RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
में थोड़ा सर्प्राइज़ हुआ कि ऐसे क्यूँ किया. लेकिन कुछ कहा नही. और चुपचाप सोफे पे लेटा रहा दीदी आई और साइड वाले सोफे पे बैठ गयी अपने साथ दो ग्लास पानी भी लाई थी. एक मुझे दिया और एक ग्लास खुद पीने लगी थोड़ी देर तक हम ऐसे ही बैठे रहे. बिना बात किए में उपर की तरफ देख रहा था और दीदी ना जाने कहाँ देख रही थी. थोड़ी देर बाद बोली.
दीदी- तेरे साले ने तो तेरे खड़े पे चोट कर दी आज
मे-आपको सोना नही है
दीदी-मेने कहा था कि तेल कल लेना.मुझे पता था कि वो अपने भाई के साथ आ रही है.
मे-मुझे बात नही करनी दीदी आप प्लीज़ जा कर सो जाओ.
दीदी-मुझपे क्यूँ अपना गुस्सा निकाल रहा है.जिसने तेरी जलाई है जा उसे बोल ना.
मे- आप भी तो जला ही रही हो ना अभी. सो जाओ जा के.
दीदी-तू भी पागल है एक रात का वेट कर लेगा तो मर थोड़ी ना जाएगा.
मे- प्लीज़ दीदी आप जाओ ना यार यहाँ से.
दीदी- तू तो ऐसे कर रहा है जैसे कोई बच्चा हो कि खिलौना आज ही चाहिए. कल से तेरा खड़ा नही होगा क्या?
मे- आप को क्या पता में अभी क्या फील कर रहा हूँ? कितने दिनो से वेट कर रहा था. मेरा दिमाग़ पहले ही खराब है.आप जाओ यहाँ से.
दीदी-मुझे पता है रे कि तू अभी क्या फील कर रहा है. में कितने ही सालों से हर रात ऐसा ही फील करती हूँ. मुझे बहुत अच्छे से पता है.इसीलिए कह रही हूँ कि ज़्यादा गुस्सा ना कर. स्वेता ने कुछ ग़लत नही किया उसका भाई आया हुआ है. तुझे खुश होना चाहिए. और अपने भाई के रहते हुए वो तुझसे दूर ही रहेगी. हमारा घर भी इतना बड़ा नही है कि एक गेस्ट रूम बनवा सकें. मुझे बड़ी चुभति है यह बात कि तेरी शादी शुदा जिंदगी में इतनी प्रॉब्लम्स हैं.
मे- ऐसा नही है दीदी.में बस गुस्से में ना जाने क्या बोल गया . सॉरी दीदी.और आपको बिल्कुल भी सॅड नही होना चाहिए.में इस घर में खुश हूँ.और आप बस देखो कि में अब इस घर को कितना बड़ा बना दूँगा. मेरा बस थोड़ा मूड खराब था. अब में ठीक हूँ.
दीदी- वेरी गुड अब ज़्यादा मूड ऑफ मत कर नही तो मेरा भी खून जलेगा. चल अब उठ के बाथरूम में जा के हिला ले और फिर सो जा चुपचाप. जो करना है कल कर लेना. वो कही भागी नही जा रही है.ना ही कल से उसका छेद बंद हो जाएगा. इतनी जल्दबाज़ी ना कर. बल्कि खुश हो जा कि वो आ गयी.जा जा के बाथरूम में हिला के आ जल्दी.
मे-क्या? क्या कहा?
दीदी- क्यूँ एक बार में समझ में नही आया क्या? फिर से कहूँ?
मे-नही लेकिन आपने इतनी आसानी से कहा जैसे कितनी नॉर्मल बात हो तो ज़रा शॉक सा हो गया.
दीदी-तू कब तक बच्चा बना रहेगा रे तेरी दीदी की भी शादी हुई थी कभी उसका भी एक मर्द था कभी वो अच्छे से जानती है मर्दों के बारे में. समझ गया अब जा और अपना काम ख़तम कर फिर मुझे भी जाना है बड़ी रात हो गयी सोउंगी कब.
मे- हां बाबा जा रहा हूँ दीदी एक बात पूछूँ?
दीदी- सब बाद में पूछ लेना पहले जा जल्दी.
मेरे बिना कुछ कहे ही दीदी ने मुझे हाथ पकड़ के सोफे से उठाया और बाथरूम के गेट तक धक्का देती हुई ले आई
इस दौरान वो मेरी पीठ से चिपकी हुई थी और उसने अपने चुचियों को मेरी पीठ से बिल्कुल चिपका रखा थी मेरा लंड अब रेडी था. में बाथरूम में जा के गेट बंद किया और आराम से बैठ कर मूठ मारी बड़ा मज़ा आया. करीब 15मिनट लगे और फिर में बाहर आ गया दीदी अभी भी सोफे पे बैठ हुई थी मुझे देख के मुस्काराई और बोली
दीदी-तुझे बड़ी देर लगती है रे.
मे-आप मेरा कितना मज़ाक उड़ाती हो.
दीदी-हाए अब तेरा मूड ठीक हुआ है इतनी देर से गुब्बारा जैसा मुँह फूला के बैठा हुआ था तू एक नंबर का रोंदू है हमेशा से.
मे- नही दीदी लेकिन जब ऐसी चोट होती है तो दिमाग़ तो फिर ही जाता है ना
दीदी- हां मुझे पता है तू क्या पूछने वाला था मुझसे?
मे-हां वो में पूछ रहा था कि वो आप मतलब कब से.
दीदी-क्या?
मे-पूछ रहा हूँ ना रूको तो में आप जैसा बोल्ड नही हूँ
दीदी-तेरी शादी हो गयी लेकिन तू है पूरा बच्चा ही यही पूछना चाहता है ना कि में रात में बाथरूम में क्या करती हूँ?
मे-क्या करती हो वो में जानता हूँ.में तो यह पूछ रहा था कि म्म्मे मतलब कैसे कहूँ रहने दो मुझे कुछ नही पूछना.
दीदी- तू कब मेरे साथ फ्री होगा इतना तो में नही शरमाती जितना तू शरमाता है. चल तू बैठ आराम से या नींद आ जाए तो सो जाना.में बाथरूम से हो के आती हूँ.
दीदी उठी और चली गयी में सोफे पे लेटा रहा नींद तो आ नही रही थी. दीदी ने एक गाउन पहना हुआ था जब वो करीब 20मिनट बाद बाथरूम से निकली तो मेने देखा कि उसने गाउन उतार दिया है फिर से. अब उपर वही ब्लॅक रंग की ब्रा है और नीचे एक लूस बँधा हुआ पेटिकोट नेवेल से भी काफ़ी नीचे बँधा हुआ. उसके एक हाथ में उसका गाउन था और दूसरे में उसकी पैंटी.
पल भर को हमारी नज़रें मिली.मेने उसके कपड़े देखे जो पहने हुए थे और जो हाथ में थे दीदी ने भी मुझे देखते हुए देखा उन्होने कपड़े वही साइड में फेर्श में डाल दिए और मेरे सोफे की तरफ आई.
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