Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
09-26-2019, 01:23 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कुछ देर बाद कोमल भी अपनी चूत को विजय के मुँह के पास करके लंड को चाटने लगी। ऐसा लग रहा था कि एक आइसक्रीम को दोनों बहन शेयर करके चूस रही हों। दोनों विजय के लंड को चाट रही थीं और उसका लंड गरम होता जा रहा था। तो विजय भी इधर कोमल की चूत को चाटने लगा।


उधर उसकी दीदी ने विजय के लंड को चूसने के बाद मुँह से लंड को बाहर निकाला.. तो कोमल ने लंड को मुँह में ले लिया।

अब कंचन विजय के दोनों गोलों को चूसने लगीं.. कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों अपनी गाण्ड विजय के तरफ़ करके उसके लंड को चूसने लगीं.. तो विजय भी कहाँ पीछे रहने वाला था, वह अपनी दोनों बहनो की चूत में उंगली करने लगा।

खैर.. दोनों की चूत इतनी ज्यादा फ़ैल चुकी थी कि उनमें एक उंगली से कुछ होने वाला नहीं था तो विजय ने दूसरी ऊँगली भी डाल दी.. कुछ देर बाद तीसरी और फिर चौथी भी घुसेड़ दी.. तो उसकी दोनों बहनों के मुँह से सीत्कार निकलने लगी।
कुछ देर ऐसा करने के बाद सब झड़ गए और दोनों मिल कर विजय के लंड के पानी को पी गईं।


अब तीनों एक साथ बिस्तर पर लेट गए, विजय बीच में और दोनों बहने दोनों बगल में थीं।
कुछ देर लेटे रहने के बाद दोनों बहने एक साथ विजय के बदन पर उंगली फेरने लगीं.. विजय समझ गया कि अब दोनों को चुदने का मन हो रहा है और उसके लंड महाराज भी खड़े होकर अपनी मर्ज़ी बता चुके थे।

विजय ने कंचन को उठा कर अपने ऊपर खींच लिया और वो विजय के लंड कर बैठ गईं। विजय का लंड थोड़ी सी मेहनत से ही सही लेकिन अन्दर जड़ तक घुसता चला गया और वो भी लण्ड को लीलने के बाद झटके मारने लगी।
इधर कोमल अपनी गाण्ड विजय के मुँह के सामने हिलाने लगी। कुछ देर उछल कुद करने के बाद कंचन लंड पर से हटी.. और कोमल जा कर अपने भाई के लौड़े पर बैठ गई।
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09-26-2019, 01:23 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
अब कंचन ने अपनी चूत विजय के मुँह के पास रख दी.. चूसने के लिए.. इधर कोमल विजय के लंड पर खुद झटके मारने लगी।

विजय इधर अपनी दीदी की चूत को चूसने लगा कि तभी उसकी दीदी ने कोमल के मुँह को पकड़ा और अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए.. और दोनों चुम्बन करने लगीं।
दोनों रण्डियों की तरह अपनी गाण्ड हिला-हिला कर विजय से चूत चटवाने लगीं.. और वो दोनों विजय के होंठों को चुम्बन भी करती रहीं।

कुछ देर वैसा चलने के बाद कोमल ने अपनी दीदी की चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगी। तो दीदी भी कौन सा पीछे रहने वाली थी.. वो भी शुरू हो गई। उसने भी कोमल की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया.. और इधर विजय अपने काम में लगा हुआ था, कोमल को झटके मार रहा था और अपनी दीदी की चूतड़ों को दबाते हुए उसकी चूत को भी चाट रहा था।

कुछ देर ऐसा करने के बाद तीनों अलग हुए और विजय अभी उठने ही वाला था कि दोनों बहनों ने विजय को फिर से बिस्तर पर गिरा दिया और दोनों बहने उसके लंड को चूसने लगीं।
बस कुछ देर में ही विजय झड़ गया.. और दोनों बहनों ने उसके रस को साफ़ कर दिया।
कुछ देर बाद चूत चाटते ही वो दोनों भी विजय के चेहरे पर फिर से झड़ गईं और सारा पानी उसके मुँह में चला गया.. विजय भी मजे से अपनी दोंनो बहनों के चूत का रस पी गया।

