किसी को खबर तक नही होगी….

नेहा: क्या कैसे किसकी बात कर रही है तू….

कमला: यार अब में तुझे कैसे बताऊ….अच्छा पहले वादा कर कि, जो भी में कहूँगी, उसे तू ध्यान से सुनेगी…और ठंडे दिमाग़ से सोच कर फैंसला करेगी…और मुझसे नाराज़ नही होगी…

नेहा: ऐसी क्या बात है….चल बता…

कमला: धीरज और ठंडे दिमाग़ से सुनना…

नेहा: अच्छा अब बता भी क्या बात है ?

कमला: देख अब मेरा बेटा जवानी की तरफ बढ़ रहा है…

नेहा: (एक दम चोन्कते हुए) क्या ?

कमला: चुप कंजरये ऐसा कुछ ना सोच….पहले ध्यान से सुन तो ले.. अच्छा तो अब मेरा बेटा **** साल को हो चुका है….और साहिल भी… दोनो एक ही क्लास में पढ़ते है…अब उनके लंड को हवा लग गई है…

नेहा: चुप कर हरामज़ादी गस्ति…जो मन में आ रहा है बोले जा रही है.

कमला: मीना कहा था ना ठंडे दिमाग़ से सुनना…पहले पूरी बात सुन लये….परसो में जब छत पर कपड़े सुखाने के लिए डालने गई थी. तो मेरा बेटा मोहित और तेरा साहिल तेरी घर के छत पर बैठे थे… दोनो ने अपने हथियार बाहर निकाल रखे थी…और अपने हथियारो को सहला रहे थे..
Reply
04-08-2019, 12:28 PM,
#54
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
नेहा: क्या ? तू सच बोल रही है…हाए रब्बा ये कैसी गंदी आदतें पड़ गई मेरे साहिल को…ज़रूर तेरे बेटे ने सिखाई होंगी….

कमला: अच्छा जी….और तेरा बेटा तो बहुत सयाना है ना समझ है…अब मेरे बात सुनेगी या अपनी नाक बीच में अटकाती रहेगी….

नेहा: (अपने माथे पर हाथ रखते हुए) कंजरये तुझे नही पता….इस उम्र मे लड़को का मूठ मारना ठीक नही होता…कमजोर हो जाएँगे…

कमला: अर्रे सुनेगी भी या नही…

नेहा: हां भोंक कुत्ति…मुझे पता है तेरी फुद्दि तां उठते ही पानी चढ़ गई होगी….

कमला: हंसते हुए ) अच्छा सुन दोनो मूठ नही मार रहे थे…बस सहला रहे थे…अब इस उम्र में तो बच्चो में जिग्यासा तो होती है ही…अब मेरी बात ध्यान से सुन….अगर चूत में लंड चाहये तो, 11 बजे मेरे खेत में आ जाना….जो उधर दरिया की तरफ है….अगर तूने मेरे हिसाब से काम किया तो जल्द ही तेरी फुददी में मेरे बेटे का लंड होगा….और साहिल का लंड मेरी फुद्दि में….

नेहा: नही जो तू कह रही है वो ठीक नही है….वो दोनो अभी बहुत छोटे है…ये सब ठीक नही है….उनपर क्या असर पड़ेगा…तूने सोचा भी है…

कमला: हां बहुत सोचा है….और सोच समझ कर ही ये बात तुझसे की है. में नही चाहती कि, जो बात उनके दिल में इस कदर जिग्यासा बनाए हुए है, उसके कारण दोनो ग़लत रास्ते पर चले…हम तो उनका ख्याल भी रख लेंगे. और वो भी हमसे सब तरह की बात कर सकें….

नेहा: नही मुझे डर लग रहा है…

कमला: यार हम दोनो उन दोनो को ये कभी नही पता चलाने देंगे कि, मेरे और साहिल के बीच में क्या है….और तुम्हारे और मोहित के बीच में कुछ है….तू बस 11 बजे खेत में आ जाना…

नेहा: पर तूने तो कहा कि, वो मोहित तेरे पति और सिमरन के साथ गया है.

कमला: हां गया है….पर वो सहर से अकेला वापिस आने वाला है..उसके पिता और सिमरन को थोड़ा काम है…वो शाम को लेट आएँगे….अच्छा तू अब घर जा….और फिर अपने पति देव से बहाना बना कर आ कि, तू मेरे साथ बाज़ार चल रही है…..और में यहाँ से सीधा. मोहित को लेकर वहाँ पहुच जाउन्गि….

नेहा: पर मुझे कुछ समझ में नही आ रहा….में वहाँ पर क्या करूँगी…

कमला: अर्रे यार सीधी सी बात है….अनाड़ी है…ज़रा सा अपना हुश्न दिखा देना…और कुछ गरम बताने कर लेना….अगर लाइन पर आया तो पता चल ही जाएगा….

नेहा: यार क्या हुश्न अब इस उम्र में कहाँ हुश्न बचा है…

कमला: हहा हा तू वो सब मुझ पर छोड़ दे….और हां तेरे पास वो जो क्रीम कलर का सूट है ना वो पहन कर आना….फिर देखना तेरा काम कैसे बनता है….

नेहा उसके बाद घर चली आई…जल्दी से नहा कर, क्रीम कलर का सूट पहन लिया…और फिर कुलवंत को ये बता कर घर से निकल आई कि, वो कमला के साथ सहर जा रही है….वो आज पहली बार इस तरहा से घर से झूठ बोल कर बाहर निकली थी….खेतों की तरफ जाते हुए, उसने अपने दुपट्टे से अपने मुँह को ढक रखा था, ताकि कोई उसे पहचान ना पाए….भले ही गरमी के दिन थे…और खेतो में सिर्फ़ काम करने वाले ही लोग ही जाते थे…पर फिर भी वो किसी तरहा का रिस्क नही लेना चाहती थी….

