Hindi Sex Story बदले की आग
08-26-2018, 09:52 PM,
#8
RE: Hindi Sex Story बदले की आग
बदले की आग (भाग - 8)

जब दोनों बहनें फिल्म ले कर मेरे घर से चली गई तो मैं सोच'ने लगा की अब आगे क्या किया जाए क्योंकि अभी उन'की माताजी, रागिनिजी और उन के भाई, कौशल से भी बदला लेना था. मैने सोचा की चलो पहले जाके दूसरी फिल्म तो देखूं के अच्च्ची बनी है की नहीं. मैने फिल्म देखी बहुत अच्च्ची बनी थी. अब मेरे पास दोनों बहनों की ब्लू फिल्म थी. जिस'से मैं उन'की मा चोद सक'ता था, मान चाहे ढंग से उन्हें ब्लॅक मैल कर'के आप'ना बदला ले सक'ता था. मैने प्लान बनाना शुरू कर दिया था. जब मैं अपनी ही सोचों मैं गुम था की फोन की घन्टी हुई. मैने बेड रूम का फोन उठाय तो दूसरी तरफ कामिनी की सुरीली आवाज़ आई,

हेलो विशाल क्या हाल हैं आप के?

मैं क्या बताओन डार्लिंग तुम्हें तो पता ही है की जब तुम मेरे पास नहीं होती तो मेरा क्या हाल होता है.

ऑश मेरे छोटे से बच्चे, क्या सच मच तुम मुझे मिस कर रहे हो.

कामिनी, अम्मा अगर तुम इस वाक़त मेरे पास होती तो मैं तुम्हें अपना दिल निकाल कर दिखाता के देखो इस मैं सिर्फ़ तुम्ही तुम हो, मेरी प्यारी बीवी .

श विशाल मैं कितनी खुश किस्मत हून की आप मेरे पति हो, हैं ना.

हन, कामिनी मैं खुश किस्मत हून की तुम मेरी बीवी हो, चलो एक चुम्मा दो. जल्दी से फोन पर वह बोली की,

यहाँ अभी नहीं दे सक'ती क्योंकि सब लोग बैठक मैं ही हैं. अच्च्छा मौसी आप से बात करेंगी. उस'ने मौसी को फोन दे दिया. मैने उन्हें सलाम किया. हाल चाल पूच्छ'ने के बाद वह बोलीं के,

बेट कामिनी को हमारे घर कुच्छ दिनों के लिए छोऱ दो. महीने डेढ़ महीने में तो तुम उसे आप'ने साथ विलायत ले जाओगे. फिर बेटी से कब मिल'ना नसीब होगा ? अब बेट बताओ कामिनी हमारे साथ कुच्छ दिन रह सक'ती है. अगर तुम इजाज़त दो तो, वरना भाई और भाभी आज वापिस आ रहे हैं. हम कामिनी को उन के साथ भेज दें.

नहीं मौसीजी आप कैसी बात करती हैं. कामिनी आप की बेटी है. सिर्फ़ मेरी बीवी ही तो नहीं और इस मैं इजाज़त की क्या बात है? आप लोग जब चाहें तब भेज देना.

बहुत बहुत शुक्रिया, बेट. तुम'ने मेरा मान रखा.

मौसीजी आप मुझे शर्मिंदा कर रही हैं.. मैं भी तो आप का बेट हून.

अच्च्छा बेट फिर हम कामिनी को एक साप्ताह बाद भेज देंगे. उन्हों'ने फोन रख दिया. मैं सोच'ने लगा की चलो एक साप्ताह का वक़्त और मिला और साथ ही मेरा भाग्या तो देखो की कामिनी के चाचा चाची आज वापिस आ रहे हैं और मैं प्लान बना चक्का था. मैने फॉरन उस पर काम शुरू कर दिया. मैने आप'ने दो ख़ास दोस्तों को फोन किया जो की पक्के चोदू और गांडू थे.

वे मेरे बचपन के दोस्त थे और सेयेल पूरा रोब भी रख'ते थे. इस काम के लिए बिल्कुल फिट थे. मुझे भरोसा भी था की वह बात को बाहर नहीं निकालें'गे और मैने उन्हें सब समझा भी दिया था की उन्हें क्या कर'ना है. जब मैं जैसा कहूँगा तब वह वैसा करेंगे. उन्हों'ने कहा की वे मेरे लिए कुच्छ भी कर सक'ते हैं.

फिर आग'ले दिन मैने कामिनी के चाचा के घर फोन किया तो इतेफ़ाक से चाची'ने फोन उठाय. सलाम दुआ के बाद मैने चाची से पूचछा की,

बाकी घर वाले कहाँ हैं? मुझे पता तो था की चाचा और कौशल जॉब पर होंगे. मधु कॉलेज गयी हो'गी. घर मैं सिर्फ़ चाची और रूचि ही होंगे. उन्हों'ने वही बताया जो मैं सोच रहा था. पर वह बोली की,

आज तो बेटा रूचि भी ससुराल गयी है कुच्छ दिनों के लिए. मैं घर मैं अकेली हून. मैं उन्हें बोला की,

चाची क्या आप कुच्छ देर के लिए मेरे घर आ सक'ती हैं. आप से कुच्छ बात करनी है. बहुत ज़रूरी बात है कामिनी के बारे मैं. चाची लगता है मैने कोई ग़लत फ़ैसला किया है जो कामिनी से शादी कर ली.