फिर तीनों ने साथ में बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ किया..
दोनों बहनों ने मिलकर नाश्ता बनाया और तीनों नाश्ता करने बैठ गए।

कुछ देर बाद विजय ने देखा कि कोमल और कंचन दीदी दोनों बिस्तर पर बैठे हुए थे। कोमल ने सफेद और गुलाबी मिक्स बिकिनी पहनी थी और दीदी ने काली लाल मिक्स बिकिनी पहनी थी। उन्हें यूँ देख कर तो विजय उत्तेजित हो गया था.. लेकिन फिर विजय ने सोचा कि देखता हूँ कि ये दोनों क्या करती हैं। उसके बाद अन्दर जाऊँगा।

विजय ने देखा कि कंचन दीदी गाण्ड हिला रही थीं और कोमल भी अपने बदन को सहला रही थी कि तभी कोमल और दीदी दोनों एक-दूसरे के पास आए और लिप किस करने लगीं।
कुछ देर लिप किस करने के बाद दीदी कोमल की ब्रा के ऊपर से किस करने लगी।
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09-26-2019, 01:23 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
फिर कुछ देर के बाद कंचन दीदी ने कोमल की ब्रा नीचे कर दी और उसके निप्पल को चूसने लगी और हाथ से उसके चूतड़ों को सहलाने लगी।
कोमल भी अपनी दीदी की चूतड़ों को सहलाने लगी.. कुछ देर बाद दीदी की ब्रा नीचे करके वो उसकी चूचियों को चूमने लगी और दबाने भी लगी।
दोनों एक-दूसरे की चूचियों को मसल ही रही थी.. तभी विजय सिर्फ़ अंडरवियर और टी-शर्ट में अन्दर पहुँच गया।

विजय को देखते ही दोनों मुस्कुरा दीं और दोनों एक साथ उसकी तरफ बढ़ने लगीं। दोनों का गोरा बदन.. ऊपर से बड़ी-बड़ी चूचियाँ हिल रही थीं.. जो बहुत ही अच्छा लग रहा था।
जैसे ही विजय उनकी चूचियों को दबाना चाहा कि दोनों बिस्तर पर चूत आगे करके लेट गईं और दोनों ने खुद ही अपनी-अपनी पैन्टी निकाल दी।

पैन्टी निकालने के लिए पैर उठाया.. तो दोनों बहनों की चूत सामने दिखने लगी और बिना बाल का पूरा साफ़-सुथरी गुलाबी चूतें विजय नज़रों के सामने थीं।
तभी विजय कंचन दीदी की चूत की तरफ़ बढ़ने लगा और उनकी चूत को चाटने लगा तो कोमल भी कंचन दीदी की जाँघों को सहलाने लगी और दीदी की चूचियों को चूसने लगी।

विजय इधर चूत को चूसता रहा और कोमल अपनी दीदी की चूचियों को दबाने लगी.. और उनके लबों को चूमने लगी।
तभी कोमल ने दीदी की ब्रा खोल कर पूरी हटा दी।

अब विजय भी कंचन दीदी की चूत को छोड़ कर कोमल की चूत पर पहुँच गया और तब तक कंचन दीदी ने भी कोमल की ब्रा को पूरे तौर से बदन से हटा दी और उसके निप्पलों पर अपना जीभ घुमाने लगी, अपने हाथों से दूसरी चूची को दबाने लगी।
कुछ देर यूँ ही चलता रहा..विजय चूत चूसता और ऊपर वो दोनों मजे लेते रहे।