15 मीं चलाने के बाद वो कमला के खेतो में पहुँच गई….जहाँ पर कमला के खेत ख़तम होते थे…वहाँ पर से दरिया शुरू हो जाता था…खेतों और दरिया के बीच बहुत सारी ज़मीन खाली पड़ी रहती थी. जो कि सरकारी थी….उस पर कोई खेती नही कर सकता था….दरिया के पास होने के कारण उस खाली जगह में पानी के कारण बहुत सारे पेड़ और झाड़ियाँ उगी हुई थी…..जो काफ़ी उँची-2 थी….अक्सर वहाँ पर कोई ही आता था…और साँप बिछु तो वहाँ थे ही…..

जब वो कमला के खेतो में पहुचि, तो उसने देखा ट्यूबिवेल चल रहा है…और एक किनारे पर बैठी कमला अपने साथ लाए हुए कपड़े धो रही थी. कमला ने जैसे ही नेहा को देखा, उसने हाथ उँचा कर उसे पास आने का इशारा किया….नेहा उसके पास आ गई….

कमला: (नेहा की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए) देख हां कीड़ा फुद्दि विच आग लगी है (देखो तो कैसे फुददी में आग लगी है)

नेहा: हट गस्ति…मेनू किते बूलिया है….तुझे पता भी कैसे आई हूँ में यहाँ पर….

कमला: हां पता है….फुद्दि में उंगली डाल कर यहाँ तक दौड़ लगाई होगी हा हहा….

नेहा: हरमजड़ाया…मेनू इते बुला लिया…और तेरा बेटा कहाँ है….

कमला: हाए देखया….किनी आग लग है फुद्दि में….

नेहा: अब तू बकवास ना कर बता क्या करना है…

कमला: अच्छा बैठ मेरे साथ और ये कपड़े धो…

नेहा: साली गस्ति…मुझे यहाँ कपड़े धोने बुलाया है….?

कमला: यार तू ना ऐसे नाराज़ ना हो…जो में कह रही हूँ कर..इसमे भी एक राज़ छुपा है….

नेहा: कपड़े धोने में कैसा राज़ ?

कमला: देख मेरी तरफ देख…..ये देख मेरे कपड़े गीले हो गए ना ये कपड़े धोते-2….अब तू भी अपने कपड़े गीले कर ले….फिर जब ये तेरे तरबूज दिखेंगे ना तेरी कमीज़ में से, तो देखना मेरा बेटा कैसे लंड हाथ में लेकर तेरे आगे पीछे घूमता है….

नेहा: साली गस्ति ज़रा भी शरम नही आती तुझे…

कमला: चल बेहन के लौडि….इतने सालो से मेरी उंगलियो को अपनी फुददी में ले रही है….और मेरी फुद्दि में देती रही है….फिर शरम का ढोंग क्यों. सुन सॉफ-2 सुन ले, अगर लंड चाहिए ना फुद्दि में तो ये शरम हया को छोड़ दे….

नेहा: अच्छा अब चुप कर….

कमला: अच्छा ये बता नीचे ब्रा कच्ची तो नही पहनी ना ?

नेहा: पहनी है क्यों ?

कमला: तू जा फिर ट्यूबिवेल रूम में जाकर उतार कर फिर से सूट पहन ले. उसको कुछ दिखेगा नही तो वो तेरी तरफ खिचे गा कैसे….जा जल्दी जा..

नेहा: हाए नही में नही जाना…मुझे शरम अत्ती है…

कमला: मेने कहा ना…शरम वरम छोड़ दे सब…नही तो फिर से मेरी उंगलियों से ही काम चलाना पड़ेगा..जा अब जल्दी जा भी….वो आतता ही होगा…तेरा नया ख़सम….
Reply
04-08-2019, 12:28 PM,
#55
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
उसके बाद दोनो हँसने लगती है…..फिर नेहा उठ कर ट्यूबिवेल वाले रूम में जाकर अपने कपड़े उतार कर अपनी ब्रा और पेंटी उतार देती है….फिर एक बार वो अपने जिस्म को ऊपेर से नीचे तक देख कर खुद ही शर्मा जाती है. उसका रेशमी मखमली बदन किसी को भी अपना दीवाना बना सकता था.. ये बात नेहा को भी पता थी….पर आज तक उसने अपनी मर्यादा की इज़्ज़त को पार नही किया था…पर अब जब से कुलवंत सिंग ने भैंसो का कारबोार शुरू क्या था…तब से वो नेहा को बहुत कम टाइम दे पाता था….

उसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और बाहर आ गई…जैसे ही वो बाहर आई तो, उसने देखा कि मोहित कमला का बेटा वहाँ कपड़ो की गठरी लेकर खड़ा था….उसने एक बार नेहा को देखा और नमस्ते आंटी कह कर नीचे कपड़े रख दिए….फिर अपनी मा से बोला…”मा अब में जाऊ”

कमला: नही अभी कही नही जाना…इधर बैठ कर हमारी मदद कर देख नही रहा कितने कपड़े है….इसीलिए तेरी आंटी को भी साथ मे ले आई हूँ, कि जल्दी काम ख़तम हो जाए…हम तुझे कपड़े धो कर देते है…तू उन्हे सुखाने के लिए डालता रहना…

मोहित: ठीक है मा जल्दी कर लो….

उसके बाद कमला ने नेहा की तरफ देखा, जो ऐसे शर्मा रही थी….जैसे सच में उसके सामने उसका होने वाला पति खड़ा हो….फिर नेहा कमला के साथ नीचे बैठ गई….और कपढ़े धोने लगी….ट्यूबिवेल के पाइप से पानी निकल कर ज़ोर से ज़मीन पर गिर रहा था..जिससे पानी के छींटे उनके ऊपेर पड़ रहे थे…और पानी बनाई हुई कुण्डी में से होकर खेतो में जा रहा था..दोनो औरतें पानी की टंकी में पैर डाल कर उकड़ू बैठी थी….मोहित उनके ठीक सामने एक पत्थर पर बैठ गया…

