Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
05-10-2019, 07:30 PM,
#41
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
रश्मि ने उसके लंड को अपने हाथ मे लिया और उसे चूसने लगी....आज पहली बार उसके लंड का स्वाद उसे अच्छा लग रहा था......लंड इतना मोटा था कि उसके मुँह मे नही आ रहा था ....पर फिर भी रश्मि चूसने की कोशिश कर रही थी...फिर अपना सिर उठाकर पूछा.....

रश्मि: तुम मुझे छोड़ तो नही दोगे ना???? जैसे राजेश ने छोड़ा

राज: अरे नही मेरी जान....तुम तो मेरी जान से भी ज़्यादा हो.........................पर तुम ऐसे सवाल क्यो पुच्छ रही हो

रश्मि: एक डर सा लगता है.......कल के डेट मे कोई उल्टा सीधा हो जाए तो कोई तो हो जो नाव को पार लगाएगा

राज: तुम बेफ़िक्र रहो...जब तक मे जीवित रहूँगा...तब तक तुम मेरी बीबी की तरह रहोगी.....और हां मे अपना बिजनेस पार्ट्नर भी बनाने जा रहा हू...तभी तो मे कह रहा था कि तुम शॉप जाय्न कर लो.....जो मे दूसरे को जॉब दे रहा हू ....वो तुम करो.....नौकरी भी और एंजाय भी....और एक आँख मार दी...राज ने.

रश्मि: मुक्का मारते हुए....बदमास...मे सब जानती हू...तुम नेहा और अनिता के पिछे क्यो पड़े हो......क्या इरादा है......??????

राज: इरादा तो नेक है मेरी जान....पर तुम्हे जितना चोदो.....नशा और होता है.....एक बार और हो जाए....

रस्मी: नही.....सुबह के 8 बज गये है........और खाना भी बनाना है...दीदी आती होगी...

राज: अरे ये रहती कहां है?

रश्मि:पूजा करने गयी थी...मंदिर

राज: जिंदगी भर पूजा ही करेगी या इस पति को खुराक देगी.

रश्मि: इस पति को खुराक देने के लिए मे जो हू.....

राज: यानी की तुमने अपना काम बाँट लिया है

रश्मि : जी....रात को मे और दिन की दीदी

राज: और दोपहर को...???

रश्मि: नेहा, सुनीता, अनिता...और ना जाने कौन कौन.....

राज: तुम बहुत उस्ताद हो गयी हो....किसने बताया ये सब?

रश्मि: बस मालूम है...तुम्हारे मोबाइल को सर्च किया था...जिसमे अनिता का मिस्स्कल्ल और स्मस पढ़ा

राज; अरे ....???? तुम तो अभी से ही वाइफ बन गयी मेरी.

रश्मि: ऑफ कोर्स...वो तो मे हू ही.....

तभी घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया......

रश्मि: शायद कोई है...मे जाती हू...आप बाथरूम मे चले जाओ....ना जाने कौन होगा...?????

अनिता की शादी के दिन तय हो गये…..वो अपना शादी का कार्ड ले कर आज आई थी….पूरे हॉस्पिटल और मेडिकल शॉप मे स्टाफ को कार्ड बाँटा…सभी ने उसे मुबारकबाद दिया……राज ने भी उसे मुबारकबाद दिया…पर अनिता कुच्छ बुझी बुझी आज दिखी…उसे ऐसा लग रहा था कि अब उसकी आज़ादी ख़त्म हो रही है……तब राज ने उसे चोट की…..

राज: क्या हुआ मेडम…तुम्हे तो खुस होना चाहिए….तुम्हारी शादी हो रही है…..वेल हॅपी?

अनिता की आँखो मे आँसू आ गये…….पर बोली कुच्छ नही…ह्म्‍म्म्मम

राज: तुम्हारे जो ख्वाब थे वो पूरे हो रहे है….हर लड़की का एक सपना होता है…शादी कर ससुराल जाना और जी भर कर जिंदगी का आनंद लेना……पर तुम इतनी उदास क्यो हो?

अनिता: पता नही…पर मुझे कुच्छ अच्छा नही लग रहा है….

राज: ये स्वाभाविक है….हर लड़की को शादी से पहले होता है….एग्ज़ाइट्मेंट तो होगी ही शादी की.

तुम एक बहुत अच्छी लड़की हो…..हमे तुम्हारे जाने का मलाल रहेगा….

अनिता: क्यो सर?

राज: क्योकि तुम काफ़ी सेक्सी जो हो….

अनिता: ओह फिर फ्लर्ट?

राज: क्या करे आदत से मजबूर जो हू…..

अनिता: अच्छा चलो मुझे कुच्छ शॉपिंग करनी है.

राज: एक शर्त पर चलूँगा….

अनिता: कैसी शर्त?

राज: हमलोग हज़्बेंड वाइफ बन कर चल्लेंगे….

अनिता: ये कैसे संभव है

राज: क्यो नही है?

अनिता : तो आप ही बताओ……और फिर हम दोनो मे उम्र का फासला ज़्यादा भी है

राज: तो क्या हुआ…..दिल से तो हम बन सकते है

अनिता:ह्म ……….अच्छा चलो….और कड़क आवाज़ मे बोली…..जिसमे रौब भी था और अपनापन भी

राज: अरे ये क्या?

अनिता: प्रॅक्टीस कर रही हू वाइफ बनने की

राज: तो फिर मुझे अपनी बाँहो मे उठाओ और दोनो हाथ उप्पर कर दिया

अनिता: उसकी तरफ झुकी और राज ने अपनी दोनो बाँहे उसकी गर्देन के चारो तरफ कर ली और उसे उठा लिया…………..अरे ये क्या….आपने तो मुझे गोदी मे उठा लिया…?

राज: अरे मेरी वाइफ हो तो इतना तो हक़ बनता ही है…………

अनिता: ओ…मिस्टर. वाइफ हू सिर्फ़ मन से तन से नही….ओके?? रिमेंबर

राज: जैसे आपकी इच्छा…पर मन से हो ना…?

अनिता: कुच्छ नही बोली …सिर्फ़ मुस्कुरा दी……………………अब चलो

राज ने उसे अपनी बाँहो मे लिया और उसके गालो पे एक किस कर दिया.

अनिता और राज बाइक पर सवार हो कर जाने लगे तभी अनिता का फोन आ गया …ये फोन था उसकी मा का….राज ने बाइक को किनारे कर दिया और अनिता अपनी मा से बाते करने लगी……करीब 3 मीं तक बाते होती रही और फिर अनिता ने बोला...मम्मी..मुझे थोड़ी देरी होगी...मे करीब 10 बजे तक आऊँगी....तुम खाना खा कर सो जाना.....मा: ठीक है बेटा.....तू अपना ख्याल रखना....

अनिता: ओके......

राज उसे बहुत गौर से घूर रहा था...आज अनिता एक वाइट सूट पहने हुए थी...वाइट शूयिट मे वो एक दम परी लग रही थी जब इंटरॅक्षन ख़त्म हुआ तो राज ने टोका...................क्या बात है आज लगता है मेडम कुच्छ ज़्यादा ही मुझे परेशान करेगी....

अनिता: क्यो...आपको परेशानी क्यो होने लगी.....? शादी की बात है.....शॉपिंग तो करनी होगी...

राज: मेडम.............ठीक है...जल्दी चलो...मौसम खराब होने वाला है....और फिर हम लेट भी हो रहे है......................

वो बात कर ही रहे थे कि ज़ोर ज़ोर से आँधी और आने लगी........................लो आपने कहा और शैतान हाज़िर....आपकी नज़र लग गयी....प्रोग्राम कंसिल.

राज: प्रोग्राम कंसिल क्यो...??? चलो बैठो..और उसने गाड़ी स्टार्ट कर दी.........................तभी बारिश जोरो की होने लगी.....आँधी और पानी का मिलन ऐसा लग रहा था कि आज राज और अनिता का भी मिलन ना हो जाए........................तभी राज ने गाड़ी रोड के किनारे लगाई और दोनो एक घर की बाल्कनी मे चले गये....और अपने आपको बारिश से बचाने लगे..................बारिश जोरो की होने लगी...............उस जगह पर सिर्फ़ ये दोनो ही थे.....पानी से अनिता और राज थोड़ा भींग चुके थे....अनिता के बाल और सूट गीले हो चुके थे.......जब 30 मीं तक बारिश नही बंद हुई तो राज ने घर को गौर से देखा....घर के मुख्य द्वार पर एक ताला लगा हुआ था....जैसे लगे मानो घरवाला कही बाहर गया हुआ है.....................राज ने अनिता से कहा...अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो हम्दोनो इस घर मे चले?