तभी विजय ने अपनी दीदी की चूत में एक उंगली को घुसा दिया.. तो उसे पता भी नहीं चला.. बड़ी आसानी से अन्दर चली गई.. तो उसने दूसरी उंगली को भी घुसाया और अपनी बड़ी बहन की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
विजय की देखा-देखी कोमल भी कंचन दीदी की चूत को ऊपर से सहलाने लगी, विजय तेज़ी से अपनी ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा और कंचन दीदी चीखने लगीं।

तभी कोमल ने अपने भाई की उंगली चूत से निकलवा दी और उंगली को मुँह में ले लिया। कुछ देर चूसने के बाद कोमल भी लेट गई और विजय उसकी चूत में भी उंगली करने लगा, अब कंचन दीदी उसकी चूत के ऊपर दबाने लगी और सहलाने लगीं।
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09-26-2019, 01:23 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कुछ देर बाद जब विजय ने कोमल की बुर में से उंगली को निकाला.. तो झट से कंचन दीदी विजय के उंगली को अपने मुँह में ले कर चूसने लगीं।
फिर उन्होंने कोमल की चूत को भी एक बार चाट लिया।

कुछ देर चूत चाटने के बाद विजय ने भी अपनी टी-शर्ट को उतार दिया.. तो दोनों बहनें एक साथ विजय की तरफ़ बढ़ीं और उसे चूमने-चाटने लगीं।
कुछ देर यूँ ही मस्ती करने के बाद विजय उन दोनों के बीच में लेट गया और दोनों बहने विजय के बदन पर चुम्बन करने लगीं। चुम्बन करते-करते दोनों विजय के एक-एक निप्पल पर अपनी जीभ फेरते हुए उसे चुभलाने लगीं और उसको चाटने लगीं।

कुछ देर बाद दोनों साथ ही अपने भाई के लौड़े को अंडरवियर के ऊपर से ही चूमने लगी और कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों ने आपस में कुछ इशारा किया और एक साथ में ही विजय का अंडरवियर नीचे कर दिया.. तो विजय ने हँसते हुए अपने पैर उठा दिए.. जिससे अंडरवियर को पूरा बाहर कर दिया गया।

अब वे तीनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे। वे दोनों बहने साथ में अपने सगे भाई विजय के लंड को चाटने लगीं।
तभी कोमल ने लंड को मुँह में ले लिया और उसकी दीदी नीचे गोटियाँ चाटने लगीं।
विजय अपना लौड़ा चुसवाता हुआ उन दोनों के चूतड़ों को सहला रहा था और दोनों मिल कर विजय के लंड के साथ खेल रही थीं।

कुछ देर कंचन चूसतीं.. तो कुछ देर कोमल..
कुछ देर बाद विजय ने अपनी दीदी को अपने पास खींच लिया और उसके साथ चूमा चाटी करने लगा।
उधर कोमल अब भी उसका लंड चूस रही थी। कुछ देर ऐसा चलता रहा..

फिर वे तीनों खड़े हुए।
कोमल ने कंचन को बेड के एक किनारे पर इस तरह बैठा दिया कि कंचन की चूत एकदम सामने को हो गई.. तो विजय ने अपने खड़े लंड को कंचन की चूत पर घुमाने लगा और एक झटका मारा.. लंड अन्दर घुसता चला गया.. और कंचन के मुँह से ज़ोर से चीख निकल पड़ी- आआ.. आआहह.. उ..ह..!
तो कोमल अपनी दीदी की चूत के पास हाथ फेरने लगी और विजय झटके मारने लगा।
जब कंचन थोड़ा संयत हो गई.. तो विजय ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।
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09-26-2019, 01:23 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
फिर विजय ने अपना लंड बाहर निकाल लिया.. तो कोमल विजय का लंड चूसने लगी, और अपनी दीदी की चूत का सारा रस चाट गई। कुछ देर लौड़ा चूस कर उसने विजय के लंड को अपनी दीदी की चूत पर लगा दिया।

फिर विजय के बमपिलाट झटके शुरु हो गए और कंचन के मुँह से फिर से ‘आआ.. आआअहह.. उऊहह..’ निकलने लगा।
तो कोमल ने कंचन के मुँह के पास अपनी चूत कर दी और कंचन के मुँह को दोनों टाँगों के बीच फंसा लिया।