पहले तो वो इधर उधर देखता रहा….पर जैसे ही उसकी नज़र नेहा पर पड़ी…जो पैरो के बल उकड़ू बैठी, कपड़ो पर ब्रश से रगड़ रही थी… तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया…इस तरह ब्रश रगड़ने के कारण वो थोड़ा झुकी हुई थी…और उसके 38 साइज़ के मम्मे, कमीज़ के गले पर वजन डाले बाहर आने को उतावले हो रहे थे….कमला ने कपड़े धोते हुए, मोहित की तरफ देखा, तो उसके होंठो पर मुस्कान फेल गई…

कमला ने जो पहला तीर चलाया था अंधेरे में, वो सही निशाने पर लगा था…ये देख कमला मन ही मन खुस हो रही थी….मोहित उन दोनो के सामने कुछ4-5 फुट के दूरी पर बैठा था…और अभी भी उसकी नज़रे नेहा के मम्मो पर गढ़ी हुई थी….कमला ने कपड़ो पर साबुन लगाते हुए अपने फेस को नीचे किया, ताकि सामने बैठा मोहित ये देख ना सके कि वो कुछ बोल रही है….फिर धीरे से फुसफुसाती हुई बोली….

कमला: ले तेरा ख़सम तो तेरे हुश्न पर लट्टु हो गया…देख कैसे तेरे मम्मो को घूर रहा है…

ये सुन कर नेहा का मन जोरो-2 से धड़कने लगा कि, साहिल की उम्र का लड़का उसके मम्मो को देख रहा है…उसे ये सब करते हुए अजीब सा मज़ा भी आ रहा था….और अजीब से बेचैनी भी हो रही थी…जैसे ही उसने अपने सर को उठा कर मोहित की तरफ देखना चाहा…कमला ने उसे एक दम से रोक दिया….

कमला: नही ऐसे मत देखना उसकी तरफ….चोरी से देख…नही तो उसे शक हो जाएगा, और एक दम से वो डर भी जाएगा….

कमला ने ये बात भी बहुत धीमे स्वर में सर झुका कर कही थी…फिर थोड़ी देर बाद नेहा ने तिरछी नज़रो से सर को झुकाए हुए ही मोहित की तरफ देखा…जो अभी भी उसके मम्मो को ही देख रहा था. ये देख कर नेहा के बदन में अजीब सी खुमारी छाने लगी…..और साथ में वो डर भी रही थी….

उधर कमला ने कुछ कपड़ो को धो कर मोहित को आवाज़ लगाई, और उसे कपड़े देते हुए कहा..जा ये उधर झाड़ियों पर डाल दे सूखने के लिए. मोहित ने कमला के हाथ से कपड़े लिए….और उन्हे झाड़ियों पर डालने के लिए चला गया…

क्रमशः...................................
Reply
04-08-2019, 12:29 PM,
#56
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--17

जैसे ही मोहित झाड़ियों के तरफ गया, तो कमला ने नेहा के मम्मे को दबाते हुए कहा…”ये ले, देखा तेरा काम अब बनने वाला है…पर याद रखना….मेरे बेटे का लंड फुद्दि में लेकर मुझे भूल मत जाना…और साहिल की भी मेरे साथ ऐसी सेट्टिंग करवानी है तुझे….”

नेहा: हां पता है मुझे….पर पहले मेरा काम….

कमला: अच्छा बड़ी जल्दी है फुद्दि में लंड लेने की,

और फिर दोनो हसने लगी…..कमला ने देखा, कि मोहित कपड़ो को झाड़ियों पर डाल कर वापिस आने वाला है….”अच्छा सुन इस बार, जब वो तेरे मम्मो को देख रहा होगा, तो एक बार उसकी तरफ देखना….और हां ध्यान रहे…चेहरे पर एक कातिल मुस्कान होनी चाहिए उस समय…..ताकि वो डर ना जाए…अगर तू नही मुस्कुराइ ना तो काम बिगड़ सकता है…”

नेहा: नही कमला ये मुझसे नही होगा…

कमला: अब लंड के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा…अगर तूने उसे अपना सीरीयस फेस दिखा दिया तो शायद वो डर जाए…और बात बनाते-2 बिगड़ जाए. अगर तू उसकी तरफ देख कर मुस्कुराया, तो उसका हॉंसला बढ़ जाएगा…. और आगे का काम आसान हो जाएगा….

कमला: देख वो आ रहा है…..जैसे मेने कहा वैसे ही कर…

नेहा: ह्म्म बहुत छल्लू है तू…..इसका मतलब अभी तक ऐसे कितने लंड फुद्दि में लिए होंगे तूने…

कमला: कहा यार, अगर ऐसा होता तो तेरी ये उंगलियाँ क्यों घुस्वाति अपनी भोसड़ी में….अच्छा अब चुप कर आ गया है वो….

मोहित वापिस आ कर फिर से वही बैठ गया…..नेहा ने भी वैसे ही कपड़े धोने जारी रखे…अब तक ट्यूबिवेल के पाइप से निकल रहे पानी जो नीचे ज़मीन पर गिर रहा था और छींटे काफ़ी दूर -2 तक जा रहे थे.. उसने उन दोनो के कपड़े गीले हो चुके थे…कपड़ो के गीले होने का उन दोनो को कोई डर नही था….क्योंकि अभी सिर्फ़ 11:30 ही हुए थे…..और इतनी तेज धूप में अगर गीले कपड़ो में भी घर जाते, तो घर जाते-2 कपड़े सुख जाते….इसीलिए उन दोनो को इसकी परवाह नही थी…..

अब नेहा की कमीज़ उसके मम्मे से गीली होकर एक दम चिपक गई थी. बल्कि यूँ कहे कि पूरे बदन से चिपक गई थी….क्रीम कलर होने के कारण उसका जिस्म उसमे सॉफ झलक रहा था…और उसके 38 साइज़ के बड़े-2 मम्मे उसे सॉफ दिखाई दे रहे थे….अमित भी उसके मम्मो को घूर रहा था….अब तो नेहा का ऊपेरी बदन उसे सॉफ नज़र आने लगा था… यहाँ तक कि, उसकी नाभि भी सॉफ नज़र आ रही थी….

