Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
09-24-2019, 01:32 PM,
#31
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कंचन ने अपनी ऑखों के सामने अपने छोटे भाई के लम्बे लंड को लहराता हुआ देखकर हैरान होते हुए कहा "वीजू यह तुम्हारी नुनी इतनी बड़ी कैसे हो गई, मैंने तुम्हारी नुनी बचपन में नहाते हुए देखी थी।
"दीदी तब में बच्चा था, मगर अब मैं एक जवान मरद हूँ और मरद जब जवान होता है तो उसकी नुनी बड़ी होकर लंड कहलाती है" ।
कंचन ने नीलम से सुना था के जब लंड चूत में जाता है तो बुहत मजा आता है, मगर विजय का बड़ा और मोटा लंड देखकर वह सोचने लगी की इतना मोटा और लम्बा लंड उसकी छोटी चूत में घुसेगा क्या।

विजय के लंड का रंग गोरा और उसका सुपाडा लाल था ।
"वीजू तुम ने कहा था के यह मेरे जिस्म का कमाल है, इसका क्या मतलब हुआ?" कंचन ने अपने भाई के गोरे लंड के लाल सुपाडे को देखते हुए कहा ।
"हा दीदी मैंने सच कहा था, क्योंकी मरद का लंड तब ही लम्बा और मोटा होता है जब वह किसी लड़की को नंगा देख ले या उसके बारे में गन्दा सोचे" विजय ने अपनी बड़ी बहन को समझाते हुए कहा।
"मगर विजु यह लड़की को देखकर क्यों बड़ा और मोटा हो जाता है?" कंचन ने इस बार जानबूझकर अन्जान बनने का नाटक करते हुए अपने छोटे भाई से पूछा।

"दीदी मैंने भी अपने दोस्तो से सुना था की अगर इस लंड को लड़की की चूत में घुसाया जाए तो उसे बुहत मजा आता है और लड़की को बच्चा भी होता है" विजय ने अपनी बहन को बताया ।
"वीजू क्या तुम मुझे बेवक़ूफ़ समझते हो यह इतना बड़ा लंड लड़की की छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा?", कंचन ने विजय का मज़ाक उड़ाते हुए कहा।
"दीदी मैं सच बोल रहा हूँ, इसे लड़की की चूत में घुसाया जाता है" विजय ने अपनी बहन को यकीन दिलाते हुए कहा ।

"वीजू तुम इतने यकीन से कैसे कह रहे हो" कंचन ने अपने भाई को शक भरी निगाह से देखते हुए कहा।
"वो दीदी मैंने अपने एक दोस्त को किसी लड़की की चूत में लंड को घुसाते हुए देखा था" विजु ने हडबडाते हुए अपनी दीदी को जवाब दिया ।
"तुम तो बड़े बदमाश निकले विजू, मगर मुझे यकीन नहीं आता" कंचन ने अपने भाई से कहा।
"दीदी एक आइडिया है जिस से आपको यकीन हो जायेगा" विजय ने अपनी बड़ी दीदी की गुलाबी चूत को देखते हुए कहा।
"क्या आइडिया है" कंचन ने अपने भाई के लंड को देखते हुए कहा।
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09-24-2019, 01:32 PM,
#32
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
दीदी अगर आप इजाज़त दें तो मैं अपना लंड तुम्हारी चूत में घुसाकर देखूं की यह उस में जाता है या नही" विजय ने भोला बनते हुए कहा।
"बदमाश तुम अपनी सगी बहन के साथ गंदा काम करोगे, तुम्हें शर्म नहीं आती" कंचन ने अपने भाई को डाँटते हुए कहा ।
"मैं अपनी दीदी नहीं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ गन्दा काम करना चाहता हूँ" विजय ने फिर से मासूम बनते हुए कहा।
"वीजू तू बुहत बदमाश हो गया है तो मुझे बातों के जाल में न फंसा" कंचन ने मुस्कुराते हुए कहा ।

कंचन अपने भाई का बड़ा और मोटा लंड देखकर डर गयी थी वरना वह कब की उसे इजाज़त दे देती।
"दीदी क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो?" विजय ने अपनी दीदी से पुछा।
"वीजू मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूं, मगर मैं तुम्हारे साथ वह सब कुछ नहीं कर सकती" कंचन ने अपने भाई को समझाते हुए कहा ।
"दीदी देखो न यह कितना सख्त और गरम हो गया है अपनी गर्लफ्रेंड को नंगा देखकर" विजय ने अचानक अपनी दीदी का हाथ पकडते हुए अपने लंड पर रख दिया । विजय के लंड पर हाथ पड़ते ही कंचन का पूरा बदन सिहर उठा।

