Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
05-10-2019, 07:24 PM,
#21
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-10

अबाउट स्मृति:

स्मृति शर्मा 32 यर्स ओल्ड एक विडो लेडी है जो कि रश्मि की बड़ी बहन है………………आज से 5 साल पहले उसकी शादी ब्रजेश कुमार (गूव्ट. टीचर) से हुई थी..पर इस शादी के 2 साल बाद एक कार आक्सिडेंट मे उसकी मौत हो गयी…….स्मृति काफ़ी उदास रहने लगी…..अनुकंपा के आधार पर उसे गूव्ट. ने उसे जॉब दे दी…पर फिर भी वो उदास रहने लगी……………..घर वाले उसकी शादी उसी के देवर राज से शादी करना चाहते थे…पर इसके लिए स्मृति तैयार नही थी………………………….वो घर से 9 बजे निकलती थी और शाम की 5 पीयेम घर आ जाती थी……………दिन तो कट जाता था पर रात काटना स्मृति को काफ़ी मुस्किल होता था….उसके पुराने संस्कार ही उसके दुश्मन बन गये थे….वो अपने जेहन से ब्रजेश को निकाल नहीपा रही थी….उसे कुच्छ भी अच्छा नही लग रहा था…………सिर्फ़ रो धो कर अपने आपको शांत करती थी……….वैसे कई मर्द उसे पाने की फेराक मे थे….स्कूल मे ही कई टीचर जो कि उसके पति के फ्रेंड थे…उन्होने शादी का प्रस्ताव भेजा पर स्मृति ने उसे खारिज कर दिया……………..अतः स्मृति के मा पापा ने राजेश को फोन मिलाया और स्मृति के बारे मे सब कुच्छ बता दिया……………..

एक दिन राजेश बिना किसी को बताए वो देहरादून चला गया…….घर पर रश्मि को फोन करके वो सिर्फ़ इतना बोला कि मुझे ऑफीस के काम से देहरादून जाना पड़ रहा है…अगर समय मिलेगा तो तुम्हारे मा-पापा से मिल लूँगा…………………………………………..रश्मि भी अपने मा पापा के पास जाना जाहती थी पर उन्दिनो उसका एम बी ए का एग्ज़ॅम चल रहा था….उसने सिर्फ़ इतना ही कहा…ठीक है….जाओ और जाते ही फोन कर देना………………………….

राजेश देहरादून जाते ही सीधे स्मृति के स्कूल मे चला गया……………………………..स्मृति उसे देखते ही हक्की-बक्की रह गयी…………………..

स्मृति: अरे आप…………….ये अचानक…व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़?

राजेश: हां………..यान्हा ऑफीस के काम से आया था…सोचा तुमसे मिलता चलु

स्मृति: अच्छा किया.......आप बैठो मे अभी चाय भेजती हू...और वो रूम से बाहर आ गयी और ऑफीस बॉय को चाय लाने को बोल गयी...थोड़ी देर मे छुट्टी हो गई....दोनो स्कूल से बाहर आ गये एक ऑटो किया और फिर मालिवरा चॉक आ गये वन्हा एक रेस्टोरेंट मे आ गये और दोनो नेस्नॅक्स का ऑर्डर दिया...

स्मृति: तुम क्या लोगे.....??? लंच या स्नॅक्स

राजेश: लंच........क्योकि मेने सुबह से कुछ नही खाया....

स्मृति: मे स्नॅक्स और चाय लूँगी.....

उसने वेटर को ऑर्डर बुक करवा दिया........................................................

.......................................................................................................

स्मृति: और बताओ...रश्मि कैसी है...

राजेश: ठीक है...पर कोई प्रोग्रेस नही....

स्मृति: मतलब?

राजेश: वही फॅमिली डेवेलपमेंट की

स्मृति:ओह पर क्यो....अब तो तुम्हारी भी शादी को 1 साल हो चुका है.

राजेश: अभी वो मना करती है....बोलती है 3 साल बाद सोचेंगे.

स्मृति: यही हाल सभी कपल का है.....जब वक़्त रहता है तो अवाय्ड करते है पर अगर समय निकल जाता है तो अफ़सोस करते है.....

अब मुझे ही लो.............जब मेरे पति चाहते थे तो मे मना करती थी ..और अब???????????????????????????????????????????????

थोड़ी देर खामोशी च्छाई रही...........पर राजेश ने कहा...

राजेश: देखो....जो हुआ वो अब दुबारा नही आएगा....क्योकि जाने वाले लौट कर नही आते.....उनके बारे मे सोचना बेकार है...ये जिंदगी है इसे जीना ही होगा....तुम अपने बारे मे सोचो....खूबसूरत हो...जवान हो....कोई बच्चा नही है...आपको

कोई भी तुम्हे अपना सकता है.............................मेरी बात मानो और शादी कर लो...................................

स्मृति: मुझे कुच्छ अच्छा नही लगता...लोग क्या कहेंगे...मा पापा तो बोलते है...कुच्छ लड़को के ऑफर भी आए है...........पर मे मना कर देती हू.

राजेश: पर क्यो?

स्मृति:ब्रजेश की याद आ जाती है

राजेश: अगर तुम बुरा ना मानो तो मे एक लड़के की ऑफर दू...मेरे साथ काम करता है पर है वो एक दम काला.............नाम भी है उसका "कल्लू प्रसाद"

पर तुम्हे रानी बनाकर रखेगा..............बोलो क्या बोलती हो

स्मृति की आँखो मे आँसू आ गये....वो कुच्छ नही बोली और वो टेबल से उठ कर वॉश बेसिन मे आ गयी....पिछे पिछे राजेश भी आ गया........................

पर कुछ नही बोला...

________________________________________

टेबल पर लंच लग चुका था....राजेश ने लंच करने लगा और स्मृति सॅंडविच और चाय पिनेलगि....थोड़ी देर और इधर-उधर की बाते होने लगी...तभी जोरो की आँधी आने लगी...........................................

स्मरती: ओह माइ गॉड....लगता है बारिश होनेवाली है.

राजेश: अरे मेरा लगेज तो होटेल मे है..मे कैसे जाऊँगा वन्हा

स्मृति: तुम होटेल मे क्यू गये...घर चलो

राजेश: अरे ये अफीशियल टूर है....ऑफीस की तरफ से होटेल बुक हुआ है...चलो होटेल वन्हा से घर आ जाऊँगा...और मम्मी-पापा से मिल लूँगा...पर रुकुंगा नही

स्मिरिटी: क्यो नही रुकोगे?

राजेश: रश्मि को अच्छा नही लगेगा?

स्मृति: पर क्यू?

राजेश: इसलिए कि उस घर मे उसकी खूबसूरत बहन रहती है.

स्मृति: बुरी तरह शर्मा गयी....वो अपनी नज़रे दूसरी तरफ फेर ली.....पर तब तक राजेश नेउसके हाथ पकड़ लिए...........

स्मृति: ये क्या कर रहे है..............छोड़िए मेरा हाथ

राजेश: ओह....यस.......और उसका हाथ छोड़ दिया.....बहुत नरम हाथ है आपका.....बिल्कुल रश्मि के जैसा. उसके भी काफ़ी कोमल हाथ और अंग है.

स्मरीत; तो बहन है मेरी तो रहेगी ही.

राजेश: पर आपका जवाब नही......फ्लर्ट किया राजेश ने....और उसके आन्सर का इंतजार करने लगा....

आन्सर तो नही दिया स्मृति ने..सिर्फ़ इतना ही कहा...चलो नही तो ऑटो भी नही मिलेंगे...ये देहरादून है...देल्ही नही...........भागो....

राजेश और स्मृति दोनो एक ऑटो की तरफ भागे पर ऑटो नही रुका............बारिश सुरू हो चुकी थी......स्मृति इस समय वाइट कलर की सूट पहने हुए थी और सलवार ग्रीन कलर का था....................राजेश का हाथ पकड़े हुए दूसरे ऑटो की तरफ गयी............राजेश भी उसे गौर से देख रहा था...उसके मन मे लड्डू फूटने लगे...तभी एक ऑटो आ कर रुका...कहा चलना है मम्शह्ब....

राजेश: होटेल गॅलक्सी चलो....

स्मृति: होटेल गॅलक्सी क्यो....?

राजेश: वन्हा मेरा समान है ..........कपड़े नही लेंगे क्या?

स्मृति:हाअ ह्हाआ

स्मृति और राजेश दोनो होटेल गॅलक्सी की तरफ चले गये...होटेल मे स्मृति आना नही चाह रही थी पर राजेश की वजह से होटेल की रूम मे आ गयी....

रूम काफ़ी बड़ा था....सारे ऐशो-आराम थे......एसी ऑन था..उसे ठंडक लग रही थी...तभी चेर पर राजेश का एक ब्रीफ जो कि अभी भी गीला था.....देखा....

उस ब्रीफ को गौर से देखने के बाद वो काफ़ी रोमांचित हो गयी...आज पहली बार किसी दूसरे मर्द के ब्रीफ देख रही थी...राजेश बाथरूम मे चला गया था....

उसने उसे उठा कर देखा...ब्रीफ से एक खुसबू आ रही थी शायद उसके लंड की....................

स्मृति ने उसे सूँघा...फिर वही पर रख दिया और मिरर की तरफ आ गयी....वो अपने आपको देखी.....वाकई वो काफ़ी सुन्दर दिख रही थी....वो अपने आपको ठीक किया....बालो को सँवारा....तब तक राजेश भी आ गया......................चलो...............पर मे ज़्यादा देर तक नही रहूँगा...............

स्मृति: हस्ते हुए.............पहले चलो तो सही...............बाकी का देखा जाएगा.................

स्मृति और राजेश ने होटेल से वही ऑटो द्वारा मालिवरा रोड आ गये रश्मि के घर............................जहा उसका ससुराल था....रास्ते मे राजेश ने स्वीट ली और स्मृति ने दूध...और सब्जी........
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05-10-2019, 07:24 PM,
#22
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राजेश ने अपने सास और ससुर के पाँव छुए....स्मृति किचन मे जा कर चाय बनाने लगी....राजेश ने अपने सास-ससुर से आने की वजह बताई, ख़ैरियत बताई...और उनसे समाचार पूछा........................................

ससुर: बेटा....सब कुच्छ ठीक है पर मे इसके (स्मृति) के लिए परेशान रहता हू.

अभी मे हू तो देख-भाल करता हू...कल की डेट मे मे नही रहूँगा तो इसका ख़याल कौनरखेगा.............तुम ही समझाओ इसे..........कई ऑफर आए...............पर ये मानने को तैयार नही.....अब तुम ही बताओ...कोई साए के सहारे तो नही चल सकता ना.....................

राजेश: बाबूजी..मेने काफ़ी समझाया है स्मृति को....आप चिंता ना करे वो ज़रूर कोई स्टेप लेगी......और वैसे भी ये दिल का मामला है......कोई भी विडो इतनी आसानी से किसी दूसरे के साथ शादी केलिए तयार नही होगी.....................

तभी स्मृति आ गयी....सभी लोग चुप हो गये............स्मृति चहकते हुए.....अरे ये क्या कर रहे हो ...पहले कुच्छ खा लो......

स्मृति के मा-बाप काफ़ी खुस हुए...जो बेटी गुम्सुम और खामोस रहती थी आज वो चाहक-चाहक कर बाते कर रही थी...सभी का हाल पुच्छ रही थी....और हो क्यो ना...घर मे नया दामाद जो आया है..............स्मृति ने मत्ठि देते हुए कहा...

स्मृति: लो इसे खाओ....

राजेश ने स्मृति के पापा और मा से ख़ैरियत पूछी और वो भी उसके और रश्मि के बारे मे ख़ैरियत पुच्छे.....राजेश ने बताया कि वो कंपनी के काम से देहरादून आया है...आना अचानक हो गया नही तो रश्मि को ज़रूर लाता.......उसके मा बाप ने कहा...कोई बात नही बेटे....तुम यही रुक जाओ और यही से ऑफीस चले जाना....

राजेश ने कहा....कि मे एक होटेल मे ठहरा हुआ हू...समान भी वही है...अफीशियल विज़िट है तो मे ऑफीस छोड़ नही सकता.............................................

स्मृति तब तक अपना ड्रेस चेंज कर चुकी थी..पर अभी भी उसके चेहरे और बाल बारिश के पानी से गीले थे...वही हाल राजेश का था.........उसको देखते हुए

स्मृति के पापा ने कहा...बेटे इसके लिए टवल और मेरा पयज़ामा और कुर्ता निकाल दो.

राजेश: नही बाबूजी...ठीक हू...सिर्फ़ एक टवल दे दीजिए मे थोड़ा फ्रेश होना चाहूँगा. स्मृति राजेश को लिए हुए अपने रूम मे आ गयी....वो दरवाजा बंद कर दिया और बोली......आप फ्रेश हो लो...मेरा बाथरूम इस्तेमाल कर लो...ये लो टॉवेल...उसने अपना टॉवेल दे दिया...........................................

राजेश ने टॉवेल लिया और स्मृति के सामने ही सूंघने लगा...स्मृति लजा गयी और वन्हा से चल दी.......................राजेश बाथरूम मे चला गया...फ्रेश होने के बाद अपना ब्रीफ वही पर टांग दिया जहा स्मृति की पॅंटी तंगी हुई थी.....स्मृति की एक पॅंटी को उठा कर उसने सूँघा...बहुत अच्छी गंध आ रही थी.................फिर वो टवल पह्न कर बाथरूम से बाहर आ गया........आईने के पास आ कर टॉवेल से अपना शरीर को पोच्छने लगा...तभी स्मृति आ गयी....राजेश को नंग धारंड देखते ही वो शर्मा गयी...वो मूड कर जाना चाह रही थी पर जा ना सकी ...उसकी गांद और लंड को देखते ही बुत बनी देखती रही....जब राजेश ने देखा कि उसे स्मृति घूर रही है तो अपने उपर टॉवेल्ल डाल लिया और फिर मुस्कुराते हुए कहा...

राजेश: क्या देख रही है...............ऐसे किसी दूसरे मर्द को देखना गुनाह है........और मुस्कुरा दिया

स्मृति: भी मुस्कुरा दी...........आप दूसरा मर्द कहाँ है............आप इस घर के दामाद है......और मेरी छ्होटी बहन का पति...............