नेहा भी यी बात जानती थी…इसीलिए शरम के मारे उसके गाल लाल होकर दहकने लगे थे…वो अपने आप को आगे की तरफ झुकाए हुए कपड़ो को ब्रश से रगड़ रही थी….उधर मोहित का लंड उसकी पेंट को फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था….कमला ने भी सर झुकाए हुए उसकी तरफ देख कर मंद-2 मुस्करा रही थी….और अपने बेटे के पेंट में बने हुए उभार को देख कर मन ही मन खुस हो रही थी…..उसने धीरे-2 से फुसफुसाते हुए कहा….आए देख उसकी तरफ पर ध्यान रहे अपने होंठो पर ऐसी कातिल मुस्कान लाना, कि वो अभी के अभी झाड़ जाए….

थोड़ी देर रुकने के बाद नेहा ने अचानक ही अपने सर को उठाया, और मोहित की तरफ देखा, जो अभी भी उसके मम्मो को ही घूर रहा था…जैसे ही मोहित ने देखा कि, नेहा उसकी तरफ देख रही, वो एक दम से घबरा गया. और अपने सर को झुका लिया…उस बेचारी को तो मुस्कराने का मोका भी नही मिला….पर अब के कमान नेहा ने खुद संभाली, और थोड़ा हॉंसला दिखाती हुई उसकी तरफ ही देख कर कपड़ो बुरष से रगड़ने लगी….
Reply
04-08-2019, 12:29 PM,
#57
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
थोड़ी देर अमित ने हालत का जायज़ा लेने के लिए सर उठाया तो उसकी नज़रे नेहा से जा टकराई, और जैसे दोनो की नज़रे मिली, नेहा ने होंठो पर दिलकश कातिल मुस्कान लाते हुए उसकी तरफ देखा, और फिर अपने नीचे के होंठ को किनारे से नीचे अपने दांतो के नीचे दबाते हुए मुसकुराइ…ये सब देख कर मोहित का लंड फिर लोहे के रोड की तरह अकड़ गया…

मोहित मन में सोचने लगा कि, इसका मतलब आंटी मुझसे गुस्सा नही है. पर फिर भी वो थोड़ा घबरा रहा था…अब ***4 साल का लड़का इस एज में घबराए गा नही तो और क्या करेगा…पर फिर नेहा की वो कातिल मुस्कान उसके दिल को छेड़ गई थी….नेहा ने फिर से झुक कर कपड़े धोने शुरू कर दिए….इस बार तो वो कुछ ज़यादा ही, अपने मम्मो को दिखा रही थी. और बीच-2 में मोहित की ओर देखती, और फिर अपने निचले होंठ को दांतो में दबा कर मुस्कुरा देती…..

जैसे वो उसे उकसा रही हो…..फिर कमला ने जब देखा कि सब उसके सोचे अनुसार हो रहा है, तो उसने अपनी अगली चाल चलने की सोची…पर इस बार भी अगली चाल चलाने से पहले उसने मोहित को आवाज़ लगा कर कुछ और कपड़े दिए….और जाओ ये झाड़ियों पर डाल आओ…साथ के साथ सुख भी जाएँगे…जैसे ही मोहित कपड़े लेकर झाड़ियों की तरफ गया….कमला ने उसके दोनो मम्मो को पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया…

कमला: वाह री गस्ति….कमाल कर दिया तेरे मम्मो ने…ले मुंडा तेरा दीवाना हो गया…हुन अपने यार दा लंड फुद्दि विच लेने के लिए तैयार हो जा.

नेहा: चुप कर धीरे बोल अगर उसने सुन लिया तो….

कमला: अच्छा सच-2 बता कैसा लग रहा था तुझे….सच बताना…

नेहा: सच बताऊ…?

कमला: हां बता ना…

नेहा: बहुत मज़ा आ रहा था यार की दस्सा…मेरी फुद्दि में तो अभी से खरास होने लगी है…

कमला: सबर कर, सबर का फल मीठा होता है…अच्छा सुन अब जब में उसे अगली बार भेजूँगी कपड़े डालने के लिए, तो उससे पहले में तुझे अपनी कोहनी मार दूँगी इशारे के लिए, और उससे पहले ही उठ कर झाड़ियों के पीछे चली जाना…मूतने के बहाने….और वहाँ जब वो आए तो, उससे अपनी गान्ड और फुद्दि दिखा देना बहाने से…हो सके तो अपनी फुद्दि से निकलती मूत की धार भी दिखा देना…

अगर तूने ऐसा कर दिया तो,समझ लेना के तेरा काम 90 % बन गया…और बाकी का 10% तो हम दोनो बना ही लेंगे…हां अगर ये करते हुए तुम दोनो एक दूसरे को देखो तो, शरमाना नही…बस फिर से वही कातिल मुस्कान देना उसे,….फिर तो समझ अपना काम हो गया बस…वैसे तेरी मुस्कान है सच में कातिलाना….

नेहा: अर्रे कहाँ….ये तो सब तुमसे सीखा है….हा हहा..

कमला: और हां जब यहाँ तुम मूतने जाओगी, तो जान बुझ कर बोल कर जाना कि, मूतने जा रही हूँ, और हो सके तो, बोलते-2 उसके सामने अपनी फुद्दि को सलवार के ऊपेर से खुजा देना…

नेहा: यार अब क्या -2 करवाए गी मुझसे…

कमला उसकी तरफ़ देख कर मुसकुराइ. और फिर चुप हो गई….

नेहा: पर यार मुझे तो पेशाब नही आ रहा तो उसके सामने मूतुगी कैसे ?

कमला: वो तो अगर तुम बोलो, तो में अभी तेरी फुद्दि से निकाल देती हूँ….(और फिर कमला खिलखिला कर हँसने लगी)

नेहा: चुप कर साली, जलदी बता क्या करूँ….

कमला: अच्छा रुक…

फिर कमला ने अपने बेटे की तरफ नज़र डाली, जो दूर झाड़ियों पर कपड़े सूखने के लिए डाल रहा था…अभी उसके हाथ में बहुत से कपड़े थे.. कमला ने टाइम का अंदाज़ा लगाया कि उसे वापिस आने में कितना टाइम लगेगा. फिर नेहा को धीरे से कहा…चल मेरे साथ…..और वो उठ कर खड़ी हो गई….