कंचन को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसका हाथ किसी गरम लोहे पर रख दिया गया हो, उसे अपने पूरे शरीर में अजीब किस्म की गुदगुदी महसूस हो रही थी ।"वीजू बदमाश मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी " कंचन ने अपना हाथ अपने भाई के लंड से हटाते हुए उसे मारने को उठाया ।
विजय अपनी बहन से बचने के लिए सीधा लेट गया। कंचन अपने भाई के बैठने से सीधी होकर उसके ऊपर गिर पडी । कंचन की चुचियां उसके ऊपर गिरने से विजय के सीने में दब गयी ।

"आह्ह कंचन की चुचियां अपने भाई के सीने में दबते ही उसके मूह से सिसकी निकल गई" ।।।। विजय की भी हालत बुहत बुरी थी अपनी दीदी के अपने ऊपर गिरने से कंचन की चुचियां उसके सीने से और उसका लंड उसकी दीदी के चुतडो पर दब रहा था ।
विजय ने बिना कुछ सोचे समझे अपने दोनों हाथों से अपनी दीदी को बाँहों में भरते हुए अपने होंठ अपनी सगी बहन के होंठो पर रख दिये । कंचन को भी उस वक्त कुछ समझ में नहीं आ रहा था अपने भाई के होंठ अपने होंठों पर पड़ते ही उसका पूरा जिस्म मज़े से सिहर उठा।
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09-24-2019, 01:32 PM,
#33
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कंचन और विजय दोनों की ज़िंदगी का यह पहला चुम्बन था, कंचन और विजय दोनों अपने होंठ एक दुसरे के लबों से मिलते ही किसी दूसरी दुनिया में पुहंच गए । कंचन ने भी मज़े से अपने हाथों को अपने भाई के बालों में घुमाते हुए उसके साथ चुम्बन का मजा लेने लगी ।
विजय अपनी बहन का विरोध ख़तम होते ही उसे खीचते हुए पूरा अपने ऊपर सुला दिया, कंचन अब अपनी दोनों टाँगें को अपने भाई के पेट पर फैलाकर लेटी थी और अपने भाई के चुम्बन का जवाब चुम्बन से दे रही थी ।

विजय को अपनी बहन के गुलाबी लबों को चूसते हुए बुहत मजा आ रहा था और उसका फनफनाता हुआ लंड उसकी बड़ी बहन कंचन की गांड पर टक्कर मार रहा था, कंचन भी अपने भाई से अपने होंठ चुसवाते हुए बुहत गरम हो चुकी थी जिस वजह से उसकी चूत से पानी निकल कर अपने छोटे भाई के पेट पर गिर रहा था ।
विजय अपनी बहन के दोनों लबों को अपने मूह में भरकर चूस रहा था, कंचन की साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी और वह अपनी चूत को अपने सगे भाई के पेट पर ज़ोर से रगड रगड कर अपने होंठ चुसवा रही थी।

विजय ने अपने मूह से अपनी बड़ी बहन के होंठों को निकालते हुए उसके गर्दन को चुमने लगा और अपने हाथों को उसकी पीठ से रेंगता हुआ अपनी अपनी बड़ी बहन की चुचियों को पकड लिया ।
कंचन अपने भाई के हाथ अपनी चुचियों पर पड़ते ही कांप उठी, विजय अपनी सगी बहन की नरम चुचियों को दबाता हुआ अपना मूह उसके काँधे से नीचे लाते हुए उसकी चुचियों तक आ गया और अपनी बड़ी बहन की एक चूचि के गुलाबी दाने को अपने मूह में भर लिया ।

