RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
जब अनिता से रहा ना गया तो ज़ोर का धक्का दे दिया...और अपने आपको छुड़ा कर वन्हा से भाग गयी.....राज उसे देखता रह गया....उसे शामिंदगी भी हुई...ये मेने क्या कर दिया.....अब मे क्या करू.....उसका हाल बहुत खराब हो गया..उसे एक डर सताने लगा...कि कही अनिता बुरा ना मान जाए....कही वो नौकरी ना छोड़ दे......
राज अब क्या कर सकता था...और अनिता को ढूँढने लगा....अनिता के आँखो मे आंशु थे....पर वो कस्टमर डीलिंग कर रही थी.......कस्टमर से पैसे और दवा रही थी...........राज वन्हा से कही चले जाना उचित समझा.........वो उठ कर नेहा के क्लिनिक की तरफ चला गया....करीब 30 मिनट के बाद वो दुबारा शॉप मे आया.....अब वो अनिता से नज़रे भी नही मिला रहा था .........और दूसरी तरफ अनिता भी उसे देखकर झेंप गई.....करीब 5 बजे अनिता अपने घर चली गयी....वो भी बिना बताए............................
राज ने एक ओटो कर लिया....कमला को साथ लिया और गाज़ियाबाद की तरफ चल दिया....
करीब 1 घंटे के बाद दोनो गाज़ियाबाद पहुँच गये....डॉक्टर. नेहा बेड पर पड़ी हुई थी...उसे सेलीन लगा हुआ था...पास मे एक नौकर फ्रूट काट रहा था.....
राज:हेलो...डॉक्टर. साहिबा.....ये क्या हाल बना रखा है....?
नेहा: ह्म ठीक हू...बस यू ही.....हज़्बेंड से पंगा ले लिया था...ज़ोर का झटका लगा...........और फिर मेरी ब्लीडिंग सुरू हो गयी...
राज: तभी तो मे कहता था कि थोड़ा एक्सपरशियेन्स हासिल कर लो...पर तुम हो कि?
कमला: ओह्ो..अब तो बेचारी को छोड़ दो....एक तो ये बीमार है और दूसरे तुम सता रहे हो मेरी गुड़िया को....
राज: ओहूऊ क्या प्यार है.....ये गुड़िया नही.....सेक्स की पूडिया है..वैसे नेहा .... धर्मेन्दर जी (नेहा के पति) कहाँ है.....
नेहा: वो दवाई लाने गये है...अभी आ जाएँगे....
नेहा ने पास ही नौकर को कहा 2 चाय ले आने के लिए......नौकर बाहर चला गया....कमला और राज दोनो इधर-उधेर की बाते करने लगे.....
राज: अब बताओ ...कैसा लग रहा है......
नेहा: ठीक हू...2-4 दिन मे क्लिनिक आने लगूंगी.....
तभी दवाजा खुला और धर्मेन्दर रूम मे आ गया...उसने झुक कर दोनो को प्रणाम किया.....राज ने मज़ाक भी किया...अरे भाई...ये क्या कर दिया मेरी साली साहिबा को..............................धर्मेन्दर शरमाते हुए वन्हा से जाने लगा...तभी कमला ने उसे रोक लिया.....चाय पी कर जाएँगे.....बैठिए..और उसने अपनी सीट दे दी...
धर्मेन्दर: अरे नही...आप बैठिए...मे अभी आया...प्लीज़ बैठिए....
कमला बाथरूम मे जाने के लिए जाने लगी....तभी नेहा ने राज से कहा....आज कल काफ़ी बिज़ी रहते हो क्या बात है...दो दो लड़कियो को हॅंडल कर रहे हो ...है ना.
राज: अरे नही......और ठहाका मार कर हस्ने लगा.
नेहा: अब तो तुम सुधर जाओ...
राज: तुम्हे हुआ क्या है…ये बताओ…..
नेहा: यूटरस इन्फेक्षन है…..
राज: ये बीमारी कब से हो गयी
नेहा: शादी के बाद से
राज: माहवारी कैसी है?
नेहा: ये तुम क्यो पुच्छ रहे हो? और फिर तुम डॉक्टर तो हो नही
राज: मे जो पुच्छ रहा हू वो बताओ
नेहा: ठीक है …पर पिच्छले मंत लेट आई थी
राज: चुदाई कितने दिन के बाद होती है
नेहा: क्या मज़ाक है??? जाइए मे आपसे नही बोलती
राज: देखा……?? तुम्हारे में रोग यही है…तुम सब कुच्छ जानते हुए भी इग्नोर करती हो…तभी तुम्हारी ये हाल है. हमे क्या ….मरो…मे तो चला….मेरे पास भी वक़्त नही है…..