बेटा मुझे पता था की कामिनी तुम्हारे लायक नहीं है. मैं उन के दिल की बातें कर रहा था. मुझे पता था की वह कामिनी के मा बाप की जायदाद के पीच्चे पऱी है. वह बोली की,

बेटा मैं 10 बजे तक आ जवँगी. मैं बोला की,

चाची मैं इंत'ज़ार कर रहा हून. फोन रख दिया. ठीक 10 बजे रागिनिजी मेरे घर मैं थी. वह बोली,

बेटा तुम्हारी बात सुन'के मैं परेशान हो गयी हून. मैं बोला,

चाची ऐसी कोई बात नहीं है. मैं बस आप से बात कर'ना चाह'ता था. आप फ्री तो हैं ना.

हन बेटा मैं शाम तक फ्री ही हून. तुम बताओ क्या बात है? मैं बोला की,

बताओन या दिखाओं.

मैं समझी नहीं बेट क्या बात है? मैने कहा की,

सोफे पे बैठ जाएँ और मैने तैयार कर'के रखी हुई फिल्म लगा दी. जब उन'की नज़र स्क्रीन पर पऱी तो वह अपनी जगह से उच्छल पऱी क्योंकि जो स्क्रीन पे चल रहा था उस मैं मेरा लंड रूचि की चूत में था. वह उच्छल उच्छल के मस्ती से चुद'वा रही थी. मुझ से वह अपनी शादी शुदा बेटी को छुड़वा'ते टीवी पर देख रही थी. कभी वह स्क्रीन को देखती और कभी मुझे फिर मैने दूसरी कॅसेट लगाई. जिस मैं मैं मधु को लंड चूसा रहा था..

वह फिर से उच्छल पऱी क्योंकि जब मैं मधु को लंड चूसा रहा था तो रूचि पास बैठी हुई थी. मैने फिल्म चल'ने दी. वह देखती रही. लग भाग एक घन्टे के बाद वह बोली की,

तुम'ने मेरी दोनों बेटियों को बर्बाद कर दिया और उस पर तुम'ने दोनों की ऐसी गंदी फिल्म भी बना ली. तुम'ने ऐसा क्यों किया. हम'ने तुम्हारा क्या बिगाऱ था. बिन मा बाप की बच्ची को आप'नी औलाद की तरह पाल के तुम्हें दे दिया तो हम'से कोई गुनाह हो गया तो बताओ बेटे. उस'की नज़र फिर स्क्रीन पर गयी. जहाँ पर मैं रूचि की गान्ड मार रहा था. वह दृश्या चल रहा था. उस'की आँखें और खुल गयी. 10 मिनिट तक वह कुच्छ बोल नहीं सकी फिर उस'ने मूँ'ह खोला की,

विशाल तुम क्या चाह'ते हो और इन फिल्मों को फ़ौरन मुझे दो, किसी'ने देख ली तो मेरी बेटियों की ज़िंद'गी खराब हो जाएगी.

चाची इतनी जल्दी क्या है. कॅसेट्स आप को दे भी देंगे या आग में झोंक देंगेपर उस'की कीमत तो आप'को चुकानी होगी.

विशाल बेटे मैं क्या दूँ, तुम्हारे पास इतना पैसा है की हम तो ग़रीब हैं तुम लोगों के मुक़ाबले में. मैने कहा की,

चाची पैसा कौन माँग रहा है आप से. आप को आज का दिन मेरे साथ गुज़ार'ना है. जैसा मैं कहूँ वैसे करना है. आप'को मेरी गुलाम की तरह रह'ना होगा. मुझे जो करना होगा मैं करूँगा.

मुझे तुम्हारी बात समझ में नहीं आ रही. साफ साफ कहो तुम मुझ'से क्या चाह'ते हो?

तो मेरी प्यारी चाचीजी सुनो. आप'ने फिल्म में जो देखा वही, आप'के साथ भी........

क्या तुम होश मैं तो हो विशाल. मैं तुम्हारी मा की उमर की हून. तुम'ने मेरे बारे में ऐसा सोचा कैसे?

हन चाची आप हो ही ऐसी. आप तो अभी पूरी जवान लगती हो, आप किसी भी तरह 35 साल से ज़्यादा की नहीं लगती हो. आप'को आप'नी बेटियों की रंगिनी की फिल्म चाहिए या नहीं. देखो तुम मेरी बात मान लो और फिल्म ले कर चली जाओ वरना मैं एक कॉपी तुम्हारे बेटी के ससुराल भेज दूँगा और दोनों कॅसेट्स को नेट पर छोऱ दूँगा जिस'से उन्हें सारी दुनिया देखेगी. तुम्हारी बेटियों की ब्लू फिल्म. चलो फ़ैसला जल्दी करो. मैं कामिनी के अंजाने में किए बलात'कार का सोच के दिल को मॅज'बूट कर रहा था और 'आप' से 'तुम' पर उतार आया था.