राजेश: वो तो हू ही...पर आप मेरी बड़ी साली है......छ्होटी होती तो सब चलता है.................और साली आधी घरवाली होती है

स्मृति: तो फिर साली की शादी क्यो करवा रहे हो.

राजेश: इसलिए कि शादी ज़रूरी है तुम्हारे लिए. तुम अड्जस्ट होजाओगी.................

स्मृति: पर मेरी नौकरी????

राजेश: छोड़ दो.............देल्ही मे तुम्हे कई नौकरी मिल जाएगी

स्मृति: मुझे कुच्छ वक़्त दो......सोचने के लिए......................

राजेश: ठीक है...पर ना मत कहना....लड़का बहुत अच्छा है...देल्ही का है...उसके मा बाप नही है...अकेले रहता है...एक छ्होटी बहन है ...जो मॅरीड है.

आप कहो तो मे बात करू.

स्मृति: मेने कहा ना कि वक़्त दो..............

राजेश: ठीक है....खाना बन गया क्या?

स्मरीत: मा बना रही है......1/2 घंटा. लगेंगा...

राजेश: ठीक है...आप भी फ्रेश हो लो......मेने आपका बाथरूम और टवल इस्तेमाल किया....थॅंक्स

स्मृति: थॅंक्स की ज़रूरत नही....ये आपका ही है..........

राजेश: आप बहुत खूबसूरत है.

स्मृति: आप फ्लर्ट कर रहे है.......?

राजेश: नही.....हक़ीकत बता रहा हू.

स्मृति: थॅंक्स..............रश्मि जान जाएगी तो बुरा होगा

राजेश: तुम उसकी फ़िक्र मत करो....वो एक समझदार बीबी है.

सरिती: कैसे?

राजेश: मेने कई लड़कियो से संपर्क किया है...जिसका पता रश्मि को भी है.

स्मृति: आप कई लड़कियो से???मतलब?

राजेश: यही कि अफीशियल विज़िट होती रहती है....वाइफ साथ रह नही सकती...तो एंटरटेनमेंट के लिए सेक्स करता हू.

स्मृति: पर रश्मि को बुरा नही लगता.

राजेश: बुरा तो लगता होगा...पर वो कुच्छ नही बोलती..............मे आदत से मजबूर जो हू

स्मिति: आप बहुत बदमास है.

राजेश: क्या करू? सेक्स चाहिए....सेक्स के वगैर एक रात भी गुज़ारना मुस्किल है. अब देखो ना अगर रश्मि होती तो आज की रात रंगीन होती......लगता है आज की रात मूठ मार कर ही सोना होगा...

स्मरती:हूऊऊऊऊओ और अपने मुँह पर हाथ रखते हुए बुरी तरह शर्मा कर भाग गयी.................................................

राजेश भी ठहाका मार कर हस्ने लगा....फिर कुर्ता और पयज़ामा पह्न लिया और फिर डिन्निंग टेबल पर आ गया............................

डिन्नर करने के बाद स्मृति के पापा ने कहा कि बेटा राजेश बेटा को उपर वाला रूम मे ले जाओ......और हां सॉफ चादर और बेड लगा देना......

स्मृति: जी पापा............

राजेश: नही बाबूजी मे होटेल चला जाता हू

स्मृति के पापा: अरे बेटा एक रात हम लोगो के साथ सो जाओ....सुबह चले जाना.

राजेश कुच्छ नही बोला...............वो तो चाहता ही था कि स्मृति का कंपनी मिले आज की रात............उसने स्मृति को देखते हुए कहा....ठीक है.....सुबह 9 बजे ऑफीस जाना है.......तो अभी सो जाना होगा.....

स्मृति और राजेश उपर आ गये................लॉक खोलने के बाद स्मृति ने कहा...ये रूम रश्मि का है....जब वो आती है तभी ये रूम सॉफ सफाई होती है...पर 2 दिन पहले मेने ही सॉफ किया है...सिर्फ़ बेड चेंज करने होगे...एक वाइट चादर और बेड लगा दिया...........................

राजेश:तुम कहाँ सोवोगि.......

स्मृति:मेरा कमरा बगल मे है...अगर किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो बता दीजिएगा.....गुड नाइट

राजेश: ने उसका हाथ पकड़कर कहा...अभी गुड नाइट नही....बाते करते है..नींद नही आएगी........................

स्मृति: पर मुझे आ रही है.....कल स्कूल भी जाना है.................मे चलु

राजेश: ठीक है भाई..................

स्मृति वन्हा से चली गयी..पर फिर वो क्या सोचकर नीचे किचन मे आ गयी वन्हा से एक ग्लास दूध लेकर फिर राजेश के रूम मे आ गयी.दरवाजा खटखाया

राजेश ने दरवाजा खोला......................

स्मृति: अरे ये क्या....आपने तो कपड़े खोल दिए..............और वो शर्मा गयी

राजेश: मुझे नंगा सोना अच्छा लगता है....

स्मृति: पर किसी औरत के सामने नंगा रहना ठीक नही है...........

राजेश: अब हमे क्या मालूम कि आप दुबारा आएँगी..............

राजेश ने पास पड़ा एक टॉवेल लपेट लिया.

स्मृति: ये दूध लाई हू............ये लीजिए.....

राजेश ने दूध स्मृति के हाथो से ले लिया...इसी बहाने उसका हाथ स्मृति से टच हो गया....स्मृति को करेंट सा लगा...............राजेश दूध को अपने हाथो मे लेकर दूध पीने लगा....एक शिप लेने के बाद स्मृति के हाथो मे देते हुए कहा............तुम भी तो एक शिप लो...............

स्मृति: ये तो आपके लिए है...मे ले चुकी हू...और वैसे भी मेरा पेट खराब है. दूध नही पी सकती...........

राजेश: क्या हुआ......................

स्मृति: सुबह से लूस मोशन हो रही है.

राजेश: अरे तो दवाई क्यो नही ली

स्मृति: दवाई ली है.......तभी तो कंट्रोल है.................

राजेश: पर तुम तो खाना खा चुकी हो.....इसमे तो खाना नही खाते है

स्मृति: मे हल्की ली हू...और दही पी है....

राजेश: ओह............और दुबारा शिप लेने लगा....तभी उसे एक शरारत सूझी...उसने दुबारा स्मृति को शिप लेने को दबाब डाला......डार्लिंग एक शिप प्लीज़....

राजेश की आँखो मे नशा तेर गया था.....

स्मृति चौंकी...फिर मुस्कुराते हुए एक शिप ले ली.........अब खुस

राजेश: काफ़ी मीठा हो गया ये दूध...तुम्हारे होंठो की शिप से.

स्मृति: धात...............क्यो रश्मि के होंठ अच्छे नही हैं क्या

राजेश: वो तो है ही...पर तुम बहुत नमकीन हो

स्मृति: ओह........हो................और अपने होंठ गोल बना लिए.

राजेश: आपसे एक रिक्वेस्ट है..........

स्मृति: क्या?

राजेश: आप यही सो जाओ................

राजेश: सोफे पर सो जाऊँगा और तुम बेड पर........कोई दिक्कत नही होगी

स्मृति: पर क्यो??? आप गेस्ट है...दिक्कत होगी......और फिर मेरा पेट खराब है....बार बार टाय्लेट जाना होता है...इस रूम टाय्लेट है नही...........मेरे रूम मे अटॅच्ड बाथरूम है..........

राजेश: जब ज़रूरत होगी तो मे ले जाऊँगा टाय्लेट...प्लीज़ लेट जाओ यही...और अपना हाथ जोड़ लिया............स्मृति हस दी..........उसे राजेश का फ्लर्ट करना अच्छा लग रहा था.........................

स्मृति: ठीक है...पर कोई शरारत नही

राजेश: शुवर...............नतिंग टू वरी

स्मृति: ह्म्‍म्म तो मे अपना बेड लेकेर आती हू

राजेश: थॅंक्स..........चलो मे भी चलता हू

दोनो स्मृति के कमरे मे आ गये...और फिर बेड ले कर वापस रश्मि के कमरे मे आ गये..............................अब खुस.

राजेश मुस्कुरा दिया.........आप वाकई बहुत अच्छी है....रश्मि काफ़ी तारीफ़ करती है.

स्मृति: ह्म्म्म और क्या कहती है रश्मि मेरे बारे मे

राजेश: कहती है मेरी दीदी काफ़ी नमकीन है..सेक्सी है.

स्मृति: आप फिर सुरू हो गये...........और फिर अपने बेड पर सोने लगी

पीठ के बल सोने का नाटक करने लगी. राजेश उसके सिरहाने पर बैठ गया और अपना एक हाथ को उसके सिर पर रख दिया और सहलाते हुए आगे कहा............

राजेश: नही ऐसी बात नही आप वाकई बहुत अच्छी है...तभी तो ब्रजेश भाई ने आपसे शादी की..............................

ब्रजेश का नाम सुनते ही उसकी आँखे नम हो गयी.....वो उठ कर बैठ गयी और अपना सिर घुटने मे दबा कर सिसकने लगी. राजेश को लगा कि वो क्या कह गया....वो स्मृति को पुच्कार्ते हुए है....सॉरी...आप के मन के तार को छेड़ दिया...मुझे ऐसा करना आपके मन को ठेस पहुँचाना नही था..................आपको खुस देखना चाहता था....................

स्मृति: कोई बात नही...........मे ठीक हू

राजेश: तो फिर ये लो...आखरी घूँट....दूध का....

स्मृति: अरे आप अभी तक पिया नही?

राजेश:मे आक्च्युयली दूध नही पीता.....मे कुच्छ और पीता हू.

स्मृति: कुच्छ और मीन्स?

राजेश: मे वो दूध पिता हू...जो औरत के पास होती है....रश्मि होती तो मिल सकती थी...पर अब तो........

स्मृति:बुरी तरह शर्मा गयी...............बोली कुच्छ नही.

अब स्मृति लाइट बंद करने लगी............तो राजेश ने उसे मना कर दिया.....

स्मृति: अरे लाइट मे मुझे नींद नही आएगी

राजेश: मुझे आती है ...तुम सोने की कोशिश करो

स्मृति: बोली कुच्छ नही.....स्मृति इस समय वाइट साड़ी पहने हुई थी

राजेश: तुम कपड़े चेंज नही करोगी

स्मृति: नही कोई बात नही...ये सूती साड़ी है....कंफर्टबल

राजेश: मेरे कहने का मतलब है नाइटी पह्न लेती

स्मृति: मेरी नाइटी मा के कमरे मे है.....नीचे जाना होगा...

राजेश: तो फिर साड़ी उतार दो....डरते हुए कहा.

स्मृति:क्यो????

राजेश: कंफर्टबल के लिए....ब्लाउस और पेटिकोट तो है ही.....सीने पर टवल रख लेना....और अगर बुरा ना लगे तो टवल मत रखना.

स्मृति: मुझे शर्म आती है...

राजेश: ऐज यू विश....चलो सोते है....

स्मृति: ठीक है उतार देती हू...और खड़ी हो गयी और फिर अपनी साड़ी को उतारने लगी...........थोड़ी देर मे ही वो एक ब्लाउस और पेटिकोट मे आ गयी....अंदर एक ब्लॅक ब्रा और पॅंटी थी.....जो कि बाहर से दिख रही थी.....एक तो स्मृति गोरी चित्ति....मांसल चुचिया और मोटी गांद...उसपे ब्लॅक पॅंटी और ब्रा ...ग़ज़ब की दिख रही थी....स्मृति को शर्म आ रही थी......राजेश उसके बदन को देखे जा रहा था...तभी उसने भाग कर लाइट स्विच ऑफ कर दिया.....और बोली....सो जाओ................

राजेश भी कुच्छ नही कह सका...और वो सोने का नाटक करने लगा......................

क्रमशः...................
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05-10-2019, 07:24 PM,
#23
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-11

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा इस कहानी का ग्यारहवाँ पार्ट लेकर हाजिर हूँ

थोड़ी देर बाद ही राजेश खर्राटे लेने लगा...पर स्मृति को नींद नही आ रही थी......उसने उठ कर लाइट जला दी...और राजेश को देखने लगी.....राजेश सिर्फ़ एक टवल जो कि उसकी कमर मे बँधा हुआ था...उसकी कमर के पास एक तकिया था..जिस्पर उसका लंड रगड़ रहा था...वो नींद मे किसी को चोद रहा था....लंड पिल्लो मे धंसा हुआ था.....स्मृति को शर्म आ रही थी....उसका मन हुआ कि राजेश का लंड देखा जाए..वो राजेश के बगल मे बैठ गयी और पिल्लो को हटाने लगी...थोड़ी देर बाद पिल्लो हट गया ...अब स्मृति के सामने ही राजेश का 8" लंड लंबा था.....काफ़ी मोटो...गोरा और लंबा......स्मृति सुरू मे शरमाई फिर झुक कर लंड को नज़दीक से देखने लगी...............लंड क्या था टॉप था.................स्मृति को राजेश का लंड पसंद आ गया...उसने एक हाथ की उंगलियो से उसे टच किया....राजेश सिहर गया .....स्मृति को डर लग रहा था...उसकी साँसे चलने लगी............एक बार और अपनी उंगली से टच किया.....फिर वैसा ही हुआ......अब राजेश पीठ के बल लेट गया औ अपने दोनो पैर फैला दिए.....टॉवेल्ल नीचे गिर गया...इस अवस्था मे उसका लंड हवा मे लहराने लगा...लंड छत की तरफ मुँह करके खड़ा हुआ था......स्मृति पलंग के नीचे से दुबारा निकली और बेड पर बैठते हुए लंड को अपने हाथो से पकड़ा और झुक कर उपेर एक किस दे दी..................लंड की गंध और स्वाद बहुत अच्छा लगा...स्मृति को....इससे पहले कभी भी किसी मर्द का लंड नही चूसा-चटा था...पर पता नही उसे ऐसा करने को वो मजबूर हो गयी........इस बार उसने अपना मुँह खोल कर पूरे लंड का सूपड़ा मुँह मे लेने की चेस्टा करने लगी...............पर दाँत लंड के सुपाडे मे लग गये.....राजेश दर्द से चिल्ला उठा..वो उठ कर बैठ गया....और स्मृति को देखने लगा...इससे पहले स्मृति वहाँ से उठती...राजेश ने उसका हाथ पकड़कर अपने उपेर खींच लिया और बिना कुच्छ कहे उसे नीचे गिरा कर उसके होंठो को चूसने लगा..............................स्मृति.उअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह काहह करने लगी....................अब वो करे भी तो क्या.....उसकी चोरी पकड़ी गयी.........