"आह्ह शी ईईईईईईईईईईई
कंचन अपने चूचि का निप्पल अपने छोटे भाई के मूह में जाते ही मज़े से तड़पते हुए सिसक उठी", विजय अपनी बड़ी बहन की नरम चूचि को एक हाथ से सहलाते हुए दुसरे हाथ से उसकी पीठ सहला रहा था ।
विजय का लंड उत्तेजना के मारे बुहत ज़ोरों से कंचन की गांड से टकरा रहा था, विजय अपनी सगी बहन की अनछुई चूचि को बुहत ज़ोर से चूस रहा था । विजय को अपनी बड़ी बहन की चूचि चूसते हुए बुहत मजा आ रहा था।
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09-24-2019, 01:32 PM,
#34
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कंचन के जिस्म ने अब अकडना शुरू कर दिया था, अपने बड़े भाई के इतने ज़ोर से उसकी चूचि चूसने से उसके पूरे जिस्म में अनोखे मज़े से सिहरन हो रही थी । कंचन की साँसें बुहत ज़ोर से चल रही थी, उसे अपनी चूत में भी बुहत ज़ोर की गुदगुदी महसूस हो रही थी ।

कंचन ने अपने भाई के बालों को सहलाते हुए अपनी चूत ज़ोर से उसके पेट पर रगडने लगी, कंचन अपनी चूचि के चूसने से बुहत ज़्यादा उत्तेजित होकर झरने के क़रीब पुहंच गयी थी । कंचन ने अचानक अपने छोटे भाई के मूह में अपनी चूचि को ज़ोर से दबा दिया ।

कंचन ने अपनी चूचि को इतनी ज़ोर से अपने छोटे भाई के मूह में दबाया की उसकी चूचि आधे से ज़्यादा उसके छोटे भाई के मूह में चली गई । कंचन का बदन बुहत ज़ोर से काँपने लगा, वह बुहत ज़ोर से आहें भरते हुए अपनी चूत को विजय के पेट पर रगड रही थी ।
कंचन का पूरा जिस्म उतेजना के मारे काम्पने लगा। कंचन की चूत अचानक झटके खाने लगी और वह "उह आह्ह इश करते हुए वह झरने लगी" । विजय को अपने पेट पर कुछ गर्म गर्म सा अह्सास हुआ, यह अह्सास उसकी बड़ी बहन की चूत से निकालते हुए पानी का था।

कंचन की चूत कुछ देर तक अपने भाई के पेट पर पानी छोड़ती रही, कुछ देर बाद कंचन बिलकुल शांत होकर अपने छोटे भाई के ऊपर पडी थी । विजय अभी तक अपनी बड़ी बहन की नरम नरम चुचियों को सहलाने और चुसने में खोया हुआ था ।
विजय अपनी बहन को शांत देखकर उसको अपनी बाँहों में भरते हुए अपने ऊपर से उठाकर सीधा सुला दिया और खुद उसकी टांगों को चौड़ा करते हुए अपनी बड़ी बहन के ऊपर चढ गया ।

विजय अपनी बड़ी बहन के ऊपर ऐसे चढा हुआ था की उसक लंड सीधा कंचन की चूत पर रगड रहा था । विजय अपने लंड को बुहत ज़ोर से अपनी बड़ी बहन की कुँवारी चूत पर रगडते हुए उसकी चुचियों को अपने हाथों से सहलाने लगा ।
कंचन को विजय का लंड अपनी चूत पर ऊपर से नीचे तक रगडता हुआ महसूस हो रहा था, कंचन को डर लगने लगा कहीं उसके भाई ने अपना लम्बा और मोटा लंड उसकी चूत में घुसेड दिया तो वह बर्दाशत नहीं कर पायेगी और उसके चीख़ने से पकडे जाने का डर था।

"क्या कर रहे हो विजु " कंचन ने अचानक अपने भाई को धक्का देते हुए अपने ऊपर से हटा दिया।
"दीदी क्या हुआ बुहत मजा आ रहा था, प्लीज करने दो ना" विजय ने गिडगिडाते हुए कहा।
"बुहत हो चुका, मैं इसके आगे नहीं जा सकती" कंचन गुस्से से उठते हुए अपने कपडे पहनने लगी ।
"देखो न दीदी यह कैसा मुझे तँग कर रहा है" विजय भी बेड से उठते हुए अपनी बड़ी दीदी के सामने खडा होकर अपने खडे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला,
"तंग मत कर विजू", कंचन ने अपनी सलवार पहंनते हुए कहा ।
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09-24-2019, 01:33 PM,
#35
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
प्लीज मेरी प्यारी दीदी इसका कुछ करो ना" विजय ने फिर से अपनी दीदी को मिन्नत करते हुए कहा।
"वीजू में इसका क्या कर सकती हूं, तुम अपने हाथ से इसे शांत कर दो" कंचन ने अपनी सलवार को भी पहनते हुए कहा ।
"दीदी मुझे नहीं पता हाथ से कैसे करते है, प्लीज आप ही कर दो ना" विजय ने फिर से अपनी बड़ी बहन को तंग करते हुए कहा।
"वीजू मैंने भी सहेली से सुना था की उसका बॉयफ्रैंड उसको याद करके अपने हाथ से इसको शांत करता है, मुझे कुछ नहीं पता" कंचन ने अपने छोटे भाई के लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा।