और उसे ट्यूबिवेल के रूम के दीवार के पीछे ले गई….”चल जल्दी कर खोल अपनी सलवार का नाडा”

नेहा: पर क्यों…

कमला: टाइम नही अभी बात करने का…जलदी कर……

नेहा ने जल्दी से अपनी सलवार का नाडा खोला और कमला ने झुक कर उसकी सलवार जाँघो तक नीचे सरका दिया…और फिर उसकी कमीज़ के पल्ले को पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए कहा..”इसे पकड़” जैसे ही कमीज़ का पल्ला ऊपेर हुआ, नेहा की गुलाबी चूत उसकी आँखो के सामने आ गई….कमला जल्दी से नीचे बैठ गई….और अपनी दो उंगलयों को एक साथ उसकी चूत में घुसेड दिया. नेहा की चूत तो कब से पानी छोड़ रही थी…..जिस की वजह से कमला की उंगलियाँ फिसलती हुई अंदर चली गई…

नेहा: आहह गस्ति जान केड लयी. आह आहह धीरी अहह उंह…..

कमला ने बिना कुछ बोले तेज़ी से अपनी उंगलियो को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….और उंगलियो को अंदर बाहर करते हुए, उसकी चूत के दाने को मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया….नेहा एक दम से सिसक उठी,,,उसने अपने दूसरे साथ से कमला के सर को अपनी चूत पर दबाते हुए खड़े-2 ही अपनी कमर को उसके चेहरे की ओर झटके देने शुरू कर दिए.

नेहा: आह उंह अह्ह्ह्ह कमला वो आ ना जाए अहह..ओह्ह्ह मर गई हाए ओईई आह….
Reply
04-08-2019, 12:29 PM,
#58
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
कमला ने करीब दो मिनिट तक उसकी चूत में उंगलयों को पेला और उसकी चूत के दाने को चूस कर फूला दिया…फिर कमला जल्दी से खड़ी हुई, और बोली, सलवार बाँध कर जल्दी आ जा…और फिर वो जाकर वही बैठ गई..थोड़ी देर बाद नेहा भी वहाँ आकर बैठ गई….

जैसे ही नेहा आकर वहाँ बैठी, कमला ने आँख नचाते हुए उससे पूछा, कुछ काम बना क्या….?

नेहा: क्या में समझी नही…?

कमला: अर्रे तेरी फुद्दि में मूत का प्रेशर बना क्या …?

नेहा: हां थोड़ा -2 (नेहा ऐसे शर्मा रही थी..जैसे वो कोई कुँवारी लड़की हो…और फिर वो दोनो बैठ कर कपड़े धोने लगी…..

दोनो फिर से कपड़े धोने लगी थी….अब बस कुछ ही कपड़े बचे थे….नेहा के कपड़े अब पूरी तरह भीग चुके थे….कमला ने देखा कि, मोहित अब वापिस आने ही वाला है….फिर दोनो चुप हो गई….मोहित फिर से वही आकर बैठ गया….इस बार मोहित बड़े गोर से नेहा की चुचियो को देख रहा था….और नेहा भी झुक-2 कर अपने मम्मो का दीदार उसे करवा रही थी….

बीच-2 में वो मोहित की तरफ देखती, और जब उन दोनो के नज़रे आपस में टकराती, तो नेहा उसकी तरफ देख कर वासना से भरी मुस्कान उसकी तरफ फेंकती….ये सिलसिला काफ़ी देर चलता रहा….कमला को लगा कि, अब अगला स्टेप लेने का समय आ गया है….उसने धीरे-2 से नेहा की कमर में अपनी कोहनी मारते हुए इशारा किया….नेहा थोड़ी देर बाद खड़ी हो गई. कमला जान बुझ कर अपने सर को झुकाए बैठी रही…

नेहा: कमला में ज़रा मूत कर आती हूँ….

जैसे ही मोहित ने नेहा के मुँह से ये बात सुनी, उसके लंड में सुरसुरी दौड़ गई….जब उसने नेहा की तरफ देखा तो, वो खड़ी थी. नेहा ने एक बार उसकी तरफ देखते हुए, अपनी सलवार के ऊपेर से ही, अपनी फुद्दि पर खुजाना शुरू कर दिया….जैसे ही मोहित के नज़रे उस जगह पर पड़ी. मोहित की तो मानो जैसे साँसे ही अटक गई हो….

उसकी सलवार भी गीली होकर उसके बदन से चिपक गई थी…अगर आगे उसकी कमीज़ का पल्ला ना होता, तो उसकी फुद्दि भी उसकी चिपकी हुई सलवार से सॉफ झलक पड़ती…तब तक कमला ने भी मोहित को आवाज़ लगाई, और उसे कपड़े देते हुए बोली…

कमला: ये ले इसे भी वहाँ डाल आ..सुख जाएँगे….

नेहा उस झाड़ियों की तरफ जा रही थी….यहाँ पर मोहित ने कपड़े सुखाने के लिए डाले थे….जैसे ही मोहित कमला के हाथ से कपड़े लेकर मूड कर जाने लगा…तो उससे एक और झटका लगा….इस बार नेहा ने भी अपने दिमाग़ से काम लिया. और उसने जो किया था…उसने आग में घी का काम किया…उसने जाने से पहले अपनी कमीज़ के पिछले पल्ले को पीछे से अपनी कमर में लपेट लिया था….गीले होने के कारण वो उसकी कमर से चिपक गया था.

जैसे ही मोहित मुड़ा तो उसकी नज़र नेहा की मटकती गान्ड पर पड़ी. उसकी सलवार गीली होकर उसके गान्ड से एक दम चिपकाई हुई थी, और उसकी सावलार उसके गान्ड के दरार में धँसी हुई थी…..ये सब मोहित के लिए बर्दास्त के बाहर था….क्रीम कलर की गीली सलवार में उसकी गान्ड का पूरा भूगोल सॉफ दिखाई दे रहा था….