अतः उसने फ़ैसला क्या...जो होगा देखा जाएगा........उसने भी अपने होंठ खोल दिए और राजेश की जीव को अपने मुँह मे भर ली.....राजेश समझ गया कि माल गरम है...उसने उसे बाँहो मे लिया और फिर पूरे बदन को नाप लिया...उसकी चुचियो को अपने हाथो मे लेकर दबाने लगा.............................स्मृति अपनी आँखे बंद किए हुए थी........

राजेश उसे पटक कर उसपे चढ़ गया…..स्मृति पीठ के बल हो गयी और राजेश उसके उप्पेर….लंड उसके पेटिकोट मे धंसा जा रहा था…………..स्मृति को मज़ा आ रहा था…आज बहुत दिनो के बाद कोई उसके शरीर को भोग रहा था…वो भी राजेश को किस किए जा रही थी… वो राजेश को सुरू से ही पसंद करती थी….आअहह स्मृति कराह उठी…..राजेश अब उसकी कमर मे बाँहे डाल कर उसे ज़ोर से दबाने लगा….स्मृति को काफ़ी मज़ा आने लगा……………………अब राजेश उसका ब्लाउस खोलने लगा…पर स्मृति ने मना कर दिया….तब राजेश ने उसके पेटिकोट मे हाथ डाल दिया…..पर स्मृति उसके लिए भी तैयार नही हुई….और .बोली…मैं आपकी नींद आने के लिए ये सब कर रही हू….ताकि आपको अपनी पत्नी की याद ना आए…समझे…और मुस्कुरा दी…..राजेश भी मुस्कुरा दिया…पर फिर उसने बोला….

राजेश: पर ये तो पाप है….प्यासे को प्यासा रखना

स्मृति: प्यासे को पानी देखने को मिल रहा है ये ही काफ़ी है.

राजेश: वैसा पानी किस काम जो प्यास को और बढ़ा दे.

स्मृति: अगर प्यास पूरी करनी है तो वेट करना होगा….

राजेश: हां हां मैं वेट करने को तयार हू….पर प्यासा नही रह सकता..

स्मृति: तो फिर 2 दिन बाद रश्मि के पास जा ही रहे हो….प्यास पूरी हो जाएगी.

राजेश: ओहूऊ ये क्या बात हुई…वो तो मेरी बीबी है….और फिर प्यास आज लगी है पानी 2 दिन बाद मिलेगा…………..प्लीज़ यार….मत तद्पाओ……………..स्मृति उसे देखती रही…आज पहली बार कोई मर्द उसके आगे गिड़गिदा रहा था….उसे मज़ा आ रहा था….वो बोली….प्लीज़ समझा करो…मैं तुम्हारी बीबी नही हू…मैं एक विडो हू…अगर कुच्छ गड़बड़ हो गयी तो मैं किसी को मुँह दिखाने लायक नही रहूंगी…और फिर मेरे मा+पापा जीते जी मर जाएँगे….प्लीज़ राजेश आइ लव बट आइ कॅंट एबल टू रिक्ट फिज़िकल रीलेशन.

राजेश का मूड खराब हो गया वो बाथरूम मे चला गया और मूठ मार कर ठंडा हुआ..फिर अपने बिस्तेर मे सो गया………………………………………………..

स्मृति वही पर अपने बिस्तेर मे खामोस लेटी रही….वो आज के घटना क्रम पर अफ़सोस और आश्चर्य व्यक्त करने लगी………………….तभी उसकी आँख लग गयी……

सुबह उठते ही वो किचन मे आ गयी………………….जब चाय लेकर राजेश के रूम मे गयी तो राजेश वहाँ नही था……उसने अपने मा पापा को चाय दी…पुच्छने पर उसके पापा ने बताया कि राजेश का फोन आया था सो वो ऑफीस चला गया……………………….बोला कि शाम को आएगा…..

स्मृति को कुच्छ अच्छा नही लगा…पर वो कर ही क्या सकती थी…उसकी भी कुच्छ मर्यादा थी…..

वो भारी मन से चाय पी फिर टाय्लेट मे जाकर फ्रेश हो गयी..फिर खाना खाकर वो भी स्कूल चली गयी………………………………………………

शाम को 6 बजे स्मृति के मोबाइल पर स्मस आया कि वो अब देल्ही जा रहा है…….सी यू सून बेबी… और राजेश देल्ही आ गया…………………………………………………………………………………………………………………………

पर अब जब राजेश को पता चला कि स्मृति वापस देल्ही उसके घर पर आ रही है तो उसकी ख़ुसीयो का ठिकाना नही था…..वो हर पल उस घड़ी का इंतेज़ार करने लगा…..जब वो स्मृति को देख सके.

सिनिमा हॉल के अंदर काफ़ी भीड़ थी…आज पिक्चर का दूसरा दिन था….फिल्म नयी रहने के वजह से काफ़ी भीड़ इकट्ठा हो गयी…थी….राजेश, रश्मि और राज डीसी क्लास मे अपना अपना टिकेट लिए हुए साइड मे बैठ गये…. पिक्चर सुरू होने मे अभी वक़्त था…..एड चल रहा था…….तभी राज ने कहा….मैं कुच्छ खाने को लेकर आता हू….रश्मि तुम्हे कुच्छ चाहिए…………..तो बता दो….और राजेश तुम्हे?

दोनो एक साथ बोले….बर्गर आंड कोल्ड ड्रिंक ले आओ…और हन पानी का एक बॉटल भी………………

राज ने सिनिमा से बाहर एक स्टॉल से ये सारा सामान खरीद लिया …फिर वापस आकर अपने सीट पर बैठ गया………रश्मि और राजेश बाते कर रहे थे…..राज अपनी सीट पर बैठ गया……फिल्म सुरू हो चुकी थी……फिल्म का एंजाय लेने लगे…..फिल्म मे कुच्छ बोल्ड सीन थे जिसे देखकर दोनो लड़को का लंड खड़ा हो चुक्का था…..रश्मि अपना सिर नीचे किए हुए फिल्म देख रही थी….रश्मि इन दोनो मर्दो के बीच मे बैठी हुई थी…जिससे कि उसकी एक एक चुची दोनो के बाजू से टच कर रही थी…..राज ने अपना हाथ लेजाकार उसकी चुचियो को सहला दिया…..सेम चीज़ राजेश ने किया….रश्मि इस पल का मज़े ले रही थी….लेकिन जब कटरीना कॅफ और ऋतिक रोशन का किस सीन और फिर टमाटर रगड़ने का सीन चल रहा था.....राज ने चुपके से अपना हाथ रश्मि की बाई चुची पर रख दिया....दूसरी तरफ राजेश ने भी अपना हाथ रश्मि की दाई चुची पर रख दिया.....रश्मि को कुच्छ समझ मे नही आ रहा था कि करे तो क्या करे.....यू पब्लिक प्लेस मैं अपने पति को मना करे या अपने जेठ को......

रश्मि ने अपने आपको परिस्थिति के हवाले करते हुए रहना ही उचित समझा...वो अब एंजाय करने लगी....अपनी दोनो चुचियो को आँचल से ढँक लिया ताकि दोनो के हाथ को कोई और ना देख ले.......उधेर पर्दे पर हृतिक रोशन.... कैटरीना कैफ़ के होंठ चूस रहा था और इधर दोनो भाई उसकी चुचियो को दबा रहे थे....राजेश आगे बढ़ कर रश्मि के होंठो को किस करने लगा..पर अनबलेन्स हो गया.....और उसका हाथ राज के हाथ से टकरा गया...उस समय राज का हाथ भी रश्मि के ब्लाउस के अंदर था....उसने गौर से अपने बड़े भाई को देखा....राज का ध्यान पर्दे पर था...वो कुच्छ नही बोला और अपना काम सुरू कर दिया......इन 1 1/2 घंटे मे वो पागल बन गयी ...दोनो के सेडक्षन से काफ़ी हॉट हो गयी थी....चूत का पानी यू बन रहा था....उसका अब फिल्म मे मन नही लग रहा था.....सोचा इससे अच्छा होता कि घर पर ही सेक्स किया जाए...तभी रश्मि राजेश के कान मे बोली..............चलो घर...मुझे अच्छा नही लग रहा है....पब्लिक प्लेस मे तुम परेशान करो...............राजेश कुच्छ नही बोला.....सिर्फ़ मुस्कुरा दिया................तभी इंटेरवेल हो गया...तीनो ठीक से बैठ गये.....राजेश ने कहा.....भैया फिल्म आप देखो हमलोग चलते है.....राज कुच्छ नही बोला सिर्फ़ रश्मि के उतरे हुए चेहरे को देख रहा था.....ठीक है तो चलो...मैं भी चलता हू.....किसी और दिन देखा जाएगा...और तीनो घर आ गये......
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05-10-2019, 07:24 PM,
#24
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
घर पर कमला आ गयी थी....खाना बन चुका था....दरवाजा खोलते ही कमला ने कहा: आ गये.......कैसी लगी फिल्म?

राज: फिल्म तो अच्छी थी पर पूरी ना देख सके.

कमला: क्यो?

राज: अरे भाई ग़लती हमसे ही होगयी...इतने दिन बाद राजेश घर आया है..और मैं हू कि फिल्म देखने का ऑफर कर दिया.......रश्मि काफ़ी हॉट होगयी थी...

सबके सामने यू कहना रश्मि को अच्छा नही लगा...वो अपने रूम मे चली गयी...पर वो जानती थी कि राज को फ्लर्ट और ओपन सेक्स करने की आदत है....

उधेर राजेशने भी कोई रिक्ट नही किया...वो फ्रेश होने बाथरूम मे चला गया...

थोड़ी देर बाद चारो ने खाना खाया और फिर अपने अपने रूम मे आ गये...

उधेर राजेश रश्मि को पूरी नंगी करके उसकी चुदाई करने लगा...और इधेर राज भी अपनी बीबी को चोद रहा था...................................चुदाई आज इतनी ज़ोर की थी कि दोनो की आवाज़े बाहर आ रही थी.....

राज कमला को रश्मि समझ कर चोद रहा था....और उधेर राजेश रश्मि को स्मृति समझ कर...क्योकि जब से स्मृति के आने का सुना है कई बार मूठ मार चुका था.......................................................दोनो का लंड काफ़ी बड़ा और मोटा हो चुका था..और झरने का नाम ही नही ले रहा था...

कमला: डार्लिंग...क्या बात है..आज तो हमे कच्चा खाने का इरादा है क्या...क्या बात है...आज तो ये महाराज काफ़ी हॉट लग रहे है.

राज कुच्छ नही बोला...सिर्फ़ चुदाई मे लगा रहा............................

उधेर राजेश भी अपनी वाइफ को ऐसे चोद रहा था जब उसने स्मृति को फ्लर्ट और उसके साथ सेक्स का मज़ा लिया था.....................................................

तभी राज के मुँह से एक शब्द निकला: लव यू रश्मि.....आआहह

ये सुनते ही कमला मुस्कुरा दी ...बोली...क्या बात है रश्मि का नाम लिया जा रहा है...लगता है होटेल का नशा अभी उतरा नही है जनाब का..............

राज सिर्फ़ मुस्कुरा दिया...और धक्के लगाने लगा...और अंत मे झार गया और वो कमला के उपेर ढेर हो गया....उधेर रश्मि भी झार गयी और राजेश भी...

सुबह तक ये दौर 3 बार चला................रश्मि और कमला काफ़ी थक चुकी थी....और राजेश और राज भी........................पर दोनो के मन से कोई बोझ हट चुका था....ऐसा लग रहा था.....................

सुबह नाश्ता करके राजेश ऑफीस चला गया और राज शॉप......रश्मि और कमला आपस मे बाते करने लगी...

रशमी: कैसा लगा दीदी...रात मे

कमला: तुम अपना बताओ.....कई दिन से महाराज टूर पर थे...कैसा लगा लंड

रश्मि: मत पुछो दीदी....जबरदस्त...पर भैया जैसा नही.

कमला: क्यो?

रश्मि: उनका तो कहना ही कुच्छ और है ...और जब ज़ोर ज़ोर से झटके देते है ना तो मत पुछो..............

कमला: चुप बेशर्म...सुबह सुबह सुरू होगयी....मैं चली मुझे काम है....उई म्‍म्म्माआ मर गयी

रश्मि: क्या हुआ दीदी...

कमला: कमिने ने इतने ज़ोर ज़ोर से चोदा है कि अभी भी टाँगो मे दर्द है.

रश्मि: टाँगो मे या.........................??????

कमला: तुम फिर ..................पिटेगी मेरे से...और शर्मा कर रश्मि को गले लगा लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रश्मि भी फ्रेश होने चली गयी..........

रश्मि ने पूजा करने के बाद राजेश को फोन लगाया....

रश्मि: सुनो......शाम को 6 बजे स्टेशन चले जाना...दीदी को रिसीव कर लेना.....

राजेश: ठीक है...मैं चला जाउन्गा.....

रश्मि: कोई पेन किल्लर ले के आना......टाँगो मे दर्द है मेरे और दीदी को भी.

राजेश: ठीक है मेरी जान...तुम चिंता मत करो............शाम को मिलते है.

और फोन कट गया...........................................

राजेश ठीक शाम के 6 बजे न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन चला गया……ट्रेन पहले से ही स्टेशन पर लग चुकी थी…….वो अपनी सांसो को नियंत्रण करते हुए रेस्पेक्टिव बॉगीस मे स्मृति को ढूँढ रहा था…ये भगवान……ये ट्रॅफिक मैं देर हो गया….क्या सोचेगी मेरे बारे मे…और फिर रश्मि तो मुझे कच्चा खा जाएगी………………वो परेशान हो चुक्का था…अंत मे हार कर वही एक चेर पर बैठ गया….तभी उसे फोन आया……राजेश फोन का नम्बेर. देखते ही चौंक गया और खुस होकर फोन रिसीव किया………….

स्मृति: हाई……वेर आर यू???

राजेश: आइ आम इन प्लॅटफॉर्म न. 6………

स्मृति: प्ल. न. 6 पे तो मैं भी हू…..इनसाइड दा स्टेर……

राजेश: ओह…आइ आम जस्ट कमिंग…और दौड़ कर भागा………..राजेश ने देखा कि एक नीली जीन्स और येल्लो कुर्ता मे स्मृति हाथो मे बॅग लिए हुए दीवार पर लगे आड्व्ट. को देख रही थी…तभी राजेश ने पीछे से उसे टोका…….हाई…..गुड ईव्निंग….स्मृति ने टर्न किया और एक लंबी स्माइल देते हुए हेलो किया और हाथ बढ़ा दिया…………….

