RE: Incest Kahani दीदी और बीबी की टक्कर
यही सब सोचते हुए में घर आया और घर आया तो देखा कि दीदी हमेशा के जैसे ही अपने फॅवुरेट ड्रेस में है. एक ब्रा और लूज़ बँधा हुआ पेटिकोट इस बार ब्रा ब्लॅक नही बल्कि वाइट रंग की थी मेने हल्की सी नज़र डाली तो देखा कि वाइट ब्रा काफ़ी ट्रॅन्स्परेंट थी और मुझे उनके पूरे निपल भी आराम से दिख रहे थे.
मेने उस टाइम तो और कुछ किया नही एक नज़र भर के अपने रूम में आ गया और बेड पे लेट गया. थोड़ी थकान भी थी और स्वेता के जाने का थोड़ा दुःख भी था. लेटे लेटे अपने आप ही दिमाग़ दीदी के बारे में सोचने आगा मेने सोचा कि दीदी ज़्यादा से ज़्यादा और कर भी क्या सकती है.
अपनी जवानी को नंगा कर कर के दिखाएगी मुझे और मुझसे ये उम्मीद करेगी कि में उसे चोद दूं लेकिन वो खुल के नही बोल पाएगी दीदी की शादी टूटे इतने साल हो गये इतने दिनो में उन्होने से किसी भी मर्द से कोई जान पहचान नही रखी.
उनके ऑफीस में भी सब उनसे डरते हैं कोई उन्हें छेड़ने की कोशिश भी नही करता. उनका व्यवहार घर के बाहर तो बिल्कुल ही उत्तम है. लेकिन घर के अंदर उनका होश खो जाता है. लेकिन जवानी में जलने के बाद भी उन्होने घर की इज़्ज़त पे दाग लगाने वाला कोई काम नही किया.
मुझे उन्हें ज़्यादा तड़पाना नही चाहिए अगर वो घर की बात घर ही में रखना चाहती हैं तो इसमे हर्ज क्या है में थोड़ा सा उन्हें चोद दूँगा तो उनकी भी प्यास मिट जाएगी और मुझे भी इधर उधर मुँह नही मारना पड़ेगा.
तभी मेने रीयलाइज़ किया कि मेने कितनी आसानी से खुद को मना लिया कि दीदी की चुदाई कर दी जाए. फिर सारे वाकये पे सोचा तो लगा कि में ठीक कर रहा हूँ मेने मूड बना लिया कि दीदी के सेडक्षन गेम को वन साइडेड नही रखना है.
इसे टू साइडेड करना है जितना मुझे दीदी अपनी जवानी दिखाएँगी उतना ही में भी दिखाउन्गा अगेर उन्हें यही पसंद है तो यही सही. दीदी ने घर की औरत होने के कारण बहुत बलिदान किए हैं थोड़ा सा उनके सुख के लिए कर दूँगा तो अच्छा ही होगा.
यही सब सोच सोच के में सो गया उठा काफ़ी देर बाद जब दीदी ने आवाज़ दी आ खाना खा ले. में उठा और फिर से खुद को रेडी किया कि अब दीदी की जवानी प्यासी नही रहनी चाहिए. में बाहर आया और बाथरूम गया.
वहाँ में शर्ट उतारी और सिर्फ़ बनियान पहनी उपर नीचे मेने जीन्स उतारी और अंडरवेर भी और सिर्फ़ लूँगी बाँध ली बिना अंडरवेर के लूँगी से मेरा लंड खड़ा होने के बाद आराम से देखा जा सकता था में बाहर आया और किचिन के पास डाइनिंग टेबल पर बैठ गया.
दीदी आई और खाना ले कर हम दोनो साथ में खाने लगे. दीदी ने वही अपनी ड्रेस पहनी हुई थी. काम करते करते उनकी ब्रा भीग गयी थी और उसमे से उनकी चुचिया तो और भी सॉफ हो गयी थी.
मेने देखा कि दीदी के आर्मपिट पे कुछ बाल थे.दीदी ने वहाँ हेर रिमूव नही किए थे मेने पहले कभी इतने गौर से देखा नही था मेने सोचा कि यही टॉपिक ठीक है बात शुरू करने के लिए.
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