अनिता: पर कैसे?

राज: कोई उपाय करते है

अनिता: मुझे सर्दी लग रही है....और पानी की लपते तेज हो गयी है....कही बीमार ना हो जाऊ

राज: अरे नही...मुझे रहते हुए तुम बीमार नही होगी...और हस्ने लगा...

अंटिया: यान्हा कोई चालाकी नही चलेगी ....बॉस. तुम वो ख़याल भी मत रखना.

राज: देखते है? पहले अंदर तो चलो. राज ने अनिता के हेर मे लगे क्लिप को निकाला और उसे ताले मे घुसा कर खोलने की कोशिश करने लगा

क्रमशः.......................................
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05-10-2019, 07:30 PM,
#42
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही-19

गतान्क से आगे.............................

ताले खोलने के एक्सपार्टीस को देखते हुए अनिता ने कहा; ताले खोलने मे तुम एक्ष्पर्त हो.....ऐसा लगता है काफ़ी ताले खोल चुके हो...

राज: हस्ते हुए.....कोई शक़ है?

अनिता: हस्ते हुए....नही पर मेरा ताला जब खॉलोगे तो देखेंगे?

राज: देख लेना मेरी जान...फिलहाल घर के अंदर तो चलो......काफ़ी अंधेरा है..............कॅंडल भी नही है और ना ही मोबाइल काम कर रहा है....ये तो सुबह से स्वितचॉफ्फ़ है...तुम अपना मोबाइल ऑन करो...........अनिता ने कहा...मेरा भी मोबाइल काम नही कर रहा है....लगता है पानी चला गया है................अब क्या करे?

राज: देखते है...क्या कर सकते है...तभी दोनो एक शख्त चीज़ से टकरा गये. और दोनो फर्स पर गिर गये.....दोनो एक दूसरे पर ऐसा गिरे कि दोनो के होंठ मिल गये.राज मौके का फयडा उठाने लगा और एक जोरदार किस कर दिया....

अनिता:ह्म्‍म्म्मम ये नही चलेगी मिस्टर.....बिहेव युवर सेल्फ़.

राज: अरे यार ताला खोलने के बदले कुच्छ नही दोगी...

अनिता: वेरी क्लीवर.....पहले लाइट का इंतज़ाम करो..............

तभी अनिता का दाया हाथ किसी लोहे की शख्त चीज़ से टकरा गया.....उसने उसे टटोलते हुए देखा..............ये कोई हथियार था जिसे हम "कुल्हाड़ी" कहते है

अनिता: अरे...ये क्या है????? ये तो कुल्हाड़ी है?

राज: कुल्हाड़ी??? यान्हा कुल्हाड़ी का क्या काम है...और वो भी कुल्हाड़ी को टटोलने लगा.......................वाकई ये तो कुल्हाड़ी है.....जब वो मुट्ते को च्छुआ तो उसपे चिपचिपा सा लगा हुआ था.......जब वो चिपचिपा अपनी नाक से सूँघा तो उसका माथा ठनका...ये तो खून धब्बे है.............ओह माइ गॉड....लगता है किसी का खून हुआ है इस कमरे मे .............भागो.......अनिता.....यान्हा से......पर जब दोनो दरवाजे तक आए...दरवाजा बाहर से लॉक हो चुका था................

राज और अनिता ..ज़ोर ज़ोर से चीखने लगे.....खोलो....दरवाजा, बचाओ...बचाओ...अनिता तो मानो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.......................पर अब किया क्या जा सकता है............................ये सोचना होगा.....

राज ने सोचा......कौन है जो बाहर से दरवाजा बंद किया.... जब वो शेड मे थे तो कोई और वन्हा नही था.....दूर दूर तक सिर्फ़ ये दोनो ही थे....और फिर कमरे मे बाहर से लॉक क्यो था........तभी उसने अनिता से कहा "हमे लगता है कोई हमे फसा रहा है" बहुत बारीकी से सोचना होगा...इस कमरे मे तहकीकात करना होगा...कि आख़िर इस कमरे मे क्या है...? हो सकता है इस कमरे मे किसी की डेड-बॉडी भी होगी....? तुम शांत हो जाओ...मे हू ना तुम्हारे साथ? चलो ढूँढते है...और दोनो एक एक चीज़ को टटोलकर कमरे को सर्च करने लगे.....

बादल की गड़गड़ाहट के साथ बारिश जोरो से हो रही थी…..जब बादल और बिजली कदक्ति थी तो रूम के अंदर रोशनी हो जाती थी जिसकी मदद से घर के दूसरे हिस्से को देख लेता था…राज और अनिता बड़ी सावधानी से कमरे का सर्च कर रहे थे…जहा पर कुल्हाड़ी पड़ी थी उसके 10 कदम पर नोकिया का मोबाइल पड़ा था….अनिता की आँखे चमक गयी उसने नोकिया का फोन उठा लिया और उसे ओन करने की कोशिश करने लगी…पर ये क्या ये तो ऑन ही नही हो रहा…..जब वो मोबाइल के बॅक पे अपनी उंगली ले गयी तो पाया कि मोबाइल की बॅटरी है ही नही…..उसने राज को बोला…..क्या आफ़त है….मे तो पागल हो जाऊंगी….मोबाइल मिला है….और वो भी बिना बॅटरी के…..मोबाइल के नाम पर राज चौंक गया उसने अनिता की ओर देखा और उसे अपनी बाँहो मे भर लिया और कहा…जब मोबाइल मिला है तो बॅटरी भी ज़रूर होगी यही कही…तुम अच्छी तरह चेक करो…मे दूसरी तरफ चेक करता हू……अनिताने एक मगरमच्छ की तरह पूरे फर्स का निरीक्षण किया….तभी उसे बॅटरी और मोबाइल का ढक्कन भी मिला……उसने उसे लिया और ख़ुसी से राज के गले लग गयी….बॅटरी को मोबाइल मे लगाया और ऑन किया………..थोड़ी देर मे मोबाइल ऑन हो गया….दोनो ख़ुसी से पागल हो गये……..राज ने मोबाइल को गौर से देखा…..कि आख़िर ये मोबाइल है किसका पर जब स्क्रीन मे जम देख कर वो बुरी तरह चौंक गया…………ये मोबाइल तो राजेश का है……………राज की धड़कने तेज होने लगी…..उसने मोबाइल का निरीक्षण किया….सेंट, मिस्ड-कॉल आंड इंबॉक्ष……6 मिस्ड-कॉल कोई बॉस लिखा और 2 मिस्ड-कॉल पर ऑफीस लिखा था………….सेंट आइटम मे 4 कॉल रंभा को किया गया था….और इंबॉक्ष मे 23 मे (जिस डेट को राजेश गायब हुआ था) के बाद की कॉल नही आइ थी……

राज को कुच्छ समझ मे नही आ रहा था..कि इस समय क्या किया जाए……तभी उसने सोचा सबसे पहले यान्हा से हमे निकलना चाहिए……तभी उसने सोचा कि मुझे रश्मि को फोन कर बता देना चाहिए कि हम यान्हा है…..जब राज रश्मि को फोन लगा रहा था तभी दरवाजा ज़ोर से खटखाया…..राज और अनिता दोनो एक दूसरे से चिपक गये…..अनिता की तो सिट्टी-पिटी गुम हो गयी वो भगवान से यही फरियाद कर रही थी कि जल्द से जल्द ये………दोनो एक पलंग के नीचे दुबक गये….राज ने देखा ..उस शख्स ने एक मोटी और काली कंबल ओढ़ रखी थी जो कि पानी से गीली थी…पर उस आदमी की शक्ल नही देख पाया…..फिर उसने धीरे से कुच्छ उठाया (कोई बोरे मे रखा समान) और फिर दबे पाँव घर से निकल गया….राज ने सोचा कि उसे दौड़ कर पकड़ लू तभी अनिता ने उसका हाथ खींच लिया…….और वो आदमी बाहर से दरवाजा बंद कर चला गया……………………….