राजेश: वाउ…व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़….यू लुक सेक्सी इन जीन्स और कुर्ता. आइ लाइक इट…

स्मृति: थॅंक्स यू………………..और एक स्माइल कर दी.

राजेश ने रश्मि से वो बॅग ले लिया और उसके एक हाथ को पकड़े हुए प्लॅटफॉर्म से बाहर आ गया…..एक टॅक्सी करके वो सीधे घर आ गये….

घर पेर रश्मि और कमला ने उसका गरम्जोशी से स्वागत किया……………….रश्मि अपनी बहन के गले लग गयी और उसे वेलकम किया…………कमला ने भी उसका स्वागत किया………राजेश बहुत खुस था…वो अपनी साली को अपनी बाँहो मे लेना चाहता था…पर इन औरतो के वजह से उसे समय नही मिल रहा था.

लेकिन जब रश्मि ने स्मृति से कहा…..

रश्मि: दीदी अब तुम फ्रेश हो जाओ…मैं चाय बनती हू……रश्मि किचन मे चली गयी…..स्मृति को बाथरूम दिखा दिया गया…..वो एक टवल और कुच्छ कपड़े ले कर बाथरूम मई घुस गयी…..राजेश सब कुच्छ देख रहा था…..मौका देख कर वो भी बाथरूम के पास गया और नॉक किया….दरवाजा अंदर से बंद था…………………………………………..

स्मृति: कौन?

राजेश: स्मृति मैं हू?

स्मृति: ओह……अभी आई….और उसने दरवाजा खोल दिया………………..क्या बात है….? कुच्छ चाहिए जीजाजी.

राजेश: हां…बस एक किस….

स्मृति: आपका दिमाग़ तो खराब नही हो गया …अपने घर मे मेरी किरकिरी कारवाओगे क्या….आप जाइए यहाँ से या रस्मी को बुलाऊ

राजेश: नही भाई ..मैं चला ही जाता हू…और वो बाथरूम से निकल गया..

स्मृति: ने ओूऊऊऊ चुउउउउउउउउ करते हुए दरवाजा दुबारा बंद कर दिया……………………….

राजेश को ये एक्सपेक्टेशन नही था..वो अपने कमरे मे आ गया….और चाय पीने लगा….

राजेश: रश्मि…मैं बाजार जा रहा हू…कुच्छ मंगवाना है क्या?

रश्मि: हां…रूको…. थोड़ी देर बाद एक थैला लेकर वो आ गई

कुच्छ सब्जी ले के आना और दूध भी जल्दी लेके आओ..और हाँ मेरी दवाई ले के आए?

राजेश: हां फ्रीज़ के उपर रखी हुई है….एक गोली अभी खा लो और एक गोली रात मे सोते वक़्त.

राजेश वहाँ से चला गया…….करीब 45 मीं के बाद वो वापस घर आ गया….उसकी आँखे स्मृति को ढूँढ रही थी…पर स्मृति कही दिखाई नही दे रही थी….तभी उसने रश्मि से पुच्छ ही लिया.

राजेश: स्मृति कहाँ गयी

रश्मि: वो दीदी के साथ पास वाली पूनम आंटी के पास गयी है…वो बुला रही थी….क्यो ?

राजेश: बस यू ही………………..

रश्मि: रश्मि मुस्कुरा दी…मैं सब समझती हू

राजेश: क्या क्या…मतलब?

रश्मि: अब मेरे से मत कहलवाओ…..इतना परेशान तुम मेरे लिए तो कभी नही हुए….क्यो?

राजेश: ऐसी बात नही है..वो हमारी मेहमान है....ख्याल तो रखना पड़ेगा....

रश्मि: लगता है कुच्छ ज़्यादा ही याराना है.....आपने काफ़ी गुल खिलाए है देहरादून विज़िट के दरम्यान...है ना???

राजेश: क्या मतलब???

रश्मि: वो तो तुम्हे मालूम होगा...?

राजेश: नही नही...ऐसा कुच्छ नही है...तुम्हे ग़लत फ़हमी हुई होगी.

रश्मि: मेरी जान.........मुझे सब मालूम है कि तुम और दीदी क्या क्या किए है....ये हमारी दीदी है ना...ये दीदी नही मेरी बेस्ट फ्रेंड है...इसमे और मुझमे कुच्छ भी च्चिपा हुआ नही है....तुम्हारे देहरादून आने के बाद एक दिन फोन पर मुझे सब कुच्छ बता चुकी थी...................वैसे मुझे कोई आपत्ति नही है....तुम्हारा ससुराल है....खातिरदारी तो होनी ही चाहिए...................

राजेश: ओह............यस...............................

तो फिर मेरी भी सुन लो...मेरे मे और भैया मे कुच्छ भी च्छूपा नही है....

हमलोग कई बार दोनो साथ साथ सेक्स किए है.....तुम्हारे और राज भाई के बीच कुच्छ भी छिपा नही है

क्रमशः..................
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05-10-2019, 07:24 PM,
#25
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-12

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा इस कहानी का बारहवां पार्ट लेकर हाजिर हूँ

रात के 10 बजे रश्मि को चाय बनाने को कहा गया...वो किचन मे चाय बनाने के बाद सभी को सर्व करने लगी....जब वो अपने रूम मे चाय लेकर गयी तो देखा कि राजेश स्मृति को बाँहो मे लिए हुए है और उसे चूम चाट रहा है....स्मृति भी उसके बाल और चेहरे पर किस कर रही है.....रश्मि ने उसे डिस्टर्ब करना उचित नही समझा वो वही पर कोने मे खड़ी रही और दोनो का कारनामा देखने लगी.

राजेश: आहह डार्लिंग....अब रहा नही जाता.....प्लीज़ अपना ब्लाउस निकालो.

स्मृति: नही....रश्मि आ जाएगी...प्लीज़ ऐसा मत करूऊओ

राजेश: उसके चुचियो को दबाते हुए..... मैंअब नही रह सकता.

स्मृति: प्लीज़...मुझे मजबूर माअत्त्त करूऊ पल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लाहह

राजेश: एक बार फिर मैं तुम्हारी इन चुचियो को नग्न देखना चाहता हू....प्लीज़ माइ स्वेट-हार्ट....

स्मृति: पर दरवाजा तो खुला है....उसे तो बंद करो....

राजेश ने दरवाजे की तरफ देखा तो चौंक गया...क्योकि रश्मि उन-दोनो को देखकर मुस्कुरा रही थी.......................................................बोली....अरे पहले चाय पी लो फिर महाभारत सुरू करना............और चाय वही पर रखकर चली गयी.......

स्मृति: चाय पीते हुए.....छीईइ क्या सोचती होगी हमारे बारे मे.....मुझे तो शर्म आती है....

राजेश; अरे इसमे शरमाने की क्या बात है.....मेरी रश्मि बहुत समझदार है...और फिर ये तो उसका ही फ़ैसला है...तुम्हे यहाँ लाने का......क्या तुम्हे नही मालूम?

वो तुम्हे फिर से सुहागन देखना चाहती है...तभी तो मैने अपने दोस्त से बात की है तुम्हारे लिए....................और फिर मेरे और तुम्हारे रिस्ते तो है ही जीजा साली के....तो फिर साली आधी घरवाली होती है...........हाआआआआआआआआआ (ठहाका मार कर हस्ने लगा)

स्मृति: तुम्हे ये सब मज़ाक लग रहा है पर मैं क्या करू...मैं एक औरत जो हू और उसपे विडो...............लोग क्या कहेंगे...समाज क्या कहेगा.

राजेश: समाज को मारो गोली.....जब तुम बिध्वा घर पर यू बैठी रहती थी रात रात भर करवटें बदलते रहती थी तो कहाँ गया समाज......तुम मेरी मानो गोली मारो इस समाज को...और फिर हमलोग दुनिया के पहले कपल तो है नही जो ऐसा कर रहे है...इतिहास गवाह है...कि लोगो ने अपने ऐसो-आराम के लिए कितनी औरतो को चोदा है....मैं तो फिर भी संस्कारी हू...........................

स्मृति: चाहे जो हो...हमे ऐसा नही करना चाहिए................................

तभी कमरे मे रश्मि आ जाती है.......बोलती है

रश्मि: अरे भाई क्या चल रहा है...कैसी बदनामी हो जाएगी? ज़रा मैं भी तो सुनू

राजेश: अब तुम ही अपनी बहन को समझाओ

रश्मि: वो तो मैं समझा दूँगी ही...तुम जाकर भैया से मिल लो...बुला रहे है.

राजेश के जाने के बाद रश्मि और स्मृति दोनो चाय की चुस्की के साथ बाते कर रहे थे..........

स्मृति: तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही हो गया है......?

रश्मि: क्यू? क्या हुआ?

स्मृति: तुम सब कुच्छ जानते हुए भी अपने पति को मेरे साथ.....................

रश्मि: तो इसमे बुरा क्या है? तुम एक स्त्री हो और वो भी विडो...तुम्हे भी पूरा हक़ है जीने का.....और फिर जाने वाले तो चले गये.....उनके लिए आँसू बहाना ठीक नही है......अगर जीजाजी होते तो वो भी तुम्हे यू तड़प्ते हुए देखना नही चाहते....मुझे मालूम है कि तुम रात रात भर लंड के लिए तड़पति रहती हो...

स्मृति: रश्मि........माइंड युवर लॅंग्वेज...तुम मेरी छ्होटी बहन हो...

रश्मि: ओह्ह्ह दीदी...अब छ्चोड़ो भी ये छ्होटी और बड़ी....हम दोनो सहेलिया है...और मोहब्बत और जंग मे सब जायज़ है....सो एंजाय वित माइ हब्बी....सुबह बताना कि क्या क्या हुआ.....ओके..................

स्मृति: पर मुझे कुच्छ ठीक नही लग रहा...

रश्मि: सुबह बात करेंगे.....तब तक राजेश भी आ गया....

स्मृति:अपनी नज़रे दीवार की ओर कर ली और रश्मि एक आँख मार कर चली गयी....

थोड़ी देर तक खामोशी रही.....................................फिर राजेश ने आगे बढ़कर स्मिति को पीछे से पकड़ लिया और उसके गर्दन और गाल्लो पर किस करने लगा

स्मृति...आहह क्या करते हो...गुदगुदी होती है....प्लीज़ छ्चोड़ दो

मेरी जान जब लंड तेरी चूत मई जाएगा ना तो देखना कितना मज़ा आएगा...

स्मृति: छीईईईईई कितनी गंदी बाते करते हो.......मुझे पसंद नही

राजेश: तो तुम्हे क्या पसंद है....बैठकर आँसू बहाना...............

स्मृति: कुच्छ नही बोली...वो सिर्फ़ इतना ही बोल सकी......लाइट तो बंद कर दो...मुझे सोना है.

राजेश ने लाइट ऑफ कर दिया और ज़ीरो बल्ब जला दिया...अभी भी धीमी रोशनी थी कमरे मे....अब राजेश उसकी चुचियो को पकड़कर दबाने लगा .....स्मृति आह उह करने लगी.......................................राजेश उसे अपनी बाँहो मे लिए हुए बिस्तेर पर आ गया...और उसके गाउन को खोल दिया...वो बिल्कुल नंगी हो गयी

स्मृति ने तिर्छि नॅज़ारो से राजेश को देखा…राजेश मुस्कुरा रहा था…..उसका लंड हवा मे लहरा रहा रहा था….यू तो स्मृति कुंआरी थी नही पर आज तक उसे ऐसा लंड देखने को मिला नही था….वो आश्चर्य-चकित थी कि ऐसा लंड तो सिर्फ़ इंग्लीश फ़िल्मो (ब्फ) मे ही देखने को मिलता है. स्मृति ने भी अब शरमाना छोड़ दिया था क्योकि वो भी तो मदर-जात नंगी जो थी….उसकी गांद भी राजेश के आँखो की आगे झूल रही थी……..राजेश ने उसे बाँहो मे लिया और बेड पर आ गया…..राजेश को बहुत मन कर रहा था कि वो स्मृति की चूत को देखे ……पर स्मृति अपने दोनो हाथो सेअपनी चूत कोढके हुए थी…..

बेड पर आते ही राजेश ने स्मृति को पीठ के बल लेटा दिया…और जाँघो को चौड़ा करने लगा….और उसके हाथो को हटाने लगा…..पर स्मृति ने ज़ोर से अपनी चूत को ढँक रखा था……..राजेश को शरारत सूझी और उसने स्मृति की गांद मे अपनी एक उंगली घुसा दी……..

स्मृति: उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मर गयी…ये कहाँ डाल रहे हो……आप को शर्म आनी चाहिए…..च्चिईीईईई

राजेश: अब जब तुम मुझे ऐसे ही तड़पाओगी तो मे तो ऐसा करूँगा ही………………और एक गाना गन-गुना दिया…

“चूत से ज़रा नकाब हटा दो मेरे हुजूर” जलवा एक बार दिखा दो मेरे हुजूर……चूत से…………………”

स्मृति:आप बहुत बेशर्म हो….बाहर कोई सुनेगा तो क्या कहेगा…..

राजेश: तभी तो मे कह रहा था…कि अब नखरे करने छोड़ दो और सुरू करो प्रोग्राम.

स्मिरिटी: मुझे शर्म आती है ….जो भी करना हो तुम करो….

राजेश : जी नही…जब तक तुम मेरा साथ नही दोगि मे हाथ भी नही लगाउन्गा….

स्मृति: ऊऊओहूऊओ…..जैसे कि तुम मानने वाले हो………अगर तुम्हारा बस चले तो कच्चा खा जाओ मुझे………ह्म्‍म्म्मम

राजेश: अब छोड़ भी दो नखरा……

स्मृति: जी नही…अगर तुम्हे चाहिए तो तुम आगे बढ़ो…..

राजेश: मेडम…मे ऐसा आसिक़ नही हू…कि साड़ी उठाई और मार दिया चौका….अपना तो एक ही फंडा है……डू सेक्स वित लव.