विजय लगातार झटके मार रहा था और सामने से कोमल की चूचियों को चूस रहा था। कुछ देर बाद फिर विजय ने कंचन को उल्टा किया और बेड पर पेट के बल घोड़ी बना दिया.. और पीछे से उसकी गाण्ड मारने लगा… कुछ देर झटके मारने के बाद फिर से दोनों लंड चूसने लगीं।


कुछ देर बाद विजय लेट गया और विजय के लंड के पास दोनों एक-दूसरे के गाण्ड से गाण्ड सटा कर बैठ गई.. और बारी-बारी से चुदने लगी।
पहले कंचन चुदीं.. फिर कंचन हटीं.. तो कोमल चुदने लगीं.. तब तक विजय अपनी दीदी के चूतड़ों को मसलने लगा।

फिर जब कंचन चुदने लगीं.. तो कोमल भी दीदी की गाण्ड में अपनी गाण्ड टकराने लगी.. जब दोनों के चूतड़ों टकराते थे.. तो विजय को बहुत अच्छा लगता था।
कुछ देर बाद जब तीनों को लगा कि अब वे झड़ने वाले हैं.. तो दोनों विजय के लंड के पास पहुँच गईं और अपने भाई के लौड़े को चूसने लगीं।

जैसे ही विजय ने रस छोड़ा.. तो दोनों चुदासी चूतें.. विजय का सारा रस पी गईं.. और चूत का रस भी दोनों एक-दूसरे का पी गई और वे तीनों वहीं निढाल हो कर सो गए।
कुछ देर बाद सभी फ्रेश हुए और दोनों ने मिल कर नाश्ता बनाया और सब नाश्ता करने लगे।
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09-26-2019, 01:23 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
विजय- हैलो स्वीट हार्ट.. कल रात मज़ा आया..
कंचन और कोमल एक साथ बोलीं- हाँ.. बहुत मजा आया.. वैसे भी अब तो आप हमारे पति बन गए हैं।
विजय- अभी नहीं.. आज हम लोग शादी करते हैं.. तब होंगे।

कंचन- शादी.. वो कैसे करोगे?
विजय- मेरे पास एक आइडिया है।आज कुछ देर बाद दादाजी और मम्मी पापा अपनी गांव की जमींन बेचने जा रहे है वो कल शाम तक आएंगे।तो मेरा आइडिया ये है की............

कोमल- क्या आइडिया है जल्दी बताओ भइया.. कोर्ट मैरिज करोगे क्या?

विजय- नहीं.. आज हम अपने घर में शादी करेंगे और सिर्फ़ हम तीनों ही होंगे.. मोमबत्ती जला कर फेरे लेंगे।

कंचन और कोमल एक साथ चहकीं- वाउ रोमाँटिक आइडिया है।
विजय- तो चलो रेडी हो जाओ।

कंचन और कोमल फिर एक साथ बोलीं- तो हम दोनों पहले पार्लर जायेंगे।
विजय- पार्लर क्यों?
कंचन- अरे यार आज शादी है हमारी.. तो सजने सँवरने तो जाना होगा ना..

विजय- हाँ ये भी सही है.. तो तुम दोनों पार्लर जाना और मैं मार्केट से कुछ सामान लेकर आ जाऊंगा।

दोनों बहनें एक साथ बोलीं- ओके..


कुछ देर में ही अनिल रेखा और मुकेश सभी को समझाकर गांव के लिए निकल जाते है।

विजय मार्केट से दुल्हन का सारा सामान ले आया और तब तक दोनों बहनें भी पार्लर के लिए रेडी होकर आ गई थीं।
विजय ने दोनों को कपड़े दे दिए और बोला- शाम तक सब कुछ रेडी रखना..