राज: ये क्या किया तुमने??? मे उसे पकड़ सकता था………ना…और फिर वो कौन था और क्या ले जा रहा था…….

अनिता: धीरे से…उसके हाथ मे कॅटर था…जिसे देख कर मे डर गयी…और फिर ये क्यो नही सोचा कि जो समान वो ले जा रहा था वो किसी की लाश थी…………….

राज: लाश??? तुम्हे कैसे पता

अनिता: मेने गौर से देखा….कि जूट के बोरे मे से एक सिर बाहर झाँक रहा था…..वो किसी लड़की का सिर था.

राज: ये तुम दावे के साथ कैसे कह सकती हो???????

अनिता: वो ऐसे इसलिए कि जब मे मोबाइल की बॅटरी खोज रही थी तो मे किसी डेड-बॉडी से टकराई थी….जो कि किसी लड़की के लंबे बाल थे…………………

राज: पर अब क्या करे??? कुच्छ समझ मे नही आ रहा

अनिता: हम दरवाजे की तरफ पुनः चलते है…देखते है क्या कर सकते है…

राज और अनिता दोनो दरवाजे पर गये और ज़ोर ज़ोर से पीटने लगे…पर कुच्छ रेस्पॉन्स नही आ रहा था…हां किसी गाड़ी की स्टार्ट होने की आवाज़ ज़रूर आई…….लगता है वही आदमी लाश लोड कर के जा रहा है कही फेंकने के लिए……………

राज; यार कोई तो रास्ता होगा….
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05-10-2019, 07:30 PM,
#43
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
अनिता का बहुत बुरा हाल था उसे चिंता अपने घर की हो रही थी.....उसकी मम्मी का बुरा हाल हो रहा होगा....पर वो करे तो क्या करे...इस मोबाइल मे बॅलेन्स है नही आउटगोयिंग हो नही सकता...और इनकमिंग कैसे आए....??? ये बहुत बड़ी समस्या थी अनिता की...पर राज का साथ था यही एक हिम्मत और मोटिवेशन की बात थी... वो गौर से राज को देखे जा रही थी जो कि वो घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था.......और उसे अपनी तरफ देखते ही उसने पूछा ......

राज: मेडम...? क्या हुआ??? तुम मुझे घूर घूर के क्यो देख रही हो...??? डर लग रहा है???

अनिता: नही??? मे सोच रही ही कि कैसा मेरा भाग्य है....एक तरफ शादी की तैयारी चल रही है और दूसरी तरफ......................????????????और वो अपनी नज़रे नीची कर ली........

राज: तुम परेशान मत हो....? मे हू ना...तुम सही सलामत घर जाओगी....मे सोच लिया है.......अभी मे वे2स्मस खोलकर रश्मि को स्मस करता हू........डॉन'ट वरी.

वे2स्मस के नाम से अनिता चौंक गयी....अरे वाह ....ये तो मेने सोचा ही नही ....इंटरनेट से हम अपना मेसेज दे सकते है......जल्दी खोलो....और दोनो मोबाइल इंटरनेट पर लग गये....

अनिता और राज ने अपने अपने पेरेंट्स को स्मस भेज दिया.....राज ने रश्मि को सारा ब्रितांत लिख दिया और अनिता ने अपनी मा को सिर्फ़ ये कहा कि वो कल तक आएगी...एक सहेली के घर पर रुकी हुई हू......................

अनिता काफ़ी खुस हो गयी...और राज भी ......अब उसे चिंता नही थी...कि तभी फोन बज गया........फोन रश्मि का था..............................................

रश्मि: कहाँ है आप???? हमलोगो को चिंता हो रही है....

राज: यार बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली.......बुरी तरह फस गया हू.........और वो डीटेल्स मे सब-कुच्छ बता दिया....

पर ये नही बताया कि राजेश अभी जिंदा है................राज ने सोचा कि अगर वो बता देता तो शायद स्टोरी कुच्छ और हो जाएगी....क्योकि राजेश के जिंदा होने का सबूत तो राज के पास भी नही है.......तभी रश्मि ने पूछा ....तुम मुझे एग्ज़ॅक्ट अड्रेस बताओ ...मे अभी पहुँचती हू.........राज ने उसे कहा कि मे अड्रेस स्मस कर देता हू...पर तुम अभी मत आना...यान्हा जोरो की बारिश हो रही है....तुम सुबह करीब 5 बजे आना.....और हां इनस्पेक्टर शर्मा को भी लेकर आना....

फोन रखने के बाद राज ने अनिता को अपनी बाँहो मे लिया...और उसके होंठो पे एक किस करने लगा.....तभी दरवाजे पर कोई दस्तक हुई......दोनो घबरा गये....अनिता ने राज को और ज़ोर से भींच लिया....राज ने उसे अपनी गले से लगाते हुए कहा...घबराओ मत मे देखता हू.......राज ने उस कुल्हाड़ी को अपने हाथो मे ले लिया और फिर ज़ोर से दरवाजे को खोल दिया...पर बाहर से कोई दस्तक नही हो रही थी.........राज ने कुल्हाड़ी से एक जोरदार हमला किया...दरवाजे पर ....दरवाजे का एक पल्ला टूट गया.....राज ने अब दूसरा बार किया....अब दूसरा पल्ला भी नीचे से टूट गया......इतनी जगह बन गयी थी कि कोई आदमी आसानी से निकल सके.....राज ने नीचे झुक कर जगह का मुयाना किया...और देखा...पर एक तो बारिश और दूसरे अंधेरे की वजह से उसे कुच्छ नही दिखाई दे रहा था.....वो पिछे मूड कर अनिता की ओर देखा....कि मानो कह रहा हो कि क्या करे??????? अनिता का भी बुरा हाल था.....उसने धीरे से कहा....हम यही सुरक्षित है...बाहर मत जाओ....कही कोई गड़बड़ ना हो जाए....पर दरवाजा तो टूट चुका है..अबकोई भी आसानी से अंदर आ सकता है.....जो होगा देखा जाएगा....निकलो बाहर....................और राज ने सबसे पहले गौर से एक एक चीज़ को मुयायना किया और पहले अपना सिर निकाला और फिर अपने आपको.....फिर अनिता को बाहर निकालने की कोशिश की.....तभी एक बिल्ली उसपर गिर गयी.....दोनो बुरी तरह डर गये.....बिल्ली का भार राज पर था...उसके गालो पर पंजो के निशान उभर गये.....राज को दर्द भी हो रहा था.......राज अनिता को अपनी बाँहो मे लिए हुए खड़ा हुआ ...और धीरे धीरे दीवार के सहारे बरामदे मे आ गया.....जहा पर उसकी बाइक खड़ी थी........राज अनिता को लिए हुए बाइक के पास आया...पर पानी का जमाव काफ़ी हो गया था.......बाइक का पहिया पूरा पानी मे डूब चुका था.....ऐसे मे बाइक को स्टार्ट करना मुस्किल था......शित्त्तत्त........बाइक तो स्टार्ट होगी नही...क्या करे?????

अनिता: तभी मे कह रही हू...कि हमे इसी घर मे रात गुज़ारना होगा

राज: शायद तुम ठीक कह रही हो....पर अगर कोई हलचल होगी तो हमे तैयार रहना होगा..........ये कुल्हाड़ी बहुत काम की चीज़ है............डॉन'ट वरी....

चलते है वापस घर मे...क्योकि बारिस अभी भी जोरो से हो रही थी. राज और अनिता दोनो उसी घर मे आ गये...और अंदर से दरवाजा लॉक कर लिया......नीचे टूटे हुए पल्ले पर टूटे हुए पलंग के पल्ले रख दिए....ताकि कोई बिल्ली अंदर ना आ जाए...........तभी उसने पलट कर अनिता को देखा......डर लग रहा है???

अनिता: नही.....और उसे अपने बाँहो मे ले लिया....ह्म्‍म्म्मम

राज: इस डर को दूर करना हो तो मेरी एक राई है....?

अनिता: राई.....कौन सा राई....???

राज: सेक्स......डर को दूर भागता है.....तुम्हारा क्या इरादा है.