स्मृति: ह्म्‍म्म्ममममममममम तो फिर ये लो…और स्मृतिने हार मानते हुए अपना हाथ वन्हा से हटा दिया और शर्म के मारे अपनी आँखे मूंद ली………………………

राजेश: ने उसके हाथ को आँखो से हटाते हुए कहा….जी नही ये भी नही चलेगा…..जब मे तुम्हे चोदुन्गा तो तुम मुझे देखोगी और मे तुम्हे….समझी.

स्मृति: मतलब कि तुम मानने वाले नही हो….अच्छा बाबा…ये लो…खुस?

राजेश: हस्ते हुए…थॅंक्स……….और वो झुक कर उसकी चूत को चूम लिया…..वाह…क्या स्मेल है….और क्या स्वाद है…भाई मज़ा आ गया….

स्मृति: अपनी कमर को ऐंठते हुए….छीइ….आपको गंदा नही लगता….यान्हा से मूत निकलती है और आप हो कि चूम रहे हो.

राजेश: मेरी जान …ये तो गंगोत्री है….जहा से गंगा निकलती है…और फिर तुम और मे भी यही से निकले है…….

स्मृति: मुस्कुराते हुए….और तुम उस जगह पे चाटना भी चाहते हो…….है ना….

राजेश: ह्म्‍म्म्म अब तुम समझदार हो गयी हो……देखो….सेक्स मे कुकछ भी गंदा नही होता…जो भी होता है एंजाय्मेंट के लिए होता है…तुम एंजाय करो…बस….बाकी की मुझपर छोड़ दो.
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05-10-2019, 07:25 PM,
#26
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
स्मृति ना बोलना ही उचित समझा…..अब राजेश ने उसके उप्पर सवार हो गया…और अपने लंड का टोपा उसके होंठो से थोड़ी दूरी पर लहराया…..स्मृति को उसकी स्मेल बहुत मादक लग रही थी…..स्मृति का मन तो कर रहा था कि उसके लंड को चूम ले और चाट ले…पर ना जानेक्यो वो ऐसा नही कर पारही थी… अब राजेश ने अपने लंड को और नज़दीक कर दिया…..इतना नज़दीक कि उसके लंड का सूपड़ा स्मृति के होंठ से टकरा गया……स्मृति ने आह किया और फिर अपने होंठ खोल दिए…लंड सीधा उसके मुँह मे चला गया..पर फिर उसने निकाल दिया…….उसे उल्टी लगने लगी…………………………स्मृति उठ गयी…..खाँसते खाँसते उसका बुरा हाल हो गया……राजेश भी घबरा गया…..सोचा…अगर लोग उठ गये तो क्या होगा…..रश्मि क्या सोचेगी…..तभी उसने पानी का ग्लास ले कर उसे दिया……स्मृति ने एक घूँट पानी पिया …उसके बाद वो नॉर्मल हो गयी…..

राजेश: आंड एनी प्राब्लम………………………..पर स्मृति कुच्छ बोली नही………………

थोड़ी देर खामोशी के बाद राजेश ने उसके सिमिलर सो गया और उसके चुचियो से खेलने लगा………………..

राजेश अब स्मृति के चुचियो से खेलते हुए उसे किस करने लगा…स्मृति भी अब नॉर्मल हो गयी थी क्योकि वो एक बार झार चुकी थी….राजेश का लंड काफ़ी बड़ा हो गया था….अब उसे बर्दास्त नही हो रहा था…वो एक हाथ से स्मृति की चूत के दाने को कुरेदने लगा…फलस्वरूप स्मृति की नाक फड़कने लगी…..उसके मुँह से आहह ऊहह की आवाज़ निकलने लगी…जिससे राजेश को पता चल गया कि लोहा गरम है……हथोडा मारने का समय आ गया है…… राजेश स्मृति की जाँघो के बीच बैठ गया लंड को अपने हाथो मे लेकर स्मृति की चूत के होंठो पे रगड़ा…स्मृति के पूरे शरीर मे करेंट सा लगा….वो अपनी जंघे सिकोड़ने लगी……राजेश ने अपने लंड को स्मृति के चूत पे लगाया और एक ज़ोर का शॉट मारा…लंड सीधा चूत के अंदर 4 इंच चला गया……चूँकि स्मृति मॅरीड थी पर 2 साल से वो विधवा थी इस वजह से उसकी चुदाई नही हुई थी…पर आज उसकी चूत कसी सी लग रही थी……चूत की दीवार काफ़ी सख़्त थी….परंतु रस से भरी रहने के कारण राजेश को आसानी हुई लंड को अंदर घुसाने मे………………..अब उसने स्मृति की आँखो मे झाँकते हुए कहा:

राजेश: मेरी जान कैसा लग रहा है….

स्मृति कुच्छ नही बोली………..अहमम्म्म सिर्फ़ मुस्कुरा दी….

राजेश ने अब और ज़ोर से धक्का मारा…पूरा लंड उसके अंदर चला गया…………राजेश ने दुबारा कुरेदना चाहा…….अब बताओ मेरी जान….मेरी रानी और उसके होंठो को अपने होंठ मे लेकर चूसने लगा….और उसके चुचियो को दबाने लगा……..

स्मृति आसमान मे तैरने लगी……….अब 2 साल बाद उसकी चूत की चुदाई हो रही थी…..तुम बाकाई खिलाड़ी हो सेक्स के….मे मान गयी…सिर्फ़ इतना ही कहा………….मुझे पटा कर बिस्तेर तक ले आए……….

राजेश: मेरी रानी आगे आगे देखो होता है क्या………वैसे तुम्हे मालूम ही होगा कि रश्मि आज कल अपने जेठ से चुदवा रही है……………

स्मृति: क्या???? ये मुझे नही मालूम और अपनी नज़रे चुराने लगी.

राजेश: मुझे सब मालूम है कि तुम सब जानती हो…हा ना….

स्मृति: अगर मालूम है तो तुम पुच्छ क्यो रहे हो

राजेश: इसलिए कि मे तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता हू

स्मृति: हां उसने मुझे बताया था..जब वो मस्सूरी मे थी…..आपको बुरा तो नही लगा?

राजेश: अरे नही…..दरअसल मेने ही उसे ऐसा करने को कहा था….

स्मृति: पर क्यो? दुनिया मे कोई भी पति अपने पत्नी को किसी और के बाँहो मे नही देखना चाहता ….तो फिर आप क्यो? मुझे समझ मे नही आया…

राजेश: मे किसी को यू तड़प्ते नही देखना चाहता…मे मुंबई गया था 15 डेज़ के लिए…मे नही चाहता कि मेरी गैर-हज़ारी मे मेरी वाइफ किसी चीज़ (लंड) के लिए तडपे.

स्मृति: ग्रेट…..अब तो धक्के लगाओ……..

राजेश: पर कहाँ?

स्मृति: मेरी चूत मे….(खुस)

राजेश: हाआ …ये लो आह…और वो लंड को पूरा निकाल कर ज़ोर से पेल दिया…..स्मृति चिहुनक गयी…..

स्मृति: अरे बाबा धीरे धीरे …….जान से मारने का इरादा है क्या?

राजेश: नही मेरी जान ….जानसे मारूँगा तो मे ही मर जाऊँगा…..तुम बहुत खूबसूरत हो और ये तुम्हारी चूत…….वाह क्या कहने

स्मृति: और ये चुचिया…इनके बारे मे क्या ख्याल है?

राजेश: वाह री साली….बन गयी छिनाल….चुदक्कर…

स्मृति: माइंड युवर लॅंग्वेज….ऐसी बाते मत करो

राजेश: अरे मेरी जान तुम तो नाराज़ हो गयी ….मे तो ऐसे ही बोल रहा था……….चुदाई के दौरान ऐसी बाते बोलने से जोश और बढ़ता है…

स्मृति: पर मुझे पसंद नही…..चुदाई के समय सिर्फ़ चुदाई होनी चाहिए…………और अगर ओपन लॅंग्वेज बोलना है तो बोल सकते हो…पर गाली नही…प्लीज़….

राजेश: ओके मेरी जान…सॉरी….

स्मृत: सॉरी की ज़रूरत नही………धक्के लगाओ……………….

राजेश: तो ये लो……और ज़ोर से चोद्ने लगा…….पर ये क्या…..खलास……………और धदाम से स्मृति पर गिर गया……………………..

स्मृत: ये क्या किया आपने….? टे टाय फिश……………….

राजेश को शर्मिंदगी हुई…वो कुच्छ नही बोला…सिर्फ़ ज़ोर ज़ोर से हाफने लगा………सॉरी डार्लिंग…कभी कभी ऐसा हो जाता है…………पर तुम परेशान मत हो….1 घंटे. के बाद फिर प्रोग्राम सुरू करूँगा…

पर स्मृति तो पागल सी हो गयी….वो अपनी चूत मे उंगली करने लगी…..थोड़ा राहत हुआ…फिर दौड़ कर बाथरूम मे चली गयी………………………..थोड़ी देर बाद वापस आई……राजेश सो चुक्का था….

स्मृति उसे गौर से देखते हुए सोचने लगी…………………..कैसा आदमी है….? छ्हीईईइ

तभी उसके दरवाजे पर दस्तक हुई….वो चौक गयी….दौर कर गाउन पह्न लिया और राजेश के शरीर पर एक चादर ढँक दिया…….और जा कर दवाजा खोलने लगी……………

दरवाजे पर रश्मि थी…..अंदर आते ही बोली……………..क्या हुआ…तुम चीखी क्यो…………?

स्मृति: ये बात तुम अपने हज़्बेंड से पुछो….मुझे बीच भवर मे छोड़ कर सो गया…

रश्मि सब समझ गयी….पर बोली कुच्छ नही…….तुम सो जाओ ..सुबह बात करते है….और वो चली गयी.

स्मृत: पर मे यान्हा नही सोना चाहती….

रश्मि: तो फिर उप्पर वाले कमरे मे चली जाओ……

और स्मृति वन्हा से चली गयी…पर उसके अंदर एक क्वेस्चन उभार गयी…कि राजेश को आख़िर क्या हो गया है….इतने बड़े लंड का मालिक..और ये हाल………………………..चीईईईईईईईईईईईईईईइ

इससे से तो अच्छा होता कि मैं विडो ही रहती…कम से कम तो समाज का डर तो नही होता….उसने फ़ैसला किया कि वो सुबह ही यान्हा से चली जाएगी…………………..और वो सोने की कोशिश करने लगी………………………

सुबह राजेश जल्दी उठ गया और बिना किसी को बिना बताए चला गया….जब रश्मि रूम मे देखी तो पाया कि वो अपने रूम मे नही है……..वो फोन लगाया…पर फोन स्विच ऑफ था…टेबल पर एक कागज का टुकरा था..जिसपर लिखा था “मुझे खोजने की कोशिश मत करना” मे अब तुम्हारे लायंक नही रहा….मे किसी औरत के लायक नही रहा….रश्मि मुझे माफ़ करना.

लेटर पढ़ते ही रश्मि ज़ोर से चिल्लाई…और भागी भागी राज के पास आई…वो सो रहा था…..

रश्मि: भैया…मे बर्बाद हो गयी…ये ना जाने कहाँ चले गये है…ये देखो…लेटर….

राज: ओह्ह्ह्ह (आँख मलते हुए) पर तुम बताओगी हुआ क्या रश्मि ने उसे राजेश का लिखा हुआ कागज थमा दिया राज ने उसे पढ़ा .

राज ने सिचुयेशन को देखते हुए कहा….घबराने की कोई बात नही है….तुम स्मृति को सम्भालो…मे अभी देखता हू…वो शर्ट पहना…और घर से निकल गया…….राज के जाने के बाद कमला और रश्मि ने रूम की तलासी ली …उसके बाद स्मृति को उठाने लगी………………………………………..

स्मृति: दीदी…मे घर जाना चाहती हू…..प्लीज़ मुझे जाने दो

कमला: ठीक है तुम चली जाना..पर जिस काम के लिए तुम आई हो वो तो कर लो……मेरी सिस्टर (डॉक्टर. नेहा) आज 10 बजे क्लिनिक पर आएगी…तुम इलाज करवा लो…….उसके बाद कल तुम्हे ये (राज) देहरादून छोड़ आएँगे. रश्मि ने भी हामी भरी…………………………………………फिर उसने रश्मि से पूछा…

कमला: क्या तुम्हारे साथ भी ऐसा हो चुक्का है….राजेश को कोई बुराई तो नही.

रश्मि: हां दीदी…कई बार हुआ है…पर मे किसी को बताई नही…सोचा शायद जल्दिबाज़ी मे ऐसा हो गया हो…..स्मृति को इसलिए भेजा कि टेस्ट चेंज होने से वो ठीक हो जाएँगे…पर ये तो उल्टा पड़ गया..दीदी (स्मृति) मुझे माफ़ कर दो….तुम्हारी जवानी को मेने ग़लत हाथो मे दिया है……सॉरी फॉर दट.

स्मृति: कुच्छ नही बोली…वो वान्हा से चली गयी बाथरूम मे……………………रश्मि और कमला उसे देखती रह गयी…..उसके जाने के बाद रश्मि ने कमला से कहा….दीदी एक उपकार कर दो…प्लीज़ नही तो ये पगली अपनी जान दे देगी…मे जानती हू इसका गुस्सा……………………..

कमला: मे क्या कर सकती हू…बोलो?

रश्मि: जिस प्रकार मुझ पर एहसान किया है…..मेरी दीदी पर भी कर दो….

कमला: वो किस तरह

रश्मि: (रश्मि ने कान मे बोली) मेरी दीदी की लाइफ बचा लो……….नही तो वो फिर से विडो बन जाएगी.प्लीज़ बचा लो………….

कमला: ठीक है….तुम चाहो जैसा चाहो कर लो…पर घर के बाहर ये खबर नही जानी चाहिए…वरना बदनामी होगी………………………..

रश्मि: नही होगी दीदी…भरोशा रखो..मे हू ना…..थॅंक्स और कमला को गले लगा लिया……………

कमला: दर असल….राजेश थोड़ा भावुक है…और फिर बचपन से ही ये सेक्स के प्रति लापरवाह है…हमलोगो ने सोचा कि शादी के बाद सुधर जाएगा…पर ये तो उल्टा हो गया……………लेकिन अगर तुम्हारी बहन का फायडा होगा तो मे ये त्याग करने को तैयार हू…पर क्या ये मानेंगे(जेठ जी)

रश्मि: वो आअप मुझे पर छोड़ दो….मे देख लूँगी………………………

क्रमशः.....................
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05-10-2019, 07:25 PM,
#27
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-13

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा इस कहानी का तेरहवाँ पार्ट लेकर हाजिर हूँ अब आगे...................