विजय घूमने चला गया। शाम को जब वह घर लौटा.. तो उसने देखा कि घर के एक हॉल में दोनों सजी-धजी बैठी हुई थीं.. और हॉल पूरा सज़ा हुआ था।
विजय अपनी दोनों सगी बहनों को दुल्हन के रूप में देखकर मुस्कुराया और जल्दी से अपने कमरे में जाकर तैयार होकर आ गया।

अब विजय वापस हॉल में आ गया। उसने जींस और कुर्ता पहन रखा था.. लेकिन उसकी दोनों बहनें भी लहंगा-चुन्नी में मस्त आइटम लग रही थीं।

कंचन दीदी ने लाल लहंगा और डोरी वाली चोली पहनी हुई थी और कोमल ने हल्के गुलाबी रंग का लहंगा और जरी के काम वाली चोली पहनी थी।
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09-26-2019, 01:24 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
उन दोनों के चूतड़ों के उभार मस्त दिख रहे थे और चोलियाँ चूचियों तक ही थीं। चोली और लहंगे के अलावा बाकी का भाग नंगा था.. मतलब कमर.. पेट पूरा नंगा था.. विजय का तो फिर से लंड खड़ा हो गया।

विजय- दोनों हॉट और सेक्सी लग रही हो.. एकदम मस्त माल लग रही हो।
कोमल बोली- ऊऊहह.. तैयार भी तो इसी लिए हुए हैं।

विजय- मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है यार..
कंचन- तो कंट्रोल करो.. अभी कुछ नहीं मिलने वाला है।
विजय- कुछ नहीं.. थोड़ा बहुत तो मिलना चाहिए ना यार..

कोमल- नो.. कुछ नहीं.. सब कुछ मिलेगा.. लेकिन कुछ देर बाद..
विजय- वही तो.. कुछ देर इंतज़ार नहीं हो रहा है.. मन हो रहा है कि बस शुरू हो जाऊं और खास करके तुम दोनों ने कपड़े भी इतने हॉट पहने हैं कि मैं तो क्या.. कोई बूढ़ा भी कंट्रोल नहीं कर पाएगा।

कंचन और कोमल एक साथ हंसने लगीं।

विजय- ह्म्म्म्म .. ओके.. जो करना है.. जल्दी करो।
कंचन- हाँ बस अब शुरू ही कर देती हूँ।
विजय लण्ड पर हाथ फेरता हुआ बोला- हाँ जल्दी करो।
कोमल- ओके आओ.. अब शुरू करते हैं।

इतना सुनते ही विजय सीधा कंचन को बांहों में लिया और चूमने लगा।

तभी कोमल बीच में आई और दोनों को अलग करते हुए बोली- अभी रूको.. वो दोनों का हाथ पकड़ कर सामने एक जगह पर ले गई.. जहाँ एक मोटी मोमबत्ती रखी थी। उसने मोमबत्ती जलाई और विजय के कंधे पर एक धोती रख कर कंचन की ओढ़नी से गाँठ बाँध दी और बोली- अब फेरे शुरू करो..

विजय बोला- मैं फेरा अलग स्टाइल में शुरू करूँगा।

विजय ने कंचन को गोद में उठा लिया.. उसका एक हाथ कंचन की नंगी कमर पर था और दूसरा नंगी पीठ पर कर घूमने लगा।

उसके बाद विजय ने कोमल को भी बुला लिया और फिर तीनों ने मिल कर फेरे पूरे किए। फेरे पूरे होने के बाद विजय ने अपनी दोनों बहनों की माँग को भरा और मंगलसूत्र पहनाया।
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09-26-2019, 01:24 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
इस तरह तीनों की शादी हो गई और आज विजय को एक नहीं दो-दो बीवियाँ चोदने को मिल गई थीं। विजय ने दोनों बहनों सॉरी बीबियों को गले से लगाया।

विजय- अब तो तुम दोनों मेरी बीवियाँ बन गई हो.. चलो सुहागरात मनाते हैं।

कंचन और कोमल एक साथ बोलीं- हाँ हम दोनों कमरे में जा रही हैं.. ‘आप’ कुछ देर में आना।
विजय- आप?
कंचन- हाँ.. पत्नियाँ अपने पति का नाम नहीं लेती हैं।