अनिता: धत्त्त...... आपको तो बस एक ही चीज़ सूझती है...हमे आफ़त हो रही है और आप बस...................और वो अपनी नज़रे नीचे कर ली...

राज: मे कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही करूँगा.....बस एक इज़ाज़त माँगी है.....मे तैयार हू...तुम्हारी रज़ामंदी चाहिए....

अनिता:कुच्छ नही बोली.....पर वो हल्की हल्की मुस्कुराने लगी......उसका ना बोलना राज ने हां समझा और उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और फर्स पर आ गया.....अनिता ने भी उसे अपनी बाँहो मे ले लिया और उसके होंठो और गालो पर किस करने लगी.....

ये एक आमंत्रण था अनिता के तरफ से.............

उसके आमंत्रण को समझते हुए राज ने उसके बूब्स को अपने हाथो मे लिया और उसके होंठो को चूमने, चाटने लगा......आज पहली बार अनिता के चुचियो को इस तरह सहला और दबा रहा था राज .........उसे बहुत अच्छा लग रहा था....अनिता ने अपनी आँखे मूंद ली और राज के समानांतर पीठ के बल लेट गयी...और उसके शर्ट के बटन को खोलने लगी.....

राज मुस्कुराया और वो भी उसकी समीज़ को खोलने लगा......अपना हाथ पिछे ले जाकर उसके हुक्स को खोल दिया ....जिसे राज और अनिता दोनो ने मिलकर उसके शरीर से दूर कर दिया...फिर सलवार को भी निकाल दिया....अब अनिता सिर्फ़ एक ब्रा और एक पॅंटी उसके शरीर पर थी.......पर अंधेरा रहने के वजह से राज उसके शरीर को नही देख पा रहा था.......ये उसका दुर्भाग्य था.......और अनिता के लिए शर्म के गहने.

अब अनिताने भी राज को नंगा कर दिया था...उसके ब्रीफ जो कि वी शेप मे थी....जिसमे उसका लंड बाहर को आ गया था......अनिता ने जब उसे अपने हाथो से लिया तो काँप गयी...ये लंड है या गधा-लंड...इतना बड़ा लंड तो वो सिर्फ़ BF मे देखा था......अपनी सहेलियो के साथ...वो डर गयी....इससे तो उसकी चूत का किबड़ा हो जाएगा...पर वो अपने मुख से बोली कुच्छ नही.

राज: कैसा लगा ....???

अनिता: क्या???

राज: वही जिसे तुम पकड़ रखी हो?

अनिता: क्या पकड़ रखी हू?

राज: ये तो तुम बताओगि ना

अनिता: वही तो मे भी पुच्छना चाहती हू...कि क्या पकड़ रखी हू..और ज़ोर से उसके लंड को हिला दिया.....सूपड़ा बिल्कुल बाहर आ गया और फिर अंदर हो गया......

राज का तो बहुत बुरा हाल हो गया.......राज ने भी उसकी एक चुचि को अपने मुँह मे ले लिया दूसरी अपने हाथो मे...और ज़ोर ज़ोर से चूसने और दबाने लगा....

अनिता की चूत मे कुच्छ हलचल होने लगी.......

राज ने अनिता को सीधा लिटाया और उसकी आँखो मे खनक कर बोला......

राज: हाई डार्लिंग.....आज हमारी सुहागरात है.....

अनिता: शर्मा कर अपनी आँखे मूंद ली.....राज ने उसकी दोनो आँखो को चूम लिया और फिर आगे बोला.......देखो...अगर तुम साथ नही दोगि तो मे उतर जाउन्गा...और तुम कंवारी ही रह जाओगी......अनिता ने धीरे से कहा....इसमे मे क्या कर सकती हू...तुम मर्द हो....तुम्हे पहल करनी चाहिए.......

राज: तो तुम उसके लिए तैयार हो....

अनिता अब भी कुच्छ नही बोली...वो मन ही मन सोचा कैसा बुद्धू है....इतना भी नही समझता कि औरत का ना हां होता है......फिर मुस्कुराते हुए कहा....अब तो तुम समझ जाओ......क्यो तडपा रहे हो....

राज: नही जब तक तुम अपनी जवान से नही कहोगी...तब तक तुम्हे नही चोदुन्गा.

ये मेरा वादा है.

अनिता: तो फिर रहो अपने लंड पर हाथ रख कर....मुझे क्या?

राज: मे भी देखता हू......तुम कब तक अपनी जवानी को संभाले रखती हो.....और दोनो एक दूसरे मे किस, चूसा और सेडक्षन करने लगे.......अनिता का पूरा बदन टूट रहा था....उसका लंड सीधे उसके नाभि पर लग रहा था...जिससे उसे गुदगुदी हो रही थी.....

अनिता: अरे बाबा......मुझे अब बर्दास्त नही होता........

राज: तो क्या करू????

अनिता: तुम बहुत बेशर्म हो.....औरत का कुच्छ तो ख़याल रखो...तुम कई औरतो को चोद चुके हो.....मुझे भी औरत बना दो.

राज: पर कैसे.....??? मुझे कुच्छ नही आता...और फिर किस औरत को चोदा?

अनिता: ओहूऊओ...जैसे कि पता ही नही है...मुझे सब पता है.....तुम
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05-10-2019, 07:31 PM,
#44
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राज अपना हाथ नीचे ले गया और एक झटके मे उसकी पॅंटी और ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया……..और अपना ब्रीफ भी खोल दिया….राजने उसे खड़ा किया और खुद भी खड़ा हो गया…..वो उसके पूरे शरीर को नापना चाहता था…उसे किसी का डर तो था नही…..राज ने उसे अपने बदन से लगा लिया और उसके होंठो को चूमने लगा…..अनिताने भी अपनी बाँहे फैला ली और उसे अपनी बाजू मे कस लिया.

अनिता अपने हाथ को नीचे ले गयी और उसके लंड को पकड़ लिया…और शरमाते हुए राज को बोला…ये बहुत परेशान कर रहा है…..लगता है काफ़ी भूखा है.

राज: तभी तो वो फुफ्कार मार रहा है….प्लीज़ अपने चूत का पानी पिला दो बेचारे को.

अनिता: उसके लिए आपको शादी करनी होगी…मुझसे

राज: मे तो तैयार हू….तुम बताओ वैसे तुम्हारी ये गांद बहुत मस्त है….मुझे तुम जैसी लड़किया बहुत पसंद है….

अनिता: आपने कितनी लड़कियो को चोदा हो?

राज: तुम्हे मिलाकर 6

अनिता: वो माइ गॉड…..कौन कौन….

राज: अब तुमसे क्या च्छुपाना……वाइफ, रश्मि, स्मृति, तुम, और दो बचपन की दोस्त…..

अनिता: और डॉक्टर. नेहा….???

राज: नही…अ.भी नही…पर शी इन पाइप्लाइन….

अनिता: आप बहुत हॉट हो….ये देखो….भत्ति की तरह गरम हो गया है…

राज: कई दिन से भूखा है…..क्या मे तुमसे कुच्छ पुच्छू….? बुरा तो नही मनोगी.

अनिता: क्या??????और शर्मा कर अपना सिर नीचे कर लिया

राज: तुम कभी चुदी हो….? मेरा मतलब है कोई ब्फ.

अनिता: नही…..इंटरॅक्षन तो बहुत हुई है…पर मेरी जवानी सुरक्षित है…आप ही पहले मर्द हो …जिसके सामने मे नंगी हू…….आपको पता चल जाएगा…जब आप…………………………….और वो बुरी तरह शर्मा गयी….

राज: मेरी जान अब क्यो शर्मा रही हो..और एक झटके मे उसकी पॅंटी को उसके शरीर से अलग कर दिया.

और चूत को अपनी हाथो मे ले लिया…..पर राज चौंक गया…….अरे ये क्या….इतनी बड़ी बड़ी झांट…..? क्या तुम कभी बनाती नही हो???? ये तो बहुत बड़ी बड़ी झांट है…..तभी उसे ख्याल आया…वो पॅंटी मे झांट वाली बात……….फिर सोचा…कही अनिता तो नही राजेश के केस मे सामिल है….पर ये तो अपने आपको कुवारि कह रही है……….फिर वो अनिता से कहा….