तभी घर की बेल बजी…..राज अंदर आते ही बोला…..पता नही कहाँ चला गया…कई जगह गया…ऑफीस मे भी फोन किया…कई दोस्तो को भी फोन किया….पर वो कही है ही नही….मे देखता हू …और वो अपने कमरे मे चला गया……………..पीछे -2 कमला भी चली गयी……रश्मि स्मृति के रूम मे चली गयी…………

राज: पर ये कैसे संभव है….ये बात और है कि मे तुम्हारी सिस्टर को चाहता हू…..

रश्मि: अगर आप चाहते है तो फिर दिक्कत क्या है……

राज: पर तुम्हारी सिस्टर सेक्स के लिए कभी तैयार नही होगी…..

रश्मि: वो काम तुम मुझपर छोड़ दो….बस आप उसे जम कर एक बार रगड़ दो…बस….मे ये चाहती हू कि उसे पता चले कि मर्द की ताक़त क्या होती है…..चुदाई क्या होता है…..शादी का असली सुख होता है.. वरना वो निराशा की गहरी खाई मे गिर जाएगी……………………..और अपना फ्यूचर बर्बाद कर लेगी.

राज ने रेश्मि को बाँहो मे ले लिया ….फिर उसके बालो को सहलाते हुए कहा…..डार्लिंग…तुम्हारे लिए तो जान भी दे सकता हू ….ये स्मृति क्या चीज़ है…और फिर पेड़ा खाने मे बुराई भी क्या है….पर हां थोड़ा ज़बरदस्ती भी करनी होगी…क्योकि मुर्गी को हलाल करने के लिए थोड़ा सख्ती करनी पड़ती है….तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही?

रश्मि: मुझे यकीन है कि आपको ज़बरदस्ती करने की ज़रूरत नही होगी……..

राज: इतना भरोसा है तुम्हे अपनी सिस्टर पर…(और फिर रश्मि के आख़िरी कपड़े को भी निकाल दिए), रश्मि बिल्कुल नंगी हो गयी….दर्पण मे अपना रूप देखकर वो बुरी तरह शर्मा गयी…..पर उसने अपने आपको नही च्छुपाया….बल्कि दो कदम आगे बढ़कर उसने राज के गले मे बाँहे डाल दी और उसके होंठो पर किस करने लगी……और बोली…

रश्मि: जेठ जी…………अब तो मे आपकी पार्मेनेंट दुल्हन हो गयी हू….चोदो जी भर के और हां मेरी सिस्टर को जब चोदोगे तो मेरे बारे और आपके रिस्ते के बारे मे ज़िक्र मत करना………..उन्हे अच्छा नही लगेगा.

राज ने अपना हाथ रश्मि की चूत पर रखा…चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी….और होगी क्यो नही…आज 3 दिन हो गये है चुदे हुए….जब से रमेश घर से गया है….सारा परिवार उसी को ढूँढते ढूँढते पागल हो गया है…….पर राजेश का कोई पता नही चला…………………………राज ने आगे बढ़ कर अपने लंड को रश्मि की चूत पे लगाया और एक ज़ोर का झटका मारा…लंड सीधा रश्मि की चूत मे चला गया…..लंड की मुटाई और लंबाई से रश्मि अवगत तो थी ही…वो अपनी आँखे मुन्दे हुए पलंग के मूठ को दोनो हाथो से पकड़े हुए राज के धक्को का साथ अपनी गांद उठा उठा कर दे रही थी…..जिससे राज का जोश चौगुना हो गया था…..लंड और चूत की चुदाई हो रही थी….ऐसा लग रहा था कि मानो पिस्टन चल रहा हो…..चूत के रस से राज का लंड और आंड-कोष बुरी तरह भीग चुके थे…..

अब राज ने रश्मि को पीठ के बल लिटा दिया और उसके उप्पर चढ़ गया….लंड को गहराई मे डालते हुए धक्के लगाने लगा……राज के मुँह से आहाआहहाा…..आहह की आवाज़े आने लगी……आवाज़ इतनी ज़ोर ज़ोर से हो रही थी कि बगल वाले कमरे मे स्मृति के कानो मे ये आवाज़े आ रही थी…

पर वो किसी दूसरी दुनिया मे खोई हुई थी..उसे एहसास हो रहा था जब पहली बार अपने पति से चुदी थी सुहागरात के दिन….और वो फ्लश-बॅक मे चली गयी……

इधर रश्मि और राज के बीच मधुर चुदाई हो रही थी……………क्या मस्त चुदाई चल रही थी….

राज: तुम काफ़ी एक्षपरट हो गयी हो चुदाई मे…

रश्मि: सब आपका आशीर्वाद है

राज: आहमम्म्म...क्या चूत है तुम्हारी....कब से चोद रहा हू पर झड्ने का नाम ही नही ले रही

रश्मि: जनाब आप भी तो कम नही है.....

राज: अच्छा इस बार मे तुम्हारे पिछे वाली की सवारी करना चाहूँगा....

रश्मि: मतलब?

राज: मतलब तुम्हे पता है....गांद

रश्मि: छ्हीई...मुझे गांद नही देनी...और उसमे ऐसा है क्या जो तुम मर्द पागल हुए होते हो.

राज: क्या राजेश भी................???

रश्मि: जी हां....वो भी हमेशा परेशान करते थे...पर मेने कभी दी नही

राज: अब मेरे बारे मे मेडम का क्या इरादा है...

रश्मि: फिलहाल चूत से ही काम चला लो....देखते है.....बहुत बड़ा है आपका लंड....फट जाएगी....मे बर्दस्त नही कर पाउन्गी...

राज: उसकी चिंता मत करो...मे जेल लगाकर करूँगा....

रश्मि: फिलहाल तो धक्के लगाओ...मे अब झरने वाली हू....

राज: चुदाई करने लगा........रश्मि एक झटके के साथ झार गयी

फिर थोड़ी देर बाद राज भी उसपर ढेर हो गया......दरवाजे के एक कोने से स्मृति सब कुच्छ देख रही थी...पर कुच्छ बोली नही....पर जब राज ने अपना लंड रश्मि की चूत से निकाला...तो वो चिहुनक गयी.....जिसे राज और रश्मि ने सुना और चौंक गये....स्मृति वन्हा से भाग गयी.....रश्मि और राज ठहाका मार कर हस्ने लगे

________________________________________

स्मृति ने वन्हा से भाग कर अपने कमरे मे आ गयी और फिर थोड़ी देर बाद गुसलखाने मे चली गयी…अपनी नाइटी उप्पर कर मूतने लगी..क्योकि उसकी चूत मे पेसाब काफ़ी भर चुका था…वो निकली ही थी पेसाब करने…पर जब राज और रश्मि की आहे और उनकी गरम सांशो की आवाज़ बाहर से सुनी तो वो कान लगाकर सुनने लगी और अंत-तह एक सुराग से देखने लगी….कि तभी दवाजा खुल गया और वो अंदर आ कर एक किनारे मे खड़ी होकर सब कुच्छ देखने लगी….वो भूल गयी थी कि उसे क्या करना था…अपने पेशाब को काबू मे करके सब कुच्छ लाइव टेल्कास्ट देखने लगी थी…………………….

पेसाब करने के बाद स्मृति खड़ी हो गयी और जब टर्न की तो देखा कि राज उसे बहुत गौर से देख रहा है और मुस्कुरा रहा है….स्मृति छेन्प गयी….और अपनी नज़र नीचे किए हुए वन्हा से जाने लगी…तभी राज ने उसके एक हाथ को पकड़ा और उसे अपनी बाँहो मे लेना चाहा…पर स्मृति वन्हा से भाग गयी….राज भी उसके पिछे-पिछे भागा…… स्मृति रूम मे जैसे ही आई दरवाजा बंद करना चाहा पर वो बंद नही कर सकी….राज ने दरवाजे को एक ही धक्के मे खोल दिया और आते ही स्मृति को अपनी बाँहो मे ले लिया और उसके होंठो की किस करने लगा…..स्मृति इसके लिए बिल्कुल तैयार नही थी…उसने हल्का विरोध किया और फिर उसे धक्का दे कर दूर किया…

स्मृति: ये…मिस्टर…मुझे ये बिल्कुल पसंद नही है

राज : डार्लिंग…क्या हुआ…मे तो बस वही कर रहा था जो तुम चाह रही थी…

स्मृति: शट-अप……माइंड युवर लॅंग्वेज…..छोड़ो और आप यान्हा से चले जाओ….

राज ने आगे बढ़ कर एक बार और उसे बाँहो मे भरना चाहा…पर स्मृति ने एक ज़ोर का तमाचा उसके मुँह पर मार दिया….राज तिलमिला उठा…क्योकि तमाचा इतना ज़ोर का था कि वो काँप गया…..अब राज के चेहरे पर खून सवार हो गया…वो आगे बढ़ा और उसे अपनी बाँहो मे ले लिया एक हाथ से उसके होंठो को दबाया और दूसरे हाथ से उसकी चुचियो को…और फिर बेड पर पटक दिया….गाउन उप्पर आ चुका था…..राज नंगा था ही…………उसने अपने होंठ स्मृति के होंठों पर रख दिए ….स्मृति….आहमम्म्म करने लगी…छुड़ाने की बहुत कोसिस की….यान्हा तक कि वो अपनी जंघे भी पटाकने लगी…पर राज की गिरफ़्त से अपने आपको बचा नही सकी….उसके आँखो से आँसू आ गये…..पर राज उसे चूमे-चाते जा रहा था…उसके भावनाओ से बेपरवाह…………………..

राज ने अब देखा कि स्मृति काफ़ी हाफ़ रही है तो राज ने उसके होंठो को छोड़ दिया और उसे पीठ के बल लिटा दिया…और फिर अपना लंड स्मृति के आँखो के उप्पर लहराने लगा….स्मृति ने अपनी आँखे बंद कर ली…पर उसकी नाक मे लंड की स्मेल जा रही थी...जो कि काफ़ी अच्छी लग रही थी स्मृति को….इससे एक प्रतिक्रिया ज़रूर हुई कि अब स्मृति के मुँह से कोई आवाज़े नही निकल रही थी…वो सिर्फ़ अपनी आँखे बंद किए हुए थी….और दोनो हाथ पीछे…वो चाहती तो राज के सिर के बाल नोच सकती थी…पर उसने ऐसा नही किया…जिससे कि राज को हौसला बढ़ गया…वो आगे बढ़ गया….राज ने सोचा…अभी नही तो कभी नही…………………………….

राज: देख मेरी जान अगर तुम ज़्यादा नखरे करोगी तो मे तुम्हारी चूत को फाड़ के रख दूँगा…देख रही हो कितना बड़ा है…….और तुम मुझेकुच्छ भी नही कर सकती…और अगर तुम मान गयी तो तुम ऐश करेगी…………………….सोच लो

स्मृति: की आँखो से आंशु रुकने का नाम ही नही ले रहे थे…वो विनती भरी आवाज़ मे बोली….मुझे छोड़ दो….जाने दो…………मुझे बर्बाद मत करो………………

राज: फिर तुम नखरे कर रही. हो…तुम ऐसे नही मनोगी……….और राज ने उसके गाउन को उलट दिया …और चढ्ढि को भी अलग कर दिया……………..वाह….क्या चूत है…एक दम शेव्ड…ऐसा लगता है कि सुबह ही शेव्ड की थी…..स्मृति ने………..अरे मेरी जान जब तुम राजेश से चुद सकती हो तो मुझसे क्यो नही…और वैसे भी राजेश से चुदके क्या मिला???? वो तो तुम्हे टेलर दिखा कर भाग गया….पूरी फिल्म मे दिखाऊंगा…..अगर तुम मान जाओ तो……………और तुम ये भी जानती हो तुम्हारी छ्होटी बहन रश्मि भी मेरी बीबी बन चुकी है….अब बारी तुम्हारी है………..बोलो क्या कहती हो?

स्मरती अपनी नज़रे नीचे किए हुए सिसक रही थी….और राज के हाथ और होंठ उसके पूरे बदन को रगड़ रहे थे………………स्मृति के पूरे सरीर मे कंपन हो रही थी…………….राज ने देर करना उचित नही समझा.....वैसे उसे भी अच्छा नही लग रहा था...पर वो करता क्या ना करता.....आगे बढ़ते हुए अपने लंड को उसकी चूत पे लगाया और एक ज़ोर का झटका मार दिया...लंड सीधे उसकी चूत मे चली गयी....क्योकि रश्मि और राज की चुदाई काफ़ी देर से देख रही थी....सो वो काफ़ी हॉट हो गयी थी......लंड आधे से ज़्यादा चला गया था...राज को कोई मस्सककत नही करनी पड़ी...पर उसे मज़ा आ रहा था...उधेर स्मृति भी अब काफ़ी नॉर्मल हो गयी थी...वो सोच लिया कि अब अगर चुदना ही है तो क्यो ना मज़ा लिया जे...पर उसके होंठ काम नही कर रहे थे.....उसने खामोस रहना ही उचित समझा.....उसकी खामोसी को हां समझते हुए राज आगे का मॅच खेलने लगा.......
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05-10-2019, 07:25 PM,
#28
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राज ने अपने धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया स्मृति के मुँह से ना चाहते हुए भी सिसकारियाँ निकलने लगी प्यासी तो वो पहले से ही थी क्योकि राजेश ने उसे प्यासी छोड़ दिया था

काफ़ी झटके खाने के बाद दोनो स्खलित हो गये....स्मृति पसीने पसीने हो गयी..थी राज भी पसीने से लत-पथ हो गया था....पर दोनो काफ़ी सटिसफेड थे...स्मृति के चेहरे पर एक सुकून था....वही राज के चेहरे पर एक शरारत......वो उसकी आँखो मे झाँककर बोला...

राज:मेडम, अब बताओ...कैसी लगी..