विजय- ओहो.. तो चलो हम भी साथ चलते हैं।
कंचन और कोमल एक साथ बोलीं- नो कुछ देर बाद आना.. आप हमारे पतिदेव हैं।
विजय- अपने पति को तड़फा रही हो..
कंचन- नहीं तड़फा नहीं रही हूँ.. बस कुछ देर बाद आ जाइएगा।

विजय- ठीक है.. जैसी आपकी इच्छा।
कोमल- हाँ ये हुई ना हमारे पति जैसी बात..

विजय की दोनों बहनें गाण्ड मटकाती हुई कमरे में चली गईं और विजय अपना लण्ड सहलाते हुए इंतज़ार करता रहा। कुछ देर इंतज़ार के बाद दोनों ने विजय को भी रूम में बुलाया.. विजय जैसे ही रूम में गया।

विजय को यकीन ही नहीं हुआ कि ये उसका ही कमरा है.. क्योंकि पूरा कमरा बड़े ढंग से सजाया हुआ था.. हल्की दूधिया रोशनी जल रही थी और उस लाइट में विजय को तो सिर्फ़ उसकी दोनों बीवियों के दूधिया गुंदाज बदन दिख रहे थे। वह जैसे ही अन्दर गया.. उन दोनों ने विजय के पैर छूकर आशीर्बाद लिया और उसको एक कुर्सी पर बैठाया और बोलीं- आओ स्वामी आपका मुँह मीठा कराते हैं।

कंचन एक रसगुल्ले को लेकर विजय की तरफ़ आई.. विजय ने आधा रसगुल्ला अपने मुँह में दबा कर कंचन को अपनी तरफ़ खींचा और बचा हुआ आधा रसगुल्ला उसको अपने होंठो से खिलाने लगा।

जैसे ही विजय और कंचन दोनों नजदीक आए..दोनों रसगुल्ला खाने के साथ ही एक दूसरे के होंठों का चुम्बन करने लगे।
अब तो रसगुल्ला दुगूना मीठा लग रहा था। मीठा रसगुल्ला और ऊपर से कंचन के रसीले होंठ.. आह्ह.. विजय को तो मजा आ गया।
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09-26-2019, 01:24 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कुछ देर बाद वे दोनों अलग हुए और विजय कोमल को भी खीचकर किस करने लगा.. कुछ देर चुम्बन करने के बाद वे सभी अलग हुए।

कंचन बोली-भाई आज सुहागरात में आपके लिए एक विशेष सरप्राइज़ है।

विजय क्या सरप्राइज़ है कुछ हमें भी तो बताओ

कंचन देखो भाई हम लोगों की सुहागरात है इसीलिए सुहाग रात को अपने दूल्हे के लिए कोई ना कोई कुँवारी चीज देनी चाहिए। तुमने तो मेरी चूत और गांड दोनों पहले ही चोद दी है। कोमल की भी चूत की चुदाई तुम कर चुके हो लेकिन कोमल की गांड अभी कुंवारी है हम लोग चाहते हैं कि आज तुम कोमल की कुंवारी गाँड की सील तोड़ दो इसमें मैं तुम्हारी हेल्प करूंगी ताकी कोमल को कम तकलीफ हो और उसकी गांड की चूदाई भी हो जाए।

विजय ठीक है मुझे भी कुँवारी गांड का मजा मिलेगा मैं भी कोमल की गांड को अपने मोटे लंड से फाड़ दूंगा।


कोमल- क्या बात करते हो भइया। तुम भी दीदी की बातों में आ गए मुझे अपनी गांड नहीं मरवानी है तुम्हें मेरी गाँड चाहिए तो इसे प्यार से चोदना।