अनिता: डार्लिंग….अगर तुम इज़ाज़त दो तो तुम्हारी एक झांट उखाड़ कर मे अपने पास रखना चाहता हू…..यादस्त के लिए…..तुम्हे क्या? तुम्हारी तो शादी हो जाएगी….और अपने ससुराल चली जाओगी….मे कॅम्सेकम इस झांट को देखकर तुम्हारी याद कर लूँगा…

अनिता: शरमाते हुए कहा……तो आपको रोका किसने है…ये सब आप ही की तो है…..आप उखाड़ ले जितना चाहे….और रही बात शेव की….मुझे झांट रखना अच्छा लगता है…..चूत की सुरक्षा रहती है इससे.

और अगर मेरे पति को ऑब्जेक्षन होगा तो शेव कर लूँगी…..

राज: अरे नही तुम कभी भी शेव मत करना…ऐसे ही अच्छी लगती है…पर है बहुत बड़ा…एक झांट को लंबा करते हुए दिखाया…..और एक झटके मे तोड़ दिया…..

अनिता:उईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मर गयी……….ज़रा धीरे धीरे…..घाव हो जाएगा……………….

बस हो गया मेडम, वाकई तुम कमाल हो….

और वो मन मे सोचा…ये चुदी है या अन-चुदी…इसका पता अभी ही लगाना होगा…..अतः…चोद्ना होगा…उसने उसे अपनी बाँहो मे लिया और उसे वही पटक कर उसके उप्पर चढ़ गया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर लगाया और ज़ोर से पेल दिया……

चूत गीली रहने के वजह से लंड उतरता चला गया……..लंड इतनी आसानी से चला जाएगा ये तो राजने भी नही सोचा था….तो क्या अनिता ही कातिल है….राजेश केस की????

पर अभी समय ये नही है….अभी राज और अनिता के चुदाई का सीन का है…………लंड आखरी जड़ तक आ चुका था…..इस परिवेश मे एक बार भी अनिता को दर्द नही हुआ…..और ना ही राज को दिक्कत हुई….

लंड सीधे बुर मे उतरता चला गया…और करीब 15 मीं बाद वो बुरी तरह झाड़ गया……दोनो स्खलित होकर एक दूसरे मे खो गये……….और हाफने लगे……………………………..

क्रमशः.............
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05-10-2019, 07:31 PM,
#45
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
प्यास बुझती ही नही--20

गतान्क से आगे......................

सुबह के करीब 5 बजे. पर रश्मि और इनस्पेक्टर शर्मा पोलीस बल लेकर आ गये. रश्मि ने दरवाजे को ज़ोर से धक्का दिया ….पर दरवाजा नही खुला…..अब इनस्पेक्टर शर्मा ने एक पोलीस वाले से राइफल ली और उसके कुंडे से ज़ोर से मारा….दरवाजा दो हिस्सो मे टूट गया….अंदर का जो नज़ारा था वो बहुत डरावना था…….रश्मि तो मानो बेहोश होते होते बची….उसे चक्कर आने लगा…फर्स पर अनिता बिल्कुल नंगी पड़ी है और उसकी पीठ पर एक मोटा सा चाकू धंसा है…और उसपर राज भी औंधा गिरा हुआ है…पर राज की साँसे अभी भी चल रही थी…..जब रश्मि ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो अपनी आँखे खोली और इनस्पेक्टर से बिन्ती की कि कुच्छ करो….बर्ना मे भी बच नही पाऊँगा…….इनस्पेक्टर शर्मा ने अपने पोलीस बल को हुक्म दिया…..पूरे घर को घेर लो और चेकिंग करो……कातिल यही कही होगा…..और वो राज को उठाने की कोशिश की……उसने फ़ोन कर आंब्युलेन्स भी बुलवा ली….राज के पीठ और कमर पर चाकू के कई बार थे …..वही अनिता के शरीर पर एक ही निशान था…और वो भी बड़े चाकू का….चाकू पूरा का पूरा उसकी पीठ मे घुसा हुआ था….उसके शरीर से काफ़ी खून फर्स पर गिरा हुआ था…….इनस्पेक्टर शर्मा ने मृतक के बॉडी पर एक कपड़ा डाल दिया और पूरे कमरे की तलाशी लेने लगा…….राज को हॉस्पिटल पहुँचाया गया………

इनस्प. शर्मा: मिस्टर. राज…..जब तक मे ना कहु और जब तक ये इन्वेस्टिगेशन ना हो जाए…आप किसी को भी कोई इन्फर्मेशन नही देंगे……..इट्स ओके…???

राज: यस सर……राज भी काफ़ी डरा हुआ दिख रहा था…….वो इस हालत मे नही था कि कुछ बता सके…अभी उसे कैजुअल्ति की ज़रूरत थी…..उसने स्ट्रॅक्चर पर लेटते हुए रश्मि को गौर से देखा और बीनती की……..मुझे बचा लो…मे मरना नही चाहता……….

रश्मि ने उसे भरोशा दिलाया….आपको कुच्छ नही होगा…भगवान पर भरोसा रखो……

इनस्पेक्टर ने अनिता के परिवार वालो को फोन कर दिया……उसके घर मे उसकी माताजी और एक छ्होटा भाई ही था…..शादी तो अभी हुई नही थी…..फिर भी जब फोन गया तो उसका होने वाला पति और ससुराल के लोग आए…पर अनिता की इस हालत को देखकर सब के होश उड़ गये……………………………………………………..

अनिता की डेड-बॉडी को हॉस्पिटल पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया….इनस्पेक्टर शर्मा ने लोगो को बताया…..ये एक मर्डर है…पोलीस पूरी छान-बीन करने के बाद ही स्टेट्मेंट देगी…..ये लोग यान्हा कैसे आए, क्या करना चाह रहे थे..और ये जो कांड हुआ है उसे कौन अंजाम दिया…………………………..

अनिता की मम्मी ने पोलीस को बताया कि रात के 2 बजे पर एक मेसेज आया था अनिता का जिसमे उसने बोला था कि वो किसी सहेली के घर पर है और वो सुबह आ जाएगी…पर मुझे क्या पता था कि यान्हा रंग-रेलिया मना रही थी…..मे तो लूट गयी….मे अब किसी को मुँह भी नही दिखा सकती……उसने राज को भी जी भर कर कोशा………………….और रोते रोते अपना बुरा हाल बना लिया………………………………इनस्पेक्टर शर्मा उसका कॉन्वर्सेशन लेने के बाद वो हॉस्पिटल चला गया…और हॉस्पिटल मे राज का कॉन्वर्सेशन लेने लगा…..राज ने सुरू से अंत-तक सारी बाते पोलीस को बता दी…….कि उसका क्या प्लान था…..कैसे वो इस भंवर मे फस गया……उसने जो बताया ….इससे तो पोलीस की भी नींद गायब हो गयी……इनस्पेक्टर शर्मा भी बुरी तरह चौक गया.

राज: हां सर, मे सही कह रहा हू……राजेश जिंदा है…..और फिर मेने ये भी फील किया है कि कही ना कही राजेश और अनिता मे कोई सरीरिक संबंध हुए होगे तभी पॅंटी मे उसकी चूत के बाल आए है….ये लीजिए ये बाल है…इसका डीएनए टेस्ट करवा ले………हमे ऐसा लगता है कि राजेश के पिछे कोई और भी है जो हमे फसाने की कोशिश कर रहा है……हां ये बात सही है कि मेने और अनिता ने शारीरिक संबंध बनाए…पर ये अनिता के रज़ामंदी से ही हुआ है…आप जाँच कर ले….मेने कोई बलात्कार नही किया है.

इनस्पेक्ट शर्मा: पर मिस्टर. राज……घर मे पत्नी के होते हुए किसी दूसरी लड़की/औरत के साथ सेक्स करना गुनाह है…
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05-10-2019, 07:31 PM,
#46
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राज: मानता हू सर…पर मेरी वाइफ अक्सर बीमार रहती है……मे सेक्स के बगैर नही रह सकता….तभी मेने अनिता के साथ सेक्स किया…..वो भी उसकी मर्ज़ी से.