स्मृति: सिर्फ़ शरमाते हुए...धत्टत्त..........आप बहुत बदमाश है...मुझे कही का नही छोड़ा...अब मे क्या करू.........मे तो बर्बाद हो गयी

राज: बर्बाद हो गयी या आबाद

स्मृति: मुस्कुराते हुए...आप एक न. के बहन-चोद हो...अपनी बहन को चोद्ते हो..और अपनी छ्होटी बहू को भी

राज: तो फिर इसमे बुरा क्या है.?? मे जो कुच्छ भी करता हू पार्ट्नर की रज़ामंदी से...ये फर्स्ट टाइम है कि मुझे सख्ती करनी पड़ी.....मे चाहता नही था...पर कोई चारा भी तो नही था...क्योकि तुम इतनी आसानी से मेरे लंड के नीचे आ नही सकती.................आइ आम सो सॉरी

स्मृति: अब सॉरी बोलने से क्या फ़ायदा...अब तो मे लुट चुकी हू..........

थोड़ी देर एक दूसरे को सहलाने के बाद....राज ने स्मृति खींच कर अपनी बाँहो मे ले लिया....और उसके होंठो को चूमने लगा.....

स्मृति: अब तो छोड़ो.....सुबह के 4 बज रहे है...

राज: एक बार और....

स्मृति: नही...अब तक 3 बार हो चुका है...और फिर मे भी थक चुकी हू

राज: पर मे एक बार और लेना चाहता हू.

स्मरती: प्लीज़ ट्राइ टू अंडरस्टॅंड....मेरी योनि मे दर्द हो रहा है...

राज: वो ठीक हो जाएगा....कई साल से न्ही चुदाई हो ना इसलिए ऐसा हो रहा है...इसका इलाज़ चुदाई ही है.....इस बार चोद्ने दो...देखना दर्द ठीक हो जेएगा.

स्मरती: तुम्हे कैसे पता?

राज: बस पता है....मेने अपने जीवन मे कई लड़कियो..औरतो को चोदा है...एक्षपीरियंस है.भाई.....

स्मृति: ह्म्‍म्म्म तुम काफ़ी चोदु इंसान हो....

राज: वो तो मे हू ही....पर तुम भी कम नही हो....जिस तरह पहले नखरे कर रही थी...और फिर सेक्स के लिए साथ दे रही थी....उससे यही अंदाज़ा लगाया जा सकता है..............

स्मृति: वो तो एग्ज़ाइट्मेंट थी......वैसे राजेश से भी ऐसा हुआ था...पर उनके केस मे वो बाजी हर गये थे...और आप जीत गये.....ऐसा क्यू????

राज: वैसे इसलिए है...कि मेडान मे उतरने से पहले काफ़ी तैयारी कर लेनी चाहिए......अपने एमशन को कंट्रोल मे रखना चाहिए....और ज़्यादा वक़्त ओरल सेक्स और सेडक्षन मे लगाना चाहिए...ना कि फिज़िकल टच....मे...

स्मृति;ह्म्‍म्म्म आप तो सेक्स के देवता हो...

राज: और तुम मेनका....मे अब तुमसे प्यार करने लगा हू..और उसपर चढ़ गया..अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और इसबार ज़ोर ज़ोर से चोद्ने लगा.....स्मृति भी काफ़ी हेल्प करने लगी....और करीब 30 मीं की चुदाई के बाद दोनो एक बार और झार गये........झरने के बाद दोनो एक दूसरे पर ढेर हो गये...और सुबह के 8 बजे तक दोनो सोते रहे.........................................................................

सुबह 8 आम रश्मि ने चाय लेकर कमरे मे आई....उस समय स्मृति और राज दोनो एक दूसरे की बाँहो मे नंग-धरन्ग सो रहे थे.....सुरू मे तो रश्मि ठितकी...उसे लगा कि अभी नही जाना चाहिए...पर उसने कुच्छ सोचते हुए वो बेड के पास टेबल पर चाय का ट्रे रख दिया...और फिर स्मृति और राज को उठाने लगी.....राज उठ गया...पर स्मृति नही उठी....वो शायद गहरी नींद मे जो थी.

रश्मि ने एक स्माइल देते हुए कहा....कनग्रॅट्स..........राज ने थॅंक्स कहा और धीरे से उठने की कोशिश की....ताकि स्मृति नही उठ सके...उसकी गांद तक चादर डाल दी....पर चुचिया नंगी ही थी.....उसे ढँकने की कोसिस राज ने नही की...और फिर वो बेड से बाहर बिल्कुल नंगा आ गया....लंड अभी भी लोहे की रोड लग रहा था...राज ने आगे बढ़ कर रश्मि को गले लगा लिया...और उसके होंठो को चूमने लगा.....

रश्मि: हटो...ये क्या कर रहे हो....जाओ फ्रेश हो लो....फिर चाय पी लेना...मे जा रही हुउऊउ...जैसे ही टर्न की राज ने उसे अपनी गोद मे उठा लिया और वही बेड पर पटक दिया और उसके उपर चढ़ गया.....स्मृति उठ गयी....उसने देखा कि रश्मि रूम मे आ चुकी थी....और राज उसके उपर चढ़ा हुआ है....वो शरमाते हुए वन्हा से बाथरूम भाग गयी....

रश्मि: ये क्या करते हो...छोड़ो मुझे...दीदी क्या सोचेगी..

राज: अरे मेरी जान कुच्छ नही सोचेगी...देखा नही कितनी खुस दिख रही है...अब वो मेरे लंड की रानी बन गयी है....ज़्यादा मत सोचो...अब तो वो चाह करकेभी इस रूम से नही जा सकती.....

रश्मि: यही तो मे चाहती थी...कि आप उसे पूरा मर्दाना सुख दो...ताकि वो समझे कि जीवन जीने के लिए है...यू किसी के लिए खराब करने के लिए नही....जाने वाले चले गये...उसे याद करके क्या फयडा.....................

राज: ह्म शायद तुम ठीक कह रही हो...पर मुझसे एक पाप हो गया है..

रश्मि: कैसा पाप....??

माएःस;मेने उसके साथ जानवरो जैसा बीहेव किया है....क्या सोचेगी?

रश्मि: कुच्छ नही सोचेगी.....जब कोई मर्द ...औरत के साथ जानवरो जैसी चुदाई करता है...तो औरत को मज़ा आता है.....और जब मज़ा आता है तो वो सारे गिले सीकवे भूल जाती है............दीदी के साथ भी कुच्छ ऐसा ही हुआ है....तभी वो आपके साथ सुबह तक 4 बार चुदाई है....वरना कोई एक बार भी चोद्ने ना देती.

राज: ये तो तुम ठीक कह रही हो....

रश्मि: अब आप उठेंगे...मे नहा चुकी हू....

राज: नही...मुझे चोद्ना है?

रश्मि: अरे बाबा...सुबह के 9 बज चुके है...नाश्ता बनाना है...दोपहर मे कर लेना.....अब उठ जाओ मेरी जान.

राज: ह्म्‍म्म्म एक किस दे दो...तब

रश्मि: ये लो...ऊऊऊऊऊऊऊओंम्म्मममम और वो उठ कर वन्हा से भाग गयी....तब तक रूम मे स्मृति भी आ गयी..............वो राज से नज़रे नही मिला पा रही थी...उसने गुम-सुम चाय का प्याला लिया और पीने लगी....

राज: कैसा लगा????

स्मृति: क्या?

राज: चाय?

स्मृति: ठीक है

राज: और मेरा वो?

स्मृति: वो?? मतलब???

राज: मतलब....लंड

स्मृति: हमम्म्ममम नाइस....और वो शर्मा कर भाग गयी.....राज ठहाका मार कर हस्ने लगा............

चाय पीकर राज बाथरूम मे चला गया....फिर फ्रेश हो कर नीचे डिन्निंग टेबल पर बैठ गया...जहा घर के सारे सदस्य बैठे थी..और उनका इंतेज़ार कर रहे थे.

कमला: सुनो जी...मैं 2-3 दिन के लिए गाज़ियाबाद जाना चाहती हू..नेहा ने बुलाया है....बोल रही थी कि उसकी कमर मे दर्द है...और ब्लीडिंग भी हो रही है.

राज:अरे ......वो डॉक्टर है...तुम वन्हा जाकर क्या करोगी.

कमला: हेल्प के लिए बुलाया है.

राज: कैसी हेल्प?

कमला: उसके घर मे कोई नही है....उसका पति देल्ही से बाहर गया हुआ है....अकेली घर मे रहती है........

राज: ह्म्‍म्म्मम......ठीक है चलो...मे भी मिल लूँगा.....साली साहिबा कई दिन से क्लिनिक नही आ रही है...क्या बात है...मे सोच रहा था कि कही घूमने गये होंगे....नयी नयी शादी है....हनिमून ..या और कही......अच्छा भाई मे चलता हू...जाते वक़्त चलेंगे....तुम तैयार रहना....और वो वन्हा से चला गया.

रश्मि और स्मृति भी अपने कमरे मे आ गयी.....

क्रमशः..........................
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05-10-2019, 07:25 PM,
#29
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-14

कमरे मे आते ही रश्मि ने स्मृति को गले लगाया और पूछा:

रश्मि: कैसी रही रात मे......

स्मृति: क्या मतलब?

रश्मि: जान कर अंजान मत बनो दीदी...बताओ ना कैसा लगा मेरे जेठ जी का लंड

स्मृति: शरमाते हुए....धत्त्त..

रश्मि:प्ले. दीदी बताओ ना

स्मृति: ठीक था......पर मुझसे ग़लती हो गयी...

रश्मि: वो क्या दीदी

स्मरती: मेने उस बेचारे को थप्पड़ मार दिया था

रश्मि: क्या?????

स्मरती: ह्म्‍म्म्म मेने सॉरी भी माँगी थी...पर उसने कुच्छ नही किया सिर्फ़ चुदाई की

रश्मि: यही तो पनिशमेंट है....

स्मरीत: ये कैसा पनिशमेंट है.....?? पनिशमेंट मे तो पेन मिलता है....ना कि आनंद

रश्मि: आपको कैसा लगा...ये पनिशमेंट

स्मरीत: मत पुछो बहना...मे बहक जाऊंगी.

रश्मि: तो बहक जाओ ना...कौन मना करता है.

स्मृति ने रश्मि को अपनी बाँहो मे ले लिया और बोली:

स्मरती: अब तुम बताओ कि तुम्हारी चुदाई कैसी चल रही है

रश्मि: मस्त.....जब मेने पहली बार होटेल हनिमून मे चुदाई कराई थी तो मे काफ़ी मस्त हो गयी...ऐसा लगता था कि लंड को हमेशा अपने चूत मे डाले रखू.

पर पोलीस ने सब गड़-बॅड कर दी.

स्मरती: कैसी गड़-बॅड?

रश्मि: अरे पोलीस की रेड पड़ी होटेल मे...हमे यानी फीमेल्स को धंधे वाली समझ रहे थे...बहुत मुस्किल से वन्हा से भागे हमलोग...क्योकि रिश्ते तो इल्लीगल है ही.

और फिर जब घर मे ही मलाई मिले तो बाहर जाने की क्या ज़रूरत....तभी से हमलोग घर मे ही हनिमून मनाते है...जी भर के....और फिर तुम्हारी चुदाई भी तो यही हुई......ये (राज) तो चाहते थे कि किसी होटेल मे तुम्हारी चुदाई करी जाए...पर मेने मना कर दिया..........

स्मरीत: धत्त......

रश्मि: अब काहे को शरमाती हो....सील टूटने के बाद औरत को बेशर्म बन जाना चाहिए.

स्मरती: वो तो बन ही गयी हू...और फिर मेरी सील बहुत पहले ही टूट चुकी थी....

रश्मि; वो तो जीजू ने तोड़ी थी..पर भर भी तो गया होगा इतने दिन के बाद.....अब ठीक होगी तुम्हारी चूत....अभी तो दर्द कर रही होगी.

स्मरती: हां...दर्द तो कर रही है अभी भी...

रश्मि: आज की रात भी करवा लो...जम के...फिर नही करेगी

स्मरीत: अरे नही बाबा...अब हिम्मत नही है...

रश्मि: फिर वही??? अरे करा के तो देखो....

स्मरीत: ठीक है पर एक शर्त है.................

रश्मि: शर्त??? वो क्या?

स्मृति: तुम्हे भी बेड पर बिल्कुल नंगी आना होगा...मे चुड़वाऊंगी...पर तुम्हे भी मेरे साथ होना चाहिए...

रश्मि: वाउ....तब तो मज़ा आ जाएगा.....पर ये प्रोग्राम कल रखते है....तुम भी रेस्ट करो.....और वैसे भी ये (राज) नेहा के घर जाएँगे...दीदी रहेगी नही...

भाई वाह मज़ा आ जाएगा....

स्मृति: ह्म्‍म्म्ममममममममम............तुम ठीक कहती हो.....लेट्स सेलेब्रेट..................और उसने आगे बढ़कर अपनी बहन को चूम लिया .

राज अपनी शॉप आ गया था…..वह 3 दिन के बाद शॉप पे आया था …काम ज़्यादा था….पैसे की रिकवरी आंड स्टाफ को सॅलरी भी देनी थी…वो पहले बॅंक गया फिर शॉप पे आ गया… ……शॉप पर काफ़ी भीड़ थी..क्योकि कई दिन से डॉक्टर. नेहा नही आ रही थी….पास वाले डॉक्टर के पास काफ़ी भीड़ उमड़ पड़ी थी..इस वजह से राज की दुकान पर भी काफ़ी भीड़ थी…..राज ने खुद भीड़ को हॅंडल किया….करीब 3 पीएम वो फ्री हुआ…अपने ऑफीस मे आ गया…..इस वजह से वो लंच के लिए घर नही आ सका…..अनिता आज काफ़ी बन-ठन कर आई थी….क्योकि आज अनिता का बर्तडे था और उसका बी.फ़ार्मा के 1स्ट एअर का रिज़ल्ट भी आना था…सो वो सुबह से काफ़ी एग्ज़ाइट्मेंट थी. आज वो वाइट सिल्क साड़ी और मॅचबल ब्लाउस और पेटिकोट पह्न रखी थी….काफ़ी खूबसूरत लग रही थी….आज पता नही राज को क्या हो गया था…आज ज़रूरत से ज़्यादा ही खूबसूरत लग रही थी….उसे देखकर उसका लंड ज़्यादा ही एरेक्ट हो चुक्का था…जब अनिता झुकती थी तो उसके दोनो कबूतर ब्लाउस से बाहर झाँक लेते थे…..जिसे देखकर राज काफ़ी रोमांचित हो रहा था….वो एक टक अनिता को देखे जा रहा था.आ..आज वो उसे गौर से पढ़ रहा था….कि ऐसी क्या बात है इस लड़की मे….जो ना चाहते हुए भी ये इतनी गर्म लग रही है…..