"दीदी चलो बेड पर बैठो न। मैं कुछ नहीं करूंगा आपके साथ" विजय ने अपनी बहन को हाथ से पकडते हुए बेड की तरफ खींचते हुए कहा, कंचन भी अपने भाई की बात को मानते हुए उसके साथ बेड पर बैठ गयी ।

"दीदी मेरा एक दोस्त बता रहा था की जब वह अपने लंड को हाथ में लेकर ऊपर से नीचे तक सहलाता है तो उसे बुहत मजा आता है और इस में से पानी भी निकलता है" विजय ने बेड पर बैठते ही अपनी बड़ी बहन को बताया ।

"वीजू तू मुझे कुछ मत बता, जो करना है भले करो" कंचन ने अपने भाई से कहा।
"दीदी आप मेरी गर्लफ्रेंड है, थोडी देर के लिए अपने हाथ से इसे नहीं सहला सकती ? विजय ने मूह बनाते हुए अपनी बड़ी बहन को कहा ।
"वीजू लगता है तुम ऐसे नहीं मनोगे" यह कहते हुए कंचन ने अपना हाथ आगे करते हुए अपने भाई के लंड को पकड लिया और उसे आगे पीछे करते हुए सहलाने लगी । आह्हः विजय अपनी बड़ी बहन का नरम हाथ अपने लंड पर पडते ही अपनी आँखें बंद करके सिसक उठा।

कंचन ऐसे ही कुछ देर तक अपने छोटे भाई के लंड को ऊपर नीचे करती रही, अचानक विजय ने अपना हाथ अपनी दीदी के हाथ के ऊपर रख दिया और ज़ोर से सिसकते हुए उसे आगे पीछे करने लगा । कंचन को कुछ समझ में आता इससे पहले ही विजय के लंड से वीर्य की पिचकारियां निकलनी शुरू हो गई ।
कंचन थोडा झुक कर अपने भाई का लंड ऊपर नीचे कर रही थी, जिस वजह से उसके भाई के लंड से निकलता हुआ वीर्य सीधा उसके मूह और उसकी चुचियों के ऊपर कपड़ों पर गिरने लगा ।
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09-24-2019, 01:34 PM,
#36
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कंचन ने अपने छोटे भाई के लंड से कुछ निकलते हुए अपने कपड़ों और चेहरे पर गिरते ही अपना हाथ वहां से हटाना चाहा मगर विजय ने अपनी बड़ी बहन का हाथ बुहत ज़ोर से पकड कर रखा था जिस वजह से वह अपना हाथ न छुड़ा सकी।
विजय अपने लंड से आखरी पिचकारी के निकलने के बाद अपने हाथ को कंचन के हाथ से हटा दिया । कंचन अपने हाथ के आज़ाद होते ही भाग कर बाथरूम में चलि गयी और पानी से अपना मूह साफ़ करने लगी, मूह साफ़ करने के बाद कंचन बाथरूम से बाहर निकल आई।

"वीजू तुम बुहत गंदे हो, मेरे चेहरे और कपड़ों पर तूने वह गन्दी चीज़ गिरायी" कंचन वहां से जाते हुए अपने छोटे भाई को डाँटने लगी । कंचन वहां से जाते हुए अपने कमरे में आ गयी और कपड़े उतार कर बाथरूम में घुस गयी ।
कंचन ने अच्छे तरीके से अपने आपको साफ़ करने के बाद दुसरे कपड़े पहनकर अपने बेड पर आकर सोने की कोशिश करने लगी ।