उसका लंड उसकी पेंट में और तन गया….आगे चलती नेहा ने एक बार पीछे पलट कर देखा, उससे मोहित की पेंट लंड की जगह से उभरी हुई नज़र आई. उसके लंड ने तन कर आगे से पेंट को उठा रखा था….ये देख नेहा ने फिर से वही वासना और कातिलाना अंदाज़ में मुस्कुराते हुए, मोहित के आँखो में झाँका, और फिर चलते हुए, झाड़ियों के पीछे चली गई….और अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी….

वो झाड़ियों के पीछे कुछ चार पाँच फीट की दूरी पर थी…अब उनके बीच छोटी छोटी झाड़ियाँ थी….और कुछ सुखी झाड़ियाँ थी..जिस पर उसने कपड़े डाले थे….जिन झाड़ियों के पीछे वो खड़ी थी…वो मुस्किल से उसके घुटनो तक आ रही थी…मोहित झाड़ियों पर कपड़े डालते हुए, नेहा की ही तरफ देख रहा था….जो अपनी सलवार का नाडा खोलने में लगी हुई थी…और बीच-2 उसकी तरफ देख कर मुस्करा देती…

मोहित ने देखा कि, नेहा को सलवार का नाडा खोलने में दिक्कत हो रही है. पर वो वही खड़ा देखता रहा था….आख़िर कार नेहा ने उसे हाथ से अपने पास आने का इशारा किया….मोहित का दिल जोरो से धड़कने लगा…नेहा के तरफ बढ़ते हुए उसके हाथ पैर काँपने लगे…उधर नेहा का भी यही हाल था…हलकी मोहित साहिल के उम्र का ही था…पर फिर भी जैसे-2 मोहित उसकी तरफ बढ़ रहा था…उसका बदन भी अजीब सी बेचैनी के कारण काँप रहा था….

मोहित काँपते कदमो के साथ नेहा के पास पुहुच कर कांपती हुई आवाज़ में पूछा “जी जी आंटी” नेहा का भी वही हाल था….”वो मोहित वो लगता है नाडे की गाँठ अटक गई है…खुल नही रही….मुझे बहुत तेज मूत आ रहा है…देखो कैसे फँस गई…खोल दो ना” नेहा ने अपने नाडे की गाँठ मोहित को दिखाते हुए कहा….

नेहा की ये बात सुन कर मानो जैसे उसकी साँस उसके गले में अटक गई हो…उसने अपने गाले में अटके थूक को निग्लते कहा …” क्या आंटी”

नेहा: अर्रे इस तरह घबरा क्यों रहा है…नाडे की गाँठ ही तो खोलनी है…जल्दी कर कही मेरा मूत बीच में ही ना निकल जाए….

नेहा ने मानो ये सोच लिया था कि, आज वो मोहित को हर हाल में पता कर रहेगी. नेहा के मुँह से ऐसे बातें सुन कर मोहित का बुरा हाल था. वो अपने सर को झुकाए नेहा के सामने खड़ा था…नेहा ने अपनी कमीज़ के पल्ले को आगे से उठा कर कहा…” चल जल्दी खोल ना” जैसे ही उसकी नज़र नेहा की सलवार के अगले हिस्से पर पड़ी…

उसके दिल की धड़कने इस कदर बढ़ गई…मानो जैसे वो मीलो दौड़ कर आया हो….नेहा के सलवार उसकी चूत पर एक दम चिपकी हुई थी…उसकी चूत के झान्ट उसमे से सॉफ दिखाई दे रही थी….उसका लंड अब इतना अकाड गया था….उससे पेंट में दिक्कत होने लगी थी….मोहित ने नेहा के झांतो भरी चूत की ओर देखते हुए, अपने काँपते हाथों को नेहा के सलवार के नाडे की तरफ बढ़ाया…

और नेहा के सलवार के नाडे को पकड़ कर खोलने के कॉसिश करने लगा. नाडे की गाँठ फँसी नही हुई थी….ये बात नेहा भी जानती थी…पर मोहित जान बुझ कर कुछ ज़्यादा ही टाइम लगा रहा था….उसके काँपते हाथो की उंगलियाँ बार बार नेहा की नाभि पर रगड़ खाने लगी….जैसे ही नेहा को अपने नंगे पेट और नाभि पर मोहित के नरम उंगलियों का अहसास हुआ, नेहा के मुँह से सिसकारी निकल गई…”शियीयियीयियी अह्ह्ह्ह मोहित” और उसने ये कहते हुए, अपनी आँखें बंद करके, मोहित के कंधो को पकड़ लिया….

अब दोनो के जिस्मो में कुछ ही इंच का फाँसला था….नेहा का पेट और कमर थरथरा रहे थे…आख़िर कार मोहित ने नेहा की सावलार का नाडा खोल दिया. और फिर नेहा की ओर देखते हुए बोला, जो अपनी आँखें बंद किए किसी और ही दुनिया में पहुँच गई थी…
Reply
04-08-2019, 12:29 PM,
#59
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
मोहित: आंटी आंटी जी वो वो खुल गया है…

नेहा: हां क्या ! (नेहा जैसे सपनो की दुनिया से वापिस लौटी) अच्छा ठीक है….थॅंक्स बेटा…

मोहित मूड कर वापिस जाने लगा….नेहा अपनी सलवार के जबरन को हाथो से पकड़े खड़ी थी….”रूको मोहित” नेहा ने काँपती आवाज़ में कहा…मोहित ने पलट कर नेहा की तरफ देखा…”जी आंटी जी”

नेहा: मेने सुना है यहाँ पर झाड़ियों में बहुत साँप बिछु है….

मोहित: जी आंटी है….पर वो दरिया के पास यहाँ पर नही…

नेहा: नही मुझे डर लग रहा है…तुम यही रूको में पेशाब कर लेती हूँ…

मोहित: पर यहाँ नही है आंटी …

नेहा: वो देखो झाड़ियों के बीच बिल है….