इनस्पेक्टर शर्मा: वो तो मे बाद मे देखूँगा…फिलहाल तुम्हारा भी डीएनए टेस्ट होगा….तुम्हारे पेनिस पर लगे लावा-पदार्थ और चूतादो पर लगे खून के निशान का…..

राज: सर…आप जो भी टेस्ट करवा ले…पर मे इस खून का अपराधी नही हू…….प्लीज़ मुझपर विश्वास करे.

इनस्पेक्टर शर्मा: राज मे तो सबूतो पर करता हू बिसवास…अगर तुम अपराधी रहे तो तुम्हे कोई नही बचा सकता…और अगर निर्दोष रहे तो फिर मे तुम्हे पूरी कोशिश करूँगा बचाने को.

राज: सर मे भी आपका पूरा का पूरा समर्थन करूँगा…..और हां मेरा एक दोस्त है मिस्टर. कुलकर्णी…पुणे मे प्राइवेट डीटेक्टिव करता है…मे उसे यान्हा बुलाया है…उसकी भी मदद लूँगा और सबूत ढूँढने की पूरी कोशिश करूँगा……सर..

इनस्पेक्टर शर्मा: अगर ऐसा है…तो क़ानून तुम्हे ज़रूर माफ़ करेगा……चलता हू…..तुम अपना इलाज़ करो..और जब तुम्हारा डिसचार्ज होगा तो सबसे पहले मुझसे मिलना.

अनिता की मौत की खबर शहर मे जंगल के आग की तरह फैल गयी…सभी लोग इसका हत्यारा सिर्फ़ राज को मानने लगे…..अनिता की मा का बहुत बुरा हाल था वो बार बार बेहोश हो जाती थी…..और हार बार वो राज को कोष रही थी……….उसके ससुराल वाले तो 2 दिन रहे और फिर वो चले गये…अनिता के ससुराल के लोगो ने कहा कि अच्छा हुआ मेरा बेटा बच गया ……………नही तो हम कही मूह दिखाने के लायक नही रहते. लड़की थी ही कॅरक्ट्रलेस…….ये सारी बाते अनिता की मा को बर्छि की तरह चुभ रही थी…उसका मन कर रहा था कि वो कही जा कर अपनी जान दे दे …पर उसके पास उसका छ्होटा बेटा था जो कि अभी 5 स्ट्ड मे पढ़ता है….और फिर इतनी बड़ी जायदाद को देखना भी था……

राज की अब हालत ठीक हो रही थी….उसकी पीठ पर करीब 10 स्टिच लगे थे…….वो करवट बदल नही सकता था….बार बार उसके मन मे यही सवाल आता था…..कि वो कौन था जिसने कि मेरे पिछे से बार किया…वैसे उस बंदे को हमने अपने बस मे कर ही लिया था….पर एक आदमी ने पिछे से सरीये से बार किया…….निशाना मिस हो गया और सरिया उसकी पीठ पर जा लगा…राज कराह उठा और वही पर गिर गया…फिर कातिल अनिता की तरफ बढ़ किया…………………………………….रात मे जो सख्स कंबल ओढ़े आया था …बार बार उसका ही चेहरा घूम रहा था……पर एक बात और थी…अगर वो कातिल है तो फिर पिछे से कौन आया…..ये और फिर मेन दरवाजा तो बंद था……जिसे अनिता ने खुद ही बंद किया था….तो फिर पिछे से क्यो और कौन आया….?? क्या मकान के पिछे भी रास्ता था………………??? उसका सिर चकरा रहा था…कि तभी रश्मि चाय ले कर कमरे मे आई…..

रश्मि: लो चाय पियो……….अच्छा हुआ तुम्हे होश आ गया……….मे तो परेशान हो गयी पोलीस को जवाब देते देते. सुबह से पोलीस का फोन आ रहा है…..

राज: हमम्म्ममम मे थोड़ा बाथरूम जाना चाहता हू.

रश्मि: बेड पर कर लो……मे अभी यूरिन पॉट लाती हू.

राज: मे चल सकता हू…………बाथरूम तक …तुम सिर्फ़ मुझे सहारा दे दो.. रश्मि: देखो…..घाव अभी हरा है..और फिर 10 12 स्टिच लगे है……रिस्क मत लो..और यही कर लो …अभी लाई…..रश्मि यूरिन पॉट लाई और दरवाजा बंद किया फिर बहुत प्यार से राज के लंड को निकाला और उसके यूरिन पॉट मे फिट किया और फिर राज की आँखो मे देखते हुए बोली…….अब सुरू करो.

राज: मुस्कुराते हुए……बहुत केर कर रही हो…..बेचारे का…
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05-10-2019, 07:31 PM,
#47
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
रश्मि: तुम यान्हा वन्हा मुँह मारते रहते हो.....इसी का नतीजा है कि तुम बेड पर पड़े हो...ये तो भगवान की कृपा है कि बच गये...वरना कातिल तुम्हे ही मार डालते.

राज: ऐसा तो हमे भी लगता है...पर क्या करू ...ये जो लंड है ना...कभी दिल ही नही भरता...हमेशा कुच्छ नया चाहता है.....चूत नयी नयी चाहता है.

रश्मि: तो क्या मन भर गया मेरे से..?

राज: नही डार्लिंग....ऐसा नही है...तुम्हारी चूत का तो दीवाना हू..मे...देखी कैसे लपला रहा है.....और वो ज़ोर से मूतने लगा.....एक तो लंड की मुटाई...और उसपर रश्मि के हाथ का जादू.....लंड यूरिन पॉट से बाहर आ गया और सीधे रश्मि के चेहरे पर गिरने लगा...पेशाब से वो नहा गयी.....कुच्छ बूंदे उसके मुँह मे भी चली गयी.....रश्मि को एक अनोखा आनंद मिल रहा था....तभी उसे ख़याल आया....कि अगर बिस्तेर पेशाब से गीला हो गया तो कोई भी शक कर सकता है...तभी उसने झुक कर राज को गले लगा लिया और बोली...डार्लिंग...ये पिचकारी अब बंद करो...वरना गोली चल जाएगी...और दोनो हस्ने लगे.

दोनो अब एक दूसरे के आगोस मे खो गये...तभी बाहर किसी की दस्तक हुई...दोनो अलग हो गये....रश्मि ने अपने आपको ठीक किया और फिर राज ने भी.....रश्मि ने दरवाजा खोला...सामने कमला थी.....वो बिना कोई सवाल किए अंदर आ गयी...और रश्मि को देखते हुए बोली....तुम्हारी बहन आई है (स्मृति).....जो घर पर है...मे नाश्ता करवा कर आई हू.....रश्मि जी कह कर चल दी............................

आज काफ़ी दिन बाद दोनो बहने मिल रही थी.....रश्मि चहकते हुए उनसे गले लग गयी....और स्मृति ने भी अपनी बाँहे फैला दी.......

स्मृति: कैसी हो??? सॉरी मे नही आ पाई...तुम पे तो पहाड़ टूट पड़ा होगा ना....

रश्मि: कोई बात नही....जो होना था हो गया.....अब रोकर के भी क्या कर सकते है.

पहले सिर्फ़ तुम थी....विडो...अब मे भी हो गयी...पर मुझे विडो होने का गम नही है...अच्छा हुआ मर गया....वरना मे एक दिन मार डालती.

स्मृति: छि.....अपने पति के लिए ऐसा नही बोलते.

रश्मि: पति??? कैसा पति..और किसका पति? वो तो सुरू से करप्ट था.

स्मृति: चाहे जो भी हो...हम औरत है..और हमे अपना मर्यादा नही भूलना चाहिए

रश्मि: छोड़ो इन बातो को...बताओ कैसी हो?

स्मृति: ठीक हू.....मेरी शादी तय कर दी गयी है.

रश्मि: वाउ.....ग्रेट....किससे....???

स्मरती: है एक टीचर.....देहरादून का ही है...उसी ने प्रपोज़ किया था...शादी के लिए...मा पापा का भी पसंद है.......में तुमसे फोन पर राई माँगना चाहती थी...पर तुम्हारा फोन आउट-ऑफ-रिचेबल था...

रश्मि: कोंग्रथस.......ये तो बहुत अच्छा हुआ......तुम्हारा घर बस जाए...यही तो मे भी चाहती थी..........

स्मृति: पर तुम्हरा घर उजड़ गया....ये सोच कर मे दुखी हू......अब तुम्हे भी शादी के लिए सोचना चाहिए.