हम'ने तो तुम्हें एक शरीफ खानदान का समझ के आप'नी बेटी दी थी पर तुम तो ब्लॅक मैल कर'ने लगे. अब समझी तुम'ने ऐसे ही मेरी बेटियों को भी ब्लॅक मैल किया है नहीं तो मेरी बेटियाँ तेरे साथ ऐसी गंदी हर'काटें कभी नहीं कर'ती.

जिसे तुम गंदी हरकत कह रही हो वह तो तुम्हें भी मेरे साथ कर'नी है. ज़रा इस फिल्म में आप'नी बेटियों के चेहरे की तरफ तो देखो, कैसे हंस हंस के और मस्त हो हो के मेरे साथ जवानी का मज़ा लूट रही है. अब बहुत हो गया ज़रा आप'नी इस मस्त जवानी के जलवे आप'ने दामाद को दिखाओ. उस बुड्ढे चाचा में क्या परा है. एक बार मेरी टाँगों के बीच आओगी तो तुम्हें मस्त कर दूँगा. चलो अब धीरे धीरे आप'ने कप'रे उतारो.

पर तुम्हारा क्या भरोसा, काम हो जाने के बाद भी तुम मुझे कॅसेट दोगे या नहीं.

मुझ पर भरोसा रखो. तुम यदि आप'नी इच्च्छा से पूरी मस्ती में मज़ा डोगी तो मुझे इन कॅसेट का क्या कर'ना है.

रागिनिजी खऱी हुई और एक एक कर'के आप'ने कप'रे उतार'ने लगी. दो मिनिट के बाद वह मेरे साम'ने बिल्कुल नंगी खऱि थी. वाउ! क्या चीज़ थी? वह लगता ही नहीं था की 3 बच्चों की मा है और 45 साल की एक अधेऱ औरत है. बिल्कुल अपनी बेटियों की तरह जवान लग रही थी. अब मैं उस'की फिगर आप को बता दूँ. स्तन 40 आकार, कमर 34, गान्ड 40 ज़रूर होगी. क्या लगती थी.? उसे देख'ते ही मेरा लंड खऱ हो गया. मैने वाक़त ज़ाया नहीं किया. फ़ौरन आप'ने कप'रे भी उतार दिया. सोफे पर बैठ गया. बोला की,

रागिनिजी चलो मेरे पास आओ वह मेरे पास आई. मैने उस'का हाथ पकऱ के अपनी तरफ खींचा वह किसी पके फल की तरह मेरी गोद मैं चली आई. मैने किसी भूखे बच्चे की तरह उस'की चूचियों को चूस'ना शुरू कर दिया. वह कोई सहयोग नहीं दे रही थी. पर मैं कहाँ रुक'ने वाला था. मैने 10 मिनिट तक उस'की चूचियों को मुख में भर कर चूसा. साथ ही साथ मैने एक अंगुल उस'की चूत में डाल दी जिस'से वह अब कुच्छ गरम हो गयी थी..

उस'ने मेरा सिर पकऱ के आप'ने स्तन पर दबाना शुरू कर दिया था. साथ साथ उस'के मूँ'ह से कामुक सिस'कारी भी निकल रही थी. मैने अब उस'की चूत को धुआँ धार तरीके से अंगुल कर'ना शुरू कर दिया था. मेरी अंगुल उस'की चूत में फ़च्छ फ़च्छ कर'के जा रही थी. अब तो उस'की हालत बुरी थी. वह आप'ने मज़े को रोक नहीं सक'ती थी. उस'ने उँची आवाज़ मैं सिसक'ना शुरू कर दिया था..

ऊह.. विशाल हाय... यह तुम क्या कर रहे हो. ऊह.. उः.. और एक पल के बाद ही वह आप'नी चूत का पह'ला रस छोऱ'ने वाली थी..

मैं झऱ'ने वाली हून. हाा... और मुझे उस'की चूत का राज मेरी अंगुल पर चिप'क'ता हुआ महसूस हुआ. वह झऱ'ने के बाद मेरी गोद मैं ढीली पर गयी. मैने अंगुल उस'की चूत से निकाली और उसे आप'ने मूँ'ह में ले कर चूसा. क्या नमकीन चूत का राज था. कुच्छ वक़्त के बाद उस'ने सिर मेरे कंधों से उठाय. मैने उसे कहा की,

चलो अब तुम्हारी बारी है. मेरा लंड खूब मस्ती से चूसो. इसे चूस कर तेरी दोनों बेटियाँ भी मस्त हो गई थी और बाद में खुद बोल बोल के मुझ'से चुड़वाई थी. वह मेरी गोद से उठि और ज़मीन पर बैठ गयी. बिल्कुल मेरी टाँगों मैं और जब उस'ने गौर से मेरा लंड देखा तो उस'की आँखें खुल गयी.
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