नेहा ने हाथ से झाड़ियों के बीच इशारा किया….पर वो अपनी आँखो से अपनी चूत के तरफ इशारा कर रही थी….जो कि उसकी सलवार के चिपके होने कारण उसकी झांटें नज़र आ रही थी….मोहित भले ही कम उम्र का था…पर नेहा का इशारा समझ गया…पर कुछ बोल नही पाया….

नेहा: देखो तुम मेरे तरफ ना देखना….पर यही खड़े रहना…में मूत लूँ फिर चले जाना….पता नही कब कोई साँप निकल कर आए.

मोहित बेचारा वही सर झुका कर खड़ा हो गया…नेहा मोहित के हालत पर मंद-2 मुस्करा रही थी…..नेहा मोहित से सिर्फ़ 4 कदम की दूरी पर थी… उसने अपनी सलवार को नीचे किया, और फिर मूतने के लिए बैठ गई…फिर पेशाब करने की तेज आवाज़ मोहित के कान में पढ़ी….जिस प्रेशर से नेहा की फुद्दि से मूत की धार निकल कर ज़मीन पर गिर रही थी….उससे बहुत तेज सीटी की आवाज़ सी आ रही थी….मोहित का लंड उसकी पेंट में मूतने की आवाज़ सुन कर झटके पे झटके खा रहा था….

पर मोहित की हिम्मत नही हो रही थी…उस तरफ देखने की, नेहा बैठे हुए, भी उसकी तरफ देख कर मुस्करा रही थी…फिर मूतने के बाद जैसे ही नेहा खड़ी हुई, तो उसने अपनी चूत की तरफ देखा तो, उसकी चूत की फांको में से उसका कामरस बह कर नीचे लटक रहा था…उसकी चूत का कामरस किसी लिसलिसी चीज़ की तरह एक लंबी सी तार बनाए हुए लटक रहा था….ये देखते ही, नेहा के होंठो पर लंबी मुस्कान फेल गई…

उसने बिना उसे सॉफ किए, अपनी सलवार पहन ली, और फिर नाडा बाँधते हुए, मोहित के पास आई…”चल हो गया” ये कह कर वो मोहित के आगे चलने लगी….”वैसे मोहित बेटा, मुझे तो यहाँ कोई साँप नज़र नही आया….” उसने मोहित की ओर देखते हुए कहा….

मोहित: वो दरअसल आंटी जी वो साँप धूप में कम ही बाहर निकलते है..

नेहा: अच्छा….मोहित तुम्हे तो पेशाब नही करना ना ? अभी कर ले, क्योंकि की अभी तो सारे साँप अपने बिलो में घुसे होंगे….

मोहित: नही आंटी मुझे पेशाब नही आया है….

नेहा: अच्छा चल फिर, मेने सोचा था, शायद तब तक मुझे कोई साँप देखने को मिल जाता…(नेहा ने मोहित के पेंट में बने हुए उभार को देख कर कहा….और फिर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराया, और उसके आगे-2 चलने लगी)

मोहित: पर आंटी जी, यहाँ साँप तो शाम के वक़्त ही निकलते है…

फिर नेहा, वही ट्यूबिवेल के पास आ गई. और फिर दोनो ने बाकी के बचे कपड़े धोए….थोड़ी देर वही बैठ कर आराम किया…..एक घंटे में ही सारे कपड़े सूख गए थे….कमला ने नेहा को कहा कि, वो अब अंदर जाकर अपनी पेंटी और ब्रा पहन ले…उसके बाद कमला और मोहित कपड़े उठाने के लिए चली गई….और नेहा ने रूम में जाकर अपनी ब्रा पेंटी पहन कर दोबारा से अपना सूट पहन लिया….

नेहा ने घर आते वक़्त जो-2 हुआ सब कमला को बता दिया…दोनो हँसी मज़ाक करते हुए घर पहुँच गई….

क्रमशः......................................................
Reply
04-08-2019, 12:29 PM,
#60
RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
छोटी सी जान चूतो का तूफान--18

नेहा: अच्छा अब में चलती हूँ….तूने तो अब मेरे फुद्दि में और आग लगा दे…अब खुद ही उंगलियो से काम लेना पड़ेगा.

कमला: अच्छा सुन तेरा पति कब जाने वाला है मंदी ?

नेहा: बस जाने ही वाले होंगे…

कमला: अच्छा ऐसा कर, तू फिर जाकर अपनी पति को खाना वाना खिला. और खुद खा कर घर अजाना…फिर तेरे फुद्दि को शांत करती न…

नेहा: मोहित तो घर आ गया है ना…

कमला: आ गया है तो क्या हुआ, वो कॉन सा घर में टिक कर बैठता है. अभी खाना खा कर, ग्राउंड में खेलने चला जाएगा….

नेहा: अच्छा ठीक है, अगर मोका मिला तो ज़रूर आउन्गि….

उसके बाद नेहा अपने घर आ गई….नेहा गेट नॉक किया तो, थोड़ी देर बाद गीता ने आकर गेट खोला….नेहा अंदर आई, तो उसने देखा उसका पति कुलवंत उठ चुका था…और खाना खा रहा था….”उठ गए आप. और ये खाना किसने बनाया…”

गीता: मेने बनाया जीजी, वो जीजा जी को देर हो रही थी…आप भी हाथ मुँह धो लो, में आपके लिए भी खाना लगा देती हूँ…

नेहा: (गीता के गालो को प्यार से सहलाते हुए) बहुत अच्छा किया तूने. साहिल और तुमने खाना खा लिया…?

गीता: हां हमने अभी खाया है….

उसके बाद गीता ने नेहा को भी खाना दिया….कुलवंत खाना खा कर मंडी के लिए निकल गया…..कुलवंत के जाने के बाद, नेहा ने थोड़ा बहुत घर काम किया…फिर गीता और साहिल को बोल कर कमला के घर चली गई…नेहा के जाने के बाद, गीता ने गेट बंद किया, और फिर एक दम से ख़ुसी से उछल पड़ी….उसको जिस समय का बेसबरी से इंतजार था….आज वो समय आ ही गया था…

गीता गेट बंद कर रूम में गई…..साहिल बेड पर लेटा टीवी देख रहा था…गीता बेड पर चढ़ि, और साहिल को बाहों में भर कर अपने से चिपका लिया….साहिल एक दम से घबरा गया….