रेखा आज बुहत गरम थी अपनी पति के साथ सोते ही वह उससे लिपट गयी और उसको चूमने लगी ।

"छोड़ो न कल ही तो किया था" मुकेश ने अपनी पत्नी को अपने पास से दूर करते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ कर दिया । रेखा की हालत उस वक्त देखने लायक थी। वह सुबह से अपनी हवस की आग में जल रही थी ।
मुकेश के इस बरताव से वह गुस्से और अपनी चूत की आग से पागल हो चुकी थी, वह अपने पति के पास से उठते हुए अपने कमरे से बाहर निकल आई । रात के १२ हो चुके थे। रेखा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था के वह क्या करे, रेखा को अचानक एक ख़याल आया वह अपने बेटे के कमरे में जाने लगी।
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09-24-2019, 01:34 PM,
#37
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
रेखा ने जैसे ही दरवाज़े को थोडा ज़ोर दिया वह खुल गया, रेखा की ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहा । विजय अभी अभी सोया था और वह बिलकुल नंगा सोया हुआ था, वह अभी पूरी तरह से सोया नहीं था ।
रेखा ने देखा उसका बेटा बिलकुल नंगा सोया हुआ है और उसने बल्ब भी बंद नहीं किया था, रेखा अपने बेटे के बेड पर बैठते हुए उसे गौर से देखने लगी । विजय का लंड बिलकुल सिकूड़ा हुआ था, रेखा ने अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए अपनी नाइटी को उतार दिया ।

रेखा ने नाइटी के नीचे कुछ नहीं पहना था, रेखा अब बिलकुल नंगी होकर बेड पर बैठ गयी और अपना हाथ बढाते हुए अपने बेटे के मुरझाये हुए लंड को पकड़ लिया । रेखा समझ रही थी की उसका बेटा गहरी नींद में सो रहा है ।
विजय जिसे अभी थोडी देर पहले ही नींद आई थी वह अपने लंड पर नरम हाथ पड़ते ही जाग गया, विजय ने जैसे ही अपनी आँखें खोली उसके होश गुम हो गये और उसने अपनी आँखें फिर से बंद कर लिया, रेखा का हाथ जैसे ही अपने बेटे के लंड पर पडा। उसका हाथ थोडा गीला हो गया।

रेखा समझ गयी की उसके बेटे ने हाथ की मेंहनत से अपना वीर्य निकाला है, वह मुस्कुराते हुए अपने बेटे के लंड के सुपाडे से अपनी उँगलियों से वीर्य को साफ़ करने लगी । रेखा को अपनी उँगलियों में चिपचिपा सा अपने बेटे का वीर्य लग गया ।
रेखा ने अपना हाथ अपने बेटे के लंड से हटाते हुए अपनी ऊँगली को अपने नाक पर रख दिया और तेज़ी के साथ अपनी साँस खींचते हुए अपनी ऊँगली को सूँघने लगी । विजय को पहली नज़र में अपनी ऑंखों पर भरोसा नहीं हुआ ।

विजय ने एक बार फिर से अपनी आँखों को खोलकर देखा, उसकी माँ बिलकुल नंगी होकर उसके वीर्य से गीली उंगली को सूंघ रही थी । अचानक उसकी माँ ने वह ऊँगली अपने मूह में डाल दी और उसे अपने होंठो से चूसने लगी ।
विजय अपनी ऑंखों को फाड फाड कर अपनी माँ को देख रहा था । विजय को अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियों और उनके साथ मोटे गुलाबी निप्पल बल्ब की रौशनी में साफ़ दिखाई दे रहे थे । रेखा ने अचानक अपनी ऊँगली को अपने मूह से निकाल दिया।