अनिता: ऐसे क्या देख रहे है सर…….(शरमाते हुए) और वो राज के बगल वाले चेर पर बैठ गयी.

राज: तुम आज ज़्यादा ही खूबसूरत लग रही हो…..इसकी क्या वजह है?

अनिता: इसकी दो बजह है…एक तो आज मेरा बर्तडे है …और दूसरा आज मेरा 1स्ट एअर बी.फ़ार्मा का रिज़ल्ट आने वाला है….

राज:अरे……आपने मुझे बताया नही…..मेनी हॅपी रिटर्न्स ऑफ दा डे “जन्म दिन मुबारक हो” और खड़े होकर अनिता के गले लग गया और उसके गाल पर एक पप्पी ले ली……………..

अनिता बुरी तरह लजा गयी…वाउ आहा से भाग कर काउंटर पर आ गयी….उसे जाते देख कर राज ने उसे रोकने की कोसिस की…पर तब तक छ्होटू आ चुक्का था….वो वाक़्य को बदलते हुए…..

राज: छ्होटू….सॅलरी वाउचार बन गया है…

छ्होटू: जी सर…..ये लीजिए……वो गौर से फाइल देखी………और फिर वो छ्होटू को बोला…सभी को बुला लो…

पर स्टाफ तो सिर्फ़ 3 ही थे…..छ्होटू, अनिता और एक सफाई कर्मचारी…………………..

राज इन दोनो को सॅलरी देने के बाद अनिता के पास आया….अनिता बुलाने पर भी ऑफीस मे नही आई …..तभी राज आगे बढ़ा और अनिता के हाथ पकड़ कर बोला……ये लो सॅलरी…..

और एक पॅकेट पकड़ा दिया…………………….अनिता ने उसे रिसीव किया ……फिर वाउचार पे साइन भी कर दिया….

पर वाउचार देख कर चौंक गयी…..ये क्या सॅलरी से तो आज 2000/- ज़्यादा मिल रहा है….हर महीने उसे 10,000/- मिलता था …..पर आज तो उसे 12000/- मिल रहा है….

अनिता: थॅंक यू सर……………सर आज मे आपसे एक बात कहने वाली थी…

राज: हां हां बोलो….क्या कहना चाहती हो….?

अनिता: सर मे आगे कंटिन्यू नही कर पाऊँगी……क्योकि मेरा रिज़ल्ट आने वाला है…मे 2न्ड यियर मे आ जाऊंगी…..समय न्ही मिलेगा…मेने आपसे काफ़ी कुच्छ सीखा है…..जिसके लिए थॅंक्स…..

राज: पर मे चाहता हू कि तुम जॉब को कंटिन्यू रखो…सिर्फ़ तुम्हे मॅनेज करने है……बाकी का हम देख लेंगे…..सॅलरी तुम्हारे घर पहुँच जाएगी…सिर्फ़ 2 दिन आने होंगे इन ए वीक…..और वो भी 2 घंटे के लिए…………………….क्या इतना कर सकती हो…?

अनिता: जी…..मे सोच के बताऊँगी……………..

राज: थॅंक्स…….और ये लो बोनस……5000/- का एक चेक़ देते हुए कहा…

अनिता: सर इसकी क्या ज़रूरत थी……सर ये मे नही ले सकती…

राज: देखो…मे तुमपे कोई उपकर नही कर रहा हू…ये तुम्हारा हक़ है…और ये सिर्फ़ तुम्हे ही नही सभी स्टाफ को दे रहा हू……….मेरे 4 शॉप्स है…और जिस तरह से तुम मॅनेज करती हो वो क़ाबिले-तारीफ है.

अनिता: थॅंक यू सर……

सर…..मे आपको आज शाम को इन्वाइट करना चाहती हू…आपको और आपकी फॅमिली को अपने बर्तडे पर….आज शाम के 8 बजे मेने घर पर एक छ्होटी सी पार्टी रखा है…आपको आना ज़रूरी है.

राज: थॅंक्स….पर मे नही आ पाऊँगा…क्योकि मे और मेरी वाइफ डॉक्टर. नेहा के घर जा रहे है….डॉक्टर. नेहा काफ़ी बीमार है…उसे देखने के लिए जाना होगा…..फिर कभी तुम्हारे घर पर आएँगे....................

अनिता: थॅंक यू सर......फिर वो ऑफीस से जाने लगी.....तभी राज ने उसका हाथ पकड़ लिया.....और बोला...

राज: सॉरी.........आइ आम सॉरी फॉर दट

अनिता: सॉरी....?? किस चीज़ के लिए?

राज:मेने तुम्हारी इज़ाज़त के वगैर किस जो कर लिया......

अनिता: शर्मा गयी.....पर बोली कुच्छ नही....और ना ही राज ने उसका हाथ छोड़ा.....मौके को देखते हुए राज ने उसे यू टर्न किया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और बुरी तरह चूमने लगा......अनिता इसके लिए तैयार नही थी और ना ही एक्सपेक्टेशन था.....राज का एक हाथ उसकी चुचियो पर आ गया और उसे बुरी तरह दबाने लगा.......अनिता को कुच्छ समझ मे नही आ रहा था कि इसे धक्का दू...या थप्पड़ मारू.......क्योकि ये उसका बॉस था....
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05-10-2019, 07:26 PM,
#30
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
जब अनिता से रहा ना गया तो ज़ोर का धक्का दे दिया...और अपने आपको छुड़ा कर वन्हा से भाग गयी.....राज उसे देखता रह गया....उसे शामिंदगी भी हुई...ये मेने क्या कर दिया.....अब मे क्या करू.....उसका हाल बहुत खराब हो गया..उसे एक डर सताने लगा...कि कही अनिता बुरा ना मान जाए....कही वो नौकरी ना छोड़ दे......

राज अब क्या कर सकता था...और अनिता को ढूँढने लगा....अनिता के आँखो मे आंशु थे....पर वो कस्टमर डीलिंग कर रही थी.......कस्टमर से पैसे और दवा रही थी...........राज वन्हा से कही चले जाना उचित समझा.........वो उठ कर नेहा के क्लिनिक की तरफ चला गया....करीब 30 मिनट के बाद वो दुबारा शॉप मे आया.....अब वो अनिता से नज़रे भी नही मिला रहा था .........और दूसरी तरफ अनिता भी उसे देखकर झेंप गई.....करीब 5 बजे अनिता अपने घर चली गयी....वो भी बिना बताए............................

राज ने एक ओटो कर लिया....कमला को साथ लिया और गाज़ियाबाद की तरफ चल दिया....

करीब 1 घंटे के बाद दोनो गाज़ियाबाद पहुँच गये....डॉक्टर. नेहा बेड पर पड़ी हुई थी...उसे सेलीन लगा हुआ था...पास मे एक नौकर फ्रूट काट रहा था.....

राज:हेलो...डॉक्टर. साहिबा.....ये क्या हाल बना रखा है....?

नेहा: ह्म ठीक हू...बस यू ही.....हज़्बेंड से पंगा ले लिया था...ज़ोर का झटका लगा...........और फिर मेरी ब्लीडिंग सुरू हो गयी...

राज: तभी तो मे कहता था कि थोड़ा एक्सपरशियेन्स हासिल कर लो...पर तुम हो कि?

कमला: ओह्ो..अब तो बेचारी को छोड़ दो....एक तो ये बीमार है और दूसरे तुम सता रहे हो मेरी गुड़िया को....

राज: ओहूऊ क्या प्यार है.....ये गुड़िया नही.....सेक्स की पूडिया है..वैसे नेहा .... धर्मेन्दर जी (नेहा के पति) कहाँ है.....

नेहा: वो दवाई लाने गये है...अभी आ जाएँगे....

नेहा ने पास ही नौकर को कहा 2 चाय ले आने के लिए......नौकर बाहर चला गया....कमला और राज दोनो इधर-उधेर की बाते करने लगे.....

राज: अब बताओ ...कैसा लग रहा है......

नेहा: ठीक हू...2-4 दिन मे क्लिनिक आने लगूंगी.....

तभी दवाजा खुला और धर्मेन्दर रूम मे आ गया...उसने झुक कर दोनो को प्रणाम किया.....राज ने मज़ाक भी किया...अरे भाई...ये क्या कर दिया मेरी साली साहिबा को..............................धर्मेन्दर शरमाते हुए वन्हा से जाने लगा...तभी कमला ने उसे रोक लिया.....चाय पी कर जाएँगे.....बैठिए..और उसने अपनी सीट दे दी...

धर्मेन्दर: अरे नही...आप बैठिए...मे अभी आया...प्लीज़ बैठिए....

कमला बाथरूम मे जाने के लिए जाने लगी....तभी नेहा ने राज से कहा....आज कल काफ़ी बिज़ी रहते हो क्या बात है...दो दो लड़कियो को हॅंडल कर रहे हो ...है ना.

राज: अरे नही......और ठहाका मार कर हस्ने लगा.

नेहा: अब तो तुम सुधर जाओ...

राज: तुम्हे हुआ क्या है…ये बताओ…..

नेहा: यूटरस इन्फेक्षन है…..

राज: ये बीमारी कब से हो गयी

नेहा: शादी के बाद से

राज: माहवारी कैसी है?

नेहा: ये तुम क्यो पुच्छ रहे हो? और फिर तुम डॉक्टर तो हो नही

राज: मे जो पुच्छ रहा हू वो बताओ

नेहा: ठीक है …पर पिच्छले मंत लेट आई थी

राज: चुदाई कितने दिन के बाद होती है

नेहा: क्या मज़ाक है??? जाइए मे आपसे नही बोलती

राज: देखा……?? तुम्हारे में रोग यही है…तुम सब कुच्छ जानते हुए भी इग्नोर करती हो…तभी तुम्हारी ये हाल है. हमे क्या ….मरो…मे तो चला….मेरे पास भी वक़्त नही है…..

नेहा: जीजू…..नाराज़ हो गये…..? चलो माफ़ कर दो….बाबा…..तुम पुछ्ते ही ऐसी बाते को हो मेरे को कुच्छ होने लगता है…

राज: तो फिर हम है ना…?? अगर धर्मेन्दर से नही होता है तो मुझे सेवा का मौका दो? मेरे हिसाब से तुम्हारा इलाज एक ही है……

नेहा: अच्छा………………?? वो क्या?

राज: अगर मे बता दूँगा तो तुम मारने लगोगी..या फिर चिल्लाओगी….

नेहा: मुस्कुराते हुए….नही बोलूँगी…बोलो

राज: बस चुदाई…..आपको एक मजबूत लंड की ज़रूरत है…जो जम कर तुम्हारी चुदाई करे.

नेहा: और कुच्छ????? या बोल लिए?

राज: मेरा फुल आंड फाइनल है…तुम्हे लंड की ज़रूरत है…ना कि दवाई की.

तभी रूम मे कमला आ गयी…………………आते ही टेबल पर बैठ गयी और बोली….

कमला: नेहा…तुम घबराव मत…सब ठीक हो जाएगा….धर्मेन्दर जी आ रहे है दवाई लेकर…साम तक छुट्टी हो जाएगी……पर रेस्ट करने की ज़रूरत है…….मे यही तुम्हारे पास रुक जाती हू……सुबह निकलेंगे घर के लिए……क्यो जी????

राज: हाँ….हां…. पर मे घर चला जाऊँगा…और वैसे भी मेरा यान्हा कोई काम तो है नही.

नेहा: जीजू....क्या घर जाओगे...यही सो जाओ...बगल वाले वॉर्ड मे....

राज : मुझे नींद नही आएगी.....तुम जानती ही हो कि जब तक तुम्हारी बहन मेरी बाँहो मे नही रहती नींद नही आती है

नेहा: तो दीदी है ही.....और वैसे भी वॉर्ड मे कोई और है नही...अंदर से लगा लेना...क्यो दीदी....

राज: मे तो तैयार हू....अगर यही मक्खन मिल जाएगा तो मे बाहर क्यू जाऊँगा......वैसे अच्छा होता कि तुम्हारा मक्खन मिल जाए खाने को तो मज़ा आजाए.

नेहा: माइ डार्लिंग जीजू......इट्स रेड लाइट एरिया.....कॅन'ट हेल्प यू....सॉरी...आज तो दीदी से ही काम चलाना होगा....

कमला: अरे नही.....तुम घर जाओ...वन्हा लड़किया अकेली हैं....और रात भी हो रही है.....और हां कल सुबह 9 बजे आजाना....

नेहा;ओह हूवू तभी ये बार बार घर जाने को कह रहे है...हां भाई 2-2 लड़कियाँ जो है....और वो भी काफ़ी सुन्दर- समझदार......रश्मि तो तुम्हारा इंतेज़्ज़र कर रही होगी...और उसकी सिस का तो कहना क्या...क्या ग़ज़ब की माल है.

राज: तुमने कब देखा उसे

नेहा: वो रश्मि ले कर आई थी क्लिनिक मे...उसे भी यूटरस प्राब्लम है ना.

राज: मेरा एक परामर्श है……एक बार तुम मेरे रंग मे रंग जाओ…..सब ठीक हो जाएगा….क्या कहती हो…..

नेहा: देखेंगे….फिलहाल तो ठीक होने से मतलब है….

राज : वो तो तुम हो जाओगी…..और वो झुक कर नेहा के गाल पर एक किस कर लिया…… और वन्हा से चला गया………….उसे जाते हुए देख कर नेहा ने अपने-आपसे कहा…क्या यह सही कदम होगा….?? क्या किसी दूसरे मर्द से सेक्स करना क्या ठीक होगा???? शायद नही? या शायद हां??? उसके मन मे कई सवाल उठ गये……..नही बिल्कुल नही….. और फिर धर्मेन्दर कितना प्यार करते है…उन्हे मे कभी धोका नही दे सकती…….और फिर कभी भी इस तरह के ख़यालात नही आए…..ये बात और है कि कभी कभी BF देख लेती थी…..दोस्तो से नोन-वेज बाते कर लेती थी…पर जब से मेरे जीजाजी आए है…मेरा थॉट चेंज हो गया है…..ये मे क्या सोच रही हू….एक इंडियन लेडी और वो भी मॅरीड इस तरह की बाते सोचना ठीक नही है…..यही सोचते सोचते वो सो गयी………………………………………………………….
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