साहिल: क्या कर रही हो मौसी, मा आ जाएगी….

गीता: (साहिल के हाथ को पकड़ कर अपने मम्मे पर रखती हुई) तुम्हारी मम्मी गई है कमला आंटी के घर….हम दोनो घर पर अकेले है..

साहिल: सच ? (साहिल भी पिछले कुछ दिनो से फुद्दि के लिए तरस रहा था.)

गीता: (अपने होंठो को साहिल के होंठो के तरफ बढ़ाते हुए) सच….साहिल मुझे प्यार करो….(गीता ने साहिल की आँखो में झाँकते हुए कहा, और फिर अपने होंठो को साहिल के होंठो से लगा दिया)

गीता के ये बात सुनते ही, उसने कमीज़ के ऊपेर से ही, गीता की चुचि को मसल दिया…गीता तो जैसे पागल हो गई….उसने पागलो की तरह साहिल के होंठो को चूसना शुरू कर दिया…साहिल भी उसके होंठो पर टूट पड़ा…अब तक चाची के साथ चुदाई का खेल सीख-2 कर साहिल अब उसमे माहिर होता जा रहा था….दोनो के होंठो में मानो जैसे कोई जंग छिड़ गई हो…

दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे…गीता के मुँह से उंह उंह की आवाज़ें आ रही थी…जब दोनो का साँस लेना मुस्किल हो गया, तो गीता ने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग किया…और फिर अपनी अधखुली नसीली आँखों से साहिल की आँखो में झाँकते हुए बोली..

गीता: ये सब कैसे सीखा ?

साहिल: (तेज़ी से साँसे लेते हुए) तुमने तो सिखाया था….

गीता अब कोई बात करके समाए नही गवाना चाहती थी….उसने लेटे हुए साहिल को अपने ऊपेर खेंच लिया….और फिर से उसके होंठो को चूसने लगी. इस बार उसने कुछ देर साहिल होंठो को चूसने के बाद, अपने होंठो को अलग कर दिया….और साहिल के सर को अपनी गर्दन पर झुकाते हुए बोली.

गीता: साहिल मुझे प्यार करो ना…मुझे किस करो. मेरे बदन के हर हिस्से को चुमो, चॅटो….खा जाओ मुझे….

साहिल जैसे ही गीता के ऊपेर आया…गीता ने अपनी टाँगे खोल ले. जिससे साहिल की टाँगें उसकी जाँघो के दरमियाँ आ गई…और उसका तना हुआ लंड उसकी निक्कर में से गीता की सलवार के ऊपेर से उसकी चूत पर जा टकराया..”आह साहिल उंह “ गीता अपनी सलवार के ऊपेर से ही, साहिल के लंड को अपनी चूत पर महसूस करते हुए, सिसक उठी….उसने अपनी टाँगो को कैंची के तरह साहिल की कमर पर लप्पेट लिया…साहिल ने भी गीता की चूत के आग को और बढ़ा दे…उसने उसके मम्मो को मसलते हुए, अपने होंठो को उसकी सुरहीदार गर्दन पर लगा दिया….और उसके गर्दन को चाटने लगा…..गीता मस्ती में फिर से सिसक उठी, उसने साहिल के सर के गिर्द घेरा बना कर उससे अपने से और चिपका लिया….

गीता: ओह्ह्ह साहिल हां खा जा मुझे आ पूरा का पूरा आहह…सीईइ साहिल आज मेरे आग बुझा दे….

साहिल भी अब पूरी तरह मस्त होकर उसकी चुचियों को मसलते हुए, उसके गर्दन को चूम रहा था….और गीता उसके सर को सहला रही थी…और बार अपनी कमर को ऊपेर के तरफ उठा कर, अपनी चूत को कपड़ो के ऊपेर से ही, साहिल के लंड पर दबा रही थी….”ओह्ह्ह साहिल आहह और ज़ोर से दबा मेरे मम्मे अह्ह्ह अह्ह्ह्ह…”

फिर साहिल उसकी गर्दन को चूमता हुआ नीचे की ओर आने लगा….और उसके कमीज़ से बाहर झाँक रहे मम्मो के ऊपेरी हिस्से को अपने होंठो में भर कर चूसने के कॉसिश करने लगा…”आह हां चुस्स अह्ह्ह्ह साहिल मेरी जान आह” ये कहते हुए, उसने अपने हाथो को साहिल के सर से हटाया, और फिर अपने दोनो हाथों को नीचे लेजाकार अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर करने लगी….ये देख साहिल जो कि अपना सारा वजन गीता के ऊपेर डाले लेटा हुआ था. वो अपने घुटनो के बल गीता के जाँघो के बीच में बैठ गया….

गीता ने अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर करते हुए, उतार दिया….और फिर बेड पर बैठते हुए, अपनी ब्रा के हुक्स खोल कर उसे भी जिस्म से अलग कर दिया….ब्रा को अपने बदन से अलग करने के बाद, उसने साहिल की ओर देखा, जो उसकी 36 साइज़ के बड़ी-2 चुचियों को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था.

गीता: ये तुम्हें बहुत पसनद है ना ? (गीता ने मुस्कुराते हुए साहिल की ओर देखते हुए कहा. साहिल ने भी हां में सर हिला दिया…) अच्छा जा इसे, (ब्रा को) मेरे बॅग में डाल दे….उधर दीदी के रूम में है बॅग…

साहिल ने ब्रा ली, और उठ कर अपनी चाची के रूम में गया, और ब्रा को उसके बॅग में डाल कर वापिस आ गया….जब वो दोबारा रूम में पहुँचा, तो उसने देखा, गीता ने फिर से अपनी कमीज़ पहन रखी थी…और उसने अपनी सलवार उतार रखी थी….साहिल सवालिया नज़रो से देखते हुए, बेड पर चढ़ गया.
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,516,584 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 546,078 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,579 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,378 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,478 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,646 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,963,931 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,097,217 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,048,604 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,360 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)