यह कहकर कोमल चुप हो जाती है फिर कंचन और विजय मिलकर कोमल के सभी कपड़े उतार देते हैं और कोमल को गांड दिखाने को कहते हैं। जब कोमल अपनी गांड को पीछे की तरफ उभार देती है जिसे देख कर विजय का लंड पूरी तरह फनफना जाता है।कंचन विजय के कपडे भी उतार देती है।


फिर कंचन एक क्रीम लेकर आती है और कोमल के गांड के छेद पर मालिश करने लगती है कोमल की गांड का छेद जब थोड़ा मुलायम हो जाता है तब उसमें अपनी एक उंगली पेल देती है जब उसकी एक उंगली आराम से अंदर बाहर होने लगती है अपनी दूसरी भी अपनी छोटी बहन के गाँड में पेलने लगती है।


इधर विजय अपने लंड को सहला रहा है तभी कंचन विजय के आगे बैठ जाती है और उसके लंड को अपने मुंह में भर कर चूसने लगती है विजय का लंड कंचन की मुंह के थूक से पूरा गीला हो जाता है जब लंड पर पुरा थूक लग जाता है तब कंचन विजय के लंड को कोमल की गाँड के भूरे छेद पर सेट करती है धक्का मारने का इशारा करती है ।
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09-26-2019, 01:24 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
विजय अपनी छोटी बहन के गांड पर अपने लंड को रखे हुए जोर का झटका मारता है और विजय का इतना मोटा लंड एक ही झटके में 3 इंच तक कोमल की कुंवारी गांड में घुस जाता है।

कोमल दर्द के मारे चिल्लाने लगती है मेरी गांड फट गई आह मम्मी दीदी मुझे बचा लो प्लीज दीदी भैया को बोलो अपना लंड मेरी गांड से निकाल ले मुझे बहुत दर्द हो रहा है दीदी प्लीज।

कंचन और विजय मिलकर कोमल के हर अंग को सहलाने लगते हैं और विजय कोमल की चुचियों को सहलाने लगता है जब कुछ देर में कोमल शांत हो जाती है तभी कंचन फिर से इशारा करती है विजय एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लंड कोमल की गांड में पेल देता है। कोमल की गाँड पूरी तरह से फट जाती है।उसमें से खून निकलने लगता है ।


कोमल इतनी जोर से चिल्लाती है पूरा घर कांप उठता है लेकिन कंचन जल्दी ही अपनी छोटी बहन के मुंह पर अपना मुंह रख देती है और कोमल के होठों को चूसने लगती है।


कुछ देर तक विजय शांत रहता है और कुछ देर में जब कोमल के पूरे बदन को सहलाने के बाद जब वह थोड़ा शांत हो जाती है तब विजय कुतिया बनी कोमल को पेलने लगता है । अब विजय का पूरा लंड कोमल की गांड में जड़ तक घुस रहा है। विजय को इतना मजा आ रहा है की वह और जोर जोर से कोमल की गांड मार रहा है । विजय को अपनी छोटी बहन की गांड मारने में बहुत मजा आ रहा है कोमल की गांड इतनी टाइट है कि विजय के लंड को पूरा जकड़ लेती है लेकिन विजय अपनी पूरी ताकत के साथ कोमल को पेलने लगता है।


कुछ देर के ही गांड चुदाई में कंचन भी कोमल के हर अंग से छेड़छाड़ करती रहती है जिससे जल्दी ही कोमल झड़ने लगती है । विजय भी कोमल की गांड से अपना लंड निकाल लेता है और कंचन के मुंह में पेल देता है कंचन अपनी बहन की गांड से निकले लंड को चूसने लगती है।

जब लंड पूरा साफ हो जाता है तो विजय फिर से उसे कोमल की गांड में पेल देता है विजय कुछ देर तक कोमल की गांड में लंड पेलता है और उसे निकालकर फिर से कंचन के मुंह में पेलने लगता है इस तरह से कुछ ही देर में विजय कंचन के गरम मुँह में झडने लगता है जिसे दोनों बहने चाट चाट कर साफ कर देती है।
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