RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
मुझे तो जैसे जन्नत मिल गयी तभी दीदी आई और उन्होने ने मुझे चाइ के साथ कुछ स्नॅक्स दिए. में आराम से बैठ हुआ था सोफे पे पैर सामने फैले हुए थे मसाज हो रहा था. मुझे लगा कि में कोई महाराजा हूँ और दो औरतें मेरी सेवा कर रही हैं. कुछ देर के बाद में उठा और फ्रेश होने के लिए चला गया बाथरूम में आया तो देखा कि वहाँ पे 2 सेट ब्रा और पैंटी सूख रहे थे.
में स्वेता की ब्रा पैंटी तो पहचान गया लेकिन दूसरी सेट मेने पहली बार देखी थी. में वॉश बेसिन पे झूका और मुँह पे पानी मारा. जब उठा तो शीशे में देखा कि दीदी पीछे खड़ी हुई थी. उन्होने मुझे साइड में होने को कहा और एक सेट ब्रा पैंटी उठा ली.और चुपचाप बाहर चली गयी. में मुँह धोने के बाद पैंट उतार कर अब आराम से अपने पैर धो रहा था.
मेने सिर्फ़ बनियान और अंडरवेर पहना हुआ था कि दीदी फिर से बाथरूम में आई. और बोली अर्रे ग़लती से मैं स्वेता की ब्रा पैंटी ले गयी. मेरी वाली तो यहीं है. स्वेता की ब्रा तो इतनी छोटी है कि में पहन लूँ तो साँस भी ना ले पाऊ.और अगर एक साँस ले भी लूँ तो ब्रा टूट जाए और उसकी पैंटी भी मेरी छुपाती कम दिखाती ज़्यादा है. अच्छा हुआ मेने जाके पहन के देख ली नही तो गड़बड़ हो जाती. रुक में अपनी ब्रा और पैंटी ले लूँ फिर तू आराम से नहा ले.
दीदी यह सब इतनी सहजता से बोल गयी जैसे में कोई लड़की हूँ. वो अपना काम कर के बाहर चली गयी. मेने देखा कि उनकी बात सुन के मेरे लंड ने गदर मचा दिया था. मेरी छड़ी आगे से फटी जा रही थी. में छुपा भी नही सकता था उस वैद्य की दवाई का यही साइड एफेक्ट था कि अगर एक बार लंड खड़ा हो जाए तो बिना झडे बैठता ही नही था अब तो प्राब्लम हो गयी.
अब तो मुझे मूठ मारनी ही थी. मेने सोचा कि स्वेता को बुला लेता हूँ फिर सोचा कि वो चिल्लाएगी तो सब मज़ा बिगड़ जाएगा. मेने बाथरूम का डोर बंद किया और लगा घिसने अपना लंड. थोड़ी देर में लंड ने पानी निकाल दिया. और अब में ठीक था. में बाहर आया और स्वेता और दीदी के साथ बैठ गया. माँ भी आ गयी माँ के आने से मुझे राहत मिली. नही तो मुझे डर लग रहा था कि दीदी कहीं फिर से ना शुरू हो जाएँ.नही तो लंड फिर से तबाही मचाने लगेगा.
हम सब बड़े प्यार से बैठे बातें कर रहे थे. किसी को किसी से कोई शिकायत नही थी. रात में खाना खाने के बाद में बाहर टीवी देख रहा था. और स्वेता अपने रूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद माँ भी अपने रूम में चली गयी. में भी सोच ही रहा था कि जाउ अपने रूम में. तभी दीदी आई. टीवी वाले रूम में सिर्फ़ हम दो ही थे. उसने मुझे एक आयिल की बॉटल दी.
और कहा कि इसे यूज़ करना.नही तो तू सारी रात मज़े लेता रहेगा और तेरी बीवी हम लोगों को सोने नही देगी इतना चिल्लाएगी. लगा लेना ठीक से.खुद को भी और उसको भी.चल अब जा अंदर कब से तेरा वेट कर रही है. कह के दीदी ने मुझे सोफे से उठा के खड़ा कर दिया और मेरे रूम के डोर तक धकेल के ले आई. में अंदर आया तो देखा कि स्वेता बेड पे लेटी हुई है और उसने एक बहुत ही सेक्सी जाँघो तक का गाउन पहना हुआ है. मेने दूर बंद कर लिया.