रेखा अब अपने बेटे के लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी, विजय का लंड अपनी माँ का नरम हाथ पड़ते ही अकडने लगा । रेखा अपने बेटे के लंड को अकडता हुआ देखकर उसे अपने हाथ से सहलाते हुए अपनी टांगों को फ़ैलाकर दुसरे हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी ।
विजय का लंड अब फुल आकार में आकर झटके मारने लगा, रेखा ने बेड पर चढ़ते हुए अपने बेटे के लंड को अपने होंठो से चूम लिया । विजय अपनी माँ के होंठ अपने खडे लंड पर पड़ते ही कांप उठा, रेखा थोडी देर के लिए डरकर अपने बेटे से अलग हो गई ।
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09-24-2019, 01:34 PM,
#38
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
विजय को अह्सास हो गया की उसके काम्पने से उसकी माँ डर गयी है, वह अपनी आँखें बंद करके नार्मल हो गया । रेखा थोडी देर तक अपने बेटे को देखती रही जब उसे यकीन हो गया की वह नींद में ही है तो वह अपने बेटे के लंड को फिर से पकड कर सहलाते लगी ।
रेखा ने इस बार अपने बेटे के लंड को सहलाते हुए अपनी चूत में एक ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगी । रेखा जब अपने बेटे का लंड देखती थी तो उसे अपने जिस्म में अजीब किस्म की सिहरन का अह्सास होता था, इसीलिए वह अपने बेटे के कमरे में आई थी।

रेखा अपनी चूत का पानी अपने बेटे के लम्बे और मोटे लंड को अपने हाथ में पकडकर निकालना चाहती थी ।रेखा अपने बेटे के लंड को सहलाते हुए ज़ोर से अपनी दो उँगलियाँ अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी ।
रेखा बेड पर अपनी टाँगें फैलाकर बैठी थी और उसकी चूत सीधे अपने बेटे के मुँह की तरफ थी, विजय ने इस बार जैसे ही अपनी आँखें खोली उसे अपनी माँ की दोनों टांगों के बीच फ़ैली हुयी बड़ी चूत नज़र आई। जिसमें वह अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर कर रही थी ।

विजय आज की रात में दूसरी चूत देख रहा था। पहले वह अपनी बड़ी बहन की छोटी सी गुलाबी चूत देख चूका था । मगर इस बार उसके सामने अपनी माँ की बड़ी मोटे दाने वाली चूत थी जिस चूत से वह खुद निकलकर इस दुनिया में आया था ।
रेखा झरने के बिलकुल क़रीब थी क्योंकी वह अपने चूत में दोनों उँगलियाँ बुहत ज़ोर से अंदर बाहर कर रही थी और वह अपनी ऑंखें बंद करके सिसक रही थी । विजय को अपनी माँ की चूत और चुचियां अपनी बड़ी दीदी से ज़्यादा अच्छी लग रही थी।

विजय बड़े गौर से देख रहा था की उसकी माँ की चूत में उसकी उँगलियाँ अंदर बाहर हो रही थी । रेखा का हाथ अब अपने बेटे के लंड पर एक जगह पडा था, विजय को अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियां बुहत ज़्यादा रोमान्चक कर रही थी ।
रेखा के मूह से अचानक एक ज़ोर की सिसकी निकली । विजय ने देखा के उसकी माँ की चूत से सफेद सफेद पानी निकल कर उसकी उँगलियों से होता हुआ नीचे गिर रहा है । विजय समझ गया की उसकी माँ झर चुकी है।
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09-24-2019, 01:34 PM,
#39
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
रेखा ने पूरी तरह झरने के बाद अपनी ऑंखें खोली उसकी चूत से बुहत पानी निकला था और उसे अब अपना जिस्म कुछ हल्का महसूस हो रहा था । विजय ने अपनी माँ की ऑंखों के खोलने से पहले ही अपनी ऑंखें बंद कर ली थी ।
रेखा ने आखरी बार अपने बेटे के लंड को देखा, विजय के लंड के गुलाबी सुपाडे में से वीर्य की बूँदे निकल रही थी । रेखा ने मुस्कुराते हुए उसे अपने हाथ में पकडते हुए एक किस दे दी और अपनी जीभ निकाल कर अपने बेटे के लंड के चेद पर घुमाते हुए उसके लंड से निकलते हुए वीर्य की बूँदों को चाट लिया।

रेखा अपनी नाइटी पहनते हुए अपने बेटे के कमरे से निकल गयी और अपने कमरे में जाकर सो गयी, विजय की हालत फिर से ख़राब हो चुकी थी । विजय के लंड पर जब उसकी माँ ने जीभ फिराई थी उस वक्त के मज़े का अहसास सिर्फ वह जानता था ।
विजय का लंड झटके मार रहा था, उसे अबतक अपनी माँ की जीभ अपने लंड पर महसूस हो रही थी । विजय ने अपने लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करना शुरू कर दिया ।