रश्मि: हां शादी तो करूँगी...अपने जेठ से...पर अभी नही......अभी कुच्छ पोलीस का चक्कर है.....

स्मृति: अरे हां...पोलीस का क्या माजरा है...???मेने काफ़ी सुना है कि वो परेशान कर रही है.

रश्मि: पोलीस कहती है...इट्स ए मर्डर केस.

________________________________________

स्मृति: क्या अपडेशन है अब तक का

रश्मि: मिस्टर. कुलकर्णी आए है...कोई प्राइवेट डेक्टटिवे है

वही केस को देख रहे है....अच्छा ये बताओ...जब तुम्हे छोड़ कर राजेश निकला था...तो क्या बात हुई थी उस दिन....क्योकि मे तो अपने जेठ जी की बाँहो मे थी..

स्मृति: कोई खास नही....वो जल्द ही बह गये थे....मे भी भिन्ना गयी थी और गुस्से मे उसे "हिजड़ा कहीं का" बोल दी थी.....बाद मे मुझे लगा कि मुझे ऐसा नही कहना चाहिए था...मे माफी भी माँगना चाहती थी..तब तक देर हो चुकी थी...वो घर छोड़ कर जा चुके थे..........और यही वजह थी कि मे तुमसे या तुम्हारे परिवार से नही मिल सकी....कही ना कही मे भी अपने आपको कसुरबार मानती थी......................

रश्मि:ह्म्‍म्म्म तो तुम्हे पहले क्यो नही बताया....मुझे बता देती...शायद मे कुच्छ कर सकती थी.....अब तो ये भी नही पता कि वो जीवित है या मर गया....

पर सबूत ये बताते है कि वो जीवित है......

स्मरीत:अगर ऐसा है तो वो तुमसे मिलने ज़रूर आएगा.

रश्मि: अभी तक तो मुझसे मिला नही......मे तो उससे मिलने को इक्चुक हू...कई सवाल पुच्छने है उससे. बेचारी अनिता का मर्डर हो गया....ये किसने किया कुच्छ पता नही चल पा रहा है......राज भी काफ़ी अपसॅट है...........
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05-10-2019, 07:31 PM,
#48
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
स्मृति: केस कौन हॉल्ड्ल कर रहा है...?

रश्मि: है एक जाँबाज ऑफीसर इनस्पेक्टर राजकुमार शर्मा

स्मृति: ने नोटीस किया कि उसे जाँबाज कहने मे रश्मि ने कुच्छ ज़्यादा ही इच्छा प्रकट की...वो मुस्कुरा दी....क्या बात है...? कुच्छ ज़्यादा ही भाव दे रही हो पोलीस वालो की

रश्मि: क्यो? पोलीस वाले इंसान नही होते क्या?

स्मृति: पोलीस वालो से ना ही दोस्ती अच्छी और ना ही दुस्मनि

रश्मि: वो ऐसा नही है....मेरे एक रिक्वेस्ट पर उसने पोलीस फोर्स भेज दिया...और खुद भी रात के 4 बजे आया......ये उसकी महानता है...वरना कोई और पोलीस वाले होते हैं ऐसे???

स्मृति: ह्म चलो ठीक है.....कुच्छ खिलाओगी नही?

रश्मि: अरे हां....मे तो भूल ही गयी...अभी लाई....बोलो क्या खओगि

स्मृति: पराठे बनाते है.....2 तुम्हारे लिए और 2 मेरे लिए....और उस पर चाय

कैसा रहेगा...

रश्मि : अभी बनाती हू...और दोनो किचन मे चली गयी....

करीब 2 घंटे मे नाश्ता बन कर तैयार हो गया....दोनो नाश्ता कर ही रही थी कि दरवाजे का कॉल वेल बजा.....रश्मि ने दरवाजा खोला......कमला के साथ इनस्पेक्टर शर्मा भी थे...जो कि रश्मि को देखते ही उसके चेहरे पर एक चमक देखी.

रश्मि: आइईए....बहुत अच्छे समय पर आए है.....नाश्ता कर रही थी..

इनस्प. शर्मा: अरे वाह....भाई भूक तो हमे भी लगी है.....और कुच्छ सवाल भी पुच्छना था....चलो नाश्ता करते करते पुच्छ लेंगे.....सुना है आपकी बहन आई है......देहरादून से....

रश्मि: जी....आइए भीतर ...मिलाती हू.

इनस्पेक्टर शर्मा और स्मृति के बीच इंटरॅक्षन हुआ.....इसी दरम्यान अभी ने नाश्ता किया.....कमला अपने कमरे मे चली गयी.....और स्मृति जब अपने कमरे मे जाने लगी तो इनस्पेक्टर शर्मा ने पुछा...

इनस्प. शर्मा: मे आपसे कुच्छ सवाल पुच्छना चाहता हू...आशा है आप सही सही जवाब देंगी.

स्मरती: जी पुछिये...मेरे पास जो भी इन्फो. होगी मे ज़रूर शेर करूँगी.

इनस्प. शर्मा: वेल.....तो स्मृति जी....आप की शादी के कितने साल हो गये है.

स्मृति: मेरी शादी 1998 मे हुई...और 3 साल बाद मेरे पति एक्सपाइर हो गये....फिर मेने जॉब कर ली.....

इनस्प. शर्मा: दूसरी शादी करने का इरादा????

स्मृति: मे उस हालत मे नही थी कि मे दूसरी शादी करने के लिए सोचु. पर अब मे करने जा रही हू......एक रिस्ता आया है.....

इनस्प. शर्मा: ग्रेट....कोंग्रथस...

स्मृति: थॅंक्स.....

इनस्प. शर्मा: स्मृति जी.....क्या आपका राजेश के साथ साड़ीरिक संबंध रहा है?

स्मृति: ये प्रसन पुछ्ते ही दोनो बहने भड़क गयी....

रश्मि: ये क्या मज़ाक है.....? क्या हम लोग ऐसे वैसे है??? आख़िर क्या पुच्छना चाहते है.....???

इनस्पेक्टर शर्मा: मेडम, मेरा मतलब किसी का दिल दुखाने का नही है...और ना ही मेरा इरादा है...पर जो सबूत पोलीस को मिला है.....उस बिहाफ पे तो पुच्छना ही होगा....

स्मृति: छोड़ो...पुच्हिए जो पुच्छना है...

इनस्प. शर्मा: हां तो बताइए.......क्या आपका संबंध.......................

स्मृति: जी....बिल्कुल...हमलोग करीब 7 डेज़ तक एक साथ इसी घर मे रहे, रश्मि भी भली भाँति जानती है.....पर यकीन कीजिए...इस मर्डर से मेरा कोई लेना देना नही है...मे तो मर्डर के 10 डेज़ पहले ही यान्हा से चली गयी थी....
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05-10-2019, 07:31 PM,
#49
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
इनस्प. शर्मा: ने दूसरा बेहूदा सवाल पूछा....क्या आपकी चूत पे झाँत है.....लंबे लंबे.....

पर दोनो बहने भड़क गयी......परंतु स्मृति ने बोला...जी मे अपनी झाँते शेव्ड रखती हू.....शादी से पहले रखती थी...पर जब मेरे पति ने बताया कि उसे झाँत नही पसंद है...तो शेव्ड रखती हू....और जब वो डेत कर गये ...तब मे रखने लगी थी....और जब राजेश से सेक्स किया तो उन्ही के कहने पर मेने दुबारा झांट बनवा ली.....................

पर आप ये सवाल मुझसे क्यो पुच्छना चाह रहे है???

इनस्प. शर्मा : थॅंक्स स्मृति...दरशाल....इसी घर से एक पॅंटी मिली थी जिसपर किसी लड़की के लंबे लंबे झांतो के बाल थे.....ये झांट या तो आपके होंगे...आ अनिता के..जो की मर गयी है......................

स्मृति: मेरा यकीन करो....मेरे राजेश के साथ सरिरिक संबंध ज़रूर थे पर मे किसी के मर्डर के बारे मे सोच भी नही सकती...

तभी इनस्पेक्टर शर्मा का फोन आ गया.....फोन किसी डॉक्टर का था...