राज- यह गाउन कहाँ से आया?
स्वेता-दीदी ने दिया. उन्ही का है.
राज-दीदी ऐसा गाउन तो कभी नही पहनती.
स्वेता -पता है उन्होने कहा कि जब वो अपने हनिमून पे गयी थी तो उनके हज़्बेंड ने खरीदा था. दीदी कितना सॅड थी आज कि वो हमारे लिए हनिमून अरेंज नही कर पाई इसलिए उन्होने मुझे यह गाउन दे दिया.
राज-इसमे तो तू कमाल लग रही है.मन कर रहा है अभी घुसेड दूं पूरा का पूरा.
स्वेता- आप फिर से शुरू हो गये. धीरे धीरे करो ना. इतना बड़ा तो हथियार है आपका और वो भी पूरा घुसा देते हो एक बार में.धीरे करो.में कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूँ.
राज-अर्रे भगेगी तो पीछे से पकड़ के पीछे से घुसा दूँगा.
स्वेता-पीछे से कहाँ घुसा दोगे जी?
राज-तेरी गान्ड में.
स्वेता-मेरी चूत में तो घुसता नही यह.मेरी गान्ड में तो कभी नही घुसेगा.
राज-तू आज बड़े मूड में है री.बड़ा चूत लंड गान्ड कर रही है.क्या बात है.
स्वेता-कुछ नही.बस मेने यह रीयलाइज़ किया कि में कितनी खुशनसीब हूँ जो मुझे इतना बड़ा हथियार मिला है. थोड़ा टाइम लगेगा लेकिन में इसे चलना सीख ही जाउन्गी. पलंग पोलो की एक्सपर्ट बन जाउन्गी में देख लेना मेरा माथा फिरसे ठनका.
दीदी ने यही बात मुझे मॉर्निंग में कही थी.और ठीक यही बात और यही वर्ड्स स्वेता ने मुझसे कहे कहीं दीदी स्वेता को चुदाई की ट्रैनिंग तो नही दे रही है फिर मेने सोचा कि यह सब बाद में देखा जाएगा अभी तो इसे बजा लूँ
राज- ओह्ह तो यह बात है.तो ठीक है चल तुझे हथियार चलाना सिखाता हूँ.
स्वेता- सुनो दीदी ने कुछ दिया क्या आपको यहाँ आते टाइम?
राज-हां क्यूँ तुझे कैसे पता?
स्वेता- उन्होने कहा था कि आपको कुछ देंगी आज रात में बताओ ना क्या दिया ?
राज- यह देख. आयिल की शीशी दी है.
स्वेता- हाए राम तभी दीदी कह रही थी कि आज में चाहे जितना चिल्ला लूँ वो तो नही आने वाली.
राज- चिंता मत कर आज तुझे मज़े ले ले के आराम से चोदुन्गा.
हम दोनो नंगे हो गये. मेने अपने लंड पे ढेर सारा आयिल लगा लिया और उसकी चूत में भी. में आज धीरे धीरे लंड उसके अंदर डाल रहा था. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और जो भी दर्द था उसे अच्छे से सह रही थी. मेरा लंड आधा गया तो उसने कहा कि आज के लिए इतना काफ़ी है इतने में धक्के मार के झड जाओ मेने उसकी बात मान ली.में कल रात जैसा नाटक नही खड़ा करना चाहता था.
तो मेने आधे लंड से ही उसे चोदा और करीब 15 मिनिट के बाद में झड गया. वो तो ना जाने कितनी बार झड चुकी थी.हमारी बेडशीट पूरी गीली हो चुकी थी आयिल से भी और हमारे सेक्स के जूस से भी. हम वही बाहों में बाहें डाल के सो गये. आज की रात अब तक की सबसे बढ़िया रात थी. मेने पूरा लंड तो नही डाला लेकिन उसने मेरा पूरा साथ दिया और मेने उसका.
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