विजय अपने लंड को सहलाता हुआ उस पल को याद करने लगा जब उसकी माँ ने उसके लंड पर जीभ फिराई थी, अचानक विजय को एक ख़याल आया और वह बेड से उतरते हुए जहाँ उसकी माँ झरी थी। वहां पर अपने नाक से उसकी चूत से निकला हुआ पानी सूँघने लगा ।
विजय को उस जगह की गंध बुहत अच्छी लगी और वह अपनी माँ के चूत के निकले हुए पानी की महक से पागल होने लगा । विजय उस जगह को सूँघते हुए अपने लंड को ज़ोर से आगे पीछे करने लगा।

विजय कुछ ही देर में हाँफता हुआ झरने लगा । विजय झरने हुए अपनी जीभ निकालकर अपनी माँ की चूत का पानी चाटने लगा, विजय के लंड से जाने कितना वीर्य निकल कर उसके बेड की चादर पर गिरने लगा ।विजय झरने के बाद बिलकुल बेसुध होकर वहीँ पर गिर गया ।
विजय को थोडी देर बाद जब होश आया तो वह अपने आप पर हैरान रह गया । विजय को अब भी अपनी जीभ में अपनी माँ की चूत के पानी का ज़ायक़ा महसूस हो रहा था, विजय ने बेड से उस चादर को उठाकर बाथरूम में पडी बाल्टी में डाल दिया ।
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09-24-2019, 01:35 PM,
#40
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
विजय ने बाल्टी में पानी ड़ालते हुए अपने कमरे में आ गया और दूसरी चादर बेड पर बिछाते हुए लेट गया। विजय लेटे हुए अपनी माँ के बारे में सोचने लगा, वह सोच रहा था की उसकी माँ उस में इतना इंट्रेस्ट क्यों ले रही है ।
विजय अपनी माँ के फिगर का दीवाना हो चुका था, वह सोच रहा था कुछ भी हो उसकी माँ का फिगर है बड़ा मस्त । विजय ने फैसला कर लिया के वह अपने लंड को अपनी माँ की चूत की ज़रूर सैर करवाएगा क्योंकी वह अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियों और उसकी मांसल चूतड़ों का दीवाना हो चूका था।

दोस्तो यह तो था इस घर का हाल। मगर यह कहानी एक घर की नहीं बल्कि पूरे परिवार की है तो चलते हैं रेखा के माँ बाप के घर की तरफ।


रेखा का छोटा भाई समीर जिस की उम्र 38 इयर थी वह अपनी बहन की तरह बहुत गरम था और आज भी वह अपनी बीवी 36 इयर की नीलम को उल्टा किये हुए चोद रहा था ।
यहाँ पर कहानी वहां से उलटी थी नीलम ज़्यादा सेक्स पसंद नहीं करती थी, मगर समीर तो डेली चुदाई के बिना रह ही नहीं सकता था ।

"आह्ह श नीलम समीर की चुदाई से दूसरी बार झर रही थी।
नीलम ने समीर से कहा "अब निकालो बुहत हो गया मुझे दर्द हो रहा है"
"यार तुम इतनी जल्दी फ़ारिग हो जाती हो इस में मेरा क्या क़सूर" समीर ने अपनी बीवी से कहा।
"मैं तुम्हें अपने हाथों से फ़ारिग कर देती हूँ" नीलम ने थोडा आगे होते हुए अपने पति के लंड को अपनी चूत से निकाल दिया और सीधा होते हुए अपने हाथ से सहलाने लगी ।
"हाथ से करना होता तो शादी क्यों करता" समीर ने गुस्से से अपने लंड को नीलम के हाथ से छुड़ा लिया।

"मुझे नींद आ रही है, फिर मत कहना की ऐसे ही सो गये" नीलम ने अपने पति को चेतावनी देते हुए कहा।
"भाड में जाओ" समीर ने गुस्से से अपना अंडरबियर पहन लिया और कमरे से बाहर निकल गया ।
समीर बाहर आते ही सोफ़े पर बैठ गया,
"क्या हुआ भाई जान?" समीर ने आवाज़ सुनते ही सामने देखा तो उसकी 36 साल की छोटी बहन ज्योति दुसरे सोफ़े पर बैठी थी ।।।।
"तुम्हे पता है फिर क्यों पूछ रही हो" समीर ने गुस्से से अपनी बहन को जवाब दिया ।
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