डॉक्टर: इनस्पेक्टर शर्मा.....मिस. अनिता के पोस्टमोरटूम रिपोर्ट आ गयी है और वो पॅंटी पे लगे स्पर्म और बॉल का भी रिपोर्ट आ गया है

इनस्प. शर्मा : उत्सुकता पूर्वक....हां...हल्लो बोलिए डॉक्टर शहाब .....क्या रिपोर्ट है....

डॉक्टर: पॅंटी पे लगे झांट और अनिता के झांतो से मॅच कर गये है.....ये पॅंटी और उसपे झांतो के बाल अनिता के ही हैं......

और स्पर्म किसी मुर्द् का है....इसका भी रिपोर्ट शाम तक दे दूँगा...

इनस्प. शर्मा: थॅंक्स डॉक्टर...आपने बहुत बड़ी खबर सुनई है

...........................................................

राज अब बिल्कुल ठीक हो गया था…उसे आज हॉस्पिटल से छुट्टी होने वाली थी….स्मृति, रश्मि और कमला उसे साथ लेने आए थे…….रश्मि डिसचार्ज स्लिप भर रही थी…और स्मृति बाहर ऑटो देख रही थी….कमला राज को सहारा दे कर उठा रही थी…तभी रूम मे एक साया गुजरा….आँखो पे हरी पट्टी और एक पैर पर प्लास्टर…..वो भटक भटक कर चल रहा था……एक हाथ से अपने कंबल और दूसरे हाथ मे एक मजबूत डंडा था……

कमला की नज़र जैसे ही उस शख्स पर पड़ी उसने उसे पहचान लिया……..

कमला: अरे ये तो……………………………………..और वो ज़ोर ज़ोर से हफने लगी…सुनो जी…ये तो अपना…..

राज: अपना क्या………….??? क्या कहना चाह रही हो…

कमला: अरे वो अपना राजेश है….वो देखो जा रहा है…..राजेश……राजेश…..ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी….इतनी ज़ोर ज़ोर से चिल्लने से वन्हा भीड़ इककट्ठि हो गयी……..वो शख्स बिना सुने….बिना पिछे देखे रूम से निकलने मे सफल हो गया……….जब तक रश्मि वन्हा आई वो बंदा जा चूक्का था….

राज: तुम्हे पूरा यकीन है कि वो राजेश ही था….

कमला: हां…भाई…मेने उसे 100% पहचाना है….उसके हाथ पर पट्टी लगी थी और पैर पर प्लास्टर…..और उसकी एक आँख पे हरी पट्टी……………में बहुत चिल्लाई पर उसने पिछे नही देखा

राज: कही वो कोई और हो…….अगर राजेश होता तो ज़रूर पिछे देखता …..ये तुम्हारा बहम होगा.

कमला: अब मे आपको कैसे यकीन दिलवाऊ…..

रश्मि: मे अभी आई..और वो रिसेप्षन पे चली गयी और जाकर पता किया कि एक आदमी जो ब्लंकेट ओढ़े हुए और पैर पर प्लास्टर और आँखो पे पट्टी लगी है….कौन था…..

रेसेप्तों: सॉरी मेडम,….ऐसा कोई इन्फर्मेशन मेरे पास नही है…ये हॉस्पिटल है और यान्हा इस तरह के पेशेंट आते है……………………..और अगर पता लगाना है तो एंक्वाइरी काउंटर पर जाए……

रश्मि ने एंक्वाइरी काउंटर पर भी बात करी…पर उसे कोई सही इन्फर्मेशन नही मिली….थक हार कर रश्मि ने इनस्पेक्टर शर्मा को फोन किया और सभी कुच्छ बता दिया…….
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05-10-2019, 07:31 PM,
#50
RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
रश्मि फोन रखने के बाद राज के पास आ गयी और फिर सारे लोग ऑटो करके घर आ गये.

राज अब ठीक हो चुक्का था…पर अभी भी उसके पीठ पर घाव हरे थे और दर्द कर रहे थे.

राज ने सबसे पहले अपने नौकर छ्होटू को फोन किया और बिज़्नेस का हाल जाना….और फिर वो बोला…अब से रश्मि आया करेगी शॉप पर….तुम लोग अच्छी तरह काम करो…बहुत अच्छे से तुमलोगो ने देखा है सब कुच्छ…और हो सके तो 2-3 स्टाफ और बढ़ा लो……तुम पेपर मे एड निकलवा लो….इंटरव्यू कल का रखो……..छ्होटू….ठीक सर….मे कल ही एड. निकलवा दूँगा…

इनस्पेक्टर शर्मा एक बार फिर रश्मि के घर आ गया अपने पोलीस फोर्स के साथ……और फिर से तहकीकात करने लगा…….रश्मि गौर से देख रही थी कि वो बार बार चोर नज़र से उसे घुरे जा रहा था….रश्मि थी भी काफ़ी खूबसूरत….और आज तो वो कयामत लग रही थी…एक लाइट येल्लो कलर की शिलक की साड़ी वित छ्होटी ब्लाउस उसके पेट और नाभि काफ़ी दिख रहे थे…चुचिया आँचल से बाहर झाँक रही थी…उसके होंठ सुर्ख और रसीले लग रहे थे..जिसे देख कर इनस्पेक्टर शर्मा काफ़ी गरम हो जाता था….उसने किसी तरह अपना काम किया …फिर वो बोला…ओके रश्मि जी…मे चलता हू….कोई इन्फ़ॉर्मेशन. मिलेगी तो बता दूँगा………रश्मि उसे गेट तक छोड़ आई…….जब दरवाजा के पास आए तो इनस्पेक्टर शर्मा ने उसके कान मे बोला…..आप बहुत सेक्सी और सुंदर लग रही है………….रश्मि बुरी तरह शर्मा गयी और दरवाजा बंद कर अंदर आ गयी……….

राज: लगता है ये इनस्पेक्टर तुम-मे काफ़ी रूचि ले रहा है….क्या बात है?

रश्मि: हां…मे भी देख रही हू कई दिन से…..पर मे क्या कर सकती हू

राज:क्यो…? तुम अफेर बढ़ाओ…

रश्मि: मे आप जैसी नही हू…. एक पैर यान्हा और एक पैर वन्हा.

राज: तो क्या हुआ…मज़ा तो आता है?

रश्मि: ऐसा मज़ा किस काम का….अपनी हालत तो देखो?

राज: अरे यार तुम भी ना….अगर केले के छिल्के पर पैर रखोगे तो गिरोगे ही….और अब गिरने के डर से केला ना खाया जाए?????? बताओ….

रश्मि: वाह वाह….क्या लॉजिक दिए हो….शरम नही आती…अपनी बहू को किसी और से रीलेशन जोड़ने को बोल रहे हो????

राज: तुम भी ना…और औरतो की तरह सोचती हो…

रश्मि: मे जो भी सोच रही हू ठीक सोच रही हू….

राज: अरे भाई…..मे तो ये कह रहा था कि अगर थोड़ा इंटरॅक्षन हो भी जाए तो क्या ग़लत है…बंदा अच्छा है….आराम से……………………………..

रश्मि: शॅट अप……………………… फिर कभी ऐसा मत बोलना….तुम सभी को अपने जैसा सोचते हो.

राज: तो तुम भी कौन सी दूध की धूलि हो…अपने हज़्बेंड के रहते हुए मेरे से सेक्स किया…

रश्मि: आप से रीलेशन करना और बात थी….आप मेरे पति के ब्रदर हो…मेरे पति समान हो…और फिर मेने आपको अपना पति माना है……पर तुम किसी और की बाँहो मे क्यो भेज रहे हो.

राज: देखो भाई…मे जैसा हू…..ठीक हू….मे तो तुम्हारी आज़ादी की बात कह रहा था….तुम्हारा हज़्बेंड अब तुम्हारे पास नही आने वाला….मे भी पार्ट टाइम ही रहूँगा…तो कोई तो हो …जिससे तुम अपना सेक्स शेर करो………………..

रश्मि: पर वो मॅरीड है…और 1 बच्चा भी है..

राज: तो क्या हुआ….सेक्स करने को कह रहा हू…..शादी करने को नही….तुम समझती नही हो यार.

तभी स्मृति आ गयी और दोनो चुप हो गये…………………..

क्रमशः................................
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