नेहा: जीजू…..नाराज़ हो गये…..? चलो माफ़ कर दो….बाबा…..तुम पुछ्ते ही ऐसी बाते को हो मेरे को कुच्छ होने लगता है…
राज: तो फिर हम है ना…?? अगर धर्मेन्दर से नही होता है तो मुझे सेवा का मौका दो? मेरे हिसाब से तुम्हारा इलाज एक ही है……
नेहा: अच्छा………………?? वो क्या?
राज: अगर मे बता दूँगा तो तुम मारने लगोगी..या फिर चिल्लाओगी….
नेहा: मुस्कुराते हुए….नही बोलूँगी…बोलो
राज: बस चुदाई…..आपको एक मजबूत लंड की ज़रूरत है…जो जम कर तुम्हारी चुदाई करे.
नेहा: और कुच्छ????? या बोल लिए?
राज: मेरा फुल आंड फाइनल है…तुम्हे लंड की ज़रूरत है…ना कि दवाई की.
तभी रूम मे कमला आ गयी…………………आते ही टेबल पर बैठ गयी और बोली….
कमला: नेहा…तुम घबराव मत…सब ठीक हो जाएगा….धर्मेन्दर जी आ रहे है दवाई लेकर…साम तक छुट्टी हो जाएगी……पर रेस्ट करने की ज़रूरत है…….मे यही तुम्हारे पास रुक जाती हू……सुबह निकलेंगे घर के लिए……क्यो जी????
राज: हाँ….हां…. पर मे घर चला जाऊँगा…और वैसे भी मेरा यान्हा कोई काम तो है नही.
नेहा: जीजू....क्या घर जाओगे...यही सो जाओ...बगल वाले वॉर्ड मे....
राज : मुझे नींद नही आएगी.....तुम जानती ही हो कि जब तक तुम्हारी बहन मेरी बाँहो मे नही रहती नींद नही आती है
नेहा: तो दीदी है ही.....और वैसे भी वॉर्ड मे कोई और है नही...अंदर से लगा लेना...क्यो दीदी....
राज: मे तो तैयार हू....अगर यही मक्खन मिल जाएगा तो मे बाहर क्यू जाऊँगा......वैसे अच्छा होता कि तुम्हारा मक्खन मिल जाए खाने को तो मज़ा आजाए.
नेहा: माइ डार्लिंग जीजू......इट्स रेड लाइट एरिया.....कॅन'ट हेल्प यू....सॉरी...आज तो दीदी से ही काम चलाना होगा....
कमला: अरे नही.....तुम घर जाओ...वन्हा लड़किया अकेली हैं....और रात भी हो रही है.....और हां कल सुबह 9 बजे आजाना....
नेहा;ओह हूवू तभी ये बार बार घर जाने को कह रहे है...हां भाई 2-2 लड़कियाँ जो है....और वो भी काफ़ी सुन्दर- समझदार......रश्मि तो तुम्हारा इंतेज़्ज़र कर रही होगी...और उसकी सिस का तो कहना क्या...क्या ग़ज़ब की माल है.
राज: तुमने कब देखा उसे
नेहा: वो रश्मि ले कर आई थी क्लिनिक मे...उसे भी यूटरस प्राब्लम है ना.
राज: मेरा एक परामर्श है……एक बार तुम मेरे रंग मे रंग जाओ…..सब ठीक हो जाएगा….क्या कहती हो…..
नेहा: देखेंगे….फिलहाल तो ठीक होने से मतलब है….
राज : वो तो तुम हो जाओगी…..और वो झुक कर नेहा के गाल पर एक किस कर लिया…… और वन्हा से चला गया………….उसे जाते हुए देख कर नेहा ने अपने-आपसे कहा…क्या यह सही कदम होगा….?? क्या किसी दूसरे मर्द से सेक्स करना क्या ठीक होगा???? शायद नही? या शायद हां??? उसके मन मे कई सवाल उठ गये……..नही बिल्कुल नही….. और फिर धर्मेन्दर कितना प्यार करते है…उन्हे मे कभी धोका नही दे सकती…….और फिर कभी भी इस तरह के ख़यालात नही आए…..ये बात और है कि कभी कभी BF देख लेती थी…..दोस्तो से नोन-वेज बाते कर लेती थी…पर जब से मेरे जीजाजी आए है…मेरा थॉट चेंज हो गया है…..ये मे क्या सोच रही हू….एक इंडियन लेडी और वो भी मॅरीड इस तरह की बाते सोचना ठीक नही है…..यही सोचते सोचते वो सो गयी………………………………………………………….
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